पोल्ट्री फार्म बिजनेस प्लान
पोल्ट्री फार्म का बिजनेस चलाना वर्तमान समय में एक लाभकारी बिजनेस है इस बिजनेस में मुनाफा बेहिसाब होता है हालांकि, इस बिजनेस को चलाने के लिए थोड़ा धैर्य और अधिक मेहनत करने की जरूरत होती है इसे हम इस तरह भी कह सकते हैं कि पोल्ट्री फार्म का बिजनेस को सही तरीके से किया जाये तो इसमें बेहतर मुनाफा संभव है
जहां तक पोल्ट्री फार्म बिजनेस में धन के इन्वेस्टमेंट की बात है तो पोल्ट्री फार्म का बिजनेस करने के लिए धन की आवश्यकता फार्म की प्रकृति और आकार पर निर्भर करता है पोल्ट्री फार्म का बिजनेस छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर तक किया जाता है सबसे खास बात यह है कि पोल्ट्री फार्म का बिजनेस करने के लिए सरकार की तरफ से आर्थिक मदद बिजनेस लोन के रुप में होती है
इसी के साथ आपको जानकारी के लिए बता दें कि बिजनेस का विस्तार करने के लिए देश की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी ‘ZipLoan’ की तरफ से भी 7.5 लाख तक का बिजनेस लोन सिर्फ 3 दिन* में दिया जाता है
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पोल्ट्री फार्म का बिजनेस 2 तरह का होता है
भारत सहित पूरी दुनिया में मुर्गे का मांस और मुर्गी का अंडा बहुत अधिक मात्रा में भोजन के तौर पर खाया जाता है इसी के साथ यहां यह स्पष्ट हो जाता है कि पोल्ट्री का बिजनेस मुख्य रुप से दो तरह का होता है
- मांस का बिजनेस
- अंडे का बिजनेस
जब कोई व्यक्ति पोल्ट्री का बिजनेस शुरु करता है तो उसके सामने यह दोनों विकल्प होता है कि वह चाहे तो मुर्गे की मांस और मुर्गी के अंडा का कारोबार कर सकता है लेकिन, बहुत मामलों में यह देखने को मिलता है कि लोग एक समय में एक ही पोल्ट्री का बिजनेस करते हैं
एक विकल्प चुनने के पीछे कई कारण होते हैं इन कारणों को में लागत और रख – रखाव के लिए अलग से लागत लगना शामिल है जब कोई व्यक्ति मुर्गे की मांस बेचने के लिए पोल्ट्री फार्म लगाता है तो उनकी सबसे बड़ी चुनौती होती है- चूजों को किसी तरह के संक्रमण से बचाते हुए मांस के लिए तैयार करना
वहीं जब अंडा उत्पादन के लिए पोल्ट्री फार्म लगाया जाता है तो यहां सबसे बड़ी चुनौती होती है- मुर्गियों को उचित पोषणाहार करना ताकि मुर्गियां एक समय के बाद अंडों का उत्पादन शुरु हो सके जब अंडों का उत्पादन शुरु हो जाता है तो फिर अंडों के रख – रखाव और ट्रांसपोर्टेशन के लिए उचित व्यवस्था करना होता है
Quick Links
पोल्ट्री फार्म का बिजनेस कैसे शुरु हो सकता है.
मुर्गा / अंडा का पोल्ट्री फार्म शुरु करने के लिए सबसे पहले यह निश्चित करना होता है कि पोल्ट्री फार्म अंडे का शुरु करना है या मांस के लिए मुर्गियां तैयार करना है इस सवाल का उत्तर जिस व्यक्ति ने ढूढ़ लेता है, उसको पोल्ट्री फार्म शुरु करने के लिए निम्न चरणों से गुजरना होता है
- उचित स्थान (व्यापारिक भूमि या स्थान) का चयन करना
- पोल्ट्री फार्म के लिए हवादार छपरी बनाना
- मुर्गी/मुर्गी के चूजों को खरीदकर अपने पोल्ट्री फार्म पर लाना
- मुर्गियों/मुर्गों के लिए उचित पोषणयुक्त भोजन की व्यवस्था करना
- बिजली और पानी की व्यवस्था करना
- पैकेजिंग की व्यवस्था करना
- अंडे के उत्पादन के बाद अंडों को बेचने के लिए ग्राहक की खोज करना
- अगर पोल्ट्री फार्म मांस के लिए है तो मुर्गो की मांस बिकने के लिए मार्केट प्लेस में भेजना
- वाहन की व्यवस्था करना
- मार्केटिंग की नीति बनाना
- विज्ञापन करना
पोल्ट्री फार्म का बिजनेस करने से क्या हासिल होगा?
- पोल्ट्री फार्म का बिजनेस करने से बेहतर मुनाफा प्राप्त होने की पूरी संभवना होती है
- इस बिजनेस में 40% तक मार्जिन बचत के तौर पर मिलता है
- रोजगार के अवसरों का सृजन होता है
- सीमित संसाधन और कम लागत में भी कारोबार शुरु किया जा सकता है
पोल्ट्री फार्म का बिजनेस करने के लिए पैसों का इंतजाम कहां से हो सकता है?
वर्तमान केन्द्र सरकार का जोर इस बात पर है कि लोग अधिक से अधिक संख्या में स्वरोजगार करें जितनी अधिक संख्या में लोग स्वरोजगार करेंगे उतने ही अधिक संख्या में रोजगार सृजन होगा जब रोजगार सृजन होगा तो देश में बेरोजगार घटेगी
इसीलिए भारत सरकार द्वारा योजना चला कर स्वरोजगार करने की चाहत रखने वाले लोगों को आर्थिक मदद की जा रही है सरकार द्वारा बैंकों को आदेश दिया गया है कि उनके पास अगर कोई व्यक्ति स्वरोजगार करने के लिए लेने आये तो बैंक उनकी मदद करें
इसी क्रम सरकार द्वारा पोल्ट्री फार्म का बिजनेस करने के लिए भी लोन योजना भी शुरु की गईं है इन लोन योजनाओं में पोल्ट्री फार्म का बिजनेस करने के लिए कुल लागत का 90 प्रतिशत धन लोन के तौर पर मुहैया कराया जाता है जिन बैंकों से पोल्ट्री फार्म का बिजनेस शुरु करने के लिए बिजनेस लोन मिलता है, उनका विवरण निम्न है
पोल्ट्री फार्म के लिए इन बैंकों से लोन मिलता है
- स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (एसबीआई)
- आईडीबीआई बैंक (Industrial Development Bank of India)
- बैंक ऑफ़ इंडिया (Bank of India)
- पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
इन बैंकों से लोन प्राप्त करने या अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए बैंकों की वेबसाइट लॉग इन ( ओपन करें)
पोल्ट्री फार्म के लिए कितना धन लोन के तौर पर मिल सकता है?
मुर्गी पालन का बिजनेस छोटे स्तर पर भी होता है और बड़े स्तर पर भी होता है ऐसे में बैंक से लोन से आर्थिक सहायता के तौर पर मिलने वाली लोन की राशि पोल्ट्री फार्म के आकार पर निर्भर होती है हालांकि बैंकों की तरफ से कहा जाता है कि नया पोल्ट्री फार्म लगाने में आने वाली कुल लागत का 75% हिस्सा लोन के तौर पर मिल सकता है यह टर्म लोन की कैटेगरी में शामिल होता है
एसबीआई से पोल्ट्री फार्म के लिए विशेष लोन दिया जाता है स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया से पोल्ट्री का नया बिजनेस शुरु करने के लिए और पुराने बिजनेस का विस्तार करने के लिए लोन बहुत आसानी से दिया जाता है आपको जानकारी के लिए बता दें कि एसबीआई से पोल्ट्री फार्म शुरु करने में लगने वाली कुल लागत का 75% तक हिस्सा या अधिकतम 9 लाख रुपये लोन के तौर पर देने का प्रावधान है
बिजनेस बढ़ाने के लिए ZipLoan से मिलता है 7.5 लाख तक का बिजनेस लोन
देश की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी – एनबीएफसी ZipLoan का प्रयास है कि छोटे और मध्यम कारोबारी बिना किसी टेंशन के अपने बिजनेस पर ध्यान दें और सिर्फ अपने मुनाफ़े के बारे में सोचे। पैसों के इंतजाम के में तो तनिक भी न सोचे। इसी लिए ZipLoan द्वारा छोटे एवं मध्यम कारोबारियों को 7.5 लाख तक का बिजनेस लोन सिर्फ 3 दिन* में प्रदान किया जाता है
अगर कोई व्यक्ति 2 साल से अधिक समय से पोल्ट्री बिजनेस चला है और अब उन्हें लगता है कि उन्हें अपना बिजनेस बढ़ाना चाहिए लेकिन, धन की कमी के चलते वह अपना बिजनेस बढ़ाने में असमर्थ साबित हो रहे हो तो अब घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है क्योंकि, बिजनेस बढ़ाने के लिए ZipLoan से मिल सकता है 7.5 लाख तक का बिजनेस, सिर्फ 3 दिन* में और वह भी बिना कुछ गिरवी रखे
ZipLoan से बिजनेस लोन प्राप्त करने की पात्रता
- बिजनेस 2 साल से अधिक पुराना हो।
- बिजनेस का सालाना टर्नओवर 10 लाख से अधिक हो।
- सालाना आईटीआर डेढ़ लाख से अधिक की फाइल होती हो।
- बिजनेस की जगह या घर की जगह में से कोई एक खुद कारोबारी के नाम पर हो। (यह माता – पिता,
- भाई – बहन, पति – पत्नी, पुत्र – पुत्री के नाम पर हो तो भी मान्य किया जाता है।)
ZipLoan से बिजनेस लोन प्राप्त करने के लिए जरूरी कागजात
- पिछले 9 महीने की बैंक स्टेटमेंट (करेंट अकाउंट होना चाहिए)
- फाइल की गई आईटीआर की कॉपी
- घर या बिजनेस की जगह में से किसी एक का मालिकाना हक का प्रूफ। (यह माता – पिता, भाई – बहन, पति – पत्नी, पुत्र – पुत्री इत्यादि में से किसी के नाम पर हो तो भी मान्य किया जाता है।)
ZipLoan से बिजनेस लोन लेने के फायदें
- 6 महीने बाद लोन प्री पेमेंट चार्जेस फ्री हो जाता है
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- लाख तक का टॉप-अप लोन की सुविधा
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बुनियादी समस्याओं का हल
मैं बारह वर्षों से अपना कारोबार चला रहा हूं लेकिन अपने बिजनेस का विस्तार करने के लिए सक्षम नहीं था। मैंने Ziploan में आवेदन किया और उन्होंने मेरे लोन आवेदन को बहुत ही कम समय में मंजूरी दे दी।
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Poultry farming in hindi | सफल मुर्गी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें – स्टेप्स | A Comprehensive Guide on How to Start a Poultry Farming Business in Hindi
भारत में कुक्कुट पालन (Poultry farming in hindi) देश के कृषि परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है। कुक्कुट पालन की समृद्ध परंपरा और कुक्कुट उत्पादों की बढ़ती मांग के साथ, भारत ने इस उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। पोल्ट्री फार्मिंग में मांस और अंडे के उत्पादन के लिए मुर्गियों, बत्तखों, टर्की और अन्य पक्षियों को पालना शामिल है। उद्योग ने प्रजनन तकनीकों, फ़ीड गुणवत्ता और रोग नियंत्रण उपायों के मामले में पर्याप्त प्रगति का अनुभव किया है।
पोल्ट्री फार्मिंग इन हिंदी (Poultry farming in hindi) कई किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। कुक्कुट पालन न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करता है बल्कि लगातार बढ़ती आबादी को प्रोटीन युक्त मांस और अंडों की सस्ती आपूर्ति सुनिश्चित करके खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देता है। सरकार और विभिन्न संगठनों ने सब्सिडी, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और अनुसंधान पहलों के माध्यम से पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने और समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे देश भर में इसके विस्तार को बढ़ावा मिला है।
Table of Contents
पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming in hindi) एक आकर्षक और फायदेमंद उद्यम है जो कृषि उद्योग में उद्यमियों के लिए काफी संभावनाएं प्रदान करता है। पोल्ट्री उत्पादों जैसे अंडे और मांस की लगातार बढ़ती मांग के साथ, पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय शुरू करना एक लाभदायक प्रयास हो सकता है। हालाँकि, किसी भी व्यवसाय की तरह, इसमें सफल होने के लिए सावधानीपूर्वक योजना, ज्ञान और समर्पण की आवश्यकता होती है। इस लेख में, हम आपको पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय सफलतापूर्वक शुरू करने के बारे में एक व्यापक जानकारी देने वाले हैं।
मुर्गी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें | How to Start a Poultry Farming in Hindi
यहाँ कुछ स्टेप्स दिये गए हैं जो कि आपको कुक्कुट व्यवसाय सफलतापूर्वक शुरु करने में आपकी काफी मदद कर सकते हैं –
1. रिसर्च और योजना
पोल्ट्री फार्मिंग की बिजनेस में उतरने से पहले से पहले, गहन शोध करना और एक विस्तृत व्यवसाय योजना बनाना महत्वपूर्ण है। इससे आपको उद्योग, बाजार की मांग, प्रतिस्पर्धा और वित्तीय आवश्यकताओं को समझने में मदद मिलेगी। पता लगाएं कि आप किस प्रकार की कुक्कुट पालन करना चाहते हैं, जैसे ब्रॉयलर (मांस उत्पादन) या लेयर्स (अंडा उत्पादन)। इसके साथ ही उपलब्ध भूमि, पूंजी और बाजार मांग जैसे कारकों पर विचार करें।
2. आवश्यक परमिट और लाइसेंस प्राप्त करें
अपने क्षेत्र में पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय शुरू करने के लिए आवश्यक परमिट और लाइसेंस को समझने के लिए अपने स्थानीय कृषि विभाग या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें। इसमें कृषि पंजीकरण, पर्यावरण मंजूरी और स्वास्थ्य परमिट प्राप्त करना शामिल हो सकता है। विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित करता है कि आपका व्यवसाय कानूनी रूप से संचालित होता है और अच्छे मानकों को बनाए रखता है।
3. सही स्थान का चुनाव
अपने पोल्ट्री फार्म के लिए एक उपयुक्त स्थान का चयन करना इसकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। पर्याप्त भूमि उपलब्धता, अच्छी परिवहन सुविधा और अपने लक्षित बाजार से निकटता वाले क्षेत्र की तलाश करें। सुनिश्चित करें कि स्थान पर्याप्त धूप, वेंटिलेशन और प्रिडिटर्स से सुरक्षा के साथ कुक्कुट के स्वास्थ्य और विकास के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है
4. उपयुक्त आवास का निर्माण
अपने कुक्कुट के लिए उचित आवास सुविधाओं का डिजाइन और निर्माण करें। आवास को एक आरामदायक और स्वच्छ वातावरण, पर्याप्त जगह, उचित वेंटिलेशन और मौसम की स्थिति से सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, चूजों, वयस्क पक्षियों और प्रजनन स्टॉक के लिए अलग-अलग खंड का निर्माण करें।
5. गुणवत्तापूर्ण नस्लों और उपकरणों की खरीद
अपने पोल्ट्री फार्म के लिए उपयुक्त मुर्गियों या कुक्कुट की उच्च गुणवत्ता वाली नस्लें चुनें, जो स्वस्थ और आनुवंशिक रूप से बेहतर हो। स्वस्थ और अनुवांशिक रूप से उत्कृष्ट चूजों या अंडे प्राप्त करने के लिए प्रतिष्ठित आपूर्तिकर्ताओं या हैचरी से जुड़ें। इसके अतिरिक्त, फीडर, ड्रिंकर्स, हीटिंग सिस्टम, लाइटिंग और वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम जैसे आवश्यक उपकरणों में निवेश करें। ये आइटम कुशल संचालन और आपके पक्षियों के समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
6.उचित आहार और पोषण
कुक्कुट पोषण विशेषज्ञ या पशु चिकित्सक के परामर्श से एक संतुलित आहार प्रोग्राम विकसित कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि आपके पक्षियों को पोषक रूप से संतुलित आहार मिले जो विकास के प्रत्येक चरण में उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करता हो। उचित पोषण पक्षियों के समग्र स्वास्थ्य, विकास और उत्पादकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। और यह आपकी फार्म की आय का प्रत्यक्ष रूप से निर्धारण करते हैं।
7. जैव सुरक्षा उपायों को लागू करें
पोल्ट्री फार्म में रोग के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए जैव सुरक्षा आवश्यक है। फार्म में सख्त जैव सुरक्षा उपायों को लागू करें, जिसमें खेत तक सीमित पहुंच, नए पक्षियों के लिए संगरोध प्रोटोकॉल, नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण कार्यक्रम शामिल हैं। एक मजबूत रोग निवारण और नियंत्रण योजना बनाने के लिए एक पशु चिकित्सक से समय समय पर परामर्श जरूर लें।
8. विपणन और बिक्री रणनीति
अपने पोल्ट्री उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी विपणन और बिक्री रणनीति विकसित करना बहुत आवश्यक है। अपने लक्षित बाजार की पहचान करें, चाहे वह स्थानीय उपभोक्ता, थोक व्यापारी, रेस्तरां या सुपरमार्केट हों। मजबूत वितरण चैनल स्थापित करें और संभावित खरीदारों के साथ संबंध बनाएं। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और स्थानीय विज्ञापन का उपयोग करें।
9. निरंतर सीख और सुधार
कुक्कुट पालन एक गतिशील उद्योग है जिसमें निरंतर सीखने और सुधार की आवश्यकता होती है। पोल्ट्री क्षेत्र में नवीनतम ट्रेंड्स, प्रगति और सर्वोत्तम प्रथाओं से अवगत रहें। पोल्ट्री से सम्बंधित कार्यशालाओं, सेमिनारों और सम्मेलनों में भाग लें और उद्योग के विशेषज्ञों से जुड़ें। दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपनी फार्म की तकनीकों, प्रक्रियाओं और प्रबंधन प्रथाओं का लगातार मूल्यांकन और अनुकूलन करें।
10. वित्तीय प्रबंधन और रिकॉर्ड कीपिंग
अपने पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय के लिए उचित वित्तीय प्रबंधन और रिकॉर्ड-कीपिंग सिस्टम बनाए रखें। फ़ीड लागत, पशु चिकित्सा सेवाओं, उपकरण खरीद और श्रम लागत सहित सभी खर्चों पर नज़र रखें। पोल्ट्री उत्पाद की बिक्री से अपने राजस्व (रेवेन्यू) की मॉनिटर करें और नियमित रूप से अपनी लाभप्रदता का मूल्यांकन करें। प्रभावी वित्तीय प्रबंधन आपको सूचित निर्णय लेने, लागत में कमी के लिए क्षेत्रों की पहचान करने और आपके व्यवसाय की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
11. पेशेवर सलाह और नेटवर्किंग
अन्य पोल्ट्री किसानों और उद्योग के पेशेवरों के साथ नेटवर्किंग करना आपके व्यवसाय के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। समान विचारधारा वाले व्यक्तियों से जुड़ने के लिए स्थानीय या क्षेत्रीय पोल्ट्री फार्मिंग संघों, मंचों या ऑनलाइन समुदायों से जुड़ें। अपने ज्ञान को बढ़ाने, चुनौतियों का निवारण करने और मूल्यवान अंतर्दृष्टि इकट्ठा करने के लिए अनुभवी किसानों, सलाहकारों या पशु चिकित्सकों से सलाह लेते रहें।
12. विस्तार और विविधता
एक बार जब आपका पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय स्थापित हो जाए और सुचारू रूप से चलने लगे, तो विस्तार और विविधीकरण के अवसरों पर विचार करें। इसमें आपके फार्म का आकार बढ़ाना, अतिरिक्त पोल्ट्री उत्पाद लाइनों की खोज करना, या प्रसंस्कृत मांस या विशेष अंडे जैसे मूल्य वर्धित उत्पादों में उद्यम करना शामिल हो सकता है। अपने कार्यों का विस्तार करने से पहले बाजार की मांग का सावधानीपूर्वक आकलन व अध्ययन करें।
पोल्ट्री फार्मिंग व्यवसाय शुरू करना एक पूर्ण और लाभदायक उपक्रम हो सकता है, बशर्ते आप इसे सावधानीपूर्वक योजना, ज्ञान और समर्पण के साथ करें। पूरी तरह से अनुसंधान करके, एक ठोस व्यवसाय योजना बनाकर, और इस गाइड में बताए गए चरणों का पालन करके, आप एक सफल पोल्ट्री फार्म स्थापित कर सकते हैं।
तो आपने इस लेख के पढ़ा कि आप पोल्ट्री फार्म व्यवसाय कैसे शुरू कर सकते हैं, (मुर्गी पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें | A Comprehensive Guide on How to Start a Poultry Farming in Hindi) इसके लिए आपने क्रमवार 12 स्टेप्स पढ़े। हमे पूरा उम्मीद है कि यह लेख आपको जरूर पसंद आई हो । धन्यवाद!
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मुर्गी पालन का बिज़नस | Poultry Farm Business Plan in Hindi
Poultry Farm Business या मुर्गी पालन व्यवसाय , एक ऐसा व्यवसाय है जिससे कम लागत में ज्यादा मुनाफ कमा सकते है. सरकार भी इस उद्योग को सहयोग दे रही है इसलिए सरकार मुर्गी पालन व्यवसाय के लिए सब्सिडी और कम ब्याज दर पर लोन दे रही है.
इस लेख में हम जानेंगे कि मुर्गी पालन का बिज़नेस क्या है , मुर्गी पालन से कितना मुनाफा मिलेगा , Poultry Farm Business पर कितना खर्च आएगा और मुर्गी पालन कैसे करें ? हम Poultry Farm Business Plan in Hindi से संबंधित A to Z पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे.
मुर्गी पालन का बिज़नस , देखा जाए तो वर्तमान में सबसे शानदार बिज़नस में से एक है. लेकिन इस बिज़नस के लिए पूरी जानकारी होना आवश्यक है. Murgi Palan Business में हम अंडे और मांस का प्रोडक्शन कर सकते है. यूं देखा जाए तो Poultry Farming Business काफी सफल व्यवसाय है, लेकिन जानकारी के अभाव में कई बार लोग असफल हो जाते हैं.
आप हमारे आर्टिकल की मदद से सफल मुर्गी पालन करने के सभी दांव-पेच सिख सकते है और अच्छा खासा फायदा उठा सकते है. चलिए अब हम Murgi farm की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं.
मुर्गी पालन व्यवसाय क्या है (What is Poultry Farm Business in Hindi)
मुर्गी पालन का बिज़नेस एक ऐसा बेस्ट बिज़नस बिज़नस है जिसे कम लागत में शुरू किया जा सकता है और अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. Murgi Palan Business में कई गुना अधिक संख्या में मुर्गियों को व्यवसाय के उद्देश्य से पाला जाता है. इस व्यवसाय में मुख्य रूप से अंडे और मुर्गी के मास का व्यापार किया जाता है.
इस बिज़नस को 5 से 9 लाख रूपयें में शुरू किया जा सकता है, और छोटे स्तर यानी 1500 मुर्गियों के साथ पॉल्ट्री बिज़नस की शुरूआत करे तो 50 हजार से 1 लाख रूपयें प्रतिमाह कमा सकते हैं.
- कितना खर्च होगा – पोल्ट्री फॉर्म बिजनेस में जगह, पिंजरे और औजार पर लगभग 5-6 लाख रूपयें खर्च होंगे. और इसके अलावा 1500 मुर्गियों के टार्गेट के लिए 10 फीसदी से ज्यादा चूजे खरिदने का खर्च होगा. क्योंकि असमय बीमारी के कारण कई मुर्गिया मर जाती हैं. मुर्गीयों को खिलाने-पिलाने और देखभाल में भी 3 से 4 लाख खर्च होगा.
- सालाना कमाई – इस बिज़नस में हम 1500 मुर्गियों से 4,35,000 अंडे ले सकते है, जिसमें से 4 लाख अंडे बेचे जा सकते है. इससे हम सिर्फ अंडों के बिज़नस से 14 लाख रूपयें की कमाई कर सकते है.
- सफलता – मुर्गीपालन बिज़नस को सफलता से करने के लिए पूरी ट्रेनिंग का होना आवश्यक है. तभी आप यह बिज़नस कर सकते है.
मुर्गी पालन का बिज़नस करना चाहिए
MurgiPalan Business शुरू करने के लिए अनेक कारण है क्योंकि इस बिज़नस में काफी ज्यादा मुनाफा है. हमें लगता है कि आपको भी मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू करना चाहिए. इसके कई कारण हैं, जैसे-
- कम पूंजी में बिजनेश शुरू कर सकते है
- अधिक जगह की आवश्यकता नही होती है
- कम लागत पूंज में अधिक मुनाफा मिलता है
- इस बिज़नस में अधिक रखरखाव की आवश्यकता नही होती है
- किसी लाइसेंस की अनिवार्यता नही है
- मुर्गी पालन व्यवसाय से आय में वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है
- Murgi Farm Business के लिए Marketing करना आसान है
- मांस (Chicken) और अंडे की मांग Global Level पर बहुत ज्यादा होती है
- Poultry Farm Business से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, युवाओं को रोजगार मिलता है और बेरोजगारी भी खत्म होती है.
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए Poultry Farm Business का महत्व
वर्तमान के कुछ आंकड़े देखे जाए तो Poultry Industry काफी उच्च दर से बढ़ता जा रहा है और अगले दशक तक इस बिज़नस की लगातार वृद्धि की उम्मीद है. हमारा भारत देश वर्तमान में विश्व ‘Poultry Farming Production ‘ सुचकांक में पूरे विश्व स्तर पर 17वें स्थान पर है.
एक बाजार अनुसंधान रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत अंडा उत्पादन में 5वें स्थान और पोल्ट्री मांस उत्पादन में 9वें स्थान पर है. भारत में 2021 में अंडे व मांस का बिज़नस तीन गुना अधिक बढ़ा है. देखा गया कि अंडे का सेवन पोल्ट्री मांस की खपत की तुलना में बहुत ज्यादा है. लोग खाने में लगातार इनका सेवन कर रहे है.
अत: यह कहा जा सकता है कि Poultry Farm Business भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डाल रही है. और उमीद है कि आने वाले समय में यह व्यवसाय और अधिक बढ़ेगा.
बिज़नस से संबंधित प्रशिक्षण (Poultry Farming Guide In Hindi)
किसी भी बिज़नस में सफल होने के लिए पूरा ज्ञान होना बेहद आवश्यक है. अगर हम मुर्गी पालन का बिज़नस करने जा रहे है तो इसका भी पूरा ज्ञान होना आवश्यक है. जैसे- अच्छी नस्ल वाली मुर्गी की पहचान करना, फॉर्म को मुर्गी व्यवसाय के अनुसार बनवाना, खान-पान का पूरा ध्यान होना, मुर्गी के बीमारियों व उपचार का पता होना इत्यादि.
इन सभी ज्ञान के लिए प्रशिक्षण बेहद आवश्यक है. आज सरकार विभाग जैसे कृषि विज्ञान केंद्र एवं खादी ग्रामोद्योग भी पॉल्ट्री, फिस जैसे कुटीर उद्योग के लिए फ्री में भी प्रशिक्षण दे रही है. इसके अलावा ऑनलाइन भी फ्री में शिक्षा प्राप्त कर सकते है.
हम अपने आस-पास की कॉलेज से भी इस उद्योग से संबंधित पढ़ाई कर सकते है और बिज़नस की ट्रेनिंग ले सकते है.
मुर्गी पालन कैसे करें (Poultry Farming In Hindi)
कई लोग जानना चाहते है कि आखिर Murgi Palan Business कैसे करे ? देखा जाए तो इस बिज़नस को करना आसान है लेकिन सही तरिके से बिज़नस करना बेहद जरूरी है.
मुर्गी पालन बिज़नस को शुरू करने से पहले हमारे पास बिज़नस प्लान होना चाहिए जिसमें हम बिज़नस का टारगेट निश्चित करते है.
इसके बाद बिज़नस के लिए एक सही जगह का चुनाव करते है और मुर्गी पालन व्यवसाय के अनुसार फॉर्म का निर्माण करते है. जगह चुनने के बाद बिज़नस में होने वाले निवेश का अनुमान लगाना चाहिए, और आवश्यक वित्तीय व्यवस्था करनी चाहिए.
अब हमें अच्छी मुर्गीयों का चयन करना है जिससे बिज़नस बिना रुकावट के आगे बढ़ सके. मुर्गीयों के चुजे खरिदने के बाद फॉर्म में रहन-सहन के लिए पूरी तैयारी करे. Poultry Farming Brooding की तैयारी हो जाने के बाद मुर्गी पाल व्यवसाय शुरू करे.
अब व्यवसाय की मार्केटिंग करनी होगी और इसके लिए बाजार ढुंढना होगा. इसके अलावा व्यवसाय से संबंधित गतिविधियों और लेखांकन का रिकॉर्ड रखना होगा. इस तरह हम Murgi Farm Business कर सकते है.
मुर्गी पालन करने की प्रकिया (Poultry Farming Plan In Hindi)
मुर्गी पालन करने के नियम निम्नलिखित है.
- मुर्गी पालन के लिए प्रशिक्षण ले,
- व्यवसाय से संबंधित योजना बनाए,
- सही जगह का चुनाव करे,
- मुर्गी पालन व्यवसाय के लिए निवेश निश्चित करे,
- आवश्यक ऋण का इंतजाम करे,
- मुर्गीयों का चयन करे,
- मुर्गी के चुजो का पालन-पोषण करे,
- साफ-सफाई पर उचीत ध्यान रखे,
- छप्प और अन्य उपकरणों का प्रबंध करना,
- बिज़नस के लिए बाजार ढुंढना,
- ग्राहक और उपभोगक्ताओं को ढुंढे,
- एकाउंटिंग और व्यापारिक गतिविधियों का रिकॉर्ड रखें.
Poultry Farm Business Plan तैयार करना
मुर्गी पालन व्यवसाय हो या फिर कोई अन्य व्यवसाय हो, सबसे पहले उसकी योजना तैयार करना बेहद जरूरी होता है. बिजिनेस प्लान में हमें आवश्यक धन, सही जगह और उपयोगी उपकरणों का गहराई से विश्लेषण करते है.
बिज़नस प्लान को बिज़नस के लक्ष्य का निर्धारण करने के लिए बनाया जाता है. इस प्लान में हम अपने खर्चे और कमाई का तुलनात्मक विश्लेषण करते है. इसके अलावा बिज़नस प्रोडक्ट के मार्केट का भी बारीकी से मूल्यांकन किया जाता है.
इस तरह बिज़नस के Goal को निश्चित करते हुए Poultry Farm Business Plan बनाया जाता है.
मुर्गीपालन के लिए सही जगह का चुनाव (जमीन व आवास का प्रबंधन करना)
बिज़नस प्लान के बाद सही जगह का चुनाव करना होता है. अगर व्यवसाय को छोटे स्तर पर कर रहे है तो अपने निवास स्थान पर बिज़नस शुरू कर सकते है. लेकिन बड़े स्तर पर बिज़नस शुरू कर रहे है तो एक जगह अवश्य चुने.
यह जगह हम किराये पर भी ले सकते है. अन्यथा स्वयं की जमीन हो तो उसका उपयोग कर सकते है. लेकिन किराये पर लेते समय कागजी Contract अवश्यक कर ले.
कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखें
- पानी व बिजली की आपूर्ति अच्छी हो,
- आस-पास का वातावरण प्रदुषण रहीत हो,
- परिवहन से संबंधित कोई समस्या न हो,
- शहरी इलाकों से जगह दूर रखे,
वित्तीय (धन) की व्यवस्था करना
जैसा की मैने आपको बताया कि यह एक Low investment Business है. मतलब अगर आप इस बिज़नस को छोटे स्तर पर शुरू करते है तो 5 से 9 लाख रूपयें का खर्च (निवेश) होता है. हालांकि यह निवेश बिज़नस प्लान और जमीन के ऊपर निर्भर करता है.
अगर हम यह बिज़नस कम मुर्गीयों के साथ करते है तो कम निवेश की जरूरत होगी, और अगर अधिक मुर्गीयों के साथ काम करे तो पालन-पोषण व व्यवस्था में अधिक निवेश की जरूरत होगी . मुर्गी पालन व्यवसाय में निवेश कई Factors पर निर्भर करता हैं. जैसे-
- चुजों की खरिदारी,
- फॉर्म का निर्माण,
- पिंजरे व अन्य उपकरण,
- खाने-पीने के सामान,
- कर्माचारियों का खर्च,
- बिजली व पानी का बिल,
- ट्रांसपोर्ट का खर्च इत्यादि.
ध्यान दे कि एक मुर्गी के चूजे की कीमत लगभग 30-35 रूपयें होती है. इस आधार पर 500 चुजों के लिए 15,000 रूपयें की आवश्यकता होगी. लेकिन मुर्गीयों बीमारियों के कारण कई बार मर भी जाती है, अत: चुजे ज्यादा खरिदने की आवश्यकता होती है. हम लगभग 1000 या 1500 चुजों के साथ अच्छा बिज़नस कर सकते है.
आवश्यक निवेश:
- पॉल्ट्री फॉर्म का खर्च : Rs. 1.5-2 लाख रूपये,
- 1500 मुर्गियों का खर्च : Rs. 50,000 रूपये
- खाने का खर्च : 1 से 2 लाख रूपये
- अन्य खर्च : 50,000 रूपये
- कर्मचारियों का खर्च : 60,000 रूपयें (प्रतिमहिने)
इस तरह कुल पॉल्ट्री का खर्च: Rs. 5 lakh to 6 lakhs
मुर्गी पालन बिज़नस के लिए लोन
बिज़नस प्लान बनाने और जगह के चुनाव के बाद हमें बिज़नस में होने वाले निवेश का अनुमान लगा सकते है. और इसी के आधार पर बैंक से या सरकारी योजना से लोन ले सकते है.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत हम बहुत कम ब्याज दर पर भारत सरकार से लोन ले सकते है. इसके अलावा अनेक बैंक भी इस बिज़नस पर बहुत कम ब्याज दर या शून्य ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करवाती है.
Bonus Point: ध्यान दे कि बिज़नस प्लान लोन लेने में सहायता करता है, मतलब आसानी से लोन ले सकते है.
शेड और अन्य उपकरणों का प्रबंधन
पैसो का प्रबंध होने के बाद फॉर्म निर्माण शुरू करना चाहिए. Poultry Farm Business Plan के लिए शेड बनाना आवश्यक होता है. यह शेड पूरी जानकारी के साथ बनाये जाते है, जो मुर्गीयों को उचित वातावरण वाला आवास प्रदान करता है. शेड के आस-पास का सभी क्षैत्र सुरक्षित होना चाहिए.
- शेड को इस तरह से बनाना चाहिए कि बारिश के मौसम में मुर्गियों को अधिक नमी न लगे. इसके ढलानदार छत होनी चाहिए. हम टिन धातु की दिवारे बना सकते है लेकिन गर्मियों के प्रभाव ध्यान में रखते हुए बनानी होगी.
- आवासीय स्थान पर उचित निकास सुविधाएं और एक नाली प्राणाली होनी चाहिए, हालांकि यह आवश्यक नही है.
- मुर्गी पालन व्यवसाय के शेड की चौड़ाई 30-35 फीट हो, और लंबाई अपनी जरूरत के अनुसार रख सकते है. शेड का फर्श पक्का होना चाहिए.
- शेड में जालियों की व्यस्था इस प्रकार होनी चाहिए कि हवा आसानी से प्रवाहित हो सके और अंदर धूप ज्यादा न रहे.
- शेड में ही बिजली के बल्ब, पानी के बर्तन, पानी की टंकी और चिकन पॉक्स की उचित व्यवस्था करनी चाहिए.
- ध्यान रहे कि एक शेड दूसरे शेड से थोड़ा दूर रहे.
नोट : Shed निर्माण के लिए लगभग 3 लाख रूपये तक का खर्च आता हैं.
मुर्गीयों के खाने-पीने का प्रबंधन
अगर हम मुर्गीयों के खाने-पीने का अच्छा प्रबंधन करेंगे, मुर्गीयां भी हमें उतनी ही ज्यादा अच्छा लाभ देगी. क्योंकि सही व्यवस्था में मुर्गीयां कम बीमार होगी और अच्छे से विकसित भी होगी. अत: अच्छी गुणवत्ता वाले खान-पान का इंतजाम करे.
Murgi Farm Business में खाने-पीने के लिए 1 से 2 लाख रूपयें का खर्च लगातार आता है. लेकिन मुनाफा भी कई गुना अच्छा मिलता है.
ध्यान दे कि प्रत्येक मुर्गी के लिए कम से कम 3 पानी और 3 अनाज के लिए बर्तन होने चाहिए. इन बर्तनों का उपयोग हम मैनुअली या ऑटोमेटिकली कर सकते है. स्वचालित सिस्टम के लिए पानी के नल को मोटर से जोड़ सकते हैं.
साफ-सफाई के लिए कर्मचारी
बीमारी का सबसे बड़ा कारण गंदगी और प्रदुषण ही होता है. इसलिए मुर्गीयों की देखभाल और साफ-सफाई के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता जरूर होती हैं. एक सफल MurgiPalan Business के लिए अनुभवी कर्मचारियों की आवश्यकता होती है, अत: सही कर्मचारियों को ही नौकरी दे.
मुर्गीयों को लकड़ी के पाउंडर, मूंगफली की भूसी या धान की भूसी से बने 3-4 इंच मोटी परत के फर्स पर रखा जाता है. यह बिछाना बिल्कुल नया होना चाहिए और इस पर कोई भी संक्रमण नही होना चाहिए.
मुर्गियों की अच्छी नस्ल का चयन
भारत देश में मुर्गी पालन का बिज़नस काफी जोरो-शोरो से किया जाता है. Poultry Farm Business को मुख्य रूप से अंडे व मांस के लिए किया जाता है. और भारत देश में अंडे व मांस उत्पादन के आधार पर तीन तरह की मुर्गीयां उपलब्ध हैं.
- Layer Poultry Farming
- Broiler Poultry Farming
- Desi Poultry Farming
#1. Layer Poultry Farming
अंडे के बिज़नस के लिए Layer मुर्गीयां उपयोगी है, जो 4 से 5 महिने बाद अंडे देना शुरू करती है, और करिब एक साल तक अंडे देती है. 16 महिने बाद उनके मांस को बेच दिया जाता है.
#2. Broiler Poultry Farming
इनका उपयोग मुख्य रूप से मांस के लिए करते है क्योंकि यह अन्य मुर्गीयों की तुलना में तेजी से बढ़ती है.
#3. Desi Poultry Farming
यह भारत देश की देशी मुर्गीया हैं जिनका इस्तेमाल अंडे और मांस दोनों के लिए किया जाता है.
नोट: हम किसी भी तरह की मुर्गी का बिज़नस शुरू कर सकते है, हालांकि दोनों किस्म की मुर्गीयों का पालन भी कर सकते है. अगर आप बैंक से लोन ले रहे है तो फॉर्म में यह बताना होगा कि हमें किसी नस्ल के साथ यह व्यवसाय शुरू करना चाहते है.
Poultry Farm Business के लिए मुर्गी की नस्लें
भारत में कुछ शानदार मुर्गीयों की नस्ले पायी जाती हैं जिनके साथ हम अपना Poultry Farming शुरू कर सकते है. मैं आपको बताना चाहुंगा कि देशी मुर्गियां प्रजनन की दृष्टि से अन्य की तुलना में सर्वश्रेष्ठ है.
Poultry Farming के लिए चूजों की कीमत
Poultry Farm Business में जगह और मुर्गी के प्रका को चुनने के बाद चुजों को खरिदने का काम होता है. चुजे खरिदते समय चुजों का ज्ञान होना आवश्यक है.
चुजें खरिदते समय यह जरूर सुनिश्चित करे कि एक भी चूजा बीमार न हो, क्योंकि यह दूसरे को बीमार कर सकते है.
एक मांस वाले चुजे की कीमत 15-20 रूपयें होती है और अंडे देने वाली मुर्गी की कीमत 30 से 35 रूपयें होती हैं.
Murgi Farm के लिए ब्रुडिंग
Murgi Farm Business के लिए Brooding बेहद आवश्यक Factor (कारक) है. एक Broiler Poultry Farming Business पूरी तरह से brooding पर निर्भर करता है. क्योंकि अगर ब्रूडिंग में गलती होती है तो चूजे कमजोर होकर 9-8 दिनों में मर जाएंगे या फिर ठिक तरह से विकास नही करेंगे. और फिर मांस का पूरा व्यापार खराब हो जाएगा.
Brooding में कृत्रिम रूप से चूजों को निश्चित आवश्यक तापमान दिया जाता है जो मुर्गीयां अपने बच्चों को निश्चित समय तक अपने पंखों के नीचे रखकर देती है.
यह ब्रूडिंग कई तरह से की जा सकती है, मतलब हम बिजली के बल्ब से, गैस ब्रूडर से या चूल्हा से कर सकते है.
मुर्गी पालन बिज़नस में चूजे को पालने की पूरी प्रक्रिया
मुर्गी के चूजे का पालन निम्न तरिके से किया जाना चाहिए.
- चूजों को लाने से पहले शेड को 7-8 दिन पहले ही अच्छे से साफ कर ले.
- इन शेड को बाहर और अंदर से 3% फॉर्मेलिन या अन्य किसी अच्छे कीटाणुनाशक के छिड़काव से कीटाणु मुक्त जगह बनाए.
- शेड को जालीदार पर्दों से ढके.
- चूजे लाने के 1-2 दिन पहले फर्श पर 3-4 इंच तक धानी की भूसी का मोटी परत बिछाएं.
- चूजों के लिए 23 घंटे पहले ही 3 मीटर व्यास वाले टिन की चादर से गोलाकार घर बना ले.
- शेड का तापमान 750F रखे, मतलब बल्ब या ब्रूडर को चालू करे.
- शेड में पानी की व्यवस्था करे, और पानी में इलेक्ट्रोलाइट पाउडर व पोटैशियम क्लोराइड मिलाए.
- चूजों को सही समय पर डिब्बे से बाहर निकाले.
- पानी पीने के बाद मक्के का दलिया कागज के ऊपर दे.
- खाना सर्दीयों में सुबह और दोपहर को ही दे, रात को न दे.
- छोटे और कमजोर चूजों पर ध्यान रखे और उन्हे अलग रखे.
- मुर्गीयों को उचित दवा व टीककरण अवश्य दे.
- शेड के बिछोने में सप्ताह में एक या दो बार अवश्य चूना छिड़के जो अमोनिया उत्पादन नही करता है.
- पानी बिल्कुल साफ रखे. (1 लीटर पानी में 6g ब्लीचिंग पाउडर और 1g पौटेशियम परमैंगनेट मिलाए)
- ब्रायलर चूजो में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित परेशानी होने पर विशेषज्ञ से सलाह ले.
Poultry Farming के लिए Marketing करना
मुर्गीपालन में अब मार्केटिंग की बारी आती है, जो बेहद जरूरी है. बिज़नस को सफल बनाने के लिए हमें 35-45 दिनों में ही मुर्गी व अंडे को बेचने के लिए बाजार खोजना होगा.
कहने का मतलब है कि स्थानीय बाजार को लक्षित करना होगा, जहां हम अपने उत्पाद अच्छी कीमत पर बेच सके. और परिवहन लागत भी कम लगे. हमें ऐसा बाजार ढुंढना है जहां उत्पादों को भेजना आसान हो. इसके लिए बाजार में मीट या अंडे की खपत को जानना होगा.
हमें अपने मार्केट में ऐसे स्थानों को ढुंढना होगा जहां पर ज्यादा से ज्यादा लोग मीट व अंडे खरिदते हैं. जैसे- स्थानीय मांस की दुकान, होटल, ढाबा इत्यादि. इस मार्केट को अन्य स्थानों तक भी पहुंचाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए परिवहन खर्चे पर अलग से ध्यान देना होगा.
मुर्गी पालन का बिज़नेस को सफल बनाने के लिए हमें मार्केटिंग यानी विज्ञापन भी करना होगा. इसके लिए हम ऑनलाइन व ऑफलाइन तरिकों को इस्तेमाल कर सकते है.
ग्राहक और उपभोक्ताओं का नेटवर्क बनाना
यह जानना बेहद जरूरी है कि हमारे चुने गये मार्केट में ग्राहक और उपभोक्ता कितने हैं. हालांकि ग्राहक और उपभोक्ता दोनों ही अलग-अलग है. ग्राहक वह होता है तो उद्यमी से प्रोडक्ट को लेता है, जबकि उपभोक्ता उन प्रोडक्ट का उपभोग करता है.
मैरे कहने का मतलब है कि हमें अपने बाजार वाले इलाके में यह जानना होगा कि कितने लोग अंडे व मांस को खाते है. और कौन-कौन लोग अंडे व मांस को बेचते है. इसके बाद उन सब से डील करके एक नेटवर्क बनाते है ताकि हम अपने प्रोडक्ट आसानी से बेच सके.
एकाउंटिंग या व्यापारिक गतिविधियों का रिकॉर्ड रखना
अगर हम बिज़नस कर रहे है तो बिज़नस में होने वाली गतिविधियों और अकाउंटेंट से संबंधित सभी जानकारियों का रिकॉर्ड होना बेहद आवश्यक है. इस रिकॉर्ड की मदद से हम अपने उत्पादन और मुनाफे को सही ढंग से बढ़ा सकते है.
इस रिकॉर्ड में सभी व्यापारिक गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाता है, जैसे- उत्पादन, नुकसान, खर्चे, बिक्री इत्यादि. यह काम हम किसी भी कंप्यूटर जानकारी और गणितज्ञ व्यक्ति से करवा सकते है.
बिज़नस में हम सभी डील के लिए रिसीप्ट बुक भी रख सकते है. ताकि जो प्रोडक्ट बिक रहे है उनका रिकॉर्ड रखा जा सके. अकाउंटेंट का रिकॉर्ड पूरी तरह से सही ढंग से बनाया जाना चाहिए और उसे हर सप्ताह या महिने में जांचना चाहिए.
मुर्गी पालन बिज़नस के लिए आवश्यक लाइसेंस व पंजीकरण
अब तक हमने Poultry Farm Business Plan In Hindi को पूरी तरह से समझ लिया है. लेकिन इस बिज़नस को कानूनी रूप से सही ढंग से करने के लिए आवश्यक लाइसेंस और पंजीकरण होना अनिवार्य हैं.
वैसे तो इस बिज़नस के लिए ज्यादा लाइसेंस की जरूरत नही होती है. लेकिन हम अपने बिज़नस को MSME के तहत पंजीकृत करवा सकते है. इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखे.
- ‘उद्योग आधार’ पर हम ऑनलाइन ऑफिशियल वेबसाइट ‘udyogaadhar.gov.in’ पर सरलता से पंजीकरण कर सकते है.
- वेबसाइट पर पहुंचकर उद्यमी को आधार संख्या व नाम डालना है और “Validate Aadhar” पर क्लिक करना है.
- आधार कार्ड वैरिफाई होने के बाद कंपनी का नाम, कंपनी का प्रकार, पता, राज्य, जिला, पिन कॉड, मोबाइल नंबर, ईमेल, पूर्व पंजीकरण डिटेल, बैंक डिटेल, NIC Code, काम करने वाले लोगों की संख्या, निवेश राशि इत्यादि की जानकारी दे.
- अब अंत में सबमिट बटन पर क्लिक करे.
- MSME की तरफ से सर्टिफिकेट बनने पर ईमेल के जरिए सर्टिफेकेट भेज दिया जाएगा, जिसे प्रिंट करके निकाल सकते है.
मुर्गी पालन के लाभ
इस बिज़नस को करने पर कई लाभ मिलते हैं. जैसे-
- वर्तमान में सरकारी पॉल्ट्री बिज़नस को काफी बढ़ावा दे रही है.
- सरकारी सब्सिडी और कम ब्याज दर पर लोन दे रही है.
- इस व्यवसाय में अन्य बेरोजगार लोगों को भी नौकरी मिलेगी.
- मुर्गी के उत्पाद यानी मांस व अंडे की मांग मार्केट में बहुत ज्यादा है.
- इस बिज़नस को छोटे स्तर से शुरू करके बड़े स्तर तक ले जा सकते है.
मुर्गी पालन की चुनौतियां
MurgiPalan Business को शुरू करने पर हमें कई चुनौतियों का सामना करना होगा. जैसे-
- वातारण को नियंत्रित रखना,
- खान-पान का पूरा ख्याल रखना,
- तकनीकी ज्ञान में कमी
- खर्चों लागत उच्च होना
- उन्नत नस्लो की कमी
- किट-पतंगों, नेवला और सांप से नुकसान
- मुर्गी पालन से संबंधि संक्रामक बीमारियां
- कम बाजारी मूल्य
- मुर्गी उत्पादों के निर्यात की अपर्याप्त सुविधा
मुर्गी पालन के लिए सावधानियां
- पॉल्ट्री फार्म में 750F यानी न्यूनतम 10 ड्ग्री सेल्सियस का तापमान होना आवश्यक है.
- दाना-अनाज अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए.
- संक्रमण व बीमारियों की सही समय पर जांच करनी चाहिए.
- खेत में केवल मुर्गो को रखा जाता है, जबकि मुर्गी अंडे की खेती के लिए होती है.
- चिकन फार्म को लगातार साफ रखना चाहिए.
- पानी आपूर्ति की प्रणाली स्वचालित होना ज्यादा सही है.
- शेड ताजी हवा व रोशनदान युक्त होना चाहिए.
- चिकन मुर्गीयों को ज्यादा समय तक डिब्बे में नही रखना चाहिए.
मुर्गी पालन व्यावसाय में सब्सिडी
मुर्गी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें सब्सिडी दी जाती है जबकि अन्य व्यवसाय जैसे मशरूम की खेती, गोबर गैस प्लांट, पॉलीहाउस फार्मिंग आदि जैसे छोटे पॉल्ट्री व्यवसाय में कोई विशेष सब्सिडी नही मिलती है.
इस व्यसाय को करने वाले उद्यमी को कुल निवेश का कुछ प्रतिशत पुन: सब्सिडी के रूप में वापस मिलता है.
अगर कोई उद्यमी मुर्गी पालन बिज़नस को 1 लाख रूपयें की अधिक निवेश राशि से शुरू करता है तो उसे सरकार सब्सिडी प्रदान करती है. हालांकि यह सब्सिडी अलग-अलग कैटेगरी के लोगों को अलग-अलग मिलती हैं. जैसे-
- General: 25% सब्सिडी
- SC/ST: 35% सब्सिडी
यह सब्सिडी NABARD और MSME द्वारा दी जाती है. ताकि उद्यमी कम खर्च पर यह बिज़नस शुरू कर सके.
संक्रमण रोग से बचाव करना और देखभाल करना (टीकाकरण)
मुर्गियों में कई बार वायरल प्रकोप हो जाते है, जिससे हमारा पूरा बिज़नस बरबाद हो जाता है. इसलिए समय पर अवश्य टीकाकरण करे.
अन्य विशेष जानकारीयां
- अंडे को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए रेफ्रिजरेटर या कोल्ड स्टोरेज का उपयोग करते है.
- छोटे व्यापारी चूने के पानी में अंडों को डुबाकर कई दिनों तक सुरक्षित रख सकते हैं.
FAQs (Murgi Farm Ki Jankari)
एक मुर्गी पालन बिज़नस को शुरू करने के लिए 6 से 8 लाख रूपयें की आवश्यकता होती है
देखा जाए तो यह बिज़नस बहुत कठिन है, लेकिन आसान भी है. हालांकि यह बिज़नस बहुत लाभदायक है लेकिन इसके लिए हमें सही जानकारी के साथ सही तरके से बिज़नस करना होगा. मुर्गी पालन बिज़नस कैसे करे, इसकी पूरी जानकारी हमने इस लेख में दी है.
एक मुर्गी का बच्चा यानी चुजा 30-35 रूपयें तक का मिलता है. जिसे देखभाल करके विकसित किया जाता है. विकसित होने के बाद इसका 1 किलों मांस 200 रूपयें में बिकता है.
इस बिज़नस में हम अंडों की संख्या और मांस के आधार पर कमाई करते है. अगर एक साल बाद ब्रायलर मूर्गियों को बेचा जाए तो 5 से 7 लाख रूपयें कमा सकते है. इसके अलावा अंडों को बेचकर भी लाखों में कमाई कर सकते हैं.
अगर हम 500 मुर्गी के चूजों से व्यवसाय शुरू करे तो चूजों के लिए 17,500 रूपयें तक खर्च करना होगा. और इसके अलावा पॉल्ट्री फार्म व खाने-पीने का खर्च होगा. अन्य खर्च 50,000 रूपये तक होगा.
इसकी रेट अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हो सकती है. लेकिन समान्यत: दस दिन पहले के मुर्गा की रेट 120 या 140 रूपयें होती है और विकसित मुर्गे की रेट 240-250 रूपयें तक होती है.
भारत की अपनी देसी मुर्गी 24 सप्ताह में पूर्ण रूप से परिपक्व हो जाती है, जिसका वजन 1.2 किलो (मादा) और 1.4 किलो (नर) होता हैं. इसक प्रजनन क्षमता प्रतिवर्ष लगभग 85 अंडे देने की होती हैं.
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निष्कर्ष: मुर्गीपालन का व्यवसाय कैसे करें हिंदी में
इस आर्टिकल में हमने मुर्गी पालन का बिज़नेस से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपके साथ सांझा की है. मुझे पूरी उमीद है कि आपको हमारी Poultry Farming Guide In Hindi की जानकारी पसंद आयी होगी.
आप हमारे आर्टिकल की मदद से आवश्यक सभी जानकारीयां प्राप्त कर सकते है, जैसे Poultry Farm Business Plan In Hindi , मुर्गी पालन कैसे करे , मुर्गी पालन के लिए लोन , मुर्गी पालन के लाभ इत्यादि.
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Ranjeet Singh
नमस्कार! दोस्तों मेरा नाम Ranjeet Singh है. प्रोफेशनल ब्लॉगर के साथ में एक Youtuber भी हूँ. मुझे डिजिटल मार्केटिंग और कंटेंट राइटिंग में गहरी नॉलेज है. इस पैसा.ब्लॉग पर पैसा कमाने वाला ऐप्प , पैसा कमाने के तरीके, पैसा कमाने वाला गेम और बिज़नस आइडिया से सम्बंधित लेख साझा करता हूँ.
4 thoughts on “मुर्गी पालन का बिज़नस | Poultry Farm Business Plan in Hindi”
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Poultry Farming Business Plan in India: Complete Guide in Hindi
Poultry farming, आज के समय में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले और profitable businesses में से एक है। खासकर India में, जहां population की बढ़ती संख्या के साथ-साथ चिकन और अंडे की demand भी तेजी से बढ़ रही है। Poultry products , जैसे कि chicken meat और eggs, लगातार high demand में रहते हैं क्योंकि वे protein के अच्छे sources माने जाते हैं। इसके अलावा, Indian market में लोग chicken के अलग-अलग dishes पसंद करते हैं, जिससे इसका consumption भी बढ़ता है।
Poultry Farming Business Plan
इसलिए, अगर आप poultry farming business शुरू करने का विचार कर रहे हैं, तो ये आपके लिए एक lucrative opportunity हो सकती है। सही planning और systematic approach के साथ, poultry farming में substantial profit कमाया जा सकता है। इस व्यवसाय में success पाने के लिए एक detailed business plan की आवश्यकता होती है, जिसमें investment, cost, market strategy, और risk management जैसे factors शामिल होते हैं।
Importance of a Business Plan in Poultry Farming
Poultry farming में एक structured business plan बनाना बेहद जरूरी है। इससे न केवल आपको business operations के हर step को समझने में मदद मिलती है, बल्कि यह financial requirements को manage करने, goals set करने और risk management के लिए भी आवश्यक है। एक अच्छा business plan आपको बेहतर management और profitability की ओर guide करता है। इससे आप marketing, budget planning, production, और distribution की comprehensive understanding प्राप्त कर सकते हैं।
Types of Poultry Farms
Poultry farming मुख्य रूप से दो types की होती है, जिन्हें आप अपनी expertise और market demand के अनुसार चुन सकते हैं:
- Broiler Poultry Farm : इसमें chicken को मुख्य रूप से meat production के लिए पाला जाता है। Broiler chicken की high demand होती है, खासकर urban areas में जहां ready-to-eat meat products अधिक consume किए जाते हैं। इस प्रकार की poultry farming में लगभग 6-7 weeks के अंदर birds को sale के लिए तैयार कर लिया जाता है। इसकी short production cycle और fast return on investment इसे lucrative बनाती है।
- Layer Poultry Farm : इस प्रकार की poultry farming में chicken को primarily eggs production के लिए पाला जाता है। Layer chickens 18-20 weeks के बाद egg production शुरू करते हैं और उन्हें लगभग 72-78 weeks तक रखा जा सकता है। Eggs की steady demand के कारण, यह business एक consistent income source प्रदान करता है।
Investment and Budget Planning
Poultry farming के लिए initial investment काफी महत्वपूर्ण है। इसमें तीन मुख्य factors को ध्यान में रखना जरूरी है:
- Land and Infrastructure : Poultry farm के लिए proper land का होना जरूरी है। Broiler और Layer farming के अनुसार आपको cages, sheds, feeders और drinkers की जरूरत होती है।
- Chickens Purchase : Broiler और Layer के लिए high-quality chicks का selection जरूरी है। अच्छी quality के chicks से growth rate बेहतर होती है और profit margin भी बढ़ता है।
- Feed और Supplements : Chickens के growth और health के लिए balanced feed का उपयोग होना चाहिए, जिसमें protein, vitamins और minerals की सही मात्रा हो।
Setup Process and Infrastructure Requirements
Poultry farming setup करने के लिए proper infrastructure की जरूरत होती है, जो birds के health और productivity को बनाए रखे।
- Shed Design : Shed का design proper ventilation और hygiene maintain करने के लिए होना चाहिए। Broilers को sufficient space और proper air circulation चाहिए होता है, ताकि उनका growth optimal हो।
- Feeders : Birds को एक organized तरीके से feed provide करने के लिए automatic feeders का उपयोग किया जा सकता है।
- Drinkers : Birds को fresh और clean water supply के लिए drinkers install किए जाते हैं।
- Brooding Equipment : Chicks के initial growth stage के दौरान temperature और light management के लिए brooding equipment जरूरी होता है।
- Lighting System : Layer chickens के लिए proper lighting cycle उनकी egg production को influence करती है। Layer farming में typically 16 hours की light exposure रखना recommended होता है।
Poultry Feed Management
Birds की health और growth के लिए proper feed management बहुत जरूरी होता है। एक balanced feed में carbohydrate, protein, fat, vitamins और minerals शामिल होते हैं। Poultry feed तीन मुख्य phases में दी जाती है:
- Starter Feed : Chicks के शुरुआती growth phase के लिए high-protein feed।
- Grower Feed : Mid-growth phase के दौरान birds की nutritional needs को fulfill करता है।
- Finisher Feed : Maturity phase में birds को दिया जाता है ताकि उनका final weight और health maintained रहे।
Feed में cost management भी जरूरी है क्योंकि feed cost poultry farming में लगभग 60-70% होती है। Local suppliers से feed purchase करने से cost control किया जा सकता है।
Disease Management and Health Care
Poultry farming में disease management एक critical factor है। कुछ common diseases जैसे Newcastle disease, Fowl pox, और Infectious bronchitis, birds के health और productivity पर serious impact डाल सकते हैं।
- Vaccination Program : Birds के health को maintain करने के लिए timely vaccination program implement करना जरूरी है।
- Biosecurity Measures : Disease को prevent करने के लिए farm में proper sanitation और hygiene practices का पालन करना आवश्यक है। इसका मतलब है कि farm में बाहरी लोगों का access limited हो और farm में प्रवेश करने से पहले sanitization होना चाहिए।
Marketing and Sales Strategy
Market में poultry products की steady demand होती है, लेकिन आपको अपनी marketing strategy को systematically plan करना होता है। कुछ marketing strategies निम्नलिखित हैं:
- Wholesale Market : Local markets और meat shops के साथ connections बनाकर आप wholesale supply कर सकते हैं।
- Retail Market : अगर आपका production scale छोटा है, तो आप local customers को directly supply कर सकते हैं।
- Online Platforms : आजकल कई businesses online platforms का use कर रहे हैं, जहाँ से आप अपनी poultry products की direct delivery कर सकते हैं।
Profit Calculation and Cost Analysis
Poultry farming में profitability calculate करने के लिए निम्नलिखित factors को ध्यान में रखना चाहिए:
- Chick Cost : Initial cost में chicks purchase की cost शामिल होती है।
- Feed Cost : Feed की cost को optimize करना आवश्यक होता है, ताकि profit margin बेहतर हो।
- Vaccination और Health Care : यह एक regular cost है जो birds की health और disease prevention के लिए आवश्यक होती है।
- Electricity और Maintenance Cost : Shed के lighting, heating और cooling systems के लिए electricity consumption एक essential cost होती है।
Profit का calculation करने के लिए income और total cost का proper record रखना आवश्यक होता है। Poultry farming में generally per bird के हिसाब से profit calculation की जाती है।
Risk Management in Poultry Farming
Poultry farming में कुछ inherent risks होते हैं जिन्हें manage करना आवश्यक है:
- Disease Outbreak : Birds में infectious diseases तेजी से spread हो सकते हैं, जिससे पूरा flock प्रभावित हो सकता है। इसलिए biosecurity measures और timely vaccination जरूरी है।
- Market Price Fluctuation : Poultry products की prices fluctuate हो सकती हैं, जिससे profit margin पर असर पड़ता है। इसके लिए local market trends का ध्यान रखना चाहिए।
- Feed Price Variation : Feed की cost poultry farming की major expenses में से एक होती है, और इसके prices में fluctuation का impact direct profit पर पड़ता है।
Licensing and Legal Requirements
Poultry farming शुरू करने के लिए कुछ legal और regulatory approvals की आवश्यकता हो सकती है:
- Farm Registration : Local authorities के साथ farm registration आवश्यक होता है।
- Health और Safety Licenses : Poultry farm में hygiene और safety standards के अनुसार licenses की आवश्यकता होती है।
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Government Schemes and Loans
India में poultry farming को support करने के लिए government की कई schemes उपलब्ध हैं, जैसे:
- Mudra Loan : इसके तहत poultry farmers को loan दिया जाता है।
- NABARD Schemes : NABARD poultry farmers को financial assistance और training programs provide करता है।
Government की schemes के बारे में information local banks और online government portals पर प्राप्त की जा सकती है।
Poultry farming business, यदि systematic approach और proper planning के साथ किया जाए, तो यह एक बहुत ही profitable business साबित हो सकता है। Market demand को ध्यान में रखते हुए एक well-defined business plan, cost-effective feed management, और strong marketing strategy के साथ आप poultry farming में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। Poultry farming में समय और मेहनत दोनों की आवश्यकता होती है, लेकिन एक बार established हो जाने पर यह आपको steady income प्रदान कर सकता है।
What is the initial investment required for poultry farming?
शुरुआती investment के लिए land, shed, feed, chicks, और vaccination की जरूरत होती है। इसका total amount scale और location पर depend करता है।
How profitable is poultry farming?
Poultry farming, सही management के साथ highly profitable हो सकता है। इसमें profit largely bird के growth rate और feed efficiency पर depend करता है।
What is the best feed for poultry?
Birds के हर stage के हिसाब से feed अलग होती है जैसे starter, grower और finisher feed। High protein और balanced diet provide करना जरूरी है।
How can I control diseases in poultry farming?
Biosecurity practices और timely vaccination program से diseases को control किया जा सकता है।
Can I get a loan for starting poultry farming?
हाँ, NABARD और Mudra जैसे government schemes के तहत poultry farming के लिए loan प्राप्त किया जा सकता है।
What type of license is required for poultry farming?
Poultry farming के लिए local authorities से farm registration और health एवं safety के लिए licenses की आवश्यकता हो सकती है।
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भारत में मुर्गी पालन बिजनेस कैसे शुरू करें | Poultry Farming Business Plan Hindi
Gourav Jain
- May 31, 2023
अगर आप सोच रहे हैं कि भारत में मुर्गी पालन का बिजनेस कैसे शुरू करें? तो, यह ब्लॉग आपको मुर्गी फार्मिंग बिजनेस की सविस्तार जानकारी देगा जो आप जानना चाहते हैं।
मुर्गी फार्मिंग का बिजनेस हमारे देश के कृषि क्षेत्र के सबसे तेजी से विकसित होने वाले विभागों में से एक है। इस बिजनेस के विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा प्रजनन, पालन और हैचिंग प्रक्रियाओं में बड़े निवेश किए गए हैं। आज लगभग 30 लाख किसान और 1.5 करोड़ कृषि किसान मुर्गी फार्मिंग में काम कर रहे हैं और राष्ट्रीय आय के लिए लगभग रु 26,000 करोड़ रुपये के योगदान में मदद की है।
अगर आप अपना पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस मैनेज करना चाहते हैं तो नीचे दी गयी नीली बटन दबाएं और Lio App डाउनलोड कर लीजिये।
पोल्ट्री क्या है?
पोल्ट्री फार्मिंग में, पोल्ट्री शब्द पक्षी प्रजातियों की विविधता को निर्दिष्ट करता है। पोल्ट्री के अंतर्गत आने वाले पक्षी हैं चिकन, बत्तख, गिनी फाउल, टर्की, कलहंस, शुतुरमुर्ग, कबूतर, बटेर आदि। मूल रूप से पोल्ट्री को चिकन के लिए जाना जाता है।
आपके पोल्ट्री फार्म बिजनेस का डिजिटल मैनेजर
Lio App में है स्पेशल मुर्गी पालन केटेगरी जिसमें है 16 से ज्यादा रेडीमेड टेम्पलेट्स जहाँ आप अपने मुर्गी पालन बिजनेस के सभी डाटा आसानी से रिकॉर्ड और मैनेज कर सकते हो।
वो भी फ्री में
मुर्गी पालन क्या है? | Poultry Farm In Hindi
मुर्गी पालन शेड या बैकयार्ड में लोगों द्वारा अंडे और चिकन मांस के लिए मुर्गियों (लेयर और ब्रायलर दोनों) को पालने की प्रक्रिया है।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस किसानों को तेजी से रिटर्न या अच्छा मुनाफा देता है। यह गरीबी को कम करता है और रोजगार पैदा करता है। पोल्ट्री फार्मिंग ने दुनिया में पिछले दो दशकों में बड़ी सफलता हासिल की है और बैक यार्ड पोल्ट्री से पूरी कमर्शियल पोल्ट्री फार्मिंग में परिवर्तित हो गई है।
इस पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए नस्ल, आवास, भोजन, मैनेजमेंट आदि की उचित ट्रेनिंग और ज्ञान आवश्यक है। दूसरे शब्दों में, मुर्गी पालन को एक फुल टाइम बिजनेस या पार्ट टाइम बिजनेस के रूप में चलाया जा सकता है। आम तौर पर कम या ज्यादा पैसे वाले दोनों ही अपने निवेश के अनुसार इस बिजनेस से लाभ कमाते हैं।
पोल्ट्री फार्म बिजनेस के लाभ
भारत में पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस सबसे अधिक लाभदायक बिजनेस में से एक है जिसे बहुत कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए किसी विशेष कौशल की आवश्यकता नहीं है, और यह भारत में पिछले 2 दशकों से उल्लेखनीय रूप से फलफूल रहा है। मुर्गी पालन बिजनेस करने के कई फायदे हैं यही कारण है कि इतने सारे किसान इसमें अच्छा लाभ कमाते हैं।
भारत में पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस शुरू करने के मुख्य लाभ नीचे दिए गए हैं:
- लाभ कमाने का एक बड़ा साधन
- लाइसेंस का चुनाव करना आसान है
- पोल्ट्री फार्म में नौकरी से अधिक अवसर हैं
- व्यावसायिक स्तर पर मुर्गी फार्मिंग का बिजनेस एक लाभदायक उद्योग है
- अत्यधिक कुशल श्रम की आवश्यकता नहीं है
- इस बिजनेस को आप कम पैसों में शुरू कर सकते हैं
- यह लाभ का एक सतत स्रोत है
- पोल्ट्री फार्मिंग में कम पानी लगता है
- मुर्गी पालन उत्पादों का पोषण मूल्य अधिक है
- बिजनेस करने वालों के लिए, इस बिजनेस में एक शानदार व्यावसायिक संभावना है
यह भी पढ़ें: नया बिजनेस कौन सा करें? कम पढ़ी लिखी महिलाओं के लिए घर बैठे काम
भारत में पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस शुरू करने के लिए आवश्यक पूंजी
किसी भी बिजनेस को शुरू करने और चलाने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है लेकिन मुर्गी फार्म का बिजनेस कई चीज़ों पर निर्भर करता है। नीचे हमने यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदु बताएं हैं जो इस बिजनेस के आवश्यक आकार और पैसों के आधार पर लिखे गए हैं:
छोटे पैमाने पर मुर्गी फार्मिंग का बिजनेस
भारत में मुर्गी पालन में एक छोटे पैमाने के बिजनेस के लिए, आपको लगभग 2 लाख से 10 लाख भारतीय रुपये की आवश्यकता होगी।
मध्यम स्तर पर मुर्गी फार्मिंग का बिजनेस
मध्यम आकार के बिजनेस के लिए आपको 10 लाख रुपये से लेकर 35 लाख रुपये तक की आवश्यकता होगी।
बड़े पैमाने पर पर मुर्गी फार्मिंग का बिजनेस
भारत में बड़े पैमाने पर पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के लिए आपको लगभग 2-3 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
आप बैंक में बिजनेस लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं, किसी मित्र या रिश्तेदार से पूछ सकते हैं या अपने बिजनेस के लिए सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मोबाइल से ही करिये सब कुछ मैनेज
Lio APp से आप चाहें तो अपनी डाटा शीट को शेयर भी कर सकते हैं व्हाट्सप्प, जीमेल या मोबाइल नंबर के ज़रिये, या किसी को अपनी शीट में जोड़ सकते हैं।
मुर्गी पालन बिजनेस प्लान.
यह एक ऐसा बिजनेस है जिसमें घरेलू मुर्गियों की कई श्रेणियां शामिल हैं जो अंडे और मांस जैसे भोजन का उत्पादन करती हैं। यह हमारे देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाला बिजनेस है जहां करीब 30 लाख किसान इस बिजनेस को करते हैं। जो शुरू में छोटे स्तर की खेती तक सीमित हुआ करता था, पर यह वर्तमान में एक तकनीकी-ट्रेड इंडस्ट्री में परिवर्तित और विस्तारित हो गया है।
पोल्ट्री फार्म बिजनेस कैसे शुरू करें
यहां अपना पोल्ट्री फार्म शुरू करने के चरण दिए गए हैं।
एक बिजनेस प्लान बनाएं
एक रोडमैप बनाएं जिसमें आपके बिजनेस के लक्ष्यों को प्राप्त करने के विवरण शामिल हों। मुर्गी पालन के लिए बिजनेस प्लान में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं –
- पोल्ट्री फार्म शुरू करने के लिए एक उपयुक्त जगह
- फार्म पर मुर्गियों की किस्म पर निर्णय लेना
- आवश्यक उपकरणों की सूची
- मानव संसाधन, वित्तीय संसाधन इत्यादि जैसे विभिन्न संसाधनों से संबंधित विवरण
- अंडा उत्पादन, ब्रायलर प्रजनन आदि जैसी प्रक्रियाओं का विवरण
- लाइसेंस और अनुमति जैसी आवश्यक कानूनी मंजूरी की जानकारी
- मार्केटिंग और विज्ञापन रणनीतियों के लिए योजनाएं
- जगह का चयन और आवश्यक उपकरण की खरीद
जगह का चयन बिजनेस के सबसे महत्वपूर्ण चरणों में से एक है। आपको अपना मुर्गी पालन बिजनेस शुरू करने के लिए एक अच्छी जगह की तलाश करनी होगी। यह भी सबसे महंगे कदमों में से एक है, लेकिन अगर इसे सही तरीके से किया जाए तो यह आपके खर्च किए गए हर पैसे का एकदम अच्छा रिटर्न देगा।
आपका बिजनेस आपकी भाषा में
Lio App में आप अपनी भाषा में अपने बिज़नेस के डाटा को रिकॉर्ड कर सकते हैं। Lio App में हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी ऐसी कुल 10 भारतीय भाषाएं है।
जगह का आकार आपके द्वारा चुने गए मुर्गी पालन बिजनेस के प्रकार पर निर्भर करेगा। पोल्ट्री फार्म चार प्रकार के होते हैं:
फ्री रेंज पोल्ट्री फार्म – इसमें लगभग 12,000 से 36,000 वर्ग फुट की आवश्यकता होती है क्योंकि इसमें मुर्गियों को स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति होगी।
सेमी रेंज पोल्ट्री फार्म – इस प्रकार के मुर्गी पालन फार्म के लिए लगभग 8000 वर्ग फुट की आवश्यकता होती है।
बैटरी केज पोल्ट्री फार्म – मुर्गियों और बुनियादी ढांचे के लिए लगभग 6,000 वर्ग फुट की आवश्यकता है। इस प्रकार के फार्म पर पक्षियों को खुले में घूमने नहीं दिया जाता है।
पूरी तरह से जंगली पोल्ट्री फार्म – इस प्रकार का फार्म पक्षियों के प्राकृतिक आवास के समान है जिसमें बहुत सारे पेड़ हैं। इसके लिए लगभग 44,000 वर्ग फुट की आवश्यकता होती है।
किसी जगह की तलाश करते समय, आपको एक ऐसी जगह की तलाश करनी चाहिए जो शहर से बहुत दूर स्थित हो और आपके मुर्गी पालन के लिए एक ऐसा क्षेत्र हो जो शांत हो, प्रदूषण मुक्त हो और जिसमें ताजे पानी जैसी सभी महत्वपूर्ण सुविधाएं हों। जहाँ से सामानों की खरीदी करने के लिए कोई बाजार बहुत आसानी से सुलभ है।
मुर्गी फार्मिंग बिजनेस में इस्तेमाल होने वाली मुर्गियों की विविधता का निर्णय करना
दुनिया भर में पोल्ट्री का सबसे बड़ा बाजार निश्चित रूप से भारत है। यहाँ विभिन्न प्रकार की मुर्गियां पाली जाती हैं जैसे मुर्गियाँ, बत्तख, गीज़, टर्की, बटेर, गिनी फाउल आदि। यह एक सच्चाई है कि दुनिया में मुर्गियों के लगभग 600 प्रकार हैं और हमारे भारत देश में 92 तरह की मुर्गियां पाली जाती हैं। मुर्गी पालन के इन प्रकारों में सबसे आम प्रकार हैं:
ब्रायलर मुर्गियां
इनके पास उच्च विकास दर है और 8 सप्ताह में अपने पूर्ण विकसित चरण तक पहुंच सकते हैं। ब्रायलर मुर्गियों में मांस की मात्रा भी अधिक होती है।
लेयर मुर्गियां
ये मुर्गियों की एक अनोखी नस्ल हैं। यह 18 से 19 सप्ताह में अंडे देना शुरू करती हैं और 72 से 78 सप्ताह तक ऐसा करना जारी रख सकती हैं। लेयर मुर्गियां सालाना 250 से अधिक अंडे दे सकती हैं, और वे लगभग 2.25 किलोग्राम फ़ीड खाती हैं।
रूस्टर मुर्गियां
यह एक मुर्गे के रूप में भी जाना जाता है। जब ये युवा होते हैं, तो उन्हें कॉकरेल कहा जाता है, और जब वे वयस्क हो जाते हैं, तो उन्हें मुर्गा कहा जाता है। मुर्गी पालन की जानकारी आगे पढ़ें।
ये कॉकरेल बढ़ने में समय लेते हैं लेकिन अपनी प्रादेशिक प्रवृत्ति के कारण अंडे देने वाली मुर्गियों की रखवाली कर सकते हैं। रूस्टर बदलते परिवेश में जल्दी से ढलने में सक्षम हैं, और इसलिए उन्हें आसानी से ले जाया जा सकता है।
पोल्ट्री फार्म की देखभाल और मैनेजमेंट
मुर्गियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सभी एहतियाती उपाय करने चाहिए, जो सीधे तौर पर उनके उचित पोषण और विकास को प्रभावित करेंगे। पोल्ट्री फार्म चलाने के दौरान कुछ खतरे हैं जो छुप जाते हैं, जैसे पोल्ट्री रोग।
मुर्गी पालन में यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके मुर्गी फार्म में आपकी मुर्गियां स्वस्थ हैं, हमेशा साफ पानी, नियमित टीकाकरण और पौष्टिक भोजन प्रदान करें।
पोल्ट्री फार्म शुरू करने के लिए लाइसेंस/अनुमति
शुरुआत में, पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के लिए लाइसेंस और परमिट प्राप्त करना बहुत आसान नहीं था, लेकिन जैसे-जैसे बिजनेस की लोकप्रियता बढ़ती गयी, भारत सरकार पोल्ट्री फार्म बिजनेस को समर्थन और बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है। इसलिए अब कोई भी आवश्यक अनुमति और लाइसेंस प्राप्त करने के बाद भारत में बिना ज्यादा रखरखाव के एक पोल्ट्री फार्म शुरू और रख-रखाव कर सकता है।
भारत में मुर्गी पालन बिजनेस शुरू करने से पहले पोल्ट्री फार्म के मालिक द्वारा प्राप्त किए जाने वाले लाइसेंस इस प्रकार हैं –
- स्थानीय ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC)
- प्रदूषण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC)
- बिजली के उपयोग की अनुमति। पोल्ट्री फार्म के आकार के आधार पर एक विद्युत ट्रांसफार्मर का उपयोग करने की आवश्यकता होगी
- भूजल विभाग से लाइसेंस
मुर्गी फार्म हो या कोई अन्य बिजनेस..
..Lio APp में है सर्वश्रेष्ठ रेडीमेड टेम्पलेट्स हैं जिसे उपयोग कर आप अपने बिज़नेस को पूरी तरह मोबाइल पर ही मैनेज कर सकते हैं।
मार्केटिंग और विज्ञापन.
अपने बिजनेस के लिए एक अद्वितीय लोगो (LOGO) के साथ एक नाम तय करें जो भारत में आपके प्रोडक्ट की मार्केटिंग को बहुत आसान बना देगा। आप अपने प्रोडक्ट को बाजारों में बेचना चुन सकते हैं और यहां तक कि उन्हें विभिन्न शहरों में भी पहुंचा सकते हैं।
मुर्गी पालन बिजनेस से लाभ
यह एक लाभदायक बिजनेस है जिसमें ब्रेकपॉइंट की औसत अवधि लगभग 6 महीने होती है। लाभ पूरी तरह से बिजनेस के आकार पर निर्भर करता है। जितना बड़ा बिजनेस, उतना ज्यादा मुनाफा। लेकिन आप छोटे स्तर के बिजनेस से भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
पोल्ट्री फार्म लोन सब्सिडी 2023
पोल्ट्री फार्म लोन सब्सिडी और योजना हर राज्य में अलग हैं तो आपको अगर यह पोल्ट्री फार्म का बिजनेस शुरू करना है तो आपको अपने राज्य के अनुसार योजना को ढूंढना होगा और आवेदन देना होगा।
पोल्ट्री फार्म लोन और मुर्गी पालन योजना सब्सिडी की कुछ खास बातें हमने नीचे दी हुई है:
- इस पोल्ट्री लोन योजना के तहत लोन तत्काल मिल जाता है
- आपको आसानी से 25 से 35% तक की सब्सिडी मिल सकती है
- इस लोन की चुकौती के लिए आपको आसानी से ज्यादा समय मिल जाता है
- कम से कम कागजी कार्यवाही में आपको यह लोन मिल सकता है
पोल्ट्री फार्म लोन सब्सिडी 2023 की एक और बात जो आपको पता होनी चाहिए वो यह है कि सब्सिडी की पूरी राशि आपके पल्ट्री फार्म के आकार और प्रकार पर निर्भर करती है। अगर हम मुर्गी पालन की सब्सिडी और योजना की बात करें तो इसके अंतर्गत अगर आप पोल्ट्री फार्म शुरू करना चाहते हैं तो आपको बैंक से कुछ राशि मिलती है और बाकी की राशि आपको खुद से लगानी पड़ती है।
पोल्ट्री फार्म लोन सब्सिडी 2023 के लिए आवश्यक दस्तावेज
- वोटिंग कार्ड
- पता प्रमाण के लिए बिजली बिल या राशन कार्ड
- बैंक का पूरा स्टेटमेंट
- पोल्ट्री फार्म बिजनेस प्लान की कॉपी
यह भी पढ़ें: गांव में सबसे ज्यादा चलने वाला बिजनेस अपना खुद का बिजनेस कैसे शुरू करें प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना
Lio Premium के महीने के बेस्ट प्लान्स ₹79 से, और सालाना प्लान सिर्फ ₹799 से शुरू है। आपके लिए 7 दिनों का Lio प्रीमियम फ्री ट्रायल भी उपलब्ध है।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में Lio App कैसे मदद कर सकता है?
Lio App एक उपयोगी टूल है जो पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस करने वालों की मदद कर सकता है। Lio App एक मोबाइल ऐप है जो आपके मुर्गी पालन बिजनेस के डाटा को व्यवस्थित करने और उन्हें आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करने में मदद कर सकता है।
Lio App छोटे बिजनेस के मालिकों के लिए एक बेहतरीन ऐप है और बेहतर कर्मचारी मैनेजमेंट, ग्राहक डाटा, सप्लायर डाटा, मुर्गी बिजनेस से जुड़े डाटा आदि के के साथ एक संपूर्ण रिकॉर्ड को मैनेज करने में आपकी पूरी मदद कर सकता है। आप उन डाटा को आसानी से संभाल सकते हैं।
बिजनेस करने वाले अपने कार्यालय के कई अधिकृत उपयोगकर्ताओं को मिनटों के भीतर विभिन्न स्थानों से जानकारी प्राप्त करने की अनुमति भी दे सकते हैं।
Lio App निश्चित रूप से आपकी जीत के लिए है और इसे अपने मुर्गी पालन बिजनेस के लिए उपयोग करने से आपकी बिजनेस की यात्रा सुगम और ट्रैक करने में आसान होगी।
Step 1: उस भाषा का चयन करें जिस पर आप काम करना चाहते हैं। Android के लिए Lio
Step 2: Lio में फ़ोन नं. या ईमेल द्वारा आसानी से अपना अकॉउंट बनाएं।
जिसके बाद मोबाइल में OTP आएगा वो डालें और गए बढ़ें।
Step 3: अपने काम के हिसाब से टेम्पलेट चुनें और डाटा जोडें।
Step 4: इन सब के बाद आप चाहें तो अपना डाटा शेयर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
भारत में पोल्ट्री फार्म शुरू करने में कितना खर्च आता है.
पोल्ट्री फार्मिंग शुरू करने के लिए आपको 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये के बीच कहीं भी निवेश की आवश्यकता होगी।
क्या भारत में मुर्गी पालन एक लाभदायक बिजनेस है?
हाँ, यह एक लाभदायक बिजनेस है क्योंकि यह हमारे देश में प्रवेश करने वाले सबसे बड़े बिजनेस में से एक है।
भारत में कौन सा पोल्ट्री सबसे अच्छा है?
अंडे और मांस के लिए भारत में कुछ शीर्ष चिकन नस्लें हैं: – असील – झटका – फ्रिजल – कड़कनाथ
ब्रायलर पोल्ट्री की शुरुआत किसने की?
विल्मर स्टील ने वर्ष 1923 में लगभग 500 मुर्गियों के साथ ब्रायलर पोल्ट्री फार्मिंग की शुरुआत की थी।
मुर्गी पालन के लिए कौन सा मौसम सबसे अच्छा होता है?
आसपास के तापमान को कम करके सर्दियों के मौसम का मुर्गी के उत्पादन पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
हमें उम्मीद है कि अब तक आपको मुर्गी पालन की जानकारी मिल गयी होगी और पता चल गया होगा कि पोल्ट्री फार्म बिजनेस कैसे शुरू करें और इसके मुख्य चरण क्या हैं। याद रखें कि आपको किसी भी चीज़ से समझौता नहीं करना चाहिए क्योंकि यह मुर्गियों के स्वास्थ्य और अंततः आपके बिजनेस और प्रोडक्ट को प्रभावित कर सकता है।
सुनिश्चित करें कि आप सभी निर्देशों का पालन करते हैं क्योंकि इससे आपको एक अच्छा और सफल बिजनेस बनाने में मदद मिलेगी। आपको यह ब्लॉग कैसा लगा हमें नीचे कमेंट बॉक्स में अपना फीडबैक ज़रूर दें।
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Poultry Farm Business Plan : पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस कैसे करें?
पोल्ट्री फार्म का बिजनेस शुरू करके अच्छे पैसे कैसे कमाए, poultry farm business plan in hindi.
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अगर कोई व्यक्ति पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस चालू करना चाहता है तो वह गवर्नमेंट की विभिन्न लोन योजना का फायदा प्राप्त करके पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस स्टार्ट कर सकता है, जिसके अंतर्गत उसे दो ऑप्शन प्राप्त होते हैं या तो वह मुर्गियों को बड़ा करके उन्हें बेचे या फिर वह मुर्गियों के अंडे को बेचे।
नॉन वेजिटेरियन की बढ़ती संख्या को देखते हुए पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस प्रॉफिटेबल बिजनेस माना जा सकता है। हालांकि पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में सफलता प्राप्त करने के लिए “पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस क्या है” इसके बारे में पूरी जानकारी व्यक्ति को होनी चाहिए, तभी वह पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में सफलता प्राप्त करेगा।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस क्या है?
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को हिंदी में मुर्गी पालन व्यवसाय कहा जाता है, जोकि एग्रीकल्चर से संबंधित बिजनेस माना जाता है। इस बिज़नेस में आपको दो प्रकार के ऑप्शन मिलते हैं, जिसमें पहले ऑप्शन में आप चाहे तो मुर्गियों के अंडे को बेच सकते हैं या फिर दूसरे विकल्प में आप मुर्गियों को बड़ा करके उनके मीट को बेच सकते हैं।
अगर आप मुर्गियों के अंडे को बेचने का बिजनेस करना चाहते हैं तो उसे लेयर फार्मिंग कहा जाएगा और अगर आप मुर्गियों को पाल करके उसके मीट को बेचने का बिजनेस करना चाहते हैं तो उसे ब्रायलर फार्मिंग कहा जाएगा।
ब्रायलर फार्मिंग आजकल अधिक चलन में है क्योंकि वेंकी, शालीमार, ग्रेविटी, सुप्रीम, आईबी जैसी कंपनियां फार्मर के साथ मिलकर के ब्रायलर फार्मिंग कर रही हैं, वही कुछ ऐसी भी कंपनी है जो किसानों के साथ मिलकर के लेयर फार्मिंग कर रही हैं।
पोल्ट्री फार्म बिज़नेस प्लान
पोल्ट्री फार्म को कृषि क्षेत्र का सबसे तेज़ी से विकास करने वाला विभाग माना जाता है और सरकार विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रोसेसिंग, प्रजनन, पालन और हैचिंग प्रक्रियाओं में निवेश कर रही है। लगभग 30 लाख किसान और 1.5 करोड़ कृषि किसान पोल्ट्री उद्योग में काम कर रहे हैं और राष्ट्रीय आय में 26,000 करोड़ रुपये का योगदान कर रहे हैं।
पोल्ट्री व्यवसाय शुरू करने के लिए, व्यवसाय के मालिकों के लिए व्यवसाय योजना बनाने की सिफारिश की जाती है। पोल्ट्री व्यवसाय योजना में निम्नलिखित के बारे में विस्तृत जानकारी होनी चाहिए:
अंडे के उत्पादन की प्रक्रिया
ब्रायलर प्रजनन की प्रक्रिया
उपयोग किए जाने वाले उपकरण
मार्केटिंग की नीति
विज्ञापन तकनीक
व्यापारिक भूमि या स्थान की जानकारी
पैकेजिंग जानकारी और इसकी लागत
मुर्गी, टर्की, बत्तख, बटेर, आदि जैसे पक्षियों को व्यवसाय में इस्तेमाल किया जाता है
परत खेती से संबंधित जानकारी, यदि लागू हो
लागत या व्यवसाय का बजट
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस कैसे करें?
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस छोटे एवम बड़े 2 स्तर पर किया जाता है जिसमे और यह व्यक्ति के ऊपर डिपेंड करता है कि वह कौन से लेवल पर इस बिजनेस को स्टार्ट करना चाहता है। छोटे लेवल पर कम इन्वेस्टमेंट लगेगा और बड़े लेवल पर मुर्गी फार्मिंग बिजनेस करने पर अधिक इन्वेस्टमेंट लगेगा। हालांकि जिस प्रकार से मार्केट में अंडे और मांस की डिमांड है उस प्रकार से देखा जाए तो इस बिजनेस में काफी बढ़िया प्रॉफिट व्यक्ति को प्राप्त हो सकता है।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस स्टार्ट करने के लिए व्यक्ति के पास पैसे के अलावा इस बिजनेस को करने का एक्सपीरियंस भी होना चाहिए, साथ ही उसके पास मुर्गी फार्मिंग बिजनेस की जानकारी भी होनी चाहिए। खैर अगर आप “पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस कैसे किया जाता है” इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आपको नीचे मुर्गी फार्म बिजनेस की डिटेल्स दी गई है।
1: योजना बनाए
जब बिजनेस की योजना बनाई जाती है, तब बिजनेस में लगने वाला फंड, बिजनेस के लिए लगने वाली जमीन और बिजनेस में जो उपकरण इस्तेमाल में आने वाले हैं, उन सभी बातों का सही ढंग से शांत दिमाग से एनालिसिस किया जाता है। इस प्रकार मुर्गी फार्म बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए आपको सबसे पहले पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस की योजना के बारे में जानकारी हासिल करनी है अथवा योजना बनानी है।
इसके लिए आपको फंड से लेकर के मार्केट का भी सही प्रकार से एनालिसिस करना है, साथ ही आपको बिजनेस योजना में इस बात को भी शामिल करना है कि आप स्टार्टिंग में पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस छोटे लेवल पर करना चाहते हैं या फिर बड़े लेवल पर क्योंकि बिजनेस के स्तर के हिसाब से ही उसमें लगने वाला फंड या उपकरण कम होगा या बढ़ेगा।
2: पैसे की व्यवस्था करें
मुर्गी फार्मिंग बिजनेस की योजना तैयार करने के पश्चात आपको इतना अंदाजा आ ही जाता है कि इस बिजनेस को स्टार्ट करने में आपको कितने पैसे लगाने पड़ेंगे। हमारा कहने का मतलब है कि पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए कितना फंड आपको इन्वेस्टमेंट करना पड़ेगा। इसलिए आवश्यकता के हिसाब से जितना फंड इस बिजनेस में लगता हो, आपको उससे थोड़ा सा अधिक फंड इकट्ठा करना है, क्योंकि कभी-कभी जाने अनजाने में अनचाहे खर्चे आ जाते हैं। ऐसे में अगर आप फंड को पहले से ही बढा करके रखेंगे तो आप उन खर्चे को कवर कर सकेंगे।
अगर आपने पहले से ही बिजनेस में लगने वाले पैसे की व्यवस्था की है तो ठीक है परंतु अगर आपके पास पैसे नहीं है या फिर आपके पास फंड कम पड़ रहा है, तो आप बैंक से लोन लेने के लिए अप्लाई कर सकते हैं, परंतु याद रखें कि जिस बैंक में ब्याज दर कम हो, उसी बैंक में लोन लेने के लिए अप्लाई करें।
3: जमीन का चयन करें!
जब पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को स्टार्ट किया जाता है तब पोल्ट्री फार्म ऐसी जगह पर बनाया जाता है जो जगह ऊंची जगह पर स्थित होती है क्योंकि बरसात के मौसम में अगर पोल्ट्री फार्म नीची जगह पर होगा तो उसमें पानी भरने की संभावना काफी अधिक होती है, जिससे मुर्गी के बच्चों को भी नुकसान होता है साथ ही पोल्ट्री फार्म को भी नुकसान होता है। इसलिए आपको ऐसी जगह का चयन करना चाहिए जो जमीन से थोड़ी ऊंची हो।
इसके अलावा पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस आबादी के आसपास में नहीं खोला जाता है बल्कि इसे आबादी से कम से कम 1 किलोमीटर की दूरी पर खोला जाता है, क्योंकि मुर्गी फार्म के बिजनेस में जब फार्म के अंदर मुर्गी के बच्चे डाले जाते हैं तब काफी बदबू पैदा होती है। ऐसे में यह बदबू आबादी वाले इलाके में ना फैलें, इसके लिए पोल्ट्री फार्म एकांत जगह में ओपन किया जाता है। हालांकि आप जहां कहीं भी इस बिजनेस को चालू करें वहां पर पीने की पानी की उचित व्यवस्था हो, इसका भी ख्याल रखें साथ ही वहां पर मुर्गियों को लाने और ले जाने के लिए गाड़ी आ जा सके इसका भी ख्याल रखें।
4: छप्पर और साधन की व्यवस्था करें!
पोल्ट्री फार्म ओपन करने के लिए अगर आपके पास आवश्यक फंड उपलब्ध हो गया है, तो आपको मुर्गियों के बच्चों को पालने के लिए शेडिंग और दूसरे जरूरी साधन खरीदने पड़ेंगे। वर्तमान के समय में अधिकतर लोग सीमेंट की चद्दर पोल्ट्री फार्म को ऊपर से छाने के लिए इस्तेमाल में लेते हैं, जिनकी कीमत हर राज्य में अलग-अलग होती है।
इसके अलावा अन्य साधन के तौर पर आपको लोहे की लंबी लंबी पाइपों की आवश्यकता होती है, साथ ही लोहे की खड़ी पाइपों की भी आवश्यकता होती है, जिसका इस्तेमाल पोल्ट्री फार्म स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए होता है और स्ट्रक्चर खड़ा हो जाने के पश्चात उसके ऊपर सीमेंट की चद्दर छाई जाती है।
इसके साथ ही पीने के पानी की टंकी भी ऊपर की साइड में बगल में रखी जाती है और फिर उस टंकी से पाइप को जॉइंट करके पोल्ट्री फार्म में लगाई जाती है और उसमें से मुर्गी के बच्चों को पीने के लिए पानी बर्तन में दिया जाता है।
इस बिज़नेस में आपको मुर्गियों को दाना पानी देने के लिए बर्तन, सीमेंट की चद्दर, लोहे की लंबी और खड़ी पाईप, गुड़ाई करने के लिए फावड़ा, सफाई करने के लिए चुना, जनरेटर, पानी सप्लाई हेतु प्लास्टिक की पाइप, टेंपरेचर नापने के लिए टेंपरेचर मीटर, बच्चों को रखने के लिए भूसी, दवा छिड़कने की मशीन जैसी चीजों की आवश्यकता पड़ेगी। इन सभी चीजों को आप लोकल दुकानों से खरीद सकते हैं या फिर इनमें से कुछ चीजें आप ऑनलाइन मंगा सकते हैं।
5: मुर्गियों का चयन करें
पोल्ट्री फार्मिंग के बिजनेस में सफल होने के लिए यह भी आवश्यक है कि आप इस बात का भी निर्णय लें कि आप पोल्ट्री फार्मिंग के बिजनेस में मुर्गियों को बड़ा करके उनके मांस को बेचना चाहते हैं या फिर आप मुर्गियों को बड़ा करके उनके अंडे को बेचना चाहते हैं। अगर आप मुर्गियों के अंडे को बेचना चाहते हैं तो आपको लेयर मुर्गी फार्मिंग करनी पड़ेगी और अगर आप मुर्गियों के मांस को बेचना चाहते हैं तो आपको ब्रायलर मुर्गियों की फार्मिंग करनी पड़ेगी।
ब्रायलर मुर्गियों की फार्मिंग करने के लिए आप शालीमार, ग्रेविटी, वेंकी, सुप्रीम जैसी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप कर सकते हैं और अगर आप लेयर मुर्गी फार्मिंग करना चाहते हैं, तो आप खुद से ही बच्चे खरीद करके मुर्गी फार्म में डाल सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति ब्रायलर मुर्गियों की फार्मिंग करता है तो सामान्य तौर पर मुर्गियां 35 दिन के आसपास में सही वजन प्राप्त कर लेती हैं।
6: बिजनेस के लिए मार्केट ढूंढे
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के लिए मुर्गियों का सिलेक्शन कर लेने के पश्चात आपको मुर्गियों के मांस को बेचने के लिए या फिर मुर्गियों के अंडे को बेचने के लिए मार्केट ढूंढने की आवश्यकता है।
इसके लिए आपको सबसे पहले तो अपने आसपास में स्थित ऐसे लोगों से संपर्क करना चाहिए, जो मुर्गियों के अंडे बेचने का काम करते हैं या फिर जो मुर्गियों के मांस को बेचने का काम करते हैं। आप लोकल लेवल पर उन्हें अपनी चीजें सप्लाई कर सकते हैं और अगर लोकल लेवल पर ही आपका माल बिक जाता है तो परिवहन का जो खर्चा होता है, वह काफी कम हो जाता है।
इसके अलावा आपको नॉनवेज होटलों से भी संपर्क करना है और वहां से भी डील पक्की करनी है। ऐसा करने पर आप मुर्गियों के मांस या फिर मुर्गियों के अंडे को होटल में भी सप्लाई कर सकते हैं, साथ ही इसी प्रकार से आपको छोटे-छोटे रेस्टोरेंट, छोटे-छोटे लारी वाले, छोटे-छोटे नॉन वेजिटेरियन दुकान वालों के साथ संपर्क स्थापित करना है और उन्हें अपने माल को लेने के लिए मनाना है।
अगर आपका पोल्ट्री फार्म बिजनेस बड़े लेवल का है तो आप शहरों में भी मुर्गियों के मांस को या फिर मुर्गियों के अंडे को सप्लाई करने का प्रयास कर सकते हैं। इसके लिए आपको शहरों में मौजूद मुर्गियों के अंडे या फिर मुर्गियों के मांस के डीलर से संपर्क करना है।
अगर आप किसी कंपनी के साथ जुड़कर के ब्रायलर फार्मिंग कर रहे हैं तो आपको मुर्गियों को बेचने के लिए कुछ भी नहीं करना है क्योंकि तैयार मुर्गिया खुद ही कंपनी आपसे लेती है और फिर वह आगे मुर्गियों को बेच करके उसकी जो भी पेमेंट होती है, वह आपको आपके बैंक अकाउंट में देती है।
7: हिसाब रखें
अक्सर पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में यह देखा जाता है कि कभी-कभी मुर्गियों को कोई ना कोई बीमारी अपनी गिरफ्त में ले लेती है। ऐसे में आपको बीमारियों से मुर्गियों को बचाने के लिए उन्हें संबंधित दवाइयां देनी पड़ती है, जो कि अनचाहे खर्चे होते हैं। इसीलिए आपको पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में लगने वाले सभी खर्चों का हिसाब करने के लिए एक डायरी बना करके रखनी चाहिए।
अगर आपको कंप्यूटर चलाना आता है तो आप कंप्यूटर में भी बिजनेस से संबंधित सभी प्रकार के खर्चे को दैनिक तौर पर अपलोड कर सकते हैं, ताकि जब आप सारे अंडे को बेच चुके हो या फिर सारी मुर्गियों को बेच चुके हो, तब आपको यह पता रहे कि आपको उस राउंड में कितना प्रॉफिट हुआ है या फिर कितना घाटा हुआ है और आपने उस राउंड में कितने पैसे लगाए हैं। इससे आप अगले राउंड में सुधार कर सकेंगे।
8: लोकल नियमों का पालन करें
पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस कृषि से संबंधित बिजनेस होता है। इसलिए आपको कुछ जरूरी नियमों का पालन इसमें अवश्य करना होता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को आप आबादी वाले क्षेत्र में नहीं कर सकते हैं। इसके लिए एकांत जगह की आवश्यकता होती है।
इसलिए कहा जाता है कि आबादी वाले क्षेत्र से कम से कम 500 मीटर या फिर 1 किलोमीटर की दूरी पर किसी एकांत जगह में पोल्ट्री फार्म बनाया जा सकता है। इसके अलावा आपको स्वास्थ्य विभाग से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी प्राप्त करना होता है। हालांकि कुछ कंडीशन में आबादी वाले इलाके के पास में भी पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस चालू किया जा सकता है।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में इन्वेस्टमेंट Investment
मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू करने में आवश्यक धनराशि.
छोटे पैमाने पर पोल्ट्री फार्म शुरू करने के लिए आवश्यक धनराशि आम तौर पर 50,000 रूपये से 1.5 लाख रुपये के बीच होती है। मध्यम स्तर के पोल्ट्री व्यवसाय के लिए, आवश्यक धनराशि लगभग 1.5 लाख रूपये से 3.5 लाख रूपये के बीच होती है। बड़े पैमाने पर पोल्ट्री फार्म को 7 लाख रुपये के निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है। इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यवसाय के मालिक विभिन्न लोन संस्थानों जैसे बैंक और NBFC से बिज़नस लोन का विकल्प चुन सकते हैं और अपना खुद का पोल्ट्री व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। व्यवसायिक लोन चुनना एक बुद्धिमान निर्णय माना जाता है, क्योंकि यह व्यवसाय के मालिकों को उनकी जीवन भर की बचत का उपयोग किए बिना व्यवसाय निवेश करने में मदद करता है।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में फायदा Benefits
पोल्ट्री फार्म के लाभ.
अगर आप ब्रायलर फार्मिंग कर रहे हैं यानी कि मुर्गियों के बच्चे को पाल करके उसे उस कंपनी को दे रहे हैं जिस कंपनी के साथ आपने पार्टनरशिप की है, तो आपको कितना प्रॉफिट मिल जाएगा, यह सभी मुर्गियों के वजन के ऊपर डिपेंड करता है। मार्केट में मुर्गियों के मीट का दाम समय-समय पर कम या फिर अधिक होता रहता है।
ऐसे में आपको सटीक तौर पर हम यह नहीं बता सकते हैं कि इसके द्वारा आप को कितना फायदा प्राप्त होगा। जब आप इस धंधे में आएंगे तभी आपको पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में फायदे के बारे में सही जानकारी हासिल होगी। यही कंडीशन मुर्गियों के अंडे के बिजनेस पर भी लागू होती है।
अच्छी कमाई
रोज़गार के अवसर बढ़ाता है
काम शुरू करने के लिए कम निवेश की आवश्यकता होती है
आय के निरंतर स्रोत के रूप में माना जाता है
कम पानी की आवश्यकता होती है
पोल्ट्री उत्पाद अधिक पोषण प्रदान करते हैं
पोल्ट्री व्यवसाय में कम समय में कोई लाभ-हानि नहीं होती है
दो प्रकार के खाद्य पदार्थों का उत्पादन – अंडे और मांस
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस में जोखिम
इस बिजनेस में मुर्गियों के बच्चे को कोई ना कोई बीमारी हो जाती है। सामान्य तौर पर उन्हें सर्दी खांसी और जुकाम जैसी बीमारियां हो जाती है और मुर्गियों के बच्चे काफी कोमल होते हैं, ऐसे में समय रहते उनकी देखभाल नहीं की जाती है तो उनकी मौत भी होने लगती है। इसके अलावा मुर्गियों के बच्चे अगर छोटे हैं तो वह ज्यादा तेज आवाज को सहन नहीं कर पाते हैं।
ज्यादा तेज आवाज आने पर उनकी मौत हार्ट अटैक से हो जाती है, साथ ही कभी-कभी अत्याधिक गर्मी की वजह से भी छोटे मुर्गियों के बच्चे तो मर ही जाते हैं, साथ ही बड़ी मुर्गियों के बच्चे भी मर जाते हैं।
इस प्रकार इसे कच्चा धंधा भी कहा जाता है, साथ ही ठंडी में मुर्गियों के बच्चे को ठंड से बचाने के लिए इन्हें गर्मी देनी पड़ती है वहीं गर्मियों के मौसम में इन्हे गर्मी से बचाने के लिए हवा देनी पड़ती है। इस प्रकार इसमें काफी अधिक परेशानी होती है। हालांकि सभी को इन परेशानियों का सामना करना पड़े यह आवश्यक नहीं है।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस की मार्केटिंग
अगर आपने कंपनी के साथ जुड़ करके इस बिजनेस को चालू किया है, तो आपको मार्केटिंग करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है परंतु आप अगर व्यक्तिगत तौर पर इस बिजनेस को कर रहे हैं, तो आपको कस्टमर बनाने के लिए अपने बिजनेस की मार्केटिंग करनी पड़ेगी।
इसके लिए आप चाहे अखबारों में एडवर्टाइजमेंट दे सकते हैं या फिर अपने जान पहचान के लोगों को अपने बिजनेस के बारे में बता सकते हैं।
इसके अलावा मीट या फिर अंडे का कारोबार करने वाले लोगों को भी आप अपने बिजनेस के बारे में बता सकते हैं, साथ ही आप छोटे-छोटे पर्चे प्रिंट करवा कर के दुकानों में बांट सकते हैं या फिर आप छोटे-मोटे बैनर बना करके भी अपने इलाके के आसपास व्यस्त चौराहे पर लगवा सकते हैं। ऐसा करने पर अधिक से अधिक लोग आपके मुर्गी फार्मिंग बिजनेस के बारे में जानेंगे, जिससे आप के ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के लिए स्टाफ
सामान्य तौर पर हमने देखा है कि इस बिजनेस को करने के लिए 2 लोग अधिक होते हैं अर्थात इस बिजनेस में काम करने के लिए आप 2 लोगों को लगा सकते हैं। अगर आप खुद ही इस बिजनेस को फुल टाइम करना चाहते हैं तो आपको अपने साथ एक हेल्पर को रखने की आवश्यकता पड़ेगी।
सामान्य तौर पर इस बिजनेस में मुर्गियों के बच्चों को समय पर दाना और पानी देना होता है, साथ ही समय-समय पर पोल्ट्री फार्म के अंदर साफ सफाई करनी पड़ती है। यही इस बिजनेस में मुख्य काम होते हैं। इस प्रकार से 2 लोग इस बिजनेस को संभालने के लिए काफी होते हैं।
पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन Poultry Farming Business Registration
आपको अपने इस बिजनेस को एमएसएमई मे रजिस्टर करवाना है। इसके लिए आप http://udyogaadhar.gov.in वेबसाइट को विजिट कर सकते हैं और आवश्यक प्रक्रिया करके अपने मुर्गी फार्म बिजनेस को इसमें पंजीकृत करवा सकते हैं।
इसके अलावा इस बिजनेस को करने के लिए आपको स्वास्थ्य विभाग से अथवा एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट से एनओसी भी लेनी होती है, साथ ही आपको जरूरी दस्तावेज भी तब सबमिट करने पड़ते हैं जब आप इस बिजनेस को किसी कंपनी के साथ जॉइंट हो करके करते हैं। इसके अलावा इस बिजनेस को करने के लिए आपको कमर्शियल बिजली कनेक्शन भी लेना होता है।
मुर्गी पालन का काम के लिए ऋण
poultry farm business investment- इस बिज़नेस को शुरू करने के लिए भारत सरकार भी आपकी मदद करती है अनुमान लगाइये की आपको लगता है इस बिज़नेस की आपकी लागत 1 लाख होगी तो हालांकि इसका बजट 1 लाख से ऊपर का होता है फिर भी यदि 1 लाख रूपए का बजट हो, तो सरकार इस पर सब्सिडी प्रदान करती है जनरल कैटेगरी वालों को 25% प्रतिशत यानि 25000 रू की सब्सिडी और यदि आप एसटी/ एससी कैटेगरी के हों, तो 35% प्रतिशत रू 35000 की सब्सिडी देती हैं. ये सब्सिडी NABARD और एमएएमसई द्वारा दी जाती है. इसी तरह आप कम खर्च में पेन बनाने का व्यापार शुरू कर सकते है। Poultry Farm Business Plan in Hindi
poultry farming project in hindi- अगर आप इस बिज़नेस को शुरू करना चाहते है और आपके पास पैसे नहीं है तो भारत सरकार ने एक स्कीम चलायी हुई है जिसका नाम है प्रदानमंत्री मुद्रा योजना इसके अंतर्गत आपको ये बिज़नेस शुरू करने के लिए बेहद कम ब्याज पर भारत सरकार दुवारा लोन दिया जाता है। Poultry Farm Business Plan in Hindi
Poultry Farm Business Plan in Hindi-इस व्यवसाय के लिए लिए गए ऋण पर 0% की दर लागू होती है, यानि मूलधन के अलावा आपको किसी तरह का व्याज बैंक को लौटाने की ज़रुरत नहीं पड़ती है।
Business के लिए लोन
भारत सरकार ने मेक इन इंडिया को प्रमोट करने के लिए सभी बैंको को नए बिज़नेस को शुरू करने के लिए आसानी से लोन देने के लिए आदेश दिए है अगर आप इस बिज़नेस को शुरू करना चाहते है और आपके पास पैसे नहीं है तो भारत सरकार ने एक स्कीम चलायी हुई है जिसका नाम है प्रदानमंत्री मुद्रा योजना इसके अंतर्गत आपको ये बिज़नेस शुरू करने के लिए बेहद कम ब्याज पर भारत सरकार दुवारा लोन दिया जाता है।
अगर आप किसी भी बिज़नेस के लिए बिज़नेस लोन लेना चाहते है तो आपको इस लिस्ट में हर प्रकार के बिज़नेस लोन की सभी जानकारिया मिलने वाली है ।
People also ask
प्रश्न. पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को हिंदी में क्या कहते हैं.
उत्तर: मुर्गी पालन व्यवसाय
प्रश्न. ब्रायलर पोल्ट्री फार्मिंग के लिए कौन सी कंपनी बेस्ट है?
उत्तर: ग्रेविटी, शालीमार, आईबी, सुप्रीम,VENKY
प्रश्न. पोल्ट्री फार्म गांव से कितनी दूरी पर होना चाहिए?
उत्तर: 500 मीटर या फिर 1 किलोमीटर
प्रश्न. मुर्गी पालन कैसे करें?
उत्तर: पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।
प्रश्न. Poultry farm business plan क्या है?
उत्तर: आर्टिकल में बिजनेस प्लान दिया गया है।
प्रश्न. 500 मुर्गी पालन में कितना खर्च आता है?
उत्तर: मुर्गीपालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिसको कम लागत में शुरू करके हर महीने हजारों रुपए कमाए जा सकते हैं। अगर कोई किसान 500 मुर्गी से इस व्यवसाय को शुरू करता है तो एक महीने में 10 से 12 हजार रुपए की अतिरिक्त आय कमा सकता है। मुनाफा अधिक होने के कारण भारत में छोटे-बड़े स्तर पर मुर्गीपालन व्यवसाय बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
प्रश्न. लेयर मुर्गी कितने दिन में अंडा देती है?
उत्तर: अंडे देने की अवधि 19 सप्ताह से शुरू होती हैं और 72 सप्ताह तक देती हैं. एक अंडे का औसत वजन 60.5 ग्राम होता हैं. प्रति मुर्गी 330 तक अंडे देती हैं
उत्तर: नई हिदायतों के अनुसार पोल्ट्री फॉर्म रिहायशी क्षेत्र से 500 मीटर की दूरी पर होना चाहिए। प्रमुख वाटर संस्थान से 200 मीटर, पानी पीने के स्थान से 1000 मीटर, दैनिक उपयोग की वस्तुएं बनाने वाले उद्योगों से 500, पब्लिक रोड से 200 मीटर दूर, मृत मुर्गियों को खुले में जलाने के बजाए बिजली की भट्टियों में डाला जाए।
प्रश्न. पोल्ट्री फार्म बनाने में कितना खर्चा आएगा 5000 बच्चों के लिए?
उत्तर: पोल्ट्री फार्म बनाने में कितना खर्चा आएगा 5000 बच्चों के लिए? 5000 मुर्गियों का पालन करने में सामान्य तौर पर 4 से ₹500000 तक का खर्च आ सकता है ।
प्रश्न. 1000 मुर्गी के लिए कितनी जगह चाहिए?
उत्तर: कितने स्पेस की जरूरत पड़ेगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितनी मुर्गियों से अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। माना जाता है कि एक मुर्गी को कम से कम 1 वर्ग फुट की जरूरत पड़ती है और यदि यह स्पेस 1.5 वर्ग फुट हो तो अंडों या चूजों के नुकसान की आशंका काफी कम हो जाती है।
प्रश्न. मुर्गी के बच्चे का रेट क्या है?
उत्तर: एक किलो चिकेन का औसतन रेट 200 रुपए प्रति किलो मानें तो 40 दिनों बाद दो किलो का एक चूजा करीब 400 रुपए का हो जाएगा। इस दौरान एक चूजे की देखरेख और खान-पान पर करीब 150 रुपए का खर्च आएगा। ऐसे में अगर आपने 1500 चूजे तैयार किये हैं तो 40 दिनों बाद इनसे 06 लाख रुपए तैयार हो जाएंगे। इन पर खर्च 2,25000 रुपए का आएगा।
प्रश्न. असील मुर्गी कितने अंडे देती है?
उत्तर: यहाँ आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की अंडे देने के मामले में देशी मुर्गी ही 1 से 2 दिन लगाती है, इसके अलावा अगर और नस्लों की बात करें तो एक वर्ष में 300 से 320 अंडे देती है।
प्रश्न. पोल्ट्री फार्म क्या है?
उत्तर: पोल्ट्री फार्म सभी मांस और अंडे बेचने और व्यापार से पैसा कमाने के उद्देश्य से पक्षियों को पालने के बारे में है।
प्रश्न. क्या मैं पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए बिज़नस लोन ले सकता हूँ?
उत्तर: हाँ, आप पोल्ट्री व्यवसाय शुरू करने के लिए कई फाइनेंशियल संस्थानों से बिज़नस लोन ले सकते हैं।
प्रश्न. पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए मुझे कितने पैसे की आवश्यकता होगी?
उत्तर: छोटे पैमाने पर पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए 50,000 रुपये बड़े पैमाने पर मुर्गी पालन के लिए 10 लाख रुपये की आवश्यकता होती है।
प्रश्न. ब्रॉयलर क्या हैं?
उत्तर: ब्रॉयलर मुख्य रूप से मांस उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले पक्षी हैं।
प्रश्न. क्या मुर्गी पालन या व्यवसाय पहली बार व्यापार करने वालों के लिए बेहतर विकल्प है?
उत्तर: हां, पोल्ट्री फार्मिंग व्यापार शुरू करने वालों के लिए सुविधाजनक व्यवसायों में से एक है।
Posted by SUBODH KUMAR
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Poultry Farm Business Plan: PPT, PDF Download
- Post last modified: September 1, 2024
- Reading time: 38 mins read
In this article, we will explore the key components of a comprehensive poultry farm business plan in India. We will discuss the importance of conducting a market analysis, developing a sound business model, creating a financial plan, and implementing an effective marketing strategy.
After reading the article you can download the Poultry Business Plan PDF as wel as Power Point Presentation for Investor or Bankers. You can also read the poultry farm business plan in hindi , please use the google translator buttom floating at the right hand side of your screen.
Additionally, in this Poultry Farm Business Plan article we will analyze potential risks and challenges associated with poultry farming in India and provide practical risk management strategies. Whether you are a first-time entrepreneur or an experienced business owner, this Poultry Farming Business Plan article will provide you with valuable insights and practical tips for launching and running a successful poultry farm in India.
Why making a Poultry farm business plan is Important before you start?
Having a well-designed poultry farm business plan is crucial for any aspiring poultry farming entrepreneur in India. The following are some of the reasons why having a business plan is essential,
Provides direction and clarity: A business plan helps entrepreneurs to define their goals, objectives, and strategies for achieving them. Similarly, you must include all these aspects in the Poultry farm business plan befor you begin. It will help providing a clear roadmap for the business, outlining the steps required to launch and run a successful poultry farming.
Helps secure financing: A comprehensive business plan is often required by banks and investors to evaluate the viability and potential of a business. A well-designed poultry farm business plan can help entrepreneurs to secure financing, by demonstrating the potential return on investment and the risks involved.
Facilitates decision-making: A business plan helps entrepreneurs to make informed decisions about critical aspects of their business, such as pricing, marketing, and supply chain management. So, if a poultry farm business plan holds all such different scenarios and options, entrepreneurs can make well-informed decisions that maximize their chances of success.
Provides a framework for monitoring and evaluation: A business plan serves as a framework for monitoring and evaluating the performance of the business. Entrepreneurs must include in the poultry farm business plan to track their progress, identify areas that need improvement, and make necessary adjustments.
How big is poultry business in India?
The Indian poultry industry is a rapidly growing sector that has experienced significant expansion over the past few decades. It is one of the largest producers of eggs and broilers (chickens raised for meat) in the world, with a domestic market estimated to be worth over USD 17 billion. The industry is diverse and consists of various types of farms, ranging from small backyard production to large commercial operations.
The major types of poultry farming in India are broiler and layer farming. Broiler farming involves raising chickens for meat production, while layer farming involves raising hens for egg production. Both types of farming require specific infrastructure, equipment, and management practices.
In recent years, the Indian government has been promoting the poultry industry through various schemes and initiatives, such as the National Livestock Mission, the National Programme for Bovine Breeding and Dairy Development, and the Rashtriya Krishi Vikas Yojana. Additionally, the industry has been adopting various technological advancements, such as automation, biotechnology, and genetic selection, to improve productivity, efficiency, and quality.
According to a report by Research and Markets, the Indian poultry market is expected to grow at a CAGR of around 8% during the forecast period of 2021-2026. This growth is driven by several factors, including increasing demand for meat and eggs, technological advancements, and government support.
The broiler segment is the largest and fastest-growing segment in the Indian poultry market, accounting for over 80% of the total market share. The layer segment is also growing rapidly, driven by increasing demand for eggs and egg products.
The Indian poultry industry also has significant export potential, with a growing demand for poultry products in international markets. According to the Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority (APEDA), India exported poultry products worth USD 113 million in 2020-21, primarily to Middle East and African countries.
Independent poultry farming business and backyard producers also compete in the market, particularly in the small-scale and local segments. These producers usually have lower production costs and rely on traditional management practices. However, they often face challenges such as lack of access to financing, lack of technical expertise, and limited marketing and distribution channels.
In terms of strategies, the major players in the Indian poultry industry are focusing on expanding their operations and increasing their market share. They are investing in new facilities, equipment, and technology to improve efficiency and productivity. They are also diversifying their product portfolio, such as introducing value-added products, organic and antibiotic-free products, and processed meat and egg products.
To compete effectively in the market, poultry companies are also focusing on building brand recognition and customer loyalty through effective marketing and promotional activities. They are also collaborating with other players in the value chain, such as feed manufacturers, breeders, and processors, to improve supply chain efficiency and reduce costs.
Poultry farm business plan to decide Target market and customer segmentation.
In the Indian poultry industry, the target market and customer segmentation can vary depending on the product and market segment.
For the broiler segment, which is the largest and fastest-growing segment in the Indian poultry market, the target market includes wholesalers, retailers, and end consumers such as hotels, restaurants, and households. The customer segmentation in this segment is based on the size and type of customer. For example, wholesalers and retailers may purchase large quantities of broiler meat, while end consumers may purchase smaller quantities for personal consumption.
In the layer segment, which is growing rapidly due to increasing demand for eggs and egg products, the target market includes wholesalers, retailers, and end consumers such as households and bakeries. The customer segmentation in this segment is based on the type and quality of eggs. For example, wholesalers and retailers may purchase eggs in bulk, while end consumers may prefer higher quality eggs with specific characteristics such as organic, free-range, or fortified with vitamins and minerals.
In addition, there is a growing market for value-added products in the Indian poultry industry, such as processed meat and egg products, organic and antibiotic-free products, and pet food. The target market for these products can vary depending on the product and market segment. For example, pet food products may target pet owners, while processed meat and egg products may target institutional customers such as hospitals, schools, and corporate cafeterias.
Poultry firm business Plan and it’s model
Type of poultry farm (broiler or layer): The type of poultry farming business (broiler or layer) that an entrepreneur or investor chooses to establish in India depends on various factors such as market demand, availability of resources, and personal preferences.
Broiler farming is the most popular type of poultry farming in India, accounting for more than 80% of the total poultry production in the country. The demand for broiler meat is increasing rapidly due to the growth of the food service industry, urbanization, and changing dietary habits. Broiler farming is characterized by intensive production systems, with birds raised primarily for meat production. Broilers have a short production cycle of 6-8 weeks and require high-quality feed, good housing facilities, and proper disease management practices.
Layer farming, on the other hand, is the second-largest segment in the Indian poultry industry, with significant growth potential due to increasing demand for eggs and egg products. Layer farming involves raising birds for egg production, with birds remaining productive for about 72-78 weeks. Layer birds require different feed and management practices than broilers, and housing systems are designed to provide comfortable nesting and roosting facilities.
Entrepreneurs and investors should carefully consider the market demand and potential for both broiler and layer farming before deciding on the type of poultry farm to establish. They should also assess the availability of resources such as land, water, feed, and labor, and evaluate the technical and financial feasibility of each option. Finally, personal preferences and expertise should also be taken into account when choosing between broiler and layer farming.
Operational aspects of Poultry farm Business Plan.
Infrastructure requirements: For a poultry farm in India can vary depending on the scale of production and the type of farming system being used. Here are some general requirements for land, sheds, equipment, and other infrastructure:
- Land: Adequate land is essential for setting up a poultry farm. The minimum land requirement for a small-scale broiler farm is around half an acre, while for a layer farm, it should be at least 1 acre. However, for commercial-scale farms, the land requirement can be much higher. The land should be well-drained, fertile, and have good access to water and electricity.
- Sheds: The sheds should be designed to provide a comfortable environment for the birds and protect them from predators and harsh weather conditions. The size and design of the sheds will depend on the scale of production, the type of birds, and the climatic conditions. The sheds should have proper ventilation, lighting, and temperature control systems. The recommended floor space per bird is 1 square foot for broilers and 2-3 square feet for layers.
- Equipment: The equipment required for a poultry farm includes feeding and watering systems, egg collection and handling equipment, incubators, brooders, and other tools for bird management. The equipment should be of good quality, durable, and easy to maintain. It is important to select equipment based on the scale of production and the specific requirements of the farming system being used.
- Water and electricity supply: Adequate and uninterrupted water and electricity supply is essential for the smooth functioning of a poultry farm. A reliable water supply is required for bird hydration, cleaning, and sanitation purposes. A reliable electricity supply is needed for lighting, temperature control, and operation of equipment.
- Biosecurity measures: Biosecurity measures are important to prevent the entry and spread of diseases in a poultry farm. The farm should have a secure boundary, and all visitors should follow proper hygiene and sanitation protocols. Footbaths and hand sanitizers should be placed at entry points, and farm workers should wear appropriate protective clothing.
Establishing a poultry farm in India requires careful planning and consideration of infrastructure requirements such as land, sheds, equipment, water, and electricity supply, and biosecurity measures.
Production process and operational plan: The production process and operational plan for a poultry farm in India will depend on the type of farming system being used, the scale of production, and the specific requirements of the birds. Here are some general steps in the production process and operational plan.
- Procuring birds: The birds should be procured from a reliable and reputable source, preferably from a certified hatchery. The birds should be of good quality, free from any diseases, and have the required vaccinations.
- Housing and management: The birds should be housed in well-designed sheds with proper ventilation, temperature control, and lighting systems. The sheds should be regularly cleaned and disinfected to maintain a healthy environment for the birds. Adequate feed and water should be provided to the birds, and their health should be monitored regularly.
- Feed management: Proper feed management is essential for the growth and health of the birds. The feed should be of good quality and provide the required nutrients for the birds. The feed should be stored in a clean and dry place to prevent contamination.
- Disease management: Regular health checks should be conducted to detect any signs of disease or infection in the birds. Proper disease management protocols should be followed, including vaccination, medication, and quarantine measures.
- Egg management: In the case of layer farming, egg production should be monitored, and eggs should be collected and handled carefully to prevent damage and contamination. The eggs should be stored in a clean and cool place.
- Marketing and sales: The poultry products should be marketed and sold through various channels, including local markets, wholesale markets, and direct sales to consumers. A pricing strategy should be developed based on market demand and competition.
Supply chain management and distribution strategy: Supply chain management and distribution strategy are crucial components of a successful poultry farm business plan in India. Here are some considerations for managing the supply chain and distribution strategy.
- Procurement of inputs: The procurement of inputs such as feed, medicines, and equipment should be done from reliable and reputable suppliers. Quality should be the main consideration in selecting suppliers. The procurement process should be streamlined and efficient to ensure a steady supply of inputs.
- Transportation: Transportation is an important component of the supply chain as it affects the quality and freshness of the products. The birds should be transported in a hygienic and humane manner to minimize stress and prevent any damage to the birds. Eggs should be transported carefully to avoid breakage.
- Processing and packaging: If the farm is involved in processing and packaging, it should be done in a hygienic and efficient manner to maintain the quality of the products. The packaging should be attractive and informative to help market the products.
- Storage: Proper storage is important to maintain the quality and freshness of the products. The storage facilities should be clean, dry, and well-ventilated.
- Distribution strategy: The distribution strategy should be designed to reach the target customers efficiently and effectively. The target customers could be wholesalers, retailers, or direct consumers. The distribution channels could include local markets, wholesale markets, and online platforms. The pricing strategy should be developed based on the target customers and the competition.
- Logistics and supply chain management: The logistics and supply chain management should be streamlined and efficient to minimize costs and maximize profits. The inventory levels should be monitored regularly, and the supply chain should be optimized to ensure timely delivery of products.
Financial part in poultry farm business plan
Capital requirements (start-up costs, working capital, etc.) to start a poultry farm business: Starting a poultry farm in India requires significant capital investment. The capital requirements depend on the scale of production, type of poultry farm, and the infrastructure and equipment needed. Here are some capital requirements to consider in a poultry farm business plan.
- Land and infrastructure: The cost of acquiring land, building sheds, and other infrastructure such as feed storage, water supply, and electricity connections can be a significant portion of the start-up costs.
- Equipment and machinery: Poultry farming requires various equipment and machinery such as feeders, drinkers, incubators, brooders, ventilation systems, and generators. The cost of these items can also be a significant portion of the start-up costs.
- Working capital: Working capital is the amount of money required to cover the day-to-day expenses of the farm, such as purchasing feed, medicines, and other supplies, paying for labor, and other operating expenses.
- Legal and administrative costs: Starting a poultry farm requires various legal and administrative procedures such as registering the farm, obtaining licenses and permits, and complying with regulations. These costs should be included in the start-up costs.
- Marketing and sales expenses: The cost of marketing and sales, including branding, advertising, and promotional expenses, should also be included in the business plan.
Revenue streams and pricing strategy: Revenue streams and pricing strategy are important components of a poultry farm business plan in India. Here are some considerations for revenue streams and pricing strategy.
- Revenue streams: The main revenue streams for a poultry farm are the sale of eggs, live birds, and poultry meat. Some farms may also generate revenue from value-added products such as processed meat, chicken sausages, or chicken nuggets.
- Pricing strategy: The pricing strategy for poultry products depends on various factors such as the competition, target market, and the cost of production. The pricing should be competitive to attract customers while also ensuring profitability. The pricing should also consider the quality of the products, customer demand, and any unique features of the products.
- Product differentiation: Product differentiation can be a valuable strategy for pricing poultry products. Farms can differentiate their products based on factors such as breed, feed, and living conditions of the birds. Organic and free-range products can also command a premium price.
- Marketing strategy: The marketing strategy should be developed to reach the target customers and promote the unique features and benefits of the products. The marketing channels could include online platforms, local markets, or direct selling to consumers.
- Volume discounts: Farms can offer volume discounts to customers who purchase large quantities of products. This can encourage bulk purchases and build loyalty among customers.
- Promotions: Promotions such as discounts, buy-one-get-one-free offers, and loyalty programs can also be effective in attracting and retaining customers.
Cost structure and operating expenses: Cost structure and operating expenses are important components of a poultry farm business plan in India. Here are some key considerations for cost structure and operating expenses.
- Cost of production: The cost of production includes expenses related to feed, labor, veterinary care, equipment maintenance, utilities, and other supplies required for the operation of the farm. The cost of production can vary based on the scale of the operation, type of poultry, and the quality of inputs.
- Labor costs: Labor costs include salaries or wages paid to farm workers, supervisors, and managers. The labor costs can vary based on the scale of the operation, level of automation, and the skills and experience of the workers.
- Feed costs: Feed costs are a significant expense in poultry farming, as the quality and quantity of feed can directly impact the growth and health of the birds. The cost of feed can vary based on the type and quality of feed, as well as the availability and cost of raw materials.
- Veterinary expenses: Veterinary expenses include costs related to disease prevention, treatment, and management. The cost of veterinary care can vary based on the prevalence of diseases in the area, the vaccination and treatment schedule, and the quality of veterinary services.
- Marketing and advertising expenses: Marketing and advertising expenses include costs related to promoting the farm and its products through online and offline channels. The marketing and advertising expenses can vary based on the marketing strategy, target market, and the promotional channels used.
- Administrative and overhead expenses: Administrative and overhead expenses include costs related to office supplies, rent, utilities, insurance, and other general expenses required for the operation of the farm.
Profit and loss projections and cash flow analysis : These two are important components of a poultry farm business plan in India. Here are some key considerations for profit and loss projections and cash flow analysis.
- Revenue projections: Revenue projections should be based on realistic assumptions about the quantity and price of products sold. Revenue projections should consider the seasonality of demand, market trends, and competition.
- Cost projections: Cost projections should consider the cost of production, labor, veterinary care, feed, marketing and advertising expenses, and administrative and overhead expenses. Cost projections should be based on realistic assumptions and historical data where available.
- Gross profit margin: Gross profit margin is the difference between revenue and cost of goods sold. Gross profit margin should be sufficient to cover operating expenses and provide a profit for the farm.
- Operating expenses: Operating expenses should be carefully planned and monitored to ensure profitability. Operating expenses should be regularly reviewed and optimized to minimize waste and improve efficiency.
- Net income: Net income is the difference between revenue and total expenses. Net income should be positive to ensure the profitability of the farm.
- Cash flow analysis: Cash flow analysis is a critical component of a poultry farm business plan. Cash flow analysis should consider the timing of revenue and expenses, the availability of credit and financing, and the impact of seasonality on cash flow.
- Break-even analysis: Break-even analysis is a tool to determine the minimum level of sales required to cover all operating expenses. Break-even analysis should consider the cost structure, pricing strategy, and volume discounts.
Here are some banks in India that offer loans for poultry farm business
State Bank of India: The State Bank of India (SBI) offers a range of loan products for poultry farming, including loans for construction of poultry sheds, purchase of equipment, and working capital. You can find more information about SBI’s loan products for agriculture and allied activities on their website: https://sbi.co.in/web/agriculture-rural/agriculture-and-allied-activities
Punjab National Bank: Punjab National Bank (PNB) offers loans for poultry farming, including term loans for construction of poultry sheds and purchase of equipment, and working capital loans. You can find more information about PNB’s loan products for agriculture on their website: https://www.pnbindia.in/agricultural_loan.html
HDFC Bank: HDFC Bank offers loans for poultry farming business, including loans for construction of poultry sheds, purchase of equipment, and working capital. You can find more information about HDFC Bank’s loan products for agriculture and allied activities on their website: https://www.hdfcbank.com/personal/borrow/agricultural-loans
ICICI Bank: ICICI Bank offers loans for poultry farming business, including loans for construction of poultry sheds, purchase of equipment, and working capital. You can find more information about ICICI Bank’s loan products for agriculture and allied activities on their website: https://www.icicibank.com/business-banking/agri-business/agri-loans.page
Axis Bank: Axis Bank offers loans for poultry farming, including loans for construction of poultry sheds, purchase of equipment, and working capital. You can find more information about Axis Bank’s loan products for agriculture and allied activities on their website: https://www.axisbank.com/business-banking/loans/agri-and-allied
Please note that this list is not exhaustive and there may be other banks or financial institutions that offer loans for poultry farming in India. Additionally, the loan products, terms, and conditions may vary between different banks and financial institutions, so it is important to research and compare different options before selecting a lender.
Grants: Grants are funds that do not have to be repaid and are typically provided by government agencies or non-profit organizations. Grants are often available for specific purposes such as research and development, environmental conservation, or community development.
The Government of India provides various grants and subsidies for the development of the poultry industry in the country. Some of the major schemes that you can check for your poultry farm business are.
National Livestock Mission: The National Livestock Mission (NLM) is a centrally sponsored scheme that provides financial assistance for various livestock-related activities, including poultry farming. The scheme aims to promote sustainable development of the livestock sector, and provides subsidies for the construction of poultry sheds, purchase of equipment, and other related activities. You can find more information about the NLM scheme on the Ministry of Agriculture and Farmers Welfare website: http://nlc.gov.in/nlm
Rashtriya Krishi Vikas Yojana: The Rashtriya Krishi Vikas Yojana (RKVY) is a centrally sponsored scheme that provides financial assistance for the development of agriculture and allied sectors, including poultry farming. The scheme provides subsidies for the construction of poultry sheds, purchase of equipment, and other related activities. You can find more information about the RKVY scheme on the Ministry of Agriculture and Farmers Welfare website: https://rkvy.nic.in/
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: The Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) is a crop insurance scheme that provides financial assistance to farmers in case of crop failure due to natural calamities, pests, or diseases. The scheme covers various crops, including poultry, and provides insurance coverage for the loss of birds due to specified perils. You can find more information about the PMFBY scheme on the Ministry of Agriculture and Farmers Welfare website: http://agricoop.gov.in/schemes/Pradhan-Mantri-Fasal-Bima-Yojana
Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Enterprises: The Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Enterprises (CGTMSE) is a government-backed scheme that provides collateral-free credit to micro and small enterprises, including poultry farmers. The scheme provides a credit guarantee cover of up to 75% of the loan amount, and helps small entrepreneurs to access credit from banks and financial institutions. You can find more information about the CGTMSE scheme on their website: https://cgtmse.in/
Please note that the eligibility criteria, application process, and other details may vary for each of these schemes, and it is advisable to check the respective websites for the latest information.
Marketing, Branding part in poultry farm business plan
Branding and positioning strategy for a poultry farm business.
Branding and positioning strategy are crucial for the success of any business, including a poultry farm. Here are some tips for developing a strong brand and positioning strategy.
- Define your unique selling proposition (USP): Identify what makes your poultry farm unique and different from your competitors. This could be your farming practices, the quality of your poultry products, or your customer service.
- Develop a brand identity: Create a brand name, logo, and tagline that reflect your unique selling proposition and appeal to your target market. Ensure that your branding is consistent across all communication channels, including your website, social media, and packaging.
- Establish a strong online presence: In today’s digital age, having a strong online presence is crucial for any business. Create a website for your poultry farm, and maintain active profiles on social media platforms such as Facebook and Instagram. This will help you to reach a wider audience and build a loyal customer base.
- Partner with other businesses: Partnering with other businesses in the food and agriculture industry can help you to increase your reach and credibility. Consider partnering with local restaurants, grocery stores, and farmers’ markets to sell your poultry products.
- Focus on quality and customer service: Your reputation as a poultry farmer will depend on the quality of your products and the level of customer service you provide. Ensure that your products are of the highest quality, and provide excellent customer service to build trust and loyalty among your customers.
By developing a strong brand and positioning strategy, you can differentiate your poultry farm from your competitors, attract more customers, and build a successful business.
Note: While developing a branding and positioning strategy for your poultry farm, it is important to ensure that you are making informed decisions that align with your business goals and target market. Seeking the advice of an experienced consultant can help you to develop a strong strategy that sets your business apart from the competition.
There are several consultancy firms in India that specialize in agri marketing consultancy and can provide valuable guidance on branding and positioning strategy. Some of the firms that you may consider reaching out to include:
- Agriwatch: A market research and consulting firm that provides a range of services for the agriculture industry, including branding and marketing strategy. https://www.agriwatch.com/
- Yes Bank: A private sector bank that offers consultancy services for agribusinesses, including marketing strategy and brand development. https://www.yesbank.in/business-banking/agriculture-and-allied-sectors
- Mahindra Agribusiness: A subsidiary of Mahindra Group that provides end-to-end solutions for the agriculture industry, including branding and marketing consultancy. https://www.mahindra.com/business/agribusiness
- Technopak: A management consulting firm that provides services for a range of industries, including agriculture and food processing. They offer expertise in branding, market research, and consumer insights. https://technopak.com/industries/agribusiness/
It is important to do your research and select a consultancy firm that has experience working with agribusinesses and a track record of success in developing branding and positioning strategies. With the right guidance, you can develop a strong brand that resonates with your target market and helps you to achieve your business objectives.
Promotion and advertising channels for a poultry farm business.
When it comes to promoting and advertising your poultry farm, there are a number of channels that you can use to reach your target audience. Here are some effective options to consider.
- Social media: Platforms like Facebook, Instagram, and Twitter can be great for building a following and sharing updates about your farm. You can also use social media advertising to target specific demographics and interests.
- Local newspapers and magazines: Advertising in local publications can be an effective way to reach potential customers in your area.
- Trade shows and exhibitions: Participating in relevant trade shows and exhibitions can help you to network with potential customers and partners, as well as showcase your products and services.
- Word of mouth: Satisfied customers can be some of your best promoters, so encourage them to spread the word about your business.
- Farm visits and tours: Inviting customers and stakeholders to visit your farm and see your operations firsthand can be a powerful way to build relationships and generate interest in your products.
- Online directories and listings: Listing your business in online directories and local business listings can make it easier for potential customers to find you when searching online.
It’s important to choose the promotion and advertising channels that make the most sense for your target audience and budget. A combination of these options may be most effective, so consider testing different approaches to see what works best for your business.
Sales strategy and customer acquisition plan
Developing a strong sales strategy and customer acquisition plan is critical to the success of your poultry farm business. Here are some key steps to consider.
- Identify your target customers: Determine the specific market segments you want to reach, such as restaurants, supermarkets, or individual consumers.
- Build relationships with customers: Reach out to potential customers and build relationships with them. Offer product samples, provide information on your farm and production processes, and showcase your unique selling proposition.
- Set pricing and promotions: Determine pricing that is competitive and fair, and consider offering promotions to attract new customers.
- Develop a distribution network: Decide on the most effective way to distribute your products to your target customers, such as working with local distributors, hiring a sales team, or leveraging online marketplaces.
- Leverage technology: Consider leveraging technology to streamline your sales process, such as using online ordering platforms, point-of-sale systems, or customer relationship management (CRM) software.
- Monitor and adjust your strategy: Continuously monitor your sales and customer acquisition efforts, and adjust your strategy as needed based on customer feedback, market trends, and other factors.
By taking a thoughtful and strategic approach to sales and customer acquisition, you can build a strong customer base and grow your poultry farm business over time.
Customer retention and loyalty programs
Customer retention is just as important as customer acquisition, and implementing a loyalty program can help you retain existing customers and encourage repeat business. Here are some tips for creating an effective customer retention and loyalty program.
- Offer rewards: Reward loyal customers with incentives such as discounts, free products, or exclusive access to new products or promotions.
- Personalize the experience: Tailor your program to the interests and preferences of your customers, such as offering discounts on their favorite products or personalized recommendations.
- Make it easy to participate: Ensure that your loyalty program is user-friendly and easy to join, with clear instructions and benefits.
- Communicate regularly: Keep your customers informed about program updates, new products, and exclusive promotions through regular email newsletters, social media updates, or text messages.
- Solicit feedback: Ask your customers for feedback on your program and use their input to make improvements and changes.
- Monitor and analyze results: Regularly monitor the effectiveness of your program by tracking customer retention rates, sales volume, and customer feedback.
By implementing a customer retention and loyalty program, you can build strong relationships with your customers and encourage them to continue doing business with you over the long term.
Prepare a poultry firm business Plan that covers potential risk and challanges
Identification of potential risks and challenges
As with any business, there are risks and challenges associated with operating a poultry farm. Here are some potential risks and challenges to consider.
- Disease outbreaks: Poultry farms are susceptible to outbreaks of diseases such as avian influenza, which can result in significant financial losses and business disruption.
- Fluctuations in feed prices: The cost of poultry feed can be a significant expense for poultry farms, and fluctuations in feed prices can impact profitability.
- Regulatory compliance: Poultry farms must comply with a range of regulatory requirements, such as food safety and environmental regulations, which can be complex and time-consuming.
- Market volatility: The poultry industry is subject to market fluctuations, which can impact demand and pricing for poultry products.
- Natural disasters: Natural disasters such as floods, storms, or wildfires can damage poultry farms and disrupt business operations.
- Labor shortages: The poultry industry relies heavily on manual labor, and shortages of skilled labor can impact productivity and profitability.
To mitigate these risks and challenges, it’s important to have a contingency plan in place, such as implementing disease prevention measures, maintaining adequate insurance coverage, and diversifying your revenue streams. Staying up to date on regulatory requirements and market trends, and investing in employee training and development can also help to minimize risks and improve the long-term success of your poultry farm business.
Risk mitigation strategies and contingency plans
To mitigate the risks and challenges associated with operating a poultry farm, here are some strategies and contingency plans you can consider.
- Disease prevention measures: Implement biosecurity measures to prevent the spread of disease, such as regular disinfection, isolation of sick birds, and limiting farm access to authorized personnel only.
- Adequate insurance coverage: Ensure that your poultry farm has adequate insurance coverage, including property and liability insurance, to protect against potential losses due to natural disasters, disease outbreaks, or other unforeseen events.
- Diversification of revenue streams: Explore opportunities to diversify your revenue streams, such as offering value-added products like processed meats or eggs, or expanding into other areas of agribusiness.
- Market research and analysis: Stay up to date on market trends and consumer preferences through regular market research and analysis, and adjust your business strategy accordingly.
- Employee training and development: Invest in employee training and development to ensure that your workforce is skilled and knowledgeable, and can effectively manage risks and challenges as they arise.
- Emergency preparedness plan: Develop an emergency preparedness plan that outlines procedures for responding to natural disasters, disease outbreaks, or other emergencies, and ensure that all employees are trained on the plan.
By implementing these risk mitigation strategies and contingency plans, you can help to ensure the long-term success and sustainability of your poultry farm business.
Case study: During the COVID-19 pandemic, many poultry farms faced significant challenges related to supply chain disruptions, reduced demand, and labor shortages. However, those with strong risk mitigation strategies and contingency plans in place were better able to weather the storm.
For example, one poultry farm in India implemented a range of risk mitigation strategies and contingency plans to address the challenges posed by the pandemic. These included,
- Strict biosecurity measures to prevent the spread of COVID-19 among farm workers and birds.
- Diversification of revenue streams, including the introduction of value-added products like processed chicken and eggs, which helped to maintain sales even as demand for fresh poultry products declined.
- Close collaboration with suppliers and distributors to ensure a steady supply of feed, medicines, and other inputs, despite disruptions to transportation networks.
- Regular communication with employees, customers, and other stakeholders to keep them informed about changes in business operations and to build trust and loyalty.
As a result of these measures, the farm was able to maintain its production and sales levels throughout the pandemic, and even saw some growth in certain product lines. While the pandemic posed significant challenges, the farm’s strong risk mitigation strategies and contingency plans helped it to navigate the crisis and emerge stronger on the other side.
Always Consider Legal and regulatory compliance in your poultry farm business plan
Legal and regulatory compliance is critical for any business, including poultry farms, to operate legally and avoid legal or financial penalties. In India, poultry farms are subject to various regulations, including.
- Registration: Poultry farms are required to obtain necessary licenses and registrations from the local or state authorities before starting operations.
- Environmental regulations: Poultry farms must comply with various environmental regulations, including waste disposal and pollution control.
- Animal welfare regulations: Poultry farms must follow animal welfare guidelines and regulations to ensure the well-being of the birds.
- Labor laws: Poultry farms must comply with various labor laws, including minimum wage requirements, working hours, and health and safety regulations.
- Taxation: Poultry farms must comply with tax regulations, including income tax, sales tax, and other applicable taxes.
To ensure legal and regulatory compliance, poultry farms should consult with legal and regulatory experts and stay updated on any changes to the regulations. They should also maintain proper documentation and records to demonstrate compliance in case of any audits or inspections. By following these practices, poultry farms can avoid legal or financial penalties and maintain the trust and confidence of their stakeholders.
Your Poultry farm business Plan must have Insurance requirements and coverage options
Insurance is essential for any business, including poultry farms, to protect against unexpected events that can lead to financial losses. Poultry farms may face various risks, such as disease outbreak, natural disasters, and other hazards, which can result in damage or loss of birds, buildings, or equipment. To mitigate these risks, poultry farms can consider the following insurance coverage options.
- Property insurance: This coverage can protect against losses due to damage or destruction of buildings, equipment, and other property.
- Liability insurance: This coverage can protect against third-party claims of property damage or personal injury.
- Business interruption insurance: This coverage can provide financial support to poultry farms in case of temporary suspension of operations due to an unforeseen event.
- Livestock insurance: This coverage can protect against losses due to death, theft, or damage to birds.
- Workers’ compensation insurance: This coverage can provide financial support to employees in case of work-related injuries or illnesses.
To determine the appropriate insurance coverage, poultry farms should consult with insurance experts and assess their specific risks and needs. They should also review the policy terms and conditions carefully to ensure that they understand the coverage and exclusions. By having proper insurance coverage, poultry farms can protect their business and financial assets in case of unexpected events.
Recap of key points of Poultry farm business plan
Recap of the key points covered in this article about poultry farm business plan in India…
1. Overview of the Indian poultry industry, market size, and growth potential.
2. Importance of having a business plan for a poultry farm, which includes:
- Competitor analysis and market research
- Infrastructure requirements
- Production process and operational plan
- Supply chain management and distribution strategy
- Capital requirements and financing options
- Revenue streams and pricing strategy
- Cost structure and operating expenses
- Profit and loss projections and cash flow analysis
3. Branding and positioning strategy is critical, and it’s recommended to seek expert advice or hire a consultancy firm that deals with agri-marketing consultancy.
4. Promotion and advertising channels, sales strategy, and customer acquisition and retention plans.
5. Identification of potential risks and challenges, risk mitigation strategies, and contingency plans.
6. Legal and regulatory compliance, insurance requirements, and coverage options.
Overall, a well-crafted poultry farm business plan can help to succeed in a competitive market, maximize profits, and mitigate risks.
I know this poultry firm business plan article become long, hence suggesting keeping a PDF copy handy so that you can refer in future when feel required, please click the poultry farm business plan free download section.
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