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Market Research क्या है? उपयोगिता, फायदे एवं कम बजट में करने के तरीके।

Market Research किसी भी ऐसे व्यक्ति के लिए बेहद जरुरी उपकरण हो जाता है जो या तो पहले से बिजनेस कर रहा हो या फिर खुद का व्यवसाय शुरू करने की सोच रहा हो। जहाँ मौजूदा उद्यमी को अपना व्यवसाय बढाने के लिए मार्केट रिसर्च करने की आवश्यकता हो सकती है वहीँ व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक व्यक्ति को आंशिक ग्राहक एवं उस एरिया विशेष में उस वस्तु या सेवा विशेष की माँग इत्यादि का पता करने के लिए ये सब गतिविधियाँ करने की आवश्यकता हो सकती है।

चूँकि इस पूरी प्रक्रिया में उद्यमी को अपने बिजनेस से समबन्धित बाजार की जानकारी वैज्ञानिक तौर पर संग्रहित करके उनका अति सूक्ष्मता के साथ अध्यन करना पड़ता है। ताकि उद्यमी अपने बिजनेस सम्बन्धी उचित निर्णय ले सके। यद्यपि Market Research किसी भी व्यवसायी के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण उपकरण है इसमें कोई दो राय नहीं हैं लेकिन दुर्भाग्यवश इस विषय पर किये गए अध्यन दर्शाते हैं की इस विषय को स्टार्टअप उद्यमी बेहद कम गंभीरता के साथ लेते हैं और परिणाम कुछ समय बाद बिजनेस की विफलता के तौर पर सामने आता है।

वास्तव में अगर देखा जाय तो Market Research किसी भी बिजनेस की स्टार्टअप प्रक्रिया में एक बेहद अहम् चरण है लेकिन बहुत सारे उद्यमी मार्केट रिसर्च की अनदेखी कर देते हैं। वह शायद इसलिए क्योंकि उन्हें कम बजट में मार्केट रिसर्च करने के विकल्पों के बारे में जानकारी नहीं होती है।

मार्केट रिसर्च किसी प्रोजेक्ट या बिजनेस की व्यवहार्यता को निर्धारित करता है और इसका अध्यन करने के बाद उद्यमी स्वयं के बिजनेस को बढ़ाने की रणनीति बना सकता है। इसलिए इस लेख में हम आगे कम बजट में मार्केट रिसर्च करने के तरीकों के बारे में बताएँगे ताकि स्टार्टअप उद्यमी जिनके पास इस गतिविधि को करने के लिए भारी भरकम बजट नहीं होता वे इससे लाभान्वित हो सकें।

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मार्केट रिसर्च क्या है (What is Market Research in Hindi):

Market Research को बाजार एवं विपणन सम्बन्धी आंकड़ो का व्यवस्थित संग्रह, इनका विश्लेषण एवं प्राप्त डेटा का अध्यन करके उसकी समुचित व्याख्या करने की प्रक्रिया कहा जा सकता है। साधारण शब्दों में इसे हम लक्ष्यित बाजारों एवं ग्राहकों के बारे में जानकारी एकत्रित करने का एक व्यवस्थित प्रयास भी कह सकते हैं।

कहने का आशय यह है की ग्राहकों या उपभोक्ताओं की आवश्यकताओं एवं वरीयताओं के बारे में जानकारी एकत्रित करने की क्रिया या गतिविधि ही Market Research कहलाती है। मार्केट रिसर्च मार्केटिंग स्थितियों से सम्बंधित प्रासंगिक जानकारी एवं आंकड़े प्रदान करता है जिससे मार्केटिंग चुनौतियों से निबटने में उद्यमी को मदद मिलती है। किसी भी बिजनेस को जो सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है वह है उसके सामने आने वाली मार्केटिंग की चुनौतियाँ और मार्केट रिसर्च इसी चुनौती से निबटने में उद्यमी की मदद करता है। इसलिए यह बिजनेस प्लानिंग का एक अहम् अंग है। 

कम बजट में मार्केट रिसर्च करने के तरीके (Best ways to do market research with low budget)

उद्यमी चाहे मौजूदा बिजनेस को बढ़ाना चाह रहा हो या कोई व्यक्ति नया बिजनेस शुरू करना चाह रहा हो स्थिति कोई भी हो लेकिन किसी भी व्यवसाय के लिए Market Research बेहद महत्वपूर्ण होती है। लेकिन इस गतिविधि को अंजाम देने में उद्यमी के बहुत सारे पैसे खर्च हो सकते हैं जो की किसी भी नए या स्टार्टअप उद्यमी के लिए खर्च कर पाना आसान नहीं होता है। इसलिए ऐसे उद्यमी जो मार्केट रिसर्च कराने की सोच रहे हैं उन्हें सर्वप्रथम इस कार्य के लिए अपना बजट ही चेक करना चाहिए। उसके बाद ही उद्यमी मार्केट रिसर्च प्लान बनाने में सक्षम हो पायेगा।

1. फ्री ऑनलाइन स्रोतों का इस्तेमाल करें  

वर्तमान में आम तौर पर अधिकांश देशों में इन्टरनेट पर लगभग हर इंडस्ट्री से जुड़े ऑनलाइन संसाधन मौजूद हैं। कुछ देशों में छोटे उद्यमियों की मदद के लिए सरकारी प्लेटफोर्म उपलब्ध हैं तो कुछ देशों में सरकारी एवं निजी प्लेटफॉर्म दोनों उपलब्ध हैं। जहाँ से उद्यमी हर इंडस्ट्री से जुड़ी मार्किट समबन्धी जानकारी प्राप्त कर सकता है। जैसे Market Research करने वाला उद्यमी चाहे तो गूगल ट्रेंड, गूगल कंज्यूमर सर्वे इत्यादि फ्री ऑनलाइन स्रोतों का इस्तेमाल यह जानने के लिए कर सकता है की लोग क्या ढूंढ रहे हैं और उनकी क्या माँग है।

2. फोरम वेबसाइट चेक करें

Market Research करने वाले उद्यमी के पास यदि बजट की कमी है तो वह किसी विशेष इंडस्ट्री, प्रोडक्ट, सर्विस की जानकारी फोरम वेबसाइट से भी एकत्रित कर सकता है। इन वेबसाइट में लोग तरह तरह के प्रश्नों पर अपनी राय प्रकट करते हैं। इसलिए उद्यमी चाहे तो Quora, Reddit जैसी वेबसाइट पर प्रश्न डालकर लोगों की राय भी ले सकता है।

3. छोटे सर्वे आयोजित करें

एक छोटा व्यवसाय करने वाले उद्यमी को मार्केट से जुड़ी पूरी जानकारी की आवश्यकता नहीं है इसलिए कम बजट में Market Research करने के लिए उद्यमी को छोटे सर्वे आयोजित कराने चाहिए। ताकि यह काम उद्यमी या तो खुद या फिर किसी व्यक्ति को सस्ते में नियुक्त करके अपने आंशिक ग्राहकों के बीच भेजकर करा सके। इस छोटे से सर्वे में उद्यमी को केवल कुछ बुनियादी सवालों को ही इसका हिस्सा बनाना चाहिए। जैसे उद्यमी के आंशिक ग्राहक किन उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं?

क्या वे इनसे संतुष्ट हैं, वे उस उत्पाद या सेवा में क्या अतिरिक्त लाभ देखना पसंद करेंगे, क्या उत्पादों को खरीदने में उनकी कीमत एक प्रमुख कारक होती है? इत्यादि प्रश्न पूछे जा सकते हैं। और यदि उद्यमी के पास बजट की कमी नहीं है तो वह किसी मार्केट रिसर्च एजेंसी को यह काम सौंप सकता है।

4. मौजूदा रिसर्च से मदद लें (Take help from Available Market Research)

यदि Market Research के लिए उद्यमी का बजट कम है तो उसे थोड़ा समय निकालकर इस बात का पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए। की कहीं उसके उत्पाद या सेवा के जैसी पहले से कोई रिसर्च हुई तो नहीं है। इस बात का पता लगाने में समाचार पत्र के लेख, पत्रिकाएं, वेबसाइट में छपे आर्टिकल, औद्योगिक समीक्षा लेख काम आते हैं। यदि उद्यमी खर्च करने की क्षमता रखता है तो वह किसी प्रतिष्ठित संगठन से इस तरह की रिपोर्ट खरीद भी सकता है।

बिजनेस में मार्केट रिसर्च क्यों जरुरी है (Why Market Research is Important in a Business) 

किसी भी बिजनेस में Market Research को निम्नलिखित कारण महत्वपूर्ण बनाते हैं।

  • इससे उद्यमी को बिजनेस से सम्बंधित आईडिया फाइनल करने में सहायता प्राप्त होती है ।
  • इससे किसी भी बिजनेस को व्यवहार्यता के मापदंडों एवं विश्वसनीयता पर खरा उतारा जा सकता है। क्योंकि इस रिपोर्ट का अध्यन करने के बाद उद्यमी को संचार, मूल्य निति एवं उत्पाद सीमा निर्धारित करने में मदद मिलती है।
  • बिजनेस सेटअप करने के दृष्टिकोण को ठीक से व्यवस्थित किया जा सकता है।
  • Market Research के बाद उद्यमी वित्तीय भागीदारों एवं अन्य लोगों के सामने और अधिक विश्वसनीय तथ्य प्रस्तुत कर पाने में सक्षम हो पाता है।

वर्तमान में ऑनलाइन रिसर्च ने मार्केट रिसर्च में क्रांति लाने का काम कर दिया है और यह रिसर्च करने वालों एवं इसका इस्तेमाल करने वालों को अवसर एवं चुनौतियाँ दोनों प्रदान कर रहा है । इन दिनों ऑनलाइन Market Research रिसर्च गतिविधियों के लिए जानकारी या डेटा संग्रह करने का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है।

मार्केट रिसर्च के फायदे ( Benefits of Market Research in Hindi):

Market Research किसी कंपनी, सेवा प्रदाता, व्यक्तिगत व्यक्ति या संगठन को अपने बिजनेस के प्रति और बेहतर निर्णय लेने में सहायता प्रदान करता है। क्योंकि बिजनेस की रणनीतिक योजनायें बनाने से पहले उससे सम्बंधित जितना अधिक रिसर्च किया जाता है रणनीतिकारों या उद्यमी को उसकी उतनी गहरी जानकारी होती जाती है । उस हिसाब से वे आने वाली चुनौतियों या कठिनाइयों से लड़ने की योजना बना सकते हैं। Market Research के लाभों की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • Market Research के माध्यम से उद्यमी अपनी मार्किट एवं टारगेट कस्टमर के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाता है जिससे वह अपनी फर्म को प्रतिस्पर्धा में आगे रहने की योजना बना सकता है। यही कारण है की यह व्यवसायों को उनकी स्थिति मजबूत करने में सहायता प्रदान करता है।
  • Market Research के माध्यम से उद्यमी को मार्केट एवं ग्राहकों की आवश्यकता, पसंद, नापसंद इत्यादि के बारे में पता चल जाता है। जिसके चलते उद्यमी बिजनेस प्लानिंग भी उसी के अनुसार करता है इस प्रकार मार्केट रिसर्च से निवेश जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
  • मार्केट रिसर्च के माध्यम से उद्यमी को बिजनेस से सम्बंधित संभावित खतरों एवं अवसरों के बारे में पता चल जाता है।
  • यह उद्यमी एवं उसके प्रतिस्पर्धियों की ताकत एवं कमजोरी को पहचानने में भी मदद करता है जिनका अध्यन करके उद्यमी अपने बिजनेस को बढाने की योजना बना सकता है।
  • यह कंपनी, सेवा प्रदाता, बिजनेसमैन इत्यादि को बिजनेस की रणनीतिक योजना बनाने में मदद प्रदान करता है।
  • Market Research से उद्यमी लोगों से नई नई बातें उसके उत्पाद या सेवा के बारे में जुटा पाता है जिससे उसे उभरती प्रवृत्तियों को प्रदर्शित करने में मदद मिलती है।
  • यह व्यवसायों को प्रतिस्पर्धा में आगे बने रहने में मदद करता है।
  • इससे उद्यमी को ग्राहकों की आवश्यकताओं एवं माँगो का पता चल पाता है।

यह भी पढ़ें:

  • बिजनेस की मार्केटिंग करने के तरीके
  • एफिलिएट मार्केटिंग क्या है कैसे शुरू करें?
  • नेटवर्क मार्केटिंग क्या है? इसके फायदे एवं जुड़ने का तरीका.

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Market / Marketing Research in Hindi : It’s Types & Importance 

Marketing Research in hindi

क्या आपको जानना है कि, असल में market या marketing research (विपणन संशोधन) क्या होती है? इसे किस लिए किया जाता है? कब किया जाता है? और marketing research कैसे – किस तरह से किया जाता है? तो आपको यह आर्टिकल मदत करेगा। इस मार्गदर्शिका से आपको आपके और भी कही सवालों के जवाब मिलेंगे। जैसे: आपके ग्राहक आपसे उत्पाद या सेवाएं क्यों नहीं खरीद रहे? क्या आपको जानना है कि, आपके ग्राहक क्या चाहते है? क्या आप आपका कोई उत्पाद मार्केट में लाना चाहते हो? कोई नया अभियान को सुरु करना चाहते हो? 

इन सभी सवालों के लिए आपको आपके उपभोक्ता / ग्राहकों को समझना जरूरी होता है। उनसे ही सहायत्ता लेकर उनकी समस्याएं सुलझाना होता है। लेकिन आप यह जानकारी कहां से लाओगे? इसी तरह के सवालों और आपके व्यवसाय के अन्य कही सवालों के लिए marketing research एक बेहतरीन जवाब है। जहा आपकी सभी शंकाएं दूर होगी

Marketing Research Kya Hai?

Marketing Research को हम Market research भी कह सकते है क्योंकि दोनों के उद्देश, तरीके एक जैसे ही होते है। “Marketing Research कहीं सारी विस्तृत जानकारी एकत्र करने की प्रक्रिया होती है जिससे व्यवसायिक अपने उत्पाद या सेवाओं के लिए लक्षित बाज़ार और लक्षित ग्राहकों को बेहतर तरीके से जानने के लिए करते है।” Marketing research यह जानने में मदत करती है कि, आपका उत्पाद किस तरह से होना चाहिए, आपका संभावित ग्राहक कौन हो सकता है और आपकी marketing की रणनीति किस तरह से होना चाहिए। 

Marketing research किसी भी नए उत्पाद या सेवाओं को market में लाते वक्त किए जाने वाले research & development का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। Marketing research (विपणन संशोधन) कहीं तरीकों से किया जा सकता है। Servey (सर्वेक्षण) करके, product testing करके, लोगों से बातचीत करके, आदि तरीकों से किया जाता है।

Marketing Research का उद्देश अपने ग्राहकों और उपभोक्ताओं को समझना, उनके हिसाब से अपने उत्पाद या सेवाओं को बेहतरीन करना और उन्हें एक बढ़िया अनुभव देना होता है। जिससे ग्राहकों को आकर्षित किया जाए और एक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिल सके।

Importance of Marketing Research in Hindi 

Marketing research करना एक बेहतरीन तरीका है अपने ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ाने का। विपणन संशोधन में उत्पाद या सेवा को लेकर इकट्ठा की गई जानकारी से व्यापार की रणनीति या योजना बनाना होता है। यहां हम कुछ वजह जानेंगे कि, क्यों marketing research क्यों किया जाए, यह इतना important (महत्वपूर्ण) क्यों होता है। 

कम शब्दों में कहें तो, marketing research एक ऐसा तरीका है जो आपको आपके व्यवसाय को आपके लक्षित ग्राहक, प्रतिस्पर्धी और बाज़ार के नए अवसरों को जानने में मदत करती है। यह आपके उत्पाद को लेकर सही निर्णय लेने में सहायता करता है और व्यवसाय को सफल बनाता है।

Types of Marketing Research in Hindi 

Marketing research के कहीं सारे types (प्रकार) होते है जिनकी मदत से लक्षित ग्राहक और लक्षित बाज़ार की जानकारी एकत्रित की जाती है। marketing research के कहीं सारे प्रकारों की संख्या उसे किए गए वर्गीकरण के अनुसार अलग अलग हो सकती है। लेकिन वैसे सामान्य आठ types प्रकार होते है।

How To Do Marketing Research in Hindi 

किसी भी marketing research का पहला कदम उसका एक ध्येय या उद्देश निश्चित करना होता है। यह रिसर्च क्यों कि जा रही है किस समस्या का समाधान करना है उस समस्या को स्पष्ट रूप से निर्धारित करना होता है। इससे आपको किस प्रकार का डाटा या जानकारी एकत्रिक करनी है और किस माध्यम से करनी चाहिए यह तय करना आसान हो जाता है। 

लक्ष्य तय होने के बाद हमें उससे रणनिती बनानी होती है कि, हमें किस तरह की जानकारी चाहिए? उस जानकारी को कैसे एकत्रित करेंगे? उसके लिए हम किन संसाधनों का उपयोग करेंगे? उस जानकारी को हम किस प्रकार से विश्लेषित करेंगे? और हमारे पास के उपलब्द संसाधन और लगने वाली समय सीमा का विचार करना होता है। 

एक बेहतर योजना बनाने के बाद उसपर अमल करके जानकारी को हासिल करना होता है। इसमें surveys, observational research, focus groups और अन्य प्रकार के माध्यम शामिल होते है। जानकारी मिलने के बाद उसका विस्तृत रूप से विश्लेषण कीजिए और देखिए कि क्या कोई किसी तरह का pattern, trend या insights है और उससे सही तरह का निष्कर्ष निकलने के लिए किसी tools या उपकारों का उपयोग कीजिए।

जब कोई सार्थक निष्कर्ष निकले तो उसके हिसाब से आपकी आगे की marketing strategy क्या होगी? किस तरह से आपका नया अभियान किया जाय? और किस तरह के आपके निर्णय होने चाहिए? आपके उत्पाद को और बेहतर कैसे किया जाए? इसकी रणनीति बनाए। जितनी बेहतरीन आपकी जानकारी होगी और जितना सार्थक आपका निष्कर्ष होगा उतना ही सफल आपका अभियान और निर्णय होगा।

Conclusion 

Marketing research में किसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए सार्थक जानकारी जुटाना और उससे सही निर्णय लेना या सफल अभियान की रणनीति बनाना होता है। Marketing research आपको आपका संभावित ग्राहक और लक्षित बाज़ार को निर्धारित करने में सहाय्यक होता है। 

marketing research एक बेहतरीन तरीका है ग्राहकों को और उनके व्यवहार को समझने के लिए, बाज़ार के अवसरों को पहचानने के लिए, सही रणनिती और निर्णय लेने के लिए। सही तरह के marketing research से व्यावसायिक अपने व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण निष्कर्ष पा सकते है और सफल हो सकते है।

“विपणन अनुसंधान किसी भी सफल विपणन रणनीति का एक महत्वपूर्ण भाग है और व्यवसायों को उनके लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहाय्यक होता है।”

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बिजनेस से पहले करो मार्केट रिसर्च : आखिर ये मार्केट रिसर्च क्या होती है | What is Marketing Research in Hindi

  • September 16, 2023
  • by KAISE INDIA

What is Marketing Research in Hindi | business research in hindi | market survey in hindi | market research in hindi | business research kya hai | market research kaise kare | मार्केट रिसर्च | मार्केट सर्वे क्या है

कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले उससे संबंधित रिसर्च करना अतिआवश्यक है. जब भी आप किसी भी बिजनेस के लिए बिजनेस प्लान बनाते हैं तो उसमें मार्केट रिसर्च महत्वपूर्ण अंग होता है. आप चाहे छोटा या बड़ा कैसे भी व्यवसाय शुरू करने जा रहें है, हर बिजनेस पहले मार्केट के बारे में जानकारी चाहता है और मार्केट रिसर्च का बिजनेस की success में महत्वपूर्ण योगदान होता है.

बिजनेस रिसर्च ( business research in hindi ) में आप अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए क्या स्ट्रेटेजी अपनाओगे, प्रोडक्ट के लिए किन लोगों को टारगेट करोगे, मार्केट में कौनसा स्थान अच्छा रहेगा, बिजनेस का समय क्या रहेगा, आपका प्रोडक्ट ऑनलाइन रहेगा या ऑफलाइन, आदि सबके बारे में आप मार्केट रिसर्च के बाद ही पता कर सकते हैं.

मार्केट रिसर्च से आप वर्तमान में चल रही नई-नई स्ट्रेटेजी को जानकर अपने बिजनेस को फायदा पहुंचा सकते हैं, तो आइये जानते हैं आज मार्केट रिसर्च के बारे में सबकुछ :-

क्या आप जानते हैं कि मार्केट रिसर्च क्या होती है? (मार्केट सर्वे क्या है)

मार्केट रिसर्च के प्रकार (types of market survey in hindi), 1. मार्केट रिसर्च से बिजनेस को मजबूत बनाने में मदद, 2. मार्केट रिसर्च से निवेश के रिस्क को कम करना.

  • 3. मार्केट रिसर्च से स्वयं और प्रतिस्पर्धी बिजनेस की तुलना  

4. मार्केट रिसर्च से कस्टमर्स की आवश्यकताओं को समझना

5. मार्केट रिसर्च से त्वरित जानकारी मिलती है, 6. मार्केट रिसर्च से रेपुटेशन को मजबूत बनाना, faqs about what is marketing research in hindi.

मार्केट रिसर्च ( market research in hindi ) किसी भी संस्था, बिजनेस, दुकान या स्टोर द्वारा मार्केट की अपने बिजनेस के लिए रिसर्च का वो प्रयास होता है जिसमें, प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी जुटाई जाती है, टारगेट कस्टमर को पहचाना जाता है, मार्केट की मांग को समझा जाता है और भी बहुत सी जानकारियां जुटाने की कोशिश की जाती है जिनसे व्यवसाय को अधिक से अधिक लाभ मिल सके.

  • सभी प्रकार के बिजनेस अपने कर्मचारी या स्वयं मार्केट में जाकर लोगों से जानकारियां जुटाते है, और एक डाटा तैयार करते हैं.
  • जैसे पहले से मौजूद अपने समान प्रोडक्ट किस वजह से प्रसिद्द है और इसमें ऐसी कौनसी गुणवता है.
  • कैसे प्रोडक्ट किस समय चलते हैं, और वो किस समय तक मांग से बाहर होने लगेंगे. लोगों की मौजूदा प्रोडक्ट्स के साथ क्या नई मांग है जो नई कंपनी या व्यवसाय या दुकान या स्टोर पूरी कर सकता है, जिससे वह उनसे अलग हो सके.
  • सभी जानकारियों से ही बिजनेस अपने प्रोडक्ट, प्राइस और मार्केटिंग तय करता है.
  • मार्केट में प्रोडक्ट्स की मात्रा, क्वालिटी और कीमत बहुत ही मायने रखती है.
  • कई बार बिजनेस अपनी मार्केट रिसर्च में सोशल ओपिनियन  और  फिजिकल ओपिनियन को भी शामिल करते हैं.
  • मार्केटिंग (marketing in hindi) का अर्थ होता है कि कस्टमर्स तक अपने प्रोडक्ट्स या सेवाओं के बारे में जानकारी कैसे पहुंचाएं और उन्हें खरीदने के लिए कैसे प्रेरित करें.
  • मार्केट रिसर्च (marketing research in hindi) का अर्थ है कि, वर्तमान समय में हमारे प्रोडक्ट या सेवा जैसे पहले से मौजूद प्रोडक्ट के बारे में मार्केट क्या कहता है, और हमें उसमें किस प्रकार के बदलाव करने चाहिए.
  • मार्केट रिसर्च में ग्राहकों से अपने प्रोडक्ट्स या सेवाओं से जुड़े डाटा प्राप्त करने की कोशिश की जाती है.

आप अक्सर देखते हैं कि, आप जब भी गूगल या अन्य शॉपिंग साईट ( Amazon Deals ) पर जाकर कुछ भी सर्च करते हैं तो आगे के कुछ दिन आपको गूगल उस प्रोडक्ट या सेवा से संबंधित विज्ञापन आपको दिखाने लगता है, ये मार्केट रिसर्च ही है, क्योंकि गूगल आपकी पसंद को जान लेता है और फिर उससे जुड़े अपने विज्ञापन आप को सर्व करता है.

इसे भी पढ़ें:- भारत में टॉप 20 होलसेल मार्केट

शायद अब आप जान गये होंगे की मार्केट रिसर्च क्या होती है. अब हम आगे जानेंगे की हमारे बिजनेस के लिए मार्केट रिसर्च कैसे फायदेमंद हैं , वो कौनसे कारक है जिनपर इसका प्रभाव पड़ता है.

वर्तमान में पहले से मौजद कंपनियों के साथ टिक पाना मार्केट रिसर्च के कारण ही मुमकिन है, उससे ही आपको कुछ ऐसी जानकारियां मिल सकती है जो आपको अलग और बेहतर बनने में मदद करती है.

इन सब बातों के कारण हम कह सकते हैं कि मार्केट रिसर्च किसी भी बिजनेस / कंपनी को अपना प्रोडक्ट या सेवाओं को बेचने के लिए महत्वपूर्ण टूल है . ( पढ़ें:- ऑनलाइन प्रोडक्ट कैसे बेचें )

  • प्राथमिक रिसर्च (Primary research) : जब आप स्वयं मार्केट में रिसर्च कर डाटा एकत्रित करते हैं, जैसे: इंटरव्यूज, सर्वे और पब्लिक पोल
  • द्वितीयक रिसर्च (Secondary research) : जो डाटा किसी अन्य ने एकत्रित किया है और उसे प्रकाशित किया जा चुका है, उसे अपने बिजनेस के लिए इस्तेमाल करना. इस रिसर्च के स्वामी आप नहीं होते हैं.
  • गुणात्मक रिसर्च (Qualitative research) : गुणात्मक मार्केट रिसर्च प्राथमिक और द्वितीयक दोनों तरह के होते हैं. इसकी कोई संख्या नहीं होती है, ये एक व्यवहारिक गणना है. इसलिए इसे मापना कठिन है.
  • मात्रात्मक रिसर्च (Quantitative research) : मात्रात्मक मार्केट रिसर्च प्राथमिक और द्वितीयक दोनों तरह के होते हैं. ये संख्यात्मक होते हैं, इसलिए इन्हें आसानी से एकत्रित किया जा सकता है.
  • ब्रांडिंग रिसर्च (Branding research) : ब्रांडिंग मार्केट रिसर्च कंपनी को ब्रांड बनाने, प्रबंधित करने और बनाए रखने में मदद करता है. इसमें कंपनी की सेवाओं, ब्रांडिंग, छवियों, मूल्यों की पहचान की जाती है, जिससे पता चलता है, ब्रांड को लोग कितना पसंद करते हैं और किस कारण करते हैं.
  • कस्टमर रिसर्च (Customer research) : कस्टमर मार्केट रिसर्च आपके टारगेट कस्टमर पर प्रमुख प्रभावों को देखता है और उनकी डिमांड को समझते हुए प्रोडक्ट्स में बदलाव करने में सहायक होता है.
  • प्रतिस्पर्धी रिसर्च (Competitor research) : प्रतिस्पर्धी मार्केट रिसर्च के द्वारा आप जान सकते हैं कि आपकी प्रतिस्पर्धा में कौनसा बिजनेस या कंपनी है और आपके बिजनेस की तुलना में उनकी ताकत और कमजोरियों को समझने में मदद मिलती है.
  • उत्पाद रिसर्च (Product research) : उत्पाद मार्केट रिसर्च यह सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है कि आपके उत्पाद और सेवाएं बाजार में लॉन्च करने के लिए उपयुक्त हैं, और वे जितना कर सकते हैं उतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं या नहीं.

इसे भी पढ़ें:- बिज़नेस के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कैसे कराएं

मार्केट रिसर्च महत्वपूर्ण क्यों है?

आइए अब हम जानते हैं कि आखिर क्यों मार्केट रिसर्च इतना महत्वपूर्ण है , मार्केट रिसर्च के कुछ चुनिन्दा फायदे :-

आपने यह बात तो जरूर सुनी होगी कि  नॉलेज इस पावर  अथार्त जिसके पास बेहतर ज्ञान है वह अन्य की तुलना में बेहतर है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए आप भी अपने प्रोडक्ट या सेवाओं से संबंधित मार्केट रिसर्च कर सकते हैं और कस्टमर्स के विचार जानते हुए अपने प्रोडक्ट या सेवाओं को तैयार करने से पहले ही उसमें आवश्यक बदलाव कर सकते हैं, जिस तरह के कस्टमर्स के द्वारा मांग की जाती है.

यदि आपके पास अधिक पूंजी है तो आप कोई भी बिजनेस आसानी से शुरू कर सकते हैं और मार्केट रिसर्च की मदद से आप आसानी से अपने इन्वेस्टमेंट रिस्क को कम भी कर सकते हैं,क्योंकि आपको पहले ही मालूम हो जाएगा कि इस प्रोडक्ट की मार्केट में मांग है या नहीं.

इसके साथ ही मार्केट रिसर्च आपको आने वाली परेशानियों और खतरों से सावधान करने के साथ-साथ फ्यूचर में मिलने वाली  अपॉर्चुनिटी  के बारे में भी जानकारी प्रदान करता है.

उदाहरण के तौर पर जैसे कि आप अपना कोई नया प्रोडक्ट लांच करते हैं तो आपको ऐसे कुछ फीचर उस प्रोडक्ट से हटाने होंगे जिनकी वर्तमान समय में लोगों को आवश्यकता नहीं होती है और ऐसे कुछ फीचर शामिल करने होंगे जो कि आने वाले वक़्त में कस्टमर्स के लिए इस्तेमाल करने योग्य होंगे, जिससे कि आप अपने सीमित बजट में अपने कस्टमर्स को अपने सामान को खरीदने के लिए आकर्षित कर सकेंगें.

3. मार्केट रिसर्च से स्वयं और प्रतिस्पर्धी बिजनेस की तुलना  

मार्केट रिसर्च की मदद से आपके द्वारा लांच किए गए प्रोडक्ट और आपके सिमिलर कंपनी या बिजनेस के द्वारा लांच किए गए प्रोडक्ट का रिसर्च करवा सकते हैं, इससे आपको पता मालूम हो जाएगा कि आखिर क्यों आपके प्रतिस्पर्धी का प्रोडक्ट आप की तुलना में ज्यादा डिमांड में है या फिर आपके प्रोडक्ट में ऐसी कौन सी खासियत है जिसके कारण लोग आपका प्रोडक्ट खरीदना पसंद कर रहे हैं.

इसी रिसर्च का लाभ उठा कर आप अपने प्रतिस्पर्धी से आगे रह पाने में सफल होंगे, वर्तमान में कई बड़ी मार्केट रिसर्च कंपनीज कार्य कर रही है परंतु आपको इनमें एक बेहतरीन मार्केट रिसर्च कंपनी का चयन कर उसमें निवेश करना होगा जो कि आपके बिजनेस के लिए फायदेमंद साबित हो.

अगर आपका बिजनेस छोटे स्तर का, आप मिनिमम बजट के साथ काम कर रहे हैं, तो मार्केट रिसर्च आपको स्वयं करनी चाहिए और कुछ अच्छे विवरण जुटाकर अपने बिजनेस को बढ़ाना चाहिए.

किसी भी बिजनेस में लाभ कमाना ही एकमात्र टारगेट नहीं होना चाहिए, बल्कि साथ में कस्टमर्स का विश्वास जीतना भी आप का अहम टारगेट होना चाहिए, जिसे आप उन्हें बेहतरीन गुणवत्ता की सेवा देकर प्राप्त कर सकते हैं.

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मार्केट रिसर्च का सबसे बड़ा बेनिफिट यही है कि आपको ज्ञात हो जाता है कि आखिर आप जिस टारगेट कस्टमर बेस को अपना प्रोडक्ट या सेवा बेचना चाहते हैं,उसकी जरूरत और डिमांड क्या है और उसकी जरूरत और डिमांड के अनुसार ही आप अपने प्रोडक्ट या सेवा में बदलाव कर सकते हैं, जो कि आपको आने वाले समय में एक बड़ी कंपनी या बड़े बिजनेस के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा.

जैसा कि आपको पता है कि किसी भी प्रोडक्ट या सेवा का मार्केट रिसर्च करने के लिए कई कंपनियां बड़े स्तर पर अपना प्रोग्राम चलाती है,जिससे कि कोई भी कंपनी या बिजनेस आसानी से अपने प्रोडक्ट से संबंधित इंडस्ट्री के बारे में पूरी जानकारी बहुत ही कम समय में प्राप्त कर सकते हैं, जो कि आपके बिजनेस को स्थापित करने में कम समय लगता है.

इसके साथ ही कई बड़ी मार्केट रिसर्च कंपनियां अपने कांटेक्ट बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम करने वाले लोगों के साथ भी बना कर रखती है, जिससे कि उस कंपनी के बारे में कुछ अंदर की जानकारी भी प्राप्त हो जाती है जैसे कि, कैसे वह कम्पनी अपने प्रोडक्ट को बनाने के अलावा किस तरीके की मार्केटिंग स्ट्रेटेजी को अपनाती है, बस यही दो चीजें होती है जो कि आपके बिजनेस को बड़ा बनाती है.

मार्केट रिसर्च की सहायता से आप बेहतर निर्णय कर पाएंगे, जो कि केवल आपके बिजनेस स्ट्रेटजी को ही विकसित नहीं करेगा, बल्कि साथ ही आपके बिजनेस की प्रोफेशनल रेपुटेशन का विकास भी करेगा जिससे कि आपसे अधिक लोगों के जुड़ने के संभावनाएं बढ़ जाती है जो आप जैसे बिजनेस के साथ जुड़े हुए हैं.

वर्ल्ड इकोनामिक फोरम(WEF)  की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व की शीर्ष 10 कंपनियां अपने बजट का लगभग 25 से 30% खर्च मार्केट रिसर्च पर करती है और इसकी वजह से बेहतरीन प्रोडक्ट या सेवाएँ प्रदान कर पाती है, जो कि उस कंपनी में अधिक इन्वेस्ट को आकर्षित करता है और यह अधिक इन्वेस्टमेंट उस कंपनी को और अधिक प्रोडक्ट या सेवाएँ बनाने में मदद करता है, जो कि हर कंपनी चाहती है.

इस प्रकार मार्केट रिसर्च की सहायता से आप लोगों की मांग और उनकी आवश्यकताओं से पहले ही जान पाओगे जिस वजह से आप अपने प्रोडक्ट को उसी के अनुसार बना पाएंगे, यह स्ट्रेटेजी आपके बिजनेस में लाभ कमाने के लिए अति आवश्यक होती है.

आपको ये लेख कैसा लगा, हमें कमेंट कर जरुर बताएं.

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मार्केट रिसर्च के प्रकार क्या हैं?

मार्केट रिसर्च तकनीकों में सर्वे, इंटरव्यूज, फोकस ग्रुप्स और कस्टमर्स अवलोकन शामिल हैं।

मार्केटिंग रिसर्च क्या है?

मार्केटिंग रिसर्च से हम अपनी सेवा या प्रोडक्ट की डिमांड के बारे में जान सकते हैं, उसमें ऐसा क्या होना चाहिए जो वर्तमान में मौजूद सेवाएँ या प्रोडक्ट में नहीं हैं. साथ ही इससे आपको टारगेट कस्टमर और जगह तलाशने में भी मदद मिलती है. आप मार्केटिंग सर्वे से अपनि सेवाओं और प्रोडक्ट को बेहतर बना सकते हैं और समय के साथ आवश्यक बदलाव करके मार्केट में डिमांड में रह सकते हैं.

मार्केट रिसर्च करना क्यों आवश्यक है?

मार्केट रिसर्च करने के कई फायदे हैं, जैसे:- 1. कस्टमर की आवश्यकताओं का पता लगा सकते हैं 2. निवेश के रिस्क को कम कर सकते हैं 3. अपने समान कंपनी की स्ट्रेटेजी को पहचान कर उसे टक्कर दे सकते हैं 4. कंपनी को मजबूत बना सकते हैं 5. कंपनी की छवि को बेहतर बना सकते हैं

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importance of marketing research in hindi

मार्केटिंग क्या है, और कितने प्रकार की होती है?

Marketing Kya Hai

मार्केटिंग शब्द सभी लोगो ने सुना है, लेकिन क्या आप जानते है, मार्केटिंग क्या है (Marketing Kya Hai) आज हम इस लेख में मार्केटिंग क्या होता है? इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में जानेगे। मुझे पूरी उम्मीद है, की अगर आप यह लेख मार्केटिंग क्या है? पूरा पढ़ लेते है, तो आपको इसके बाद किसी भी दूर लेख को पढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

मार्केटिंग की आवश्यकता हर उस व्यक्ति और बिज़नेस मैन को पड़ती है, जो कुछ सामान बेच रहा हो। लेकिन आज के समय में कई तरह की Marketing Strategy आ चुकी है, जिसकी वजह से लोग अपने Product को बहुत आसानी से Promote कर रहे है। हालाकिं पुराने समय में मार्कटिंग करने का तरीका अलग था।

लोगो को मार्केटिंग की आवश्यकता इसलिए बहुत जरुरी होती है, जिससे की लोग उनके सामान को जान सके। उदहारण के लिए मान लीजिये, एक कंपनी ने कोई नई कार लॉन्च की, तो उसके लिए कार कंपनी को उसकी मार्केटिंग करनी पड़ेगी। जिससे की सभी लोगो को उस कार के बारे में पता चल सके और वह उसको खरीद सके।

वर्तमान समय में Marketing Strategy के लिए Internet का उपयोग किया जा रहा है। हालाकिं आज भी कुछ जगह पर मार्कटिंग करने के लिए पुराने तरीको का उपयोग किया जाता है। मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है, और यह कैसे की जाती सभी बातो को जाने से पहले आइये जानते है, मार्कटिंग क्या है (Marketing Kya Hai) –

Table of Contents

मार्केटिंग क्या है | What is Marketing in Hindi

मार्केटिंग एक प्रकार की प्रक्रिया होती है। जिसका उपयोग व्यापारी अपने उत्पाद की जागरूकता और बिक्री के लिए करते है। इसके अंतर्गत कई प्रकारी की गतिविधियां आती है। जिसके द्वारा उत्पाद की जानकारी ग्राहक तक पहुंचना आसान हो जाता है। अगर हम Marketing को दूसरे शब्दों में जाने तो इसका अर्थ यह भी है, की यह एक ऐसा तरीका है, जो ग्राहक और उत्पाद के बिच एक समबन्ध बनाता है, जिससे की ग्राहक Product के बारे में अच्छी तरह से जान सके।

मार्केटिंग का मबलब क्या होता है (Meaning of Marketing in Hindi)

Marketing का हिंदी अर्थ “विपणन” होता है, इसके अंतर्गत मार्केटिंग मिक्स उत्पाद, मूल्य, स्थान, प्रोत्साहन की योजना बनाई जाती है, जिन्हे मार्केटिंग की भाषा में 4PS कहते है। एक प्रोडक्ट को बनाने के बाद उसकी जागरूकता करने के लिए मार्कटिंग की योजना बनाई जाती है। जिससे ग्राहक का ध्यान प्रोडक्ट पर केंद्रित किया जा सकें।

मार्केटिंग की विशेषताएं | Features of Marketing in Hindi

  • मार्केटिंग एक मानव द्वारा किसी कंपनी के लिए किया गया कार्य है। हालाकिं आज के समय में मार्केटिंग के लिए बहुत सारे Tools आ गए है। लेकिन इन सभी का उपयोग भी मानव द्वारा ही किया जाता है। जिसे ध्यान में रखते हुए हम इसे मानवीय कार्य के अंतर्गत ही रखते है।
  • मार्केटिंग को सामाजिक – अधिक कार्य भी किया जाता है। इसको सामाजिक क्रिया इसलिए कहते है, क्योकिं यह समझ के भीतर रहकर ही किया जाता है, इसे दूसरे शब्दों में आर्थिक क्रिया इसलिए कहते है, क्योकिं मार्कटिंग फायदें के लिए की जाती है।
  • मार्केटिंग बिना Exchange के संभव नहीं है, इसीलिए Exchange को मार्केटिंग का आधार माना गया है। मार्कटिंग के अंतर्गत एक कीमत में वास्तु या सर्विस का आदान प्रदान किया जाता है।
  • मार्केटिंग एक ऐसा कार्य है, जो कभी भी बंद नहीं होता है। हालाकिं मार्केटिंग करने के तरीके बदलते है, लेकिन मार्कटिंग नहीं बदलती है। जो कंपनियां अपने ग्राहक के हित में कार्य करती है, उनके प्रोडक्ट ग्राहक ज्यादा खरीदते है।

मार्केटिंग मिक्स (Marketing Mix 7ps)

मार्केटिंग मिक्स के अंतर्गत 4Ps का मुख्तार पर जिक्र किया जाता है। जिसमे प्रोडक्ट, प्राइस, प्लेस और प्रमोशन शामिल है। लेकिन समय के अनुसार जैसे जैसे मार्कटिंग की रणनीति बढ़ी है, इसमें और भी कई P को जोड़ा गया है। जिसमे वर्तमान समय में 11-12 P तक शमिल है। लेकिन जो मार्केटिंग मिक्स के मुख्य P है, वह 7 P है, जिन्हे सभी लोग जानने की इक्छा रखते है। आइये जानते है, Marketing Mix क्या है –

1. प्रोडक्ट (Product, 1st, P of Marketing)

Marketing Mix का 1st P का मतलब Product होता है। मार्कटिंग करने के लिए आपके प्रोडक्ट का उच्च होना बहुत आवश्यक है। आपके प्रोडक्ट की जितनी अच्छी गुणवत्ता होगी, वह उतना ज्यादा ही ग्राहकों को पसंद आएगा। आपका प्रोडक्ट ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने वाला होना चाहिए।

2. प्लेस (Place)

जिस प्रोडक्ट को व्यवसायी बनाकर उसे बेचना चाहते है, वह प्रोडक्ट बाजार में आसानी से उपलब्ध हो सके। इसके लिए अपने प्रोडक्ट को शहर की सभी दुकानों और ऑनलाइन स्टोर आदि पर देना चाहिए। जिससे की सही ग्राहकों की पहुंच प्रोडक्ट तक हो सके।

3. प्राइस (Price)

आपको अपने प्रोडक्ट का प्राइस इस तरह का रखना चाहिए, जिससे की ग्राहक को किसी भी तरह का कोई नुक्सान ना हो। और सभी ग्राहक आपके प्रोडक्ट को आसानी से खरीद सके। हालाकिं अगर आपके प्रोडक्ट की गुणवत्ता अच्छी है, तो आप उसका Price बढ़ा भी सकते है। अगर आपके प्रोडक्ट उच्च गुणवत्ता वाले होंगे तो ग्राहक आपके प्रोडक्ट को खरीद कर खुश होंगे।

4. प्रमोशन (Promotion, 5 P, of Marketing)

आपको अपने Product को बनाने के बाद उसके लिए उसका Promotion करना बहुत जरुरी है। जिससे की आपको एक सही Audience मिल सके। Promotion के लिए वर्तमान समय में कई तरह के Advertising Tools है, जिनके द्वारा आप Internet पर अपने Product का Promotion कर सकते है।

5. पीपुल (लोग) (People)

इस Marketing Mix में कंपनी के Employee का ख्याल रखा जाता है। क्योकिं कंपनी के Employee ही ग्राहकों तक Product और Services पहुंचाते है। इसलिए कंपनी की पूरी जिम्मेदारी होती है, की वह अच्छे और पढ़े लिखे कर्मचारियों की नियुक्ति करें। जिससे की ग्राहकों तक अच्छी Services पहुंच सके।

6. प्रोसेस (Process)

Product Price Place और Promotion के बाद आता है, Process यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब आपको अपने Business को अच्छी तरह से एक Verify Structured के साथ Process करना चाहिए। जिससे की किसी भी प्रकार की गलती ना हो। Business से अधिक लाभ लेने के लिए आपको Process पर पूरा ध्यान देना चाहिए, और इसमें किसी भी तरह की गलती की कोई बर्दाश्त नहीं होनी चाहिए।

7. फिजिकल एविडेंस (Physical Evidence)

किसी भी Services प्रदान करने वाली इंडस्ट्रीज में Physical Proof होना बहुत जरुरी होता है। जिससे की आपकी एक अलग ब्रांडिंग हो सके। उदहारण के लिए जब हमारे मन में मसलों का नाम आता है, तो इसका सबसे पहले ब्रांड MDH Masale आता है, वही अगर हम Toothpaste की बात करें, तो हमारे मन में Colgate का नाम आता है। यह एक तरह की Brand Value होती है। जिसके लिए आपको भौतिक प्रमाण की आवश्यकता होती है।

मार्केटिंग के प्रकार (Types of Marketing in Hindi)

Types of Marketing in Hindi

मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है (Types Of Marketing) अगर हम इसके बारे में बात करें, तो मार्केटिंग Business के आधार पर ऑफलाइन मार्केटिंग और ऑन लाइन मार्केटिंग दो प्रकार की होती है, Online Marketing के अंतर्गत Digital Marketing आदि आती है। तो आइये जानते है, मार्केटिंग के सभी तरह के प्रकार के बारे में –

Types of Marketing in Hindi

  • Account-based Marketing
  • Acquisition Marketing
  • Advertising
  • Affiliate Marketing
  • Behavioral Marketing
  • Brand Marketing
  • Cause Marketing
  • Content Marketing
  • Conversational Marketing
  • Digital Marketing
  • Email Marketing
  • Emotional Marketing
  • Event Marketing
  • Global Marketing
  • Guerilla Marketing
  • Inbound Marketing
  • Influencer Marketing
  • Mobile Marketing
  • Neuromarketing
  • Nostalgia Marketing
  • Organic Marketing
  • Outbound Marketing
  • Outreach Marketing
  • Partnership Marketing
  • Product Marketing
  • Public Relations
  • Referral Marketing
  • Relationship Marketing
  • Retention Marketing
  • Search Engine Marketing
  • Seasonal Marketing
  • Social Media Marketing
  • Stealth Marketing
  • Telemarketing
  • User-Generated Marketing
  • Video Marketing
  • Voice Marketing
  • Word of Mouth Marketing

1. Account-based Marketing

Account-based Marketing जिसे ABM भी कहा जाता है। Account-based Marketing के अंतर्गत एक ख़ास अकाउंट में कंपनी को टारगेट करने के लिए व्यक्तिगत सन्देश या प्रोडक्ट से सम्बंधित कुछ Advertising Campaign भेजे जाते है, जिससे की बिक्री होती है। यह नई Lead लाने के लिए उपयोग किया जाता है। Account-based Marketing का उपयोग आमतौर पर B2B Business के लिए किया जाता है, जिसमे Pharma Company कुछ अस्पतालों को लक्षित करती है।

2. Acquisition Marketing

Acquisition Marketing जैसा की इसके नाम से पता चलता है, की यहाँ पर हम नई ग्राहकों को बनाने की बात कर रहे है। Acquisition Marketing के अंतर्गत SEO, Blog Content, Landing Page, Social Media और Google Advertisement शामिल है। जो भी नए ग्राहकों को Lead में Convert करने में सहायक होता है, उसे Acquisition Marketing कहते है। Acquisition Marketing के अंतर्गत इस तरह का Content बनाया जाता है, जिससे की ग्राहक सामग्री पर क्लिक करने के लिए मजबूर हो जाए।

3. Advertising

Advertising Marketing एक ऐसी शाखा है, जो की किसी भी Business या Product को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के लिए Advertising Campaigns का Use करती है। इसके अंतर्गत Advertising Campaigns को कई तरह से चलाया जाता है, जिसमे PPC (Pay Per Click), Social Media Advertising, TV, Radio, और कई पारम्परिक तरीके शामिल है। सोशल मीडिया मार्केटिंग के लिए सही प्लेफॉर्म चुनना बहुत जरुरी है, उदहारण के लिए Instagram Advertising के दौरान आप ज्यादातर युवाओं को टारगेट करते है, इसी तरह से आप Twitter को भी चुन सकते है। इसके अलावा Advertising में Banner Marketing भी की जाती है, जिसके दौरान सड़क के किनारों पर बड़े बड़े बोर्ड लगाए जाते है।

4. Affiliate Marketing

आप अपने प्रोडक्ट के Associated Content को अन्य लोगो के साथ साझा करने के लिए भी ग्राहक को भुगतान कर सकते है, इस प्रक्रिया को Affiliate Marketing के रूप में जाना जाता है। Affiliate Marketing मुख्य रूप से दो लोग होते है, एक मर्चेंट और दूसरा एफिलिएट। Affiliate Marketer प्रोडक्ट और सर्विसेज को बढ़ावा देता है, और जब उस प्रोडक्ट या सर्विस को कोई खरदता है, तो बदले में उसका कुछ कमिशन Affiliate Marketer को मिलता है।

Affiliate Marketing के लिए आप अपने प्रोडक्ट का एक Affiliate Link प्रदान करते है, जिसे YouTube वीडियो, Blog Post या Instagram Profile की Bio में लगाकर Promote किया जा सकता है। इसके बारे में पूरा जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़े – Affiliate Marketing क्या है

5. B2B (Business To Business)

B2B Marketing का फुल फॉर्म Business To Business मार्केटिंग होता है। इसके अंतर्गत एक बिज़नेस दूसरे बिज़नेस को सर्विसेज बेचता है। यह मुख्यतौर पर Industry या कंपनी पर आधारित होता है। B2B Sales Cycle बड़ा होता है, क्योकिं इसमें Product और Services को खरीदने से पहले Product का Demo और Sales Development आदि शुरू किया जाता है। B2B मार्कटिंग Digital रूप से Industry-specific Conventions के माध्यम से की जाती है। इसमें Professional Audience को Target करने के लिए Linkedin के Job Title Database का उपयोग किया जाता है।

6. B2C (Business To Customers)

B2C (Business To Customers) मार्केटिंग के अंतर्गत Individual Consumer को टारगेट किया जाता है। ज्यादातर बिज़नेस B2C मार्केटिंग पर ध्यान देते है, ऐसा इसलिए है, क्योकिं B2C मार्केटिंग एक छोटा Sales Cycle होता है। यहाँ पर खरीदारी तुरंत हो जाती है। B2C मार्केटिंग के लिए अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज को हमेशा अपडेट करते रहना चाहिए। B2C Marketing के लिए Social Media मार्केटिंग रणनीति एक बेहतर विकल्प है। जहाँ पर टारगेट ग्राहकों को अपने Product को दिखाया जा सकता है।

7. Behavioral Marketing

Behavioral Marketing के अंतर्गत Audience का व्यवहार बारीकी से जाँचा जाता है। जिसमे Audience इंटरनेट पर क्या सर्च कर रही है, उसे किस तरह के कंटेंट मैं रूचि है, और भी बहुत सी ऑनलाइन गतिविधियों के आधार पर Behavioral Marketing की जाती है। Audience Behavior को समझने के लिए वेबसाइट पर कई तरह के Tools का उपयोग किया जाता है। जिनके आधार पर Advertising Campaign तैयार किया जाता है।

8. Brand Marketing

Brand Marketing का लक्ष्य Sales से नहीं होता है। यहाँ पर Brand Value बढ़ने के लिए Advertising Campaign चलाये जाते है। जो की Business को पहचान दिलाने में मदद करता है। इसके अंतर्गत Business का Logo और Website होना बहुत अनिवार्य है। जब आपके Brand की मार्केटिंग में Awareness हो जाती है, तो इसके बाद आप अपने ग्राहकों के लिए Marketing रीसर्च करके उनकी रूचि और जरूरतों को आसानी से जान सकते है।

9. Cause Marketing

Cause Marketing एक Non Profitable शुरुआत है, जिसमे बिज़नेस Corporate और सामाजिक जिम्मेदारियों को दर्शाता है। इसका मुख्य उद्देश्य होता है, बिज़नेस ग्रुप को उन ग्राहकों या व्यक्तियों के साथ समबन्ध बनाना जो की आपके मूल्य और उत्पाद का समर्थन करते है। Cause Marketing के अंतर्गत कंपनियां अपनी पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं का प्रदर्शन करती हैं। इसे शुरू करने के लिए Local Organization के साथ भागीदारी करनी पड़ती है, जिसमे बिक्री का एक निश्चित कमिशन Local Organization को देना होता है।

10. Content Marketing

जब भी हम Google में कुछ Business से सम्बंधित कुछ Search करते है, तो हमारे सामने सबसे ज्यादा रिजल्ट कंपनी ब्लॉग के आते है। लेकिन सभी कंपनियां ब्लॉग क्यों बनाती है? इस बात से ब्लॉगिंग और कंटेंट मार्कटिंग क्या लेना देना है। आपको बता दें, की कंटेंट मार्केटिंग में ब्लॉग्गिंग की बहुत बड़ी अहम् भूमिका है। Blogging कंटेंट मार्केटिंग करने की एक सबसे अच्छी Marketing Strategy है। इसके अंतर्गत ब्लॉग पोस्ट लिखने के अलावा सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखना, E-Book लिखना, वीडियो कंटेंट बनाना आदि चीजे आती है। कंटेंट मार्केटिंग के बारे में सभी जानकारी जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ने – Content Marketing क्या है

11. Conversational Marketing

Conversational Marketing एक बिज़नेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। Conversational Marketing ब्रांड को अपने ग्राहकों के साथ आसानी से बातचीत करने की अनुमति प्रदान करता है। क्योकिं कई ऐसे ग्राहक होते है, जिन्हे आपके बिज़नेस से जुड़े कुछ प्रश्नो के उत्तर की आवश्यकता तत्काल होती है। Conversational Marketing तुरंत समाधान का एक जरिया है, वास्तव में लगभग 73% ग्राहक लाइव चैट और कॉल पर बातचीत करने को संचार का सबसे अच्छा रूप मानते है।

उदहारण के लिए अगर हम GoDaddy से कोई Domain Name खरीदते है, और अगर उसमे हमें किसी भी तरह की कोई समस्या आती है, तो हम तुरंत कॉल लगाकर उसका समाधान ले लेते है। वही अगर हम डोमेन या Hosting में आयी किसी समस्या का समाधान Email के जरिये लेते है, तो उसमे थोड़ा समय लग जाता है। एक बिज़नेस की वेबसाइट पर एक Live Chat का विकल्प जुरूर होना चाहिए। Conversational Marketing ग्राहक को अपने साथ जोड़ने का एक शानदार तरीका है।

12. Digital Marketing

डिजिटल मार्केटिंग के अंतर्गत कई तरह की Digital Marketing Strategy आती है। यह एक Comprehensive शब्द है, जिसके अंदर मार्केटिंग शामिल है, जिसमे डिजिटल तकनीक का उपयोग करके बिज़नेस को Promote किया जाता है। Digital Marketing Strategy के अंतर्गत ग्राहकों को नई नए तरीके से टारगेट किया जाता है। डिजिटल मार्केटिंग के बारे में विस्तार से जाने के लिए आप यह लेख पूरा पढ़ें – Digital Marketing क्या है

13. Email Marketing

81% छोटे बिज़नेस में Email Marketing का उपयोग एक लाभ के लिए किया जाता है, जबकि 80% बिज़नेस ईमेल मार्केटिंग का उपयोग ग्राहक Retention के लिए करते है। ईमेल मार्केटिंग के अंतर्गत Business में Sales बढ़ाना संभव है। क्योकिं यह सीधे ग्राहकों तक पहुँचता है, इसलिए Email Marketing का Return भी अच्छा होता है। Email Marketing में प्रत्येक $1 के लिए, औसत ROI $36 है। एक बिज़नेस अपने ग्राहकों को किसी भी तरह के ईमेल सेंड कर सकता है। जैसे Informative Newsletters, New Product Releases, Sales Announcements and Shopping Cart Reminders आदि। इसके बेहतर Performance के लिए आप अपनी वेबसाइट के लीड फॉर्म को भी ईमेल में जोड़ सकते है।

14. Emotional Marketing

Emotional Marketing के अंतर्गत ब्रांड कुछ भावनात्मक विज्ञापन का उपयोग करते है, जो की लोगो को Product खरीदने के लिए सहायक होते है, या फिर लोगो की ब्रांड के साथ Attachment बढ़ती है। Emotional Marketing को प्रभावी तरीके से करने के लिए भावनाओ पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। कुछ ऐसे विज्ञापन बनाये जाते है, जिसमे ख़ुशी, दुःख, क्रोध, या घृणा आदि कुछ भी हो सकता है। जैसे की हम Cadbury Dairy Milk के विज्ञापन के बारे में बात करें, तो यहाँ पर खुशियों को भावनात्मक रूप से जोड़ा गया है, हर कुछ में कुछ मीठा हो जाए का उपयोग किया जाता है। जो की लोगो को अपनी और आकर्षित करता है।

15. Event Marketing

Event Marketing का उपयोग Business Lasting Relationship बनाने और Target Audience के अनुभव को यादगार बनाने के लिए किया जाता है। Event Idea सम्मेलनों या Online Event से लेकर Product-Forward Workshops तक कही भी हो सकते है। Event Marketing का सबसे प्रभावशाली परिणाम वह होता है, जब आप लोगो के साथ जुड़कर उनके साथ कुछ भावनाएं छोड़ते है।

16. Global Marketing

वर्तमान समय में Online Business बहुत तेजी से बढ़ा है, हालाकिं कई लोग आज भी Localization Marketing की और रुख रखते है। Global Marketing से आप अपने प्रोडक्ट से सम्बंधित संदेशो को विश्वभर में पंहुचा सकते है। Global Audience के कल्चर को समझते हुए आप उन्हें ककुछ Pictures और शब्दों की मदद से अपने प्रोडक्ट को Friendly बना सकते है। उदहारण के लिए कुछ बड़े ब्रांड ऐसे भी होते है, जो अलग अलग देशो के लिए अलग अलग Domain नाम के साथ उसी देश की स्थानीय भाषा के साथ Website लॉन्च करके वहां पर अपने Product का प्रमोशन करते है।

17. Guerilla Marketing

Guerilla Marketing के अंतर्गत ज्यादातर विज्ञापन की तकनीक डिजिटल मार्केटिंग के Various Forms को बनाती है। Guerilla Marketing एक दुर्लभ प्रकार की Modern Marketing Strategy है। जिसमे आपको कुछ Offline विज्ञापन भी करे जरुरी है। गुरिल्ला मार्केटिंग सेल्स को बढ़ाने और ब्रांड की Awareness को बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है। इसके अंतर्गत सार्वजानिक स्ट्रीट के साथ ब्रांड की एक बड़ी आर्ट को बनाने से लेकर Physical Locations पर पॉप अप आर्ट बनाए तक बहुत कुछ शामिल है। आप Google में Guerilla Marketing Example लिखकर सर्च कर सकते है, जिससे की आपको Guerilla Marketing के बारे में अच्छी तरह से समझ में आ जायेगा, की यह किस तरह से ग्राहकों को अपनी और आकर्षित करती है।

18. Inbound Marketing

Inbound Marketing एक ऐसा शब्द है, जिसमे लगभग सभी तरह की मार्केटिंग शामिल होती है। आप एक Inbound Marketer के रूप में अपने Consumers को Helpful Resources and Tips प्रदान करेंगे, जो की आपके Product और उसकी समस्यां को समाधान होगा। इसके लिए आप बेहतर ब्लॉग कंटेंट, ईमेल और लाइव चैट के माध्यम से भी अपने ग्राहकों के साथ जुड़ सकते है। साथ जब आपके किसी प्रोडक्ट की बिक्री होती है, तो उसके बाद आपको समर्थन देने पर भी ध्यान देना चाहिए।

19. Influencer Marketing

Influencer Marketing 2019 के बाद से बहुत तेजी से बढ़ी है, 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार Influencer Marketing 13.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की थी। Influencer Marketing एक प्रभावशाली तरीका है, बिज़नेस को प्रमोट और Product की बिक्री बढ़ाने का, इस मार्केटिंग के लिए Instagram और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग किया जाता है। एक ऐसा Influencer जिसके पास पहले से ही बहुत सारे Followers है, और वह अपने क्षेत्र में Expert है, तो उसके साथ हम अपने प्रोडक्ट या ब्रांड की मार्केटिंग कर सकते है। इससे आपके ब्रांड को तुरंत विश्वसनीयता हासिल हो जाती है। हालाकिं जिसके जितने ज्यादा Followers होते है, वह आपसे उतने ज्यादा पैसे मांगते है, Product को प्रमोट करने के।

20. Mobile Marketing

Digital Strategy का एक बहुत बड़ा मुख्य हिस्सा Mobile Marketing है, जब से Smartphone User की संख्या बढ़ी है, तब स मोबाइल मार्केटिंग का विस्तार बहुत तेजी से हुआ है। अगर आप एक Smartphone का Use करते है, तो आपको जरूर पता होगा, की आपके पास तरह तरह के Brand से सम्बंधित SMS आते रहते है। इसके अलावा QR Code और Push Notification भी Mobile Marketing का ही हिस्सा है।

21. Neuromarketing

Neuromarketing मार्केटिंग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस मार्केटिंग के अंतर्गत न्यूरोसाइकोलॉजी रिसर्च आती है। जिसके द्वारा एक न्यूरोसाइकोलॉजी मार्केटर ग्राहक के Mind को Analysis करके यह पता लगाते है, की वह प्रोडक्ट से खुश है, हालाकिं ग्राहक इस बात को मौखिक रूप से व्यक्त नहीं करता है। लेकिन एक Neuromarketer इस बात का पता आसानी से लगा लेता है। किसी भी ब्रांड को बनाने से पहले उसकी Neuromarketing टेस्ट की जाती है।

22. Nostalgia Marketing

Nostalgia Marketing ब्रांड के लिए एक ख़ुशी की भावना उत्पन्न करती है। यह व्यक्ति की पुरानी यादो को ताजा करती है। उदहारण के लिए Coca Cola की कांच की बोतल, जो की पुरानी यादो को ताजा करती है। इस तरह की Marketing Strategy में आपको पुराने स्कूलों को दर्शन चाहिए, जिससे की दर्शको के बिच में बचपन की यादे ताजा हो जाएँ, आपको एक बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए, आप जो भी कर रहे है, वह कही ना कही आपके ब्रांड या Product से मिलता जुलता होना चाहिए।

23. Organic Marketing

Organic Marketing में आमतौर पर किसी भी तरह के Paid Advertising नहीं चलाये जाते है। आर्गेनिक मार्केटिंग में Social Media और Search Engine Optimization (SEO) का Use किया जाता है। इस मार्केटिंग Strategy में आपको Search Engine के लिए अच्छे ब्लॉग पोस्ट लिखने होते है, जब वह सर्च इंजन में रिजल्ट पेज पर आते है, तो आपके पास आर्गेनिक रूप से ग्राहक सर्च करके आपके Product या ब्रांड तक पहुंचते है।

24. Outbound Marketing

Outbound Marketing के अंतर्गत ग्राहकों को Systematic तरीके से आकर्षक ना करके उनके पीछे पढ़कर उन्हें आकर्षक करना शामिल होता है। हालाकिं आज Google Adwords और अन्य Social Media Paid Marketing की वजह से यह चीजे बदल चुकी है। लेकिन कुछ समय पहले यह एक सामान्य बात थी, जब ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए टीवी पर विज्ञापन दिखाए जाते थे, Print Banner लगवाए जाते थे, हालाकिं यह प्रचलन आज भी है, लेकिन बहुत कम है। लेकिन आज के समय में डिजिटल मार्केटिंग की वजह से Outbound Marketing के लिए Email Marketing का उपयोग किया जा रहा है।

जहाँ पर कंपनियां ग्राहकों की एक बड़ी सूचि में अपने Advertising Campaign को एक क्लिक में हजारो ग्राहकों को एक साथ भेज देती है। Outbound Marketing की वजह से कई बार ब्रांड को कुछ शिकायतों का सामना भी करना पड़ जाता है, क्योकिं कई बार इसमें ऐसे लोग भी शामिल होते है, जिन्हे आपके Product में रूचि नहीं होती है, और उनके पास भी आपका Email पहुंच जाता है। आपको आउटबाउंड मार्केटिंग के दौरान Key Performance Indicator (KPI) पर ध्यान देना चाहिए।

25. Outreach Marketing

Outreach Marketing के अंतर्गत ऐसे लोगो के साथ Collaborate करना शामिल है, जो की आपके ब्रांड ग्राहकों की राय को समझ सकते है। इसके अंतर्गत सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, ब्लॉगर, यूट्यूबर और पत्रकार सही कुछ बिज़नेस भी शामिल है। इन लोगो के साथ Collaborate करने का सीधा Target Social Media और अन्य प्लेटफार्म पर अपने ब्रांड के बारे में Awareness फैलाना है। जो आपके ब्रांड को Strong करता है, और आपको एक्सपोज़र देने में मदद करता है।

कई बड़ी कंपनियां Outreach Marketing का उपयोग बड़ी दूसरी वेबसाइट से Backlink लेने के लिए भी करती है। जिससे की वेबसाइट के SEO में मदद मिलती है। साथ ही आपकी वेबसाइट पर अच्छा ट्रैफिक भी आता है। आपको किसी भी वेबसाइट से बिना सोचे समझे बैकलिंक नहीं लेना है, अगर कोई वेबसाइट ज्यादा Spam वाली है, तो ऐसी जहा पर आपको Outreach मार्केटिंग नहीं करनी चाहिए, इससे आपको Search Engine द्वारा Spam भी किया जा सकता है।

26. Partnership Marketing

Partnership Marketing उस समय की जाती है, जब दो Business एक दूसरे के लिए लाभ प्रदान करते है। इससे ब्रांड की जागरूकता बढ़ती है, और बिज़नेस में नई ग्राहक मिलते है। उदहारण के लिए Domino’s Pizza और Coca Cola यह एक तरह की Partnership Marketing करते है।

27. Product Marketing

Product Marketing करने का मतलब प्रोडक्ट की अच्छी तस्वीरों को वेबसाइट पर डालना नहीं होता है। इसके अलावा भी इसके अंतर्गत और बहुत सारी चीजों का ख्याल रखना पड़ता है। प्रोडक्ट मार्केटिंग में आपको Segmentation, Targeting and Personality के माध्यम से सही ग्राहक बनाने में मदद मिलती है। इसके अंतर्गत आपको KPI पर पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए कई बड़ी बड़ी कंपनियां जो सॉफ्टवेयर या अन्य SEO Tools आदि प्रदान कराती है, वह अपने Product का Demo Sign-Up प्रदान करती है, जिससे की वह ग्रहाक की समस्यां को समझ सके। अगर उनके टूल्स में किसी भी तरह की कोई समस्यां नहीं होती है, तो उनका डेमो Lead में कन्वर्ट हो जाती है।

28. Public Relations

Public Relations Marketing एक ऐसी Strategy है, जिसके अंतगर्त आपको Media के माध्यम से अपने Business को बढ़ाने में मदद मिलती है। उदहारण के लिए – जब भी आप आने Business से सम्बंधित कोई पुरुस्कार लेते है, तो आप इससे सम्बंधित न्यूज़ को किसी न्यूज़ चैनल या वेबसाइट पर Press Relese के माध्यम से लिखवा सकते है। या फिर आप अपने Business का कुछ Profit किसी धर्मार्थ योगदान के लिए दे सकते है, और इस Story को आप किसी News में प्रकाशित करने के लिए उत्साहित कर सकते है। इससे आपकी कंपनी की धारणा जनता के बीच में अच्छी होती है। और आप एक Industry Leader के रूप में लोगो के सामने आते है। इस तरह की Strategy को Public Relations Marketing Strategy कहते है।

29. Referral Marketing

Referral Marketing Strategy एक बहुत ही अच्छी Strategy है। इसके अंतर्गत Business को इस तरह से Programe किया जाता है, की वह Automations की तरह कार्य करता है। यहाँ पर आपके Product को एक दोस्त अपने दूसरे दोस्त को Referaal के लिए प्रोत्साहित करता है, जब वह Referral किये गए Product को खरीद लेता है, तो इस पर दोनों को छूट मिलती है।

उदहारण के लिए – जैसे शुरुआत में Google Pay ने अपना Referral प्रोग्राम शुरू क्या था। जब कोई भी Google Pay को अपने किसी दोस्त या परिवार में Referral करता था, तो दोनों को 50 Rs मिलते थे। अगर आपके Business में ऐसा कोई भी Product है, जिसे आप Referral के साथ जोड़ सकते है, तो इससे आपको लाभ मिल सकता है। जिससे आपके ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगेगी।

30. Relationship Marketing

Relationship Marketing के अंतर्गत मुख्य उद्देश्य ग्राहक से Long Relationship बनाना होता है। जिसके अंतर्गत आप अपने ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट प्रदान करते है। उनके साथ सोशल मीडिया पर जुड़कर लाइव चैट करके प्रोडक्ट से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान करते है।

वास्तव में ग्राहक के साथ Strong Relationship बनाना नहीं है, बल्कि जब ग्राहक पहली खरीदारी कर लेता है, उसके बाद भी उसके साथ अच्छा व्यावहवार करना है। यह एक लॉयल्टी कार्यक्रम की तरह कार्य करता है। ऐसे में आपके ग्राहक आपके साथ लॉयल होते है। और आपके साथ आजीवन जुड़ सकते है।

31. Retention Marketing

Acquisition Marketing के अंतर्गत नये ग्राहकों के साथ जुड़ना है। इसके अंतर्गत SEO, Top-Funnel Blog Content, Landing Pages and Social Media or Google Ads आदि Strategy आती है। जिसके द्वारा आप सीधे Lead Generation को टारगेट कर सकते है। Acquisition Marketing के तहत आपको कुछ इस तरह के Content पर ध्यान देना चाहिए, जो की सीधे Target Audience को Click करने पर मजबूरत कर दें। यह Call to Action (CTA) की एक प्रभावशली Strategy है।

32. Search Engine Marketing

Search Engine Marketing (SEM) के अंतर्गत सभी ऐसी Marketing Strategy शामिल है, जो की Promotion के रूप में कार्य करती है, यह Google और अन्य सभी सर्च इंजन में उपयोग की जाती है। Search Engine Marketing (SEM) का मुख्य टारगेट आपके Business को सर्च इंजन के Search Engine Result Pages (SERPs) पर लाना होता है, जिससे की ग्राहक आपके Business के साथ जुड़ने लगते है। और आदर्श रूप से Click करके आपकी Website पर आते है।

सर्च इंजन मार्केटिंग मुख्य रूप से दो प्रकार से की जाती है, Search Engine Optimization (SEO) and Pay-Per-Click Advertising (PPC) दोनों के बीच में यह अंतर है, की SEO आर्गेनिक होता है, इसके आपको किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है, लेकिन वही PPC में आपको Google के द्वारा Advertisement चलाने होते है, जिसमे आपको शुल्क देना पड़ता है। SEO करने के लिए आपको सबसे पहले SEO के बारे में सीखना बहुत जरुरी है, इसके बाद आप SEO कर सकते है। SEO के बारे में सभी जानकारी विस्तार से जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ने – SEO क्या है

33. Seasonal Marketing

Seasonal Marketing आपके बिज़नेस के लिए बहुत ही उपयोगी है, इसके अंतर्गत आपको साल के कुछ फेस्टिवल अवकाश के दौरान कुछ ऑफर प्रदान करने होते है। जैसे की वैलेंटाइन डे, क्रिसमस, ब्लैक फ्राइडे, आदि। कई ब्रांड इन अवकाशों पर तरह तरह की मार्कटिंग रणनीति अपनाते है।

34. Social Media Marketing

कुछ डिजिटल मार्कटिंग एक्सपर्ट्स का सीए मानना है, की Social Media मार्केटिंग Content Marketing की ही एक शाखा है। हालाकिं सोशल मीडिया मार्केटिंग एक महत्वपूर्ण मार्कटिंग रणनीति है, बहुत से ग्राहक आपके ब्रांड में उस समय रूचि लेते है, जब वह आपके विज्ञापन को Instagram या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विज्ञापन देखते है।

Valuable Marketing Strategy के अंतर्गत Facebook Marketing , Instagram Marketing, Twittwer Marketing, Linkdin Marketing, और YouTube आदि आते है। कई कंपनियां अपने प्रोडक्ट के आधार पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म का चुनाव करती है। अगर किसी कंपनी को कोई Tools या अन्य Product Sell करना होता है, तो वह आमतौर पर सबसे ज्यादा Linkedin का उपयोग करते है, वही अगर कोई अपने Restorent या भोजन, डिस्को, क्लब आदि का प्रमोशन करता है, तो वह Instagram की और अधिक झुकाव करता है।

35. Stealth Marketing

Stealth Marketing के अंतर्गत किसी भी Product को पहले मार्केटिंग में सूक्ष्म रूप से प्रदर्शित किया जाता है। इस तरह की मार्केटिंग के अंतर्गत Product को मूवी, टीवी शो, या अन्य किसी विज्ञापन में प्रदर्शित किया जाता है। Stealth Marketing की तकनीक द्वारा विज्ञापन इस तरह से दिखाए जाते है, जिससे की ग्राहक को यह भी नहीं पता चल पाता है, की यह एक ब्रांड प्रमोशन है, और यह Marketing Strategy ब्रांड पर एक सकारत्मक प्रभाव छोड़ती है।

36. Telemarketing

Telemarketing किसी Services या Product को टेलीफ़ोन के द्वारा बढ़ावा देती है। Telemarketing के अंतर्गत कंपनियां अपने ग्राहकों को कॉल करके उन्हें अपने Product से सम्बंधित ऑफर के बारे में जानकारियां देती है। उदहारण के लिए कुछ कंपनियां Credit Card के लिए Telemarketing का उपयोग करती है, जो की नये Credit Card प्रदान करती है। Telemarketing से ग्राहक अधिक इंटरैक्टिव होते है, और उन्हें तत्काल सोचने का मौका देते है। हालाकिं कई ग्राहक टेलीमार्केटिंग को सही नहीं मानते है, लेकिन आप सिर्फ उन्ही ग्राहकों को चुन सकते है, जो आपके साथ इंटरैक्टिव होते है।

37. User-Generated Marketing

User-Generated Marketing के दौरान ग्राहक आपके Product को Use करने के बाद जो सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्म पर आपके Product का Review करता है, ये User-Generated Marketing कहलाती है। जिसमे आपको अपने प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर ध्यान रखना चाहिए, जिसके बाद ग्राहक खुद ही उसके अच्छे रिव्यु देते है, और आपकी ब्रांड वैल्यू बढ़ने लगती है। और अन्य ग्राहक भी आपके Product का उपयोग करने के बारे में सोचते है।

38. Video Marketing

Marketing Content के अंतर्गत कई तरह के कंटेंट काटे है, जिनमे Blog Post, Social Media Post और Podcast आदि। इन्ही में से एक बहुत लोकप्रय Marketing कंटेंट Viceo भी है। आज के समय में Video Marketing बहुत ज्यादा पॉपुलर है।

अपने Marketing Assets में में आप कुछ मजेदार और भनात्मक वीडियो को शामिल करके अपने ब्रांड को रचनात्मक रूप से प्रस्तुत कर सकते है। आप YouTube, Facebook और Instagram के अलावा अपनी वेबसाइट पर भी Vidoe का उपयोग कर सकते है। अपने Product से सम्बंधित एक छोटी सी वीडियो को आप अपनी वेबसाइट के पोस्ट में भी जोड़ सकते है।

39. Voice Marketing

Voice Marketing एक नये प्रकार की मार्केटिंग है, जो की Voice Search के लिए बहुत उपयोगी है, यह ब्लॉग पोस्ट और Product Website के लिए बहुत उपयोगी है, जो की SEO Practices के लिए भी उपयोगी है। लोग आज के समय में टाइप करने की जगह बोलना ज्यादा पसंद करते है। हालाकिं वॉयस सर्च कई सालों से है, यह अमेज़न, अलेक्सा और गूगल होम स्मार्ट स्पीकर में बहुत समय से चल रही है।

Voice Search और टाइप की गयी क्वेरी में बहुत अंतर होता है। मान लीजिये आप आपको पिज़्ज़ा खाना है, तो आप गूगल में Pizza शॉप सर्च कर सकते है। वही अगर आप ड्राइविंग कर रहे है, तो आप सिर्फ यह बोल सकते है “पिज़्ज़ा कहाँ मिलेगा” गूगल आपको आपके आस पास के पिज़्ज़ा शॉप का एड्रेस दिखा देगा।

40. Word of Mouth Marketing

Word of Mouth Marketing के अंतर्गत ख़ुशी ग्राहक आते है, जो की आपके प्रोडक्ट से खुश होकर उसे अपने दोस्तों में बताते है। एक ब्रांड के विज्ञापन से ज्यादा ग्राहक अपने दोस्त की बात मानता है, ऐसे में बहुत ज्यादा चांस होते है, की आपके ग्राहकों की संख्या बढ़ जाती है। हालाकिं इसका कोई भी आजमाया हुआ तरीका नहीं है, लेकिन ग्राहक की खुसी के आधार पर ही यह मार्कटिंग रणनीति कार्य करती है।

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मार्केटिंग में क्या होता है (Marketing Me Kya Hota Hai)

हालाकिं Traditional Marketing पुराने समय में बहुत ज्यादा की जाती थी, लेकिन आज भी ट्रेडिशनल मार्केटिंग की जाती है। लेकिन वास्तव में यह डिजिटल आउटरीच प्रयासों को बाहर नहीं कर सकती है, क्योकिं डिजिटल मार्केटिंग द्वारा आपके बिज़नेस को टारगेट ऑडियंस मिलती है। लेकिन Traditional Marketing के कुछ ऐसे घटक और कार्य है, जो की डिजिटल मार्केटिंग पर निर्भर करते है।

अगर हम बात करें, की आज से लगभग 20 साल पहले मार्केटिंग किस प्रकार की जाती थी, तो आपको बता दें, की उस समय Radio, Television, Billboards, Newspapers, Magazines, Telemarketing, Face-to-face Efforts के अलावा और भी कई Efforts द्वारा मार्केटिंग की जाती थी। हालाकिं आज भी कई कंपनियां ऐसी है, जिनके लिए डिजिटल मार्केटिंग से ज्यादा Traditional Marketing के द्वारा ज्यादा ग्राहक जुड़ते है। आइये जानते है, Marketing Me Kya Hota Hai –

1. Local Marketing

Local Marketing मार्केटिंग का एक हिस्सा है, जिसके अंतर्गत कंपनी होर्डिंग, कैफे बुलेटिन बोर्ड और अन्य तरह की परंपरागत मार्केटिंग का उपयोग करती है। अगर कोई Business किसी Physical Location पर है, तो Local Marketing मार्केटिंग उसके लिए एक बेहतर विकल्प है। जैसे की टेक्सी पर विज्ञापन करना, बस स्टॉप पर होल्डिंग लगाना यह सभी मार्केटिंग का हिस्सा है।

2. Market Research

Market Research एक ऐसी प्रक्रिया है, जो की हमेशा डिजिटल और पारम्परिक मार्केटिंग के बिच क्रमबद्ध नहीं होती है। Market Research के अनुसार किसी भी नई प्रोडक्ट को बाजार में लाने के लिए ग्राहकों के साथ साक्षात्कार रूप में मिलना होता है। जिससे की प्रोडक्ट की कीमत और स्तिथि सहित कई चीजों का पता लगाया जा सकता है। इसके लिए कई कंपनियां अपना प्रोडक्ट लॉन्च करने से पहले पारंपरिक और डिजिटल मार्केटिंग दोनों के द्वारा सर्वे आदि करवाती है।

3. Common Traditional Marketing Task Titles

Traditional Marketing के अंदर क्या होता है, यह जानकारी तो आपको पता चल चुकी है। अब अगर हम Traditional Marketing के जॉब या टास्क टाइटल्स की बात करें, तो यह इस प्रकार है। जहाँ पर हमें निम्न प्रकार की जॉब Traditional Marketing में देखने के लिए मिलती है –

  • Marketing Generalist
  • Brand Manager
  • Publicity Director
  • Community Marketing Coordinator
  • Business Development Strategist

Note – यह लेख मार्केटिंग क्या है (Marketing in Hindi) के बारे मैं था। जिसमे आपको मार्केटिंग क्या है, इसके अलावा मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है, और मार्केटिंग से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण चीजों के बारे में बताया गया है, अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यवाद।

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What is Marketing in Hindi? – मार्केटिंग क्या है ?

What is marketing in hindi

Marketing Introduction (परिचय)–

जब भी Marketing की बात आती है तो हमें यही लगता है कि Marketing का मतलब Advertising या Promotion होता है पर इसका मतलब सिर्फ यही नहीं है, असल में Advertising और Promotion Marketing के ही type हैं। Marketing को हिन्दी में ‘विपणन’ कहते हैं।

इसमें बहोत सारी क्रियाएँ आती हैं। यह एक continuous process है। इसमें Advertising (विज्ञापन), Distribution (वितरण), Selling (बिक्री) शामिल हैं। इसका सम्बन्ध ग्राहकों की आवश्यकताओं के पता लगाने और सफलतापूर्वक किसी product या service का उत्पादन करने से है।

Definition of Marketing (मार्केटिंग का परिभाषा)–

मार्केटिंग का सीधा तात्पर्य होता है कि किसी भी कंपनी के द्वारा किया गया ऐसा कोई भी काम जो उस कंपनी की खरीदी और बिक्री में बढ़ोतरी, करे।

लोकप्रिय पत्रिका The new york times ने Marketing को इस प्रकार परिभाषित किया है “यह कहानी सुनाने की एक कला होती है जो लोगों को अपनी जेब खाली करने के लिए मजबूर कर देती है “

यदि अभी भी आपको समझ नहीं आया कि Marketing kya hai तो आइए आपको एक सीधे से उदाहरण के माध्यम से समझाते हैं।

मान लीजिए आप की एक कंपनी है जो कि TV का निर्माण करती है, अब आप बड़े सेलिब्रिटी और अलग-अलग तरह के Unique ad (विज्ञापन) का उपयोग कर अपनी कंपनी की image को लोगों के सामने इस तरीके से प्रस्तुत करते हैं कि एक बार आप TV को खरीदने के लिए मजबूर हो जाए, यदि बाद में आपके TV की सेवा उनको पसंद आती है तो वह आपकी कंपनी का दूसरा TV भी खरीद सकते हैं।

किसी भी नई कंपनी के उद्भव के पीछे Marketing एक बहुत बड़ा योगदान पेश करती है।

मार्केटिंग क्यों जरुरी है (Importance Of Marketing In Hindi) :-

दोस्तों अभी तक हम ये जान चुके हैं की मार्केटिंग क्या होती है, What Is Marketing In Hindi में तो अब यह जानना भी जरुरी है की Marketing Ki Importance क्या है आखिर क्यों हमें मार्केटिंग के बारे में ज्ञान होना चाहिए अगर हम अपना कोई बिज़नेस शुरू करने जा रहे तो चलिए जानते हैं Importance Of Marketing In Hindi.

Marketing क्यों जरुरी है किसी भी बिज़नेस के लिए, दोस्तों किसी भी बिज़नेस और कम्पनी का मुख्य उदेश्य प्रॉफिट कमाना होता है और प्रॉफिट तभी होता है जब आपके Product Or Service की ज़्यदा बिक्री होगी , आपके Product Or Service की बिक्री तभी होगी जब लोगो को आपके Product Or Service And Company के बारे में पता होगा, अब लोगो तक आपके Product Or Service के बारे जानकारी कहाँ से पहुंचेगी ,अब यहाँ पर काम आता है “Marketing Concept ” मार्केटिंग के माध्यम से ही हम अपने Product Or Service को लोगो तक पंहुचा सकते हैं।

Main Importance Of Marketing In Hindi :-

मार्केटिंग कस्टमर को जोड़ने का एक प्रभावशाली तरीका (Marketing Help To Engaging Customers): – किसी भी बिज़नेस के लिए कस्टमर जरुरी होता है अपने ग्राहकों तक पहुंचने के लिए मार्केटिंग एक मुख्य टूल है। मार्केटिंग के जरिये हम अपने प्रोडक्ट और सर्विस को ग्राहकों तक पंहुचा सकते हैं तथा उनकी जरूरतों को भी पहचान सकते हैं।

मार्केटिंग ब्रांड/कम्पनी वैल्यू को बढ़ाता है ( Marketing Increase Value Of Your Business Or Brand /Company ):- किसी भी Brand/Company की वैल्यू तब बढ़ती है वह जब वह अपने ग्राहकों के अपेक्षाओं को प्रभावी ढंग से पूरा करता है ,ग्राहक ऐसी ब्रांड और कंपनी के साथ जुड़कर ,उनके प्रोडक्ट को इस्तेमाल करके गौरवान्वित महसूस करते हैं।

मार्केटिंग ग्राहक और कंपनी/ब्रांड्स के बीच रिलेशनशिप बनाने में मदद करता है (Marketing Helps To Build A Relationship Between A Business And Its Customers):- किसी भी Brand Or Company को अपने ग्राहकों के साथ विश्वास और समझ का संबंध बनाने की आवश्यकता होती है ,मार्केटिंग इस रिलेशनशिप को बनाने में मदद करता है।

सेगमेंटेशन व्यवसाय को अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है जिससे उनका विश्वास प्राप्त होता है। प्रोडक्ट टीम सुनिश्चित करती है कि प्रोडक्ट ग्राहकों तक उनके तय समय तक पहुंचना चाहिए। यह ग्राहकों को ब्रांड के प्रति वफादार बनाता है।

अगर आप ग्राहक को संतुष्ट कर देते हो वह ग्राहक आपसे अधिक उत्पाद खरीदने का विश्वास होगा। व्यवसाय और उसके ग्राहकों के बीच विश्वास और समझ आपकी व्यावसायिक गतिविधियों को और अधिक उपयोगी बनाती है

मार्केटिंग से बिक्री बढ़ाने में मदद मिलती है(Marketing Helps To Boosts Sales):- मार्केटिंग आपके उत्पादों या सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करती है जिसमे मुख्य तरीका है विज्ञापन , जब किसी उत्पाद का विज्ञापन किया जाता है तो इससे प्रोडक्ट बिकने की संभावना बढ़ जाती है।

कभी -कभी ग्राहक आपके प्रोडक्ट और सर्विस को आजमाने के लिए ले खरीद सकते है यह निर्णय आपके प्रोडक्ट की बिक्री को सुनिश्चित करेगा। जब ग्राहक आपके उत्पादों या सेवाओं से खुश होते हैं, तो वह आपके उत्पादों या सेवाओं के बारे में और लोगो को भी बताते है जिससे आपकी बिक्री बढ़ने लगेगी।

सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्न- FAQ

मार्केटिंग का महत्व क्या है.

Marketing कई लोगों को एक निश्चित उत्पाद के बारे में जागरूक करता है। जब लोगों को आपके उत्पाद के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होगी, तो आपकी बिक्री में वृद्धि होगी। बिना मार्केटिंग के किसी भी product को market में चलना काफी मुश्किल रहता है। मार्केटिंग के मदद से ही कंपनी अपने product को मार्किट में बेच पाती है और मार्केटिंग से लोग प्रोडक्ट को खरीदते है क्योंकि उन्हें उसके बारे में जानकरी होती है।

मार्केटिंग कितने प्रकार के होते हैं?

Marketing मुख्य तय दो प्रकार की होती है एक परम्परागत मार्केटिंग (Traditional marketing) भी कहते है और दूसरा Digital marketing जो आज के दौर में काफी तेजी से ग्रो कर रही है। इसके अलावा Network marketing भी एक मार्केटिंग करने का तरीका है।

उपभोक्ताओं के लिए मार्केटिंग क्यों महत्वपूर्ण है?

मार्केटिंग लोगो में प्रोडक्ट और सर्विस के बारे जागरूकता फैलाती है जिससे लोग किसी प्रोडक्ट को खरीदने के बारे में सोचते है इसलिए मार्केटिंग कस्टमर के लिए जरुरी होती है।

आशा करता हूँ की इस Article से आपको मार्केटिंग से जुड़ी कुछ जानकारी मिली होगी, अगर आप को Marketing के बारे में कुछ समझ में आया हो तो अपने दोस्तों के पास जरूर Share करे ताकि उनको भी मार्केटिंग के बारे में knowledge मिल सके। अधिक जानकारी के लिए हमारे Facebook Page को Follow और Youtube channel को subscribe जरूर करे अगर आप का कोई सवाल हो तो comment box में जरूर बताये। Thank You !

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सेल्स और मार्केटिंग में क्या अंतर है

सेल्स और मार्केटिंग में क्या अंतर है? – Difference Between Sales and Marketing in Hindi

क्या आप जानते हो सेल्स और मार्केटिंग में अंतर क्या है? अगर नही, तो इस लेख में मै आपको Difference Between Sales and Marketing in Hindi Language में समझाऊंगा.

मार्केटिंग और सेल्स का टॉपिक बहुत ही कन्फ्यूजन भरा है, और खास बात यह है कि कई लोगो का मानना है की मार्केटिंग ही सेल्स है.

लेकिन यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोग मार्केटिंग को सेल्स क्यों समझते हैं?

आप भी इस बात पर गौर करें और सोचिए उसके बाद आप नीचे दिये कमेंट बॉक्स में कमेंट कर अपना उत्तर हमारे साथ शेयर कर सकते हैं.

सेल्स और मार्केटिंग क्या है – What is Sales and Marketing in Hindi

सेल्स और मार्केटिंग ये ऐसी टर्म है जिसको आपने कई बार सुना जरूर होगा, परंतु यह आवश्यक नहीं है की इसके बीच का अंतर आपको ज्ञात हो|

ज्यादातर लोगो का यह मानना है कि यह दोनों टर्म सेल्स एंड मार्केटिंग एक ही है, अर्थात दोनों का बिलकुल एक ही है| इसलिए आप इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल कुछ भी बेचने के बारे में बात करते वक्त कर सकते हैं.

चलिये मैं आपको इन शॉर्ट पहले इन दोनों के बीच का फर्क समझाता हूँ, उसके बाद हम इस पर विशेष चर्चा उदाहरण के साथ करेंगे ताकि आपको सेल्स और मार्केटिंग का फर्क अच्छे से समझ में आ जाये.

Sales and Marketing Difference in Hindi

छोटे और मध्यम आकार के बिजनस में सेल्स और मार्केटिंग टर्म एक साथ इस्तेमाल किया जाता है| परन्तु बड़ी कम्पनीज में ऐसा बिलकुल भी नहीं है वहां सेल्स और मार्केटिंग दो अलग – अलग विभाग होते है और बड़ी आर्गेनाईजेशन में रोल्स और रेस्पॉन्सिबिलिटीज़ ज्यादा स्पेशलाइज्ड ढंग से बांटी जाती है.

शायद ऊपर लिखे पंक्ति को पढ़ कर आपको सेल्स और मार्केटिंग के बीच का फर्क अब धीरे-धीरे समझ में आ रहा होगा, आइये अब थोड़ा विस्तार में इसको समझते हैं.

अब मैं आपको अंदर की बात को बताता हूँ:- जब भी आप किसी मार्केटिंग के बंदे से बात करते हैं, वो यकीनन ही अपनी कंपनी के प्रोडक्ट का आपके सामने एडवर्टाइजमेंट करके सेल्स का काम कर रहा होता है.

शायद यही वजह है कि हम अंदर की बात को तो जानते नहीं है लेकिन इस प्रक्रिया को देख कर यही समझ लेते हैं, और फिर यही कान्सैप्ट हमारे दिमाग में बन जाता है.

अब दूसरा सवाल यहाँ यह उठता है की क्या मार्केटिंग सेल्स नहीं है? चलिये इस प्रश्न का उत्तर जानने की कोशिश करते हैं, ताकि आपके मस्तिष्क में जो मार्केटिंग और सेल्स को लेकर कान्सैप्ट बना हुआ है वो क्लियर हो जाये.

सेल्स और मार्केटिंग में अंतर क्या है – Difference Between Marketing & Sales in Hindi

मार्केटिंग सेल्लिंग या सेल्स के अलावा भी बहुत कुछ है, इसका मतलब यह है की मार्केटिंग के अंदर सेल्स के अलावा और भी कई एलिमेंट्स है.

चलिये सबसे पहले हम सेल्स शब्द का अर्थ, परिभाषा एवं उदाहरण को पढ़ते हुए इसको समझने का प्रयास करते हैं-

सेल्स क्या है – What is Sales in Hindi

सेल्स का काम मुख्य तौर पर मौजूदा ग्राहक और चैनल पार्टनर के साथ रिलेशन बनाना और उनकी रेक्विरेमेंटस को फुलफिल करना होता है|

यदि हम आसान शब्दों में सेल्स शब्द का अर्थ समझे तो हम समझ सकते हैं कि जो भी स्टॉक अर्थात आपका जो भी समान है, प्रोडक्ट है उसे बेकना|

सेल्स टीम का काम है – दरवाजे खटखटाना, अगर किसी तरह की कंप्लेंट या ओब्जेक्शन्स है तो उन्हें मैनेज करना, प्राइस व टर्म्स और कंडीशन को फाइनल करना, और कस्टमर के ऑर्डर को पूरा करना होता है.

सेल्स अपने मंथली, क्वार्टर, हाफ इयरली और इयरली टार्गेट्स को पूरा करने पर ज्यादा फोकस करते है.

क्या अब आपको सेल्स टर्म का अर्थ समझ में आया, यदि हाँ तो चलिये आगे बढ़ कर मार्केटिंग के कान्सैप्ट को समझते हैं, और यदि नहीं आया कोई कन्फ्यूजन है तो कमेंट कर क्लियर करें.

मार्केटिंग क्या है – What is Marketing in Hindi

मार्केटिंग का मुख्य तौर पर कई प्रकार का काम होता है, जैसे कि-

  • कस्टमर के पर्सपेक्टिव से मार्केट को समझना|
  • मार्किट रिसर्च करना|
  • भविष्य की जरूरतों को देखते हुए रणनीति बनाना|
  • मार्किट के कम्पटीशन का एनालिसिस करना|
  • लॉन्ग लास्टिंग रिलेशनशिप बनाना|
  • ब्रांड आइडेंटिटी बनाना|
  • कस्टमर की जरुरत के हिसाब से प्रोडक्ट तैयार करना|
  • मार्किट कम्पटीशन के हिसाब से प्राइस फिक्स करना|
  • स्ट्रांग एडवरटाइजिंग टूल्स का इस्तेमाल करना|

वैसे तो आप मार्केटिंग के कान्सैप्ट को समझ गए होंगे, लेकिन फिर भी यदि आपको एक लाइन में इसको समझना है तो आप इस प्रकार से समझ सकते हैं.

मार्केटिंग की परिभाषा – सेल्स और मार्केटिंग में फर्क क्या है ?

कस्टमर की जरूरत को समझना और उसके मुताबिक प्रोडक्टस या सर्विसेस को बेचना जिससे की कंपनी को उससे अच्छा मुनाफा हो सके|

तो इससे हम यह बोल सकते हैं कि मार्केटिंग की शुरुआत कस्टमर के जरूरत को समझने से ही शुरू हो जाती है और कस्टमर को समान बेचने के बाद भी चलती रहती है.

मार्केटिंग का उदाहरण : जैसे पतंजलि से समझा की लोगो को एक हर्बल टूथपेस्ट की जरूरत है, और फिर दांत कांति का निर्माण किया और यदि हम देखे तो भारत के लगभग 70-75% घरों में आज इस्तेमाल भी किया जा रहा है.

मुख्य बात – इस परिस्थिति में सेल्स का काम कब होगा?

जब आप कस्टमर के डिमांड के अनुसार प्रोडक्ट को बनाएंगे, उसके बाद कि जो प्रक्रिया होगी समान को लोगों तक पहुंचाने की वो सेल्स कहलाती है.

चलिये अब हम  मार्केटिंग के कुछ मुख्य तथ्य को एक एक कर समझते हैं:-

सेल्स एंड मार्केटिंग इन हिंदी – Sales and Marketing Information in Hindi

1. Marketing Research :

(किसी भी प्रोडक्ट को बनाने से पहले आपके लिए यह सोचना बहुत ही आवश्यक है कि मार्केट में उस प्रोडक्ट से जुड़े और क्या-क्या समान हैं, और वो किस हिसाब से बीक रहे हैं|)

2. Consumer Behavior :

(प्रोडक्ट को लेकर कस्टमर की क्या विचार धारा है, यह भी आपके लिए समझना बहुत ही आवश्यक है|)

3. Consumer Market :

4. Business Market :

(अब आप कस्टमर के चक्कर में अपना लॉस तो नहीं करवाएंगे ना, इसलिए आपको पहले यह अंदाजा लगाना होगा कि जब आप प्रॉडक्ट को मार्केट में लायेंगे तो उसका आपके बिजनस पर क्या प्रभाव होगा|)

5. Brand Management :

(जिस भी ब्रांड का प्रोडक्ट आप बनाते हैं अर्थात उसकी केटेगरी पर भी आपको ध्यान देना है|)

6. Product Management :

(जिस भी प्रोडक्ट को आप बनाते हैं, उसको अच्छे से मैनेज करके आप मार्केट में लाये| जैसे कि उसका शेप, साइज इत्यादि|)

7. New Product Development :

(नए प्रोडक्ट में आप पुराने के मुकाबले, जितना ज्यादा और नई क्वालिटी को एड़ कर सकते हैं उतना ही बढ़िया होगा|)

8. Product Life Cycle :

(ध्यान रखें कि आपके द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट का आपके अनुसार लाइफ स्पान कितना हो सकता है| कही आप ऐसा प्रोडक्ट बना दें जो सिर्फ 2 महीने चले उसके बाद बंद|)

9. Pricing Strategies :

(मार्केटिंग के इंसान के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट हो सकता है = जब भी प्रोडक्ट को बनाते हैं एवं उसका दाम फिक्स करते हैं तो ध्यान दे की आप उस प्रोडक्ट को ना तो बहुत हाइ प्रोफ़ाइल के लोगों के लिए बनाए ना ही गरीब लोगों को मध्य नजर रखते हुये|

आपको बस मध्यम वर्गीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रख कर प्रोडक्ट बनाना है, क्यूंकी भारत में ज्यादातर इंसान इसी केटेगरी के हैं|)

10. Promotions & Advertisement :

(यह बहुत ही आवश्यक है, नया प्रोडक्ट यदि आप मार्केट में लॉंच कर रहे हैं तो आपको उसको प्रमोट करना बहुत ही आवश्यक है| वरना आप खुद सोचो ना कि क्या घर बैठे लोग आपके द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट के बारे में सपना तो आएगा नहीं, इसके लिए आपको प्रमोशन जरूर करना चाहिए|)

11. Sales and Distribution :

(आखिर में बात आती है कि उस प्रोडक्ट को आप सेल्लिंग किस के माध्यम से और किस जगह को मुख्य तौर पर फोकस करके करेंगे|)

दोस्तों मार्केटिंग के कान्सैप्ट को मैं जितना अच्छे से समझा सकता था, वो मैंने आपको समझा दिया है| यदि आपको कोई डाउट है तो कमेंट कर के क्लियर कर सकते हैं.

चलिये अब एक टेबल के अनुसार हम सेल्स और मार्केटिंग के मध्य के अंतर को एक बार फिर से समझ लेते हैं, उसके बाद मैं इस लेख की समाप्ति कर दूंगा.

What is The Difference Between Sales and Marketing with Examples in Hindi

समान को बेचना सेल्स कहलता है|
यह मार्केटिंग का ही एक पार्ट है|
इसका एरिया मार्केटिंग के मुकावले बहुत ही छोटा है| मार्केटिंग का एरिया बहुत ही वाइड है|
सेल्स अपने मंथली, क्वार्टरली, हाफ इयरली और इयरली टार्गेट्स को पूरा करने पर ज्यादा फोकस करती है|

आशा है अब आप सेल्स और मार्केटिंग में फर्क को समझ पा रहे होंगे, और यदि जरूरत पड़े तो अब आप इसे दूसरों को भी समझा सकेंगे.

इस लेख को आपने अंत तक पढ़ा, उसके लिए आपका धन्यवाद| आप चाहे तो इस लेख को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी कर सकते हैं.

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What is Marketing in Hindi? – मार्केटिंग क्या है ?

Introduction ( परिचय) –.

जब भी Marketing की बात आती है तो हमें यही लगता है कि Marketing का मतलब Advertising या Promotion होता है पर इसका मतलब सिर्फ यही नहीं है, असल में Advertising और Promotion Marketing के ही type हैं। Marketing को हिन्दी में ‘विपणन’ कहते हैं। इसमें बहोत सारी क्रियाएँ आती हैं। यह एक continuous process है। इसमें Advertising (विज्ञापन), Distribution (वितरण), Selling (बिक्री) शामिल हैं। इसका सम्बन्ध ग्राहकों की आवश्यकताओं के पता लगाने और सफलतापूर्वक किसी product या service का उत्पादन करने से है। मार्केटिंग की ज़रूरत एक छोटे से business man से लेकर बड़ी-बड़ी companies को पड़ती है, इसी के द्वारा वे अपने products या services को customer तक पहुँचाते हैं।

Meaning of Marketing ( मार्केटिंग का अर्थ) –

Marketing का सीधा मतलब है अपने products या services को market में लोगों तक पहुँचाना, सारी कम्पनियाँ अपनी sales को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करती हैं। किसी product की मार्केटिंग किये बिना हम ये चाहें कि हमारा product ज़्यादा sell हो तो यह सम्भव नही है, उस product के बारे में लोगों को बताना ज़रूरी है तभी लोग उस product के बारे में जान पाएँगे। जो भी कम्पनी customer की ज़रूरतों के हिसाब से product को बनाती है और उसे sell करती है वह बाकी कम्पनियों की तुलना में ज़्यादा profit कमाती है और grow भी करती है। इस प्रकार Marketing का मतलब सबसे पहले ग्राहकों की ज़रूरतों को समझना कि उन्हें क्या चाहिए? किस Price (मूल्य) पर चाहिए? उसके हिसाब से product को sell किया जाता है।

Definition of Marketing ( मार्केटिंग की परिभाषा) –

नीचे कुछ विद्वानों द्वारा मार्केटिंग की परिभाषा दी गयी है जिसे हम आसानी से समझ सकते हैं –

According to Philip Kotler –

“Marketing is a social and managerial process by which individuals and groups obtain what they need and want through creating and exchanging products and value with other.”

According to American Marketing Association –

“The performance of business activities that direct the flow of goods and services from producer to consumer/user.”

what is marketing in hindi by Accounting Seekho

Elements of Marketing OR 4 P’s of Marketing –

इस Marketing process में 4 element होते हैं जिन्हें हम 4 P’s भी कहते हैं। ये Marketing के pillars हैं, इनकी help से हम Marketing को easily समझ सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं –

आज ऐसा नही है कि कम्पनी जो मन चाहे वह product बनाकर उसे sell कर सकती है। आज के time में एक कम्पनी जो भी product बनाती है तो उस product को बनाने से पहले वह एक survey या market research  करती है कि एक product में customer क्या चीज़े ढूंढ रहा है? उसको उस product में क्या-क्या चीजें चाहिए। इस तरह हर कम्पनी survey करती है और customer की need को identify करती है और उसी के हिसाब से वह अपने product को बनाती है।

जब product ready हो जाता है तो उसके बाद ये decide किया जाता है कि उस product की क्या Price होगी? Price सही भी होनी चाहिए क्योंकि इस price का product की selling पर असर पड़ता है। कोशिश करनी चाहिए कि कम से कम price में Best Quality के product दे सकें जिससे कि Brand का नाम भी होगा और लोग automatic product को recommend करेंगे। अगर product अच्छा है और उसकी market research की गई है तो उसका price बढ़ाया जा सकता है यानी किसी भी product की price को market research करके ही decide किया जाता है, और इसे decide करने की अलग-अलग strategy भी होती हैं। कभी-कभी उस product पर कुछ offers या discount वगैरह भी दिए जाते हैं जिससे कि customer लालच में आकर उसे purchase करता है।

किसी भी product को तैयार करने के बाद उसे customer तक कैसे पहुँचाना है ये decide किया जाता है। इसके लिए एक स्थान निर्धारित किया जाता है ताकि सही समय पर सही जगह पहुँचाया जा सके। अलग-अलग distribution channel के through product deliver किया जाता है। इसमें whole seller और retailer आते हैं

  • Promotion –

किसी भी product की Marketing करने के लिए उसे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक products की जानकारी देने के लिए products को promote करना होगा, क्योंकि product खरीदने से पहले लोगों को उसके बारे में जानना ज़रूरी है। इसमें बहोत सारी चीज़ें आती है कि customer को किस तरह से product के बारे में बताया और उस तक पहुँचाया जा सके। Advertisement के through लोगों को information दी जाती है। किसी भी advertisement के तरीके में कोशिश ये होनी चाहिए कि कम पैसे में अपने products को ज़्यादा से ज़्यादा audience को दिखा पाएँ। after sale service या warranties से product की selling बढ़ती है। आजकल तो products और services को लोगों तक पहुँचाने के लिए social media और whatsapp के द्वारा लोगों को जानकारी दे सकते हैं।

तो इस article में मैंने आपको बताया कि Marketing किसे कहते हैं? Meaning and Definition of Marketing in Hindi

उम्मीद करता हूँ इस article से आपको कुछ knowledge मिली होगी, अगर आपको कुछ समझ में आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर share करें।

Thank You !

What is Management in Hindi – प्रबन्ध का अर्थ ?

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importance of marketing research in hindi

मार्केट सेगमेंटेशन

परिभाषा, प्रकार, फ़ायदे, और उदाहरण.

मार्केट सेगमेंटेशन का मतलब संभावित कस्टमर को उनकी मुख्य ख़ासियतों के आधार पर ग्रुप में परिभाषित करना है, ताकि वे प्रोडक्ट और सर्विस को मार्केट में ला सकें. चार सामान्य प्रकार के कस्टमर सेगमेंट डेमोग्राफ़िक, साइकोग्राफ़िक, भौगोलिक और व्यवहारिक हैं.

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Contents in the Article

अनुसंधान का अर्थ ( Meaning of Research)

अनुसंधान के द्वारा उन मौलिक प्रश्नों के उत्तर देने के प्रयास किया जाता है जिनका उत्तर अभी तक उपलब्ध नहीं हो सका है। यह उत्तर मानवीय प्रयासों पर आधारित होता है इस प्रत्यय को चन्द्रमा के एक उदाहरण से स्पष्ट किया जा सकता है। कुछ वर्ष पहले जब तक मनुष्य चन्द्रमा पर नहीं पहुँचा था, चन्द्रमा वास्तव में क्या हैं ? इस सम्बन्ध में सही जानकारी नहीं थी। यह एक समस्या भी थी जिसका कोई समाधान भी नहीं था। मनुष्य को चन्द्रमा के सम्बन्ध में मात्र आवधारणाएं ही थी, शुद्ध ज्ञान नहीं था। परन्तु मनुष्य अपने प्रयास से चन्द्रमा पर पहुंच गया है। इस प्रकार शोध कार्यों द्वारा उन प्रश्नों का उत्तर खोजने का प्रयास किया जाता है जिनका उत्तर साहित्य में उपलब्ध नहीं है अथवा मनुष्य की जानकारी में नहीं है। उन समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयत्न किया जाता है जिसका समाधान उपलब्ध नहीं है और न ही मनुष्य की जानकारी में है।

अनुसंधान की परिभाषा ( Definition of Research)

अनेक परिभाषाएं अनुसन्धान की गई है प्रमुख परिभाषा इस प्रकार हैं-

रेडमेन एवं मोरी के अनुसार- “नवीन ज्ञान की प्राप्ति के लिए व्यावस्थित प्रयास ही अनुसंधान हैं।”

पी० एम० कुक के अनुसार- ‘अनुसंधान किसी समस्या के प्रति ईमानदारी, एवं व्यापक रूप में समझदारी के साथ की गई खोज है। जिसमें तथ्यों, सिद्धान्तों तथा अर्थों की जानकारी की जाती है। अनुसंधान की उपलिब्ध तथा निष्कर्ष प्रामाणिक तथा पुष्टि करने योग्य होते हैं। जिससे ज्ञान में वृद्धि होती है।

उद्देश्य ( Objectives of Research)

शोध समस्याओं की विविधता अधिक है इसके चार प्रमुख उद्देश्य होते हैं- सैद्धान्तिक उद्देश्य, तथ्यात्मक उद्देश्य, सत्यात्मक उद्देश्य तथा व्यावहारिक उद्देश्य इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-

  • सैद्धान्तिक उद्देश्य ( Theoretical Objectives)- अनुसंधान में वैज्ञानिक शोध कार्य द्वारा नये सिद्धान्तों तथा नये नियमों का प्रतिपादन किया जाता है। इस प्रकार के शोध कार्य में अर्थापन होता है। इसमें चरों के सम्बन्धों को प्रगट किया जाता है और उनके सम्बन्ध में सामान्यीकरण किया जाता है। इससे नवीन ज्ञान की वृद्धि होती है, जिनका उपयोग शिक्षण तथा निर्देशन की प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाता है।
  • तथ्यात्मक उद्देश्य ( Factual Objectives)- शिक्षा के अन्तर्गत ऐतिहासिक शोध-कार्यो। द्वारा नये तथ्यों की खोज की जाती है। इनके आधार पर वर्तमान को समझने में सहायता मिलती है। इन उद्देश्यों की प्रकृति वर्णनात्मक होती है। क्योंकि तथ्यों की खोज करके, उनका अथवा घटनाओं का वर्णन किया जाता है। नवीन तथ्यों की खोज शिक्षा-प्रक्रिया के विकास तथा सुधार में सहायक होती है, निर्देशन प्रक्रिया का विकास तथा सुधार किया जाता है।
  • सत्यात्मक उद्देश्य ( Establishment of Truth Objective)- दार्शनिक शोध कार्यों द्वारा नवीन सत्यों का प्रतिपादन किया जाता है। इनकी प्राप्ति अन्तिम प्रश्नों के उत्तरों से की जाती है। दार्शनिक शोध-कार्यों द्वारा शिक्षा के उद्देश्यों, सिद्धान्तों तथा शिक्षण विधियों तथा पाठ्यक्रम की रचना की जाती है। शिक्षा की प्रक्रिया के अनुभवों का चिन्तन बौद्धिक स्तर पर किया जाता है। जिससे नवीन सत्यों तथा मूल्यों को प्रतिपादन किया जा सकता है।
  • व्यावहारिक उद्देश्य ( Application Objectives)- शैक्षिक अनुसंधा निष्कर्षों का व्यावहारिक प्रयोग होना चाहिए। परन्तु कुछ शोध-कार्यों में केवल इन्हें विकासात्मक अनुसन्धान भी कहते है। क्रियात्मक अनुसन्धान से शिक्षा की प्रक्रिया में सुधार तथा विकास किया जाता है अर्थात् इनका उद्देश्य व्यावहारिक होता है। स्थानीय समस्या के समाधान से इसका उपयोग अधिक होता है। स्थानीय समस्या के समाधान से भी इस उद्देश्य की प्राप्ति की जाती है। निर्देशन में इसकी उपयोगिता अधिक होती है।

अनुसन्धान का वर्गीकरण (Classification of Research)

अनुसन्धान के उद्देश्यों से यह स्पष्ट है कि अनुसन्धानों का वर्गीकरण कई प्रकार से किया जा सकता है। प्रमुख वर्गीकरण मानदण्ड पर आधारित है-

योगदान की दृष्टि से (Contribution Point of View)

शोध कार्यों के योगदान की दृष्टि से शैक्षिक अनुसन्धानों को दो भागों में विभाजित कर सकते हैं-

मौलिक अनुसंधान ( Basic or Fundamental Research)- इन शोध कार्यों द्वारा नवीन ज्ञान की वृद्धि की जाती है-नवीन सिद्धान्तों का प्रतिपादन नवीन तथ्यों की खोज, नवीन तथ्यों का प्रतिपादन होता है। मौलिक-अनुसन्धानों से ज्ञान के क्षेत्र में वृद्धि की जाती है। इन्हें उद्देश्यों की दृष्टि से तीन भागों में बाँटा जा सकता है-

  • प्रयोगात्मक शोध-कार्यों से नवीन सिद्धान्तों तथा नियमों का प्रतिपादन किया जाता है। सर्पक्षण शोध से इसी प्रकार का योगदान होता है।
  • ऐतिहासिक शोध कार्यो से नवीन तथ्यों की खोज की जाती है। जिनमें अतीत का अध्ययन किया जाता है और उनके आधार पर वर्तमान को समझने का प्रयास किया जाता है।
  • दार्शनिक शोध कार्यों से नवीन सत्यों एवं मूल्यों का प्रतिपादन किया जाता है। शिक्षा का सैद्धान्तिक दार्शनिक अनुसन्धानों से विकसित किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण लिंक

  • निर्देशन (Guidance)- अर्थ, परिभाषा एवं विशेषतायें, शिक्षा तथा निर्देशन में सम्बन्ध
  • सूक्ष्म-शिक्षण- प्रकृति, प्रमुख सिद्धान्त, महत्त्व, परिसीमाएँ
  • निर्देशन के उद्देश्य (Aims of Guidance in Hindi)
  • शैक्षिक निर्देशन (Educational Guidance)-परिभाषा, विशेषताएँ, सिद्धान्त
  • शैक्षिक निर्देशन-उद्देश्य एवं आवश्यकता (Objectives & Need)
  • व्यावसायिक निर्देशन (Vocational guidance)- अर्थ, उद्देश्य, शिक्षा का व्यावसायीकरण
  • परामर्श (Counselling)- परिभाषा, प्रकार, उद्देश्य, विशेषताएँ
  • विशेष शिक्षा की आवश्यकता | Need for Special Education
  • New Education Policy- Characteristics & Objectives in Hindi
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति-1992 की संकल्पनाएँ या विशेषताएँ- NPE 1992
  • सूक्ष्म शिक्षण- परिभाषा, सूक्ष्म शिक्षण प्रक्रिया, प्रतिमान, पद
  • व्यावसायिक निर्देशन- आवश्यकता एवं उद्देश्य (Need & Objectives)

Disclaimer: wandofknowledge.com केवल शिक्षा और ज्ञान के उद्देश्य से बनाया गया है। किसी भी प्रश्न के लिए, अस्वीकरण से अनुरोध है कि कृपया हमसे संपर्क करें। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे। हम नकल को प्रोत्साहन नहीं देते हैं। अगर किसी भी तरह से यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है, तो कृपया हमें [email protected] पर मेल करें।

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बहुत सुन्दर प्रस्तुति। सम्पूर्ण जानकारी देने में सक्षम है।

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e-gyan-vigyan

अनुसंधान की परिभाषाएं

अनुसंधान या शोध की अवधारणा | अनुसंधान या शोध की परिभाषाएं | शोध के उद्देश्य | उद्देश्य के आधार पर शोध के प्रकार

अनुसंधान या शोध की अवधारणा | अनुसंधान या शोध की परिभाषाएं |   शोध के उद्देश्य | उद्देश्य के आधार पर शोध के प्रकार | Research or research concept in Hindi | Definitions of research or research in Hindi | Research Objectives in Hindi | Types of research based on purpose in Hindi

Table of Contents

अनुसंधान या शोध की अवधारणा | अनुसंधान या शोध की परिभाषाएं

(Concept and Definitions of Research)

शोध, खोज, अन्वेषण, अनुसंधान वास्तव में एक ही वैज्ञानिक प्रक्रिया के पर्यायवाची हैं। इतिहास में शोध की प्रक्रिया के जनक प्रो. जे.बी. ब्यूरी थे। उनका मत था कि, “इतिहास एकाकी विज्ञान है न कम और न अधिक।” ब्यूरी के बाद, नेवूहर एवं राके (जर्मनी), ऐक्टन (ब्रिटेन), कार्ल बेकर (अमेरिका), रैने (फ्रांस) आदि ने भी इसका समर्थन किया और इतिहास में शोध की आधारशिला रखी। इन्होंने ऐतिहासिक शोध की आधुनिक विधाओं और आलोचना पद्धति की विधि प्रतिपादित की हैं।

19वीं शताब्दी में ऐतिहासिक शोध की वैज्ञानिक प्रणाली को परिपक्वता एवं प्रौढ़ता प्राप्त हुई। बर्नहॉम, आंग्लाय तथा सेनावास ने ऐतिहासिक अध्ययन की वैज्ञानिक प्रणाली के माध्यम से अतीत के अनेक मौलिक तथ्यों को अपने समसामयिक समाज के सम्मुख उद्घाटित किया।

कार्ल बेकर ने 1931 में अमेरिकन इतिहास परिषद के अपने अध्यक्षीय भाषण में इसकी व्याख्या करते हुए कहा था, “ऐतिहासिक शोध वह वैज्ञानिक विधा है जिसमें एक इतिहासकार केवल उन तथ्यों का चयन करता है जिसे उसका समाज महत्वपूर्ण बताता है और केवल उन प्रतिमानों को पाने का प्रयास करता है जिन्हें पाने के लिये उसका समाज निर्देशित करता है।”

लेकिन कार्ल बेकर के उक्त मत का खण्डन करते हुए बर्नहीम ने लिखा है, “शोध स्वयंमेव इतिहास नहीं, अपितु इतिहासकार द्वारा अपने लक्ष्य तक पहुँचने का एक साधन तथा प्रक्रिया है। अतएव शोध का अभिप्राय केवल समाज -निर्दिष्ट अतीत के अंतर्निहित प्रतिमानों को खोजना ही नहीं, अपितु इसके अतिरिक्त कुछ और भी है।”

शेकअली के अनुसार, ” शोध एक प्रक्रिया है जिसका अभिप्राय अतीत सम्बन्धी नीवन तथ्यों को प्रकाश में लाना तथा ज्ञान की सीमा को विस्तृत करता है।”

रेनियर के अनुसार, “शोधकर्ता का उद्देश्य नवीन तथ्यों की खोज करना, उपलब्ध तथ्यों का संशोधन करना तथा नवीन साक्ष्यों के आधार पर अतीत की घटना का यथार्थ एवं परिकल्पनात्मक प्रस्तुतिकरण होता है।”

एच.सी. हॉकेट का कहना है, “शोध का अभिप्राय अतीतकालिक घटना के सम्बन्ध में नवीन सूचना तथा विचार का प्रस्तुतिकरण होता है।”

शोध के उद्देश्य (शोध के उद्देश्यों का वर्णन)

(Objectives of Research)

शोध के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं- (1) सैद्धान्तिक उद्देश्य, (2) व्यावहारिक उद्देश्य तथा (3) व्यक्तिगत उद्देश्य |

(1) सैद्धान्तिक उद्देश्य- शोध मूल रूप से ज्ञान की वृद्धि का साधक है। इस दृष्टि से शोध का सैद्धान्तिक उद्देश्य तथ्यों, घटनाओं अथवा समस्याओं के विषय में ज्ञान प्राप्त करना है जिससे पुराने तथ्यों का सत्यापन, नये तथ्यों की खोज, नये सिद्धान्तों का निर्माण तथा परीक्षण किया जाता है। इस प्रकार शोध के निम्नलिखित सैद्धान्तिक उद्देश्य हो सकते हैं-

(i) शोध का उद्देश्य प्रयोगों द्वारा सिद्ध तथ्यों के आधार पर अवधारणाओं की रचना करना है।

(ii) शोध द्वारा पुराने तथ्यों की जाँच एवं नवीन तथ्यों की जानकारी की जाती है।

(iii) शोध का उद्देश्य पूर्व स्थापित सिद्धान्तों की जाँच तथा परीक्षण करना है।

(iv) शोध का उद्देश्य घटना एवं तथ्यों के मध्य कार्य, कारण, सम्बन्ध को खोजना भी है।

(2) व्यावहारिक उद्देश्य- यद्यपि शोध का प्राथमिक उद्देश्य सैद्धान्तिक ज्ञान में अभिवृद्धि करना होता है तथापि उस ज्ञान का व्यावहारिक धरातल पर उपयोग न होने पर ऐसा शोध अर्थहीन हो जाता है। अतः शोध के व्यावहारिक उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

(i) शोध के द्वारा सर्वोत्कृष्ट विकल्प की खोज की जाती है।

(ii) शोध के द्वारा भविष्य के लिये योजनाओं के निर्माण में सहायता मिलती है।

(iii) शोध का व्यावहारिक उद्देश्य सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं का समाधान करने में सहायक होना भी है।

(iv) शोध के द्वारा किसी घटना के स्वरूप व कारणों के बारे में गहन जाँच कर उस समस्या को नियन्त्रित करने में सहायता मिलती है।

(v) शोध के द्वारा विभिन्न चरों (Variables) में परस्पर सम्बन्ध स्थापित कर परिकल्पनाओं (Hypothesis) को स्वीकृत अथवा अस्वीकृत किया जाता है।

(vi) शोध राजकीय तथा आर्थिक नीतियों का आधार प्रदान करता है।

(vii) शोध व्यवसाय तथा उद्योग की क्रियात्मक तथा नियोजन सम्बन्धी समस्याओं का समाधान करने में सहायक होता है।

(viii) शोध के द्वारा सामाजिक सम्बन्धों तथा समस्याओं का समाधान ढूँढने की सहायता मिलती है।

(3) व्यक्तिगत उद्देश्य- यहाँ प्रश्न यह उठता है कि एक व्यक्ति अन्ततः शोध करने के लिये क्यों अभिप्रेरित होता है? इस प्रश्न के उत्तर में शोध के व्यक्तिगत उद्देश्य निम्नलिखित हो सकते हैं-

(i) शोध के आधार पर रोजगार तथा उन्नति प्राप्त, हो सकती है क्योंकि बहुत से ऐसे व्यवसाय हैं जिनमें प्रवेश करने के लिये एक व्यक्ति को शोध करना आवश्यक होता है।

(ii) एक व्यक्ति समाज सेवा की दृष्टि से भी शोध एवं अनुसन्धान कर सकता है।

(iii) शोध करने का व्यक्तिगत उद्देश्य समाज में सम्मान प्राप्त करना भी हो सकता है।

(iv) कुछ व्यक्ति रचनात्मक कार्य करने में आनन्द का अनुभव प्राप्त करते हैं।

(v) इसी प्रकार एक शोधकर्ता ऐसी समस्याओं का समाधान करने सम्बन्धी चुनौती स्वीकार करना उचित समझता है जिनका वर्तमान में कोई समाधान नहीं है।

(vi) सरकारी निर्देशों के आधार पर भी शोध करना अनिवार्य हो सकता है।

उद्देश्य के आधार पर शोध के प्रकार

उद्देश्य के आधार पर- उद्देश्य के आधार पर शोध निम्न प्रकार का हो सकता है-

(1) मौलिक सैद्धान्तिक शोध ( Fundamental, Pure or Basic, Research)- नये सिद्धान्तों का सूत्रपात अथवा पुराने सिद्धान्तों की समीक्षा तथा संशोधन मौलिक शोध का विषय है। इसमें ज्ञान प्राप्ति का उद्देश्य सामान्यीकरण के द्वारा सिद्धान्तों की व्याख्या करना होता है। मौलिक अनुसन्धान में यह भी देखा जाता है कि क्या परिवर्तित परिस्थितियों में पुराने सिद्धान्त उचित हैं अथवा नहीं। यदि पुराने सिद्धान्त वर्तमान सन्दर्भ में ठीक न हों तो उन्हें अस्वीकृत कर नये सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया जाता है। वास्तव में मौलिक अनुसन्धान का उद्देश्य उपलब्ध ज्ञान में अभिवृद्धि कर उसे समष्टि (Universe) में प्रयुक्त करने योग्य बनाया है।

(2) व्यावहारिक शोध ( Applid Research)- व्यावहारिक शोध में मौलिक शोध से प्राप्त परिणामों को वास्तविक घटनाओं तथा परिस्थितियों पर लागू कर प्राप्त परिणामों के आधार पर निष्कर्ष ज्ञात किये जाते हैं। पी०वी० यंग के अनुसार, “ज्ञान की खेज का निश्चित सम्बन्ध लोगों की प्राथमिक आवश्यकताओं एवं कल्याण से होता है। वैज्ञानिक की मान्यता यह होती है कि समस्त ज्ञान मूलभूत रूप से इस अर्थ में उपयोग होता है कि वह इस सिद्धान्त के निर्माण में या एक कला को व्यवहार में लाने में सहायक होता है, सिद्धान्त और व्यवहार आगे जाकर एक- दूसरे में मिल जाते हैं।” इस प्रकार व्यावहारिक अनुसन्धान की संज्ञा उसे दी जाती है जिसमें ज्ञानक्षप्राप्ति मानवीय भाग्य के सुधार में सहायता प्रदान कर सके।

(3) क्रिया शोध ( Action Research)- एक ऐसा शोध क्रिया शोध कहलाता है जो किसी समस्या अथवा घटना के क्रिया पक्ष पर बल देता है। विकास की गति को बढ़ाने के लिए तथा अपूर्ण आवश्यकताओं की प्रभावपूर्ति के लिए क्रिया शोध आवश्यक है।

अनुसंधान क्रियाविधि – महत्वपूर्ण लिंक

  • शोध या अनुसन्धान की अवधारणा | शोध की विधि | शोध के स्रोत की विधि एवं महत्व
  • अनुसंधान या शोध प्रक्रिया | शोध प्रक्रिया के प्रमुख चरण | शोध की सीमायें
  • शोधकर्ता | शोधकर्ता के गुण | शोधकर्त्ता से आशय
  • अनुसन्धान के प्रकार | विशुद्ध या मौलिक अनुसन्धान | व्यावहारिक अनुसन्धान | अर्द्धसामाजिक अनुसन्धान | विशुद्ध और व्यावहारिक अनुसन्धान में अन्तर
  • अनुसंधान समस्या का चयन एवं निरूपण | अनुसंधान की अवस्थायें | समस्या का निरूपण एवं चयन की आवश्यकता
  • अनुसंधान समस्या का चयन करते समय ध्यान देने योग्य बातें | अनुसंधान-समस्या के चयन के मौलिक अधिकारों का विवरण

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डिजिटल मार्केटिंग क्या है ? और इसके साथ अपने करियर को अगले स्तर पर कैसे ले जाएं

डिजिटल मार्केटिंग क्या है ? और इसके साथ अपने करियर को अगले स्तर पर कैसे  ले जाएं

जैसा कि प्रौद्योगिकी ने पिछले कुछ वर्षों में सब कुछ बदल दिया है, अब सब कुछ डिजिटल रूप से किया जा रहा है, जो बताता है कि क्यों हर उद्योग को आज एक डिजिटल बाज़ारिया की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अपने ग्राहकों को मूल्य प्रदान करते हैं। चूंकि ज्यादातर लोग लंबे समय तक काम करते हैं, इसलिए उनके पास बाहर खरीदारी करने के लिए शायद ही कभी समय होता है।

आज, दुनिया का 80% हिस्सा ऑनलाइन है, और ज्यादातर लोग खरीदारी करने से पहले अपना शोध ऑनलाइन करना पसंद करते हैं।

डिजिटल-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म

ऑनलाइन डोर-टू-डोर सेवा किसी के लिए भी उपलब्ध है। ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने के लिए स्विगी और जोमैटो समेत कई प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं। भोजन की डिलीवरी तुरंत उनके दरवाजे पर की जाती है। आजकल, आप परिवहन सेवाओं को ऑनलाइन भी पा सकते हैं। ओला, उबर कैब्स, उबर ऑटो, रैपिडो और अन्य जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं को टैक्सी, ऑटो या दोपहिया वाहन बुक करने की सुविधा देते हैं।

ये सभी प्लेटफॉर्म डोर-टू-डोर पिक-अप और डिलीवरी सेवाएं प्रदान करते हैं। साथ ही इससे रोजगार के कई अवसर उपलब्ध हुए हैं। इसके अलावा, अब घर बैठे ही रेलवे, हवाई जहाज या जलमार्ग के टिकट ऑनलाइन बुक करना आसान हो गया है।

कोविड 19 महामारी के दौरान सब कुछ डिजिटल हो गया है। विभिन्न दैनिक गतिविधियों को पूरा करने के लिए व्यक्ति तेजी से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं। महामारी के दौरान इंटरनेट भुगतान विधियों के उपयोग में 42% की वृद्धि हुई। ऑनलाइन भुगतान एप्लिकेशन जैसे पेटीएम , फोनपे , भीम , गूगल पे और अन्य ऑनलाइन भुगतान करने के लिए लाभ लाते हैं। कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने और उसका प्रतिनिधित्व करने का एक अन्य तरीका प्लास्टिक मनी है। डिजिटल इंडिया का मुख्य लक्ष्य “फेसलेस, पेपरलेस और कैशलेस” बनना है।

भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हालांकि 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के बारे में कई चर्चाएं हुई हैं, हमें पहले यह जानना होगा कि इसमें क्या – क्या शामिल है। एक अर्थव्यवस्था जो डिजिटल तकनीकों, बुनियादी ढांचे, सेवाओं और डेटा के उपयोग पर निर्भर करती है, उसे “डिजिटल अर्थव्यवस्था” के रूप में जाना जाता है। डिजिटल तकनीक की उन्नति ने जुडी हुई सेवाओं और संचालन का समर्थन करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के प्रकार को बदल दिया है।

डिजिटल मार्केटिंग – परिभाषा (Definition)

डिजिटल मार्केटिंग रणनीति में इंटरनेट और संचार के अन्य इलेक्ट्रॉनिक रूपों के माध्यम से संभावित ग्राहकों के साथ एक ब्रांड को जोड़ना शामिल है। एक मार्केटिंग चैनल में न केवल ईमेल, सोशल मीडिया और वेब-आधारित विज्ञापन शामिल होते हैं, बल्कि टेक्स्ट संदेश और मल्टीमीडिया संदेश भी शामिल होते हैं। Instagram और YouTube जैसे सोशल मीडिया चैनलों का लाभ उठाकर, आप प्रभावशाली बनकर और वीडियो बनाकर पैसे कमा सकते हैं। Facebook विज्ञापन, Google विज्ञापन, ई-कॉमर्स उत्पाद और Youtube विज्ञापन सभी डिजिटल मार्केटिंग का हिस्सा हैं। डिजिटल मार्केटिंग उद्योग आय अर्जित करने के अवसरों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।

डिजिटल मार्केटिंग के फायदे (Advantages of Digital Marketing)

1. Earning (कमाई)

डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में रोजगार के ढेरों अवसर हैं, आपके उच्च वेतन के लिए बातचीत करने के बहुत सारे मौके हैं। डिजिटल मार्केटिंग करने के लिए आपको किसी संगठन के साथ काम करने की ज़रूरत नहीं है, जो इसकी सबसे अच्छी विशेषताओं में से एक है। आप घर से या एक फ्रीलांसर के रूप में भी काम कर सकते हैं। यदि आपके पास प्रासंगिक ज्ञान या क्षमताएं हैं, और आप अपनी उपलब्धियों को साबित करने में सक्षम हैं, तो आप इस क्षेत्र में वांछित वेतन के लिए बातचीत कर सकते हैं और प्राप्त कर सकते हैं। भारत में डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में विभिन्न पदों पर विभिन्न वेतनमानों के अनुसार भुगतान किया जाता है। डिजिटल मार्केटिंग उद्योग अच्छे वेतन के साथ विभिन्न प्रकार की करियर संभावनाएं प्रदान करता है, और नए लोगों के लिए शुरुआत करना आसान है क्योंकि ऐसे कई अलग-अलग क्षेत्र हैं जिनमें वे अपनी रुचियों को आगे बढ़ा सकते हैं। खुद का व्यवसाय करें, एक उद्यमी बनें, या एक फ्रीलांसर के रूप में काम करें। डिजिटल मार्केटिंग राजस्व का एक उत्कृष्ट स्रोत है।

Find Job image - Digiperform

2. Large no. of jobs (बड़ी संख्या में नौकरी की उपलब्धता ) 

डिजिटल मार्केटिंग नौकरी के अवसरों की बहुतायत प्रदान करता है। जैसा कि इस क्षेत्र में योग्य उम्मीदवारों की उच्च मांग है, ऐसे कई जॉब पोर्टल्स हैं जिनका उपयोग आप अपनी योग्यता और रुचियों के अनुरूप स्थिति खोजने के लिए कर सकते हैं। ऐसे कई जॉब पोर्टल हैं जिनका उपयोग आप सर्वोत्तम संभव नौकरी खोजने के लिए कर सकते. उदाहरण के लिए, Naukri.com सबसे प्रभावी जॉब पोर्टल्स में से एक है, जो हर महीने भारत में “90,502” नौकरी के अवसर प्रदान करता है, और इनडीड में “2,91,026” प्रदान करता है, इसके अतिरिक्त, आप ग्लासडोर, जॉब पर भी नौकरी पा सकते हैं। है, लिंक्डिन, और अपना, और इसी तरह, आप अपनी योग्यता के अनुसार आवेदन कर सकते हैं

डिजिटल मार्केटिंग के लिए यहां 8 जॉब प्रोफाइल हैं (Here are 8 job profiles for digital marketing)

8 Job Profile in DM

1. (DMM)Digital Marketing Manager डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर

डिजिटल मार्केटिंग का प्रबंधक कई अलग-अलग चीजों का प्रभारी होता है। उनके मुख्य लक्ष्यों में उनकी कंपनी की डिजिटल सामग्री का विकास और परिशोधन करना और बिक्री की विभिन्न संभावनाओं को नवप्रवर्तित करना शामिल है।

डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर ऑनलाइन वातावरण में ब्रांड के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अलावा मार्केटिंग पहल विकसित करते हैं जो किसी कंपनी या सेवा को बढ़ावा देते हैं। अन्य बातों के अलावा, वे सोशल मीडिया अभियानों की देखरेख करते हैं, क्लाइंट और बिजनेस लीड्स को लक्षित करते हैं और वेबसाइट ट्रैफ़िक का प्रबंधन करते हैं।

2. Content Strategist (सामग्री रणनीतिकार)

इन दिनों, डिजिटल संवाद ग्राहकों और ग्राहकों द्वारा संचालित होते हैं। सबसे बड़ी सामग्री के लिए उपभोक्ताओं की मजबूत आवश्यकता के कारण सामग्री रणनीतिकार उच्च मांग में हैं।

एक प्रभावी विपणन और संचार योजना को पूरा करने के लिए सामग्री रणनीतिकार की स्थिति आवश्यक हो गई है, भले ही दर्शकों को अपडेट करने और लीड उत्पन्न करने के लिए सामग्री विपणन सभी प्रकार के व्यवसायों के लिए रणनीति बन गई है। ब्रांड जागरूकता और लीड जनरेशन को बढ़ावा देने के लिए व्यवसायों और घरेलू मार्केटिंग टीमों को योग्य सामग्री रणनीतिकारों की आवश्यकता होती है जो सामग्री का निर्माण, विश्लेषण और प्रसार कर सकते हैं।

3. (SME)Social Media Expert  (सोशल मीडिया विशेषज्ञ) 

किसी भी क्षेत्र का विशेषज्ञ एक विशिष्ट विषय विशेषज्ञ होता है; वे वास्तव में आवश्यक रूप से अधिकारी नहीं हैं, बल्कि उनके पास उस क्षेत्र में गहन विशेषज्ञता और समझ है। एक सोशल मीडिया विशेषज्ञ वह है जो सोशल मीडिया मार्केटिंग में माहिर है। इस पर अधिकार किसका है? जो विभिन्न सोशल मीडिया टूल्स के साथ-साथ सोशल मीडिया साइट्स के माध्यम से ब्रांडिंग की अवधारणाओं से अवगत है। सोशल मीडिया का एक विशेषज्ञ समझता है कि कंपनी के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आकर्षक पोस्ट कैसे बनाएं और सोशल मीडिया नेटवर्क का उपयोग कैसे करें।

4. (SEO) Search Engine Optimization (सर्च इंजन अनुकूलन)/ (SEM) Search Engine Marketing Specialist (खोज इंजन विपणन विशेषज्ञ) 

खोज इंजन विपणन विशेषज्ञ (एसईओ/एसईएम) संगठन की संपूर्ण एस.ई.ओ रणनीति का निर्माण, निष्पादन और प्रबंधन करते हैं। वे जिन गतिविधियों का प्रबंधन करते हैं उनमें डिजाइनिंग सामग्री रणनीति, कीवर्ड रणनीति, लिंक बिल्डिंग, वेब मार्केटिंग और वेब एनालिटिक्स शामिल हैं।

5. (PPC) Pay-per-click Specialist / Manager भुगतान-प्रति-क्लिक विशेषज्ञ / प्रबंधक 

पे-पर-क्लिक (पी.पी.सी) प्रभावी विज्ञापन रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने वाली डिजिटल विज्ञापन स्थितियों के लिए पी.पी.सी विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है। पीपीसी विशेषज्ञ कंपनी की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले डिजिटल मार्केटिंग अभियानों की योजना बनाने और निष्पादित करने के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हैं। पी.पी.सी विशेषज्ञ पी.पी.सी कंपनियों के लिए, या कॉर्पोरेट विज्ञापन विभाग के लिए स्व-नियोजित या फ्रीलांसरों के रूप में अलग से काम कर सकते हैं। वे आंतरिक ग्राहकों (व्यवसाय या संगठन के लिए विपणन अभियान बनाने वाली आंतरिक टीम) या बाहरी ग्राहकों (बाहरी ग्राहकों के साथ काम करने वाली एजेंसी पी.पी.सी विशेषज्ञ) को संभाल सकते हैं।

6. Email Marketing Specialist (ई-मेल विपणन विशेषज्ञ)

ई-मेल मार्केटिंग में एक विशेषज्ञ एक डिजिटल मार्केटर होता है जो ई-मेल सूची बनाने, ई-मेल बनाने और लिखित संचार के माध्यम से संभावनाओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करता है। प्रतिस्पर्धी बाजार में ब्रांड की पहचान बढ़ाने और कंपनी की स्थिति को मजबूत करने के लिए, ये विशेषज्ञ ईमेल ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग करके ईमेल ब्लास्ट, न्यूजलेटर और अन्य प्रकार के ईमेल भेजते हैं।

7. Analytics Expert (विश्लेषिकी विशेषज्ञ)

विश्लेषिकी विशेषज्ञों को कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर के साथ-साथ मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके विस्तृत उद्देश्यों के लिए डेटा का विश्लेषण और वर्गीकरण करने का काम सौंपा जाता है। सिस्टम सुरक्षा, उत्पादकता और डेटा प्रबंधन प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के साथ-साथ उन्हें यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उनके सिस्टम के विश्लेषणात्मक उपकरण, कौशल वर्तमान और भविष्य के व्यावसायिक उद्देश्यों दोनों का समर्थन करते हैं।

8. (CRO) Conversion Rate Optimizer / Conversion Rate Manager (रूपांतरण दर अनुकूलक / रूपांतरण दर प्रबंधक)

सी.आर.ओ विशेषज्ञ संकर हैं। उन्हें टेस्टिंग प्लेटफॉर्म, वेबसाइट एनालिटिक्स टूल, कंटेंट एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम और कंज्यूमर वॉयस टूल्स (VoC) के बारे में ज्ञान होना चाहिए। एक व्यक्ति जितना अधिक पारिस्थितिक तंत्र से परिचित होता है, वह एक संगठन के लिए उतना ही अधिक मूल्यवान होता है। रूपांतरण क्षेत्र में एकल और एकाधिक परीक्षण को समझना महत्वपूर्ण है, भले ही ये अवधारणाएं पूर्वापेक्षाएँ हों। सर्वेक्षण कौशल, मेट्रिक्स और वेबसाइट ट्रैफ़िक का ज्ञान, UX विशेषज्ञता, तकनीकी ढेर का ज्ञान, और परियोजनाओं को प्रबंधित करने की IT क्षमता, ये सभी सफल CRO व्यवसायियों की विशेषताएँ हैं।

क्यों और कौन सी कंपनियां डिजिटल मार्केटर्स को हायर करती हैं (Why and which companies hire digital marketers)

बढ़ते ब्रांड नामों की तुलना में भारत में डिजिटल मार्केटिंग की नौकरियों की पेशकश करने वाली सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में उम्मीदवारों के लिए अधिक आकर्षक अवसर हैं। कुछ बेहतरीन डिजिटल मार्केटिंग कंपनियों जैसे एक्सेंचर , अमेज़ॅन , फ्लिपकार्ट , फ्यूल ऑनलाइन और लाउंज लिजर्ड । जो बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम डिजिटल मार्केटर्स को हायर करना चाहते हैं।

अपनी ऑनलाइन उपस्थिति में सुधार करके, डिजिटल मार्केटिंग सेवाएं कंपनियों को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचने, आला दर्शकों तक मार्केटिंग करने, रूपांतरण दरों को अधिकतम करने, आर-ओ-आई में वृद्धि ,ट्रैक करने योग्य और मापने योग्य परिणामों में मदद कर सकती हैं।

कंपनियां डिजिटल मार्केटर्स को हायर करती हैं

कंपनियां डिजिटल विपणक को क्यों नियुक्त करती हैं (Why companies hire digital marketers)

Reaching a global audience (वैश्विक दर्शकों तक पहुंचना).

डिजिटल मार्केटिंग ने सभी प्रकार की भौगोलिक बाधाओं को समाप्त कर दिया है, जो इसके सबसे बड़े लाभों में से एक है।

आप विदेश से ग्राहकों का स्वागत कर सकते हैं और दूर रहने वाले लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। एक क्लिक के साथ, आप उन तक पहुंच सकते हैं और उन लोगों तक पहुंच बना सकते हैं जो अन्यथा आपके बारे में नहीं जानते होंगे।

हालांकि हम जानते हैं कि यह देखते हुए कि वैश्विक दर्शक काफी बड़ी संख्या है, डिजिटल मार्केटिंग इस मुद्दे से निपटने में मदद कर सकता है।

Marketing to Niche Audience (आला दर्शकों के लिए विपणन)

आला लक्ष्यीकरण में केवल उन व्यक्तियों से संपर्क करना शामिल है जो आपके मानदंडों को पूरा करते हैं। डिजिटल मार्केटिंग इसमें सहायता करने में सक्षम है। जब आप मार्केटिंग करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं, तो आप उन लोगों को हटाकर विज्ञापन चला सकते हैं जो आपके लक्षित दर्शकों के गुणों को दर्शकों से फिट नहीं करते हैं।

उदाहरण के लिए, आप भारत को एक क्षेत्र के रूप में निर्दिष्ट कर सकते हैं, फिर 25 और 40 वर्ष की आयु के बीच की महिलाओं द्वारा परिणामों को फ़िल्टर कर सकते हैं, और फिर आगे भी कार्यरत महिलाओं द्वारा फ़िल्टर कर सकते हैं।

इस प्रकार विशिष्ट लक्ष्यीकरण हो सकता है, और इससे भी अधिक विशेष रूप से इसे डिजिटल मार्केटर बनाता है।

Increased ROI (ROI बढ़ाने में मदद करें)

इसे हम डिजिटल मार्केटिंग के सबसे बड़े लाभ के रूप में देखते हैं। सभी व्यावसायिक प्रयास अंततः उनकी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए नीचे आते हैं। डिजिटल मार्केटिंग द्वारा प्रदान की गई व्यापक पहुंच को देखते हुए कीमतें अपेक्षाकृत उचित हैं और बोझ नहीं हैं। पारंपरिक मार्केटिंग की तुलना में, डिजिटल मार्केटिंग में बहुत कम व्यय की आवश्यकता होती है, अक्सर शून्य भी।

नतीजतन, डिजिटल मार्केटिंग की तुलना में पारंपरिक मार्केटिंग में बहुत कम आर-ओ-आई है। इसके अतिरिक्त, यह स्टार्टअप्स और छोटे उद्यमों को उनके वित्तीय संसाधनों पर अत्यधिक दबाव डाले बिना डिजिटल मार्केटिंग को उसकी पूरी क्षमता तक उपयोग करने में सक्षम बनाता है।

Trackable & Measurable Results (ट्रैक करने योग्य और मापने योग्य परिणाम)

यदि आप अपने परिणामों को ट्रैक नहीं कर सकते हैं, तो हमारी राय में कोई भी व्यावसायिक रणनीति व्यर्थ है। संक्षेप में, इसका तात्पर्य अंधे होते हुए प्रयास करना है।

एक ठोस योजना बनाना और उसे क्रियान्वित करना केवल आधी लड़ाई है। अंतिम उद्देश्य आपके प्रदर्शन की निगरानी करना, आपकी सफलता या विफलता का आकलन करना और सुधारात्मक कार्रवाई करना है।

आप Google Analytics और Google सर्च कंसोल जैसे टूल के साथ शुरू से अंत तक अपने डिजिटल मार्केटिंग प्रयासों की प्रभावशीलता से निगरानी कर सकते हैं।

आप यह चुन सकते हैं कि इस तरह से आपके लिए कौन सी कार्यनीति काम करती रहे।

Improved Conversion Rates (बेहतर रूपांतरण दर)

जैसा कि हमने ऊपर देखा, प्रदर्शन को मापने से हमें यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि हमारी सबसे बड़ी बिक्री कहाँ उत्पन्न हुई है ताकि हम ग्राहकों को उचित रूप से लक्षित कर सकें।

उच्च मांग वाले क्षेत्रों में हमारे निवेश के परिणाम के रूप में उच्च रूपांतरण दर हैं।

यह पता लगाना कि पारंपरिक विपणन के साथ एक लीड कहां उत्पन्न हुई, असंभव से कठिन है, इस प्रकार आप अपना कीमती समय गलत लीड पर बर्बाद कर सकते हैं।

लेकिन डिजिटल मार्केटिंग के साथ, उसी आबादी पर ध्यान केंद्रित करके इस समस्या का समाधान किया जा सकता है जिसने सबसे अधिक लीड परिवर्तित की।

डिजिटल मार्केटिंग कैसे सीखें ? (How to learn digital marketing?)

डिजिटल मार्केटिंग LEARN

डिजिटल मार्केटिंग या तो मुफ्त में या शुल्क देकर सीखी जा सकती है। बिना पैसे चुकाए डिजिटल मार्केटिंग सीखना संभव है। यदि आप भुगतान करने को तैयार नहीं हैं तो विभिन्न स्रोत बाजार में उपलब्ध हैं। डिजिटल मार्केटिंग संस्थान पूरे डिजिटल वातावरण में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, इसलिए यदि आप पूरे डिजिटल क्षेत्र में डिजिटल मार्केटिंग के बारे में सीखना चाहते हैं तो आप नामांकन कर सकते हैं। हालाँकि, यदि आप डिजिटल मार्केटिंग के बारे में मुफ्त में सीखने में रुचि रखते हैं, तो आपको केवल एक सिंहावलोकन मिलेगा। डिजिटल मार्केटिंग की गहरी समझ के लिए आपको एक पेड कोर्स में दाखिला लेना होगा। और इन कौशलों को सीखने के लिए डिजीपरफॉर्म सबसे अच्छी जगह है

निःशुल्क  डिजिटल मार्केटिंग सीखे (learn digital marketing for free)

अगर आप इसे पूरी तरह से समझ लें तो मार्केटिंग फलफूल रही है और आप इस क्षेत्र में बहुत सफल हो सकते हैं। आप विभिन्न प्रकार के संसाधनों से मुफ्त में डिजिटल मार्केटिंग सीख सकते हैं जो सर्वोत्तम, सबसे गहन निर्देश प्रदान करते हैं। ये पाठ्यक्रम शायद नौसिखियों के लिए उपलब्ध सबसे विस्तृत पाठ्यक्रम हैं। छात्रों को व्यावहारिक विपणन अनुभव प्रदान करने के अलावा, इसका एक प्रमुख शैक्षिक पैनल भी है, जो एक महत्वपूर्ण तत्व है, डिजिटल मार्केटिंग के सभी पहलुओं को शामिल करता है और मान्यता प्राप्त शिक्षाविदों द्वारा निर्देशित किया जाता है। आप डिजिटल मार्केटिंग के प्रमुख पहलुओं को समझेंगे, जैसे एस.ई.ओ , एस एम ओ, एस एम एम , Google विज्ञापन, सामग्री निर्माण, ई-मेल मार्केटिंग, इत्यादि।

जब आप इन पाठ्यक्रमों को पूरा कर लेंगे, तो आपको लगभग हर विषय में डिजिटल मार्केटिंग में ज्ञान प्राप्त होगा।

डिजिटल मार्केटिंग सीखने के लिए ये कुछ बेहतरीन मुफ्त संसाधन हैं:

  • गूगल डिजिटल अनलॉक
  • हबस्पॉट की इनबाउंड मार्केटिंग
  • कौरसेरा की डिजिटल मार्केटिंग
  • सेमरश अकादमी
  • उडेमी का डिजिटल मार्केटिंग कोर्स
  • Edx के डिजिटल मार्केटिंग पाठ्यक्रम

डिजीपरफॉर्म ( Digiperform ) – सशुल्क तरीके के लिए सर्वश्रेष्ठ डिजिटल मार्केटिंग शिक्षण संस्थान विकल्प (Best Digital Marketing learning Institute option for the paid way)

डिजीपरफॉर्म एशिया का शीर्ष डिजिटल मार्केटिंग संस्थान है। यदि आप डिजिटल मार्केटिंग के सभी पहलुओं को सीखने के लिए उत्सुक हैं, तो यह सबसे अच्छी जगह है। डिजिटल मार्केटिंग के प्रमुख पहलुओं में एस.ई.ओ , एस एम ओ, पी.पी.सी , एस एम एम, ई-मेल मार्केटिंग, वेब डेवलपमेंट और बहुत कुछ शामिल हैं। Digiperform अपने छात्रों को प्रथम श्रेणी का प्रशिक्षण और सुविधाएं प्रदान करता है। प्रशिक्षुओं को सर्वोत्तम संभव ज्ञान और कौशल देने के लिए अत्यधिक अनुभवी प्रशिक्षक हैं, न केवल मौखिक ज्ञान पर ध्यान केंद्रित करते हैं बल्कि छात्रों को मजबूत व्यावहारिक ज्ञान के लिए एक लाइव प्रोजेक्ट प्रदान करके प्रशिक्षण भी देते हैं।

कोर्स पूरा होने के बाद, छात्रों को प्रमाणन भी प्राप्त होगा जो उनके सी.वी को बेहतर नौकरी पाने में मदद करेगा। यह प्रशिक्षुओं को बिना किसी घबराहट के साक्षात्कार को क्रैक करने में मदद करता है और साक्षात्कार की तैयारी के लिए सत्र भी प्रदान करता है। Digiperform अपने छात्रों को सर्वोत्तम संभव संगठन में गारंटीशुदा नौकरी प्रदान करता है। और यदि आपके कोई और प्रश्न हैं, तो दिए गए लिंक पर क्लिक करके वेबसाइट पर जाएं। https://digiperform.com/

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  • Digital Marketing /

Digital Marketing kya hai: डिजिटल मार्केटिंग करके दें अपने करियर को नया मुकाम

importance of marketing research in hindi

  • Updated on  
  • फरवरी 6, 2024

Digital Marketing Kya Hai

Digital Marketing in Hindi: डिजिटल मार्केटिंग इंटरनेट पर डिजिटल तकनीकों के इस्तेमाल में आने वाले प्रोडक्ट या सेवाओं की मार्केटिंग होती है। डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing kya hai ) में मोबाइल फोन ऐप्स के जरिए डिस्प्ले एडवरटाइजिंग और अन्य किसी भी डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल शामिल है। आज का युग ऑनलाइन है, जैसे ऑनलाइन शॉपिंग, टिकट बुकिंग, रिचार्ज, बिल भुगतान, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन आदि जैसे कई काम हम इंटरनेट के जरिए आराम से घर बैठे-बैठे कर सकते हैं। यदि हम मार्केट के की स्थिति पर नज़र डालें तो लगभग 80% ख़रीददाता किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने या सर्विस लेने से पहले ऑनलाइन रिसर्च करते है, ऐसे में किसी भी कंपनी या बिज़नेस के लिए डिजिटल मार्केटिंग महत्वपूर्ण हो जाती है। Digital Marketing kya hai इस ब्लॉग में विस्तार से जानिए।

This Blog Includes:

Digital marketing in hindi, डिजिटल मार्केटिंग का लाभ, डिजिटल मार्केटिंग का महत्व, डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार, डिजिटल मार्केटिंग की उपयोगिताएं, b2b डिजिटल मार्केटिंग बनाम b2c डिजिटल मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग का सिलेबस, डिजिटल मार्केटिंग कोर्स कैसे करें, डिजिटल मार्केटिंग के लिए लोकप्रिय कोर्सेज, डिजिटल मार्केटिंग कोर्स कितने महीने का होता है , डिजिटल मार्केटिंग सीखने के लिए विदेशी यूनिवर्सिटीज, टॉप भारतीय डिजिटल मार्केटिंग संस्थान, डिजिटल मार्केटिंग कोर्स फीस, यूके के लिए आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, डिजिटल मार्केटिंग के लिए बेस्ट पुस्तकें, प्रवेश परीक्षाएं, डिजिटल मार्केटिंग में करियर, टॉप रिक्रूटर्स, डिजिटल मार्केटिंग सैलरी.

आज से कुछ साल पहले लोग अपनी वस्तुओं को बेचने के लिए विभिन्न प्रकार के तरीके जैसे पोस्टर,टेम्प्लेट, विज्ञापन, अखबारों द्वारा अपनी वस्तुओं की मार्केटिंग करते थेऔर ग्राहकों तक पहुंचाते थे। लेकिन ये सब क्रियाएं (साधन) बहुत ही कम ग्राहकों को लुभा पाती थी, इसलिए व्यापारियों ने अपनी चीजों की मार्केटिंग का तरीका बदला और आजकल हर कोई ऑनलाइन खरीदारी, पैसे भेजने हो या लेने हो, पढ़ाई से जुड़े विभिन्न प्रकार के कोर्स आदि अपने फोन या लैपटॉप से आसानी से कर सकते हैं। 

Digital Marketing in Hindi, यह शब्द साल 2000 के बाद ज्यादा लोकप्रिय होना शुरू हुआ। जब इंटरनेट में सर्च इंजन मार्केटिंग , सोशल मीडिया , ऐप्स आदि का विकास हुआ तब से यह शब्द लोगों के लिए आम बन गया। डिजिटल मार्केटिंग वह है जिसमें हम अपने मोबाइल और कंप्यूटर जैसे डिजिटल उपकरणों द्वारा अपने प्रोडक्ट को विश्व स्तर पर प्रचार कर सकते हैं। 1980 के दशक में सर्वप्रथम कुछ प्रयास किये गये डिजिटल मार्किट को स्थापित करने में परंतु यह सम्भव नही हो पाया । 1990 के दशक मे आखिर मे इसका नाम व उपयोग शुरु हुआ।

Digital Marketing kya hai जानने के साथ-साथ इसके लाभ जानने भी आवश्यक हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • यह बहुत कम पैसों में की जा सकती है। इसे आप INR 100 या 1,000 से भी शुरू कर सकते हैं।
  • यह हम सिर्फ और सिर्फ उन्हीं लोगों तक अपने विज्ञापनों को पहुंचा सकते हैं जिन्हें हमारे प्रोडक्ट्स या फिर सर्विसेज की जरूरत है। जबकि ट्रेडिशनल मार्केटिंग में ऐसा संभव नहीं है।
  • डिजिटल मार्केटिंग करने में आसान है।
  • साथ ही साथ हम आसानी से अपने कैंपेन में जरूरी बदलाव कर सकते हैं।
  •  इसमें प्राय: कन्वर्शन रेट अच्छा होता है। यानी लोग जल्दी से ग्राहक बन जाते हैं।
  • इंटरनेट मार्केटिंग में जॉब के कई विकल्प हैं।
  • इंटरनेट मार्केटिंग की मुख्य अवधारणाओं को मजबूत करना। 
  • अपनी मौजूदा व्यावसायिक वेबसाइट या ब्लॉग का प्रचार करना। 
  • आपकी SEO टीम कैसे काम कर रही है, इसकी बेहतर निगरानी कर सकते हैं। 
  • इंटरनेट मार्केटर्स के रूप में घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) से एक फ्रीलान्स के रूप में काम कर सकते हैं।

Digital Marketing kya hai जानने के साथ-साथ यह जानना भी ज़रूरी है कि Digital Marketing in Hindi क्यों आवश्यक है,, जो इस प्रकार हैं:

  • यह दौर टेक्नोलॉजी का है और इस आधुनिक समय में हर वस्तु में टेक्निकल विकास हुआ है, इंटरनेट भी इसी आधुनिकता का हिस्सा है।
  • आज का समाज समय की कमी से परेशान है, इसलिए यह यह काफी आवश्यक हो गया है।
  • जनता इंटरनेट द्वारा अपनी सुविधा अनुसार अपना मनपसंद व आवश्यक सामान आसानी से प्राप्त कर सकती है ।
  • कोरोनावायरस के दौर में लोग बाज़ार जाने से बचते हैं ऐसे में यह बिज़नेस को अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज लोगों तक पहुंचाने में मदद करती है। 
  • यह कम समय में एक ही वस्तु के कई प्रकार दिखा सकता है और उपभोक्ता को जो पसंद है वे तुरंत उसे ले सकता है। इस माध्यम से उपभोकता का बाज़ार जा कर वस्तु पसंद करने व आने-जाने में जो समय लगता है वो बच जाता है।
  • इसके द्वारा व्यापारी भी  कम समय में अधिक लोगो से जुड़ सकता है और अपने उत्पाद की खूबियाँ उपभोक्ता तक पहुँचा सकता  है।
  • यह तो आप सबको पहले से ही पता है कि परिवर्तन जीवन का नियम है ,पहले के समय में और आज के जीवन में कितना बदलाव हुआ है और आज इंटरनेट का जमाना है।
  • इसकी की मांग वर्तमान समय में बहुत ही मजबूती से देखने को मिल रही है। व्यापारी जो अपना सामान बना रहा है,वो बिना किसी तीसरे व्यक्ति के अपने सामानों को आसानी से ग्राहकों तक पहुंचा रहा है। इससे व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है ।
  • आज के समय में हर व्यक्ति Google, Facebook और YouTube आदि उपयोग कर रहा है, जिसके द्वारा व्यापारी अपने उत्पाद ग्राहकों को दिखाता है। 

Digital Marketing kya hai के अंतर्गत डिजिटल मार्केटिंग करने के लिए इंटरनेट एकमात्र साधन है, इसके प्रकार नीचे दिए गए हैं-

  • सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO): यह एक ऐसी तकनीक (माध्यम) है जो आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन के परिणाम पर सबसे ऊपर जगह दिलाता है जिससे व्यूअर्स की संख्या में वृद्धि होती है। इसके लिए हमें अपनी वेबसाइट को कीवर्ड्स और SEO गाइडलाइन्स के मुताबिक बनाना होता है।
  • सोशल मीडिया: सोशल मीडिया कई प्रकार की वेबसाइटों जैसे Facebook, Twitter, Instagram, LinkedIn आदि से मिलकर बना है। सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों, भावों को हजारों लोगों के सामने रख सकता है। जैसा कि आप सब ने देखा होगा कि जब हम ये साइटों को देखते हैं, तो इस पर थोड़ी-थोड़ी देर में विज्ञापन दिखते हैं यह विज्ञापन आपकी पसंद से जुड़े हो भी सकते हैं और नहीं भी। 
  • ईमेल मार्केटिंग: ईमेल मार्केटिंग हर प्रकार से हर कंपनी के लिए आवश्यक है क्योंकि कोई भी कंपनी नये प्रस्ताव और छूट ग्राहकों को समय अनुसार इसके द्वारा देते हैं जिसके लिए ईमेल मार्केटिंग, डिजिटल विपणन का एक सुगम रास्ता है। किसी भी कंपनी द्वारा अपने उत्पादों को ईमेल द्वारा पहुंचाने को ईमेल मार्केटिंग कहते है। 
  • यूट्यूब चैनल: यूट्यूब, सोशल मीडिया मार्केटिंग का एक ऐसा माध्यम है जिसमे उत्पादक अपने प्रोडक्ट्स को लोगों के सामने सीधा पहुंचा सकता है।
  • एफिलिएट मार्केटिंग: वेबसाइट, ब्लॉग और लिंक्स के माध्यम से उत्पादों के विज्ञापन करने को एफिलिएट मार्केटिंग कहा जाता है। इसके अन्तर्गत आप अपना लिंक बना कर अपने उत्पाद को उस लिंक पर अपलोड करते हैं। जब ग्राहक उस लिंक द्वारा आपका उत्पाद खरीदता है तो आपको उस पर मेहनताना मिलता है।
  • एप्स मार्केटिंग: इंटरनेट पर अलग-अलग प्रकार के एप्स बनाकर लोगों तक पहुंचने और उन एप्स द्वारा अपने उत्पाद का प्रचार करने को ही एप्स मार्केटिंग कहते हैं । आजकल बड़ी संख्या में लोग स्मार्टफोन्स का उपयोग कर रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने एप्स बनाती हैं और एप्स को लोगों तक पहुंचाती है।

Digital Marketing kya hai में डिजिटल मार्केटिंग की उपयोगिता के बारे में बताया जा रहा है :

  • आप अपनी वेबसाइट पर ब्रोशर बनाकर उस पर अपने उत्पाद का विज्ञापन लोगों के लेटेर-बॉक्स पर भेज सकते हैं। कितने लोग आपको देख रहे हैं यह भी पता लगाया जा सकता है।
  • वेबसाइट ट्रेफ़िक- सबसे ज्यादा दर्शकों की भीड़ किस वेबसाइट पर है – पहले ये आप जान ले , फिर उस वेबसाइट पर अपना विज्ञापन डाल दें ताकी आपको अधिक लोग देख सकें ।
  • एट्रीब्यूशन मॉडलिंग – इसके द्वारा आप यह पता कर सकते है की आजकल लोग किस उत्पाद में रुचि ले रहे हैं या किन-किन विज्ञापनों को देख रहे हैं ।
  • आप अपने उपभोक्ता से किस प्रकार सम्पर्क बना रहे हैं यह विषय महत्वपूर्ण है। आप उनकी आवश्यक्ता के साथ पसंद का भी ध्यान रख सकते हैं।

Digital Marketing kya hai यहाँ B2B बिजनेस और B2C बिजनेस के बारे में विस्तार से समझाया जा रहा है :

  • B2B बिजनेस एक लम्बी प्रक्रिया है। इसके अलावा इसका बिक्री फनल भी बड़ा होता है। इसमें ग्राहकों को ध्यान में रखकर ही डिजिटल मार्केटिंग से जुड़ी नीतियां बनाई जाती हैं। जबकि B2C में छोटे अवधि वाले ऑफर्स पर अधिक ध्यान दिया जाता है। यह मैसेजिंग की प्रक्रिया पर अधिक निर्भर होता है।
  • B2B में डील्स तर्क और प्रूफ्स पर बेस्ड होती हैं। इसके विपरीत B2C में डिजिटल मार्केटिंग में इमोशनल वेल्यू मायने रखती है। यह कस्टमर को परचेजिंग से संबंधित अच्छा अनुभव प्रदान करने पर ध्यान देती है। ताकि ग्राहक बार बार खरीददारी के लिए आए।
  • B2B में निर्णय लेने के लिए एक से अधिक इनपुट की जरूरत होती है। इन इनपुट को संचालित करने वाले डिजिटल मार्केटिंग टूल्स शेयरिंग और डाउनलोडिंग की प्रक्रिया पर निर्भर होती हैं। इसके उलट B2C में ग्राहक किसी एक ब्रांड के साथ जुड़े रहना पसंद करते हैं।

Digital Marketing kya hai जानने के साथ-साथ इसका सिलेबस भी जानना आवश्यक है। हालांकि डिजिटल मार्केटिंग कोर्सेज के लिए वास्तविक सिलेबस की पेशकश मुख्य रूप से कोर्स लेवल के साथ-साथ इंस्टिट्यूट के अनुसार भिन्न होगी, कुछ मुख्य विषय हैं जो सभी स्तरों पर ऐसे कोर्सेज में शामिल हैं। यहां डिजिटल मार्केटिंग सिलेबस के अंतर्गत शामिल प्रमुख विषयों की सूची दी गई है:

  • इंट्रोडक्शन टू डिजिटल मार्केटिंग
  • SEO ऑप्टिमाइजेशन
  • इंट्रोडक्शन टू CRM
  • ईमेल मार्केटिंग
  • कॉम्पिटिटर एंड वेबसाइट एनालिसिस
  • मार्केट रिसर्च
  • कंटेंट क्रिएशन, मैनेजमेंट & प्रोमोशन
  • इंट्रोडक्शन टू वेब एनालिटिक्स
  • मोबाइल मार्केटिंग
  • सोशल मीडिया मार्केटिंग
  • डिजिटल मार्केटिंग बजटिंग, प्लानिंग & फोरकास्ट
  • डिजिटल मार्केटिंग प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
  • प्रोडक्ट मार्केटिंग (फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल ऐड्स) 
  • एफिलिएट मार्केटिंग
  • वेबसाइट डाटा एनालिटिक्स
  • पेड ऐड्स ऑप्टिमाइजेशन स्ट्रेटजीज़ 
  • न्यूरोमार्केटिंग फंडामेंटल्स 

Digital Marketing in Hindi के कोर्सेज ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से किए जा सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम में आप google के फ्री सर्टिफाइड कोर्स कर सकते हैं और ऑफलाइन माध्यम में आप कोर्स अपने शहर के किसी अच्छे इंस्टिट्यूट से कर सकते हैं। Google से आप घर बैठे ही मुफ्त में इस कोर्स को सीख सकते हैं। इसके लिए आपको इन दो वेबसाइटों पर जाना है-

  • Google Digital Unlocked
  • Google Skill Shop

यह दोनों ही Google की वेबसाइट है जहां से आप घर बैठे आसानी से सीख सकते हैं, नीचे कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं-

  • Google की इन दोनों ही वेबसाइटों के द्वारा आप बिना किसी फीस के इस कोर्स को सीख सकते हैं। 
  • जब आप यहां से कोर्स ख़तम कर लेते हैं तो आपको Google की तरफ से सर्टिफिकेट भी  दिया जाता है। इस सर्टिफिकेट की अन्य के मुकाबले काफी अहमियत होती है।
  • Google डिजिटल अनलॉक से आप डिजिटल मार्केटिंग की बुनियादी बातों सीख सकते है वो भी टेक्स्ट और वीडियो दोनों फॉर्मेट में । यहां से आप डिजिटल मार्केटिंग की बारीकियों को बहुत अच्छे तरीके से समझ सकते है।
  • Courses को अनलॉक करने के लिए आपको आपके Google अकाउंट से साइन-अप करना होगा। 
  • साइन-अप करने के बाद आपके सामने कोर्सेज की डिटेल आ जाएगी, जिसमें 26 मॉड्यूल होंगे जिनकी अवधि 40 घंटे होगी।

डिजिटल मार्केटिंग में कई सारे कोर्स होते हैं, जिनके अलग-अलग स्पेशलिस्ट होते हैं। ऐसे ही टॉप कोर्स की लिस्ट नीचे दी गई है-

  • E-mail Marketing
  • Inbound Marketing
  • Growth Hacking
  • Web Analytical
  • Mobile Marketing

आप  AI Course Finder  की मदद से अपने पसंद के कोर्सेज और उससे सम्बंधित टॉप यूनिवर्सिटी   का चयन कर सकते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स 3 से 6 महीने का होता है। बैचलर कोर्स जैसे BBA आदि 3-4 साल का होता है। डिजिटल मार्केटिंग में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स 2 साल का होता है।

विदेशी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट इस प्रकार है:

  • ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय
  • अल्बर्टा विश्वविद्यालय
  • मैकमास्टर विश्वविद्यालय
  • वाटरलू विश्वविद्यालय
  • साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय
  • लवल विश्वविद्यालय
  • यॉर्क विश्वविद्यालय
  • रायर्सन विश्वविद्यालय
  • ओंटारियो टेक यूनिवर्सिटी

आप  UniConnect  के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सक सकते हैं।

नीचे डिजिटल मार्केटिंग संस्थान के नाम इस प्रकार हैं-

  • सिम्पलीलर्न, बैंगलोर
  • AIMA- अखिल भारतीय प्रबंधन संघ, दिल्ली
  • DSIM- दिल्ली स्कूल ऑफ इंटरनेट मार्केटिंग, दिल्ली और बैंगलोर
  • लर्निंग कैटलिस्ट, मुंबई
  • डिजिटल विद्या, पूरे भारत में शाखाएं
  • नई दिल्ली वाईएमसीए, दिल्ली
  • Zica, इंदौर
  • डिजिटल मार्केटिंग संस्थान-आईडीएम, मुंबई
  • इंटरनेट मार्केटिंग स्कूल, कोलकाता

डिजिटल मार्केटिंग कोर्स करने के लिए आपको फीस कई कॉलेजों में अलग-अलग होती है। एक अनुमान से डिजिटल मार्केटिंग कोर्स की फीस INR 15-60 हजार तक की फीस हो सकती है।

डिजिटल मार्केटिंग कोर्सेस के लिए सामान्य योग्यताओं के बारे में नीचे बताया गया है–

  • बैचलर्स कोर्सेस में प्रवेश लेने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पूरा किया हो। 
  • कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते हैं। विदेश में बैचलर्स के लिए SAT या ACT स्कोर्स की मांग की जाती है।
  • मास्टर्स कोर्सेस के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से किसी भी स्ट्रीम में बैचलर्स डिग्री प्राप्त की हो।
  • मास्टर्स कोर्सेस में एडमिशन के लिए कुछ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं इसके बाद ही आप इन कोर्सेस के लिए पात्र हो सकते हैं। विदेश की कुछ यूनिवर्सिटीज में मास्टर्स के लिए GRE स्कोर की आवश्यकता होती है।
  • साथ ही विदेश के लिए आपको ऊपर दी गई आवश्यकताओं के साथ IELTS या TOEFL स्कोर की भी आवश्यकता होती है।

आवेदन प्रक्रिया

डिजिटल मार्केटिंग कोर्स के लिए नीचे आवेदन प्रक्रिया दी गई है-

  • कैंडिडेट को 12 साल की बेसिक एजुकेशन पूरी करनी होगी। 12th (किसी भी स्ट्रीम) उत्तीर्ण करनी आवश्यक है।
  • इस कोर्स करने के लिए सबसे पहले प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करना होगा।
  • छात्रों को परीक्षा ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के माध्यम से देनी होगी।
  • प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर छात्रों का विश्लेषण किया जाएगा। शॉर्टलिस्ट किए गए छात्रों की एक मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी।
  • कुछ कॉलेज ग्रुप डिस्कशन (GD) और पर्सनल इंटरव्यू के जरिए भी एडमिशन प्रदान करते हैं।

बैचलर्स डिग्री में एडमिशन लेने के लिए आपको UCAS पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यहाँ से आपको यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होंगे। वहीं मास्टर्स में एडमिशन लेने के लिए आपको यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। फिर वहीं से ही छात्रों को यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेंगे।

  • यूजर आईडी से अकाउंट साइन इन करें और डिटेल्स भरें।
  • कोर्स करिकुलम और जरूरी योग्यता को चेक कर लें।
  • अपनी यूनिवर्सिटी के एप्लीकेशन फॉर्म पर क्लिक करें।
  • सबसे पहले आपको ईमेल या फ़ोन नंबर के द्वारा न्यू रजिस्ट्रेशन करना होगा।
  • अकाउंट वेरिफिकेशन के बाद अकाउंट लोग-इन करके पर्सनल डिटेल्स (नाम, जेंडर, पिता का नाम, माता का नाम, जन्म की तिथि) भरें।
  • अकादमिक डिटेल्स भरें और आवश्यक डाक्यूमेंट्स को अपलोड करें।
  • अंत में एप्लीकेशन फीस का भुगतान करें।
  • फिर अपना एप्लीकेशन फॉर्म जमा करें।
  • कुछ यूनिवर्सिटीज, सिलेक्शन के बाद वर्चुअल इंटरव्यू के लिए आमंत्रित करतीं हैं।

नीचे दिए गए आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार हैं:

  • एकेडमिक ट्रांसक्रिप्ट
  • IELTS / TOEFL / GMAT / GRE आदि के स्कोर।
  • पासपोर्ट की स्कैन की गई कॉपी
  • SOP (स्टेटमेंट ऑफ पर्पस )
  • LOR (लेटर ऑफ रिकमेंडेशन)
  • CV/ रिज़्यूमे

Digital Marketing in Hindi एक लोकप्रिय कोर्स है और ऑनलाइन और स्थानीय बाजारों में बहुत सारी किताबें उपलब्ध हैं। यहां कुछ बेहतरीन पुस्तकें दी गई हैं जिनके द्वारा डिजिटल मार्केटिंग के बारे में आप काफी जानकारी ले सकते हैं-

Digital Marketing for Dummies by Ryan Deiss & Russ Henneberry
New Rules of Marketing and PR by David Meerman Scott
The Art of SEO by Eric Enge, Stephan Spencer, Jessie Stricchiola
Digital Marketing 2020 by Danny Star
Epic Content Marketing by Joe Pulizzi
डिजिटल मार्केटिंग से सीखो और कमाओ

डिजिटल मार्केटिंग कोर्स के लिए नीचे प्रवेश परीक्षाओं के नाम दिए गए हैं-

अंडर ग्रेजुएट लेवल

पोस्ट ग्रेजुएट लेवल

Digital Marketing kya hai जानने के साथ Digital Marketing in Hindi में भी जानना चाहिए कि इसमें क्या-क्या करियर प्रोफाइल हो सकती हैं, जो नीचे दी गई हैं-

  • कंटेंट मार्केटर
  • कन्वर्शन रेट ऑप्टिमाइजेशन
  • PPC मैनेजर/एग्जीक्यूटिव
  • SEO एग्जीक्यूटिव/मैनेजर
  • SEM मैनेजर/एक्सपर्ट
  • सोशल मीडिया मैनेजर/एग्जीक्यूटिव
  • ई-कॉमर्स मैनेजर
  • एनालिटिकल मैनेजर
  • CRM & ईमेल मार्केटिंग मैनेजर
  • वेब डिजाइनर/ डेवलपर और डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर/निदेशक
  • SEO एग्जीक्यूटिव/मैनेजर 

Digital Marketing kya hai जानने के बाद अब टॉप रिक्रूटर्स के नाम दिए गए हैं-

  • iProspect India
  • Mirum India
  • Quasar Media
  • BBC Webwise

Digital Marketing kya hai जान लेने के बाद अब बारी आती है मिलने वाली जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी जानने की, जो नीचे मौजूद हैं-

डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर6-7 लाख
SEO स्पेशलिस्ट4-5 लाख
सोशल मीडिया मैनेजर5-6 लाख
कंटेंट मार्केटिंग स्पेशलिस्ट4-5 लाख
पे पर क्लिक या SEM एनालिस्ट3-4 लाख
3-4 लाख

अपनी वस्तुएं और सेवाओं की डिजिटल साधनो से मार्केटिंग करने की प्रतिक्रिया को डिजिटल मार्केटिंग कहते हैं।

Digital Marketing in Hindi कोर्स करने के लिए आपको INR 10,000-60,000 सालाना तक की फीस का भुगतान करना पड़ सकता है।

सर्च इंजन मार्केटिंग (SEO), सोशल मीडिया, ईमेल मार्केटिंग, यूट्यूब चैनल, एफिलिएट मार्केटिंग आदि।

इसके जरिए आप अपने प्रोडक्ट या सर्विस को ग्राहकों के पास आसानी से कम समय मे पहुँचा सकते है। इस प्रकार आपके व्यापार में मुनाफा होगा। आप इसके द्वारा अपने बिज़नेस से लाखों रुपये का मुनाफा कमा सकते है।

डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार निम्न हैं: 1. सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन 2. सोशल मीडिया 3. ईमेल मार्केटिंग 4. यूट्यूब चैनल 5. अफिलिएट मार्केटिंग 6. PPC मार्केटिंग 7. एप्स मार्केटिंग

Digital Marketing in Hindi में सर्टिफिकेट कोर्स 3 से 6 महीने का होता है। बैचलर कोर्स जैसे BBA आदि 3-4 साल का होता है। डिजिटल मार्केटिंग में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स 2 साल का होता है। 

उम्मीद है, Digital marketing kya hai इसके बारे में आपको सभी जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही ब्लॉग पढ़ने के लिए  Leverage Edu पर बने रहिए।

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Team Leverage Edu

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24 comments

Bahut hi sundar Dhang se jankari di gayi hai, Hardik Aabhar

Thankuu for this useful information

लेख सराहने के लिए आपका धन्यवाद।

Nice Post Thank you so much

आपका धन्यवाद।

आपने बहुत कम शब्दों में Digital Marketing In Hindi को बहुत अच्छे से समझा दिया इसके लिए आपका बहुत -बहुत धन्यवाद !

आपका धन्यवाद, ऐसी ही आप हमारी वेबसाइट पर बने रहिये।

Bahut Achchhi information diye hain aap thanks.

आपका धन्यवाद, ऐसे ही हमारी https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।

आपको डिजिटल मार्केटिंग की अच्छी जानकारी है। डिजिटल मार्केटिंग को आसान तरीके से समझाने के लिए धन्यवाद। और हमारी मातृभाषा में सामग्री लिखने के लिए विशेष धन्यवाद।

Mujhe apke posts kafi knowledgeable lagte hai digital marketing

आपका बहुत बहुत धन्यवाद

आपका बहुत-बहुत आभार, ऐसे ही आप https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।

Thankyou for this useful and informative article.

आपका धन्यवाद

“Thank you for this useful and informative article.

most in depth article in hindi about digital marketing, very nice sir

आपका बहुत बहुत आभार

आपका शुक्रिया।

Thank You for the whole article. There is no need to search again.

बहुत बहुत धन्यवाद

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FDA Approves and Authorizes Updated mRNA COVID-19 Vaccines to Better Protect Against Currently Circulating Variants

FDA News Release

Today, the U.S. Food and Drug Administration approved and granted emergency use authorization (EUA) for updated mRNA COVID-19 vaccines (2024-2025 formula) to include a monovalent (single) component that corresponds to the Omicron variant KP.2 strain of SARS-CoV-2. The mRNA COVID-19 vaccines have been updated with this formula to more closely target currently circulating variants and provide better protection against serious consequences of COVID-19, including hospitalization and death. Today’s actions relate to updated mRNA COVID-19 vaccines manufactured by ModernaTX Inc. and Pfizer Inc.

In early June, the FDA advised manufacturers of licensed and authorized COVID-19 vaccines that the COVID-19 vaccines (2024-2025 formula) should be monovalent JN.1 vaccines. Based on the further evolution of SARS-CoV-2 and a rise in cases of COVID-19, the agency subsequently determined and advised manufacturers that the preferred JN.1-lineage for the COVID-19 vaccines (2024-2025 formula) is the KP.2 strain, if feasible.

“Vaccination continues to be the cornerstone of COVID-19 prevention,” said Peter Marks, M.D., Ph.D., director of the FDA’s Center for Biologics Evaluation and Research. “These updated vaccines meet the agency’s rigorous, scientific standards for safety, effectiveness, and manufacturing quality. Given waning immunity of the population from previous exposure to the virus and from prior vaccination, we strongly encourage those who are eligible to consider receiving an updated COVID-19 vaccine to provide better protection against currently circulating variants.”

The updated mRNA COVID-19 vaccines include Comirnaty and Spikevax, both of which are approved for individuals 12 years of age and older, and the Moderna COVID-19 Vaccine and Pfizer-BioNTech COVID-19 Vaccine, both of which are authorized for emergency use for individuals 6 months through 11 years of age.

What You Need to Know

  • Unvaccinated individuals 6 months through 4 years of age are eligible to receive three doses of the updated, authorized Pfizer-BioNTech COVID-19 Vaccine or two doses of the updated, authorized Moderna COVID-19 Vaccine.
  • Individuals 6 months through 4 years of age who have previously been vaccinated against COVID-19 are eligible to receive one or two doses of the updated, authorized Moderna or Pfizer-BioNTech COVID-19 vaccines (timing and number of doses to administer depends on the previous COVID-19 vaccine received).
  • Individuals 5 years through 11 years of age regardless of previous vaccination are eligible to receive a single dose of the updated, authorized Moderna or Pfizer-BioNTech COVID-19 vaccines; if previously vaccinated, the dose is administered at least 2 months after the last dose of any COVID-19 vaccine.
  • Individuals 12 years of age and older are eligible to receive a single dose of the updated, approved Comirnaty or the updated, approved Spikevax; if previously vaccinated, the dose is administered at least 2 months since the last dose of any COVID-19 vaccine.
  • Additional doses are authorized for certain immunocompromised individuals ages 6 months through 11 years of age as described in the Moderna COVID-19 Vaccine and Pfizer-BioNTech COVID-19 Vaccine fact sheets.

Individuals who receive an updated mRNA COVID-19 vaccine may experience similar side effects as those reported by individuals who previously received mRNA COVID-19 vaccines and as described in the respective prescribing information or fact sheets. The updated vaccines are expected to provide protection against COVID-19 caused by the currently circulating variants. Barring the emergence of a markedly more infectious variant of SARS-CoV-2, the FDA anticipates that the composition of COVID-19 vaccines will need to be assessed annually, as occurs for seasonal influenza vaccines.

For today’s approvals and authorizations of the mRNA COVID-19 vaccines, the FDA assessed manufacturing and nonclinical data to support the change to include the 2024-2025 formula in the mRNA COVID-19 vaccines. The updated mRNA vaccines are manufactured using a similar process as previous formulas of these vaccines. The mRNA COVID-19 vaccines have been administered to hundreds of millions of people in the U.S., and the benefits of these vaccines continue to outweigh their risks.

On an ongoing basis, the FDA will review any additional COVID-19 vaccine applications submitted to the agency and take appropriate regulatory action.

The approval of Comirnaty (COVID-19 Vaccine, mRNA) (2024-2025 Formula) was granted to BioNTech Manufacturing GmbH. The EUA amendment for the Pfizer-BioNTech COVID-19 Vaccine (2024-2025 Formula) was issued to Pfizer Inc.

The approval of Spikevax (COVID-19 Vaccine, mRNA) (2024-2025 Formula) was granted to ModernaTX Inc. and the EUA amendment for the Moderna COVID-19 Vaccine (2024-2025 Formula) was issued to ModernaTX Inc.

Related Information

  • Comirnaty (COVID-19 Vaccine, mRNA) (2024-2025 Formula)
  • Spikevax (COVID-19 Vaccine, mRNA) (2024-2025 Formula)
  • Moderna COVID-19 Vaccine (2024-2025 Formula)
  • Pfizer-BioNTech COVID-19 Vaccine (2024-2025 Formula)
  • FDA Resources for the Fall Respiratory Illness Season
  • Updated COVID-19 Vaccines for Use in the United States Beginning in Fall 2024
  • June 5, 2024, Meeting of the Vaccines and Related Biological Products Advisory Committee

The FDA, an agency within the U.S. Department of Health and Human Services, protects the public health by assuring the safety, effectiveness, and security of human and veterinary drugs, vaccines and other biological products for human use, and medical devices. The agency also is responsible for the safety and security of our nation’s food supply, cosmetics, dietary supplements, radiation-emitting electronic products, and for regulating tobacco products.

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