जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

आप इस पोस्ट में जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi पढेंगे। साथ ही पानी बचाने के आवश्यकताओं और उपायों के बारे में भी हमने विस्तार से बताया है। यह लेख हमें जल के महत्व को समझाता है। इसको हमने स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए 1500+ शब्दों मे लिखा है।

आईये शुरू करते हैं – जल संरक्षण पर निबंध हिन्दी में

Table of Contents

प्रस्तावना Introduction

ईश्वर ने हमें पांच महत्वपूर्ण तत्व दिए हैं जल, वायु, अग्नि, आकाश, और पृथ्वी। कभी कल्पना की है कि इन पांच तत्वों में से एक तत्व ना रहे तो क्या होगा? जी हाँ ! हर एक तत्व का एक अलग महत्व है जिसमे से जल का एक बहुत ही अनमोल महत्व है। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी ‘जल ही जीवन है’।

जल संरक्षण क्या है? What is Conservation of Water in Hindi?

स्वच्छ और पेयजल का व्यर्थ बहाव ना करते हुए उसको सही तरीके से उपयोग में लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं। जल के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। 

पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी है जिसका 96.5 प्रतिशत नमकीन या समुद्री पानी है और मात्र 3.5 प्रतिशत ही पीने लायक पानी है। इससे यह साफ़ पता चलता है कि आने वाले वक्त में मनुष्य के लिए जल का कितना बड़ा अभाव होने वाला हो। इसलिए हमें आज से ही जल संरक्षण का कार्य शुरू करना होगा।

जल संरक्षण का काम किसी नेता या सरकारी संस्थान का काम नहीं है। इसे हमें घर-घर से शुरू करना होगा। अगर हम शुरू करेंगे तो धीरे-धीरे हमें देख कर हमारे आसपास के लोग और आने वाली पीढ़ी भी सीखेंगे।

जल संरक्षण का महत्व Importance of Water Conservation in Hindi

हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है। पृथ्वी पूरे ब्रह्मांड में मात्र एक ऐसा ग्रह है जहां पानी और जीवन आज की तारीख तक मौजूद है।

पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़- पौधे, जीव- जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।

आईये एक-एक करके जानते हैं हमें जल संरक्षण की ज़रुरत क्यों है?

जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है? Why to Conserve Water in Hindi?

  • मनुष्य जल के बिना जीवित नहीं रह सकता है। यह पानी बचाने का सबसे बड़ा कारण है।
  • शहरी क्षेत्रों में लोगों को पानी की बहुत किल्लत होती है। इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है और बढती जनसंख्या है। परन्तु जिस प्रकार आज सरकार ने पानी का बिल लेना शुरू कर दिया है और बाजारों में पीने का पानी तेज़ी से बिक रहा है यह साफ़ पता चलता है की पेयजल में तेज़ी से कमी आ रही है।
  • पीने का पानी कम होने के कारण लोग अशुद्ध पानी का सेवन कर रहे हैं जिसके कारण मनुष्य को बड़ी-बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • बड़े-बड़े किसान अधिक लोभ के कारण ज्यादा-ज्यादा से बोरेवेल खुदवा रहे हैं जिससे वे भू-जल का ज्यादा भाग गर्मियों के महीने में कृषि के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसका सीधा असर पृथ्वी के जल स्तर पर पड़ रहा है और कुछ वर्षों की अच्छी खेती के बाद उनकी धरती बंजर होते जा रही है।
  • मनुष्य को पानी की आवश्यकता हर क्षेत्र में है जैसे पीने, भोजन बनाने, स्नान करने, कपड़े धोने, फसल उगाने, आदि के कार्य में।
  • जल की कमी से प्रकृति का संतुलन बुरी तरह से बिगड़ते जा रहा है जो पृथ्वी के हर जीव को संकट की और लेते जा रहा है।

जल संकट के कारण Reasons of Water Crisis in Hindi

  • हमारे देश में औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और खनिज संपदा का बड़ी मात्राओं में विद्रोहन तथा कल कारखानों के विषैले रासायनिक अवशिष्टओ का उत्सर्जन होने से जल संकट निरंतर बढ़ रहा है इससे ना तो खेती-बाड़ी के लिए पर्याप्त पानी मिल पा रहा है और ना ही पेयजल की आपूर्ति हो पा रही है।

जल संकट के प्रभाव Effects of Water Crisis in Hindi

जल संकट के कारण तालाब सरोवर एवं कुएं सूख रहे हैं, नदियों का जलस्तर घट रहा है और जमीन का जलस्तर भी लगातार कम होते जा रही है, जिसके कारण अनेक प्रकार के जीव जंतु एवं पादपों का अस्तित्व मिट गया है, खेतों की उपज घट गई है और वन भूमि सूख रही है तथा धरती का तापमान लगातार बढ़ते जा रहा है। इस तरह से जल संकट का दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है।

जल संरक्षण के उपाय How to Conserve Water in Hindi?

  • फ़ैक्टरी व कारख़ानों से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित किया जाना चाहिए जिससे वह अशुद्ध पानी, शुद्ध पानी के जल स्रोतों से ना मिल जाये।
  • समरसेबल पंप से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है। हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना की हमें जरूरत है।
  • सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए पानी की टंकियों को ऑटोमेटिक करना चाहिए जिससे शुद्ध जल की बर्बादी ना हो सके।
  • हम सभी को जागरूक नागरिक की तरह जल संरक्षण का अभियान चलाते हुए बच्चों और महिलाओं में जागरूकता लानी होगी। स्नान करते समय हमें शावर टब का प्रयोग ना करके बाल्टी में पानी लेकर नहाना चाहिए जिससे हम बहुत जल बता सकते हैं।
  • रसोई में जल की बाल्टी या टब में बर्तन साफ करें तो पानी बहुत बचाया जा सकता है।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू किये जाने जाने चाहिए।
  • गांव कस्बों और नगरों में छोटे बड़े तालाब बनाकर वर्षा जल का संरक्षण किया जाए।
  • नगरों और महानगरों में घरों कि नालियों में पानी को गड्ढा बनाकर एकत्रित किया जाए और पेड़ पौधे की सिंचाई के काम में लाया जाए तो साफ पानी की बचत की जा सकती है।
  • यदि प्रत्येक घर के छत पर वर्षा जल का भंडार करने के लिए एक या दो टंकी बनाया जाए और उन्हें मजबूत जालिया फिल्टर कपड़े से ढक दिया जाए तोहर नगर में जल संरक्षण किया जा सकेगा।
  • घरों मुहल्लों और सार्वजनिक पार्कों स्कूलों अस्पतालों दुकानों मंदिरों आदि में नली की टोटियां खुली या  टूटी रहती है, तो अनजाने ही प्रतिदिन हजारों लीटर जल बेकार हो जाता है। इस बर्बादी को रोकने के लिए नगर पालिका एक्ट में टोंटियों की चोरी को दंडात्मक अपराध बनाकर, जागरूकता भी बढ़ानी होगी।
  • विज्ञान की मदद से आज समुद्र के खारे जल को पीने लायक बनाया जा रहा है। गुजरात के आदि नगरों और प्रत्येक घर में पीने के जल के साथ-साथ घरेलू कार्यों के लिए खारे जल का प्रयोग करके शुद्ध जल का संरक्षण किया जा रहा है। इसे बढ़ावा देना चाहिए।
  • गंगा तथा यमुना जैसी बड़ी नदी की सफाई करना बहुत जरूरी है। बड़ी नदियों के जल का शोधन करके पेयजल के रूप में प्रयोग किया जा सके। शासन प्रशासन को लगातार सक्रिय रहना होगा।
  • जंगलों को काटने से हमें दोहरा नुकसान हो रहा है। पहला यह कि वाष्पीकरण ना होने से वर्षा नहीं हो पाती है तथा भूमिगत जल सूख जाता है। बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिकीकरण के कारण जंगल और वृक्षों के अंधाधुन काटने से भूमि की नामी लगातार कम होते जा रही है, इसीलिए वृक्षारोपण लगातार किया जाना चाहिए।
  • पानी का दुरुपयोग हर स्तर पर कानून के द्वारा प्रचार माध्यमों से प्रचार करके तथा विद्यालयों में पर्यावरण प्रदूषण की तरह जल संरक्षण विषय को अनिवार्य रूप से पढ़ाकर रोका जाना जरूरी है। अब समय आ गया है कि केंद्रीय और राज्यों की सरकारों जल संरक्षण को नए विषय बनाकर प्राथमिक से उच्च स्तर तक नई पीढ़ी को बताने का कानून बनाएं।

जल संरक्षण पर 10 लाइन 10 lines on Conservation of Water in Hindi

  • स्वच्छ  और पेयजल का व्यर्थ बहाव न करते हुए उसको सुनिश्चित तरीके से उपयोग मे लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं।
  • हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए।
  • धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है।
  • पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़ पौधे, जीव जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें।
  • हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।
  • पेयजल की कमी होने से लोग इसका उपयोग कम से कम करें। शुद्ध जल कम होने के कारण लोगों को बड़ी बड़ी बीमारियां शुरू हो जाएगी।
  • धरती के अंदर जल का स्तर कम होने से धरती बंजर होने लगेगी और धीरे-धीरे करके चटकना शुरू कर देगी जो भूकंप जैसे हालातों को बढ़ावा देती है।
  • फैक्ट्री व कारखाने से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित कर दिया जाना चाहिए, जिससे साफ पानी गंदा ना हो।
  • समरसेबल पंपों से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है, हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना हमें जरूरत है।

निष्कर्ष Conclusion

अंत में बस में कहूँगी –

जल है तो जीवन है और जीवन है तो पर्यावरण है पर्यावरण से धरती है और धरती से हम सब हैं

जल को जीवन का आधार मानकर समाज में नई जागृति लाने का प्रयास किया जाए। अमृत जल जैसा जनजागरण किये जाए। जल चेतना की जागृति लाने से जल संचय एवं जल संरक्षण की भावना का प्रयास होगा तथा इससे धरती का जिवन सुरक्षित रहेगा।

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi) आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से बताइये और हमारे साथ जुड़े रहें।

2 thoughts on “जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi”

Fantastic and very nice

Very very fantastic essay on conservation of water

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जल बचाओ जीवन बचाओ पर निबंध (Save Water Save Life Essay in Hindi)

पृथ्वी पर जीवन के लिए जल का होना बहुत ही आवश्य है क्योंकि जल भी वायु के तरह ही मानव जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है। सभी जीवित जीव फिर चाहे वह मनुष्य हो या फिर दूसरे जीव-जन्तु हो या पेड़ पौधे सभी अपने जीवन के लिए ताजे पानी पर निर्भर करते हैं। इसी जल बचाओ पृथ्वी बचाओ विषय पर हमने आप के लिए छह निबंध तैयार किये हैं, जोकि आपके काफी काम आयेंगे। इसके साथ ही इन निंबधों में जल संरक्षण के तरीकों और आवश्यकता के विषय में भी बताया गया है। इन निबंधों को तैयार करते वक्त इसमें हमें जल सरक्षण की आवश्यकता क्यों है? तथा जल संरक्षण के लिए चलाये जाने वाले अभियान, जल संरक्षण का महत्व जैसे विषयों को ध्यान में रखा है।

जल बचाओ जीवन बचाओ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Essay on Save Water Save Life in Hindi, Jal Bachao Jivan Bachao par Nibandh Hindi mein)

आप अपनी आवश्यकता अनुसार जल बचाओ जीवन बचाओ विषय पर दिये गये इन निबंधो का उपयोग कर सकते हैं। इन निबंधो के माध्यम से हमने जल के महत्व, जल संरक्षण क्यों आवश्यक है, जल का क्या महत्व है, जल संरक्षण जागरुकता के लिए कौन से विभिन्न तरीके है, जल सरंक्षण के क्या तरीके है, जीवन के रक्षा के लिए जल कैसे बचाये, हमें जल बचाने की आवश्यकता क्यों है, जल को जीवन क्यों कहा जाता है, जल संरक्षण अभियान क्या है जैसे प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास किया है।

जल के महत्व पर निबंध 1 (200 शब्द)

वायु के बाद जल वह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है जो पृथ्वी पर जीवन के लिए सबसे आवश्यक है। पीने के अलावा जल का कपड़े धोने, खाना बनाने, साफ-सफाई करने जैसे अन्य कई कार्यों के लिए भी उपयोग किया जाता है। पानी मनुष्यों और जीव-जन्तुओ के साथ ही पेड़-पौधों के लिए भी बहुत ही आवश्यक है। जल जैसी हमारी यह महत्वपूर्ण प्राकृतिक संपदा कृषि के साथ ही उद्योगों के लिए भी बहुत ही आवश्यक है।

जल का महत्व

पृथ्वी पर जीवन के शुरुआत से ही जल एक बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन रहा है और यहीं कारण है कि विश्व की सभी प्रमुख सभ्यताओं का उदय नदियों के किनारे ही हुआ है। भारत के कई बड़ो शहरों के विकास में नदियों का काफी बड़ा योगदान रहा है क्योंकि नदियों के रास्ते परिवहन का कार्य काफी सुगमता से हो जाता है। आज के समय में वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन की संभवनाओं की तलाश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां पानी का कुछ जमा हुआ अंश और वायु में नमी मिली है। इस विषय की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम कहीं भी जल द्वारा ही जीवन की संभवना की परिकल्पना करते है, यहीं कारण है कि जल को जीवन भी कहा गया है।

पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए भी जल काफी महत्वपूर्ण है, जैसे कि समुद्र से वाष्पित हुआ पानी, वायु में मिलकर बादल बन जाता है। जब बादल समुद्र से मैदानी इलाकों में पहुंच कर ठंडा होता है तो यह पानी में बदल जाता है और वर्षा के रुप में नदियों तथा जल स्त्रोतों को भर देता है।

जल बचाओ जीवन बचाओ :  जल संरक्षण के महत्व पर निबंध 2 (300 शब्द)

जल बचाओ जीवन बचाओ का यह नारा अब हमारे लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय बन चुका है। यह तो हम सब जानते है कि पृथ्वी पर जीवन के लिए जल भी वायु के समान ही काफी आवश्यक है लेकिन इस विषय में सबसे चिंता की बात यह है कि पृथ्वी पर स्वच्छ ताजे पानी की मात्रा दिन-प्रतिदिन घटती ही जा रही है। पानी के कमी के कारण विश्व भर में सूखा, कई तरह की बीमारियां, प्राकृतिक प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही है परन्तु इस विषय की सबसे दुखद बात यह है कि लोग अभी भी जल संरक्षण के महत्व को लेकर पूर्ण रुप से जागरुक नही हो रहे है।

जल संरक्षण का महत्व

प्रकृतिक चक्र पूर्ण से जल पर निर्भर करता है क्योंकि जबतक जल वाष्प बनकर वायु में नही मिलेगा तब तक वर्षा नही होगी। जिसके कारण फसलें खराब हो जायेंगी और इसकी सबसे बुरी बात यह होगी की इसके कारण सूखे की समस्या भी उत्पन्न हो जायेगी। प्रत्येक जीवित व्यक्ति चाहे फिर वह मनुष्य हो, जानवर हो या फिर पेड़-पौधे सभी को पानी की आवश्यकता होती है और हमारे द्वारा यह पानी सिर्फ पीने के लिए ही नही उपयोग किया जाता है बल्कि की कपड़े धोने, पोछा लगाने, खाना पकाने और कृषि कार्यों तथा पावर प्लाटों  जैसे औद्योगिक कार्यों में भी उपयोग किया जाता है।

भारत के कई सारे क्षेत्रों में ताजे पानी की उपलब्धता या तो बहुत कम है या फिर बिल्कुल ही नगण्य है। इन जगहों पर लोगों को अपने दैनिक कार्यों के लिए पानी लाने के लिए मीलों दूर तक जाना पड़ता है। पीने का यह पानी सभी जीवित व्यक्तियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है और यदि हमने अभी भी इसके संरक्षण को लेकर कार्य नही किया तो आने वाले समय में हमारे अस्तित्व पर भी संकट आ जायेगा।

शहरीकरण में जल का उपयोग

ज्यादेतर शहर नदियों के किनारे बसे होते हैं क्योंकि प्रत्येक उद्योग को विभिन्न प्रकार के उत्पादन के लिए जल की आवश्यकता होती है, फिर चाहे वह कपड़ा बनाने का कार्य हो, धोने का कार्य हो, ठंडा करने का कार्य हो या फिर घोलने का हर काम में पानी की आवश्यकता होती ही है। इसके अलावा जल का सबसे बड़ा उपयोग बिजली बनाने में भी किया जाता है।

पृथ्वी पर मौजूद असंख्य प्राकृतिक संसाधन जल के सहायता से ही निर्मित होते है, ताजा और पीने का पानी हमारा सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है जो हमारे स्वस्थ्य जीवन को बरकरार रखता है। बिना जल सरंक्षण किये, पृथ्वी पर जीवन को अब और नही बचाया जा सकता है, इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि हम जल संरक्षण के कार्यों को लेकर और भी संजीदा हो, ताकि हमारे ग्रह पर जीवन ऐसे ही फलता-फूलता रहे।

जल बचाओ पृथ्वी बचाओ : जन जागरुकता पर निबंध – 3 (400 शब्द)

पृथ्वी के सभी जीवों के लिए जल एक बहुमूल्य संपदा है और इसके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। यह कहना काफी दुखद है कि भले ही पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी से ढंका हुआ हो लेकिन फिर भी हमारे ग्रह से दिन-प्रतिदिन पीने का स्वच्छ पानी समाप्त होता जा रहा है। यहीं कारण है कि कई सारे देशों में जल बचाओ जीवन बचाओ जैसे विषय को लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों और सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है।

जन जागरुकता लाने के लिए उठाये जा सकने वाले विभिन्न कदम

वर्तमान समय में लोग जल संसाधनों में कमी, गिरते भूजल स्तर, सूखे और वर्षाजल संरक्षण जैसे विषयों को लेकर कई तरह की बाते कर रहे है। इसमें सबसे बड़ा मुद्दा भूजल संसाधनो के दोहन का है, जोकि आज के समय में एक वैश्विक समस्या बन गया है। हमें हमेशा से ही बताया जाता है कि पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ लेकिन इसमें से मात्र 3.5 प्रतिशत ही ताजा पानी है, जिसका हम सेवन कर सकते है बाकि का जल समुद्री पानी के रुप में मौजूद है। जिसका हम प्रत्यक्ष रुप से सेवन नही कर सकते है।

इस समस्या को सुलझाने के लिए हमें सभी लोगों में सामाजिक जागरुकता लाने की आवश्यकता है क्योंकि आज के समय में पूरा विश्व ही जल रिक्तिकरण की इस समस्या से जूझ रहा है।

  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रत्येक वर्ष 22 मार्च के दिन “विश्व जल दिवस” मनाया जाता है, इसके अंतर्गत लोगों को ताजे पानी के संसाधनो के प्रबंधन के विषय में समझाया जाता है।
  • भारत सरकार भी जल संसाधनों के सही संरक्षण और प्रबंधन को लेकर लोगों में कई सारे जन जागरुकता अभियान चला रही है।
  • भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा इस मुद्दे पर लोगों को जागरुक करने के लिए कई सारे विभाग बनाये गये हैं। इसके अलावा इस कार्य के लिए मंत्रालय भी है, जिसका नाम ‘पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय’ है जो गंगा तथा अन्य नदियों के सफाई का कार्य करती है।
  • केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा भी भूजल संरक्षण, वर्षा जल संग्रहण और कृत्रिम पुनरभरण को लेकर कई सारे कार्यक्रम चलाये जाते है।
  • आध्यत्मिक गुरु “श्री जग्गी वासुदेव” ने लोगों में “रैली फार रीवर” जैसे अभियान चलाकर लोगों में जागरुकता लाने का प्रयास किया है। उन्होंने नदीयों को फिर से जीवंत करने के लिए नदियों के किनारे कम से कम एक किलोमीटर तक पेड़ लगाने का सुझाव दिया है। इसी तरह सरकारी भूमि या फिर कृषि भूमि के किनारे भी पेड़ लगाये जा सकते है। इसे तरह से लगाये गये यह पेड़ सुनिश्चित करेंगे कि हमारी नदियों को पूरे साल नम मिट्टी उपलब्ध हो। यह बाढ़, सूखे के कारण होने वाले मिट्टी के कटाव को भी कम करेगा जो कि अंततः किसानों की आय में वृद्धि करेगा।

हम सभी को अपने जीवन में जल के इस महत्व को समझना होगा क्योंकि इसके कमी के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याएं बहुत ही गंभीर होंगी। इस विषय को लेकर सरकार और कई सारे एनजीओ भी लोगों में जागरुकता फैलाने का कार्य कर रहें है। इसीलिए हमारे ग्रह पर उपलब्ध यह जल बहुत ही बहुमूल्य है और हमें इसे किसी प्रकार से व्यर्थ नही करना चाहिए।

जल संरक्षण करो जीवन बचाओ निबंध – 4 (500 शब्द)

ग्लोबल वार्मिंग के कारण उत्पन्न हुई सबसे बड़ी समस्या भारी मात्रा में जल का ह्रास होना है और इसका एक दूसरा मुख्य कारण जल का दुरुपयोग करना भी है। आज के समय में यह काफी जरूरी है कि हम जल बचाओ जीवन बचाओ जैसे वाक्य के अर्थ को समझे। ताजा पानी हमारे उन तमाम जरूरतों में से सबसे मुख्य है, जो हमारे स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है।

जल संरक्षण करने के क्या – क्या तरीके हैं?

पृथ्वी पर भंयकर सूखे जैसे जल संकट को टालने के लिए हमसब को जल का कम से कम और अच्छे तरीके से उपयोग करना होगा। इस निबंध में हमने इस बात पर प्रकाश डालने की कोशिश की है जल संरक्षण कैसे किया जाय, जिससे की वातावरण की सुदंरता को ऐसे ही बरकरार रखा जा सके। अगर इन बातों पर हम गंभीरतापूर्वक गौर करेंगे तो हमें पता चलेगा कि यह कार्य कोई बहुत मुश्किल नही है। सर्वप्रथम हमें इसकी शुरुआत अपने दैनिक कार्यों से करनी होगी।

हमारे युवा पीढ़ी को “जल बचाओ पृथ्वी बचाओ” के इस फार्मूले को अच्छे से समझने की आवश्यकता है। अगर हम चाहें तो अपने छोटे-छोटे कार्यो द्वारा सैकड़ो गैलन पानी बचा सकते है। ऐसे ही कुछ तरीकों के विषय में यहां बताया गया है, जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में अपना सकते है।

  • हमें अपने दैनिक गतिविधियों के दौरान थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए जैसे कि हांथ धोते वक्त, मंजन करते वक्त, दाढ़ी बनाते वक्त पानी के नल को बंद कर देना चाहिए। ऐसा करके हम लदभग 160 गैलन पानी प्रतिमाह बचा सकते है।
  • नहाने के समय फुहारे के जगह बाल्टी तथा मग का इस्तेमाल करके भी हम काफी मात्रा में पानी बचा सकते है।
  • पौधों को दोपहर के जगह सुबह और शाम के समय पानी देना पानी बचाने के कार्य में एक अच्छा उपाय साबित हो सकता है, इसके साथ ही बरसात के मौसम में वृक्षारोपड़ करके हम पौधे लगाते समय खर्च होने वाले पानी को काफी कम कर सकते है।
  • हमें अपने घरों में किसी तरह के पानी के लीकेज को तत्काल रुप से ठीक कराना चाहिए, ताकि इससे होने वाली पानी की बर्बादी को रोका जा सके।
  • कार धोने के लिए पाईप के इस्तेमाल से काफी मात्रा में पानी नष्ट हो जाता है, इसलिए हमें इसके स्थान पर बाल्टी का उपयोग करना चाहिए।
  • वाशिंग मशीन और डिश वाशर का उपयोग करते समय हमें उन्हें पूर्ण रुप उनके अधिकतम क्षमता का उपयोग करना चाहिए तभी इनके द्वारा हम पानी का के बर्बादी को रोक सकते है।
  • अपने घरों में पानी के पुनरावृत्ति के लिए हमें हमेशा सही फैसला लेना चाहिए ताकि हमेशा जल संरक्षण के इस कार्य को किया जा सके और सही मात्रा में पानी को बचाया जा सके।

जल संरक्षण एक ऐसा कार्य है, जिसके द्वारा हम प्रकृति के साथ ही अपने भविष्य को भी सुरक्षित कर सकते है। जैसा कि हम जानते है पृथ्वी पर दिन-प्रतिदिन पानी का स्तर गिरता जा रहा है, जिसके कारण पर्यावरण भी काफी बुरे तरीके से प्रभावित होता जा रहा है। यह हमारे लिए काफी सहायक होगा यदि हम जल संरक्षण और जल की शुद्धता बनाये रखने के तरीकों के विषय में सीख ले। इसके द्वारा ना सिर्फ हम अपने जीवनस्तर में सुधार लायेंगे बल्कि अपने आने वाले पीढ़ीयों का भविष्य भी सुनिश्चित कर पायेंगे।

हमारे ग्रह पर उपलब्ध वर्तमान जल के स्थिति को देखते हुए, हमें जल का एक-एक कतरा बचाने की आवश्यकता है। जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे ग्रह का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है लेकिन इसमें से मात्र 3.5 प्रतिशत ही ताजा पानी है, जोकि हमारे पीने के लिए उपयुक्त है। इसलिए यह काफी आवश्यक है कि हम पानी की महत्वता को समझे और इसके संरक्षण के लिए प्रयास करें ताकि भविष्य में हमारे आने वाले पीढ़ीयों तक भी स्वच्छ जल की उपलब्धता बनी रहे।

जल बचाओ जीवन बचाओ और पृथ्वी बचाओ पर निबंध – 5 (600 शब्द)

पृथ्वी पर उपलब्ध सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से जल सबसे प्रमुख है क्योंकि इसका उपयोग मनुष्य, जीव-जन्तु, पेड़-पौधे जैसे सभी जीवित जीवों द्वारा किया जाता है। हमें हमारे हर दैनिक कार्य के लिए पानी की आवश्यकता होती है और इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नही कर सकते है। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने जैसे सभी कार्यों के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही हमें कृषि, उत्पादन उद्योगों, विभिन्न प्रकार के रसायन उद्योगों, पावर प्लांट तथा कई अन्य औद्योगिक कार्यों के लिए पानी की आवश्यकता पड़ती है। परन्तु दुर्भाग्य से विश्व भर में पानी के कमी की समस्या विश्व भर में बढ़ती जा रही है।

जल बचाओ जीवन बचाओ पृथ्वी बचाओ

पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवों के लिए जल सबसे जरूरी वस्तु है। सभी जीवों को सुरक्षित और स्वस्थ जीवन के लिए पानी की आवश्यकता होती है। जैसे-जैसे जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जल का उपयोग भी बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा शहरीकरण के कारण पेड़ो की संख्या भी तेजी से घटती जा रही है, जिसके कारण प्रदूषण, कई क्षेत्रों में सूखे, फसलों के नुकसान और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं में तेजी से वृद्धि होती जा रही है। इसलिए यह वह समय है जब हमें जल संरक्षण के कार्यों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि जीवन और पृथ्वी को भी बचाया जा सके।

पानी की कमी

हमने विश्व के विभिन्न भागो में पानी के कमी के कई सारी खबरें सुनी है। यहां हम बतायेंगे की आखिर पानी की कमी क्या और कैसे होती है। यह वह समस्या होती है जब स्वच्छ और ताजे पानी की काफी कमी हो जाती है। कुछ तथ्यों से पता चला है कि विश्व की एक तिहाई आबादी जो लगभग 2 अरब के करीब है, उसे वर्ष में करीब एक महीने पानी के कमी जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। इसके साथ ऐसा अनुमान है कि लगभग 50 करोड़ लोगों को पूरे वर्ष पानी के कमी का सामना करना पड़ता है। अब इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि साउथ अफ्रीका का केपटाउन शहर विश्व का वह पहला बड़ा शहर होगा जहां जल्द ही पानी खत्म हो जायेगा।

पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है, लेकिन फिर भी ऐसा क्यों है कि हमारे उपर यह गंभीर जल संकट मंडरा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि विश्व का लगभग 96.5 प्रतिशत पानी समुद्री पानी के रुप में मौजूद है, जोकि खारा होता है और हमारे सेवन के लिए उपयुक्त नही है, मात्र 3.5 प्रतिशत जल ही जो भूजल, ग्लेशियर, नदियों और झीलों के रुप में उपलब्ध है सिर्फ वहीं हमारे सेवन योग्य है। आबादी बढ़ने के कारण पानी के यह प्राकृतिक संसाधन तेजी से खत्म होते जा रहे है और इसके साथ ही पानी की बर्बादी, तेजी से हो रहे औद्योगिकरण और शहरीकरण के कारण जल का यह संकट और भी गहराता जा रहा है। भारत के कुछ हिस्सों तथा कुछ अन्य देशों में लोग पानी के गंभीर संकट से जूझ रहे है। जिसके कारण इन स्थानों पर सरकार को पानी के टैंकर द्वारा पानी उपलब्ध करवाना पड़ रहा है। भारत में 1951 से 2011 के बीच में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता लगभग 70 प्रतिशत तक घट चुकी है तथा सन् 2050 तक इसमें 22 प्रतिशत और कमी होने की संभावना है।

विश्व जल दिवस

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 22 मार्च के दिन को “विश्व जल दिवस” घोषित किया गया है, ताकि लोगों को ताजे पानी के महत्व और पृथ्वी पर इसके समाप्ति से उत्पन्न होने वाले समस्याओं के विषय मे समझाया जा सके। सन् 2018 के इस वर्ष में विश्व जल दिवस का थीम ‘प्रकृति के लिए जल’ रखा गया है, जिसका अर्थ 21 सदी में होने वाली पानी के समस्या के प्राकृतिक उपाय खोजने से है।

जल हमारा वह सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है, जिसकी जरूरत हर जीवित व्यक्ति को होती है। यदि हम कहते हैं कि जल ही जीवन है तो इसमें कुछ भी गलत नही है। इसलिए हमें जल संरक्षण पर बल देने की आवश्यकता है ताकि इसके द्वारा जीवन और पृथ्वी को भी बचाया जा सके। पीने योग्य पानी का अर्थ उस तरह के पानी के उपलब्धता से है जो हमारे पीने के लिए सुरक्षित और उपयुक्त हो। इसके साथ ही हमें अपने पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने तथा ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से निपटने के लिए भी हमें जल संरक्षण के विषय पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि स्वच्छ जल की गुणवत्ता ऐसे ही बने रहे तथा वह किसी प्रकार के रसायनों तथा कचरों से भी मुक्त रहे।

जल बचाओ जीवन बचाओ पर निबंध – 6 (1000 शब्द)

जैसा कि हम सब जानते है कि वायु के बाद जल हमारे ग्रह के सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है। जल हमारे जीवनयापन के लिए काफी महत्वपूर्ण है, इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नही कर सकते हैं। हम सब जानते है कि पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग समुद्रों, महासागरों, नदियों और ग्लेशियरों के रुप में जल से ढका हुआ है लेकिन इसमें से मात्र 1 प्रतिशत ही मानव उपयोग के लिए उपयुक्त है।

जल ना सिर्फ मनुष्यों के जीवन के लिए आवश्यक है बल्कि की पृथ्वी पर मौजूद लगभग सभी प्रजातियां इस पर निर्भर करती है अगर इसे जैविक रुप से देखा जाये तो पानी में ऐसे कई गुण होते हैं जो वस्तुओं के साथ प्राकृतिक अभिक्रियाएं करती है। पृथ्वी पर उपस्थित लगभग सभी प्राणी अपने जीवन के लिए जल पर निर्भर है और जल की दिन-प्रतिदिन होती जा रही कमी तथा कई सारी प्रजातियों की इस पर निर्भरता को देखते हुए यह काफी आवश्यक है कि हम जल संरक्षण पर ध्यान दे।

जल ही जीवन है

जल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमारे जीवनयापन के लिए बहुत ही आवश्यक है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है और यदि हमें पृथ्वी पर जीवन को बनाये रखना है तो इस बात में कोई संदेह नही है की हमें जल को भी बचाना होगा। हम पानी ना सिर्फ पीते हैं बल्कि की अपने दूसरे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में भी इसे उपयोग में लाते है जैसे कि स्नान, खाना पकाने में, कपड़े धोने में, बागवानी और अन्य कई कार्यों में भी इसका दैनिक रुप से उपयोग करते है।

पृथ्वी पर उपस्थित पेड़-पौधे और जीव-जन्तु भी पूर्ण रुप से पानी पर निर्भर करते है और इसकी कमी इनके भी वृद्धि और विकास को प्रभावित करेगी जिससे पूरा पर्यावरण तंत्र और खाद्य श्रृंखला प्रभावित हो जायेगा। इसलिए यह काफी आवश्यक है कि हम पानी की बचत करके इसके पर्याप्त उपलब्धता को बनाये रखें ताकि पृथ्वी पर जीवन इसी प्रकार से फलता-फूलता रहे।

जल संरक्षण की आवश्यकता

विश्व के कई सारे हिस्से कम वर्षा के कमी और भूजल के गिरते स्तर के कारण पानी की भयंकर कमी से जूझ रहे है। कई सारे स्थानों पर भूजल या तो दूषित हो चुका है या फिर वर्षा के कमी के कारण उसकी पुनःपूर्ति नही हो पायी है। इन सभी कारणों से कई क्षेत्रों में पानी की कमी दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

औद्योगिकरण और शहरीकरण के जैसे वजहों से भूजल के कमी में वृद्धि हुई है क्योंकि तेजी से होते विकास के कारण पानी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रति 9 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति तथा लगभग 84.4 करोड़ लोगो आज भी शुद्ध पानी उपलब्ध नही हो पाया है। इन आकड़ों को देखने से पता चलता है कि अगर पानी की यह समस्या ऐसे ही बनी रही तो भविष्य में आने वाले इस गंभीर जल संकट को टाला नही जा सकता है। इसके लिए हमें अभी से प्रयास करते हुए जल संरक्षण के कार्य शुरु कर देने चाहिए ताकि इस महत्वपूर्ण संसाधन को हम अपने भविष्य के पीढ़ियों के लिए भी बचा सके।

जल संरक्षण की पहल

जल संरक्षण एक ऐसी पहल है, जिसका मकदस लोगों को जल संरक्षण के विषय में जागरुकता फैलाना तथा उन्हें जल के महत्व के विषय में बताना है ताकि लोग भविष्य के लिए इसका संरक्षण कर सके। जल संरक्षण अभियान लोगो को इस बात का अहसास दिलाता है कि हमारे पृथ्वी के लिए जल कितना महत्वपूर्ण है, जिससे की हम भविष्य के लिए इसका संरक्षण कर सके। जल संरक्षण अभियान के द्वारा लोगो को इस बात का ज्ञान दिया जाना चाहिए की स्वच्छ और साफ पानी के स्त्रोत काफी सीमित है और उनका अत्यधिक उपयोग करने पर वह समाप्त हो जायेंगे, जोकि मानव अस्तित्व के लिए भी संकट पैदा कर देगा।

हालांकि पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है, लेकिन प्रत्यक्ष रुप यह पानी से हमारे उपयोग के लिए उपयुक्त नही है। इसलिए हमारे पास पृथ्वी पर जो भी स्वच्छ पानी मौजूद है, हमें जितना हो सके उसका उतने अच्छे से उपयोग करना चाहिए। यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि अपने आने वाली पीढ़ीयों के सुरक्षा के लिए जल संरक्षण का कार्य करे।

अगर हम जीवन को बनाये रखने के लिए हर जगह ताजे पानी की उपलब्धता चाहते है तो हमें आज से जल संरक्षण के आदतों को अपना लेना चाहिए तभी आगे चलकर हम जल की उपलब्धता को बरकरार रख पायेंगे और सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भी स्वच्छ जल उपलब्ध करा पायेंगे।

जल बचाओ जीवन बचाओ

जैसा कि हम सब जानते है कि जल ही जीवन है इसीलिए हर तरह का जीवन इसपर निर्भर करता है लेकिन आज भी भारत में 21 प्रतिशत बीमारियां गंदे पानी के उपयोग से पैदा होती है और साफ पानी की कमी के कारण यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। आज भी भारत में लगभग 16.3 करोड़ लोगों को पीने का सवच्छ और सुरक्षित पानी नही उपलब्ध है, जोकि तमाम तरह के बीमारियां को बढ़ाने के साथ ही घातक होता जा रहा है।

बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए हम इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि आने वाले समय में पीने के साफ पानी की मांग भी बढ़ेगी। यदि भारत का प्रत्येक नागरिक प्रतिदिन 1 लीटर पानी भी बचायेगा तो यह एक बड़ा बदलाव ला सकता है। आपका बचाया हुआ 1 लीटर यह पानी उस बच्चे को एक नया जीवन दे सकता है, जिसके पास पीने के स्वच्छ पानी की सुविधा नही है। इसके साथ ही आपके द्वारा बचाया हुआ पानी सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए भी बहुत सहायक होगा। आप अपने इन छोटे कदमों द्वारा कई लोगों के जीवन में बड़े बदलाव आ सकते हैं।

जल सरंक्षण कैसे करें? (पानी कैसे बचाये)

यह तो हम सब ही जानते हैं कि जल, जीवन के समतुल्य है और यदि हम चाहते हैं कि पृथ्वी पर मानव जीवन बना रहे तो हमें जल बचाने के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। इसी विषय में नीचे कुछ तरीके बताये गये हैं, जिनका पालन करके हम और भी अच्छे से जल संरक्षण कर सकते हैः

  • दाढ़ी बनाते समय और मंजन करते समय जब उपयोग ना हो तो पानी के नलों को अच्छे से बंद कर दे।
  • ऐसे फ्लशिंग सिस्टम का उपयोग किजिए, जो पानी की खपत कम करता हो।
  • नहाने के लिए फुहारे का उपयोग कम किजिए, इसके जगह मग और बाल्टी का उपयोग किजिए।
  • सिचाईं के लिए पानी भराई प्रणाली की जगह ड्रिप इरीगेशन प्रणाली का उपयोग किजिए।
  • अपने बगानों में शाम के समय पानी का छिड़काव करें और इसमें जरुरत से ज्यादे पानी की इस्तेमाल ना करें।
  • सार्वजनिक स्थलों पर खुले हुए पानी के नलों को बंद कर दे और यदि ऐसा ना हो पाये तो तात्कालिक रुप से इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को अवश्य दें।
  • अपने घरों और क्षेत्रों में वर्षाजल संरक्षण तंत्र की स्थापना करवायें।
  • आरओ फिल्टर से निकले हुए खराब पानी को व्यर्थ ना करें बल्कि की इसका उपयोग पौधों को सींचने और कपड़े धोने में करे।
  • टंकियों में पानी भरकर बहने से बचाने के लिए फ्लोट वाल्व लगवायें।

जल जीवन का आधार है, उदाहरण के लिए यदि आप किसी बर्तन में कुछ दिन के लिए पानी रख देंगे तो कुछ दिन बाद उसमें से कुछ ना कुछ अवश्य उग जायेगा। यह इस बात को प्रमाणित करता है कि आखिर किस प्रकार से जल जीवन के स्थापना में सहयोग करता है। चाहे वह मनुष्य हो, जीव-जन्तु हो या फिर पेड़-पौधे सभी का जीवन जल पर टिका हुआ है। यदि पानी उपलब्ध ना हो तो किसी प्रकार प्रकार के जीव के लिए थोड़े समय तक भी जिंदा रह पाना मुश्किल होगा। पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान जीव होने के कारण हम मनुष्यों की यह जिम्मेदारी है कि हम किसी प्रकार से भी पानी की बर्बादी ना करें ताकि पृथ्वी पर हर तरह का जीवन बना रहे, जिससे हमारे ग्रह का पर्यावरण संतुलन इसी प्रकार से बना रहे।

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save water essay hindi

जल संरक्षण पर निबंध | Essay on Water Conservation in Hindi

by Meenu Saini | Nov 23, 2023 | Hindi | 0 comments

Essay on Water Conservation in Hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Water Conservation (जल संरक्षण ) for classes 1 to 12

जल संरक्षण  पर निबंध – इस लेख में हम जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है, जल संरक्षण के क्या लाभ हैं, जल को बचाने के लिए हमें क्या करना चाहिए के बारे में जानेंगे। पृथ्वी का 70% भाग पानी से ढका हुआ है लेकिन इसका अधिकांश भाग समुद्र में मौजूद है, जो खारा है। इससे हमें ताजे पानी के लिए महासागरों के अलावा अन्य स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है।  जल की प्रत्येक बूँद हमारे लिए कीमती है। इसे बचाने का प्रयास किया जाना चाहिए। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में जल संरक्षण पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में जल संरक्षण  पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • जल संरक्षण पर 10 लाइन  10 lines
  • जल संरक्षण पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • जल संरक्षण पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • जल संरक्षण पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • जल संरक्षण पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

जल संरक्षण पर 10 लाइन 10 lines on Water Conservation in Hindi

  • जल संरक्षण का अर्थ है – जल के प्रयोग को घटाना एवं सफाई, निर्माण एवं कृषि आदि के लिए अवशिष्ट जल का पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) करना।
  • हमारी पृथ्वी का 71% भाग जल से घिरा हुआ है जिसमें से केवल 1.6% जल ही मानव के प्रयोग करने लायक है। 
  • पृथ्वी के के सभी जीवित प्राणियों के लिए पानी बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे बचाना और संरक्षित करना अनिवार्य है। 
  • सूखा, कॉन्टेमिनेशन तथा प्रदूषण के कारण हर साल पीने योग्य पानी की कमी होती जा रही है।
  • भारत में कई ऐसे क्षेत्र है जहाँ पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है।
  • अगर आज हमने जल का संरक्षण नहीं किया तो आने वाली भावी पीढ़ियां स्वच्छ पानी के लिए तरस जायेंगी।
  • बरसात के पानी को जमा करके उसका उपयोग करने से स्वच्छ जल बचाने में मदद मिल सकती है।
  • प्रत्येक व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में कुछ परिवर्तन करके जल संरक्षण कर सकते है, जैसे अनावश्यक पानी का इस्तेमाल कम करके।
  • इसके अलावा, टूटे-फूटे नलों से बहते अनावश्यक पानी की बर्बादी को रोक कर पीने योग्य पानी बचाया जा सकता है।
  • पानी को दूषित होने से बचाने के लिए कारखानों से निकलने वाले हानिकारक तत्वों को नदियों में मिलने से रोक कर किया जा सकता है।

Short Essay on Water Conservation in Hindi जल संरक्षण  पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

जल संरक्षण पर निबंध – जल जीवन का आधार है। जल न हो तो हमारे जीवन का आधार ही समाप्त हो जाएगा। इसलिए हमारे धरती पर जल की सीमित उपलब्धता को देखते हुए जल का संरक्षण करना अनिवार्य हो जाता है।

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के लिए जल बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए जल को बचाना और उसका संरक्षण करना बहुत जरूरी है। जैसे जैसे जनसंख्या बढ़ रही है वैसे वैसे पानी की माँग भी बढ़ रही है। पीने के लिए, नहाने के लिए,  खाना बनाने के लिए, साफ-सफाई के लिए तथा अन्य कामों के लिए पानी मनुष्य की सबसे प्राथमिक और प्रमुख आवश्यकता बन गई है। इसलिए, जल संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाना जरूरी है। जैसे अनावश्यक पानी की बर्बादी को रोक कर तथा वर्षा जल को जमा करके और उसके उपयोग के माध्यम से।

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के अस्तित्व के लिए पानी बेहद जरूरी है, इसलिए पानी को बचाना और इसे संरक्षित करना अनिवार्य है। बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ पानी की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। पीने, नहाने, खाना पकाने, सफाई और अन्य विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी की आवश्यकता मनुष्य के लिए सर्वोपरि आवश्यकता बन गई है। नतीजतन, जल संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाना जरूरी है। हम घर पर पानी की खपत के बारे में जागरूक होकर पानी की कमी को रोक सकते हैं और इस मूल्यवान संसाधन का संरक्षण कर सकते हैं। इसमें कम देर तक नहाना, ब्रश या शेव करते समय नल बंद रखना और अनावश्यक पानी का उपयोग कम करना शामिल है। इसके अलावा, वर्षा जल को इकट्ठा करना और इस जल को पौधों को पानी देने या स्वच्छता जैसी गतिविधियों के लिए में शामिल करके जल संरक्षण प्रयासों में और योगदान दे सकते है। 

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

जल है तो कल है। यह कथन अतिशयोक्ति नहीं है, क्योंकि पानी के बिना पृथ्वी पर किसी का भी जीवित रहना असंभव है। पानी व्यक्ति के जीवन के सभी पहलुओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इसके बिना कई गतिविधियाँ पूरी नहीं की जा सकतीं। यह सब बाते जानते हुए भी व्यक्ति इसे बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। हमारी पृथ्वी का 71% भाग जल से घिरा हुआ है जिसमें से केवल 1.6% जल ही मानव के प्रयोग करने लायक है। और यह भी जल धीरे-धीरे घटता जा रहा है या दूषित होता जा रहा है। भारत के कई राज्यों में स्वच्छ जल की कमी है। लोगों को कई मील दूर जाकर अपने लिए पानी का इंतजाम करना पड़ता है। कई स्थानों पर प्रकृति के इस अमूल्य उपहार को खरीद कर प्रयोग किया जाता है। यह सब देखते हुए प्रकृति की इस धरोहर को बचाने और धरती पर जीवन कायम रखने के लिए कई देश जल संरक्षण पर काम भी कर रहे हैं। जीवन जीने के लिए जल और वह भी स्वच्छ जल बहुत ही आवश्यक है। इसलिए हमें जल का दुरुपयोग करने से बचना चाहिये। हमें जितनी आवश्यकता हो उतना ही पानी लेना चाहिए और पानी की एक-एक बूँद को बचाकर जल संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। 

जल संरक्षण पर निबंध/ अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 300 शब्दों में

पृथ्वी पर सभी जीव के जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण करना बहुत जरूरी है, क्योंकि बिना जल के जीवन जीना संभव नहीं है। पूरे ब्रह्मांड में एक अपवाद के रूप में पृथ्वी पर जीवन चक्र को जारी रखने में पानी बहुत मदद करता है क्योंकि यह मनुष्यों द्वारा अपनी दैनिक दिनचर्या में उपयोग किया जाने वाला बहुमूल्य संसाधन है। इसलिए, प्रत्येक व्यक्ति को जल संरक्षण को प्राथमिकता देना और भावी पीढ़ियों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की गारंटी देना अनिवार्य है। हमारी पृथ्वी का तीन-चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है। फिर भी इतना जल होते हुए भी उनमें से केवल कुछ ही प्रतिशत प्रयोग करने लायक होता है। इस तीन-चौथाई जल का 97 प्रतिशत जल खारा होता है जो मनुष्यों द्वारा प्रयोग करने लायक नहीं है। सिर्फ 3 प्रतिशत जल उपयोग में लाने लायक है। इस 3 प्रतिशत में से 2 प्रतिशत जल तो धरती पर बर्फ और ग्लेशियर के रूप में है और बाकी का बचा हुआ एक प्रतिशत जल ही पीने लायक है। यह भी जल धीरे-धीरे कम होता जा रहा है या प्रदूषित होता जा रहा है। हमें यह भी मालूम है कि देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जो सूखे से ग्रस्त हैं अर्थात जहाँ बारिश कम होती है या होती ही नहीं अथवा जहाँ नदियों का अभाव है और ऐसे स्थानों पर लोग पानी के लिए तरसते हैं। लोगों को कई मील दूर जाकर अपने लिए पानी का इंतजाम करना पड़ता है तथा कई स्थानों पर लोग इसकी कमी के कारण या दूषित जल के प्रयोग के कारण ही मर जाते हैं। जल के बिना तो पेड़ पौधे, पशु-पक्षी सभी प्रभावित होते है। इसलिए, इन सब बातों को ध्यान में रखकर प्रत्येक व्यक्ति को पानी की कीमत को समझना चाहिए और इसे बचाने का हर संभव कोशिश करना चाहिए और साथ में जल का संरक्षण करने के लिए लोगों के बीच जागरूकता भी फैलाना चाहिए ताकि लोग पानी की एक-एक बूँद को बचाना सीख जाए।

Jal sanrakshan par Nibandh Hindi Essay 

 जल संरक्षण (water conservation)  par nibandh hindi mein.

जल संरक्षण पर निबंध   – जल मनुष्य की सबसे प्राथमिक और प्रमुख आवश्यकताओं में से एक है। हमारी पृथ्वी का 71% भाग जल से घिरा हुआ है जिसमें से केवल 1.6% जल ही मानव के प्रयोग करने लायक है। 

जल एक अनवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन है, अर्थात इसको पुनः किसी भी तरह से बनाया नहीं जा सकता अब आपको यह पता ही चल गया होगा की हमारे पास केवल 1.6% ही जल है और दिन प्रतिदिन साल दर साल यह मात्रा कम ही हो रही है। 

मानव जल का बेहद ही लापरवाह तरीके से प्रयोग करता है वह यह तो जानता है कि पृथ्वी पर पीने योग्य पानी बेहद ही सीमित मात्रा में है लेकिन इसके बावजूद प्रयोग करने से ज्यादा इस पानी को बिना वजह बहा देता है और तो और बरसात के पानी को भी ऐसे ही बहने देता है। 

क्या आपको पता है कि अगर हम बरसात के पानी और प्रयोग करने वाले पानी का संरक्षण करें तो हम जल की इस सीमित मात्रा में वृद्धि कर सकते हैं तथा अपने आगे आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित कर सकते हैं। 

इस जल संरक्षण के निबंध में हम आज की सबसे जटिल समस्याओं में से एक जल संरक्षण के विषय पर कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को साँझा करेंगे। 

जल संरक्षण एक ऐसा विषय है जिस पर आपको किसी भी कक्षा में निबंध लिखने के लिए कहा जा सकता है। अतः आशा करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारियाँ आपके लिए सहायक सिद्ध होगी। 

  • जल संरक्षण की परिभाषा

जल संरक्षण की आवश्यकता

जल संरक्षण की विधियां, जल संरक्षण नहीं करने के परिणाम.

  • जल संरक्षण हेतु भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं  

वर्तमान में भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में जल संरक्षण एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है, इस बात की गवाही निम्नलिखित आंकड़े देते हैं; 

  • दुनिया भर में लगभग 900 मिलियन से 1.1 बिलियन लोगों के पास सुरक्षित पेयजल नहीं है, और 2.4 बिलियन लोगों के पास बुनियादी स्वच्छता तक पहुंच भी नहीं है।  
  • तेजी से बढ़ती जनसंख्या की तुलना में पानी की खपत तेजी से बढ़ रही है।  
  • पिछले 70 वर्षों में जहां दुनिया की आबादी तीन गुना हो गई है, वहीं पानी की खपत छह गुना बढ़ गई है।  
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 2025 तक दुनिया के 8 अरब लोगों में से 5 अरब लोग पानी की कमी वाले क्षेत्रों में रहेंगे। 
  • सुरक्षित पेयजल तक पहुंच न होना सभी वैश्विक मौतों में से 80% के लिए जिम्मेदार था।  
  • हेपेटाइटिस ए, पेचिश और गंभीर दस्त सहित जलजनित संक्रमणों से हर साल लगभग 5 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है।

इनमें से कई लोग अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त पानी पाने के लिए संघर्ष करेंगे।

जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ी है, कृषि में प्रगति हुई है, आधुनिकीकरण विकसित हुआ है और आजीविका में सुधार हुआ है, इसके फलस्वरूप पानी की खपत भी बढ़ रही है।  

इसके अलावा अकाल, दुरुपयोग और प्रदूषण ने आपूर्ति कम कर दी है। झीलों, नदियों और आर्द्रभूमियों से अक्सर पानी निकाला जाता है, जिससे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय क्षति होती है।  

2003 की संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, “दुनिया भर में, मेगासिटीज और कृषि की मांग के कारण भूजल की निकासी हो रही है, जबकि उर्वरक अपवाह और प्रदूषण पानी की गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे हैं।”

इन आंकड़ों को देखने के बाद अब चलिए जल संरक्षण की परिभाषा, आवश्यकता, प्रमुख विधियां और वर्तमान में भारत सरकार द्वारा इस दिशा में चलाई जा रही प्रमुख योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

जल संरक्षण की परिभाषा (Definition of water conservation)

जल की क्षति को बचाने की प्रक्रियाओं को जल संरक्षण कहते हैं। 

दूसरे शब्दों में – “जल संरक्षण का अर्थ है पानी का प्रभावी ढंग से उपयोग करना, पानी की बर्बादी को कम करने के लिए पानी के उपयोग को बनाए रखना, निगरानी करना और प्रबंधित करना। जल संरक्षण में ताजे पानी के प्राकृतिक संसाधनों को स्थायी रूप से प्रबंधित करने, जलमंडल की सुरक्षा करने और वर्तमान और संभावित मानव मांग को पूरा करने से जुड़ी सभी नीतियां, रणनीतियां और पहल शामिल हैं।”

एक वयस्क मनुष्य में पानी की मात्रा 60% होती है।  जैसा कि पृथ्वी पर शेष सभी जीवन के लिए है, पानी हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। जल पृथ्वी पर जीवन के लिए वनस्पति, जीवों और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। 

भोजन उत्पादन से लेकर स्वच्छता और अवकाश तक, मनुष्य विभिन्न उद्देश्यों के लिए पानी पर निर्भर हैं। 

दुनिया की प्रत्येक प्रजाति पानी पर बहुत अधिक निर्भर करती है, और जब यह संसाधन प्रभावित या कम हो जाता है, तो मानव और पशु जीवन दोनों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

कुछ लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि ताज़ा पानी कितना कीमती और सीमित है और इसके संरक्षण से कितनी मदद मिल सकती है।  

यदि हम संरक्षण प्रयासों को अपनाते हैं तो हमारे शहर में उपयोग के लिए पर्याप्त पानी होगा।

जल संरक्षण की आवश्यकता को हम निम्न बिंदुओं द्वारा समझ सकते हैं:

  • सूखा और पानी की कमी कम हो गई है, बढ़ते खर्च और नागरिक अशांति कम हो गई है, हमारा पर्यावरण सुरक्षित है, और मनोरंजक गतिविधियों के लिए पानी उपलब्ध है।
  • जल संरक्षण से ऊर्जा की बचत होती है। जल निस्पंदन, हीटिंग और पंपिंग के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए पानी की खपत कम करने से आपका कार्बन उत्सर्जन भी कम हो जाता है।
  • कम पानी का उपयोग करते हुए, हम अपने पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा कर सकते हैं और मछली, बगुले, ऊदबिलाव और अन्य प्रजातियों के लिए आर्द्रभूमि आवास बनाए रख सकते हैं।  शुष्क मौसम के दौरान यह अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है।
  • जल संरक्षण से आप पैसे बचा सकते हैं। यदि आपके पास पानी का मीटर है, तो आप जितना कम पानी का उपयोग करेंगे, आपकी जल कंपनी आपसे उतना ही कम शुल्क लेगी।
  • जल संरक्षण न केवल घरेलू ऊर्जा बिल बचाता है बल्कि पड़ोसी तालाबों, नालों और जलमार्गों में जल प्रदूषण की संभावना भी कम करता है।
  • जल प्रबंधन जल प्रसंस्करण और वितरण के माध्यम से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को भी कम करता है जिससे ग्लोबल वार्मिंग का खतरा कम होता है। 
  • जब सार्वजनिक सीवेज प्रणालियाँ चरमरा जाती हैं तो अनुपचारित अपशिष्ट जल भी नदियों और जलाशयों में रिस सकता है।
  • जल संरक्षण मिट्टी की नमी को कम करके और रिसाव से संबंधित विषाक्तता को कम करके हमारे सीवर टैंक के जीवनकाल को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

जल संरक्षण के उद्देश्य (Aim of water conservation)

जल संरक्षण के निम्नलिखित उद्देश्य हैं; 

  • यह सुनिश्चित करके भावी पीढ़ियों के लिए पानी को संरक्षित करना कि किसी पारिस्थितिकी तंत्र से मीठे पानी का निष्कासन उसकी प्राकृतिक प्रतिस्थापन दर से अधिक न हो।
  • ऊर्जा संरक्षण और उपयोग, क्योंकि जल पंपिंग, प्रसार और अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग सभी के लिए महत्वपूर्ण मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। 
  • जल प्रबंधन में दुनिया भर के विभिन्न देशों में कुल बिजली उपयोग का 15% से अधिक शामिल है।
  • पर्यावास संरक्षण, जिसमें मानव जल के उपयोग को कम करना, न केवल स्थानीय प्रजातियों और प्रवासी जलपक्षियों के लिए मीठे पानी के आवासों के संरक्षण में सहायता करता है, बल्कि पानी की गुणवत्ता में भी सुधार करता है।

लोगों के लिए जल संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाना एक महत्वपूर्ण तरीका है। 

जल संरक्षण के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:

1) घर पर जल संरक्षण की विधियां

घर पर ही आप निम्नलिखित तरीके से जल को संरक्षित कर सकते हैं। 

  • जब वॉशर में कपड़े बहुत सारे हों तो ही उनको धोएं।
  • पानी की बचत करने वाले शॉवरहेड्स, शॉवर टाइमर और कम से कम नल का इस्तेमाल करें।
  • कम या दोहरे फ्लश का उपयोग करें।
  • अपने टूथब्रश का उपयोग करते समय पानी बंद कर दें, अपने रेजर को सिंक में धो लें।
  • हाथ से बर्तन धोते समय बर्तन साफ करते समय पानी को बहने न दें।
  • जहां भी संभव हो, पानी का पुनर्चक्रण करें और  इसका उपयोग कम करें।
  • पेड़ों और पौधों पर गीली घास के एक टुकड़े का प्रयोग करें। 
  • स्प्रिंकलर सावधानी से लगाएं।
  • हाइड्रोलॉजिकल मीटर का प्रयोग करें.
  • कुशल जल प्रणाली का प्रयोग करें।
  • अपनी कार की सफाई करते समय पानी को बिना वजह न बहने दे। 
  • ड्राइववे और फुटपाथ धोने के लिए झाड़ू का उपयोग करें, न कि पानी की नली का।
  • वाष्पीकरण को कम करने के लिए स्विमिंग पूल को ढकें।
  • खरपतवारों को न बढने दे। 

2) खेत में जल संरक्षण

किसान लोग खेत में जल संरक्षण निम्नलिखित तरीके से कर सकते हैं। 

(i) वर्षा जल संचयन: किसान अतिरिक्त वर्षा को बाद में उपयोग के लिए बचा सकते हैं। भूजल को भारी गिरावट से बचाने के लिए, किसान पूरे उत्पादन के दौरान पानी की पर्याप्तता बनाए रखते हुए प्रभावी ढंग से भूजल स्तर की भरपाई कर सकते हैं।  

इस तकनीक का उपयोग देश के उन क्षेत्रों में भूजल संसाधनों की मदद के लिए किया जाता है जो सूखे के प्रति संवेदनशील हैं और जहां प्रचुर वर्षा होती है।

ii) जैविक खेती: कम उर्वरकों के उपयोग के विपरीत, जैविक खेती से उपज बढ़ती है। अधिक लोगों द्वारा जैविक कृषि पद्धतियों को अपनाने और कम पेट्रोकेमिकल उर्वरक का उपयोग करने के परिणामस्वरूप यूट्रोफिकेशन-संबंधी प्रक्रियाएं भी कम हो रही हैं। 

इसके अतिरिक्त, जलीय पर्यावरण की सुरक्षा से कृषि विस्तार की स्थिरता में सुधार होता है। 

(iii) कवर फसलें: कवर फसलें, जो जमीन की रक्षा के लिए बोई गई हैं जो अन्यथा उजागर हो जाती हैं, मिट्टी की गुणवत्ता और कार्बनिक यौगिकों को बढ़ाती हैं और कटाव और तनाव को कम करती हैं।  

यह पानी को बनाए रखने की मिट्टी की क्षमता को बढ़ाता है और मिट्टी में पानी के प्रवेश की प्रक्रिया को सरल बनाता है।

(iv) टपक सिंचाई विधि: सामान्य सिंचाई पद्धतियाँ टपक सिंचाई सुविधाओं की तुलना में अधिक अपव्यय का कारण बनती हैं जब वे सीधे पौधे के आधार पर पानी वितरित करती हैं।  

दिन के अधिक आरामदायक अंतराल (सुबह और शाम) के दौरान जब पानी का वाष्पीकरण कम होता है, तब सिंचाई करने से भी पानी की हानि को कम किया जा सकता है।

(v) खेत का समतलीकरण: ज्यादातर किसान जिन क्षेत्रों या बगीचों में आप खेती कर रहे हैं वे समतल नहीं होते हैं, कोई भी पानी जो मिट्टी में नहीं समाता वह जल्दी ही बह जाता है और अपशिष्ट जल के प्रमुख स्रोतों में से एक है। इसलिए फसल बोने से पहले जमीन को ठीक से समतल करने के लिए लेजर और अन्य उपकरणों का उपयोग करें, खेत का समतलीकरण करने से अतिप्रवाह की समस्या को कम करता है या शायद खत्म भी कर देता है, अपशिष्ट बर्बादी को कम करता है और संरक्षण को प्रोत्साहित करता है।

  • मीठे पानी की कमी क्षेत्रीय के अलावा एक वैश्विक मुद्दा भी है। विश्व के कुछ क्षेत्रों में वर्षा दर में गिरावट के लिए ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव जिम्मेदार हो सकते हैं।  
  • खतरनाक अपशिष्टों, रासायनिक रिसाव, अनुपचारित अपशिष्टों के निर्वहन, अपर्याप्त सिंचाई सुविधाओं, निपटान और रिसाव आदि जैसे कारणों से प्रदूषण के प्रकाश में, स्वस्थ मीठे पानी के संसाधन गंभीर रूप से सीमित हैं और हर साल कम हो रहे हैं।  
  • इन सबके परिणामस्वरूप ग्रहीय पर्यावरण नष्ट हो रहा है।  दुनिया भर में कई जगहों पर साल के लगभग हर दिन बारिश होती है। 
  • इसके बावजूद, विभिन्न कारकों, जैसे निपटान, संरक्षण, वाष्पीकरण, स्वच्छता आदि के कारण गंभीर चुनौतियाँ अभी भी हैं। 
  • विभिन्न प्रक्रियाओं से होने वाली भारी जल हानि में वर्षा की मात्रा एक स्वीकृत कारक है। 
  • अधिकांश व्यक्ति अभी भी पानी का उपयोग गैर-जिम्मेदाराना ढंग से करते हैं और जल संरक्षण की आवश्यकता से अनभिज्ञ हैं। यह एक भयानक सच्चाई है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।  
  • घरों और व्यवसायों को पानी उपलब्ध कराने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण का खर्च तेजी से अस्थिर होता जा रहा है।  दुनिया में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां अत्यधिक शुष्कता है और पानी की कमी वांछनीय से कम है। 
  • परिणामस्वरूप, क्षेत्र शुष्क भूभाग या टीले बन जाते हैं क्योंकि उथले भूजल तालिकाओं को पर्याप्त रूप से पुनः नहीं भरा जाता है। 
  • यदि बेहतर सिंचाई विधियों का उपयोग नहीं किया जाता है, तो संभावित वाष्पीकरण-उत्सर्जन, वास्तव में, प्रकृति द्वारा उत्पादित वर्षा से अधिक महत्वपूर्ण हो सकता है।
  • इस प्रकार इसके कारण मिट्टी शुष्क हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप शुष्क भूभाग बन जाता है। यदि स्वच्छ जल के संरक्षण के लिए प्रभावी हस्तक्षेपों को कुशलतापूर्वक व्यवहार में लाया जाए तो ही पर्यावरण और इसके निवासी जीवित रहने में सक्षम होंगे।
  • जल पुनर्चक्रण खाद्य आपूर्ति का समर्थन करने के लिए आवश्यक जलमार्गों को संरक्षित करने में योगदान देगा।  उचित मात्रा में वर्षा न होने से फसलें विकसित नहीं हो पातीं। 
  • इस प्रकार, यदि भूजल कम हो जाता है, तो भोजन की लागत बढ़ जाएगी और कई और लोगों को भोजन की कमी का सामना करना पड़ेगा। घर और कार्यस्थल पर जल संरक्षण खाद्य फसलों को बढ़ाने के महत्वपूर्ण कर्तव्य के लिए और अधिक मुक्त कर देगा। 
  • पानी की कमी के कारण वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में है। मीठे पानी की कमी और ग्लोबल वार्मिंग के कारण, दुनिया के आधे से अधिक सबसे बड़े दलदल या तो सूख गए हैं या तबाह हो गए हैं। 
  • दलदलों में कई अलग-अलग प्रकार के जीवित जीव देखे जा सकते हैं। वे आम तौर पर समुद्री और पक्षी प्रजनक के रूप में काम करते हैं, इसलिए उनके विलुप्त होने से कई जानवरों और पोषक चक्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
  • जब वाणिज्यिक, कृषि और घरेलू उद्देश्यों के लिए ताजा पानी प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण होता है, तो इससे एक सफल अर्थव्यवस्था को संचालित करना कठिन हो जाता है।  
  • मीठे पानी की आपूर्ति की कमी से उन वस्तुओं के निर्माण में बाधा आ सकती है जिनमें ऑटोमोबाइल, ब्रेड और कपड़ा सहित बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है।

जल संरक्षण हेतु भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं

संविधान के अनुसार जल राज्य के अधिकार क्षेत्र में आता है इसीलिए प्रत्येक राज्य अपने अधिकार क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के नियम और योजनाएं लागू कर सकती हैं लेकिन केंद्र सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाओं में राज्यों को वित्तीय सहायता प्रधान करती है इसके अलावा केंद्र सरकार भी कुछ योजनाएं शुरू की है जो प्रत्येक राज्य में लागू होता है। 

जल संरक्षण हेतु भारत सरकार निम्नलिखित योजनाएं चला रही है। 

जल जीवन मिशन

जल जीवन मिशन के अंतर्गत भारत सरकार प्रत्येक राज्य के साथ हिस्सेदारी करके 2024 तक भारत के प्रत्येक घर में नल और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करना चाहती है। 

भारत सरकार ने इस योजना की शुरूआत 1 अक्टूबर 2021 को की थी, इसका उद्देश भारत के समस्त शहरों में जल की सार्वभौमिक उपस्थिति सुनिश्चित करना है। 

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

इस योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी इसका उद्देश्य कृषि कार्य में जल का बुद्धिमत्ता पूर्वक उपयोग करना है। बाद में 2016 में इसके तहत बड़ी तथा माध्यम 90 सिंचाई परियोजनाओं को सम्मिलित किया गया। 

सही फसल अभियान

सही फसल अभियान की शुरुआत शुष्क क्षेत्रों में ऐसी फसलो के उपयोग हेतु हुई थी जिसमें बहुत ही कम जल का उपयोग होता है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि ये फसलें आर्थिक रूप से लाभकारी तथा पर्यावरण के अनुकूल हो। 

अमृत सरोवर अभियान की शुरुआत 22 अप्रैल 2022 को आजादी के 75 में वर्ष पर आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में की गई थी इसका उद्देश्य देश के समस्त जलाशयों और जलकुंड का कायाकल्प करना है जिससे भविष्य के लिए जल का संरक्षण किया जा सके। 

कैच द रैन योजना

कैच द रैन योजना की शुरुआत 22 मार्च 2021 में हुई थी इसका उद्देश्य वर्षा जल का संरक्षण करना वनों का सघनीकरण, देश के सभी जिलों में जल शक्ति केंद्रों की स्थापना करना और वर्षा जल का संचयन करना है। 

अटल भूजल योजना

अटल भूजल योजना के तहत देश में चिन्हित सभी 7 क्षेत्र जहां जल की अत्यंत कमी थी और भूजल का प्रबंधन करना अति आवश्यक था, ऐसे सभी क्षेत्रों में भूजल का प्रबंध करने के लिए सामुदायिक सहयोग पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत जल स्रोतों का विकास और प्रबंधन किया जा रहा है। 

नमामि गंगे योजना

इस योजना उद्देश्य गंगा तथा उसकी सहायक नदियों को साफ तथा स्वच्छ रखना है। इससे जल का प्रदूषण कम होगा और जल की उपयोगिता बढ़ेगी। 

जल हमारी प्राकृतिक आवश्यकता है तथा जल का कोई अन्य विकल्प नहीं है और यह बेहद ही सीमित मात्रा में उपस्थित है इसलिए इसका जितना ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी संरक्षण किया जाएगा आगे आने वाली पीढ़ी उतनी ही ज्यादा सुखी और सुरक्षित रहेगी। 

ग्रामीण क्षेत्रों में जल का बिना वजह ही खेतों में दुरुपयोग किया जाता है जबकि शहरी क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के उद्योगों घरेलू कामो में जल का बेहद ही ज्यादा मात्रा में दुरुपयोग किया जाता है। 

जल को संरक्षित करना बेहद ही आसान है आपको बस अतिरिक्त जल के बहाव को रोकना है, बुद्धिमत्ता पूर्वक जल का इस्तेमाल करना है, स्थिर जल को साफ रखना है तथा वर्षा के पानी का संचयन करना है।

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जल संरक्षण पर निबंध Essay on Save Water in Hindi

essay on save water in hindi

पानी की कमी एक सार्वभौमिक समस्या है। तो यह हमारे ग्रह के सभी जिम्मेदार नागरिकों द्वारा संयुक्त रूप से निपटने के लिए है। हमें न केवल अपने लिए बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी जल संरक्षण की जरूरत है।

जल संरक्षण जीवन संरक्षण के बराबर है!

Save Water Essay in Hindi (200 Words)

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मानवता के लिए प्रकृति का सबसे कीमती उपहार पानी है। पानी को ‘जीवन’ भी कहा जा सकता है क्योंकि इस धरती पर जीवन की कल्पना पानी के बिना कभी नहीं की जा सकती है।

पृथ्वी को “नीला ग्रह” कहा जाता है। क्योंकि यह ब्रह्मांड का एकमात्र ज्ञात ग्रह है जहां पर्याप्त मात्रा में प्रयोग करने योग्य पानी मौजूद है। पृथ्वी के सतह के स्तर का लगभग 71 प्रतिशत पानी है। इस पृथ्वी का अधिकांश पानी समुद्रों और महासागरों में पाया जाता है। नमक की अत्यधिक उपस्थिति के कारण उन पानी का उपयोग नहीं किया जा सकता है। पृथ्वी पर पीने योग्य पानी का प्रतिशत बहुत कम है।

इस पृथ्वी के कुछ हिस्सों में, लोगों को शुद्ध पीने योग्य पानी इकट्ठा करने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। लेकिन इस धरती के अन्य हिस्सों में, लोग पानी के मूल्य को नहीं समझते हैं। इस ग्रह पर पानी की बर्बादी एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है। पानी की एक बड़ी मात्रा मनुष्य द्वारा नियमित रूप से बर्बाद की जाती है।

हमें इस खतरे से बचने के लिए पानी की बर्बादी को रोकने की जरूरत है। पानी को बर्बाद होने से बचाने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए।

इस धरती पर भगवान की ओर से हमारे लिए सबसे कीमती उपहार है – पानी। हमारे पास पृथ्वी पर पानी की प्रचुरता है, लेकिन पृथ्वी पर पीने के पानी का प्रतिशत बहुत कम है। उन पानी का केवल 0.3% उपयोग करने योग्य है।

इस प्रकार पृथ्वी पर पानी को बचाने की आवश्यकता है। ऑक्सीजन के अलावा, पृथ्वी पर प्रयोग करने योग्य पानी की मौजूदगी से जीवन का अस्तित्व होता है। इसलिए पानी को ‘जीवन’ के रूप में भी जाना जाता है। पृथ्वी पर, हमें समुद्रों, महासागरों, नदियों, झीलों, तालाबों आदि में हर जगह पानी मिलता है, लेकिन हमें शुद्ध या रोगाणु मुक्त पानी की आवश्यकता होती है।

हमें अपने दैनिक कार्यों में सुबह से रात तक पानी की आवश्यकता होती है। हम पीने के लिए पानी का उपयोग करते हैं, स्नान करते हैं, अपने कपड़े साफ करते हैं, खाद्य पदार्थ, बागवानी, फसल, और कई अन्य गतिविधियाँ करते हैं। इसके अलावा, हम जल का उपयोग जल-विद्युत उत्पन्न करने के लिए करते हैं। पानी का उपयोग विभिन्न उद्योगों में भी किया जाता है। इस प्रकार यह बहुत स्पष्ट है कि हम पानी का उपयोग किए बिना एक दिन की भी कल्पना नहीं कर सकते। तो इस नीले ग्रह पर हमारे अस्तित्व के लिए पानी की बचत की आवश्यकता है।

लेकिन दुर्भाग्य से लोग इसे नजरअंदाज करते हुए नजर आते हैं। हमारे देश के कुछ हिस्सों में पीने का पानी मिलना अभी भी एक चुनौती भरा काम है। लेकिन कुछ अन्य हिस्सों में जहां पानी उपलब्ध है, लोग पानी बर्बाद करते नजर आते हैं। निकट भविष्य में, वे इस चुनौती का भी सामना करेंगे।

हमें ध्यान रखना चाहिए, ‘पानी बचाओ जीवन बचाओ’ और इसे बर्बाद न करने का प्रयास करना चाहिए।

पानी को कई तरह से बचाया जा सकता है। पानी के संरक्षण के 100 तरीके हैं। जल संरक्षण का सबसे सरल तरीका वर्षा जल संचयन है। हम वर्षा जल को संरक्षित कर सकते हैं और उन पानी का उपयोग हमारी दैनिक गतिविधियों में किया जा सकता है। शुद्धिकरण के बाद पीने के लिए भी वर्षा जल का उपयोग किया जा सकता है। हमें पता होना चाहिए कि अपने दैनिक जीवन में पानी की बचत कैसे करें ताकि निकट भविष्य में हमें पानी की कमी का सामना न करना पड़े।

यह भी पढ़ें – पर्यावरण बचाओ पर नारे

हमारे ग्रह का 97% भाग खारे पानी में समाया हुआ है जिसे हम पीने के लिए उपयोग नहीं कर सकते हैं। बायाँ 3% पानी प्रयोग करने योग्य है लेकिन 2% भी ग्लेशियरों और बर्फ से अवरुद्ध है। इसलिए, हमारे पास केवल 1% बचा है।

तो, अब, कुछ ऐसा महसूस करें जो बताता है कि जल संरक्षण हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है। हम केवल पानी के एक छोटे प्रतिशत पर निर्भर हैं, इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे प्रदूषित और दुरुपयोग न करें। हममें से प्रत्येक को यह जानना चाहिए कि जल को कैसे बचाया और संरक्षित किया जाए ।।

यह भी पढ़ें – शिक्षा का महत्त्व

आइए जानते हैं जल संरक्षण के कुछ तरीके। (Jal Sanrakshan in Hindi/Water Conservation Methods in Hindi/How to save water in Hindi)

जल संरक्षण करने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है:-

  • पानी को प्रदूषण से बचाकर हम बहुत सारे पानी को बचा सकते हैं।
  • यदि कृषि-जलवायु परिस्थितियों में किसानों द्वारा फसलें उगाई जाती हैं, तो अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं होगी।
  • भूतापीय पानी का उपयोग करके।
  • हम विशेष रूप से भारत जैसे देश में, पारंपरिक जल संसाधनों को नवीनीकृत करके पानी का संरक्षण कर सकते हैं।
  • उद्योगों में उपयोग होने वाले पानी की बचत करके
  • भूजल के तर्कसंगत उपयोग पर विचार करें। यह पानी बचाने में मददगार हो सकता है।
  • कृषि क्षेत्र में आधुनिक सिंचाई विधियों का उपयोग पानी बचाने में भी मदद कर सकता है।
  • बाढ़ प्रबंधन की मदद से पानी को बचाया भी जा सकता है।
  • नगरपालिका एजेंसियों का मार्गदर्शन करके भी पानी बचाया जा सकता है।
  • वर्षा जल के संग्रहण के माध्यम से भी जल संरक्षण किया जा सकता है। फिल्ट्रेशन सिस्टम स्थापित करने के बाद, इस पानी को आसानी से बागवानी, लॉन सिंचाई या शौचालय के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आप छोटे पैमाने पर खेती के लिए वर्षा जल संचयन के माध्यम से संग्रहीत पानी का उपयोग भी कर सकते हैं।
  • अपने दाँत ब्रश करते समय नल बंद करें। इससे बहुत सारा पानी संरक्षित किया जा सकता है। इसके अलावा, अपने बच्चों को भी ऐसा करने के लिए शिक्षित करें। इस अभ्यास का पालन करके, आप हर महीने कम से कम 400 लीटर से अधिक पानी बचा सकते हैं।
  • सिंक या शौचालय में एक छोटे से रिसाव से अतिरिक्त पानी का उपयोग हो सकता है। इस तरह के छोटे लीक से सावधान रहें क्योंकि इससे पानी के संरक्षण में मदद मिल सकती है।
  • आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सिर्फ थोड़े समय के स्नान से आप बहुत सारे पानी के संरक्षण में मदद कर सकते हैं। अगली बार, थोड़े समय के लिए स्नान करने का वादा करें।
  • आपको पानी का उपयोग करने के बजाय फर्श की सफाई करने के लिए झाड़ू या लत्ता का उपयोग करना याद रखना चाहिए।
  • अपनी दैनिक जरूरतों के लिए ऊर्जा-कुशल उपकरण जैसे कि बाथटब, सिंक सिस्टम आदि खरीदना बहुत सारा पानी बचा सकता है।

पानी मानवता के लिए प्रकृति का एक अनमोल उपहार है। पानी प्रकृति में उन सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है जो इस धरती पर जीवन का समर्थन करता है। हमें खाना पकाने, कपड़े धोने, स्नान करने, खेती करने और अन्य चीजों के लिए पानी की आवश्यकता होती है।

हाल के कुछ वर्षों में, पानी के उपयोग के लापरवाह तरीके से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी हो गई है। यहीं पर जल संरक्षण की जरूरत आती है। जल के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। इसलिए, पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए पानी का संरक्षण काफी महत्वपूर्ण है।

पृथ्वी की सतह का लगभग तीन-चौथाई भाग पानी से ढका हुआ है। हालाँकि, इस जल का लगभग 97% भाग खारे पानी का है। और यह मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है जो महासागरों के रूप में मौजूद है। पृथ्वी पर कुल पानी का केवल 3% पानी पीने के लिए उपयुक्त है।

उपलब्ध पेयजल का 70% उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि यह ग्लेशियरों और बर्फ की चादरों के रूप में मौजूद है। प्राप्य पेयजल का केवल 1% स्वच्छ पेयजल के रूप में उपलब्ध है और मानव उपभोग के लिए उपयुक्त है।

यह अनुमान है कि दुनिया में एक अरब से अधिक लोग अपने अस्तित्व के लिए इस 1% स्वच्छ पेयजल पर निर्भर हैं। यहाँ से यह स्पष्ट होता है कि हमें पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने की आवश्यकता है ताकि अन्य लोगों को पानी की कमी का सामना न करना पड़े।

कुछ साल पहले दुकानों में लोगों को शुद्ध पानी की बोतलें बेचते हुए देखना काफी चौंकाने वाला था। हालाँकि आज, पानी के संकट में वृद्धि के साथ, यह दृष्टि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में काफी आम हो गई है। अनुमान है कि बोतलबंद पानी की कीमत 4 लाख करोड़ – 6 लाख करोड़ रुपये है जो हर साल दुनिया भर के लोगों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए हालिया अध्ययनों के अनुसार, अगर हम विवेकपूर्ण तरीके से पानी नहीं बचाते हैं, तो 2025 तक दुनिया भर में 30 करोड़ से अधिक लोग पानी की कमी के संकट की चपेट में आ जाएंगे।

हाल के निष्कर्षों के अनुसार, यह पता चला है कि लगभग 25% शहरी आबादी को पीने के पानी तक पहुंच नहीं है। इसके अलावा, यह भी पाया गया है कि 40 लाख से अधिक लोग पानी से संबंधित बीमारियों के कारण मर रहे हैं। विकासशील देश अस्वच्छ और गंदे पानी से होने वाली बीमारियों से बेहद ग्रस्त हैं। भारत में भी विभिन्न जल जनित रोगों से पीड़ित लोगों की संख्या काफी अधिक है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

किए गए एक अध्ययन के अनुसार, यह बताया गया है कि राजस्थान में लड़कियों को पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। यह उनका पूरा दिन खाता है और उन्हें स्कूल जाने के लिए समय नहीं मिलता है। यह पता चला है कि किसानों की आत्महत्या के कुछ मामले सूखे या पानी की कमी के कारण हैं। इससे यह स्पष्ट है कि पानी की कमी भारत और अन्य विकासशील देशों में कुछ सामाजिक समस्याओं का कारण है।

जल संरक्षण के लिए बस हमें अपनी दैनिक गतिविधियों में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने होंगे।

  • हर उपयोग के बाद पानी के नल को बंद करना और सब्जियों और फलों को पानी से धोने की बजाय पानी से भरे बर्तन में धोना शामिल है।
  • नहाने और धोने के लिए मग और बाल्टी का उपयोग करने से 450 लीटर पानी बचाया जा सकता है। इसी तरह, पूरी तरह से भरी डिशवॉशर और वॉशिंग मशीन का उपयोग करने से प्रति माह लगभग 2 से 2.4 किलोलीटर पानी की बचत होगी।
  • लोगों को अपने बगीचों और लॉन में पानी की जरूरत होने पर ही पानी देना चाहिए। दोपहर के समय पौधों को पानी देने से बचें, खासकर 11 बजे से 4 बजे के बीच, क्योंकि अधिकांश पानी वाष्पित हो जाता है।
  • पृथ्वी के जिम्मेदार नागरिकों के रूप में, हमें त्योहार के दौरान पानी की भारी बर्बादी को रोकने के लिए सूखी होली खेलने को बढ़ावा देना होगा।
  • पानी को बचाने के लिए रिसाव को रोकने के लिए रिसाव वाले जोड़ों और नल को सही से ठीक किया जाना चाहिए। इससे हर दिन लगभग 60 लीटर पानी बचाया जा सकता है।
  • ग्रामीण स्तर पर सरकार या नागरिक प्रबंधन अधिकारियों द्वारा वर्षा जल संचयन शुरू किया जाना चाहिए। वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए बड़े या छोटे तालाब खोदे जा सकते हैं। बचाए गए पानी का उपयोग स्नान, कपड़े धोने, शौचालय, विभिन्न वस्तुओं को धोने, पौधों को पानी देने आदि के लिए किया जा सकता है।

अपने कुल पानी के उपयोग का अनुमान लगाने के लिए, यहां जाएं .

पानी बचाना जीवन बचाने के बराबर है! तो आइए हम अपनी पृथ्वी को रहने के लिए सुरक्षित और सुंदर जगह बनाने की प्रतिज्ञा करें।

उम्मीद है कि आप इन विषयों पर जानकारी से प्रभावित हुए होंगे और इन पर अमल करेंगे. (Essay on Save Water in Hindi / Jal Sanrakshan in Hindi / Water Conservation Methods in Hindi / How to save water in Hindi / जल संरक्षण पर निबंध)

अन्य लेख पढ़ें –

  • महात्मा गांधी का जीवन – निबंध
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  • बाल मजदूरी पर निबंध
  • आतंकवाद पर निबंध और भाषण
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध/भाषण/pdf
  • Tags: Essay on Save Water in Hindi , jal hi jeevan hai essay , jal sanrakshan , Save Water Essay , जल संरक्षण पर निबंध

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पानी बचाओ पर निबंध

Save Water Essay in Hindi: पानी बचाने के बारे में तो आप सबने सुना ही होगा, क्योंकि आजकल की जनरेशन को पानी की इतनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से पानी बचाओ का अभियान चलाया जा रहा है।

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इस आर्टिकल में हम जल बचाओ पर निबंध हिंदी में (Save Water Essay in Hindi) शेयर कर रहे हैं। इस जल संरक्षण पर निबंध (pani bachao essay in hindi) में पानी बचाओ के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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पानी बचाओ पर निबंध (Save Water Essay in Hindi)

पानी बचाओ पर निबंध (250 शब्द).

जल हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। अगर पृथ्वी पर जल नहीं होगा तो हमारा जीना भी संभव नहीं है। हमें हर चीज में जल की आवश्यकता पड़ती है।

जीवन के संरक्षण के लिए वायु के बाद जल सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। जल एक सीमित वस्तु है, जिसका यदि उचित प्रबंधन नहीं किया गया तो निकट भविष्य में इसकी कमी हो जाएगी।

पानी मनुष्यों और जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों सभी के लिए बहुत ही आवश्यक है। कृषि उद्योग के लिए भी पानी की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। कहा भी जाता है जल ही जीवन है, जल नहीं होगा तो जीवन भी नहीं होगा।

भारत के कई बड़े शहरों में विकास में नदियों ने बहुत ही बड़ा सहयोग किया है, क्योंकि नदियों के रास्ते परिवहन का कार्य बहुत ही आसानी से हो जाता है।

आज के समय में हमारे वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना होगी इसकी छानबीन में लगे हुए हैं, क्योंकि वहां पर बहुत ही अधिक पानी जमा हुआ है। वहां की वायु में नमी मिलती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम कहीं भी जल द्वारा ही जीवन की कल्पना कर सकते हैं।

पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए सबसे आवश्यक जल ही है। जिस तरह से समुद्र में समाहित हुआ जल वायु में मिलकर बादल का रूप ले लेते हैं।

जब बादल समुद्र से मैदानी इलाकों में पहुंचकर ठंडक देते हैं और यह पानी में बदल जाते हैं। इसी के द्वारा बारिश होती है और वह नदियों तालाबों का जल स्रोत भर देती हैं।

हमारी पृथ्वी पर प्राकृतिक संसाधन जल की सहायता से ही निर्मित होते हैं। ताजा पानी और पीने का पानी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है हमारे जीवन जीने के लिए, क्योंकि यह हमारे स्वस्थ जीवन को ही बरकरार रख सकता है।

बिना जल संरक्षण किए पृथ्वी पर जीवन को अब और नहीं बचाया जा सकता है, इसीलिए जल संरक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण है।

Essay on Save Water in Hindi

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जल बचाओ पर निबंध (500 शब्द)

मनुष्य जीवन के लिए जल बहुत ही ज्यादा जरूरी है। जल हमारे जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण इकाई माना जाता है। पृथ्वी पर यदि जल नहीं होगा तो जीवन की संभावना करना भी मुश्किल है।

जल के बिना जीवन असंभव है। पृथ्वी पर मौजूद जीव जंतु और पेड़ पौधे से भी पानी पर निर्भर है। इसीलिए देश में जल बचाओ पृथ्वी बचाओ के नारे लग रहे हैं। क्योंकि जिस प्रकार से जनसंख्या वृद्धि हो रही है और जल का दुरुपयोग हो रहा है।

उसी तरीके से आने वाले कुछ ही सालों में यानी कि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए जल्द एक मुख्य समस्या के रूप में उभरने वाला है।

पृथ्वी पर जल बचाने की क्या जरूरत है?

अच्छी पर वर्तमान समय में 75% पानी है। उसमें से 97% पानी समुद्र में स्थित है, जो पीने योग्य नहीं है। सिर्फ 2.4% पानी जो पीने योग्य पानी है और उसी पानी पर पूरी पृथ्वी निर्भर है। मानव प्रजाति के साथ-साथ संपूर्ण जीव जंतु और पेड़-पौधे सिर्फ इसी पानी पर निर्भर है।

पृथ्वी पर पानी का संतुलन बनाए रखने के लिए हमें पानी को बचाना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। क्योंकि वायु प्रदूषण की वजह से वाष्पीकरण और वर्षा की प्रक्रिया पर काफी ज्यादा असंतुलन देखने को मिल रहा है और इसी कारण से साफ पानी की कमी भविष्य में एक सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आने वाली है।

अतः हम सभी को पृथ्वी पर जल बचाने की जरूरत है। आने वाली पीढ़ी के लिए जल की समस्या को कम करने के लिए हमें अभी से ही जल को बचाने का प्रयास करना चाहिए।

हमें जल बचाने के लिए क्या करना चाहिए?

वर्षा के समय जितना भी जल पृथ्वी पर आता है, उसका काफी हिस्सा ऐसे ही व्यर्थ हो जाता है। उस पानी को हमें एकत्रित करना चाहिए ताकि उस पानी से काफी लोगों की प्यास बुझा सके और एक जगह पानी इकट्ठा होने से पानी जमीन में भी जाता है, जिसकी वजह से धरती के अंदर जो पानी है, उसका लेवल बढ़ जाता है।

स्वच्छ पानी को जितना कम हो सके, उतना कम बर्बाद करें और प्रतिदिन अपनी दिनचर्या में पानी को बिना बर्बाद की पानी का उपयोग करने का एक संकल्प हम सभी को लेना चाहिए।

पानी की एक बूंद व्यर्थ ना करें और ना ही पानी को प्रदूषित करें नदियों के प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। हम सभी अपने निजी स्तर पर संकल्प लेकर इस प्रदूषित पानी को बचा सकते हैं।

प्रदूषण को रोकने के साथ-साथ पानी के बचाव को लेकर भी कई प्रयास हमें करने होंगे ताकि भविष्य केंद्र आने वाली पीढ़ी को पानी की समस्या का सामना ना करना पड़े।

जीवन की मुख्य इकाई पानी है। पानी के बिना पृथ्वी पर कोई भी जीवित नहीं रह सकता है। इसीलिए भविष्य के लिए यदि आने वाली पीढ़ियों को पानी की समस्या से बचाना है, तो आज से ही हम सभी को जल संरक्षण के प्रति कई महत्वपूर्ण संकल्प लेने होंगे।

पानी बचाओ के अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए जल प्रदूषण को भी रोकना चाहिए। हम सभी का साथ होगा तो एक दिन जल प्रदूषण पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।

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पानी बचाओ पर निबंध (800 शब्द)

देश के कई हिस्सों में आज भी पानी की इतनी समस्या है कि लोग पीने के पानी के लिए कई किलोमीटर दूर जाकर रोजाना अपने घरों में पानी लाते हैं।

आज के समय में पानी की विकट समस्या आने वाली पीढ़ी के लिए विकराल रूप ले सकती है। आज हमारा देश पानी की जिस समस्या से गुजर रहा है। भविष्य में यह समस्या और भी अधिक बढ़ने वाली है।

अतः हम सभी को पानी को जितना हो सके, उतना अधिक बचाने का प्रयास करना चाहिए। इसके साथ ही जल प्रदूषण को कम करने का भी प्रयास करना चाहिए।

पृथ्वी पर जल प्रदूषण की वजह

दिन प्रतिदिन जल प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। जल प्रदूषण के नए नए मामले सामने आ रहे हैं। लोग अपशिष्ट पदार्थों को पानी में मिलाकर उस पानी को दूषित कर देते हैं। जिसकी वजह से उस पानी का प्रयोग करना काफी मुश्किल हो रहा है।

इतना ही नहीं और योगी स्तर पर कई प्रकार के जहरीले रसायन और अपशिष्ट पदार्थ शुद्ध पानी में मिला दिए जाते हैं, जिसकी वजह से पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो जाता है और उस पानी को पीना संभव नहीं है।

दिन प्रतिदिन बढ़ती जनसंख्या की वजह से ही जल प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है। क्योंकि जिस प्रकार से जनसंख्या बढ़ रही है। उसी प्रकार के औद्योगिक क्षेत्र भी बढ़ रहे हैं और अपशिष्ट पदार्थों और रसायनों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।

औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले प्रदूषित जल को शुद्ध जल में मिलाने की बजाएं अलग जगहों पर एकत्रित करके उसे शुद्ध करने का प्रयास करना चाहिए।

सरकार के द्वारा भी इसको लेकर काफी अहम कदम उठाए जा रहे हैं। पानी की कमी से पृथ्वी पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। आज के समय में पानी की समस्या कई इलाकों में बहुत अधिक है। लोगों को पीने के लिए पानी की समस्या आ रही है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार उपलब्ध करवाई गई जानकारी के माध्यम से पता चला है, कि भारत में जितनी भी आत्महत्या हो रही है। उनमें से करीब 14.4% आत्महत्या पानी की कमी और सूखे और अकाल की वजह से हो रही है।

भविष्य में पानी की कमी से पेड़ पौधों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ने वाला है और यही पेड़ पौधे वर्षा के चक्र को संतुलित बनाए रखते हैं।

यदि पेड़ पौधे खत्म होते गए तो वर्षा का चक्र भी असंतुलित हो जाएगा और पानी की समस्या और अधिक बढ़ जाएगी। पानी की समस्या देश में गरीबी के साथ-साथ कई अन्य सामाजिक मुद्दे भी पैदा करने वाली है।

पानी बचाओ में अपनी भूमिका कैसे निभाए?

पानी बचाओ और जल ही जीवन है। इस प्रकार के कई अभियान सरकार के द्वारा चलाए जा रहे हैं। उन सभी अज्ञान में आपको अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।

ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए पानी की समस्या को जितना हो सके, उतना कम किया जा सके हम अपने स्तर पर छोटे-छोटे प्रयास कर सकते हैं। जिससे पानी बचाओ आंदोलन में हम अपनी भी भूमिका निभा सकते हैं।

बारिश के पानी को अपने टाकों में एकत्रित करने का प्रयास करें। पानी के प्रदूषण को कम करने का प्रयास करें। अपने आसपास भी जल प्रदूषण को रोकने के लिए जागरूकता फैलाएं। जितना संभव हो सके, उतना पानी को व्यर्थ करने का प्रयास करें।

अपने आसपास इलाकों में व्यर्थ बह रहे पानी को बंद करें। लाखों लोगों के द्वारा यदि एक साथ पानी बचाओ अभियान में सहयोग दिया जाए तो इस अभियान को बड़ी सफलता मिल सकती है।

पानी की कमी को दूर करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास

सरकार के द्वारा पानी की कमी को दूर करने के लिए कई प्रकार के प्रयास किए गए हैं। सरकार आए दिन अलग-अलग जल संरक्षण अभियान चला रही है।

उन के माध्यम से लोगों के प्रति जल प्रदूषण को कम करने और जल को बचाने के लिए जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।

  • सरकार के माध्यम से सिंचाई वाले क्षेत्रों में जहां पानी के जरिए सिंचाई की जा रही है, वहां बूंद बूंद तकनीक के माध्यम से लाखों लीटर पानी प्रतिदिन बचाया जा रहा है।
  • सरकार ने हर जगह पर जल बचाओ कल बचाओ के नारे के माध्यम से भी देशभर में जागरूकता फैलाई है।
  • जल प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार के द्वारा नदियों को साफ किया जा रहा है।
  • औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले गंदे पानी को अलग जगह एकत्रित करके उसे पुनः साफ करके उपयोग करने योग्य बनाया जा रहा है।
  • जल संरक्षण को लेकर सरकार के द्वारा पेड़ पौधे लगाने के लिए लोगों से आग्रह किया जा रहा है।
  • ताकि वर्षा का चक्र संतुलित रहे और जिसकी वजह से पानी की आपूर्ति देशभर में सुचारु रुप से चल सके।

पानी की कमी दुनिया के कई हिस्सों में आज भी एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभर रही है और आने वाले समय में पानी की मांग आज से करीब 10 गुना और अधिक बढ़ जाएगी।

वर्तमान समय से ही यदि पृथ्वी पर उपलब्ध पानी को बचाने का प्रयास नहीं किया गया तो आने वाले समय में पानी की एक-एक बूंद के लिए मनुष्य तरसता हुआ नजर आएगा।

पानी बचाओ पर निबंध (1400 शब्द)

हम सब जानते हैं कि जल ही जीवन है और जल हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसके बिना हमारा जीवन यापन संभव नहीं है। बिना जल के हम जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

पृथ्वी का लगभग 71% भाग समुंदरों महासागरों नदियों और ग्लेशियर के रूप में ही पाया जाता है और 71% जल से ढका हुआ है, लेकिन इसमें से मात्र 1% सी मानव के लिए उपयुक्त है, जिसका मानव प्रयोग कर सकता है।

जल केवल मनुष्य के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि पृथ्वी पर जितने भी प्रजातियां हैं। वह सब जल पर ही निर्भर रहती हैं पृथ्वी पर उपस्थित लगभग सभी प्राणी अपने जीवन का निर्वाह सिर्फ जल के बलबूते पर ही करते हैं।

जिस तरह से जल की दिन-प्रतिदिन कमी होती जा रही है, इससे कई प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं। इसीलिए हमें चाहिए कि हम जल संरक्षण पर ध्यान दें।

जल है तो जीवन है

हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा जल है और हमें यह जीवन यापन करने के लिए बहुत ही जरूरी है। जल के बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। अगर हमें पृथ्वी पर अपना जीवन बनाए रखना है, तो हमें जल की आवश्यकता जरूर होती है।

पानी सिर्फ पीने की ही काम नहीं आता है, बल्कि हमारे अन्य कामों के लिए भी जल को काम में लिया जाता है। जैसे कि नहाना, कपड़े धोना, खाना बनाना, बागवानी करना और भी हमारे दिन में न जाने कितने काम होते हैं, जिनमें हमें पानी की बहुत ही ज्यादा जरूरत पड़ती है।

पृथ्वी पर जितने भी पेड़ पौधे और जीव जंतु उपस्थित है, वह सब पानी पर ही निर्भर रहते हैं। अगर पानी नहीं होगा तो इनकी वृद्धि और विकास रुक जाएगा, जिससे पूरा पर्यावरण तंत्र और खाद्य श्रंखला बहुत ज्यादा प्रभावित हो जाएगी।

इसीलिए हमें चाहिए कि अगर हमें जीवन पर अपना फलता फूलता जीवन यापन करना है तो हमें पानी का संरक्षण करना होगा।

पानी संरक्षण की आवश्यकता

विश्व में कई सारी जगहों पर बहुत ही कम वर्षा होती है, जिसकी वजह से वहां सुखा आने की स्थिति हो जाती है। कई लोग निचले स्तर की वजह से पानी की भयंकर कमी से जूझ रहे हैं।

कई सारे जगहों पर भूजल या तो गंदा हो चुका है या फिर बारिश की कमी के कारण उसकी पूर्ति नहीं हो पाती है। इन सभी कारणों की वजह से कई जगहों पर पानी की दिन-प्रतिदिन कमी बढ़ती ही जा रही है।

औद्योगीकरण और शहरीकरण के जैसे वजह से भूजल में कमी में वृद्धि हुई है, क्योंकि इन सभी के विकास के लिए तेजी से पानी की मांग बढ़ती जा रही है।

डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार यह बताया गया कि प्रति 9 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति लगभग 84.4 करोड़ लोगों को आज भी शुद्ध पानी बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

इन आंकड़ों को देखते हुए यह पता चलता है कि पानी की समस्या कितनी गंभीर होती जा रही है और इस गंभीर समस्या को हम टाल नहीं सकते हैं।

इसके लिए हमें अभी से ही प्रयास शुरु करना होगा कि हम जल का संरक्षण करें और अपने आने वाली पीढ़ियों को और अपने भविष्य को बेहतर बना सके।

पानी संरक्षण की पहल

पानी संरक्षण की पहल के चलते लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है और उन्हें इसके महत्व के बारे में बताया जा रहा है कि किस तरह से जल को संरक्षित किया जाए।

जल संरक्षण अभियान लोगों को इस बात का एहसास दिलाता है कि हमारे लिए पृथ्वी पर जल की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है और यह हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

हमें अपने भविष्य के लिए जल को संरक्षण करना चाहिए और इस बात का भी ज्ञान कराता है कि स्वच्छ और साफ पानी के स्रोत काफी सीमित हो चुके हैं। उनका अत्यधिक उपयोग करने पर वह जल्द ही समाप्त हो जाएंगे, जिसकी वजह से मानव अस्तित्व के लिए संकट पैदा हो सकता है।

जैसा कि हम सभी जानते हैं पृथ्वी का 71% भाग पानी से ढका हुआ है, परंतु इस पृथ्वी पर जितना भी पानी उपलब्ध है, वह हमारे लिए बिल्कुल भी काम का नहीं है।

उसमें से सिर्फ 1% ही जल काम के लायक है और उसे हम उपयोग कर सकते हैं। इसीलिए हमें जिम्मेदार नागरिक बनकर पानी का संरक्षण शुरू कर देना चाहिए।

पानी बचाओ जीवन बचाओ

अगर हमारे पास पर्याप्त मात्रा में ही पानी रह जाएगा और आने वाली पीढ़ी के लिए बिल्कुल भी पानी नहीं बचेगा तो इससे हमारा जीवन संकट में आ जाएगा।

इसीलिए कहा जाता है पानी बचाओ और जीवन बचाओ पानी बचाओ तभी हम अपने जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं। जिस तरह से जनसंख्या लगातार बढ़ती जा रही है, उस तरह से पानी की मांग भी बढ़ती जा रही है।

भारत का प्रत्येक नागरिक प्रतिदिन 1 लीटर पानी भी बचाएगा तो इससे बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है, क्योंकि आप का 1 लीटर बचाया वह पानी किसी अन्य व्यक्ति के काम आ सकता है और किसी और को स्वच्छ जीवन दे सकता है।

अगर किसी के पास पीने के लिए स्वच्छ पानी और उसकी सुविधा नहीं है तो आपको चाहिए कि आप उनकी मदद करें। यह छोटे छोटे कदम ही हम लोगों के जल संरक्षण और लोगों की मददगार तरीके से साबित हो सकते हैं।

पानी को कैसे बचाएं?

  • जिस समय हम दाढ़ी बनाते हैं या ब्रश करते हैं, उस समय अगर पानी का इस्तेमाल नहीं हो रहा हो तो आपको नल बंद कर देना चाहिए।
  • हमें ऐसे फ्लशिंग सिस्टम का उपयोग करना चाहिए, जो पानी की खपत को कम करता है।
  • नहाने के लिए फव्वारे का प्रयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि मग और बाल्टी का प्रयोग करना चाहिए।
  • सिंचाई के लिए पानी भर आई प्रणाली की जगह ट्रिप इरीगेशन प्रणाली का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • अपने बागानों में शाम के समय पानी का छिड़काव करें और जरूरत से ज्यादा पानी का इस्तेमाल नहीं करें।
  • सार्वजनिक स्थलों पर खुले हुए पानी के नलों को आप देखते ही तुरंत बंद कर दें अथवा हो सके तो इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को अवश्य दें।
  • अपने घरों और क्षेत्रों में बारिश के पानी के लिए संरक्षण तंत्र की जगह बनवाएं।
  • आरो फिल्टर से निकले हुए खराब पानी को व्यर्थ नहीं करना चाहिए, बल्कि इसका उपयोग पौधों को सींचने और कपड़े धोने में कर सकते हैं।

जल हमारे जीवन का आधार है, जल नहीं तो हमारा जीवन नहीं कोई मनुष्य हो जीव जंतु हो अथवा पेड़ पौधे हो सभी काजल सिर्फ जीवन पर ही टिका हुआ है। अगर पानी उपलब्ध नहीं होगा तो हम थोड़े समय तक जीवित रह सकते हैं।

इसके पश्चात हमारा जीवन समाप्त हो जाएगा, इसीलिए हम पानी के संरक्षण की शुरुआत करें पानी को बर्बाद ना करें और पृथ्वी का संतुलन बनाए रखें।

इस लेख पानी बचाओ पर निबंध इन हिंदी (pani bachao par nibandh) में आपको पानी बचाने के महत्व और तरीकों के बारे में बताया है।

आशा करते हैं कि आप भी इन तरीकों को जरूर अपनाएंगे और पानी को व्यर्थ नहीं करेंगे और आपको इससे संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए वह तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

पानी की समस्या पर निबंध

जल पर निबंध

जल ही जीवन है पर निबंध

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Rahul Singh Tanwar

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Comment (1).

Very nice sir

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जल संरक्षण पर निबंध Save Water Essay In Hindi

जल संरक्षण पर निबंध Save Water Essay In Hindi स्रष्टि के पंचभौतिक पदार्थो में जल का सर्वाधिक महत्व है. और यही जीवन का आधार है.

इस धरती पर जल संरक्षण   के कारण ही पेड़-पौधों, बाग-बगीचों आदि के साथ प्राणियों का जीवन सुरक्षित है. जीवन संरक्षण का मूल तत्वहोने से कहा गया है ‘ जल है तो जीवन है’ या ‘जल ही अमृत है’

धरती पर जलाभाव की समस्या उतरोतर बढ़ रही है. अतएवं धरती पर जल संरक्षण का महत्व  मानकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने सनः 1992 में विश्व जल दिवस मनाने की घोषणा की, जो प्रतिवर्ष 22 मार्च के दिन मनाया जाता है.

Save Water Essay In Hindi जल संरक्षण पर निबंध

जल संरक्षण पर निबंध Save Water Essay In Hindi

जल चेतना हमारा दायित्व- Save Water Save Life Essay

हमारी प्राचीन संस्कृति में जल वर्षण उचित समय पर चाहने के लिए वर्षा के देवता इंद्र और जल देवता वरुण का पूजन किया जाता था. इसी प्रकार हिमालय के साथ गंगा, यमुना, सरस्वती आदि नदियों का स्तुवन किया जाता था. फलस्वरूप धरती पर जल संकट नही था.

प्राचीन एतिहासिक साक्ष्यो से विदित होता है कि हमारे राजा तथा समाजसेवी श्रेष्टिवर्ग पेयजल हेतु कुओ, तालाबों, पोखरों आदि का निर्माण कर पर्याप्त धन व्यय करते थे. वे जल संचय का महत्व जानते थे.

किन्तु वर्तमान काल में मानव की स्वार्थी प्रवृति, भौतिकवादी चिंतन एवं अनास्थावादी द्रष्टिकोण के कारण उपलब्ध जल का ऐसा विदोहन किया जा रहा है.

जिससे अनेक क्षेत्रों में अब पेयजल का संकट पैदा हो गया है. इसलिए हमारा दायित्व है कि हम जल को जीवन रक्षक तत्व के रूप में संरक्षण प्रदान करे और न केवल वर्तमान को आपितु भविष्य को भी निरापद बनावे.

जल संकट का प्रभाव (Water Conservation In Hindi)

हमारे देश में औद्योगीकरण, शहरीकरण और खनिज संपदा का बड़ी मात्रा में विदोहन, भूजल का अतिशय दोहन तथा कल कारखानों के विषैले रासायनिक अपशिष्टों का उत्सर्जन होने से जल संकट (Water Crisis) निरंतर बढ़ रहा है. इससे न तो खेती बाड़ी के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा है. और न ही पेयजल की उचित आपूर्ति हो रही है.

जल संकट के कारण पुराने तालाब, सरोवर, एवं कुँए सूख रहे है. नदियों का जल स्तर घट रहा है और जमीन के अंदर का जल स्तर भी लगातार कम हो रहा है.

इस तरह जल संकट के कारण अनेक जीव जंतुओ एवं पादपों का अस्तित्व मिट गया है. खेतों की उपज घट रही है. और वनभूमि सूख रही है.धरती का तापमान निरंतर बढ़ रहा है. इस तरह जलसंकट के भयानक दुष्प्रभाव सामने आ रहे है.

जल संरक्षण के उपाय (Ways To Conserve Water)

जिन कारणों से जल संकट बढ़ रहा है, उनका निवारण करने से यह समस्या कुछ हल हो सकती है.इसके लिए भूगर्भीय जल का विदोहन रोका जावे और खानों खदानों पर नियंत्रण रखा जावे. वर्षा के जल का संचय कर भूगर्भ में डाला जावे. बरसाती नालों पर बाँध या एनिकट बनाए जावे.

तालाबों पोखरों कुओं को अधिक गहरा व चौड़ा किया जावे और बड़ी नदियों को आपस में जोड़ने का प्रयास किया जावे. जल चेतना में जल संरक्षण के प्रति जागृति लायी जावे. इस तरह के उपायों से जल संकट का समाधान हो सकता है.

उपसंहार (save water essay)

जल को जीवन का आधार मानकर समाज में नई जागृति लाने का प्रयास किया जावे. अमृत जलम जैसे जनजागरण किये जावे.

इससे जनचेतना की जागृति लाने से जल संचय एवं जल संरक्षण की भावना का प्रसार होगा तथा इससे धरती का जीवन सुरक्षित रहेगा.

save water essay in hindi wikipedia & जल संकट व जल संरक्षण पर निबंध

जल एक एक नाम जीवन भी हैं. सचमुच इस भूमंडल पर जल ही जीवन का आधार हैं. जल नही तो जीवन भी नही. प्रकृति ने मानव को भूमि वायु, प्रकाश आदि भी भांति जल भी बड़ी उदारता से प्रदान किया हैं.

लेकिन मनुष्य ने अपनी मुर्खता और स्वार्थ के कारण प्रकृति के इस वरदान को भी दूषित और दुर्लभ बना दिया हैं.

जल संरक्षण का अर्थ- जल संरक्षण का तात्पर्य हैं जल का अपव्यय रोकना और वर्षा के समय बह जाने वाले जल को भविष्य के लिए सुरक्षित कर रखना. बताया जाता है कि धरती की तीन चौथाई भाग जल से ढका हुआ हैं.

किन्तु पीने योग्य या उपयोगी जल बहुत ही सिमित हैं. हम प्रायः धरती के भीतर स्थित जल को उपयोग में लाते हैं. कुँए हैंडपंप नलकूप, सबसिम्बिल पम्प आदि से यह जल प्राप्त होता हैं.

धरती के ऊपर नदी तालाब झील झरने आदि का जल उपयोग में आता हैं. किन्तु प्रदूषण के चलते ये जल स्रोत अनुपयोगी होते जा रहे हैं.

धरती के भीतर उपस्थित जल को अंधाधुंध खिचाई के कारण जल का स्तर निरंतर नीचे जा रहा हैं. यह भविष्य में जल के घोर संकट का संकेत हैं. अतः जल का संरक्षण करना अनिवार्य हो गया हैं.

राजस्थान में जल संरक्षण- राजस्थान में धरती के अंदर जल का स्तर निरंतर गिर रहा हैं. भू गर्भ के जल का यहाँ जल संरक्षण बहुत जरुरी हैं. संतुलन वर्षा के जल से होता हैं.

जो राजस्थान में अत्यंत कम होती हैं. अतः धरती का पानी वापस नही मिल पाता, अब जल संरक्षण की चेतना जागृत हो रही हैं. लोग परम्परागत रीतियों से जल का भंडारण कर रहे हैं,.

सरकार भी इस दिशा में कार्य कर रही हैं. खेत में जल की बर्बादी रोकने के लिए सिंचाई की फव्वारा पद्धति पाइप लाइन से आपूर्ति, हौज पद्धति, खेत में ही तालाब बनाने आदि को अपनाया जा रहा हैं. मैग्सेस पुरस्कार प्राप्त श्री राजेन्द्र सिंह का तरुण भारत संघ तथा अन्य स्वयंसेवी संगठन भी सहयोग कर रहे हैं.

जल संरक्षण के अन्य उपाय- उपर्युक्त उपायों के अतिरिक्त जल संरक्षण के अन्य उपायों का अपनाया जाना भी परम आवश्यक हैं. शीतल पेय बनाने वाली कम्पनियां तथा बोतल बंद, जल बेचने वाले संस्थानों पर नियंत्रण किया जाना आवश्यक हैं.

वर्षा के जल को संग्रह करके रखने के लिए तालाब पोखर आदि अधिक से अधिक बनाये जाने चाहिए. नगरों में पानी का अपव्यय बहुत हो रहा हैं.

अतः जल के अपव्यय पर कठोर नियंत्रण हो तथा सबमसिबिल पम्प के साथ एक रिचार्ज बोरिंग अनिवार्य कर दी जानी चाहिए.

जल संरक्षण सभी का दायित्व- धरती के अंदर जल स्तर का गिरते जाना आने वाले जल संकट की चेतावनी हैं. भूमंडल का वातावरण गर्म हो रहा हैं. इससे नदियों के जन्म स्थल ग्लेशियर पिघल रहे हैं.

कही ऐसा न हो कि हमारी प्रसिद्ध नदियों के नाम ही मात्र शेष रह जाये. यदि जल संकट इसी तरह बढ़ता गया तो निकट भविष्य में यह संघर्ष का कारण बन सकता हैं.

कुछ विचारकों का कहना है कि अगर तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो वह जल पर अधिकार को लेकर होगा. अतः हम सभी का दायित्व हैं कि जल संरक्षण में तन मन और धन से योगदान देवे.

Save Water Essay In Hindi | जल संरक्षण पर निबंध

जल मनुष्य के लिए जीवन का प्रमुख साधन है. इसके बिना जीवन की कल्पना नही हो सकती, सभी प्राकृतिक वस्तुओं में जल अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. राजस्थान का अधिक भाग मरुस्थल हैं. जहाँ जल नाम मात्र को भी नही हैं. इसी कारण यहाँ कभी कभी भीषण अकाल पड़ता हैं.

जल संकट के कारण- राजस्थान के पूर्वी भाग में चम्बल, दक्षिणी भाग में माही के अतिरिक्त कोई विशेष जल स्रोत नही हैं. जो जल की आवश्यकताओं को पूरा कर सके. पश्चिमी भाग तो पूरे रेतीले टीलों से भरा हुआ निर्जल परदेश हैं. जहाँ केवल इंदिरा गाँधी नहर ही एकमात्र आश्रय हैं. राजस्थान में जल संकट के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं.

भूगर्भ के जल का तीव्र गति से दोहन हो रहा हैं. इससे जल स्तर कम होता जा रहा हैं. पेयजल के स्रोतों का सिंचाई में उपयोग होने से जल संकट बढ़ता जा रहा हैं. उद्योगों में जलापूर्ति भी आम लोगों को संकट में डाल रही हैं.

पंजाब हरियाणा आदि पड़ोसी राज्यों का असहयोगात्मक रवैया भी राजस्थान में जल संकट का बड़ा कारण हैं. राजस्थान की प्राकृतिक संरचना ही ऐसी है कि वर्षा की कमी रहती हैं और यदि वर्षा हो भी जाए तो उसकी रेतीली जमीन में जल का संग्रह नही हो पाता.

जल संकट के निवारण के उपाय- राजस्थान में जल संकट के निवारण हेतु युद्ध स्तर पर प्रयास होने चाहिए अन्यथा यहाँ घोर संकट उपस्थित हो जाएगा. कुछ प्रमुख सुझाव इस प्रकार हैं.

भूगर्भ के जल का असीमित दोहन रोका जाना चाहिए. पेयजल के जो स्रोत है उनका सिंचाई हेतु उपयोग न किया जाए. मानव की मूलभूत आवश्यकता को पहले ध्यान में रखा जाए.

वर्षा के जल को रोकने हेतु छोटे बांधों का निर्माण किया जाए ताकि वर्षा का जल जमीन में प्रवेश करे और जल स्तर में वृद्धि हो. पंजाब हरियाणा, मध्यप्रदेश की सरकारों से मित्रतापूर्वक व्यवहार रखकर आवश्यक मात्रा में जल प्राप्त किया जाए.

उपसंहार- भारत में भूगर्भ जल का स्तर निरंतर गिर रहा हैं. देश के सर्वाधिक उपजाऊ प्रदेश इस संकट के शिकार हो रहे हैं.

फिर राजस्थान जैसे मरूभूमि प्रधान प्रदेशों के भावी जल संकट की कल्पना ही सिहरा देने वाली हैं. अतः जल प्रबंधन हेतु शीघ्र सचेत और सक्रिय हो जाने में ही हमारा कल्याण निहित हैं.

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Water Conservation Essay in Hindi : ऐसे लिखें जल संरक्षण पर निबंध

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  • Updated on  
  • जून 25, 2024

जल संरक्षण पर निबंध

जल संरक्षण के महत्व को समझने से छात्रों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने में मदद मिलती है। वे जल संसाधनों की सीमित प्रकृति और जल की गुणवत्ता और उपलब्धता पर मानवीय गतिविधियों के प्रभाव के बारे में सीखते हैं। छात्रों को जल संरक्षण के बारे में पढ़ाने से उन्हें शुरू से ही स्थायी आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वे पानी का कुशलतापूर्वक और जिम्मेदारी से उपयोग करना सीखते हैं, जो पानी की बर्बादी को कम करने और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने में योगदान देता है। इसलिए इस ब्लाॅग में हम स्टूडेंट्स के लिए जल संरक्षण पर निबंध (Water Conservation Essay in Hindi) दे रहे हैं जिससे आपको जल संरक्षण का महत्व समझ आएगा।

This Blog Includes:

जल संरक्षण पर 100 शब्दों में निबंध, जल संरक्षण पर 200 शब्दों में निबंध, वर्तमान में पानी की कमी- एक गंभीर मुद्दा, जल संरक्षण का क्या महत्व है, जल संरक्षण पर 10 लाइन्स .

100 शब्दों में Water Conservation Essay in Hindi नीचे दिया गया है:

हर चीज़ के लिए पानी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम इसका उपयोग घर में खाना पकाने, नहाने, पीने और सफाई जैसे कई कामों के लिए करते हैं। पानी हमारे जीवन का सबसे बुनियादी और महत्वपूर्ण घटक है। जब हमें प्यास लगती है, तो हम पानी पीते हैं, कपड़े धोते हैं, नहाते हैं और पानी से खाना बनाते हैं। भले ही हम कई कामों के लिए पानी पर बहुत ज़्यादा निर्भर हैं, लेकिन हममें से ज़्यादातर लोगों को इसे पाने में कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता। समाज के कुछ तबके पानी की कमी का सामना करते हैं और वे पानी के बिना अपनी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पाते। जल संरक्षण और इसके महत्व को समझने के लिए हम हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाते हैं।

200 शब्दों में Water Conservation Essay in Hindi इस प्रकार है:

पानी पृथ्वी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन यह सभी के लिए पर्याप्त नहीं है। 2022 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 2 अरब लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिलता है। इससे उनके बीमार पड़ने की संभावना अधिक हो जाती है। जलवायु परिवर्तन बार-बार बाढ़ और सूखे का कारण बनकर हालात को बदतर बना रहा है, इसलिए हमें वास्तव में पानी बचाने की जरूरत है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, पानी बचाना महत्वपूर्ण है।

हम खेती, कारखानों और घरों के लिए बहुत सारा पानी उपयोग करते हैं। पानी बचाकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि चारों ओर घूमने के लिए बहुत कुछ है और इसके लिए झगड़ों से बचा जा सकता है। पानी बचाने से प्रकृति को संतुलित रहने में भी मदद मिलती है क्योंकि हर चीज़ को जीने के लिए पानी की ज़रूरत होती है। कम पानी का उपयोग करने का मतलब इसे हम तक पहुंचाने के लिए कम ऊर्जा का उपयोग करना भी है।

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम पानी बचा सकते हैं, जैसे वर्षा जल एकत्र करना, पानी बचाने वाले उपकरणों का उपयोग करना और पानी बर्बाद न करना। यदि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अभी और भविष्य में सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, तो हमें आज से ही पानी बचाना शुरू करना होगा।

Water Conservation Essay in Hindi (1)

जल संरक्षण पर 500 शब्दों में निबंध

500 शब्दों में Water Conservation Essay in Hindi इस प्रकार है:

जल संरक्षण आज की दुनिया में पर्यावरण प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। हमारा ग्रह पानी की कमी और प्रदूषण से संबंधित बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहा है, इसलिए व्यक्तियों, समुदायों और राष्ट्रों के लिए इस बहुमूल्य संसाधन के संरक्षण को प्राथमिकता देना अनिवार्य हो गया है। घरों से लेकर औद्योगिक संचालन तक, वर्तमान और भावी पीढ़ियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए पानी का सतत उपयोग आवश्यक है।

दुनिया भर में पानी की कमी एक बड़ी समस्या है, जब हर किसी के लिए पर्याप्त ताज़ा पानी उपलब्ध नहीं होता है। ऐसा तब होता है जब पानी की मांग उपलब्ध मात्रा से अधिक होती है। यह अलग-अलग तरीकों से दिखाई देता है, जैसे पीने के लिए साफ पानी न होना, खेती या कारखानों के लिए पर्याप्त पानी न होना और नदियों और झीलों का सूखना।

पानी की कमी होने के कई कारण हैं:

  • ग्लोबल वार्मिंग: यह चीजों को गर्म बना रहा है और पानी को बिगाड़ रहा है।
  • खराब जल प्रबंधन: कभी-कभी, लोग पानी का बुद्धिमानी से उपयोग नहीं करते हैं या बाद के लिए पर्याप्त बचत नहीं करते हैं।
  • जल प्रदूषण: गंदा पानी पीने या अन्य चीजों के लिए उपयोग करने के लिए सुरक्षित नहीं है।
  • बहुत अधिक मांग: हम अपने हर काम में अधिक पानी का उपयोग कर रहे हैं।
  • बाढ़: बहुत अधिक पानी भी एक समस्या हो सकता है, खासकर अगर यह फसलों या इमारतों को बहा ले जाए।
  • सूखा: पर्याप्त बारिश नहीं होने का मतलब पौधों, जानवरों और लोगों के लिए पर्याप्त पानी नहीं है।
  • खराब कृषि तकनीकें: कभी-कभी, किसान बहुत अधिक पानी का उपयोग करते हैं या इसका सही तरीके से उपयोग नहीं करते हैं।
  • पानी की बर्बादी: कभी-कभी, हम अपनी ज़रूरत से ज़्यादा पानी का उपयोग कर लेते हैं।

ये सभी चीजें मिलकर हर किसी के लिए पर्याप्त पानी प्राप्त करना वास्तव में कठिन बना सकती हैं, इसलिए यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि पानी का बेहतर उपयोग कैसे किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी के लिए पर्याप्त पानी हो।

पानी की कमी से निपटने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि अभी और भविष्य में सभी के लिए पर्याप्त पानी हो, पानी बचाना बेहद महत्वपूर्ण है। यहां तक कि आपके द्वारा किए जाने वाले छोटे-छोटे काम भी मदद कर सकते हैं, जैसे जब आप नल का उपयोग नहीं कर रहे हों तो उसे बंद कर देना। यहां कुछ अन्य तरीके दिए गए हैं जिनसे हम पानी बचा सकते हैं:

  • ड्रिप सिंचाई: यह तकनीक पानी को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाने में मदद करती है, जिससे बर्बादी कम होती है।
  • मृदा प्रबंधन: अच्छी मृदा पद्धतियाँ पानी को बनाए रखने और इसे पौधों के उपयोग के लिए उपलब्ध रखने में मदद करती हैं।
  • सूखा-सहिष्णु फसलें: कम पानी में जीवित रहने वाली फसलें लगाने से कृषि में पानी बचाने में मदद मिलती है।
  • मल्चिंग: मिट्टी में गीली घास की एक परत डालने से नमी बनाए रखने और वाष्पीकरण को कम करने में मदद मिलती है।
  • पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग: बगीचों में पानी देने या शौचालय में फ्लश करने जैसी चीजों के लिए उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग करने से ताजे पानी को बचाने में मदद मिलती है।
  • वर्षा जल संचयन: छतों से वर्षा जल एकत्र करना और बाद में उपयोग के लिए इसे संग्रहीत करना पानी बचाने का एक शानदार तरीका है।
  • अलवणीकरण: समुद्री जल को मीठे पानी में बदलने से तटीय क्षेत्रों में जल आपूर्ति को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
  • जागरूकता फैलाना: पानी बचाना क्यों महत्वपूर्ण है, इस बारे में दूसरों से बात करना अधिक लोगों को अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
  • जल सफाई अभियानों का समर्थन करना: प्रदूषित जल स्रोतों को साफ करने के अभियानों में दान देना या उनमें भाग लेना यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि हमारे पास उपयोग करने के लिए साफ पानी है।
  • उचित जल प्रबंधन: कृषि से लेकर उद्योग और घरों तक जीवन के सभी पहलुओं में पानी का बुद्धिमानी और कुशलता से उपयोग करने से इस बहुमूल्य संसाधन के संरक्षण में मदद मिलती है।

ये कदम उठाकर और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करके, हम सभी पानी के संरक्षण और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी जल आपूर्ति सुनिश्चित करने में भूमिका निभा सकते हैं।

जल संरक्षण केवल एक जिम्मेदारी नहीं है बल्कि हमारे ग्रह और इसके निवासियों की भलाई के लिए एक आवश्यकता है। अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलावों को लागू करके और बड़ी पहलों का समर्थन करके, हम सामूहिक रूप से अपने जल संसाधनों के संरक्षण में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। जिम्मेदार लोगों के रूप में, हमें जल की कमी के मुद्दे के बारे में जागरूक होना चाहिए और अपने बच्चों को पाइपों और नलों में लीक को ठीक करके, उपयोग न होने पर नल को बंद करके और कम समय तक स्नान करके जल संरक्षण करना सिखाना चाहिए।

Water Conservation Essay in Hindi पर 10 लाइन्स इस प्रकार हैंः

  • वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए मीठे पानी की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल संरक्षण आवश्यक है।
  • जल संरक्षण से जल की कमी को कम करने में मदद मिलती है, जो लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर वैश्विक समस्या है।
  • घर पर जल-बचत अभियान को लागू करना, जैसे जल-कुशल उपकरणों का उपयोग करना, पानी की बर्बादी को काफी कम कर सकता है।
  • कृषि, उद्योग और घर सभी जिम्मेदार जल उपयोग और प्रबंधन के माध्यम से जल संरक्षण में भूमिका निभाते हैं।
  • वर्षा जल संचयन, बाद में उपयोग के लिए वर्षा जल को एकत्रित और संग्रहीत करके जल संरक्षण का एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका है।
  • कृषि में ड्रिप सिंचाई तकनीक सीधे पौधों की जड़ों तक पानी पहुंचाकर पानी की बर्बादी को कम करती है।
  • जल संरक्षण के महत्व के बारे में जन जागरूकता अभियान व्यक्तियों को जल-बचत की आदतें अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
  • बागवानी या सफाई जैसे गैर-पीने योग्य उद्देश्यों के लिए पानी का पुन: उपयोग करने से पानी की खपत कम हो सकती है।
  • उद्योगों में जल-कुशल प्रौद्योगिकियों और बुनियादी ढांचे को लागू करने से पानी के उपयोग को कम करने और दक्षता को अधिकतम करने में मदद मिल सकती है।
  • इस बहुमूल्य संसाधन की सुरक्षा के लिए प्रभावी जल संरक्षण रणनीतियों को विकसित करने और लागू करने में सरकारों, समुदायों और व्यवसायों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है।

संबंधित ब्लाॅग्स 

जल संरक्षण से तात्पर्य अपशिष्ट को कम करने और वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के लिए मीठे पानी की स्थायी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पानी का बुद्धिमानीपूर्वक और कुशलता से उपयोग करने के अभ्यास से है।

जल संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पानी की कमी को कम करने, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने और सभी के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने में मदद करता है। यह जल उपचार और वितरण से जुड़ी ऊर्जा खपत को भी कम करता है।

आप लीकेज को ठीक करके, छोटे शॉवर लेकर, उपयोग में न होने पर नल बंद करके, जल-कुशल उपकरणों का उपयोग करके, बाहरी उपयोग के लिए वर्षा जल एकत्र करके, और पौधों को पानी देने या शौचालयों को फ्लश करने जैसे गैर-पीने योग्य उद्देश्यों के लिए गंदे पानी का पुन: उपयोग करके घर पर पानी का संरक्षण कर सकते हैं।

उम्मीद है कि आपको Water Conservation Essay in Hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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Save Water Essay in Hindi 150 Words (जल संरक्षण पर निबंध)

पानी एक बहुत ही आवश्यक संसाधन हैं। पानी के बिना जीना असंभव है। पानी बड़ी मात्रा में महासागरों, झीलों, नदियों में मौजूद है लेकिन यह पीने के लिए उपयुक्त नहीं है। जनसंख्या बढ़ने के कारण, बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है और इस कारण से कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। अगर लोग पानी का दुरूपयोग करना जारी रखते हैं तो पीने के लिए पानी नहीं होगा | प्रदूषित पानी भी पानी की कमी के लिए मुख्य कारण हैं।

यघपि पानी बहुत सारा उपलब्ध है लेकिन पीने के लिए केवल 1 प्रतिशत ही उपलब्ध है। इसी तरह भविष्य में पानी पृथ्वी पर नही बचेगा और न ही जीवन बचेगा। वर्षा जल संचयन जैसे विभिन्न प्रथाओं, पानी को बचाने के लिए पानी का पुर्ननवीनीकरण किया जा सकता है। लोगों को हमारे जीवन में पानी के महत्व को समझने की जरूरत है। हमें पानी का उपयोग आवश्यकता के अनुसार उपयोग करना चाहिए। पानी को बचाना बहुत जरूरी है अन्यथा पृथ्वी पर कोई जीवन नहीं होगा।

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Save Water Essay in Hindi 300 Words ( जल संरक्षण पर निबंध)

जल जीवन का आधार है, अगर जल है तो हम है। बिना जल के जीवन सभव नहीं है इसलिए हमे जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये जल का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए और इसके महत्व को समझाना चाहिए। पूरे ब्रह्माण्ड में सिर्फ इकलौता ग्रह धरती ही है जहा जल है इसलिए ऐसा कहा जाता है कि पूरे ब्रह्माण्ड के जीवन चक्र को चलाने में जल बहुत महत्वपूर्ण है। अगर जल न हो तो हमारे जीवन का आधार ही समाप्त हो जाये। पानी की जरुरत हमे जिंदगी भर है, इस बहुमूल्य चीज को बचाहने के लिए हम ही जिम्मेदार है। आज भारत कि छोटी छोटी नदिया सुख रही है और बड़ी नदियों में पानी का प्रवाह प्रति वर्ष धीमा ही होते जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के संचालन के अनुसार पाया गया कि भारत के राजस्थान की लड़किया सिर्फ इसलिए स्कूल नहीं जा पति क्योकि उन्हें लंबी दूरी तय करके घर के लिए पानी लाना होता है। इस कारण राजस्थान की लड़किया पूरे दिन को ख़राब कर देती है जिसके बाद उन्हें किसी ओर काम के लिए समय ही नहीं मिलता। राष्ट्रीय अपराध रिकार्डस् ब्यूरो के सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 16,632 किसान (2,369 महिलाएँ) आत्महत्या कर चुके है जिनमे से 14.4% मामले सूखे के कारण घटित हुए हैं। हमारे देश के कुएं भी सूखते ही जा रहे है और 1960 से आज की बात करे तो घटकर आधे ही रह गए है।

भारत में पानी की कमी पिछले 30-40 साल की तुलना में तीन गुणा हो गयी है, जिसकी वजह से कई अन्य समस्याएं पैदा हो गयी। भारत जैसे कई अन्य देश ऐसे है जहा अशिक्षा, आत्महत्या, लड़ाई, गरीबी, बेरोज़गारी और दूसरे सामाजिक मुद्दों का कारण भी पानी की कमी है। पानी की कमी के कारण कई देशो के बच्चे अपने आने वाले भविष्य में मूल शिक्षा के अधिकार और खुशी से जीने के अधिकार को प्राप्त नहीं कर पाएंगे। ये एक बहुत ही गंभीर विषय है, जिस पर सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए।

केवल सरकार को ही नहीं, सबसे पहले हमे ही देश के जिम्मेदार नागरिक होने के कारण कम पानी से होनी वाली समस्याओ का पता होना चाहिए ओर हम सभी प्रतिज्ञा ले और जल संरक्षण के लिये एक-साथ आगे आये। हम सबका छोटा प्रयास बड़े परिणाम दे सकता है। अपने प्रतिदिन की गतिविधियों में कुछ बदलाव लाकर हम पानी की समस्या से निपट सकते है जैसे कि फव्वारे से नहाने कि बजाए बाल्टी और मग का इस्तेमाल करना और नहाने के बाद नल को ठीक से बंद करना। इसी तरह हजारो और लाखो लोगो के छोटे-छोटे प्रयासों से हम जल संरक्षण अभियान की ओर एक बड़ा सकारात्मक परिणाम दे सकता है।

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जल संरक्षण पर निबंध | Water conservation Essay in Hindi

by Editor January 19, 2019, 2:56 PM 26 Comments

जल का महत्व हम जितनी जल्दी समझ जाएँ हमारे लिए उतना अच्छा है और जल संरक्षण के प्रयास हमें अब शुरू करने की आवश्यकता है। धरती पर सीमित जल-भंडार को बचाने के लिए आज सभी को जल संरक्षण की ओर अपना ध्यान आकृष्ट करने की जरूरत है। 

जल संरक्षण पर निबंध ( 200 शब्द) 

एक तरफ धरती पर साफ पीने लायक पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ हम किसी ना किसी कारणवश धरती के अमूल्य जल को बर्बाद कर रहे हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब धरती पर पीने लायक पानी बचेगा ही नहीं। हमारी धरती पर 70% भूभाग जल का है लेकिन मात्र 1 प्रतिशत जल ही ऐसा है जो मानव अपने उपयोग में ले सकता है, बाकी का अधिकांश जल समुद्र का खारा पानी है और बर्फ़ीला है।

जल संरक्षण आज बहुत जरूरी हो गया है। अपने रोजिंदा जीवन में जिस प्रकार हम जल का दुरुपयोग करते हैं उस पर रोक लगाने की जरूरत है। दुनिया के कई देश जल की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। भारत के कई राज्यों में लोगों को पानी के लिए दूर–दूर तक जाना पड़ता है।

जल का हम सही उपयोग करें और जल के स्त्रोतों को बढ़ाएं तो पानी की समस्या से हम निजात पा सकते हैं। जल का संरक्षण करने के लिए हमें बरसात के पानी का संग्रह करना चाहिए, नदियों और अन्य पानी के स्त्रोत को प्रदूषित नहीं करना चाहिए और साथ ही साथ अपने रोजिंदा जीवन में जल का सदुपयोग करना चाहिए।

जल संरक्षण पर निबंध (3 00 शब्द) 

जल को जीवन कहा जाता है अतः इसके मूल्य को समझकर हमें जल संरक्षण पर अधिक ज़ोर देने की आवश्यकता है। धरती पर मनुष्य के उपयोग के लायक मात्र 1 प्रतिशत जल बचा है, यदि हमने सजग होकर पानी को बचाने के लिए उचित कदम नहीं उठाए तो हमारी आने वाली पीढ़ी को भारी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

जल संरक्षण के लिए हमें सबसे पहले अपने रोजिंदा जीवन में पानी की बचत करनी चाहिए। अपने रोजिंदा कार्यों को करने के लिए हम जरूरत से ज्यादा पानी इस्तेमाल करते हैं, यह एक तरह से पानी की बरबादी है अतः यह आदत हमें बदलनी चाहिए। जितने पानी की आवश्यकता हो हमें उतना ही पानी उपयोग में लेना चाहिए।

दूसरा कदम जल संरक्षण के लिए हम यह उठा सकते हैं की बरसात के जल का अधिक से अधिक संग्रह करना। बरसात के मौसम मे वर्षा का साफ जल यूं ही बर्बाद हो जाता है अतः इस जल का हमें संग्रह करना होगा। वर्षा के जल का संग्रह करने के लिए जगह-जगह छोटे-छोटे तालाब और जलाशय हम बना सकते हैं।

तीसरा काम हम ये कर सकते हैं वो यह की अपने नदी, तालाब, जलाशय को साफ रखना। जी हाँ, यदि हम नदी, तालाब आदि में प्रदूषण न करें और उन्हें शुद्ध रखें तो उनका आस्तित्व बना रहेगा। नदियों का जल हमारे लिए पानी का सबसे बड़ा स्त्रोत है अतः उनका संरक्षण हमें जरूर करना चाहिए।

इसके उपरांत वनों को कटाई पर भी रोक लगनी चाहिए क्यूंकी बरसात को लाने के पीछे वृक्षों का योगदान महत्वपूर्ण होता है अतः अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर जंगलों को बढ़ाना चाहिए।

धरती पर जल संरक्षण के लिए सभी लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है क्यूंकी सबसे अधिक पानी की बरबादी हम अपने घरों में अलग-अलग कार्यों को करने में करते हैं। जल अब सीमित मात्रा में ही बचा है अतः जितनी जल्दी हम जल संरक्षण की आदत को अपनाएं उतना हमारे लिए अच्छा है।

जल संरक्षण पर निबंध (5 00 शब्द) 

जल इस धरती की सबसे अमूल्य वस्तु है। जिस प्रकार हम हवा और भोजन के बिना जीवित नहीं रह सकते उसी प्रकार हम जल के बिना भी जीवित नहीं रह सकते। धरती पर समस्त जीवसृष्टि के लिए जल सबसे महत्वपूर्ण है। धरती पर जल का विशाल भंडार होने के बाद भी मात्र 1 प्रतिशत पानी ही हमारे उपयोग के लिए बचा है, क्यूंकी बाकी का पानी या तो खारा है या बर्फ के पहाड़ों के रूप में है।

आज सबसे अधिक आवश्यकता जल को बचाने की है क्यूंकी आने वाले समय में हमें भीषण जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। जिस प्रकार से हम अनमोल जल को बरबाद कर रहे हैं उसे देखकर तो ऐसा ही लगता है की आने वाली पीढ़ी के लिए जल बचेगा ही नहीं।

आज सबसे ज्यादा ज़ोर जल संरक्षण पर देने की आवश्यकता है।

क्या है जल संरक्षण

जल संरक्षण में पीने लायक ताजे पानी के संसाधन का रक्षण करना और वर्तमान और भविष्य में जल की मांग को पूरा करने के लिए सभी नीतियों और गतिविधियों को शामिल किया गया है। जन संख्या वृद्धि, घरेलू उपयोग और अंधा धुंध विकास के कारण पानी का उपयोग जरूरत से ज्यादा बढ़ा है। जलवायु परिवर्तन के कारण भी जल की कमी की समस्या को बढ़ा दिया है।

आज ऐसी पहल की आवश्यकता है जो धरती पर जल को बचा सके और उसका भविष्य के लिए संरक्षण कर सके। विश्व के सभी देशों ने जल संरक्षण के लिए कदम उठाए हैं। भारत में भी जल के संसाधनों जैसे की नदियों, तालाबों, जलाशयों आदि को बचाया जा रहा है, उन्हें साफ किया जा रहा है। पानी का संग्रह किया जा रहा है ताकि आपने वाली पीढ़ी को हम जल संकट से बचा सकें।

जल संरक्षण के उपाय

जल संरक्षण के लिए हमें कई कदम उठाने की जरूरत है क्यूंकी किसी ना किसी रूप में हम पानी का दुरुपयोग कर रहे हैं और उसे बचाने और संग्रहीत करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं, जल संरक्षण के लिए हम निम्न कदम उठा सकते हैं:

  • जल संरक्षण में एक रणनीति वर्षा जल संचयन है। तालाबों, झीलों, नहरों का निर्माण करना, पानी के जलाशय का विस्तार करना वर्षा जल संचयन के विभिन्न तरीके हैं। इससे भूगर्भ जल भी बढ़ेगा और जल संचय भो होगा।
  • भूगर्भ जल के संरक्षण पर उचित कदम उठाने की जरूरत है।
  • घरों में पानी के मीटर लगाने की जरूरत है जिससे लोगों को पानी का महत्व समझ में आएगा और पानी का दुरुपयोग बंद होगा।
  • खेतों में सिंचाई के लिए टपक पद्धति और फुवारे का उपयोग करने से पानी को बचा सकते हैं।
  • घर में नहाने, बर्तन धोने, शौचालय आदि में ढेर सारा पानी इस्तेमाल किया जाता है अतः वहाँ हमें समझदारी से पानी का उपयोग करना चाहिए
  • वनों की कटाई के कारण वर्षा पर भी प्रभाव पड़ता है अतः वनों की कतयो रोककर उनका विस्तार बढ़ाना चाहिए

इस प्रकार के कई कदम हैं जो हम जल संरक्षण के लिए उठा सकते हैं। सबसे जरूरी है जागरूकता जिसका अभाव लोगों को जल का महत्व नहीं समझा पाता। अतः एक सामजिक जागरूकता भी जरूरी है।

जल संरक्षण पर विस्तृत निबंध (10 00 शब्द) 

धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है, किसी एक की कमी के बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता। जल को अमूल्य संपत्ति कहा जाता है और इसकी एक-एक बूंद हमारे लिए बहुत कीमती है। धरती पर वैसे तो जल का 70 प्रतिशत भाग है लेकिन हम उपयोग कर सकें उतना मात्र 1 प्रतिशत जल है। अतः हमें बड़ी सोच-समझ के साथ सीमित जल का उपयोग करना चाहिए।

जल संरक्षण क्या है?

जल संरक्षण, अनावश्यक रूप से पानी के उपयोग को कम करने के लिए कुशलतापूर्वक पानी का उपयोग करने का एक अभ्यास है। आज हमारे लिए जल संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि ताजा स्वच्छ जल एक सीमित संसाधन है, साथ ही बहुमूल्य भी है। जल सभी के जीवन के पोषण के लिए एक आवश्यक संपत्ति है और स्थानीय उपयोग से लेकर कृषि और उद्योग के लिए उपयुक्त सभी गतिविधियों की मूलभूत मांग है। अतः इस प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है।

मानव आबादी के नियमित रूप से बढ्ने से जल संसाधनों पर गंभीर दवाब पैदा हो गया है। नदी, तालाब, झील, जलाशय और भूजल के दुरुपयोग से जल की भीषण कमी का सामना आज हमें करना पड़ रहा है और शायद आने वाले वर्षों में यह संकट और अधिक बढ़ने वाला है।

आज हमें पानी को बचाने की कोशिशों में तेजी लाने की आवश्यकता है और जल संरक्षण पर गंभीर विचार करने की जरूरत है।

क्यूँ जरूरी है जल संरक्षण

आबादी और उद्योग की वृद्धि के कारण ताजे जल स्रोतों की हमारी जरूरत बढ़ रही है, लेकिन हमारे पास जल का सीमित संग्रह बचा है। ऐसी हालत में जल संरक्षण ही एक मात्र उपाय है जो हमें और आने वाली पीढ़ी को जल के संकट से बचा सकता है।

पानी के संरक्षण में असफल होने से पानी की पर्याप्त आपूर्ति की कमी हो सकती है, जिसके कठोर परिणाम हो सकते हैं। इनमें पानी की लागत बढ़ना, कम खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य संबंधी खतरे और राजनीतिक संघर्ष शामिल हैं।

जल की कमी के कारण पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ेगा और वन, उपवन, वन्य जीव आदि पर संकट आ सकता है, अतः जल संरक्षण जरूरी है।

जल पूरी जीवसृष्टि के लिए महत्वपूर्ण है और धरती पर इसका सीमित स्त्रोत हमें इस बात की ओर प्रेरित करता है की हम जल संरक्षण की ओर ध्यान दें, अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ी को पीने के लिए एक बूंद जल के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा।

जल संरक्षण कैसे करे?

ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनको अपनाकर हम जल का संरक्षण कर सकते हैं। यदि हम जल का सीमित उपयोग करें और उसे बचाने के लिए उचित कदम उठाएँ तो जल का सीमित भंडार लंबे समय तक बना रह सकता है।

वर्षा के पानी का संग्रह करना –  वर्षा के जल का संग्रह ना करना हमारी सबसे बड़ी भूल है। आज भी वर्षा का साफ पानी समुद्र, गटर, नालियों में बह जाता है और व्यर्थ हो जाता है। इस पानी का यदि हम संग्रह करें तो हर साल जो जल संकट हमें देखना पड़ता है उससे राहत मिल सकती है। बरसात के जल को हम नहर, तालाब, जलाशय, कुंड आदि बनाकर संग्रहीत कर सकते हैं। इस संग्रहीत किए जल का उपयोग हम घर के उपयोग, उद्योगों और कृषि कार्यों में कर सकते हैं। हम गावों, शहरों के आसपास तालाब बना सकते हैं, विशाल नहरों का निर्माण कर पानी के संकट वाले क्षेत्रों को राहत पहुंचा सकते हैं।

भूगर्भ जल का रक्षण – भूगर्भ जल अर्थात जमीन के अंदर स्थित जल जो की हम कुवों, हैंडपंप आदि से निकालते हैं। अधिक भूगर्भ जल निकालने के कारण और उसका दुरुपयोग होने के कारण भूगर्भ जल में भी कमी आती है। भूगर्भ जल का हमें रक्षण करना चाहिए। तालाब, जलाशय आदि बनाने से भूगर्भ जल का स्तर बढ़ता है। भूमि प्रदूषण भी रोकने की आवश्यकता है क्यूंकी उसके कारण भूगर्भ जल दूषित होता है।

दैनिक कार्यों में जल का सही उपयोग – सबसे अधिक पानी का उपयोग यदि कहीं किया जाता है तो वो है घरेलू कार्यों में। हम अपने रोजिंदा जीवन में बड़ी मात्रा में पानी का दुरुपयोग करते हैं, क्यूंकी हम इस बात से अंजान होते हैं की यह जल सीमित मात्रा में ही धरती पर उपलब्ध है।

नहाने में, कपड़े व बर्तन धोने में, वाहनों को धोने के लिए, त्योहारों के समय, घर की साफ-सफाई के समय आदि ऐसे बहुत से कार्य हैं जिनमें हम पानी को बर्बाद करते हैं। यदि हम अपनी जवाबदारी को समझकर पानी का सदुपयोग करें तो काफी हद तक जल संरक्षण में अपना योगदान हम दे सकते हैं।

  • हमेशा नल को कसकर बंद करें ताकि उनमें से पानी ना बर्बाद हो।
  • अपने नल के अंदर और आसपास किसी भी लीक की तुरंत मरम्मत करें। (एक रिसाव से प्रति वर्ष कई हजार लीटर पानी बर्बाद हो सकता है।)
  • अपने पानी के उपयोग को कम करने के लिए अपने नल पर एक जलवाहक या पानी के प्रवाह को कम करने वाले लगाव का उपयोग करें।
  • बर्तन धोते समय कभी भी लगातार पानी न चलाएं।
  • ब्रश करते समय, जब आप वास्तव में ब्रश कर रहे हों तो पानी बंद कर दें। (यह सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले पानी का लगभग 80% बचाता है।)
  • लो-फ्लश शौचालय स्थापित करके आप पानी के उपयोग को 40% से 50% तक कम कर सकते हैं
  • लॉन और उद्यानों को गर्म मौसम के दौरान प्रतिदिन केवल 5 मिलीमीटर पानी की आवश्यकता होती है। वसंत, पतझड़ या शांत मौसम के दौरान कम पानी की आवश्यकता होती है अतः उस समय पानी कम इस्तेमाल करें।
  • घरों में पानी के मीटर लगाने से हम इस पानी के दुरुपयोग को रोक सकते हैं।

26 Comments

जल शक्ति अभियान पर निबन्ध बताओ

Ager hm water nhi save krenge to really aisa time ayega ki hm log ya hmari ane vali genration ko water milega nhi hoga

ji ha roli ji yesha possible ha

Hame rai dene se nahi hoga hame kuchh karna chahiye

Agar hum water ko save nahi kare to aaisa hi hoga

Nice nibandh

????thank you

जल क्या है इस पर परी जानकारी का एक आर्टिकल है आप अपने ब्लॉग में मेंशन कीजिए ना प्लीज प्लीज

Save water Save life

I am Anvesha. I am a student studying in class VI and I needed a 200 words essay on water conservation in Hindi. Thanks for the help.

Save Save Save water we can help to save the life

very gud info …. jal hi jivan hei …

Thanks sir/ma,am

Very good essay, that too in Hindi language

Thanks 👍 it’s very good essay

Ohhhhhh……….. Nooooooo…………. This eassy is good but………………..👍 I don’t like to complete projects………..😔 But thanks ….☺️

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प्राकृतिक आपदा निबंध Natural Disaster Hindi Essay

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नारी शिक्षा पर निबंध Hindi Essay on Women education महिला शिक्षा पर निबंध

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दा इंडियन वायर

जल है तो कल है पर निबंध

save water essay hindi

By विकास सिंह

save water essay hindi

मनुष्य को पीने के लिए जल की आवश्यकता होती है। कृषि के लिए पानी की आवश्यकता होती है। किसी नें सही कहा है, जल है तो कल है।  हमें व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए, और अपने घरों और आस-पास को साफ रखने के लिए पानी की आवश्यकता है। कई औद्योगिक प्रक्रियाओं को भी पानी की आवश्यकता होती है।

विषय-सूचि

जल है तो कल है पर निबंध, save water essay in hindi (200 शब्द)

हम हर जगह यह सुनते रहते हैं कि भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें पानी बचाना चाहिए लेकिन हम इसे हमेशा हल्के में लेते हैं। जब से हम सुबह उठते हैं और जब तक हम रात में सोते हैं तब तक हमें पानी की आवश्यकता होती है और कई तरीकों से पानी का उपयोग करते हैं।

वास्तव में पानी के बिना हमारे दिन की कल्पना करना असंभव है। लेकिन हर कदम पर हम इसे बहुत बर्बाद कर रहे हैं। हमें स्कूलों में पढ़ाया जाता है कि हमारे ग्रह का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है, लेकिन यह सब हमारे उपयोग के लिए फिट नहीं है इसलिए हमें पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए।

हमारी सरकार और अन्य जागरुकता पैदा करने वाले संगठनों के पास समय है और फिर से हमें जल संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षित करने का प्रयास किया है। ऐसे कई तरीके हैं जिनके द्वारा हम अपने दैनिक जीवन में पानी बचा सकते हैं। उपयोग न होने पर नल को बंद करने जैसे सरल कार्य, कपड़े धोने में पानी का पुन: उपयोग करने की कोशिश करना, शॉवर के बजाय बाल्टी का उपयोग करना कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके द्वारा हम बहुत सारा पानी बचा सकते हैं।

अगर हम समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाएंगे तो जल्द ही हमें पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। मनुष्य पानी के बिना जीवित नहीं रह सकता है और यह केवल हम ही हैं जो इसे सबसे अधिक बर्बाद कर रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पृथ्वी को बचाने के लिए हमें पानी बचाने की जरूरत है।

जल है तो कल है पर निबंध, save water essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

’पृथ्वी पर जीवन बचाने के लिए पानी बचाओ’, यह नियम अब हम सभी के लिए प्रमुख आवश्यकता बन गया है। हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी पर रहने के लिए पानी उतना ही आवश्यक है, लेकिन सबसे बुरी बात यह है कि दिन पर दिन ताजा पानी कम होता जा रहा है।

पानी की कमी के कारण दुनिया में सूखे, विभिन्न बीमारियों, पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसे कई प्राकृतिक संकट पैदा हो रहे हैं, फिर भी दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा पानी की बचत के महत्व को नहीं समझ रहा है।

जल बचाओ पृथ्वी बचाओ:

स्वच्छ जल अभी भी भारत के कई दूरदराज के क्षेत्रों में एक लक्जरी है। कई को अपने परिवार के लिए दो बाल्टी स्वच्छ पानी पाने के लिए हर दिन किलोमीटर तक चलना पड़ता है। दूसरी तरफ हम में से कई ऐसे हैं जो हर दिन निर्दयतापूर्वक पानी बर्बाद करते हैं। स्वच्छ पेयजल की पहुँच प्राप्त करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार होना चाहिए।

हमें पानी के महत्व को समझना होगा और इसके अभाव से जुड़ी समस्याओं के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। हमें अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए कि वे पानी का उपयोग बहुत समझदारी से करें और भविष्य के लिए बचत करें। हम स्वच्छ पानी को भी दूषित करते हैं जो इसे पीने के उद्देश्यों के लिए अयोग्य बनाता है। हमारी सरकार द्वारा पानी की बचत के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जल संरक्षण पर विभिन्न परियोजनाएं शुरू की गई हैं, फिर भी कई पानी की कमी के कारण पीड़ित हैं।

निष्कर्ष:

देशों की सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में पानी की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए और लोगों को समझदारी से पानी का उपयोग करना चाहिए और प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए किसी भी प्रकार के अपव्यय से बचना चाहिए।

जल है तो कल है पर निबंध, save water essay in hindi (400 शब्द)

हमारी धरती मां ने हमेशा हमारी रक्षा की है और हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि हमें वह सब कुछ मिले जिसकी हमें जरूरत है। मानव जाति के हित के लिए सभी प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। लेकिन दुख की बात है कि बदले में हमने इन संसाधनों का केवल शोषण और दुरुपयोग किया है। जल एक प्राकृतिक संसाधन है जो सभी जीवन रूपों की आधारशिला है।

यह कहना कठिन है, लेकिन यह तथ्य यह है कि पीने योग्य पानी दिन-प्रतिदिन पूरी दुनिया में कम हो रहा है, यहां तक ​​कि पृथ्वी भी 71% पानी से ढकी हुई है। पानी बचाओ जीवन बचाओ ’के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न देश विभिन्न कार्यक्रम और कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

पानी बचाओ धरती बचाओ:

हम पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं इसलिए हमें महसूस करना चाहिए कि यह बहुत महत्वपूर्ण है। शोध के अनुसार यह ज्ञात है कि पृथ्वी पर सभी पानी के ताजे पानी का केवल 1% है। हम इंसान इसे किसी भी चीज की तरह बर्बाद कर रहे हैं। वो दिन दूर नहीं जब पानी सोने जैसा महंगा होगा। ऐसे कई तरीके हैं जिनमें हम नीचे दिए गए पानी की बर्बादी में योगदान दे रहे हैं-

  • उपयोग में न होने पर नल को खुला छोड़ना।
  • जरूरत न होने पर लॉन और पार्कों में पानी छिडकाव करना।
  • पानी का पुन: उपयोग नहीं करना: अधिकांश पानी का पुन: उपयोग किया जा सकता है इसलिए बहुत अधिक बचत की जा सकती है।

सामाजिक जागरूकता के लिए विभिन्न कदम:

वर्तमान समय में हर जगह लोग जल संसाधनों की कमी, भूजल स्तर में कमी, दुनिया के कई हिस्सों में सूखे और वर्षा जल संचयन आदि के बारे में बात कर रहे हैं। जल संसाधनों की कमी अब दुनिया के लिए एक वैश्विक समस्या बन गई है और प्रमुख तथ्य है। यह तब हो रहा है जब पृथ्वी लगभग 71% पानी से ढकी हुई है। वास्तव में उपयोगी पानी केवल 3.5% उपलब्ध है, अन्य महासागर का पानी है जिसका उपयोग नहीं किया जा सकता है।

ऐसे किसी भी मुद्दे का सामना करना और हल करना सभी के लिए सामाजिक जागरूकता है। पूरी दुनिया अब पानी की कमी के ऐसे वैश्विक मुद्दे को सुलझाने के लिए एकजुट है।

सभी को हमारे जीवन में पानी के महत्व और पानी की कमी के दौरान आने वाली समस्या को समझना चाहिए। सरकार और एनजीओ पानी के महत्व के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं और कैसे दैनिक जीवन में पानी की बचत करते हैं। पानी कीमती है और हमें इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए।

जल है तो कल है पर निबंध, save water essay in hindi (500 शब्द)

पानी (रासायनिक सूत्र H2O) एक पारदर्शी रासायनिक पदार्थ है। यह हर प्राणी के लिए मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। जिस तरह हवा, धूप और भोजन, पृथ्वी पर जीवन के उचित विकास और विकास के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमारी प्यास बुझाने के अलावा, पानी का उपयोग कई अन्य गतिविधियों जैसे कि सफाई, धोने और खाना पकाने के लिए किया जाता है।

पानी बचाने का महत्व:

इस तथ्य में कोई रॉकेट साइंस नहीं है कि पानी को बचाना बहुत जरूरी है अन्यथा हम नहीं जी पाएंगे। जल इस पृथ्वी पर सभी जीवन रूपों के लिए आधार और नींव है। हालाँकि हमें लगता है कि पृथ्वी पर पानी पर्याप्त है लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं है कि पानी एक असीम संसाधन नहीं है। अगर हम जल्द ही पानी के संरक्षण के प्रयास नहीं करेंगे तो मीठे पानी की आपूर्ति समाप्त हो जाएगी। सरकारी अधिकारियों और हमारे नागरिकों के लिए भी जल संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता पर होना चाहिए।

पानी के संरक्षण से हमारे समाज पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे। ताजे पानी की भूमिगत आपूर्ति की निकासी में शहरीकरण के परिणाम में वृद्धि। इससे खेती और सिंचाई आदि जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए कम पानी उपलब्ध होता है।

यदि हम पानी का संरक्षण करते हैं तो हम अपने खेतों के लिए पर्याप्त पानी रख पाएंगे और फसलें बेहतर होंगी। पानी बचाने का मतलब यह भी नहीं है कि पेड़ों को काट दिया जाए क्योंकि जड़ें भूमिगत जल की मेज पर टिक जाती हैं। पानी बचाने के प्रयास में हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे और बदले में हम एक हरियाली पैदा करेंगे।

जल संरक्षण के उपाय क्या हैं?

पृथ्वी पर सूखे की सबसे खराब स्थिति को रोकने के लिए पानी का बेहतर और कम उपयोग हमारी आवश्यकता है। इस निबंध में, हम इस बात पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि सौंदर्य हरियाली के वातावरण और पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण रूप से जीवन को बचाने के लिए पानी का संरक्षण कैसे किया जाए। अगर हम इस पर गंभीरता से सोचते हैं तो हमने पाया कि यह बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। पहले हमें अपने दैनिक जीवन से शुरुआत करने की जरूरत है।

हमारी नई पीढ़ी को “पृथ्वी बचाओ धरती बचाओ” के सूत्र को समझने की अत्यधिक आवश्यकता है। हम इसे अपने जीवन के हर सेकंड में सहेज सकते हैं। एक छोटा कदम पानी की बचत में सैकड़ों गैलन जोड़ सकता है। यहाँ कुछ बिंदु हैं जिन्हें हमें अपने दैनिक जीवन में ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

हमें पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए और इसके संरक्षण की दिशा में अपना योगदान देना चाहिए। हमें ऐसी गतिविधियों और योजनाओं का अभ्यास करना और बढ़ावा देना चाहिए जो जीवित प्राणियों की वर्तमान और भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए पानी के संरक्षण और उसके स्रोतों की रक्षा करने में मदद करें।

जल है तो कल है पर निबंध, save water essay in hindi (600 शब्द)

हर दिन हम पानी बचाने के विज्ञापनों और अभियानों को सुनते हैं। हमारे आस-पास हर कोई हमारे लिए चिल्ला रहा है लेकिन क्या हम वास्तव में सुन रहे हैं। क्या हमने कभी इस समस्या के बारे में गंभीरता से सोचा है? पानी सबसे कीमती मुफ्त उपहारों में से एक है जो प्रकृति ने हमें प्रदान किया है।

मनुष्य दैनिक आधार पर बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद करता है और यह अब प्रमुख चिंताओं में से एक बन गया है। इस दिशा में कई अभियान शुरू किए गए हैं लेकिन वे उतने उपयोगी साबित नहीं हो रहे हैं जितने होने चाहिए। हमारी सरकार ने भी पानी के संरक्षण के लिए विभिन्न कार्यक्रम और पहल शुरू की हैं, लेकिन जब तक हम लोगों को समस्या की गंभीरता का एहसास नहीं होगा, तब तक कुछ नहीं होगा।

जल के विभिन्न रूप:

जल पृथ्वी पर तीन अलग-अलग रूपों में मौजूद है – ठोस, तरल और गैस। इन रूपों पर एक संक्षिप्त नज़र है:

ठोस: पानी बर्फ बनाने के लिए 0 डिग्री पर जम जाता है जो इसकी ठोस अवस्था है। जैसे ही पानी जम जाता है, इसके अणु अलग हो जाते हैं और इससे इसकी तरल अवस्था में पानी की तुलना में बर्फ कम घनी हो जाती है। इसका मतलब है कि इसकी तरल अवस्था में पानी की मात्रा की तुलना में बर्फ हल्का है। इस प्रकार यह पानी पर तैर सकता है।

तरल: यह पानी का सबसे आम रूप है। इसकी तरल अवस्था में पानी का उपयोग पीने, धोने, सफाई, खाना पकाने, खेतों की सिंचाई और उद्योगों में विभिन्न उत्पादों को तैयार करने और प्रसंस्करण करने सहित कई तरीकों से किया जाता है।

गैस: पानी के फोड़े के रूप में, यह तरल से गैस में बदल जाता है, जिसे अक्सर जल वाष्प कहा जाता है। वाष्प हमेशा हमारे आसपास मौजूद होते हैं। जब पानी के वाष्प शांत होते हैं, तो वे एक बादल बनाते हैं।

पानी बचाओ जीवन बचाओ दुनिया बचाओ:

पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी की प्रमुख आवश्यकता है। जीवन को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने के लिए सभी जीवित लोगों को पानी की आवश्यकता होती है। जैसे-जैसे जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, पानी की खपत भी बढ़ रही है और शहरीकरण के कारण पेड़ नियमित रूप से घटते जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण, विभिन्न क्षेत्रों में सूखा, क्षतिग्रस्त फसल और ग्लोबल वार्मिंग की सबसे खराब स्थिति है।

इस प्रकार यह जीवन को बचाने और दुनिया को बचाने के लिए पानी को बचाने के लिए सभी को आदतें बनाने का उचित समय है।

पानी को संरक्षित करने के तरीके:

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम पानी बचाने के लिए अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन के लिए आवेदन कर सकते हैं:

ब्रश करते समय नल बंद कर दें और आवश्यकता पड़ने पर ही इसका उपयोग करें। शावर की बजाय बाल्टी से स्नान करें, इससे बहुत सारा पानी बच सकता है। आपके घर में जो भी पानी का रिसाव है उसे ठीक करें। हाथ धोते समय नल बंद कर दें।

कपड़े धोने में जो पानी आपने इस्तेमाल किया है, उसका दोबारा इस्तेमाल करने की कोशिश करें। साबुन के पानी का आसानी से उपयोग किया जा सकता है। धोने वाली कारों में कम पानी का उपयोग करें। सब्जियों को धोने के लिए कम पानी का उपयोग करें।

लॉन की नली को ज्यादा देर तक न चलने दें। जल निकायों को प्रदूषित न करें। एक पेड़ लगाओ, यह बहुत उपयोगी होगा। बिजली का संरक्षण करें क्योंकि कई बिजली संयंत्र पनबिजली पर चलते हैं। इसलिए बिजली बचाने से आपको बदले में पानी बचाने में मदद मिलेगी।

जबकि पानी पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, यह समझने की आवश्यकता है कि विभिन्न घरेलू, कृषि और औद्योगिक उपयोग के लिए उपयोग की जाने वाली मात्रा सीमित है। यह बुद्धिमानी से उपयोग करने के लिए आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह हर एक तक पहुंचे और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो।

[ratemypost]

इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Bahut achcha nibandh hai asha karta hun ki aur bhi acche nibandh aap bhejenge

Very nice nibandh

Nice and very motivated and helpfull essay fo students

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save water essay hindi

  • जल संरक्षण पर निबंध

आज यदि हम ऐसी जगह पर रहते हैं, जहां पानी की कोई समस्या नहीं है, तो निश्चित रूप से हम बहुत खुशनसीब है, क्योंकि हमारे देश में, ऐसी कई जगहें हैं जहां पूरे साल लगभग सूखे की स्थिति रहती है। लोग, पानी के लिए, कोसों दूर तक चलकर जाते हैं तब जाकर उन्हें पानी मिलता है बह भी शुद्ध नहीं होता है।

हमें उन लोगों की तकलीफ़ समझनी होगी, हमें यदि आसानी पानी मिल रहा है, तो हमारा यह प्रयास होना चाहिए, कि हम उस पानी का इस्तेमाल, सोच समझकर और आवश्यकतानुसार ही करें। बिना कारण पानी का अपव्यय करना आज के समय की हमारी सबसे बड़ी भूल होगी, जिसके दुष्परिणाम निकट भविष्य में हमें देखने मिलेंगे। यहां हमने जल के संरक्षण अर्थात जल बचाओ विषय पर कुछ निबंध प्रस्तुत किए हैं:

जल संरक्षण पर छोटे एवं बड़े निबंध (Short and Long Essay on Save Water in Hindi)

जल संरक्षण पर निबंध - Save Water Essay in Hindi - Water Conservation

प्रथम निबंध (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

जल हमारे जीवन की संजीवनी बूटी है। जल के बिना जीवन की कल्पना करना भी नामुमकिन है। जल वह नैसर्गिक संसाधन हैं जो सभी प्राणियों, पेड़ पौधे और वनस्पतियों को जीवनदान देता है। पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में जल पाया जाता है, लेकिन उस जल में से, मनुष्य के पीने और उपयोग करने योग्य जल की मात्रा बहुत कम है।

बढ़ती जनसंख्या और जल के दुरुपयोग के कारण, वह उपयोग करने योग्य जल भी लगातार कम होता जा रहा है। इसलिए जल का संरक्षण करना यानी कि जल को बचाना आज के समय की एक बहुत बड़ी आवश्यकता है।

जल संरक्षण के तरीके

जल का महत्व समझते हुए, उसका संरक्षण करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी और कर्तव्य है। ऐसे कई साधारण उपाय हैं, जिन्हें हम अपने रोजमर्रा के जीवन में अपना कर, पानी को बचा सकते हैं।

नल को बेवजह खुला नहीं छोड़ना चाहिए। नित्य कर्म के लिए,  ब्रश करने, नहाने, कपड़े और बर्तन धोने, पोंछा लगाने इत्यादि के लिए लगने वाले पानी की मात्रा में कटौती या बचत करके हम बहुत सार पानी बचा सकते हैं। इसके अलावा, फल और सब्जियां धोने के लिए, नल से सीधा पानी लेने के बजाय, बर्तन में पानी लेकर उसका उपयोग करना चाहिए। गाड़ी वगैरह धोने के लिए भी, पाइप के बजाय बाल्टी में पानी लेकर उसका उपयोग करें।

बारीश के दिनों में, जहां भी अधिक बारिश होती है, उन जगहों पर जल को संरक्षित करने के विभिन्न तरीकों को अपनाकर, पानी को बचाया जा सकता है। यदि इन छोटी छोटी बातों का ध्यान हर परिवार में रखा जाएगा, तो निश्चित रूप से हम बहुत सारा पानी बचा सकते हैं।

जल की कमी से, आज भारत ही नहीं बल्कि दुनियां के कई देशों में,  गंभीर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यदि इसी गति से,  लगातार जल का प्रमाण कम होता गया, तो वह दिन दूर नहीं है, जब हम पानी पीने के लिए भी तरस जाएंगेे। इसलिए जल का संरक्षण और संवर्धन करें और जीवन को बचाएं।

द्वितीय निबंध (400 शब्द)

आज हमारी पृथ्वी पर, पीने योग्य पानी की मात्रा, लगातार कम होती जा रही है और इसीलिए हमें पानी की एक एक बूंद बचाने की बेहद जरूरत है। यह बात हम रोज कहीं ना कहीं सुनते और पढ़ते तो हैं, लेकिन समझते नहीं है। हम में से कई लोगों को पानी का महत्व अभी तक समझ में नहीं आया है, जबकि यदि, पानी इसी गति से कम होता गया और यही स्थिति बनी रही तो, वह दिन बिल्कुल भी दूर नहीं है, जब मनुष्य पानी की एक एक बूंद के लिए भी तरस जाएगा।

इन तरीकों से बचा सकते हैं जल

जल का संरक्षण का सबसे अधिक योग्य तरीका, जल का अपव्यय रोकना होता है। हमें अपने रोजमर्रा के कामों में, जल की आवश्यकता होती है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है लेकिन, हमें आज की परिस्थिति की गंभीरता को समझते हुए, उन कार्यों में लगने वाले पानी की मात्रा में कटौती करनी होगी।

कुछ छोटी छोटी बातों पर ध्यान देना होगा, जैसे- कहीं भी बेवजह नल खुला होने पर उसे तुरंत बंद करें, नहाने के लिए, शॉवर के बजाय बाल्टी में पानी भरकर नहाएं, बर्तन, कपड़े आदि धोने के लिए कम से कम या सीमित पानी का इस्तेमाल करें इन जैसे कई अन्य काम हो सकते हैं, जिससे हम पानी की बचत कर सकते हैं।

जल संरक्षण के लिए हम  बरसात के पानी का संवर्धन कर सकते हैं। आज ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे हम बारीश के पानी को संग्रहित कर सकते हैं। चूंकि, पृथ्वी पर समुद्री खारे पानी या बर्फीले की अधिकता है, जो मनुष्य के उपयोग के लायक नहीं होता है, इसलिए नदियों, तालाबों और जलाशयों में उपलब्ध पानी को हमें बचाने और प्रदुषण मुक्त रखने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि यही हमारे लिए जल के मुख्य स्त्रोत है।

पानी का महत्व और को समझते हुए, इसके संरक्षण के लिए आगे आएं और मानवता के प्रति अपना कर्तव्य निभाएं। खुद भी जल का संरक्षण करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।

तृतीय निबंध (500 शब्द)

जल की एक एक बूंद कितनी अमुल्य और महत्वपूर्ण होती है, इस बात को हमारे पूर्वज, उस समय से जानते और समझते थे, जब इस पृथ्वी पर भरपूर और पर्याप्त मात्रा में जल पाया जाता था। तब भी उन्होंने हमेशा जल का संरक्षण और संवर्धन करने पर ध्यान दिया था और उसके लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग भी किया था।

भविष्य में पानी की क्या स्थिति होगी, इसका शायद उन्हें अंदाज़ा था, इसलिए लोगों को पानी का मूल्य समझाने के लिए, उन्होंने इसे देवता की उपाधि भी दी थी ताकि लोग पानी को भी ईश्वर की तरह समझकर इसका सम्मान करें।

आज समय के साथ साथ जनसंख्या में तेजी से वृद्धि होती गई और मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में पेड़ पौधे काट दिए गए, जिसका दुष्प्रभाव वर्षा की स्थिति पर पड़ा और लोगों की पानी से संबंधित समस्याएं बढ़ने लगी।

आज भारत ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व ही, पानी की भारी कमी से जूझ रहा है। इसके लिए, जल का संरक्षण और संवर्धन करने के लिए कई अहम कदम उठाने की बहुत जरूरत है; लेकिन मनुष्य आज भी इस समस्या के प्रति गंभीरता से विचार नहीं कर रहा है, जिससे आने वाले समय में, पूरे विश्व को ही इसके दुष्परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।

जल संरक्षण के विभिन्न उपाय

जल को संरक्षित करना, बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। मनुष्य यदि चाहें तो, प्रतिदिन बहुत सारा पानी आसानी से बचा सकता है, जिसे वह अनावश्यक रूप से इस्तेमाल करता है या बेवजह बर्बाद करता है। रोजमर्रा के कामों में पानी की जरूरत और उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता है लेकिन इन कामों में पानी को समझदारी से इस्तेमाल करने पर जरूर ध्यान दिया जा सकता है।

सामान्य जीवन में पानी को कैसे संरक्षित किया जा सकता है, इस बात को एक बच्चा भी जानता है। लेकिन हमारी गलत आदतों की वजह से, हम इस बात को समझते हुए भी नजरअंदाज कर रहे हैं। दैनिक कार्यों में पानी की कटौती आसानी से की जा सकती है। इसके अलावा अपने वाहनों को धोने के लिए, आंगन में छिड़काव करने के लिए, और ऐसे ही कई कामों में भी खर्च होने वाले पानी की मात्रा पर भी आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है।

जिन पौधों को पानी की आवश्यकता कम होती है, अपने घर में ऐसे पौधे लगाना चाहिए, इन पौधों को पानी तो कम लगता ही है और यह मिट्टी में पानी को संरक्षित भी करके रखते हैं। पानी के संरक्षण के साथ साथ इसके संवर्धन पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

इसके साथ ही पानी के प्रदुषण को रोकने के उपायों पर अमल करना होगा। जल के जितने भी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदी, झरने और समुद्र मौजूद हैं उन सभी में आज मानव निर्मित कचरा और प्रदूषक बाहे जा रहे हैं; जो कि हजारों लीटर पानी और वहां के वातावरण को प्रदूषित करते हैं; इसे जल्द से जल्द रोकने की आवश्यकता है।

भूमिगत जल, प्रदुषित होता जा रहा है और अधिक खपत, और वनों की कटाई उसका स्तर भी लगातार निचे गिर रहा है उस पर ध्यान देने की बहुत आवश्यकता है। पेड़ पौधों की कटाई करने के बजाय, अधिक से अधिक संख्या में पेड़ों को उगाने पर जोर देना होगा। वर्षा ऋतु में, वर्षा का पानी, यूं ही बह जाता है। इसलिए जिन क्षेत्रों में अधिक बारिश होती है, वहां पर अधिक से अधिक संख्या में तालाब, कुएं, नहरें, झीलें आदि बनाकर, वर्षा के पानी को संरक्षित कर सकते हैं।

आज सरकार, लगातार विभिन्न कार्यक्रमों और उपक्रमों के द्वारा, सभी को पानी का महत्व और मूल्य समझने और पानी की बचत करने का संदेश दे रही है। लेकिन क्या हम खुद ही, समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ सकते हैं ? पानी का दुरुपयोग ना करें और पानी की कमी के कारण, आगे आने वाले समय की भयावहता से बचें।

आज आपने क्या सीखा ):-

यहां हमने आपको जल संरक्षण पर छोटे तथा बड़े निबंध उपलब्ध कराए हैं। उम्मीद करते हैं आप यह सीख गए होंगे कि इस विषय पर निबंध कैसे लिखना है। यदि हमारे द्वारा लिखे गए यह निबंध आपके लिए उपयोगी साबित हुए हैं तो अपने मित्रों के साथ SHARE करना ना भूले।

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  • Save water essay in Hindi
  • Water conservation essay in Hindi
  • जल बचाओ पर निबंध
  • सेव वाटर एस्से इन हिंदी

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10 Lines on Save Water in Hindi | पानी बचाओ पर 10 लाइन निबंध

In this article, we are providing 10 Lines on Save Water in Hindi & English. In these few / some lines on Save Water, you get to know full information about Save Water in Hindi. हिंदी में पानी बचाओ पर 10 लाइनें, Short Save Water Essay in Hindi .

10 Lines on Save Water in Hindi | पानी बचाओ पर 10 लाइन निबंध

10 Lines on Save Water in Hindi

( Set-1 ) 10 Lines on Save the Water in Hindi for kids

1. जल हमरे जीवन मे बहुत ही महत्वपूर्ण है।

2. जल के बिना जीवन संभव नही है।

3. इसका प्रयोग हम अपने अनेक कार्यो के लिये करते है।

4. जल सभी जीवो, प्राणियों के जीवित रहने के लिये बहुत ही अनिवार्य है।

5. इस जल को दूषित और नष्ट होने से बचाने की प्रक्रिया को जल संरक्षण कहते है।

6. जल का 71% हिसा जल से ढका हुआ है।

7. हमे जल को संरक्षित करना चाहिए और दूषित होने से बचना चाहिए।

8. पृथ्वी पर पिने योग्य पानी बहुत कम मात्रा मे है।

9. खुले और बहते जल को को बंद करना चाहिए तथा पानी को नही दूषित करना चाहिए।

10. करखानो और कंपनी पर पानी को दूषित करने पर रोक लगानी चाहिए।

जरूर पढ़े-

Speech on Save Water in Hindi

Save Water Slogans in Hindi

( Set-2 ) 10 Lines on Save the Water in Hindi for students

5 Lines on Save Water in Hindi

1. पानी मनुष्य, पशु, पक्षी और वनस्पति की जरूरत है जिसके बिना वह जीवित नहीं रह सकते।

2. हमारी पृथ्वी का तून चौथाई हिस्सा पानी है लेकिन पीने योग्य स्वच्छ जल केवल 1 प्रतिशत है।

3. जल का प्रयोग जरूरत से ज्यादा मात्रा में विभिन्न क्रियकलापों के लिए किया जाता है।

4. यदि जल को निरंतर बर्बाद और दुषित किया जाता रहा तो पृथ्वी पर जीवन असंभव है।

5. हमें जल को सरंक्षित करना चाहिए और दुषित होने से रोकना चाहिए।

6. खुले बहते नलों को बंद करना चाहिए।

7. वर्षा के जल के सरंक्षित कर कपड़े धोने के लिए प्रयोग करना चाहिए।

8. कारखानों को जलाशयों के दूर लगाए ताकि जल दुषित न हो।

9. जल ही जीवन है और जीवित रहने के लिए इसे बचाना जरूरी है।

10. पानी में गंदगी को बहाकर पानी को दुषित नहीं करना चाहिए।

10 lines on Importance of Trees in Hindi

10 Lines on Save Trees in Hindi

Save Water 10 Lines in Hindi

10 lines on Save Water in Hindi

( Set-3 ) Save Water 10 Lines in Hindi

1 पानी के बिना मनुष्य का जीवन और पृथ्वी पर कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता है।

2 आपने देखा होगा कई सारे गांव ऐसे भी होते हैं,जहां काफी दूर से पानी लाना पड़ता है।

3 अगर आप जल को बचाना चाहते हैं,तो आपको नदियां झरने तालाब के पानी को बचाना होगा।

4 पानी हमारे लिए शरीर के लिए बहुत जरूरी है।जैसे कपड़े धोने के लिए, खाना पकाने के लिए, नहाने के लिए और मकान बनाने के लिए आदि।

5 पानी दो प्रकार का होता है। एक पानी खारा होता है और एक पानी मीठा होता है।

6 दिन प्रतिदिन पानी की कमी होती जा रही है। इसलिए हमें पानी का बचाव करना चाहिए। 7 पानी में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन भी होते हैं।

8 जल ही जीवन है। इसलिए जीवित रहने के लिए पानी बचाना बहुत जरूरी है।

9 जब बारिश होती है, तो बारिश का पानी इकट्ठा करके हम उसे घर में यूज कर सकते हैं और इससे हम पानी बचा सकते हैं।

10 हमें बहते पानी के नल को बंद करना चाहिए जब वह फालतू में चल रहा है।

( Set-3 ) How to Save Water in Hindi in Points

1. पानी धरती पर मौजूद सबसे मह्त्वपूर्ण संसाधनों मे से एक है।

2. जल मनुष्य, पशु,पक्षी और वनस्पति सभी की जरूरत है, जिसके बिना वह जीवित नहीं रह सकते हैं।

3. पूरी दुनिया मे पानी का पूर्ण प्रतिशत 71 है जिसमें से सिर्फ 2 प्रतिशत् पीने लायक है।

4. पानी कि कमी और प्रदुषण का एक कारण शहरीकरण भी है।

5. भारत में सालाना लाखों लीटर पानी कि बर्बादी होती है।

6. अगर इसी तरह दुनिया मे पानी कि बर्बादी होती रही तो यह भविष्य मे एक बड़ा मुद्दा बन कर सामने आ सकता है।

7. पानी को बचाने के लिए सरकार द्वारा अभियान शुरू करने चाहिए।

8. पानी कि उपलब्धता के बिना इंसानों और अन्य जीवित प्रजातीयों का जीवन असंभव है।

9. हमें पानी बचाने के लिए अपनी तरफ से सारे उपाय करने चाहिए।

10. हम सभी को पानी का सिर्फ निमित्त और जरुरी उपयोग ही करना चाहिए।

Few Lines on Save Water in English

1. Water is needed for humans, animals, birds, and vegetation without which they can not survive.

2. The fourth part of our earth is water, but clean water is only 1 percent.

3. Water is used for an excessive amount of different activities.

4. If water continues to be wasted and spoiled then life on earth is impossible.

5. We should protect the water and prevent it from becoming contaminated.

6. The open-flowing tubes should be closed.

7. Rainwater should be protected and used for washing clothes.

8. Establish factories to remove the reservoirs so that water is not contaminated.

9. Water is life and it is necessary to save it to survive.

10. Water should not be polluted by watering dirt in the water.

# pani Bachao essay in Hindi # how to save water in Hindi # water saving in Hindi # save water lines in Hindi # 5 lines on Save Water in Hindi

इस article के माध्यम से हमने 10 lines on Save Water in Hindi Essay का वर्णन किया है और आप यह article को नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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जल संरक्षण पर निबंध: Save Water Essay in Hindi

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Reported by Saloni Uniyal

Published on 15 August 2024

प्रकृति द्वारा जल हमारे जीवन में दिया हुआ एक अमूल्य उपहार है। इसलिए कहा जाता है कि ‘जल है तो जीवन है’ क्योंकि जल मनुष्य एवं पृथ्वी पर स्थित प्रत्येक प्राणी के लिए बहुत जरूरी है इसके बिना हमारा कोई भी काम हो पाना असंभव है। हमारे दिन की शुरुआत जल से ही होती है। आपको बता दें पृथ्वी का 70% भाग जल से घिरा हुआ है जिसका केवल 1% जल ही हमारे लिए उपयोगी हो पता है जिस कारण हमें निश्चित मात्रा ही इसका उपयोग कर पाते हैं क्योंकि जल संरक्षण बहुत जरूरी है।

आज कल हर जगह जल की कमी महसूस की जा रही है और लोगों के लिए यह एक समस्या बन गई है जिसे बिना जल संरक्षण किए सुधारा नहीं जा सकता है। इस समस्या की बारे में बताने के लिए अकसर स्कूल में टीचर बच्चों को इस विषय पर निबंध लिखने के लिए देते हैं जिससे बच्चों को इस विषय की जानकारी प्राप्त करने में समस्या होती है लेकिन आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है हम आपको यह लेख उपलब्ध करा रहें है। यहाँ हमने जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi) से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी को बता दिया है अतः बच्चे इस आर्टिकल को पढ़ कर इस विषय पर निबंध की तैयारी कर सकते हैं।

जल संरक्षण (Save Water) क्या है?

पानी को सही तरीके से उपयोग करना एवं पेय जल का व्यर्थ में बहाव ना करना Save Water कहलाता है। क्योंकि जल के बिना पृथ्वी में किसी भी प्राणी का जीवन संभव नहीं है। जल संरक्षण के लिए कई विभिन्न तरीके हैं जिसकी सहायता से हम पानी को सुरक्षित रख सकते हैं। हम अपनी सुबह से लेकर रात तक पानी का उपयोग करते है जिसमें कई पानी तो हम बिना काम बिना वजह के ही व्यर्थ करते हैं। जिस वजह से पानी की कमी की समस्या बढ़ती ही जा रही है। कृषि एवं उद्योगों में भी यह बहुत काम आता है जिससे अनको कार्य सरलता से सुलझ जाते हैं इसलिए इसका संरक्षण करना हमारा परम कर्तव्य है। यदि हमें जल का संरक्षण करना है तो सबसे पहले हमें जल प्रदूषण को रोकना होगा क्योंकि जल प्रदूषण के कारण ही जल अधिक मात्रा में दूषित हो रहा है जो की पीने लायक बिलकुल भी नहीं रहता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को इस विषय पर गहन चिंता करनी चाहिए।

जल संरक्षण पर निबंध – Save Water Essay in Hindi

Save Water के उपाय

Save Water का संरक्षण करना बहुत जरूरी है हम इसके कुछ उपाय नीचे बताने जा रहें है जो कि निम्नलिखित हैं।

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  • रोज-रोज कपड़े धोने के बजाय आप दो तीन दिन में कपड़े धोएं ताकि अधिक पानी वेस्ट ना हो।
  • पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ना करें।
  • सब के घर में पानी के मीटर लगने चाहिए ताकि लोग उपयोग से अधिक पानी इस्तेमाल करने से रुके।
  • बारिश के पानी को जमा करके रखें जिससे आप घर के अन्य कामों या खेतों में सिंचाई के उपयोग में ला सकते हैं।
  • कारखानों या फैक्टरियों से निकलने वाले जल को नदियों में ना मिलाएं जिससे कि जल प्रदूषित होने से बचे।
  • हमें नदियों या पानी के अन्य स्रोतों में कूड़ा नहीं फेंकना चाहिए।
  • जब आप नहाते हैं तो शॉवर के बजाय बाल्टी में पानी डालकर नहाएं।
  • प्रत्येक एक पेड़ लगाएं।
  • ब्रश करते हुए पानी के नल को बंद करें और जग का इस्तेमाल करें।
  • कहीं पर गिर रहें पानी के नल को बंद कर दें।
  • गंगा एवं यमुना जैसे बड़ी नदी की सफाई करनी चाहिए।

जल संरक्षण का महत्व

बिना जल संरक्षण के संसार का जीवन संभव नहीं है। हमारे जीवन में जल का एक -एक बूंद बहुत महत्व है। पृथ्वी में स्थित प्रत्येक प्राणी जल पर आधारित रहता है। हम अपने दिन की शुरुआत पानी से ही शुरू करते हैं। जैसा कि आप सभी को पता है कि हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए यहां खेतों में सिंचाई करने के लिए जल की आवश्यकता होती है इसके अतिरिक्त बिजली उत्पादन भी जल से ही किया जाता है। अर्थात हमारे जीवन में होने वाले जल के अधिक से ज्यादा कार्य जल से ही किए जाते हैं।

जल संरक्षण अधिनियम

वर्ष 1974 में जल प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए भारत सरकार द्वारा जल संरक्षण अधिनियम बनाया गया था। मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए जल स्रोतों को खत्म कर रहा है एवं कई तरह की गन्दगी को जल में फेंककर जल प्रदूषण कर रहा है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य यह है कि निकायों को साफ किया जाए एवं जल प्रदूषित ना हो पाए इसके लिए कई उपाय बताए हुए हैं।

वर्षा के पानी का संग्रह

यदि आपको पानी की बचत करनी है तो आप वर्षा के पानी को भी संग्रह कर सकते है जिसका उपयोग हम सिंचाई या अन्य घरेलू काम में कर सकते हैं। जब बारिश होती है तो जल समुद्र, नालियों व अन्य जगह पर व्यर्थ बहता रहता है यदि इस पानी को हम जमा करना शुरू कर दें तो हम पानी के संकट को खत्म कर सकते हैं जिससे हमारे जीवन में खुशहाली आएगी। बारिश के पानी को हम तालाब, कुँओं व छोटे-छोटे गड्ढे बनाकर संग्रहित कर सकते हैं। इस उपाय से आप जल के संकट को कम कर सकते हैं।

भूभर्ग जल का संग्रह

भूगर्भ जल को हम कुँओं व हैंडपंप से निकालते हैं। लेकिन लोग उपयोग से अधिक पानी निकालकर व्यर्थ में बहाते हैं जिस कारण भूगर्भ जल में भी कमी आ गई है। इसके रक्षण के लिए हमें जलाशयों का निर्माण करना चाहिए। और भूमि प्रदूषण को रोकना है ताकि भूमि के अंदर का पानी दूषित ना हो सके।

जल संरक्षण पर 10 लाइन

  • हम बारिश के पानी को इकट्ठा कर सकते हैं।
  • पानी हमारे जीवन में मूल्य उपहार है। इसका इस्तेमाल ढंग से करें।
  • पानी संरक्षण के लिए आप अपने घर पर कुआँ बना सकते हैं।
  • आवश्यकता से अधिक पानी को बर्बाद ना करें।
  • ब्रश करते हुए नल को खुला ना छोड़े।
  • जब घर पर टंकी भर जाए तो उसी समय मोटर बंद कर दें।
  • कहीं पर गिर रहें पानी को बंद करें।
  • वृक्षारोपण करें जितना हो सकते उतने पेड़ लगाएं।
  • कहीं पर हो रहें पानी के रिसाव को रोके।
  • इस विषय पर लोगों में लोगों तक जागरूकता फैलाएं।

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जल संरक्षण पर निबंध से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

हमारे जीवन में जल का क्या महत्व है.

हमारे जीवन में जल का बहुत महत्व है क्योंकि मनुष्य के जीवन में दैनिक कार्यों की शुरुआत जल से होती है जो कि बहुत आवश्यक है।

विश्व जल संरक्षण दिवस कब किस दिन मनाया जाता है?

प्रत्येक वर्ष विश्व जल संरक्षण दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है।

जल कितने रूप होते हैं?

जल के तीन रूप होते हैं – 1. ठोस (बर्फ), 2. तरल (पानी) एवं 3. गैस (जल वाष्प) आदि।

जल संरक्षण के तीन तरीके बताइए।

जल संरक्षण के तीन तरीके ये हैं- 1. अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, वर्षा के जल को संरक्षित करें एवं कहीं पर हो रहे पानी के रिसाव को रोकें आदि। इस तरीकों से आप जल संरक्षण कर सकते हैं।

पृथ्वी का कितना भाग जल में है?

पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग में जल ही है जिसका 1 प्रतिशत भाग ही उपयोग में आता है।

वर्ष 2021 में विश्व जल दिवस विषय क्या था?

वर्ष 2021 में विश्व जल दिवस विषय ‘जल और स्वच्छता संकट को हल करने के लिए परिवर्तन में तेजी लाना’ था।

Save Water Essay in Hindi से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी को हमने इस लेख में आपको साझा कर दिया है। यदि आपको इस लेख से जुड़ी अन्य जानकारी या कोई प्रश्न पूछना है तो इसके लिए आप नीचे दिए हुए कमेंट सेक्शन में अपना प्रश्न पूछ सकते हैं हम कोशिश करेंगे कि आपके प्रश्रों का उत्तर जल्द दे पाएं। इसी तरह के अन्य लेख, शिक्षा से सम्बंधित एवं सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी साइट hindi.nvshq.org को विजिट कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो धन्यवाद।

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10 मोटिवेशनल किताबें जो आपको ज़रूर पढ़नी चाहिएं

पानी की बर्बादी रोकने के 18 तरीके जिनपर आपने ध्यान नहीं दिया.

Last Updated: April 29, 2024 By Gopal Mishra 38 Comments

हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है” । जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है।

rummy gold

कवि एवं सन्त  रहीम दास जी ने सदियों पहले पानी का महत्व बता दिया था किन्तु हम आज भी जल संरक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हैं।

  रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून |

पानी गये ना ऊबरे, मोती मानुष चून ||

Rummy Perfect

How To Save Water in Hindi / Hindi Story on Save Water

कैसे बचाएं पानी .

जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। प्रतिवर्ष यह समस्या पहले के मुकाबले और बढ़ती जाती है। लातूर जैसी कई जगह तो पानी की कमी की वजह से हालात अत्यन्त भयावह हो रहे हैं। लेकिन हम हमेशा यही सोचते हैं बस जैसे तैसे गर्मी का सीजन निकाल जाये बारिश आते ही पानी की समस्या दूर हो जायेगी और यह सोचकर जल सरंक्षण के प्रति बेरुखी अपनाये रहते हैं।

 ➡ पढ़ें:  पानी बचाओ व जल संरक्षण पर 60 अनमोल विचार व नारे

किन्तु आज मानव जाति के लिये जल सरंक्षण अत्यन्त महत्वपूर्ण हो गया है। यदि अब भी हम लोग जल सरंक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हुए तो यह बात बिलकुल सही साबित होगी कि-

तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिये होगा।

जल संसाधन / Water Resources in Hindi :

जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव जाति के लिये उपयोगी हैं या जिनके उपयोग में आने की सम्भावना है। पूरे विश्व में धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है किन्तु इसमें से 97% पानी खारा है जो पीने योग्य नहीं है, पीने योग्य पानी की मात्रा सिर्फ 3% है। इसमें भी 2% पानी ग्लेशियर एवं बर्फ के रूप में है। इस प्रकार सही मायने में मात्र 1% पानी ही मानव के उपयोग हेतु उपलब्ध है।

जल के स्रोतों को हम तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं –

1. धरातल के ऊपर से प्राप्त जल – यह बारिश का जल है जो शुद्ध होता है किन्तु सतर्कता ना रखने पर जमीन पर आते आते इसमें कई प्रकार की अशुद्धियाँ घुलने का डर रहता है।

2. धरातलीय जल – नदी, तालाब, झील, झरने आदि धरातलीय जल के प्रकार हैं।

3. अन्त: धरातलीय जल – कच्चे तथा पके  कुएं , बावड़ी, बोरिंग आदि।

जल सरंक्षण की आवश्यकता क्यों है ?  Why water conservation is needed in Hindi ? 

जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण तथा औधोगिकीकरण के कारण प्रति व्यक्ति के लिये उपलब्ध पेयजल की मात्रा लगातार कम हो रही है जिससे उपलब्ध जल संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। जहाँ एक ओर पानी की मांग लगातार बढ़ रही है वहीँ दूसरी ओर प्रदूषण और मिलावट के कारण उपयोग किये जाने वाले जल संसाधनों की गुणवत्ता तेजी से घट रही है।

साथ ही भूमिगत जल का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है ऐसी स्तिथि में पानी की कमी की पूर्ति करने के लिये आज जल संरक्षण की नितान्त आवश्यकता है।

सम्पूर्ण विश्व में 22 मार्च को विश्व जल दिवस ( World Water Day ) मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। अटल जी कहा करते थे-

यदि हम लोग जल संरक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हुए तो तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिये होगा।

और अब यह बात अब बिलकुल सही लगने लगी है।

जल संरक्षण के उपाय / How To Conserve and Save Water in Hindi

जल संरक्षण आज विश्व की सर्वोपरि प्राथमिकताओं में से होनी चाहिये। जल संरक्षण हमे घर में, घर के बाहर, बाग़ बगीचों, खेत खलिहान हर जगह करना चाहिये।

1. घरेलू जल सरंक्षण / How to save water at home

  • दाढ़ी बनाते समय, ब्रश करते समय, सिंक में बर्तन धोते समय, नल तभी खोलें जब सचमुच पानी की ज़रूरत हो।
  • गाड़ी धोते समय पाइप की बजाय बाल्टी व मग का प्रयोग करें, इससे काफी पानी बचता है।
  • नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें,काफी पानी की बचत होगी। इस काम के लिए आप भारत रत्न सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा ले सकते हैं जो सिर्फ १ बाल्टी पानी से ही नहाते हैं।
  • वाशिंग मशीन में रोज-रोज थोड़े-थोड़े कपड़े धोने की बजाय कपडे इकट्ठे होने पर ही धोएं।
  • ज्यादा बहाव वाले फ्लश टैंक को कम बहाव वाले फ्लश टैंक में बदलें। सम्भव हो तो दो बटन वाले फ्लश का टैंक खरीदें। यह पेशाब के बाद थोड़ा पानी और शौच के बाद ज्यादा पानी का बहाव देता है।
  • जहाँ कहीं भी नल या पाइप लीक करे तो उसे तुरन्त ठीक करवायें। इसमें काफी पानी को बर्बाद होने से रोका जा सकता है।
  • बर्तन धोते समय भी नल को लगातार खोले रहने की बजाये अगर बाल्टी में पानी भर कर काम किया जाए तो काफी पानी बच सकता है।

2. घर के बाहर जल संरक्षण

  • सार्वजनिक पार्क, गली, मौहल्ले, अस्पताल, स्कूलों आदि में जहाँ कहीं भी नल की टोंटियाँ खराब हों या पाइप से पानी लीक हो रहा हो तो तुरन्त जलदाय ऑफिस में या सम्बन्धित व्यक्ति को सूचना दें, इसमें हजारों लीटर पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है।
  • बाग़ बगीचों एवं घर के आस पास पौधों में पाइप से पानी देने के बजाय वाटर कैन द्वारा पानी देने से काफी पानी की बचत हो सकती है
  • बाग़ बगीचों में दिन की बजाय रात में पानी देना चाहिये। इससे पानी का वाष्पीकरण नहीं हो पाता। कम पानी से ही सिंचाई हो जाती है
  • सिंचाई क्षेत्र हेतु कृषि के लिये कम लागत की आधुनिक तकनीकों को अपनाना जल सरंक्षण हतु उपयोगी है।

3. वृक्षा रोपण / Plantation

वृक्ष हमारे अभिन्न मित्र हैं ये हमें छाया,फल,लकड़ी प्रदान करते हैं जमीन का कटाव रोकते हैं, बाढ़ से सुरक्षा करते हैं। जहाँ ज्यादा वृक्ष होते हैं वहां अच्छी बारिश होती है जिससे बारिश में नदी नाले भर जाते हैं और पानी की कमी नहीं हो पाती। इसलिए लगातार वृक्षा रोपण करते रहना चाहिये।

4. जल संरक्षण हेतु कानून 

कई क्षेत्रों में बिना रोकथाम के पानी निकालने से भूजल के स्तर में भारी गिरावट आ जाती है। इसके लिये भूजल के वितरण प्रबन्धन नियमों का पालन करना जरूरी है। साथ ही नए कानून बनाने की ज़रूरत है जो किसी भी प्रकार के वाटर वेस्टेज को एक गैर-कानूनी काम के रूप में देखें और ऐसा करने वालों को जुरमाना और सजा देने का प्रावधान करें।

5. औधोगिक क्षेत्र में नई तकनीक

पानी की जरूरत को कम करने लिये, औद्योगिक क्षेत्र, कारखानों आदि में आधुनिक तकनीक को प्रयोग में लेना चाहिये।

6. वर्षा जल संचयन / Rain water harvesting in Hindi

हम लोगों की अकेली यह आदत ही जल संरक्षण हेतु मील का पत्थर साबित हो सकती है। एक बारिश के बाद अगली बारिश से छतों से वर्षा जल का संचय करें। यह पीने, कपड़े धोने, बागवानी आदि सभी कार्यों हेतू उत्तम है। इसके लिये गाँव, शहरों में भवन निर्माण सम्बन्धी नियमों में वर्षा जल संचयन को अनिवार्य किया जाना चाहिये तथा लोगों को वर्षा जल संचय हेतु प्रोत्साहित किये जाने वाले उपाय ढूंढे जाने चाहियें।

7. जल जागरूकता कार्यक्रम

पानी की बर्बादी रोकने, वर्षा जल का संचयन करने, लगातार वृक्षारोपण करने तथा पानी को प्रदुषण से बचाने हेतु लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाते रहना चाहिये और यह प्रयास हम सबको मिलकर करना चाहिए।

8. वाटर ओवरफ्लो अलार्म लगाएं

छतों पर लगी टंकियों से पानी गिरकर बर्वाद होना एक आम दृश्य है। हमें इसे रोकना होगा और इसके लिए सबसे सरल उपाय है कि आप अपनी टंकी को एक water overflow alarm से जोड़ दें। इस बारे में हम डिटेल में अगली पोस्ट में बात करेंगे।

9 . Flush के अन्दर पानी की बोतल में बालू-कंकड़ भर कर डाल दें

अमूमन फ्लश से ज़रूरत से अधिक पानी बहता है, इसलिए अगर आप उसमे १ लीटर की बोतल में बालू-कंकड़ आदि भर के डाल देते हैं तो हर एक फ्लश पे आप १ लिटर पानी बचा सकते हैं, और पूरे वर्ष में हज़ारों लीटर पानी बचाया जा सकता है।

फ्लश से रिलेटेड इस बात पर भी ध्यान दें कि कहीं फ्लश का नौब पूरी तरह से न उठने के कारण वो leak तो नहीं हो रहा है। कई बार इस कारण से रात भर में पूरी टंकी खाली हो जाती है।

10. Water Supply के पानी को अपना पानी समझें 

जो लोग भाग्यशाली हैं उनके घरों में सरकार की तरफ से वाटर-सप्लाई का पानी भी आता है। देखा गया है कि अक्सर लोग लगभग मुफ्त में मिलने वाले इसे पानी को बहुत अधिक बवाद करते हैं…वे इसे क्यारी में लगा कर छोड़ देते है (बरसात के मौसम में भी), अपने कूलर में पानी भरने के लिए लगा कर भूल जाते हैं या वाशिंग मशीन में लगा कर छोड़ देते हैं। और चूँकि ये पाने टाइम-टाइम से आता है, इसलिए कई बार लोग टोटियां खुली छोड़ कर बाकी काम में व्यस्त हो  जाते हैं और जब पाने आने का टाइम होता है तो पानी बस यूँही गिरता रहता है।

इन लापरवाहियों की वजह से वे एक ही दिन में सैकड़ों लीटर पानी बर्वाद कर देते हैं। वहीँ दूसरी और वे अपनी टंकियों में भरे पानी को लेकर बहुत सजग होते हैं।  यदि आप भी ऐसे लोगों में शामिल हैं तो कृपया ऐसा करना बंद करें। पानी तो पानी है, इसमें सरकारी और अपने का भेद नहीं करना चाहिए।

11. उतना ही पानी लें जितना पीना है

जब आप 1 glass RO water पीते हैं तो ध्यान रखिये कि इसे फ़िल्टर करने के प्रोसेस में 3 glass पानी waste किया जाता है। इसलिए जब भी आप गिलास में RO वाटर लें तो पूरा भर के लेने की बजाये उतना ही लें जितना पीना है। और किसी को देना भी हो तो उसे पानी ग्लास में भर कर देने की बजाये जग या water bottle के साथ गिलास दे सकते हैं। इस तरह से काफी पानी बचाया जा सकता है।

यदि आप किसी रेस्टोरेंट में जाते हैं तो सबसे पहले वेटर पानी ला कर रख देता है, तब भी जब आपको उसकी ज़रूरत न हो! इसलिए जब आप ऐसी जगह जाइए तो तभी पानी लीजिये जब वाकई में आपको उसकी need हो।

12. RO Machine या AC से निकलने वाले  waste water को उपयोग करें

RO machine द्वारा लिए गए कुल पानी का 75% part waste हो जाता है। इसलिए कोशिश करिए कि मशीन की वास्ते पाइप से जो पानी निकला रहा है उसे बकेट में इकठ्ठा कर लिया जाए या पाइप लम्बी करके उसे पौधों को सींचने के काम में लाया जाये। इसी तरह AC से निकलने वाले पानी को भी सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।

13. Hand-Pump का प्रयोग करें 

पहले के जमाने में लोग हैण्ड पंप का ही प्रयोग करते थे। इस वाजह से पानी की बर्बादी बहुत कम होती थी, जिसको जितनी ज़रूर होती थी वो उतना ही पानी निकालता था। पर समय के साथ लोग मोटर से पानी भरने लगे और हैण्ड पंप को भूल गए। यदि आपके यहाँ हैण्ड पंप लगा ही न हो तो कोई बात नहीं लेकिन अगर लगा है और बेकार पड़ा है तो उसे ठीक करा कर कभी-कभार प्रयोग करें। अच्छा होगा अगर हम intentionally हफ्ते का एक दिन सिर्फ हैण्ड पंप use करके पानी निकालें। ऐसा करने से कम से कम एक दिन हम सिर्फ उतना ही पानी निकालेंगे जितने की हमें सचमुच ज़रूरत है।

14. सब्जियां-फल किसी बर्तन में धोएं

कई बार लोग सब्जियों और फलों को running water से धोते हैं, अगर इसकी जगह आप किसी बड़े भगौने या बर्तन में पानी भर कर सब्जियां धोएँगे तो पानी भी कम लगेगा और वो ठीक से साफ़ भी हो पाएंगी।

15. Wash-basin का फ्लो कम कर दें 

वाश बेसिन के नीचे भी पानी कण्ट्रोल करने के लिए एक टोटी लगी होती है, अकसर वो पूरी खुली होती है, अगर आप उसे थोड़ा सा घुमा देंगे तो पानी का फ्लो अपने आप कुछ कम हो जाएगा और काफी पानी बर्वाद होने से बच पायेगा।

16. Bathroom में एक-आध बाल्टी एक्स्ट्रा रखें

अकसर गर्मियों के दिनों में टंकी का पानी बहुत गरम हो जाता है और लोग नहाते समय पहले कुछ पानी गिरा देते हैं कि उसके बाद ठंडा पानी आने लगे। ऐसा करना पड़े तो पानी गिराने की बजाये किसी बाल्टी में भर कर रख लें। और बेहतर तो ये होगा कि सुबह के टाइम ही आप बाल्टियों में पानी भर कर रख लें ताकि नहाते वक्त आपको ठंडा पानी मिल सके।

17. प्लम्बर का हल्का-फुल्का काम खुद सीखें 

अकसर देखा जाता है कि घर में मौजूद पानी के taps टपकते रहते हैं और हम उसे यूँही ignore करते रहते हैं क्योकि हम आलस में प्लम्बर को बुलाते नहीं या ये सोचते हैं कि अगर प्लम्बर को बुलायेंगे तो वो अनाप-शनाप पैसे मांगेगा और हम खुद उसे ठीक करने की हिम्मत नहीं दिखाते। लेकिन अगर हम plumbing के बेसिक सामान घर पे रखें और खुद ही छोटी-मोटी चीजें ठीक करना सीख लें तो हम बहुत सारा पानी बर्वाद होने से रोक सकते हैं। मेरी तो सलाह है कि हमें स्कूलों में बच्चों को plumbing से रिलेटेड बेसिक काम ज़रूर सिखाने चाहिए।

18. जो भी पानी बर्वाद करता है उसे रोकें

AKC पर कुछ महीनों पहले एक पोस्ट शेयर की गयी थी –  प्लेट में खाना छोड़ने से पहले Ratan Tata का ये संदेश ज़रूर पढ़ें!

जिसमे उन्होंने जर्मनी के एक रेस्टोरेंट का अनुभव बताया था जिसमे खाना वेस्ट करने पर वहां के नागरिकों ने आपत्ति जताई थी कि भले आपने पैसे देकर खाना खरीदा हो, फिर भी आप उसे बर्वाद नहीं कर सकते क्योंकि  भले पैसा पैसा आपका है पर संसाधन देश के हैं !

और यही बात हम Indians को भी समझनी होगी। पानी की बर्बादी सिर्फ उसे बर्वाद करने वाले को ही नहीं बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करती है। अगर आपका पड़ोसी पानी बर्वाद करता है तो आपका भी वाटर-लेवल कम होता है…इसलिए इस अनमोल संसाधन को न waste करिए और न waste करने दीजिये।

आइये जल बचाएँ, “क्योंकि जल होगा तो कल होगा “

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Dr. Manoj Gupta

Dr. Manoj Gupta

Dr.Manoj Gupta

B-3 Palam Vihar, Gurgaon (Haryana) Mob & WhatsApp#:  09929627239 Email:   [email protected] Blog:  drmanojgupta.blogspot.in  (plz visit for Health Articles in Hindi)

डॉ० मनोज गुप्ता राज्य स्तरीय आयुर्वेद के सर्वोच्च पुरस्कार धन्वंतरि पुरस्कार से सम्मानित सीनियर आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए आपको माननीय स्वास्थ्य मन्त्री तथा अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। आपके लेख राजस्थान पत्रिका, निरोगसुख   जैसे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में पब्लिश होते रहे हैं।

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We are grateful to Dr. Manoj Gupta for sharing a very informative article on How to save water in Hindi / Hindi Story on Save Water

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August 26, 2022 at 4:02 pm

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जल पर निबंध 10 Lines (Essay On Water in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

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जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी, पृथ्वी पर जीवित प्राणियों के अस्तित्व का कारण, ग्रह का 70% से अधिक हिस्सा है। जल वह जादुई तरल है, जो जानवरों, पौधों, पेड़ों, जीवाणुओं और विषाणुओं को जीवन प्रदान करता है। जल ही वह कारण है जिसके कारण पृथ्वी जीवन का समर्थन कर सकती है और अन्य ग्रह नहीं कर सकते।

मानव शरीर का 60% तक पानी से बना है। जबकि ग्रह पर पानी की बहुतायत है, मनुष्य और जानवरों द्वारा हर चीज का सेवन नहीं किया जा सकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पृथ्वी पर केवल 3% पानी ही मीठा पानी है, जो पोर्टेबल और उपभोग करने के लिए सुरक्षित है।

जल निबंध पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines on Water Essay in Hindi)

  • जल ही वह कारण है जिसके कारण जीवन अस्तित्व में है और पृथ्वी पर फलता-फूलता है
  • पृथ्वी की सतह का 70% हिस्सा पानी से बना है जिसमें से केवल 3% मीठा पानी मानव उपभोग के लिए है
  • पानी ग्रह पर जीवन के सभी रूपों का समर्थन करता है
  • मनुष्य पानी का उपयोग पीने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि, उद्योगों और कारखानों में करता है
  • मानव शरीर का 60% से अधिक भाग पानी से बना है
  • जानवर पीने और नहाने के लिए पानी का उपयोग करते हैं
  • पौधे, पेड़ और अन्य विभिन्न जीव अपनी वृद्धि और अस्तित्व के लिए पानी का उपयोग करते हैं
  • यह भविष्यवाणी की जाती है कि अगला विश्व युद्ध पानी के लिए लड़ा जाएगा यदि मनुष्य ने इसका विवेकपूर्ण उपयोग करना नहीं सीखा
  • मनुष्य को जिम्मेदारी से पानी का उपयोग करना सीखना होगा क्योंकि यह एक गैर-नवीकरणीय संसाधन है
  • सभी देशों की सरकारों को मिलकर नीतियां और कानून बनाने चाहिए जो लोगों को अनावश्यक रूप से पानी बर्बाद करने से रोकें

जल पर निबंध 100 शब्द (Essay on Water 100 words in Hindi)

पानी पृथ्वी पर हर जीवन रूप की मूलभूत आवश्यकता है। यह पानी ही है जो हमें इस ग्रह पर आरामदायक जीवन जीने में मदद करता है। हमारा शरीर 70% पानी से बना है, इसलिए पानी हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण यौगिक है। जल का उपयोग हम अनेक कार्यों में करते हैं। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने और साफ-सफाई के लिए पानी की जरूरत होती है। जल के बिना, ग्रह पर जीवन असंभव होगा। जल पृथ्वी पर नदियों, महासागरों, समुद्रों, तालाबों, झीलों, नदियों और हिमनदों के रूप में पाया जाता है। जल की संरचना पूरी पृथ्वी पर एक समान रहती है।

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जल पर निबंध 150 शब्द (Essay on Water 150 words in Hindi)

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी सभी जीवित रूपों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तरल है। यह न केवल हमारी जीवन प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है बल्कि हमारे ग्रह के कामकाज के लिए भी आवश्यक है। पृथ्वी पर जल तीन अवस्थाओं में उपलब्ध है- ठोस, द्रव और गैसीय। सॉलिड-स्टेट में ग्लेशियर, स्नो कैप, आइस शीट और पोलर आइस रिजर्व शामिल हैं। तरल अवस्था में नदियाँ, समुद्र, झीलें, तालाब, नदियाँ, महासागर और गीज़र शामिल हैं। 

गैसीय अवस्था में वायुमंडल में पाए जाने वाले जलवाष्प शामिल हैं। जल चाहे किसी भी अवस्था में क्यों न हो, जल का संघटन सदैव एक समान रहता है। यह एक शक्तिशाली यौगिक है जो पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन का पोषण करता है। पौधों को प्रकाश संश्लेषण और श्वसन के लिए पानी की आवश्यकता होती है। मनुष्यों को परिसंचरण, पाचन, श्वसन और उत्सर्जन जैसी कई अलग-अलग जीवन प्रक्रियाओं के लिए पानी की आवश्यकता होती है, पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन असंभव होगा। चूँकि यह इतना महत्वपूर्ण यौगिक है, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इसे संरक्षित करें ताकि यह जल्द समाप्त न हो।

जल पर निबंध 200 शब्द (Essay on Water 200 words in Hindi)

पानी किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल हमारे अपने अस्तित्व के लिए बल्कि हमारे ग्रह के समुचित कार्य के लिए भी आवश्यक है। सभी फलों और सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पानी होता है। स्वस्थ रहने के लिए भरपूर मात्रा में पानी की जरूरत होती है, यानी लगभग 3-4 लीटर पानी प्रतिदिन। मानव शरीर को पानी की आवश्यकता होती है, और इसकी कमी से बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अपर्याप्त पानी की खपत के कारण गुर्दे की पथरी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। पानी में चंगा करने की क्षमता है और जीवन के अस्तित्व के लिए जरूरी है। हमारा ग्रह ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां जीवन की कल्पना की जा सकती है क्योंकि पानी और जीवन के लिए अन्य सभी आवश्यक तत्व मौजूद हैं। मंगल, बुध और शुक्र जैसे ग्रह निर्जन हैं। पानी न होने के कारण वे एक उजाड़ रेगिस्तान के समान हैं। जल जीवन के लिए आवश्यक है, और यह पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी मदद करता है।

जल पर निबंध 250 शब्द (Essay on Water 250 words in Hindi)

जल निबंध पर (Essay On Water in Hindi) – पानी एक अनमोल संसाधन है। पानी की कमी मध्य पूर्व और यहां तक ​​कि भारत के कुछ हिस्सों में सबसे गंभीर मुद्दों में से एक है। पीने के पानी की किल्लत है। जल प्रदूषण ने पृथ्वी की सतह पर सुलभ पीने के पानी की मात्रा को कम कर दिया है, साथ ही पानी की गुणवत्ता को भी नुकसान पहुँचाया है। यह न केवल इंसानों बल्कि जानवरों, पक्षियों और पौधों को भी प्रभावित करता है।

जल की प्रासंगिकता को वर्तमान जल संकट के संदर्भ में देखा जा सकता है। सूखा उन दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों में से एक है जो किसी स्थान पर हो सकती है। क्षेत्र की आर्थिक और वित्तीय स्थिति बुरी तरह प्रभावित होगी। दूसरी ओर, अत्यधिक बारिश लोगों, जानवरों और यहां तक ​​कि किसानों और निर्माताओं के लिए भी चिंता का विषय है। जल को वरदान माना जाता है, लेकिन यह अभिशाप भी हो सकता है।

इसलिए जल के महत्व को समझना जरूरी है। बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग, जनसंख्या और वनों की कटाई के साथ, ताजा पानी प्रदूषित हो रहा है, और हमारे लिए उपलब्ध मात्रा कम हो रही है। अधिक जनसंख्या के कारण पानी का दुरूपयोग हो रहा है। पानी कई रूपों में दुनिया के प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाता है। पानी प्रकृति की सुंदरता को भी बिखेरता है।

जल पर निबंध 300 शब्द (Essay on Water 300 words in Hindi)

जल जीवन की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है और इसके बिना जीवित रहना असंभव है। पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक जीव को अपने शरीर के समुचित कार्य के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यह न केवल हमें जीवित रहने में मदद करता है बल्कि हमारे दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पृथ्वी स्वयं 70% जल से बनी है, तथापि, सारा जल उपभोग के लिए सुरक्षित नहीं है। इसलिए, हमें इसके महत्व को समझने और इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने की आवश्यकता है। जैसा कि हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी को देख सकते हैं, इसलिए समय आ गया है कि हम पानी का संरक्षण करना शुरू कर दें।

पानी के कई उपयोग हैं और यह कृषि में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है क्योंकि यह भारत का मुख्य व्यवसाय है। सिंचाई और मवेशियों को पालने की प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए, किसान पानी का अधिक उपयोग करते हैं और काफी हद तक इस पर निर्भर रहते हैं।

दूसरी ओर, उद्योगों को विभिन्न उद्देश्यों जैसे कुछ वस्तुओं को संसाधित करने, ठंडा करने और निर्माण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, थर्मल पावर प्लांट बड़े पैमाने पर पानी का उपयोग करते हैं। इन सबके अतिरिक्त जल का उपयोग घरेलू कार्यों जैसे पीने, कपड़े धोने, साफ-सफाई, बागवानी आदि में भी किया जाता है। इस प्रकार हमें जीवन के कुछ मूलभूत कार्यों को चलाने के लिए जल की आवश्यकता होती है।

पौधों और जानवरों को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी जीवन का एक अनिवार्य घटक है जो किसी को जीवित रहने और ठीक से काम करने में मदद करता है। हालाँकि, लोग पानी की कमी से अनभिज्ञ हैं और इस प्रकार इसके परिणामों के बारे में सोचे बिना इस प्राकृतिक संसाधन का दोहन करते रहते हैं।

इसलिए सरकार के साथ एकजुट होने और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी के संरक्षण के लिए उपचारात्मक उपाय करने और बहुत देर होने से पहले इसका बुद्धिमानी से उपयोग करने के लिए एक घंटे की आवश्यकता है। पानी बचाने के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और जिनमें से एक वर्षा जल संचयन है- पानी बचाने और विभिन्न उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करने का एक शानदार तरीका।

जल पर निबंध 500 शब्द (Essay on Water 500 words in Hindi)

जल (रासायनिक सूत्र H2O) एक पारदर्शी रासायनिक पदार्थ है। यह हर जीवित प्राणी के लिए मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है चाहे वह पौधे हों या जानवर। जिस प्रकार पृथ्वी पर जीवन के समुचित विकास और विकास के लिए हवा, सूर्य का प्रकाश और भोजन, पानी की आवश्यकता होती है। हमारी प्यास बुझाने के अलावा, पानी का उपयोग कई अन्य गतिविधियों जैसे सफाई, कपड़े धोने और खाना पकाने के लिए किया जाता है।

पानी मुख्य रूप से अपने पांच गुणों के लिए जाना जाता है। यहाँ इन संपत्तियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है:

  • सामंजस्य और आसंजन

संसंजन, जिसे अन्य जल अणुओं के लिए जल के आकर्षण के रूप में भी जाना जाता है, जल के मुख्य गुणों में से एक है। यह पानी की ध्रुवता है जिसके कारण यह पानी के अन्य अणुओं की ओर आकर्षित होता है। पानी में मौजूद हाइड्रोजन बांड पानी के अणुओं को एक साथ बांधे रखते हैं।

आसंजन मूल रूप से विभिन्न पदार्थों के अणुओं के बीच पानी का आकर्षण है। यह पदार्थ किसी भी अणु के साथ बंध जाता है जिसके साथ यह हाइड्रोजन बांड बना सकता है।

  • बर्फ का कम घनत्व

पानी के हाइड्रोजन बंध ठंडे होने पर बर्फ में बदल जाते हैं। हाइड्रोजन बांड स्थिर होते हैं और अपने क्रिस्टल जैसे आकार को बनाए रखते हैं। पानी का ठोस रूप जो बर्फ है तुलनात्मक रूप से कम घना होता है क्योंकि इसके हाइड्रोजन बांड बाहर की ओर होते हैं।

  • पानी की उच्च ध्रुवीयता

पानी में उच्च स्तर की ध्रुवीयता होती है। यह एक ध्रुवीय अणु के रूप में जाना जाता है। यह अन्य ध्रुवीय अणुओं और आयनों की ओर आकर्षित होता है। यह हाइड्रोजन बंध बना सकता है और इस प्रकार एक शक्तिशाली विलायक है।

  • जल की उच्च विशिष्ट ऊष्मा

पानी अपनी उच्च विशिष्ट ऊष्मा के कारण तापमान को मध्यम कर सकता है। जब गर्म होने की बात आती है तो इसमें काफी समय लगता है। गर्मी लागू नहीं होने पर यह लंबे समय तक अपना तापमान बनाए रखता है।

  • पानी की वाष्पीकरण की उच्च ऊष्मा

यह पानी का एक और गुण है जो इसे तापमान को सामान्य करने की क्षमता प्रदान करता है। जैसे ही पानी एक सतह से वाष्पित होता है, यह उसी पर शीतलन प्रभाव छोड़ता है।

पानी की बर्बादी से बचें

हमारे दैनिक जीवन में जिन गतिविधियों में हम शामिल होते हैं उनमें से अधिकांश के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमें इसका संरक्षण करना आवश्यक है अन्यथा आने वाले वर्षों में हमारा ग्रह ताजे पानी से रहित हो जाएगा। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे पानी को संरक्षित किया जा सकता है:

  • पानी की बर्बादी रोकने के लिए टपकते नलों को तुरंत ठीक करें।
  • नहाते समय शावर के प्रयोग से बचें।
  • अपने दांतों को ब्रश करते समय अपना नल बंद रखें। जरूरत पड़ने पर ही इसे चालू करें।
  • आधे कपड़े धोने के बजाय पूरे कपड़े धोएं। इससे न केवल पानी की बचत होगी बल्कि बिजली की भी काफी बचत होगी।
  • बर्तन धोते समय पानी को बहता हुआ न छोड़ें।
  • वर्षा जल संचयन प्रणाली का प्रयोग करें।
  • गटर की सफाई के लिए पानी की नली का उपयोग करने से बचें। आप इसके बजाय झाडू या अन्य तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
  • खाना बनाते और खाते समय सही आकार के बर्तनों और अन्य बर्तनों का उपयोग करें। अपनी आवश्यकता से बड़े का उपयोग करने से बचें।
  • स्प्रिंकलर के बजाय अपने पौधों को हाथ से पानी देने की कोशिश करें।
  • तालों को ढक दें ताकि वाष्पीकरण के कारण पानी की कमी से बचा जा सके।

हमें पानी को बर्बाद नहीं करना चाहिए और इसके संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए। हमें उन गतिविधियों और योजनाओं का अभ्यास और प्रचार करना चाहिए जो जीवित प्राणियों की वर्तमान और भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए जल संरक्षण और इसके स्रोतों की रक्षा करने में मदद करती हैं।

जल पर निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पृथ्वी की सतह का कितना भाग जल से बना है .

पृथ्वी की सतह का 70% से अधिक भाग पानी से बना है जिसमें से केवल 3% पीने योग्य मीठा पानी है

क्या पानी बनाया जा सकता है?

अभी तक, यह संभव नहीं है, लेकिन उचित रासायनिक उपचार के बाद पानी को रिसाइकल और पुन: उपयोग किया जा सकता है

जल के स्रोत क्या हैं?

नदियाँ, झीलें, ग्लेशियर और भूजल तालिका पृथ्वी पर पानी के कुछ स्रोत हैं

विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय कौन सा है?

प्रशांत महासागर विश्व का सबसे बड़ा जल निकाय है। साथ ही, नील नदी दुनिया में ताजे पानी का सबसे बड़ा स्रोत है।

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  1. Save Water Essay in Hindi जल संरक्षण पर निबंध

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