आशा है अब आप सेल्स और मार्केटिंग में फर्क को समझ पा रहे होंगे, और यदि जरूरत पड़े तो अब आप इसे दूसरों को भी समझा सकेंगे.
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आज कल न्यूज़ चैनल और अखबार के माध्यम से आप अन्नपूर्णा दूध योजना के बारे में अक्सर सुन और देख रहे हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि आपको इसकी पूरी जानकारी न्यूज़ और समाचार पत्रों के माध्यम से नहीं मिल रही है. अगर आप अन्नपूर्णा दूध योजना हिन्दी में जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत…
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नमस्कार, 10Lines.co में आज हम सीखेंगे रिज्यूम कैसे बनाते हैं (Resume Kaise Banaye). तो लेख को अंत तक पूरा पढ़ें और रिज्यूम क्या होता है कैसे बनता है?, रिज्यूम का अर्थ क्या है?, जॉब के लिए बायोडाटा कैसे बनाये?, Resume me kya kya likha jata hai, Resume Kaise Bnaye, रिज्यूम फॉर्म PDF in Hindi, बायोडाटा फॉर्म हिंदी इत्यादि…
आइये आज एक नजर Most Popular MLM Companies in India के बारे में जानते है. आज कल मार्केट में हर चीज़ फिर चाहे वो एक पेन हो या फिर लैपटॉप एक से बढ़ के एक फीचर के साथ रोजाना मार्केट में आ रहे है और ऐसे में ग्राहक के लिए किसी भी चीज को खरीदना…
My life sad
मुज सेल्स के बारे में जानना है
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Introduction ( परिचय) –.
जब भी Marketing की बात आती है तो हमें यही लगता है कि Marketing का मतलब Advertising या Promotion होता है पर इसका मतलब सिर्फ यही नहीं है, असल में Advertising और Promotion Marketing के ही type हैं। Marketing को हिन्दी में ‘विपणन’ कहते हैं। इसमें बहोत सारी क्रियाएँ आती हैं। यह एक continuous process है। इसमें Advertising (विज्ञापन), Distribution (वितरण), Selling (बिक्री) शामिल हैं। इसका सम्बन्ध ग्राहकों की आवश्यकताओं के पता लगाने और सफलतापूर्वक किसी product या service का उत्पादन करने से है। मार्केटिंग की ज़रूरत एक छोटे से business man से लेकर बड़ी-बड़ी companies को पड़ती है, इसी के द्वारा वे अपने products या services को customer तक पहुँचाते हैं।
Marketing का सीधा मतलब है अपने products या services को market में लोगों तक पहुँचाना, सारी कम्पनियाँ अपनी sales को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करती हैं। किसी product की मार्केटिंग किये बिना हम ये चाहें कि हमारा product ज़्यादा sell हो तो यह सम्भव नही है, उस product के बारे में लोगों को बताना ज़रूरी है तभी लोग उस product के बारे में जान पाएँगे। जो भी कम्पनी customer की ज़रूरतों के हिसाब से product को बनाती है और उसे sell करती है वह बाकी कम्पनियों की तुलना में ज़्यादा profit कमाती है और grow भी करती है। इस प्रकार Marketing का मतलब सबसे पहले ग्राहकों की ज़रूरतों को समझना कि उन्हें क्या चाहिए? किस Price (मूल्य) पर चाहिए? उसके हिसाब से product को sell किया जाता है।
नीचे कुछ विद्वानों द्वारा मार्केटिंग की परिभाषा दी गयी है जिसे हम आसानी से समझ सकते हैं –
According to Philip Kotler –
“Marketing is a social and managerial process by which individuals and groups obtain what they need and want through creating and exchanging products and value with other.”
According to American Marketing Association –
“The performance of business activities that direct the flow of goods and services from producer to consumer/user.”
इस Marketing process में 4 element होते हैं जिन्हें हम 4 P’s भी कहते हैं। ये Marketing के pillars हैं, इनकी help से हम Marketing को easily समझ सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं –
आज ऐसा नही है कि कम्पनी जो मन चाहे वह product बनाकर उसे sell कर सकती है। आज के time में एक कम्पनी जो भी product बनाती है तो उस product को बनाने से पहले वह एक survey या market research करती है कि एक product में customer क्या चीज़े ढूंढ रहा है? उसको उस product में क्या-क्या चीजें चाहिए। इस तरह हर कम्पनी survey करती है और customer की need को identify करती है और उसी के हिसाब से वह अपने product को बनाती है।
जब product ready हो जाता है तो उसके बाद ये decide किया जाता है कि उस product की क्या Price होगी? Price सही भी होनी चाहिए क्योंकि इस price का product की selling पर असर पड़ता है। कोशिश करनी चाहिए कि कम से कम price में Best Quality के product दे सकें जिससे कि Brand का नाम भी होगा और लोग automatic product को recommend करेंगे। अगर product अच्छा है और उसकी market research की गई है तो उसका price बढ़ाया जा सकता है यानी किसी भी product की price को market research करके ही decide किया जाता है, और इसे decide करने की अलग-अलग strategy भी होती हैं। कभी-कभी उस product पर कुछ offers या discount वगैरह भी दिए जाते हैं जिससे कि customer लालच में आकर उसे purchase करता है।
किसी भी product को तैयार करने के बाद उसे customer तक कैसे पहुँचाना है ये decide किया जाता है। इसके लिए एक स्थान निर्धारित किया जाता है ताकि सही समय पर सही जगह पहुँचाया जा सके। अलग-अलग distribution channel के through product deliver किया जाता है। इसमें whole seller और retailer आते हैं
किसी भी product की Marketing करने के लिए उसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक products की जानकारी देने के लिए products को promote करना होगा, क्योंकि product खरीदने से पहले लोगों को उसके बारे में जानना ज़रूरी है। इसमें बहोत सारी चीज़ें आती है कि customer को किस तरह से product के बारे में बताया और उस तक पहुँचाया जा सके। Advertisement के through लोगों को information दी जाती है। किसी भी advertisement के तरीके में कोशिश ये होनी चाहिए कि कम पैसे में अपने products को ज़्यादा से ज़्यादा audience को दिखा पाएँ। after sale service या warranties से product की selling बढ़ती है। आजकल तो products और services को लोगों तक पहुँचाने के लिए social media और whatsapp के द्वारा लोगों को जानकारी दे सकते हैं।
तो इस article में मैंने आपको बताया कि Marketing किसे कहते हैं? Meaning and Definition of Marketing in Hindi
उम्मीद करता हूँ इस article से आपको कुछ knowledge मिली होगी, अगर आपको कुछ समझ में आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर share करें।
Thank You !
What is Management in Hindi – प्रबन्ध का अर्थ ?
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परिभाषा, प्रकार, फ़ायदे, और उदाहरण.
मार्केट सेगमेंटेशन का मतलब संभावित कस्टमर को उनकी मुख्य ख़ासियतों के आधार पर ग्रुप में परिभाषित करना है, ताकि वे प्रोडक्ट और सर्विस को मार्केट में ला सकें. चार सामान्य प्रकार के कस्टमर सेगमेंट डेमोग्राफ़िक, साइकोग्राफ़िक, भौगोलिक और व्यवहारिक हैं.
Contents in the Article
अनुसंधान के द्वारा उन मौलिक प्रश्नों के उत्तर देने के प्रयास किया जाता है जिनका उत्तर अभी तक उपलब्ध नहीं हो सका है। यह उत्तर मानवीय प्रयासों पर आधारित होता है इस प्रत्यय को चन्द्रमा के एक उदाहरण से स्पष्ट किया जा सकता है। कुछ वर्ष पहले जब तक मनुष्य चन्द्रमा पर नहीं पहुँचा था, चन्द्रमा वास्तव में क्या हैं ? इस सम्बन्ध में सही जानकारी नहीं थी। यह एक समस्या भी थी जिसका कोई समाधान भी नहीं था। मनुष्य को चन्द्रमा के सम्बन्ध में मात्र आवधारणाएं ही थी, शुद्ध ज्ञान नहीं था। परन्तु मनुष्य अपने प्रयास से चन्द्रमा पर पहुंच गया है। इस प्रकार शोध कार्यों द्वारा उन प्रश्नों का उत्तर खोजने का प्रयास किया जाता है जिनका उत्तर साहित्य में उपलब्ध नहीं है अथवा मनुष्य की जानकारी में नहीं है। उन समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयत्न किया जाता है जिसका समाधान उपलब्ध नहीं है और न ही मनुष्य की जानकारी में है।
अनेक परिभाषाएं अनुसन्धान की गई है प्रमुख परिभाषा इस प्रकार हैं-
रेडमेन एवं मोरी के अनुसार- “नवीन ज्ञान की प्राप्ति के लिए व्यावस्थित प्रयास ही अनुसंधान हैं।”
पी० एम० कुक के अनुसार- ‘अनुसंधान किसी समस्या के प्रति ईमानदारी, एवं व्यापक रूप में समझदारी के साथ की गई खोज है। जिसमें तथ्यों, सिद्धान्तों तथा अर्थों की जानकारी की जाती है। अनुसंधान की उपलिब्ध तथा निष्कर्ष प्रामाणिक तथा पुष्टि करने योग्य होते हैं। जिससे ज्ञान में वृद्धि होती है।
शोध समस्याओं की विविधता अधिक है इसके चार प्रमुख उद्देश्य होते हैं- सैद्धान्तिक उद्देश्य, तथ्यात्मक उद्देश्य, सत्यात्मक उद्देश्य तथा व्यावहारिक उद्देश्य इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-
अनुसन्धान के उद्देश्यों से यह स्पष्ट है कि अनुसन्धानों का वर्गीकरण कई प्रकार से किया जा सकता है। प्रमुख वर्गीकरण मानदण्ड पर आधारित है-
शोध कार्यों के योगदान की दृष्टि से शैक्षिक अनुसन्धानों को दो भागों में विभाजित कर सकते हैं-
मौलिक अनुसंधान ( Basic or Fundamental Research)- इन शोध कार्यों द्वारा नवीन ज्ञान की वृद्धि की जाती है-नवीन सिद्धान्तों का प्रतिपादन नवीन तथ्यों की खोज, नवीन तथ्यों का प्रतिपादन होता है। मौलिक-अनुसन्धानों से ज्ञान के क्षेत्र में वृद्धि की जाती है। इन्हें उद्देश्यों की दृष्टि से तीन भागों में बाँटा जा सकता है-
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बहुत सुन्दर प्रस्तुति। सम्पूर्ण जानकारी देने में सक्षम है।
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अनुसंधान या शोध की अवधारणा | अनुसंधान या शोध की परिभाषाएं | शोध के उद्देश्य | उद्देश्य के आधार पर शोध के प्रकार | Research or research concept in Hindi | Definitions of research or research in Hindi | Research Objectives in Hindi | Types of research based on purpose in Hindi
Table of Contents
(Concept and Definitions of Research)
शोध, खोज, अन्वेषण, अनुसंधान वास्तव में एक ही वैज्ञानिक प्रक्रिया के पर्यायवाची हैं। इतिहास में शोध की प्रक्रिया के जनक प्रो. जे.बी. ब्यूरी थे। उनका मत था कि, “इतिहास एकाकी विज्ञान है न कम और न अधिक।” ब्यूरी के बाद, नेवूहर एवं राके (जर्मनी), ऐक्टन (ब्रिटेन), कार्ल बेकर (अमेरिका), रैने (फ्रांस) आदि ने भी इसका समर्थन किया और इतिहास में शोध की आधारशिला रखी। इन्होंने ऐतिहासिक शोध की आधुनिक विधाओं और आलोचना पद्धति की विधि प्रतिपादित की हैं।
19वीं शताब्दी में ऐतिहासिक शोध की वैज्ञानिक प्रणाली को परिपक्वता एवं प्रौढ़ता प्राप्त हुई। बर्नहॉम, आंग्लाय तथा सेनावास ने ऐतिहासिक अध्ययन की वैज्ञानिक प्रणाली के माध्यम से अतीत के अनेक मौलिक तथ्यों को अपने समसामयिक समाज के सम्मुख उद्घाटित किया।
कार्ल बेकर ने 1931 में अमेरिकन इतिहास परिषद के अपने अध्यक्षीय भाषण में इसकी व्याख्या करते हुए कहा था, “ऐतिहासिक शोध वह वैज्ञानिक विधा है जिसमें एक इतिहासकार केवल उन तथ्यों का चयन करता है जिसे उसका समाज महत्वपूर्ण बताता है और केवल उन प्रतिमानों को पाने का प्रयास करता है जिन्हें पाने के लिये उसका समाज निर्देशित करता है।”
लेकिन कार्ल बेकर के उक्त मत का खण्डन करते हुए बर्नहीम ने लिखा है, “शोध स्वयंमेव इतिहास नहीं, अपितु इतिहासकार द्वारा अपने लक्ष्य तक पहुँचने का एक साधन तथा प्रक्रिया है। अतएव शोध का अभिप्राय केवल समाज -निर्दिष्ट अतीत के अंतर्निहित प्रतिमानों को खोजना ही नहीं, अपितु इसके अतिरिक्त कुछ और भी है।”
शेकअली के अनुसार, ” शोध एक प्रक्रिया है जिसका अभिप्राय अतीत सम्बन्धी नीवन तथ्यों को प्रकाश में लाना तथा ज्ञान की सीमा को विस्तृत करता है।”
रेनियर के अनुसार, “शोधकर्ता का उद्देश्य नवीन तथ्यों की खोज करना, उपलब्ध तथ्यों का संशोधन करना तथा नवीन साक्ष्यों के आधार पर अतीत की घटना का यथार्थ एवं परिकल्पनात्मक प्रस्तुतिकरण होता है।”
एच.सी. हॉकेट का कहना है, “शोध का अभिप्राय अतीतकालिक घटना के सम्बन्ध में नवीन सूचना तथा विचार का प्रस्तुतिकरण होता है।”
(Objectives of Research)
शोध के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं- (1) सैद्धान्तिक उद्देश्य, (2) व्यावहारिक उद्देश्य तथा (3) व्यक्तिगत उद्देश्य |
(1) सैद्धान्तिक उद्देश्य- शोध मूल रूप से ज्ञान की वृद्धि का साधक है। इस दृष्टि से शोध का सैद्धान्तिक उद्देश्य तथ्यों, घटनाओं अथवा समस्याओं के विषय में ज्ञान प्राप्त करना है जिससे पुराने तथ्यों का सत्यापन, नये तथ्यों की खोज, नये सिद्धान्तों का निर्माण तथा परीक्षण किया जाता है। इस प्रकार शोध के निम्नलिखित सैद्धान्तिक उद्देश्य हो सकते हैं-
(i) शोध का उद्देश्य प्रयोगों द्वारा सिद्ध तथ्यों के आधार पर अवधारणाओं की रचना करना है।
(ii) शोध द्वारा पुराने तथ्यों की जाँच एवं नवीन तथ्यों की जानकारी की जाती है।
(iii) शोध का उद्देश्य पूर्व स्थापित सिद्धान्तों की जाँच तथा परीक्षण करना है।
(iv) शोध का उद्देश्य घटना एवं तथ्यों के मध्य कार्य, कारण, सम्बन्ध को खोजना भी है।
(2) व्यावहारिक उद्देश्य- यद्यपि शोध का प्राथमिक उद्देश्य सैद्धान्तिक ज्ञान में अभिवृद्धि करना होता है तथापि उस ज्ञान का व्यावहारिक धरातल पर उपयोग न होने पर ऐसा शोध अर्थहीन हो जाता है। अतः शोध के व्यावहारिक उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
(i) शोध के द्वारा सर्वोत्कृष्ट विकल्प की खोज की जाती है।
(ii) शोध के द्वारा भविष्य के लिये योजनाओं के निर्माण में सहायता मिलती है।
(iii) शोध का व्यावहारिक उद्देश्य सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं का समाधान करने में सहायक होना भी है।
(iv) शोध के द्वारा किसी घटना के स्वरूप व कारणों के बारे में गहन जाँच कर उस समस्या को नियन्त्रित करने में सहायता मिलती है।
(v) शोध के द्वारा विभिन्न चरों (Variables) में परस्पर सम्बन्ध स्थापित कर परिकल्पनाओं (Hypothesis) को स्वीकृत अथवा अस्वीकृत किया जाता है।
(vi) शोध राजकीय तथा आर्थिक नीतियों का आधार प्रदान करता है।
(vii) शोध व्यवसाय तथा उद्योग की क्रियात्मक तथा नियोजन सम्बन्धी समस्याओं का समाधान करने में सहायक होता है।
(viii) शोध के द्वारा सामाजिक सम्बन्धों तथा समस्याओं का समाधान ढूँढने की सहायता मिलती है।
(3) व्यक्तिगत उद्देश्य- यहाँ प्रश्न यह उठता है कि एक व्यक्ति अन्ततः शोध करने के लिये क्यों अभिप्रेरित होता है? इस प्रश्न के उत्तर में शोध के व्यक्तिगत उद्देश्य निम्नलिखित हो सकते हैं-
(i) शोध के आधार पर रोजगार तथा उन्नति प्राप्त, हो सकती है क्योंकि बहुत से ऐसे व्यवसाय हैं जिनमें प्रवेश करने के लिये एक व्यक्ति को शोध करना आवश्यक होता है।
(ii) एक व्यक्ति समाज सेवा की दृष्टि से भी शोध एवं अनुसन्धान कर सकता है।
(iii) शोध करने का व्यक्तिगत उद्देश्य समाज में सम्मान प्राप्त करना भी हो सकता है।
(iv) कुछ व्यक्ति रचनात्मक कार्य करने में आनन्द का अनुभव प्राप्त करते हैं।
(v) इसी प्रकार एक शोधकर्ता ऐसी समस्याओं का समाधान करने सम्बन्धी चुनौती स्वीकार करना उचित समझता है जिनका वर्तमान में कोई समाधान नहीं है।
(vi) सरकारी निर्देशों के आधार पर भी शोध करना अनिवार्य हो सकता है।
उद्देश्य के आधार पर- उद्देश्य के आधार पर शोध निम्न प्रकार का हो सकता है-
(1) मौलिक सैद्धान्तिक शोध ( Fundamental, Pure or Basic, Research)- नये सिद्धान्तों का सूत्रपात अथवा पुराने सिद्धान्तों की समीक्षा तथा संशोधन मौलिक शोध का विषय है। इसमें ज्ञान प्राप्ति का उद्देश्य सामान्यीकरण के द्वारा सिद्धान्तों की व्याख्या करना होता है। मौलिक अनुसन्धान में यह भी देखा जाता है कि क्या परिवर्तित परिस्थितियों में पुराने सिद्धान्त उचित हैं अथवा नहीं। यदि पुराने सिद्धान्त वर्तमान सन्दर्भ में ठीक न हों तो उन्हें अस्वीकृत कर नये सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया जाता है। वास्तव में मौलिक अनुसन्धान का उद्देश्य उपलब्ध ज्ञान में अभिवृद्धि कर उसे समष्टि (Universe) में प्रयुक्त करने योग्य बनाया है।
(2) व्यावहारिक शोध ( Applid Research)- व्यावहारिक शोध में मौलिक शोध से प्राप्त परिणामों को वास्तविक घटनाओं तथा परिस्थितियों पर लागू कर प्राप्त परिणामों के आधार पर निष्कर्ष ज्ञात किये जाते हैं। पी०वी० यंग के अनुसार, “ज्ञान की खेज का निश्चित सम्बन्ध लोगों की प्राथमिक आवश्यकताओं एवं कल्याण से होता है। वैज्ञानिक की मान्यता यह होती है कि समस्त ज्ञान मूलभूत रूप से इस अर्थ में उपयोग होता है कि वह इस सिद्धान्त के निर्माण में या एक कला को व्यवहार में लाने में सहायक होता है, सिद्धान्त और व्यवहार आगे जाकर एक- दूसरे में मिल जाते हैं।” इस प्रकार व्यावहारिक अनुसन्धान की संज्ञा उसे दी जाती है जिसमें ज्ञानक्षप्राप्ति मानवीय भाग्य के सुधार में सहायता प्रदान कर सके।
(3) क्रिया शोध ( Action Research)- एक ऐसा शोध क्रिया शोध कहलाता है जो किसी समस्या अथवा घटना के क्रिया पक्ष पर बल देता है। विकास की गति को बढ़ाने के लिए तथा अपूर्ण आवश्यकताओं की प्रभावपूर्ति के लिए क्रिया शोध आवश्यक है।
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जैसा कि प्रौद्योगिकी ने पिछले कुछ वर्षों में सब कुछ बदल दिया है, अब सब कुछ डिजिटल रूप से किया जा रहा है, जो बताता है कि क्यों हर उद्योग को आज एक डिजिटल बाज़ारिया की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अपने ग्राहकों को मूल्य प्रदान करते हैं। चूंकि ज्यादातर लोग लंबे समय तक काम करते हैं, इसलिए उनके पास बाहर खरीदारी करने के लिए शायद ही कभी समय होता है।
आज, दुनिया का 80% हिस्सा ऑनलाइन है, और ज्यादातर लोग खरीदारी करने से पहले अपना शोध ऑनलाइन करना पसंद करते हैं।
ऑनलाइन डोर-टू-डोर सेवा किसी के लिए भी उपलब्ध है। ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने के लिए स्विगी और जोमैटो समेत कई प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं। भोजन की डिलीवरी तुरंत उनके दरवाजे पर की जाती है। आजकल, आप परिवहन सेवाओं को ऑनलाइन भी पा सकते हैं। ओला, उबर कैब्स, उबर ऑटो, रैपिडो और अन्य जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को टैक्सी, ऑटो या दोपहिया वाहन बुक करने की सुविधा देते हैं।
ये सभी प्लेटफॉर्म डोर-टू-डोर पिक-अप और डिलीवरी सेवाएं प्रदान करते हैं। साथ ही इससे रोजगार के कई अवसर उपलब्ध हुए हैं। इसके अलावा, अब घर बैठे ही रेलवे, हवाई जहाज या जलमार्ग के टिकट ऑनलाइन बुक करना आसान हो गया है।
कोविड 19 महामारी के दौरान सब कुछ डिजिटल हो गया है। विभिन्न दैनिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए व्यक्ति तेजी से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं। महामारी के दौरान इंटरनेट भुगतान विधियों के उपयोग में 42% की वृद्धि हुई। ऑनलाइन भुगतान एप्लिकेशन जैसे पेटीएम , फोनपे , भीम , गूगल पे और अन्य ऑनलाइन भुगतान करने के लिए लाभ लाते हैं। कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने और उसका प्रतिनिधित्व करने का एक अन्य तरीका प्लास्टिक मनी है। डिजिटल इंडिया का मुख्य लक्ष्य “फेसलेस, पेपरलेस और कैशलेस” बनना है।
भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हालांकि 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के बारे में कई चर्चाएं हुई हैं, हमें पहले यह जानना होगा कि इसमें क्या – क्या शामिल है। एक अर्थव्यवस्था जो डिजिटल तकनीकों, बुनियादी ढांचे, सेवाओं और डेटा के उपयोग पर निर्भर करती है, उसे “डिजिटल अर्थव्यवस्था” के रूप में जाना जाता है। डिजिटल तकनीक की उन्नति ने जुडी हुई सेवाओं और संचालन का समर्थन करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के प्रकार को बदल दिया है।
डिजिटल मार्केटिंग रणनीति में इंटरनेट और संचार के अन्य इलेक्ट्रॉनिक रूपों के माध्यम से संभावित ग्राहकों के साथ एक ब्रांड को जोड़ना शामिल है। एक मार्केटिंग चैनल में न केवल ईमेल, सोशल मीडिया और वेब-आधारित विज्ञापन शामिल होते हैं, बल्कि टेक्स्ट संदेश और मल्टीमीडिया संदेश भी शामिल होते हैं। Instagram और YouTube जैसे सोशल मीडिया चैनलों का लाभ उठाकर, आप प्रभावशाली बनकर और वीडियो बनाकर पैसे कमा सकते हैं। Facebook विज्ञापन, Google विज्ञापन, ई-कॉमर्स उत्पाद और Youtube विज्ञापन सभी डिजिटल मार्केटिंग का हिस्सा हैं। डिजिटल मार्केटिंग उद्योग आय अर्जित करने के अवसरों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।
1. Earning (कमाई)
डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में रोजगार के ढेरों अवसर हैं, आपके उच्च वेतन के लिए बातचीत करने के बहुत सारे मौके हैं। डिजिटल मार्केटिंग करने के लिए आपको किसी संगठन के साथ काम करने की ज़रूरत नहीं है, जो इसकी सबसे अच्छी विशेषताओं में से एक है। आप घर से या एक फ्रीलांसर के रूप में भी काम कर सकते हैं। यदि आपके पास प्रासंगिक ज्ञान या क्षमताएं हैं, और आप अपनी उपलब्धियों को साबित करने में सक्षम हैं, तो आप इस क्षेत्र में वांछित वेतन के लिए बातचीत कर सकते हैं और प्राप्त कर सकते हैं। भारत में डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में विभिन्न पदों पर विभिन्न वेतनमानों के अनुसार भुगतान किया जाता है। डिजिटल मार्केटिंग उद्योग अच्छे वेतन के साथ विभिन्न प्रकार की करियर संभावनाएं प्रदान करता है, और नए लोगों के लिए शुरुआत करना आसान है क्योंकि ऐसे कई अलग-अलग क्षेत्र हैं जिनमें वे अपनी रुचियों को आगे बढ़ा सकते हैं। खुद का व्यवसाय करें, एक उद्यमी बनें, या एक फ्रीलांसर के रूप में काम करें। डिजिटल मार्केटिंग राजस्व का एक उत्कृष्ट स्रोत है।
2. Large no. of jobs (बड़ी संख्या में नौकरी की उपलब्धता )
डिजिटल मार्केटिंग नौकरी के अवसरों की बहुतायत प्रदान करता है। जैसा कि इस क्षेत्र में योग्य उम्मीदवारों की उच्च मांग है, ऐसे कई जॉब पोर्टल्स हैं जिनका उपयोग आप अपनी योग्यता और रुचियों के अनुरूप स्थिति खोजने के लिए कर सकते हैं। ऐसे कई जॉब पोर्टल हैं जिनका उपयोग आप सर्वोत्तम संभव नौकरी खोजने के लिए कर सकते. उदाहरण के लिए, Naukri.com सबसे प्रभावी जॉब पोर्टल्स में से एक है, जो हर महीने भारत में “90,502” नौकरी के अवसर प्रदान करता है, और इनडीड में “2,91,026” प्रदान करता है, इसके अतिरिक्त, आप ग्लासडोर, जॉब पर भी नौकरी पा सकते हैं। है, लिंक्डिन, और अपना, और इसी तरह, आप अपनी योग्यता के अनुसार आवेदन कर सकते हैं
डिजिटल मार्केटिंग का प्रबंधक कई अलग-अलग चीजों का प्रभारी होता है। उनके मुख्य लक्ष्यों में उनकी कंपनी की डिजिटल सामग्री का विकास और परिशोधन करना और बिक्री की विभिन्न संभावनाओं को नवप्रवर्तित करना शामिल है।
डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर ऑनलाइन वातावरण में ब्रांड के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अलावा मार्केटिंग पहल विकसित करते हैं जो किसी कंपनी या सेवा को बढ़ावा देते हैं। अन्य बातों के अलावा, वे सोशल मीडिया अभियानों की देखरेख करते हैं, क्लाइंट और बिजनेस लीड्स को लक्षित करते हैं और वेबसाइट ट्रैफ़िक का प्रबंधन करते हैं।
इन दिनों, डिजिटल संवाद ग्राहकों और ग्राहकों द्वारा संचालित होते हैं। सबसे बड़ी सामग्री के लिए उपभोक्ताओं की मजबूत आवश्यकता के कारण सामग्री रणनीतिकार उच्च मांग में हैं।
एक प्रभावी विपणन और संचार योजना को पूरा करने के लिए सामग्री रणनीतिकार की स्थिति आवश्यक हो गई है, भले ही दर्शकों को अपडेट करने और लीड उत्पन्न करने के लिए सामग्री विपणन सभी प्रकार के व्यवसायों के लिए रणनीति बन गई है। ब्रांड जागरूकता और लीड जनरेशन को बढ़ावा देने के लिए व्यवसायों और घरेलू मार्केटिंग टीमों को योग्य सामग्री रणनीतिकारों की आवश्यकता होती है जो सामग्री का निर्माण, विश्लेषण और प्रसार कर सकते हैं।
किसी भी क्षेत्र का विशेषज्ञ एक विशिष्ट विषय विशेषज्ञ होता है; वे वास्तव में आवश्यक रूप से अधिकारी नहीं हैं, बल्कि उनके पास उस क्षेत्र में गहन विशेषज्ञता और समझ है। एक सोशल मीडिया विशेषज्ञ वह है जो सोशल मीडिया मार्केटिंग में माहिर है। इस पर अधिकार किसका है? जो विभिन्न सोशल मीडिया टूल्स के साथ-साथ सोशल मीडिया साइट्स के माध्यम से ब्रांडिंग की अवधारणाओं से अवगत है। सोशल मीडिया का एक विशेषज्ञ समझता है कि कंपनी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आकर्षक पोस्ट कैसे बनाएं और सोशल मीडिया नेटवर्क का उपयोग कैसे करें।
खोज इंजन विपणन विशेषज्ञ (एसईओ/एसईएम) संगठन की संपूर्ण एस.ई.ओ रणनीति का निर्माण, निष्पादन और प्रबंधन करते हैं। वे जिन गतिविधियों का प्रबंधन करते हैं उनमें डिजाइनिंग सामग्री रणनीति, कीवर्ड रणनीति, लिंक बिल्डिंग, वेब मार्केटिंग और वेब एनालिटिक्स शामिल हैं।
पे-पर-क्लिक (पी.पी.सी) प्रभावी विज्ञापन रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने वाली डिजिटल विज्ञापन स्थितियों के लिए पी.पी.सी विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है। पीपीसी विशेषज्ञ कंपनी की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले डिजिटल मार्केटिंग अभियानों की योजना बनाने और निष्पादित करने के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हैं। पी.पी.सी विशेषज्ञ पी.पी.सी कंपनियों के लिए, या कॉर्पोरेट विज्ञापन विभाग के लिए स्व-नियोजित या फ्रीलांसरों के रूप में अलग से काम कर सकते हैं। वे आंतरिक ग्राहकों (व्यवसाय या संगठन के लिए विपणन अभियान बनाने वाली आंतरिक टीम) या बाहरी ग्राहकों (बाहरी ग्राहकों के साथ काम करने वाली एजेंसी पी.पी.सी विशेषज्ञ) को संभाल सकते हैं।
ई-मेल मार्केटिंग में एक विशेषज्ञ एक डिजिटल मार्केटर होता है जो ई-मेल सूची बनाने, ई-मेल बनाने और लिखित संचार के माध्यम से संभावनाओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करता है। प्रतिस्पर्धी बाजार में ब्रांड की पहचान बढ़ाने और कंपनी की स्थिति को मजबूत करने के लिए, ये विशेषज्ञ ईमेल ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके ईमेल ब्लास्ट, न्यूजलेटर और अन्य प्रकार के ईमेल भेजते हैं।
विश्लेषिकी विशेषज्ञों को कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर के साथ-साथ मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके विस्तृत उद्देश्यों के लिए डेटा का विश्लेषण और वर्गीकरण करने का काम सौंपा जाता है। सिस्टम सुरक्षा, उत्पादकता और डेटा प्रबंधन प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के साथ-साथ उन्हें यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उनके सिस्टम के विश्लेषणात्मक उपकरण, कौशल वर्तमान और भविष्य के व्यावसायिक उद्देश्यों दोनों का समर्थन करते हैं।
सी.आर.ओ विशेषज्ञ संकर हैं। उन्हें टेस्टिंग प्लेटफॉर्म, वेबसाइट एनालिटिक्स टूल, कंटेंट एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम और कंज्यूमर वॉयस टूल्स (VoC) के बारे में ज्ञान होना चाहिए। एक व्यक्ति जितना अधिक पारिस्थितिक तंत्र से परिचित होता है, वह एक संगठन के लिए उतना ही अधिक मूल्यवान होता है। रूपांतरण क्षेत्र में एकल और एकाधिक परीक्षण को समझना महत्वपूर्ण है, भले ही ये अवधारणाएं पूर्वापेक्षाएँ हों। सर्वेक्षण कौशल, मेट्रिक्स और वेबसाइट ट्रैफ़िक का ज्ञान, UX विशेषज्ञता, तकनीकी ढेर का ज्ञान, और परियोजनाओं को प्रबंधित करने की IT क्षमता, ये सभी सफल CRO व्यवसायियों की विशेषताएँ हैं।
बढ़ते ब्रांड नामों की तुलना में भारत में डिजिटल मार्केटिंग की नौकरियों की पेशकश करने वाली सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में उम्मीदवारों के लिए अधिक आकर्षक अवसर हैं। कुछ बेहतरीन डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों जैसे एक्सेंचर , अमेज़ॅन , फ्लिपकार्ट , फ्यूल ऑनलाइन और लाउंज लिजर्ड । जो बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम डिजिटल मार्केटर्स को हायर करना चाहते हैं।
अपनी ऑनलाइन उपस्थिति में सुधार करके, डिजिटल मार्केटिंग सेवाएं कंपनियों को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचने, आला दर्शकों तक मार्केटिंग करने, रूपांतरण दरों को अधिकतम करने, आर-ओ-आई में वृद्धि ,ट्रैक करने योग्य और मापने योग्य परिणामों में मदद कर सकती हैं।
Reaching a global audience (वैश्विक दर्शकों तक पहुंचना).
डिजिटल मार्केटिंग ने सभी प्रकार की भौगोलिक बाधाओं को समाप्त कर दिया है, जो इसके सबसे बड़े लाभों में से एक है।
आप विदेश से ग्राहकों का स्वागत कर सकते हैं और दूर रहने वाले लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। एक क्लिक के साथ, आप उन तक पहुंच सकते हैं और उन लोगों तक पहुंच बना सकते हैं जो अन्यथा आपके बारे में नहीं जानते होंगे।
हालांकि हम जानते हैं कि यह देखते हुए कि वैश्विक दर्शक काफी बड़ी संख्या है, डिजिटल मार्केटिंग इस मुद्दे से निपटने में मदद कर सकता है।
आला लक्ष्यीकरण में केवल उन व्यक्तियों से संपर्क करना शामिल है जो आपके मानदंडों को पूरा करते हैं। डिजिटल मार्केटिंग इसमें सहायता करने में सक्षम है। जब आप मार्केटिंग करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, तो आप उन लोगों को हटाकर विज्ञापन चला सकते हैं जो आपके लक्षित दर्शकों के गुणों को दर्शकों से फिट नहीं करते हैं।
उदाहरण के लिए, आप भारत को एक क्षेत्र के रूप में निर्दिष्ट कर सकते हैं, फिर 25 और 40 वर्ष की आयु के बीच की महिलाओं द्वारा परिणामों को फ़िल्टर कर सकते हैं, और फिर आगे भी कार्यरत महिलाओं द्वारा फ़िल्टर कर सकते हैं।
इस प्रकार विशिष्ट लक्ष्यीकरण हो सकता है, और इससे भी अधिक विशेष रूप से इसे डिजिटल मार्केटर बनाता है।
इसे हम डिजिटल मार्केटिंग के सबसे बड़े लाभ के रूप में देखते हैं। सभी व्यावसायिक प्रयास अंततः उनकी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए नीचे आते हैं। डिजिटल मार्केटिंग द्वारा प्रदान की गई व्यापक पहुंच को देखते हुए कीमतें अपेक्षाकृत उचित हैं और बोझ नहीं हैं। पारंपरिक मार्केटिंग की तुलना में, डिजिटल मार्केटिंग में बहुत कम व्यय की आवश्यकता होती है, अक्सर शून्य भी।
नतीजतन, डिजिटल मार्केटिंग की तुलना में पारंपरिक मार्केटिंग में बहुत कम आर-ओ-आई है। इसके अतिरिक्त, यह स्टार्टअप्स और छोटे उद्यमों को उनके वित्तीय संसाधनों पर अत्यधिक दबाव डाले बिना डिजिटल मार्केटिंग को उसकी पूरी क्षमता तक उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
यदि आप अपने परिणामों को ट्रैक नहीं कर सकते हैं, तो हमारी राय में कोई भी व्यावसायिक रणनीति व्यर्थ है। संक्षेप में, इसका तात्पर्य अंधे होते हुए प्रयास करना है।
एक ठोस योजना बनाना और उसे क्रियान्वित करना केवल आधी लड़ाई है। अंतिम उद्देश्य आपके प्रदर्शन की निगरानी करना, आपकी सफलता या विफलता का आकलन करना और सुधारात्मक कार्रवाई करना है।
आप Google Analytics और Google सर्च कंसोल जैसे टूल के साथ शुरू से अंत तक अपने डिजिटल मार्केटिंग प्रयासों की प्रभावशीलता से निगरानी कर सकते हैं।
आप यह चुन सकते हैं कि इस तरह से आपके लिए कौन सी कार्यनीति काम करती रहे।
जैसा कि हमने ऊपर देखा, प्रदर्शन को मापने से हमें यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि हमारी सबसे बड़ी बिक्री कहाँ उत्पन्न हुई है ताकि हम ग्राहकों को उचित रूप से लक्षित कर सकें।
उच्च मांग वाले क्षेत्रों में हमारे निवेश के परिणाम के रूप में उच्च रूपांतरण दर हैं।
यह पता लगाना कि पारंपरिक विपणन के साथ एक लीड कहां उत्पन्न हुई, असंभव से कठिन है, इस प्रकार आप अपना कीमती समय गलत लीड पर बर्बाद कर सकते हैं।
लेकिन डिजिटल मार्केटिंग के साथ, उसी आबादी पर ध्यान केंद्रित करके इस समस्या का समाधान किया जा सकता है जिसने सबसे अधिक लीड परिवर्तित की।
डिजिटल मार्केटिंग या तो मुफ्त में या शुल्क देकर सीखी जा सकती है। बिना पैसे चुकाए डिजिटल मार्केटिंग सीखना संभव है। यदि आप भुगतान करने को तैयार नहीं हैं तो विभिन्न स्रोत बाजार में उपलब्ध हैं। डिजिटल मार्केटिंग संस्थान पूरे डिजिटल वातावरण में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, इसलिए यदि आप पूरे डिजिटल क्षेत्र में डिजिटल मार्केटिंग के बारे में सीखना चाहते हैं तो आप नामांकन कर सकते हैं। हालाँकि, यदि आप डिजिटल मार्केटिंग के बारे में मुफ्त में सीखने में रुचि रखते हैं, तो आपको केवल एक सिंहावलोकन मिलेगा। डिजिटल मार्केटिंग की गहरी समझ के लिए आपको एक पेड कोर्स में दाखिला लेना होगा। और इन कौशलों को सीखने के लिए डिजीपरफॉर्म सबसे अच्छी जगह है
अगर आप इसे पूरी तरह से समझ लें तो मार्केटिंग फलफूल रही है और आप इस क्षेत्र में बहुत सफल हो सकते हैं। आप विभिन्न प्रकार के संसाधनों से मुफ्त में डिजिटल मार्केटिंग सीख सकते हैं जो सर्वोत्तम, सबसे गहन निर्देश प्रदान करते हैं। ये पाठ्यक्रम शायद नौसिखियों के लिए उपलब्ध सबसे विस्तृत पाठ्यक्रम हैं। छात्रों को व्यावहारिक विपणन अनुभव प्रदान करने के अलावा, इसका एक प्रमुख शैक्षिक पैनल भी है, जो एक महत्वपूर्ण तत्व है, डिजिटल मार्केटिंग के सभी पहलुओं को शामिल करता है और मान्यता प्राप्त शिक्षाविदों द्वारा निर्देशित किया जाता है। आप डिजिटल मार्केटिंग के प्रमुख पहलुओं को समझेंगे, जैसे एस.ई.ओ , एस एम ओ, एस एम एम , Google विज्ञापन, सामग्री निर्माण, ई-मेल मार्केटिंग, इत्यादि।
जब आप इन पाठ्यक्रमों को पूरा कर लेंगे, तो आपको लगभग हर विषय में डिजिटल मार्केटिंग में ज्ञान प्राप्त होगा।
डिजिटल मार्केटिंग सीखने के लिए ये कुछ बेहतरीन मुफ्त संसाधन हैं:
डिजीपरफॉर्म एशिया का शीर्ष डिजिटल मार्केटिंग संस्थान है। यदि आप डिजिटल मार्केटिंग के सभी पहलुओं को सीखने के लिए उत्सुक हैं, तो यह सबसे अच्छी जगह है। डिजिटल मार्केटिंग के प्रमुख पहलुओं में एस.ई.ओ , एस एम ओ, पी.पी.सी , एस एम एम, ई-मेल मार्केटिंग, वेब डेवलपमेंट और बहुत कुछ शामिल हैं। Digiperform अपने छात्रों को प्रथम श्रेणी का प्रशिक्षण और सुविधाएं प्रदान करता है। प्रशिक्षुओं को सर्वोत्तम संभव ज्ञान और कौशल देने के लिए अत्यधिक अनुभवी प्रशिक्षक हैं, न केवल मौखिक ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करते हैं बल्कि छात्रों को मजबूत व्यावहारिक ज्ञान के लिए एक लाइव प्रोजेक्ट प्रदान करके प्रशिक्षण भी देते हैं।
कोर्स पूरा होने के बाद, छात्रों को प्रमाणन भी प्राप्त होगा जो उनके सी.वी को बेहतर नौकरी पाने में मदद करेगा। यह प्रशिक्षुओं को बिना किसी घबराहट के साक्षात्कार को क्रैक करने में मदद करता है और साक्षात्कार की तैयारी के लिए सत्र भी प्रदान करता है। Digiperform अपने छात्रों को सर्वोत्तम संभव संगठन में गारंटीशुदा नौकरी प्रदान करता है। और यदि आपके कोई और प्रश्न हैं, तो दिए गए लिंक पर क्लिक करके वेबसाइट पर जाएं। https://digiperform.com/
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Digital Marketing in Hindi: डिजिटल मार्केटिंग इंटरनेट पर डिजिटल तकनीकों के इस्तेमाल में आने वाले प्रोडक्ट या सेवाओं की मार्केटिंग होती है। डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing kya hai ) में मोबाइल फोन ऐप्स के जरिए डिस्प्ले एडवरटाइजिंग और अन्य किसी भी डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल शामिल है। आज का युग ऑनलाइन है, जैसे ऑनलाइन शॉपिंग, टिकट बुकिंग, रिचार्ज, बिल भुगतान, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन आदि जैसे कई काम हम इंटरनेट के जरिए आराम से घर बैठे-बैठे कर सकते हैं। यदि हम मार्केट के की स्थिति पर नज़र डालें तो लगभग 80% ख़रीददाता किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने या सर्विस लेने से पहले ऑनलाइन रिसर्च करते है, ऐसे में किसी भी कंपनी या बिज़नेस के लिए डिजिटल मार्केटिंग महत्वपूर्ण हो जाती है। Digital Marketing kya hai इस ब्लॉग में विस्तार से जानिए।
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आज से कुछ साल पहले लोग अपनी वस्तुओं को बेचने के लिए विभिन्न प्रकार के तरीके जैसे पोस्टर,टेम्प्लेट, विज्ञापन, अखबारों द्वारा अपनी वस्तुओं की मार्केटिंग करते थेऔर ग्राहकों तक पहुंचाते थे। लेकिन ये सब क्रियाएं (साधन) बहुत ही कम ग्राहकों को लुभा पाती थी, इसलिए व्यापारियों ने अपनी चीजों की मार्केटिंग का तरीका बदला और आजकल हर कोई ऑनलाइन खरीदारी, पैसे भेजने हो या लेने हो, पढ़ाई से जुड़े विभिन्न प्रकार के कोर्स आदि अपने फोन या लैपटॉप से आसानी से कर सकते हैं।
Digital Marketing in Hindi, यह शब्द साल 2000 के बाद ज्यादा लोकप्रिय होना शुरू हुआ। जब इंटरनेट में सर्च इंजन मार्केटिंग , सोशल मीडिया , ऐप्स आदि का विकास हुआ तब से यह शब्द लोगों के लिए आम बन गया। डिजिटल मार्केटिंग वह है जिसमें हम अपने मोबाइल और कंप्यूटर जैसे डिजिटल उपकरणों द्वारा अपने प्रोडक्ट को विश्व स्तर पर प्रचार कर सकते हैं। 1980 के दशक में सर्वप्रथम कुछ प्रयास किये गये डिजिटल मार्किट को स्थापित करने में परंतु यह सम्भव नही हो पाया । 1990 के दशक मे आखिर मे इसका नाम व उपयोग शुरु हुआ।
Digital Marketing kya hai जानने के साथ-साथ इसके लाभ जानने भी आवश्यक हैं, जो इस प्रकार हैं:
Digital Marketing kya hai जानने के साथ-साथ यह जानना भी ज़रूरी है कि Digital Marketing in Hindi क्यों आवश्यक है,, जो इस प्रकार हैं:
Digital Marketing kya hai के अंतर्गत डिजिटल मार्केटिंग करने के लिए इंटरनेट एकमात्र साधन है, इसके प्रकार नीचे दिए गए हैं-
Digital Marketing kya hai में डिजिटल मार्केटिंग की उपयोगिता के बारे में बताया जा रहा है :
Digital Marketing kya hai यहाँ B2B बिजनेस और B2C बिजनेस के बारे में विस्तार से समझाया जा रहा है :
Digital Marketing kya hai जानने के साथ-साथ इसका सिलेबस भी जानना आवश्यक है। हालांकि डिजिटल मार्केटिंग कोर्सेज के लिए वास्तविक सिलेबस की पेशकश मुख्य रूप से कोर्स लेवल के साथ-साथ इंस्टिट्यूट के अनुसार भिन्न होगी, कुछ मुख्य विषय हैं जो सभी स्तरों पर ऐसे कोर्सेज में शामिल हैं। यहां डिजिटल मार्केटिंग सिलेबस के अंतर्गत शामिल प्रमुख विषयों की सूची दी गई है:
Digital Marketing in Hindi के कोर्सेज ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से किए जा सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम में आप google के फ्री सर्टिफाइड कोर्स कर सकते हैं और ऑफलाइन माध्यम में आप कोर्स अपने शहर के किसी अच्छे इंस्टिट्यूट से कर सकते हैं। Google से आप घर बैठे ही मुफ्त में इस कोर्स को सीख सकते हैं। इसके लिए आपको इन दो वेबसाइटों पर जाना है-
यह दोनों ही Google की वेबसाइट है जहां से आप घर बैठे आसानी से सीख सकते हैं, नीचे कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं-
डिजिटल मार्केटिंग में कई सारे कोर्स होते हैं, जिनके अलग-अलग स्पेशलिस्ट होते हैं। ऐसे ही टॉप कोर्स की लिस्ट नीचे दी गई है-
आप AI Course Finder की मदद से अपने पसंद के कोर्सेज और उससे सम्बंधित टॉप यूनिवर्सिटी का चयन कर सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स 3 से 6 महीने का होता है। बैचलर कोर्स जैसे BBA आदि 3-4 साल का होता है। डिजिटल मार्केटिंग में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स 2 साल का होता है।
विदेशी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट इस प्रकार है:
आप UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सक सकते हैं।
नीचे डिजिटल मार्केटिंग संस्थान के नाम इस प्रकार हैं-
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स करने के लिए आपको फीस कई कॉलेजों में अलग-अलग होती है। एक अनुमान से डिजिटल मार्केटिंग कोर्स की फीस INR 15-60 हजार तक की फीस हो सकती है।
डिजिटल मार्केटिंग कोर्सेस के लिए सामान्य योग्यताओं के बारे में नीचे बताया गया है–
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स के लिए नीचे आवेदन प्रक्रिया दी गई है-
बैचलर्स डिग्री में एडमिशन लेने के लिए आपको UCAS पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यहाँ से आपको यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होंगे। वहीं मास्टर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। फिर वहीं से ही छात्रों को यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेंगे।
नीचे दिए गए आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार हैं:
Digital Marketing in Hindi एक लोकप्रिय कोर्स है और ऑनलाइन और स्थानीय बाजारों में बहुत सारी किताबें उपलब्ध हैं। यहां कुछ बेहतरीन पुस्तकें दी गई हैं जिनके द्वारा डिजिटल मार्केटिंग के बारे में आप काफी जानकारी ले सकते हैं-
Digital Marketing for Dummies by Ryan Deiss & Russ Henneberry | |
New Rules of Marketing and PR by David Meerman Scott | |
The Art of SEO by Eric Enge, Stephan Spencer, Jessie Stricchiola | |
Digital Marketing 2020 by Danny Star | |
Epic Content Marketing by Joe Pulizzi | |
डिजिटल मार्केटिंग से सीखो और कमाओ |
डिजिटल मार्केटिंग कोर्स के लिए नीचे प्रवेश परीक्षाओं के नाम दिए गए हैं-
अंडर ग्रेजुएट लेवल
पोस्ट ग्रेजुएट लेवल
Digital Marketing kya hai जानने के साथ Digital Marketing in Hindi में भी जानना चाहिए कि इसमें क्या-क्या करियर प्रोफाइल हो सकती हैं, जो नीचे दी गई हैं-
Digital Marketing kya hai जानने के बाद अब टॉप रिक्रूटर्स के नाम दिए गए हैं-
Digital Marketing kya hai जान लेने के बाद अब बारी आती है मिलने वाली जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी जानने की, जो नीचे मौजूद हैं-
डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर | 6-7 लाख |
SEO स्पेशलिस्ट | 4-5 लाख |
सोशल मीडिया मैनेजर | 5-6 लाख |
कंटेंट मार्केटिंग स्पेशलिस्ट | 4-5 लाख |
पे पर क्लिक या SEM एनालिस्ट | 3-4 लाख |
3-4 लाख |
अपनी वस्तुएं और सेवाओं की डिजिटल साधनो से मार्केटिंग करने की प्रतिक्रिया को डिजिटल मार्केटिंग कहते हैं।
Digital Marketing in Hindi कोर्स करने के लिए आपको INR 10,000-60,000 सालाना तक की फीस का भुगतान करना पड़ सकता है।
सर्च इंजन मार्केटिंग (SEO), सोशल मीडिया, ईमेल मार्केटिंग, यूट्यूब चैनल, एफिलिएट मार्केटिंग आदि।
इसके जरिए आप अपने प्रोडक्ट या सर्विस को ग्राहकों के पास आसानी से कम समय मे पहुँचा सकते है। इस प्रकार आपके व्यापार में मुनाफा होगा। आप इसके द्वारा अपने बिज़नेस से लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते है।
डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार निम्न हैं: 1. सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन 2. सोशल मीडिया 3. ईमेल मार्केटिंग 4. यूट्यूब चैनल 5. अफिलिएट मार्केटिंग 6. PPC मार्केटिंग 7. एप्स मार्केटिंग
Digital Marketing in Hindi में सर्टिफिकेट कोर्स 3 से 6 महीने का होता है। बैचलर कोर्स जैसे BBA आदि 3-4 साल का होता है। डिजिटल मार्केटिंग में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स 2 साल का होता है।
उम्मीद है, Digital marketing kya hai इसके बारे में आपको सभी जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu पर बने रहिए।
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Bahut hi sundar Dhang se jankari di gayi hai, Hardik Aabhar
Thankuu for this useful information
लेख सराहने के लिए आपका धन्यवाद।
Nice Post Thank you so much
आपका धन्यवाद।
आपने बहुत कम शब्दों में Digital Marketing In Hindi को बहुत अच्छे से समझा दिया इसके लिए आपका बहुत -बहुत धन्यवाद !
आपका धन्यवाद, ऐसी ही आप हमारी वेबसाइट पर बने रहिये।
Bahut Achchhi information diye hain aap thanks.
आपका धन्यवाद, ऐसे ही हमारी https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।
आपको डिजिटल मार्केटिंग की अच्छी जानकारी है। डिजिटल मार्केटिंग को आसान तरीके से समझाने के लिए धन्यवाद। और हमारी मातृभाषा में सामग्री लिखने के लिए विशेष धन्यवाद।
Mujhe apke posts kafi knowledgeable lagte hai digital marketing
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
आपका बहुत-बहुत आभार, ऐसे ही आप https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।
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FDA News Release
Today, the U.S. Food and Drug Administration approved and granted emergency use authorization (EUA) for updated mRNA COVID-19 vaccines (2024-2025 formula) to include a monovalent (single) component that corresponds to the Omicron variant KP.2 strain of SARS-CoV-2. The mRNA COVID-19 vaccines have been updated with this formula to more closely target currently circulating variants and provide better protection against serious consequences of COVID-19, including hospitalization and death. Today’s actions relate to updated mRNA COVID-19 vaccines manufactured by ModernaTX Inc. and Pfizer Inc.
In early June, the FDA advised manufacturers of licensed and authorized COVID-19 vaccines that the COVID-19 vaccines (2024-2025 formula) should be monovalent JN.1 vaccines. Based on the further evolution of SARS-CoV-2 and a rise in cases of COVID-19, the agency subsequently determined and advised manufacturers that the preferred JN.1-lineage for the COVID-19 vaccines (2024-2025 formula) is the KP.2 strain, if feasible.
“Vaccination continues to be the cornerstone of COVID-19 prevention,” said Peter Marks, M.D., Ph.D., director of the FDA’s Center for Biologics Evaluation and Research. “These updated vaccines meet the agency’s rigorous, scientific standards for safety, effectiveness, and manufacturing quality. Given waning immunity of the population from previous exposure to the virus and from prior vaccination, we strongly encourage those who are eligible to consider receiving an updated COVID-19 vaccine to provide better protection against currently circulating variants.”
The updated mRNA COVID-19 vaccines include Comirnaty and Spikevax, both of which are approved for individuals 12 years of age and older, and the Moderna COVID-19 Vaccine and Pfizer-BioNTech COVID-19 Vaccine, both of which are authorized for emergency use for individuals 6 months through 11 years of age.
What You Need to Know
Individuals who receive an updated mRNA COVID-19 vaccine may experience similar side effects as those reported by individuals who previously received mRNA COVID-19 vaccines and as described in the respective prescribing information or fact sheets. The updated vaccines are expected to provide protection against COVID-19 caused by the currently circulating variants. Barring the emergence of a markedly more infectious variant of SARS-CoV-2, the FDA anticipates that the composition of COVID-19 vaccines will need to be assessed annually, as occurs for seasonal influenza vaccines.
For today’s approvals and authorizations of the mRNA COVID-19 vaccines, the FDA assessed manufacturing and nonclinical data to support the change to include the 2024-2025 formula in the mRNA COVID-19 vaccines. The updated mRNA vaccines are manufactured using a similar process as previous formulas of these vaccines. The mRNA COVID-19 vaccines have been administered to hundreds of millions of people in the U.S., and the benefits of these vaccines continue to outweigh their risks.
On an ongoing basis, the FDA will review any additional COVID-19 vaccine applications submitted to the agency and take appropriate regulatory action.
The approval of Comirnaty (COVID-19 Vaccine, mRNA) (2024-2025 Formula) was granted to BioNTech Manufacturing GmbH. The EUA amendment for the Pfizer-BioNTech COVID-19 Vaccine (2024-2025 Formula) was issued to Pfizer Inc.
The approval of Spikevax (COVID-19 Vaccine, mRNA) (2024-2025 Formula) was granted to ModernaTX Inc. and the EUA amendment for the Moderna COVID-19 Vaccine (2024-2025 Formula) was issued to ModernaTX Inc.
The FDA, an agency within the U.S. Department of Health and Human Services, protects the public health by assuring the safety, effectiveness, and security of human and veterinary drugs, vaccines and other biological products for human use, and medical devices. The agency also is responsible for the safety and security of our nation’s food supply, cosmetics, dietary supplements, radiation-emitting electronic products, and for regulating tobacco products.
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