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पर्यटन पर निबंध Essay On Tourism In Hindi Language

Essay On Tourism In Hindi Language पर्यटन पर निबंध:  देशाटन अथवा पर्यटन किसी भी देश की प्रगति के लिए आवश्यक क्षेत्र हैं.

Essay On Tourism में हम जानेगे कि भारत में पर्यटन का स्तर  स्थिति देशाटन के लाभ हानियाँ प्रमुख दर्शनीय स्थल आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेगे.

पर्यटन के महत्व पर निबंध में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए यहाँ निबंध बता रहे हैं.

Essay On Tourism In Hindi पर्यटन पर निबंध

Essay On Tourism In Hindi पर्यटन पर निबंध

पर्यटन पर निबंध (300 शब्द)

पर्यटन एक ऐसी यात्रा को कहते है जो मनोरंजन या फुरसत के समय का आनंद उठाने के लिए की जाती है। पर्यटन से व्यक्ती को जीवन में एक नई उमंग और उत्साह भर जाता है।

जब हम किसी स्थान पर पर्यटन के लिए घूमने के लिए जाते है तो हमें वहां की संस्कृति और लोक जीवन के बारे में जानने को मिलता है।

हमें इस चीज का एहसास होता है की इस दुनिया में कितनी विवधता है , हमारे और इनके लोक जीवन और संस्कृति में कितना अंतर है। इस से हमारे दिमाग का दायरा बढ़ता है और सोचने समझने की एक गहरी समझ विकसित होती है।

पर्यटन से हमें हमारी दैनिक जीवन की परेशानियां को भूलकर एक रचनात्मक प्रवृति जागृत होती है , जिस से जीवन में अनेक रास्ते खुल जाते है। 

अगर हम भारत में प्रमुख पर्यटक स्थलों की बात करे तो ऐसे बहुत से स्थल है जहां आप अपनी रुचि और सुविधानुसार जा सकते है। भारत के प्रत्येक राज्य में धार्मिक , प्राकृतिक, ऐतिहासिक महत्व के पर्यटक स्थल मिल जाएंगे जो भारत की विशाल और धनी प्राचीन विरासत को दर्शाते है।

जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में जहां पहाड़ी राज्यों का अपना अलग पर्यटक महत्व हैं, वहीं दूसरी ओर राजस्थान अपने थार के मरुस्थल और सम के धोरों के लिए प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश अपने धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। गोवा अपने समुंद्री पर्यटन के लिए विख्यात है। 

भारत में कई ऐसे एतिहासिक पर्यटक स्थल है , जो हमें हमारे गौरवशाली इतिहास को संजोये हुए है, उनमें अनेक दुर्ग, स्मारक और छतरियां शामिल है। भारत विश्व का एक प्रमुख पर्यटक केंद्र है।

वर्तमान सरकार भारत में पर्यटन के महत्व को समझते हुए अनेक नए कॉरिडोर निर्माण कर रही है। पर्यटन से हमारे रोजगार और अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिल रहा है। इस प्रकार पर्यटन का जीवन में बहुत महत्व है।

पर्यटन पर निबंध 500 शब्दों में

मानव प्रवृत्ति और पर्यटन – मानव मन कौतुहल एवं जिज्ञासा नामक वृतियों से आक्रान्त रहता हैं. इन वृतियों के कारण वह नवीन वस्तुओं को देखने, समझने, नवीन स्थलों के प्रति आकृष्ट होने एवं नवीन स्थानों की सैर करने के लिए सचेष्ट रहता हैं.

इस प्रकार नवीन स्थानों तथा विभिन्न भू भागों में भ्रमण करना ही पर्यटन कहा जाता हैं. पर्यटन करने से मनुष्य को भिन्न भिन्न भौगोलिक परिवेशों को देखने को सुअवसर प्राप्त होता हैं. और उनके ज्ञान की वृद्धि होती हैं.

पर्यटन की व्यवस्था -पर्यटन मानव की स्वच्छंद एवं उन्मुक्त जीवन पद्धति का एक अंश हैं. इसकी व्यवस्था प्रत्येक व्यक्ति की रूचि एवं देश विशेष के आधार पर हो सकती हैं.

वर्तमान युग में पर्यटन की व्यवस्था का काफी प्रसार हो गया हैं. और सारे विश्व के देशों का भ्रमण आसानी से किया जा सकता हैं.

फिर भी प्रत्येक यात्री के लिए यह आवश्यक हैं कि वह जिस देश की यात्रा पर जा रहा हो, वहां की रीती नीति, भाषा, खान पान तथा शिष्टाचार आदि का उसे ज्ञान हो.

उसे वहां के दर्शनीय स्थानों, ऐतिहासिक स्मारकों का भी ज्ञान होना चाहिए. इसके लिए उसे उस स्थान का मानचित्र एवं वहां की परिचयात्मक पुस्तिका अपने पास रखनी चाहिए.

यात्रा के लिए कुछ आवश्यक सामान साथ में ले जाना चाहिए. धन की व्यवस्था भी पूर्णरूप से होनी चाहिए. इस तरह की आवश्यक व्यवस्था हो जाने पर यदि कोई साथी या परिचित सहयात्री मिल जाए तो उसकी भी व्यवस्था करनी चाहिए.

सहयात्री मिल जाने पर बहुत सी सहायता मिल जाती हैं एवं मार्ग की परेशानियों का सामना किया जा सकता हैं.

पर्यटन से लाभ – मनुष्य को पर्यटन से अनेक लाभ होते हैं. इससे मनुष्य के ज्ञान का विस्तार होता हैं. विद्यार्थी जिन धार्मिक अथवा ऐतिहासिक स्थानों का वर्णन पुस्तकों में ही पढ़ पाते हैं.

उन स्थानों को प्रत्यक्ष रूप से देखने पर ज्ञान और अधिक बढ़ जाता हैं. दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिर हड़प्पा और सारनाथ के भग्नावशेष अजन्ता और एलोरा की गुफाएं आगरा का ताज महल, दिल्ली का लाल किला, जयपुर का हवा महल एवं जंतर मन्तर आदि का साक्षात ज्ञान पर्यटन से ही किया जा सकता हैं.

विभिन्न भागों के रीती रिवाज खान पान सामाजिक परम्परा सभ्यता एवं प्राकृतिक वातावरण आदि समस्त बातों का ज्ञान पर्यटन से ही हो सकता हैं. पर्यटन से मनोरंजन भी होता हैं.

तो नयें लोगों से परिचय भी बढ़ता हैं. इससे अनुभव परिपक्व होता हैं. इस तरह पर्यटन काफी लाभकारी रहता हैं.

उपसंहार – इस नश्वर संसार में आकर मनुष्य ने यदि भिन्न भिन्न भागों को नहीं देखा, प्रकृति के सौन्दर्य का नजदीकी से अवलोकन नहीं किया, तो उसका अमूल्य जीवन वास्तव में व्यर्थ हैं.

पर्यटन से ऐसे कई नवीन मित्र बन जाते हैं. जो जीवन भर सहायता सहयोग करते रहेगे. अतः हमे चाहिए कि हम अपनी आर्थिक शक्ति तथा पारिवारिक स्थिति के अनुसार पर्यटन करें, अपना लोकानुभव निरंतर बढाते रहे. जीवन की सफलता के लिए पर्यटन परमावश्यक हैं.

700 शब्द : पर्यटन पर निबंध Essay On Tourism In Hindi

शिक्षा के प्रसार ने लोगों में विश्व के अलग अलग हिस्सों में जाकर वहां की जानकारी एकत्र करने की प्रबल इच्छा पैदा की. नयें अनुभव एवं ज्ञान का तो कारण हैं ही साथ ही हवाई परिवहन में प्रगति एवं पर्यटक सुविधाओं में विकास ने भी सीमाओं से बाहर निकलकर विचरण करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया हैं.

विशेष रूप से दूरस्थ एव पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन के तंत्र के रूप में पर्यटन के महत्व को विश्व भर में पहचान मिली हैं. सकल राजस्व के साथ साथ विदेशी मुद्रा आय के मामले में यह सम्पूर्ण विश्व में एक वृहत सेवा उद्योग हैं.

पर्यटन के कई लाभ हैं. पर्यटन से न सिर्फ मनोरंजन होता हैं बल्कि यह शिक्षा एवं अनुभव प्राप्त करने का भी एक अच्छा साधन है. इसलिए स्कूल कॉलेजों में हर वर्ष छात्रों को पर्यटन के लिए किसी न किसी स्थान पर ले जाया जाता हैं. पर्यटन से व्यक्ति में नवजीवन का संचार होता हैं.

इसलिए लोग वर्ष में एक बार पर्यटन के लिए अवश्य समय निकालते हैं. जिन्दगी की इस भागदौड़ में पर्यटन का महत्व भी बढ़ गया हैं. प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यस्ततम जीवन में से समय निकालकर किसी न किसी स्थान पर घूमने के लिए जाते रहना चाहिए. इससे उस व्यक्ति के जीवन का वातावरण में भी बदलाव आता हैं.

ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटन की स्थिति में इसका महत्व और भी बढ़ जाता हैं. इससे ऐतिहासिक घटनाओं को अनुभव करने का आभास होता हैं, जिन बातों का अनुभव हम ताजमहल और कुतुबमीनार को देखकर कर सकते हैं. उसे किसी भी किताब के माध्यम से बताया नहीं जा सकता.

पर्वत, पठारों, झीलों, नदियों की तस्वीरों या पाठ्यसामग्रियों से हमें इसके वास्तविक स्वरूप का ज्ञान नहीं हो सकता. नदी के पानी को छूकर देखने, पहाड़ों की सैर करने झीलों में नौका विहार का आनन्द लेने के बाद इनके बारे में जो अनुभव होता हैं, वह विभिन्न प्रकार की किताबों से भी प्राप्त नहीं हो सकता.

आधुनिक समय में पर्यटन का एक और लाभ यह हैं कि यह रोजगार का अच्छा साधन बन चुका हैं. भारत में भी यह एक बड़े सेवा उद्योग का रूप ले चुका हैं.

इसका योगदान देश के सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी में 6.23 प्रतिशत हैं एवं कुल रोजगार में 8.78 प्रतिशत हैं. भारत में हर वर्ष 50 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं तथा 50 लाख से अधिक घरेलू पर्यटक भी पर्यटन के लिए आते हैं.

पर्यटन के दृष्टिकोण से पहाड़ी क्षेत्र समुद्री तट एवं जंगल काफी महत्वपूर्ण एवं आनन्ददायक होते हैं. समुद्री तट की सैर एवं सूर्य स्नान का अपना अलग ही आनन्द हैं.

जंगल के विविध प्राणियों को देखने का रोमांच ही अलग होता हैं. गर्मी के मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों की सैर का आनन्द दुगुना हो जाता हैं.

भारत में प्रायः हर राज्य पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं. आंकड़े बताते हैं कि आगरा का ताजमहल देखने प्रतिवर्ष लाखों देशी विदेशी पर्यटक आते हैं.

लोगों के पर्यटन के प्रति रुझान के कारण ही पर्यटन मंत्रालय ने भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2002 ई में अतुल्य भारत इनक्रेडिबल इंडिया की शुरुआत की थी. इसके अंतर्गत अतुल्य भारत सम्बन्धी विज्ञापन जन संचार के माध्यमों में प्रकाशित एवं प्रसारित किया जाता हैं.

इसमें भारतीय पर्यटन की विशेषताओं का उल्लेख किया जाता हैं. विश्वभर में इस प्रचार अभियान ने भारत को एक ऐसे पर्यटन स्थल के रूप में दर्शाया है जिसमें कलाप्रेमियों, संस्कृति प्रेमियों, फिल्म प्रेमियों और रोमांच की तलाश में निकले पर्यटकों की खासी दिलचस्पी हुई.

दुनियाभर के पर्यटकों के समक्ष भारत को एक उत्कृष्ट पर्यटक स्थल के रूप में पेश करने वाले इस अतुल्य भारत विज्ञापन अभियान को ब्रिटेन द्वारा सर्वाधिक सृजनात्मक मीडिया अभियान के रूप में सम्मानित किया गया.

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने पुरानी हवेलियों, किलों, दुर्गों के अलावा 1950 से पूर्व निर्मित आवासीय भवनों में चल रहे होटलों के लिए हेरिटेज होटल नाम का नया वर्ग बनाया हैं.

इसके अलावा भारत सरकार ने 2002 में नई राष्ट्रीय पर्यटन नीति घोषित की हैं, जिसमें देश को इस क्षेत्र में एक ग्लोबल ब्रांड बनाने की बात कही गई थी.

बहरहाल भारत मनमोहक दृश्यों, ऐतिहासिक महत्व के स्थानों तथा शानदार शहरों, सुनहरें तटों, धुंध वाले पर्वतों, रंग बिरंगे लोगों, सम्रद्ध संस्कृति और त्योहारों का देश हैं. यह विदेशी यात्रियों के लिए लोकप्रिय गन्तव्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपनी पहचान बना रहा हैं.

भारत की यात्रा पर्यटकों के लिए असाधारण होती है, क्योंकि आश्चर्यों से भरे इस देश में दक्षिण के सुंदर समृद्ध तट उत्तर में प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष, विशाल पर्वत, लम्बी घाटियाँ, हरे भरे मैदान एवं उष्णकटिबंधीय वर्षावन जैसे दिलकश नजारे लोगों का मन मोहते हैं.

इसलिए कहा जाता हैं कि यदि आप विश्वभ्रमण कर चुके हैं, तो आपने अब तक केवल आधी दुनियां ही देखी है, और यदि आपने भारतीय उप महाद्वीप का भ्रमण कर लिया हैं.

तो आपने पूरी दुनियां देख ली हैं. अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और परम्परागत आध्यात्मिकता के कारण भारत प्राचीन काल से ही विश्वभर के उत्साही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा हैं.

पर्यटन को एक उद्योग का दर्जा दिए जाने के बाद भारत में इस क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई हैं. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में भी भारत की साख बढ़ी हैं.

इस तरह पर्यटन के दृष्टिकोण से भारत वास्तव में दुनिया में अतुल्य हैं. आने वाले कुछ वर्षों में भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या में निसंदेह और वृद्धि होगी.

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Essay on importance of tourism in hindi.

Essay on tourism in Hindi for all students of class 1, 2, 3, 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Most students find difficulty in writing essay on new topics but you don’t need to worry now. Read and write this essay in your own words. Learn about an essay on Tourism in Hindi 1000 words. पर्यटन का महत्त्व पर निबंध।

hindiinhindi Importance of Tourism in Hindi

Essay on Tourism in Hindi 200 Words

पर्यटन का महत्त्व – विचार – बिंदु – • पर्यटन का आनंद • पर्यटन के लाभ • पर्यटन : एक उद्योग • पर्यटन के प्रकार।

पर्यटन का अर्थ है – घूमना। बस आनंद-प्राप्ति और जिज्ञासा-पूर्ति के लिए घूमना। ऐसे पर्यटन में सुख ही सुख है। ऐसा पर्यटक दैनंदिन जीवन की भारी-भरकम चिंताओं से दूर होता है। वह रसपिपासु होता है। पर्यटन से हमें देश विदेश के खान-पान, रहन-सहन तथा सभ्यता-संस्कृति की जानकारी मिलती है। इससे हमारे मन में बैठे हुए कुछ अंधविश्वास टूटते हैं, पर्वधारणाएँ समाप्त होती हैं। हमें यह विश्वास होता है – विश्व-भर का मानव मूल रूप से एक है। राष्ट्रीय एकता बढ़ाने में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान है।

वर्तमान समय में पर्यटन एक उद्योग का रूप धारण कर चुका है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू काश्मीर आदि पर्वतीय स्थलों की अर्थ-व्यवस्था पर्यटन पर आधारित है। आज पर्यटन करना सुविधापूर्ण हो गया है। प्रायः सभी प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर होटलों, भोजनालयों, विश्रामगृहों, मनोरंजन-स्थलों यातायात के साधनों की भरमार हो गई है। पर्यटन-स्थल अनेक प्रकार के हैं। कुछ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात हैं। कुछ धार्मिक महत्त्व के हैं। कुछ पर्यटन-स्थल ऐतिहासिक महत्त्व के हैं। जैसे-लाल किला, ताजमहल आदि। कुछ पर्यटन-स्थल वैज्ञानिक, सांस्कृतिक अन्य महत्त्व रखते हैं।

Essay on Delhi in Hindi

Essay on Nainital in Hindi

Essay on Tourism in Hindi 800 Words

मानव स्वभाव से ही जिज्ञासु होता है। वास्तव में मानव की प्रगति का इतिहास उसकी जिज्ञासु प्रवृत्ति का ही परिणाम है। अपनी जिज्ञासा के कारण ही वह प्रकृति के गूढ़ रहस्यों का पता लगा सका। देश-विदेश की यात्रा की ललक के पीछे भी मनुष्य की जिज्ञासु प्रवृत्ति ही काम करती आई है। देश-देशांतर की संस्कृति, सभ्यता, प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक एवं भौगोलिक विशेषताओं के प्रत्यक्ष ज्ञान की जिज्ञासा ही उसे घर के ऐशो-आराम, सुख-सुविधा छोड़कर अनजान, दुर्गम और बीहड़ रास्तों पर घुमाती रही है।

यदि मनुष्य चाहता तो वह घर बैठे ही पुस्तकों द्वारा यह जानकारी प्राप्त कर लेता, किंतु पुस्तकों से प्राप्त जानकारी का आनंद कुछ ऐसा ही होता है जैसे किसी चित्र को देखकर हिमालय के घने देवदार के वनों और हिमगिरि के उत्तुंग शिखर के सौंदर्य, रूप, गंध का अनुभव करना।

पर्यटन, घुमक्कड़ी का ही आधुनिक नाम है। आज के पर्यटन के पीछे भी मनुष्य की वही पुरानी घुमक्कड़ प्रवृत्ति का प्रभाव है। आज भी जब वह देश-विदेश के विभिन्न स्थानों की खूबियों के बारे में सुनता-पढ़ता है, तो उन्हें निकट से देखने, जानने के लिए उत्सुक हो उठता है और वह अपनी सुविधा और अवसर के अनुसार उस ओर निकल पड़ता है। आदिम घुमक्कड़ और आज के पर्यटक में इतना अंतर अवश्य है कि आज पर्यटन उतना कष्ट-साध्य नहीं जितनी घुमक्कड़ी थी। ज्ञान-विज्ञान के आविष्कारों, अन्वेषणों की जादुई शक्ति के प्रताप से सुलभ साधनों के कारण आज पर्यटन पर निकलने के लिए अधिक सोच-विचार की आवश्यकता नहीं होती। मात्र सुविधा और संसाधन चाहिए, किंतु इतना अवश्य मानना पड़ेगा कि पर्यटक बनने का जोखिम भरा आनंद तो उन पर्यटकों को ही आया होगा जिन्होंने अभावों और विषम परिस्थितियों से जूझते हुए देश-विदेश की यात्राएँ की थीं। फाह्यान, वेनसांग, अलबेरुनी, इब्नबतूता, मार्को पोलो आदि ऐसे ही यात्री रहे होंगे।

आज पर्यटन एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग के रूप में विकसित हो चुका है। इस उद्योग के प्रसार के लिए देश-विदेश में पर्यटन मंत्रालय बनाए गए हैं।

सारे विश्व भर में पर्यटकों की सुवधा के लिए बड़े-बड़े पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हैं। कई महत्त्वपूर्ण, पर अब तक उपेक्षित ऐतिहासिक स्थलों को सजाया-संवारा जा रहा है। हमारे देश का पर्यटन विभाग, पुरातत्त्व विभाग के साथ मिलकर इस दिशा में विशेष तौर पर क्रियाशील है। मनोरम पहाड़ी स्थलों पर पर्यटक आवास स्थापित किए जा रहे हैं। पर्यटकों के निवास और भोजन आदि की व्यवस्था के लिए नए-नए होटलों, लॉजों और पर्यटन-गृहों का निर्माण एवं विकास किया जा रहा है। यातायात के सभी प्रकार के सुलभ एवं आवश्यक साधनों की व्यवस्था की जा रही है।

विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सभी देश अपने दूतावासों के माध्यम से अपने-अपने देश की भव्यता, दर्शनीयता के बारे में विदेशों में व्यापक एवं सुनियोजित प्रचार करते हैं। इस प्रकार पर्यटन-संस्कृति का विकास हो रहा है। इतना ही नहीं, आज पर्यटन पर्याप्त लाभ देने वाला उद्योग बन चुका है। यह विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक बड़ा स्रोत बन गया है। जैसे उद्योगपति या व्यापारी अपनी वस्तु की बिक्री के लिए ईश्तहारबाजी करता है, उसी तरह पर्यटन को भी एक वस्तु बनाकर उसका प्रदर्शन और प्रचार किया जा रहा है। इसके लिए रंगीन पुस्तिकाएं, आकर्षक पोस्टर, रंगदार ब्रोशर, पर्यटन स्थलों के रंगीन चित्र, उपलब्ध सुविधाओं का विस्तृत ब्योरा आदि प्रचार सामग्री विमानपत्तनों, रेलवे स्टेशनों, बड़े-बड़े होटलों और देश-विदेश के सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर देखी जा सकती हैं। इसे नि:शुल्क वितरित एवं प्रदर्शित किया जाता है।

पर्यटन के प्रति रुचि जागृत करने के लिए कई बार वृत्तचित्र भी तैयार किए या करवाए जाते हैं। इसमें किसी एक विशिष्ट स्थल की झाँकी प्रस्तुत की जाती है। विशेष स्थलों या प्रदेशों में बने कथाचित्र भी प्रदर्शन के बाद लोगों के मन में प्रदर्शित स्थल को देखने की लालसा जगा देते हैं। कई बार देश-विदेश में भ्रमण करने वाली नृत्य-संगीत आदि की मंडलियाँ भी इस कार्य में सहायक होती हैं। इन सबके परिणामस्वरूप आज पर्यटन के प्रति निश्चय ही अभिरुचि की वृद्धि हो रही है।

आनंद प्राप्ति, जिज्ञासा की शांति, बढ़ती आय के अतिरिक्त पर्यटन के और भी कई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ हैं। पर्यटन के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीयता की समझ जन्म लेती है और विकसित होती है। प्रेम और मानवीय भाईचारा बढ़ता है। सभ्यता और संस्कृतियों का परिचय मिलता और बढ़ता है। पर्यटन के माध्यम से किसी देश और उसकी संस्कृति के सम्बन्ध में फैली भ्रांतियों का भी निराकरण हो जाता है। आज हम अंतर्राष्ट्रीय युग में जी रहे हैं। आज जिस अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है, पर्यटन उसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

पर्यटन से व्यक्ति अपने खोल से बाहर निकलना सीखता है, उसे अपनी वास्तविकता का अहसास होता है। अपने पर्यावरण से बाहर कठिन परिस्थितियों में जीने का अभ्यास होता है। आत्म-साक्षात्कार का अवसर मिलता है। पर्यटन उस एकरसता से उत्पन्न ऊब का भी परिहार करता है जो एक ही स्थान पर, एक जैसे ही वातावरण में लगातार रहने से उत्पन्न हो जाती है। पर्यटन मनुष्य को उसकी कल्पना की दुनिया से निकालकर यथार्थ की भूमि से जोड़ता है।

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Essay on Tourism in Hindi 1000 Words

पर्यटन व्यवसाय

पर्यटन आदिकाल से ही मनुष्यों का स्वभाव रहा है। घूमना-फिरना भी मनुष्य के जीवन को आनन्द और मस्ती से भर देता है। इसका पता लोगों ने बहुत पहले ही लगा लिया था। पहले लोग पैदल चलकर या समुद्र मार्ग से लम्बी-लम्बी दूरियां तय कर अपने भ्रमण के शौक को पूरा करते थे। कुछ लोग ऊंटों, घोड़ों आदि पर चढ़कर समूह यात्रा करते थे, हालांकि ऐसी कई यात्राएं व्यापार के उद्देश्य से भी की जाती थीं। परन्तु ऐसे लोगों की भी कमी नहीं थी जो यात्रा तो व्यापार, शिक्षा प्राप्ति या राजा के दूत बनकर करते थे परन्तु उनकी यात्रा ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण बन जाती थी। ये लोग दूसरे देश की संस्कृति का अध्ययन कर अपने अनुभवों को ग्रंथ रूप में लिख देते थे।

जहाँ तक भारत के लोगों की बात है, हमारे यहां धार्मिक दृष्टि से की गई यात्राओं की बड़ी महत्ता रही है। यहां के लोग धर्म स्थानों की यात्रा को बहुत महत्त्व देते रहे हैं। आदि शंकराचार्य ने अल्प आयु में ही पूरे देश का भ्रमण कर देश के चारों कोनों में चार धर्मपीठों की स्थापना की। इन धर्मपीठों की व्यवस्था आज भी कायम है। सम्राट् अशोक ने बुद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए अपने विभिन्न दूत एशियाई देशों में भेजे। उनका यह धार्मिक अभियान इतिहास में काफी सफल माना गया। परन्तु मध्य युग में स्थिति में काफी बदलाव आ गया। भारतीय लोगों में यह भ्रांत धारणा उत्पन्न हो गई कि समुद्र लांघ कर की गई यात्रा से धर्म भ्रष्ट हो जाता है। अत: किसी भी भारतीय की समुद्रपारीय यात्रा का वर्णन नहीं मिलता।

आधुनिक युग में पर्यटन सम्बन्धी सभी भ्रांतियां समाप्त होने तथा आवागमन के साधनों के क्षेत्र में आए भारी बदलावों के कारण पर्यटन एक व्यवसाय के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका है। विभिन्न देशों के लोग दुनिया के अन्य देशों में जाकर वहां की सभ्यता और संस्कृति को निकट से देखने-समझने का प्रयास करते हैं। अनेक लोग देश के प्रमुख स्थलों की यात्रा कर देश के पर्यटन व्यवसाय को उन्नत करने में अपना योगदान देते हैं। आधुनिक युग में पर्यटन को एक व्यवसाय का रूप देने में लोगों की बढ़ती आर्थिक समृद्धि का भी बहुत बड़ा हाथ रहा है। पर्यटन में अच्छा खासा धन व्यय होता है। अत: धनी और उच्च मध्यवर्गीय श्रेणी के लोग ही प्रमुख रूप से पर्यटन में दिलचस्पी दिखाते हैं। इन्हीं साधन-सम्पन्न लोगों की बदौलत दुनिया का पर्यटन व्यवसाय टिका हुआ है।

भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं परन्तु दुर्भाग्यवश इन संभावनाओ का भरपूर दोहन नहीं हो पाया है। हमारा देश बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक देश है। यहां पर पर्यटन स्थलों की भी भरमार है परन्तु दुनिया भर के पर्यटन व्यवसाय में से भारत का हिस्सा नगण्य ही कहा जा सकता है। थाईलैंड जैसा छोटा सा एशियाई देश हमारी तुलना में कई गुणा अधिक पर्यटकों को आकर्षित कर पाने में सक्षम है। पर्यटन की दृष्टि से हमारे पिछड़ेपन के कई कारण हैं, जिसमें से प्रमुख कारण है – पर्यटकों को आकर्षित करने वाली सुविधाओं का अभाव।

पर्यटक स्थलों को साफ-सुथरा रखना, पर्यटन स्थलों तक पहुंच को आकर्षक बनाना, लोगों के निवास, भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था करना, पर्यटन स्थलों को मनोरंजन से भरपूर बनाना, सड़क और संचार व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना, लोगों को आकर्षित करने के लिए प्रचार करना आदि कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें व्यावहारिक रूप देकर ही देश के पर्यटन उद्योग को विकसित किया जा सकता है।

हमारी खस्ताहालत सड़कें, ट्रेनों में शीघ्र आरक्षण न मिलना, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी आदि पर्यटन व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। दूसरी ओर कश्मीर, आसाम तथा अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में व्याप्त हिंमा देश के पर्यटन के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो रही है। देश में ऐतिहासिक स्थल बहुत है परन्तु आस-पास का क्षेत्र प्रदूषण और गंदगी की चपेट में है। देश की राजधानी दिल्ली को ही लें। लाल किले तथा जामा मस्जिद का क्षेत्र, बाजार और संकीर्ण गलियों के कारण आकर्षण से विहीन बना हुआ है जबकि इस क्षेत्र को दिल्ली का हृदयस्थल कहा जाता है। विश्व की आश्चर्यजनक एवं अलौकिक इमारत ताजमहल की भी घोर अपेक्षा की गई है। आगरा देश के सर्वाधिक गंदे शहरों में से एक है तो हम कैसे आशा कर सकते हैं कि देश का पर्यटन व्यवसाय दिन-दुगनी रात चौगुनी उन्नति करे। ये तो कुछेक प्रमाण भर हैं, पूरे देश में पर्यटन स्थलों की यही स्थिति है।

यदि देश के पर्यटन को सचमुच बढ़ावा देना है तो हमें इसके लिए ठोस उपाय करने होंगे। इस क्षेत्र में निजी सैक्टर को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है क्योंकि केवल सरकारी प्रयास कारगर नहीं हो सकते। सरकारी योजनाओं को बनाने तथा उसे क्रियान्वित करने में भ्रष्टाचार आदि कई कारणों से लम्बा समय लग जाता है। जो पर्यटन उद्योग की वृद्धि को रोक देता है। यह शुभ लक्ष्ण है कि अब सरकार वस्तु स्थिति को समझ कर हर क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। यदि सही दिश में प्रयास किए जाएं तो अगले पाँच वर्षों में ही भारत में पर्यटन व्यवसाय के विकसित होने से देश को बेशकीमती विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी तथा भुगतान संतुलन की स्थिति को सुधारने में बहुत मदद मिलेगी।

भारतीय पर्यटन उद्योग को विकसित करने में एक बड़ी बाधा को वर्तमान में दिखाई दे रही है – वह है आतंकवाद। आतंकवाद भारत के सभी प्रमुख स्थानों में अपनी जड़ें जमा चुका है। काश्मीर में पर्यटन उद्योग आतंक के साए में दम तोड़ चुका है। जबकि इस स्थान को धरती के स्वर्ग के नाम से संबोधित किया जाता रहा है।

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पर्यटन का महत्त्व निबंध- Essay on Importance of Tourism in Hindi

In this article, we are providing Essay on Importance of Tourism in Hindi. ( Paryatan Ka Mahatva )पर्यटन का महत्त्व निबंध,  पर्यटन एक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय उद्योग।

पर्यटन का महत्त्व निबंध- Essay on Importance of Tourism in Hindi

मानव स्वभाव से ही जिज्ञासु होता है। देश-विदेश की यात्रा की ललक के पीछे भी मनुष्य की जिज्ञासु प्रवृत्ति ही काम करती आई है। यदि मनुष्य चाहता तो वह घर बैठे ही पुस्तकों द्वारा यह जानकारी प्राप्त कर लेता। किंतु पुस्तकों से प्राप्त जानकारी का आनंद कछ ऐसा ही है जैसे किसी चित्र को देखकर हिमालय के सघन देवदार के वनों और हिमाच्छादित शिखरों के सौंदर्य, रूप गंध का अनुभव करना। महापंडित राहुल सांकृत्यायन के शब्दों में, ‘‘घुमक्कड़ दुनिया की सर्वश्रेष्ठ विभूति है इसलिए कि उसी ने आज की दुनिया को बनाया है। अगर घुमक्कड़ों के काफिले न आते-जाते तो सुस्त मानव-जातियाँ सो जातीं और पशु स्तर से ऊपर नहीं उठ पातीं।”

आज पर्यटन के पीछे भी मनुष्य की उसी पुरानी घुमक्कड़ प्रवृत्ति का प्रभाव है। आदिम घुमक्कड़ और आज के पर्यटक में इतना अंतर अवश्य है कि आज पर्यटन उतना कष्ट साध्य नहीं है, जितनी प्राचीन काल की घुमक्कड़ी थी। ज्ञान-विज्ञान के आविष्कारों, अन्वेषणों की जादुई शक्ति के प्रभाव से सुलभ साधनों के कारण पर्यटन अत्यंत सुलभ बन गया है। आज पर्यटन एक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय उद्योग के रूप में विकसित हो चुका है। इस उद्योग के प्रसार के लिए देश-विदेश में पर्यटन मंत्रालय बनाए गए हैं। विश्वभर में पर्यटकों की सुविधा के लिए बड़े-बड़े पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हैं। पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रकार के आयोजन भी किए जाते हैं; जैसे- विदेशों में किसी देश के स्थान विशेष की कलाएँ, कलात्मक दृश्य, सांस्कतिक संस्थाओं की प्रदर्शनियाँ आदि। आनंद की प्राप्ति, जिज्ञासा की शांति, बढ़ती आय; इनके अतिरिक्त पर्यटन के और भी कई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ हैं।

पर्यटन के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीयता की समझ जन्म लेती है: विकसित होती है। प्रेम और मानवीय भाईचारा बढ़ता है। सभ्यता-संस्कृतियों का परिचय मिलता है। पर्यटन से व्यक्ति अपने खोल से बाहर निकलना सीखता है। पर्यटन उस एकरसता से उत्पन्न ऊब का भी परिहार करता है जो एक ही स्थान पर एक जैसे ही वातावरण में लगातार रहने से उत्पन्न हो जाती है। इसलिए पर्यटन की प्यास रखनेवालों को महापंडित राहुल सांकृत्यायन की तरह महाकवि इकबाल के इस । ‘शेर’ को अपना पथ प्रदर्शक बनाना चाहिए, इकबाल लिखते हैं –

‘सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहाँ,

जिंदगानी गर रही तो नौजवानी फिर कहाँ।’

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भारत में पर्यटन पर निबंध। Essay on Tourism in Hindi

पर्यटन पर निबंध, पर्यटन एक ऐसी क्रिया है जिसमें लोग स्थानों की यात्रा करते हैं, विभिन्न स्थानों को देखते हैं, उनकी संस्कृति, ऐतिहासिक महत्त्व, दर्शनीयता और उनके विविधता का आनंद लेते हैं। पर्यटन व्यक्तिगत आनंद, शिक्षा , व्यापार, और सामाजिक संबंधों के लिए भी महत्त्वपूर्ण होता है।

पर्यटन का अर्थ है नये स्थानों का अन्वेषण करना, उन्हें समझना और उनका अनुभव करना। यह एक संस्कृतिक, सामाजिक , और आर्थिक विनियामक हो सकता है जो व्यक्ति को नए दृष्टिकोण, अनुभव, और ज्ञान के साथ समृद्ध करता है।

इस पर्यटन के महत्त्वपूर्ण तत्वों में से एक संस्कृति का अध्ययन है। जब लोग विभिन्न स्थानों का दौरा करते हैं, तो उन्हें वहाँ की विविधता, भाषा, रीति-रिवाज, खाद्य, और स्थानीय लोगों का जीवन जीने का तरीका समझने का अवसर मिलता है।

इस प्रकार, पर्यटन न केवल मनोरंजन के लिए होता है, बल्कि इसका एक और महत्त्वपूर्ण पहलू है जो अर्थव्यवस्था और समाजिक विकास के साथ-साथ व्यक्तिगत स्तर पर भी लाभ प्रदान करता है।

पर्यटन का आधुनिकीकरण और यातायात के साधनों का विकास ने इसे सरल और सुगम बना दिया है, जिससे लोग अपने फुर्सत के समय में विभिन्न स्थानों का आनंद उठा सकते हैं। इससे लोगों को अनूठे और विविध संस्कृतियों, भोजन, और दृश्यों का अनुभव करने का मौका मिलता है।

संस्कृति, ऐतिहासिक स्थल, और प्राकृतिक सुंदरता के माध्यम से पर्यटन से लोगों को नये ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह समझने में मदद करता है कि हमारी दुनिया में अनेक विविधताएं हैं और हर स्थान अपनी अनोखी कहानी लेकर आता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

प्राचीन समय से ही यात्रा मानव जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा रही है। यह न केवल खान-पान की तलाश के लिए थी, बल्कि ज्ञान, सांस्कृतिक विनियम, और सामाजिक जीवन के विकास में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्राचीन समय में यात्रा करने वाले लोग विभिन्न स्थानों की संस्कृति, भाषा, और जीवनशैली को समझने का प्रयास करते थे। यह साझा ज्ञान और अनुभव उन्हें अपनी सोच और संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद करता था। यात्रा के माध्यम से उन्हें नए विचारों, विचारधाराओं और नए तरीकों का पता चलता था।

इतिहास में उल्लेखित व्यक्तियों जैसे कि मेगस्थनीज, फाहियान, ह्वेन त्सांग ने अपनी यात्राओं के दौरान विभिन्न समाजों और संस्कृतियों का अध्ययन किया और ज्ञान प्राप्त किया। उनकी रिपोर्ट्स और लेखन के माध्यम से वे अपने समय की सामाजिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक स्थिति का विवरण प्रदान करते थे। इससे हमें वे विशेष जानकारी प्राप्त होती थी जो प्राचीन समाजों के बारे में हमें नहीं पता होती।

यात्रा ने मानव समाज को एक देश से दूसरे देश तक जोड़ा और समृद्धि, विकास, और साझेदारी की भावना को बढ़ावा दिया। इससे हमारे इतिहास में विश्वास, समरसता, और समानता की मानवीय भावना को प्रोत्साहित किया गया। पर्यटन पर निबंध

पर्यटन के लाभ

पर्यटन न केवल एक आनंददायक गतिविधि है, बल्कि यह एक सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक माध्यम भी है जो लोगों को संपर्क, समझौता और भाईचारे की भावना से भरपूर करता है। निम्नलिखित कुछ और पहलुओं को ध्यान में रखा जा सकता है:

  • सामर्थ्य और विकास: पर्यटन एक बड़ा आर्थिक स्रोत है जो रोजगार के अवसर प्रदान करता है, स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देता है, और समुदायों के विकास में मदद करता है।
  • सांस्कृतिक विनियमन: यात्रा से लोग अन्य संस्कृतियों और जीवन शैलियों से परिचित होते हैं, जो सांस्कृतिक समृद्धि और सामरस्य को बढ़ावा देता है।
  • शिक्षात्मक मूल्य: पर्यटन से जुड़े अनुभव लोगों को नई जानकारी, विश्वास और दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
  • आत्मज्ञान और संतोष: नए स्थानों का दौरा करने से मानसिक संतोष, खुशी, और आनंद मिलता है जो व्यक्ति की मानसिक स्थिति को सुधारता है।
  • सामाजिक और राजनीतिक जागरूकता : पर्यटन से लोग अन्य समाजों और देशों के सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक मामलों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं, जो उनकी जागरूकता को बढ़ाता है।

पर्यटन का महत्व

पर्यटन वह सामाजिक गतिविधि है जो लोगों को अपने स्वभाविक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्त्व से परिचित कराती है। यह एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्तियों को विभिन्न स्थानों का अन्वेषण करने, उनकी अनूठी सांस्कृतिक विविधता को समझने और नए अनुभवों से भरपूर होने का अवसर प्रदान करता है। पर्यटन व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों, शिक्षा, और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

  • संस्कृति का अध्ययन: पर्यटन वह सामाजिक गतिविधि है जो लोगों को अपने स्वभाविक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्त्व से परिचित कराती है। यह एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्तियों को विभिन्न स्थानों का अन्वेषण करने, उनकी अनूठी सांस्कृतिक विविधता को समझने और नए अनुभवों से भरपूर होने का अवसर प्रदान करता है।
  • शिक्षा का स्रोत: पर्यटन का महत्वपूर्ण पहलू में से एक है संस्कृति का अध्ययन। जब लोग नए स्थानों का दौरा करते हैं, तो उन्हें वहाँ की भाषा, रीति-रिवाज, और स्थानीय लोगों का जीवन जीने का तरीका समझने का अवसर मिलता है। इसके माध्यम से लोग समझते हैं कि हर स्थान का अपना अनूठा चरित्र है और यह उनको विश्व की विविधता को समझने में मदद करता है।
  • व्यापार में सहायक: व्यापार के क्षेत्र में पर्यटन का महत्वपूर्ण स्थान है। यह विभिन्न स्थानों में होने वाले भ्रमण और विश्राम के लिए अवसर प्रदान करता है, जिससे स्थानीय व्यापारों को लाभ होता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि होती है।
  • शिक्षा का स्रोत: पर्यटन का महत्वपूर्ण पहलू में से एक है शिक्षा का स्रोत। व्यक्तियों को नए स्थानों का अन्वेषण करके विभिन्न विषयों में ज्ञान का विस्तार होता है। ऐतिहासिक स्थल, कला, और विज्ञान के क्षेत्र में नए अनुभव से उनकी शिक्षा में वृद्धि होती है।
  • सामाजिक संबंध: पर्यटन का महत्व सामाजिक संबंधों में भी है। जब लोग विभिन्न स्थानों पर यात्रा करते हैं, तो उन्हें वहाँ के लोगों से मिलकर उनके सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को समझने का अवसर मिलता है। इससे विभिन्न समुदायों के बीच एक-दूसरे के साथ मेलजोल और भाईचारा बढ़ता है।
  • आर्थिक विकास: अधिकांश मामलों में, पर्यटन न केवल व्यक्तिगत आनंद के लिए होता है, बल्कि यह एक सकारात्मक सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी डालता है। यह सुनिश्चित करता है कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो, स्थानीय सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा हो, और स्थानीय लोगों को नए रोजगार के अवसर मिलें। पर्यटन पर निबंध

आधुनिक युग में पर्यटन उद्योग का विकास

पर्यटन का मतलब है यात्रा करना। जब हम किसी अन्य स्थान पर जाते हैं और वहां की जगह, लोग और उनकी संस्कृति को देखते हैं, तो उसे पर्यटन कहते हैं। यह हमें नये चीजों के बारे में जानकारी देता है और हमारे जीवन में खुशी और मनोरंजन भी भरता है।

पर्यटन से लोगों को बहुत सारे लाभ होते हैं। यह उन्हें नए स्थानों का अनुभव करने का मौका देता है और साथ ही साथ उन्हें दूसरी संस्कृतियों और लोगों से मिलने का अवसर भी मिलता है। इससे लोगों का जीवन रंगीन होता है और वे नए ज्ञान को प्राप्त करते हैं।

भारत में भी पर्यटन को बड़ा महत्त्व मिलता है। इससे देश के अर्थव्यवस्था में भी मदद मिलती है, क्योंकि इससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलता है।

संक्षेप में, पर्यटन एक उन्नति का साधन है जो लोगों को नए स्थानों का अनुभव करने और अन्य संस्कृतियों से मिलने का अवसर देता है। इससे लोगों का जीवन बेहतर होता है और साथ ही साथ देश के विकास में भी मदद मिलती है। पर्यटन पर निबंध

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भारत देश का पर्यटन उद्योग

भारत एक खास देश है, जिसमें बहुत सारी सुंदर संस्कृतियाँ, धर्म और कलाएं हैं। इसकी प्राचीन संस्कृति और विशेष स्थानों को देखने के लिए लोग पूरी दुनिया से आते हैं।

इस प्रकार, भारत के प्राचीन स्थलों और इसकी कला-संस्कृति को देखकर लोगों को बहुत अच्छा लगता है। यहाँ के अलग-अलग मंदिर, पुराने महल और स्थानिक विरासत बहुत प्रसिद्ध हैं।

इसके साथ ही, पर्यटन से यहाँ की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है। पर्यटकों के आने से यहाँ के होटल, यात्रा सेवाएं, और स्थानीय व्यापार में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है। इससे लोगों को नौकरियाँ भी मिलती हैं और विकास होता है।

इस प्रकार, भारत में पर्यटन न केवल देश को दुनिया में प्रसिद्ध बनाता है, बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था में भी महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। पर्यटन पर निबंध

भारत देश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

जब कोई व्यक्ति किसी पर्यटन स्थल को देखने के लिए दूर से आता है, तो उसमें बहुत बड़ी रुचि होती है। ये स्थान अपनी खूबसूरती के लिए भी प्रसिद्ध होते हैं और लोगों को मनोरंजन भी प्रदान करते हैं।

भारत में भी कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। जैसे आगरा, जयपुर, नई दिल्ली, शिरडी, गोवा, मुंबई, वाराणसी, हैदराबाद, मैसूर, बद्रीनाथ, और अनेक हिल स्टेशन।

पर्यटन भारत में एक बड़ा उद्योग है और यह देश के अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, जैसे “अतुल्य भारत योजना” और “आतिथेय देवो भव योजना”। इससे पर्यटन क्षेत्र में विकास हुआ है और देश की अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ है।

राज्य / केंद्रशासित प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल

आंध्र प्रदेशविशाखापत्तनम, तिरुपति बालाजी, विजयवाड़ा, अमरावती स्तूप, बादामी, ऐहोल, आदि ।
अरुणाचल प्रदेशपापुमपेर, दोईमुख, ईटानगर, आदि ।
असमकामाख्या मंदिर, काजीरंगा, मानस अभयारण्य, माजुली द्वीप, गुवाहाटी, आदि ।
बिहारवैशाली, पटना, राजगीर, बोधगया, नालंदा, पावापुरी, आदि ।
छत्तीसगढ़राजिम, सिरपु, भोरमदेव, चित्रकोट जलप्रपात, बस्तर, कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान, आदि ।
गोवाकैथेड्रल चर्च, चर्च ऑफ आवर लैडी ऑफ द रोजरी, समुद्र तट, झीलें, आदि ।
गुजरातसाबरमती आश्रम, स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर, द्वारकाधीश, कच्छ का रन, पावागढ़, लोथल, गिर वन, अहमदाबाद, आदि ।
हरियाणाकुरुक्षेत्र, पानीपत, भिवानी, कैथल, अगरोहा, पिंजौर, आदि ।
हिमाचल प्रदेशशिमला, कुल्लू-मनाली, रोहतांग दर्रा, धर्मशाला, डलहौजी, कसौली, स्पीति घाटी, आदि ।
श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग, कटरा, लेह, लद्दाख, हज़रतबल, आदि ।
झारखंडदेवघर, हुंडरू जलप्रपात, पारसनाथ पहाड़ी, आदि ।
कर्नाटकमैसूर, गोल गुंबज, बंगलूरू, हंपी, विरुपाक्ष मंदिर, बेल्लारी, ऐहोल, पट्टदकल, आदि ।
केरलमन्नार, कोवलम, वायनाड, फोर्ट कोच्चि, अलप्पुझा, आदि ।
मध्य प्रदेशपचमढ़ी, खजुराहो, साँची स्तूप, मांडू, उज्जैन, भेड़ाघाट, बाघ गुफाएँ, आदि ।
महाराष्ट्रमुंबई (गेटवे ऑफ इंडिया, एलिफेंटा गुफा), अजंता, एलोरा, नासिक, महाबलेश्वर, खंडाला, शिरडी, आदि ।
मणिपुरलोकटक झील, इंफाल, उखुल की पहाड़ियाँ, आदि ।
शिलॉन्ग, गारो-खासी-जयंतिया पहाडियाँ, आदि ।
मिजोरमआइजोल, चमफाई, वांटॉग जलप्रपात, आदि ।
नागालैंडकोहिमा, दीमापुर, आदि ।
ओडिशाकोणार्क, पुरी, चिल्का झील, उदयगिरी गुफा, भितरकणिका, आदि ।
पंजाबअमृतसर, जलियाँवालाबाग, बाघा बॉर्डर, लुधियाना, जालंधर, आदि ।
राजस्थानजयपुर, उदयपुर, जैसलमेर, माउंट आबू, जोधपुर, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, आदि ।
सिक्किमगंगटोक, कंचनजंगा पर्वत श्रेणी, बौद्ध मठ, आदि ।
तमिलनाडुकांचीपुरम, तंजावुर, रामेश्वरम, कन्याकुमारी, ऊटी, आदि ।
तेलंगानाहैदराबाद, आदिलाबाद, चारमीनार, हुसैनसागर झील, आदि ।
त्रिपुराअगरतला, जामपुई हिल, चाय बागान, आदि ।
उत्तराखंडनैनीताल, मसूरी, हरिद्वार, ऋषिकेश, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, देहरादून, आदि ।
उत्तर प्रदेशआगरा, लखनऊ, वाराणसी, मथुरा, झाँसी, इलाहाबाद, अयोध्या, आदि ।
अंडमान और निकोबारसेलुलर जेल, रॉस द्वीप, बैरन द्वीप, पोर्ट ब्लेयर, लिटिल अंडमान, डिगलीपुर, आदि ।
दिल्लीराष्ट्रपति भवन, संसद् भवन, लाल किला, पुराना किला, इंडिया गेट, कुतुब मीनार, जामा मस्जिद, आदि ।
दमन और दीवदीव, दमन, देवका बीच, आदि ।
लक्षद्वीपकवारत्ती, बंगाराम

निष्कर्ष ( पर्यटन पर निबंध )

भारत में विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में अनेक पर्यटन स्थल हैं जो देश की समृद्ध धरोहर, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य को प्रतिनिधित करते हैं। यहाँ के विविधता, स्थानीय संस्कृति और विरासत का एक अद्भुत संगम है जो आकर्षण से भरपूर होता है। पर्यटन स्थलों का अनुभव उन्हें एक नए दर्शन, संवाद, और सीखने का मौका प्रदान करता है। इन स्थलों के अंतर्निहित सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्त्व ने भारत को विश्व भर में पर्यटकों का मनमोहन किया है।

इस तरह, भारतीय पर्यटन उद्योग देश के विकास में एक महत्त्वपूर्ण योगदान देता है और विभिन्न धरोहरों और संस्कृतियों को संजीवनी रूप में बनाए रखने में मदद करता है। यह उस अनमोल विरासत को संरक्षित करता है और समृद्धि के पथ पर देश को आगे बढ़ाता है। पर्यटन पर निबंध

पर्यटन एक गतिविधि है जिसमें लोग स्थानों की यात्रा करते हैं और उनके दर्शन, सांस्कृतिक अनुभव, और नए स्थानों का अन्वेषण करते हैं।

पर्यटन के कई प्रकार हैं, जैसे कि पर्यटन, आध्यात्मिक पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन, और विचारात्मक पर्यटन।

पर्यटन व्यक्तिगत आनंद, स्वास्थ्य लाभ, और नए अनुभवों का स्रोत है जो व्यक्तियों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की दिशा में लाभ पहुंचाता है।

पर्यटन से लोग नए स्थानों की सांस्कृतिक विविधता, भाषा, और ऐतिहासिक महत्व को समझ सकते हैं, जिससे उनकी शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि होती है।

पर्यटन स्थानीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि करके रोजगार के नए अवसर प्रदान करता है और स्थानीय व्यापारों को बढ़ावा देता है, जिससे आर्थिक विकास होता है।

पर्यटन से सामाजिक संबंध बढ़ते हैं, जो विभिन्न समुदायों के बीच एक-दूसरे के साथ जनसंग्रह और समरसता को प्रोत्साहित करता है।

पर्यटन से विभिन्न समुदायों के बीच जनसंग्रह बढ़ता है, जिससे सामाजिक सुधार और समरसता हो सकती है।

पर्यटन से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर, अपनी सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा, और आर्थिक लाभ हो सकता है।

पर्यटन से लोग नए दृष्टिकोण प्राप्त करते हैं, जिससे उनका आत्मविकास होता है और वे अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन कर सकते हैं।

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पर्यटन का फायदा और नुकसान Advantages and Disadvantages of Tourism in Hindi

पर्यटन का फायदा और नुकसान Advantages and Disadvantages of Tourism in Hindi

इस लेख में हिंदी में पर्यटन का फायदा और नुकसान (Advantages and Disadvantages of Tourism in Hindi) के विषय में जानकारी दी गई है। इसमें पर्यटन का महत्त्व, भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल और पर्यटन के कुछ लाभ और हानि के बारे में विस्तार से बताया गया है।

Table of Content

पर्यटन का महत्त्व Importance of Tourism in Hindi

पर्यटन कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा हम प्राचीन भारतीय ग्रंथों से लगा सकते हैं। बड़े-बड़े ऋषि मुनियों और विद्वानों ने पर्यटन को जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग बताया है। 

जिस प्रकार पुस्तकों के स्वाध्याय से ज्ञान की प्राप्ति होती है, उसी तरह पर्यटन ज्ञान प्राप्ति का सबसे सर्वश्रेष्ठ मार्ग होता है। विभिन्नता एक ऐसा शब्द है, जो इस पूरी दुनिया में सामान्य है। 

विभिन्न भाषाएं, संस्कृतियों, लोक साहित्य, इतिहास, स्थल, घटनाएं इत्यादि के विषय में जानने का सबसे अच्छा मार्ग पर्यटन है।

जब पूरे दुनिया में कोरोना महामारी फैली हुई थी, तब लगभग सभी पर्यटन स्थलों को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था। यदि इसके कारण होने वाले कुल नुकसान की गणना की जाए, तो पर्यटन बंद पड़ जाने के कारण करोड़ों का नुकसान सारे देश को सहना पड़ा था। 

भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल Top Tourist Places in India

हमारा देश यूं तो नए विभिन्नताओं से भरा पड़ा है, जहां देखने योग्य अनगिनत सुंदर और ऐतिहासिक स्थल मौजूद है। आइए भारत के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में जानते हैं-

औली (उत्तराखंड), शिमला (हिमाचल प्रदेश), डलहौजी (हिमाचल प्रदेश), मथुरा और वृंदावन, लेह लद्दाख (जम्मू और कश्मीर), स्पीति (हिमाचल प्रदेश), नई दिल्ली, आगरा (उत्तर प्रदेश), कुल्लू और मनाली (हिमाचल प्रदेश), हरिद्वार और ऋषिकेश (उत्तराखंड), श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर), अमृतसर (पंजाब), चंडीगढ़ (पंजाब), मसूरी (उत्तराखंड), पुष्कर, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर (राजस्थान), कच्छ (गुजरात), मुंबई (महाराष्ट्र), अजमेर इत्यादि।

मैसूर (कर्नाटक), कुर्ग (कर्नाटक), मुन्नार (केरल), ऊटी (तमिलनाडु), कुन्नूर (तमिलनाडु), कोडाइकनाल (तमिलनाडु), विथिरी (केरल), कुद्रेमुख (कर्नाटक), नंदी हिल्स (कर्नाटक), इडुक्की (केरल) इत्यादि।

पर्यटन का फायदा Advantages of Tourism in Hindi

रोज़गार का केन्द्र, अर्थव्यवस्था .

देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बहुत बड़ा योगदान होता है। यदि पर्यटन को अर्थव्यवस्था से अलग कर दिया जाए, तो देश की कुल अर्थव्यवस्था भी ज्यादा विकास नहीं कर पाएगी। पर्यटन में प्रगति होने पर अर्थव्यवस्था में भी नए सकारात्मक बदलाव आते हैं।

मनोरंजन का सर्वश्रेष्ठ मार्ग

यात्रा करने से न केवल लोग चिंता मुक्त होते हैं, बल्कि साथ ही उनका मनोरंजन भी हो जाता है। नई जगह, नए लोग और नए वातावरण से अच्छा मनोरंजन और दूसरा कुछ नहीं हो सकता है।

अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा

जब एक देश के नागरिक दूसरे देशों में पर्यटन स्थलों की यात्रा करने जाते हैं, तो इससे न केवल व्यक्तित्व स्तर पर बल्कि उन देशों के बीच अथवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संबंधों में सकारात्मक वृद्धि देखी जाती है। इस प्रकार राष्ट्रों में भी मित्रता की भावना विकसित होती है।

विविधताओं की जानकारी 

यह दुनिया अनगिनत जानकारियों से भरी पड़ी है। दुनिया के विस्तृत विविधताओं की जानकारी लेने के लिए पर्यटन अनिवार्य होता है। यह किसी भी चीज के विषय में जानने या सीखने के लिए सबसे प्रैक्टिकल मार्ग होता है।  

राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा

पर्यटन विभाग के द्वारा जितना योगदान देश की अर्थव्यवस्था में सम्मिलित किया जाएगा, उससे कुल मिलाकर राष्ट्र का ही विकास होता है। पर्यटकों के आवागमन से विकास के कई नए अवसर खड़े होते हैं, जिससे राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा मिलता है।

एकता को बढ़ावा

जाहिर सी बात है कि जब देश विदेश से लोग नए पर्यटन स्थलों पर जाते हैं और वहां का रुख करते हैं, तो स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच एकता की भावना अन्दर से प्रकट होती है। परिणामस्वरूप  यह अंतराष्ट्रीय एकता को भी बढ़ावा देता है।

स्वच्छता को प्रोत्साहन

पर्यटन का नुकसान disadvantages of tourism in hindi, पर्यावरणीय क्षति.

कई बार पर्यटक इतने बेफिक्र हो जाते हैं, कि उन्हें पर्यावरण का भान ही नहीं रहता और वे स्वच्छता का ख्याल भूल जाते हैं। इसके अलावा जितने पर्यटक विभिन्न देशों से यात्रा करके पर्यटन स्थल तक पहुंचते हैं, यातायात के साधनों के कारण भी पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचती है।

पर्यटकों का व्यवहार

विदेशी पर्यटकों के मामले में अक्सर यह देखा जाता है, कि वे स्थानीय लोगों के साथ जाने अनजाने में दुर्व्यवहार करते हैं। अपने आप को ऊंचा दिखाने के लिए कई बार यह पर्यटक अभद्रता पर भी उतर जाते हैं, जो पर्यटन का एक नकारात्मक पहलू माना जा सकता है।

स्थानीय संस्कृति पर प्रभाव

कई बार बाहर से आए हुए पर्यटकों के लिए स्थानीय संस्कृति को लेकर सम्मानजनक भावना नहीं रहती, जिसके कारण स्थानीय रीति रिवाज और परंपराओं का सम्मान न करने के कारण दो संस्कृतियों के बीच मतभेद उत्पन्न हो जाता है।

मौसमी नौकरियां

अर्थात यह पर्यटकों के ऊपर निर्भर होता है, कि रोजगार सफल होगा या विफल। ऐसे में कोई गारंटी नहीं रहती की लोगों से कब उनकी आजीविका चलाने का साधन छीन जाए।

छोटे व्यवसायों के लिए चुनौती

कुछ परिस्थितियों में छोटे व्यवसाय ऐसे स्पर्धा वाले क्षेत्रों में आ तो जाते हैं, लेकिन लंबे समय तक टिक पाना उनके लिए एक बडी चुनौती होती है।

इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी का अभाव 

आज भी ऐसे कई खूबसूरत पर्यटन स्थल हैं, लेकीन अधिकार न तो वहां ढंग का इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद होता है और न ही अन्य आवश्यक सुविधाएं।

विदेशी व्यवसाय के स्वामी

यह एक बड़ी समस्या है कि पर्यटन स्थलों पर बेची जाने वाली वस्तुएं विदेशी व्यापारियों के प्रभुत्व में होती हैं। इसके कारण स्थानीय व्यापारियों को इतना मुनाफा नहीं मिल पाता और उनकी चीजें भी पर्यटकों द्वारा बहुत कम स्तर पर खरीदी जाते हैं। 

इसके अलावा लोगों में भी भारतीय प्रोडक्ट्स के लिए इतना विश्वास नही रहता, जितना की कोई अन्य प्रख्यात विदेशी वस्तुओं के लिए होता है।

अन्य क्षेत्रों की उपेक्षा

केवल पर्यटन क्षेत्र में निर्भर होने के कारण अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के विकास को अनदेखा किया जा रहा है। माना की अर्थव्यवस्था में पर्यटन बहुत बड़ा सहयोगी है, लेकिन इसके अलावा भी कई क्षेत्र हैं जो बढ़-चढ़कर अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं। 

उदाहरण स्वरूप किसी वैश्विक महामारी, युद्ध या प्राकृतिक आपदाओं के कारण बड़ी शीघ्रता से पर्यटन क्षेत्र का विनाश होता है।  यदि अन्य क्षेत्रों की उपेक्षा की जाती है, तो इससे अर्थव्यवस्था की नीव बुरी तरह से हील सकती है।

पर्यटन के दौरान लूट पाट का डर

पर्यटन से जुड़ी दूसरी समस्या यह भी है कि पर्यटकों को हर समय अपने वस्तुओं की सुरक्षा की चिंता सताती रहती है। जरूरी और कीमती सामानों के साथ यात्रा करने के दौरान पर्यटकों के साथ लूटमार या चोरी होने का बहुत ज्यादा डर रहता है।

कौशल का अभाव

यह तो सच बात है की पर्यटन अधिकतर मौसमी रोजगार प्रदान करता है। कई बार छोटे स्तर के व्यापारियों में कौशल की कमी के कारण उन्हें अपने व्यवसाय में घाटा सहना पड़ता है। अनस्किल्ड लेबर के कारण प्रगति नहीं हो पाती है।

निष्कर्ष Conclusion

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भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019 – निबंध

Essay in hindi.

Tourism Development in India / भारत में पर्यटन विकास : उपलब्धियाँ और चुनौतियांँ – Full Essay 2019 in Hindi |  भारत में पर्यटन विकास पर निबंध |

आधार-बिंदु : 1. एक पर्यटन उद्योग के प्रति बढ़ती सजगता 2. विश्व पर्यटन और भारत 3. भारत में पर्यटन की अनुकूलताएँ 4. भारत में पर्यटन की समस्याएंँ 5. स्वतंत्रता के बाद पर्यटन 6. भारत की पर्यटन नीति 7. पर्यटन विकास के लिए आयाम 8. पर्यटन विकास के लिए जरूरी क़दम

पर्यटन उद्योग के प्रति बढ़ती सजगता :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

विश्व अब एक गांँव की तरह है । दुनिया के देशों के आपसी संबंध उनके बीच ज्ञान, संस्कृति एवं भौतिक वस्तुओं का आदान-प्रदान दो मोहल्लों के बीच के आदान-प्रदान की तरह हो गया है । परिवहन एवं दूरसंचार ने दुनिया के देशों को सचमुच निकट ला दिया है । फिर दुनिया में बढ़ती जा रही मनुष्य की आर्थिक सामर्थ्य और जिज्ञासा एक देश के लोगों को दूसरे देश के निकट लाती जा रही है, इसलिए संपूर्ण विश्व में पर्यटन उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है । अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन न केवल आधुनिक युग की देन है बल्कि इसके प्रसार की गति भी आधुनिकता की रफ्तार से जुड़ी हुई है । बिना कुछ निर्यात किए पर्यटन से आमदनी तो प्राप्त होती ही है इससे रोजगार की वृद्धि, विदेशी मुद्रा की प्राप्ति तथा सांस्कृतिक संबंधों में प्रगाढ़ता भी मिलती है । इसलिए पर्यटन एक आर्थिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक उद्योग है । दुनिया के सभी देश पर्यटन को विकसित करने की ओर सजगता से उन्मुख है । विश्व पर्यटन और भारत :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, इटली इत्यादि सर्वाधिक पर्यटकों को आकृष्ट करने वाले देश है, किंतु भारत का स्थान काफी नीचे हैं । विश्व में पर्यटन से होने वाली आय 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर में भारत का हिस्सा मात्र 0.44 प्रतिशत है । भारत की भौगोलिक विविधता, सुदीर्ध एवं सांस्कृतिक परंपरा की समृद्धि तथा कम खर्च के बावजूद हम भारत को पर्यटकों के लिए अपेक्षाकृत आकर्षक नहीं बना सके है और संसार के कुल पर्यटकों में से मात्र 0.33 प्रतिशत पर्यटकों को ही भारत की ओर आकृष्ट कर पा रहे हैं ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com भारत में पर्यटन की अनुकूलताएँ :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

भारत पर्यटकों को स्वर्ग हो सकता है । हमारे यहांँ हिमालय, सागर, रेगिस्थान, पहाड़, जंगल, नदिया, झीले हैं । हजारों वर्षों की परंपरा लिए हुए गुफाएंँ, किले, महल, हवेलियांँ, बावड़ीयाँ, पनघट हैं । उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक सांस्कृतिक विभिनता लिए वेशभूषा, पूर्व-त्योहार, मेले-उत्सव, रीति-रिवाज है । देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए इतनी कौतुकभरी समृद्ध विविधता है कि भारत पर्यटक की दृष्टि से अग्रणी देश हो सकता है और भारत के अन्य उद्योगों को चमकाता हुआ पर्यटन उद्योग अपनी चमकदार छटा बिखेर सकता है । भारत में पर्यटन की समस्याएंँ :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

पर भारत के पर्यटन में कुछ गंभीर समस्याएं भी हैं । भारत में बढ़ रहा आंतकवाद आरामदेह और तीव्रगामी परिवहन साधनों की कमी, रेल तथा हवाई यात्रा की अनिश्चितता, वायु तथा रेल यातायात में समन्वय की कमी, प्रतिवर्ष यात्रा किराये में वृद्धि, सस्ते, आरामदेह, शांत, स्वच्छ एवं सुविधाजनक आवास की कमी, प्रशिक्षित एवं सुसभ्य गाइडों का अभाव, गंदगीयुक्त वातावरण का होना, विद्युत एवं संचार व्यवस्था में अव्यवस्था, पर्यटन संबंधी सूचनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार की कमी, पर्यटन सूचना केंद्रों की कमी एवं उनमें व्याप्त अराजकता, पर्यटकों की इच्छा अनिच्छा की समझ का अभाव, राष्ट्र के सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थलों की सुरक्षा की अपर्याप्तता, पर्यटको की सुरक्षा की कमी तथा पर्यटकों के साथ शालीन एवं ईमानदार व्यवहार की कमी आदि कुछ ऐसी समस्याएँ है जिनके कारण भारतीय पर्यटन उद्योग तेजी से उन्नत नहीं हो पा रहा है । उक्त समस्याओं के कारण विशेषकर विदेशी पर्यटक भारत में आने से हिचकिचाता है । स्वतंत्रता के बाद पर्यटन :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने पर्यटन के विकास पर ध्यान देना प्रारंभ किया है । 1949 में परिवहन मंत्रालय में ही ‘पर्यटक आवागमन कमेटी’ का गठन किया गया । 1955-56 में उसका नया नाम पर्यटन विभाग रखा तथा 1965 में परिवहन एवं पर्यटन विभाग कर दिया गया । 1966 में पर्यटन विभाग को नागरिक उड्डयन विभाग से जोड़ दिया गया और इसी वर्ष ‘भारतीय पर्यटन विकास निगम’ की स्थापना की गई जिसने पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत कार्य किया । भारतीय पर्यटन विकास निगम सार्वजनिक क्षेत्र में एक अर्द्ध स्वायतशासी संस्था है जो पर्यटन विभाग से निकट संपर्क रखती हैं । यह संस्था देश में होटलों व यात्री-आवासों की एक श्रृंखला को चलाती एवं नियंत्रित करती है । पर्यटकों के लिए परिवहन सुविधाओं, प्रचार-प्रसार सामग्री, उनके मनोरंजन के साधन तथा हवाई-अड्डों पर शुल्क मुक्त दुकानों का संचालन करती है । इसके अलावा विभिन्न प्रदेशों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों में पर्यटन उद्योग को विकसित करने का कार्य भी इस ‘निगम’ द्वारा संपन्न होता रहा है ।

भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019  

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भारत की पर्यटन नीति :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

भारत के पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण परिवर्तन छठी पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत 8 नवंबर, 1982 को भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा पर्यटन की प्रथम राष्ट्रीय नीति को संसद में प्रस्तुत करने में आया । नीति के जो मुख्य उद्देश्य रखे हुए हैं उनमें- आपसी भ्रमण के माध्यम में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ाना; पर्यटन के विकास के माध्यम से विश्व की विचारधारा, जीवन के तरीकों और विकास की तकनीकी का ज्ञान करना; पैतृक संपदा एवं संस्कृति को बनाए रखने, नष्ट होने से बचाने और समृद्ध बनाने के लिए प्रचार-प्रसार करना, पर्यटन के समुदाय के लिए आर्थिक एवं सामाजिक लाभ प्राप्त करना अर्थात रोजगार के अवसरों में वृद्धि, आय का सृजन, राजस्व की प्राप्ति, विदेशी विनियम का अर्जन और मानव व्यवहार में सुधार करना तथा पर्यटन के विकास से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एकीकरण की विचारधारा को युवक-युवतियों में विकसित करना एवं मेलों-खेलों आदि के द्वारा राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण करना आदि सम्मिलित हैं । हाल ही में भारत सरकार पर्यटन को संविधान की समवर्ती सूची में सम्मिलित करना चाहती है ताकि केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों की भागीदारी बन सके । पर्यटन विकास के लिए आयाम :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

पर्यटन नीति से युवकों हेतु होस्टल और अन्य विकास पर बल दिया गया है, चयनात्मक यात्रा-भ्रमण-पद्धति को अपनाया गया है तथा पर्यटकों के लिए सुविधाओं की आधारभूत संरचनाओं में वृद्धि करने पर जोर दिया गया है । नीति के विपणन व्यूह रचना से यात्री सुविधा बढ़ाने पर बल दिया है, बौद्ध धर्म-स्थलों पर यात्री सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया गया है । पर्यटन को एक अंतर-अनुशासन का विषय बनाया गया है ताकि विभिन्न स्तर की सरकारें विभिन्न स्तर के व्यापारियों के साथ समन्वित रूप से कार्य कर सकें ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com सातवीं पंचवर्षीय योजना भारतीय पर्यटन उद्योग के विकास की दृष्टि से मील का पत्थर रही है । इस योजनावधि के दौरान पर्यटन को विदेशी मुद्रा अर्जित करने और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने की भावी संभावनाओं के रूप में स्वीकारा गया तथा इसे उद्योग का दर्जा भी दिया गया । 11वीं पंचवर्षीय योजना में अब राजस्थान सहित अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी इसे उद्योग घोषित कर दिया है तथा पर्यटन के कार्य-कलापों में निवेश के लिए निजी उद्यमियों को बहुत से प्रोत्साहन उपलब्ध कराए गए हैं । सन 1989 में ‘पर्यटन वित्त निगम’ की स्थापना की गई जो होटल, रेस्टोरेंट, मनोरंजन पार्क आदि पर्यटन सुविधाओं के लिए वित्त उपलब्ध कराता है । अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के विकास के लिए सहायता योजना के अंतर्गत भी अतिरिक्त सहायता प्रदान की गई है । वर्ष 1991 को ‘भारतीय पैटर्न वर्ष’ घोषित कर के पर्यटकों को आकृष्ट करने के लिए विभिन्न गतिविधियों पर जोर दिया गया । आठवीं पंचवर्षीय योजना में पर्यटन सेवा हेतु निजीकरण को अपनाने पर विशेष बल दिया गया है । इस योजना में विदेशी पर्यटन के साथ-साथ देशी पर्यटन के विकास पर भी बल दिया गया । ‘विशेष पर्यटन क्षेत्र’ योजना के अंतर्गत पर्यटन की संभावनाओंवाले नए क्षेत्र स्थलों की तलाश कर विकास प्रारंभ किया । बिहार में भगवान बुध्द से संबंधित स्थानों और महाराष्ट्र में अजंता एलोरा के विकास हेतु परियोजनाएं विदेशी वित्तीय सहायता से आरंभ की गई है । ‘आगरा सांस्कृतिक विकसित परियोजना’ भी चल रही है । फिर भी भारत की कुल राष्ट्रीय आय का 2% पर्यटन से प्राप्त होता है जबकि हम पर्यटन विकास पर प्रतिवर्ष कुल सार्वजनिक व्यय का मात्र 0.2 प्रतिशत खर्च करते हैं । इस प्रकार निवेश की कमी भी पर्यटन के समुचित विकास में बाधक है । पर्यटन विकास के लिए ज़रूरी कदम :  भारत में पर्यटन विकास – Full Essay 2019

वर्तमान में भारतीय पर्यटन उद्योग को विकसित करने के लिए एक ओर देश में फैले पर्यटन केंद्रों को तीव्र एवं सुविधाजनक परिवहन साधनों से जोड़ना आवश्यक है, वहीं दूसरी ओर देश के प्रमुख हवाई अड्डों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से जोड़ना जरूरी है । पर्यटन से जुड़े सभी संस्थानों में योग्य, अनुभवी एवं प्रशिक्षित अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए तथा विदेशी पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी एवं दुर्व्यवहार करने वाले दोषी व्यक्तियों को कठोर करनेवाले करवाने में मदद करनी चाहिए । विश्राम गृहों एवं सूचना केंद्रों पर ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ज्ञान रखनेवाले प्रशिक्षित गाइड नियुक्त करने चाहिए । देश में सुरक्षा एवं शांति का माहौल भी पर्यटन के लिए बहुत आवश्यक है । कई बार पर्यटकों के अपरहण हो जाने से भारतीय पर्यटन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है । पूर्व में भारत-पाक संबंधों के तनावपूर्ण रहने एवं आतंकवादी गतिविधियों ने भारतीय पर्यटन को दुष्प्रभावित किया है किंतु अब इस दिशा में हो रहे अनुकूल वातावरण से भारतीय पर्यटन में चमक आ रही है ।  You Read This Full Essay 2019 on Lokhindi.com भारत में पर्यटन देश की सांस्कृतिक पहचान एवं आर्थिक समृद्धि को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण एवं विकासशील उद्योग है ही साथ ही यह भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ संस्कृति का विश्व-संस्कृति के साथ आदान-प्रदान करने का भी महनीय कार्य है किंतु इसकी गति तीव्र करने के लिए सरकार के पर्यटन विभाग एवं पर्यटन निगम के अलावा स्वैच्छिक संस्थाओं, निजी उद्यमियों एवं आम जनता के सहयोग की आवश्यकता है । यदि हम हमारे मेहमानों के प्रति भारतीय परंपरा के अनुसार ‘अतिथि देवोभव’ के भाव में शालीन-सुसंस्कृत व्यवहार करेंगे तो हमें अर्थ को प्राप्त होगा ही साथ ही भारतीय इतिहास और सांस्कृतिक परंपरा को विश्वभर में पहुंचा कर गौरवान्वित भी होंगे ।

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information about tourism in hindi essay

पर्यटन के लाभ पर निबंध | पर्यटन का महत्व पर निबंध | essay on benefits of tourism in hindi

समय समय पर हमें छोटी कक्षाओं में या बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने को दिए जाते हैं। निबंध हमारे जीवन के विचारों एवं क्रियाकलापों से जुड़े होते है। आज hindiamrit.com   आपको निबंध की श्रृंखला में  पर्यटन के लाभ पर निबंध | पर्यटन का महत्व पर निबंध | essay on benefits of tourism in hindi प्रस्तुत करता है।

इस निबंध के अन्य शीर्षक / नाम

(1) देशाटन के लाभ पर निबंध (2) पर्यटन और उसका महत्व पर निबंध (3) देशाटन का महत्व पर निबंध (4) पर्यटन की आवश्यकता क्यों है पर निबंध

Tags –

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पहले जान लेते है पर्यटन के लाभ पर निबंध | पर्यटन का महत्व पर निबंध | essay on benefits of tourism in hindi की रूपरेखा ।

निबंध की रूपरेखा

(1) प्रस्तावना (2) आधुनिक सुविधाएं (3) पर्यटन के लाभ (क) शैक्षणिक लाभ (ख) व्यापारिक लाभ (ग) वैज्ञानिक लाभ (4) पर्यटन से अन्य लाभ (5) उपसंहार

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देशाटन से अभिप्राय है-देश-विदेश में भ्रमण करना। किसी चीज का वास्तविक ज्ञान प्राप्त करने के लिए उसको प्रत्यक्ष देखना आवश्यक है।

यह कार्य देश विदेश में भ्रमण करने से ही सम्भव हो सकता है। घर बैठे-बैठे हम काल्पनिक ज्ञान, ही प्राप्त कर सकते है लेकिन यथार्थ स्वरूप का ज्ञान तो उस वस्तु को प्रत्यक्ष देखने से ही प्राप्त हो सकता है; अतः भौगोलिक, ऐतिहासिक, पुरातत्व, आर्थिक, राजनैतिक और सामाजिक ज्ञान की वृद्धि के लिए देशाटन अवश्य करना चाहिए।

जो व्यक्ति जितना अधिक देशाटन करता है। उसका ज्ञान तथा अनुभव उतना ही अधिक यथार्थ होता है। आधुनिक सुविधाएँ-प्राचीन काल में जब मनुष्य इधर-उधर जाने की सोचता था, तव रास्ते की कठिनाइयां उसके सामने आ खड़ी होती थीं।

उपयुक्त सवारी का अभाव, राते में लुटेरों का भय, बरसात में नदी-नाले चढ़ जाने का डर, जंगली रास्तो में हिंसक जन्तुओं का खतरा, समय का अधिक लगना कुछ ऐसी बाधाएँ थीं जिनके कारण इच्छा होने पर भी अधिकांश व्यक्ति भ्रमण नहीं कर पाते थे।

वर्तमान युग में ऐसे अनेक आविष्कार हो चुके हैं जिनके कारण ये बाधाएँ दूर हो गयी है तथा अनेक नयी सुविधाएँ प्राप्त हो गयी हैं। मोटर, रेल और वायुयान के द्वारा अब हम बहुत थोड़े समय में इच्छित स्थान पर पहुँच सकते हैं।

वातानुकूलित सवारियों का प्रबन्ध हो जाने से सर्दी-गर्मी की बाधाएँ भी दूर हो गयी हैं। अब कम समय में अधिक यात्राएँ की जा सकती हैं। इन सब सुविधाओं के हो जाने के कारण ही वर्तमान युग के लोग अधिक यात्राएँ करने लगे हैं।

“शान वृद्धि कर जन जीवन में,भर देता है मृदू उल्लास । नीरस जीवन में देशाटन,ला देता हर्षिते मधुमास ।। वेश जाति उद्योगों से भी,चिर परिचित होता मानव। जीवन लीला जगत मंच पर,रम्य सुखद होती अभिनव।।

देशाटन के लाभ

घूमना-फिरना मनुष्य का स्वभाव है, घ्ुमक्कड़ होना कई दृष्टियों से उपयोगी है।

इसके बिना क्रियात्मक ज्ञान नहीं होता। देशाटन के बिना मनुष्य उंदासीन, सुस्त, निष्क्रिय, अनुभव-शून्य और कूप-मण्डूक बन जाता है।

यही कारण है किं आधुनिक समय में ज्ञानवृद्धि और साथ में मनोरंजन के लिए देशाटन को आवश्यक समझा जाने लगा है।

(क) शैक्षणिक-लाभ

अब विद्यार्थी मंडल भ्रमण के लिए देशं-विदेश में जाने लगे है जिससे उन्हें विभिन्न स्थानों एवं जातियों के रहन-सहन, आचार-विचार और रीति-रिवाजों को प्रत्यक्ष देखकर समझने का अवसर मिलता है।

वे भिन्न-भिन्न स्थानों की अच्छी बातें हृदयंगम करते हैं । विदेशी विद्यालयों के भ्रमण से वे उन देशों की शिक्षा पद्धति से परिचित हो, जाते हैं।

उन देशों की शिक्षा पद्धति को जानकर वे यहाँ की शिक्षा पद्धति में सुधार के सूझाव दे सकते हैं। उन्हें अनेक ऐतिहासिक तथा भौगोलिक महत्त्व, के स्थानों को देखने का अवसर मिलता है। इससे वे इतिहास, भूगोल तथा वहाँ की शासन व्यवस्था का ज्ञान प्राप्त करते हैं।

(ख) व्यापारिक-महत्त्व

व्यापारिक दृष्टि से भी भ्रमण करना बहुत लाभदायक है। इससे व्यापारियों को यह पता लग सकता है कि हमारा कौन-सा माल कहाँ खप सकता है?

हम किस माल को कहाँ से खरौदकर कितना लाभ उठा सकते हैं? विभिन्न स्थानों की औद्योगिक स्थिति का भी भ्रमण से पता लगाया जा सकता है।

(ग) वैज्ञानिक-लाभ

देशाटन करने से हम जान सकते है कि विश्व में कृषि तथा उद्योग-धन्धों के विकास में जो नये-नये प्रयोग काम में लगाये जा रहे हैं, वे हमारे देश के लिए कहाँ तक उपयोगी हो सकते हैं ।

प्रगतिशील राष्ट्रों में भ्रमण करने से विज्ञान के नये-नये प्रयोगों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

देशाटन से अन्य लाभ

स्वास्थ्य की दृष्टि से पर्वतीय स्थानों तथा अनुकूल जलवायु वाले स्थानों की यात्रा करना लाभदायक है। विचित्र वस्तुओं को देखने से मनोरंजन भी होता है।

पारस्परिक प्रेम, मित्रता तथा सहानुभूति का वातावरण भी तैयार होता है। एक-दूसरे के विचारों से परिचित हो जाने से संघर्ष की सम्भावना कम हो जाती है।

देशाटन से हम वस्तुओं और स्थानों का जैसा प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करते हैं केवल पुस्तको को पढ़ने या सृनने से उनका वैसा यथार्थ ज्ञान प्राप्त नहीं हो सकता।

अतः विभिन्न क्षेत्रों में अपने ज्ञान का विस्तार करने तथा जीवन में साहस और मनोरंजन को प्राप्त करने के लिए देशाटन करना आवश्यक है।

राजनैतिक नेताओं की विदेश यात्राओं से सौहार्द्रं एवं बन्धुत्व के भाव दृढ़ होते हैं जिससे युद्धों का खतरा कम होता है। अतः देशाटन से जीवन में अनेक प्रकार के लाभ होते हैं।

किसी ने ठीक कहा है-

“मन का रंजन और साथ में देह समर्थन, अनायास ही प्राप्त करो करके देशाटन।

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» भाषा » बोली » लिपि » वर्ण » स्वर » व्यंजन » शब्द  » वाक्य » वाक्य शुद्धि » संज्ञा » लिंग » वचन » कारक » सर्वनाम » विशेषण » क्रिया » काल » वाच्य » क्रिया विशेषण » सम्बंधबोधक अव्यय » समुच्चयबोधक अव्यय » विस्मयादिबोधक अव्यय » निपात » विराम चिन्ह » उपसर्ग » प्रत्यय » संधि » समास » रस » अलंकार » छंद » विलोम शब्द » तत्सम तत्भव शब्द » पर्यायवाची शब्द » शुद्ध अशुद्ध शब्द » विदेशी शब्द » वाक्यांश के लिए एक शब्द » समानोच्चरित शब्द » मुहावरे » लोकोक्ति » पत्र » निबंध

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पर्यटन का महत्व पर निबंध – Essay on importance of tourism in Hindi

पर्यटन का महत्व पर निबंध: पर्यटन एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र है जो विभिन्न देशों और क्षेत्रों को एक साथ जोड़ता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसका सांस्कृतिक आदान-प्रदान, अर्थव्यवस्था और मानवीय संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

पर्यटन का महत्व पर निबंध

प्रस्तावना – पर्यटन के लाभ – पर्यटन से ज्ञान – राष्ट्रीय एकता और पर्यटन – अर्थव्यवस्था और पर्यटन – भारत में पर्यटन – उपसंहार

एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करने और उस स्थान को जानने की जिज्ञासा मानव मन में पर्यटन की प्यास जगाती है। पर्यटन जीवन की नीरसता से अस्थायी राहत दिलाता है। ऐसा करने से वह सुकून के पल का भरपूर आनंद उठा सकता है।

पर्यटन विश्व के विभिन्न कोनों से लोगों को एक ही स्थान पर आने-जाने की सुविधा प्रदान करता है। यह विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बारे में जानने के लिए ज्ञान के सीमांकन में सहायक भूमिका निभाता है। जब कोई व्यक्ति पर्यटन के संपर्क में आता है तो वह जाति, धर्म, भाषा और वर्ण के भेदभाव के बिना विभिन्न देशों के विभिन्न लोगों से मिलता है। उस स्तर पर विभिन्न आकार, प्रकृति, विश्वास और प्रथाओं के विभिन्न आंदोलनों से जुड़े लोग पाए जा सकते हैं। पर्यटकों की भूमिका यहीं तक सीमित नहीं है। वह अलग-अलग स्वभाव, अलग-अलग शैली और अलग-अलग रीति-रिवाजों वाले लोगों से मिलते हैं। वह उनसे नए गुण और नए धर्म प्राप्त करना पसंद करता है। एक यात्री विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाकर स्वयं का विकास करता है।

paryatan ka mahatva par nibandh

पर्यटन के लाभ

पर्यटन हमें आनंद देता है। जब कोई व्यक्ति विभिन्न कार्यों में उलझ जाता है और बोझिल हो जाता है या बिना कुछ करने के लिए घर पर दिन बिताता है, तो वह बाहर जाकर कुछ देर आराम करना चाहता है। यात्रा हमारे मन की थकान को दूर करती है। यात्रा के दौरान लंबे समय से दूर रहने वाले अपने प्रियजनों और रिश्तेदारों से मिलना एक विशेष संबंध माना जाता है। ऐतिहासिक स्मारकों, सांस्कृतिक स्थलों, मठों, मंदिरों और प्रकृति की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद हम तब लेते हैं जब हम नए परिवेश में दूर-दूर तक यात्रा करते हैं, यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यह दुख से छुटकारा पाने के लिए एक अचूक दवा है।

पर्यटन से ज्ञान

पर्यटन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। यह हमारे ज्ञान की परिभाषा को बढ़ाता है। छात्र शहर या उप-शहरी क्षेत्रों में स्थित कला दीर्घाओं, कोयला खदानों, चिड़ियाघरों और विज्ञान पार्कों में जाकर बहुत कुछ सीखते हैं। इन सभी चीज़ों के बारे में, जो उन्हें स्कूल में किताबें पढ़कर नहीं मिल पातीं, यात्रा के दौरान वे अलग-अलग चीज़ें अपने दिमाग में रख सकते हैं। किताबें हमें कभी भी वह सारी ख़बरें नहीं दे सकतीं जो पर्यटन हमें प्रदान करता है। लेकिन जो आंखों से देखा जाता है, उसका प्रतिबिम्ब सदैव जीवित रहने वाले व्यक्ति के मन में बन जाता है। पर्यटन मानव अवलोकन और पर्यवेक्षण शक्तियों को बढ़ाता है। कम समय में कई स्थानों का भ्रमण करने के बाद मन और हृदय अत्यंत आनंद से उत्साहित हो जाता है। अप्रत्यक्ष रूप से यह हमारे ज्ञान को बढ़ाता है। पर्यटन का स्वास्थ्य पर प्रभाव काफी पड़ता है।

पर्यटन मानव अवलोकन और पर्यवेक्षण शक्तियों को बढ़ाता है। कम समय में कई स्थानों का भ्रमण करने के बाद मन और हृदय अत्यंत आनंद से उत्साहित हो जाता है। अप्रत्यक्ष रूप से यह हमारे ज्ञान को बढ़ाता है। पर्यटन का स्वास्थ्य पर प्रभाव काफी पड़ता है।

राष्ट्रीय एकता और पर्यटन

राष्ट्रीय एकता बनाये रखने में पर्यटन की भूमिका आवश्यक है। इस क्षेत्र में अलग-अलग लोग जाति, धर्म और जाति से ऊपर उठकर एक-दूसरे के प्रति मित्रता के सूत्र से बंधे होते हैं। ऐसा देखा गया है कि नए लोगों के संपर्क में आने से दूरदराज के इलाकों के लोगों को काफी फायदा होता है। यहां एक-दूसरे को भाईचारे के प्यार की डोर में बांधना आसान है।

अर्थव्यवस्था और पर्यटन

पर्यटन उद्योग का एक मजबूत स्तंभ। इसकी वृद्धि में होटल, परिवहन, फोटोग्राफी, हस्तशिल्प आदि व्यवसाय प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने की संभावना है। पर्यटन के कारण देश या राज्य की विभिन्न सेवाओं जैसे हवाई अड्डे, रेलवे, सड़क, बंदरगाह, बिजली, टेलीफोन, जल आपूर्ति आदि की मांग लगातार बढ़ रही है। यदि ये सभी बुनियादी ढाँचे विकसित नहीं किए गए तो पर्यटकों को यहाँ आने के लिए आकर्षित करना आसान नहीं है। पर्यटन के कारण कई क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या कुछ हद तक कम हो गई है। देश में जितने अधिक पर्यटक विदेशों से आएंगे, हमारी विदेशी मुद्रा आय उतनी अधिक होगी। इसके परिणामस्वरूप विभिन्न प्रकार के सामान, मशीनरी या किसी अन्य निर्यात में कोई कठिनाई नहीं होगी।

भारत में पर्यटन

भारत में तीर्थयात्रा और पारिवारिक यात्राएँ बहुत लोकप्रिय हैं। पर्यटन के इतिहास में हमारे भारत में फाहियान और ह्वेनसांग का नाम सोने में अंकित है। कोलंबस ने भारत का दौरा किया और एक पूरी नई दुनिया की खोज की। वास्कोडागामा भी इसी उद्देश्य से भारत आया था।

पर्यटन ने आज अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य को पूरी दुनिया में फैला दिया है। विश्व शांति बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र के नियमित सत्र में पूरे विश्व के नेता एक साथ आते हैं। वे विश्व सम्मेलनों में भी भाग लेते हैं। आर्थिक संबंध स्थापित करने के लिए समय-समय पर विभिन्न देशों का दौरा करना उनके लिए एक सामान्य नियम बन गया है।

पर्यटन हमें दुनिया में सामाजिक इंसान के रूप में स्थापित करता है। ऐसा लगता है मानो यह इंसान इतनी बड़ी दुनिया में एक परिवार की सीमा पर केवल एक ग्रंथि से बंधा हुआ है।

आपके लिए: –

  • पर्यटन पर निबंध
  • भारतीय त्योहारों पर निबंध
  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर निबंध
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध

तो दोस्तों ये पर्यटन का महत्व पर निबंध । हम सबको ये याद रखना होगा की पर्यटन एक महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग है जो समृद्धि, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देता है। इसलिए, हमारे लिए इसे समझना और समर्थन करना महत्वपूर्ण है ताकि हम एक सशक्त और समृद्ध समाज की ओर बढ़ सकें।

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पर्यटन उगैर उसका महत्त्व | Essay on The Importance of Tourism in Hindi

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पर्यटन उगैर उसका महत्त्व | Essay on The Importance of Tourism in Hindi!

पर्यटन का महत्त्व प्रत्येक देश में स्वीकार किया जा चुका है । पाश्चात्य जगत् के प्रख्यात विचारक मांटेन का कथन है कि पर्यटन के अभाव में कोई व्यक्ति पूर्ण शिक्षित नहीं कहा जा सकता । आधुनिक युग में प्रत्येक शिक्षा-प्रणाली में पर्यटन की योजना अनिवार्य रूप से सन्निविष्ट है ।

आदिकाल से मनुष्य पर्यटन का प्रेमी रहा है । मनुष्य की प्रकृति में पर्यटन का बीज परमपिता ने बोया । मानवीय सभ्यता उसी के प्रस्कुटन का परिणाम है । जैसा कि नाम से स्पष्ट है, पर्यटन का तात्पर्य देश-विदेश में परिभ्रमण है । पर्यटन निरुद्‌देश्य नहीं होता ।

पर्यटन की प्रेरणा राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, व्यावसायिक, व्यापारिक आदि अनेक कारणों से प्राप्त हो सकती है । इनके अतिरिक्त मनोरंजन, अनुसंधान, अध्ययन, स्वास्थ्य-लाभ अथवा अन्य व्यक्तिगत कारण भी पर्यटन के मूल में हो सकते हैं । सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए संसार के सभी सभ्य देशों के बीच नागरिकों की यात्रा अब नित्य की दिनचर्या है ।

विद्याध्ययन के लिए एक देश के छात्र दूसरे देश में जाते हैं । ऐसी यात्राओं से व्यक्तिगत उद्‌देश्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय उद्‌देश्यों की पूर्ति भी होती है । पर्यटन में देश-दर्शन की भावना सर्वोपरि होती है । प्रकृति की विविध मनोहारी छटाओं को चुरा-चुराकर हृदय में रखते जाना; उसकी सुषमा से नेत्र और मन को तृप्त करते जाना; मार्ग में आनेवाले नगरों, भवनों, वन-प्रांतरों आदि की शोभा और ग्रामश्री का आस्वादन करते जाना चाहिए ।

सौभाग्य से समस्या-संकुल इस व्यस्त संसार में संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन् १९६७ को ‘अंतरराष्ट्रीय पर्यटन वर्ष’ घोषित किया था । संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने ४ नवंबर, १९६६ को यह निर्णय लिया । इस प्रकार प्रथम बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन को बहुत महत्त्व दिया गया ।

ADVERTISEMENTS:

हमारे लिए एक और दृष्टि से भी इसका महत्त्व है । इसमें विकासशील देशों में पर्यटन को प्रोत्साहन देने पर विशेष बल दिया गया था । इसलिए पर्यटन को उद्योग के रूप में अपनाने और उसका प्रचार करने का सन् १९६७ में हमें बड़ा सुअवसर प्राप्त हुआ । कारण, भारत बहुत बड़ा देश है और यहाँ पर्यटन के विकास की काफी संभावनाएँ हैं ।

विदेशी पर्यटकों के लिए भारत में अनेक आकर्षण हैं । विगत पंद्रह-सोलह वर्षों में विदेशी पर्यटकों की संख्या में ८० प्रतिशत की वृद्धि हुई है, फिर भी अभी और वृद्धि की संभावना है । परंतु इसमें हमारे सीमित साधन बाधक हैं, जिसके कारण यहाँ पर्यटकों के ठहरने के स्थान, परिवहन, मनोरंजन आदि की सुविधाएँ बहुत अधिक नहीं बढ़ाई जा सकतीं; किंतु संगठित प्रयत्न करके कम-से-कम समय में उसे दूर किया जा सकता है । सरकार की ओर से कोलकाता, मुंबई, वाराणसी, उदयपुर, बंगलौर तथा अन्य महत्त्वपूर्ण स्थानों में होटलों के निर्माण और विस्तार की योजना है ।

भारत में मेलों और त्योहारों की प्राचीन परंपरा रही है । विदेशी पर्यटक इन्हें देखने को लालायित रहते हैं । अंतरराष्ट्रीय पर्यटन वर्ष में इनका आयोजन पर्यटकों के लिए विशेष रूप से आकर्षक रहा । केरल का ओणम (तिरुओणम्), चेन्नई का पोंगल, मैसूर का दशहरा, गुजरात का नवरात्र, राजस्थान का गणगौर, कोलकाता की दुर्गा-पूजा, दिल्ली की होली आदि देश के विभिन्न भागों में मनाए जानेवाले ऐसे ही त्योहार हैं ।

दिल्ली के लालकिले में ‘ध्वनि और प्रकाश’ का कार्यक्रम संध्याकालीन मनोरंजन प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है । अब आगरा, गोलकुंडा, अजमेर, चित्तौड़गढ़ जैसे स्थानों पर भी ऐसे कार्यक्रम करने की योजना है । गणतंत्र दिवस भी देश के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है ।

इस अवसर पर दिल्ली की गणतंत्र दिवस परेड पहले से ही पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती आई है । पर्यटन के महत्त्व पर २६ जनवरी, २००६ को परेड में एक विशेष झाँकी प्रस्तुत की गई थी । पर्यटन की सफलता सुविधाओं के विकास पर निर्भर करती है, साथ ही जनता का योगदान भी उतना ही महत्वपूर्ण है । जनता का आतिथ्य और शिष्टता पर्यटकों को आकर्षित करती है ।

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भारत में पर्यटन क्षेत्र का भविष्य

  • 29 Sep 2022
  • 12 min read
  • सामान्य अध्ययन-I
  • भारतीय वास्तुकला
  • मंदिर वास्तुकला
  • गुफा वास्तुकला
  • रॉक कट वास्तुकला

यह एडिटोरियल 27/09/2022 को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित “Pitching India as a signature destination” लेख पर आधारित है। इसमें हाल में जारी ‘धर्मशाला घोषणा-पत्र’ और भारत में पर्यटन क्षेत्र के भविष्य के बारे में चर्चा की गई है।

पर्यटन का आर्थिक विकास के एक प्रमुख चालक के रूप में उभार हुआ है। यह सबसे तेज़ी से आगे बढ़ते आर्थिक क्षेत्रों में से एक है और इसका व्यापार, रोज़गार सृजन, निवेश, अवसंरचना विकास एवं सामाजिक समावेशन पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

  • पर्यटन कोविड-19 महामारी से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र रहा है। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UN World Tourism Organisation- UNWTO) के अनुसार वर्ष 1950 में रिकॉर्ड रखे जाने के आरंभ बाद से यह अब तक का सबसे गंभीर संकट रहा है जिसका सामना अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को करना पड़ा है।
  • कोविड-19 से गुज़रने के बाद भारत में पर्यटन क्षेत्र के लिये सुरक्षा और स्वच्छता बनाए रखते हुए पहले की तरह की गतिविधियों को बहाल करना एक बड़ी चुनौती है। यह संकट ऐसे संकटों के दीर्घकालिक प्रभावों पर विचार करने और पर्यटन भविष्य की पुनर्कल्पना करने के साथ ही सरकार के सभी स्तरों और निजी क्षेत्र में समन्वित कार्रवाई करने का एक अवसर प्रदान कर रहा है।

भारत में पर्यटन क्षेत्र की स्थिति

  • विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (World Travel and Tourism Council) की वर्ष 2021 की रिपोर्ट में विश्व सकल घरेलू उत्पाद में योगदान के मामले में भारत के पर्यटन को 10वें स्थान पर रखा गया है।
  • वर्ष 2021 तक की स्थिति के अनुसार, यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भारत के 40 स्थल (32 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित) सूचीबद्ध हैं।
  • धोलावीरा और रामप्पा मंदिर इस सूची में शामिल नवीनतम स्थल/स्मारक हैं।
  • वित्त वर्ष 2020 में पर्यटन क्षेत्र में कुल 39 मिलियन रोज़गार अवसर सृजित हुए जो देश के 8% रोज़गार का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्ष 2029 तक यह 53 मिलियन नौकरियों के लिये उत्तरदायी होगा।

भारत में पर्यटन से संबंधित हाल की प्रमुख पहलें

  • स्वदेश दर्शन योजना
  • राष्ट्रीय पर्यटन नीति 2022 का मसौदा
  • देखो अपना देश पहल
  • राष्ट्रीय हरित पर्यटन मिशन

भारत में पर्यटन क्षेत्र से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ

  • बहुभाषी प्रशिक्षित गाइडों की सीमित संख्या और स्थानीय लोगों में पर्यटन से जुड़े लाभों एवं ज़िम्मेदारियों की अपर्याप्त समझ के कारण इस क्षेत्र का विकास बाधित रहा है।
  • उदाहरण के लिये पूर्वोत्तर भारत की आकर्षक प्राकृतिक सुंदरता के बावजूद देश के बाकी हिस्सों के साथ कनेक्टिविटी की कमी के साथ ही बुनियादी ढाँचे और आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण यह देश में घरेलू या अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के यात्रा कार्यक्रमों में जगह पाने से प्रायः वंचित रह जाता है।
  • असंवहनीय पर्यटन स्थानीय भूमि उपयोग को भी प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप मृदा के कटाव, प्रदूषण में वृद्धि और लुप्तप्राय प्रजातियों के प्राकृतिक पर्यावासों की क्षति जैसी स्थिति उत्पन्न होती है।
  • विदेशी पर्यटकों, विशेषकर महिला पर्यटकों पर हमलों जैसी घटनाओं से सुरक्षा संबंधी चिंता बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि विश्व आर्थिक मंच सूचकांक (WEF Index 2017) में सुरक्षा के मामले में भारत को 114वें स्थान पर रखा गया। 
  • भारत की समृद्ध विरासत और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए व्यंजन पर्यटन (Cuisine Tourism) की एक बेजोड़ विविधता भारत के ‘सॉफ्ट पावर’ को बढ़ाने और विदेशी राजस्व को आकर्षित करने का एक माध्यम बन सकती है।
  • हाल में जारी धर्मशाला घोषणा-पत्र (Dharamshala Declaration) सही दिशा में बढ़ाया गया कदम है, जिसका उद्देश्य वैश्विक पर्यटन को समर्थन देने और घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने में भारत की क्षमता को साकार करना है।
  • उत्तरदायी, समावेशी, हरित और आतिथेय पर्यटन (Responsible, Inclusive, Green and Hospitable Tourism- RIGHT): बेहतर जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये पर्यटन प्रबंधन से संलग्न सभी हितधारकों के लिये विनियमनों का एक समग्र और साझा ढाँचा होना चाहिये।
  • दूरदराज़ के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों सहित समाज के हाशिए पर स्थित वर्गों के लिये अवसर पैदा कर पर्यटन के समावेशी विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • इसके साथ ही, गौतम से लेकर गांधी तक, हमारी भारतीय संस्कृति ने हमेशा प्रकृति के साथ और अपने साधनों के दायरे में सामंजस्य बिठाने के महत्त्व पर बल दिया है।
  • प्राकृतिक पारितंत्र में न्यूनतम हस्तक्षेप के साथ हरित पर्यटन (Green Tourism) को बढ़ावा देना और संवहनीय अवसंरचना को बनाए रखना महत्त्वपूर्ण है ताकि आत्मीय आतिथ्य को संपोषण मिल सके।
  • इसके बाद फिर इन स्थानों का मानचित्रण करने और सोशल मीडिया के माध्यम से उनका प्रचार करने के लिये एक डिजिटल एकीकृत प्रणाली का विकास किया जा सकता है जो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के मूल तत्व का संवर्द्धन करेगा।
  • इसके साथ ही, वर्तमान और भविष्य के आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रभावों को ध्यान में रखते हुए आगंतुकों, उद्योग, पर्यावरण और मेजबान समुदायों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये पर्यटन नियमों को समय-समय पर संशोधित किया जाना चाहिये।
  • एक राज्य एक पर्यटन शुभंकर (One State One Tourism Mascot): राज्य के पशुओं को, विशेष रूप से बच्चों के बीच पर्यटन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये, एक अभिनव उपकरण के रूप में विभिन्न राज्यों के पर्यटन विभागों हेतु एक विज्ञापन शुभंकर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • भारत के पास विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करते हुए ‘अतिथि देवो भव’ के अपने सदियों पुराने आदर्श को प्रकटतः प्रदर्शित कर सकने का अवसर मौजूद होगा।

अभ्यास प्रश्न: कोविड संकट भारत में पर्यटन के भविष्य की पुनर्कल्पना करने का एक अवसर प्रदान कर रहा है। चर्चा कीजिये।

Q.1 विकास की पहल और पर्यटन के नकारात्मक प्रभाव से पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे बहाल किया जा सकता है?  (वर्ष 2019)

Q.2 जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य पर्यटन के कारण अपनी पारिस्थितिक वहन क्षमता की सीमा तक पहुँच रहे हैं। समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिये।  (वर्ष 2015)

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भारत में पर्यटन का महत्व। (Importance of Tourism in India in Hindi.)

राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीअकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों, हमारा देश भारत सदियों से संस्कृतियों, परम्पराओं, कला, त्यौहारों, रंगों और आस्थाओं का एक ऐसा अद्भुद संगम है, जो की पुरे विश्व में और कहीं नहीं है, जिसे भारत ने बहुत सिद्दत से संभाल कर अपने ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल करके रखा है, जहाँ हम भारत की उन मूर्त और अमूर्त सम्पतियों को देख सकतें हैं, जिससे भारत पुरे विश्व में विख्यात है। इसी विख्यातता के कारण “भारत में पर्यटन का महत्व (Bharat mein Paryatan ka Mahatva)” एक अहम् भूमिका निभाती है, जिसके बारे में आज हम चर्चा करेंगे।

Bharat mein Paryatan प्रणाली पुरे विश्व में सबसे अलग मानी जाती है क्यूंकि अतीत में भारत पर विभिन्न सभ्यताओं का वास था, अनेको शासकों द्वारा यहाँ अपना शासन किया गया और जहाँ विश्व के बड़े-बड़े शासक भारत को विजय करना चाहतें थें, भारत को अपना राज्य बनाना चाहतें थें क्यूंकि हमारा भारत सोने की चिड़ियाँ कहलाता था। इसलिए अतीत की सारे कारनामों की छवि आज भी भारत में जीवित है, जिसे पर्यटक दूर-दूर से देखने आतें हैं और साथ ही प्रकृति की सभी ऋतुएँ पुरे विश्व में केवल अपनी छठा भारत में बिखेरतीं हैं, जिसकी खूबसूरती का व्याख्यान मैं अपने शब्दों से नहीं कर सकता।

bharat mein paryatan

Table of Contents

भारत में पर्यटन का महत्व।

Bharat mein Paryatan का विस्तार हम आज के समय में बड़े स्तर पर देख सकतें हैं, पर्यटन भारत की अर्थव्यवस्था में अपनी बहुत बड़ी भूमिका निभाता है, जिसके कारण पर्यटन भारत में एक बड़ा उद्योग बनकर खड़ा है। भारतीय पर्यटन अर्थव्यवस्था के राजस्व में वृद्धि करता है, देश की बुनियादी ढांचों को विकसित करता है, हज़ारों नौकरियों के अवसर प्रदान करता है, विदेशियों और नागरिकों के बिच संस्कृतियों एवं भाषाओं का आदान-प्रदान करता है और भारत की नई पीढ़ियों को अपने इतिहास के बारे में बतलाता है।

भारत पुरे विश्व में ऐसा छठा देश बन चूका है, जो की ‘ यूनेस्को की 40 विश्व धरोहर स्थलों ‘ की सूची में शामिल हो चूका है और पर्यटन को बढ़ावा देने में यूनेस्को द्वारा निर्धारित विश्व धरोहर भारत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्यूंकि विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र यह विश्व धरोहर ही होतें हैं। भारत में कुल 40 विश्व धरोहरों में जिसे यूनेस्को द्वारा निर्धारित किया जाता है, उसमे 32 सांस्कृतिक विरासत स्थल, 7 प्राकृतिक विरासत स्थल और 1 मिश्रित विरासत स्थल है।

पर्यटन किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि कई गुना बढ़ाने की क्षमता रखता है और यहाँ तक की कितने ऐसे देश हैं जिनका मुख्य आय का कारण ही पर्यटन उद्योग है। भारतीय पर्यटन उद्योग ने 2020 में देश के सकल घरेलु उत्पाद में 121.9 बिलियन डॉलर का योगदान दिया था और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की वर्ष 2028 तक पर्यटन उद्योग भारत के सकल घरेलु उत्पाद में 512 बिलियन डॉलर का योगदान देगा। भारतीय अर्थव्यवस्था को पर्यटन के क्षेत्र से बड़ी मात्रा में विभिन्न प्रकार से लाभ देखने को मिलता है, जैसे:- 

  • पर्यटन के क्षेत्र में विकास होने से देश में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखने को मिलती है जिसके कारण सरकार के राजस्व और विदेशी मुद्रा भण्डार में वृद्धि होती है क्यूंकि भारत में सालाना 10 मिलियन से भी अधिक पर्यटक हमारे देश में विदेशों से आतें हैं, जिनके आने से वह अपने पैसों को हमारे देश में खर्च करतें हैं, जिसके कारण अप्रत्यक्ष रूप से भारत का विदेशी मुद्रा भण्डार में भी बढ़ोतरी होती है।
  • नौकरी के अवसर उत्पन्न होतें हैं और सेवा प्रदान करने वाले क्षेत्रों में भी तेजी देखने को मिलती है क्यूंकि पर्यटकों को गाइड की आवश्यकता होती है, रोजगार के बहुत से अवसर सामने निकल कर आतें हैं और सेवा क्षेत्र में होटल वालों, ट्रांसपोर्ट वालों और एयरलाइन्स की मांग बढ़ जाती है।
  • पर्यटक अपने साथ अपनी देश की संस्कृति साथ लेकर आतें हैं, इसलिए हमे भी उनकी संस्कृतियों को समझना पड़ता है, जिसके कारण विदेशी संस्कृतियों का आदान-प्रदान होता है और साथ-ही-साथ वह भी हमारे देश में उत्साह के साथ हमारी भी संस्कृतियों को अपनाकर जातें हैं।
  • जब हमारे देश की धरोहरों, इमारतों, संस्कृतियों, कलाओं को वैश्विक स्तर पर महत्ता दी जाने लगती है तो सरकार को भी उन राष्ट्रिय धरोहरों, प्रकृति और पर्यावरण का विशेष स्तर पर संरक्षण करना पड़ता है, जिससे उसकी वैश्विक प्रसिद्धि कम ना हो जाए।
  • बुनयादी ढांचों का बड़े स्तर पर विकास किया जाता है, पर्यटन स्थलों को सरकार के द्वारा बढ़ावा दिया जाता है , उन स्थलों को आकर्षित बनाया जाता है और साथ ही यह सुनिश्चित किया जाता है कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े एवं अनेक पर्यटन स्थलों पर बहुउपयोगी अवसंरचना विकसित की जाती है, जिससे पर्यटन स्थलों को यात्री के सुगम बनाया जा सके।
  • पर्यटन विश्व स्तर पर सॉफ्ट पावर की भावना विकसित करता है क्यूंकि सॉफ्ट पावर के रूप में पर्यटन, सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देने में मदद करता है, आपस में लोगों का तालमेल बढ़ता है और इस तरह भारत और अन्य देशों के बीच सम्बन्ध और सहयोग और मजबूत हो जातें हैं।
  • कई ऑनलाइन रचनाकारों के लिए पर्यटन आय का स्रोत बन जाता क्यूंकि कई ऑनलाइन मीडिया के स्त्रोत (यु ट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम) का उपयोग रचनाकारों के द्वारा ‘पर्यटक व्लॉगस’ (घुमन्तु) बनाकर किया जाता है, जिससे उनकी आमदनी भी होती है और दूसरे पर्यटकों को इससे मदद भी मिलती है।

भारत पर्यटन के मामले में ‘वैश्विक यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक’ के अनुसार, 2021 में कुल 117 देशों में से भारत का 54वां स्थान है, जो 2019 से नीचे है, जहां भारत का 46वां स्थान था और गिरावट के पीछे का कारण कोविद -19 महामारी का प्रभाव था, लेकिन दक्षिण एशिया में भारत अभी भी शीर्ष पर है। वैश्विक स्तर पर पर्यटन के महत्व और हमारे समाज पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल ’27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा में उल्लिखित वैश्विक चुनौतियों के बारे में जागरूकता फैलाने और पर्यटन उद्योग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों को रेखांकित करने के लिए भी मनाया जाता है।

और पढ़ें:- भारत में बाल यौन शोषण।

भारत में पर्यटन के विभिन्न प्रकार।

पर्यटन का तात्पर्य केवल घूमने से नहीं होता है बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में ऐसे बहुत से कारण भी होतें हैं जिसके लिए किसी व्यक्ति को एक पर्यटक बनकर घूमना पड़ता है, जैसे:-

  • बेहतर स्वास्थ्य जांच के लिए पर्यटन-> ऐसे लोग, जो की अपने बेहतर स्वास्थ्य के जांच के लिए एक स्थान से दूसरी स्थान पर यात्रा करतें हैं। भारत में भी दक्षिण एशिया और भी कई देशों से लोग अपने लिए अच्छी स्वास्थ्य सेवा पाने के उदेश्य से आतें हैं। 
  • अध्ययन के उद्देश्य के लिए पर्यटन-> ऐतिहासिक समय में भारत से कई ऐसे दिग्गज अपनी अध्यन पूरी करने के लिए यहाँ आया करते थें और यह चलन आज भी कायम है क्यूंकि कई ऐसे छात्र अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारत आतें हैं और कई ऐसे छात्र भारत से दूसरे देशों में भी जातें हैं, जिसे पर्यटन के क्षेत्र में शामिल किया जाता है। 
  • व्यावसायिक उद्देश्य के लिए पर्यटन-> कई ऐसे लोग हैं, जो की अच्छी तनख्वाह, अच्छी नौकरी, अच्छा जीवन स्तर और व्यवसाय में अच्छी लाभ प्राप्त करने के लिए एक स्थान से दूसरी स्थान पर यात्रा करतें हैं। 

और पढ़ें:- भारत में जीवन शैली रोग का प्रचलन।

भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजना।

भारत अपने पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ऐसी बहुत सी गतिविधियों और कार्यक्रमों पर काम कर रहा है जिससे पर्यटकों को सहूलियत मिल सके। पर्यटन उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके कारण सरकार भारत में पर्यटन व्यवस्था प्रणाली को प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए विभिन्न प्रकार के योजनाएँ लेकर आ रही है, जैसे:-

  • 13 सर्किट्स हैं: भारत का नार्थ-ईस्ट सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, हिमालयन सर्किट, तटीय सर्किट, कृष्णा सर्किट, डेजर्ट सर्किट, ट्राइबल सर्किट, इको सर्किट, वाइल्डलाइफ सर्किट, रूरल सर्किट, स्पिरिचुअल सर्किट, रामायण सर्किट, हेरिटेज सर्किट।
  • तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन (प्रसाद) स्कीम-> यह योजना भी भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा शुरू की गयी है, जिसका उद्देश्य संपूर्ण धार्मिक पर्यटन में अनुभव प्रदान करने के लिए तीर्थ स्थलों के एकीकृत विकास को प्राथमिकता, नियोजित और टिकाऊ तरीके से विकास करना है।
  • ‘देखो अपना देश’-> यह कार्यक्रम भारत सरकार के द्वारा 2019 में ‘पर्यटन पर्व’ के अन्तर्निहित लांच की गयी थी, जिसका मुख्य उदेश्य पर्यटन के लाभ पर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्हें विभिन्न पर्यटन स्थलों की यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करना, इसका उदेश्य ‘सभी के लिए पर्यटन’ को फैलाना था।
  • अतुल्य भारत वेबसाइट-> यह वेबसाइट का मुख्य उदेश्य भारत के पर्यटन को बढ़ावा देना और साथ ही पर्यटकों को देश के विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्रदान करना, जिससे उनकी रूचि भारत के पर्यटन क्षेत्र में बढे।
  • भारत के द्वारा पर्यटकों को इ-वीजा लांच करना-> गृह मंत्रालय के द्वारा विदेशी पर्यटकों की यात्रा को भारत में आसान बनाने के लिए ‘इ-वीजा’ का अनावरण किया गया, जहाँ पर्यटक को भारत में किसी भी प्रकार के पर्यटन में कोई दिक्कत नहीं आएगी और ऐसा करने से Bharat mein Paryatan क्षेत्र को बड़ी मात्रा में बढ़ावा मिलेगा।    

विभिन्न अभिनेताओं और प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा केंद्र और राज्य सरकारें पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विज्ञापन का सहारा लेतें हैं, जिसका प्रभाव पर्यटन क्षेत्र में बखूबी देखा जा सकता है।

और पढ़ें:- बाल भिक्षावृति की भारतीय परिदृश्य।

भारत में पर्यटन के क्षेत्र में सरकार के सामने चुनौतियां।

Bharat mein Paryatan को बढ़ावा देने के लिए केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी बहुत अच्छा काम कर रहीं हैं लेकिन कुछ ऐसी चुनौतियां हैं जिसपर सरकारों को ध्यान देना होगा, जिसपर काम करके सरकार भारत में पर्यटकों की संख्या को और बढ़ा सकती हैं और साथ ही वैश्विक यात्रा और पर्यटन सूचकांक में अपनी स्थान को बेहतर कर सकती है, जैसे:-

  • सरकार को पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए क्यूंकि आज भी भारत में कई जगह विदेशी पर्यटकों के साथ बदसलूकी की जाती है, विदेशी लड़कियों के साथ छेड़खानी के मामले सामने आतें हैं, उनकी सामान चोरी कर ली जाती है, इन सबसे भी भारत की छवि दूसरे देशों में ख़राब होती है। 
  • बहुत से पर्यटकों को भारत में वस्तुएँ खरीदने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्यूंकि भारत में र्अंतरराष्ट्रीय कार्ड की स्वीकृति नहीं है, जिसके कारण विदेशी पर्यटक मुक्त रूप से खर्च नहीं कर पातें हैं क्यूंकि भारतीय बाजार उनके लिए सुगम नहीं है।
  • भारत सरकार पर्यटकों के साथ अच्छा व्यवहार करने के लिए भारतीय निवासियों को प्रेरित करें, जागरूकता फैलाए की हमारे देश में बाहर से आया हुआ कोई भी पर्यटक हमारे लिए अतिथि समान है। 
  • सरकार को पर्यटकों के लिए अनुकूल बुनियादी ढांचे का विकास करना चाहिए क्यूंकि भारत में पर्यटकों को अभी भी कई बुनियादी सुविधाओं से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे अपर्याप्त सड़कें, पानी, सीवर, होटल और दूरसंचार साथ ही पर्यटन स्थलों पर पेयजल, सुव्यवस्थित शौचालय, प्राथमिक उपचार, कैफेटेरिया आदि जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव।
  • सरकार अपने देश में अन्य प्रकार के पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा देना चाहिए जैसे; चिकित्सा पर्यटन, साहसिक पर्यटन, अध्यन पर्यटन और व्यवसाय पर्यटन।

भारत और भारतीय हमेशा से ‘अतिथि देवो भवः’ के इस सुन्दर से संस्कृति को मानते आएं हैं, जिसके कारण हमारे भारतीय संस्कृति की अतिथि सत्कार विष्वविख्यात है और भारत में आया हुआ हर पर्यटक देश के लिए अतिथि समान ही है इसलिए दुनिया का हर नागरिक एक बार भारत में पर्यटक बनकर जरूर आना चाहता है, भारतीय संस्कृति की पर्यटन स्थल पर्यटकों को एक अलग ही एहसाँस का अनुभव करवाती है।

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पर्यटन का महत्व पर निबंध Essay on importance of tourism in hindi

Essay on importance of tourism in hindi.

deshatan essay in hindi-दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं पर्यटन पर हमारे द्वारा लिखित निबंध इस निबंध के जरिए आप पर्यटन के महत्व को समझ पाएंगे तो चलिए पढ़ते हैं आज के इस निबंध को।

essay on importance of tourism in hindi

देश विदेश की यात्रा करने को हम पर्यटन कहते हैं. पर्यटन मनोरंजन के लिए और फुर्सत के दिनों को बिताने के लिए किया जाता है वास्तव में ईश्वर के द्वारा बनाई गई यह दुनिया बहुत ही सुंदर है, हर कोई इस दुनिया को देखना चाहता है। मनुष्य के मन में प्राचीन काल से ही देश दुनिया को घूमने की इच्छा होती रहती है पहले कई लोग पैदल या समुद्री मार्गो के द्वारा, घोड़े, गाड़ियों,ऊटो आदि के द्वारा देश विदेश की यात्राएं करते थे वहां की संस्कृति, सभ्यता आदि का ज्ञान लेते थे यह सब लोगों का बहुत ही मनोरंजन करता था।

देश-विदेश में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर लोग घूमना पसंद करते हैं हमारे भारत देश में हर साल कई लोग घूमने के लिए आते हैं भारत में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर लोग पर्यटन करने आते हैं और अपने नेत्रों का लाभ उठाते हैं।

इन स्थानों में है आगरा का ताजमहल जहां पर विदेशों से पर्यटन घूमने आते हैं. ताजमहल की सुंदरता पर्यटनों को बहुत ही आकर्षित करती है, दिल्ली का लाल किला भी लोगों को बहुत भाता है. हमारे देश में समय-समय पर होने वाले त्योहार भी लोगों को हमारे भारत देश को घूमने की ओर लालायित करते हैं। मुंबई, अजमेर, ग्वालियर, चित्तौड़गढ़, चेन्नई आदि कई स्थान है जहां पर विदेशों से लोग घूमने के लिए आते हैं वास्तव में पर्यटन हम सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है इससे हमें कई तरह के लाभ भी होते हैं।

देश में पर्यटनों को किसी भी तरह की परेशानी को न झेलना पड़े इसीलिए भारत सरकार हर एक क्षेत्र में अपनी सुविधाएं बेहतर करने की कोशिश करती है. कई बड़े बड़े शहरों जहां पर कई पर्यटक आते हैं वहां पर विशेष स्थानों, होटलों, पार्को आदि के निर्माण में भी भारत सरकार की कई योजनाएं हैं वास्तव में पर्यटन हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

  • पर्यटन स्थल पर निबंध Essay on paryatan sthal in hindi
  • पर्यटन पर स्लोगन slogan on tourism in hindi

पर्यटन के महत्व

वास्तव में पर्यटन के बहुत ही महत्व हैं जो हम निम्नलिखित बिंदुओं में जानेंगे पर्यटन से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है दरअसल लोग जो विदेशों से हमारे देश में घूमने के लिए आते हैं वह कई तरह के खर्चे करते हैं जिससे कई लोगों को अपना रोजगार बढ़ाने में मदद मिलती है उनकी स्थिति मजबूत होती है तो हमारे देश की भी स्थिति मजबूत होती हैं।

पर्यटन की वजह से विदेशों के लोगों को हमारी भारतीय संस्कृति के बारे में जानने का मौका मिलता है जिससे वह काफी प्रभावित भी होते हैं हमारी भारतीय संस्कृति सभ्यता को अपनाने का भी प्रयत्न करते हैं इससे हमारे देश की संस्कृति सभ्यता का विदेशो तक प्रचार प्रसार होता है।

पर्यटन से लोगों का बहुत ही मनोरंजन होता है जो लोग अपने काम में बहुत ज्यादा व्यस्त रहते हैं वह कुछ समय निकालकर जब पर्यटन के लिए विदेशों में जाते हैं तो उनको कुछ पल का सुकून मिलता है वह एक नई जगह जाकर अपने नेत्रों का लाभ उठाते हैं उनके जीवन की बोरियत खत्म हो जाती है वास्तव में पर्यटनो के लिए पर्यटन करना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

आजकल हम देखें तो मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर के जमाने में लोग मनोरंजन के लिए ज्यादातर अपने घर पर ही रहते हैं लेकिन पर्यटन करने से आपका मनोरंजन भी होता है और साथ में कई स्वास्थ्य लाभ भी आपको होते हैं इसीलिए भी पर्यटन करना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

  • मोबाइल फोन के लाभ और हानि पर निबंध Mobile phone ke labh aur hani essay in hindi
  • स्वास्थ्य ही जीवन है पर निबंध Hindi essay on swasthya hi jeevan hai

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यात्रा पर निबंध | Best 10 Essay on Travelling in Hindi for Students

information about tourism in hindi essay

Essay on Travelling in Hindi: इस लेख में आप 1000 शब्दों में छात्रों और बच्चों के लिए यात्रा पर एक निबंध पढ़ेंगे। यह लघु निबंध हमें बताता है कि कैसे यात्रा करना भी जीवन का एक साहसिक अनुभव है।

  • 1 यात्रा पर निबंध (1000+ शब्द)
  • 2 यात्रा क्या है?
  • 3 लोग यात्रा करना क्यों पसंद करते हैं?
  • 4 आज के युग में पर्यटन
  • 5 यात्रा का महत्व
  • 6 पर्यटन संस्कृति और ज्ञान का अन्वेषण करें
  • 7 पर्यटन और यात्रा को कैसे बढ़ावा दें?

यात्रा पर निबंध (1000+ शब्द)

परीक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ यात्रा निबंध लिखने के लिए छात्र और बच्चे इस लेख की मदद ले सकते हैं।

यात्रा क्या है?

जब कोई व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है तो उसे यात्रा कहते हैं। यात्रा शब्द का प्रयोग अधिकतर तब होता है जब लोग एक शहर से दूसरे शहर जाते हैं शहर .

मानव स्वभाव जिज्ञासु है। मनुष्य की जिज्ञासु प्रवृत्ति ने एक ही देश और विदेश में विभिन्न स्थानों की यात्रा करने की इच्छा के पीछे भी काम किया है। यात्रा के महत्वपूर्ण लाभों में से एक आंतरिक ताजगी बनाए रखना है।

लोग यात्रा करना क्यों पसंद करते हैं?

बहुत बार, लोग जीवन में, काम की दैनिक दिनचर्या, नींद, भोजन और जीवन में डूब जाते हैं। वे इतना अवशोषित करते हैं कि लोगों को थकान महसूस होती है।

इसका प्रभाव पड़ता है उनकी सेहत, खुशी, और भविष्य। क्या आप भी अपने दैनिक दिनचर्या के कामों से बोर महसूस कर रहे हैं? क्या आप तरोताजा और ऊर्जावान बनना चाहते हैं? यदि हां, तो यात्रा करना इसके लिए सबसे अच्छे समाधानों में से एक हो सकता है।

आज के युग में पर्यटन

आज पर्यटन भी मनुष्य की उसी पुरानी पैंतरेबाज़ी की प्रवृत्ति से प्रभावित हो रहा है। पहले के पर्यटक सुविधाओं और आज के समय में इतना ही अंतर है।

आज पर्यटन उतना कष्टदायक नहीं है जितना प्राचीन काल का घुमक्कड़। विज्ञान के आविष्कारों, अन्वेषण की जादुई शक्ति से सुलभ साधनों के कारण पर्यटन बहुत सुलभ हो गया है।

आप कुछ ही घंटों में एक देश से दूसरे देश की यात्रा कर सकते हैं। इसलिए, यात्रा करना अब चिंता की कोई बड़ी बात नहीं है।

आज, पर्यटन एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग के रूप में विकसित हो गया है। हवाई जहाज, ट्रेन, कार आदि की बुकिंग के लिए बहुत सारी ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इससे यात्रा आसान और आरामदायक हो जाती है। इस उद्योग को फैलाने के लिए देश-विदेश में पर्यटन मंत्रालय की स्थापना की गई है।

यात्रा का महत्व

दुनिया भर में पर्यटकों की सुविधा के लिए यात्रा के लिए महत्वपूर्ण स्थलों का विकास किया जा रहा है।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जैसे किसी देश के विशेष स्थान की कला, कलात्मक दृश्य, सांस्कृतिक संस्थानों की प्रदर्शनी आदि। आनंद की प्राप्ति, जिज्ञासा की शांति, बढ़ती आय, इनके अलावा और भी बहुत कुछ है। पर्यटन के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ।

अंतर्राष्ट्रीयता की समझ पर्यटन के माध्यम से पैदा होती है: विकसित होती है। प्यार और मानव भाईचारा फलता-फूलता है। सभ्यताओं और संस्कृतियों का परिचय देते हैं। पर्यटन व्यक्ति को अपने खोल से बाहर निकलना सीखता है।

अलग-अलग जगहों की यात्रा करने से एक ही जगह पर एक ही माहौल में लगातार रहने से होने वाली बोरियत भी दूर हो जाती है।

यात्रा और पर्यटन के महत्व को हर देश में मान्यता दी गई है। आधुनिक युग में पर्यटन की योजना प्रत्येक शिक्षा प्रणाली में समाहित हो रही है।

पर्यटन संस्कृति और ज्ञान का अन्वेषण करें

लोग अनादि काल से यात्रा के प्रेमी रहे हैं – मानव सभ्यता इसके प्रोटोटाइप से उत्पन्न होती है। जैसा कि नाम का तात्पर्य है, पर्यटन का अर्थ है राष्ट्रीय और विदेश में परिभ्रमण। पर्यटन वस्तुनिष्ठ नहीं है।

पर्यटन की प्रेरणा कई कारणों से राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक, व्यवसाय आदि के लिए विकसित होती है। इनके अलावा, मनोरंजन, अनुसंधान, अध्ययन, पुनर्प्राप्ति, या अन्य व्यक्तिगत कारण भी पर्यटन के मूल हैं।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए दुनिया के सभी सभ्य देशों के बीच नागरिकों की यात्रा अब एक दैनिक दिनचर्या है। यह हम सभी के लिए सकारात्मक बात है।

एक देश के छात्र पढ़ाई के लिए दूसरे देश जाते हैं। इस तरह के दौरे व्यक्तिगत उद्देश्यों और राष्ट्रीय उद्देश्यों की पूर्ति भी करते हैं। पर्यटन में देश दर्शन की भावना का सर्वाधिक महत्व है।

प्रकृति की सुन्दर छटाओं को हृदय में चुराकर, मन और आंख को तृप्त करने के लिए नगरों, भवनों, वनों आदि की शोभा जीवन में आनंद देती है।

दूसरे दृष्टिकोण से भी यह हमारे लिए आवश्यक है। विकासशील देशों में यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

इसलिए भारत को पर्यटन को एक उद्योग के रूप में अपनाने और बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट अवसर मिला। भारत के पास एक विशाल पर्यटन भूमि है, और यहां यात्रा और पर्यटन के विकास की काफी संभावनाएं हैं।

पर्यटन और यात्रा को कैसे बढ़ावा दें?

भारत ने विदेशी पर्यटकों के लिए कई आकर्षण। पिछले कुछ वर्षों से विदेशी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, फिर भी इसमें और वृद्धि होने की संभावना है। हालांकि, सीमित संसाधन पर्यटन के विकास में एक बाधा हैं जैसे आवास, परिवहन, मनोरंजन, सुरक्षा आदि।

यहां यात्रा नहीं बढ़ी। हालांकि, संगठित प्रयासों से इसे कम समय में दूर किया जा सकता है। सरकार पर्यटन स्थलों और अन्य आवश्यक स्थानों पर होटल बनाने और विस्तार करने की योजना बना रही है। दुनिया विशाल है, और अरबों लोग जो हर दिन अपना जीवन जीते हैं और उनके अपने अनूठे अनुभव हैं।

दूसरे देश की यात्रा करना, और यह देखना कि लोग अलग तरह से कैसे रहते हैं, अलग तरह से बोलते हैं, अलग दिखते हैं, यह सिर्फ एक बेहतर एहसास है। इस तरह यह समझ सकता है कि इसमें हमारी दुनिया कितनी बड़ी और दीवानी है।

इसके अलावा, यह एक व्यक्ति को दुनिया में रहने वाले विविध लोगों के बारे में जानने में सक्षम बनाता है। जब तक आप स्थानों और चीजों का दौरा नहीं करते तब तक आप कुशल हाथों से बनाई गई कला के काम की सराहना नहीं कर सकते।

उस स्थान की यात्रा करने से उत्कृष्ट स्थानों, लोगों, चीजों और लोगों की प्रकृति के बारे में व्यावहारिक ज्ञान मिलता है। जब आप कुछ स्मारकों पर जाते हैं तो अतीत की यादें दिमाग में दौड़ जाती हैं। साथ ही स्थानों पर जाने से व्यक्ति की दृष्टि में भी वृद्धि होती है, जैसे छोटी जगह पर बैठने से दृष्टि सीमित हो जाती है।

यात्रा करने का एक और लाभ यह है कि आप अपने देश को अलग तरह से देख रहे हैं। यह स्थानीय और विदेशी स्थान की तुलना करके संभव बनाया गया है। ज़रूर, यह केवल यात्रा करने से ही संभव है। अज्ञात स्थानों की यात्रा नए दृष्टिकोण और प्रेरणा पैदा करती है।

घर से दूर, लोगों को एहसास होता है कि “घर” क्या है और इसका क्या अर्थ है। इसका अनुभव करने वाले व्यक्ति के लिए यात्रा करना हमेशा फायदेमंद होता है। यात्रा एक व्यक्ति को सामान्य कार्यों और चीजों को करने के तरीकों से दूर, नियमित क्षेत्र से बाहर लाती है।

यह उन्हें साहसिक कार्य करने, एक पूर्ण जीवन जीने, इस बहुमूल्य अवसर का अधिकतम लाभ उठाने और नई चीजों की खोज करने और नए लोगों से मिलने के लिए समय देने की अनुमति देता है।

यात्रा सभी उम्र के लोगों के लिए उत्तम मनोरंजन है। साथ ही, यह लोगों को खुद को, अपने विश्वासों और अपने जीवन को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।

हालाँकि, यह उस दुनिया को भी बेहतर ढंग से महसूस करता है जिसमें वे रहते हैं, भले ही वह उनके तत्काल परिवेश से बाहर हो। यह दुनिया में रहने वाले विभिन्न लोगों से जुड़ने वाले व्यक्ति की भी मदद कर सकता है।

यह यात्रा के रूप में उपयोगी है, पहली बार एक नई जगह देखने या अपने पसंदीदा पर लौटने की अनुमति दें। दुनिया भर से लोग, विभिन्न कारणों से राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर आते हैं – मुख्य रूप से एक पेशे, परिवार और मनोरंजक उद्देश्यों के लिए।

चाहे हवाई जहाज की तरह यात्रा करने के एक अलग तरीके से, ट्रेन से, नाव से या कार से। यात्रा करना आमतौर पर एक सुखद अनुभव होता है। उल्लेख करने और कोशिश करने के लायक अन्य यात्रा लाभ हैं।

आशा है, आपको यह पसंद आएगा – यात्रा पर निबंध। सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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गोवा के पर्यटन व दर्शनीय स्थल | Goa Tourism Place in Hindi

Goa Tourism / गोवा या गोआ, क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है। पूरी दुनिया में गोवा अपने खूबसूरत समुंदर के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिये जाना जाता है। गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था। पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया और दिसंबर 1961 में यह भारतीय प्रशासन को सौंपा गया। यह एक हराभरा प्राकृतिक स्वर्ग है जो कि सहयाद्री श्रृंखला की तलहटी में अरब सागर के किनारे बसा है। इसकी राजधानी पणजी है, जबकि गोवा का सबसे बड़ा शहर वास्कोडीगामा है।

गोवा के पर्यटन व दर्शनीय स्थल की जानकारी | Goa Tourism in Hindi

गोवा के पर्यटन व दर्शनीय – Information About Goa Tourism Place in Hindi

गोवा भारत का सबसे जाना माना पर्यटन स्थल है। अपनी नैसर्गिक प्राकृतिक सुंदरता, आकर्षक समुद्र तटों, मशहूर वास्तु मंदिरों, भव्य पार्टियों और त्यौहारों और अपनी समृद्ध एंग्लो-भारतीय विरासत के कारण यह सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। सबसे महत्वपूर्ण और रुचिकर जगहों में गोवा के समुद्र तट हैं जिसे देखने हर साल हजारों सैलानी पूरी दुनिया से यहां आते हैं। सैलानी इस प्रकृति के स्वर्ग में सुहावनी धूप और साफ और चमचमाते समुद्री पानी का आनंद लेने आते हैं।

गोवा जाने का सबसे बेहतरीन समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है। इस मौसम में यहां बहुतायत में पर्यटक आते हैं। जून से सितंबर तक यहां बहुत अधिक वर्षा होने के कारण इस मौसम में यहां पर्यटक कम ही आते हैं। ईसाइयों की बहुलता के कारण क्रिसमस के समय गोवा में बहुत सारे सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, जिनका आनंद लेने के लिए पर्यटक इस समय विशेष तौर पर गोवा आते हैं।

यहां आप मुंह में पानी लाने वाले स्वादिष्ट कोंकणी और गोवन व्यंजनों का मज़ा ले सकते हैं, जैसे चिकन रिकाडो, और साथ ही समुद्र तट पर रात में होने वाली शानदार पार्टियों का मज़ा ले सकते हैं। यहां सैलानियों को लुभाने के लिए कई तरह के तट हैं, जैसे पथरीले और रेतीले और चांदी सी रेत वाले विशाल तट जो कि बहुत लुभावना नजारा देते हैं।

गोवा में एक ही एयरपोर्ट है, ‘गोवा इंटरनेशनल एअरपोर्ट’. यह वास्कोडीगामा के पास स्थित है। यहाँ से नेशनल एवं इंटरनेशनल दोनों फ्लाइट का आवागमन होता है। ट्रैन से भी गोवा पहुँचाना आसान हैं। गोवा में 2 रेलवे लाइन है – साउथ वेस्टर्न रेलवे एवं कोंकण रेलवे। गोवा के पहुँचने के लिए रोड के द्वारा भी पहुंचना अच्छा विकल्प है। यहाँ के लिए बहुत ही प्राइवेट एवं सरकारी बसें चलती है।

गोवा के पर्यटन स्थल सूचि – Goa Tourist Places in Hindi

1). कंडोलिम समुद्र तट.

गोवा राज्य में पणजी से 14 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित कंडोलिम तट अरब सागर की लंबी तटरेखा का एक हिस्सा है। यह तटरेखा अगोडा किले से शुरु होकर चापोरा बीच पर खत्म होती है। यह जगह गोवा के एक स्वतंत्रता सेनानी और सम्मोहन के जनक अब्बा फारिया का जन्मस्थान होने के कारण भी मशहूर है।

2). अगुआदा फोर्ट

पणजी से 18 किमी दूर अगुआदा फोर्ट गोवा का सबसे मजबूत किला माना जाता है। पुर्तगालियों ने इसे मंडोवी नदी से  गोवा आने वाले जहाजों पर निगरानी रखने के लिए बनवाया था। अब इसका उपयोग सेंट्रल जेल के रूप में किया जाता है। 1540 में निर्मित कैबो राजनिवास अगुआदा फोर्ट के सामने है। यहां वास्तुकला के बेहतरीन नमूने  देखे जा सकते हैं। गोवा में कई ऐसे किले हैं जिन्हें बाद के शासक संजो कर नहीं रख सके। इन्हीं में से एक है कैबो ऑफ रामा फोर्ट। यह किला अब लगभग वीरान रहता है। यहां पुर्तगालियों के किलों से अलग पुरातन भारतीय स्थापत्य कला का नजारा देखने को मिलता है। इनके अलावा चपोरा फोर्ट, मर्मोगांव फोर्ट, टेराकोल फोर्ट, गेट ऑफ द पैलेस ऑफ आदिल शाह, वायसराय आर्च प्रमुख हैं।

3). मीरामार समुद्र तट

मीरामार समुद्र तट अरब सागर और मंडोवी नदी के संगम से 1 किलोमीटर आगे स्थित है। यह गोवा की राजधानी पणजी से 3 किलोमीटर दूर डोना पाउला के रास्ते पर है। गोवा के मीरामार समुद्र तट को ‘गैस्पर डाया’ भी कहा जाता है।

गोवा में मीरामार समुद्र तट खाड़ी से शुरु होकर एम्राल्ड कोस्ट पार्कवे पर खत्म होता है। इस सुनहरे समुद्र तट के किनारों पर खजूर के पेड़ लगे हैं। इस तट की नर्म रेत इसे शाम में टहलने के लिए सबसे सही जगह बनाती है। पुर्तगाली भाषा में मीरामार का मतलब होता है ‘समुद्र को देखना’। सैलानी गोवा के मीरामार समुद्र तट से विशाल अरब सागर का नजारा ले सकते हैं।

4). मजोरदा समुद्र तट

मजोरदा समुद्र तट बोगमोला के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह गोवा के सबसे सुंदर तटों में से एक है और डाबोलिम हवाई अड्डे से 18 किलोमीटर की दूरी पर है। गोवा का मजोरदा समुद्र तट सड़क के बेहतरीन नेटवर्क के कारण मडगाव से भी जुड़ा है जिसमें बस, आॅटो रिक्शा और टैक्सी भी शामिल हैं।

गोवा के मजोरदा समुद्र तट का भारतीय पौराणिक कथाओं से भी करीबी नाता है। माना जाता है कि भगवान राम का बचपन में अपहरण हो गया था और उन्हें मजोरदा समुद्र तट ही लाया गया था। यह भी कहा जाता है कि भगवान राम अपनी पत्नी सीता को खोजते हुए आए थे। कहा जाता है कि इस तट के दक्षिणी भाग में स्थित काबो-डे-रामा में भगवान राम आए थे।

5). मोबोर समुद्र तट

रोमांच पसंद करने वाले सैलानियों के लिए मोबोर समुद्र तट एक आदर्श स्थान है। यह गोवा के सबसे लोकप्रिय तटों में से एक है जहां सैलानी कई रोमांचक खेलों, जैसे वाॅटर स्कीइंग, वाॅटर सर्फिंग, जेट स्की, बनाना और बम्प राइड और पैरासिलिंग का मज़ा लेते हैं। इस तट पर पूरे साल में कभी भी घूमने जाया जा सकता है, हालांकि यहां घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च तक का है।

गोवा में मोबोर समुद्र तट शहर का सबसे लोकप्रिय स्थल है। हर साल हजारों सैलानी इस तट पर पानी के खेल के मज़े लेने आते हैं। वास्तव में केवलोसियम-मोबोर पानी के खेलों के लिए मशहूर है।

6). कोल्वा समुद्र तट

कोल्वा समुद्र तट मडगाव से 6 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है और यह सबसे पुराना, बड़ा और और दक्षिण गोवा का सबसे शानदार समुद्र तट है। इस तट पर 25 किलोमीटर बारीक और सफेद रेत फैली है और इसके किनारों पर नारियल और खजूर के पेड़ हैं जो कि उत्तर में बोगमालो से लेकर दक्षिण में काबो-डि-रामा तक फैले हैं।

औपनिवेशिक दिनों में यह मडगाव के उच्च समाज के लिए आरामगाह का इलाका था। यह लोग सिर्फ हवा बदलने के लिए कोल्वा का दौरा करते थे। आज के समय में यह इलाका, जिसमें खूबसूरत घर और विला हैं उस उच्च वर्ग की विलासितापूर्ण जीवनशैली की याद दिलाता है।

7). अंजुना समुद्र तट

पणजी से 18 किलोमीटर दूर बर्देज़ तालुका में स्थित अंजुना तट अरब सागर के किनारे गोवा के पश्चिमी तट पर 30 किलोमीटर में फैली लंबी तटरेखा का एक हिस्सा है।

अंजुना गांव पांच वर्ग मील में इलाके में फैला है और अरब सागर और पहाड़ी के बीच समुद्र तट की ओर बसा है। यह तट अपनी प्राकृतिक सुंदरता, लहराते खजूर के पेड़ और नर्म सफेद रेत के लिए मशहूर है।

8). वर्का समुद्र तट

वर्का समुद्र तट गोवा के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यह गोवा के सबसे आकर्षक और खूबसूरत तटों में से एक है और बिनोलिम से 2 किलोमीटर की दूरी पर है। इस तट पर बड़ी संख्या में लकड़ी की नाव होती हैं जो शहर के मछुआरों की होती हैं।

गोवा में वर्का समुद्र तट अपनी नर्म सफेद रेत और सफाई के लिए मशहूर है। यह गोवा के सबसे साफ तटों में से एक है और सैलानी यहां एकांत में कुछ खास समय बिताते हैं।

9). सिंक्वेरियम समुद्र तट

गोवा का सिंक्वेरियम समुद्र तट पणजी से 13 किलोमीटर दूर स्थित है और बहुत खूबसूरत होने के साथ साथ गोवा के अन्य तटों के मुकाबले बहुत शांत है। यह लंबा और विस्तारित रेतीला क्षेत्र तट के साथ साथ दूर तक जाता है और लंबी चहलकदमी के लिए बिलकुल आदर्श है। चमकती रेत और ठंडे पानी के पैरों को छूने का अहसास शानदार है। यह तट रेत के शांत और खूबसूरत क्षेत्र का हिस्सा है और तैराकी के लिए आदर्श स्थान है। सैलानी इस तट पर इसकी शांति और सुंदरता के लिए आना पसंद करते हैं। गोवा का यह सुंदर सिंक्वेरियम समुद्र तट सबसे पुराने संरक्षित किये हुए तटों में से एक है। मशहूर अगोडा किला इसी तट के पास स्थित है। अगोडा किले का निर्माण पुर्तगालियों ने 17वीं सदी की शुरुआत में करवाया था। यह पुर्तगाली किला पुर्तगालियों ने खुद को किसी भी विदेशी हमले से बचाने और मंडोवी नदी से किसी भी तरह के घुसपैठियों का प्रवेश रोकने के लिए बनाया था।

10). वागातोर बीच

वागातोर बीच मापुसा रोड के पास उत्तर गोवा में राज्य की राजधानी पणजी से 22 किलोमीटर दूर स्थित है और यह गोवा के अन्य तटों के मुकाबले कम भीड़ वाला और अलग थलग स्थान है। इसमें शुद्ध सफेद रेत, काली लावा चट््टानें और नारियल और खजूर के लहलहाते पेड़ हैं। साथ ही इसकी पृष्ठभूमि में 500 साल पुराना पुर्तगाली किला है जो कि सैलानियों को प्राचीन पुर्तगाली युग की ओर ले जाता है। वागातोर का यह सफेद रेतीला तट बिग वागातोर बीच ‘लिटिल वागातोर’ के नाम से भी जाना जाता है और यह चपोरा किले की लाल प्राचीर को खूबसूरत नजारा देता है। इस बीच के दक्षिणी छोर पर अस्थायी कैफे की एक पंक्ति है जो छाया देने का काम करती है। यहां पर ज्यादातर इजरायीली लोगों की भीड़ होती है। अंजुना की तरह ही वागातोर भी शांत और तुलनात्मक रुप से अविकिसत है जो कि बजट यात्रियों को अपील करता है। यहां आवास सीमित हैं।

11). ओल्ड गोवा

ओल्ड गोवा पणजी में स्थित है. यह पुर्तगालीयों के समय उनकी राजधानी हुआ करता था। एशिया में सबसे अधिक चर्च और गिरिजाघर इसी जगह स्थित है। यहाँ की कुछ पुरानी बिल्डिंग को पुरातत्व विभाग ने संग्रहालय बना दिया है, इन संग्रहालय में गोवा के इतिहास को करीब से देखा जा सकता है। ओल्ड गोवा की सबसे प्राचीन और फेमस बिल्डिंग है ‘दी कान्वेंट’ और ‘चर्च ऑफ़ सेंट फ्रांसिस’ इसका निर्माण 1521 में हुआ था. यहाँ सेंट फ्रांसिस जेवियर के शरीर के अवशेष अभी भी संरक्षित करके रखे गए है। उनके पार्थिव शरीर को हर 10 साल में लोगों को दिखने के लिए सामने लाया जाता है. 2015 में ऐसा हुआ था।

12). मोरजिम बीच

मोरजिम बीच को लोकप्रिय तौर पर टर्टल बीच के नाम से भी जाना जाता हैै और यह उत्तर गोवा के परनेम में स्थित है। इस बीच में हरे भरे पर्यावरण के साथ एक सौम्य पथ भी है।

मोरजिम बीच इसलिए भी खास है क्योंकि यह लुप्तप्राय ओलिव रिडले कछुए का निवास और प्रजनन स्थान है। इस बीच पर दिखने वाले छोटे छोटे कछुए और केंकड़े आप का अनुभव यादगार बना देते हैं। इस बीच पर उथले पानी के कारण काईट सर्फिंग भी एक अन्य लोकप्रिय गतिविधि है।

13). बेटलबटीम बीच

सूर्यास्त देखना अपने आप में भाग्यशाली लोगों को ही नसीब होता है और अगर वो सूर्यास्त बेटलबटीम बीच का हो तो सुंदरता कल्पना से परे है। मजोरडा बीच के दक्षिण में स्थित बेटलबटीम बीच गोवा के सबसे सुंदर बीचों में से है। अपने शानदार सूर्यास्त के कारण इसे ‘सनसेट बीच आॅफ गोवा’ भी कहा जाता है। यह दूसरे तटों के मुकाबले ना सिर्फ ज्यादा शांत है बल्कि ज्यादा साफ सुथरा भी है। इस तट की शांति और इसका एकांत इसे ज्यादा आकर्षक और आमंत्रित बनाता है।

14). बागा बीच

गोवा प्राकृतिक आकर्षण से भरा एक स्वर्ग है और यह अपने मनमोहक समुद्र तटों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। चमचमाती रेत, आसमान छूते नारियल के पेड़, विशाल समुद्री लहरें और शानदार सी फूड, गोवा में कितना कुछ है देने के लिए। यहां कई आकर्षक बीच हैं और गोवा का नाम लेते ही दिमाग में सुपर रोमांचक बागा बीच का नाम आता है। जिस भी व्यक्ति को गोवा की खूबसूरती देखने का मौका मिला है वो मानता है कि बागा बीच सबसे रोमांचक बीच है।

15). बोंडला वन्य जीवन अभयारण्य गोवा

बोंडला वन्‍य जीवन अभयारण्‍य में हरियाली और सुंदर पहाडियों के निचले हिस्‍से हैं जो गोवा का सबसे छोटा वन्‍य जीवन आरक्षित स्‍थान है। बोंडला वन्‍य जीवन अभयारण्‍य लगभग 8 वर्ग किलो मीटर के हिस्‍से में फैला है। यह अभयारण्‍य सांभर, हिरण, गौर (भारतीय भैंसा), काले मुँह वाले लंगूर, भेड़िए और जंगली सुअर के अलावा अनेक जंतुओं का घर है।

16). अर्वलेम केव्स

अपने खूबसूरत तटों और झरनों के अलावा गोवा को मिली विरासत वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। गोवा एक प्राचीन राज्य है और इसकी वास्तुकला भी पुरानी है। गोवा में मौजूद ऐतिहासिक स्मारकों में सबसे खूबसूरत नमूना अर्वलेम केव्स या पांडव गुफाएं है। उत्तर गोवा के बिचोलिम शहर में स्थित यह गुफाएं प्राचीन चट््टानों को काटकर बनाई गईं थी जो कि हमें पौराणिक कहानियों को समझने का मौका देती हैं। इस गुफा की उत्पत्ति छठी सदी की है।

17). अर्वलेम झरना

चट्टानी पहाड़ी से आंधी की उछाल की तरह गिरता खूबसूरत झरना, यही अर्वलेम झरने की तस्वीर है। इसे हर्वलेम झरने के नाम से भी जाना जाता है और यह उत्तर गोवा में बिचोलिम से 9 किलामीटर दूर अर्वलेम में स्थित है। 70 मीटर की उंचाई से गिरता पानी सचमुच लुभावना नजारा है।

18). पलोलेम बीच

पलोलेम बीच दक्षिण गोवा के कानाकोना जिले में चैडी के 2 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। कुछ सालों पहले तक सैलानियों का इस बीच में आनाजाना नहीं था, लेकिन पिछले कुछ समय में यहां विकास हुआ और व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही सैलानियों की भीड़ होने लगी। कानाकोना के दक्षिणी तालुका में पश्चिमी घाट की पृष्ठभूमि में यहां से खूबसूरत सूर्यास्त और सूर्योदय देखा जा सकता है। पलोलेम बीच यहां आने वाले के मन में शांति भर देती है जो कि इस बीच की खासियत है।

19). गोवा के चर्च

गोवा के चर्च काफी लोकप्रिय हैं। गोवा में रहे लंबे पुर्तगाली राज के इतिहास के कारण यहां कई चर्च हैं। पूजा का स्थान होने के अलावा यह चर्च पिछले दिनों की खूबसूरत वास्तुकला का नमूना भी हैं। गोवा के कुछ लोकप्रिय चर्च हैं – सेंट कैथेड्रल चर्च, सेंट फ्रांसिस आॅफ असीसी, बेसिलिका आॅफ बाॅम जीसस, सेंट आॅगस्टीन चर्च और अन्य। गोवा आने वाले ज्यादातर सैलानी इन चर्च को देखते हैं।

20). अर्वलेम झरना

अर्वलेम झरना उत्तर गोवा मेें सिंक्वेलिम शहर से 2 किलोमीटर दूर स्थित है। 24 फीट उंचा यह झरना एक खूबसूरत पिकनिक स्पाॅट है। इस झरने को रुद्रेश्वर मंदिर की सीढि़यों से भी देखा जा सकता है। सरकार ने इस झरने के पास एक पार्क भी बनवा रखा है जिससे लोग इसकी खूबसूरती का आनंद ले सकें।

21). अगौड़ा किला

अगौड़ा किला गोवा के इतिहास का सबसे विशाल प्रतिनिधि है। इस किले का निर्माण 1612 में पुर्तगालियों ने मराठाओं और डच के हमले से बचने के लिए किया था। इस किले में ताजे पानी का एक झरना है जो इस जगह से गुजरने वाले लोगों की पानी की जरुरत को पूरा करता था। यह विशाल किला पुर्तगालियों के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का केंद्र था।

22). चपोली डेम

मडगांव से 40 किलोमीटर दूर स्थित चपोली डेम पहाड़ों से घिरी घाटी में स्थित होने के कारण प्राकृतिक आकर्षण से भरपूर है। यदि आपको मछली पकड़ना पसंद है तो यह ईको-टूरिस्ट स्पाॅट आपके लिए सही है।

23). महालक्ष्मी मंदिर

गोवा के बंडोरा गांव में महालक्ष्मी मंदिर स्थित है और यह देवी महालक्ष्मी को समर्पित है। इस मंदिर का खूबसूरत चैक इसका बड़ा आकर्षण है। इस मंदिर का निर्माण 1413 ईस्वी में हुआ था और देश भर से लोग इसे देखने आते हैं। नवरात्र का त्यौहार यहां खास उत्साह से मनाया जाता है।

24). मंगेशी मंदिर

पणजी से तक़रीबन 21 किमी दूर, गोवा के पोंडा तालुका में प्रिओल के मंगेशी गांव में मंगेशी मंदिर स्थित है। इस मंदिर के मुख़्य आराध्य श्री मंगेश हैं जिन्हें ‘मंगिरीश’ भी कहा जाता है। उन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है और यहाँ एक शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है। श्री मंगेश हिन्दू गौड़ सारस्वत ब्राह्मणों के कुलदेवता हैं। 450 वर्ष पुराने इस मंदिर का निर्माण अक्तूबर 1888 में प्रारम्भ हुआ और 1890 में समाप्त हुआ। इस मंदिर की वास्तुकला में मंदिर निर्माण की आधुनिक और परंपरागत हिन्दू शैली का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। इस मंदिर में अनेक गुम्बद, जंगले और भित्ति स्तम्भ हैं और सभा गृह 19 वीं शताब्दी के ख़ूबसूरत झूमरों से सुसज्जित है।

और अधिक लेख –

  • गोवा की जानकारी, रोचक तथ्य, इतिहास
  • उत्तराखंड के पर्यटन स्थल की जानकारी
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2 thoughts on “गोवा के पर्यटन व दर्शनीय स्थल | goa tourism place in hindi”.

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24.नम्बर पोइंट में मंगेशी मंदिर का मंदिर का निर्माण 1988 से शुरू हुआ और 1890 में समाप्त हुआ जो कि गलत है, …………….आप इस प्रकार की गलत भ्रान्तियां नहीं फेला सकते, यह एक दण्डनीय अपराध है । इसका सुधार करें ।

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धन्यवाद, गलती को बताने के लिए, सर जी लिखने में हर किसी से गलती होती हैं, पर ये अफराध नहीं हैं.

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Essay on India in Hindi : छात्र ऐसे लिख सकते हैं हमारे देश भारत पर निबंध

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  • Updated on  
  • अगस्त 30, 2024

Essay on India in Hindi

Essay on India in Hindi : भारत एक विविधतापूर्ण देश है जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इतिहास के लिए जाना जाता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी एक अरब से ज़्यादा है। भारत हिमालय पर्वतों से लेकर उष्णकटिबंधीय समुद्र तटों तक फैला हुआ है, जो इसकी भौगोलिक विविधता को दर्शाते हैं। यह देश विभिन्न धर्मों, भाषाओं और परंपराओं का घर है, जो विविधता में एकता का एक अनूठा मिश्रण है। आर्थिक रूप से, भारत ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष खोज और उद्योग में विश्व में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है। गरीबी और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत अपने सांस्कृतिक सार और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए हुए प्रगति और विकास की दिशा में प्रयास कर रहा है।

भारत देश के बारे में जानकारी इसके प्रत्येक छात्र को होनी चाहिए। छात्रों को कई बार निबंध प्रतियोगिता और कक्षाओं में Essay on India in Hindi दिया जाता है और आपकी मदद के लिए कुछ सैंपल इस ब्लॉग में दिए गए हैं। 

This Blog Includes:

भारत पर 100 शब्दों में निबंध, भारत पर 200 शब्दों में निबंध, प्रस्तावना , भारत का इतिहास, भारत का भूगोल और संस्कृति, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और अन्य प्रतीक, भारत की नदियां  , भारत का भोजन, भारत की भाषाएं, भारत के त्यौहार, भारत की अनेकता में एकता, उपसंहार , भारत पर 10 लाइन – 10 lines essay on india in hindi.

भारत के लोग अपनी ईमानदारी और विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं। विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के लोग एक साथ शांतिपूर्वक रहते हैं। हिंदी भारत की एक प्रमुख भाषा है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों के लोग कई अन्य भाषाएँ भी बोलते हैं। भारत एक खूबसूरत देश है जहाँ कई महान व्यक्तियों ने जन्म लिया और उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की। भारतीयों के द्वारा अतिथियों को ‘अतिथि देवों भव:’ की उपाधि दी जाती है। दूसरे देशों से आने वाले आगंतुकों का गर्मजोशी से स्वागत किया जाता है। भारत में सनातन धर्म (जीवन का एक प्राचीन दर्शन) का पालन किया जाता है, जो विविधता में एकता बनाए रखने में मदद करता है।

 भारत कई प्राचीन स्थलों, स्मारकों और ऐतिहासिक धरोहरों का घर है जो दुनिया भर से आगंतुकों को आकर्षित करते हैं। यह अपनी आध्यात्मिक प्रथाओं, योग और मार्शल आर्ट के लिए प्रसिद्ध है। विभिन्न देशों के कई तीर्थयात्री और भक्त भारत के प्रमुख मंदिरों, स्थलों और ऐतिहासिक विरासतों की सुंदरता का अनुभव करने के लिए आते हैं।

भारत का एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है और इसे प्राचीन सभ्यता का जन्मस्थान माना जाता है। यह तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय के कारण शिक्षा का एक केंद्र रह चुका है, इसने इतिहास में दुनिया भर के छात्रों को अपने विश्वविद्यालयों में आकर्षित किया है। अपनी अनूठी और विविध संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाने वाला भारत विभिन्न धर्मों के लोगों से प्रभावित है। भारत के धन वैभव को चुराने के लिए इस पर कई आक्रमण हुए। कई साम्राज्यों ने इसे गुलाम बनाने के लिए भी प्रयोग किया। कई स्वतंत्रता सैनानियों के प्रयासों और बलिदानों की बदौलत भारत को 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी। 

हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, जिस दिन हमारी मातृभूमि आजाद हुई थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद, भारत में कई लोग गरीब हैं। रवींद्रनाथ टैगोर, सर जगदीश चंद्र बोस, सर सी.वी. रमन और डॉ. होमी जे. भाभा जैसी असाधारण हस्तियों की बदौलत देश लगातार प्रौद्योगिकी, विज्ञान और साहित्य में आगे बढ़ है। भारत एक शांतिपूर्ण देश है जहाँ लोग अपने त्यौहारों को खुलकर मनाते हैं और अपनी सांस्कृतिक परंपराओं का पालन करते हैं। कश्मीर को अक्सर धरती पर स्वर्ग के रूप में वर्णित किया जाता है। भारत प्रसिद्ध मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, नदियों, घाटियों, उपजाऊ कृषि भूमि और सबसे ऊँचे पहाड़ों का घर है।

भारत पर 500 शब्दों में निबंध

भारत पर 500 शब्दों में निबंध (500 Words Essay on India in Hindi) नीचे दिया गया है –

भारत एक अद्भुत देश है जहाँ लोग कई अलग-अलग भाषाएँ बोलते हैं। यहाँ विभिन्न जातियाँ, पंथ, धर्म और संस्कृतियाँ निवास करती हैं, फिर भी सभी लोग एक साथ सद्भाव से रहते हैं। यही कारण है कि भारत “विविधता में एकता” कहावत के लिए प्रसिद्ध है। भारत दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश भी है।

भारत का इतिहास और संस्कृति समृद्ध है और मानव सभ्यता के उदय के बाद से ही विकसित हुई है। विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी सभ्यता भारत में थी। इसकी शुरुआत प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता और दक्षिण भारत में शुरुआती कृषि समुदायों से हुई। समय के साथ, भारत ने विभिन्न संस्कृतियों के लोगों का निरंतर एकीकरण देखा। साक्ष्य बताते हैं कि शुरुआती दौर में, लोहे और तांबे जैसी धातुओं का उपयोग व्यापक था, जो महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। चौथी सहस्राब्दी ईसा पूर्व के अंत तक, भारत एक अत्यधिक उन्नत सभ्यता के रूप में विकसित हो चुका था।

भारत दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। इसे हिंदुस्तान और आर्यावर्त के नाम से भी जाना जाता है। यह तीन तरफ से महासागरों से घिरा हुआ है: पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण में हिंद महासागर। भारत का राष्ट्रीय पशु ‘ बाघ’ है, राष्ट्रीय पक्षी ‘ मोर’ है और राष्ट्रीय फल ‘ आम’ है। भारत का राष्ट्रगान जन गण मन है, और राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है। भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म और यहूदी धर्म सहित विभिन्न धर्मों के लोग सदियों से भारत में एक साथ रहते आए हैं। भारत अपनी समृद्ध विरासत के लिए भी जाना जाता है, जिसमें स्मारक, मकबरे, चर्च, ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर, संग्रहालय, प्राकृतिक सुंदरता, वन्यजीव अभयारण्य और प्रभावशाली वास्तुकला शामिल हैं।

भारतीय ध्वज तिरंगे में तीन रंग हैं: केसरिया, सफ़ेद और हरा। सबसे ऊपर का रंग केसरिया पवित्रता का प्रतीक है। बीच का रंग सफ़ेद शांति का प्रतीक है। सबसे नीचे का रंग हरा उर्वरता का प्रतीक है। सफ़ेद पट्टी के बीच में एक नीला अशोक चक्र है, जो 24 तीलियों वाला पहिया है जो कानून और न्याय के चक्र का प्रतीक है। बंगाल टाइगर राष्ट्रीय पशु है, जो शक्ति और शालीनता का प्रतिनिधित्व करता है। मोर यहां का राष्ट्रीय पक्षी है, जो शालीनता, सुंदरता और शान का प्रतीक है। ऐतिहासिक रूप से फील्ड हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है, जो खेल में देश की उपलब्धियों का प्रतिनिधित्व करता है।

भारत में कई प्रमुख नदियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक का सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व है। गंगा हिमालय से निकलती है और उत्तरी भारत से होकर बांग्लादेश में बहती है। यह हिंदू धर्म में सबसे पवित्र नदी मानी जाती है और लाखों लोगों के लिए पीने, कृषि और धार्मिक प्रथाओं के लिए महत्वपूर्ण है। यमुना हिमालय में यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली गंगा की एक प्रमुख सहायक नदी है। यह दिल्ली और आगरा से होकर बहती है और अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए महत्वपूर्ण है। 

ब्रह्मपुत्र तिब्बत में निकलती है और बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले असम और भारत के अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से होकर बहती है। यह नदी अपने विशाल बेसिन और कृषि क्षेत्र के लिए जानी जाती है। सिंधु नदी का उद्गम तिब्बत में है और भारत से होते हुए यह पाकिस्तान में भी बहती है। कृष्णा नदी पश्चिमी घाट में उत्पन्न होती है और पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती है। दक्षिणी भारत में सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है। कावेरी नदी पश्चिमी घाट में उत्पन्न होती है और दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी में बहती है। कर्नाटक और तमिलनाडु के दक्षिणी राज्यों में कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। महानदी छत्तीसगढ़ राज्य में उत्पन्न होकर पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में बहती है। क्षेत्र में सिंचाई और प्रमुख बांधों के लिए महत्वपूर्ण है। नर्मदा नदी सतपुड़ा रेंज से पश्चिम की ओर अरब सागर में बहती है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और नर्मदा घाटी परियोजना के लिए जानी जाती है। ताप्ती नदी सतपुड़ा रेंज से पश्चिम की ओर अरब सागर में बहती है। यह क्षेत्र की कृषि और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।

भारतीय भोजन अपनी समृद्ध विविधता और जीवंत स्वादों के लिए प्रसिद्ध है। यह देश की विशाल सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विविधताओं को दर्शाता है। भारत के भोजन में मसालों, जड़ी-बूटियों और सामग्रियों की एक विस्तृत श्रृंखला है जो जटिल और सुगंधित व्यंजन बनाती है। उत्तर की मसालेदार करी से लेकर दक्षिण के तीखे और नारियल आधारित व्यंजनों तक, भारतीय व्यंजन सभी के लिए कुछ न कुछ प्रदान करते हैं। लोकप्रिय व्यंजनों में बिरयानी, डोसा, समोसे और विभिन्न प्रकार की ब्रेड जैसे नान और रोटी शामिल हैं। भारतीय भोजन में गुलाब जामुन और जलेबी सहित कई तरह की मिठाइयाँ भी शामिल हैं। भोजन का आनंद अक्सर अचार, रायता और चटनी जैसी कई तरह की चीजों के साथ लिया जाता है। यह पाक विविधता भारतीय भोजन को देश की सांस्कृतिक विरासत का एक जीवंत और अभिन्न अंग बनाती है।

भारत एक भाषाई रूप से विविधतापूर्ण देश है, जिसके विशाल विस्तार में बोली जाने वाली भाषाओं की समृद्ध विविधता है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त भाषाएँ हैं। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 आधिकारिक असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू है। प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अलग भाषा या बोली होती है, जो उसकी सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है। देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, जबकि सरकारी और कानूनी उद्देश्यों के लिए अंग्रेजी एक सहयोगी आधिकारिक भाषा के रूप में कार्य करती है। कन्नड़, पंजाबी और गुजराती जैसी क्षेत्रीय भाषाएँ भी अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। बहुभाषावाद भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और भाषा और क्षेत्रीय पहचान के बीच के संबंधों को भी।उजागर करता है। भाषा भारत के सामाजिक ताने-बाने का एक महत्त्वपूर्ण पहलू बन जाती है।

भारत अपने जीवंत और विविध त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्रमुख त्योहारों में दिवाली है यह रोशनी का त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली वसंत के अपने रंगीन और हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव के लिए जानी जाती है। ईद दावतों और प्रार्थनाओं के साथ रमजान माह के अंत को चिह्नित करती है। नवरात्रि देवी दुर्गा का सम्मान करने वाला नौ रातों का त्योहार है। अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों में क्रिसमस, पोंगल और दुर्गा पूजा शामिल हैं। ये त्यौहार भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाते हैं, जो लोगों को हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव, दावत और विभिन्न पारंपरिक अनुष्ठानों में एक साथ लाते हैं।

विविधता में एकता भारत की एक परिभाषित विशेषता है, जहाँ अनेक संस्कृतियाँ, भाषाएँ, धर्म और परंपराएँ सौहार्दपूर्वक सह-अस्तित्व में हैं। अपने लोगों के बीच भारी मतभेदों के बावजूद, भारत विभिन्न जातीयताओं और मान्यताओं के जीवंत ताने-बाने के रूप में खड़ा है। यह देश एक साझा राष्ट्रीय पहचान से एकजुट है। यह सिद्धांत देश के विविध त्योहारों के उत्सव, विभिन्न सांस्कृतिक प्रथाओं के प्रति सम्मान और विभिन्न क्षेत्रीय परंपराओं में दिखाई भी देता है। भारत की ताकत अपनेपन और साझा उद्देश्य की भावना को बढ़ावा देती है। विविधता में यह एकता भारत के सामाजिक सामंजस्य को बढ़ाती है और इसकी समृद्ध विरासत में योगदान देती है।

भारत एक ऐसा अद्भुत देश है जिसमें संस्कृतियों, जातियों, पंथों और धर्मों का एक समृद्ध मिश्रण है,ह अपनी विरासत, मसालों और इसे अपना घर कहने वाले लोगों के लिए प्रसिद्ध है। विविधता और एकता का यह मिश्रण ही है जिसकी वजह से भारत को अक्सर एक ऐसे स्थान के रूप में वर्णित किया जाता है जहाँ विविधता में एकता पनपती है। भारत आध्यात्मिकता, दर्शन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध है।

भारत पर 10 लाइन (10 Lines Essay on India in Hindi) यहां दी गई हैं –

  • भारत या एशिया में एक प्रायद्वीपीय देश है। भारत देश तीन तरफ से पानी से घिरा हुआ है।
  • अन्य देशों की तुपना में कुल क्षेत्रफल के मामले में भारत दुनिया का 7वां सबसे बड़ा देश है।
  • भारत की जनसंख्या लगघग 1.4286 बिलियन है। यह चीन की 1.4257 बिलियन की तुलना में दुनिया में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है।
  • झारत कर पश्चिमी भाग में अरब सागर, दक्षिणी भाग में हिंद महासागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी है।
  • भारत देश का उत्तरी भाग पहाड़ों से ढका हुआ है। हिमालय दुनिया की की प्रसिद्ध पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है।
  • भारत में कई छोटी-बड़ी नदियाँ बहती हैं। नदियों में गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी आदि प्रमुख हैं। 
  • भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा है। तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरा रंग है। इसके बीच में अशोक चक्र बना हुआ है जिसमें 24 तीलियां हैं।
  • भारत का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक का सिंह स्तंभ है। इसके नीचे लिखा सत्यमेव जयते है जिसका अर्थ है सत्य की ही जीत होती है।
  • भारत का राष्ट्रगान जन गण मन है। राष्ट्रगान की रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। राष्ट्रगान को गाने में 52 सेकेंड लगते हैं। 
  • भारत का राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम है जिसकी रचना बंकिम चंद्र चटर्जी के द्वारा की गई थी।

संसदीय प्रणाली वाली प्रभुता संपन्न समाजवादी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य जिसमें 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश।

ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन (लगभग 1757-1947) के दौरान, ब्रिटिश भारतीय उपमहाद्वीप को “इंडिया” कहते थे। यह शब्द सिंधु नदी से लिया गया था, जो ब्रिटिश भारत की पश्चिमी सीमा को चिह्नित करती थी। ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासन ने आधिकारिक नाम के रूप में “इंडिया” का इस्तेमाल किया।

दुनिया भर में भारत विविधता में एकता का प्रतिनिधि है। भारत विभिन्न संस्कृतियों, जातियों, पंथों, धर्मों की भूमि है; अनेक मतभेदों के बावजूद हम सौहार्दपूर्वक रहते हैं। भारतीय शांतिप्रिय हैं और संकट के समय लोगों की मदद के लिए आगे आते हैं। हम “अतिथि देवो भव” के आदर्श वाक्य में विश्वास करते हैं, जिसका अर्थ है कि हमारे मेहमान हमारे भगवान हैं और हमारे देश में आने वाले पर्यटकों के प्रति विशेष रूप से सहायक और दयालु हैं। हमारा देश एक जीवंत देश है जो मेहनती लोगों, समृद्ध वनस्पतियों और जीवों और एक अद्भुत विरासत का घर है। मेहनती नागरिकों का प्रमाण, भारत धीरे-धीरे और लगातार दुनिया की महाशक्तियों में से एक बन रहा है।

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  6. भारत में पर्यटन पर निबंध। Essay on Tourism in Hindi

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  7. पर्यटन

    पर्यटन. गीज़ा पिरामिड ( Giza Pyramids ), कायरो ( Cairo ), मिस्र. क्विंटाना रू ( Cancun) में कानकुन ( Quintana Roo ). मैक्सिको अमेरिका ( America) में दूसरा सबसे बड़ा देश है ...

  8. पर्यटन का फायदा नुकसान Advantages & Disadvantages of Tourism

    पर्यटन का महत्त्व Importance of Tourism in Hindi. पर्यटन कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा हम प्राचीन भारतीय ग्रंथों से लगा सकते हैं। बड़े-बड़े ऋषि मुनियों और विद्वानों ...

  9. भारत में पर्यटन विकास

    Tourism Development in India / भारत में पर्यटन विकास : उपलब्धियाँ और चुनौतियांँ - Full Essay 2019 in Hindi | भारत में पर्यटन विकास पर निबंध |. आधार-बिंदु : 1. एक पर्यटन ...

  10. पर्यटन: भारतीय परिप्रेक्ष्य में (निबन्ध)

    पर्यटन उगैर उसका महत्त्व | Essay on The Importance of Tourism in Hindi ; भारत में पर्यटन व्यवसाय पर निबंध | Essay on Tourism Business in India in Hindi

  11. भारत में पर्यटन पर निबंध, Essay On Tourism in India in Hindi

    भारत में पर्यटन पर निबंध हिंदी, Essay On Tourism in India in Hindi. पर्यटन दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला उद्योग है। यह एक ऐसा उद्योग है जो ...

  12. पर्यटन के लाभ पर निबंध

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  13. भारत में पर्यटन परिदृश्य

    भारत में पर्यटन परिदृश्य. 06 Nov 2020. 10 min read. टैग्स: सामान्य अध्ययन-III. दीपों का त्योहार दीपावली आने वाली है। भारत की होली और दीवाली पूरे विश्व ...

  14. पर्यटन का महत्व पर निबंध

    पर्यटन का महत्व पर निबंध - Essay on importance of tourism in Hindi. January 31, 2024 by admin. पर्यटन का महत्व पर निबंध: पर्यटन एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र है जो ...

  15. पर्यटन उगैर उसका महत्त्व

    पर्यटन उगैर उसका महत्त्व | Essay on The Importance of Tourism in Hindi! पर्यटन का महत्त्व प्रत्येक देश में स्वीकार किया जा चुका है । पाश्चात्य जगत् के प्रख्यात विचारक मांटेन का ...

  16. भारत में पर्यटन

    भारत में पर्यटन सबसे बड़ा सेवा उद्योग है, जहां इसका राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.23% और भारत के कुल रोज़गार में 8.78% योगदान है। भारत ...

  17. भारत में पर्यटन क्षेत्र का भविष्य

    भारत की समृद्ध विरासत और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए व्यंजन पर्यटन (Cuisine Tourism) की एक बेजोड़ विविधता भारत के 'सॉफ्ट पावर' को बढ़ाने और ...

  18. भारत में पर्यटन का महत्व

    भारत में पर्यटन का महत्व। (Importance of Tourism in India in Hindi.) July 4, 2023 September 18, 2022 by Shubham keshri Share & Help Each Other

  19. पर्यावरण और पर्यटन पर निबंध

    पर्यावरण और पर्यटन पर निबंध | Here is an essay on 'Environment and Tourism' for class 8, 9, 10, 11 and 12. Find ...

  20. पर्यटन का महत्व पर निबंध Essay on importance of tourism in hindi

    Essay on importance of tourism in hindi deshatan essay in hindi-दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं पर्यटन पर हमारे द्वारा लिखित निबंध इस निबंध के जरिए आप पर्यटन के महत्व ...

  21. Best 10 Essay on Travelling in Hindi for Students

    यात्रा पर निबंध | Best 10 Essay on Travelling in Hindi for Students. mohd Nafees मार्च 8, 2022 1 min read Write a Comment. Essay on Travelling in Hindi: इस लेख में आप 1000 शब्दों में छात्रों और बच्चों के लिए यात्रा ...

  22. गोवा के पर्यटन व दर्शनीय स्थल

    गोवा के पर्यटन स्थल सूचि - Goa Tourist Places in Hindi. 1). कंडोलिम समुद्र तट. गोवा राज्य में पणजी से 14 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित कंडोलिम तट अरब सागर ...

  23. Essay on My trip in Hindi : 'मेरी यात्रा' पर छात्र ऐसे लिखें निबंध

    100 शब्दों में Essay on My trip in Hindi इस प्रकार हैः. 'जब मैं कक्षा 5 में था, हम प्रसिद्ध हिल स्टेशन ऋषिकेश की स्कूल यात्रा पर गए थे। मेरी माँ ने मेरी ...

  24. Essay on India in Hindi : छात्र ऐसे लिख सकते हैं हमारे देश भारत पर

    Essay on India in Hindi : भारत एक विविधतापूर्ण देश है जो अपनी समृद्ध ...