Nibandh

कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध

अगर कोई निबंध ऐसा है जिसकी आपको आवश्यकता है और यहाँ उपलब्ध नहीं है तो आप उस विषय का निबंध का नाम हमे मेल (Mail) द्वारा भेज दे, हम जल्द ही उस विषय का निबंध यहाँ उपलब्ध करा देंगे।

ADVERTISEMENT

Nibandh Category

Question and Answer forum for K12 Students

Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

Hindi Essays for Class 10: Top 20 Class Ten Hindi Essays

essay topics for class 10 in hindi

List of Popular Essays for Class 10 students written in Hindi Language !

Hindi Essay Content:

1. डा. प्रतिक्षा पाटिल पर निबन्ध | Essay on Dr. Prativa Patil in Hindi

2. डा. मनमोहन सिंह पर निबन्ध | Essay on Dr. Manmohan Singh in Hindi

3. सी.एन.जी. पर निबन्ध | Essay on Compressed Natural Gas (C.N.G.) in Hindi

4. दिल्ली मेट्रो रेल पर निबन्ध | Essay on Delhi Metro Rail in Hindi

5. कम्प्यूटर: आधुनिक युग की माँग पर निबन्ध | Essay on Computer : Demand of the Modern Age in Hindi

6. इन्टरनेट: एक प्रभावशाली सूचवा माध्यम पर निबन्ध | Essay on Internet : An Influential Method of Communication in Hindi

7. कल्पना चावला पर निबन्ध | Essay on Kalpana Chawla in Hindi

8. राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी पर निबन्ध | Essay on Mahatma Gandhi : Father of the Nation in Hindi

ADVERTISEMENTS:

9. पं. जवाहारलाल नेहरू पर निबन्ध | Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi

10. युगपुरुष-लाल बहादुर शास्त्री पर निबन्ध | Essay on Lal Bahadur Sastri : An Icon of the Age in Hindi

11. भारत रत्न श्रीमती इन्दिरा गाँधी पर निबन्ध | Essay on Bharat Ratna : Srimati Indira Gandhi in Hindi

12. नेताजी सुभाषचन्द्र बोस पर निबन्ध | Essay on Netaji Subash Chandra Bose in Hindi

13. भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद पर निबन्ध | Essay on Dr. Rajendra Prasad : India’s First President in Hindi

14. शहीद भगतसिंह पर निबन्ध | Essay on Bhagat Singh the Martyr in Hindi

15. डा. भीमराव अम्बेडकर पर निबन्ध | Essay on Dr. Bhimrao Ambedkar in Hindi

16. कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर पर निबन्ध | Essay on Great Poet Rabindranath Tagore in Hindi

17. स्वामी विवेकानन्द पर निबन्ध | Essay on Swami Vivekananda in Hindi

18. गुरू नानक देव पर निबन्ध | Essay on Guru Nanak Dev in Hindi

19. महावीर स्वामी पर निबन्ध | Essay on Mahavir Swami in Hindi

20. नोबेल पुरस्कार विजेता: अमतर्य सेन पर निबन्ध |Essay on Amartya Sen : The Nobel Laureate in Hindi

Hindi Nibandh (Essay) # 1

डा. प्रतिक्षा पाटिल पर निबन्ध | Essay on Dr. Prativa Patil in Hindi

प्रस्तावना:

भारतवर्ष की भूमि महापुरुषों की भूमि है, परन्तु यहाँ की स्त्रियाँ भी किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है । भारत की पहली महिला प्रधानमन्त्री का गौरव यदि श्रीमती इन्दिरा गाँधी को प्राप्त हुआ, तो पहली महिला राष्ट्रपति बनने का गौरव श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल को प्राप्त हुआ है ।

जन्म-परिचय एवं शिक्षा:

श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल का जन्म 19 दिसम्बर,1934 को महाराष्ट्र के ‘नन्दगाँव’ नामक स्थान पर हुआ था । आपके पिता का नाम श्री नारायण राव था । आपकी प्रारम्भिक शिक्षा जलगाँव (महाराष्ट्र) के आर.आर. स्कूल में हुई ।

मूलजी सेठ (छ:) कालेज जलगाँव से स्नातकोत्तर की उपाधि लेने के पश्चात् आपने गवर्नमेन्ट ली कालेज, मुम्बई से कानून की उपाधि प्राप्त की । श्रीमती प्रतिभा देवी की प्रारम्भ से ही खेलकूद में रुचि थी और आपने अपने समय में कालेज प्रतियोगिताओं में कई पदक तथा सम्मान प्राप्त किए ।

शिक्षा प्राप्ति के पश्चात् आपने जलगाँव कोर्ट में बतौर अधिवक्ता व्यवसायिक जीवन व्यतीत करना प्रारम्भ किया तथा साथ-साथ जनकल्याणकारी कार्यों में भी रुचि लेने लगी । सामाजिक कार्यों में भी आपका ध्यान विशेष रूप से महिलाओं की बहुमुखी समस्याओं तथा उनके समाधानों के प्रति रहा ।

वैवाहिक जीवन:

श्रीमती पाटिल का परिणय डी. देवीसिंह, रामसिंह शेखावत से साथ हुआ था । उन्होंने मुम्बई हॉफकीन इंस्टीट्‌यूट से रसायन विज्ञान से पी.एच.डी. की । शेखावत जी अमरावती निगम के ‘मेयर’ रहे हैं तथा उसी क्षेत्र के विधायक भी रहे हैं । श्रीमती पाटिल के दो सन्ताने हैं- पुत्री ज्योति राठौर एवं पुत्र रामेन्द्र सिंह ।

राजनीतिक जीवन:

श्रीमती पाटिल का राजनीतिक जीवन सत्ताईस वर्ष की आयु में ही प्रारम्भ हो गया था । सर्वप्रथम आप जलगाँव विधानसभा क्षेत्र से चुनी गयी । तत्पश्चात इलाहाबाद (मुकताई नगर) का बतौर बिधायक चार बार प्रतिनिधित्व किया । 1985 से 1990 तक आप राज्यसभा से सांसद रही ।

1991 में दसवीं लोकसभा के लिए अमरावती संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन आप पराजित हो गई । श्रीमती पाटिल ने अपना अधिकांश जीवन महाराष्ट्र के लिए ही समर्पित किया । आप लोकस्वास्थ्य विभाग, मधनिषेध मन्त्री, पर्यटन मन्त्री, संसदीय एवं आवास मन्त्री भी रह चुकी हैं । आपका यह कार्यकाल 1967-1972 तक रहा ।

श्रीमती पाटिल ने अनेक विभागों में केबिनेट मन्त्री का पद भी सम्भाला जैसे- 1972 में महाराष्ट्र सरकार में समाज कल्याण विभाग, 1974-1975 तक समाज कल्याण तथा लोकस्वास्थ्य विभाग, 1975-76 तक मधनिषेध, पुर्नवास, सांस्कृतिक कार्य विभाग, 1977 में शिक्षा मन्त्री, 1982-85 में असैनिक आपूर्ति एवं समाज कल्याण विभाग ।

1979 से फरवरी 1980 तक आप प्रदेश सरकार में विपक्ष की नेता भी रहीं । आप डी. वेंकटरमन के कार्यकाल में राज्यसभा की अध्यक्ष रह चुरकी हैं एवं 1988 में राज्यसभा के दौरान व्यवसायिक सलाहकार समिति की सदस्य बनी ।

सामाजिक कार्यक्षेत्र:

श्रीमती पाटिल लोक कल्याण के कार्यों से सदैव जुड़ी रही तथा अनेक संस्थानों के उत्थान हेतु कार्य किए । आप महाराष्ट्र प्रांत में जलप्राधिकरण की अध्यक्ष रहीं । 1982-85 तक महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं, अर्बन सहकारी बैंक एवं क्रेडिट सोसायटी, संघीय समिति के निदेशक पद पर कार्यरत रही । आप सदा ही सामाजिक कल्याण के कार्यों में भी रुचि लेती रही हैं ।

इस सम्बन्ध में आपकी धारणा विश्व-बन्धुत्व पर आधारित है इसीलिए आपने देश विदेश में आयोजित होने वाले सामाजिक कल्याण के सम्मेलनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है । 1985 में बुल्गारिया में आयोजित सभा को बतौर प्रतिनिधि सम्बोधित किया । 1985 में लन्दन की कमेटी ऑफ आफिसर्स कांफ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व किया ।

सितम्बर 1995 में चीन में ‘वर्ल्ड वोमेन्स कोऑपरेटिव’ नामक सेमिनार की प्रतिनिधि रही । आपने पिछड़ी जाति के बच्चों के विकास के लिए विशेष योगदान दिया । ग्रामीण युवाओं के लिए जलगाँव में इंजिनियरिंग कॉलेज खुलवाया, रोजगार दिलाने के लिए जिलेवार पुणे संस्थान खुलवाए ।

अमरावती और महाराष्ट्र में अनुवांशिक संस्था , संगीत कॉलेज , फैशन डिजाइनिंग , ब्यूटिशियन कोर्स तथा व्यवसायिक कोर्स से सम्बन्धित संस्थाओं की स्थापना करवाई । 1962 में आपने महाराष्ट्र के महिला कोषांग की स्थापना करवाई ।

राष्ट्रपति के रूप में :

राजनीतिक गलियारों में जब राष्ट्रपति ए.पी.जे. कलाम के उत्तराधिकारी की चर्चा हो रही थी तथा राजनीतिक दलों के बीच विवाद गहरा रहा था तभी नए राष्ट्रपति के रूप में श्रीमति पाटिल के नाम का प्रस्ताव सभी विवादों को शान्त कर गया । United progressive Alliance के उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी की ओर से श्रीमती प्रतिभा पाटिल के नाम की उद्‌घोषणा की गई ।

आपने अपने प्रतिद्वन्द्वी श्री भैरोसिंह शेखावत जी को 3,06,810 मतों से पराजित कर राष्ट्रपति पद का गौरव अपने नाम कर लिया । 25 जुलाई, 2007 को श्रीमती पाटिल को राष्ट्रपति पद की गरिमा एवं गोपनीयता की शपथ सर्वोच्च न्यायाधीश आर.जी. बालकृष्ण द्वारा दिलाई गई ।

श्रीमती पाटिल के शपथ ग्रहण करते ही केन्द्रीय कक्ष तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा । इस अवसर पर उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई । इस समारोह में प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह, यू.पी.ए. की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी कई देशों के राजदूत, विपक्ष सहित तमाम दलों के वरिष्ठ नेता, कई राज्यों के गवर्नर तथा मुख्यमन्त्रियों सहित तीनों सेनाओं के सेनापति व कई गढ़मान्य व्यक्ति शामिल थे ।

राष्ट्रपति पद सम्भालने के बाद अपने प्रथम भाषण में श्रीमती पाटिल ने बच्चों तथा स्त्रियों के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्वता व्यक्त करते हुए आधुनिक शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं को व्यापक बनाने की आवश्यकता जताई ।

आपने सामाजिक कुरीतियों, कुपोषण, बाल मृत्यु एवं कन्या भूण हत्या के अपराधों को जड से समाप्त करने की अपील की । पूर्व राष्ट्रपति डा. कलाम अपने कार्यकाल में भारतीय सविधान के ‘रबर स्टाम्प’ को पच्छिक प्रापर्टी के रूप में बहुत लोकप्रिय बना चुके हैं ।

उनकी उसी छवि को ऊँचाईयों तक पहुँचाना निःसन्देह बख्य मुस्किल कार्य है । परन्तु श्रीमती पाटिल भी गम्भीर, धैर्यवान, सुशिक्षित तथा समझदार महिला के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं । श्रीमती पाटिल ने कृषि तथा किसानों की समस्याओं पर भी विशेष जोर दिया है । उनका बस एक ही सपना है कि भारत बहुमुखी विकास करें तथा पूरे विश्व में प्रथम स्थान पा सके ।

इसके लिए महामहिम राष्ट्रपति अपनी कानूनी जिम्मेदारियों की सीमा में रहते हुए भारत सरकार को प्रोत्साहित करती रहती हैं । वे चाहती हैं कि हमारा देश सशक्त राष्ट्र बने, आर्थिक दृष्टि से मजबूत हो तथा सांस्कृतिक, राजनीतिक, आध्यात्मिक दृष्टि से पूर्णतया आत्मनिर्भर हो ।

निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि श्रीमती पाटिल ने सदा ही अपने पद की गरिमा को बनाए रखा है । वे अपनी सभी जिम्मेदारियाँ बहुत सूझ-बूझ से निभा रही हैं और बहुत कम समय में भारतीय जनता के दिलो में घर बना चुकी है ।

Hindi Nibandh (Essay) # 2

डा. मनमोहन सिंह पर निबन्ध | Essay on Dr. Manmohan Singh in Hindi

विशाल गणराज्य भारत देश बहुत महान तथा विशाल है । जहाँ एक ओर ऋषियों, मुनियों तथा तपस्वियों ने अनेक साधनाएँ की हैं वही दूसरी ओर अनेक वैज्ञानिकों ने भारत को उन्नति के शिखर पर पहुँचाया । हमारे देश में प्रजातन्त्रीय प्रणाली के अनुसार संसद का चुनाव होता है तथा चुनाव के उपरान्त देश को प्रधानमन्त्री की भी आवश्यकता होती है ।

स्वतन्त्र भारत में अब तक संसद को प्रधानमन्त्री के रूप में पं. जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इन्दिरा गाँधी, मोरारजी देसाई, चौ. चरण सिंह, राजीव गाँधी, वी.पी. सिंह, चन्द्र शेखर, पी.वी. नरसिम्हाराव, एच.डी. देवगौड़ा, इन्द्र कुमार गुजराल और अटल बिहारी वाजपेयी मिले ।

इसी बीच संसद में दो बार तेरह-तेरह दिन के लिए गुलजारी लाल नन्दा को कार्यकारी प्रधानमन्त्री नियुक्त किया जा चुका है । चौदहवीं लोकसभा में डा.मनमोहन सिंह प्रधानमन्त्री बने हैं पंद्रहवीं लोकसभा में पुन: डा. मनमोहन सिंह को ही प्रधानमंत्री बनने का सुअवसर प्राप्त हुआ हैं आपने 22 मई, 2009 को सायं 5.30 बजे माननीय राष्ट्रपति तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की ।

जन्म परिचय एवं शिक्षा:

डा. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर, 1932 को पंजाब (पाकिस्तान) में ‘गाह’ नामक स्थान पर हुआ था । आपके पिता का नाम सरदार गुरुमुख सिंह तथा माता को नाम अमरूत कौर था । आपकी केवल तीन बहने हैं । मनमोहन सिंह की प्रारम्भिक शिक्षा एक स्थानिय तथा निकटवर्ति क्षेत्रीय स्कूल में हुई थी ।

सन् 1952 में आपने पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की । 1954 में आपने पंजाब विश्वविद्यालय से ही अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की । सेंट जोंस कॉलेज कैम्बिज ने 1957 में पढ़ाई में अच्छे प्रदर्शन के लिए आपको पुरस्कृत किया ।

तत्पश्चात् आपने 1957 में पी.एच.डी. का शोध कार्य ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से किया ।  डा. मनमोहन सिंह को अनेक यूनिवर्सिटीयों ने डी.लिट् की उपाधियाँ प्रदान की । पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़; गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर; दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली; चौधरी चरणसिंह, हरियाणा; एग्रीकल्वर यूनिवर्सिटी, हिसार; श्री वैंकटेश्वर यूनिवर्सिटी, तिरुपति, यूनिवर्सिटी ऑफ बोहोगा, इटली आदि इनमें प्रमुख हैं ।

डा. मनमोहन सिंह ने लेक्चरर तथा रीडर के रूप में 1957 से 1965 तक पंजाब विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य किया । 1969 में डी. सिंह दिल्ली स्कूल ऑफ इकनोमिक्स में नियुक्त हो गए । आपने सन् 1971 तक वहाँ सेवा कीं । आपने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी अपनी अवैतनिक सेवाएँ दी । डा. मनमोहन सिंह का विवाह 14 दिसम्बर, 1958 को गुरुशरन कौर से हुआ था; जिनसे इनकी तीन पुत्रियाँ हुई ।

व्यक्तित्व की बिशेषताएँ:

डा. मनमोहन सिंह उच्च कोटि के शिक्षित व्यक्ति हैं । उन्होंने अर्थशास्त्र में अनेक पुस्तकें लिखी हैं, जो देशवासियों का मार्गदर्शन करती हैं । आपने वित्तीय सलाहकार, प्रमुख अर्थशास्त्र सलाहकार, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर तथा अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विदेश नीति सलाहकार के रूप में राष्ट्र की सेवाएँ की हैं ।

आपने भारतीय आणविक ऊर्जा आयोग, योजना आयोग, अन्तरिक्ष आयोग, ऐशियन बैंक विकास क्षेत्रों में भी कार्य किया है । आपने वित्त (कैबिनेट) मन्त्री के रूप में भी देश की अनूठी सेवा की है । आप राज्य सभा के लिए भी निर्वाचित हो चुके हैं ।

हमारे सुयोग्य प्रधानमन्त्री अत्यन्त साधारण, सहयोगी तथा सुशिक्षित है । इन सभी गुणों के उपरान्त भी आपमें लेशमात्र भी घमंड या अहंकार नहीं है । डा. मनमोहन सिंह को अनेक डिग्रियाँ तथा पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं ।

आपकी गम्भीरता तथा कठोर परिश्रमी स्वभाव को देखते हुए आपके पिता गुरमुख सिंह जी ने एक बार अपने आशीर्वाद के रूप में कहा था, ”मोहन, तू एक दिन भारत का प्रधानमन्त्री अवश्य बनेगा ।”  इस आशीर्वाद को फलीभूत होने में भले ही तीस वर्ष का समय लग गया, परन्तु उनका यह आशीर्वाद उस समय पूर्ण हुआ जब 21 मई, 2004 को टी.टी.जी.पी. की अध्यक्षा सोनिया गाँधी जी ने प्रधानमन्त्री पद को अस्वीकार करते हुए डा. मनमोहन सिंह के नाम की सिफारिश की ।

डा. मनमोहन सिंह ने शनिवार 22 मई, 2004 को भारत के प्रधानमन्त्री के रूप में शपथ ग्रहण की । आपके साथ मन्त्रीमंडल में 67 मन्त्रियों को भी शपथ दिलाई गई ।

डा. मनमोहन सिंह को उनकी अनगिनत सेवाओं के लिए भारत सरकार की ओर से सन् 1987 में देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘पदम बिक्या’ प्रदान किया गया । 1993 में आपको यूरोमनी अवार्ड फाइनेंस ‘मिनिस्टर ऑफ द ईयर’ से सम्मानित किया गया ।

निःसन्देह डा. मनमोहन सिंह एक नेक, विनीत तथा ईमानदार व्यक्ति हैं । राष्ट्र ने उनसे जो भी आशाएँ रखी थी, उन कसौटियों पर वे खरे उतरे हैं । अभी जनवरी 2009 में डा. मनमोहन सिंह को दिल की सर्जरी करानी पड़ी, जिसके कारण वे ‘अखिल भारतीय अनुसंधान आयोग’ में दाखिल रहे । ऐसे कठिन समय में सभी देशवासियों ने उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थनाएँ की । हमारी तो ईश्वर से बस यही कामना है कि वह उन्हें लम्बी आयु दें ।

Hindi Nibandh (Essay) # 3

सी.एन.जी. पर निबन्ध | essay on compressed natural gas (c.n.g.) in hindi, प्रस्ताबना:.

सड़कों पर वाहनों की बढ़ती हुई संख्या के परिणामस्वरूप ध्वनि प्रदूषण तथा वायुप्रदूषण उत्पन्न होते हैं । वाहनों के धुएँ को हम सभी प्रत्यक्ष रूप से अन्तःश्वसन करते हैं, जिससे अनेक घातक बीमारियाँ पैदा होती है ।

दिल्ली को अत्यन्त प्रदूषणकारी महानगर मानते हुए उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बसों में 31 मार्च, 2001 तक ईंधन के रूप में डीजल तथा पेट्रोल के स्थान पर कम प्रदूषणकारी कँम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सी.एन.जी.) का प्रयोग किया जाना चाहिए ।

सी.एन.जी. तथा यू.एल.एस.डी:

टाटा ऊर्जा अनुसन्धान संस्थान ने अच्छा लो सल्फर डीजल (यू.एल.एस.डी.) को भी सी.एन.जी. के ही समान कम प्रदूषणकारी बताकर उसे सी.एन.जी. के विकल्प की घोषणा की । कई विशेषज्ञ सी.एन.जी. को डीजल की अपेक्षा प्रत्येक दृष्टि से उत्तम मानते हैं ।

हालाँकि दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में दो-तिहाई ईंधन के रूप में डीजल का ही उपयोग होता है परन्तु विश्वभर के ईंधनों का सर्वेक्षण करने पर डीजल को ही सबसे खतरनाक माना गया है । दिल्ली में 65 प्रतिशत ख्स कण केवल डीजल से ही उत्सर्जित होते हैं, जिनसे कैंसर होता है । डीजल की सर्वोत्तम तकनीक भी सी.एन.जी, से दस गुनी खतरनाक होती है । अल्ट्रा लो सहर डीजल में भी सामान्य डीजल से केवल 15 प्रतिशत कम प्रदूषण होता है जब कि सी.एन.जी. में 90 प्रतिशत तक प्रदूषण कम हो जाता है ।

सी.एन.जी. की रचना:

सी.एन.जी. पृथ्वी की धरातल के भीतर पाये जाने वाले हाइड्रोजन कार्बन का मिश्रण है और इसमें 80 से 90 प्रतिशत मात्रा मेलथेक गैस की होती है तथा यह गैस पेट्रोल एवं डीजल की अपेक्षा कार्बन मोनो ऑक्साइड 70 प्रतिशत, नाइट्रोजन ऑक्साइड 87 प्रतिशत तथा जैविक गैस लगभग 89 प्रतिशत कम उत्सर्जित करती है ।

सी.एन.जी. गैस रंगहीन, गन्धहीन, हवा से हल्की तथा पर्यावरण की दृष्टि से सबसे कम प्रदूषण उत्पन्न करने वाली है । इसको जलाने के लिए एल.पी.जी. की अपेक्षा ऊँचे तापमान की आवश्यकता पड़ती है इसलिए आग पकड़ने का खतरा भी कम होता है । इन सब विशेषताओं के कारण ही वर्तमान समय में भारत में प्रतिदिन लगभग 650 करोड़ घनमीटर सी.एन.जी. का उत्पादन हो रहा है जबकि इसकी माँग 1100 करोड़ घनमीटर है ।

आज सी.एन.जी. का प्रयोग बिजली:

धरो, उर्वरक कारखानों, इस्पात कारखानों, घरेलू ईंधन तथा वाहनों में ईंधन के रूप में हो रहा है ।

सी.एन.जी. :

एक सर्वोत्तम ईंधन-आरम्भ में सी.एन.जी. बसों में पैसा अधिक अवश्य लगता है परन्तु उनका परिचालक व्यय कम होता है । इसके विपरीत सामान्य डीजल को अस्ट्रा लो सल्कर डीजल में परिवर्तित करने पर रिफाइनडरियो के व्यय बहुत अधिक हो जाएँगे । डीजल की तुलना में सी.एन.जी. में कार्बन-डाई-ऑक्साइड में उत्सर्जन की मात्रा कम है इसलिए यह डीजल से कम जहरीली है । विशेषज्ञों ने भी इसे सबसे साफ सुथरा ईंधन माना है जो शीघ्रता से प्रदूषण को समाप्त करता है ।

विस्वभर में सी.एन.जी. का प्रयोग:

इस समय विश्वभर में लगभग 20 लाख वाहन सीएनजी चालित हैं । जापान की राजधानी टोक्यो में पिछले य वर्षों से सभी टैक्सियाँ सी.एन.जी. चालित हैं । दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में यह प्रयोग पिछले 25 वर्षों से जारी है ।

इसके अतिरिक्त नेपाल, बैंकॉक, ताइवान तथा आस्ट्रेलिया में भी अधिकतर वाहन सी.एन.जी, चालित है । वाहनों में प्राकृतिक गैस का प्रयोग 1930 से प्रारम्भ हुआ था । तभी से अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, इटली, थाईलैंड, न्यूजीलैंड तथा ईरान जैसे देशों में सी.एन.जी. का प्रयोग होने लगा है ।

सी.एन.जी. की हानियाँ:

सी.एन.जी. बसे जल्दी गर्म हो जाती है या रूक जाती हैं । डेनमार्क तथा अमरीकी विशेषज्ञों ने अपने निजी अनुभव के आधार पर यह घोषणा की है कि परिवर्तित वाहन पूर्णरूपेण सफल नहीं है क्योंकि वे सुरक्षा को खतरा पहुँचा सकते हैं ।

इसके अतिरिक्त इसमें ठोस परिवर्तन तकनीक की आवश्यकता है जो भारत में प्रारम्भिक चरण में है । सी.एन.जी. पैट्रोल तथा डीजल की तुलना में गतिक ऊर्जा है, इसी कारण ऊँचे पहाड़ी क्षेत्रों में यह विफल है । आज सी.एन.जी. किट बड़ी मात्रा मैं उपलब्ध नहीं है और उनकी रिफलिंग में भी समय लगता है । हमारे देश में पर्याप्त भरोसेमन्द सिलेंडर भी नहीं हैं और जो है भी उनकी कोई गुणवता नहीं है ।

विश्व के किसी भी बड़े शहूर में सार्वजनिक यातायात पूरी तरह से सीएनजी चालित नहीं है, वरन् उनके साथ सक्कर डीजल तथा अन्य तरह के ईधन पर आधारित वाहन भी चल रहे हैं । परन्तु सी.एन.जी. के आने से ध्वनि प्रदूषण तथा वायु प्रदूषण की समस्या पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है ।

डीजल प्रयोग के कारण ही आज हम अस्थमा, मधुमेह, हृदयरोग, श्वाँसरोग, बहरापन आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं । ऐसी आशा की जाती है कि भविष्य में सीएनजी किट आसानी से उपलब्ध हो सकेगे तथा हम प्रदूषण की समस्या से मुक्ति पा सकेंगे ।

Hindi Nibandh (Essay) # 4

दिल्ली मेट्रो रेल पर निबन्ध | Essay on Delhi Metro Rail in Hindi

‘मेट्रो’ शब्द का प्रयोग दुनिया भर में भूमिगत रेलवे के लिए किया जाता है । छोटी एवं लम्बी दूरी तय करने का यह एकदम प्रदूषण रहित माध्यम है ।

विश्व में अब तक जापान, कोरिया, सिंगापुर, हांगकांग, जर्मनी तथा फ्रांस में मेट्रो रेल परिचालित हैं ।  मेट्रो रेलवे की सेवाओं को प्रयोग करने वाले भारतीय शहरों में कोलकाता शिखर पर है तथा राजधानी दिल्ली में मेट्रो रेल सेवा आरम्भ हो चुकी है ।

दिल्ली मेट्रो के आगमन का कारण:

दिल्ली भारत के सर्वाधिक आबादी वाले नगरों में से एक है । वर्तमान समय में राजधानी की सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों की संख्या चालीस लाख के करीब है ।

वाहनों की यह संख्या देश के तीन महानगरों:

कोलकाता, मुम्बई, चेन्नई के कुल वाहनों से कही अधिक है । इनमें से नब्बे प्रतिशत निजी वाहन है । राजधानी में सड़कों की कुल लम्बाई बारह सौ चालीस किलोमीटर हैं । इस प्रकार दिल्ली महानगर के लगभग बीस प्रतिशत हिस्से पर सड़के फैली हैं ।

इसके बावजूद भी राजधानी की मुख्य सड़कों पर वाहनों की औसत गति पन्द्रह किलोमीटर प्रति घण्टा है । इस रफ्तार को बढ़ाने तथा यातायात की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली में ‘मेट्रो रेलवे परियोजना’ लागू की गई है ।

दिल्ली मेट्रो का शुभारंभ एवं विकास कार्य:

दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने राजधानी से विभिन्न चरणों के आधार पर मेट्रो रेल शुरू करने की योजना बनाई है । इसके पहले चरण में शाहदरा तीस हजारी खण्ड सेवा शुरू की गई । इसका उद्‌घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने 24 दिसम्बर, 2002 को किया । मेट्रो रेल के दूसरे चरण के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय से केन्द्रीय सचिवालय तक सेवा शुरू की गई ।

तीसरे चरण में राजीव चौक से द्वारिका तक तथा चौथे चरण में दिल्ली विश्वविद्यालय से न्यू आजादपुर, संजय गाँधी ट्रांसपोर्ट नगर (8.6 कि.मी.) वाराखम्बा रोड से इन्द्रप्रस्थ नोएडा (1.5 कि.मी.), कीर्ति नगर से द्वारिका (16 कि.मी.) तक का कार्य पूरा हो चुका है ।

शीध्र ही मेट्रो रेल अक्षरधाम मंदिर, लक्ष्मी नगर, आनंदविहार (बस अड्‌डा) तथा गाजियाबाद तक भी पहुँच जाएगी । आज कई स्थानों पर भूमिगत मेट्रो भी चल रही है । ऐसा माना जा रहा है कि 2010 के कॉमनवेल्थ खेलों के समय तक पूरी दिल्ली की सड़कों पर मेट्रो रेल चलने लगेगी ।

दिल्ली मेट्रो रेल की विशेषताएँ:

मेट्रो रेल अत्याधुनिक संचार व नियन्त्रण प्रणाली से सुसज्जित है । कोच एकदम आधुनिक तकनीक पर आधारित तथा वातानुकूलित हैं । यहीं पर टिकट वितरण प्रणाली भी स्वचालित है । यहाँ पर रेल की क्षमता के आधार पर ही टिकट वितरित किए जाते हैं । यदि रेल में जगह नहीं होती तो मशीन टिकट देना स्वयं बन्द कर देती है । स्टेशन में प्रवेश एवं निकासी की सुविधा भी अत्याधुनिक है ।

यात्रियों की सुविधा के लिए मेट्रो स्टेशन परिसर पर एस्केलेटर स्थापित किए गए हैं । इसमें विकलांगों के लिए विशेष सुविधा हैं । मेट्रो यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मेट्रो स्टेशनों को बस रूट से जोड़ा गया है, जिसके लिए मेट्रो स्टेशन से मुख्य सड़क या बस स्टैण्ड तक फीडर बसे भी चलाई जा रही हैं ताकि अधिक-से-अधिक लोग इस सेवा का लाभ उठा सके ।

इसके लिए किराया दर भी अन्य परिवहन साधनों की अपेक्षा कम रखा गया है । मेट्रो रेल में यात्रा करने से समय तथा पैसे दोनों की ही बचत होती है । भीड़-भाड़ भरी सड़कों, धुएँ व धूल मिट्टी से बचकर वातानुकूलित रेल में यात्रा करने का आनन्द ही कुछ और है ।

मेट्रो रेल के दरवाजे भी स्वचालित हैं । इसमें आगमन प्रस्थान तथा आगे वाले स्टेशनों के विषय में पूरी जानकारी रेल में सवार यात्रियों को सूचना प्रदर्शन पटल तथा सम्बोधन प्रणाली के आधार पर उपलब्ध करायी जाती है । इसमें यात्री चाहे तो मासिक पास भी बनवा सकते है । मेट्रो रेल में कोई भी यात्री अधिकतम पन्द्रह किलोग्राम वजन ले जा सकता है ।

मेट्रो रेल के तकनीकी कर्मचारी तकनीकी रूप से सक्षम होने के साथ-साथ विदेशी प्रशिक्षण प्राप्त है । दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा एक प्रशिक्षण स्कूल भी स्थापित क्रिया गया है, जिससे ड्राइवरों तथा परिचालकों को समय-समय पर आवश्यक जानकारी दी जाती है ।

मेट्रो रेल को प्रारम्भ करने का सबसे अधिक श्रेय हमारी दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमति शीला दीक्षित को जाता है । उनके द्वारा उठाया गया यह कदम बहुत सराहनीय है क्योंकि मेट्रो रेल के चलने से यात्रियों को तो लाभ हुआ ही है, साथ ही प्रदूषण की मात्रा में भी काफी गिरावट आई है । अब यह हमारा नैतिक कर्त्तव्य है कि हम इस रेल की सफाई की ओर पूरा ध्यान दे तथा मेट्रो रेल का पूरा लाभ उठाएँ ।

Hindi Nibandh (Essay) # 5

कम्प्यूटर: आधुनिक युग की माँग पर निबन्ध | essay on computer : demand of the modern age in hindi.

आज का युग विज्ञान का युग है । जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान के आविष्कारों ने क्रान्ति ला दी है । यह बात हम सभी जानते हैं । विज्ञान की ही महान देन ‘कम्प्यूटर’ आधुनिक युग की एक, महत्वपूर्ण आवश्यकता है । इसने हमारे जीवन को सरल व सुखद बना दिया है । यद्यपि कम्प्यूटर मानव-मस्तिष्क की ही उपज है, किन्तु कार्यक्षेत्र में यह मानव की सोच से भी परे है ।

कम्प्यूटर का अस्तित्व:

कम्प्यूटर एक ऐसी मशीन है, जिसमें अनेक ऐसे मस्तिष्कों का रुपात्मक एवं समन्वयात्मक योग तथा गुणात्मक घनत्व होता है, जो अति तीव्र गति से बहुत कम समय में एकदम सही गणना करता है ।

वैज्ञानिकों ने गणितीय गणनाओं के लिए अनेक यन्त्रों जैसे ‘अवेकस’ तथा ‘कैलकुलेटर’ आदि का आविष्कार किया है, किन्तु कम्प्यूटर की बराबरी कोई भी मशीन नहीं कर सकती ।

कम्प्यूटर मुख्यतया जोड़, घटा, गुणा तथा भाग जैसी गणितीय क्रियाएँ बड़ी सरलता तथा शीघ्रता के साथ कर सकता है । कम्प्यूटर निर्देशों का क्रमबद्ध संकलन भी करता है, इसके लिए यह सर्वप्रथम निर्देशों को पढ़कर अपनी स्मृति में बिठा लेता है तथा पुन: निर्देशों के अनुरूप कार्य करता है ।

कम्प्यूटर की सफलता का यही रहस्य है कि यह साधारण निर्देशों को एक उचित क्रम देने पर बड़ी से बड़ी जटिल गणना को भी बड़ी सरलता से त्रुटिहीन रूप से सम्पन्न करता है ।

कम्प्यूटर का आविष्कार:

आज से लगभग 25 हजार वर्ष पूर्व मनुष्य ने अंकों का अन्वेषण किया था । धीरे-धीरे ये अंक विकसित होते गए तथा विभिन्न लिपियों में प्रयुक्त होने लगे । मनुष्य के विकास के साथ-साथ लिपियाँ भी विकसित होती गयी । प्रारम्भ में मनुष्य कंकडों, उँगलियों की लाइनों या दीवार आदि पर लाइन खींचकर गिनने का कार्य करता था ।

फिर मशीनी युग के साथ ही अंकों तथा लिपि को टंकण के माध्यम से प्रेस तथा टाइप मशीनों में अंकित किया गया । सन् 1642 ई. में फ्रांस के कुशल वैज्ञानिक ब्लेज पास्कल ने विश्व का पहला कम्प्यूटर बनाया, जिसकी विधि बहुत सरल थी ।

तब से तरह-तरह की तकनीके खोजी जाने लगी तथा नए-नए कम्प्यूटर बनाए गए । सन् 1833 ई. में इंग्लैंड के ‘चार्ल्स बाबेज’ ने एक मशीन का आविष्कार किया तथा वह उस मशीन को कम्प्यूटर का रूप देने का प्रयास करता रहा, परन्तु असफल रहा ।

सही अर्थों में आधुनिक कम्प्यूटर बनाने का श्रेय वियुत अभियन्ता पी. इकरैट, भौतिक शास्त्री जोहन, डक्यू मैकली तथा गणितज्ञ जी.वी. न्यूमैन को जाता है । इन सभी के पारस्परिक सहयोग के बल पर सन् 1944 ई. में एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया गया, जिसको ‘इलैक्ट्रानिक एण्ड कम्प्यूटर’ नाम दिया गया । कम्प्यूटर का सुधरा हुआ रूप सन् 1952 ई. में बाजार में आया ।

भारतवर्ष में सबसे पहला कम्प्यूटर सन् 1961 ई. में आया था । तब से आज तक भारत अनेक उन्नत देशों जैसे अमेरिका, रुस, जर्मनी आदि से कम्प्यूटर आयात कर चुका है । इन देशों से प्राप्त जानकारी हमारे लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है ।

अमेरिका, स्वीडन, फ्रांस, हालैण्ड, ब्रिटेन, जर्मनी आदि देशों में तो इसे ‘मानव मस्तिष्क’ की संज्ञा दे दी गई है । आज भारत में भी कम्प्यूटर विज्ञान का तीव्रगामी विकास हो रहा है । कम्प्यूटर की स्मरण-शक्ति असीमित तथा अद्वितीय है । जो काम बहुत कुशाग्र बुद्धि का मानव भी नहीं कर पाता, कम्प्यूटर वह कार्य बड़ी सरलता से कर दिखाता है । आधुनिक युग में मनुष्य के पास इतना समय नहीं है कि वह पेपर पैन लेकर सारे हिसाब-किताब रख सके, क्योंकि आज का मानव बहुत व्यस्त जीवन जी रहा है ।

ऐसे में कम्प्यूटर उसका सच्चा साथी बनकर सभी कार्य तीव्र गति से बड़ी कुशलतापूर्वक कर देता है । नाम, तिथि, स्थल आदि बड़ी सरलतापूर्वक याद किए जा सकते हैं । आज सरकारी तथा गैर-सरकारी प्रत्येक क्षेत्र में बड़े व्यापक स्तर पर कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है ।

वेतन बिल, बिजली, पानी, टेलीफोन के बिल बनाने, टिकट वितरण करने, बैंक, एल. आई.सी. के दफ्तरों आदि सभी में सारा कार्य कच्छसे की मदद से ही हो रहा है । इनके अतिरिक्त सभी शिक्षण संस्थाओं, बड़े-बड़े स्टोरों आदि में भी ये सहायक सिद्ध हो रहे हैं ।

डाक छाँटने, रेल मार्ग का संचालन करने, परिवहन व्यवस्था, मौसम की जानकारी, चिकित्सा, व्यापार, आदि अनगिनत क्षेत्रों में आज कम्प्यूटर का ही बोलबाला है । परीक्षा बोर्डों में बैठने वाले अनेक विद्यार्थियों की अंकतालिका जाँचने, रोल नम्बर तैयार करने के कार्य भी कम्प्यूटर द्वारा आसानी से हो रहा है ।

इसके अतिरिक्त प्रकाशन के क्षेत्र में तो कम्प्यूटर मील का पत्थर साबित हुआ है । किक कार्यों के करने की गति तथा इलेक्ट्रानिक्स की प्रगति में कम्प्यूटर प्रणाली का सर्वाधिक योगदान है । निःसन्देह जीवन का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं रह गया है जहाँ कम्प्यूटर ने अपनी उपयोगिता साबित न की हो । आज के बच्चे भी कम्प्यूटर का प्रयोग करने से ही बहुत तेज दिमाग वाले हो रहे हैं ।

कम्प्यूटर के जितने भी लाभ गिनाए जाए वे सभी कम हैं । आज कम्प्यूटर ने मनुष्य के जीवन में रोटी, कपड़ा तथा मकान जैसा महत्त्वपूर्ण स्थान ले लिया है । इसीलिए आज के युग में कम्प्यूटर के महत्त्व को समझते हुए प्रत्येक विद्यालय में विद्यार्थियों को कम्प्यूटर शिक्षा दी जा रही है ।

कभी-कभी हमारी लापरवाही से ही कम्प्यूटर बड़ी-बड़ी गलतियाँ भी कर देता है तथा बच्चे भी इसका अधिक प्रयोग करने के कारण अनेक बीमारियों से जूझ रहे हैं, परन्तु ये सभी दुष्प्रभाव हमारे पैदा किए हुए हैं । हमें कम्प्यूटर के साथ-साथ अपने मस्तिष्क का भी प्रयोग करना चाहिए वरना हम पंगु ही बन जाएँगे ।

निष्कर्ष रूप में यदि हम यह कहें कि कम्प्यूटर के लाभों के साथ उसकी हानियाँ नगण्य हैं तो कोई अतिशयोक्ति न होगी । कम्प्यूटर आज के युग की माँग है और हम आशा करते हैं कि भविष्य में इसकी लोकप्रियता और अधिक बढ़ेगी क्योंकि आज कम्प्यूटर हमारा शगुल नहीं बल्कि आवश्यकता बन चुका है ।

Hindi Nibandh (Essay) # 6

इन्टरनेट: एक प्रभावशाली सूचवा माध्यम पर निबन्ध | Essay on Internet : An Influential Method of Communication in Hindi

आज मनुष्य प्रगति के पथ पर निरन्तर अग्रसर है । जीवन के हर क्षेत्र में हमें जीवन की सभी सुविधाएँ तथा आराम प्राप्त हो रहे हैं । विज्ञान का एक आधुनिकतम एवं क्रान्तिकारी आविष्कार इन्टरनेट है, जो एक अत्यधिक महत्त्वपूर्ण, बलशाली एवं गतिशील सूचना माध्यम है ।

इन्टरनेट प्रणाली का अर्थ:

इन्टरनेट एक अत्यन्त महत्वपूर्ण, गतिशील तथा बलशाली सूचना का माध्यम है । यह अनेक कम्प्यूटरों का एक जाल होता है जो उपग्रहों, केवल तन्तु प्रणालियों, लैन एवं वैन प्रणालियों एवं दूरभाषों द्वारा एक दूसरे से जुड़े होते हैं ।

आज सूचना प्रसारण के इस तेज गति के दौर में इन्टरनेट की उपयोगिता चरम सीमा पर है । आज का कोई भी व्यक्ति, देश अथवा वर्ग ‘इन्टरनेट’ प्रणाली से अकह नहीं है । सभी इसके महत्त्व के कायल हो चुके हैं ।

इन्टरनेट की बर्तमान स्थिति:

इन्टरनेट का शुभारम्भ सन् 1969 में ‘एडवान्स्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्रस एजेंसिस’ द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के चार विश्वविद्यालयों के कम्प्यूटरों की नेटवर्किग करके की गई थी । इसका विकास मुख्यतया शिक्षा, प्राप्त संस्थाओं के लिए किया गया था । इसके पश्चात् कुछ पुस्तकालय तथा कुछ निजी संस्थान भी इससे जुड़े गए ।

इन्टरनेट का जाल फैलाने में सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान ‘बैल लैब्स’ (Bell labs) का है और उसमें इससे सम्बन्धी अनुसन्धान अभी तक जारी है । वर्तमान समय में भारत में लगभग 1,50,000 इन्टरनेट कनैक्शन है तथा लगभग 21.59 मिलियन टेलीफोन लाइने कार्यरत हैं ।

एक टेलीफोन को लगभग 10 व्यक्ति प्रयुक्त करते हैं । 2.159 मिलियन लोगों को इन्टरनेट कनैक्शन लगवाने की उम्मीद है ।

इन्टरनैट के प्रमुख भाग:

इन्टरनेट के कुछ प्रमुख भाग इस प्रकार है – मुख्य सूचना कम्प्यूटंर (server), मोडम (modem), टेलीफोन, क्षेत्रीय नैटवर्क (LAN) अथवा वृहत नैटवर्क (WAN) उपग्रह संचार एवं केवल नैटवर्क । आज ज्यादातर मुख्य सूचना कम्प्यूटर (server) अमरीका में स्थापित है तथा पूरे संसार के उपग्रहों के माध्यम से जुड़े हैं ।

इन्टरनेट को देखने अथवा सूचना इकट्‌ठा करने के कार्य को ‘सर्फिग’ कहते हैं । इन्टरनेट पर ‘सर्फिग’ कार्य कोई मुश्किल काम नहीं है किन्तु सूचनाएं इन्टरनेट पर डालने के लिए सॉफ्टवेयर बनाने का कार्य बेहद जटिल है ।

इन्टरनेट के लाभ:

इन्टरनेट द्वारा वैब संरचना (Web Designing), इलेक्ट्रानिक मेल (E-mail) तथा इलेक्ट्रोनिक कॉमर्स (E-com) जैसे कार्य किए जाते हैं । आज इन्टरनेटों के कार्यक्रमों की बेहद माँग है तथा अनेक भारतीय युवा विदेशों में इन्टरनेट की कम्पनियों के लिए सॉफ्टवेयर एवं अन्य उपयोगी कार्यक्रम बनाने में संलग्न हैं ।

आज इन्टरनेट द्वारा बिजली, पानी, राशन, LIC सभी के बिल जमा किए जा रहे हैं । इन्टरनेट से विज्ञान, शिक्षा एवं व्यवसाय के क्षेत्र में सभी कार्य होने लगे हैं जिससे काफी हद तक युवाओं के बीच बेकारी की समस्या का समाधान हो रहा है ।

आज इन्टरनेट की मदद से ही कई लोग घर बैठे अच्छा पैसा कमा रहे हैं । आज यूरोप तथा अमेरिका में SOHO (Small office home office) की तकनीक प्रयोग की जा रही है तथा राशन तक का सामन खरीदने के लिए भी इन्टरनेट प्रयोग किया जा रहा है । भारत में भी यह तकनीक जल्द ही पूर्णतया विकसित हो जाएगी ।

इन्टरनेट सेवाओं का मूल्यांकन:

इन्टरनेट व्यवस्था प्रदान करने वाली व्यवस्था को ‘इन्टरनेट सर्विसेज प्रोवाईडर’ (ISP) कहते हैं । भारतवर्ष में बी.एस.एन.एन. नामक आई.एस.पी. को अप्रैल 1986 में प्रारम्भ किया गया था । आज सत्यम्, आई.एस.पी., मुन्ना ऑन लाइन आदि भी ग्राहकों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं ।

महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) भी सस्ते दामों पर इन्टरनेट सेवाएँ प्रदान कर रहा है । इसके अतिरिक्त देश के दूसरे जिलों व प्रान्तों में भी इन्टरनेट गेटवे खुल रहे हैं । इन्टरनेट के दुष्परिणाम-हर वस्तु की भाँति इन्टरनेट के लाभों के साथ हानियाँ भी जुड़ी हैं ।

सर्वप्रथम अधिक देर तक नैट पर सर्फिंग करने से आँखों की रोशनी धीमी पड़सकती है । इन्टरनेट में 1 जनवरी 2000 से जीवाणु (Virus) क्रियाशील हो चुके हैं जो अधिक ‘नैट’ प्रयोग में लाने से कम्प्यूटर सिस्टम को भी खराब कर सकते हैं ।

दूसरी तरफ आज का युवा वर्ग बैटर पर ज्ञानवर्धक जानकारियाँ हासिल करने के स्थान पर अश्तील बातें ज्यादा देख रहा है, जिससे उनका नैतिक पतन हो रहा है । इन्टरनेट द्वारा व्यवसाय करना अभी जोखिम भरा कार्य है क्योंकि जरा सी रू होने पर काफी नुकसान हो सकता है ।

निःसन्देह आज का युग विज्ञान के नवीन चमत्कारों का युग हे । आज अनेक समाचार-यत्र व. पत्रिकाएँ भी ‘इन्टरनेट’ पर आ चुके हैं । अब तो सरकारें भी इस क्षेत्र में आगे आ रही है तथा भारत सरकार के अतिरिक्त कई राज्य सरकारें एवं विदेशी सरकारों की चेबसाइट इन्टरनेट पर प्राप्त की जा सकती है ।

आज नैट ‘कार्यकुशलता, सूचना एवं व्यवसाय का पर्याय बन चुका है । यदि इन्टरनेट का प्रयोग सीमित तथा संयमित रूप में किया जाए तो इसके लाभ ही लाभ हैं हानियाँ तो हमारी स्वयं की पैदा की हुई है ।

Hindi Nibandh (Essay) # 7

कल्पना चावला पर निबन्ध | essay on kalpana chawla in hindi.

“मैं किसी भी देश या क्षेत्र विशेष से बाधित नहीं हूँ । इन सबसे हटकर मैं तो मानव जाति का गौरव बनना चाहती हूँ ।” यह कथन भारतीय मूल की प्रथम महिला अन्तरिक्ष यात्री कल्पना चावला का था । उनकी लगन, प्रतिभा तथा उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा ।

इस महान विभूति का जन्म हरियाणा राज्य के करनाल जिले में 8 जुलाई, 1961 को एक व्यापारी परिवार में हुआ था । उन्होंने टेगोर बाल विद्यालय से अपनी प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण की । अपने शैशवकाल से ही वह एक होनहार छात्रा थी ।

उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय में वैमानिकी (ऐअरोनॉटिक्स) में प्रवेश लिया । उस समय इस क्षेत्र में कोई दूसरी छात्रा नहीं थी । विज्ञान में कल्पना की तीन रूचि थी, जिसकी प्रशंसा उनके अध्यापक भी करते थे । उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वह विदेश भी गई । आपने 1984 में अमेरिका में स्थित Texas विश्वविद्यालय से वायु-आकाश (Aero-Space) इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण की । तत्पश्चात् कल्पना ने कोलोराडो से पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की ।

तत्पश्चात् कल्पना ने अमेरिका के एक्स में फ्यूड डायानामिक का कार्य सीनियर प्रारम्भ किया । वहाँ पर सफलता प्राप्त करने के पश्चात् कल्पना ने 1993 में केलिफोर्निया के ओवरसैट मैथडस इन कारपोरेशन में उपाध्यक्ष तथा रिसर्च वैज्ञानिक के रूप में कार्य प्रारम्भ किया ।

1994 में नासा ने कल्पना को अंतरिक्ष मिशन के लिए चयनित कर लिया । लगभग एक बर्ष के प्रशिक्षण के पश्चात् कल्पना कों रोबोटिक्स अंतरिक्ष में विचरण से जुड़े तकनीकी विषयों पर काम करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी । एस.टी.एस. 87 अमेरिकी की मास्कोग्रेबिवई पेलोड पाइलट थी, जिसका उद्देश्य भारहीनता का अध्ययन करना था । अन्तरिक्ष में जाना कल्पना की इच्छा भी थी । चन्द्रमा पर पर्दापण करने की उनकी तीव्र डच्छा थी ।

लगभग पांच वर्षो के अन्तराल के पश्चात् 16 जनवरी, 2003 को कल्पना चावला को अन्तरिक्ष में जाने का पुन: अवसर प्राप्त ह्मा । यह शोध मानव अंगों, शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास एवं बिभिन्न कीटाणुओं की स्थिति के अध्ययन व्हे किए गए थे ।

उस यान में कल्पना के साथ उनके सात साथी थे । कल्पना ने अन्तरिक्ष का कार्यबीरता से पूर्ण किया और वह पृथ्वी पर लौट रही थी । दुर्भाग्यवश, 2 लाख फुट की ऊँचाई पर कोलम्बिया नामक उनका अन्तरिक्ष शटल बिस्फोट हो गया ।

देखते ही देखते कल्पना अतीत बन गई । उनकी मृत्यु के ददय विदारक संदेश से उनके अध्यापक, स्कूली साथी, परिवारजन, विशेषकर उनके नासा के स्टॉफ मेंबर स्तब्ध रह गए । पूरा विश्व जेसे शोक के गहरे सागर में ख गया । कल्पना उन अनगिनत महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत थी, जो अन्तरिक्ष में जाना चाहती हैं ।

Hindi Nibandh (Essay) # 8

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी पर निबन्ध | Essay on Mahatma Gandhi : Father of the Nation in Hindi

समय-समय पर भारत माता की गोद में अनेक महान विभूतियों ने आकर अपने अद्‌भुत प्रभाव से सशूर्ण विश्व को आलोकित किया है । राम , कृष्णन, महावीर, नानक, दयानन्द, विवेकानन्द आदि ऐसी ही महान बिभूतियीं हैं जिनमे से महात्मा गाँधी का नाम सर्वोपरि आता है ।

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के कर्णधार तथा सच्चे अर्थों में स्वतन्त्रता सेनानी थे । युद्ध एवं क्रान्ति के इस युग में भारतवर्ष ने दुनिया के रास्ते से अलग रहकर गाँधी जी के नेतृत्व में सत्य एवं अहिंसा रुपी अस्त्रों के साथ स्वतन्त्रता की लड़ाई लड़ी तथा ब्रिटिश शासन को भारत से समूलोच्छेद कर दिया ।

इन चारित्रिक विशेषताओं के कारण ही प्रत्येक भारतवासी उन्हें प्यार से ‘बापू’ कहता है । विश्व-विख्यात वैज्ञानिक आइस्टीन के शब्दों में ”आने वाली पीढियों को आश्चर्य होगा कि ऐसा विलक्षण व्यक्ति देह रूप में कभी इस पृथ्वी पर रंल्ला था ।” राष्ट्रकवि सोहनलाल द्विवेदी ने उन्हें ‘युगस्रष्टा’ तथा ‘युग्धष्टा’ कहा है ।

जन्म परिचय व शिक्षा-दीक्षा:

महात्मा गाँधी का पूरा नाम ‘मोहनदास करमचन्द गाँधी’ था । गाँधी जी का जन्म 2 अक्तुबर, सन् 1869 ई. को गुजरात राज्य के ‘पोरबन्दर’ नामक स्थान पर हुआ था । आपके पिता श्री करमचन्द गाँधी किसी समय पोरबन्दर के दीवान थे फिर वे राजकोट के दीवान भी बने । आपकी माता श्रीमति पुतलीबाई धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी । गाँधी जी के चरित्र निर्माण में उनकी धर्म परायण माता का विशेष योगदान है ।

गाँधी जी की प्रारम्भिक शिक्षा पोरबन्दर में हुई थी । विद्यालय में गाँधी जी एक साधारण छात्र थे तथा लजीले स्वभाव वाले थे । हाई न्क्र में अध्ययन करते समय ही लगभग तेरह वर्ष की आयु में गाँधी जी का विवाह कस्तूरबा से हो गया ।

सन् 1885 में उनके पिता का देहान्त हो गया । सन् 1887 में हाई स्कूल की परीक्षा पास करने के पश्चात् आप उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए ‘भावनगर’ गए । वहाँ से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् कानूनी शिक्षा प्राप्त करने गाँधी जी इंग्लैण्ड गए ।

सन् 1891 में आप बैरिस्ट्री पास करके भारत लौट आए । उनकी अनुपस्थिति में उनकी माता जी का भी देहावसान हो गया ।

दक्षिण अफ्रीका में गाँधी जी के कार्य:

स्वदेश लौटकर गाँधी जी ने मुम्बई में वकालत शुरू कर दी । पोरबन्दर की एक व्यापारिक संस्था ‘अब्दुल्ला एण्ड कम्पनी’ के मुकदमे की पैरवी करने गाँधी जी को दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा । वहाँ उन्होंने देखा कि गोरे अंग्रेज भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार करते थे और उनको अपना गुलाम मानते थे ।

यह सब देखकर गाँधी जी का मन क्षुब्ध हो उठा । वहाँ पर गाँधी जी को भी अनेक अपमान सहने पड़े । एक बार उन्हें रेलगाड़ी के प्रथम श्रेणी के डिब्बे से नीचे उतार दिया गया, जबकि उनके पास प्रथम श्रेणी का टिकट था । अदालत में जब वे केस की पैरवी करने गए तो जज ने उनसे पगड़ी उतारने के लिए कहा किन्तु गाँधी जी जैसा आत्मसम्मानी व्यक्ति बिना पगड़ी उतारे बाहर चले गए ।

गाँधी जी का राजनीति में प्रवेश:

दक्षिण अफ्रीका से लौटकर गाँधी जई ने राजनीति में भाग लेना आरम्भ कर दिया । सन् 1914 के प्रथम युद्ध में गाँधी जी ने अंग्रेजों का साथ इसलिए दिया क्योंकि अंग्रेजों ने गाँधी से वादा किया था कि यदि वे युद्ध जीत गए तो भारत को आजाद कर देंगे, मरन्तु अंग्रेज अपनी जुबान से मुकर गए ।

युद्ध में बिजयी होने पर अंग्रेजों ने स्वतन्त्रता के स्थान पर भारतीयों को ‘रोलट एक्ट’ तथा ‘जलियांवाला बाग काण्ड’ जैसी विध्वंसकारी घटनाएँ पुरस्कारस्वरूप प्रदान की । सन् 1919 तथा 1920 में गाँधी जी ने आन्दोलन आरम्भ किया ।

सन् 1930 में गाँधी जी ने ‘नमक कानून का विरोध किया । उन्होंने 24 दिन पैदल यात्रा करके दाण्डी पहुँचकर स्वयं अपने हाथों से नमक बनाया । गाँधी जी के स्वतन्त्रता संग्राम में देश के प्रत्येक कोने से देशभक्तों ने जन्म भूमि भारत की गुलामी की बेडियो को तोड़ने के लिए कमर कस ली ।

बालगंगाधर तिलक , गोखले, लाला लाजपतराय, सुभाषचन्द्र बोस आदि ने गाँधी जी का पूरा साथ दिया । सन् 1931 ई. में वायरसराय ने लंदन में आपको गोलमेज कांफ्रेन्स में आमन्त्रित किया । वहाँ आपने बड़ी विद्धता से भारतीय पक्ष का समर्थन किया ।

गाँधी जी ने पूर्ण स्वतन्त्रता के लिए सत्याग्रह की बात प्रारम्भ की । सन् 1942 में ‘भारत छोड़ो’ आन्दोलन शुरू हुआ तथा गाँधी जी सहित सभी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया । सन् 1944 में इन्हें जेल से रिहा कर दिया गया । समस्त वातावरण केवल आजादी की ध्वनि से गूँजने लगा । अंग्रेज सरकार के पाँव उखड़ने लगे । अंग्रेज सरकार ने जब अपने शासन को समाप्त होते देखा तो अंतत: 15 अगस्त, 1947 ई. को भारत को पूर्ण स्वतन्त्रता सौंप दी ।

गाँधीवादी सिद्धान्त:

गाँधी जी सत्य तथा अहिंसा जैसे सिद्धान्तों के पुजारी थे । ये गुण उनमें बचपन से ही विद्यमान थे । गाँधी जी ने स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल पर भी जोर दिया था । बे चरखा कातकर स्वयं अपने लिए वस्त्र तैयार करते थे । गाँधी जी ने मानव को मानव से प्रेम करना सिखाया ! उन्होंने इसीलिए विदेशी वस्तुओं की होली जलाई थी ।

इसके अतिरिक्त दलित तथा निम्न वर्गीय लोगों के लिए भी गाँधी जी के मन में विशेष प्रेम था । उन्होंने छूआछुत का कड़ा विरोध किया था तथा अनूसूचित जातियों के लिए मन्दिरों तथा दूसरे पवित्र स्थानों में प्रवेश पर रोक को समाप्त करने पर विशेष बल दिया था । इस प्रकार गाँधी जी सच्चे अर्थों में एक परोपकारी व्यक्ति थे ।

उनके सम्बन्ध में किसी कवि की पंक्तियों द्रष्टव्य हैं:

”चल पड़े जिधर दो पग डग में, चल पड़े कोटि पग उसी ओर पड गई जिधर भी एक दृष्टि, पड़ गए कोटिदृग उसी ओर ।”

मृत्यु-30 जनवरी, 1948 ई. को संध्या के समय प्रार्थना-सभा में नाधूराम गोडसे ने उन पर गोलियाँ चला दी । तीन बार ‘राम, राम, राम’ कहने के बाद गाँधी जी ने इस नश्वर शरीर का परित्याग कर दिया । इस दुखःद अवसर पर नेहरू जी ने कहा था, ”हमारे जीवन से प्रकाश का अन्त हो चुका है । हमारा प्यास बापू, हमारा राष्ट्रपिता अब हमारे बीच नहीं है ।

हमारे ‘बापू’ मानवता की सच्ची मूर्ति थे ऐसे विरले इंसान सदियों में एक बार पैदा होते हैं । गाँधी जी ने तो मानवता की सेवा की थी । वे नरम दल के नेता थे । हरिजनों के उद्धार के लिए उन्होंने ‘हरिजन संद्य की स्थापना की थी ।

मद्य-निषेध, हिन्दी-प्रसार, शिक्षा-सुधार के अतिरिक्त अनगिनत रचनात्मक कार्य किए थे । महात्मा गाँधी, नश्वर शरीर से नहीं, अपितु यशस्वी शरीर से अपने अहिंसावादी सिद्धान्तों, मानवतावादी दृष्टिकोणों तथा समतावादी विचारों से आज भी हमारा सही मार्गदर्शन कर रहे हैं ।

गाँधी जी के अद्‌भुत व्यक्तित्व का चित्रांकन कविवर सुमित्रानन्दन पन्त ने इस प्रकार किया है:

”तुम मांसहीन, तुम रक्तहीन, हे अस्थिशेष । तुम अस्थिहीन, तुम शुद्ध बुद्ध आत्मा केबल हे चिर पुराण । तुम चिर नबीन ।”

Hindi Nibandh (Essay) # 9

पं. जवाहारलाल नेहरू पर निबन्ध | Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi

शान्ति के अग्रदूत, अहिंसा के संवाहक, आधुनिक भारतवर्ष निर्माता एवंस्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पं. जवाहरलाल नेहरू आधुनिक युग की एक महान विभूति है ।

वे सच्चे कर्मयोगी एवं मानवता के प्रबल समर्थक थे । राजसी परिवार में जन्म लेकर एवं सभी सुख-सुविधाओं पूर्ण वातावरण में बड़े होकर भी आपने राष्ट्रीय स्वतन्त्रता एवं देश की आन-बान की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया ।

जन्म परिचय एवं शिक्षा-विश्व-बत्सुत्व की भावना के प्रबल समर्थक पं. जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर सन् 1889 ई. को प्रयाग (इलाहाबाद) के एक सम्पन्न परिवार में हुआ था । आपके पिताश्री पं. मोतीलाल नेहरू भारतवर्ष के एक सम्मानित बैरिस्टर थे । आपकी माता जी श्रीमती स्वरूप रानी एक धार्मिक प्रवृत्ति वाली महिला थीं । अपने माता-पिता का इकलौता लाडला पुत्र होने के कारण आपका लालन-पालन बड़े लाड़-प्यार में हुआ था ।

आपकी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर हुई थी । 15 वर्ष की आयु में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आप इंग्लैण्ड चले गए । आपने ‘हैरी विश्वविद्यालय’ तथा ‘कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय’ से उच्च शिक्षा प्राप्त की । अपने पिता की इच्छानुसार आप सन् 1912 में इंग्लैण्ड से बैरिस्टर बनकर भारत लौटे ।

भारत आकर आप अपने पिता के साथ ही प्रयाग में वकालत करने लगे । आप ‘मेरेडिथ’ के राजनीति चिन्तन से बहुत प्रभावित थे 1 सन् 1915 ई. में ‘रोलट एक्ट’ के विरुद्ध होने वाली मुम्बई कांफ्रेन्स में नेहरू जी ने भी हिस्सा लिया और यहीं से आपके राजनीतिक जीवन की प्रारम्भिक अवस्था आरम्भ हुई थी ।

पारिवारिक जीवन:

जवाहर लाल नेहरू का शुभ विवाह सन् 1916 ई. में श्रीमती कमला नेहरू के साथ हुआ । सन् 1917 में 9 नवम्बर को आपके यहाँ इन्दिरा ‘प्रियदर्शिनी’ नामक सुन्दर सी पुत्री ने जन्म लिया । सरोजिनी नायडू इन्दिरा को ‘क्रान्ति की सन्तान’ कहती थी । आगे चलकर इन्दिरा गाँधी ने भारतवर्ष की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री बनने का गौरव प्राप्त किया ।

सन् 1931 ई. में नेहरूजी के पिता जी श्री माती लाल नेहरू और सन् 1936 ई. में उनकी धर्म पली कमला नेहरू का भी स्वर्गवास हो गया । राजनीतिक जीवन-महात्मा गाँधी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने पर नेहरू जी ने उनके राजनैतिक आदर्शों को अपनाने का निश्चय किया । नेहरू जी ने राजसी वेशभूषा को छोड़कर खादी का कुर्ता धारण कर लिया एवं एक सच्चे सत्याग्रही की भाँति प्रकट हुए ।

सन् 1919 के किसान आन्दोलन एवं 1921 ई. के असहयोग आन्दोलन में हिस्सा लेने के कारण पं. नेहरू को जेल जाना पड़ा । आपकी अनवरत सेवाओं के लिए सन् 1923 में ‘आल इंडिया कांग्रेस’ ने आपको जनरल सेक्रेटरी चुन लिया तथा इसके बाद आप इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे ।

उन्हीं की अध्यक्षता में 1929 में कांग्रेस ने पूर्ण स्वतन्त्रता के लक्ष्य सम्बन्धी प्रस्ताव को पारित किया । इसके पश्चात् भी आप अनेक आन्दोलनों में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे । कई बार आप भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए ।

सन् 1930 ई. में शान्तिमय शासनावज्ञा के कारण आपको कारावास जाना पड़ा । सन् 1927 ई. में रूस सरकार के निमन्त्रण पर आप रूस गए और वहाँ की साम्यवादी विचारधारा का आप पर विशेष प्रभाव पड़ा । देश को स्वतन्त्र कराने के लिए आपने अथक प्रयास किए ।

31 दिसम्बर सन् 1930 ई. में पं. नेहरू ने अपने कांग्रेस अध्यक्षीय भाषण में पंजाब की रावी नदी के तट पर यह घोषणा की थी कि हम पूर्ण रूप से स्वाधीन होकर ही रहेंगे । इस घोषणा से स्वाधीनता संग्राम का संघर्ष तीब्रतर हो गया । तत्पश्चात् ‘नमक-सत्याग्रह’ में भी आपने अपना अपार योगदान दिया ।

सन् 1942 ई. के गाँधी जी के ‘भारत छीड़ा आन्दोलन’ में भी आपने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई । अनेक महापुरुषों के अथक प्रयासों से आखिरकार 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश स्वतन्त्र हो गया । प्रथम प्रधानमन्त्री के रूप में-स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् सर्वसम्मति से आप स्वाधीन भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री निर्वाचित हुए तथा मृत्युपर्यन्त इसी पद पर आसीन रहे ।

इस काल में आपने अनेक प्रशंसनीय कार्य किए । स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् देश का विभाजन होने पर हमारे समक्ष अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो गई थी । शरणार्थियों के पुनर्वास की समस्या, साम्प्रदायिक दंगों की समस्या, काश्मीर पर पाकिस्तान का आक्रमण तथा राज्यों के पुनर्गठन आदि समस्याओं का नेहरू जी ने अपनी राजनीतिक सूझ-बूझ के आधार पर उचित हल निकाला ।

आपके नेतृत्व में सगर्व देश के लिए अनेक बहुमुखी योजनाएँ बनाई गई । जल ब विधुत शक्ति के लिए बाँध बनाए गए, देश में बड़े-बड़े उद्योग स्थापित किए गए तथा कृषि के क्षेत्र में भी देश ने अद्‌भुत प्रगति की । ट्राम्बे (मुम्बई) में अगुचालित रीऐक्टर संस्थान आपके सुनियोजित प्रयासों का ही परिणाम है ।

नेहरू जी की सैद्धान्तिक विशेषताएँ:

नेहरू जी ने विश्व को शान्तिपूर्ण सह अस्तित्व एवं गुट निरपेक्षता के महत्त्वपूर्ण विचार दिए । उन्होंने उपनिवेशवाद, नवउपनिबेशवाद साम्राज्यवाद, रंगभेद एवं किसी भी प्रकार के अन्याय के विरुद्ध अपनी आवाज बुलन्द की और एशिया, अफ्रीका एवं लेटिन अमेरिका के लगभग य देशों को औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराया ।

एक महान चिन्तक के रूप में नेहरू जी का मानब में अटूट बिश्वास था और उनकी प्रतिभा, प्रकृति तथा चरित्र का सबसे मस्लपूर्ण पक्ष उनका वैज्ञानिक मानवतावाद था । उन्होंने आत्मा, परमात्मा एवं रहस्यवाद को महत्त्व न देते हुए मानवता व सामाजिक सेवा को ही अपना धर्म बनाया ।

सभा महान विभूतियां की भाँति नेहरू जी भी सत्य के खोजी थे । किन्तु वे सत्य के प्रति विशुद्ध सैद्धान्तिक पहुँच में विश्वास नहीं रखते थे । महात्मा गाँधीजी की भांति उन्होंने सत्य को ईश्वर का पर्याय न समझकर सत्य की खोज विज्ञान, ज्ञान एवं अनुभव द्वारा अनुप्राश्रित की ।

जहाँ तक साध्य एवं साधन के मध्य सम्बन्ध का प्रश्न है; नेहरू जी गाँधी जी के विचारों वाले थे । जैसा साधन होगा, साध्य भी वैसा ही होगा । साधन की तुलना बीज से एवं साध्य की तुलना वृक्ष से की जा सकती है ।

नेहरू जी लोकतन्त्र के कट्टर समर्थक थे । उनके लिए लोकतन्त्र स्थिर बस्तु न खेकर एक गतिशील एबै विकासशील वस्तु थी । उनके अनुसार सच्चा लोकतन्त्र बंही है जहाँ लोगों के कल्याण एवं सुख का ध्यान रखा जाए । वे लोकतन्त्र को जनता की स्वतन्त्रता, जनता की समानता, जनता का भ्रातृत्व एवं जनता की सर्वोच्चता मानते थे ।

अन्तिम समय:

अपने जीवन के अन्तिम क्षणों में भी नेहरू जी ने देश-सेवा के अपने व्रत को नहीं त्यागा और कठिन परिश्रम करते रहें । एक ओर कश्मीर समस्या थी तो दूसरी ओर चीन का खतरा । परन्तु सभी समस्याओं का आपने साहसपूर्वक सामना किया ।

27 मई, 1964 ई. को आप काल का ग्रास बन गए तथा सम्पूर्ण विश्व शान्ति के इस अग्रदूत की अन्तिम विदाई पर बिलख उठा । आधुनिक भारत का प्रत्येक नागरिक सदा आपका ऋणी रहेगा । शायद आपकी कमी को कोई भी पूर्ण न कर सके । मृत्यु के पश्चात् आपकी वसीयत के अनुसार आपकी भस्म भारत के खेतों में बिखेर दी गई क्योंकि आपको भारत की मिट्टी से अटूट प्यार था ।

नेहरू जी ने अपने जीवनकाल में जाति भेद को दूर करने, स्त्री जाति की उन्नति करने तथा शिक्षा प्रसार करने जैसे अनेक सराहनीय कार्य किए । युद्ध की कगार पर खड़े विश्व को आपने शान्ति का मार्ग दिखाया । नेहरूजी उच्चकोटि के चिन्तक, विचारक एवं लेखक थें ।

उनकी लिखित मेसई क्खनी’, ‘भारत की कहानी’, ‘विश्व इतिहास की झलक’, ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ आदि जन-प्रसिद्ध हैं । बच्चे उन्हें प्यार से ‘चाचा नेहरू’ कहकर पुकारते हैं क्योंकि नेहरूजी को ‘बच्चों’ से एवं गुलाक से बहुत प्यार था । हर वर्ष 14 नबम्बर को उनका जनमदिन ‘बाल दिबस’ के रूप में मनाया जाता है ।

मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण यह अनूठा व्यक्तित्व भारत के लोगों का ही नहीं, अपितु पूरी दुनिया के लोगों का प्यार एवं सम्मान पा सका । भारत सरकार ने उन्हें राष्ट्र के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से विभूषित किया था । निःसन्देह उनका नाम चिरकाल तक इतिहास में अमर रहेगा ।

Hindi Nibandh (Essay) # 10

युगपुरुष-लाल बहादुर शास्त्री पर निबन्ध | Essay on Lal Bahadur Sastri : An Icon of the Age in Hindi

कभीकभी साधारण परिवार व साधारण परिस्थितियों में पला बड़ा इन्सान भी अपने असाधारण कृत्यों से सभी को आस्वर्यचफ्रइत कर देने की क्षमता रखता है । ऐसे ही चमत्कारिक व्यक्ति थे । युग पुरुष श्री लाल बहादुर शास्त्री ।

29 मई, 1964 को पं. जवाहरलाल नेहरू जी के आकस्मिक निधन के उपरान्त 2 जून, 1964 को कांग्रेस के संसदीय दल द्वारा सर्वसम्मति से लाल बहार शास्त्री को देश का प्रधानमन्त्री चुना गया । 9 जून, 1964 ई. को आपने प्रधानमन्त्री पद की शपथ ग्रहण की तथा केवल 18 माह तक प्रधानमन्त्री के रूप में कार्य कर सबका हृदय जीत लिया ।

श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अकबर, 1904 ई. में वाराणसी के भुगलसराय नामक ग्राम में हुआ था । आपके पिता श्री शारदा प्रसाद एक शिक्षक थे । जब लालबहादुर मात्र डेढ़, वर्ष के थे, तभी उनके पिता का देहावसाज हो गया ।

आपकी माता श्रीमति रामदुलारी देवी जी ने आपका लालन पालन किया । आपकी प्रारम्भिक शिक्षा वाराणसी के ही एक क्ख में हुई । लाल बहष्र का बचपन बहुत निर्धनता तथा तंगी में व्यतीत हुआ तभी तो उन्हें विद्यालय जाने के लिए गंगा नदी को पार करना पड़ता था । नाव वाले को देने के लिए भी उनके पास पैसे नहीं थे ।

यद्यपि लाल बहादुर जी के पिता जी उन्हें अपनी स्नेह-छाया में पाल-पोसकर बड़ा नहीं कर पाए थे तथापि वे उन्हें ऐसी दिव्य प्रेरणाओं की विभूति प्रदान कर गए जिसके सहारे शास्त्री जी एक सेनानी की भाँति जीवन के समस्त कष्टों को अपने चरित्रम्बल से पदन्दलित करते चलते गए ।

एक बार सन् 1921 में महात्मा गाँधी अपने ‘असहयोग आन्दोलग के सिलसिले में वाराणसी आए हुए थे तो एक सभा को सम्बोधित करते हुए गाँधी जी ने कहा था,

”भारत माता दासता लई कड़ी बेडियों में जकड़ी हुई है । आज हमें जरूरत है उन नौजवानों की जो इन बेडियों को काट देने के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर देने को तैयार ह्मे । ”

तभी एक सोलह-सत्रह वर्ष का नौजवान भीड़ में से आगे आया, जिसके माथे पर तेज तथा हृदय में देशप्रेम था । यह लड़का लाल बहादुर ही था । स्कूली शिक्षा छोड़कर लाल बहादुर स्वतन्त्रता संग्राम में कूद पड़े । साम्राज्यवादी सरकार ने उन्हें जेल में डलवा दिया तथा शास्त्री जी को ढाई वर्षों तक कारावास में रहना पड़ा ।

जेल की सजा काटने के बाद शास्त्री जी ने काशी विद्यापीठ में प्रवेश ले लिया तथा पढ़ाई आरम्म कर दी । सौभाग्य से लाल बहादुर को काशी विद्यापीठ में महान ब योग्य शिक्षकों, जैसे-डी. भगवानदास, आचार्य जे.बी. कृपलानी, सक्तर्घनन्द तथा श्री प्रकाश आदि से शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्राप्त हुआ ।

यहीं से उन्हें ‘शास्त्री’ की उपाधि प्राप्त हुई एवं तभी से वे ‘लाल बहादुर शास्त्री’ कहलाने लगे । यहाँ पर चार वर्ष तक लगातार शास्त्री जी ने फैख्व तथा ‘दर्शन’ का अध्ययन किया । शिक्षा समाप्ति के पश्चात् शास्त्री जी का विवाह क्षलिता देवी के साथ हुआ, जो शास्त्री जी के ही समान सरल व सीधे स्वभाव की जागरुक नारी थी ।

देश-सेवा के कार्य व राजनीति में प्रवेश:

शास्त्री जी का समुर्ण जीवन कड़े-संघषों की लम्बी कहानी है । शास्त्री जी के हृदय में निर्धनों, दलितों तथा हरिजनों के लिए बहुत दया ब करुणा भाव थे तथा वे इन पिछड़े तथा उपेक्षित वर्ग को सदा ऊपर उठाना चाहते थे । हरिजनोद्वार में शास्त्री जी का अभूतपूर्व योगदान रहा हे । उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए शास्त्री जी को लोक सेवा संघ का सदस्य बनाया गया और उन्होंने इलाहाबाद को अपनी कार्यवाहियों का केन्द्र बनाया ।

शास्त्री जी सात सालों तक इलाहाबाद म्यूनिसिपल बोर्ड के सदस्य रहे तथा चार वर्ष तक इलाहाबाद इखूबमेंट ट्रस्ट के महासचिव तथा सन् 1930 से 1936 तक अध्यक्ष रहे । सन् 1937 ई. में शास्त्री जी उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य निवाचित किए गए ।

शास्त्री जी ने सन् 1942 में भारतछफ्रौ आन्दोलन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा कारावास का दण्ड भोगा । सन् 1937 में सात प्रान्तों में कांग्रेस की अन्तरिम सरकार बनी । इस समय उत्तर प्रदेश में पंडित गोविन्द बल्लभपंत ने इन्हें अपना सभा सचिव नियुक्त किया तथा अगले ही वर्ष शास्त्री जी को उत्तर प्रदेश का गृहमन्त्री नियुक्त किया गया ।

स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् सन् 1952 ई. में जब आम चुनाब हुए तो पं. जवाहर लाल नेहरू ने इन्हें चुनाव तैयारियों के लिए दिल्ली बुलवा लिया तथा चुनाव के पश्चात् इन्हें स्वतन्त्र भारत का प्रथम रेलमन्त्री नियुक्त किया, किन्तु दुर्भाग्यवश इनके कार्यकाल में एक रेल दुर्घटना हो गई जिसका नैतिक दायित्व वहन करते हुए इन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया ।

तत्पश्चात् सन् 1956-57 में वे देश के संचार व परिवहन मन्त्री बने तथा इसके बाद वाणिज्य एवं उद्योग मन्त्री भी बने । सन् 1961 के अप्रैल मास में उन्हें स्वराष्ट्र मन्त्रालय का कार्यभार सौंपा गया । शास्त्री जी ने सभी पदों का कार्य भार बड़ी कुशलता तथा निष्ठा से सम्माला ।

धनी व्यक्तित्व के स्वामी-लाल बहादुर शास्त्री जी एकदम सरल एवं सादे स्वभाव के व्यक्ति थे । इसी कारण जब उन्होंने प्रधानमन्त्री का पदभार ग्रहण किया तो लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि शास्त्री जी प्रधानमन्त्री पद की जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभा सकेंगे ।

किन्तु केवल 18 माह के कार्यकाल ने शास्त्री जी को भारतीय इतिहास की महान विभूतियों में से एक के रूप में पहचान दिलवाई । शास्त्री जी का स्वभाव शान्त, गम्भीर, मृदु व संकोच किस्म का था, इसी कारण वे जनता के दिलों में राज्य कर सके थे । उनकी अद्वितीय योग्यता तथा महान नेतृत्व का परिचय हमें 1965 के भारत-पाक युद्ध के समय देखने को मिला ।

पाकिस्तानी आक्रमण के समय सभी भारतीय अत्यन्त चिन्तित थे, किन्तु शास्त्री जी ने बड़ी बहादुरी से इस परिस्थिति का आकलन किया तथा देश का नेतृत्व किया । उन्होंने इस युद्ध में भारत को जीत दिलाई तथा पाकिस्तानियों को मुँह की खानी पड़ी ।

उन्होंने अपने ओजस्वी भाषणों से वीर सैनिकों तथा देश की आम जनता का मनोबल बढ़ाया । एक बार जब भारत में आने वाले अनाज के जहाजों को रोक दिया गया, तब इन्होंने देश के सामने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया ।

उन्होंने सप्ताह में एक दिन का अन्न छोड़ दिया तथा देश की जनता को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया । इसके अतिरिक्त शास्त्री जी ने असम भाषा समस्या, नेपाल के साथ सम्बन्ध सुधार व स्वरत बल से चोरी की समस्या आदि समस्याओं का कुशलतापूर्वक समाधान किया ।

भारत-पाक युद्ध के बाद सोवियत संघ के ताशकन्द में 11 जनवरी, सन् 1966 ई. में समझौते के दौरान शास्त्री जी का निधन हो गया । श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की संगठनात्मक शक्ति और लगन ने भारत को सर्वोच्च गौरव प्रदान किया ।

आज शास्त्री जी तन से हमारे साथ न होते हुए भी हमारे मन व हृदय में निवास करते हें । निःसन्देह वे एक ऐसे युग पुरुष थे जिन्होंने साधारण परिवार में जन्म लेकर असाधारण कार्य किए तथा प्रत्येक क्षेत्र में अपने चातुर्थ तथा कुशलता के प्रमाण प्रस्तुत किए ।

Hindi Nibandh (Essay) # 11

भारत रत्न श्रीमती इन्दिरा गाँधी पर निबन्ध | essay on bharat ratna : srimati indira gandhi in hindi.

हमारी भारत भूमि पर सदा ही श्रेष्ठ महापुरुषों एवं महान स्त्रियों ने जन्म लिया है जिन्होंने अपने गौरवपूर्ण व महान् कार्यों से न केवल भारतवर्ष को, अपितु पूरे विश्व को अचंभित किया है ।

ऐसी ही एक वीरांगना, महान तथा श्रेष्ठ नारी थी श्रीमति इन्दिरा गाँधी । इन्दिरा गाँधी का वास्तविक नाम ‘इन्दिरा प्रियदर्शिनी’ थी । वह अपार दूरदर्शिनी तथा साहसी नारी थी । वे भारत की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री थी, जिन्होंने हर विपरीत परिस्थिति का डटकर सामना किया तथा देश के विकास के लिए नई दिशाओं को खोज निकाला ।

जीवन-परिचय एवं शिक्षा:

भारतवर्ष की तृतीय प्रधानमन्त्री इन्दिरा गाँधी जी का जन्म 19 नवम्बर, 1917 को इलाहाबाद के ‘आनन्द भबन’ में हुआ था । पिता पं. जवाहरलाल नेहरू तथा माता कमला नेहरू के अतिरिक्त दादा मोतीलाल नेहरू तथा दादी स्वरूप रानी भी ‘इन्दिरा’ के जन्म पर बहुत प्रसन्न हुए ।

सभी प्यार से उन्हें ‘इन्दु’ पुकारते थे । इन्दिरा जी के व्यक्तित्व में अपने दादाजी जैसी दृढ़ता, पिताजी जैसा धैर्य तथा माता जी जैसी संवेदनशीलता थी । इन्दिरा जी की प्रारम्भिक शिक्षा स्विट्‌जरलैण्ड में हुई । इसके पश्चात् वे अपने अध्ययन के लिए भारत लौट आई तथा ‘शान्ति निकेतन’ में ही पढ़ने लगी । इसके पश्चात् वह ऑक्सफोर्ड के समशवइले कॉलेज गई तथा वही पर शिक्षा प्राप्त की ।

पं. नेहरू अपनी बेटी की सुख सुविधाओं का पूरा ध्यान रखते थे वही विस्तृत ज्ञानवर्धन भी उनको परम अभीष्ट था । पं नेहरू जी ने कारावास से ही अपनी प्यारी इनु’ को अनेक पत्र लिखे । बाद में ये पत्र ‘पिता के पत्र पुत्री के नाम’ से प्रकाशित भी हुए ।

दस वर्ष की आयु में ही इन्दिरा जी ने ‘बानर सेना’ का गठन किया था जो कांग्रेस के असहयोग आन्दोलन में सहायता पहुँचाया करती थी । सन् 1937 में आपकी माता जी का देहावसान हो गया ।

इन्दिरा जी का सामाजिक जीवन:

ऑक्सफोर्ड के समरविले कॉलेज में अध्ययन करते समय ही आपने ब्रिटिश मजदूर दल के आन्दोलन में भाग लिया । सन् 1938 ई. में आप भारतीय कांग्रेस में सम्मिलित हो गई । सन् 1942 ई. में इन्दिरा जी का विवाह एक सुयोग्य पत्रकार एवं विद्वान लेखक फिरोज गाँधी से हुआ। पति-पत्नी दोनों ही स्वतन्त्रता-संक्रम में सक्रियता से हिस्सा लेने लगे । सन् 1942 में ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ में भाग लेने के कारण दोनों को करीब 15 मास कारावास में गुजारने पड़े । इन्दिरा जी ने दो पुत्रों राजीव व संजय को जन्म दिया ।

जब 15 अगस्त सन् 1947 को भारत स्वतन्त्र हुआ तो पं. जवाहरलाल नेहरू को स्वतन्त्र भारत का प्रथम प्रधानमन्त्री नियुक्त किया गया । तभी से इन्दिरा जी का अधिकतर समय अपने पिता के साथ बीतता था ।

उनके साथ रहते-रहते इन्दिरा जी को राजनीति की वास्तविक जानकारी प्राप्त हुई । उन्होंने पिता के साथ देश-विदेश का भ्रमण किया तथा विश्व राजनीति के बारे में भी जानकारी हासिल की ।

इन्दिरा जी सन् 1955 ई. में कांग्रेस की कार्य समिति की सदस्या बनी तथा सन् 1959 में अखिल भारतीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गई । कांग्रेस अध्यक्ष बनकर आपने सारे देश का दौरा किया तथा कुछ ऐसे सराहनीय कार्य किए, जिन्हें देखकर वामपन्धी कांग्रेसी कृष्णा मेनन आदि भी अचम्भित रह गए । सन् 1960 में इन्दिरा गाँधी के पति फिरोज गाँधी का देहान्त हो गया तो इन्दिरा जैसे टूट सी गई ।

प्रधानमन्त्री के रूप में कार्य:

27 मई, सन् 1964 ई. को पं. जवाहरलाल नेहरू के निधन पर तो जैसे इन्दिरा जी एकदम टूट कर ढेर सी हो गई थी । ऐसे समय में लाल बहादुर शास्त्री को देश का प्रधानमन्त्री नियुक्त किया गया तो उन्होंने इन्दिरा जी को अपने मन्त्रिमण्डल में सूचना एवं प्रसारण मन्त्री के रूप में चयनित कर लिया, जिसे उन्होंने बड़ी कुशलता से निभाया ।

सन् 1966 में लाल बहादुर शास्त्री जी की मृत्यु हुई तब इन्दिरा जी देश की तीसरी तथा प्रथम महिलारप्रधानमन्त्री बनी । मारग्रेट थैचर (इंग्लैण्ड की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री) के बाद इन्दिरा जी ऐसी महिला हैं जो किसी लोकतान्त्रिक देश की प्रधानमन्त्री बनी हैं ।

तत्कालीन राष्ट्रपति डी. शंकरदयाल शर्मा ने जब इन्दिरा जी को प्रधानमन्त्री पद की शपथ दिलाई तो भारत की प्रत्येक नारी का सिर गर्व से ऊँचा हो गया । इसके बाद पूरे देश में सन् 1967 को आम चुनाव हुए तथा अपने असाधारण व्यक्तित्व, लगन तथा निष्ठा के बल पर आप दूसरी बार सर्वसम्मति से देश की प्रधानमन्त्री नियुक्त की गई ।

अपने प्रधानमन्त्री काल में आपने अनेक प्रकार के सुधार तथा विकास कार्य किए हैं । जिस समय इन्दिरा जी प्रधानमन्त्री बनी थी, उस समय देश में गरीबी एक प्रमुख समस्या थी क्योंकि औद्योगिकरण एवं वैज्ञानिक प्रगति अपने आरम्भिक दौर में थी ।

इन्दिरा जी ने गरीबी को दूर करने के लिए सन् 1969 में एक सशक्त नीति की घोषणा की, जिसमें निजी आय, निजी आमदनी तथा लाभों पर सीमा से ऊपर आय होने पर सरकार सम्पत्ति एवं आय का अधिग्रहण कर लेती थी । आपने कई सरकारी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया तथा गाँवों में कई बेंकों की शाखाएँ भी खोली ।

इसके अतिरिक्त बांग्लादेश के पुन: निर्माण के लिए आपने अपने देश से विशेष सहायता प्रदान की । 25 जून, 1975 की आधी रात को आपने देशभर में आपातकालीन स्थिति की घोषणा कर दी । ‘आसुका’ (आन्तरिक सुरक्षा कानून) तथा डी.आई.आर. कानूनों के अन्तर्गत देश के बड़े-बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया ।

इसके कारण ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस आदि देशों ने इन्दिरा सरकार की घोर निन्दा की । सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध में आपने ऐसे साहस व धैर्य का परिचय दिया कि विरोधियों ने आपको दुर्गा माँ का अवतार कहना प्रारम्भ कर दिया । 24 मार्च सन् 1977 ई. तक आप प्रधानमन्त्री बनी रही ।

सन् 1977 के आम चुनावों में आपको भारी पराजय का सामना करना पड़ा जनता सरकार ने सत्ता में आने पर आपको जेल में भेजा । सन् 1980 में पुन: लोकसभा चुनाव हुए तथा आपने फिर विजयश्री प्राप्त की तथा आपके नेतृत्व में कांग्रेस पुन: सत्ता में आ गई ।

वे पुन: प्रधानमन्त्री बन बैठी । विश्व-इतिहास में यह पहली घटना थी कि चुनाव हारने के ढाई वर्ष पश्चात् ही कोई राजनीतिज्ञ पुन: भारी बहुमत से देश की बागडोर सम्भाल पाया था ।

इन्दिरा जी विलक्षण प्रतिभा की धनी महिला थी, जिनमें अदम्य साहस तथा दूरदृष्टिता छूट-कूट कर भरे थे । 23 जून, 1980 में अपने प्रिय पुत्र संजय गाँधी की आकस्मिक मृत्यु ने आपको बुरी तरह से तोड़ दिया, फिर भी आपने हिम्मत नहीं हारी । आप अपने जीवन की आखिरी सांस तक निर्धनता, रंग-भेद तथा जाति-भेद के विरुद्ध संघर्षशील रही ।

जिस समय आप भारत राष्ट्र को उन्नति की पराकाष्ठा पर ले जानी जाने वाली थी, उसी समय 31 अक्तूबर सन् 1984 को प्रात: 9 बजे आपके दो अंगरक्षकों सतवंत सिंह तथा बेअंत सिंह ने आपको गोलियों से भून डाला । पूरा विश्व जैसे ठगा सा रह गया ।

भारत राष्ट्र अनाथ हो गया तथा दुनिया के राजनीतिक मंच का एक मुखर स्वर शान्त हो गया । आज आप अपनी समाधि ‘शक्ति स्थल’ में आराम से विश्राम कर रही हैं और पूरा विश्व आपके सराहनीय कार्यों को याद कर आपको श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है ।

Hindi Nibandh (Essay) # 12

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस पर निबन्ध | Essay on Netaji Subash Chandra Bose in Hindi

शैशवकाल से ही जिसके कोमल मून में विद्रोह की ज्वाला प्रज्वलित हो उठी थी, किशोरावस्था में ही जिसका उर्वर मस्तिष्क विप्लव के झंझावात से दुखी समुद्र की भांति अशान्त हो उठा था, युवावस्था में ही जिसने समस्त भोग-विलासों एवं नश्वर ऐश्वर्य को त्याग दिया था, ऐसे विद्रोही, विप्लवी एवं त्यागी सुभाषचंद्र बोस का सम्पूर्ण जीवन विद्रोह तथा वैराग्य का आग्नेयगिरि बना रहा, तो इसमें आश्चर्य की कौन सी बात हो सकती है ।

‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा’ – ऐसी गर्जना करने वाले भारत माता के वीर सपूत सुभाष चन्द्र बोस भारतीय राजनीति के क्षितिज पर ध्रुव तारे ही भाँति निश्चल, काल की भांति निर्भीक एवं हिमालय की भांति अटल रहे । भारत माता के इस महान सपूत ने सहस्रों भारतीयों को स्वाधीनता की दीपशिखा पर परवानों की भांति जलना सिखाया ।

सुभाषचन्द्रबोस का जन्म उड़ीसा राज्य के ‘कटक’ शहर में 23 जनवरी सन् 1897 ई. को हुआ था । आपके पिताजी श्री रायबहादुर जानकी नाथ बोस कटक खुनिसिपैलिटी तथा जिला बोर्ड के प्रधान थे तथा नगर के एक सुप्रसिद्ध वकील थे ।

आपके भाई श्री शरतचन्द्र बोस एक महान देशभक्त तथा स्वतन्त्रता-संग्राम सेनानी थे । सुभाष चन्द्रकी आरम्भिक शिक्षा एकयूरोपियन स्कूल से हुई थी । सन् 1913 में आपने मैट्रिक की परीक्षा में कलकत्ता विश्वविद्यालय में दूसरा स्थान प्राप्त किया था ।

इसके पश्चात् उच्च शिक्षा के लिए आपने ‘प्रेजीडेंसी कॉलेज कलकत्ता में प्रवेश ले लिया । वहाँ ‘ओटेन’ नाम का अंग्रेज प्रोफेसर सदैव भारतीयों की निन्दा करता था, जो सुभाषचन्द्र से जरा भी सहन नहीं होता था इसीलिए उन्होंने उस अध्यापक की पिटाई कर दी ।

उस दिन से उसने भारतीयों का अपमान करना तो बन्द कर दिया, परन्तु सुभाष को भी कॉलेज से निलम्बित कर दिया गया । फिर आपने ‘स्कॉटिश चर्च’ कॉलेज में दाखिला लिया तथा कलकत्ता विश्वविद्यालय से बीए, आनर्स किया ।

सन् 1919 में इंग्लैण्ड से आईसीएस. की परीक्षा पास करके भारत लौट आए । परन्तु आई.सी.एस. की परीक्षा पास करके भी उन्होंने उसे त्याग दिया क्योंकि वे अंग्रेजों के अधीन रहकर सेवा करना अपने देश का अपमान समझते थे । देशबत्र चितरंजनदास का प्रभाव-सुभाष चन्द्र बोस के जीबन पर देशबमृ चितरंजन दास का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा ।

वे उनके द्वारा स्थापित की गई ‘स्वराज पार्टी’ में काम करने लगे तथा उनके द्वारा निकाले गए ‘अग्रगामी पत्र’ का सम्पादन भार ले लिया । प्रिन्स ऑफ बेल्ट के आगमन पर उन्होंने बंगाल में उनके बहिष्कार आन्दोलन का नेतृत्व किया, जिसके कारण अंग्रेज सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर वर्मा के मांडले जेल भेज दिया, किन्तु स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें 17 मार्च, 1927 को रिहा कर दिया गया ।

राजनीतिक जीबन:

सुभाष चन्द्र बोस भारतीय नेताओं के औपनिवेशिक साम्राज्य की माँग से पूर्णतया सहमत नहीं थे वे तो पूर्ण स्वतन्त्रता के अभिलाषी थे । अग्रिम वर्ष के कांग्रेस अधिवेशन में यही प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया । कांग्रेस में गरम ब नरम दो दल थे । सुभाष चन्द्र बोस गरम दल के नेता थे तथा महात्मा गाँधी नरम दल के ।

बे गाँधी जी के विचारों से सहमत नहीं थे । उनका मानना था कि केबल सत्य तथा अहिंसा के रास्ते पर चलकर स्वतन्त्रता प्राप्त नहीं की जा सकती है वरन् हमें अंग्रेजों से अपने अधिकार पाने के लिए लड़ना पड़ेगा और यदि इसके लिए खून की नदियाँ भी बहानी पड़े, तो कोई गलत कार्य नहीं होगा ।

परन्तु बिचारों में मतभेद होते हुए भी वे गाँधी जी का पूर्ण सम्मान करते थे तथा उनके साथ मिलकर काम करते थे । सन् 1929 ई. के ‘नमक कानून तोड़ो आन्दोलन’ का नेतृत्व सुभाष जी ने ही किया था । सन् 1938 तथा 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी चुने गए ।

बाद में नेताजी ने विचार न मिलने के कारण कांग्रेस दल से इस्तीफा दे दिया तथा ‘फॉरबर्ड ल्लॉक’ की स्थापना की, जिसका लक्ष्य ‘पूर्ण स्वराज्य’ तथा हिनू-मुस्तिम एक्ता था । आजाद हिन्द फौज का गठन तथा मृत्यु-सन् 1940 में ब्रिटिश सरकार ने नेताजी को भारत रक्षा कानून के अन्तर्गत गिरफ्तार कर लिया, किन्तु जेल में नेता जी ने आमरण अनशन की घोषणा कर दी ।

तब सरकार ने उन्हें जेल से मुक्त कर घर में ही नजरबन्द कर दिया । एक रात सबकी आँखों में धूल झोंककर एक मौलवी के वेष में आप घर से बाहर निकल आए । वहाँ से वे पहले कलकत्ता तथा फिर पेशावर पहुँच कर । पेशावर में सुभाषचन्द्र, उत्तमचन्द्र नामक व्यक्ति की मदद से एक गूँगे मुसलमान का वेष धारण कर काबुल पहुँच गए और फिर वहाँ से जर्मनी गए ।

जर्मनी में ही आपने ‘आजाद हिन्द फौज’ की नींव रखी । नेता जी का विचार था कि अहिंसक आन्दोलनों से ब्रिटिश सरकार भारत नहीं छोड़ेगी, अपितु हमें तो उन्हें मारकर भगाना होगा । इसी उद्‌देश्य से उन्होंने ‘आजाद हिन्द फौज’ बनाई थी ।

उन्होंने नवयुवकों को देश भक्तिके लिए लड़ना सिखाया । परिणामस्वरूप सैकड़ों नवयुवक ने अपने खून से हस्ताक्षर कर एक पत्र नेताजी को दिया । विश्व के 19 राष्ट्रो ने ‘आजाद हिन्द फौज’ को स्वीकार कर लिया । ‘जय हिन्द’ तथा ‘दिल्ली चलो’ नारी से ‘इम्फाल’ तथा ‘अरामान’ की पहाड़ियों गूँज उठी ।

आजाद हिन्द फौज ने जापान की मदद से मलाया तथा वर्मा के अंग्रेजों को मार गिराया तथा पूर्वोत्तर में भारतभूमि पर तिसौ लहरा दिया, किन्तु द्वितीय विश्बयुद्ध में जापान की हार के कारण आपकी सारी योजनाओं पर पानी फिर गया ।

23 अगस्त, 1945 को टोक्यो रेडियो से यह शोक समाचार प्रकाशित हुआ कि नेता जी एक विमान दुर्धटना में मारे गए । किसी को भी नेता जी का शव नहीं प्राप्त हुआ इसलिए किसी ने भी इस बात पर विश्वास नहीं किया । परिणामत: नेता जी की मृउ आज भी एक रहस्य बनी हुई है ।

सम्पूर्ण विश्व में एकमात्र विश्वास तथा सम्मान के साथ ‘नेताजी’ की उपाधि प्राप्त करने बाले सुभाष चन्द्र बोस की देशभक्ति आज भी हम भारतीयों के लिए प्रेरणा-स्रोत है । आज भी उनके गाए गीत ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’ हमारे कानो में गूँज रहे हैं । बे तो अद्‌भुत व्यक्तित्व के स्वामी थे तभी तो सभी उनकी वाणी के आकर्षण में फँस जाते थे तथा उन्हें अपना आदर्श मानते थे ।

Hindi Nibandh (Essay) # 13

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद पर निबन्ध | Essay on Dr. Rajendra Prasad : India’s First President in Hindi

स्वतन्त्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति का गौरव प्राप्त करने वाले डी. राजेन्द्र प्रसाद सादगी, सत्यनिष्ठा, पवित्रता, योग्यता तथा विद्वता की पूर्ति थे । आपने ही भारतीय ऋषि परम्परा को पुनर्जीवित किया तथा सादगी तथा सरलता के कारण किसान जैसा व्यक्तित्व पाकर भी पहले राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त किया ।

राजेन्द्र बाबू जैसे महान व्यक्ति का जन्म 3 दिसम्बर सन् 1884 ई. को बिहार राज्य के सरना जिले के एक सुप्रतिष्ठित एवं संभ्रान्त कायस्थ परिवार में हुआ था । आपके पूर्वज तत्कालीन हधुआ राज्य के दीवान रह चुके थे ।

आरम्भिक शिक्षा ‘उर्दू’ भाषा में प्राप्त करने के पश्चात् उच्च शिक्षा के लिए आप कोलकाता आ गए । प्रारम्म से अन्त तक आपने प्रत्येक परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की । इसके बाद आप वकालत करने लगे तथा कुछ ही दिनों में आपकी गणना उच्च श्रेणी के उच्चतम वकीलों में की जाने लगी ।

देश प्रेम की भावना-रोलट एक्त से आहत होकर आपका स्वाभिमानी मन देश की स्वतन्त्रता के लिए बेचैन हो उठा तथा गाँधी जी द्वारा चलाए गए ‘असहयोग आन्दोलन’ में भाग लेकर आप देश सेवा में जुट गए । प्रारम्भ में आप राष्ट्रीय नेता गोपाल कृष्ण गोखले से बहुत प्रभावित थे तथा उसके बाद महात्मा गाँधी के व्यक्तित्व की सादगी ने तो जैसे आपको पूर्णरूपेण अपने वश में कर लिया था ।

आपको महान बनाने में इन दोनों महापुरुषों का विशेष योगदान रहा है । सन् 1905 ई. पूना में स्थापित सर्वेण्ट्स ऑफ इण्डिया सोसायटी की ओर आकर्षित होते हुए भी राजेन्द्र बाबू अपनी अन्तः प्रेरणा से गाँधी जी द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों के प्रति समर्पित हो गए तथा आजीवन गाँधी जी द्वारा बताए पथ पर ही चलते रहे ।

राजेन्द्र प्रसाद न केबल बिनम्र तथा विद्वान ही थे, वरन् अपूर्व सूझ-बूझ एवं संगठन शक्ति से सम्पन्न व्यक्ति थे । अपनी लगन एवं दृढ़ इच्छाशक्ति से शीघ्र ही आप गाँधीजी के प्रिय पात्रों के साथ-साथ शीर्षस्थ राजनेताओं में भी महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर चुके थे ।

प्रारम्भ में आपका कार्यक्षेत्र बिहार राज्य रहा । आपने सदैव बिहार के किसानों को उनके उचित अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया । सन् 1934 में बिहार राज्य में आने वाले भूकम्प के कारण उत्पन्न विनाशलीला के मौके पर आपने पूरी लगन तथा कुशलता से पीड़ित जनता को राहत पहुँचाई जिससे पूरा बिहार राज्य आपका अनुयायी बन गया ।

डी. राजेन्द्र प्रसाद अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन के साथ आजीवन जुड़े रहें । उन्होंने सदा ही गाँधी जी का समर्थन किया । एक निष्ठावान कार्यकर्ता एवं उच्चकोटि के राजनेता होने के कारण आप दो बार अखिल भारतीय कांग्रेस दल के सर्वोच्च पद अध्यक्ष पक पर भी निर्वाचित किए गए ।

कांग्रेस के समर्थकों का मत है कि जैसा सौहार्दपूर्ण वातावरण कांग्रेस दल में राजेन्द्र बाबू के समय में था, उससे पहले या बाद में आज तक कभी भी नहीं रहा । आप छोटे बड़े सभी कार्यकर्त्ताओं की समस्या ध्यानपूर्वक सुनते थे तथा उसका समाधान भी निकाल लेते थे ।

राष्ट्रपति पद पर सुशोभित:

लगातार अनगिनत संघर्षों के परिणामस्वरूप सन् 1947 ई. को जब भारतवर्ष स्वतन्त्र हुआ, तब देश का संविधान तैयार करने वाले दल का अध्यक्ष डी. राजेन्द्र प्रसाद को ही चुना गया । भारत का सविधान बन जाने के पश्चात् 26 जनवरी, सन् 1950 को जब उसे लागू और घोषित किया गया, तब उसकी माँग के अनुसार स्वतन्त्र गणतन्त्र का प्रथम राष्ट्रपति बनने का गौरव डी. राजेन्द्र प्रसाद को भी प्राप्त हुआ ।

निःसन्देह आप ही इस पद के लिए सर्वाधिक सक्षम एवं उचित अधिकारी थे । सन् 1957 में पुन: आपने राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया ।

राष्ट्रपति भवन के वैभवपूर्ण वातावरण में रहकर भी आपने अपनी सादगी तथा पवित्रता को कभी भी नहीं छोड़ा । यद्यपि हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित करने जैसे कुछ विषयों पर आपका तत्कालीन प्रधानमन्त्री से कुछ मतभेद भी अवश्य हुआ परन्तु आपने अपने पद की गरिमा को सदैव बनाए रखा ।

दूसरी बार का राष्ट्रपति काल समाप्त कर आप बिहार के ‘सदाकत’ आश्रम में जाकर रहने लगे । सन् 1962 में उत्तर-पूर्वी सीमांचल पर चीनी आक्रमण का सामना करने का उद्‌घोष करने के पश्चात् आप अस्वस्थ रहने लगे तथा आपका देहावसान हो गया । मरणोपरान्त आपको ‘भारत रल’ से विभूषित किया गया । हम भारतीय सदा आपके समक्ष नतमस्तक रहेंगे ।

Hindi Nibandh (Essay) # 14

शहीद भगतसिंह पर निबन्ध | Essay on Bhagat Singh the Martyr in Hindi

भारत माता के स्वतन्त्रता के इतिहास को जिन शहीदों ने अपने रक्त से लिखा है, जिन शूरवीरों के बलिदानों ने भारतीय जनमानस को सर्वाधिक उद्धिग्न किया है, जिन्होंने अपनी रणनीति से साम्राज्यवादियों को लोहे के चने चबवा दिए, जिन्होंने परतन्त्रता की बेड़ियों को चकनाचूर कर स्वतन्त्रता का मार्ग प्रशस्त किया है तथा जिन देश भक्तों पर मातृभूमि को गर्व है, उनमें भगतसिंह का नाम सर्वोपरि है ।

भगतसिंह का जन्म 27 सितम्बर, 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा गाँव (वर्तमान में पाकिस्तान) में हुआ था । आपके पिता सरदार किशनसिंह एवं उनके दो चाचा स्वर्णसिंह तथा अजीत सिंह अंग्रेजों के विरोधी होने के कारण जेल में बन्द थे ।

संयोगवश, जिस दिन भगतसिंह पैदा हुए थे, उसी दिन उनके चाचा जेल से रिहा हो गए थे । इस शुभ घड़ी के मौके पर भगतसिंह के घर में दोहरी खुशी मनाई गई । उसी समय उनकी दादी ने उनका नाम भगत (अच्छे भाग्यवाला) रख दिया था । बाद में अऊाप ‘भगतसिंह’ कहलाने लगे ।

स्कूल के तंग कमरों में बैठना आपको अच्छा नहीं लगता था । आप कक्षा छोड्‌कर खुले मैदानों में घूमने निकल पड़ते थे तथा आजादी चाहते थे । प्रारम्भिक शिक्षा समाप्त करने के पश्चात् भगतसिंह को 1916 में लाहौर के डी.ए.वी. स्कूल में भरती करा दिया गया । वहाँ आप लाला लाजपतराय तथा सूफी अम्बा प्रसाद जैसे देशभक्तों के सम्पर्क में आए ।

देशभक्ति की भावना:

एक देशभक्त परिवार में जन्म लेने के कारण भगतसिंह को देशभक्ति तथा स्वतन्त्रता का पाठ विरासत में मिला था । 3 अप्रैल 1919 में ‘रोलट एक्ट’ के विरोध में सम्पूर्ण भारत में प्रदर्शन हो रहे थे तथा इन्हीं दिनों जलियाँबाला बाग काण्ड भी हुआ ।

इनका समाचार सुन भगतसिंह लाहौर से अमृतसर पहुंचे । वहाँ उन्होंने शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की तथा रक्त से भीगी मिट्टी को एक बोतल में रख लिया जिससे सदा यह बात स्मरण रहे कि उन्हें अपने देश तथा देशवासियों के अपमान का बदला लेना है ।

1920 के ‘असहयोग आन्दोलन’ से प्रभावित होकर 1921 में आपने ष्फ छोड़ दिया । उसी समय लाला लाजपतराय ने लाहौर में ‘नेशनल कॉलेज’ की स्थापना की थी । भगतसिंह ने भी इसी कॉलेज में प्रवेश ले लिया । वहाँ आप यशपाल, सुखदेव, तीर्थराम आदि क्रान्तिकारियों के सम्पर्क में आए ।

सन् 1928 को ‘साईमन कमीशन’ का विरोध करने के लिए लाला लाजपतराय के नेतृत्व में एक जुलूस कमीशन का विरोध शान्तिपूर्वक कर रहा था । किन्तु यह विरोध अंग्रेजों से सहन नहीं हुआ और उन्होंने लाठी चार्ज करवा दिया ।

इस लाठी चार्ज में लालपतराय घायल हो गए तथा 17 नवम्बर, 1928 को लालाजी चल बसे । यह सब देखकर भगतसिंह के मन में विद्रोह की ज्वाला और भी तीब्र हो गई । लालाजी की हत्या का बदला लेने के लिए हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपत्विकन एसोसिएशन ने भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, जय गोपाल तथा आजाद को यह कार्य सौंपा । इन क्रान्तिकारियों ने साठडर्स को मारकर लालाजी की मौत का बदला लिया तथा इस घटना से भगतसिंह और भी अधिक लोकप्रिय हो गए ।

हिन्दुस्तान समाजवादी गणतन्त्र संघ की केन्द्रीय कार्यकारिणी की सभा में पन्तिक ‘सेफ्टी बिल’ तथा ‘डिज्ब बिल’ पर चर्चा हुई । इसका विरोध करने के लिए भगतसिंह ने केन्द्रीय असेम्बली में बम फेंकने का प्रस्ताव रखा । इस कार्य को करने के लिए भगतसिंह अड गए कि यह कार्य वह स्वयं करेंगे, हालांकि आजाद इसके विरुद्ध थे ।

इस कार्य में ‘बटुकेश्वर दत्त’ ने भगतसिंह का साथ दिया । 12 जून, 1929 को सेशन जज ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 307 के अन्तर्गत उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई । इन दोनों देशभक्तों ने सेशन जज के निर्णय के विरुद्ध लाहौर हाईकोर्ट में भी अपील की । यहाँ भगतसिंह ने भाषण दिया, परन्तु हाईकोर्ट के सेशन जज ने भी उनकी सजा को मान्यता दी ।

आजाद ने भगतसिंह को छाने की पूरी कोशिश की । तीन महीनों तक अदालत की कार्यवाही चलती रही । अदालत ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 129 के अन्तर्गत उन्हें अपराधी घोषित करते हुए 7 अक्तूबर सन् 1930 को 68 पृष्ठीय निर्णय दिया, जिसमें भगतसिंह, सुखदेव तथा राजगुरु को फाँसी की सजा सुनाई गई ।

इस निर्णय के विरुद्ध नवम्बर 1930 में प्रिवी परिषद् में अपील भी की गई, परन्तु यह अपील 10 जनवरी, 1931 को रह कर दी गई । फाँसी की सजा-फाँसी का समय प्रातः काल 24 मार्च, 1931 को निश्चित हुआ था पर सरकार ने प्रातःकाल के स्थान पर संध्या समय तीनों देशभक्त क्रान्तिकारियों को एक साथ फाँसी देने का निर्णय लिया ।

फाँसी लगाने से पूर्व जेल अधीक्षक ने भगत सिंह से कहा, ”सरदार जी । फाँसी का समय हो गया है , आप तैयार हो जाइए ।” उस समय भगतसिंह लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे । वे बोले, “ठहरो । एच्छ क्रान्तिकारी दूसरे क्रान्तिकारी से मिल रहा है” और वे जेल अधीक्षक के साथ चल पड़े ।

जब सुखदेव तथा राजगुरु को भी फाँसी स्थल पर लाया गया तो तीनों ने अपनी आएँ एक दूसरे के साथ बाँध दी । तीनों एक साथ गुनगुनाए-

”दिल से निकलेगी, नमस्कार भी वतनकी उलफत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू-एवतन आएगी ।”

Hindi Nibandh (Essay) # 15

डा. भीमराव अम्बेडकर पर निबन्ध | Essay on Dr. Bhimrao Ambedkar in Hindi

समाज के नियम कानून सभी कुछ परिवर्तनशील होता है । इन परिवर्तनों में कुछ परिवर्तन ऐसे भी होते हैं, जो इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में अंकित हो जाते हैं । समाज में ये परिवर्तन हमारे महापुरुष ही ला पाते हैं । इस प्रकार की महान विभूतियों में डी. भीमराव अम्बेडकर का नाम सर्वोपरि है ।

तभी तो उन्हें अपनी योग्यता तथा सक्रिय कार्यशक्ति के आधार पर उनकी जन्म शताब्दी पर सन् 1990 में ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया गया था । डी. भीमराव अम्बेडकर आधुनिक भारतवर्ष के प्रमुख विधिवेता राष्ट्रीय नेता तथा महान समाज-सुधारक थे । वे मानब-जाति की सेवा करना ही अपना परम लक्ष्य मानते थे क्योंकि दलितों, शोषितों तथा पीडितों की दर्दनाक आवाज उन्हें बेचैन कर देती थी ।

डी. भीमराव अम्बेडकर का जन्म महाराष्ट्र के महूं छावनी में 14 अप्रैल सन् 1891 ई. को अनुसूचित जाति के एक निर्धन परिवार में हुआ था । आपका बचपन का नाम ‘भीम सकपाल’ था तथा आप अपने माता-पिता की चौदहवीं सन्तान थे । आपके पिता श्री राम जी मौलाजी सैनिक स्कूल में प्रधानाध्यपक थे ।

उन्हें गणित, अंग्रेजी तथा मराठी आदि का अच्छा ज्ञान प्राप्त था । आपके घर का वातावरण धार्मिक था । आपकी माताजी का नाम श्रीमती भीमाबाई था । बचपन में भीमराव बहुत ही तार्किक तथा शरारती स्वभाव वाले बालक थे, किन्तु पढ़ाई में भी आप बहुत मेधावी थे ।

आपने 1907 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की और उसी वर्ष आपका विवाह ‘रामबाई’ के साथ हो गया । सन् 1912 ई. में आपने स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की उसके पश्चात् जब आपको बड़ौदा नरेश से आर्थिक सहायता मिलने लगी तो सन् 1913 में उच्च शिक्षा प्राप्त करने न्यूयार्क चले गए ।

इसके पश्चात् लन्दन, अमेरिका, जर्मनी आदि में रहकर भी आपने अध्ययन किया । सन् 1923 ई. तक आप एमए, पी.एच.डी. तथा बैरिस्टर बार एट ली बन चुके थे । इसके अतिरिक्त आपने अर्थशास्त्र, कानून तथा राजनीति शास्त्र का गहन अध्ययन किया था ।

सामाजिक कार्य :

डी भीमराव अम्बेडकर ने बचपन से ही जातिगत असमानता तथा ख्याछूत को अपनी आँखों से देखा था, इसलिए उनके मन में एक विद्रोह भावना ने जन्म ले लिया था । 1923 से 1931 तक का समय डी. भीमराव के लिए संघर्ष एवं सामाजिक अभुदय का समय था । वे तो दलित वर्गका उद्धार करने वाले प्रथम नेता थे । दलितों में अपना विश्वास पैदा करने के लिए आपने ‘मूक’ नामक पत्रिका का प्रकाशन किया, जिससे दलितों का बिश्वास डी. अम्बेडकर के प्रति जागने लगा ।

आपने ‘गोलमेज’ सम्मेलन लन्दन में भाग लेकर पिछड़ी जातियों के लिए अलग चुनाव पद्धति तथा कुछ विशेष माँगे अंग्रेजी शासकों से स्वीकार करवायी । आप तो सदा ही दलितों से यह अनुरोध करते थे- ”शिक्षित बनकर संघर्ष करो तथा संगठित होकर कार्य कसे ।”

यह सब वे इसलिए कहते थे क्योंकि वे सदा सोचते थे कि जब उन जैसे पड़े लिखे लोगों को भी दलित जाति के नाम पर इतना अपमान सहना पड़ता है तो फिर अनपढ़ लोगों को क्या-क्या नहीं सहना पड़ेगा । 27 मई, 1935 ई. में आपकी धर्मपली रामबाई का स्वर्गवास हो गया, जिसने आपको अन्दर तक झकझोर दिया ।

बिधिवेता तथा संविधान निर्माता-स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पं. जवाहरलाल नेहरू की मुलाकात डी. भीमराव अम्बेडकर से हुई । उन्होंने 3 अगस्त, 1947 को उन्हें स्वतन्त्र भारत के प्रथम मन्त्रिमंडल में विधिमन्त्री के रूप में नियुक्त कर लिया तथा 21 अगस्त, 1947 को भारत की संविधान प्रारूप समिति का अध्यक्ष चयनित किया गया ।

डी. अम्बेडकर की अध्यक्षता में ही भारत के लोकतान्त्रिक, धर्म निरपेक्ष एवं समाजवादी संविधान की रचना हुई थी, जिसमें प्रत्येक मनुष्य के मौलिक अधिकारों एवं कर्त्तव्यों की सुरक्षा की गई 126 जनवरी, 1950 को भारत का वह संविधान राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया ।

बौद्ध धर्म एवं डा. अम्बेडकर:

3 अकतुबर, सन् 1935 को डी. भीमराव ने अपने धर्मान्तरण की घोषणा की तथा बौद्ध धर्म अपना लिया । उन्होंने दलितों तथा श्रमिकों में नवीन चेतना जाग्रत करने तथा उन्हें सुसंगठित करने के लिए अगस्त, 1936 में स्वतन्त्र मजदूर दल की स्थापना की थी ।

वे प्रत्येक दलित को शिक्षित एवं जागरुक बनाना चाहते थे क्योंकि वे जानते थे कि शिक्षित किए बिना उनमें जाति लाना असम्भव है । 20 जून, 1946 को आपने सिद्धार्थ महाविद्यालय की स्थापना की । दिसम्बर, 1954 में डी अम्बेडकर विश्व बौद्ध परिषद में हिस्सा लेने ‘रंगून’ गए तथा बौद्ध धर्म के नेता के रूप में ‘नेपाल भी गए । 14 अक्तुबर, सन् 1956 को डी. अम्बेडकर ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ले ली । आपने भगवान बुद्ध तथा उनका धर्थ नामक ग्रन्ध की भी रचना की जिसका समापन दिसम्बर, 1956 में हुआ ।

तत्कालीन समाज:

डा. अम्बेडकर का जन्म उस वर्ग में हुआ था जिसे अइन्धविस्वार्सी के कारण हिन्दू समाज में निम्न वर्गीय माना जाता था । इसके लिए हरिजनों को पग-पग पर अपमानित किया जाता था । दलित वर्ग का व्यक्ति चाहे शिक्षित हो या अनपढ़, उसे अछूत ही समझा जाता था ।

उसे कोई छू ले तो वह तुरन्त स्नान करता था । धार्मिक स्थानों पर उनका आना-जाना वर्जित था । परन्तु डा. अम्बेडकर जैसा जागरुक व्यक्ति इस सामाजिक भेदभाव, विषमता तथा निन्दा से भी झुका नहीं । उन्होंने तो स्वयं को इतना शिक्षित बनाया कि वे किसी भी व्यक्ति का सामना निडर होकर कर सके ।

डा. भीमराव अम्बेडकर जैसा दलितों का मसीहा 6 दिसम्बर, 1956 को इस संसार से चला गया । सन् 1990 में देश के प्रत्येक कोने में उनकी जन्म शताब्दी पर अनेक समारोह किए गए तथा उन्हें मरणोपरांत ‘भारत-रत्न’ से विभूषित किया गया ।

युग को परिवर्तित कर देने वाले ऐसे महापुरुष यदा-कदा ही जन्म लेते हैं जो मरकर भी लोगों के हृदयों में जीवित रहते हैं । हम सब भारतीयों का यह कर्त्तव्य है कि हम डी. भीमराव अम्बेडकर के बताए पथ पर चले तथा छुआछूत, जाति-प्रथा आदि के भेदभाव को भूलकर मैत्रीभाव अपनाएँ ।

Hindi Nibandh (Essay) # 16

कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर पर निबन्ध | Essay on Great Poet Rabindranath Tagore in Hindi

कवीन्द्र रवीन्द्रनाथ टैगोर भारत माता की गोद में जन्म लेने वाले उन महान व्यक्तियों में गिने जाते हैं, जिन्हें अपनी साहित्यिक सेवाओं के लिए विश्व का सर्वाधिक चर्चित ‘नोबेल पुरस्कार’ प्राप्त हुआ था ।

रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म भारत में अवश्य हुआ था, परन्तु उन्होंने स्वयं को किसी एक देश की सीमा में नहीं बँधने दिया । वे तो विश्वैव सुश्वकर के सिद्धान्त के अनुयायी थे । वे प्रत्येक जीक में उसी परमात्मा के अंश को विद्यमान देखते थे, जो उनमें है ।

उनके लिए न कोई मित्र था, न शत्रु, न कोई अपना था, न पराया । वे तो अच्छाई से प्यार करते थे और सभी को समान दृष्टि से देखते थे । तभी तो लोग उन्हें श्रद्धावश ‘गुरुदेव’ कहकर पुकारते थे । जन्मन्दरिचय एवं शिक्षा-इस महान आत्मा का प्रादुर्भाव 7 मई, 1861 को कलकत्ता में देवेन्द्रनाथ ठाकुर के यहाँ हुआ था ।

इनके पिताश्री बेहद धार्मिक एवं समाजसेवी प्रवृत्ति के व्यक्ति थे । इनके दादा जी द्वारिकानाथ राजा के उपाधिकारी थे । जब आप मात्र 14 वर्ष के थे, तभी आपकी माता जी का निधन हो गया था । रवीन्द्रनाथ बँधी-बँधाई शिक्षा पद्धति के विरुद्धे थे ।

यही कारण था कि जब बाल्यावस्था में उन्हें स्कूल भेजा गया तो हर बार श्व में मन न लगने के कारण स्कूल छोड़कर आ गए । घरवाले यह सोचकर निराश रहने लगे कि शायद यह बालक अनपढ़ ही रह जाएगा । परन्तु नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था कि जो बालक स्कूली शिक्षा में मन न लगा सका, वह उच्चकोटि का अध्ययनशील हो ।

वे ज्ञानप्राप्ति के लिए खूब स्वाध्याय करते थे । उन्हें अखाड़े में पहलवानी करना तथा बंग्ला, संस्कृत, इतिहास, भूगोल, विज्ञान की पुस्तकों का स्वयं अध्ययन करना तथा संगीत एवं चित्रकला में विशेष रुचि थी । उन्होंने अंग्रेजी का विशेष अध्ययन किया । स्वाध्याय के लिए वे 11 बार विदेश गए ।

पहली बार 17 वर्ष की आयु में इंग्लैण्ड गए तथा वहाँ रहकर उन्होंने कुछ समय तक यूनीवर्सिटी कॉलेज लन्दन में ‘हेनरी मार्ले’ से अंग्रेजी साहित्य का ज्ञान अर्जित किया । उन्होंने अपने अनुभव के सम्बन्ध में जो पत्र लिखे, उन्हें उन्होंने यूरोप प्रवासेर पत्र के नाम से प्रकाशित किया ।

एक बार वे अपने पिता के साथ हिमालय की यात्रा पर भी गए जहाँ उन्होंने अपने पिता जी से संस्कृत, ज्योतिष, अंग्रेजी तथा गणित का ज्ञान प्राप्त किया । संगीत की शिक्षा उन्होंने अपने भाई ज्योतिन्द्रनाथ’ से प्राप्त की थी ।

वैवाहिक जीवन-सन् 1883 ई. में जब रवीन्द्रनाथ जी 22 वर्ष के थे, तो उनका विवाह एक शिक्षित महिला मृणालिनी के साथ हुआ । मृणालिनी सदैव उनके कार्यों में सहयोग देती थी । उनके पाँच बच्चे-हुए, परन्तु दुर्भागयवश 1902 में उनकी पत्नी का देहान्त हो गया ।

1903 और 1907 के मध्य उनकी बेटी शम्मी तथा पिता भी उन्हें छोड्‌कर चल बसे । इस दुख ने रवीन्द्रनाथ ठाकुर को अन्दर तक झकझोर दिया । उनका सबसे छोटा स्मैं समीन्द्रनाथ की भी अल्पायु में मृत्यु हो गई थी । सन् 1910 में अमेरिका से लौटने पर वे स्वयं को एकदम अकेला महसूस कर रहे थे, तभी उन्होंने प्रतिमा देवी नामक एक प्रौढ़ महिला से विवाह कर लिया ।

पूरे परिवार में पहली बार किसी ने सामाजिक परम्पराओं को तोड़कर एक विधवा नारी से विवाह करने का साहस्र किया था । तभी से रवीन्द्रनाथ सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के कार्यों में जुट गए ।

महत्त्वपूर्ण रचनाएँ:

ठाकुर साहब का साहित्य सृजन तो बाल्यकाल से ही आरम्भ हो गया था । उनकी सर्वप्रथम कविता सन् 1874 में तत्त्वभूमि पत्रिका में प्रकाशित हुई थी । वे नाटकों में अभिनय भी किया करते थे । उनकी प्रमुख रचनाएँ ये हैं:

1 . कहानी संग्रह:

‘गल्प समूह’ (सात भागों मे), ‘गल्प गुच्छ’ (तीन भागों में) । इसके अतिरिक्त काबुलीवाला, दृष्टिदान, पोस्ट मास्टर, अन्धेरी कहाँ, छात्र परीक्षा, अनोखी चाह, डाक्टरी, पत्नी का पत्र आदि भी कुछ प्रसिद्ध कहानियाँ हैं ।

2. नाटक साहित्य:

‘चित्रांगदा, वाल्मीकि प्रतिभा, विसर्जन मायेरखेला, श्यामा, पूजा, रक्तखी, अचलायतन, फाल्गुनी, राजाओं रानी, शारदोत्सव, राजा आदि कुछ प्रसिद्ध नाटक हैं ।

3. काव्य संग्रह:

कडिओ कोमल प्रभात संगीत, संध्या संगीत, मानसी, चित्रा नैवेध, बनफूल कविकाहिनी, छवि ओगान, गीतांजलि इत्यादि ।

4. उपन्यास साहित्य:

नौका डूबी, करुणा (चार अध्याय), गोरा, चोखेर वाली (आँख की किरकिरी) ।

‘ सर’ की उपाधि से उलंकृत :

रवीन्द्रनाथ टैगोर की साहित्यिक प्रतिभा से कोई भी अनजान नहीं । उनकी इसी प्रतिभा को ध्यान में रखकर ‘बंगीय साहित्य परिषद’ ने उनका अभिनन्दन किया था । इसी बीच टैगोर ने अपनी प्रमुख कृति गतिघ्रलि का भी अंग्रेजी में अनुवाद कर दिया ताकि यह महान रचना अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान पा सके ।

‘गीतांजलि’ के अंग्रेजी में अनुवाद होने पर अंग्रेजी साहित्य मण्डल में एक सनसनी फैल गई । स्वीडिश अकादमी ने सर 1913 में ‘गीतांजली’ को ‘नोबल पुरस्कार’ के लिए चयनित किया । रवीन्द्रनाथ टैगोर की ख्याति ब्रिटिश सम्राट पंचम जार्ज तक पहुँच चुकी थी इसीलिए सम्राट ने टैगोर साहब को सर की उपाधि से सम्मानित किया ।

इसके कुछ समय पश्चात् अंग्रेजों की कूरता का प्रमाण जलियाबाला बाग हत्याकांड के रूप में सामने आया । रवीन्द्रनाथ जैसा संवेदनशील तथा साहित्यिक व्यक्तित्व वाला व्यक्ति भला इस दुखद घटना से अछूता कैसे रह पाता इसलिए बहुत दुखी मन से रवीन्द्रनाथ ने अंग्रेजों की दी हुई ‘सर’ की उपाधि उन्हें वापिस कर दी ।

दुर्भाग्यवश 7 अगस्त 1941 को यह साहित्यिक आत्मा हमें सदा के लिए छोड़कर चली गई । हर भारतीय को बहुत क्षति हुई । निःसन्देह रवीन्द्रनाथ टैगोर अपने समय के साहित्य के जनक थे । वे सदैव भारतवासियों को अपनी उच्चकोटि की रचनाओं द्वारा प्रेरित करते रहेंगे ।

Hindi Nibandh (Essay) # 17

स्वामी विवेकानन्द पर निबन्ध | Essay on Swami Vivekananda in Hindi

भारतभूमि योगियों, ऋषियों, मुनियों तथा त्यागियों की भूमि है, तभी तो हमारे देश की धरती का गौरव सर्वत्र हैं । महापुरुषों का उदय अपने देश को ही गौरान्वित नहीं करता, अपितु पूरे विश्व को अपने प्रकाश से प्रकाशवान कर देता है । देश को प्रतिष्ठा के शिखर पर पहुँचाने वाले महापुरुषों में स्वामी विवेकानन्द का नाम बड़े आदर से लिया जाता है ।

स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 फरवरी सन् 1863 ई. को कलकत्ता में हुआ था । आपके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था । आपके पिता श्री विश्वनाथ दत्त, पाश्चात्य सभ्यता तथा संस्कृति के पुजारी थे । आपकी माता श्रीमती भुवनेश्वरी देवी संस्कारवान महिला थी, जिनका प्रभाव किशोर नरेन्द्रनाथ दत्त पर पड़ा था ।

स्वामी विवेकानन्द बचपन से ही प्रतिभाशाली तथा विबेकी थे । आपको पाँच वर्ष की आयु में अध्ययनार्थ मेट्रोपोलिटन इप्सीट्‌यूट विद्यालय भेजा गया, लेकिन पढ़ाई में अधिक रुचि न होने के कारण बालक नरेन्द्रनाथ का अधिकतर समय खेलने-कूदने में ही बीतता था ।

सन् 1879 में आपने ‘जनरल असेम्बली कॉलेज’ में प्रवेश लिया । व्यक्तित्व की विशेषताएँ-स्वामी जी पर अपने पिता के पश्चिमी संस्काद्यें का प्रभाव न पड़कर अपनी माता के धार्मिक आचार-विचारों का प्रभाव पड़ा था । यही कारण था कि स्वामी जी अपने आरम्भिक जीवन से ही धार्मिक प्रवृत्ति में ढलते गए तथा धर्म के प्रति आश्वस्त होते रहे । उनका जिज्ञासु मन सदैव ही ईश्वरीय ज्ञान की खोज में लगा रहता था ।

जब उनकी जिज्ञासा का प्रवाह अति तीव्र हो गया, तो वे अपने अशांत मन की शान्ति के लिए तत्कालीन सन्त रामकृष्ण परमहंस की छत्रछाया में चले गये । परमहंस जी पहली दृष्टि में ही विवेकानन्द की योग्यता और कार्यक्षमता को पहचान गए तथा उनसे बोले , ”तू कोई साधारण मानव नहीं है । ईश्वर ने तुझे समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए ही इस धरती पर भेजा है । ”

नरेन्द्रनाथ भी स्वामी परमहंस जी के उत्साहवर्द्धक भाषण से बहुत प्रभावित हुए तथा उनकी आज्ञा का पालन करना अपना परम कर्त्तव्य समझने लगे ।

पिताजी की मृत्यु के पश्चात् विवेकानन्द घर:

गृहस्थी को छोड़कर संन्यास लेना चाहते थे, किन्तु स्वामी परमहंस ने उन्हें समझाते हुए कहा, ”नरेन्द्र तू भी स्वार्थी मनुष्यों की भांति केवल अपनी मुक्ति की कामना करते हुए संन्यास चाहता है । संसार तो दुखी इन्सानों से भरा पड़ा है ।

उनका दुख दूर करने यदि तेरे जैसा व्यक्ति नहीं जाएगा, तो और कौन जाएगा । इसलिए निराशा से बाहर निकलकर मानव-जाति के कल्याण के बारे में सोचना तेरा कर्त्तव्य है ।” इन उपदेशों का नरेन्द्र के मन पर गहरा प्रभाव पड़ा तथा उन्होंने मानव-जाति को यह उपदेश दिया- ”संन्यास का वास्तविक अर्थ मुक्त होकर लोक सेवा करना है । अपने ही मोक्ष की चिन्ता करने वाला संन्यासी स्वार्थी होता हे । साधारण संन्यासियों की भांति एकान्त में केवल चिन्तन करते रहना जीवन नष्ट करना है । ईस्वर के साक्षात दर्शन तो मानव सेवा द्वारा ही हो सकते हैं । ”

नरेन्द्रनाथ ने स्वामी परमहंस जी की मृत्यु के उपरान्त शास्त्रों का विधिवत् गहन अध्ययन किया तथा ज्ञानोपदेश तथा ज्ञान प्रचारार्थ अमेरिका, ब्रिटेन आदि अनेक देशों का भ्रमण भी किया । सन् 1881 में नरेन्द्रनाथ संन्यास ग्रहण करके स्वामी विवेकानन्द बन गए ।

31 मई सन् 1883 में अमेरिका के शिकागो शहर में हुए सर्वधर्म सम्मेलन में आपने भी भाग लिया तथा अपनी अद्‌भुत विवेक क्षमता से सबको चकित कर दिया । 11 सितम्बर सन् 1883 को आरम्भ हुए इस सम्मेलन में जब आपने सभी धर्माचार्यो को भाइयों तथा बहनों कह कर सम्बोधित किया तो वहाँ उपस्थित सभी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से आपका जोरदार स्वागत किया ।

वहाँ पर स्वामी जी ने कहा- “पूरे विश्व का एक ही धर्म है-मानव धर्म । इसके प्रतिनिधि विश्व में समय-समय पर परमहंस, रहीम, राम, क्राइस्ट आदि नामों से जाने जाते रहे हैं । जब ये ईश्वरीय ह मानव धर्म के संदेशवाहक बनकर धरती पर अवतरित है ? तो आज पूरा संसार अलग-अलग धर्मो में विभक्त कयों है ? धर्म का उद्‌गम तो प्राणी मात्र की शान्ति के लिए हुआ है, परशु आज चारों ओर अशान्ति के बादल मँडरा रहे हैं । अत: आज विश्व शान्ति के लिए सभी को मिलकर मानव-धर्म स्थापना कर उसे सुदृढ़ करने का प्रयत्न करना चाहिए ।”

स्वामी जी के इन व्याख्यानों से पूरा पश्चिमी विश्व अचम्भित भी हुआ तथा प्रभावित भी हुआ । इसके पश्चात् अमेरिकी धर्म संस्थानों ने स्वामी जी को कई बार अपने यहाँ आमन्त्रित किया । परिणामस्वरूप वहाँ अनेक स्थानों पर वेदान्त प्रचारार्थ संस्थान भी खुलते गए ।

आज इंग्लैण्ड, फ्रांस, जर्मनी, जापान आदि अनेक शहरों में वेदान्त प्रचारार्थ संस्थान निर्मित हैं । स्वामी विवेकानन्द ने अनेक आध्यात्मिक तथा धार्मिक ग्रन्धों की रचना की है, जो आठ भागों में संकलित है । जीवन के अन्तिम क्षणों में आप ‘बेलूर मठ’ में रहने लगे थे । आपका देहावसान 5 जुलाई, 1908 को रात 9 बजे हुआ था ।

आज भी स्वामी जी के दिए उपदेश हर किसी को याद हैं- ”भारत का जीवन उनकी आध्यात्मिकता में अन्तर्निहित है । बाकी समस्त प्रश्न इसी के साथ जुड़े हैं । भारत की मुक्ति सेवा तथा त्याग द्वारा ही सम्भव है । दरीदों की उपेक्षा करना राष्ट्रीय पाप है तथा यही पतन का कारण है । ईश्वर तो इन दलितों में ही बसता है इसलिए ईश्वर के बदले इन्हीं की सेवा करना हमास राष्ट्रीय धर्म है ।”

स्वामी विवेकानन्द इस देश की वह ज्योति है जो अनन्तकाल तक भारतीयों को प्रकाशवान करती रहेगी । स्वामी जी कहे ये शब्द- ‘उठो, जागो और अपने लस्थ प्राप्ति से पहले मत रुको ‘, आज भी अकर्मण्य मानव को पुरुषार्थी बनाने में सक्षम है ।

Hindi Nibandh (Essay) # 18

गुरू नानक देव पर निबन्ध | Essay on Guru Nanak Dev in Hindi

संसार भर में समय-समय पर अनेक साहसी, वीर तथा मानवता की उखड़ती हुई जड़ों को पुर्नस्थापित करने वाले महापुरुषों ने जन्म लिया है । ऐसे विरले महापुरुषों में गुरु नानक देव का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान है । गुरु नानक जी का मत था कि न मैं हिन्दू हूँ और न ही मुसलमान । मैं तो पाँच तत्त्वों के मेल से बना मनुष्य मात्र हूँ और मेरा नाम नानक है ।

जन्म तथा वंश परिचय:

चमत्कारी महापुरुषों एवं महान् धर्म प्रवर्त्तकों में अपना प्रमुख स्थान रखने वाले सिख धर्म के प्रवर्त्तक गुरुनानक देव का जन्म कार्तिक पूर्णिया संवत् 1526 को लाहौर जिले के ‘तलवंडी’ नामक ग्राम में हुआ था, जो आजकल ‘ननकाना साहब’ के नाम से जाना जाता है ।

यह स्थान पाकिस्तान में लाहौर से लगभग ख मील दूर स्थित है । आपके पिता श्री कालूचन्द वेदी तलबंदी के पटवारी थे । आपकी माता श्रीमती तृप्ता एक बेहद साध्वी, दयातु, शान्त तथा कर्त्तव्यपराण प्रकृति की महिला थी । माता-पिता ने उन्हें शिक्षा-दीक्षा के लिए गोपाल पण्डित की पाठशाला में भेजा ।

बचपन से ही आप अत्यन्त कुशाग्र बुद्धि बालक थे । आप एकान्त प्रिय तथा मननशील बालक थे । यही कारण था कि आपका मन शिक्षा या खेलकूद से कही अधिक आध्यात्मिक विषयों की ओर लगता था । तभी तो वे पण्डित गोपाल जी से मिलने पर पूछ बैठे, ”आप मुझे क्या पढ़ायेगें?” पण्डित जी ने कहा, ”गणित या हिन्दी” । इस पर गुरुनानक ने कहा, ”गुरु जी, मुझे तो करतार का नाम पढ़ाइने , इनमें मेरी रुख नहीं है ।” इस प्रकार ये बड़े ही तेजस्वी तथा असांसारिक व्यक्ति के रूप में सामने आए लेकिन उनकी इस वैराग्य भावना से उनके माता-पिता चिन्तित रहते थे ।

सच्चा सौदा-एक बार उनके पिता जी ने धन लेकर कार्य व्यापार करने के लिए उन्हें शहर भेजा, परन्तु गुरु नानक ने वह सारा धन साधुओं की एक टोली के भोजन-पानी पर खर्च कर दिया और पिताजी के पूछने पर घर आकर कह दिया कि वह ‘सच्चा सौदा’ कर आए हैं । उनके पिता ने इस बात पर बहुत क्रोध किया परन्तु गुरुनानक की दृष्टि में तो दूसरों की सेवा ही सच्चा व्यापार था ।

इसके पश्चात् उनके पिता ने उन्हें बहन नानक के पास नौकरी करने भेज दिया । वहीं पर उनके जीजा ने नानक को नवाव दौलत खाँ के गोदाम में नौकरी दिलवा दी । वहाँ पर भी नानक ने गोदाम में रखा सारा अनाज दीन-दुखियों तथा साधुओं में वितरित करवा दिया ।

गृहस्थ जीवन एवं धर्म-प्रचार:

जब नानक के माता-पिता उनकी आदतों से परेशान रहने लगे तो उन्होंने नानक को घर गृहस्थी के जाल में बाँधने के लिए उनका विवाह करवा दिया । उनके दो पुत्र श्री चन्द्र तथा लक्ष्मी चन्द्र हुए परन्तु पली तथा पुत्रों का मोह भी उन्हें अपने जाल में नहीं फँसा पाया ।

एक दिन आप घर छोड़कर जंगल की ओर चले गए तथा लापता हो गए । वहाँ पर लौटने पर लोगों ने देखा कि नानक के मुँह के चारों ओर प्रकाश चमक रहा है । ऐसा मत है की इसी दिन गुरुनानक का ईश्वर से साक्षात्कार हुआ था । आगे जाकर उन्होंने ‘बाला’ व ‘मरदाना’ नामक शिष्यों के साथ सारे भारत का भ्रमण किया ।

जगह-जगह पर साधु सन्तों से ज्ञान की बातें की तथा जन साधारण को अमृतवाणी का सन्देश दिया । भ्रमण करते समय आपने जगह-जगह धर्मशालाएं बनवाई । आज भी प्रयाग, बनारस, रामेश्वरम् आदि में निर्मित धर्मशालाएँ इस बात का प्रमाण प्रस्तुत करती हैं । गुरुनानक देव के अमृत उपदेश ‘गुरु ग्रन्य साहब’ में संकलित हैं ।

उपदेश एवं यात्राएँ:

सर्वप्रथम गुरुनानक ने पंजाब का भ्रमण किया । वे उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम चारों दिशाओं में घूमते रहे । वे इन यात्राओं के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करना चाहते थे तथा लोगों को सुधारना भी चाहते थे । एक बार वे हरिद्वार की यात्रा पर गए जहाँ के अन्धविश्वासों का उन्होंने बलपूर्वक खण्डन किया ।

उत्तर भारत के सभी नगरों का भ्रमण कर वे रामेश्वरम् तथा सिंहल द्वीप तक पहुँचे, जिसे आज लंका कहते हैं । दक्षिण भारत से लौटकर आपने हिमालय प्रदेश का भी भ्रमण किया । टेहरी, गढ़वाल, हेमकूट, सिक्किम, भूटान तथा तिब्बत तक की यात्राएं भी आपने धर्म प्रचार के लिए की । यात्राएँ करते-करते एक बार वे मुसलमानों के तीर्थ स्थान ‘मक्का-मदीना’ तक पहुंच गए । इस बीच उनकी ख्याति सब ओर फैलने लगी तथा उनके शिष्यों की संख्या भी बढ़ने लगी ।

जीवन भर भ्रमण करते हुए तथा विभिन्न धर्मावलम्बियों के संसर्ग में रहते हुए आपने यह जान लिया था कि बाहर से चाहें सभी धर्मों का स्वरूप भिन्न-भिन्न हो, अलग-अलग नामों वाले देवी-देवता हो, परन्तु सभी धर्मों का सार एक ही है । सभी धर्म सेवा, त्याग, सच्चरित्रता तथा ईश्वर की अपार भक्ति की शिक्षा देते हैं ।

कोई भी धर्म हमें मिथ्याचार, आडम्बर या संकीर्णता नहीं सिखाता । ये तो मानव मात्र की पैदा की गई कुरीतियाँ हैं, जिन्हें हम अपने-अपने धर्म के साथ जोड़कर दूसरे धर्म के लोगों को नुकसान पहुँचाते हैं । गुरुनानक का कहना था कि पाखण्ड को छोड़कर, आडम्बर से दूर भाग कर तथा भगवान से सच्ची लगन लगाकर ही शान्ति प्राप्त हो सकती है ।

भारतवासी उन्हें ‘हिन्द का पीर’ कहते थे । भ्रमण करते हुए जब नानक बगदाद से अपने देश पहुँचे तो उन्होंने पंजाब में ‘करतारपुर’ गाँव बसाया । सन् 1538 ई. में 70 वर्ष की आयु में गुरुनानक देव की मृत्यु हो गई । यूँ तो गुरु नानक देव की शिक्षा विविध प्रकार की है, फिर भी उनकी मुख्य शिक्षा यह थी हमें प्रत्येक परिस्थिति में ईश्वर का स्मरण करते रहना चाहिए ।

अहंकार को पालने से ही सांसारिकता पैदा होती है तथा मानव मोह-माया के जाल में फँसता है । परिश्रम करके रोटी कमाना तथा दूसरों की सच्ची निस्वार्थ सेवा करना ही असली तप है ।

Hindi Nibandh (Essay) # 19

महावीर स्वामी पर निबन्ध | Essay on Mahavir Swami in Hindi

धर्म प्रधान वसुधा भारत पर अनेकानेक धर्म-प्रवर्तकों तथा महापुरुषों ने जन्म लिया है । योगी राज श्रीकृष्ण, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, धर्मपरायण युधिष्ठिर, महात्मा गौतम बुद्ध, गुरु नानक देव आदि ने भारत माता को ही सुशोभित किया है ।

ऐसे ही महान अवतारों में क्षमामूर्ति, अहिंसा के पुजारी भगवान महावीर स्वामी का नाम सर्वोपरि हैं । जन्म-परिचय तथा बंश-जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म आज से लगभग 2500 वर्ष पूर्व बिहार राज्य के वैशाली नगर के कुण्ड ग्राम में लिच्छवी वंश में हुआ था ।

आपकी माता का नाम त्रिशलादेवी तथा पिता का नाम श्री सिद्धार्थ था । महावीर स्वामी का जन्म उस समय हुआ था जब यज्ञों का महत्त्व बढ़ने के कारण केवल ब्राह्मणों की ही समाज में प्रतिष्ठा होती थी । पशुओं की बलि देने से यज्ञ विधान महँगे हो रहे थे इससे हर तरफ ब्राह्मणों का ही वर्चस्व बढ़ रहा था तथा वे अन्य जातियों को हीन तथा मलिन समझने लगे थे ।

इसी समय वृक्षोंने कृपा से महावीर स्वामी धर्म के सच्चे स्वरूप को समझाने के लिए तथा परस्पर भेदभाव की खाई को भरने के लिए सत्यस्वरूप में इस पावन धरती पर अवतरित हुए थे । शैशवकाल में आपका नाम वर्धमान रखा गया । युवावस्था में एक भयंकर नाग तथा एक मस्त हाथी को वश में कर लेने के कारण सभी आपको ‘महावीर’ कहने लगे ।

युवावस्था में आपका विवाह यशोधरा नामक एक सुन्दर व सुशील कन्या से हुआ । फिर भी आप अपनी पली के प्रेमाकर्षण में नहीं बँध सके, अपितु आपका मन सांसारिक सुख-सुविधाओं से और अधिक दूर होता चला गया । आपका मन संसार से और भी अधिक तब उचट गया, जब आपके पिताजी का निधन हो गया ।

मायावी संसार को त्यागने के विचार आपने अपने ज्येष्ठ भ्राता नन्दिवर्धन के समक्ष रखे । सभी प्रकार का सुख-वैभव होने पर भी आपका मन संसार में नहीं लग रहा था । आप घंटों एकान्त में बैठकर सांसारिक पदार्थों की नश्वरता के विषय में सोचते रहते थे ।

आप तो संसार से संन्यास लेने ही बाले थे, परन्तु अपने बड़े भाई के आग्रह पर दो वर्ष ग्रहस्थ जीवन के और काट दिए । इन दो वर्षों के अन्दर आपने दिल खोलकर दान-पुण्य किया तथा अपने द्वार से किसी को भी खाली हाथ नहीं लौटने दिया ।

वैराग्य एवं साधना:

30 वर्ष की आयु में महावीर स्वामी सभी राज-पाट, सुख-वैभव तथा पली तथा सन्तान का मोह छोड़कर घर से निकल पड़े तथा वनों में जाकर तपस्या करने लगे । अपने इस पथ के लिए आपने गुरुवर पार्श्वनाथ का अनुयायी बनकर लगभग बारह वर्षों तक अनवरत कठोर तप-साधना की थी ।

इस विकट तपस्या के फलस्वरूप आपको सच्चा ज्ञान प्राप्त हुआ । अब आप जंगलों की साधना को छोड़कर शहर में अपने साधनारत कर्मों का विस्तार करने लगे । लगभग 40 वर्ष तक आपने बिहार प्रान्त के उत्तर तथा दक्षिण भागों में अपने मत का प्रचार-प्रसार किया । आपका सबसे पहला प्रवचन राजगृह नगरी के समीप विपुलांचल पर्वत पर हुआ था ।

धीरे-धीरे आपके अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई तथा दूर-दूर से लोग आपके प्रवचन सुनने आने लगे । आपने लोगों को अच्छा आचरण खान-पान में पवित्रता तथा प्राणीमात्र पर दया करने की शिक्षा दी । आपने अपने प्रवचनों में सत्य, अहिंसा तथा प्रेम पर विशेष बल दिया ।

जैन धर्म के सिद्धान्त:

महावीर स्वामी जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थकर के रूप में आज भी सश्रद्धा तथा ससम्मान पूज्य एवं आराध्य हैं । जैन धर्म को मानने वाले ‘जैनी’ कहलाते हैं । जैन धर्म की दो शाखाएँ हैं-दिगम्बर तथा श्वेताम्बर । जो लोग निर्वस्त्र रहने लगे तथा जिन्होंने सब कुछ त्याग दिया, वे ‘दिगम्बर जैन’ कहलाए तथा जिन्होंने वस्त्र नहीं त्यागे वे ‘श्वेताम्बर जैन’ कहलाने लगे । जैन धर्म का मुख्य सार इन पाँच सिद्धान्तों में निहित हैं- सत्य , अहिंसा चोरी न करना, आवश्यता से अधिक कुछ भी संग्हित न करना तथा शुद्धाचरण ।

आज जैन धर्म के मानने वालों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं । आज हर जगह जैन धर्म के मन्दिर, धर्मशालाएं, पुस्तकालय, औषधालय विद्यालय आदि निशुल्क मानव सेवा कर रहे हैं ।

महाबीर स्वामी की शिक्षाएँ:

महावीर स्वामी ने लोगों से सत्य, अहिंसा तथा प्रेम से रहने को कहा । इसके अतिरिक्त सम्यकज्ञान, समयकदमन तथा सम्यक चरित्र ये तीनों मुक्ति के मार्ग बताए हैं । इन मार्गो पर चलकर ही मानव सांसारिक बन्धनों से मुक्ति पा सकता है ।

कभी भी अपनी आवशकता से अधिक धन संचय मत करो । ऐसा करना पाप है क्योंकि एक के पास अधिक धन दूसरे को निर्धन बनाता है । इस प्रकार समाज में असन्तुलन बढ़ता है । महावीर स्वामी ने जाति प्रथा को भी समाप्त करने पर बल दिया ।

उनका मत था कि ऊँची जाति में जन्म लेकर ही कोई व्यक्ति महान नहीं बन जाता, वरन् कर्म करने से ही मनुष्य समाज में उच्च स्थान तथा सम्मान पाता है । सबसे महत्त्वपूर्ण बात जिओ और जीने दो, अर्थात् इस दुनिया में सभी को जीवित रहने का अधिकार है । इसलिए मानव को एक छोटे से पतंगे का भी वध नहीं करना चाहिए ।

ईश्वर ही जन्मदाता तथा गुत्युदाता है, इसलिए इन्सान को किसी को भी मारने का अधिकार नहीं है । जो व्यवहार तुम अपने लिए चाहते हो, वैसा ही व्यवहार तुम्हें दूसरों के साथ भी करना चाहिए । यही जीवन का सार है तथा यही मोक्ष का रास्ता है ।

निर्वाण प्राप्ति:

कार्तिक मास की अमावस्या को बिहार प्रान्त के पावापुरी में भगवान महावीर स्वामी ने 72 वर्ष की आयु में अपने नाशवान शरीर को छोड्‌कर निर्वाण प्राप्त कर लिया तथा जन्म, जरा, आधि तथा व्याधि के बन्धनों से मुक्त होकर अमर हो गए ।

क्षमा, त्याग, प्रेम, दया, करुणा की मूर्ति भगवान महावीर की अभूतपूर्व शिक्षाएँ आज भी मानव-जाति का पथ-प्रदर्शन कर रही हैं । सच्चे अर्थों में मानव तथा फिर भगवान स्वरूप में आकर महावीर भगवान ने पूरी जन-जाति का उद्धार किया है ।

Hindi Nibandh (Essay) # 20

नोबेल पुरस्कार विजेता: अमतर्य सेन पर निबन्ध |Essay on Amartya Sen : The Nobel Laureate in Hindi

दुनिया भर में योग्यताओंको प्रोत्साहितकरनेकेलिए अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग पुरस्कार दिए जाते हैं । ‘नोबेल पुरस्कार’ विश्व का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार है । यह विश्व की सर्वोत्तम रचना अथवा सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को दिया जाता है ।

यह पुरस्कार हर वर्ष दिया जाता है । इस दृष्टि से हमारा देश बहुत महत्त्वपूर्ण है । हमारे देश की महान विभूतियोंनुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर, हरगोबिन्द खुराना, सीबीरमन, सुबस्रणयम् चन्द्रशेखर, मदर टेरेसा आदि को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है ।

वर्ष 1998 का नोबेल पुरस्कार अर्थशास्त्र के क्षेत्र में प्रो. अमर्त्य सेन को प्रदान किया गया है । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रो.अमर्त्य सेन प्रथम भारतीय ही नहीं, अपितु पूरे एशिया के प्रथम व्यक्ति हैं ।

जीबन परिचय एवं शिक्षा:

प्रो. अमर्त्य सेन का जन्म 3 नवम्बर, 1933 को शान्ति निकेतन (पश्चिमी बंगाल) में हुआ था । ‘शान्ति निकेतन’ नामक संस्था की स्थापना रवीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी । अमर्त्य सेन ने स्नातक की परीक्षा कोलकत्ता के ‘प्रेसिडेन्सी कॉलेज’ से सन् 1953 ई. में पास की थी ।

इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए आप यूरोप चले गए । वहाँ ‘कैम्ब्रिज विश्बबिद्यालय’ से उच्च शिक्षा प्राप्त की । वहाँ से लौटकर सन् 1956-58 ई. में जटिवपुर विश्वविद्यालय में अध्ययन शुरू कर दिया । यहीं पर आपको डी-लिट की उपाधि से विभूषित किया गया ।

कुछ समय के पश्चात् आपने सन् 1963-1968 तक दिल्ली स्कूल ऑफ इकनोमिक्स विभाग में अध्यापन कार्य किया । इसके पश्चात् ऑक्सफोर्ड , हारवर्ड तथा कैम्ब्रिज आदि विश्वविद्यालयों में कई उच्च पदों पर आसीन रहे ।

प्रो. अमर्त्य सेन बहुत बड़े लेखक हैं । उन्होंने लगभग डेढ़ दर्जन पुस्तकें लिखी हैं । उन्होंने 200 से भी अधिक अध्ययन-पत्र लिखे हैं । प्रो. अमर्त्य सेन के कार्य अत्यंत महान एवं सराहनीय हैं । उन्हें स्टॉकहोम के एक समारोह में 10 दिसम्बर, 1998 को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।

इसके लिए उन्हें एक पदक तथा 76 लाख स्वीडिश क्रोनर (लगभग 4 करोड़) रुपए प्रदान किए गए । यह पुरस्कार उनके द्वारा कल्याणकारी अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अनूठे योगदान के लिए दिया गया है । वास्तव में प्रो. सेन ने सामाजिक सिद्धान्त के चयन कल्याण तथा गरीबी की परिभाषा तथा अकाल के अध्ययन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया है ।

प्रो. अमर्त्य सेन को जब यह नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया तब उनसे किसी पत्रकार ने पूछा:

”नोबेल पुरस्कार प्राप्त करके आप कैसा महसूस कर रहे हैं । निःसन्देह यह आपके लिए अति हर्ष का क्षण है ।”

इसके जवाब में प्रो. सेन ने कहा, ”मैं वास्तव में बेहद खुश हूँ, क्योंकि जिस विषय पर मैं और बिश्व के अनेक अर्थशास्त्री कार्य कर रहे थे तथा अभी भी कर रहे है उस बिषय को आज मान्यता मिली है । यह बिषय केवल उन लोगों के लिए ही प्रासंगिक नहीं , जो सुखी तथा सम्पन्न जीवन जीना चाहते हैं, बल्कि उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिन्हें न तो भर पेट भोजन उपलब्ध है और न खई तन ढकने का कपड़ा तथा जीबन की न्यूनतम सुविधाएँ जैसे पीने का खन्स पानी , सिर के ऊपर छत व चिकित्सा सम्बन्धी सुविधाएं भी उपलब्ध नही हैं ।”

प्रो. अमर्त्य सेन की उपलब्धियाँ:

वे सही अर्थों में गरीबों के मसीहा है । उन्होंने निर्धनता को दूर करने तथा निर्धनता के कारणों जैसे अकाल के बारे में बहुत गहन अध्ययन किया है । उन्होंने उन सिद्धान्तों का खंडन किया है जो अन्न की कमी को ही ‘अकाल’ का कारण बताते हैं ।

इसके विरोध में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है, ”अकाल ऐसे समय में हुए, जब अन्न की आपूर्ति पिछले अकाल रहित वर्षो से ज्यादा कम नहीं थी । यह सब प्रशासनिक व्यवस्था की असफलता के कारण ही हुआ था । उन्होंने आगे इसे इस प्रकार स्पष्ट है कि सन् 1944 ई. के बंगाल अकाल में 30 लाख से अधिक लोग अन्न के अभाव में नहीं मरे थे , अपितु सरकारी तन्त्र की अयोग्यता के कारण काल का ग्रास बने थे । ”

वास्तव में प्रो. अमर्त्य सेन हमारे देश की महान विभूति हैं । उन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर हम सभी भारतीयों का सिर गर्व से ऊँचा हो गया है ।

Related Articles:

  • Hindi Essays for Class 9 Students: Top 10 Hindi Nibandhs
  • Hindi Essays for Class 8: Top 10 Hindi Nibandhs
  • Hindi Essays for Class 7: Top 10 Hindi Nibandhs
  • Hindi Essays in Hindi Language: Top 15 Hindi Essays

MyNibandh.com

Essay in Hindi (Hindi Nibandh) | 200 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – 200 Hindi Essay Topics

essay topics for class 10 in hindi

Hindi Essay Topics:निबंध (Nibandh) एक विस्तृत लेख होता है जो किसी विषय के बारे में विस्तार से लिखा जाता है। इसमें आमतौर पर लेखक अपने विषय के बारे में अपने विचार, अनुभव, विश्लेषण और संदर्भ देता है। निबंध लेखन के दौरान लेखक की उद्देश्य होती है कि वह अपने पाठकों को अपनी बात समझाए और उन्हें विषय के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करे। निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण लेखन कौशल होता है जो विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, लेखकों और संवाददाताओं को सीखना चाहिए।

  • 1 निबंध लिखना हिंदी में कैसे लिखें, इसके लिए आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं।
  • 2 निबंध – Nibandh In Hindi – Best 35 Hindi Essay Topics
  • 3 निबंध – Nibandh In Hindi – Best 10 Short Hindi Essay Topics
  • 4 निबंध – Nibandh In Hindi – Best 1 7 Long Hindi Essay Topics
  • 5.1 हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची
  • 5.2 दीर्घ निबंध विषय:
  • 5.3 लघु निबंध विषय:
  • 6 हिंदी निबंधों की संरचना इस प्रकार होती है:
  • 7 हिंदी भाषा में कई प्रसिद्ध निबंध हैं। निम्नलिखित कुछ प्रसिद्ध निबंध हैं:

निबंध लिखना हिंदी में कैसे लिखें, इसके लिए आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं।

  • विषय चुनें: निबंध लिखने से पहले, अपने निबंध के लिए एक विषय चुनें। आपको उस विषय के बारे में विस्तार से जानना होगा ताकि आप एक संपूर्ण और स्पष्ट निबंध लिख सकें।
  • निबंध का ढांचा बनाएं: निबंध लिखने से पहले, अपने निबंध के ढांचा को तैयार करें। आप अपने निबंध के लिए विभिन्न विषयों को एकत्रित कर सकते हैं और उन्हें एक अनुक्रम में रख सकते हैं।
  • विस्तारपूर्वक लिखें: निबंध लिखते समय, अपने विषय को विस्तारपूर्वक विवरण दें। आप अपने निबंध में अधिकतम जानकारी देने का प्रयास करें ताकि आपके पाठक उस विषय को समझ सकें।
  • आकर्षक शीर्षक: अपने निबंध के शीर्षक को आकर्षक बनाने के लिए एक उत्तेजक शीर्षक चुनें। शीर्षक उन शब्दों का एक समूह होता है जो आपके निबंध के मुख्य विषय को सार्थकता से दर्शाते हैं।
  • निष्कर्ष लिखें: अपने निबंध के अंत में एक निष्कर्ष लिखें जिसमें आप अपने विषय के बारे में अपनी मत का विवरण देते हैं।

निबंध – Nibandh In Hindi – Best 35 Hindi Essay Topics

  • नरेंद्र मोदी पर निबंध   (Essay on Narendra Modi )
  • डाकिया पर निबंध  ( Essay on Post Man )
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध  (Essay on Road Safety )
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Essay on Environmental Pollution)
  • कंप्यूटर पर निबंध  ( Computer Essay )
  • ईंधन संरक्षण पर निबंध  (Essay on Fuel Conservation )
  • महा शिवरात्रि पर निबंध (Essay on Maha Shivaratri Festival )
  • ताजमहल पर निबंध ( Essay on Taj Mahal )
  • प्रेम विस्तार है और स्वार्थ संकुचन है निबंध (All Love is Expansion and Selfishness )
  • हैप्पी न्यू ईयर पर निबंध (Essay on Happy New Year Celebration )
  • यात्रा पर निबंध ( Essay on Travelling)
  • भारत में जल संकट पर निबंध  (Water Crisis in India )
  • प्यार पर निबंध ( Essay on Love )
  • अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस (International Friendship Day (Date, History, Importance, Celebration)
  • गुरु गोबिंद सिंह जयंती ( Guru Gobind Singh Jayanti : Significance, History) लोहड़ी पर्व पर निबंध  ( Essay on Lohri Festival)
  • विश्व स्वास्थ्य दिवस पर निबंध (Essay on World Health Day )
  • गुरु तेग बहादुर पर निबंध( Essay on Guru Tegh Bahadur )
  • ईमानदारी सबसे अच्छी नीति क्यों है पर निबंध (Essay on Why Honesty is the Best Policy )
  • महात्मा गांधी के नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों पर निबंध  ( Essay on Moral Values and Principles of Mahatma Gandhi )
  • मौलिक कर्तव्यों पर निबंध  ( Essay on Fundamental Duties of India )
  • जितिया पूजा पर निबंध  ( Essay on Jitiya Puja/Jitiya Festival )
  • अजीब सपना पर निबंध  (Essay on Strange Dream )
  • ई-कूटनीति पर निबंध  (Essay on E-Diplomacy )
  • मैंने अपनी सर्दी की छुट्टी कैसे बिताई पर निबंध  (Essay on How I Spent My Winter Vacation )
  • मोर पर निबंध  ( Essay on Peacock)
  • सोशल मीडिया पर निबंध – स्कूल के लिए वरदान या अभिशाप ( Essay on Social Media)
  • सोशल नेटवर्किंग के फायदे और नुकसान ( Advantages and Disadvantages of Social Networking)
  • खराब मूड को कैसे हराया जाए पर निबंध  (Essay on How to Beat Bad Mood )
  • कला और संस्कृति हमें कैसे जोड़ती है पर निबंध  (Essay on How Art and Culture Unifies )
  • विपत्ति कैसे एक व्यक्ति को बदल सकती है पर निबंध  (Essay on How Adversity can Change a Person)
  • प्रदूषण कैसे नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है पर निबंध ( Essay on How Pollution is Negatively Affecting Humanity)
  • किसान क्यों महत्वपूर्ण हैं पर निबंध ( Essay on Why are Farmers Important )
  • निबंध ऐतिहासिक स्मारक का दौरा ( Essay on a Visit to Historical Monument)
  • पशु हमारे लिए कैसे उपयोगी हैं इस पर निबंध  (Essay on How Animals are Useful to us)
  • चिड़ियाघर की यात्रा पर निबंध  (Best 10 Essay on A Visit to Zoo )

निबंध – Nibandh In Hindi – Best 10 Short Hindi Essay Topics

  • पौधे इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं पर निबंध  (Essay on Why Plants are so Important for us )
  • पारसी नव वर्ष पर निबंध ( Essay on Parsi New Year )
  • भारत में उच्च शिक्षा पर निबंध (Essay on Higher Education in India )
  • नदियों में बढ़ते प्रदूषण पर निबंध (Essay on Growing Pollution in Rivers)
  • महात्मा गांधी पर निबंध ( Essay on Mahatma Gandhi)
  • भारत में आपातकाल पर निबंध (Essay on Emergency in India )
  • इसरो पर निबंध ( Best 10 Essay on ISRO)
  • मैं एक इंजीनियर क्यों बनना चाहता हूँ पर लंबा निबंध ( why i want to be an engineer)
  • सावन माह पर निबंध  (best 10 Essay on Sawan Month )
  • दशहरा निबंध ( Dussehra Essay in )

निबंध – Nibandh In Hindi – Best 1 7 Long Hindi Essay Topics

  • क्रिसमस निबंध (Christmas Essay )
  • ईद मुबारक निबंध (Eid Mubarak Essay In Hindi )
  • Aids Essay In Hindi  (एड्स निबंध )
  • Importance Of Yoga Essay ( योग का महत्व निबंध )
  • दुर्गा पूजा निबंध (Durga Puja Essay )
  • गणेश चतुर्थी निबंध ( Ganesh Chaturthi Essay )
  • रक्षाबंधन निबंध ( Raksha Bandhan Essay)
  • teacher’s Day Essay (शिक्षक दिवस निबंध )
  • Independence Day Essay (स्वतंत्रता दिवस निबंध हिंदी में)
  •  Essay on Hindi Diwas (हिंदी दिवस पर निबंध)
  •  Essay On Labour Day In Hindi (मजदूर दिवस निबंध)
  • Essay on world population day (विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध)
  • International yoga day Essay ( अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस निबंध )
  • world health day Essay ( विश्व स्वास्थ्य दिवस निबंध)
  • children’s day (बाल दिवस निबंध )
  • Essay on My school ( मेरे स्कूल पर निबंध )
  • ज्ञान पर निबंध ( Best 10 Essay on Knowledge)

 स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी में निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण कौशल है। निबंध लिखते समय ध्यान रखने वाली बातें हैं:

  • विषय का चयन: सबसे पहले, आपको उस विषय का चयन करना होगा जिसके बारे में आप लिखना चाहते हैं। आपको एक ऐसा विषय चुनना चाहिए जो आपके अध्ययन से संबंधित होता हो। उस विषय के बारे में आपके पास पूर्ण जानकारी होनी चाहिए ताकि आप इसे अच्छी तरह से विश्लेषण कर सकें।
  • निबंध की योजना बनाएं: निबंध की योजना बनाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपको अपने निबंध के लिए एक तालिका बनाना चाहिए जिसमें निम्नलिखित बातें शामिल हों:
  • शुरुआती अनुच्छेद (जो आपके निबंध का परिचय देता है)
  • मुख्य विषयों की सूची (जो आप अपने निबंध में विस्तार से विश्लेषण करेंगे)
  • निष्कर्ष (जो आप अपने निबंध से निकालेंगे)
  • संरचना: निबंध में संरचना बहुत महत्वपूर्ण होती है।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

दीर्घ निबंध विषय:.

  • भारत का इतिहास
  • स्वतंत्रता संग्राम
  • ग्लोबल वार्मिंग
  • पर्यावरण संरक्षण
  • महिला शिक्षा एवं उनका सम्मान
  • बेरोजगारी की समस्या
  • स्वास्थ्य समस्याएँ और उनका समाधान
  • दुर्घटनाओं की समस्या और समाधान
  • संचार के विकास और इसके प्रभाव
  • राजनीति और नागरिक अधिकार

लघु निबंध विषय:

  • मेरे परिवार का सदस्य
  • मेरे प्रिय शिक्षक
  • मेरी प्रिय फसल
  • मेरा प्रिय खेल
  • मेरी सड़क सुरक्षा
  • मेरा प्रिय त्योहार
  • मेरा स्वच्छ भारत
  • मेरी प्रिय किताब
  • मेरी प्रिय शहर

हिंदी निबंधों की संरचना इस प्रकार होती है:

  • प्रस्तावना: इसमें निबंध के विषय को परिचय दिया जाता है और पाठक का ध्यान आकर्षित किया जाता है।
  • मुख्य भाग: यहां पर निबंध का मुख्य विषय विस्तार से विवरण दिया जाता है। इसमें विषय के बारे में जानकारी, अभिप्राय और समर्थन के आधार पर अपने विचार प्रस्तुत किए जाते हैं।
  • निष्कर्ष: इस भाग में निबंध के मुख्य विषय के बारे में संक्षिप्त विचार एवं समाप्ति वाक्य दिए जाते हैं।
  • संदर्भ: इसमें उन सभी स्रोतों का उल्लेख किया जाता है जिनसे निबंध के लिए जानकारी प्राप्त की गई है।
  • संलग्नक: इसमें निबंध में प्रयोग किए गए चित्र, आंकड़े, चार्ट, टेबल, आदि का संलग्न किया जाता है।

इन सभी भागों को स्पष्ट, संगठित एवं अंतर्वस्तृत ढंग से लिखा जाना चाहिए ताकि पाठकों को निबंध का संदेश समझ में आ सके।

हिंदी भाषा में कई प्रसिद्ध निबंध हैं। निम्नलिखित कुछ प्रसिद्ध निबंध हैं:

  • “भ्रष्टाचार का उच्चाटन” – विषय: भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई
  • “भारत की संस्कृति” – विषय: भारतीय संस्कृति और उसका महत्त्व
  • “स्वच्छ भारत अभियान” – विषय: स्वच्छता और इसका महत्त्व
  • “जीवन में सफलता के मूल मंत्र” – विषय: सफलता के लिए जरूरी मंत्र
  • “मेरा विद्यालय” – विषय: अपने विद्यालय का वर्णन और महत्त्व
  • “जल ही जीवन है” – विषय: जल के महत्त्व और उसके संरक्षण के उपाय
  • “स्त्री शिक्षा” – विषय: स्त्रियों के लिए शिक्षा के महत्त्व और उसके लिए समाज की जिम्मेदारी
  • “स्वतंत्रता दिवस” – विषय: भारत की स्वतंत्रता का महत्त्व और उसकी अर्थपूर्ण विशेषताएं
  • “विदेशी भाषाओं के प्रति हमारी दृष्टि” – विषय: भाषा के महत्त्व और विदेशी भाषाओं के प्रति हमारी दृष्टि

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

Hindi Writing- Best Motivational Quotes in Hindi

Listrovert

300+ Hindi Essay And Speech Topics For School and College Students

Tomy Jackson

अगर आप एक विद्यार्थी हैं या किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपके लिए यह आर्टिकल महत्वपूर्ण साबित होगा । इस आर्टिकल में मैं आपको कुल 300+ Hindi Essay and speech topics की जानकारी दूंगा । सबसे पहले आपको 150 हिंदी निबंध के विषय और फिर 150 हिंदी भाषण के विषय दिया जायेगा ।

जब बात भाषण बोलने या निबंध लिखने की आती है तो कई छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है । यह एक आम समस्या है जिसे लगभग हर छात्र सामना करता है चाहे वह स्कूल का छात्र या हो कॉलेज का । इसलिए मैंने आपके लिए कुल 300 Hindi Essay and speech topics तैयार किया है । आप इनमें से किसी भी विषय पर भाषण या निबंध तैयार कर सकते हैं ।

अगर आप निम्नलिखित Keywords इंटरनेट पर खोज रहे हैं तो आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं है । आपको इसी आर्टिकल में सबकुछ आसानी से मिल जायेगा:

  • Current Essay Topics in Hindi 2021-2022
  • Hindi Speech Topics for Class 10
  • Hindi Essay Topics for Class 12
  • Hindi Essay Topics for Class 5

150+ Hindi Essay Topics

सबसे पहले मैं आपको 105+ Essay Topics दूंगा जिन्हें आप तैयार कर सकते हैं । मैंने उन्हीं विषयों को जोड़ा है जो अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं । इस सूची के बाद मैं आपको बढ़िया निबंध लिखने के लिए कुछ Tips भी दूंगा ।

मैंने नीचे जितने भी निबंधों के विषय को सूचीबद्ध किया है, वे सभी महत्वपूर्ण हैं और बड़ी बड़ी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं ।

ऊपर दिए गए सभी 150+ Hindi Essay Topics या तो SSC, UPSC , 12th, 10th, 5th की परीक्षाओं में पूछे गए हैं या पूछे जाने की संभावना है । मैंने ऊपर दिए सभी Hindi Essay Topics for students को प्रश्नपत्रों और मॉडल पेपर से उठाया है ताकि आप सही विषयों पर तैयारी करके अच्छे अंक प्राप्त कर सकें ।

Hindi Essay Topics पर लिखते समय सावधानियां

  • अनावश्यक बातें न लिखें ।
  • अपने तर्क को सही साबित करने के लिए साक्ष्यों की जानकारी दें ।
  • कोशिश करें कि आप किसी भी बात को बार बार न दोहराएं ।
  • व्याकरण संबंधित अशुद्धियों से बचने की पूरी कोशिश करें ।
  • वाक्यांश क्रियाओं और मुहावरों का उपयोग उचित स्थान पर करें ।
  • ज्यादा कठिन शब्दावलियों का इस्तेमाल न करें ।
  • पहले से तय शब्द सीमा को ध्यान में रखें ।

150+ Hindi Speech Topics

मैंने ऊपर आपको 150+ Hindi Essay Topics की जानकारी दी है । आप उन विषयों पर निबंध लिखते समय जरूरी सावधानियां बरतते हुए पूरे अंक प्राप्त कर सकते हैं । अब बारी है 150+ Hindi Speech Topics यानि हिंदी भाषण विषयों की । आप इन विषयों पर भाषण की तैयारी कर सकते हैं ।

मैंने इस लिस्ट के बाद भाषण की सही ढंग से प्रस्तुति के लिए कुछ जरूरी tips भी दिया है । आप उन Tips को फॉलो करके एक उत्कृष्ट भाषण दे सकते हैं ।

चाहे आप स्कूल के छात्र हों या कॉलेज के या आप किसी भाषण प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं तो आप इन विषयों में से किसी एक पर तैयारी कर सकते हैं ।

Hindi Speech Topics पर बोलते समय सावधानियां

अगर आप Hindi Speech Topics में से किसी एक को चुनकर, उसपर भाषण देना चाहते हैं तो नीचे दिए tips आपकी मदद करेंगे । आप सभी टिप्स को follow करके एक बेहतरीन भाषण देकर लोगों की तालियां बटोर सकते हैं ।

  • अनावश्यक बातें न बोलें ।
  • भाषण देते समय समसामयिक उदाहरणों का जिक्र करें ।
  • भाषण की पंक्तियों के अनुरूप ही अपना tone को रखें ।
  • शीशे के सामने खड़े होकर बार बार भाषण देने की प्रैक्टिस करें ।
  • पहले से तय शब्द सीमा और समय को ध्यान में रखें ।

Hindi Essay & Speech Topics – Conclusion

Hindi Essay Topics और Speech Topics के इस आर्टिकल में आपने सबसे बेहतरीन हिन्दी निबंध और भाषण के विषयों के बारे में जाना । आप इन विषयों पर निबंध लिख सकते हैं या भाषण दे सकते हैं । आप चाहे कक्षा 5 में हो, 10th में हो या 12th में आप सभी के लिए मैंने महत्वपूर्ण विषयों को आर्टिकल में जोड़ा है । कॉलेज छात्रों के लिए भी कुछ विषयों को जोड़ा गया है ।

  • Deemed University Meaning in Hindi
  • Appearing Student Meaning in Hindi
  • Reporting Time Meaning in Hindi
  • Literature Review कैसे लिखें ?
  • Project File कैसे बनाएं ?
  • What is feedback in Hindi
  • Listening Skills in Hindi
  • Spam Report Meaning in Hindi
  • Autonomous College और Non Autonomous College में अंतर
  • What is aided college in Hindi
  • What is counselling in Hindi

अगर आपके मन में इस विषय से संबंधित अन्य प्रश्न हैं तो आप नीचे कमेंट करके जरूर पूछें । आपको आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ।

' src=

I have always had a passion for writing and hence I ventured into blogging. In addition to writing, I enjoy reading and watching movies. I am inactive on social media so if you like the content then share it as much as possible .

Related Posts

Escrow account meaning in hindi – एस्क्रो अकाउंट क्या है, personality development course free in hindi – पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, iso certificate क्या होता है आईएसओ सर्टिफिकेट के फायदे और उपयोग, leave a reply cancel reply.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

Self Studies

  • Andhra Pradesh
  • Chhattisgarh
  • West Bengal
  • Madhya Pradesh
  • Maharashtra
  • Jammu & Kashmir
  • NCERT Books 2022-23
  • NCERT Solutions
  • NCERT Notes
  • NCERT Exemplar Books
  • NCERT Exemplar Solution
  • States UT Book
  • School Kits & Lab Manual
  • NCERT Books 2021-22
  • NCERT Books 2020-21
  • NCERT Book 2019-2020
  • NCERT Book 2015-2016
  • RD Sharma Solution
  • TS Grewal Solution
  • DK Goel Solution
  • TR Jain Solution
  • Selina Solution
  • Frank Solution
  • ML Aggarwal Solution
  • Lakhmir Singh and Manjit Kaur Solution
  • I.E.Irodov solutions
  • ICSE - Goyal Brothers Park
  • ICSE - Dorothy M. Noronhe
  • Sandeep Garg Textbook Solution
  • Micheal Vaz Solution
  • S.S. Krotov Solution
  • Evergreen Science
  • KC Sinha Solution
  • ICSE - ISC Jayanti Sengupta, Oxford
  • ICSE Focus on History
  • ICSE GeoGraphy Voyage
  • ICSE Hindi Solution
  • ICSE Treasure Trove Solution
  • Thomas & Finney Solution
  • SL Loney Solution
  • SB Mathur Solution
  • P Bahadur Solution
  • Narendra Awasthi Solution
  • MS Chauhan Solution
  • LA Sena Solution
  • Integral Calculus Amit Agarwal Solution
  • IA Maron Solution
  • Hall & Knight Solution
  • Errorless Solution
  • Pradeep's KL Gogia Solution
  • OP Tandon Solutions
  • Sample Papers
  • Previous Year Question Paper
  • Value Based Questions
  • CBSE Syllabus
  • CBSE MCQs PDF
  • Assertion & Reason
  • New Revision Notes
  • Revision Notes
  • HOTS Question
  • Marks Wise Question
  • Toppers Answer Sheets
  • Exam Paper Aalysis
  • Concept Map
  • CBSE Text Book
  • Additional Practice Questions
  • Vocational Book
  • CBSE - Concept
  • KVS NCERT CBSE Worksheets
  • Formula Class Wise
  • Formula Chapter Wise
  • JEE Crash Course
  • JEE Previous Year Paper
  • Important Info
  • JEE Mock Test
  • SRM-JEEE Mock Test
  • VITEEE Mock Test
  • BITSAT Mock Test
  • Manipal Engineering Mock Test
  • AP EAMCET Previous Year Paper
  • COMEDK Previous Year Paper
  • GUJCET Previous Year Paper
  • KCET Previous Year Paper
  • KEAM Previous Year Paper
  • Manipal Previous Year Paper
  • MHT CET Previous Year Paper
  • WBJEE Previous Year Paper
  • AMU Previous Year Paper
  • TS EAMCET Previous Year Paper
  • SRM-JEEE Previous Year Paper
  • VITEEE Previous Year Paper
  • BITSAT Previous Year Paper
  • Crash Course
  • Previous Year Paper
  • NCERT Based Short Notes
  • NCERT Based Tests
  • NEET Sample Paper
  • Previous Year Papers
  • Quantitative Aptitude
  • Numerical Aptitude Data Interpretation
  • General Knowledge
  • Mathematics
  • Agriculture
  • Accountancy
  • Business Studies
  • Political science
  • Enviromental Studies
  • Mass Media Communication
  • Teaching Aptitude
  • NAVODAYA VIDYALAYA
  • SAINIK SCHOOL (AISSEE)
  • Mechanical Engineering
  • Electrical Engineering
  • Electronics & Communication Engineering
  • Civil Engineering
  • Computer Science Engineering
  • CBSE Board News
  • Scholarship Olympiad
  • School Admissions
  • Entrance Exams
  • All Board Updates
  • Miscellaneous
  • State Wise Books
  • Engineering Exam

Class 10 Hindi Essay Notes PDF (Handwritten Short & Revision)

Free pdf download.

SHARING IS CARING If our Website helped you a little, then kindly spread our voice using Social Networks. Spread our word to your readers, friends, teachers, students & all those close ones who deserve to know what you know now.

The class 10 Hindi Essay notes are the important part throughout the academic session. As in the class 10 notes of Hindi Essay briefs about the chapters are given. Students can utilise the notes while preparing for class 10 Hindi Essay board exam and after completing chapters. Through the notes of class 10 Hindi Essay, students can recall all the important topics of the chapter during the board exam. 

Content in the class 10 Hindi Essay notes are clear, concise and to the point. Through the notes of Hindi Essay, students can have conceptual understanding of all chapters. By having conceptual understanding, students can get mind blowing marks in class 10 Hindi Essay board exam. According to the marks in class 10 Hindi Essay board, students can be promoted to the next grade. 

Hindi Essay Notes Class 10 PDF

Being a class 10 student, it is very important to work upon the Hindi Essay topics and concepts so that they can understand well. All the topics and concepts are briefly explained in the Hindi Essay notes class 10 PDF which is available in the Selfstudys website. The class 10 notes of Hindi Essay can improve the curiosity to learn new topics every day. 

Where Can I Find Resources for Class 10 Hindi Essay Notes?

Students can easily find the resources for class 10 Hindi Essay notes through the Selfstudys website, steps to download are explained below:

  • Visit the Selfstudys website. 
  • Click the CBSE from the navigation bar, then select New Revision notes from the list.

Class 10 Hindi Essay Notes, Class 10 Hindi Essay Notes PDF, Class 10 Hindi Essay Handwritten Notes, Class 10 Hindi Essay Short Notes, Class 10 Hindi Essay Revision Notes, Chapter Wise Class 10 Hindi Essay Notes, How to Download the Class 10 Hindi Essay Notes

  • New page will appear, select class 10th from the list of classes.

Class 10 Hindi Essay Notes, Class 10 Hindi Essay Notes PDF, Class 10 Hindi Essay Handwritten Notes, Class 10 Hindi Essay Short Notes, Class 10 Hindi Essay Revision Notes, Chapter Wise Class 10 Hindi Essay Notes, How to Download the Class 10 Hindi Essay Notes

  • Now select Hindi Essay from the list of subjects to access the Class 10 Hindi Essay Notes

Why Should Students Utilise Class 10 Hindi Essay Notes?

Students should utilise the class 10 Hindi Essay notes so that they can finish their Class 10 Hindi Essay syllabus from their comfort zone. This is one of the characteristics of class 10 notes Hindi Essay, other features are: 

  • Key Points are Given: Key points simply means summary of the main points of the chapter; same goes for Hindi Essay chapters as it is provided in the class 10 Hindi Essay notes PDF.  
  • Understandable Language: Understandable language is considered to be clear and easy without unnecessary complicated language; class 10 Hindi Essay notes PDF are explained in an understandable language so that students can understand the whole chapters without facing any trouble. 
  • Vibrant Diagrams are Given: Vibrant diagrams are considered to be bright which can be exciting and interesting; inside the CBSE class 10 Hindi Essay notes, vibrant diagrams are provided. Through the class 10 notes of Hindi Essay, students can increase their productivity and concentration level. 
  • Examples are Explained: In the class 10 Hindi Essay notes, some examples are explained in a brief way so that students can solve all kinds of questions. 
  • For CBSE Board: These Hindi Essay notes class 10 PDF are basically for those students who study in CBSE because the notes are prepared referring to the same syllabus that is prescribed by the CBSE board. 
  • All Chapters are Covered: In the CBSE class 10 Hindi Essay notes, all chapters are covered as everything would be available under one roof. 

What Are the Benefits of Utilising the Class 10 Hindi Essay Notes?

Students can benefit a lot by utilising class 10 Hindi Essay notes as it provides the best result to them. It is one of the important benefits, other benefits are: 

  • Acts as a Revision Tool: The Hindi Essay notes class 10 PDF acts as revision tool for students so that they can memorise important points of all chapters. 
  • Provided in a Well Organised Structure: A well organised structure of the class 10 Hindi Essay notes PDF can convert the preparation into well organised and systematic one. Through the well organised preparation, students can score well in the class 10 Hindi Essay board exam. 
  • Encourages Active Learning: Active learning is considered to be that approach which includes full involvement, it is important for students to be active while learning the topics and concepts of class 10 Hindi Essay. So, CBSE class 10 Hindi Essay notes help students to be active while preparing. 
  • Provides Accurate Content: In the class 10 Hindi Essay notes, content provided is accurate and to the point. Through this, students can also prepare well for the class 10 Hindi Essay accurately. 
  • Emphasises Information: The class 10 notes of Hindi Essay provides emphasised information that attracts many students to complete topics and concepts. This encourages innovative skills for students to attempt class 10 Hindi Essay questions. 
  • Improves Memory: Memorisation is the ability to store a lot of information at one go; students can improve their memorisation skills with the help of Hindi Essay notes class 10 PDF. 
  • Improves Confidence: Confidence is the ability of having surety about anything; students can improve their confidence with the help of class 10 Hindi Essay notes. Self confidence can help students to remove their exam stress and anxiety while attempting class 10 Hindi Essay board exam. 

When Is the Best Time to Take Class 10 Hindi Essay Notes?

The best time to take class 10 Hindi Essay notes is after completing all the chapters from the NCERT book. In the NCERT book, each topic is elaborated in a proper way so that students don’t get stuck in any of the topics. Through the class 10 notes of Hindi Essay, students can remember important points without any complexity or difficulty. 

How to Prepare for Class 10 Hindi Essay Board Exam With The Help of Notes?

Students are advised to make a strategy plan to prepare for class 10 Hindi Essay board exam, they can make their own strategy with the help of class 10 Hindi Essay notes, those tips are: 

  • Find Good Place to Study: Students should find their own place to prepare well for class 10 Hindi Essay exam. A good place is created so that there are no distractions or loud music, etc while preparing for class 10 Hindi Essay exam. 
  • Try to Reward Yourself: It is important for students to reward themselves: candy, chocolates, chips, etc as it motivates them to attain daily goals to complete Class 10 Syllabus . 
  • Try to Study With Groups: Students can complete the class 10 Hindi Essay syllabus in groups as friends can help each other to cope up with difficult topics. By completing difficult topics, students can improvise their score in class 10 Hindi Essay board exam. 
  • Complete the Notes: Students need to complete the Hindi Essay notes class 10 PDF which is available in the Selfstudys website. 
  • Solve Doubts: Students need to solve their doubts regarding the class 10 Hindi Essay notes PDF with the help of teacher’s guidance so that they can get involved in group discussions. 
  • Take a Break: Students need to take breaks: short walk, meditate, listen to song, etc while preparing for topics and concepts included in class 10 Hindi Essay. 
  • Practise Questions: After completing all chapters from the class 10 Hindi Essay syllabus, students need to practise different kinds of questions. Through this, students can improve their conceptual understanding for the class 10 Hindi Essay. 
  • Adapt Daily Goals: Try to adapt daily goals to complete class 10 Hindi Essay syllabus so that students can lay a strong foundation for the subject. 

Why Is It Important For Students To Refer To CBSE Class 10 Hindi Essay Notes?

It is very important for students to refer to CBSE class 10 Hindi Essay notes so that they can rely on the relevant content. It is necessary for students to prepare for class 10 Hindi Essay syllabus through relevant content as it removes confusions of different resources. By relying on the relevant content, students can improve their self- confidence during the class 10 Hindi Essay board exam. 

Manipal MET 2024 Application (Released) (All Pages)

  • NCERT Solutions for Class 12 Maths
  • NCERT Solutions for Class 10 Maths
  • CBSE Syllabus 2023-24
  • Social Media Channels
  • Login Customize Your Notification Preferences

essay topics for class 10 in hindi

  • Second click on the toggle icon

essay topics for class 10 in hindi

Provide prime members with unlimited access to all study materials in PDF format.

Allow prime members to attempt MCQ tests multiple times to enhance their learning and understanding.

Provide prime users with access to exclusive PDF study materials that are not available to regular users.

essay topics for class 10 in hindi

  • CBSE Class 10th

CBSE Class 12th

  • UP Board 10th
  • UP Board 12th
  • Bihar Board 10th
  • Bihar Board 12th
  • Top Schools in India
  • Top Schools in Delhi
  • Top Schools in Mumbai
  • Top Schools in Chennai
  • Top Schools in Hyderabad
  • Top Schools in Kolkata
  • Top Schools in Pune
  • Top Schools in Bangalore

Products & Resources

  • JEE Main Knockout April
  • Free Sample Papers
  • Free Ebooks
  • NCERT Notes

NCERT Syllabus

  • NCERT Books
  • RD Sharma Solutions
  • Navodaya Vidyalaya Admission 2024-25

NCERT Solutions

  • NCERT Solutions for Class 12
  • NCERT Solutions for Class 11
  • NCERT solutions for Class 10
  • NCERT solutions for Class 9
  • NCERT solutions for Class 8
  • NCERT Solutions for Class 7
  • JEE Main 2024
  • JEE Advanced 2024
  • BITSAT 2024
  • View All Engineering Exams
  • Colleges Accepting B.Tech Applications
  • Top Engineering Colleges in India
  • Engineering Colleges in India
  • Engineering Colleges in Tamil Nadu
  • Engineering Colleges Accepting JEE Main
  • Top IITs in India
  • Top NITs in India
  • Top IIITs in India
  • JEE Main College Predictor
  • JEE Main Rank Predictor
  • MHT CET College Predictor
  • AP EAMCET College Predictor
  • GATE College Predictor
  • KCET College Predictor
  • JEE Advanced College Predictor
  • View All College Predictors
  • JEE Main Question Paper
  • JEE Main Mock Test
  • JEE Main Registration
  • JEE Main Syllabus
  • Download E-Books and Sample Papers
  • Compare Colleges
  • B.Tech College Applications
  • GATE 2024 Result
  • MAH MBA CET Exam
  • View All Management Exams

Colleges & Courses

  • MBA College Admissions
  • MBA Colleges in India
  • Top IIMs Colleges in India
  • Top Online MBA Colleges in India
  • MBA Colleges Accepting XAT Score
  • BBA Colleges in India
  • XAT College Predictor 2024
  • SNAP College Predictor
  • NMAT College Predictor
  • MAT College Predictor 2024
  • CMAT College Predictor 2024
  • CAT Percentile Predictor 2023
  • CAT 2023 College Predictor
  • CMAT 2024 Registration
  • XAT Cut Off 2024
  • XAT Score vs Percentile 2024
  • CAT Score Vs Percentile
  • Download Helpful Ebooks
  • List of Popular Branches
  • QnA - Get answers to your doubts
  • IIM Fees Structure
  • AIIMS Nursing
  • Top Medical Colleges in India
  • Top Medical Colleges in India accepting NEET Score
  • Medical Colleges accepting NEET
  • List of Medical Colleges in India
  • List of AIIMS Colleges In India
  • Medical Colleges in Maharashtra
  • Medical Colleges in India Accepting NEET PG
  • NEET College Predictor
  • NEET PG College Predictor
  • NEET MDS College Predictor
  • DNB CET College Predictor
  • DNB PDCET College Predictor
  • NEET Application Form 2024
  • NEET PG Application Form 2024
  • NEET Cut off
  • NEET Online Preparation
  • Download Helpful E-books
  • LSAT India 2024
  • Colleges Accepting Admissions
  • Top Law Colleges in India
  • Law College Accepting CLAT Score
  • List of Law Colleges in India
  • Top Law Colleges in Delhi
  • Top Law Collages in Indore
  • Top Law Colleges in Chandigarh
  • Top Law Collages in Lucknow

Predictors & E-Books

  • CLAT College Predictor
  • MHCET Law ( 5 Year L.L.B) College Predictor
  • AILET College Predictor
  • Sample Papers
  • Compare Law Collages
  • Careers360 Youtube Channel
  • CLAT Syllabus 2025
  • CLAT Previous Year Question Paper
  • AIBE 18 Result 2023
  • NID DAT Exam
  • Pearl Academy Exam

Animation Courses

  • Animation Courses in India
  • Animation Courses in Bangalore
  • Animation Courses in Mumbai
  • Animation Courses in Pune
  • Animation Courses in Chennai
  • Animation Courses in Hyderabad
  • Design Colleges in India
  • Fashion Design Colleges in Bangalore
  • Fashion Design Colleges in Mumbai
  • Fashion Design Colleges in Pune
  • Fashion Design Colleges in Delhi
  • Fashion Design Colleges in Hyderabad
  • Fashion Design Colleges in India
  • Top Design Colleges in India
  • Free Design E-books
  • List of Branches
  • Careers360 Youtube channel
  • NIFT College Predictor
  • UCEED College Predictor
  • IPU CET BJMC
  • JMI Mass Communication Entrance Exam
  • IIMC Entrance Exam
  • Media & Journalism colleges in Delhi
  • Media & Journalism colleges in Bangalore
  • Media & Journalism colleges in Mumbai
  • List of Media & Journalism Colleges in India
  • CA Intermediate
  • CA Foundation
  • CS Executive
  • CS Professional
  • Difference between CA and CS
  • Difference between CA and CMA
  • CA Full form
  • CMA Full form
  • CS Full form
  • CA Salary In India

Top Courses & Careers

  • Bachelor of Commerce (B.Com)
  • Master of Commerce (M.Com)
  • Company Secretary
  • Cost Accountant
  • Charted Accountant
  • Credit Manager
  • Financial Advisor
  • Top Commerce Colleges in India
  • Top Government Commerce Colleges in India
  • Top Private Commerce Colleges in India
  • Top M.Com Colleges in Mumbai
  • Top B.Com Colleges in India
  • IT Colleges in Tamil Nadu
  • IT Colleges in Uttar Pradesh
  • MCA Colleges in India
  • BCA Colleges in India

Quick Links

  • Information Technology Courses
  • Programming Courses
  • Web Development Courses
  • Data Analytics Courses
  • Big Data Analytics Courses
  • RUHS Pharmacy Admission Test
  • Top Pharmacy Colleges in India
  • Pharmacy Colleges in Pune
  • Pharmacy Colleges in Mumbai
  • Colleges Accepting GPAT Score
  • Pharmacy Colleges in Lucknow
  • List of Pharmacy Colleges in Nagpur
  • GPAT Result
  • GPAT 2024 Admit Card
  • GPAT Question Papers
  • NCHMCT JEE 2024
  • Mah BHMCT CET
  • Top Hotel Management Colleges in Delhi
  • Top Hotel Management Colleges in Hyderabad
  • Top Hotel Management Colleges in Mumbai
  • Top Hotel Management Colleges in Tamil Nadu
  • Top Hotel Management Colleges in Maharashtra
  • B.Sc Hotel Management
  • Hotel Management
  • Diploma in Hotel Management and Catering Technology

Diploma Colleges

  • Top Diploma Colleges in Maharashtra
  • UPSC IAS 2024
  • SSC CGL 2024
  • IBPS RRB 2024
  • Previous Year Sample Papers
  • Free Competition E-books
  • Sarkari Result
  • QnA- Get your doubts answered
  • UPSC Previous Year Sample Papers
  • CTET Previous Year Sample Papers
  • SBI Clerk Previous Year Sample Papers
  • NDA Previous Year Sample Papers

Upcoming Events

  • NDA Application Form 2024
  • UPSC IAS Application Form 2024
  • CDS Application Form 2024
  • CTET Admit card 2024
  • HP TET Result 2023
  • SSC GD Constable Admit Card 2024
  • UPTET Notification 2024
  • SBI Clerk Result 2024

Other Exams

  • SSC CHSL 2024
  • UP PCS 2024
  • UGC NET 2024
  • RRB NTPC 2024
  • IBPS PO 2024
  • IBPS Clerk 2024
  • IBPS SO 2024
  • Top University in USA
  • Top University in Canada
  • Top University in Ireland
  • Top Universities in UK
  • Top Universities in Australia
  • Best MBA Colleges in Abroad
  • Business Management Studies Colleges

Top Countries

  • Study in USA
  • Study in UK
  • Study in Canada
  • Study in Australia
  • Study in Ireland
  • Study in Germany
  • Study in China
  • Study in Europe

Student Visas

  • Student Visa Canada
  • Student Visa UK
  • Student Visa USA
  • Student Visa Australia
  • Student Visa Germany
  • Student Visa New Zealand
  • Student Visa Ireland
  • CUET PG 2024
  • IGNOU B.Ed Admission 2024
  • DU Admission
  • UP B.Ed JEE 2024
  • DDU Entrance Exam
  • IIT JAM 2024
  • IGNOU Online Admission 2024
  • Universities in India
  • Top Universities in India 2024
  • Top Colleges in India
  • Top Universities in Uttar Pradesh 2024
  • Top Universities in Bihar
  • Top Universities in Madhya Pradesh 2024
  • Top Universities in Tamil Nadu 2024
  • Central Universities in India
  • CUET PG Admit Card 2024
  • IGNOU Date Sheet
  • CUET Mock Test 2024
  • CUET Application Form 2024
  • CUET PG Syllabus 2024
  • CUET Participating Universities 2024
  • CUET Previous Year Question Paper
  • CUET Syllabus 2024 for Science Students
  • E-Books and Sample Papers
  • CUET Exam Pattern 2024
  • CUET Exam Date 2024
  • CUET Syllabus 2024
  • IGNOU Exam Form 2024
  • IGNOU Result
  • CUET PG Courses 2024

Engineering Preparation

  • Knockout JEE Main 2024
  • Test Series JEE Main 2024
  • JEE Main 2024 Rank Booster

Medical Preparation

  • Knockout NEET 2024
  • Test Series NEET 2024
  • Rank Booster NEET 2024

Online Courses

  • JEE Main One Month Course
  • NEET One Month Course
  • IBSAT Free Mock Tests
  • IIT JEE Foundation Course
  • Knockout BITSAT 2024
  • Career Guidance Tool

Top Streams

  • IT & Software Certification Courses
  • Engineering and Architecture Certification Courses
  • Programming And Development Certification Courses
  • Business and Management Certification Courses
  • Marketing Certification Courses
  • Health and Fitness Certification Courses
  • Design Certification Courses

Specializations

  • Digital Marketing Certification Courses
  • Cyber Security Certification Courses
  • Artificial Intelligence Certification Courses
  • Business Analytics Certification Courses
  • Data Science Certification Courses
  • Cloud Computing Certification Courses
  • Machine Learning Certification Courses
  • View All Certification Courses
  • UG Degree Courses
  • PG Degree Courses
  • Short Term Courses
  • Free Courses
  • Online Degrees and Diplomas
  • Compare Courses

Top Providers

  • Coursera Courses
  • Udemy Courses
  • Edx Courses
  • Swayam Courses
  • upGrad Courses
  • Simplilearn Courses
  • Great Learning Courses

Access premium articles, webinars, resources to make the best decisions for career, course, exams, scholarships, study abroad and much more with

Plan, Prepare & Make the Best Career Choices

हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) - छात्र जीवन में विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध (essay in hindi) लिखने की आवश्यकता होती है। हिंदी निबंध लेखन (essay writing in hindi) के कई फायदे हैं। हिंदी निबंध से किसी विषय से जुड़ी जानकारी को व्यवस्थित रूप देना आ जाता है तथा विचारों को अभिव्यक्त करने का कौशल विकसित होता है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने की गतिविधि से इन विषयों पर छात्रों के ज्ञान के दायरे का विस्तार होता है जो कि शिक्षा के अहम उद्देश्यों में से एक है। हिंदी में निबंध या लेख लिखने से विषय के बारे में समालोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। साथ ही अच्छा हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखने पर अंक भी अच्छे प्राप्त होते हैं। इसके अलावा हिंदी निबंध (hindi nibandh) किसी विषय से जुड़े आपके पूर्वाग्रहों को दूर कर सटीक जानकारी प्रदान करते हैं जिससे अज्ञानता की वजह से हम लोगों के सामने शर्मिंदा होने से बच जाते हैं।

आइए सबसे पहले जानते हैं कि हिंदी में निबंध की परिभाषा (definition of essay) क्या होती है?

हिंदी निबंध (hindi nibandh) : निबंध के अंग कौन-कौन से होते हैं, हिंदी निबंध (hindi nibandh) : निबंध के प्रकार (types of essay), हिंदी निबंध (hindi nibandh) : निबंध में उद्धरण का महत्व, सुभाष चंद्र बोस पर निबंध (subhash chandra bose essay in hindi), गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day essay in hindi), गणतंत्र दिवस पर भाषण (republic day speech in hindi), मोबाइल फोन पर निबंध (essay on mobile phone in hindi), हिंदी दिवस पर निबंध (essay on hindi diwas in hindi), मकर संक्रांति पर निबंध (essay on makar sankranti in hindi), ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध - कारण और समाधान (global warming essay in hindi), भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध (corruption in india essay in hindi), गुरु नानक जयंती पर निबंध (essay on guru nanak jayanti in hindi), मेरा पालतू कुत्ता पर निबंध ( my pet dog essay in hindi), स्वामी विवेकानंद पर निबंध ( swami vivekananda essay in hindi), महिला सशक्तीकरण पर निबंध (women empowerment essay), भगत सिंह निबंध (bhagat singh essay in hindi), वसुधैव कुटुंबकम् पर निबंध (vasudhaiva kutumbakam essay), गाय पर निबंध (essay on cow in hindi), क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi), रक्षाबंधन पर निबंध (rakshabandhan par nibandh), होली का निबंध (essay on holi in hindi), विजयदशमी अथवा दशहरा पर हिंदी में निबंध (essay in hindi on dussehra or vijayadashmi), दिवाली पर हिंदी में निबंध (essay in hindi on diwali), बाल दिवस पर हिंदी में भाषण (children’s day speech in hindi), हिंदी दिवस पर भाषण (hindi diwas speech), हिंदी दिवस पर कविता (hindi diwas poem), स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (independence day essay), प्रदूषण पर निबंध (essay on pollution in hindi), वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध (essay in hindi on air pollution), जलवायु परिवर्तन पर हिंदी में निबंध (essay in hindi on climate change), पर्यावरण दिवस पर निबंध (essay on environment day in hindi), मेरा प्रिय खेल पर निबंध (essay on my favourite game in hindi), विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (wonder of science essay in hindi), शिक्षक दिवस पर निबंध (teachers day essay in hindi), अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर निबंध (essay on international women’s day in hindi), बाल श्रम पर निबंध (child labour essay in hindi), मेरा प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (apj abdul kalam essay in hindi), मेरा प्रिय मित्र (my best friend nibandh), सरोजिनी नायडू पर निबंध (sarojini naidu essay in hindi).

हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi) - हिंदी निबंध लेखन, हिंदी निबंध 100, 200, 300, 500 शब्दों में

कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए हैं। स्कूली छात्रों (कक्षा 1 से 12 तक) एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हिंदी निबंध (hindi nibandh), भाषण तथा कविता (useful essays, speeches and poems) से उनको बहुत मदद मिलेगी तथा उनके ज्ञान के दायरे में विस्तार होगा। ऐसे में यदि कभी परीक्षा में इससे संबंधित निबंध आ जाए या भाषण देना होगा, तो छात्र उन परिस्थितियों / प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर पाएँगे।

महत्वपूर्ण लेख :

  • 10वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • 12वीं के बाद लोकप्रिय कोर्स
  • क्या एनसीईआरटी पुस्तकें जेईई मेन की तैयारी के लिए काफी हैं?
  • कक्षा 9वीं से नीट की तैयारी कैसे करें

छात्र जीवन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के सबसे सुनहरे समय में से एक होता है जिसमें उसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वास्तव में जीवन की आपाधापी और चिंताओं से परे मस्ती से भरा छात्र जीवन ज्ञान अर्जित करने को समर्पित होता है। छात्र जीवन में अर्जित ज्ञान भावी जीवन तथा करियर के लिए सशक्त आधार तैयार करने का काम करता है। नींव जितनी अच्छी और मजबूत होगी उस पर तैयार होने वाला भवन भी उतना ही मजबूत होगा और जीवन उतना ही सुखद और चिंतारहित होगा। इसे देखते हुए स्कूलों में शिक्षक छात्रों को विषयों से संबंधित अकादमिक ज्ञान से लैस करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर गतिविधियों के जरिए उनके ज्ञान के दायरे का विस्तार करने का प्रयास करते हैं। इन पाठ्येतर गतिविधियों में समय-समय पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) या लेख और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करना शामिल है।

करियर संबंधी महत्वपूर्ण लेख :

  • डॉक्टर कैसे बनें?
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बनें
  • इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति ही निबंध है।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • हिंदी दिवस पर भाषण
  • हिंदी दिवस पर कविता
  • हिंदी पत्र लेखन

आइए अब जानते हैं कि निबंध के कितने अंग होते हैं और इन्हें किस प्रकार प्रभावपूर्ण ढंग से लिखकर आकर्षक बनाया जा सकता है। किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) के मोटे तौर पर तीन भाग होते हैं। ये हैं - प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार।

प्रस्तावना (भूमिका)- हिंदी निबंध के इस हिस्से में विषय से पाठकों का परिचय कराया जाता है। निबंध की भूमिका या प्रस्तावना, इसका बेहद अहम हिस्सा होती है। जितनी अच्छी भूमिका होगी पाठकों की रुचि भी निबंध में उतनी ही अधिक होगी। प्रस्तावना छोटी और सटीक होनी चाहिए ताकि पाठक संपूर्ण हिंदी लेख (hindi me lekh) पढ़ने को प्रेरित हों और जुड़ाव बना सकें।

विषय विस्तार- निबंध का यह मुख्य भाग होता है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। इसमें इसके सभी संभव पहलुओं की जानकारी दी जाती है। हिंदी निबंध (hindi nibandh) के इस हिस्से में अपने विचारों को सिलसिलेवार ढंग से लिखकर अभिव्यक्त करने की खूबी का प्रदर्शन करना होता है।

उपसंहार- निबंध का यह अंतिम भाग होता है, इसमें हिंदी निबंध (hindi nibandh) के विषय पर अपने विचारों का सार रखते हुए पाठक के सामने निष्कर्ष रखा जाता है।

ये भी देखें :

अग्निपथ योजना रजिस्ट्रेशन

अग्निपथ योजना एडमिट कार्ड

अग्निपथ योजना सिलेबस

अंत में यह जानना भी अत्यधिक आवश्यक है कि निबंध कितने प्रकार के होते हैं। मोटे तौर निबंध को निम्नलिखित श्रेणियों में रखा जाता है-

वर्णनात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है। इसमें त्योहार, यात्रा, आयोजन आदि पर लेखन शामिल है। इनमें घटनाओं का एक क्रम होता है और इस तरह के निबंध लिखने आसान होते हैं।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है। अक्सर ये किसी समस्या – सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत- पर लिखे जाते हैं। विज्ञान वरदान या अभिशाप, राष्ट्रीय एकता की समस्या, बेरोजगारी की समस्या आदि ऐसे विषय हो सकते हैं। इन हिंदी निबंधों (hindi nibandh) में विषय के अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार व्यक्त किया जाता है और समस्या को दूर करने के उपाय भी सुझाए जाते हैं।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है। इनमें कल्पनाशीलता के लिए अधिक छूट होती है। भाव की प्रधानता के कारण इन निबंधों में लेखक की आत्मीयता झलकती है। मेरा प्रिय मित्र, यदि मैं डॉक्टर होता जैसे विषय इस श्रेणी में रखे जा सकते हैं।

इसके साथ ही विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

ये भी पढ़ें-

  • केंद्रीय विद्यालय एडमिशन
  • नवोदय कक्षा 6 प्रवेश
  • एनवीएस एडमिशन कक्षा 9

जिस प्रकार बातचीत को आकर्षक और प्रभावी बनाने के लिए लोग मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविताओं आदि की मदद लेते हैं, ठीक उसी तरह निबंध को भी प्रभावी बनाने के लिए इनकी सहायता ली जानी चाहिए। उदाहरण के लिए मित्रता पर हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखते समय तुलसीदास जी की इन पंक्तियों की मदद ले सकते हैं -

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी, तिन्हिं बिलोकत पातक भारी।

यानि कि जो व्यक्ति मित्र के दुख से दुखी नहीं होता है, उनको देखने से बड़ा पाप होता है।

हिंदी या मातृभाषा पर निबंध लिखते समय भारतेंदु हरिश्चंद्र की पंक्तियों का प्रयोग करने से चार चाँद लग जाएगा-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल

बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।

प्रासंगिकता और अपने विवेक के अनुसार लेखक निबंधों में ऐसी सामग्री का उपयोग निबंध को प्रभावी बनाने के लिए कर सकते हैं। इनका भंडार तैयार करने के लिए जब कभी कोई पंक्ति या उद्धरण अच्छा लगे, तो एकत्रित करते रहें और समय-समय पर इनको दोहराते रहें।

उपरोक्त सभी प्रारूपों का उपयोग कर छात्रों के लिए हमने निम्नलिखित हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) तैयार किए हैं -

सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के नेता थे और बाद में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। इसके माध्यम से भारत में सभी ब्रिटिश विरोधी ताकतों को एकजुट करने की पहल की थी। बोस ब्रिटिश सरकार के मुखर आलोचक थे और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए और अधिक आक्रामक कार्रवाई की वकालत करते थे। विद्यार्थियों को अक्सर कक्षा और परीक्षा में सुभाष चंद्र बोस जयंती (subhash chandra bose jayanti) या सुभाष चंद्र बोस पर हिंदी में निबंध (subhash chandra bose essay in hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां सुभाष चंद्र बोस पर 100, 200 और 500 शब्दों का निबंध दिया गया है।

भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के सम्मान में स्कूलों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन सभी स्कूलों, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में झंडोत्तोलन होता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। मिठाईयां बांटी जाती है और अवकाश रहता है। छात्रों और बच्चों के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस पर निबंध पढ़ें।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया, इसमें भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) की आपकी तलाश यहां खत्म होती है। इस राष्ट्रीय पर्व के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक बनाने और उनके ज्ञान को परखने के लिए गणतत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay) लिखने का प्रश्न भी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से Gantantra Diwas par nibandh लिखने में भी मदद मिलेगी। Gantantra Diwas par lekh bhashan तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें और अच्छा प्रदर्शन करें।

मोबाइल फ़ोन को सेल्युलर फ़ोन भी कहा जाता है। मोबाइल आज आधुनिक प्रौद्योगिकी का एक अहम हिस्सा है जिसने दुनिया को एक साथ लाकर हमारे जीवन को बहुत प्रभावित किया है। मोबाइल हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मोबाइल में इंटरनेट के इस्तेमाल ने कई कामों को बेहद आसान कर दिया है। मनोरंजन, संचार के साथ रोजमर्रा के कामों में भी इसकी अहम भूमिका हो गई है। इस निबंध में मोबाइल फोन के बारे में बताया गया है।

भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने जनभाषा हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस दिन की याद में हर वर्ष 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए 10 जनवरी को प्रतिवर्ष विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) मनाया जाता है। इस लेख में राष्ट्रीय हिंदी दिवस (14 सितंबर) और विश्व हिंदी दिवस (10 जनवरी) के बारे में चर्चा की गई है।

मकर संक्रांति का त्योहार यूपी, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 14 जनवरी को मनाया जाता है। इसे खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान के बाद पूजा करके दान करते हैं। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड, चिउड़ा-दही खाने का रिवाज है। प्रयागराज में इस दिन से कुंभ मेला आरंभ होता है। इस लेख में मकर संक्रांति के बारे में बताया गया है।

पर्यावरण से संबंधित मुद्दों की चर्चा करते समय ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा अक्सर होती है। ग्लोबल वार्मिंग का संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि से है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें वनों का लगातार कम होना और ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन प्रमुख है। वनों का विस्तार करके और ग्रीन हाउस गैसों पर नियंत्रण करके हम ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के समाधान की दिशा में कदम उठा सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध- कारण और समाधान में इस विषय पर चर्चा की गई है।

भारत में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। समाचारों में अक्सर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं। सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए कई उपाय किए हैं। अलग-अलग एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई करती रहती हैं। फिर भी आम जनता को भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। हालांकि डिजीटल इंडिया की पहल के बाद कई मामलों में पारदर्शिता आई है। लेकिन भ्रष्टाचार के मामले कम हुए है, समाप्त नहीं हुए हैं। भ्रष्टाचार पर निबंध के माध्यम से आपको इस विषय पर सभी पहलुओं की जानकारी मिलेगी।

समय-समय पर ईश्वरीय शक्ति का एहसास कराने के लिए संत-महापुरुषों का जन्म होता रहा है। गुरु नानक भी ऐसे ही विभूति थे। उन्होंने अपने कार्यों से लोगों को चमत्कृत कर दिया। गुरु नानक की तर्कसम्मत बातों से आम जनमानस उनका मुरीद हो गया। उन्होंने दुनिया को मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। भारत, पाकिस्तान, अरब और अन्य जगहों पर वर्षों तक यात्रा की और लोगों को उपदेश दिए। गुरु नानक जयंती पर निबंध से आपको उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी मिलेगी।

कुत्ता हमारे आसपास रहने वाला जानवर है। सड़कों पर, गलियों में कहीं भी कुत्ते घूमते हुए दिख जाते हैं। शौक से लोग कुत्तों को पालते भी हैं। क्योंकि वे घर की रखवाली में सहायक होते हैं। बच्चों को अक्सर परीक्षा में मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने को कहा जाता है। यह लेख बच्चों को मेरा पालतू कुत्ता विषय पर निबंध लिखने में सहायक होगा।

स्वामी विवेकानंद जी हमारे देश का गौरव हैं। विश्व-पटल पर वास्तविक भारत को उजागर करने का कार्य सबसे पहले किसी ने किया तो वें स्वामी विवेकानंद जी ही थे। उन्होंने ही विश्व को भारतीय मानसिकता, विचार, धर्म, और प्रवृति से परिचित करवाया। स्वामी विवेकानंद जी के बारे में जानने के लिए आपको इस लेख को पढ़ना चाहिए। यह लेख निश्चित रूप से आपके व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन करेगा।

हम सभी ने "महिला सशक्तिकरण" या नारी सशक्तिकरण के बारे में सुना होगा। "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने और सभी लैंगिक असमानताओं को कम करने के लिए किए गए कार्यों को संदर्भित करता है। व्यापक अर्थ में, यह विभिन्न नीतिगत उपायों को लागू करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण से संबंधित है। प्रत्येक बालिका की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करना और उनकी शिक्षा को अनिवार्य बनाना, महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में "महिला सशक्तिकरण"(mahila sashaktikaran essay) पर कुछ सैंपल निबंध दिए गए हैं, जो निश्चित रूप से सभी के लिए सहायक होंगे।

भगत सिंह एक युवा क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए बहुत कम उम्र में ही अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। देश के लिए उनकी भक्ति निर्विवाद है। शहीद भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में शहीद हो गए। उन्होंने न केवल भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि वह इसे हासिल करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को भी तैयार थे। उनके निधन से पूरे देश में देशभक्ति की भावना प्रबल हो गई। उनके समर्थकों द्वारा उन्हें शहीद के रूप में सम्मानित किया गया था। वह हमेशा हमारे बीच शहीद भगत सिंह के नाम से ही जाने जाएंगे। भगत सिंह के जीवन परिचय के लिए अक्सर छोटी कक्षा के छात्रों को भगत सिंह पर निबंध तैयार करने को कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से आपको भगत सिंह पर निबंध तैयार करने में सहायता मिलेगी।

वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर निबंध या भाषणों का आयोजन भी स्कूलों में किया जाता है। कॅरियर्स360 के द्वारा छात्रों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए वसुधैव कुटुंबकम विषय पर यह लेख तैयार किया गया है।

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। ना सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। ऐसे में विद्यालयों में गाय को लेकर निबंध लिखने का कार्य दिया जाना आम है। गाय के इस निबंध के माध्यम से छात्रों को परीक्षा में पूछे जाने वाले गाय पर निबंध को लिखने में भी सहायता मिलेगी।

क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार स्कूलों में बच्चों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। क्रिसमस पर एग्जाम के लिए प्रभावी निबंध तैयार करने का तरीका सीखें।

रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पर्व पूरी तरह से भाई और बहन के रिश्ते को समर्पित त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांध कर उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को कोई तोहफा देने के साथ ही जीवन भर उनके सुख-दुख में उनका साथ देने का वचन देते हैं। इस दिन छोटी बच्चियाँ देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को राखी बांधती हैं। रक्षाबंधन पर हिंदी में निबंध (essay on rakshabandhan in hindi) आधारित इस लेख से विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के त्योहार पर न सिर्फ लेख लिखने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि वे इसकी सहायता से रक्षाबंधन के पर्व का महत्व भी समझ सकेंगे।

होली त्योहार जल्द ही देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला है। होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ हिल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। होली पर हिंदी में निबंध (hindi mein holi par nibandh) को पढ़ने से होली के सभी पहलुओं को जानने में मदद मिलेगी और यदि परीक्षा में holi par hindi mein nibandh लिखने को आया तो अच्छा अंक लाने में भी सहायता मिलेगी।

दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध (Essay in hindi on Dussehra) लिखने को भी कहा जाता है, जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं, इसलिए हिंदी में दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमें उम्मीद है कि दीवाली त्योहार पर हिंदी में निबंध उन युवा शिक्षार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो इस विषय पर निबंध लिखना चाहते हैं। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Diwali Festival) के सार को सही ठहराने के लिए अपनी ओर से एक मामूली प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध से कुछ सीख कर लाभ उठा सकते हैं कि वाक्यों को कैसे तैयार किया जाए, Class 1 से 10 तक के लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में तैयार करने के लिए इसके लिंक पर जाएँ।

बाल दिवस पर भाषण (Children's Day Speech In Hindi), बाल दिवस पर हिंदी में निबंध (Children's Day essay In Hindi), बाल दिवस गीत, कविता पाठ, चित्रकला, खेलकूद आदि से जुड़ी प्रतियोगिताएं बाल दिवस के मौके पर आयोजित की जाती हैं। स्कूलों में बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस पर हिंदी में निबंध लिखने के लिए उपयोगी सामग्री इस लेख में मिलेगी जिसकी मदद से बाल दिवस पर भाषण देने और बाल दिवस के लिए निबंध तैयार करने में मदद मिलेगी। कई बार तो परीक्षाओं में भी बाल दिवस पर लेख लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। इसमें भी यह लेख मददगार होगा।

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परंपराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में, हिंदी सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और बोली जाने वाली भाषा है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार 14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राजभाषा के रूप में अपनाया गया था। हमारी मातृभाषा हिंदी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। हिंदी दिवस पर भाषण के लिए उपयोगी जानकारी इस लेख में मिलेगी।

हिन्दी में कवियों की परम्परा बहुत लम्बी है। हिंदी के महान कवियों ने कालजयी रचनाएं लिखी हैं। हिंदी में निबंध और वाद-विवाद आदि का जितना महत्व है उतना ही महत्व हिंदी कविताओं और कविता-पाठ का भी है। हिंदी दिवस पर विद्यालय या अन्य किसी आयोजन पर हिंदी कविता भी चार चाँद लगाने का काम करेगी। हिंदी दिवस कविता के इस लेख में हम हिंदी भाषा के सम्मान में रचित, हिंदी का महत्व बतलाती विभिन्न कविताओं की जानकारी दी गई है।

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश भारत 200 सालों के अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था। यही वजह है कि यह दिन इतिहास में दर्ज हो गया और इसे भारत के स्वतंत्रता दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। इस दिन देश के प्रधानमंत्री लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते तो हैं ही और साथ ही इसके बाद वे पूरे देश को लालकिले से संबोधित भी करते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री का पूरा भाषण टीवी व रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित किया जाता है। इसके अलावा देश भर में इस दिन सभी कार्यालयों में छुट्टी होती है। स्कूल्स व कॉलेज में रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी जो निश्चित तौर पर आपके लिए लेख लिखने में सहायक सिद्ध होगी।

प्रदूषण पृथ्वी पर वर्तमान के उन प्रमुख मुद्दों में से एक है, जो हमारी पृथ्वी को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो लंबे समय से चर्चा में है, 21वीं सदी में इसका हानिकारक प्रभाव बड़े पैमाने पर महसूस किया जा रहा है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकारों ने इन प्रभावों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। इससे कई प्राकृतिक प्रक्रियाओं में गड़बड़ी आती है। इतना ही नहीं, आज कई वनस्पतियां और जीव-जंतु या तो विलुप्त हो चुके हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। प्रदूषण की मात्रा में तेजी से वृद्धि के कारण पशु तेजी से न सिर्फ अपना घर खो रहे हैं, बल्कि जीने लायक प्रकृति को भी खो रहे हैं। प्रदूषण ने दुनिया भर के कई प्रमुख शहरों को प्रभावित किया है। इन प्रदूषित शहरों में से अधिकांश भारत में ही स्थित हैं। दुनिया के कुछ सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली, कानपुर, बामेंडा, मॉस्को, हेज़, चेरनोबिल, बीजिंग शामिल हैं। हालांकि इन शहरों ने प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ और बहुत ही तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है।

वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध के ज़रिए हम इसके बारे में थोड़ा गहराई से जानेंगे। वायु प्रदूषण पर लेख (Essay on Air Pollution) से इस समस्या को जहाँ समझने में आसानी होगी वहीं हम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पहलुओं के बारे में भी जान सकेंगे। इससे स्कूली विद्यार्थियों को वायु प्रदूषण पर निबंध (Essay on Air Pollution) तैयार करने में भी मदद होगी। हिंदी में वायु प्रदूषण पर निबंध से परीक्षा में बेहतर स्कोर लाने में मदद मिलेगी।

एक बड़े भू-क्षेत्र में लंबे समय तक रहने वाले मौसम की औसत स्थिति को जलवायु की संज्ञा दी जाती है। किसी भू-भाग की जलवायु पर उसकी भौगोलिक स्थिति का सर्वाधिक असर पड़ता है। पृथ्वी ग्रह का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। सरकारों को इसमें नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने होंगे। जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए सरकारों को सतत विकास के उपायों में निवेश करने, ग्रीन जॉब, हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है। पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखने, इसे स्वस्थ रखने और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर ईमानदारी से काम करना होगा। ग्लोबल वार्मिंग या जलवायु परिवर्तन पर निबंध के जरिए छात्रों को इस विषय और इससे जुड़ी समस्याओं और समाधान के बारे में जानने को मिलेगा।

हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया।

आज के युग में जब हम अपना अधिकतर समय पढाई पर केंद्रित करने का प्रयास करते नजर आते हैं और साथ ही अपना ज़्यादातर समय ऑनलाइन रह कर व्यतीत करना पसंद करते हैं, ऐसे में हमारे जीवन में खेलों का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। खेल हमारे लिए केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं, अपितु हमारे सर्वांगीण विकास का एक माध्यम भी है। हमारे जीवन में खेल उतना ही जरूरी है, जितना पढाई करना। आज कल के युग में मानव जीवन में शारीरिक कार्य की तुलना में मानसिक कार्य में बढ़ोतरी हुई है और हमारी जीवन शैली भी बदल गई है, हम रात को देर से सोते हैं और साथ ही सुबह देर से उठते हैं। जाहिर है कि यह दिनचर्या स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है और इसके साथ ही कार्य या पढाई की वजह से मानसिक तनाव पहले की तुलना में वृद्धि महसूस की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जब हमारे जीवन में शारीरिक परिश्रम अधिक नहीं है, तो हमारे जीवन में खेलो का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।

  • यूपी बोर्ड कक्षा 10वीं सिलेबस 2024
  • यूपी बोर्ड 12वीं सिलेबस 2024
  • आरबीएसई 10वीं का सिलेबस 2023

हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है, जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीकों का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।

शिक्षक अपने शिष्य के जीवन के साथ साथ उसके चरित्र निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। कहा जाता है कि सबसे पहली गुरु माँ होती है, जो अपने बच्चों को जीवन प्रदान करने के साथ-साथ जीवन के आधार का ज्ञान भी देती है। इसके बाद अन्य शिक्षकों का स्थान होता है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करना बहुत ही बड़ा और कठिन कार्य है। व्यक्ति को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उसके चरित्र और व्यक्तित्व का निर्माण करना भी उसी प्रकार का कार्य है, जैसे कोई कुम्हार मिट्टी से बर्तन बनाने का कार्य करता है। इसी प्रकार शिक्षक अपने छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के साथ साथ उसके व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत 1908 में हुई थी, जब न्यूयॉर्क शहर की सड़को पर हजारों महिलाएं घंटों काम के लिए बेहतर वेतन और सम्मान तथा समानता के अधिकार को प्राप्त करने के लिए उतरी थीं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का प्रस्ताव क्लारा जेटकिन का था जिन्होंने 1910 में यह प्रस्ताव रखा था। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में मनाया गया था।

हम उम्मीद करते हैं कि स्कूली छात्रों के लिए तैयार उपयोगी हिंदी में निबंध, भाषण और कविता (Essays, speech and poems for school students) के इस संकलन से निश्चित तौर पर छात्रों को मदद मिलेगी।

  • आरबीएसई 12वीं का सिलेबस
  • एमपी बोर्ड 10वीं सिलेबस
  • एमपी बोर्ड 12वीं सिलेबस

बाल श्रम को बच्चो द्वारा रोजगार के लिए किसी भी प्रकार के कार्य को करने के रूप में परिभाषित किया गया है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालता है और उन्हें मूलभूत शैक्षिक और मनोरंजक जरूरतों तक पहुंच से वंचित करता है। एक बच्चे को आम तौर व्यस्क तब माना जाता है जब वह पंद्रह वर्ष या उससे अधिक का हो जाता है। इस आयु सीमा से कम के बच्चों को किसी भी प्रकार के जबरन रोजगार में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। बाल श्रम बच्चों को सामान्य परवरिश का अनुभव करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनके शारीरिक और भावनात्मक विकास में बाधा के रूप में देखा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें बाल श्रम या फिर कहें तो बाल मजदूरी पर निबंध।

एपीजे अब्दुल कलाम की गिनती आला दर्जे के वैज्ञानिक होने के साथ ही प्रभावी नेता के तौर पर भी होती है। वह 21वीं सदी के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं। कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति बने, अपने कार्यकाल में समाज को लाभ पहुंचाने वाली कई पहलों की शुरुआत की। मेरा प्रिय नेता विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है। जानिए कैसे तैयार करें अपने प्रिय नेता: एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध।

हमारे जीवन में बहुत सारे लोग आते हैं। उनमें से कई को भुला दिया जाता है, लेकिन कुछ का हम पर स्थायी प्रभाव पड़ता है। भले ही हमारे कई दोस्त हों, उनमें से कम ही हमारे अच्छे दोस्त होते हैं। कहा भी जाता है कि सौ दोस्तों की भीड़ के मुक़ाबले जीवन में एक सच्चा/अच्छा दोस्त होना काफी है। यह लेख छात्रों को 'मेरे प्रिय मित्र'(My Best Friend Nibandh) पर निबंध तैयार करने में सहायता करेगा।

3 फरवरी, 1879 को भारत के हैदराबाद में एक बंगाली परिवार ने सरोजिनी नायडू का दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। उन्होंने कैम्ब्रिज में किंग्स कॉलेज और गिर्टन, दोनों ही पाठ्यक्रमों में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की। जब वह एक बच्ची थी, तो कुछ भारतीय परिवारों ने अपनी बेटियों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। हालाँकि, सरोजिनी नायडू के परिवार ने लगातार उदार मूल्यों का समर्थन किया। वह न्याय की लड़ाई में विरोध की प्रभावशीलता पर विश्वास करते हुए बड़ी हुई। सरोजिनी नायडू से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को पढ़ें।

  • 12वीं के बाद यूपीएससी की तैयारी कैसे करें?
  • 10वीं क्लास से नीट की तैयारी कैसे करें?
  • 12वीं के बाद नीट के बिना किए जा सकने वाले मेडिकल कोर्स

Frequently Asked Question (FAQs)

किसी भी हिंदी निबंध (Essay in hindi) को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- ये हैं- प्रस्तावना या भूमिका, विषय विस्तार और उपसंहार (conclusion)।

हिंदी निबंध लेखन शैली की दृष्टि से मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-

वर्णनात्मक हिंदी निबंध - इस तरह के निबंधों में किसी घटना, वस्तु, स्थान, यात्रा आदि का वर्णन किया जाता है।

विचारात्मक निबंध - इस तरह के निबंधों में मनन-चिंतन की अधिक आवश्यकता होती है।

भावात्मक निबंध - ऐसे निबंध जिनमें भावनाओं को व्यक्त करने की अधिक स्वतंत्रता होती है।

विषय वस्तु की दृष्टि से भी निबंधों को सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसी बहुत सी श्रेणियों में बाँटा जा सकता है।

निबंध में समुचित जगहों पर मुहावरे, लोकोक्तियों, सूक्तियों, दोहों, कविता का प्रयोग करके इसे प्रभावी बनाने में मदद मिलती है। हिंदी निबंध के प्रभावी होने पर न केवल बेहतर अंक मिलेंगी बल्कि असल जीवन में अपनी बात रखने का कौशल भी विकसित होगा।

कुछ उपयोगी विषयों पर हिंदी में निबंध के लिए ऊपर लेख में दिए गए लिंक्स की मदद ली जा सकती है।

निबंध, गद्य विधा की एक लेखन शैली है। हिंदी साहित्य कोष के अनुसार निबंध ‘किसी विषय या वस्तु पर उसके स्वरूप, प्रकृति, गुण-दोष आदि की दृष्टि से लेखक की गद्यात्मक अभिव्यक्ति है।’ एक अन्य परिभाषा में सीमित समय और सीमित शब्दों में क्रमबद्ध विचारों की अभिव्यक्ति को निबंध की संज्ञा दी गई है। इस तरह कह सकते हैं कि मोटे तौर पर किसी विषय पर अपने विचारों को लिखकर की गई अभिव्यक्ति निबंध है।

  • Latest Articles
  • Popular Articles

Explore Premium

Exam preparation: get over self-doubt with these effective measures, gandhian principles can aid mental well-being, every student should build on these must have skills, arduous dance holding on and letting go your teens, competition and comparison: how can parents help kids to avoid the maze, building a support system: help and assistance available for the orphaned youth, homeostasis: maintenance of internal balance, trigonometry: where do we see it being used in real-life, artificial rain: concept and techniques, upcoming school exams, national institute of open schooling 12th examination.

Exam Date : 11 March,2024 - 27 March,2024

National Institute of Open Schooling 10th examination

Punjab board of secondary education 10th examination.

Exam Date : 18 March,2024 - 06 April,2024

Kerala Secondary School Leaving Certificate Examination

Exam Date : 25 March,2024 - 25 March,2024

Karnataka Secondary School Leaving Certificate Examination

Explore career options (by industry).

  • Construction
  • Entertainment
  • Manufacturing
  • Information Technology

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Geotechnical engineer

The role of geotechnical engineer starts with reviewing the projects needed to define the required material properties. The work responsibilities are followed by a site investigation of rock, soil, fault distribution and bedrock properties on and below an area of interest. The investigation is aimed to improve the ground engineering design and determine their engineering properties that include how they will interact with, on or in a proposed construction. 

The role of geotechnical engineer in mining includes designing and determining the type of foundations, earthworks, and or pavement subgrades required for the intended man-made structures to be made. Geotechnical engineering jobs are involved in earthen and concrete dam construction projects, working under a range of normal and extreme loading conditions. 

Cartographer

How fascinating it is to represent the whole world on just a piece of paper or a sphere. With the help of maps, we are able to represent the real world on a much smaller scale. Individuals who opt for a career as a cartographer are those who make maps. But, cartography is not just limited to maps, it is about a mixture of art , science , and technology. As a cartographer, not only you will create maps but use various geodetic surveys and remote sensing systems to measure, analyse, and create different maps for political, cultural or educational purposes.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Product Manager

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Operations manager.

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Bank Probationary Officer (PO)

Investment director.

An investment director is a person who helps corporations and individuals manage their finances. They can help them develop a strategy to achieve their goals, including paying off debts and investing in the future. In addition, he or she can help individuals make informed decisions.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

An expert in plumbing is aware of building regulations and safety standards and works to make sure these standards are upheld. Testing pipes for leakage using air pressure and other gauges, and also the ability to construct new pipe systems by cutting, fitting, measuring and threading pipes are some of the other more involved aspects of plumbing. Individuals in the plumber career path are self-employed or work for a small business employing less than ten people, though some might find working for larger entities or the government more desirable.

Construction Manager

Individuals who opt for a career as construction managers have a senior-level management role offered in construction firms. Responsibilities in the construction management career path are assigning tasks to workers, inspecting their work, and coordinating with other professionals including architects, subcontractors, and building services engineers.

Urban Planner

Urban Planning careers revolve around the idea of developing a plan to use the land optimally, without affecting the environment. Urban planning jobs are offered to those candidates who are skilled in making the right use of land to distribute the growing population, to create various communities. 

Urban planning careers come with the opportunity to make changes to the existing cities and towns. They identify various community needs and make short and long-term plans accordingly.

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Naval Architect

A Naval Architect is a professional who designs, produces and repairs safe and sea-worthy surfaces or underwater structures. A Naval Architect stays involved in creating and designing ships, ferries, submarines and yachts with implementation of various principles such as gravity, ideal hull form, buoyancy and stability. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Veterinary Doctor

Pathologist.

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Speech Therapist

Gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

Hospital Administrator

The hospital Administrator is in charge of organising and supervising the daily operations of medical services and facilities. This organising includes managing of organisation’s staff and its members in service, budgets, service reports, departmental reporting and taking reminders of patient care and services.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Videographer

Multimedia specialist.

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Linguistic meaning is related to language or Linguistics which is the study of languages. A career as a linguistic meaning, a profession that is based on the scientific study of language, and it's a very broad field with many specialities. Famous linguists work in academia, researching and teaching different areas of language, such as phonetics (sounds), syntax (word order) and semantics (meaning). 

Other researchers focus on specialities like computational linguistics, which seeks to better match human and computer language capacities, or applied linguistics, which is concerned with improving language education. Still, others work as language experts for the government, advertising companies, dictionary publishers and various other private enterprises. Some might work from home as freelance linguists. Philologist, phonologist, and dialectician are some of Linguist synonym. Linguists can study French , German , Italian . 

Public Relation Executive

Travel journalist.

The career of a travel journalist is full of passion, excitement and responsibility. Journalism as a career could be challenging at times, but if you're someone who has been genuinely enthusiastic about all this, then it is the best decision for you. Travel journalism jobs are all about insightful, artfully written, informative narratives designed to cover the travel industry. Travel Journalist is someone who explores, gathers and presents information as a news article.

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

Merchandiser.

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Metallurgical Engineer

A metallurgical engineer is a professional who studies and produces materials that bring power to our world. He or she extracts metals from ores and rocks and transforms them into alloys, high-purity metals and other materials used in developing infrastructure, transportation and healthcare equipment. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

ITSM Manager

Information security manager.

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

Business Intelligence Developer

Applications for admissions are open..

JEE Main Important Chemistry formulas

JEE Main Important Chemistry formulas

As per latest 2024 syllabus. Chemistry formulas, equations, & laws of class 11 & 12th chapters

Aakash iACST Scholarship Test 2024

Aakash iACST Scholarship Test 2024

Get up to 90% scholarship on NEET, JEE & Foundation courses

Resonance Coaching

Resonance Coaching

Enroll in Resonance Coaching for success in JEE/NEET exams

ALLEN JEE Exam Prep

ALLEN JEE Exam Prep

Start your JEE preparation with ALLEN

NEET 2024 Most scoring concepts

NEET 2024 Most scoring concepts

Just Study 32% of the NEET syllabus and Score upto 100% marks

JEE Main high scoring chapters and topics

JEE Main high scoring chapters and topics

As per latest 2024 syllabus. Study 40% syllabus and score upto 100% marks in JEE

Everything about Education

Latest updates, Exclusive Content, Webinars and more.

Explore on Careers360

  • Board Exams
  • Top Schools
  • Navodaya Vidyalaya
  • NCERT Solutions for Class 10
  • NCERT Solutions for Class 9
  • NCERT Solutions for Class 8
  • NCERT Solutions for Class 6

NCERT Exemplars

  • NCERT Exemplar
  • NCERT Exemplar Class 9 solutions
  • NCERT Exemplar Class 10 solutions
  • NCERT Exemplar Class 11 Solutions
  • NCERT Exemplar Class 12 Solutions
  • NCERT Books for class 6
  • NCERT Books for class 7
  • NCERT Books for class 8
  • NCERT Books for class 9
  • NCERT Books for Class 10
  • NCERT Books for Class 11
  • NCERT Books for Class 12
  • NCERT Notes for Class 9
  • NCERT Notes for Class 10
  • NCERT Notes for Class 11
  • NCERT Notes for Class 12
  • NCERT Syllabus for Class 6
  • NCERT Syllabus for Class 7
  • NCERT Syllabus for class 8
  • NCERT Syllabus for class 9
  • NCERT Syllabus for Class 10
  • NCERT Syllabus for Class 11
  • NCERT Syllabus for Class 12
  • CBSE Date Sheet
  • CBSE Syllabus
  • CBSE Admit Card
  • CBSE Result
  • CBSE Result Name and State Wise
  • CBSE Passing Marks

CBSE Class 10

  • CBSE Board Class 10th
  • CBSE Class 10 Date Sheet
  • CBSE Class 10 Syllabus
  • CBSE 10th Exam Pattern
  • CBSE Class 10 Answer Key
  • CBSE 10th Admit Card
  • CBSE 10th Result
  • CBSE 10th Toppers
  • CBSE Board Class 12th
  • CBSE Class 12 Date Sheet
  • CBSE Class 12 Admit Card
  • CBSE Class 12 Syllabus
  • CBSE Class 12 Exam Pattern
  • CBSE Class 12 Answer Key
  • CBSE 12th Result
  • CBSE Class 12 Toppers

CISCE Board 10th

  • ICSE 10th time table
  • ICSE 10th Syllabus
  • ICSE 10th exam pattern
  • ICSE 10th Question Papers
  • ICSE 10th Result
  • ICSE 10th Toppers
  • ISC 12th Board
  • ISC 12th Time Table
  • ISC Syllabus
  • ISC 12th Question Papers
  • ISC 12th Result
  • IMO Syllabus
  • IMO Sample Papers
  • IMO Answer Key
  • IEO Syllabus
  • IEO Answer Key
  • NSO Syllabus
  • NSO Sample Papers
  • NSO Answer Key
  • NMMS Application form
  • NMMS Scholarship
  • NMMS Eligibility
  • NMMS Exam Pattern
  • NMMS Admit Card
  • NMMS Question Paper
  • NMMS Answer Key
  • NMMS Syllabus
  • NMMS Result
  • NTSE Application Form
  • NTSE Eligibility Criteria
  • NTSE Exam Pattern
  • NTSE Admit Card
  • NTSE Syllabus
  • NTSE Question Papers
  • NTSE Answer Key
  • NTSE Cutoff
  • NTSE Result

Schools By Medium

  • Malayalam Medium Schools in India
  • Urdu Medium Schools in India
  • Telugu Medium Schools in India
  • Karnataka Board PUE Schools in India
  • Bengali Medium Schools in India
  • Marathi Medium Schools in India

By Ownership

  • Central Government Schools in India
  • Private Schools in India
  • Schools in Delhi
  • Schools in Lucknow
  • Schools in Kolkata
  • Schools in Pune
  • Schools in Bangalore
  • Schools in Chennai
  • Schools in Mumbai
  • Schools in Hyderabad
  • Schools in Gurgaon
  • Schools in Ahmedabad
  • Schools in Uttar Pradesh
  • Schools in Maharashtra
  • Schools in Karnataka
  • Schools in Haryana
  • Schools in Punjab
  • Schools in Andhra Pradesh
  • Schools in Madhya Pradesh
  • Schools in Rajasthan
  • Schools in Tamil Nadu
  • NVS Admit Card
  • Navodaya Result
  • Navodaya Exam Date
  • Navodaya Vidyalaya Admission Class 6
  • JNVST admit card for class 6
  • JNVST class 6 answer key
  • JNVST class 6 Result
  • JNVST Class 6 Exam Pattern
  • Navodaya Vidyalaya Admission
  • JNVST class 9 exam pattern
  • JNVST class 9 answer key
  • JNVST class 9 Result

Download Careers360 App's

Regular exam updates, QnA, Predictors, College Applications & E-books now on your Mobile

student

Cetifications

student

We Appeared in

Economic Times

Hindi Essay on Various Topics, Current Topics for Class 10, Class 12 and Other Examination

Hindi Essays 

हिंदी निबंध 

Hindi-Essays

53 नए निबंध क्रमांक 740 से 793 तक कुल 974 निबंध

1. जीवन युद्ध है आराम नहीं

2. सांस्कृतिक कार्यक्रम कितने असांस्कृतिक

3. मेले में दो घंटे

4. प्रदर्शनी का एक दृश्य

5. नदी किनारे शाम का एक दृश्य

6. परीक्षा शुरू होने से पहले दृश्य

7. मैंने चौराहे पर देखा एक मदारी का खेल

8. छुट्टी का दिन

9. वर्षा ऋतु की पहली वर्षा

10. रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य

11. बस अड्डे का दृश्य

12. सूर्योदय का दृश्य

13. अपना घर

14. मतदान केन्द्र का दृश्य

15. रेल यात्रा का अनुभव

16. बस यात्रा का अनुभव

17. स्वदेश-प्रेम

18. मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

19. मातृभूमि

21. आदर्श अध्यापक

22. मेरा प्रिय लेखक : प्रेमचंद

23. भारतीय किसान

24. अहिंसा परमो धर्म

25. ऐसी वाणी बोलिए

26. नर हो, न निराश करो मन को

27. करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान

28. सत्संगति

29. हमारे पड़ोसी

30. जब सारा दिन बिजली न आई

31. परीक्षा भवन का दृश्य

32. स्वप्न में गोस्वामी तुलसीदास जी से भेंट

33. स्वप्न में गाँधी जी से भेंट

34. जब मेरी साइकिल चोरी हो गयी

35. जब मेरी जेब कट गयी

36. मेरे जीवन की अविस्मरणीय घटना

37. भयंकर गर्मी में पत्थर तोड़ती मजदूरिन

38. आँखों देखी दुर्घटना का दृश्य

39. पर्वतीय स्थान की यात्रा

40. ऐतिहासिक स्थान की यात्रा

41. मेरी प्यारी माँ

42. शिक्षा और नारी जागरण

43. जीवन में शिक्षा का महत्त्व

44. भाषण नहीं राशन चाहिए

45. शक्ति अधिकार की जननी है

46. युद्ध का हल युद्ध नहीं

47. विद्याथी और फैशन

48. चरित्र की हानि से बढ़ कर कोई हानि नहीं

49. कथनी से करनी भली

50. कायर मन कहँ एक अधारा

51. जैसी संगति बैठिये तैसोई फल होई

52. स्वास्थ्य ही धन है

53. समरथ को नहिं दोष गोसाईं

54. अक्ल बड़ी कि भैंस

55. जब आवै संतोष धन, सब धन धूरि समान

56. अपना हाथ जगन्नाथ

57. अन्त भला सो भला

58. पराधीन सपनेहु सुख नाहीं

59.  कैसे मनायी हम ने पिकनिक

60. ग्लोबल वार्मिंग

61. प्रदूषण की समस्या

62. लड़का-लड़की एक समान

63. आतंकवाद

64. बाल-शोषण

65. विद्यार्थी पर फैशन का प्रभाव

66. दिल्ली की बदलती तस्वीर

67. मोबाइल फ़ोन के लाभ तथा हानियाँ

68. विज्ञान – वरदान या अभिशाप

69. इंटरनेट का उपयोग

70. दिल्ली मेट्रो

71. भारत के गाँव

72. संयुक्त परिवार

73. बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताए

74. समाचार-पत्र

75. मेरा प्रिय खेल

76. पढ़ने का आनंद

77. स्वतंत्रता का महत्त्व

78. प्रकृति और मानव

79. साँच बराबर तप नहीं

80. दिनों दिन बढ़ती महँगाई

81. कामकाजी नारी के समक्ष चुनौती

82. स्वास्थ्य और व्यायाम

83. सभा भवन का शिष्टाचार

84. अधिकार और कर्तव्य

85. लोकतंत्र और चुनाव

86. जहाँ चाह वहाँ राह

87. प्लास्टिक की दुनिया

88. सपने में चाँद की यात्रा

89. ग्लोबल वार्मिंग के खतरे

90. मेरा मनपसंद रियलटी शो

91. जब हम दो गोलों से पिछड़ रहे थे

92. हिमालय: भारत का मुकुट

93. पुस्तक मेले में अधूरी खरीददारी

94. शिक्षक-दिवस पर मेरी भूमिका

95. पुस्तकालय के शिष्टाचार

96. जब कंप्यूटर से टिकट खरीदा

97. पतंग उड़ाने का आनंद

98. भारत के राष्ट्रीय पर्व

99. मित्रता और इसका महत्व

100. भारत में कंप्यूटर- इसके उपयोग और लाभ

101. सड़क दुर्घटना

102. परोपकार

103. हमारा राष्ट्रध्वज

105. भारत-शांतिप्रिय देश

106. मेरा प्रिय मित्र

107. छत्रपति वीर शिवाजी

108. नेताजी सुभाषचन्द्र बोस

109. महारानी लक्ष्मीबाई

110. हमारे देश के त्योहारों का महत्त्व

111. गणतन्त्र दिवस – 26 जनवरी

112. 15 अगस्त राष्ट्रीय त्योहार

113. गाँधी जयंती – 2 अक्तूबर

114. बाल-दिवस – 14 नवम्बर

115. होली : रंगों का त्योहार

116. रक्षा-बंधन – राखी

117. श्री कृषण जन्माष्टमी

118. दुर्गापूजा, दशहरा, विजया दशमी

119. दीवाली – दीपावली

120. क्रिसमस – 25 दिसम्बर

121. ईद का त्यौहार

122. विज्ञान वरदान है या अभिशाप

123. विज्ञान के चमत्कार

124. अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते कदम

125. चन्द्रशेखर वेंकट रमन

126. मनोरंजन के आधुनिक साधन

127. दूरदर्शन के लाभ और हानियाँ

128. सिनेमा या चलचित्र

129. भारत में इलैक्ट्रोनिक्स का विकास

130. विश्व-शान्ति के उपाय

131. टेलीफोन

132. प्लास्टिक की दुनिया

133. ध्वनि-प्रदूषण

134. कम्प्यूटर – आज की आवश्यकता

135. हमारे समाज में नारी का स्थान

136. प्रौढ़-शिक्षा

137. युवा पीढ़ी में असन्तोष

138. साहित्य और समाज

139. छोटा परिवार – सुखी परिवार

140. आज का समाज और नैतिक मूल्य

141. समाचार-पत्र और उनकी उपयोगिता

142. विद्यार्थी और अनुशासन

143. दहेज-प्रथा एक सामाजिक बुराई

144. नारी-शिक्षा का महत्त्व

145. विद्यालय का वार्षिकोत्सव

146. पुस्तकालय

147. महँगाई की समस्या – मूल्यवृद्धि

148. जीवन में अनुशासन का महत्त्व

149. नैतिक पतन : देश का पतन

150. विद्यार्थी जीवन

151. जीवन में खेलों का महत्त्व

152. भूकम्प : एक प्राकृतिक आपदा

153. शिक्षा में खेलों का महत्व

154. सह-शिक्षा

155. वर्षा ऋतु

156. ग्रीष्म ऋतु

157. वसंत ऋतु

158. भारत की नयी शिक्षा नीति

159. राष्ट्र-निर्माण में विद्यार्थियों का योगदान

160. पंचायती राज

161. राष्ट्रीय एकता

162. दिल्ली – भारत की राजधानी

163. हमारी भारतीय संस्कृति

164. निरक्षरता : एक सामाजिक अभिशाप

165. भारत की सामाजिक समस्याएँ

166. भारतीय गाँव

167. इक्कीसवीं सदी का भारत

168. भारतीय किसान

169. भारतीय कला

170. लोकतन्त्र और चुनाव

171. रोजगार योजना

172. भारत के प्रमुख दर्शनीय स्थल

173. भारत की प्रमुख समस्याएँ

174. भ्रष्टाचार : समस्या और समाधान

175. विकलांग भी देश का अंग हैं

176. बाल श्रमिक और उनकी समस्या

177. नशाबन्दी – समस्या व समाधान

178. प्रदूषण की समस्या और समाधान

179. बढ़ती सभ्यता : सिकुड़ते वन

180. जनसंख्या की समस्या और समाधान

181. आतंकवाद की समस्या

182. व्यायाम के लाभ

183. परिश्रम का महत्त्व

184. देशाटन के लाभ

185. स्वदेश-प्रेम

186. समय का सदुपयोग

187. वृक्षारोपण का महत्व

188. महात्मा कबीरदास

189. कवि सूरदास

190. कवि शिरोमणि तुलसीदास

191. मीराबाई

192. कविवर बिहारी

193. कविवर जयशंकर प्रसाद

194. मेरा प्रिय कवि-रामधारी सिंह ‘दिनकर‘

195. हिन्दी साहित्य का स्वर्णयुग ‘भक्तिकाल

196. छायावादी काव्य

197. प्रयोगवाद

198. जननी जन्मभूमिश्च

199. नारी जीवन हाय ! तुम्हारी यही कहानी

200. साँच बराबर तप नहीं

201. सब दिन जात न एक समाना

202. पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं -पराधीनता

203. परोपकार – परहित सरिस धर्म नहिं ‘भाई

204. सत्संगति – शठ सुधरहिं सत्संगति पाई

205. मन के हारे हार है, मन के जीते जीत

206. मज़हब नहीं सिखाता, आपसे मैं बैर रखना

207. जब आवे सन्तोष धन, सब धन धरि समान

208. दादा बड़ा न भैया, सबसे बड़ी रुपया

209. चाँदनी रात में नौका-विहार

210. मेरा पड़ोसी

211. रेलवे स्टेशन का दृश्य

212. रेल-दुर्घटना का दृश्य

213. बाढ़ का दृश्य

214. आँखों देखा किसी मैच का वर्णन-क्रिकेट मैच

215. किसी पर्वतीय प्रदेश की यात्रा

216. मेले का वर्णन

217. मेरा प्रिय खेल कबड़ी

218. जीवन में खेलों का महत्त्व

219. मेरे जीवन का लक्ष्य

220. राशन की दुकान पर मेरा अनुभव 

221. विद्यालय में मेरा पहला दिन

222. यदि मैं प्रधानमंत्री होता

223. स्वप्न में नेहरू जी से भेंट

224. परीक्षा के दिन

225. शहरी जीवन – वरदान और अभिशाप

226. भारत का परमाणु परीक्षण

227. विद्यार्थी जीवन

228. आदर्श विद्यार्थी

229. विद्यार्थी जीवन में डायरी का महत्त्व

230. विद्यार्थी का दायित्व

231. विद्यार्थी और राष्ट्र-निर्माण

232. विद्यार्थी और अनुशासन

233. विद्यार्थी और सामाजिक चेतना

234. विद्यार्थी और सिनेमा

235. विद्यार्थी और राष्ट्र-प्रेम

236. कर्म ही पूजा है

237. काल करे सो आज कर

238. बीता समय वापस आता नहीं

239. जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है

240. जब आवे सन्तोष धन, सब धन धूरि समान

241. जहाँ सुमति तहाँ सम्पति नाना

242. जीओ और जीने दो

243. जो तोको काँटा बुवै ताहि बोइ तू फूल

244. बिन पानी सब सून

245. बिन साहस के फीका जीवन

246. बिनु सत्संग विवेक न होई

248. धर्म और विज्ञान

249. धर्म और राजनीति

250. हिन्दू-धर्म

251. संस्कृति और सभ्यता

252. संस्कृति और सभ्यता

253. भारतीय संस्कृति की विशेषताएँ

254. हमारी सामाजिक समस्याएँ

255. दहेज-प्रथा की समस्या

256. दहेज प्रथा एक अभिशाप

257. दहेज प्रथा सामाजिक कलंक

258. दहेज एक गंभीर समस्या

259. सती प्रथा

260. बाल विवाह एक कुप्रथा

261. भिक्षा वृत्ति

262. लेखक और समाज

263. मेरे सपनों का भारत

264. भारत की सांस्कृतिक एकता

265. भारत में राष्ट्रीय एकता का स्वरूप

266. भारत में धर्म-निरपेक्षता

267. भारत में बेरोजगारी की समस्या

268. भारत में नशाबन्दी

269. मिलावट

270. भारत में भ्रष्टाचार

271. बढ़ती जनसंख्या और सिकुड़ते साधन

272. राजनीति का अपराधीकरण

273. वर्षा ऋतु

274. शरद ऋतु

275. वसन्त ऋतु

276. ग्रीष्म ऋतु

277. त्योहारों का जीवन में महत्त्व

278. मकर-संक्रान्ति

279. नववर्ष

280. वसन्त पंचमी

281. होली – रंगों का त्योहार

282. बैसाखी

283. गणतन्त्र दिवस

284. स्वतन्त्रता दिवस

285. शिक्षक-दिवस

286. गाँधी जयन्ती

287. बाल-दिवस

288. महर्षि दयानन्द सरस्वती

289. रामतीर्थ का मेला

290. पिंडोरी महन्ता में वैशाखी का मेला

291. हुसैनीवाला में शहीदी मेला

292. हरि वल्लभ संगीत मेला– जालंधर

293. गुरुपर्व

294. महर्षि वाल्मीकि जयन्ती

295. श्रीगुरु रविदास जी – जन्म दिवस

296. लोहड़ी

298. दीपावली

299. नानक जयन्ती

300. क्रिसमस

301. मकर संक्रांति

304. गुड फ्राइडे

305. बुद्ध पूर्णिमा

306. रक्षा-बंधन

307. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

308. महाशिवरात्रि

309. रामनवमी

310. महावीर जयन्ती

311. गंगा सागर का मेला – पश्चिम बंगाल

312. रथ यात्रा का मेला – ओडिशा

313. दशहरा का मेला – कर्नाटक

314. बैकुंठ कांवरि का मेला – बिहार

315. काश्मीर के मेले – काश्मीर

316. हेमिस गुंपा का मेला – लद्दाख

317. कुरूक्षेत्र का मेला – हरियाणा

318. छप्पार का मेला-पंजाब

319. कुल्लू के दशहरा का मेला – हिमाचल

320. पुष्कर का मेला – राजस्थान

321. कोटेश्वर का मेला – कच्छ

322. बस्तर का दशहरे का मेला – मध्य प्रदेश

323. कुंभ का मेला – प्रयागराज

324. फूलवालों की सैर का मेला – दिल्ली

325. बैसाखी का मेला – पंजाब

326. वन-महोत्सव – वृक्षों के त्योहार

328. होली – जवानी का त्योहार

329. मेरी किताब

331. मेरी माँ

332. मेरा घर

333. मेरी कक्षा अध्यापिका

334. सिपाही

335. श्याम-पट ( ब्लैक-बोर्ड )

338. मेरा विद्यालय में पहला दिन

339. मेरे विद्यालय का चपरासी

340. घरेलु बिल्ली

341. ऊँट – रेगिस्तान का जहाज़

342. भारतीय किसान

343. सुबह की सैर

344. विद्यालय का पुस्तकालय

345. अख़बार

346. गर्मियों का मौसम

347. सर्दियों की सुबह

348. बसन्त ऋतु

349. मेरी दिनचर्या

350. डॉक्टर (चिकित्सक)

351. भारत के मौसम

352. बरसात का दिन

353. बिजली के उपयोग

354. दशहरा का त्यौहार

355. रक्षा-बन्धन का त्यौहार

356. होली का त्यौहार

357. स्वतन्त्रता दिवस –15 अगस्त

358. गणतन्त्र दिवस

359. मेरा प्रिय दोस्त

360. मेरी पहली रेल यात्रा

361. चिड़िया घर सैर

362. सर्कस – मनोरंजक स्थल

363. लाल-किला

364. दीवाली का त्यौहार

365. ईद का त्यौहार

366. क्रिसमस का त्यौहार

367. खेदकूद के लाभ

368. यातायात के साधन

369. वृक्षों के लाभ – वृक्षारोपण

370. परिश्रम का महत्त्व

371. प्रदर्शनी का दृश्य

372. कम्प्यूटर के लाभ

373. चलचित्र

374. दूरदर्शन

375. हॉकी का खेल

376. क्रिकेट का खेल

377. फुटबॉल का खेल

378. मेरी हवाई जहाज की यात्रा

379. कर्तव्य पालन

380. मदर टेरेसा

381. मेरी बस यात्रा

382. स्वदेश प्रेम

383. बस दुर्घटना का दृश्य

384. गुरुनानक देव जी

385. सरदार वल्लभ भाई पटेल

386. राष्ट्रपिता – महात्मा गाँधी

387. अनुशासन

388. हमारी अच्छी आदतें

389. जियो और जीने दो

390. एक अच्छा पड़ोसी

391. मेरी कक्षा का शरारती विद्यार्थी

392. अंजू बॉबी जॉर्ज

393. के. एम. बीनामोल

394. गुरबचन सिंह रंधावा

395. ज्योतिर्मयी सिकदर

396. टी. सी. योहानन

397. नीलम जसवन्त सिंह

398. पी. टी. उषा

399. एम. डी. वालसम्मा

400. मिल्खा सिंह

401. शाइनी अब्राहम विल्सन

402. सुनीता रानी

403. कशाबा जाधव

404. सुशील कुमार सोलंकी

405. गामा पहलवान

406. मास्टर चंदगीराम

407. अजित वाडेकर

408. अनिल कुंबले

409. इरापल्ली प्रसन्ना

410. कपिल देव

411. झूलन गोस्वामी

412. डायना इदुलजी

413. पोली उमरीगर

414. बिशन सिंह बेदी

415. भागवत चन्द्रशेखर

416. मिताली राज

417. मंसूर अली ख़ां पटौदी

418. महेन्द्र सिंह धोनी

419. राहुल द्रविड़

420. रणजीत सिंह जी

421. लाला अमरनाथ

422. विजय मर्चेन्ट

423. विजय हजारे

424. वीनू मांकड

425. वीरेन्द्र सहवाग

426. सचिन तेंदुलकर

427. सी. के. नायडू

428. सुनील गावस्कर

429. सौरव गांगुली

430. अर्जुन अटवाल

431. आदर्श विद्यार्थी

432. सदाचार का महत्व

433. वृक्षारोपण

434. भारत में बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ: वरदान या अभिशाप

435. मानवता के साथ विकास

436. बाल-श्रम और समाधान

437. युवकों की समस्याएँ

438. नारी और उसका सम्मान

439. कॉलेजों में फैशन का बढ़ता प्रभाव

440. विश्व शांति और संयुक्त राष्ट्र संघ

441. विज्ञापन और हमारा जीवन

442. प्रतिभा पलायन की समस्या

443. अध्यापक – राष्ट्र का निर्माता

444. मित्रता

445. मेरे जीवन का मुख्य उद्देश्य

446. जीवन और साहित्य

447. लोकतंत्र में प्रेस की भूमिका

448. दहेजप्रथा – एक सामाजिक कलंक

449. भारत में गरीबी की समस्या

450. उदारीकरण का जनता पर प्रभाव

451. भारत में ग्रामीण विकास

452. स्वतंत्रता दिवस : 15 अगस्त

453. पंजाब – मेरा प्रिय प्रदेश

454. चण्डीगढ़ एक आदर्श नगर

455. हरियाणा मेरा प्रिय प्रान्त

456. श्री कृष्ण जन्माष्टमी

457. गुरु तेग बहादुर

458. गुरू गोबिन्द सिंह जी

459. शहीद भक्त सिंह

460. विज्ञान के लाभ-हानियाँ

461. सिनेमा के लाभ हानियां

462. समाचार पत्रों का महत्त्व

463. लोहड़ी का त्यौहार

464. बैसाखी का त्यौहार

465. काला धन

466. शहीद उधम सिंह

467. लाला लाजपत राय

468. बेकारी की समस्या

469. आदर्श शिक्षा प्रणाली

470. शिक्षित नारी की समस्याएँ

471. आज का विद्यार्थी

472. विद्यार्थी और राजनीति

473. मेरी रुचियां

474. नशाखोरी

475. आधुनिक शिक्षा प्रणाली

476. हॉकी मैच का आँखों देखा मैच

477. क्रिकेट का आँखों देखा मैच

478. डॉ. मनमोहन सिंह

479. श्री मति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल

480. बढ़ती हुई जनसंख्या

481. मिसाइल मैन- डॉ० ए० पी० जे० अब्दुल कलाम

482. डॉ० भीम राव अम्बेदकर

484. नैतिक शिक्षा का महत्त्व

485. आइलिटस

486. भ्रूण हत्या

487. आधुनिक समाज में महिला का अस्तित्व

488. आधुनिक समाज में महिला का अस्तित्व

489. नारी और पाश्चात्य सभ्यता

490. पं० जवाहर लाल नेहरु

491. श्री लाल बहादुर शास्त्री

492. देश भक्ति

493. प्रिय दर्शिनी इन्दिरा गांधी

494. राजीव गांधी

495. भगवान महावीर स्वामी

496. महर्षि स्वामी दयानन्द

497. भारतीय संस्कृति के प्रतीक – स्वामी विवेकानन्द

498. ईद का त्यौहार

499. अनिवार्य सैनिक शिक्षा

500. नारी शिक्षा

501. परीक्षा प्रणाली और नकल की समस्या

502. मेरा प्रिय शहर – अमृतसर

503. मेरा प्रिय ग्रन्थ : रामचरित मानस

504. ग्रीष्म ऋतु

505. ग्रामीण जीवन

506. मेरा प्रिय कवि : तुलसीदास

507. विद्यार्थी और फैशन

508. यदि मैं शिक्षा मन्त्री होता

509. आरक्षण

510. भ्रष्टाचार- कारण और निवारण

511. वर्तमान शिक्षा पद्धति के दोष

512. बुद्धिमान खरगोश

513. सहज पके सो मीठा होय

514. दूरदर्शन

515. एक अविस्मरणीय घटना

516. स्कूल में वार्षिक खेल

517. मेले का दृश्य

518. गंगा नदी

519. जीवन में संघर्ष

520. गुरुपर्व

521. चुनाव का दृश्य

522. अस्पताल का दृश्य

523. आदर्श मित्र

524. पुस्तकालय

525. प्रातःकाल का दृश्य

526. निर्धनता एक अभिशाप है

527. वर्षा ऋतु की पहली वर्षा

528. अनुशासन

529. शिक्षक दिवस – 5 सितंबर

530. महात्मा गाँधी

531. इंदिरा गाँधी

532. महात्मा बुद्ध

533. होमी जहाँगीर भाभा

534. महाराणा प्रताप

535. सरोजिनी नायडू

536. ताजमहल

537. फतेहपुर सीकरी

538. दिल्ली का लालकिला

539. कुतुबमीनार

540. लोटस टेंपल

541. हवामहल

542. पहाड़ो की रानी शिमला

543. हरिद्वार

544. नैनीताल की सैर

545. जम्मू-कश्मीर

546. अजंता-ऐलोरा की गुफाएँ

547. मथुरा-वृंदावन

548. चारमीनार

549. गुलाबी नगरी – जयपुर

550. क्रिकेट का खेल

551. फुटबॉल का खेल

552. हॉकी का खेल

553. शतरंज का खेल

554. टेनिस का खेल

555. कुश्ती का खेल

556. बॉक्सिंग का खेल

557. बैडमिंटन का खेल

558. निशानेबाजी का खेल

559. तैराकी का खेल

560. टेलीविज़न

561. रेडियो

563. विधुत बल्ब

564. रेलगाड़ी

565. हवाई जहाज़

566. मिसाइल

567. परमाणु बम

568. मेरा प्यारा गाँव

569. मेरा शहर दिल्ली

570. शहरी जीवन

571. शहर और गाँव

572. गाँव की सैर

573. दिल्ली की सैर

574. आगरा की सैर

575. मुंबई की सैर

576. मेले की सैर

577. मेरा प्रिय शिक्षक

578. किसान की आत्माकथा

579. पोस्टमैन

580. फेरीवाला

581. भिखारी की आत्मकथा

583. शिकारी

584. मेरा परिवार

585. मेरा बचपन

586. मेरा प्रिय स्कूल

587. मेरा प्यारा घर

588. मेरे अच्छे अध्यापक

589. मेरे जीवन का सबसे यादगार दिन

590. काश! मैं धनवान होता

591. काश! मैं प्रधानाध्यापक होता

592. वनों का महत्व

593. यात्रा का वर्णन

594. बेरोज़गारी की समस्या और समाधान

595. पुस्तक मेला – दिल्ली

596. बिजली का महत्व

597. भविष्य योजना

598. निरक्षरता को कैसे मिटाएँ

599. युद्ध के दुष्परिणाम

600. स्वावलंबन

601. मेरे अध्यापक का वो थप्पड़

602. जब मेरा मोबाइल फोन गुम हो गया

603. वो सड़क हादसा

604. रेलवे प्लेटफॉर्म की भीड़ और मैं

605. जब बस में मेरी जेब कटी

606. जब शिक्षक ने मुझे शाबाशी दी

607. इंटरनेट पर संदेश

608. मेरे मित्र की सीख

609. मेरी आदतें

610. मेरा सपना

611. ‘रामचरितमानस’ महाकाव्य

612. संस्कृति और धर्म

613. सच्चा मित्र

614. मेरे प्रिय अध्यापक

615. मेरे आदरणीय माता-पिता

616. मैं (एक लड़की)

617. मैं (एक लड़का)

618. मेरी पालतू बिल्ली

619. मेरा प्रिय विषय

620. मेरे पड़ोसी

621. मेरे विद्यालय का खेल दिवस

622. मेरे विद्यालय का पुस्तकालय

623. मेरा प्रिय फल

624. सर्कस देखना

625. आग में लिपटा एक घर

626. वर्षा का एक दिन

627. गाय एक पालतू जानवर

628. घोड़ा एक पालतू जानवर

630. ऊँट रेगिस्तान का जहाज़

631. कुत्ता एक पालतू जानवर

632. मोर राष्ट्रिय पक्षी

634. डाकिया

635. हमारे विद्यालय का चपरासी

636. डॉक्टर

637. पुस्तक की आत्मकथा

638. पुलिसमैन

639. फैरी वाला

640. सिपाही की आत्मकथा

641. रेडियो का महत्व

642. शिष्टाचार

643. दाँतों की देखभाल

644. क्रिकेट का एक मैच

645. फुटबॉल का एक मैच

646. भिखारी की आत्मकथा

647. दूध का महत्व

648. साइकिल चलने का अनुभव

649. हवाई जहाज

650. टेलीफोन का महत्व

651. सफलता का महत्व

652. अच्छा स्वास्थ्य

653. मानव शरीर

654. एक नर्स की आत्मकथा

655. एक कार की आत्मकथा

656. जेब खर्च – पॉकेट मनी

657. जीव मिल्खा सिंह

658. ज्योति रंधावा

659. शिव कपूर

660. मेजर दीप अहलावत

661. महेश भूपति

662. रामानाथन कृष्णन

663. रमेश कृष्णन

664. लिएंडर पेस

565. विजय अमृतराज

666. सानिया मिर्जा

667. अचंत शरत कमल

668. जयन्त तालुकदार

669. डोला बनर्जी

670. लिम्बाराम

671. खज़ान सिंह

672. बुला चौधरी

673. मिहिर सेन

674. अभिनव बिन्द्रा

675. अंजलि भागवत

676. जसपाल राणा

677. महाराजा कर्णी सिंह

678. मानवजीत सिंह संधू

679. राज्यवर्धन सिंह राठौड़

680. राष्ट्रीय एकता

681. अनुशासन

682. वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे

683. बाल दिवस समारोह

684. वार्षिकोत्सव समारोह

685. अन्तर्विद्यालयी वाद-विवाद प्रतियोगिता

686. एक बस दुर्घटना

687. तुलसी जयंती

688. ईमानदार लकड़हारा

689. मनुष्य को सोच-समझकर ही कार्य करना चाहिए

690. उपकार का फल

691. अपना काम स्वयं करो

692. संगठन में शक्ति

693. परिश्रम ही सफलता की कुंजी है

694. डॉ. मनमोहन सिंह

695. मोहनदास कर्मचंद गांधी

696. लाल बहादुर शास्त्री

697. पंडित जवाहरलाल नेहरू

698. गुरु नानकदेव जी

699. स्वामी दयानंद

700. शहीद भगतसिंह

701. वर्षा ऋतु

702. वसंत ऋतु

703. दशहरा पर्व

704. दीपावली पर्व

705. रक्षा बंधन का त्योहार

706. होली का पर्व

707. गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व

708. स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय पर्व

709. ईद का त्योहार

710. जन्माष्टमी का पर्व

711. क्रिसमस – बड़ा दिन

712. दूरदर्शन – वरदान या आभिशाप

713. समाचार-पत्र

714. विज्ञान-वरदान अथवा अभिशाप

715. सिनेमा (चलचित्र)

716. खेलों का महत्त्व

717. मेरा प्रिय खेल-‘कबड्डी‘

718. क्रिकेट

719. आँखों देखे हॉकी मैच का वर्णन

720. पुस्तकालय

721. मेरा प्रिय मित्र

722. मेरी प्रिय पुस्तक-रामचरितमानस

723. मेरा विद्यालय

724. हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव

725. मेरे जीवन का लक्ष्य

726. मेरी रेलयात्रा

727. भारत में दहेज प्रथा की समस्या

728. व्यायाम के लाभ

729. प्रातः काल का भ्रमण

730. आदर्श विद्यार्थी

731. समय का सदुपयोग

732. भारत में नारी शिक्षा

734. महँगाई की समस्या

735. बाल-दिवस

736. दिल्ली की सैर

737. पिकनिक का एक दिन

738. मेरा पड़ोसी (आदर्श पड़ोसी)

739. मेरा देश-भारतवर्ष

740. कंप्यूटर की उपयोगिता

741. संतुलित-भोजन

742. जब मैं घर पर अकेला था

743. हम और हमारे त्योहार

744. वृक्ष : हमारे जीवन के आधार

745. विनाशकारी अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण

746. आजाद भारत की पहली चुनौती

747. राष्ट्रीय एकता

748. अवसरों के सदुपयोग

749. बीता समय वापस नहीं आता

750. भारत में जातिवाद

751. जीवन में धर्म का महत्व

752. मातृभाषा का महत्त्व

753. जीवन में अभ्यास का महत्व

754. पहिए की खोज

755. कर्मनिष्ठा की महिमा

756. श्रमहीनता के दुष्परिणाम

757. विज्ञान की देन-प्रदूषण

758. सुखी वैवाहिक जीवन का आधार

759. युवावस्था और मित्रता

760. संतोष का महत्त्व

761. वृक्षों का महत्त्व

762. समय की महत्ता

763. आकाशगंगा

764. अकबर का शासन

765. साहस की जिन्दगी

766. सिद्धान्तवादी कट्टरता

767. समाचार-पत्रों की भूमिका

768. हँसी-एक वरदान

769. आजादी के लिए संघर्ष

770. राजेन्द्र बाबू – सादगी की प्रतिमूर्ति

771. सर्वशिक्षा अभियान

772. हम और समाचार

773. अच्छा पड़ोसी

774. मधुर वाणी का महत्व

775. सूर्य कान्त त्रिपाठी निराला

776. अहिंसा-हमारी संस्कृति का मूलाधार

777. स्वार्थ की नींव पर संबंध

778. भाग्य और पुरुषार्थ

779. धैर्य का महत्त्व

780. श्वेत क्रांति

781. आध्यात्मिक विकास

782. भारत में मीडिया का विकास

783. अखंड भारत और राजनीति

784. वृक्षों का महत्त्व

785. सिकुड़ते वन

786. जीवन में संघर्ष का महत्व

787. रंगभेद नीति

788. चील पक्षी

789. वन-संरक्षण की जरूरत

790. नारद मुनि और सच्चा भक्त

791. सत्य और अहिंसा

792. मानव और समाज

793. आध्यात्मिक विकास

essay topics for class 10 in hindi

हिन्दी निबंध लेखन | Hindi Nibandh | Hindi Essay Topics

In this article, we are providing 300+ Hindi Essay Topics | Hindi Nibandh. हिन्दी निबंध. ३०० से अधिक विभिन्न विषयों पर निबंध शेयर कर रहे है, Essay writing in Hindi, Hindi essays for school children, essay in Hindi on current topics. Hindi nibandh for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12.

list of Hindi essay topics- विभिन्न विषयों पर हिंदी लेख की सूची

शिक्षा पर निबंध education related hindi essay.

कंप्यूटर पर निबंध

कॉम्पुटर के लाभ और हानियाँ- Advantages and Disadvantages of Computer in Hindi

मेरी रुचियाँ पर निबंध

पुस्तकालय पर निबंध

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबन्ध

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध

अगर मैं सैनिक होता पर निबंध

यदि मैं शिक्षा मंत्री होता पर निबंध

परिश्रम का महत्व पर निबंध

नैतिक शिक्षा पर निबंध

सदाचार पर निबंध

पराधीन सपनेहुँ सुरव नाहीं पर निबंध

शिक्षा में खेल-कूद का महत्त्व पर निबंध

यदि मैं अध्यापक होता- Essay on if I were a teacher in Hindi

सह शिक्षा पर निबंध

My School Essay in Hindi- मेरा विद्यालय पर निबन्ध

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबन्ध

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबन्ध

शिक्षा का महत्व पर निबंध

विद्यार्थी जीवन पर निबंध

गर्मी की छुट्टियों पर निबंध

शिक्षक दिवस पर निबंध

स्वच्छ विद्यालय पर निबंध

Hindi essays for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12

भारत पर निबंध

गणतंत्र दिवस पर निबंध

राष्ट्रभाषा पर निबंध

राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

भारतीय समाज में नारी का स्थान पर निबंध

राष्ट्रीय एकता पर निबंध

डिजिटल इंडिया निबंध

मेक इन इंडिया पर निबंध

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध

(वस्तु एवं सेवा कर) जीएसटी पर निबंध

स्मार्ट सिटी पर निबंध

भारतीय ग्रामीण जीवन पर निबंध

मेरा देश भारत पर निबंध

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध

भारतीय संविधान पर निबंध

स्टार्ट अप इंडिया निबंध

भारतीय सेना पर निबंध

भारत का राष्ट्रीय प्रतीक पर निबंध

भारत के राष्ट्रीय चिन्ह पर निबंध

मेरा भारत महान पर निबंध

भारतीय राष्ट्रिय गीत पर निबंध

भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद पर निबंध

स्वदेश प्रेम पर निबंध

मेरे सपनों का भारत पर निबंध

भारतीय संस्कृति निबंध

नकदी रहित भारत (कैशलेस इंडिया) पर निबंध

जन धन योजना पर निबंध

# essays in Hindi on current topics

सामाजिक जागरूकता पर निबंध- Hindi Essays on social awareness

महंगाई पर निबंध

दहेज प्रथा पर निबंध

नशा मुक्ति पर निबंध

बेरोजगारी की समस्या पर निबंध

नारी शिक्षा पर निबंध

आरक्षण पर निबंध

महंगाई की समस्या पर निबन्ध

जल संरक्षण पर निबंध

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध

महिला सशक्तिकरण पर निबंध

बाल मजदूरी पर निबंध (बाल श्रम)

भारत में जनसंख्या की समस्या पर निबंध

कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध

बेटी बचाओ निबंध

मानव अधिकारों पर निबंध

मादक पदार्थों की लत निबंध

बाल विवाह पर निबंध

भ्रष्टाचार पर निबंध

बिजली बचाओ पर निबंध

लड़का लड़की एक समान पर निबंध

# Hindi paragraph writing topics

महापुरुषों पर निबंध

शहीद भगत सिंह पर निबंध

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी पर निबंध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध

रामनाथ कोविंद पर निबंध

सूरदास पर निबंध

मदर टेरेसा पर निबंध

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

कबीरदास पर निबन्ध

पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध

स्वामी विवेकानंद पर निबंध

सुभाष चन्द्र बोस पर निबंध

रवीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध

राकेश शर्मा पर निबंध

कल्पना चावला पर निबंध

गुरु गोबिन्द सिंह जी पर निबंध

गुरु नानक देव जी पर निबंध

झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई पर निबंध

लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध

बाल गंगाधर तिलक पर निबंध

सरदार वल्लभभाई पटेल पर निबंध

चन्द्रशेखर आजाद पर निबंध

सी. वी. रमन पर निबंध

इंदिरा गांधी पर निबंध

सरोजिनी नायडु पर निबंध

सचिन तेंदुलकर पर निबंध

लाला लाजपत राय पर निबंध

अटल बिहारी वाजपेयी पर निबंध

भगवान कृष्ण पर निबंध

सुधा चंद्रन पर निबंध

डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर निबंध

मुंशी प्रेमचंद पर निबंध

पर्यावरण, जागरूकता पर निबंध- Hindi Essays on environment Issue & awareness

वसंत ऋतु पर निबंध

वृक्षारोपण पर निबंध

प्रदूषण पर निबंध

वर्षा ऋतु पर निबंध

सुनामी पर निबंध

भूकंप पर निबंध

पर्यावरण पर निबंध

पेड़ों का महत्व निबन्ध

मृदा (भूमि) प्रदूषण पर निबंध

जल प्रदूषण पर निबंध

वायु प्रदूषण पर निबंध

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध

ग्रीष्म ऋतु पर निबंध

जलवायु परिवर्तन पर निबंध

सूखा या अकाल पर निबंध

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध

पेड़ बचाओ पर निबंध

सौर ऊर्जा पर निबंध

बाढ़ पर निबंध

जंगल / वनों का महत्व पर निबंध

शरद ऋतु पर निबंध

शीत ऋतु पर निबंध

प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध

प्राकृतिक आपदा पर निबंध

खेल पर निबंध

खेल का महत्व पर निबंध

बैडमिंटन पर निबंध

हॉकी पर निबंध

क्रिकेट पर निबंध

मेरा प्रिय खेल कबड्डी पर निबंध

खो-खो पर निबंध

वॉलीबॉल पर निबंध

फुटबॉल पर निबंध

जानवर पर निबंध

जीव जन्तु संरक्षण पर निबंध

बाघ पर निबंध

गाय पर निबंध

शेर पर निबंध

राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध

तोते पर निबंध

हाथी पर निबंध

बतख पर निबंध

कुत्ता पर निबंध

खरगोश पर निबंध

कबूतर पर निबंध

बाज़ पर निबंध

चिड़िया पर निबंध

बाघ बचाओ पर निबंध

भालू पर निबंध

घोड़ा पर निबंध

बंदर पर निबंध

बिल्ली पर निबंध

कोयल पर निबंध

भेड़ पर निबंध

हंस पर निबंध

त्योहारों पर निबंध

होली पर निबंध

लोहड़ी पर निबंध

रक्षाबंधन पर निबंध

दशहरा पर निबंध

क्रिसमस पर निबंध

ईद पर निबंध

भारतीय त्योहार पर निबंध

गणेश चतुर्थी पर निबंध

पोंगल पर निबंध

ओणम पर निबंध

जन्माष्टमी पर निबंध

दुर्गा पूजा पर निबंध

मकर संक्रांति पर निबंध

छठ पूजा पर निबंध

बसंत पंचमी पर निबंध

बैसाखी पर निबंध

बिहू त्यौहार पर निबंध

नवरात्रि त्यौहार पर निबंध

उगादी त्योहार पर निबंध

तीज त्यौहार पर निबंध

दिवाली पर निबंध

Other Hindi Essay

व्यायाम का महत्व पर निबंध

समाचार पत्र पर निबंध

समय का सदुपयोग पर निबंध

दूरदर्शन-लाभ और हानियाँ

कुसंगति के दुष्परिणाम पर निबंध

करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत पर निबंध

परिश्रम ही सफलता की कुंजी है

प्रातःकाल की सैर पर निबंध

पुस्तक की आत्मकथा पर निबंध

परोपकार पर निबंध

मित्रता पर निबंध

भारतीय सैनिक पर निबंध

आतंकवाद पर निबंध

एड्स पर निबंध

गंगा प्रदूषण पर निबंध

इंटरनेट पर निबंध

भारत की राजधानी दिल्ली पर निबंध

किसी यात्रा का वर्णन पर निबंध

विमुद्रीकरण पर निबंध

दिल्ली मेट्रो रेल पर निबंध

पर्यटन का महत्त्व निबंध

भारत की ऋतुएँ पर निबंध

पर्वतीय यात्रा पर निबंध

कश्मीर पर निबंध

बाल दिवस पर निबंध

माँ पर निबंध

काला धन पर निबंध

डॉक्टर पर निबंध

भारतीय किसान पर निबंध

अनुशासन का महत्व पर निबंध

सोशल मीडिया पर निबंध

योग के महत्व पर निबंध

विज्ञापन पर निबंध

मज़दूर दिवस पर निबंध

सड़क सुरक्षा पर निबंध

कुतुब मीनार पर निबंध

लाल किला पर निबंध

ताजमहल पर निबंध

स्वच्छता पर निबंध

काल करे सो आज करे सो अब पर निबंध

गाँधी जयंती पर निबंध

पुस्तकों का महत्व पर निबंध

वन महोत्सव पर निबंध

गरीबी पर निबंध

यातायात के नियम पर निबंध

नए साल पर निबंध

हिंदी दिवस पर निबंध

मेरा परिवार पर निबंध

कृषि पर निबंध

इंडिया गेट पर निबंध

पृथ्वी बचाओ पर निबंध

पिकनिक पर निबंध

आम पर निबंध

जंक फूड पर निबंध

प्रकृति पर निबंध

ऊर्जा संरक्षण पर निबंध

ग्राम पंचायत पर निबंध

कमल के फूल पर निबंध

गुलाब पर निबंध

धन पर निबंध

सूरज पर निबंध

फूल पर निबंध

मोबाइल फोन पर निबंध

पीढ़ी अंतराल पर निबंध

डाकिया पर निबंध

देश भक्ति पर निबंध

स्वास्थ्य ही धन है निबंध

मेरा परिचय निबंध

चिड़ियाघर की सैर पर निबंध

आग से सुरक्षा के तरीके पर निबंध

माता पिता पर निबंध

भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध

पंजाबी संस्कृति पर निबंध

हिमाचल प्रदेश पर निबंध

चण्डीगढ़ पर निबंध

हरियाणा पर निबंध

बादल पर निबंध

पंजाब पर निबंध

लोकतंत्र पर निबंध

स्वर्ण मंदिर पर निबंध

दादी माँ पर निबंध

संतुलित आहार पर निबंध

बागीचे पर निबंध

सैनिक पर निबंध

नदी पर निबंध

घरेलू हिंसा पर निबंध

तुलसी के पौधे पर निबंध

पिता पर निबंध

हिमालय पर निबंध

शिष्टाचार पर निबंध

सरस्वती पूजा पर निबंध

अतिथि देवो भव पर निबंध

अंधविश्वास पर निबंध

यातायात के साधन पर निबंध

साक्षरता का महत्व पर निबंध

सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध

ट्रिपल तलाक पर निबंध

गुरु पूर्णिमा पर निबंध

संयुक्त परिवार पर निबंध

मेरा बचपन पर निबंध

साइबर क्राइम पर निबंध

रेडियो पर निबंध

मेरा गाँव पर निबंध

मेरी मातृभूमि पर निबंध

इंधन बचत पर निबंध

भिक्षावृत्ति पर निबंध

परिवार नियोजन पर निबंध

पेंसिल पर निबंध

कलम पर निबंध

उत्तराखण्ड पर निबंध

नारी शक्ति पर निबंध

मेला पर निबंध

आत्मविश्वास पर निबंध

मैना पर निबंध

बैंक पर निबंध

विज्ञान और तकनीकी पर निबंध- Essay on Science and Technology in Hindi Language

जल ही जीवन है पर निबंध- Water is Life Essay in Hindi

जाति प्रथा पर निबंध- Caste System | Jati Pratha Essay in Hindi

भारत का विकास पर निबंध- Bharat ka Vikas Essay in Hindi

सेल्फ डिफेन्स | आत्मरक्षा पर निबंध- Essay on Self Defence in Hindi

सब्जियों पर निबंध- Essay on Vegetables in Hindi Language

इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर निबंध- Essay on Information Technology in Hindi

शारीरिक शिक्षा का महत्त्व पर निबंध- Essay on Importance of Physical Education in Hindi

वाटर साइकिल | जल चक्र पर निबंध- Essay on Water Cycle in Hindi Language

रैगिंग पर निबंध- Essay on Ragging in Hindi Language

सादा जीवन उच्च विचार पर निबंध- Essay on Simple Living High Thinking in Hindi

छोटा परिवार सुखी परिवार निबंध- Small Family Essay in Hindi Language

विविधता में एकता निबंध- Unity in Diversity Essay in Hindi Language

मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध- Essay on My Favorite Book in Hindi

मेरी कक्षा पर निबंध- My Classroom Essay in Hindi Language

झरने पर निबंध- Essay on Waterfall in Hindi

मेरा प्रिय त्योहार पर निबंध- Essay on My Favourite Festival in Hindi Language

शिमला पर निबंध- Essay on Shimla in Hindi Language

मानवता पर निबंध- Essay on Humanity in Hindi Language

आदर्श नागरिक पर निबंध- Essay on Ideal Citizen in Hindi

कर्म ही पूजा है पर निबंध- Work is Worship Essay in Hindi

स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध- Essay on Health and Hygiene in Hindi

# how to write essay in Hindi # PDF Hindi essay writing

# Hindi essay topics for college students

checkout the latest essays in English language visit- Academictestguide.com

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Hindi Essay ( Article ) आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर

1 thought on “हिन्दी निबंध लेखन | Hindi Nibandh | Hindi Essay Topics”

essay topics for class 10 in hindi

Nice collection on essay

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

essay topics for class 10 in hindi

हिंदी निबंध लेखन विषयों और विचारों की सूची (Nibandh/Essay in Hindi)

essay topics for class 10 in hindi

Essay in Hindi – हिंदी में निबंध विषयों के साथ आना मुश्किल हो सकता है। निबंध लिखते समय, कई कॉलेज और हाई स्कूल के छात्रों को निबंध के लिए विषयों और विचारों के बारे में सोचने में कठिनाई होती है। इस लेख में, हम 5वीं, 6वीं, 7वीं, 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए तर्कपूर्ण निबंध, प्रौद्योगिकी पर निबंध, पर्यावरण निबंध जैसे विभिन्न श्रेणियों के कई अच्छे निबंध विषयों को सूचीबद्ध करेंगे। 

निबंध विषयों की निम्नलिखित सूची सभी के लिए है – बच्चों से लेकर कॉलेज के छात्रों तक। हमारे पास निबंधों का सबसे बड़ा संग्रह है। एक निबंध और कुछ नहीं बल्कि सामग्री का एक टुकड़ा है जो लेखक या लेखक की धारणा से लिखा जाता है। निबंध एक कहानी, पैम्फलेट, थीसिस आदि के समान हैं। निबंध के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप किसी भी प्रकार की भाषा का उपयोग कर सकते हैं – औपचारिक या अनौपचारिक। यह किसी की जीवनी, आत्मकथा हो सकती है। निम्नलिखित 100 निबंध विषयों की एक महान सूची है। 

निबंध विषय हिंदी में (Essay Topics in Hindi)

जिन छात्रों को कई वर्गों में वर्गीकृत किया गया है, उनके लिए हिंदी में विभिन्न प्रकार के निबंध विषय निम्नलिखित हैं ताकि आप आसानी से अपनी आवश्यकता और आवश्यकता के अनुसार विषय का चयन कर सकें।

घटनाओं पर त्योहारों पर निबंध विषय (Festival Essay in Hindi)

  • स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त)
  • शिक्षक दिवस
  • गर्मी की छुट्टी
  • स्वच्छ भारत अभियान
  • दुर्गा पूजा
  • गणतंत्र दिवस
  • Essay on New Year in Hindi

प्रौद्योगिकी पर निबंध विषय (Technology Essay in Hindi)

  • विज्ञान का आश्चर्य

प्रसिद्ध नेताओं पर निबंध विषय (Popular Leaders Essay in Hindi)

  • महात्मा गांधी
  • ए पी जे अब्दुल कलाम
  • जवाहर लाल नेहरू
  • स्वामी विवेकानंद
  • रविंद्रनाथ टैगोर
  • सरदार वल्लभ भाई पटेल
  • सुभाष चंद्र बोस
  • अब्राहम लिंकन
  • मार्टिन लूथर किंग
  • लाल बहादुर शास्त्री

जानवरों और पक्षियों पर निबंध विषय (Animals & Birds Essay in Hindi)

  • मेरा प्रिय पशु

अपने बारे में निबंध विषय (Essay Topics About Yourself in Hindi)

  • मेरा परिवार
  • मेरा सबसे अच्छा दोस्त
  • मेरे पसंदीदा शिक्षक
  • जीवन में मेरा उद्देश्य
  • मेरा पसंदीदा खेल – निबंध
  • मेरी पसंदीदा पुस्तक
  • मेरी महत्वाकांक्षा
  • मैंने अपनी गर्मी की छुट्टी कैसे बिताई
  • मेरा पालतू कुत्ता
  • मेरे सपनों का भारत
  • माई स्कूल लाइफ
  • मुझे अपने परिवार से प्यार है
  • मेरे पसंदीदा विषय
  • मेरा पसंदीदा खेल बैडमिंटन
  • मेरे पिता मेरे हीरो
  • माई स्कूल लाइब्रेरी
  • मेरा पसंदीदा लेखक
  • गर्मी की छुट्टी के लिए मेरी योजनाएँ

पर्यावरण और प्रकृति पर आधारित निबंध विषय (Environment & Nature Topics Essay in Hindi)

  • ग्लोबल वार्मिंग
  • जंगलों को बचाएं
  • पृथ्वी को बचाओ
  • वायु प्रदुषण
  • पर्यावरण प्रदूषण
  • बारिश का मौसम
  • जलवायु परिवर्तन
  • पेड़ों का महत्व
  • जरुरत का समय
  • वनों की कटाई
  • प्राकृतिक आपदा
  • पर्यावरण बचाओ
  • गर्मी का मौसम
  • पेड़ हमारे सबसे अच्छे दोस्त निबंध हिंदी में

हिंदी में निबंध के प्रकार

निबंधों के प्रकारों को पहचानना लेखक के लक्ष्य को तय करने का विषय मात्र है। और यह इस बात पर निर्भर करता है कि लेखक दर्शकों को क्या बताना चाहता है या कुछ चित्रित करना चाहता है, या किसी मुद्दे को स्पष्ट करना चाहता है, या पाठक को एक निश्चित दृष्टिकोण को स्वीकार करने के लिए राजी करना चाहता है। आमतौर पर चार प्रमुख प्रकार के निबंध इस प्रकार हैं:

  • वर्णनात्मक निबंध: यहाँ लेखक न केवल किसी स्थान, वस्तु, घटना, या यहाँ तक कि एक विशेष स्मृति के बारे में भी समझाएगा। वह शब्दों के साथ चित्र बनाकर इसका वर्णन करता है। इस प्रकार का निबंध पाठकों को निबंध से भावनात्मक रूप से जोड़ेगा।
  • प्रेरक निबंध: ऐसे निबंध में लेखक को तथ्यों को प्रस्तुत करने के साथ-साथ पाठक को लेखक के दृष्टिकोण से समझाने का प्रयास करना चाहिए। इस निबंध का उद्देश्य तर्क के दोनों पक्षों को प्रस्तुत करना है। आखिरकार, मुख्य उद्देश्य दर्शकों को प्रभावित करना है कि लेखक का तर्क अधिक वजन रखता है।
  • कथा निबंध: इस प्रकार के निबंध में लेखक किसी घटना या कहानी को निबंध के रूप में बयान करेगा। और लेखक भी इस प्रकार के निबंधों को यथासंभव जीवंत और वास्तविक बनाता है।
  • व्याख्यात्मक निबंध: लेखक इस प्रकार के निबंध में एक विषय का संतुलित अध्ययन प्रदान करता है। इसे संभव बनाने के लिए लेखक को विषय के बारे में वास्तविक और व्यापक ज्ञान की आवश्यकता होती है। अपने निबंध को एक्सपोजिटरी टाइप में लिखते समय मुख्य बात जो आपको जाननी चाहिए वह है लेखक की भावनाओं या भावनाओं के लिए कोई जगह नहीं। क्यों क्योंकि एक्सपोजिटरी निबंध पूरी तरह से आंकड़ों, तथ्यों, उदाहरणों आदि पर निर्भर करते हैं। साथ ही, आप इस प्रकार के उप-प्रकार देख सकते हैं जैसे कारण और प्रभाव निबंध, विपरीत निबंध, और बहुत कुछ।

एक निबंध का मूल प्रारूप

एक मूल निबंध में तीन मुख्य भाग होते हैं जैसे परिचय, शरीर और निष्कर्ष। यदि आप इस प्रारूप का पालन करते हैं तो यह आपको निबंध लिखने और व्यवस्थित करने में मदद करता है। हालांकि, लचीलापन महत्वपूर्ण है। इसलिए हिंदी में निबंध लिखते समय मूल संरचना का पालन करें। 

एक निबंध के भाग:

परिचय: पहले पैराग्राफ में, लेखक को उस विषय की एक ध्यान आकर्षित करने वाली हुक लाइन की रचना करनी चाहिए जहाँ दर्शकों को आपके निबंध के साथ शुरू में आकर्षित करने और जुड़ने की आवश्यकता हो। लेखक को पहले पैराग्राफ में एक निबंध का एक बहुत ही संक्षिप्त सारांश प्रस्तुत करना होता है। आम तौर पर, इसे बहुत लंबे समय तक नहीं बढ़ाया जाना चाहिए, लगभग 4-6 पंक्तियों में समाप्त होना चाहिए।

मुख्य भाग: थीसिस में प्रस्तुत किए गए मुख्य बिंदु निबंध के मुख्य भाग द्वारा समर्थित हैं। प्रत्येक बिंदु को एक या अधिक पैरा द्वारा विकसित किया जाएगा और विशेष विवरण के साथ समर्थन किया जाएगा। जानकारी को एक व्यवस्थित प्रवाह में लिखें और बेहतर भागीदारी के लिए पाठक को एक भ्रम मुक्त निबंध प्रदान करें।

निष्कर्ष: समापन पैराग्राफ में, लेखक को समापन संक्रमण, रिवर्स “हुक” और थीसिस के पुनर्कथन पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, निबंध के अंत में मुख्य विषयों और उप-विषयों, वैश्विक वक्तव्यों, या कॉल टू एक्शन लाइनों को फिर से जोड़ना चाहिए।

हमें उम्मीद है कि आपको स्कूल के कार्यक्रमों में हिंदी में निबंध लेखन में भाग लेने के लिए आवश्यक विषय मिल गया होगा। यदि आपको हिंदी में निबंध लिखते समय अधिक सहायता की आवश्यकता है, तो टिप्पणियों के माध्यम से हम तक पहुंचें या हिंदी में निबंध लेखन विषयों से संबंधित हमारी निर्यात टीम से अधिक समर्थन के लिए हमारी साइट Aplustopper पर जाएं।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हिन्दी में एक अच्छा निबंध कैसे लिखें.

किसी भी फॉर्मल राइटिंग के लिए आपको इंट्रोडक्शन, बॉडी और कनक्लूजन को ध्यान में रखना चाहिए। आपका परिचय संक्षिप्त और सटीक होना चाहिए और यह बताना चाहिए कि विषय क्या है। विषय के संबंध में सभी बिंदुओं को शामिल करना चाहिए और निष्कर्ष सभी बिंदुओं को जोड़ना चाहिए।

निबंध लिखने का सबसे अच्छा और सरल तरीका क्या है?

परिचय पैराग्राफ और आप इसमें क्या चर्चा करना चाहेंगे। थीसिस स्टेटमेंट के बाद उद्धरण या संदर्भ यदि कोई हो। अपने थीसिस वक्तव्य और अंत में एक निष्कर्ष वक्तव्य के लिए सहायक पैराग्राफ।

निबंध लेखन के लिए सबसे अच्छी युक्तियाँ क्या हैं?

सुनिश्चित करें कि आपने सभी सामग्री, सूचना सटीकता की जांच की है। निबंध को इस तरह से लिखने का प्रयास करें कि उपयोगकर्ता को दिलचस्प लगे और उसमें उत्साह विकसित हो और उसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए। पहला पैराग्राफ दिलचस्प लिखें क्योंकि यह उपयोगकर्ता का ध्यान आकर्षित करता है और वे उन्हें चलते रहते हैं।

essays topics in hindi

हिंदी में Essay topics | Essays topics in hindi

Hindi में निबंध, Essays  in hindi, कैसे लिखे निबंध, [Essays hindi topics], 500+ words essays in hindi, 300+ words के essays, hindi में essays. 

निबंध (Essays) लिखना हर किसी के बस की बात नहीं होती। अधिकांश छात्रों को लिखना शुरू करने में कठिनाई होती है। निबंधों को आसान बनाया जा सकता है यदि छात्र या तो विचार-मंथन के माध्यम से विषय के बारे में सोचना शुरू कर दें या उन्हें एक कागज़ की शीट पर रख दें। विचारों को प्राप्त करने के बाद, उन्हें यह जानना होगा कि निबंध बनाने के लिए उन्हें कैसे व्यवस्थित किया जाए। इसके लिए उन्हें विभिन्न विषयों पर निबंधों का अभ्यास करना होगा। यहां, हमने विभिन्न विषयों पर निबंधों की एक सूची तैयार की है।

ये सामान्य निबंध विषय हैं जिनके परीक्षा में पूछे जाने की सबसे अधिक संभावना है। इनमें से कुछ निबंध विषय पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों से भी चुने गए हैं। कक्षा 6 से 10 के छात्र इन निबंधों को पढ़ सकते हैं और एक आदर्श निबंध बनाने के लिए अपने विचार व्यक्त करने का सही तरीका जान सकते हैं।

Table of Contents

एक अच्छे निबंध के लक्षण (Characteristics of a Good Essays)

एक विशेष विषय पर एक से अधिक पैराग्राफ वाली रचना एक निबंध होती है। और एक अच्छे निबंध की विशेषताएं हैं –

  • Proportion – इसमें महत्वपूर्ण विचारों को अधिक स्थान दें।
  • Relevance – इसमें महत्वहीन और बिना काम की जानकारी शामिल नहीं की जानी चाहिए।
  • Unity –  निबंध को मुख्य विषय से संबंधित होना चाहिए, और उसके सभी भागों को उस विषय से स्पष्ट रूप से जोड़ा जाना चाहिए।
  • Coherence – विचार का तार्किक क्रम होना चाहिए। इसके लिए विचारों, वाक्यों और अनुच्छेदों के बीच तार्किक संबंध की आवश्यकता होती है।

निबंध के प्रकार (Types of Essays)

निबंध मुख्य रूप से किसी के विचारों को व्यक्त करने के तरीके हैं। निबंध अलग-अलग होते हैं, कि कोई व्यक्तिगत अनुभव कैसे बताता है, किसी मुद्दे का वर्णन या व्याख्या करता है, या पाठक को एक निश्चित दृष्टिकोण को स्वीकार करने के लिए मनाता है। इसलिए, निबंधों को मुख्य रूप से चार प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है, जैसा कि नीचे बताया गया है –

कथा निबंध (Narrative Essays) : एक कहानी सुनाना

एक कथा निबंध लिखते समय, छात्रों को इस विषय पर ऐसे विचार करना चाहिए जैसे कि कोई एक कहानी कह रहा हो। इन निबंधों के माध्यम से वे स्वयं को रचनात्मक तरीके से अभिव्यक्त कर सकते हैं। ये निबंध आमतौर पर first person में लिखे जाते हैं, ताकि पाठकों को आकर्षित किया जा सके।

वर्णनात्मक निबंध (Descriptive Essays) : शब्दों के साथ चित्र बनाना

एक वर्णनात्मक निबंध में, छात्रों को शब्दों के साथ एक चित्र बनाना होता है। उन्हें कुछ वर्णन करना होगा। यह कोई वस्तु, व्यक्ति, स्थान, अनुभव, भावना, स्थिति या कुछ भी हो सकता है। ये निबंध छात्रों को कलात्मक स्वतंत्रता का एक बड़ा सौदा करने की अनुमति देते हैं।

प्रेरक निबंध (Persuasive Essays) : मुझे समझाएं

एक प्रेरक निबंध वह है जिसमें एक लेखक पाठक को उसके दृष्टिकोण को स्वीकार करने के लिए मनाने की कोशिश करता है। यह तर्क के सभी पक्षों को प्रस्तुत करता है, लेकिन लेखक की व्यक्तिगत राय को भी स्पष्ट रूप से संप्रेषित करता है।

एक्सपोजिटरी निबंध ( Expository Essays ) : तथ्यों की प्रस्तुति

एक एक्सपोजिटरी निबंध लेखन का एक सूचनात्मक टुकड़ा है, जो किसी विषय का संतुलित विश्लेषण प्रस्तुत करता है। एक अच्छा व्याख्यात्मक निबंध लिखने के लिए, छात्रों को विषय की जांच करने, साक्ष्य का मूल्यांकन करने, विचार व्यक्त करने और स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से एक तर्क निर्धारित करने की आवश्यकता होती है। यह तुलना और इसके विपरीत, परिभाषा, उदाहरण, कारण और प्रभाव का विश्लेषण आदि द्वारा किया जा सकता है।

Essay topics in hindi (हिंदी में एस्से)

Faq (frequently asked questions), छात्रों को निबंध लेखन का अभ्यास कैसे करना चाहिए.

1. इसके लिए लगातार लिखित अभ्यास की आवश्यकता होती है। 2. छात्र को विभिन्न विषयों पर ज्ञान होना चाहिए। 3. और साथ उनकी शब्दावली भी अच्छी होनी चाहिए।

निबंध लेखन में उच्च अंक कैसे प्राप्त करें?

1. निबंध में पाठ का प्रवाह बनाए रखें। 2. वाक्यांश निबंध भी इसका एक संबंधित तरीका है। 3. इसके लिए रचनात्मक बनें। 4. निबंध को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करें। 5. साथ ही इसे लिखते वक़्त अति आत्मविश्वासी न हों।

किसी अज्ञात या अपरिचित विषय पर निबंध कैसे लिखें?

यदि कोई निबंध विषय अपरिचित है तो छात्र सामान्य रूप से उन विषयों के बारे में लिखने का प्रयास कर सकते हैं, जो मुख्य विषय से उस विषय से संबंधित हैं। पत्रिकाओं, पुस्तकों को पढ़ने से भी विभिन्न विषयों में ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।

Also read –

Makarsankranti essay in hindi

Holi essay in hindi

Hindikhoji

हमारे इस पोस्ट को, हिंदी खोजी की एडिटोरियल टीम द्वारा पूरी रिसर्च करने के बाद लिखा गया है, ताकि आपलोगों तक सही और नई जानकारियों को सरलता से पहुचाया जा सके। साथ ही हम यह आशा करेंगे की, आपलोगों को इन आर्सेटिकल्स के माध्यम से सही और सटीक जानकारी मिल सके, जिनकी आपको तलाश हो | धन्यवाद।

Similar Posts

The Fun They Had विषय की जानकारी, कहानी | The Fun They Had summary in hindi

The Fun They Had विषय की जानकारी, कहानी | The Fun They Had summary in hindi

क्या आप एक नौवीं कक्षा के छात्र हो, और आपको NCERT के इंग्लिश ख़िताब के chapter “The Fun They Had” के बारे में जानकारिय प्राप्त करनी है? अगर हा, तो…..

From the Diary of Anne Frank विषय की जानकारी, कहानी | From the Diary of Anne Frank summary in hindi

From the Diary of Anne Frank विषय की जानकारी, कहानी | From the Diary of Anne Frank summary in hindi

क्या आप एक दसवी कक्षा के छात्र हो, और आपको NCERT के chapter “From the Diary of Anne Frank” के बारे में सारी महत्वपूर्ण जानकारिय प्राप्त करनी है? अगर हा…..

Republic Day पर निबंध, कहानी, जानकारी  | Republic Day essay in hindi

Republic Day पर निबंध, कहानी, जानकारी | Republic Day essay in hindi

गणतंत्र दिवस (Republic Day) हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन को पूरे भारत में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसी दिन…….

Holi पर निबंध, कहानी, जानकारी  | Holi essay in hindi

Holi पर निबंध, कहानी, जानकारी | Holi essay in hindi

यहां, हमने होली  (Holi) निबंध प्रदान किया है। और परीक्षा के दौरान होली (Holi) पर निबंध कैसे लिखना है, इस बारे में…….

The Sermon at Benares विषय की जानकारी, कहानी | The Sermon at Benares summary in hindi

The Sermon at Benares विषय की जानकारी, कहानी | The Sermon at Benares summary in hindi

क्या आप एक दसवी कक्षा के छात्र हो, और आपको NCERT के chapter “The Sermon at Benares” के बारे में सारी जानकारिय प्राप्त करनी है? अगर हा….

The Making Of A Global World विषय की जानकारी, कहानी | The Making Of A Global World summary in hindi

The Making Of A Global World विषय की जानकारी, कहानी | The Making Of A Global World summary in hindi

क्या आप एक दसवी कक्षा के छात्र हो, और आपको के history के chapter “The Making Of A Global World” के बारे में सरल भाषा में सारी महत्वपूर्ण जानकारिय प्राप्त करनी है? अगर हा, तो…………..

Discover an array of delightful flavors with Kado Bar Flavors . From rich chocolates to zesty citrus blends, our selection offers something for every palate. Indulge in a world of taste sensations with Kado Bar.

Scrap metal salvaging Ferrous waste remolding Iron recycling and reclaiming center

Ferrous waste material repurposing, Iron and steel reclaiming facility, Scrap metal industry news

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

HindiKiDuniyacom

निबंध (Hindi Essay)

आजकल के समय में निबंध लिखना एक महत्वपूर्ण विषय बन चुका है, खासतौर से छात्रों के लिए। ऐसे कई अवसर आते हैं, जब आपको विभिन्न विषयों पर निबंधों की आवश्यकता होती है। निबंधों के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमने इन निबंधों को तैयार किया है। हमारे द्वारा तैयार किये गये निबंध बहुत ही क्रमबद्ध तथा सरल हैं और हमारे वेबसाइट पर छोटे तथा बड़े दोनो प्रकार की शब्द सीमाओं के निबंध उपलब्ध हैं।

निबंध क्या है?

कई बार लोगो द्वारा यह प्रश्न पूछा जाता है कि आखिर निबंध क्या है? और निबंध की परिभाषा क्या है? वास्तव में निबंध एक प्रकार की गद्य रचना होती है। जिसे क्रमबद्ध तरीके से लिखा गया हो। एक अच्छा निबंध लिखने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए जैसे कि – हमारे द्वारा लिखित निबंध की भाषा सरल हो, इसमें विचारों की पुनरावृत्ति न हो, निबंध के विभिन्न हिस्सों को शीर्षकों में बांटा गया हो आदि।

यदि आप इन बातों का ध्यान रखगें तो एक अच्छा निबंध(Hindi Nibandh) अवश्य लिख पायेंगे। अपने निबंधों के लेखन के पश्चात उसे एक बार अवश्य पढ़े क्योंकि ऐसा करने पर आप अपनी त्रुटियों को ठीक करके अपने निबंधों को और भी अच्छा बना पायेंगे।

हम अपने वेबसाइट पर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के निबंध(Essay in Hindi) उपलब्ध करा रहे हैं| इस प्रकार के निबंध आपके बच्चों और विद्यार्थियों की अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों जैसे: निबंध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता और विचार-विमर्श में बहुत सहायक हो साबित होंगे।

ये सारे ‎हिन्दी निबंध (Hindi Essay) बहुत आसान शब्दों का प्रयोग करके बहुत ही सरल और आसान भाषा में लिखे गए हैं। इन निबंधों को कोई भी व्यक्ति बहुत ही आसानी से समझ सकता है। हमारे वेबसाइट पर स्कूलों में दिये जाने वाले निबंधों के साथ ही अन्य कई प्रकार के निबंध उपलब्ध है। जो आपके परीक्षाओं तथा अन्य कार्यों के लिए काफी सहायक सिद्ध होंगे, इन दिये गये निबंधों का आप अपनी आवश्यकता अनुसार उपयोग कर सकते हैं। ऐसे ही अन्य सामग्रियों के लिए भी आप हमारी वेबसाइट का प्रयोग कर सकते हैं।

Essay in Hindi

100+ हिंदी निबंध – List of Hindi essay topics

List of Hindi essay topics: हेलो, दोस्तों आज हम ऐसा एक लेख लेकर आये हैं जो की class 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 से लेकर कॉलेज छात्रों के लिए फायदामंद होगा. ये लेख फायदेमंद होने का कारण यही होगा की, हर निबंध विषय के निचे headings दिया हुआ है. जिससे आपको निबंध लिखने में आसान होगा. तो आज हम आपके लिए लेकर आये हैं 100+ Hindi essay topics . तो चलिए लेख की ओर बढ़ते हैं.

हिंदी निबंध विषय – List of Hindi essay topics   

  • खेलकूद का महत्व पर निबंध

खेलकूद का महत्व – स्वास्थ्य ही सच्ची संपत्ति है – खेलों से हम क्या सीखते हैं

  • बेरोजगारी की समस्या पर निबंध

बेरोजगारी के प्रकार – बेरोजगारी की समस्या को कैसे हल किया जाए

  • भ्रष्टाचार पर निबंध

भ्रष्टाचार की सर्वव्यापकता – भारत में स्थिति – भ्रष्टाचार के कारण – समस्या का समाधान

  • इंटरनेट पर निबंध

इंटरनेट क्या है – इंटरनेट का महत्व – इंटरनेट का दुरूपयोग

  • शिक्षक दिवस पर निबंध

भारत के प्राचीन गुरुकुल – आधुनिक शिक्षा – शिक्षक दिवस का पालन – अफसोस की बात

  • मेरा देश पर निबंध

सभ्यता – विदेशी हमला – धर्म – प्राकृतिक संसाधन और आकर्षण

  • क्रिकेट पर निबंध

लोकप्रियता – खेल का मैदान, उपकरण और नियम – टेस्ट मैच – एक दिवसीय मैच – टी ट्वेंटी – प्रशिक्षण प्रणाली – खेल प्रबंधन – मैच फिक्सिंग – बल्ला निर्माण – खेल और खिलाडी – महिला क्रिकेट टीम – खेल की सफलता के लिए पुरस्कार

  • फुटबॉल पर निबंध

संक्षिप्त इतिहास – खेल के मैदान – खेल के तरीके

  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध

महिला का सही परिचय – नारी पर अत्याचार – महिला विकास

  • मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध

मेरे प्रिय शिक्षक के आदर्श गुण – शिक्षा प्रदान – पढ़ने में रूचि – कक्षा में मेरे प्रिय शिक्षक – व्यक्तित्व

  • मेरा स्कूल पर निबंध

स्थान – कक्षाएं और छात्रों – स्कूल के घर – स्थापना और प्रबंधन – शिक्षक और अन्य कर्मचारी – समारोह – बगीचा – पुस्तकालय – खेल क्षेत्र – पत्रिका – छात्रावास – कपड़े – परीक्षा परिणाम

  • मोबाइल फोन पर निबंध

मोबाइल फोन का इतिहास – फोन का निर्माण – मोबाइल फोन का उपयोग और लाभ – दुष्प्रयोग – मोबाइल के बारे में जानकारी

  • टेलीविजन पर निबंध

कार्यप्रणाली – विभिन्न चैनल – विभिन्न पेशेवर कार्यक्रम – स्वास्थ्य जानकारी – लाइव और स्ट्रीमिंग – समाचार कवरेज – धारावाहिक – विज्ञापन प्रसारण – टीवी पर फिल्में – लाभ – दुष्प्रयोग

  • गणतंत्र दिवस पर निबंध

दिवस का उद्देश्य – राष्ट्रीय स्तर पर गणतंत्र दिवस  – राज्य स्तर पर गणतंत्र दिवस  – शिक्षण संस्थानों में गणतंत्र दिवस  – पुरस्कार और सम्मान

  • दिवाली पर निबंध

दिवाली का अर्थ – दिवाली के बारे में पौराणिक तथ्य – दिवाली का ऐतिहासिक महत्व – दिवाली उत्सव – दिवाली का आंकलन

  • दशहरा पर निबंध         

त्योहार की पौराणिक पृष्ठभूमि – भारत के विभिन्न क्षेत्र में दशहरा – मनोरंजन

  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

स्वतंत्रता दिवस का महत्व – राष्ट्रीय स्तर पर समारोह – राज्य स्तर पर समारोह – शिक्षण संस्थानों में स्वतंत्रता दिवस समारोह – सांस्कृतिक आयोजन

list of hindi essay topics

  • रक्षाबंधन पर निबंध

रक्षाबंधन का पौराणिक महत्व – इतिहास में रक्षाबंधन – भारत में राखी का भिन्नता – रक्षाबंधन में अन्य समारोह – रक्षाबंधन के पालन का उद्देश्य

  • भारतीयों त्योहारों पर निबंध

दीवाली – रामनवमी और जन्माष्टमी – दशहरा – होली – रथ यात्रा – ईद – क्रिसमस

  • नशा मुक्ति पर निबंध

नशा सेवन का कारण – नशीली द्रव्यों का उपयोग और नुकसान – नशा मुक्ति के लिए प्रयास

  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध

प्रधान मंत्री के विचार और राय – देश के स्वच्छ भारत अभियान का इतिहास – स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य – अभियान का कार्यक्रम – स्वच्छता – स्वच्छता के लिए जागरूकता

  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध

प्रदूषण के विभिन्न कारण और परिणाम – प्रदूषण कम करने के तरीके

  • वायु प्रदूषण पर निबंध

वायु प्रदूषण क्या है – वायु प्रदूषण के कारण – वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव – वायु प्रदूषण को नियंत्रित कैसे करें

  • नारी शिक्षा पर निबंध

हमारे समाज में महिलाओं की भूमिका – प्राचीन भारत में महिलाओं की शिक्षा – मध्य युग में महिलाओं की शिक्षा – आधुनिक युग में महिलाओं की शिक्षा – आवश्यकता

  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

छात्रों के भविष्य के लक्ष्य – शिक्षक बनने का लक्ष्य – देशभक्त बनने का लक्ष्य – डॉक्टर होने का लक्ष्य – शास्त्र के अनुसार, जीवन का लक्ष्य

  • दहेज प्रथा पर निबंध

दहेज का रूप और इतिहास – विदेश में दहेज – दहेज एक सामाजिक बीमारी है – दहेज फैलने का कारण – सुधार की जरुरत – दहेज को कैसे कैसे खत्म करें – दहेज को खत्म करने के लिए उठाये गए कदम

  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध

भारत में अतीत में विद्यार्थी जीवन – वर्तमान विद्यार्थी जीवन – विद्यार्थी जीवन के विभिन्न आदर्श

  • सैनिक का जीवन पर निबंध

भिन्न जीवन – कर्तव्य – धैर्य – साहस – लक्ष्य – निर्भयता – अभिलाषा – अनुशासन – अनुपालन – समयनिष्ठा

  • छात्रावास का जीवन पर निबंध

छात्रावास का वातावरण – पुण्य का क्षेत्र – स्वास्थ्य और चिंता का विकास – सुशासन

  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध

ईश्वर की रचना में अनुशासन – विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की आवश्यकता और प्रभाव – अनुशासन की कमी के कारण नुकसान – अनुशासन के तरीके

  • छात्र असंतोष पर निबंध

छात्र असंतोष के परिणाम – छात्र असंतोष के कारण – प्रतिकार

  • छात्रों की सामाजिक जिम्मेदारी पर निबंध

आजादी से पहले छात्रों की भूमिका – आजादी के बाद छात्रों की भूमिका

  • छात्र और सामाजिक कार्य पर निबंध

सामाजिक कार्यों में छात्रों की भूमिका – विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक कार्य – सेवा संगठन और सामाजिक कार्य – सामाजिक सेवा के लाभ

  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध

नेतृत्व की इच्छा – राजनीतिक दलों के बुरे प्रभाव – छात्र की कर्त्तव्य

  • नैतिक शिक्षा पर निबंध

नैतिक शिक्षा का रूप – साधारण शिक्षा और नैतिक शिक्षा – नैतिक शिक्षा की आवश्यकता – लाभ – माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका – पाठ्यक्रम

  • शारीरिक शिक्षा पर निबंध

आवश्यकता – पहुंच – लक्ष्य – कार्रवाई के दौरान – इतिहास

  • एड्स पर निबंध

एड्स का सृष्टि और प्रसार – एड्स का संक्रमण – रोग के लक्षण – उपचार और निदान – आतंक का कारण                        

  • तकनीकी शिक्षा पर निबंध

आवश्यकता – तकनीकी शिक्षा और वर्तमान शिक्षा – विभिन्न दृष्टिकोण – देश के निर्माण में सहायता – समस्या

  • सर्व शिक्षा अभियान पर निबंध

स्वतंत्रता के बाद सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के लिए कदम – भारत में सर्व शिक्षा अभियान के लक्ष्य और आवश्यकताएं – सर्व शिक्षा अभियान की कार्यक्रम की रूपरेखा – कार्यक्रम के बारे में राय – अभियान की सफलता के लिए सलाह

  • साक्षरता अभियान पर निबंध

साक्षरता की उपयोगिता – अशिक्षा का कारण – साक्षरता की स्थिति और प्रगति – साक्षरता का इतिहास – साक्षरता कार्यक्रम का स्तर

  • पुस्तकालय पर निबंध

वर्ग विभाग – पुस्तकालय प्रबंधन प्रणाली – शिक्षक और छात्रों के सहयोग

  • राष्ट्रीय कैडेट कोर पर निबंध

उद्देश्य – सेवा का काम – प्रशिक्षण और शिविर – राष्ट्रीय सुरक्षा में NCC की भूमिका – ग्रामीणों के लिए NCC का कार्य

  • रेड क्रॉस पर निबंध

भारत में रेड क्रॉस – कनाडा में रेड क्रॉस – जूनियर रेड क्रॉस

  • मातृभाषा पर निबंध

शिक्षण प्रणाली – मातृभाषा का महत्व – चर्चा का चक्र – प्रयास – अनुसंधान

  • राष्ट्रीय भाषा पर निबंध

राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी – हिंदी राष्ट्रभाषा होने का कारण – विरुद्ध राय

  • साहित्य और समाज पर निबंध

परिवर्तनशील – साहित्यिक – साहित्य और जीवन – साहित्यिक समाज – निर्माता – आदर्शवाद – समाज पर प्रभाव

  • भारतीय संस्कृति पर निबंध

एकीकृत संस्कृति – संस्कार से संस्कृति – भारतीय संस्कृति की विशेषताएं – मुक्ति – त्याग ही सुख है – सामाजिक वर्ग – विश्व परिवार नियोजन, धर्मनिरपेक्षता – दान, सेवा

  • विज्ञान पर निबंध

संरक्षण – चिकित्सा में विज्ञान – परिवहन- घर पर विज्ञान – शिक्षा और मनोरंजन – कृषि विकास – पुस्तकों और पत्रिकाओं का प्रकाशन – प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता – अंतरिक्ष अनुसंधान – दुष्प्रभाव

  • रेडियो पर निबंध

स्कूल का कार्यक्रम – कॉलेज और विश्वविद्यालय के कार्यक्रम – युवाओं के लिए कार्यक्रम – कृषि कार्यक्रम – महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम – प्राकृतिक आपदाओं और आपात स्थितियों में रेडियो की भूमिका – मनोरंजन – विवरण – विज्ञापन कार्यक्रम – अन्य कार्यक्रम

  • कंप्यूटर पर निबंध

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि – प्रकार – कंप्यूटर की भाषा – लाभ – नुकसान

  • चलचित्र पर निबंध

फिल्म का विकास – भारत में फिल्म का प्रसार – फिल्म के प्रकार – लाभ – नुकसान

  • बिजली पर निबंध

आविष्कार – महत्त्व – बिजली के कुछ मुख्य उपयोग

Hindi essay topics

  • विज्ञान प्रदर्शनी पर निबंध

तैयारी बैठक – विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन – विज्ञान प्रदर्शनियों की प्रभावशीलता – प्रोत्साहन प्रणाली

  • दूरसंचार पर निबंध

दूरसंचार दिवस – संबंध वृद्धि में मदद – लाभ – भारत में दूरसंचार – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूरसंचार

  • अंतरिक्ष में भारत पर निबंध

अंतरिक्ष कार्यक्रमों में विभिन्न राष्ट्रों की भूमिका – भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम – भारत का मंगल अभियान

  • वृक्षारोपण पर निबंध

वनों की कटाई का कारण – वनों की कटाई के परिणाम – वृक्षारोपण की आवश्यकता – वृक्षारोपण कार्यक्रम – वन संरक्षण

  • समाज सेवा पर निबंध

समाज सेवा की आवश्यकता – इसका दायरा – विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन – समाजसेवी का आदर्श – छात्र और सामाजिक सेवाएं

  • सामाजिक वनीकरण पर निबंध

वर्तमान जंगल – सामाजिक वनीकरण के लक्ष्य – सामाजिक वनीकरण विभाग – कृषि वनीकरण – ग्रामीण वनीकरण – शहरी वनीकरण – सफलता के लिए कदम

  • वन्य जीव संरक्षण पर निबंध

विभिन्न वन्य जीव – वन्य जीव संरक्षण की आवश्यकता – वन्य जीव संरक्षण की व्यवस्था

  • पिकनिक पर निबंध

समय – आयोजन – पिकनिक का आनंद – एक पिकनिक का विवरण

  • कृषि पर निबंध

हमारे देश में कृषि – प्राचीन पद्धति – आधुनिक पद्धति – कृषि के लिए उपाय

  • हरित क्रांति पर निबंध

खाद्यान्न पर निर्भरता हानिकारक है – कृषि भारतीयों की राष्ट्रीय आजीविका – अनाज में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता – हरित क्रांति के विभिन्न पहलू – सरकार की कदम – हरित क्रांति की सफलता के लिए सलाह

  • भारत की पंचवर्षीय योजना पर निबंध

पंचवर्षीय योजना का आधार – पहली पंचवर्षीय योजना – दूसरी पंचवर्षीय योजना – तीसरी पंचवर्षीय योजना – चौथी पंचवर्षीय योजना – पांचवीं पंचवर्षीय योजना – छठी पंचवर्षीय योजना – सातवीं पंचवर्षीय योजना – आठवीं पंचवर्षीय योजना – नौवां पंचवर्षीय योजना – दसवीं पंचवर्षीय योजना – ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना

  • ग्रामीण विकास पर निबंध

प्राचीन भारतीय गाँव की विशेषताएं – आजादी से पहले और बाद में ग्रामीण विकास के कदम – ग्रामीण विकास के लिए विभिन्न सुधार

  • पंचायती राज पर निबंध

पंचायती राज स्थापित करने के लक्ष्य – त्रिस्तरीय पंचायती नियम – पंचायती शासन की दोष

  • लोकतंत्र पर निबंध

लोकतंत्र का वर्ग – सरकार का गठन – लोकतंत्र के लाभ – लोकतंत्र शासन का दोष – भारत में लोकतंत्र

  • चुनाव पर निबंध

चुनाव प्रक्रिया और उसका प्रबंधन – चुनाव प्रक्रिया – चुनाव प्रचार – मतदान केंद्र और मतदान प्रणाली – वास्तविक मतदान के लिए क्या बाधाएं हैं?

  • संयुक्त राष्ट्र संघ पर निबंध

संयुक्त राष्ट्र संघ का स्थापना और लक्ष्य – संगठन का प्रबंधन – विश्व शांति दिवस – बाधाओं

  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध

भारत में जनसंख्या वृद्धि का कारण – जनसंख्या वृद्धि के परिणाम – उपाय

  • खाद्य समस्या पर निबंध

भारत खाद्य समस्याओं का कारण – प्रभाव – समस्याओं का समाधान

  • महंगाई की समस्या पर निबंध

कीमतों में वृद्धि का कारण – जनता पर प्रभाव – समस्या

  • सामाजिक पूर्वाग्रह पर निबंध

विभिन्न पूर्वाग्रह – उपाय

  • महिलाओं के विरुद्ध हिंसा पर निबंध

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के कारण – उत्पीड़न के उन्मूलन के प्रयास – उत्पीड़न को मिटाने के लिए सरकार की कार्रवाई – महिलाओं के खिलाफ हिंसा के अंत के लिए कुछ सुझाव

  • छुआछूत पर निबंध

प्रसार – जाति व्यवस्था – सामाजिक उत्पीड़न – विभिन्न कदम – सरकार के प्रयास

  • सड़क दुर्घटना पर निबंध

कारण – ठीक करने के तरीके

  • आतंकवाद पर निबंध

आतंकवाद के रूप – आतंकवाद के कारण – दुनिया में आतंकवाद का प्रचलन – भारत में आतंकवाद – आतंकवाद के परिणाम और प्रभाव – आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत की भूमिका

  • भूकंप पर निबंध

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भूकंप – उपाय – जागरूकता – मदद

  • सुनामी पर निबंध

सुनामी क्या है और क्यों है – सुनामी का इतिहास – हाल का सुनामी के प्रभाव – सुनामी का अनुभव – सुनामी पीड़ितों को सहायता – सुनामी की चेतावनी – दुनिया में सुनामी

  • खेल पर निबंध   

खेल का विभाग – विभिन्न क्षेत्रों में खेल – भारत में खेल – खेल प्रतियोगिता – प्रभावोत्पादकता – प्रयास – सफलता

  • ओलंपिक खेल पर निबंध

ओलंपिक खेलों का निर्माण – वर्तमान ओलंपिक खेलों की शुरुआत – ओलंपिक का लक्ष्य – ओलंपिक संस्थान का प्रबंधन – ओलंपिक के बारे में कुछ तथ्य – विभिन्न स्थानों पर ओलंपिक खेल – ओलंपिक खेलों में भारत – लंदन ओलंपिक – लंदन ओलंपिक में पदक – उद्घाटन समारोह

  • हॉकी पर निबंध

संक्षिप्त इतिहास – मैदान – खेल का उपकरण – खेल विधि – हॉकी खेल में भारत की सफलता – भारतीय महिला हॉकी टीम – महिला हॉकी विश्व कप

  • रथ यात्रा पर निबंध

रथ यात्रा की उत्पत्ति और प्रचलन – रथयात्रा की तैयारी – रथ की पहचान – यात्रा विवरण – सार्वजनिक सुरक्षा और अनुशासन – रथ यात्रा की विशेषताएं

  • ईद पर निबंध

अर्थ – रमजान का महीना – ईद उल फितर

  • सर्दी के मौसम पर निबंध

समय और सौंदर्य – सर्दियों की सुबह – दोपहर – सर्दी की रात – शीतकालीन त्योहार

  • वसंत ऋतु पर निबंध  

प्राकृतिक सौंदर्य – वसंत ऋतु के त्योहार और सार्वजनिक जीवन पर इसका प्रभाव

  • ग्रीष्म ऋतु पर निबंध

ग्रीष्मकालीन प्रकृति और स्थिति – उत्सव

  • वर्षा ऋतु पर निबंध

प्राकृतिक सौंदर्य – वर्षा ऋतु के त्योहार

  • बाल दिवस पर निबंध

बाल दिवस मनाने के उद्देश्य – बाल दिवस समारोह – राष्ट्रीय स्तर पर बाल दिवस

  • मातृ दिवस पर निबंध

मातृ दिवस का संक्षिप्त इतिहास – मातृत्व का महत्व – माँ का प्रभाव और प्रेरणा – आज के समाज में मातृत्व – कुछ योग्य माताओं के महान बच्चे

  • अहिंसा परमो धर्म पर निबंध

अहिंसा के रूप – अहिंसा परमो धर्म क्यों है – अहिंसा का सफल प्रयोग

  • आवश्यकता आविष्कार की जननी पर निबंध

आविष्कार का उद्देश्य – आविष्कार के लिए बुद्धि और प्रतिभा – आविष्कार का उदाहरण

  • परिश्रम पर निबंध

परिश्रम की आवश्यकता – छात्र जीवन में परिश्रम की भूमिका – परिश्रम का उदाहरण

  • आत्मनिर्भरता पर निबंध

दूसरे पर निर्भर करने का नुकसान – आत्मनिर्भरता का लाभ

  • कर्म ही पूजा है पर निबंध

कर्म क्या है – लाभ – नुकसान – व्यवधान – सहायक गुण

  • चरित्र पर निबंध

वैशिष्ट्य – चरित्र निर्माण – चरित्रहीन

  • जनगणना पर निबंध

जनगणना का उद्देश्य – भारत की जनगणना – जनगणना की तैयारी और कार्यान्वयन – 2001 जनगणना – 2011 की जनगणना का एक दृश्य

  • राष्ट्रीय युवा दिवस पर निबंध

राष्ट्रीय युवा दिवस, क्यों? – राष्ट्रीय युवा दिवस की सच्चाई

  • राष्ट्रीय एकता पर निबंध

राष्ट्रीय एकता के लिए बाधाएं – राष्ट्रीय एकता की रक्षा करने के तरीके

  • जीवन बीमा पर निबंध

जीवन बीमा का इतिहास – कार्यालय – कर्मचारी – जीवन बीमा क्या है? – लाभ – नुकसान

  • पर्यटन पर निबंध

यात्रा का उद्देश्य – अतीत और वर्तमान पर्यटन के बीच का अंतर – पर्यटन की तैयारी – यात्रा के लाभ – वर्तमान पर्यटन के साथ समस्याएं

  • परोपकार पर निबंध

परोपकार की आवश्यकता – प्रकृति का दान – परोपकार का रूप – आदर्श परोपकारी

  • ग्रामीण जीवन पर निबंध

ग्रामीण जीवन का आकर्षण – ग्रामीण जीवन में मौसमी अवस्थाएँ – गाँव का सामाजिक जीवन – ग्राम जीवन की मीठी यादें – ग्रामीण जीवन में गिरावट

  • मित्रता पर निबंध        

मित्रता बनाने की आवश्यकता – मित्रता एक कला है – आदर्श मित्र का उदाहरण – बेईमान मित्र

  • मानव अधिकार पर निबंध

मानवाधिकार दिवस – अधिकार – समानता – शोषण से छुटकारा – स्वर्ण जयंती

  • समयनिष्ठ पर निबंध

आवश्यकता – समय का सदुपयोग – लाभ

  • शिष्टाचार पर निबंध

शिष्टाचार शिक्षा – शिष्टाचार की सीमा – शिष्टाचार महत्व – शिष्टाचार और अनुशासन – शिष्टाचार की उपयोगिता – देश की प्रगति में शिष्टाचार –

  • समाचार पत्र पर निबंध

समाचार पत्र प्रकाशन – समाचार पत्र की आवश्यकता

  • रक्तदान महादान पर निबंध        

आवश्यकता – रक्त संग्रह – स्वैच्छिक रक्तदान दिवस – विशेष सरकारी उपाय – सावधान – रक्त अभाब – जागरूकता और जन समर्थन

  • ध्वनि प्रदूषण पर निबंध 

ध्वनि प्रदूषण का कारण – ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभाव – ध्वनि प्रदूषण को कम करने का उपाय

  • जल प्रदूषण पर निबंध

जल प्रदूषण का कारण – जल प्रदूषण का दुष्प्रभाव – जल प्रदूषण को कम करने का उपाय

  • मुहर्रम पर निबंध

दुःख और शोक का पर्व – मुहर्रम मनाने के नियम

ये था हमारा लेख100+ list of Hindi essay topics . उम्मीद है यह लेख आपके लिए सहायक हुआ होगा. अगर आपको और कुछ topics के बारे में पता है, तो हमे कमैंट्स में जरूर बताएं. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद.    

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

  • Study Material

essay topics for class 10 in hindi

500+ विषयों पर हिंदी निबंध – Essays in Hindi Topics & Ideas

निबंध लिखते समय, कई कॉलेज और हाई स्कूल के छात्रों को लेखक के ब्लॉक का सामना करना पड़ता है और एक निबंध के लिए विषयों और विचारों के बारे में सोचने का कठिन समय होता है। इस लेख में, हम विभिन्न श्रेणियों जैसे तर्कपूर्ण निबंध, प्रौद्योगिकी पर निबंध, 5 वीं, 6 वीं, 7 वीं, 8 वीं कक्षा के छात्रों के लिए पर्यावरण निबंध जैसे कई अच्छे निबंध विषयों को सूचीबद्ध करेंगे। निबंध विषयों की सूची सभी के लिए है – बच्चों से लेकर कॉलेज के छात्रों तक। हमारे पास निबंधों का सबसे बड़ा संग्रह है। एक निबंध और कुछ नहीं बल्कि एक सामग्री है जो लेखक या लेखक की धारणा से लिखी गई है। निबंध एक कहानी, पैम्फलेट, थीसिस, आदि के समान हैं। निबंध के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप किसी भी प्रकार की भाषा का उपयोग कर सकते हैं – औपचारिक या अनौपचारिक। यह जीवनी, किसी की आत्मकथा है। निम्नलिखित 100 निबंध विषयों की एक महान सूची है। हम जल्द ही 400 और जोड़ेंगे!

Essays in Hindi Topics & Ideas

  • मोर पर निबंध – Essay on Peacock in Hindi
  • रोल मॉडल पर निबंध – Essay on Role Model in Hindi
  • जीवन पर निबंध – Essay on Life in Hindi
  • शिष्टाचार पर निबंध – Essay on Good Manner in Hindi
  • एकता में बल है पर निबंध – Essay on Unity is Strength in Hindi
  • स्वास्थ्य पर निबंध – Essay on Health in Hindi
  • होली पर निबंध – Essay on Holi in Hindi
  • मेक इन इंडिया पर निबंध – Essay on Make in India in Hindi
  • कैरियर पर निबंध – Essay on Career in Hindi
  • फुटबॉल पर निबंध – Essay on Football in Hindi
  • कल्पना चावला पर निबंध – Essay on Kalpana Chawla in Hindi
  • नरेंद्र मोदी पर निबंध – Essay on Narendra Modi in Hindi
  • वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन पर निबंध – Essay on Globalization in Hindi
  • भारत की विरासत पर निबंध – Essay On Indian Heritage in Hindi
  • बिजली बचाओ पर निबंध – Save Electricity Essay in Hindi
  • संगीत पर निबंध – Essay on Music in Hindi
  • सूखा या अकाल पर निबंध – Essay on Drought in Hindi
  • इंदिरा गांधी पर हिन्दी निबंध – Indira Gandhi Essay in Hindi
  • खुशी पर निबंध – Essay on Happiness in Hindi
  • जवाहरलाल नेहरू पर निबंध – Jawaharlal Nehru Essay in Hindi
  • किसान पर निबंध – Essay on Farmer in Hindi
  • विज्ञान पर निबंध – Essay on Science in Hindi
  • जल का महत्व पर निबंध – Essay on Importance of Water in Hindi
  • Essay on Laughter is the Best Medicine in Hindi
  • Essay on Life in Village in Hindi – गांव में जीवन पर निबंध
  • ट्रैफिक जाम पर निबंध – Essay on Traffic Jam in Hindi
  • मेरे गाँव पर निबंध – Essay On My Village in Hindi
  • लाल बहादुर शास्त्री पर निबंध – Essay on Lal Bahadur Shastri in Hindi
  • पर्यावरण पर निबंध – Environment Essay in Hindi
  • Essay on Sachin Tendulkar in Hindi – सचिन तेंदुलकर पर निबंध
  • झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई पर निबंध – Rani Lakshmi Bai Essay in Hindi
  • क्रिकेट पर निबंध – Essay on Cricket in Hindi
  • मेरा शौक – रूचि पर निबंध | Essay on My Hobby in Hindi
  • डॉक्टर पर निबंध – Essay on Doctor in Hindi
  • खेल कूद का महत्व – Essay on Importance of Sports in Hindi
  • पेड़ों पर निबंध – Essay on Trees in Hindi
  • मानव अधिकार पर निबंध – Essay on Human Rights in Hindi
  • समयनिष्ठता पर निबंध – Essay on Punctuality in Hindi
  • क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi
  • शिक्षक पर निबंध – Essay on Teacher in Hindi
  • प्रकृति पर निबंध – Essay on Nature in Hindi
  • गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi
  • भारत में लोकतंत्र पर निबंध – Essay on Democracy in India
  • शहीद भगत सिंह पर निबंध – Bhagat Singh Essay in Hindi
  • इंटरनेट पर निबंध – Essay On Internet in Hindi
  • स्वामी विवेकानंद पर निबंध – Essay on Swami Vivekanand in Hindi
  • सुभाष चन्द्र बोस पर निबंध – Subhash Chandra Bose Essay in Hindi
  • मदर टेरेसा पर निबंध – Mother Teresa Essay In Hindi
  • दोस्ती पर निबंध – Essay on Friendship in Hindi
  • कंप्यूटर पर निबंध – Essay on Computer in Hindi
  • देश भक्ति पर निबन्ध – Essay on Patriotism in Hindi
  • Artificial Intelligence Essay in Hindi – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस निबंध
  • Sardar Vallabhbhai Patel Essay in Hindi – वल्लभ भाई पटेल निबंध
  • जनसँख्या पर निबंध – Population Essay in Hindi
  • जंक (फास्ट) फूड के नुकसान पर निबंध – Harmful Effects of Junk Food
  • ताजमहल पर निबंध – Essay on Tajmahal in Hindi
  • सड़क दुर्घटना पर निबंध – Essay on Road Accident in Hindi
  • मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध – My Favorite Teacher Essay in Hindi
  • पिता पर हिन्दी में निबंध – My Father Essay in Hindi
  • वायु प्रदूषण पर निबंध – Air Pollution Essay in Hindi
  • बरसात के दिनों पर निबंध – Essay on Rainy Days in Hindi
  • पृथ्वी बचाओ पर निबंध – Save Earth Essay in Hindi
  • मेरा सपना पर निबंध – My Dream Essay in Hindi
  • कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध – Female Foeticide Essay in Hindi
  • सुनामी पर निबंध – Tsunami Essay in Hindi
  • समय प्रबंधन पर निबंध – Essay on Time Management in Hindi
  • Save Water Save Life Essay in Hindi – जल बचाओ जीवन बचाओ
  • लोकतंत्र पर निबंध – Essay on Democracy in Hindi
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध – Save Environment Essay in Hindi
  • साइबर क्राइम पर निबंध – Essay on Cyber Crime in Hindi
  • Indian Culture and Tradition Essay in Hindi – भारतीय संस्कृति निबंध
  • My Aim of Life Essay in Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध
  • Gender Equality Essay in Hindi – लिंग समानता पर निबंध
  • Essay on Health and Hygiene in Hindi – स्वास्थ्य और स्वच्छता निबंध
  • Essay on India in Hindi – भारत पर हिन्दी निबंध
  • 10 Lines on Mangalyaan in Hindi – मंगलयान पर 10 पंक्तियाँ
  • बैडमिंटन पर निबंध – Essay on Badminton in Hindi
  • माँ पर निबंध – Essay on Mother in Hindi
  • रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध – Rabindranath Tagore Essay in Hindi
  • बाढ़ पर निबंध – Essay on Flood in Hindi
  • दशहरा पर निबंध – Essay on Dussehra in Hindi
  • स्वास्थ्य ही धन है निबंध – Health is Wealth Essay in Hindi
  • आर्यभट्ट पर निबंध – Essay On Aryabhatta in Hindi
  • सोशल मीडिया पर निबंध – Essay on Social Media in Hindi
  • Essay on My Ambition in Hindi – मेरे जीवन का उद्देश्य पर निबंध
  • बेहतर पर्यावरण के लिए ईंधन बचाने पर निबंध – Save Fuel Essay
  • ध्वनि प्रदूषण पर निबंध – Noise Pollution Essay in Hindi
  • गर्मी की छुट्टी पर निबंध – Summer Vacation Essay in Hindi
  • शिक्षा पर निबंध – Education Essay in Hindi
  • टेलीविजन पर निबंध – Television Essay in Hindi
  • जल प्रदूषण पर निबंध – Essay On Water Pollution In Hindi
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबन्ध – Wonders of Science in Hindi
  • टेक्नोलॉजी पर निबंध – Essay on Technology in Hindi
  • ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है पर निबंध – Honesty is the Best Policy Hindi
  • मोबाइल फ़ोन पर निबंध – Essay on Mobile Phone in Hindi
  • Essay On Dowry System In Hindi – दहेज प्रथा पर निबंध
  • Science & Technology Essay Hindi – विज्ञान और तकनीकी निबंध
  • Essay on Rainy Season in Hindi – वर्षा ऋतु पर निबंध
  • Environmental Pollution Essay in Hindi – पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
  • Essay on Children’s Day in Hindi – बाल दिवस पर निबंध
  • Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षाबंधन पर निबंध
  • Essay on Beti Bachao Beti Padhao – बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध
  • Essay on Freedom Fighters in Hindi – स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध
  • Essay on My Favourite Book in Hindi – मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध
  • Essay on My Family in Hindi – मेरा परिवार पर निबंध
  • Essay on Discipline in Hindi – अनुशासन पर निबंध
  • Essay on Surgical Strike in Hindi – सर्जिकल स्ट्राइक पर निबंध
  • Essay on Dog in Hindi – कुत्ता पर निबंध
  • Essay on Gandhi Jayanti in Hindi – गांधी जयंती पर निबंध
  • Corruption Essay in Hindi – भ्रष्टाचार पर हिन्दी में निबंध
  • Essay on Global Warming in Hindi – ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
  • पानी बचाओ पर निबंध – Essay on Save water in Hindi
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – APJ Abdul Kalam Essay in Hindi
  • आतंकवाद पर निबंध – Essay on Terrorism in Hindi
  • Essay on My Best Friend in Hindi – मेरा प्रिय मित्र निबंध
  • बेटी बचाओ निबंध – Save Girl Child Essay in Hindi
  • शिक्षक दिवस पर निबंध – Essay on Teachers Day in Hindi
  • पेड़ बचाओ पर निबंध – Essay on Save Trees in Hindi
  • गर्मी का मौसम पर निबंध – Essay On Summer Season in Hindi
  • विमुद्रीकरण पर निबंध – Essay on Demonetisation in Hindi
  • बाल मजदूरी पर निबंध – Essay on Child Labour in Hindi
  • Essay on My school in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध
  • Essay on GST in Hindi – गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) निबंध
  • Essay On Mahatma Gandhi In Hindi – महात्मा गांधी पर निबंध
  • 10 Lines on My teacher in Hindi – शिक्षक के बारे में 5 पंक्तियाँ
  • Women empowerment Essay in Hindi – महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • Essay on Diwali in Hindi – हिन्दी निबंध: दीपावली
  • प्रदूषण पर निबंध – Essay on Pollution in Hindi
  • स्वच्छ भारत अभियान निबंध – Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi
  • Essay on Durga Puja in Hindi – दुर्गा पूजा पर शब्द निबंध

टेक्नोलॉजी पर निबंध

  • प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) पर निबंध
  • कंप्यूटर पर निबंध
  • विज्ञान का आश्चर्य पर निबंध
  • मोबाइल फोन पर निबंध
  • इंटरनेट पर निबंध
  • अखबार पर निबंध
  • विज्ञान पर निबंध

घटनाओं पर त्योहारों पर निबंध

  • दिवाली पर निबंध
  • स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर निबंध
  • होली पर निबंध
  • शिक्षक दिवस पर निबंध
  • गर्मी की छुट्टियां पर निबंध
  • क्रिसमस पर निबंध
  • बाल दिवस पर निबंध
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
  • दुर्गा पूजा पर निबंध
  • Janmashtami पर निबंध
  • शिक्षा पर निबंध
  • शिक्षा का महत्त्व पर निबंध
  • शिक्षा मुफ्त होनी चाहिए पर निबंध
  • शिक्षा में प्रौद्योगिकी का योगदान पर निबंध

प्रसिद्ध नेताओं पर निबंध

  • Mahatma Gandhi पर निबंध
  • एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध
  • जवाहर लाल नेहरू पर निबंध
  • नेतृत्व पर निबंध
  • स्वामी विवेकानंद पर निबंध
  • मदर टेरेसा पर निबंध
  • रविंद्रनाथ टैगोर पर निबंध
  • Sardar Vallabhbhai Patel पर निबंध
  • सुभाष चंद्र बोस पर निबंध
  • अब्राहम लिंकन पर निबंध
  • मार्टिन लूथर किंग पर निबंध
  • Lal Bahadur Shashtri पर निबंध

पशु और पक्षियों पर निबंध

  • कुत्ता पर निबंध
  • सिंह पर निबंध
  • मोर पर निबंध
  • बिल्ली पर निबंध
  • मेरा पसंदीदा पशु पर निबंध
  • तोता पर निबंध

निबंध विषय अपने बारे में

  • मेरा परिवार पर निबंध
  • मेरा सबसे अच्छा दोस्त पर निबंध
  • मेरा शौक पर निबंध
  • मेरी माँ पर निबंध
  • मेरे पिता पर निबंध
  • मेरे पसंदीदा शिक्षक पर निबंध
  • जीवन में मेरा उद्देश्य पर निबंध
  • मेरा पसंदीदा खेल – बैडमिंटन पर निबंध
  • मेरा पसंदीदा खेल – निबंध पर निबंध
  • मेरा गाँव पर निबंध
  • मेरा घर पर निबंध
  • मेरा सपना पर निबंध
  • मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध
  • मेरी महत्वाकांक्षा पर निबंध
  • कैसे मैंने अपनी गर्मी की छुट्टी बिताई पर निबंध
  • मेरा पालतू कुत्ता पर निबंध
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध
  • मेरा स्कूल जीवन पर निबंध
  • मुझे अपने परिवार से प्यार है पर निबंध
  • मेरे पसंदीदा विषय पर निबंध
  • मेरा पसंदीदा खेल बैडमिंटन पर निबंध
  • माय फादर माय हीरो पर निबंध
  • मेरा बगीचा पर निबंध
  • खुद पर निबंध
  • मेरा स्कूल पुस्तकालय पर निबंध
  • मेरा पसंदीदा लेखक पर निबंध
  • गर्मियों की छुट्टी के लिए मेरी योजना पर निबंध
  • मेरा स्कूल पर निबंध
  • मित्रता पर निबंध

पर्यावरण और प्रकृति पर आधारित निबंध विषय

  • प्रदूषण पर निबंध
  • वैश्विक तापमान पर निबंध
  • जंगलों को बचाएं पर निबंध
  • वातावरण पर निबंध
  • पृथ्वी को बचाओ पर निबंध
  • वायु प्रदुषण पर निबंध
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
  • जल प्रदूषण पर निबंध
  • जल बचाओ पर निबंध
  • बारिश का मौसम पर निबंध
  • जलवायु परिवर्तन पर निबंध
  • प्रकृति पर निबंध
  • पेड़ पर निबंध
  • वृक्षों का महत्व पर निबंध
  • सर्दियों का मौसम पर निबंध
  • बारिश का दिन पर निबंध
  • वनों की कटाई पर निबंध
  • प्राकृतिक आपदा पर निबंध
  • बाढ़ पर निबंध
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध
  • गर्मी का मौसम पर निबंध
  • पेड़ हमारे सबसे अच्छे दोस्त पर निबंध
  • पानी पर निबंध

नीतिवचन पर आधारित निबंध विषय

  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध
  • समय में एक सिलाई नौ बचाता है पर निबंध
  • एक सेब एक दिन डॉक्टर को दूर रखता है पर निबंध
  • जहां इच्छा है, वहां रास्ता है पर निबंध
  • समय और ज्वार किसी का इंतजार नहीं करते पर निबंध

6 वीं, 7 वीं, 8 वीं कक्षा के छात्रों के लिए निबंध विषय

  • ध्वनि प्रदूषण पर निबंध
  • देश प्रेम पर निबंध
  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • भ्रष्टाचार पर निबंध
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • संगीत पर निबंध
  • समय और ज्वार कोई नहीं के लिए प्रतीक्षा करें पर निबंध
  • विज्ञान और तकनीक पर निबंध
  • खेलो का महत्व पर निबंध
  • खेल और क्रीड़ा पर निबंध
  • खेल पर निबंध
  • समय प्रबंधन पर निबंध
  • स्वच्छता, भक्ति से भी बढ़कर है पर निबंध
  • स्वच्छता पर निबंध
  • रोम एक दिन में नहीं बना था पर निबंध
  • भूकंप पर निबंध
  • फ़ुटबॉल पर निबंध
  • ख़ुशी पर निबंध पर निबंध
  • सफलता पर निबंध
  • बेरोजगारी पर निबंध
  • स्वच्छ भारत पर निबंध
  • गाय पर निबंध
  • स्वयं का विवरण दें पर निबंध
  • हाथी पर निबंध
  • भारत के त्यौहार पर निबंध
  • जंगल पर निबंध
  • Ganesh Chaturthi पर निबंध
  • स्वस्थ भोजन पर निबंध
  • जल का महत्व पर निबंध
  • जंक फूड पर निबंध
  • जीएसटी पर निबंध
  • प्लास्टिक प्रदूषण पर निबंध
  • फैशन पर निबंध
  • पुस्तकें पर निबंध
  • चिकित्सक पर निबंध
  • आबादी पर निबंध
  • समय का मूल्य पर निबंध
  • ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है पर निबंध
  • Gandhi Jayanti पर निबंध
  • आजादी पर निबंध
  • मानवाधिकार पर निबंध
  • ज्ञान ही शक्ति है पर निबंध
  • समलैंगिक विवाह पर निबंध
  • बचपन की यादें पर निबंध
  • साइबर अपराध पर निबंध
  • राजनीति पर निबंध
  • समय पर निबंध
  • योग पर निबंध
  • किसान पर निबंध
  • खाना पर निबंध
  • Kalpana Chawla पर निबंध
  • समय की पाबंदी पर निबंध
  • Rani Lakshmi Bai पर निबंध
  • प्रेरणास्रोत पर निबंध
  • वसंत ऋतु पर निबंध
  • पर्यटन पर निबंध
  • अनेकता में एकता पर निबंध
  • कृत्रिम होशियारी पर निबंध
  • ऑनलाइन खरीदारी पर निबंध
  • आदर करना पर निबंध
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध
  • चुनाव पर निबंध
  • डाकिया पर निबंध
  • स्वस्थ जीवनशैली पर निबंध
  • छुट्टी का दिन पर निबंध
  • भारतीय शिक्षा प्रणाली पर निबंध
  • बचपन पर निबंध
  • आपदा प्रबंधन पर निबंध
  • पर्यावरण के मुद्दें पर निबंध
  • स्वतंत्रता सेनानी पर निबंध
  • बगीचा पर निबंध
  • दादा दादी पर निबंध
  • बेहतर पर्यावरण के लिए ईंधन बचाओ पर निबंध
  • समाचार पत्र का महत्व पर निबंध
  • Lal Bahadur Shastri पर निबंध
  • Raksha Bandhan पर निबंध
  • टीम वर्क पर निबंध
  • विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध
  • बैडमिंटन पर निबंध
  • Narendra Modi पर निबंध
  • ईमानदारी पर निबंध
  • धर्म क्या है पर निबंध
  • परोपकार घर से आरंभ होती है पर निबंध
  • पैसे पर निबंध
  • ट्रेन से यात्रा पर निबंध
  • आदर्श छात्र पर निबंध
  • जल बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध
  • पुनर्चक्रण पर निबंध
  • भारतीय किसान पर निबंध
  • भारत में महिलाओं की सुरक्षा पर निबंध
  • सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर निबंध
  • मृत्यु दंड पर निबंध पर निबंध
  • कॉलेज का जीवन पर निबंध
  • प्राकृतिक संसाधन पर निबंध
  • साथियों का दबाव पर निबंध
  • प्रेरणा पर निबंध
  • पोषण बनाम प्रकृति पर निबंध
  • रोमियो और जूलियट पर निबंध
  • पीढ़ी का अंतर पर निबंध
  • Makar Sankranti पर निबंध
  • भारत का संविधान पर निबंध
  • बालिका शिक्षा पर निबंध
  • परिवार का महत्व पर निबंध
  • स्वतंत्रता दिवस का महत्व पर निबंध
  • प्रतिभा पलायन पर निबंध
  • अपना वहि जॊ आवे काम पर निबंध
  • काम बोलता है बातें नहीं पर निबंध पर निबंध
  • हर चमकती चीज सोना नहीं होती पर निबंध
  • Bhagat Singh पर निबंध
  • Demonetization पर निबंध
  • कृषि पर निबंध
  • क्रिकेट पर निबंध
  • हॉकी पर निबंध
  • अनुशासन पर निबंध
  • अनुशासन का महत्व पर निबंध
  • जऩ संखया विसफोट पर निबंध
  • दरिद्रता पर निबंध
  • भारत में गरीबी पर निबंध
  • मोबाइल फोन का उपयोग पर निबंध
  • पानी की कमी पर निबंध
  • रेल यात्रा पर निबंध
  • भूमि प्रदुषण पर निबंध पर निबंध
  • पर्यावरण संरक्षण पर निबंध
  • भारतीय सेना पर निबंध
  • इंटरनेट का उपयोग पर निबंध
  • चिड़ियाघर पर निबंध
  • संतुलित आहार पर निबंध
  • रक्त दान पर निबंध
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध
  • दशहरा निबंध पर निबंध
  • ऊर्जा सरंक्षण पर निबंध
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध
  • रेलवे स्टेशन पर निबंध
  • सचिन तेंडुलकर पर निबंध
  • सुनामी पर निबंध
  • स्वास्थ्य और सफ़ाई पर निबंध
  • वन का महत्व पर निबंध
  • Indira Gandhi पर निबंध
  • हंसी बेहतरीन दवा है पर निबंध
  • बास्केटबाल पर निबंध
  • कैरियर के लक्ष्यों पर निबंध
  • शादी पर निबंध
  • मानसिक स्वास्थ्य पर निबंध
  • पानी बचाओ जिंदगी बचाओ पर निबंध
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध
  • छुट्टी पर निबंध
  • बागवानी पर निबंध
  • शीतकालीन अवकाश पर निबंध
  • मिट्टी प्रदूषण पर निबंध
  • आलोचना पर निबंध
  • इंडिया गेट पर निबंध
  • हरेक निराशा में भी एक उम्मीद की किरण होती है पर निबंध
  • भारतीय संस्कृति और परंपरा पर निबंध
  • एकता में बल है पर निबंध
  • एकता विविधता है पर निबंध
  • वन्यजीव संरक्षण पर निबंध
  • जानवरो के प्रति क्रूरता पर निबंध
  • गूगल पर निबंध
  • नेल्सन मंडेला पर निबंध
  • चूहों और पुरुषों की पर निबंध
  • अंग दान पर निबंध
  • एक बड़े शहर में जीवन पर निबंध
  • आचार विचार पर निबंध पर निबंध
  • भारत में लोकतंत्र पर निबंध
  • सूखा पर निबंध
  • व्यवसाय पर निबंध
  • कचरा प्रबंधन पर निबंध
  • जैव विविधता पर निबंध
  • वनीकरण पर निबंध
  • आर्यभट्ट पर निबंध
  • कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध
  • जंक फूड के हानिकारक प्रभाव पर निबंध
  • बारिश के पानी का संग्रहण पर निबंध
  • बिजली बचाओ पर निबंध
  • सोशल मीडिया पर निबंध
  • सामाजिक नेटवर्किंग साइट पर निबंध
  • अखंडता पर निबंध
  • टालमटोल पर निबंध
  • एक भारतीय गांव में जीवन पर निबंध
  • बड़ा शहर में जीवन पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध
  • कैंसर पर निबंध
  • विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध
  • ग्रीनहाउस प्रभाव पर निबंध
  • एकता की मूर्ति पर निबंध
  • ट्रैफ़िक जाम पर निबंध
  • Beti Bachao Beti Padhao पर निबंध
  • अच्छे शिष्टाचार का महत्व पर निबंध
  • अच्छी आदतें पर निबंध
  • लाल किला पर निबंध
  • एकता पर निबंध
  • साइबर सुरक्षा पर निबंध
  • हरित क्रांति पर निबंध
  • स्वास्थ्य और तंदुस्र्स्ती पर निबंध
  • भारत पर निबंध
  • अतुल्य भारत पर निबंध
  • मेक इन इंडिया पर निबंध
  • बाघ बचाओ पर निबंध
  • सर्जिकल स्ट्राइक पर निबंध
  • ट्रिपल तालक पर निबंध
  • एक अच्छा दोस्त पर निबंध
  • हमारे जीवन में दोस्तों का महत्व पर निबंध
  • जवानी पर निबंध
  • क्या प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगना चाहिए पर निबंध
  • राष्ट्रवाद पर निबंध
  • ज्ञान पर निबंध
  • यातायत नियम पर निबंध
  • ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव पर निबंध
  • मजदूर दिवस पर निबंध
  • मौलिक अधिकार पर निबंध
  • मधुमेह पर निबंध
  • मान पर निबंध
  • सौर मंडल पर निबंध
  • राष्ट्रीय संविधान दिवस पर निबंध
  • अच्छी माँ पर निबंध
  • मां पर निबंध
  • धर्मनिरपेक्षता पर निबंध
  • हमारे जीवन में वृक्षों का महत्व पर निबंध
  • सिटी लाइफ बनाम विलेज लाइफ पर निबंध
  • संचार का महत्व पर निबंध
  • प्रकृति का संरक्षण पर निबंध
  • मैन बनाम मशीन पर निबंध
  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर निबंध
  • माताओं पर निबंध
  • मां का प्यार पर निबंध
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध
  • काला धन पर निबंध
  • एड्स पर निबंध
  • निष्पक्ष पर निबंध
  • अस्पृश्यता पर निबंध
  • सेल्फ डिसिप्लिन पर निबंध
  • आतंक पर निबंध
  • वैश्विक आतंकवाद पर निबंध
  • जैव विविधता का संरक्षण पर निबंध
  • अम्ल वर्षा पर निबंध
  • समाचार पत्र और इसके उपयोग पर निबंध
  • विश्व स्वास्थ्य दिवस पर निबंध
  • प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण पर निबंध
  • परिवार के साथ एक पिकनिक पर निबंध
  • भारतीय विरासत पर निबंध
  • भारत में महिलाओं की स्थिति पर निबंध
  • बाल मन का पिता है पर निबंध
  • पढ़ना अच्छी आदत है पर निबंध
  • प्लास्टिक का थैला पर निबंध
  • भारत में आतंकवाद पर निबंध
  • लाइब्रेरी और इसके उपयोग पर निबंध
  • मंगल पर जीवन पर निबंध
  • शहरीकरण पर निबंध
  • दिवाली के कारण प्रदूषण पर निबंध
  • भारत का राष्ट्रीय ध्वज पर निबंध
  • व्यावसायिक शिक्षा पर निबंध
  • वृक्षारोपण का महत्व पर निबंध
  • मोटापा पर निबंध
  • ग्रीष्म शिविर पर निबंध
  • वाहन का प्रदूषण पर निबंध
  • भारत में महिला शिक्षा पर निबंध
  • भारत में मौसम पर निबंध
  • प्रेस की आज़ादी पर निबंध
  • रिश्वत पर निबंध
  • यातायात में सड़क पर चालकों द्वारा हिंसक रोष व्यक्त करना पर निबंध
  • जाति व्यवस्था पर निबंध
  • पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर निबंध
  • पर्वतारोहण पर निबंध
  • प्राकृतिक संसाधनों की कमी पर निबंध
  • ईश्वर चंद्र विद्यासागर पर निबंध
  • स्वास्थ्य शिक्षा पर निबंध
  • वनों की कटाई के प्रभाव पर निबंध
  • स्कूल के बाद का जीवन पर निबंध
  • भारत में भुखमरी पर निबंध
  • Jan Dhan Yojana पर निबंध
  • निजीकरण का प्रभाव पर निबंध
  • लत पर निबंध
  • भारत चुनाव आयोग पर निबंध
  • चुनाव और लोकतंत्र पर निबंध
  • ग्लोबल वार्मिंग की रोकथाम पर निबंध
  • जीवन में सिनेमा का प्रभाव पर निबंध
  • सुभास चंद्र बोस पर निबंध
  • दहेज प्रथा पर निबंध
  • गणेश चतुर्थी महोत्सव पर निबंध
  • भारत बनाने में विज्ञान की भूमिका पर निबंध
  • महासागरों पर ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव पर निबंध
  • त्योहारों के कारण प्रदूषण पर निबंध
  • Ambedkar Jayanti पर निबंध
  • एक भारत श्रेष्ठ भारत पर निबंध
  • भारत में परिवार नियोजन पर निबंध
  • लोकतंत्र बनाम तानाशाही पर निबंध
  • भारत के राष्ट्रीय त्यौहार पर निबंध
  • श्री अरबिंदो पर निबंध
  • भारत में जातिवाद पर निबंध
  • अंग की तस्करी पर निबंध
  • ग्लोबल वार्मिंग के परिणाम पर निबंध
  • ग्लोबल वार्मिंग में मानव गतिविधियों की भूमिका पर निबंध
  • भारत में महिलाओं के मुद्दों और समस्याओं का सामना करना पड़ा पर निबंध
  • देश में न्यायपालिका की भूमिका आज पर निबंध
  • Sugamya Bharat Abhiyan पर निबंध
  • PUBG मोबाइल गेम की लत पर निबंध
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर निबंध
  • जीवन / पृथ्वी में ऑक्सीजन और पानी का मूल्य पर निबंध
  • भारत में किसान आत्महत्या पर निबंध
  • स्टार्ट-अप इंडिया पर निबंध
  • पटाखों के कारण प्रदूषण पर निबंध
  • सैनिकों का जीवन पर निबंध
  • बाल श्रम पर निबंध
  • गुलामी पर निबंध
  • बालिका बचाओ पर निबंध
  • जिंदगी पर निबंध पर निबंध
  • सुबह की सैर पर निबंध
  • माई स्कूल फेटे पर निबंध
  • वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन पर निबंध

Essays - निबंध

How to write an ap english essay, इंडिया गेट पर निबंध – essay on india gate in hindi, जनसंख्या वृद्धि पर निबंध – essay on population growth in hindi, 10 lines on diwali in hindi – दिवाली पर 10 लाइनें पंक्तियाँ, essay on my school in english, essay on women empowerment in english, essay on mahatma gandhi in english, essay on pollution in english.

  • Privacy Policy

Home

  • Website Inauguration Function.
  • Vocational Placement Cell Inauguration
  • Media Coverage.
  • Certificate & Recommendations
  • Privacy Policy
  • Science Project Metric
  • Social Studies 8 Class
  • Computer Fundamentals
  • Introduction to C++
  • Programming Methodology
  • Programming in C++
  • Data structures
  • Boolean Algebra
  • Object Oriented Concepts
  • Database Management Systems
  • Open Source Software
  • Operating System
  • PHP Tutorials
  • Earth Science
  • Physical Science
  • Sets & Functions
  • Coordinate Geometry
  • Mathematical Reasoning
  • Statics and Probability
  • Accountancy
  • Business Studies
  • Political Science
  • English (Sr. Secondary)

Hindi (Sr. Secondary)

  • Punjab (Sr. Secondary)
  • Accountancy and Auditing
  • Air Conditioning and Refrigeration Technology
  • Automobile Technology
  • Electrical Technology
  • Electronics Technology
  • Hotel Management and Catering Technology
  • IT Application
  • Marketing and Salesmanship
  • Office Secretaryship
  • Stenography

Hindi Essays

  • English Essays

Letter Writing

  • Shorthand Dictation

कुल निबंध : 1333

  • 45 नये निबंध  क्रमांक 1106  से  1151 तक 

essay topics for class 10 in hindi

नये निबंध-:

1. समय अनमोल है या समय का सदुपयोग समय

2. देशाटन या देश-विदेश की सैर

3. टेलीविज़न के लाभ तथा हानियाँ या केबल टी. वी या मूल्यांकन दूरदर्शन का

4. आतंकवाद या आतंकवाद की समस्या

5. भ्रष्टाचार या भारत में भ्रष्टाचार

6. यदि मैं वैज्ञानिक होता

7. यदि मैं शिक्षामंत्री होता

8. यदि मैं प्रधानमंत्री होता

9. करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान

10. आत्मनिर्भर या स्वावलंबी

11. सत्य की शक्ति या सत्यमेव जयते

12. जो हुआ अच्छा हुआ

13. स्वंय पर विश्वास

14. त्यौहारों का जीवन में महत्व

15. मेरे प्रिय नेता या नेताजी सुभाष चंद्रबोस

16. मेर प्रिय कवि या तुलसीदास

17. विज्ञान के लाभ तथा हानियाँ या विज्ञान के चमत्कार

18. कंप्यूटर के लाभ तथा हानियाँ अथवा जीवन में कंप्यूटर का महत्व

19. मेरा भारत महान

20. हिमालय या पर्वतों का राजा : हिमालय

21. देश प्रेम या स्वदेश प्रेम

22. पुस्तकालय का महत्व

23. प्रदूषण का प्रकोप

24. स्वस्थ भारत

25. अनेकता में एकता

26. रेगिस्तान की यात्रा

27. आतंकवाद और समाज

28. विवाह एक सामाजिक संस्था

29. कल का भारत या 21वीं सदी का भारत

30. समाज और कुप्रथांए

32. स्वरोजगार या युवा स्वरोजगार योजना

33. स्वरोजगार या युवा स्वरोजगार योजना

34. स्वच्छ भारत अभियान

36. पुस्तकालय के लाभ

37. राष्ट्रीय शिक्षा-नीति

38. भारत में शिक्षा का प्रसार

39. मेरी जीवनाकांक्षा या मेरी इच्छा

40. यदि मैं शिक्षक होता

41. मन के हारे हार है

42. अच्छा स्वास्थ्य महावरदान या अच्छे स्वास्थ्य के लाभ

43. विज्ञान और मानव-कल्याण या विज्ञान एक वरदान

44. साहित्य का उद्देश्य

45. साहित्य और समाज

46. साहित्यकार का दायित्व

47. मेरा प्रिय कवि

48. मेरा प्रिय लेखक

49. भारतीय संस्कृति की विशेषतांए

50. हिंदी-साहित्य को नारियों की देन

51. छायावाद : प्रवृतियां और विशेषतांए

52. साहित्य में प्रकृति-चित्रण

53. प्रगतिवाद

54. साहित्य का अध्ययन क्यों

55. विद्यार्थी जीवन : कर्तव्य और अधिकार

56. विद्यार्थी और राजनीति

57. विद्यार्थी और अनुशासन

58. सैनिक-शिक्षा और विद्यार्थी

59. विद्यालय का वार्षिक मोहोत्सव

60. वर्तमान शिक्षा प्रणाली

61. शिक्षा और परीक्षा

62. शिक्षा का माध्यम

63. गांवों में शिक्षा

64. प्रौढ़ शिक्षा

65. पुस्तकालय और महत्व

66. अध्ययन के लाभ

67. आदर्श विद्यार्थी

68. साक्षरता क्यों आवश्यक है?

69. महाविद्यालय का पहला दिन

70. मनोरंजन के साधन

71. समाचार-पत्र

72. विज्ञापन के उपयोग और महत्व

73. राष्ट्रभाषा की समस्या

74. राष्ट्रभाषा और प्रादेशिक भाषांए

75. आज के गांव

76. कुटीर उद्योग या लघु उद्योग

77. वृक्षारोपण या वन-महोत्सव

78. शिक्षा और रोजगार

79. परिवार नियोजन

80. शराब-बंदी

81. भारत का संविधान

82. संयुक्त राष्ट्रसंघ

83. लोकतंत्र में चुनाव का महत्व

84. लोकतंत्र और तानाशाही

85. राष्ट्र और राष्ट्रीयता

86. प्रांतीयता का अभिशाप

87. नागरिक के अधिकार और कर्तव्य

88. भावनात्मक एकता

89. गांधीवाद और भारत

90. एक राष्ट्रीयता और क्षेत्रीय दल

91. भारत-चीन संबंध

92. भारत-अमेरिका संबंध

93. गुट-निरपेक्ष आंदोलन और भारत

94. भारत-श्रीलंका संबंध

96. खुली अर्थनीति : प्रभाव और भविष्य

97. हमारे पड़ोसी देश

98. हमारे राष्ट्रीय पर्व

99. दीपावली

100. विजयदशमी या दशहरा

101. गणतंत्र-दिवस – 26 जनवरी

102. गर्मी का एक दिन

103. पहाड़ों की यात्रा

104. भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम

105. विज्ञान और धर्म

106. विज्ञान और शिक्षा

107. विज्ञान और मानवता का भविष्य

108. भारत की वैज्ञानिक प्रगति

109. विज्ञान और युद्ध

110. युद्ध के लाभ और हानियां

111. निरस्त्रीकरण

112. बिजली : आधुनिक जीवन की रीढ़

113. पराधी सपनेहुं सुख नाहीं

114. वही मनुष्य है कि जो..

115. अंत भला तो सब भला

116. मजहब नहीं सिखाता अपास में बैर रखना

117. भावना से कर्तव्य ऊंचा है

118. सादा जीवन उच्च विचार

119. कर्म-प्रधान विश्व रचि राखा

120. पंडित जवाहरलाल नेहरू

121. सूरदास

122. गोस्वामी तुलसीदास

123. मीराबाई

124. राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त

125. जयशंकर प्रसाद

126. सुमित्रानंदन पंत

127. सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

128. श्रीमती महादेवी वर्मा

129. प्लेटफॉर्म का एक दृश्य

130. वह लोमहर्षक दिन

131. पयर्टन-उद्योग

132. हड़ताल

133. बंधुआ मजदूर

134. राष्ट्र-निर्माण और नारी

135. बाल मजदूरी की समस्या

136. भारतीय समाज में कुरीतिया

137. ऊर्जा के स्त्रोत और समस्या

138. यातायात की समस्या

139. बाढ़ का एक दृश्य

140. नारी और नौकरी

141. शहरीकरण के कुप्रभाव

142. फैशन-श्रंगार : आवश्यकता और उपयोग

143. जनसंख्या, समस्या और शिक्षा

144. वायु-प्रदूषण

145. जल प्रदूषण

146. ध्वनि-प्रदूषण

147. हमारा शारीरिक विकास

148. छात्रावास का जीवन

149. विद्यार्थी जीवन

150. किसी यात्रा का वर्णन

151. स्वास्थ्य का महत्व

152. स्वास्थ्य और व्यायाम

153. रेडियो का महत्व

154. गाय और उसकी उपयोगिता

155. हिमालय – भारत का गौरव

156. बाढ़ का दृश्य

157. परीक्षा के बाद मैं क्या करूंगा?

158. धन का सदुपयोग

159. विद्या-धन सबसे बड़ा धन है

160. हमारा राष्ट्रध्वज

161. भारत में किसानों की स्थिति

162. आज के युग में विज्ञान

163. विद्यालय का वार्षिकोत्सव

164. डाकिया अथवा पत्रवाहक

165. जीवन में परोपकार का महत्व

166. हमारा संविधान

167. हमारे मौलिक अधिकार और कर्तव्य

168. ताजमहल का सौंदर्य

169. वृक्षारोपण का महत्व

170. हमारे जीवन में व न स्पतियों का महत्व

171. वैज्ञानिक विकास

172. मत्स्य-पालन

173. दहेज एक अभिशाप

174. जीवन में स्वच्छता का महत्व

175. मलेरिया और उसकी रोकथाम

176. रक्षाबंधन या राखी

177. विजयादशमी

178. दिवाली का त्यौहार

179. होली रंगों का त्यौहार

180. ईद-उल-फितर

181. वैसाखी

182. जीवन में धर्म का महत्व

183. हिंदू धर्म

184. जैन धर्म

185. बौद्ध धर्म

186. पारसी धर्म

187. ईसाई धर्म

188. इसलाम धर्म

189. सिक्ख धर्म

190. ओलंपिक : खेल आयोजन

191. मेरा प्रिय खेल : क्रिकेट

192. मेरा प्रिय खेल : शतरंज

193. मेरा प्रिय खेल : कराटे

194. मेरा प्रिय खेल : फुटबाल

195. डॉ. राजेंद्र प्रसाद

196. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

197. डॉ. जाकिर हुसैन

198. श्रीनिवास रामानुजन

199. डॉ. विक्रम अंबालाल साराभाई

200. राजा राममोहन राय

201. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

202. महामना मदनमोहन मालवीय

203. अरविंद घोष

204. लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल

205. पंडित गोविंद बल्लभ पंत

206. मौलाना अबुल कलाम आजाद

207. पुरुषोत्तमदास टंडन

208. आचार्य नरेंद्रदेव

209. चंद्रशेखर आजाद

210. भगत सिंह

211. रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

212. अशफाक उल्लाह खां

213. खुदीराम बोस

214. लाल लाजपत राय

215. नेताजी सुभाषचंद्र बोस

216. रानी लक्ष्मीबाई

217. तात्या टोपे

218. मंगल पांडे

219. वीर कुंवर सिंह

220. विनायक दामोदर सावरकर

221. इक्कीसवीं सदी की चुनौतियां

222. भारत का अंतरिक्ष अभियान

223. भारत में पर्यटन व्यवसाय

224. जल ही जीवन है

225. संयुक्त राष्ट्र संघ और वर्तमान विश्व

226. भारत की वर्तमान शिक्षा नीति

227. शिक्षा का मौलिक अधिकार

228. शिक्षा और नैतिक मूल्य

229. सहशिक्षा

230. विद्यार्थी जीवन और अनुशासन

231. कुतुबमीनार

232. क्रिसमस डे (बड़ा दिन)

233. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

234. मेरा प्रिय मित्र

235. हमारा देश

236. सारे जहां से आच्छा हिन्दोस्तान हमारा

237. हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी

238. भारत : वर्तमान और भविष्य

239. आधुनिक सामाजिक समस्याएं

240. भारत की सामाजिक समस्याएँ

241. नशाबंदी

242. भारतीय नारी

244. भारतीय गाँव

245. भारतीय ग्रामीण जीवन

246. पंचायती राज विधेयक

247. महानगर का जीवन

248. यातायात के प्रमुख साधन

249. मेरी प्रथम रेल यात्रा

250. सम्राट अशोक

251. छत्रपति शिवाजी

252. पर्वतीय स्थल की यात्रा

253. सच की ताकत

254. जननी जन्मभूमि

255. प्रातःकाल की सैर

256. जीवन में लक्ष्य की भूमिका

257. प्रयागं

258. चाँदनी रात्री में नौका-विहार

259. भाग्य और पुरूषार्थ

260. छुट्टियों का सदुपयोग

261. सिनेमा या चलचित्र

262. भारत-अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला

263. ऊर्जा संरक्षण

264. युद्ध के कारण व समाधान

265. रेल दुर्घटना

266. हमारे महानगर

267. औद्योगीकरण के दुष्प्रभाव

268. बैंको का महत्व

269. कम्प्यूटर – एक वरदान

270. संचार क्रान्ति

271. भारतीय समाज में स्त्रियों की दशा

272. धर्मनिरपेक्ष – भारत में राजनीति का दुरूपयोग

273. भारत में पुलिस की भूमिका

274. प्रेस की आजादी कितनी सार्थक

275. परिश्रम सफलता की कुंजी है

276. पीढ़ी का अन्तर

277. प्रदुषण – समस्या और समाधान

278. बढ़ते अपराध

280. इन्टरनेट का बढता प्रसार

281. एक डॉक्टर

282. डाकिया (पोस्टमैन)

283. हरित क्रान्ति

284. लोकतन्त्र

285. बाढ़ की चुनौती

286. वन्य जीव संरक्षण

287. अनुशासन

288. वृक्षों का महत्व

289. शिक्षा में खेलकूद का स्थान

290. पुरस्कार वितरण समारोह

291. एक बंदी की आत्मकथा

292. लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका

293. एशियाई खेलों का महत्व

294. पेशे का चयन

295. पडो़सी

296. विज्ञापन के लाभ एवं हानि

298. प्लास्टिक – हानियाँ एवं समाधान

299. मेरे जन्मदिन की पार्टी

300. पिकनिक

301. चिड़ियाघर की सैर

302. दिल्ली की सैर

303. निर्वाचन आयोग का महत्व

304. साहित्य समाज का दर्पण है.

305. छुआछूत, जातिवाद – एक मानवीय अपराध

306. संयुक्त राष्ट्र संघ – विश्व शान्ति में भूमिका

307. प्रगतिशील भारत

308. राष्ट्र निर्माण में साहित्यकार की भूमिका

309. साहित्य समाज का दर्पण है

310. अनुशासित युवा शक्ति

311. भारतीय सँस्कृति

312. नशा मुक्ति

313. मेरा प्रिय कवि कबीरदास

314. सत्संगति

315. श्रम से ही राष्ट्र का कल्याण

316. भ्रष्टाचार

317. नई सरकार की नई चुनौतियाँ

318. जनसंख्या: समस्या एंव समाधान

319. भारतः एक उभरती शक्ति

320. हम खेलों में पिछडे़ क्यों हैं?

321. विकलांगों की समस्या तथा समाधान

322. मीडिया का सामाजिक दायित्व

323. भ्रष्टाचार का दानव

324. सर्वशिक्षा अभियान

325. अपने लिए जिए तो क्या जिए

326. विपति कसौटी जे कसे सोई साँचे मीत

327. समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता

328. थोथा चना बाजे घना

329. नर हो, न निराश करो मन को

330. इक्कीसवीं सदी का भारत

331. मोबाइल फोन के प्रभाव

332. T-20 क्रिकेट का रोमांच

333. परिश्रम ही सफलता की कुंजी है

334. इंटरनेट

335. विज्ञान वरदान है या अभिशाप

336. पर-उपदेश कुशल बहुतेरे

337. सामाजिक सद्भाव में युवकों का योगदान

338. अच्छा पड़ोस

339. कक्षा का एक अविस्मरणीय दिन

340. शहरों में महिलाओं की स्थिति

341. विज्ञापन के प्रभाव

342. सागर-तट की सैर

343. एक आतंकी घटना का अनुभव

344. मित्र हो तो ऐसा

345. सांप्रदायिकता

346. हिन्दी भाषा की वर्तमान दशा

347. आधुनिक नारी की भूमिका

348. भारत का भविष्य

349. समरथ को नहिं दोष गोसाँई

351. सादा जीवन उच्च विचार

352. प्रतिभा पलायन

354. धन-संग्रह के लाभ

355. दूरदर्शन के कार्यकर्मों का प्रभाव

356. वैवाहिक जीवन में बढ़ता तनाव

357. देश का निर्माण और युवा पीढ़ी

358. एक घर बने न्यारा

359. बदलते समाज में महिलाओं की स्थिति

360. गर्मी की एक दोपहर

361. भाग्य और पुरूषार्थ

362. आज के विद्यार्थी के सामने चुनौतियाँ

363. आदर्श विद्यार्थी

364. छात्र असंतोष- कारण और समाधान

365. बेरोजगारी की समस्या

366. देश-भक्ति

367. मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

368. बाढ़ और उसके प्रभाव

369. समाज की समस्याएँ

370. एक अकेली बुढ़िया

371. वनों का महत्व

372. सांप्रदायिकता

373. प्रगतिशील भारत की समस्याएँ

374. प्रगतिशील भारत की समस्याएँ

375. मेरे सपनों का भारत

376. कंप्यूटर के लाभ अथवा हानियाँ.

377. केबल टीवी के समाज पर प्रभाव

378. मेरा भारत महान

379. अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियां

380. सूचना प्रौद्योगिकी की उपलब्धियाँ

381. वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएँ

382. नशाखोरी-एक अभिशाप

383. प्रगति के पथ पर भारत

384. कर्म ही पूजा है

385. भारत का अतीत और भविष्य

386. दहेज प्रथा: एक अभिशाप

387. आज की युवा पीढ़ी

388. महँगाई की समस्या

389. खेलों में पिछड़े होने का कारण

390. आतंकवाद की समस्या और समाधान

391. फैंशन के नित नए रूप

392. आज की नारी.

393. महानगरीय जीवन

394. समाचार -पत्र और उनकी उपयोगिता

395. लोकतंत्र का महत्त्व

396. देशाटन

397. विज्ञापन: लाभ या हानियाँ

398. व्यायाम के लाभ

399. त्योहारों का महत्व

400. बरसात की एक भयानक रात

401. एक कामकाजी औरत

402. मेरा प्रिय टाइम पास

403. सावन की पहली बरसात

404. आज का युवा और मानसिक तनाव

405. पुस्तक मेला

406. जातिवाद और सांप्रदायिकता का विष

407. बचपन के वहप्यारे दिन

408. लोकतंत्र का महत्त्व

409. नैतिक शिक्षा का मूल्य

410. लोकतंत्र में मीडिया का दायित्व

411. स्टिंग आपरेशन सही या गलत

412. बाल मजदूरी एक अभिशाप

413. टेलीविज़न के लाभ और हानियाँ

414. हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी

415. होली का त्योहार

416. जल प्रदुषण

417. महानगरों में पक्षी

418. फुटपाथ पर सोते लोग

419. बस्ते का बढ़ते बोझ

420. पलायन की समस्या

421. किसानो में आत्महत्या की समस्या

422. शहरों का वातावरण

423. बाल श्रमिक की समस्या

424. बंधुआ मजदूर की समस्या

425. जातिवाद का विष

426. मंहगी शिक्षा की समस्या

427. सचिन तेंदुलकर की उपलब्धियाँ

428. मेरे विद्यालय का पुस्तकालय

429. आज की नारी

430. विद्यार्थी और अनुशासन

431. अमेरिका का भारत पर प्रभाव

432. अंतर्जातीय विवाह

433. अन्तर्राष्ट्रीय बाल-वर्ष

434. बजट परिणाम.

435. भारत में आर्थिक उदारीकरण

436. आर्थिक क्षेत्र में भारतीय बैंकों का योगदान

437. नोबेल पुरस्कार

438. ओणम-दक्षिण भारत का प्रसिद्ध त्योहार

439. एशियन हाइवे

440. ई-मेल के लाभ

441. नक्षत्र युद्ध

442. दूरसंवेदन तकनीकी

443. धर्म-निरपेक्षताः मजहब नहीं सिखाता आपस में वैर रखना

444. पंचायती राज व्यवस्था

445. आसियान: ‘पूर्व की ओर देखोे’

446. सूखा: कारण एवं प्रबन्धन

447. प्राकृतिक आपदा सुनामी

448. स्वावलम्बन

450. चुनावी हिंसा

451. सानिया मिर्जा

452. जातिवाद की समस्या

453. सेतुसमुद्रम परियोजना

454. एकता का महत्व

455. सेंसर बोर्ड की भूमिका

456. G8 शिखर सम्मेलन

457. औधोगिकरण

458. एफ. एम. रेडियो के लाभ

459. एशियाई खेल प्रतियोगिता

460. क्या संसदीय लोकतंत्र असफल हो गया है ?

461. काला धन: समस्या एवं समाधान

462. ओलम्पिक खेल प्रतियोगिता

463. इन्टरनेट का बढ़ता प्रभाव

464. उत्पाद पेटेंट व्यवस्था

465. गंगा नदी – हमारी सांस्कृतिक गरिमा

466. गंगा-प्रदुषण की समस्या

467. गांधी चिंतन

468. चुनाव या निर्वाचन

469. दल-बदल की राजनीति

470. नास्टैल्जिया

471. निःशस्त्रीकरण

472. पोषाहार

473. प्यूरा योजना

474. बर्ड फ्लू

475. बल श्रमिक समस्या

476. बाढ़ – कारण और प्रबंधन

477. बाबासाहब डॉ. भीवराव अम्बेडकर

478. भ्रष्टाचार के कारण एवं निवारण

479. युवा पीढ़ी में अंसतोष के कारण और निवारण

480. राष्ट्रीयकरण

481. देश-भक्ति

482. सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी

483. सूचना का अधिकार विधेयक

484. स्वतंत्रता के बाद क्या खोया-क्या पाया

485. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

486. स्वामी विवेकानन्द

487. श्रीमति इन्द्रिरा गांधी

488. श्री राजीव गांधी

489. लालबहादुर शास्त्री

490. लोकमान्य बालगंगाधर तिलक

491. विनोबा भावे

492. मदर टेरेसा

493. लोकनायक जयप्रकाश नारायण

494. बाबू कुँवर सिंह

495. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई

496. स्वतन्त्रता दिवस- 15 अगस्त

497. गणतन्त्र दिवस- 26 जनवरी

498. गांधी जयन्ती – 2 अक्टूबर

499. बाल दिवस-14 नवम्बर

500. शिक्षक दिवस – 5 सितम्बर

501. ग्रीष्म ऋतु

502. वर्षा ऋतु

503. शरद् ऋतु

504. वसन्त ऋतु

505. चांदनी रात

506. दीपावली

507. दुर्गापूजा/विजयादशमी

508. रक्षा-बन्धन

509. प्रतिभा पाटिल

510. डॉ. मनमोहन सिंह

511. सोनिया गांधी

512. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

513. बराक ओबामा

514. डॉ. भीमराव अंबेडकर

515. सरदार वल्लभभाई पटेल

516. झांसी की रानी

517. शहीद भगतसिंह

518. मदर टेरेसा-समाज-सेविका

519. स्वामी विवेकानंद

520. महात्मा गौतम बुद्ध

521. शिक्षक दिवस

522. बाल दिवस

523. ग्लोबल वार्मिंग

524. मोबाइल फोन : फायदे व नुकसान

525. प्राकृतिक आपदा के रूप में सुनामी

526. कागजी युग और प्लास्टिक युग

527. मेट्रो रेल

528. आरक्षण

529. श्रम का महत्व

530. राजभाषा हिन्दी

531. निजीकरण : फायदे और नुकसान

532. नशा : समस्याएँ – समाधान

533. भारत में कंप्यूटर और इंटरनेट क्रांति

534. भारत में लोकतंत्र और मीडिया

535. मानव जीवन में विज्ञान

536. भ्रष्टाचार, काला धन और बाबा रामदेव

537. समाचार पत्र और आम आदमी

538. सूचना का अधिकार

539. आतंकवाद और भारत

540. भारत और दलित

541. मानव जीवन में मनोरंजन

542. पर्यटन या देशाटन का महत्व

543. बिहारी

544. मीराबाई

545. तुलसीदास

546. मुंशी प्रेमचंद

547. जयशंकर प्रसाद

548. सुमित्रानंदन पंत

549. दहेज – समाज का अभिशाप

550. महंगाई – समस्या और समाधान

551. काला धन – समस्या एवं समाधान

552. भ्रष्टाचार कारण और निवारण

553. बेरोजगारी समस्या और समाधान

554. जातिवाद : समस्या एवं समाधान

555. क्षेत्रवाद – समस्या एवं समाधान

556. पत्रकारिता

557. जनसंख्या : समस्या और समाधान

558. हड़ताल की समस्याएँ और समाधान

559. पुस्तकालय के लाभ

560. स्त्री सशक्तीकरण

561. शिक्षा में खेल कूद और व्यायाम

562. पर्यावरण और प्रदूषण

563. वृक्षारोपण

564. समय का महत्व

565. होली – रंगों का त्यौहार

566. दीपावली – पटाखों का त्यौहार

567. ईद – भाईचारे का त्यौहार

568. क्रिसमस – एकता का त्यौहार

569. गंगा की आत्मकथा

570. रोटी की आत्मकथा

571. सड़क की आत्मकथा

572. रुपये की आत्मकथा

573. फूल की आत्मकथा

574. भारतीय गाँव

575. भारतीय संस्कृति

576. जीवन में ऋतु का महत्व

577. ताजमहल – विश्व का आश्चर्य

578. मन के हारे, हार है

579. मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना

580. करत-करत अभ्यास के जड़पति होता सुजान

581. यदि मैं प्रधानमंत्री होता

582. यदि मैं शिक्षक होता

583. यदि में करोडपति होता

584. पर्यावरण

585. वृक्षारोपण का महत्त्व

586. सच्चा मित्र

587. पढ़ना-लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालों

588. विद्यार्थी और अनुशासन

589. विद्यार्थियों पर टीवी का प्रभाव

590. समय का सदुपयोग

591. माता-पिता की शिक्षा में भूमिका

592. नैतिक शिक्षा का महत्व

593. भाग्य और पुरुषार्थ

594. भाग्य और पुरुषार्थ

595. डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

595. डॉ. मनमोहन सिंह

596. सोनिया गाँधी

597. मदर टेरेसा

598. भारत में परमाणु परीक्षण

599. आधुनिक-संस्कृति

600. साम्प्रदायिकता का जहर

601. आधुनिक संचार क्रांति

602. ताजमहल

603. मेट्रो रेल : आधुनिक जन-परिवहन

606. राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी

607. पंडित जवाहरलाल नेहरू

608. इन्दिरा गाँधी

609. महात्मा गौतम बुद्ध

610. भगवान महावीर स्वामी

611. स्वामी दयानन्द सरस्वती

612. स्वामी विवेकानन्द

613. गुरुनानक देव जी

614. दिल्ली मेट्रो

615. सोनिया गांधी

616. डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम

617. डॉ. मनमोहन सिंह

618. नोबेल पुरस्कार विजेता-प्रो.अमर्त्य सेन

619. सचिन तेंदुलकर

620. प्राकृतिक प्रकोप – सुनामी लहरें

621. इक्कीसवीं शताब्दी का भारत

622. जनसंख्या की समस्या

623. भ्रष्टाचार, मिलावट एवं जमाखोरी

624. बढ़ती महँगाई

625. बाढ़ एक प्राकृतिक प्रकोप

626. दुर्भिक्ष

627. प्रदूषण की समस्या

628. गंगा का प्रदूषण

629. बढ़ती सभ्यता : सिकुड़ते वन

630. पेड़-पौधे और पर्यावरण

631. वन-संरक्षण की आवश्यकता

632. भारत में हरित क्रान्ति

633. विनाशकारी भूकम्प

634. भारतीय संस्कृति और सभ्यता

635. नशीले पदार्थ

636. साम्प्रदायिकता के प्रभाव

637. आतंकवाद का आतंक

638. दहेज प्रथा एक अभिशाप

639. लाटरी वरदान या अभिशाप

640. परिवार नियोजन

641. राष्ट्रीय एकता

642. संयुक्त राष्ट्र संघ

643. सहकारिता

644. अहिंसा एवं विश्व शान्ति

645. आजादी के 50 साल बाद

646. अन्तर्राष्ट्रीय बाल वर्ष

647. अन्तर्राष्ट्रीय महिला वर्ष

648. गरीबी हटाओ

649. भारत की प्रमुख समस्याएँ

650. भारत में सिनेमा के प्रभाव

651. भारत का परमाणु विस्फोट

652. मानव की चंद्रयांत्रा

653. परमाणु बम की उपयोगिता

654. दूरदर्शन की उपयोगिता

655. विज्ञान और हमारा जीवन

656. टेलीफोन : सुविधा के साथ असुविधा

657. अन्तरिक्ष में मानव के बढ़ते चरण

658. विज्ञान और स्वास्थ्य

659. कम्प्यूटर के बढ़ते चरण

660. मनोरंजन के आधुनिक साधन

661. जीवन में खेलों का महत्त्व

662. फुटबॉल मैच

663. मेरा प्रिय खेल हॉकी

664. स्वतन्त्रता दिवस का महत्व

665. गणतन्त्र दिवस का महत्व

666. दशहरा एवं विजयदशमी

667. दीपों का त्योहार दीपावली

668. ऋतुराज बसंत

669. हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव

670. विद्यार्थी जीवन

671. विद्यार्थी और अनुशासन

672. विद्यार्थी और राजनीति

673. स्त्री शिक्षा का महत्त्व

674. छात्रावास का जीवन

675. जीवन में पुस्तकों का महत्त्व

676. विद्यार्थी और सैनिक-शिक्षा

677. शिक्षा और परीक्षा

678. पुस्तकालय से लाभ

679. अध्ययन का आनन्द

680. राष्ट्रभाषा

681. विद्यार्थी और फैशन

682. उपन्यास पढ़ने से लाभ और हानि

683. मेरा प्रिय लेखक प्रेमचन्द

684. मेरा प्रिय कवि

685. शठ सुधरहिं सत्संगति पाई

686. नर हो न निराश करो मन को

687. स्वावलम्बन की एक झलक पर न्योछावर कुबेर का कोष

688. अधिकार नहीं, सेवा शुभ है

689. सबै दिन जात न एक समान

690. मन के हारे हार है मन के जीते जीत

691. बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय

692. जो तोकू काँटा बुवै ताहि बोय तू फूल

693. बरू भल बास नरक करिताता

694. कामी, क्रोधी, लालची, इनसे भक्ति न होय

695. धीरज धर्म मित्र अरु नारी

696. पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं

697. जीवन-मरण विधि हाथ

698. वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे

699. विरह प्रेम की जागृति गति है और सुषुप्ति मिलन है

700. बिनु भय होय न प्रीति

701. परहित सरिस धर्म नहिं भाई

702. महात्मा गाँधी बापू

703. राष्ट्रपति डॉ० के० आर० नारायणन

704. प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी

705. जवाहरलाल नेहरू

706. मदर टेरेसा

707. महाराणा प्रताप

708. रुपये की आत्म-कथा

709. भिखारी की आत्म-कथा

710. एक विद्यार्थी की आत्म-कथा

711. पुस्तक की आत्म-कथा

712. चाय की आत्म-कथा

713. सैनिक की आत्मकथा

714. यदि मैं पुलिस अधिकारी होता

715. यदि मैं सीमान्त सिपाही होता

716. यदि मैं शिक्षा मन्त्री होता

717. आनंदपुर साहिब का होला-मोहल्ला

718. शहीदी जोड़ मेला – फतहगढ़ साहिब

719. मुक्तसर की माघी

720. राष्ट्र भाषा हिन्दी

721. शिक्षा का माध्यम

722. सह शिक्षा के लाभ, हानिया

723. पाठशाला में सैनिक शिक्षा

724. शैक्षणिक यात्राएँ

725. विद्यार्थी और अनुशासन

726. विद्यार्थी और राजनीति

727. आदर्श विद्यार्थी

728. शिष्टाचार

729. सूर्योदय का दृश्य

730. वर्षा ऋतु

731. बाढ़ का दृश्य

732. भूकम्प का प्रकोप

733. समय का सदुपयोग

734. स्वदेश प्रेम

735. परोपकार

736. ऐतिहासिक स्थान की सैर – ताजमहल

737. नागार्जुन सागर योजना

738. भारत के राष्ट्रीय त्यौहार

739. बतकम्मा त्यौहार

740. वन महोत्सव

741. भाखरा नंगल बाँध

742. व्यायाम से लाभ

743. पुस्तकालय

744. ग्रामीण जीवन

745. कम्प्यूटर

746. साम्प्रदायिक एकता

747. भिखारी समस्या

748. मूल्य वृद्धि

749. भ्रष्टाचार की समस्या

750. बेरोजगारी

751. मादक द्रव्य

752. संयुक्त राष्ट्र संघ

753. ओलम्पिक खेल

754. विज्ञान के चमत्कार

755. प्रदूषण की समस्या

756. मेरे जीवन का उद्देश्य

757. यदि मैं डाक्टर होता

758. मेरा प्रिय नेता

759. मेरा प्रिय कवि

760. मेरा प्रिय लेखक

761. अध्यापक दिवस

762. साहित्य और जीव

763. साहित्य से अपेक्षाएँ

764. हिन्दी-साहित्य का स्वर्णिम युग

765. हम साहित्य क्यों पढ़ते हैं?

766. हिन्दी काव्य में प्रकृति-वर्णन

767. मेरा प्रिय उपन्यासकार

768. मेरा प्रिय कवि – रामधारी सिंह ‘दिनकर’

769. मेरा प्रिय ग्रन्थ – रामचरितमानस

770. उपन्यास पढ़ने से लाभ और हानि

771. साँच बराबर तप नहीं

772. पराधीन सपनेहु सुख नाहीं

773. परहित सरिस धर्म नहिं भाई

774. स्वावलम्बन

775. अविवेक

776. शठ सुधरहिं सत्संगति पाई

777. सूर-सूर तुलसी शशि

778. सब दिन जात न एक समाना

779. धीरज धर्म मित्र अरु नारी

780. मनुष्य वही है जो मनुष्य के लिए मरे

781. हानि-लाभ, जीवन-मरण विधि हाथ

782. जैसा कर्म करोगे वैसा फल मिलेगा

783. पानी केरा बुदबुदा अस मानुष की जात

784. अपनी करनी पार उतरनी

785. स्वास्थ्य ही सम्पत्ति है

786. सज्जनता मानव का आभूषण है

787. गया वक्त फिर हाथ आता नहीं

788. मनुष्य हो, मनुष्यता को प्यार दो

789. वर्तमान भारत में गान्धी की अप्रासंगिकता

790. भारत में हरित क्रान्ति

791. निःशस्त्रीकरण

792. भारत की वर्तमान प्रमुख समस्याएँ

793. शिक्षा और बेकारी

794. साक्षरता अभियान

795. निरक्षरता के दुष्परिणाम

796. आधुनिक भारतीय नारी के कर्त्तव्य और आदर्श

797. कामकाजी महिलाओं की समस्याएँ

798. नारी और फैशन

799. नारी और राजनीति

800. भारत की तटस्थ नीति

801. भारत और चीन सम्बन्ध

802. भारत और इस्राइल सम्बन्ध

803. महानगरीय परिवहन-व्यवस्था

804. ध्वनि-प्रदूषण

805. आतंकवाद की समस्या

806. विश्व-शान्ति और भारत

807. भारत-निर्माण में राजनेताओं का योगदान

808. भारत की साँस्कृतिक एकता

809. भारत में लोकतंत्र की सार्थकता

810. लोकतंत्र और चुनाव

811. पेड़-पौधे और पर्यावरण

812. वन-संरक्षण

813. छोटे परिवार सुखी परिवार

814. भारत-रूस सम्बन्ध

815. भारत-बाँग्लादेश सम्बन्ध

816. भारत-अरब सम्बन्ध.

817. भारत-दक्षिण अफ्रीका सम्बन्ध

818. भ्रष्टाचार के बढ़ते चरण

819. भरतीय सिनेमा

820. विज्ञान और चलचित्र

821. विश्व शान्ति में विज्ञान की भूमिका

822. अन्तरिक्ष प्रयोगशाला

823. समाचारपत्रों की उपयोगिता

824. आदर्श विद्यार्थी गुण और ज्ञान

825. परीक्षा की तैयारी

826. सत्यनिष्ठा

827. समयनिष्ठा

828. आत्म-सम्मान

829. मानवता

830. नारी शिक्षा

831. पुस्तक प्रदर्शनी

832. आज के लोकप्रिय खेल

833. राजधानी दिल्ली

834. एशियाई खेल

835. गणतन्त्र दिवस (26 जनवरी)

836. रेलवे-स्टेशन का दृश्य

837. यदि मैं गणितज्ञ होता

838. यदि मैं पक्षी होता

839. यदि हिमालय न होता

840. रुपये की आत्म-कथा

841. गन्ने की आत्म-कथा

842. फूल की आत्म-कथा

843. प्रश्नपत्र की आत्मकथा

844. दीपक की आत्म-कथा

845. कमीज़ की आत्मकथा

846. नौकर की आत्मकथा

847. पक्षी की आत्मकथा

848. पेन की आत्म-कथा

850. मधुमक्खी की आत्मकथा

851. डॉयरी की आत्मकथा

852. वृक्ष की आत्मकथा

853. संचार क्रान्ति

854. विश्व व्यापार संगठन

855. नेल्सन मंडेला

856. भारत में डिश टीवी का विस्तार

857. बिल क्लिंटन

858. प्रतिभूति घोटाला

859. आज के युवाओं की समस्याएं

860. बन्द और रैलियां

861. भारत में निर्वाचन प्रक्रिया

862. नई शिक्षा प्रणाली: 10 + 2 + 3

863. समाचार-पत्र और राष्ट्र-हित

864. अगर मेरी लाटरी खुल जाए

865. मेरे जीवन का सबसे अच्छा दिन

866. विज्ञान का मानव-विकास में योगदान

867. रेडियो – मनोरंजन और शिक्षा का साधन

868. ऐतिहासिक स्थल की यात्रा

869. मेरा शौक

870. भारत और पंचवर्षीय योजनाएं

871. बस द्वारा यात्रा

872. भारत में नारी का स्थान

873. मेले का दृश्य

874. प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी

875. मेरा परिवार

876. मेरे माता-पिता

877. मेरा बचपन

878. मेरा घर

879. मेरी अभिरुचि

880. मेरे पड़ोसी

881. मेरा स्कूल

882. हमारे स्कूल का पुस्तकालय

883. मेरे प्रिय अध्यापक

884. मेरा प्रिय खिलाड़ी

885. मेरी प्रिय फिल्म

886. कैसे बीता मेरा आखिरी रविवार

887. कैसे बिताईं मैंने अपनी गर्मी की छुट्टियां

889. मेरे जीवन का सबसे खुशी भरा दिन

890. मेरे जीवन का सबसे दुःख भरा दिन

891. यदि मैं एक पक्षी होता

892. यदि मैं स्कूल का प्रधानाचार्य होता

893. यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता

894. स्कूल में मेरा आखिरी दिन

895. खेलों का महत्त्व

896. अनुशासन का महत्त्व

897. समाचार-पत्र का महत्त्व

898. टेलीविजन का महत्त्व

899. खाली समय का महत्त्व

900. एक आदर्श अध्यापक

901. आदर्श विद्यार्थी

902. एक आदर्श नागरिक

903. रिक्शा चालक

904. एक बस कंडक्टर

905. भिखारी की आत्मकथा

906. एक कुली की आत्मकथा

907. एक किसान की आत्मकथा

908. एक भारतीय ज्योतिषी

909. एक पुलिसवाले की आत्मकथा

910. एक डाकिये की आत्मकथा

911. एक चपड़ासी की आत्मकथा

912. आग में जलता एक घर

913. एक गली का झगड़ा

914. सुबह की सैर

915. एक दुर्घटना

916. विदाई पार्टी

917. होली पर्व

918. बढ़ती कीमतों की समस्या

919. बेरोजगारी की समस्या

920. सार्वजनिक जीवन में भष्टाचार

921. वातावरण प्रदूषण

922. आतंकवाद का खतरा

923. स्कूल में सुबह की प्रार्थना सभा

924. स्कूल की आधी छुट्टी

925. स्कूल में पुरस्कार वितरण समारोह

926. परीक्षाओं के लाभ तथा हानियां

927. परीक्षा से पहले का एक दिन

928. सिनेमा तथा उसका असर

929. कंप्यूटर के सही और गलत इस्तेमाल

930. भारत में अंग्रेजी का भविष्य

931. वर्ष की सबसे अच्छी ऋतु

932. जानवरों के प्रति दया

933. गर्मी का एक गर्म दिन

934. ग्रीष्म ऋतु की अनिद्रा भरी रात

935. गर्मियों में वर्षा का दिन

936. बडे शहर में जीवन

937. बाढ़ में एक नदी

938. विज्ञापन

939. होस्टल का जीवन

940. भारत – मेरी मातृभूमि

941. पिकनिक

942. सादा जीवन उच्च विचार

943. पहले सोचो फिर करो

944. नया नौ दिन, पुराना सौ दिन

945. शांति सोने की तरह कीमती होती है

946. कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

947. पहले आत्मा, फिर परमात्मा

948. जीवन फूलों का बिस्तर नहीं है

949. स्वास्थ्य ही धन है

950. आधी छुट्टी

951. नावल पढ़ने की आदत

952. टेलीफोन के नुकसान

953. लाऊड स्पीकर की हानियां

954. अपना घर है सबसे प्यारा

955. जंगलों की महत्त्वता

956. देशभक्ति

957. समाजवाद

958. कड़ी मेहनत

959. अच्छी आदतें

960. दान-पुण्य

961. खिलाड़ी भावना

962. रोकथाम

963. सिनेमा हाल के सामने का दृश्य

964. चापलूसी

965. चुनाव का एक दृश्य

966. परीक्षा भवन का दृश्य

967. छेड़-छाड़

968. रेलवे स्टेशन का दृश्य

969. बस स्टैंड का दृश्य

970. रेल की यात्रा

971. बस की यात्रा

972. अस्पताल का दृश्य

973. पहाड़ी इलाके की सैर

974. एक प्रदर्शनी का दृश्य

975. सर्कस का भ्रमण

976. हाकी का मैच

977. भारत में लोकतंत्र का भविष्य

978. आधुनिकतावाद और परंपरा

979. नई वैश्विक व्यवस्था और भारत.

980. भारत और वैश्वीकरण

981. आपदा प्रबंधन प्रणाली

982. सच्चा धर्म और मानवता

983. भारत की एकता और अखंडता

984. घरेलू हिंसा

985. मानवाधिकार

986. मेरी रुचियां

987. पाठशाला में मनाया गया उत्सव – गणतंत्र दिवस

988. अतिथि देवो भव:

989. विदेश में भारतीयों की समस्याएं

990. सत्य की शिक्षा

991. महिला सशक्तिकरण

992. भारत में भाषा संबंधी समस्या

993. भारत में बाल श्रम की समस्या

994. धार्मिक पर्व – विजयादशमी

995. पाठशाला में खेला गया मैच

996. मेले का वर्णन

997. धार्मिक पर्व – होली

998. धार्मिक पर्व – दीपावली

999. महापुरुष की जीवनी – महात्मा गाँधी

1000. मेरा प्रिय नेता – पंडित जवाहरलाल नेहरू

1001. प्रदूषित होते जल स्रोत

1002. होली है

1003. अधिकार ही कर्त्तव्य है

1004. हमारा देश भारत

1005. सड़क दुर्घटना

1006. जनसंख्या और पर्यावरण

1007. बढ़ती हुई आबादी

1008. पर्यावरण संरक्षण

1009. एक रोमांचक यात्रा

1010. अपने हाथ पर विश्वास

1011. स्वयं पर विश्वास

1012. दीपावली दीपों का त्यौहार

1013. स्वास्थ्य ही जीवन है

1014. दहेजः एक दानव

1015. रोजगार का अधिकार

1016. रेगिस्तान की यात्रा

1017. समाज और कुप्रथाएँ .

1018. यातायात के नियम

1019. हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर

1020. कुतुबमीनार

1021. एड्स का ज्ञान बचाए जान

1022. रवींद्रनाथ टैगोर

1023. एक पार्क का दृश्य

1024. दिल्ली का लाल किला

1025. पुष्प की आत्मकथा

1026. मेरे पिता जी

1027. मेरा प्रिय शौक

1028. बरसात का एक दिन

1029. कल्पना चावला

1030. मेरा घर

1031. ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है

1032. स्वास्थ्य ही धन है

1033. एक नर्स की आत्मकथा

1034. विदयालय में मेरा पहला दिन

1035. हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा

1036. मेरा प्रिय पशु – कुत्ता

1037. मेरा प्रिय पशु – घोड़ा

1038. मेरा प्रिय पशु – शेर

1039. मेरा प्रिय पशु – हाथी

1040. विज्ञान के वरदान

1041. मेरी कक्षा का मॉनीटर

1042. हमारे प्रिय शिक्षक

1043. मेरी माँ

1044. अनुशासन

1045. मेरा प्रिय खेल फुटबॉल

1046. पर्यावरण

1047. कंप्यूटर

1048. मोबाइल क्रांति

1049. मेरे विदयालय का चपरासी

1050. रंगों का त्योहार : होली

1051. दुर्गापूजा/दशहरा/विजयदशमी

1052. क्रिसमस का त्योहार

1053. वसंत ऋतु

1054. विद्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह

1055. शरद् ऋतु

1056. हवाई जहाज

1057. डाकिया

1058. कम उम्र में पढ़ाई का बोझ

1059. जब मैंने पहली बार दिल्ली देखी

1060. मुड़ो प्रकृति की ओर

1061. हमारा राष्ट्रीय झंडा

1062. हमारे त्योहार

1063. पुस्तक मेला

1064. बेरोजगारी और आज का युवा वर्ग

1065. विदयालय की फुलवारी

1066. आलस किया, सफलता गई

1067. कंप्यूटर का बढ़ता उपयोग

1068. भारत के राष्ट्रीय पर्व

1069. जल है तो कल है

1070. मॉल संस्कृति

1071. कमर तोड़ महँगाई

1072. महानगरों में असुरक्षित महिलाएँ

1073. नारी–शिक्षा का महत्त्व

1074. अप्रभावी बाल मजदूरी कानून

1075. पर्यावरणीय प्रदूषण

1076. भूमंडलीकरण

1077. हिमपात का दृश्य

1078. बीता समय हाथ नहीं आता

1079. आपदा प्रबंधन

1080. भारत के गाँव

1081. दैव–दैव आलसी पुकारा

1082. जनसंचार माध्यम

1083. खेलों की दुनिया

1084. दिल्ली मेट्रो: मेरी मेट्रो

1085. विज्ञापन की दुनिया

1086. मित्र की आवश्यकता

1087. विज्ञान और हम

1088. हमारे राष्ट्रीय प्रतीक

1089. आतंकवाद: एक चुनौती

1090. साम्प्रदायिकता – लोकतन्त्र के लिए खतरा

1091. भारतीय समाज में व्याप्त कुरीतियाँ

1092. भारतीय संस्कृति: हमारी धरोहर

1093. हमारी परीक्षा प्रणाली में नकल की समस्या

1094. भारतीय समाज में नारी का स्थान

1095. बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताए

1096. प्रदूषण की समस्या

1097. बदलता भारत

1098. चलो पढ़ाएँ कुछ करके दिखाएँ

1099. बढ़ता हुआ प्रदूषण–एक समस्या

1100. भारत में बेकारी की समस्या

1101. युवावर्ग और बेकारी

1102. कन्या भ्रूण हत्या

1103. एड्स–बचाव ही इलाज

1104. मानवाधिकार

1105. नशा नाश करता है

1106. साम्प्रदायिकता – लोकतन्त्र के लिए खतरा

1107. भारतीय समाज में व्याप्त कुरीतियाँ

1108. भारतीय संस्कृति: हमारी धरोहर

1109. हमारी परीक्षा प्रणाली में नकल की समस्या

1110. भारतीय समाज में नारी का स्थान

1112. बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताए

1113. प्रदूषण की समस्या

1114. बदलता भारत

1115. जनसंचार माध्यम

1116. खेलों की दुनिया

1117. दिल्ली मेट्रो: मेरी मेट्रो

1118. विज्ञापन की दुनिया

1119. मित्र की आवश्यकता

1120. विज्ञान और हम

1121. हमारे राष्ट्रीय प्रतीक

1122. आतंकवाद: एक चुनौती

1123. अप्रभावी बाल मजदूरी कानून

1124. पर्यावरणीय प्रदूषण

1125. भूमंडलीकरण

1126. हिमपात का दृश्य

1127. बीता समय हाथ नहीं आता

1128. आपदा प्रबंधन

1129. भारत के गाँव

1130. दैव–दैव आलसी पुकारा

1131. आलस किया, सफलता गई

1132. कंप्यूटर का बढ़ता उपयोग

1133. भारत के राष्ट्रीय पर्व

1134. जल है तो कल है

1135. मॉल संस्कृति

1136. कमर तोड़ महँगाई

1137. महानगरों में असुरक्षित महिलाएँ

1138. नारी–शिक्षा का महत्त्व

1139. कम उम्र में पढ़ाई का बोझ

1140. जब मैंने पहली बार दिल्ली देखी

1141. मुड़ो प्रकृति की ओर

1142. हमारा राष्ट्रीय झंडा

1143. हमारे त्योहार

1144. पुस्तक मेला

1145. बेरोजगारी और आज का युवा वर्ग

1146. विदयालय की फुलवारी

1147. रंगों का त्योहार : होली

1148. दुर्गापूजा/दशहरा/विजयदशमी

1149. क्रिसमस का त्योहार

1150. वसंत ऋतु

1151. विद्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह

1. दक्षिण सूडान

2. विश्व कप क्रिकेट -2011

3. 15 वी जनगणना – 2011

4. जन लोकपाल विधेयक

5. P.S.L.V C -17 का सफल प्रक्षेपण

8. जन्माष्टमी

9. रक्षा- बन्धन

10. महा शिवरात्री

12. गणतन्त्र –दिवस (26 जनवरी)

13. स्वतंत्रता – दिवस (15 अगस्त )

14. शिक्षक-दिवस

15. बाल –दिवस

16. बसन्त –ऋतु

17. वर्षा ऋतु

18. वर्षा की एक भयानक रात

19. वीरांगना लक्ष्मीबाई (झाँसी की रानी )

20. महात्मा गांधी

21. पंडित जवाहर लाल नेहरु

22. डा. भीमराव अम्बेडकर

23. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस

24. लाल बहादुर शास्त्री

25. श्रीमती इन्दिरा गांधी

26. लता मंगेशकर

27. मेरा प्रिय कवि सूरदास

28. मेरी प्रिय पुस्तक

29. मेरा प्रिय खेल – हाकी

30. आदर्श विद्दार्थी

31. आदर्श अध्यापक

32. बिजली के लाभ

33. यदि मै प्रधानमंत्री

34. यदि मै करोडपति

35. यदि मै विद्दालय का प्रधानाचार्य होता

36. यदि मै डाक्टर होता

37. सैनिक की आत्मकथा

38. चाय की आत्मकथा

39. पुस्तक की आत्मकथा

40. युद्ध और शान्ति

41. विश्वशान्ति और भारत

42. रेडियो आकाशवाणी

43. टेलीफोन – लाभ व हानियाँ

44. चलचित्र (सिनेमा) के लाभ व हानियाँ

45. दूरदर्शन

46. मनोरंजन के आधुनिक साधन

47. भारत में बेरोजगारी

48. रुपए को मिला नया प्रतीक चिह्न

49. कश्मीर समस्या

51. मिलावट – एक महारोग

52. शराब बंदी

53. भारत में साम्प्रदायिकता

54. निरक्षरता – एक अभिशाप

56. महानगर की समस्याएँ

57. भ्रष्टाचार

58. निर्धनता – एक अभिशाप

59. भिक्षावृत्ति

61. सूचना प्रौद्दोगिकी

63. बाढ़ का दृश्य

65. भारतीय किसान

66. विद्दार्थी और अनुशासन

67. विद्दार्थी और फैशन

68. देशाटन के लाभ

69. व्यायाम के लाभ

70. परिश्रम का महत्त्व

71. सत्संग के लाभ

72. समय का महत्त्व (सदुपयोग)

73. नारी शिक्षा

74. ब्रह्मचर्य

75. एकता में शक्ति

76. परोपकार

77. जीवन में खेलो का महत्त्व

78. आत्मनिर्भरता

80. कर्त्तव्य- पालन

81. पर्वतारोहण

82. राष्ट्रीय एकता

83. स्वदेश प्रेम

84. सहशिक्षा

85. प्रौढ़शिक्षा

86. मेरी दिनचर्या

1. केसा शासन , बिना अनुशासन

2. काश ! मैं सेनिक होता

3. भारत-पाक संबंध

4. यदि मैं प्रधानमंत्री होता !

5. देश-प्रेम

6. मेरा प्यारा भारत देश

7. सैनिक की आत्मकथा

8. राष्ट्रीय एकता

9. गणतंत्र दिवस

10. भारत की राजधानी

11. भारतीय मज़दूर

12. भारतीय किसान

13. भारतीय गाँव और महानगर

14. आदर्श नागरिक

15. आदर्श विद्यार्थी

16. मेरा आदर्श अध्यायक

17. छात्र-अनुशासन

18. पुस्तकालय और उसका सदूपयोग

19. पुस्तकों का महत्व

20. मेरी प्रिय पुस्तक

21. मेरे जीवन का लक्ष्य या उदेश्य

22. छात्र और शिक्षक

23. दहेज-प्रथा : एक गंभीर समस्या

24. प्रदूषण : एक समस्या

25. शहरी जीवन में बढ़ता प्रदूषण

26. सांप्रदायिकता : एक अभिशाप

27. बेरोज़गारी : समस्या और समाधान

28. सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार

30. आतंकवाद

31. बढ़ती जनसंख्या : एक भयानक समस्या

32. लड़का-लड़की एक समान

33. भारतीय खेलों का वर्तमान और भविष्य

34. अलोंपिक खेलों में भारत

35. बीजिंग अलोंपिक में भारत

36. जीवन में खेलों का महत्व

37. किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन

38. स्वास्थ्य और व्ययाम

39. विज्ञान : वरदान या अभिशाप

40. दैनिक जीवन में विज्ञान

41. जीवन में कंप्यूटर का महत्व

42. टी.वी. वरदान या अभिशाप

43. कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव

44. मोबाइल फोन के लाभ और हानि

45. पर्यटन का महत्व

46. समाचार-पत्र

47. विज्ञापन और हमारा जीवन

48. वन और हमरा पर्यावरण

49. चरित्र-बल

50. श्रम का महत्व

51. समय का सदुपयोग

52. परोपकार

53. मित्रता

54. पराधीनता

55. जीवन में संतोष

56. संतोष का महत्व

57. दया धर्म का मूल है

58. जहाँ चाह वहाँ राह

59. दैव-दैव आलसी पुकारा

60. काल्ह करै सो आज कर

61. किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम का वर्णन

62. किसी फिल्म की समीक्षा

1. समाचार पत्र

2. बालिका शिक्षा

3. रेल-यात्रा

4. भारत की परम्पराओं पर हावी होती पाश्चात्य संस्कृति

5. समय का सदुपयोग

6. विज्ञान से लाभ या हानि

7. जीवन में ”विज्ञान की उपयोगिता

8. दूरदर्शन (चैनल)

9. छात्र और अनुशासन

10. समाचार-पत्र या अखबार

11. दहेज प्रथा

12. वर्षा ऋतु

13. सरस्वती पूजा

14. प्रदूषण की समस्या

15. महंगार्इ: एक समस्या

16. दशहरा (दुर्गा पुजा)

18. स्वतंत्रता दिवस

19. मेरा प्यारा भारतवर्ष

20. खेल-कूद का महत्व

21. पुस्तकालय

22. मेरे सपनों का भारत

23. ग्लोबल वार्मिंग के खतरे

24. दिन-प्रतिदिन बढ़ता प्रदुषण

25. बाल श्रम

26. काश मैं वृक्ष होता

27. लाल बहादुर शास्त्री

28. भ्रष्टाचार एक समस्या

29. कम्प्यूटर

30. दीपावली

31. श्री सुभाष चन्द्र बोस ‘‘एक करिश्माई व्यक्तित्व’’

32. स्वाधीनता का अधिकार

33. महंगाईः एक समस्या

34. यदि मैं मुख्यमंत्री होता/होती

35. विज्ञान की क्रांतिकारी उपलब्धियां

commentscomments

' src=

स्वातंत्र्य दिन

' src=

Ismein Baba badajan Singh ka nibandh Nahin Hai

' src=

कानूनी जागरकता के माध्यम से नागरीको का सशक्तीकरण यी बी नहीं हा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Links

essay topics for class 10 in hindi

Popular Tags

Visitors question & answer.

  • S.J Roy on Letter to the editor of a daily newspaper, about the misuse and poor maintenance of a public park in your area.
  • ashutosh jaju on Essay on “If there were No Sun” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • Unknown on Essay on “A Visit to A Hill Station” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • Amritpal kaur on Hindi Essay on “Pratahkal ki Sair” , ”प्रातःकाल की सैर ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Download Our Educational Android Apps

Get it on Google Play

Latest Desk

  • Are Joint Ventures Viable | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • India and Sea Power Politics | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • Fighting Terrorism | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • Impact of Liberalisation on Politics | Social Issue Essay, Article, Paragraph for Class 12, Graduation and Competitive Examination.
  • Sanskrit Diwas “संस्कृत दिवस” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Nagrik Suraksha Diwas – 6 December “नागरिक सुरक्षा दिवस – 6 दिसम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Jhanda Diwas – 25 November “झण्डा दिवस – 25 नवम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • NCC Diwas – 28 November “एन.सी.सी. दिवस – 28 नवम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
  • Example Letter regarding election victory.
  • Example Letter regarding the award of a Ph.D.
  • Example Letter regarding the birth of a child.
  • Example Letter regarding going abroad.
  • Letter regarding the publishing of a Novel.

Vocational Edu.

  • English Shorthand Dictation “East and Dwellings” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines.
  • English Shorthand Dictation “Haryana General Sales Tax Act” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Deal with Export of Goods” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Interpreting a State Law” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.

2023 हिंदी के प्रसिद्ध निबंध-famous Hindi essay, Long & Short essay in Hindi. Current Essay topics in Hindi 2023 1

2023 हिंदी के प्रसिद्ध निबंध-famous Hindi essay, Long & Short essay in Hindi. Current Essay topics in Hindi 2023

कक्षा पहली से लेकर बारहवीं तक के सभी छात्र के लिए निबंध लेखन की एक संग्रह जहाँ पर आपको कई सारे अलग-अलग विभिन्न विषयों पर निबंध लेखन मिलेंगे। निचे दिए गए निबंध कक्षा 1 से लेकर 12 class तक लिए कुछ निबंध प्रस्तुत है। सीधे निबंध ढूंढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

Essay in Hindi for Class 5, Essay in Hindi for Class 6, Essay in Hindi for Class 7, Essay in Hindi for Class 8, Essay in Hindi for Class 9, Essay in Hindi for Class 10 , 11, 12

#short essay: हमारा प्रिय कवि : तुलसीदास.

प्रस्तावना : भारत महानताओं का देश है। कोई क्षेत्र ऐसा नहीं, जहाँ हमारी कीर्ति की पताका न फहरायी हो। चाहे वह क्षेत्र वीरता का रहा हो या साहित्य का। यहाँ यदि महाराणा प्रताप, सुभाषचंद्र बोस तथा अब्दुल हमीद जैसे वीर पैदा हुए हैं। तो साहित्य के क्षेत्र में रवींद्रनाथ ठाकुर, प्रेमचंद, सूर, कबीर और तुलसी जैसे महान् लेखकों और कवियों ने जन्म लिया। साहित्यकारों में मुझे सबसे अधिक प्रेरणा महात्मा तुलसीदास से मिली है।

जीवन-वृत्त : कहा जाता है कि तुलसीदास को जन्म देते ही इनकी माता हुलसी की मृत्यु हो गयी थी। इनके पिता आत्माराम दुबे ने इन्हें घर से निकाल दिया। उन्होंने कहा कि ‘इसके नक्षत्र परिवार एवं गाँव वालों के लिए अमंगलकारी हैं। यह जहाँ भी रहेगा, नाश ही उपस्थित करेगा।’ घर की दासी ने इनका लालन-पालन किया। जन्म के समय वे रोये नहीं थे, अपितु उन्होंने अपने मुख से ‘राम’ शब्द का उच्चारण किया था। इस आधार पर इनका नाम ‘रामबोला’ रख दिया गया।

बड़ा होने पर इनका विवाह रत्नावली से हुआ। वे उसकी सुंदरता पर अत्यधिक मोहित थे। एक दिन रत्नावली अपने मायके चली गयी। इस पर वे उसके लिए बेचैन हो उठे और आँधी, वर्षा तथा रात्रि की परवाह न करते हुए रत्नावली के पास जा पहुँचे। रत्ना ने मधुर फटकार दी। मगर तुलसीदास के मन में उनके शब्द गढ़ गए।

सब कुछ त्यागकर वे घर से निकल पड़े। स्वामी नरहरिदास के संपर्क से इन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्होंने ‘रामचरितमानस’ की रचना की। बनारस के पंडों ने इस ग्रंथ का घोर विरोध किया। उन्होंने तुलसीदास जी को जान से मार डालने के लिए गुंडे लगवाए। मगर वे सफल न हो सके। धीरे-धीरे तुलसीदास का यश फैलता चला गया। उनकी राम-कथा को सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आते थे।

उपसंहार : तुलसीदास जी ने अपने जीवनकाल में अनेक ग्रंथों की रचना की। इनमें विनयपत्रिका, कवितावली, गीतावली तथा रामचरितमानस अत्यधिक प्रसिद्ध ग्रंथ हैं। तुलसीदास के महान् ग्रंथ रामचरितमानस को तो घर-घर में प्रतिष्ठा प्राप्त है। जब तक भारत में हिंदू-धर्म जीवित रहेगा, तुलसीदास का नाम अमर रहेगा।

#short Essay: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

प्रस्तावना : भारतभूमि पर जब-जब भी विपत्ति आयी, तब-तब यहाँ, किसी-न-किसी महान् विभूति का उदय हुआ। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी उन्हीं विभूतियों में से एक हैं। यह उसी संत की तपस्या का एवं साधना का प्रतिफल है कि हम आज स्वतंत्र भारत में साँस ले रहे हैं।

जीवन-परिचय : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को गुजरात राज्य के पोरबंदर नामक नगर में हुआ। गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी था। वे राजकोट रियासत में दीवान थे। गांधी जी की माता का नाम पुतलीबाई था। वह धर्मपरायण महिला थीं। गांधी जी पर प्रारंभ से ही सत्यता और कर्त्तव्यपरायणता का प्रभाव पड़ा।

गांधी जी की प्रारंभिक शिक्षा गुजरात में हुई। अपने बचपन में उन्होंने मातृ-पितृ भक्त श्रवणकुमार’ एवं ‘सत्य हरिश्चंद्र’ नाटक पढ़े।

वे उनसे बहुत अधिक प्रभावित हुए। तभी से उन्होंने माता-पिता की सेवा एवं सत्य को अपनाने का व्रत ले लिया। अठारह वर्ष की आयु में गांधी जी ने हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की और वे वकालत की शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। वकालत की शिक्षा पूरी करके वे स्वदेश लौटे। एक मुकदमे के सिलसिले में उन्हें दक्षिण अफ्रीका जाने का अवसर प्राप्त हुआ। वहाँ पर आंदोलन आरंभ कर दिया। उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा। अंत में वे प्रवासी भारतीयों को गोरों के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने में सफल हुए।

राजनीति में प्रवेश : जब गांधी जी अफ्रीका से लौटे, उससे पूर्व ही देश में स्वतंत्रता आंदोलन आरंभ हो चुका था। गांधी जी ने अफ्रीका में पर्याप्त ख्याति प्राप्त की थी। इस कारण भारतवासियों ने उनका भव्य स्वागत किया। उन्होंने देश की स्वतंत्रता की बागडोर उनके हाथों में सौंप दी। गांधी जी ने पूर्ण विश्वास के साथ स्वतंत्रता-आंदोलन का संचालन किया। उनके नेतृत्व में ब्रिटिश सत्ता के विरोध में बड़े-बड़े आंदोलन चलाए गए। गांधी जी ने सभी आंदोलन अहिंसात्मक रूप से चलाए। उनके इन्हीं सिद्धांतों पर अंग्रेजों को झुकना पड़ा। उनके अथक् प्रयासों के बाद 15 अगस्त सन् 1947 को देश स्वतंत्र हुआ।

अपने चारित्रिक गुणों के बल पर महात्मा गांधी विश्व में प्रसिद्ध हुए। वे केवल राजनीतिज्ञ ही नहीं थे। वे आध्यात्मिक एवं सामाजिक नेता भी थे। जीवनभर वे अछूतों के उद्धार, विदेशी वस्तुओं के परित्याग, चर्खा आंदोलन, सत्याग्रह जैसे महान् कार्यों में लगे रहे।

स्वर्गवास : देश को स्वतंत्र हुए एक वर्ष भी नहीं हुआ था। 30 जनवरी 1948 का दिन था। शाम के समय जब गांधी जी अपने सहयोगियों के साथ प्रार्थना-स्थल पर जा रहे थे, तभी नाथूराम गोडसे नाम के व्यक्ति ने उन पर रिवाल्वर से गोलियां चला दीं। स्वतंत्रता के अग्रणी दूत गांधी जी हमसे हमेशा के लिए विदा हो गए। उपसंहार : गांधी जी इस युग के सबसे महान् युग-पुरूष थे।

उन्होंने भारतवासियों को जाग्रत किया। उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दी। हमें सत्य और अहिसा के मार्ग पर चलकर देश को विकास की ओर अग्रसर करना होगा। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

#short Essay: पंडित जवाहरलाल नेहरू

प्रस्तावना : भारत के लाल जवाहरलाल से संपूर्ण विश्व परिचित है। उनका जन्म 14 नवंबर सन् 1889 में इलाहाबाद के आनंदभवन में हुआ। नेहरू जी के पिता पंडित मोतीलाल नेहरू उस समय के प्रसिद्ध वकील थे। उनकी माता जी का नाम स्वरूपरानी था। वे नेहरू जी को असीम प्यार करती थीं। नेहरू जी के परिवार पर लक्ष्मी की महान् कृपा थी। इसलिए नेहरू जी का लालन-पालन राजकुमारों के समान हुआ। उनकी आरंभिक शिक्षा मौलवी, पंडित एवं एक अंग्रेज पादरी की देख-रेख में घर पर ही हुई।

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उच्च शिक्षा इंग्लैंड से प्राप्त की। लंदन के हैरो एवं कैम्ब्रिज विश्वविद्यालयों में अपनी शिक्षा पूर्ण कर के वे सन् 1912 में बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। राजनीति में प्रवेश : सन् 1916 में नेहरू जी का विवाह कमलादेवी के साथ हुआ। कमलादेवी देशभक्त महिला थीं। लंदन से लौटने के बाद से ही नेहरू जी राजनीति की ओर खिंचते गए। सन् 1920 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन आरंभ किया। नेहरू जी भी उसमें सम्मिलित हुए। फलस्वरूप उन्हें बंदी बना लिया गया।

सन् 1929 में उन्हें काँग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। उस समय उन्होंने रावी नदी के तट पर पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करने की प्रतिज्ञा की। तभी से वे भारतीय जनता के हृदय-सम्राट् बन गए। नेहरू जी ने अनेक बार जेल-यात्राएँ की। उन्होंने अपने जीवन के चौदह वर्ष जेलों में व्यतीत किए।

स्वतंत्रता आंदोलन के बीच में ही उनकी पत्नी कमला नेहरू बीमार पड़ गयीं। परंतु कमला जी को बचाया नहीं जा सका। वहीं पर उनकी मृत्यु हो गयी। वे अपनी एकमात्र संतान इंदिरा को लंदन के एक स्कूल में दाखिला दिलाकर भारत लौट आए। वे फिर से देश-सेवा के काम में लग गए।

प्रधानमंत्री के रूप में : 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हुआ। देश में नये सूर्य का उदय हुआ। जनता ने दीप जलाकर खुशियाँ मनायीं। पंडित जवाहरलाल नेहरू को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। वे लगातार सत्तरह वर्ष तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके कार्यकाल में भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति की।

उपसंहार : नेहरू जी सदैव विश्व-शांति के समर्थक रहे। हमारा देश आज भी पंडित जी के बताये मार्ग पर अग्रसर है। 27 मई सन् 1964 को अचानक इस महान् पुरुष का निधन हो गया। उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उनके बताए हुए मार्ग पर चलें और अपने देश को विश्व में श्रेष्ठ बनाएँ।

#Short Essay: देश के प्रिय नेता राजीव गांधी

प्रस्तावना : स्वर्गीय राजीव गांधी विश्वप्रसिद्ध नेता थे। वे आज हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने अपने कार्यों के द्वारा थोड़े समय में ही बड़ी ख्याति अर्जित की। श्रीमती इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद राजीव गांधी के कंधों पर प्रधानमंत्री पद का भार आया। उनके लिए यह बड़ी मुश्किल का समय था। तब वे न हँस सकते थे, न खुश हो सकते थे और न ही रो सकते थे। एक ओर विशाल देश के प्रधानमंत्री का पद था तो दूसरी ओर माँ की अकाल मृत्यु का दु:ख। ऐसे समय में उन्होंने बड़े धैर्य, साहस एवं संयम का परिचय दिया।

जीवन-परिचय : राजीव गांधी का जनम 20 अगस्त 1944 को बंबई में हुआ। उनकी माता का नाम श्रीमती इंदिरा गांधी एवं पिता का नाम श्री फिरोज गांधी था। इंदिरा गांधी ने राजनीति में रहते हुए माँ का पूर्ण दायित्व निभाया। देश की आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री पद संभाला। तब राजीव गांधी अपनी माता के साथ दिल्ली में रहे। उनके पिता फिरोज गांधी लखनऊ से बराबर उनके पास आते रहते थे।

राजीव गांधी ने किण्डर गार्टन के बाद दून स्कूल से आई. एस. सी. की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। वहाँ पर उन्होंने तकनीकी शिक्षा भी प्राप्त की। स्वदेश लौटकर उन्होंने दिल्ली फ्लाइंग क्लब की सदस्यता ग्रहण की। विमान-चालक का काम सीखने के बाद राजीव गांधी विमान-चालक बन गए।

राजनीति में प्रवेश : अपने छोटे भाई संजय गांधी की असामयिक मृत्यु के बाद राजीव गांधी राजनीति में आए। सन् 1981 के चुनाव में वे पहली बार लोकसभा के सदस्य चुने गए। 30 अक्टूबर 1984 को श्रीमती इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनाया गया।

उपसंहार : राजीव गांधी के मन में राष्ट्र के विकास और देशवासियों के जीवन-स्तर को सुधारने की प्रबल इच्छा थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने वायदों को पूरा करने का प्रयास किया। उन्होंने अपने शासनकाल के पाँच वर्ष पूरे किए। सन् 1989 के चुनाव में काँग्रेस दल को लोकसभा में पूर्ण बहुमत नहीं मिला। इस कारण वे विपक्ष के नेता रहे। 21 मई 1991 को वे पेरम्बुदूर में जनसभा को सम्बोधित करने के लिए जा रहे थे। तभी कुछ देशद्रोहियों ने मानव-बम द्वारा उनकी जघन्य हत्या कर दी। देश से उसका युवा एवं प्रिय नेता छिन गया। निश्चय ही इस अभाव की पूर्ति असंभव है। राजीव गांधी की मृत्यु से भारतीय राजनीति को बहुत बड़ी हानि पहुंची।

#Short Essay: श्रीमती इंदिरा गांधी

जीवन परिचय : श्रीमती गांधी भारत की ही नहीं, विश्व की लोकप्रिय महिला नेता थीं। संपूर्ण विश्व उनकी प्रतिभा एवं उनके गुणों का प्रशंसक रहा है। उनका जन्म 19 नवंबर सन् 1917 को इलाहाबाद के आनंद भवन में हुआ।

उनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रसिद्ध नेता थे। इंदिरा जी को बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय वातावरण मिला। . उनके बचपन का नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था। तेरह वर्ष की आयु में उन्होंने बच्चों की वानर सेना का गठन किया। उनकी वानर सेना स्वतंत्रता सेनानियों को सूचनाएँ पहुँचाने का कार्य करती थी।

श्रीमती गांधी ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की। इतिहास उनका प्रिय विषय था। सन् 1944 में फिरोज गांधी से उनका विवाह हुआ। उनके दो पुत्र राजीव गांधी एवं संजय गांधी हुए। स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद वह नेहरू जी के साथ ही रहती रहीं। वह उनके कार्यों में पूरा सहयोग करती थीं। इस प्रकार बचपन से ही उन्होंने राजनीति को समझने का प्रयास किया।सन् 1955 में उन्हें काँग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। 19 जनवरी 1966 को वे देश की प्रधानमंत्री चुनी गयीं।

प्रधानमंत्री के रूप में : प्रधानमंत्री बनने के बाद श्रीमती गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। समाज में समानता का नियम लागू किया। अमीर-गरीब की खाई को समाप्त करने के प्रयास किए। उन्होंने बंगलादेश को पाकिस्तान की बर्बर शासन-नीति से छुटकारा दिलाया। इससे विश्वस्तर पर भारत को गौरव मिला। उन्होंने सन् 1975 में देश में आपातकाल घोषित कर दिया। इसका दुरुपयोग होने के कारण सन् 1917 के चुनाव में वे चुनाव हार गयीं। किंतु ढाई वर्ष बाद देश में पुनः चुनाव हुए।

चुनाव में श्रीमती गांधी की जीत हुई। वह फिर से देश की प्रधानमंत्री चुनी गयीं। 12 जनवरी 1982 में उन्होंने देश में बीस सूत्री कार्यक्रम लागू किया। सन् 1983 में देश में उन्होंने एशियाई खेल आयोजित करवाए। 1983 में निर्गुट देशों का सम्मेलन बुलाया। श्रीमती गांधी द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों से विश्वस्तर पर देश की प्रतिष्ठा बढ़ी।

31 अक्टूबर सन् 1984 को उनके अंगरक्षकों ने ही उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया। देश ने अपने एक महान् नेता को खो दिया।

उपसंहार : श्रीमती गांधी हमारे देश की महान् विभूति थीं। वे विश्वस्तर की महिला नेता थीं। वास्तव में श्रीमती गांधी के अनुपम बलिदान, राष्ट्रभक्ति, उत्तरदायित्वपूर्ण आचरण, शासनपटुता, नेतृत्व एवं लोकप्रियता आदि को भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व नतमस्तक होकर स्वीकार करता है।

#Short Essay: क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस

प्रस्तावना : भारत की आजादी के लिए अनेक वीर सपूतों ने अपना बलिदान दिया। सुभाषचंद्र बोस भी महान् नेता और देश-भक्त पुरुष थे। उन्होंने अपना जीवन देश के लिए बलिदान कर दिया था।

जीवन-परिचय : सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 ई. में कटक में हुआ। बोस के पिता का नाम जानकीदास बोस तथा माता जी का नमा प्रभावती था। उनके पिता उस समय कटक के प्रसिद्ध वकील थे। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें रायबहादुर की उपाधि से विभूषित किया था। सुभाष बचपन से ही तेज बुद्धि के थे। प्रथम श्रेणी में बी०ए० करने के पश्चात् वे इंग्लैंड गए। वहाँ से आई०सी०एस० की परीक्षा उत्तीर्ण कर सन् 1920 में स्वदेश लौटे।

राजनीति में प्रवेश : महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन संपूर्ण देश में फैल चुका था। लोग ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गयी उपाधियों का त्याग कर रहे थे। ऐसे समय में बोस चुपचाप सरकारी नौकरी नहीं कर सके। उन्होंने सरकारी नौकरी को त्याग दिया। उन्होंने देश के स्वतंत्रता-संग्राम में भाग लेना उचित समझा। उस समय बंगाल की राजनीति में देशबंधु चितरंजनदास सर्वोच्च स्थान पर थे।

सुभाष बोस ने उनसे भेंट की और उन्हें अपना गुरु बनाया। धीरे-धीरे सभाष बंगाल के राजनीतिक क्षेत्र में उन्नति करते गए। वे लोकप्रिय कार्यकर्ता और नेता माने जाने लगे। उन्हें अनेक बार जेल-यात्रा करनी पड़ी। धीरे-धीरे वे देश के शीर्ष नेताओं की पंक्ति में आ खड़े हुए।

सुभाष बोस दो बार कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। वे यथाशक्ति विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते थे। भारत से अचानक बाहर जाकर वे दूसरे महायुद्ध के समय वर्मा पहुँचे। वहाँ उन्होंने भारतीय सैनिकों को इकट्ठा कर ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किया। इसका उद्देश्य भारत को स्वतंत्र कराना था।

उपसंहार : 18 अगस्त 1945 ई. में जापान जाते हुए फारमोसा में एक वायुयान दुर्घटना में सुभाष की मृत्यु हो गयी। वीर क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस की देशभक्ति से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।

#Short Essay: वैशाखी

प्रस्तावना : वैशाखी का पवित्र त्योहार वैशाख मास (अप्रैल माह) में हिंदू माह के अनुसार पहली तिथि को मनाया जाता है। यह हिन्दुओं के नववर्ष का पहला दिन माना जाता है। गुरु गोविंदसिंह ने इसी दिन सन् 1699 ई. में खालसा पंथ की नींव डाली। तबसे सिक्ख जाति में वैशाखी का पर्व एक धार्मिक पर्व बन गया है। इस दिन सभी सिक्ख गुरुद्वारे में जाकर गुरुग्रंथ-साहब का पाठ सुनते हैं।

मनाने का कारण : वैशाखी का पर्व पूरे उत्तरी भारत में मनाया जाता है। यह पूर्वोत्तर राज्यों में भी बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। पंजाब में इसका बहुत अधिक महत्त्व है। इस पर्व को यहाँ पर अधिक’ धूम-धाम से मनाया जाता है। सिक्खों के दसवें गुरु गोविंदसिंह ने वैशाखी पर्व को एक ऐसे कार्य के लिए चुना, जिसने सिक्ख धर्म का रूप ही बदल दिया। उन्होंने वैशाखी को खालसा दिवस का नाम भी दिया। अर्थात् ऐसा दिवस, जब गुरु गोविंदसिंह के हाथों सिक्ख धर्म का रूप निखर गया। वह सभी कमजोरियों से मुक्त हो गया।

खालिस अथवा शुद्ध हो गया। गुरु गोविंदसिंह से पूर्व सिक्ख धर्म शांति एवं अहिंसा का समर्थक था। गुरु नानकदेत ने उन्हें यही शिक्षा दी थी। नानकदेव का कहना था कि किसी को कष्ट देना पाप है। गुरु नानकदेव एवं गुरु तेगबहादुर ने बड़े-बड़े कष्ट सहे। उन्होंने हिंसा का मार्ग नहीं अपनाया। शांति एवं सहनशीलता का मार्ग नहीं त्यागा। गुरु गोविंदसिंह ने मानवता, शांतिप्रियता एवं सद्भाव को तो स्वीकार किया; किंतु उन्होंने कहा कि अत्याचार के सामने सिर झुकाना, अत्याचार का समर्थन करना कायरता का सूचक है।

इन विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने सिक्ख-संप्रदाय को एक नया रूप दिया। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की और अत्याचारों का विरोध किया। इस प्रकार वैशाखी का पर्व पंथ को और भी अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए मनाया जाता है।

इस. पर्व को मनाने का एक कारण और भी है। सन् 1919 ई. में वैशाखी पर्व मनाने के लिए लोग जलियाँवाला बाग में एकत्रित हुए। उन निहत्थे लोगों पर ब्रिटिश शासक जनरल डायर ने अंधाधुंध गोलियाँ चलवा दी थीं। इस गोलीकांड में सैकड़ों निर्दोष बच्चे, बूढ़े, स्त्री व पुरुष मौत के मुँह में चले गए। उनकी आत्मा की शांति के लिए भी इस दिन प्रार्थना की जाती है।

उपसंहार : इस प्रकार वैशाखी का पर्व नववर्ष के आगमन एवं अत्याचारों के विरोध का पर्व है। यह सभी को शिक्षा देता है कि वे सदैव मानवता, शांति एवं सद्भावना का समर्थन करें। अत्याचारों को किसी भी स्थिति में सहन न करें।

#Short Essay: विजयादशमी

प्रस्तावना : विजयादशमी हिंदुओं का प्रसिद्ध पर्व है। यह प्रतिवर्ष क्वार सदी दशमी को मनाया जाता है। इसलिए इसको दशहरा भी कहते हैं। मनाने का कारण : हमारे देश में विजयादशमी पर्व का इतिहास बहुत पुराना है। वास्तव में यह ऋतु-परिवर्तन की सूचना देने वाला पर्व है। यह पर्व बताता है कि वर्षा ऋतु बीत गई है और सुहावनी शरद् ऋतु आ गई है।

विजयादशमी पर्व के विषय में यह मान्यता है कि इसी तिथि को श्री रामचंद्र जी ने राक्षसराज रावण को पराजित करके उसका वध किया था। इस प्रकार एक बड़े अन्यायी से संसार को मुक्त करके उन्होंने धर्म और न्याय की प्रतिष्ठा की थी।

वर्णन : विजयादशमी का सबसे बड़ा आकर्षण ‘रामलीला’ है। कोई भारतीय ऐसा नहीं होगा, जिसने कभी-न-कभी और कहीं-न-कहीं रामलीला न देखी हो। राम की कथा का प्रचार हमारे देश में ही नहीं, बाहर के भी अनेक देशों में है। उन देशों में भी रामलीला के प्रदर्शन हर साल होते हैं। इस सिलसिले में इंडोनेशिया का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

हमारे देश में रामलीला का इतना प्रचार है कि छोटे-बड़े शहरों, नगरों के अतिरिक्त गाँवों में भी लोग बड़े उत्साह से इसका आयोजन करते हैं। नगरों में कई स्थानों पर एक साथ रामलीला होती है। राम-जन्म, सीता-स्वयंवर, लक्ष्मण-परशुराम-संवाद, सीता-हरण, हनुमान द्वारा लंका-दहन, लक्ष्मण-मेघनाद-युद्ध आदि के दिन तो दर्शकों की अपार भीड़ रामलीला-मंडप में दिखाई देती है। सचमुच रामलीला के दिनों की चहल-पहल देखने-योग्य होती है। रात-भर दर्शकों का तांता लगा रहता है।

रामलीला का प्रदर्शन प्रायः तुलसीदास जी के संसार-प्रसिद्ध ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ के आधार पर होता है। मंच के एक ओर बैठे व्यास जी ‘मानस’ की पंक्तियाँ गाते जाते हैं और उन्हीं के अनुसार पात्र अभिनय करके कथा आगे बढ़ाते हैं।

अंतिम दिन की रामलीला रंगमंच पर न होकर खुले मैदान में होती है। जहाँ राम-रावण युद्ध होता है और राम रावण का वध करते हैं। उसके तुरंत बाद रावण का पुतला जलाया जाता है। इस पुतले को बनाने में कई दिन लगते हैं। विजयादशमी के दूसरे दिन भरत-मिलाप का उत्सव मनाया जाता है। उस दिन का दृश्य बड़ा हृदयहारी होता है।

नंगे पैरों भागते हुए भरत बड़े भाई राम के चरणों पर गिर पड़ते हैं। श्रीराम अपने भाई को बीच में ही रोककर उन्हें अपनी विशाल भुजाओं में ले लेते हैं। इस दृश्य को देखकर सभी की आँखें आँसुओं से भर जाती हैं।

उपसंहार : विजयादशमी का पर्व अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है। इसके माध्यम से हम राम के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

#Short Essay: रक्षाबंधन

प्रस्तावना : रक्षाबंधन भारत का बहुत ही प्राचीन और महत्त्वपूर्ण त्योहार है। रक्षाबंधन दो शब्दों से मिलकर बना है- रक्षा बंधन। अतः रक्षाबंधन का अर्थ है रक्षा के लिए किया गया प्रण। इस दिन भाई अपनी बहिन की रक्षा के लिए प्रतिज्ञा करते हैं। होली, दीपावली, दशहरा आदि त्योहारों की भाँति इस त्योहार का भी विशेष महत्त्व है।

समय : रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस त्योहार को श्रावणी, सलूनों आदि नामों से भी पुकारा जाता है। यह वर्षा ऋतु का प्रमुख त्योहार माना जाता है।

मनाने का कारण : रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? इस विषय में कई पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। एक बार देवताओं और राक्षसों में युद्ध प्रारंभ हो गया, जिसमें देवताओं की हार होने लगी। यह जानकर इंद्र को बड़ी चिंता हुई। युद्ध में विजय पाने के लिए श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन इंद्र की पत्नी ने इंद्र के हाथ में रक्षा का बंधन बाँधा था, जिससे देवताओं की विजय हुई और राक्षसों की हार हुई। तभी से रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है।

रक्षाबंधन को मनाने के विषय में एक दूसरी कथा भी प्रचलित है। एक समय चित्तौड़ की रानी कर्मावती पर गुजरात के राजा ने आक्रमण कर दिया। कर्मावती ने सम्राट् हुमायूँ के पास राखी भेजी थी। हुमायूँ ने कमवती को अपनी धर्म की बहिन मानकर उसकी रक्षा की। वास्तव में रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहिन के पावन प्रेम को प्रकट करता है।

मनाने की विधि : रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए कई दिन पूर्व से तैयारियां शुरू हो जाती हैं। बाज़ार से सुंदर-सुंदर राखियाँ खरीदी जाती हैं। जो भाई बाहर रहते हैं उनके लिए बहिनें राखियाँ डाक द्वारा भेजती हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन प्रात:काल से ही एक निराली प्रसन्नता सी छाई रहती है। सफाई आदि के बाद दीवारों पर चित्र बनाए जाते हैं। इस दिन घरों में खीर, सेवइयाँ आदि बनाई जाती हैं। राखी की पूजा होती है। बहिन-भाई नए-नए वस्त्र धारण करते हैं। बहिनें अपने भाइयों को राखी बाँधती हैं तथा दक्षिणा में रुपये भी देते हैं।

इस दिन घरों में भी लोग राखी देने के लिए आते हैं तथा दक्षिणा पाते हैं। वास्तव में यह त्योहार भाई-बहिन के असीम स्नेह का प्रतीक है। इस प्रकार पूरे दिन प्रसन्नता का वातावरण रहता है।

उपसंहार : वास्तव में रक्षाबंधन भारत का बड़ा पवित्र एवं महत्त्वपूर्ण त्योहार है। इस त्योहार से व्यक्तियों में स्नेह एवं कर्तव्यपालन की भावना जाग्रत होती है। हम सभी को इस त्योहार की पावनता एवं शुद्धता को बनाए रखना चाहिए।

#Short Essay: जन्माष्टमी

प्रस्तावना : हमारे देश में अनेक महान् आत्माओं ने जन्म लिया। उन्होंने अपने जीवन में अनेक लोकहितकारी कार्य किए। इसलिए आज भी उनका स्मरण किया जाता है। हम श्रद्धापूर्वक उनको नमन करते हैं। श्रीकृष्ण भी ऐसे ही अवतारी पुरुष थे। श्रीकृष्ण देवकी-वसुदेव के पुत्र थे। उनका जन्म भादो मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी को हुआ था। अत: यह पर्व प्रतिवर्ष जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

श्रीकृष्ण की महानता : कृष्ण के जन्म के समय मथुरा में क्रूर एवं अत्याचारी कंस का शासन था। वह श्रीकृष्ण का मामा था। ज्योतिषियों ने उसे बताया था कि तेरा भानजा ही तेरा वध करेगा। अपने प्राणों के भय से उसने अपनी बहिन देवकी और बहनोई वसुदेव को बंदी बना लिया था। देवकी और वसुदेव के बंदी जीवन में ही श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। श्रीकृष्ण ने आततायी कंस से जनता को मुक्ति दिलायी। श्रीकृष्ण एक चतुर राजनीतिज्ञ थे।

वे योगीराज, विद्वान्, वीर योद्धा, देश-उद्धारक, सच्चे मित्र, अनुपम दानी और सेवा-भाव के आदर्श परुष थे। दुर्योधन की पराजय, कंस, जरासंघ, शिशुपाल आदि आततायियों का वध, अर्जुन को गीता का उपदेश, गरीब ब्राह्मण सुदामा की सहायता आदि कार्य श्रीकृष्ण की महानता को प्रकट करते हैं।

वर्णन : जन्माष्टमी के दिन लोग दिन-भर उपवास करते हैं। मंदिर में सजावट की जाती है। रासलीलाएँ होती हैं। इस अवसर पर श्रीकृष्ण की झाँकियाँ भी निकाली जाती हैं। मूर्तियाँ बनायी जाती हैं। सायंकाल लोग झाँकियों को देखने जाते हैं। मंदिरों एवं बाजारों में काफी चहल-पहल होती है। जन्माष्टमी का पर्व कृष्ण के जन्मस्थान गोकुल एवं वृदावन में बहुत. धूमधाम से मनाया जाता है। अन्य स्थानों की तुलना में यहाँ कुछ अधिक ही उत्साह दिखायी देता है। भक्तजन दिनभर उपवास के बाद अर्द्धरात्रि में श्रीकृष्ण के जन्म के समय मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं। प्रसाद बाँटा जाता है। इसके बाद भक्तगण भोजन करके अपना उपवास समाप्त करते हैं।

उपसंहार : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हमें अपने कर्तव्यों को पूरा करने, बिना किसी इच्छा के कर्म करने एवं समाज में उच्चादर्श स्थापित करने की शिक्षा देता है। कृष्ण की भाँति हमें भी सच्चा मित्र और लोकहितकारी बनना चाहिए। हमें श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

#Short Essay: स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त)

प्रस्तावना : गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है-‘पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं।’ अर्थात् पराधीन को स्वप्न में भी सुख नहीं मिलता है। सुख स्वाधीनता में ही निहित है। पराधीनता नरक के समान है। स्वतंत्रता हमारे बलिदानी वीरों का अमूल्य उपहार है।

महत्त्व : स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है। स्वतंत्रता को प्राप्त करने के लिए हमारे अनेक वीर सपूतों ने अपना बलिदान दिया। अनेक ललनाओं के सुहाग मिट गए। माताओं की गोदें सूनी हो गयीं। वीर सेनानियों ने अंग्रेजों के द्वारा दी गयी शारीरिक एवं मानसिक यातनाओं को सहन किया। आखिकार हमारी सभी पीड़ाओं का अंत हुआ। देश को अपना गौरव, स्वाभिमान एवं स्वामित्व प्राप्त हुआ। वह मंगलमय दिन 15 अगस्त 1947 था। तभी से यह दिन देशवासियों के लिए महत्त्वपूर्ण पर्व बन गया। उसी दिन से भारत के निवासी प्रतिवर्ष अपनी स्वतंत्रता की वर्षगाँठ बड़ी धूमधाम एवं अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

दिवस का वर्णन : स्वतंत्रता दिवस देश का पवित्र पर्व है। इसे प्रतिवर्ष देश के कोने-कोने में बड़ी धूम-धाम से एवं उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हर्ष एवं उल्लास का प्रतीक है। 15 अगस्त के समारोह प्रात:काल से सायंकाल तक चलते हैं। इसका मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली में होता है। प्रात:काल लालकिले की प्राचीर पर देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। वे देश को संबोधित करते हैं। प्रांतों की राजधानियों में प्रदेश के मुख्यमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। विद्यालयों में छात्र एवं शिक्षक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। प्रात:काल प्रभातफेरियाँ निकलती हैं। राष्ट्रीय गीत गाए जाते हैं। वातावरण में चारों ओर शहीदों की जय के नारे गूंज उठते हैं।

उपसंहार : इस पावन पर्व पर हमें अपनी कमजोरियों को दूर करने का संकल्प लेना चाहिए। आज देश में भाषा, प्रांत, जाति के कारण अनेक झगड़े हो रहे हैं। अनुशासनहीनता बढ़ती जा रही है। इससे हमारी स्वतंत्रता को आघात पहुंच रहा है। इन सभी बुराइयों को दूर करने के लिए हमें पूरा प्रयत्न करना चाहिए। हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे हमारी स्वतंत्रता को आघात पहुँचे।

हिन्दी निबंध संग्रह – विभिन्न विषयों पर निबंध

Best Hindi Essay collection Top 100 essay writings, Hindi Nibandh Sangrh for Students and Teachers, Essay on Different Educational Topics

शिक्षा पद्धति पर निबंध

जीव जंतु हमारे लिए उपकारी पर निबंध, सत्यमेव जयते पर निबंध, सेल्फी एक मनोरोग, भूकंप पर निबंध (प्राकृतिक आपदा), राष्ट्रीय खेल ‘हॉकी’ पर निबंध, प्रदूषण पर निबंध-pollution essay in hindi, भविष्य में मोबाईल की आवशयकता पर निबंध, पानी की बचत पर निबंध, दीपावली पर निबंध, पत्र पत्रिकाओं के लाभ/महत्व पर निबंध, सौभाग्य योजना पर निबंध, डिजिटल इंडिया पर निबंध, भोजन पर निबंध, आहार पर निबंध,, सौर मंडल पर निबंध, एस्से, पर्यावरण संरक्षण पर निबंध और 10 lines in hindi | paryavaran sanrakshan par nibandh, मेरी मौसी की शादी पर निबंध/एस्से, नदियों पर गहरा संकट निबंध, शिक्षा के बिना हिंदी निबंध, शिक्षा पर निबंध , शिक्षा का महत्व, नारी का सम्मान हिंदी निबंध, बनारस (वाराणसी) की गलियाँ और घाट निबंध, निबंध- जल प्रदूषण दूर करने की सावधानियां, क्रिसमस पर निबंध हिंदी में-christmas par nibandh, ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध, global warming, विज्ञान (science) पर निबंध, “मेरा स्कूल”, “मेरी पाठशाला” पर निबंध, कंप्यूटर पर निबंध, मानव अधिकार पर निबंध, परोपकार पर निबंध, ईद पर निबंध-eid par nibandh, समय का महत्व पर निबंध, मेरा प्रिय लेखक पर निबंध, रुपए की आत्मकथा पर निबंध, वृक्षारोपण पर निबंध, अनुशासन पर निबंध, मातृ दिवस पर निबंध, mother’s day, दूरदर्शन पर निबंध, काश में डॉक्टर होता , प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना पर निबंध, यदि मैं करोड़पति होता पर निबंध, हिंदी दिवस पर निबंध-essay on hindi diwas, मेरे प्रिय अध्यापक निबंध, लेख, अनुछेद, शरद ऋतु पर निबंध, आधुनिक नारी पर निबंध, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध, हिंदी पर निबंध (राष्ट्रभाषा हिंदी पर निबंध), पुस्तकालय पर निबंध, मेरा जन्मदिन पर निबंध, हमारे गांव / मेरा गाँव पर निबंध, मेरी महत्वाकांक्षा पर निबंध, मेरी अभिलाषा / मेरे जीवन का लक्ष्य – निबंध, मेरे विद्यालय में पारितोषिक वितरण समारोह, जीना मुश्किल करती महँगाई, विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर, पुस्तक मेलों की उपयोगिता पर निबंध, मेरा प्रिय खेल पर निबंध, आधुनिक भारत पर निबंध, रक्षाबंधन पर निबंध, शिक्षक दिवस पर निबंध, दशहरा-विजयदशमी पर निबंध, भाई दूज – भैया दूज पर निबंध, पोंगल पर निबंध (festival), व्यायाम के लाभ पर निबंध, नारी शिक्षा पर निबंध, नारी शिक्षा का महत्व पर निबंध, अनुशासनहीनता की समस्या और समाधान, किसान की आत्मकथा पर निबंध, लेख, भारतीय जीवन में व्याप्त कुरीतियां, खेल का महत्व पर निबंध, कम्प्यूटर के महत्व पर निबंध, मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध, त्योहार के महत्व पर निबंध, वर्त्तमान समय में खेल का महत्व निबंध, नारी शक्ति पर निबंध, प्लास्टिक वरदान या अभिशाप, दिल्ली की ऐतिहासिक स्थल की यात्रा, मेरा मतदान हिंदी निबंध, गांधी जयंती पर निबंध, दहेज प्रथा एक गंभीर समस्या पर निबंध, आधुनिक समाज में सिनेमा का योगदान निबंध, पर्वतीय(पहाड़ी ) प्रदेश की यात्रा -निबंध, कलम की कहानी :कलम की जबानी, श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध, मानव और समाज पर निबंध, अहिंसावाद पर निबंध, मतदान चुनाव पर निबंध, अपनी सुरक्षा अपना दायित्व पर निबंध, गांधीजी की विचारधारा निबंध, दुर्गा पूजा पर निबंध, मेरे पापा पर निबंध, महिला दिवस पर निबंध, गोवर्धन पूजा पर निबंध, छठ पूजा पर निबंध, भारत के प्रमुख दर्शनीय स्थल, विज्ञान ‘वरदान’ है या ‘अभिशाप’ हिंदी निबंध, विशव के सात आशचर्य, बाल दिवस पर निबंध, गरीबी एक अभिशाप पर निबंध,लेख, सादा जीवन और उच्च विचार, समय का सदुपयोग पर निबंध.

Nibandh books

  • Bihar Board

SRM University

Bseb 12th result.

  • Bihar Board Result 2024
  • UP Board Result 2024
  • CBSE Board Result 2024
  • MP Board Result 2024
  • Rajasthan Board Result 2024
  • Shiv Khera Special
  • Education News
  • Web Stories
  • Current Affairs
  • नए भारत का नया उत्तर प्रदेश
  • School & Boards
  • College Admission
  • Govt Jobs Alert & Prep
  • GK & Aptitude

ICSE Class 10 Hindi Question Paper 2024 PDF with Answer Key

Icse class 10 hindi question paper pdf: get here free pdf download of the icse board class 10 hindi question paper for the board exam 2024. also, check the icse class 10 hindi answer key by experts here..

Atul Rawal

ICSE 10th Hindi Question Paper 2024: The Class 10 Indian Certificate of Secondary Education (ICSE) Hindi Exam 2024, conducted from 11:00 a.m. to 2:00 p.m. on March 20, 2024, served as a significant assessment of students' proficiency in the Hindi language. With a total weightage of 80 marks, the exam comprised two sections: Section A for language and Section B for prescribed text. The paper was designed to check students’ comprehension, writing, and analytical skills in both sections. The examination aimed to evaluate students' understanding of Hindi grammar, vocabulary, and literature, as prescribed by the ICSE curriculum. 

ICSE Class 10 Board Exam 2024: Key Highlights

Icse 10th hindi exam 2024: paper format, icse class 10 hindi paper 2024: student reaction, icse class 10 hindi question paper pdf 2024.

The latest 2024 ICSE 10th Hindi question PDF is provided here. The PDF can be downloaded for free from the link given in the box below:

essay topics for class 10 in hindi

ICSE Class 10 Hindi Answer Key 2024

Students can check their answers from the provisional answer key provided here. Our experts are working on the solutions and that will be updated gradually. 

  • ICSE Date Sheet 2024
  • ICSE Syllabus 2024
  • ICSE Specimen 2024

Get here latest School , CBSE and Govt Jobs notification in English and Hindi for Sarkari Naukari and Sarkari Result . Download the Jagran Josh Sarkari Naukri App . Check  Board Result 2024  for Class 10 and Class 12 like  CBSE Board Result ,  UP Board Result ,  Bihar Board Result ,  MP Board Result ,  Rajasthan Board Result  and Other States Boards.

  • BSEB Bihar Board 12th Result 2024
  • BSEB बिहार बोर्ड 12th रिजल्ट 2024
  • Bihar Board 12th Result 2024
  • बिहार बोर्ड कक्षा 12 परिणाम 2024
  • biharboardonline.bihar.gov.in परिणाम 2024
  • BSEB 12th परिणाम 2024 at Jagran Josh
  • बीएसईबी 12th रिजल्ट 2024
  • Bihar Sakshamta Pariskha Answer Key 2024
  • PNB SO Admit Card 2024
  • MPNRC Result 2024

Trending Categories

Latest education news.

Bihar Board 10th Result 2024: कब आयेगा 10वीं बिहार बोर्ड रिजल्ट, चेक करें लेटेस्ट अपडेट

Who Won Yesterday IPL Match: KKR vs SRH, Match 3, Check All Details and Latest Points Table

[Today] IPL 2024 Points Table: Team Rankings and Net Run Rate

KTU Result OUT at ktu.edu.in: Direct Link to Download UG, PG Result PDF

Bihar Board Result 2024 Class 12 Link: List of Direct Official Sites to Check BSEB Inter Result Online

IPL Points Table 2024: आईपीएल 2024 अपडेटेड पॉइंट टेबल यहां देखें

Fastest 50 in IPL: IPL इतिहास का सबसे तेज़ अर्धशतक, देखें पूरी लिस्ट

Fastest 50 in IPL History (2008 - 2024)

VTU Result 2024 OUT at vtu.ac.in, Download UG Semester Marksheet

Bihar Board 12th Result 2024: Check बिहार बोर्ड इंटर रिजल्ट, Official Link at biharboardonline.bihar.gov.in

Bihar Board 12th Result 2024 OUT Live Updates: BSEB Inter Result Declared; Over 5 Lakh Students Got 1st Division, Check Pass Percentage, Toppers List

Optical Illusion: Find the hidden owl in the picture in 10 seconds!

Government Exams Deferred Due to Lok Sabha Elections 2024: List of UPSC, State PSC, SSC, and Bank Exams Postponed

CGPSC State Service Prelims Result 2024 Out at psc.cg.gov.in: 3597 Qualify for mains, Here's download link

WBPSC Food SI Question Paper 2024: Direct Download Link to Shift-Wise Papers

CBSE Class 12 Accountancy Answer Key 2024 and Question Papers, Download PDF All SETs

Bihar Sakshamta Pariksha Result 2024: Where and How to Check the Merit List

How to Check Voter Application Status?

Bihar Board 12 Vocational Result 2024: BSEB Class 12th Vocational Result Date and Time at biharboardonline.bihar.gov.in

BTEUP Result 2024: यूपी पॉलिटेक्निक विषम सेमेस्टर परिणाम bteup.ac.in पर, इस लिंक से करें चेक

ICSE Hindi Question Paper 2024 with Answer key & Specimen Paper_00.1

ICSE Hindi Question Paper 2024 with Answer key & Specimen Paper

ICSE Hindi Question Paper 2024 and ICSE Hindi Answer Key 2024 is very helpful for students to Analyse their performance. Review all Question of ICSE Hindi Specimen Paper 2024 here.

ICSE Hindi Question Paper 2024 with Answer key & Specimen Paper_20.1

Table of Contents

The ICSE Hindi Paper 2024 will be administered by the Council for Indian School Certificate Examinations (CISCE) on 20th March 2024. At 11 a.m., the ICSE board Hindi exam has started. The ICSE board exam 2024 for ICSE Hindi concluded at 1:00 p.m. The instructors will supply the answer sheet separately to write the answers. For the first fifteen minutes, you cannot write the answers to the ICSE Hindi Question Paper 2024. The ICSE Hindi Board Paper 2024 was of moderate level according to students.

ICSE Hindi Question Paper 2024

Students are generally keen to obtain the ICSE Hindi Question Paper 2024 and ICSE Hindi answer key 2024 after the exam. We will provide an ICSE Class 10 Hindi Answer Key and the question paper on this page to make things easier for students. The ICSE Hindi Important Questions of the specimen paper are listed below for students to review.

Hindi ICSE Board Paper 2024

Students have two hours to finish the 80-mark Hindi ICSE Board Paper 2024. It is required to respond to every question in Section A. Section B asks 4 questions. Try any four questions from Section B, answering at least one question from each of the two books you’ve read and any two questions from those same books. Let’s examine the salient features of the ICSE Hindi Specimen Paper 2024.

ICSE Hindi Question Paper 2024 with Answer key & Specimen Paper_30.1

Class 10 ICSE Hindi Paper Analysis 2024

The brief reviews provided by the teachers and students on ICSE Hindi Question paper 2024 are updated here

  • According to students who took the CBSE Class 10 Hindi Board exam 2024, the paper was moderate.
  • Although the paper was as per expectations and not very tough or tricky, it was somewhat a lengthy paper.
  • students somehow managed to complete the paper in time.
  • According to teachers , The paper wasn’t tough but it wasn’t a very easy, direct scoring paper also.
  • Section B of the class 10 Hindi paper took a long time because students had to provide descriptive answers.
  • Other educator said, The paper was well-balanced. However, due to the less practice of writing the language, the students may find it to be a lengthy paper.
  • Some parts of the paper were easy for them to complete.
  • No questions were asked outside of the syllabus.

ICSE Hindi Question Paper 2024 Pattern

We have given you a detailed rundown of the ICSE Class 10 Hindi board exam 2024, including the question paper design, theory exam marking scheme, and the internal assessment evaluation in this table.

ICSE Hindi Answer Key 2024

The ICSE Hindi answer key 2024 is available on this page. Students can identify proper and incorrect answers with the aid of the ICSE Hindi Answer Key. Having the right answers validates knowledge and effort, which boosts confidence and motivation. We will include comments on the paper from students and subject matter experts in addition to the ICSE Hindi answer key. Here are the first few questions from the Hindi class 10 question paper 2024 together with their corresponding answer codes. Every response is precise and backed up by evidence. If learners continue to believe that any of the answers are wrong, kindly post a comment below.

ICSE Class 10 Hindi Question Paper 2024 Solution

You’ve come to the correct spot if you’re seeking the ICSE Hindi paper solution. You can compare all of your answers to the ICSE Hindi Answer Key 2024 to determine how many were right and wrong. Soon after the exam, our team will upload the unofficial ICSE Hindi Answer Key 2024 for every set on this website. Follow us for further updates.

SECTION A (Question 4)

जिसके द्वारा मानव हिंसात्मक और सर्वनाशकारी युद्धों तक को रोक सकता है और शातिके गपूर्वक जीवन बिता सकता है तथा दूसरों के लिए प्रेरणा भी बन सकता है 100 विधा और लाओस करिथा है और पहले इन दोनों देशों के आपसी संबंध में? (1) कौनसी नदी इन दोनों देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण यी बौर क्यों? (iii) एक दिन अचानक महमा बुद्ध कहाँ पहुंच गए थे वर्ग जाकर उन्होंने अपने पास किसे और यो बुतामा? (१०) अंत में स्वोडिया और लाओस के बीच की समस्या को किस प्रकार मुलाया गया? (२) इस कहानी में मिलने वाली उनको लिलिए जो आज के समय में भी कि में शांति बनाए रखने में काम आ सकती है।

Answer the following according to the instructions given below निम्नलिक्षित प्रश्नों के उत्तर निर्देशानुसार लिसिए [8] (i) ‘आजार’ का विलोम बताइर (a) कर (b) निखार (e) माँसाहार (d) उफार

Answer – (b) निखार

ICSE Hindi Question Paper 2024 with Answer key & Specimen Paper_40.1

(iv) पत्थर का विषय बताइए (a) पथरी (b) पावरी (c) कापरसमला (d) पथरीला

Answer – (d) पथरीला

(v) पतीवरता’ शब्द का शुद्ध रूप बताइए (a) सीता (b) पतिक्ता (c) पतिकर्ता (d) प्रतिवता

Answer –  (c) पतिकर्ता

(vi) उन्नीस बीस का अन्तर मुसरे का अर्थ बताइए (a) आधिक अन्तर होना (b) गिनती का अहर होता (c) एक सत्र-ओता (d) बहुत कम अन्तर होना

Answer – (d) बहुत कम अन्तर होना

(vii) निर्देशानुसार उचित वाक्य बताक्षर कई बार देश की रक्षा से जुड़े फैसलों को गुप्त रखा जाना आवश्यक होता है। (रेशाक्ति क्या हेतु उपयुक्त शब्द का प्रयोग किस विकल्प में हुआ है।) (३) कई बार देश की रक्षा से जुड़े फैसले रहस्यमयी होते हैं। (b) कई बार देश की रक्षा से जुड़े फैसले गुप्तचर होते हैं। (७) कई बार देश की रक्षा से जुड़े फैसले गोपनीय होते है।

Answer – (c) कई बार देश की रक्षा से जुड़े फैसले गोपनीय होते हैं।

ICSE Hindi Question Paper 2024 with Answer key & Specimen Paper_50.1

Hindi ICSE Class 10 Question Paper 2024 PDF

Students can download the Hindi question paper from the given link below without any registration and match their answers. Students who are going to take the exam next year can use this question paper as specimen.

ICSE Hindi Specimen Paper 2024

You can access the Hindi specimen paper 2024 ICSE by clicking the following link. Examine the questions and answers; these will be crucial for students taking the test the next year. You can improve your exam preparation by many folds in the Class 10 Council for the Indian School Certificate Examinations by revising the specimen paper of Hindi Class 10 ICSE 2024 solved.

Download Link – Specimen Paper of Hindi Class 10 ICSE 2024 PDF Download

Specimen Paper of Hindi Class 10 ICSE 2024 Solved

  • निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर हिन्दी में लगभग 250 शब्दों में संक्षिप्त लेख लिखिए: (i) जीवन में खेलकूद मनोरंजन प्रदान करने के साथ-साथ सुख समृद्धि भी देते हैं। विद्यार्थी जीवन में इसकी उपयोगिता बहुत अधिक है। अपने किसी प्रिय खेल का वर्णन करें तथा यह खेल भविष्य में आपको कैसे लाभान्वित कर सकता है, निबंध में अपनी भविष्य की योजनाएं भी बताइए। (ii) ‘परोपकार की भावना लोक-कल्याण से पूर्ण होती है।’ हमें भी परोपकार से भरा जीवन ही जीना चाहिए। विषय को स्पष्ट करते हुए अपने विचार लिखिए। (iii) ‘स्वच्छता अभियान में सरकारी तंत्र की अपेक्षा नागरिकों की जागरूकता अधिक प्रभावपूर्ण मानी जाती है’ जनता के सहयोग से ही देश स्वच्छ सुन्दर बन सकता हैं, आप इस कथन से कहाँ तक सहमत हैं ? स्पष्ट करें। (iv) एक मौलिक कहानी लिखो, जिसके अंत में ये स्पष्ट हो “जाको राखे साइयाँ। मार सके न कोय।”
  • निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर हिन्दी में लगभग 120 शब्दों में पत्र लिखिए: (i) आपका छोटा भाई अपना अधिकांश समय मोबाइल फोन के उपयोग में बिताता है। मोबाइल फोन के अधिक उपयोग से होने वाली हानियों का उल्लेख करते हुए उसे पत्र लिखिए। (ii) आपके क्षेत्र में मलेरिया तथा डेंगू का प्रकोप बढ़ गया है। इसकी रोकथाम के लिए नगर-निगम के अध्यक्ष को एक पत्र लिखिए।
  • निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिन्दी में लिखिए : ‘दोनों घंटों साथ बैठते, बातें करते’ । [‘बात अठन्नी की’- सुदर्शन] [‘Baat Athanni Ki’-Sudarshan] (i) ‘दोनों’ शब्द से किस-किस की ओर संकेत हैं ? (ii) वे दोनों किस-किस के यहाँ काम करते थे ? (iii) वे दोनों जिन लोगों के यहां काम करते थे, उनमें कौन-सी बात समान थी ? (iv) किस घटना से स्पष्ट होता है कि दोनों में बहुत मैत्री थी ?
  • निम्नलिखित अवतरण को पढ़िए और उसके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर हिन्दी में लिखिए : मीनू के हृदय में हीन भावना के कारण जो दुख के भाव थे, खुशी में परिवर्तित हो गए। प्रथम श्रेणी में पास होने पर फूली नहीं समाई। (i) मीनू के हृदय में हीन भावना ने क्यों स्थान बना लिया था ? (ii) मीनू को अपने परीक्षा परिणाम की सूचना कहां मिली थी ? (iii) नीलिमा और मीनू के बीच क्या संबंध थे? मीनू नीलिमा को किस बात की सूचना देने आई थी और क्यों ? (iv) मीनू के मन में प्रसन्नता, उदासी और पुनः प्रसन्नता के भाव कब और किस प्रकार जागृत हुए ?

Sharing is caring!

How can I get ICSE Hindi Question Paper 2024 with answers?

ICSE Hindi Paper 2024 with solution is uploaded in this page on 20th March.

What are the full marks of ICSE Hindi Question Paper?

The full marks of ICSE hindi paper is 80.

How is the the pattern of ICSE Hindi Question Paper?

There are two sections in ICSE Hindi Question Paper 2024 , both section A and B asked 40 marks questions each.

  • Question Paper

Karnataka SSLC Social Science Model Question Paper 2024

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Trending Articles

  • JEECUP Admit card 2024
  • CBSE Date Sheet 2024 for Class 10 and 12
  • NEET Syllabus 2024 [Reduced]

ICSE Hindi Question Paper 2024 with Answer key & Specimen Paper_60.1

CBSE Board Exam 2024

  • CBSE Class 10 Syllabus 2024 
  • CBSE Class 12 Syllabus 2024 
  • CBSE Previous Year Papers  
  • CUET Syllabus
  • CUET Previous Year paper
  • CUET Participating College & Universities
  • JEE Main 2024  
  • JEE Main Syllabus 2024  
  • JEE Main Exam Analysis 2023  
  • NEET 2024  
  • NEET Syllabus 2024
  • NEET State wise Cut off
  • NEET Rank Predictor  
  • NEET OMR Sheet
  • NEET College Predictor

Recent Posts

Important exams, ncert solutions.

  • NCERT Class 12
  • NCERT Class 11
  • NCERT Class 10
  • NCERT Class 9

NCERT Books

School syllabus.

  • CBSE Class 12
  • CBSE Class 11
  • CBSE Class 10
  • CBSE Class 9
  • CBSE Result
  • JEE Mains 2024

Our Other Websites

  • Teachers Adda
  • Bankers Adda
  • Adda Malayalam
  • Adda Punjab
  • Current Affairs
  • Defence Adda
  • Adda Bengali
  • Engineers Adda
  • Adda Marathi
  • Adda School

ICSE Hindi Question Paper 2024 with Answer key & Specimen Paper_200.1

Get all your queries solved in one single place. We at Adda247 school strive each day to provide you the best material across the online education industry. We consider your struggle as our motivation to work each day.

Download Adda247 App

ICSE Hindi Question Paper 2024 with Answer key & Specimen Paper_210.1

Follow us on

youtube

  • Responsible Disclosure Program
  • Cancellation & Refunds
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy

IMAGES

  1. Sample Paper ICSE Class 10 Hindi Set B pdf Download

    essay topics for class 10 in hindi

  2. हिंदी निबंध संग्रह Hindi nibandh sangrah

    essay topics for class 10 in hindi

  3. Unseen Poem Class 10 in Hindi

    essay topics for class 10 in hindi

  4. ESSAY IN HINDI

    essay topics for class 10 in hindi

  5. Class 10th Hindi Project Work

    essay topics for class 10 in hindi

  6. CBSE Class 10 Hindi A Exam old Papers

    essay topics for class 10 in hindi

VIDEO

  1. Class 10 English important essay 2022 board exam,| अंग्रेजी के 5 महत्वपूर्ण Essay writing 2022।।

  2. Class 10 Hindi

  3. Class 10 English important Article writing,10th English 5 Important Article Writing 2023 Board Exam

  4. अंग्रेजी के 5 महत्वपूर्ण Essay writing 2022।।class 10 English imp essay writing 2022।।

  5. Class 10 English 2 Most Important Letters || Up Board Exam 2024

  6. अंग्रेजी के 5 महत्वपूर्ण essay writing 2022।। class 10th English imp essay 2022 board।।

COMMENTS

  1. CBSE Class 10 Hindi A निबंध लेखन

    NCERT Solutions for Class 10 Hindi. RD Sharma Class 12 Solutions. RD Sharma Class 11. RD Sharma Class 10. RD Sharma Class 9. RD Sharma Class 8. RD Sharma Class 7. CBSE Previous Year Question Papers Class 12. CBSE Previous Year Question Papers Class 10.

  2. निबंध लेखन Hindi Essay Writing on current topics for class 9, 10

    Essay Writing in Hindi | Nibandh Lekhan | List of Hindi Essay Topics for Class 9, 10 | Hindi Vyakaran. Nibandh Lekhan - Essay Writing in Hindi for Class 9 and 10 on Current National and International Topics. Essay in Hindi for Competitive Exams like UPSC, Bank PO, and other Government Exams.

  3. कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध

    कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध. Hindi Essay for Class 10 - Hindi Essay for Class 11 - Hindi Essay for Class 12 - Hindi Essay Topics for Class 10 - Hindi Essay Topics Class 10. अगर कोई निबंध ऐसा है जिसकी आपको आवश्यकता है और यहाँ ...

  4. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

    Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन - Essays in Hindi on 100 Topics. ... ML Aggarwal Class 10 Solutions for ICSE Maths Chapter 21 Measures of Central Tendency Ex 21.5; Second Order Differential Equation Calculator | Second ODE Calculator ...

  5. Hindi Essays for Class 10: Top 20 Class Ten Hindi Essays

    List of Popular Essays for Class 10 students written in Hindi Language ! Hindi Essay Content: 1. डा. प्रतिक्षा पाटिल पर निबन्ध | Essay on Dr. Prativa Patil in Hindi 2. डा. मनमोहन सिंह पर निबन्ध | Essay on Dr. Manmohan Singh in Hindi 3. सी.एन.जी. पर निबन्ध | Essay on Compressed ...

  6. 2024 के लिये कक्षा 10वी के महत्वपूर्ण हिंदी निबंध

    hindi nibandh for class 10 हिंदी निबंध 10वी PDF Download हिंदी ... (Class 10 Important Essay In Hindi 2024) ... यहा पर दिये गए हिंदी निबंध 10वी topic आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से आप ...

  7. CBSE Class 10 Board Exam 2020: Check Important Essay Topics with

    In CBSE Class 10 Hindi A paper, question of essay writing is included in Section D which is the writing section. Essay writing question alone carries 10 marks out of the total 20 marks of this ...

  8. Essay in Hindi (Hindi Nibandh)

    Hindi Essay Topics:निबंध (Nibandh) एक विस्तृत लेख होता है जो किसी विषय के बारे में विस्तार से लिखा जाता है। इसमें आमतौर पर लेखक अपने विषय के बारे में अपने

  9. 50 Hindi Essay Topics

    50 Hindi Essay Topics - हिन्दी निबंध विषयों की लिस्ट. आज भी हम आपके लिए एक मजेदार ओर उपयोगी टॉपिक " Hindi Essay Topics " पर पोस्ट लेकर आये है! निबंध भारतीय ...

  10. निबंध लेखन, हिंदी में निबंध| Hindi Essay Writing topics

    निबंध लेखन हिंदी में - Essay Writing in Hindi. Get Full Details of Hindi Essay writing Topics for class 9, 10, Tips, and Examples of Essays.

  11. 300+ Hindi Essay And Speech Topics For School And College ...

    Current Essay Topics in Hindi 2021-2022 Essay topics in hindi Hindi Essay Topics for Class 12 Speech topics in hindi निबंध विषय भाषण विषय सूची. I have always had a passion for writing and hence I ventured into blogging. In addition to writing, I enjoy reading and watching movies. I am inactive on social ...

  12. Class 10 Hindi Essay Notes PDF (Handwritten Short & Revision)

    It is one of the important benefits, other benefits are: Acts as a Revision Tool: The Hindi Essay notes class 10 PDF acts as revision tool for students so that they can memorise important points of all chapters. Provided in a Well Organised Structure: A well organised structure of the class 10 Hindi Essay notes PDF can convert the preparation ...

  13. हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi)

    कुछ सामान्य विषयों (common topics) पर जानकारी जुटाने में छात्रों की सहायता करने के उद्देश्य से हमने हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) और भाषणों के रूप में कई लेख तैयार किए ...

  14. Hindi Essay on Various Topics, Current Topics for Class 10, Class 12

    Hridhaan on Essay on "Dignity of Labour" for School, College Students, Long and Short English Essay, Speech for Class 10, Class 12, College and Competitive Exams. Shrijit on Ek aur Ek Gyarah Hote Hai "एक और एक ग्यारह होते हैं" Essay in Hindi, Best Essay, Paragraph, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 ...

  15. हिन्दी निबंध लेखन

    हिन्दी निबंध. ३०० से अधिक विभिन्न विषयों पर निबंध शेयर कर रहे है, Essay writing in Hindi, Hindi essays for school children, essay in Hindi on current topics. Hindi nibandh for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12.

  16. हिंदी निबंध लेखन विषयों और विचारों की सूची (Nibandh/Essay in Hindi)

    अपने बारे में निबंध विषय (Essay Topics About Yourself in Hindi) मेरा परिवार. मेरा सबसे अच्छा दोस्त. मेरा शौक. मेरी मां. मेरे पिता. मेरे पसंदीदा शिक्षक. जीवन ...

  17. हिंदी में Essay topics

    Hindi में निबंध, Essays in hindi, कैसे लिखे निबंध, [Essays hindi topics], 500+ words essays in hindi, 300+ words के essays, hindi में essays. निबंध (Essays) लिखना हर किसी के बस की बात नहीं होती। अधिकांश ...

  18. ‎हिन्दी निबंध

    संत रविदास पर निबंध (Sant Ravidas Essay in Hindi) स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi) गणतंत्र दिवस पर 10 वाक्य (10 Lines on Republic Day 2024 in Hindi)

  19. 100+ हिंदी निबंध

    जिससे आपको निबंध लिखने में आसान होगा. तो आज हम आपके लिए लेकर आये हैं 100+ Hindi essay topics. तो चलिए लेख की ओर बढ़ते हैं. हिंदी निबंध विषय - List of Hindi essay topics

  20. 500+ विषयों पर हिंदी निबंध

    खुशी पर निबंध - Essay on Happiness in Hindi. जवाहरलाल नेहरू पर निबंध - Jawaharlal Nehru Essay in Hindi. किसान पर निबंध - Essay on Farmer in Hindi. विज्ञान पर निबंध - Essay on Science in Hindi. जल का महत्व ...

  21. Hindi Essay on various topics, current issues and general issues for

    Misbah Ali on Hindi Essay on "Adarsh Adhyapak " , " आदर्श अध्यापक" Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes. Vivaan on Write a letter to your friend, who has failed in his examination, advising him not to be discouraged and prepare to work hard again.

  22. 2023 हिंदी के प्रसिद्ध निबंध-famous Hindi essay, Long & Short essay in

    Essay in Hindi for Class 5, Essay in Hindi for Class 6, Essay in Hindi for Class 7, Essay in Hindi for Class 8, Essay in Hindi for Class 9, Essay in Hindi for Class 10, 11, 12 #short essay: हमारा प्रिय कवि : तुलसीदास

  23. Class 10 Essay Topics

    Writing an Essay broadens your thought process and helps in improving analytical skills. To help you out we have compiled the Essay in a simple and compelling language. Class 10 Essays have been curated by subject experts to encourage learners in their thinking capability. We have a large collection of Essay Writing Topics for 10th […]

  24. ICSE Class 10 Hindi Question Paper 2024 PDF with Answer Key

    ICSE 10th Hindi Question Paper 2024: The Class 10 Indian Certificate of Secondary Education (ICSE) Hindi Exam 2024, conducted from 11:00 a.m. to 2:00 p.m. on March 20, 2024, served as a ...

  25. ICSE Hindi Question Paper 2024 with Answer key & Specimen Paper

    Class 10 ICSE Hindi Paper Analysis 2024. The brief reviews provided by the teachers and students on ICSE Hindi Question paper 2024 are updated here. According to students who took the CBSE Class 10 Hindi Board exam 2024, the paper was moderate. Although the paper was as per expectations and not very tough or tricky, it was somewhat a lengthy paper.