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वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on Rainy Season in Hindi

Essay on Rainy Season in Hindi : दोस्तों आज हमने वर्षा ऋतु पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है.

वर्षा ऋतु जन जीवन का आधार है, इस समय मौसम सुहावना हो जाता है सभी जीव जंतुओं और मनुष्यों का मन प्रफुल्लित हो उठता है. बच्चों को बारिश बहुत अच्छी लगती है इसलिए अक्सर परीक्षाओं में वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने को दिया जाता है.

Essay on Rainy Season in Hindi

Get Some Essay on Rainy Season in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 & 12 Students.

Best Essay on Rainy Season in Hindi 100 Words

हमारा देश कृषि आधारित देश है इसलिए आप वर्षा का होना बहुत जरूरी है. बारिश के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है क्योंकि बारिश से ही हमें पीने योग्य अमृत समान जल प्राप्त होता है.

भीषण गर्मी और लू चलने के बाद जब मानसून आता है तो चारों ओर खुशहाली और हरियाली छा जाती है. हर तरफ ठंडी-ठंडी हवाएं चलती है, खेतों में फसल लहरा उठती है, किसानों के चेहरे खिल उठते है, बच्चे भी बारिश और ठंडी हवा का आनंद लेते है.

बारिश का मौसम सबसे सुहाना मौसम होता है यह मौसम मुझे सबसे प्रिय और अच्छा लगता है.

Varsha Ritu Essay in Hindi 250 Words

वर्षा ऋतु हमारे देश में जुलाई माह से प्रारंभ होती है और सितंबर माह तक वर्षा होती है. गर्मियों की झुलसा देने वाली गर्मी के बाद सभी लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार करते है. हमारे देश के किसान तो हर समय आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखते रहते है.

वर्षा ऋतु किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इस समय किसानों खरीफ की फसल बोते है और बारिश आते है फसल लहरा होते है चारों ओर खेतों में हरी भरी फसल लहराते देखकर मन प्रशंसा पूर्वक हर्षा उठता है

गर्मी के कारण सूखे हुए पेड़ पौधे भी नव अंकुरित हो उठते है, सूखी हुई नदियां, तालाब, बावड़िया, बांध पानी से लबालब भर जाते है धरती की प्यास बुझती है और भूजल स्तर ऊंचा उठ जाता है. सभी जीवो को बारिश से राहत की सांस मिलती है.

बारिश के आगमन पर मोर छम-छम करके नाचता है , कोयल मीठी राग सुनाती है, मेंढक टर्र-टर्र करके अपनी खुशी जाहिर करता है. वर्षा ऋतु बहुत ही मनोरम ऋतु होती है इस ऋतु में सभी का मन ऐसा होता है क्योंकि चारों तरफ हरियाली, ठंडी हवा और सुख शांति फैल जाती है.

मानसून के दिनों में आसमान में काले सफेद बादल पानी लेने के लिए दौड़ते नजर आते है, काली घटाओं में बिजली का चमकना बहुत अच्छा लगता है.

गर्मियों के कारण जो बच्चे घर से बाहर निकलना बंद कर देते हैं बारिश के मौसम में वे बाहर निकल कर खूब खेलते नाचते गाते है और बारिश का भरपूर आनंद उठाते है.

बारिश का मौसम पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव को नया जीवन प्रदान करता है इसलिए मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है.

Latest Essay on Rainy Season in Hindi 500 Words

भूमिका –

भारत में मुख्य रूप से वर्षा सावन और भादो माह में होती है यह वह समय होता है जब मानसून सबसे सक्रिय रूप में होता है. ग्रीष्म काल की झुलसाती हुई गर्मी से राहत बारिश के कारण ही मिलती है.

गर्मियों के कारण भारत के प्रत्येक प्रांत का तापमान इतना अधिक बढ़ जाता है कि दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. हर तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाती है.

सभी नदी, नालों, तालाबों का पानी सूख जाता है जिसे जीव-जंतुओं का जीवन बहुत कठिन हो जाता है. लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है.

ऐसा लगता है मानो बारिश की बूंदों के रूप में धरती पर अमृत की बौछार कर दी गई हो, बारिश के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव है.

वर्षा ऋतु का महत्व –

वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे अच्छे ऋतु मानी जाती है, जब भी वर्षा आती है तब धरती का कण कण उमंग से प्रफुल्लित हो उठता है. जब धरती पर प्रचंड गर्मी के बाद मानसून की पहली बारिश होती है तो धरती से सोंधी सोंधी खुशबू आती है जिसके आगे दुनिया का सबसे खुशबूदार इत्र भी कम पड़ता है.

हमारा देश गर्म प्रांतीय क्षेत्र में आता है इसलिए यहां पर सबसे अधिक गर्मी पड़ती है, नदियों में पानी का अभाव है इसलिए पानी की उपलब्धता कम है. इसीलिए हमारे देश में वर्षा ऋतु का महत्व और भी बढ़ जाता है वर्षा ऋतु जब भी आती है तो सभी के मन को भा जाती है.

हमारा भारत देश के प्रधान देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर खेती ही की जाती है और खेती के लिए पानी की आवश्यकता होती है इस आवश्यकता की पूर्ति सावन और भादो माह में आने वाली बारिश ही करती है. किसानों के लिए तो यह अमृत के समान है क्योंकि उनकी फसल बारिश पर ही निर्भर करती है.

जब बारिश अच्छी होती है तो देश के हर प्रांत में खेतों में फसल लहरा उठती है चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है ऐसा लगता है मानो धरती ने हरी चुनरी ओढ़ ली हो.

बारिश के कारण सभी नदी नाले और तालाब पानी से लबालब भर जाते हैं जिसके कारण पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं को मीठा जल पीने को मिलता है.

और धरती का भू-जल स्तर भी बढ़ जाता है जिससे गर्मी का प्रकोप कम हो जाता है और चारों तरफ ठंडी ठंडी हवाएं चलती है जो कि प्रत्येक प्राणी की मन को खुशहाली से ओतप्रोत कर देती है.

वर्षा के कारण फसल अच्छी होती है इसलिए सभी को खाने के लिए अनाज मिलता है साथ ही किसानों को इससे अच्छी पूंजी भी मिल जाती है.

जिससे उनका जीवन यापन थोड़ा सरल हो जाता है. बारिश अच्छी होती है तो देश की प्रगति भी तेजी से होती है. वर्तमान में जल की कमी का ज्यादातर भाग मानसून की बारिश से ही पूरा होता है इसलिए बारिश का महत्व हमारे जीवन में अतुल्य है.

निष्कर्ष –

हमारे जीवन में सभी ऋतुओं का महत्व है लेकिन सबसे अधिक महत्व वर्षा ऋतु का है जिसके कारण पृथ्वी की संपूर्ण जीवन प्रणाली चलती है लेकिन कभी-कभी अत्यधिक वर्षा के कारण कुछ हानि भी हो जाती है लेकिन इसके महत्व के आगे यह नगण्य है.

वर्षा हमारी धरती के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए में इसके जल को सहेज कर रखना चाहिए और अधिक वर्षा हो इसलिए पेड़ पौधे लगाने चाहिए.

Full Essay on Rainy Season in Hindi

प्रस्तावना –

हमारा भारत देश बहुत सारी विभिन्नताओं वाला देश है इसलिए हमारे देश में ऋतुओं में भी विभिन्नता पाई जाती है. हमारे देश में कुल छ: ऋतुएँ ग्रीष्म, वर्षा, शीत ऋतु, हेमन्त, शिशिर और बसंत है जो कि हर दो महीने के अंतराल में बदल जाती है.

ऋतुओं के नाम के हिसाब से पृथ्वी का वातावरण बदलता रहता है, इन्हीं में से एक वर्षा ऋतु है जोकि संपूर्ण पर्यावरण में जीवन रेखा का काम करती है.

वर्षा ऋतु में बहुत तेज और अधिक बारिश होती है कई बार तो हफ्तों तक लगातार रिमझिम बारिश होती रहती है. वर्षा ऋतु में जुलाई में प्रारंभ होती है और अगस्त माह तक इसका पूरा जोर रहता है.

वर्षा ऋतु का आगमन –

जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ खुशहाली और हरियाली छा जाती है, भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से जनजीवन को राहत मिलती है. बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी में खुशी की लहर दौड़ जाती है. बारिश के समय बच्चे खूब नहाते और खेलते है अपनी कागज की नाव पानी में तैराते है.

किसान भी समय बहुत खुश होता है क्योंकि उसकी फसल लहरा उठती है. वर्षा के समय सूख चुके जंगल के पेड़ पौधे फिर से नव अंकुरित हो उठते है. सूखी काली पहाड़ियों पर हरियाली की चादर बिछ जाती है हर तरफ रंग बिरंगे फूल दिखाई देते है.

नदियां, ताल तलैया, नाले, बांध इत्यादि सभी पानी से भर जाते है, पूरा वातावरण ठंडा हो जाता है. पशु पक्षियों को खाने के लिए हरी घास और पेड़ पौधे मिल जाते है. वर्षा ऋतु का आगमन पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के लिए खुशियों की चाबी है.

वर्षा का आगमन सभी को भाता है यह प्रकृति की काया पलट कर रख देता है प्रकृति के सारे रंग हमें बारिश के मौसम में देखने को मिल जाते है यह दृश्य किसी स्वर्ग लोक से कम नहीं होता है.

वर्षा ऋतु के लाभ –

वर्षा ऋतु का लाभ संपूर्ण पर्यावरण को मिलता है बारिश के कारण ही पर्यावरण का पूरा चक्कर चल पाता है इसके मुख्य लाभ हमने नीचे पॉइंट के माध्यम से समझाएं है.

(1) किसानों को –

किसानों के लिए तो वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि वर्षा ऋतु से पहले किसान अपने खेतों में निराई गुड़ाई और खाद डालकर फसल के लिए तैयार करते है. यह सब इतना आसान नहीं होता क्योंकि उस समय भयंकर गर्मी और लू चलती है.

किसान प्रचंड गर्मी में दिन भर मेहनत करता है और फिर आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखता रहता है कि कब बादल आए और बारिश होगी. हमारे देश के ज्यादातर किसान मानसून आधारित बारिश पर ही अपनी फसल बोते है.

इसलिए जब बारिश का मौसम आता है तो किसानों के मुंह की मुस्कान देखते ही बनती है. उनके द्वारा लगाई गई फसल, फल, सब्जियां इत्यादि सभी भरपूर मात्रा में होती है.

(2) पर्यावरण –

हमारी पृथ्वी की पर्यावरण के चक्कर को सुचारू रूप से चलाने के लिए वर्षा ऋतु का अहम महत्व है अगर यह रितु नहीं होगी तो संपूर्ण पर्यावरण तंत्र बिगड़ जाएगा. चारों तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाएगी फिर पृथ्वी पर जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा.

इसलिए जब बारिश आती है तो जीव जंतुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था हो जाती है और इंसानों के लिए भी पानी और अन्य फसल की व्यवस्था हो जाती है. पृथ्वी का पर्यावरण में फिर से एक बार जान आ जाती है. इसलिए वर्षा ऋतु का हमारे पर्यावरण के लिए अहम महत्व है.

(3) जीव – जंतुओं –

भयंकर गर्मी के कारण सभी पेड़ पौधे और घास सूख जाती है साथ ही पानी के तालाब और नदियां सूख जाती हैं जिससे जीव जंतुओं को खाने के लिए कुछ नहीं मिलता और पीने के लिए पानी भी बहुत कम मिलता है. इसके कारण धीरे-धीरे जीव जंतु और पशु पक्षी पानी और खाने की कमी के कारण मृत्यु के आगोश में चले जाते है.

लेकिन जब वर्षा ऋतु आती है तब फिर से पानी और खाने की कमी दूर हो जाती है इसलिए वर्षा ऋतु जीव जंतुओं के लिए अमृत के समान कार्य करती है.

(4) भू-जल स्तर बढ़ना –

गर्मी और अत्यधिक तापमान के कारण पृथ्वी का जल वाष्प बनकर उड़ जाता है, और मानव द्वारा भूजल का अत्यधिक दोहन करने के कारण भू-जल स्तर कम हो जाता है जिसके कारण पृथ्वी गरम रहती है और हमें स्वस्थ जल पीने को भी नहीं मिलता है.

जब वर्षा ऋतु आती है तब बारिश के कारण ही भू-जल स्तर बढ़ता है जिससे पृथ्वी के तापमान में भी कमी आती है और स्वच्छ जल भी हमें प्राप्त होता है.

(5) व्यापार में तेजी –

हमारा भारत देश कृषि आधारित देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए जिस साल अच्छी वर्षा नहीं होती उस साल सभी वस्तुओं के दाम बढ़ जाते है और व्यापार धीमी गति से चलता है.

अगर अच्छी बारिश होती है तो किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त होती है और वे बाजार में आकर नई नई वस्तुएं खरीदते हैं जिससे व्यापार तेजी से बढ़ता है.

(6) देश की प्रगति –

हमारे देश आज भी 70% से अधिक आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए हमारे देश के ज्यादातर लोग आज भी किसान है. इसलिए जिस वर्ष भी अधिक वर्षा होती है और फसल अच्छी हो जाती है तो हर प्रकार के व्यापार में तेजी देखने को मिलती है.

इस कारण सभी को खर्च करने के लिए पैसे मिल जाते है और सभी लोग नई नई वस्तुएं खरीदते है जिससे देश की प्रगति होने लग जाती है.

वर्षा से हानि –

वर्षा ऋतु से कुछ हानियां भी होती है लेकिन ज्यादातर मानव जनित कार्यों के कारण उनके घातक परिणाम देखने को मिलते है. वर्षा ऋतु से होने वाली कुछ प्रमुख हानियां निम्नलिखित है –

(1) बाढ़ – अत्यधिक बारिश होने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण फसल जन-धन की हानि होती है. लेकिन बाढ़ भी मानव जनित कार्य से ही आती है क्योंकि मानव द्वारा जंगलों की कटाई कर दी गई है जिससे पानी का बहाव तेजी से होता है.

और जनधन की हानि भी मानव के कारण ही होती है क्योंकि मानव ने अपने रहने का स्थान नदियों के पास बना लिया है और उनके बहने के क्षेत्र को रोक दिया है जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. अगर मानव अपनी सीमा में रहे तो बाढ़ की स्थिति इतना भयानक रूप नहीं ले सकती है.

(2) मौसमी बीमारियां –

वर्षा ऋतु में मौसमी बीमारियां बहुत अधिक होती है जैसे हैजा, मलेरिया, त्वचा संबंधी रोग, खांसी जुकाम इत्यादि हो जाती है. लेकिन इनमें से ज्यादातर बीमारियां मानव द्वारा फैलाए गए प्रदूषण के कारण ही उत्पन्न होती है. अगर मानव पर्यावरण का ख्याल रखें तो वर्षा ऋतु से बीमारियां नहीं होंगी.

(3) भू-कटाव –

अत्यधिक तेज वर्षा के कारण भूमि का कटाव होने लग जाता है जिसे उपजाऊ मिट्टी बह कर चली जाती है. जो कि पर्यावरण और फसलों के लिए अच्छा नहीं होता है.

भू-कटाव की स्थिति वर्तमान में बहुत अधिक देखने को मिलती है क्योंकि मानव द्वारा अत्यधिक पेड़ों की कटाई कर दी गई है जिससे भूमि का कटाव हो रहा है इसलिए मैं अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे और भू-कटाव को रोकना होगा.

वर्षा ऋतु के त्योहार –

वर्षा ऋतु आने के बाद भारत देश में जैसे त्योहारों की झड़ी लग जाती है, भारत में वर्षा से वैसे ही सभी को खुशी मिलती हैं और पूरा वातावरण ठंडा और मनमोहक हो जाता है इन खुशियों में चार चांद लगाने के लिए भारत देश के लोग त्योहारों का आयोजन करते है.

अगर ऐसा कहा जाए कि भारत में त्योहारों की शुरुआत वर्षा ऋतु से ही प्रारंभ होती है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि ज्यादातर त्यौहार वर्षा ऋतु के बाद ही आते है.

वर्षा ऋतु के बाद प्रमुख रूप से मनाए जाने वाले त्योहार निम्न है – तीज, रक्षाबंधन, गणगौर, दिवाली इत्यादि है.

उपसंहार –

वर्षा ऋतु के कारण संपूर्ण जन जीवन में हर्षोल्लास की लहर दौड़ जाती है, सच में वर्षा ऋतु पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के प्राण के लिए अमृत का कार्य करती है.

खेतों में लहराती हुई फसल का मनमोहक दृश्य बहुत सुहाना लगता है. चारों तरफ हरियाली ही हरियाली देखकर सबके मन को शांति मिलती है.

चहु और पशु पक्षी अपना नया राग सुनाते है यह वाक्य में ही बहुत मनोरम दृश्य होता है और वर्षा ऋतु के कारण भयंकर गर्मी से जो राहत मिलती है उसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

इसीलिए वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे ऊंचा स्थान रखती है. हमें भी वर्षा ऋतु में जल का संग्रह करके वर्षा ऋतु का आदर करना चाहिए.

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Rainy Season in Hindi  पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है

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7 thoughts on “वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on Rainy Season in Hindi”

वर्षा ऋतु पर निबंध

very good letters

Thank you Arnav for appreciation, keep visiting Hindi yatra.

आप का निबंध हमें बहुत अच्छा लगा।

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अंशिका जी ऐसे ही और रोचक जानकारी लेने के लिए हिंदी यात्रा पर आते रहे धन्यवाद

आपका निबंध बहुत अच्छा लगा । धन्यवाद

करन राणा आप का बहुत बहुत आभार

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वर्षा ऋतु पर निबंध (class 4 to 10) – Rainy season essay in hindi

  • Post author: Sachin Rathi
  • Post published: April 12, 2023
  • Post category: Essay / Hindi essay
  • Post comments: 0 Comments

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नमस्कार मित्रो, इस आर्टिकल में हमने वर्षा ऋतु पर एक सुन्दर निबंध लिखा है। यह निबंध एकदम सरल और आसान भाषा में लिखा गया है। यह निबंध सभी तरह के छात्रों जैसे स्कूल के, कॉलेज के, या किसी भी कम्पटीशन एग्जाम के छात्रों को ध्यान में रखकर लिखा गया है। इस निबंध को पूरा पढ़ने के बाद आपको कही ओर  varsha ritu essay in hindi  खोजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

वर्षा ऋतु पर निबंध || varsha ritu essay in hindi || Rainy season essay in hindi

Table of Contents

वर्षा ऋतु पर निबंध for class 4 to 8 – (400 शब्द)

भारत में चार मौसम होते हैं, जिनमें से प्रत्येक की मौसम की स्थिति का अपना सेट होता है। बरसात का मौसम, जो आमतौर पर जून से सितंबर तक चलता है, किसानों और पौधों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दौरान वातावरण में नया उत्साह देखने को मिलता है और यह मौसम लोगों के लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आता है। वर्षा ऋतु आमतौर पर आषाढ़, श्रावण और भादो के महीनों में आती है, और मैं विशेष रूप से इसका आनंद लेता हूँ क्योंकि यह ग्रीष्म ऋतु के बाद आता है, जो वर्ष का सबसे गर्म मौसम होता है। चिलचिलाती धूप, लू और तमाम तरह की त्वचा संबंधी समस्याओं के कारण मैं गर्मी के मौसम में बहुत परेशान हो जाता हूं। हालांकि बरसात का मौसम आते ही सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। मनुष्य के साथ-साथ पेड़-पौधे, पशु-पक्षी सभी बेसब्री से वर्षा ऋतु का इंतजार करते हैं और उसके स्वागत की तैयारी करते हैं। बरसात के मौसम में सभी को राहत और शांति का अहसास होता है। भारत में बरसात के मौसम को बरसात के नाम से जाना जाता है।

वर्षा ऋतु का आरंभ

भारत में बरसात का मौसम जुलाई में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। इस समय के दौरान, गर्मी की तपिश के दौरान मौसम आमतौर पर ठंडा और अधिक सुखद होता है। आकाश आमतौर पर चमकीला नीला होता है और कभी-कभी सात रंगों का इंद्रधनुष देखा जा सकता है। वातावरण बहुत सुखद लगता है, और बादल सफेद, भूरे और गहरे काले रंग के आकार जैसे दिखते हैं।

वर्षा ऋतु का प्रभाव

बरसात के मौसम में बारिश का प्रकृति पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। नदियाँ और नाले सूज जाते हैं और अवरुद्ध हो जाते हैं, और मिट्टी गीली और मैली हो जाती है। इससे पौधों को बढ़ने और जानवरों को भोजन खोजने में मुश्किल हो सकती है।

सभी पेड़ और पौधे नए हरे पत्ते उग रहे हैं और बगीचे और मैदान हरे-भरे घास से ढके हुए हैं। नदियों और तालाबों जैसे प्राकृतिक स्रोतों से पानी जल्दी भर सकता है, और सड़कें और खेल के मैदान भी कीचड़ से भर सकते हैं।

वर्षा की विशेषताएं

बारिश के मौसम में, किसान फसल उगा सकते हैं, और जानवर बड़े हो सकते हैं क्योंकि यह गीला होता है। लोग बारिश में खुश होते हैं क्योंकि वे साल के इस समय पके हुए स्वादिष्ट आमों का आनंद ले सकते हैं। बारिश फसलों को पानी देने और सूखे कुओं, तालाबों और नदियों को फिर से भरने में भी मदद करती है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध for class 9 to 12 – (600 शब्द)

प्रस्तावना:

बरसात के मौसम में अक्सर आसमान बादलों से ढका रहता है। ये बादल गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। धरती पर जो हरियाली है, वह हरी मखमल जैसी लगती है। वृक्षों पर नए पत्ते आने लगते हैं और लताएँ फिर हरे रंग के ऊँचे स्तम्भों के समान दिखने लगती हैं। इस समय के दौरान खेत अच्छा नहीं करते हैं क्योंकि बारिश का पानी उन्हें मैला बना देता है। लेकिन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए बारिश का मौसम खुशी का समय होता है क्योंकि इसका मतलब है कि भगवान किसानों को अधिक फसल पैदा करने का मौका दे रहे हैं। बरसात के मौसम में जानवर भी बड़े हो जाते हैं क्योंकि वे कीचड़ में उगने वाले पौधों को खा सकते हैं।

वर्षा के समय इंद्रधनुष

भारत में बरसात का मौसम आमतौर पर जुलाई में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। यह लोगों के लिए आशा और राहत का समय है, क्योंकि गर्म मौसम अंत में समाप्त हो जाता है। प्रकृति में सब कुछ इसके बारे में उत्साहित है – लोगों से लेकर पौधों, जानवरों और यहां तक ​​कि पेड़ों तक। हर कोई बारिश के मौसम का आनंद लेता है और इससे मिलने वाली राहत के लिए आभारी महसूस करता है।

आसमान बहुत चमकीला और साफ दिखाई देता है, नीले रंग के साथ और कभी-कभी रंगों का इंद्रधनुष देखा जा सकता है। पर्यावरण सुंदर और आकर्षक दिखता है, और मैं अक्सर हरे-भरे वातावरण और अन्य चीजों की तस्वीरें लेता हूं ताकि यह मेरे कैमरे में एक स्मृति बनी रहे। आसमान में सफेद, भूरे और गहरे काले रंग के बादल चलते देखे जा सकते हैं.

इस मौसम में हम आम का आनंद लेते हैं क्योंकि बारिश हमें फसल उगाने और हमारे कुओं और नदियों को भरने में मदद करती है। कहा जाता है कि जल ही जीवन है क्योंकि यह हमें अपना जीवन जीने में मदद करता है।

बीमारियों के फैलने का डर

वर्षा ऋतु में पेड़-पौधे नई हरी पत्तियों से भर जाते हैं, बाग-बगीचे सुंदर दिखने वाली हरी मखमली घासों से आच्छादित हो जाते हैं और नदियों, झीलों, तालाबों, गड्ढों जैसे जल के प्राकृतिक स्रोत जल से भर जाते हैं। सड़कों और खेल के मैदानों में भी पानी भर जाता है और मिट्टी कीचड़युक्त हो जाती है। बरसात के मौसम के कुछ फायदे और नुकसान हैं।

लोगों को गर्मी से तो काफी राहत मिली है, लेकिन हवा में कई संक्रामक बीमारियां फैलने का भी डर है। यह उन किसानों के लिए अच्छा है जो फसल उगा रहे हैं, लेकिन इससे डायरिया, पेचिश, टाइफाइड और पाचन संबंधी कई समस्याएं भी होती हैं।

वर्षा का महत्व

देश में बारिश इसलिए जरूरी है क्योंकि यहां रहने वाले ज्यादातर लोग किसान हैं। उनकी आजीविका बारिश पर निर्भर करती है, और जब बारिश होती है, तो नदी और नाले पानी से भर जाते हैं। यह किसानों के लिए अच्छा है, क्योंकि इसका मतलब है कि सूखी नदियों और नालों को सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। बारिश मानव जीवन के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अप्रैल और मई में गर्मी के मौसम से राहत दिलाती है।

वर्षा के फायदे और नुकसान

बारिश जीवन का अहम हिस्सा है। इसके बिना, फसलें नहीं उगतीं, और लोगों को बिजली जाने और बाढ़ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता। बरसात के मौसम का आगमन कई लोगों के लिए उत्साह और आशा का समय होता है, क्योंकि सड़कों और जल निकासी व्यवस्था में साफ पानी बहने लगता है और बीमारियां गायब होने लगती हैं।

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varsha ritu essay in hindi 10 lines

  • भारत में बरसात का मौसम जुलाई में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है।
  • इस समय के दौरान, गर्मी की तपिश के दौरान मौसम आमतौर पर ठंडा और अधिक सुखद होता है।
  • आकाश आमतौर पर चमकीला नीला होता है और कभी-कभी सात रंगों का इंद्रधनुष देखा जा सकता है।
  • वातावरण बहुत सुखद लगता है, और बादल सफेद, भूरे और गहरे काले रंग के आकार जैसे दिखते हैं।
  • बरसात के मौसम में बारिश का प्रकृति पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
  • बारिश के मौसम में, किसान फसल उगा सकते हैं।
  • बरसात के मौसम में अक्सर आसमान बादलों से ढका रहता है।
  • वर्षा ऋतु में पेड़-पौधे नई हरी पत्तियों से भर जाते हैं।
  • बरसात के मौसम का आगमन कई लोगों के लिए उत्साह और आशा का समय होता है।
  • बरसात का मौसम एक ऐसा समय होता है जब हवा साफ हो जाती है और आप आसमान को देख सकते हैं।

निष्कर्ष (varsha ritu essay in hindi):

बरसात का मौसम एक ऐसा समय होता है जब हवा साफ हो जाती है और आप आसमान को देख सकते हैं। वर्षा ऋतु में प्रकृति फलों और फूलों से भर जाती है। लोगों को बरसात का मौसम बहुत पसंद होता है क्योंकि यह ऐसा समय होता है जब उनके बीमार होने की संभावना ज्यादा होती है और बारिश ज्यादा होती है। इसलिए बरसात के मौसम में लोगों को सावधान रहना चाहिए और अपना ख्याल रखना चाहिए। बहुत अधिक बारिश कभी-कभी बाढ़ का कारण बनती है। कई जगहों पर बारिश की वजह से गांवों में पानी भर जाता है और लोगों के घरों और संपत्ति को नुकसान पहुंचता है। खेतों में पानी भर जाता है, फसलें नष्ट हो जाती हैं और किसान पीड़ित होते हैं। वर्षा ऋतु हर्ष और उत्साह का सूचक है। बरसात का मौसम आते ही हर उम्र के लोग इसका लुत्फ उठाते हैं। हवा मीठी महकती है और धरती गीली लगती है। बरसात के मौसम में आसमान में इन्द्रधनुष देखा जा सकता है। तरह-तरह के पक्षी गाने लगते हैं। स्कूल और घर में लोग एक साथ बारिश के मौसम का आनंद लेते हैं।

अंतिम शब्द – इस आर्टिकल में आपने v arsha ritu essay in hindi पढ़ा। आशा करते है, आपको ये निबंध पसंद आया होगा। इसे अपने दोस्तों शेयर जरूर करे।

FAQS: (varsha ritu essay in hindi)

 बरसात का मौसम वर्ष का एक ऐसा समय होता है जब हवा आमतौर पर नम और गर्म होती है

वर्षा ऋतु जून-जुलाई माह में होती है।

बारिश महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पौधों और नदियों जैसी चीजों को पानी देने में हमारी    मदद करती है। यह बिजली संयंत्रों की भी मदद करता है।

    तीन प्रकार की वर्षा होती है: संवहन वर्षा, पर्वत या उच्चावच वर्षा, और चक्रवाती   या अग्र वर्षा।

   नीलकंठ और राधा को वर्षा ऋतु सबसे अच्छी लगती थी।

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वर्षा ऋतु पर निबंध – सरल शब्दों में | Essay on Rainy Season in Hindi

क्या आप वर्षा ऋतु पर निबंध लिखना चाहते हैं? अगर आप ढूंढ रहे हैं Essay on Rainy Season in Hindi तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं। इस पोस्ट में हम आपके लिए बरसात के मौसम पर short essay लेकर आये हैं जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं। हमें उम्मीद है आपको ये वर्षा ऋतु के बारे में निबंध पसंद आयेंगे। आप इस निबंध को स्कूल-कॉलेज या प्रतियोगिता आदि में लिख सकते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध – 100 शब्दों में | Short Essay on Rainy Season in Hindi

मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है। यह हर वर्ष जुलाई के महीने में आता है और हमें मई जून की तपती गर्मी से राहत देता है। यह मौसम जुलाई से सितम्बर तक तीन महीने तक रहता है। जब बारिश होती है तो सूखे हुए पेड़-पौधे फिर से हरे-भरे हो जाते हैं।

इस मौसम में हम मीठे-मीठे आम को खाने का आनंद लेते हैं। साथ ही इस ऋतु में हम सभी भारतीय कई सारे त्यौहार जैसे रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश पूजा, ईद-उल-जुहा, मुहर्रम आदि को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं। इसके अलावा लम्बी छुट्टी के बाद इसी महीने में हमारी स्कूल फिर से शुरू होती है। नये कॉपी-किताबों के साथ हम बड़े उत्साह से नई कक्षा में प्रवेश लेते हैं।

Varsha Ritu Par Nibandh – 250 शब्द

मई-जून की तपती हुई गर्मी को शांत करने के लिए हमारे देश में जुलाई महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है। बरसात का यह मौसम पेड़, पौधे, मनुष्य तथा सम्पूर्ण जीव जगत में एक नया उत्साह पैदा कर देती है।

गर्मी से सूखे हुए पेड़ फिर से हरे-भरे हो जाते हैं, तपती हुई धरती में जब पानी की बूँदें पड़ती हैं तो बंजर खाली जमीन में घास और नये पौधे निकल आते हैं।

किसानो के लिए वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नही है। गर्मी के मौसम में सारे खेत-खलिहान सूख जाते हैं। नदी-तालाबों, कुओं और सभी जल स्त्रोतों में पानी की कमी हो जाती है ऐसे में किसान फसल नही उगा सकते इसलिए उन्हें बरसात के मौसम का इन्तजार रहता है ताकि खेती करके अच्छी फसल उगा सकें और साल भर के लिए अनाज का प्रबंध कर सकें।

वर्षा ऋतु का महत्त्व

सभी ऋतुओं में वर्षा ऋतु का अपना एक अलग महत्व है। जैसा की हम सब को पता है की जल के बिना जीवन सम्भव नही है, अगर बरसात नही होगी तो पानी की कमी हो जाएगी और अकाल भी पड़ सकता है इससे जन-जीवन पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है।

हमारा देश कृषि प्रधान देश है, और बिना वर्षा के खेती करना बहुत मुश्किल है। यही वजह है की जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो किसान खुश हो जाते हैं क्योंकि इससे खेतों पर पानी की कमी पूरी हो जाती है।

वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी कहा गया है। वर्षा ऋतु के अपने फायदे भी हैं तो कुछ नुकसान भी जैसे इस मौसम में मच्छर, कीड़े-मकोड़े आदि भी पैदा होते हैं और बीमारियाँ फैलने का खतरा भी रहता है। अधिक वर्षा होने पर बाढ़ का खतरा बना रहता है। लेकिन इन सब के बावजूद यह ऋतु सम्पूर्ण जीव जगत के लिए जीवनदायिनी है।

वर्षा ऋतु पर निबंध – 300 शब्द

भारत में ग्रीष्म ऋतु की चिलचिलाती हुई गर्मी जून तक रहती है, इसके बाद वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है और यह सुहाना मौसम सितम्बर रहता है। वर्षा की फुहारें बेहद आनंददायक और सुकून देने वाली होती हैं। इंसानों से लेकर हर जीव जंतु तो इस मौसम का इंतजार रहता है।

इस मौसम में बादलों में काली-भूरी घटायें छा जाती हैं और जब मौसम साफ़ हो जाता है तो पूरा आसमान नीला और मनमोहक दिखाई देने लगता है। और हाँ इन्द्रधनुष को हम कैसे भूल सकते हैं, सात रंगों वाला यह मनमोहक दृश्य सिर्फ सिर्फ इसी मौसम में ही तो दिखाई देते हैं। पूरी धरती हरी-भरी हो जाती है, मिटटी से सौंधी-सौंधी खुशबू, पक्षियों की चहचाहट मन मोह लेती हैं।

वर्षा ऋतु की विशेषताएं

खेती करने लिए बरसात का मौसम ही अनुकूल होता है क्योंकि गर्मी में जल स्तर कम होने और जलाशय के सूखने के बाद इसी ऋतू में सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध हो पाता है। वर्षा ऋतू सिर्फ इंसानों के लिए ही फायदेमंद नही है इससे सूखे हुए पेड़-पौधों और गर्मी से व्याकुल पशु पक्षियों में भी नई जान आ जाती है।

इस मौसम में जंगलों का नजारा बेहद अनोखा होता है, आपने मयूर के बारे में तो सुना ही होगा काले बादल जब छाते हैं तो ये अपने खूबसूरत पंखों को फैलाकर नृत्य करते हैं, गर्मी में बेहाल और प्यासे जानवर पहली बारिश से ही राहत महसूस करते हैं।

वर्षा ऋतु से लाभ और हानि

वर्षा ऋतु में खेतों में हरियाली आ जाती है, बीजों से अंकुरण निकल आता है, किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। धरती का जल स्तर भी बढ़ जाता है इससे पानी की कम दूर हो जाती है। अगर वर्षा ऋतु न आये तो हमारे पास अनाज की कमी हो जाएगी जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

बेशक वर्षा ऋतु का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है, लेकिन फायदों के साथ-साथ इस मौसम के कुछ नुकसान भी हैं। अत्यधिक बारिश होने से बाढ़ आ सकता है नदी नालों में उफान आ जाता है। गावों से लेकर शहर तक जलमग्न हो सकते हैं इससे जानमाल की बहुत हानि होती है।

वर्षा ऋतु पर निबंध -400 शब्द | Essay on Rainy Season in Hindi

भारत में छः ऋतुएं आती हैं जिनमे से वर्षा ऋतु का अपना एक खास महत्त्व होता है। वर्षा ऋतु को ऋतुओं की रानी भी कहा जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु का समय जुलाई से सितम्बर तक होता है।

मुख्य रूप से सावन का महिना ऐसा समय होता है जब मानसून सबसे अधिक सक्रिय हो जाता है। जून की झुलसा देने वाली गर्मी और गर्म हवाओं से राहत तभी मिलती है जब वर्षा की फुहारें धरती पर पड़ती हैं। धरती की प्यास बुझ जाती है, सूखे हुए पेड़ पौधों को नया जीवन मिल जाता है, तालाब, नदी नाले और जलाशय पानी से भर जाते हैं।

बरसात का मौसम जब आता है तो चारो ओर हरियाली छा जाती है, चिड़िया चहचहाने लगते हैं, मेंढक टर्राने लगते हैं, जंगली-जानवर भी चैन की सांस लेते हैं मानो सभी जीव-जंतुओं को इसी मौसम का बेसब्री से इन्तजार रहता है। पपीहे की पीहू-पीहू बहुत ही प्यारी लगती है, रात में जुगनू भी दिखाई देते हैं और झींगुर की झंकार भी सुने देती है ऐसा लगता है मानो सम्पूर्ण प्रकृति बोल उठी हो।

वर्षा ऋतु में आने वाले त्योहार

वर्षा ऋतु तीज-त्योहारों का भी मौसम है इस समय भारत में कई सारे त्यौहार मनाये जाते हैं जैसे:

  • रक्षाबंधन – यह भाई-बहन के प्यार को दर्शाने वाला हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है।
  • तीज – यह हिन्दू महिलाओं द्वारा अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखा जाने वाला व्रत है।
  • जन्माष्टमी – कृष्ण जन्मोत्सव का यह त्यौहार हिन्दुओ द्वारा पूरे देश में मनाया जाता है।
  • श्री कृष्ण जयंती – यह भी समूर्ण भारत में मनाया जाता है।
  • ईद उल जुहा – यह मुसलमानों का एक प्रमुख त्यौहार है।
  • प्रकाश वर्ष – पंजाब में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है।
  • मुहर्रम – यह सिया मुस्लिमों का प्रमुख त्योहार है।
  • ओणम – यह केरल का प्रमुख त्योहार है।
  • गणेश पूजा – इसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है।

वर्षा ऋतु के लाभ

  • ग्रीष्म ऋतु की असहनीय गर्मी को कम करता है और वातावरण में ठंडक आ जाती है।
  • खेती के लिए अनुकूल मौसम बनता है और किसानो को सिंचाई के लिए पानी मिल जाता है।
  • सूखे हुए नदी-नाले, तालाब और पोखर पानी से भर जाते हैं।
  • वर्षा जल का संचयन करके पूरे वर्ष के लिए पानी बचाया जा सकता है।
  • भू-जल स्तर में भी सुधार होता है।
  • पर्यावरण हरा-भरा हो जाता है।
  • गाय-भैंस और जानवरों के लिए हरे चारे का प्रबंध हो जाता है।

वर्षा ऋतु से हानि

  • मिटटी गीली हो जाती है जिससे कीचड और गन्दगी फ़ैल जाती है।
  • अधिक बारिश से आवागमन में परेशानी होती है।
  • बाढ़ का खतरा रहता है।
  • संक्रामक रोग फैलने का खतरा रहता है।
  • छोटे-छोटे गड्ढों में पानी जमा हो जाते हैं जहाँ मच्छर पैदा हो जाते हैं।

आपको यह वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay on rainy season in Hindi) कैसी लगी हमें कमेंट करके जरुर बताएं। वर्षा ऋतु पर निबंध for class 1, class 2, class 3, class 4, class 5 से class 10 तक के बच्चे इसे लिख सकते हैं। हमने इस आर्टिकल में वर्षा पर 100 शब्द से 400 शब्दों में निबंध लिखें हैं और ये आपके जरुरत के अनुसार अलग-अलग परीक्षाओं और प्रतियोगिताओं में आपके काम आ सकते हैं।

  • सभी ऋतुओं के नाम
  • ग्रीष्म ऋतु पर निबंध
  • 10 Lines on Winter Season in Hindi
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It was an incredible essay. Especially, I like the essay on vasra ritu in 250 words.

Thank you Piyush

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वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi) | Varsha Ritu Par Nibandh

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वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)- हर साल हम सभी को वर्षा ऋतु (Rainy Season) का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे बारिश का मौसम पसंद न हो। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई बारिश के मौसम का स्वागत करना, उसका आनंद उठाना और उससे प्यार करना बखूबी जानता है। किसी को बरसात के मौसम में घूमना पसंद होता है, तो किसी को बरसात में भीगना अच्छा लगता है। वर्षा ऋतु के मौसम में पेड़-पौधों पर हरियाली की सुंदरता भी और बढ़ जाती है। इंसान ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी भी वर्षा ऋतु के आगमन से प्रसन्न हो उठते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)

अगर आप वर्षा ऋतु (Varsha Ritu) के बारे में जानना चाहते हैं, तो parikshapoint.com आपके लिए वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लेकर आया है। इस पोस्ट से आप Varsha Ritu Essay In Hindi पढ़ सकते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में (Rainy Season Essay In Hindi) पढ़कर जान सकते हैं कि वर्षा ऋतु कब आती है और वर्षा ऋतु का क्या महत्त्व है। हमनें Varsha Ritu In Hindi Essay एकदम सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में लिखा है, ताकि हर वर्ग के लोग हमारे इस Varsha Ritu Nibandh In Hindi को आसानी से समझ सकें।

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बच्चों को स्कूलों में अकसर निबंध प्रतियोगिता में Essay About Rainy Season In Hindi लिखने के लिए दे दिया जाता है, जिसमें वह Varsha Ritu Nibandh लिखते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए गए Varsha Ritu Par Nibandh Hindi Mein पढ़कर वर्षा ऋतु के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपना एक बेहतर Essay In Hindi On Varsha Ritu लिखकर दिखा सकते हैं। इस पेज से आप Essay In Hindi On Rainy Season के साथ-साथ वर्षा ऋतु पर 10 लाइन भी पढ़ सकते हैं। Hindi Essay On Varsha Ritu पढ़ने के लिए नीचे देखें।

वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में (Rainy Season Essay In Hindi)

भारत में वर्षा ऋतु एक बेहद ही महत्वपूर्ण ऋतु मानी जाती है। जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है, तो हर तरफ खुशियों का माहौल छा जाता है। वर्षा ऋतु के आने पर बच्चों में एक अलग ही उमंग देखने को मिलती है। पर्यावरण के लिए वर्षा बहुत जरूरी होती है। वर्षा हमारे लिए ही नहीं पृथ्वी के लिए भी बहुत जरूरी है। भारत में वर्षा किसानों के लिए एक वरदान है क्योंकि उनकी फसल की बुआई और सिंचाई वर्षा पर ही निर्भर रहती है। अगर यही वर्षा देर से आए, तो उनकी फसल खराब होने की संभावना रहती हैं। हर किसी ने बारिश के पानी में कागज से बनी हुई नाव के साथ खेलते हुए बच्चों का सुन्दर दृश्य जरूर देखा होगा।

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वर्षा ऋतु का आगमन

वर्षा ऋतु का आगमन श्रावण माह से शुरू होता है और भादो माह तक रहता है। अंग्रेजी भाषा में इसे जुलाई से सितंबर तक के महीने को कहा जाता हैं। वर्षा ऋतु में चारों तरफ आपको हरियाली नज़र आयेगी। वर्षा ऋतु को मानसून भी कहा जाता है। इस मौसम में बरसात सबसे ज्यादा होती है। आपको हर तरफ पानी ही पानी नजर आएगा। पेड़ों पर हरे-भरे पत्ते, आम के फलों से लदे पेड़, उस पर चिड़ियों का बैठकर चहचाना, ये मनमोहक दृश्य आपको वर्षा ऋतु के आगमन का संदेश देता है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु एक ऐसी ऋतु है जो सबको अपनी तरफ आकर्षित करती है। चाहे वो मनुष्य हों, पेड़-पौधे हों या पशु-पक्षी हों। गांव के खेतों में लहराते धान को देखकर वर्षा ऋतु की जो मनमोहक प्रस्तुति हमारे मन में उत्पन्न होती है उसे शब्दों में बयां कर पाना शायद ही किसी के लिए आसान हो। इस मौसम में धान के अलावा और भी फसलों का उत्पादन किया जाता है। जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है।

उत्पादन में अधिक वृद्धि- अगर सही समय पर वर्षा ऋतु का आगमन हो जाए, तो किसानों के खेतों के लिए काफी लाभदायक होता है जिसे निम्नलिखित तरीकों से बताया गया है।

  • सिंचाई के लिए किसी अन्य साधन पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
  • वर्षा ऋतु में एक से ज्यादा फसलों का उत्पादन।
  • सिंचाई के पैसों की बचत।
  • वर्षा का पानी धान के पौधों को मजबूत करने का काम करता है।

छोटे जीव-जंतु को राहत- जून के माह में भीषण गर्मी पड़ती है जिसके कारण छोटे-छोटे जीव-जन्तु परेशान हो जाते हैं। जुलाई के माह में जब बारिश होती है, तो उनको राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु का उद्देश्य

वर्षा ऋतु का उद्देश्य है जीवन के चक्र को चलाना तथा उसे नया रूप देना। वर्षा ऋतु 3 से 4 महीने रहती है और फिर चली जाती है। वर्षा ऋतु में ठंडी-ठंडी हवाएं चलती हैं, पेड़ों पर नए-नए पत्ते निकलने शुरू हो जाते हैं, जमीन पर छोटी-छोटी नई घास की चादर बिछ जाती है। बारिश की पहली बूंद जब धरती पर गिरती है, तो जमीन से निकलने वाली खुशबू आप का मन मोह लेगी। वर्षा ऋतु में त्योहारों का आगमन और किसानों में एक अलग जोश के साथ खेती करना उत्साह देखा जा सकता है। वर्षा से हमें गर्मी से राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु के लाभ

बारिश हमारे और हमारे देश के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। वर्षा ऋतु के लाभ निम्नलिखित हैं-

पानी को इकट्ठा करने का समय-

वर्षा ऋतु ही एक ऐसा मौसम है जहां हम वर्षा के पानी को इकट्ठा करके रखने में सक्षम हो सकते हैं। इसलिए हमें चाहिए कि हम तालाब, नहर, कुएं, गड्ढे आदि जगह पर पानी को इकट्ठा करके रख ले और बाद में इसका उपयोग हम खेत की सिंचाई, पेड़ों को पानी देना आदि जैसी चीजों के लिए करें।

पानी कम खर्च करने का सुनहरा मौका होती है वर्षा ऋतु-

वर्षा ऋतु में हम पानी का सबसे कम उपयोग कर सकते हैं क्योंकि बारिश के कारण पेड़-पौधे को अपने आप ही पानी मिल जाता है। तो हमें उन्हें पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे में आप पानी की बचत भी कर सकते हैं।

पंखे, कूलर और एसी का कम से कम प्रयोग-

वर्षा ऋतु में हम पंखे, कूलर और एसी का कम से कम प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि वर्षा ऋतु में मौसम ठंडा रहता है।

वर्षा ऋतु से हानि या समस्या

बाढ़ की संभावना–

लगातार तेज बारिश होने के कारण लोगों को बाढ़, सुनामी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा है।

बारिश से फसल का नुकसान–

तेज बारिश होने की वजह से किसानों की फसल को काफी नुकसान भी होता है जिसके कारण उनकी साल भर की मेहनत खराब जाती है।

फसल खराब होने से अनाज उत्पादन में गिरावट–

तेज बारिश के कारण किसानों का अनाज खराब हो जाता है, तो उनके द्वारा खेतों में लगाई गई लागत तक नहीं निकल पाती है, जिसके कारण किसान वर्ग के लोगों को काफी निराशा झेलनी पड़ती है। और बाजार में फसल कम दाम पर बिकती है।

संक्रामक/वायरस फैलने का डर–

वर्षा ऋतु में हर जगह पानी भर जाता है जिसके कारण बच्चों और बड़ों में वायरस फैलने का भय बना रहता है, जैसे सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार, एलर्जी आदि।

प्रकृति पर वर्षा का प्रभाव–

तेज वर्षा के कारण पेड़-पौधे गिर जाते हैं जिसके कारण प्रकृति को भी नुकसान होता है।

लोगों की  मृत्यु–

तेज बारिश के कारण चलती हुए सड़कों पर अचानक पेड़ गिरने से सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में इजाफा देखा जा सकता है, जिसका मुख्य कारण वर्षा है।

वर्षा ऋतु में बचाव हेतु बातें

  • वर्षा ऋतु में आप घर में ही रहें।
  • वायरस से बचने के लिए घर को साफ-सुथरा रखें।
  • बाहर के खाने की चीजों से बचें।
  • स्वच्छ जल का प्रयोग करें।
  • वर्षा ऋतु के मौसम में आपको गेहूं, दही, अंजीर, खजूर और छाछ का सेवन करना चाहिए।
  • वर्षा ऋतु में अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं।
  • घर से निकलने वाले कूड़े-कचरे को नदी, नालों में ना फेंके।
  • कुछ मामूली सी सावधानियां बरतकर हम सभी हैजा जैसे भयंकर रोग से बचाव कर सकते हैं।
  • आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप गंदे पानी को ना पिएं।
  • अगर आपको डायरिया जैसी बीमारी का एहसास हो, तो आपको तुरंत जीवन रक्षक घोल का सेवन करना चाहिए।
  • जीवन रक्षक घोल आपके शरीर में पानी की कमी को पूरा करने का काम करता है।
  • इस घोल के पैकेट को आप वर्षा ऋतु के मौसम में जरूर अपने घरों में लाकर रखें।
  • वर्षा ऋतु में आप कभी भी छोटे बच्चों को बोतल से दूध ना पिलाएं।
  • अगर किसी छोटे बच्चे को दस्त होने लगें, तो उसे तुरंत मां का दूध पिलाएं या फिर डॉक्टर के पास ले जाएं।
  • वर्षा ऋतु में पशुओं में भी अनेक बीमारी उत्पन्न होने का खतरा बना रहता है। इसलिए छोटे बच्चों को पशुओं से संबंधित दूध को जांच करने के बाद ही पिलाएं।
  • वर्षा ऋतु में ज्यादा से ज्यादा हरी और रंगीन सब्जियों का सेवन करें।
  • वर्षा ऋतु के मौसम में मांसाहारी चीजों को खाने से बचें क्योंकि यह उनके प्रजनन का मौसम होता है।
  • वर्षा ऋतु सुहाना मौसम होता है इसलिए आपको स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
  • इस मौसम में आपको कालरा, डायरिया का खतरा अत्यधिक बढ़ जाता है।
  • इस मौसम में आपको संक्रामक बीमारियां फैलती हैं, जिसके लिए आपको दिनचर्या के तरीके में थोड़े बदलाव की जरूरत है। ऐसे में आप बीमारियां होने से बचाव कर पाएंगे।
  • पानी को आप जब भी पिएं उबालकर ही पिएं।
  • कटे फल, सब्जियां आदि को खुला बिल्कुल ना रखें।
  • साफ-सुथरे बर्तन का ही प्रयोग करें।
  • फलों को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से धो लें।
  • सब्जियों को पकाने से पहले उन्हें धोकर सुखा लें।
  • वर्षा ऋतु में बचे हुए भोजन का प्रयोग ना करें।
  • पत्तेदार सब्जियों के प्रयोग से बचें।

हमारे शरीर में खानपान के अलावा भी मौसम का प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमें चाहिए कि हम मौसम के अनुकूल भोजन और फलों का इस्तेमाल करें, जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक ना हो। वर्षा ऋतु में हमें ज्यादा ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहें तथा नियमित रूप से व्यायाम करें, इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता तेज होगी। बारिश होने पर आप छाता या टोपी का इस्तेमाल जरूर करें ताकि बारिश के पानी से आपके बालों को कोई नुकसान ना हो।

वर्षा ऋतु संसार के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। इसे हम अपनी जीविका के साधन के रूप में देख सकते हैं। जैसे पानी के बिना नदी का कोई मोल नहीं होता है ठीक वैसे ही बारिश के बिना इंसान और प्रकृति का भी कोई मोल नहीं होता है।

वर्षा ऋतु पर छोटा निबंध

वर्षा ऋतु प्रकृति के सौंदर्य को दर्शाने वाली ऋतु है। प्रकृति में ऋतुओं के बदलाव से वर्षा ऋतु का आगमन होता है जिसके बाद ही वर्षा होती है। इसीलिए हमें चाहिए कि हम प्रकृति की रक्षा करें और उनका कम से कम दोहन करें। अगर हम प्रकृति की रक्षा नही करेंगे, तो एक दिन हम विनाश की ओर बढ़ जाएंगे। वर्षा ऋतु में हर साल होने वाली बारिश की मात्रा में कमी आ रही है। वर्षा ऋतु परिवर्तन का सबसे बड़ा कारण है पेड़ों की कटाई। लोग लगातार अंधाधुंध पेड़ों की कटाई करते जा रहे हैं, जिसके चलते बारिश कम होती जा रही है।

पेड़ों को लगाने का सही समय वर्षा ऋतु ही माना जाता है। इस मौसम में नए-नए पेड़ों को लगाया जाता है ताकि उनका सही से विकास हो सके। छोटे पेड़ों को लगाने का उद्देश्य होता है उन्हें भरपूर वर्षा का पानी मिले जिससे वह मजबूत हो जाएं। वर्षा ऋतु को सुहावना मौसम भी कहा जाता है क्योंकि इस मौसम में लोग घूमने के लिए ज्यादातर बाहर जाते हैं। इस मौसम में चारों तरफ आकर्षित करने वाली चीजें ही आपको देखने को मिलेंगी। इस मौसम में सभी को राहत की सांस और सुकून मिलता है। इस मौसम में आपको सात रंगों वाला इंद्रधनुष भी दिखाई पड़ता है, जो बहुत ही सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। वर्षा ऋतु में सफेद, भूरे और काले बादलों को घूमते हुए आपने जरूर देखा ही होगा, जिसे बच्चे देखकर बहुत खुश होते हैं।

वर्षा ऋतु ना सिर्फ अपने साथ खुशियां लेकर आती है बल्कि बहुत सारी कठिनाइयां भी लेकर आती है। बरसात होने पर जगह-जगह सड़कों और गड्ढों में पानी भर जाता है जिसके कारण लोगों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और सुनामी आपदाएं जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

वर्षा ऋतु में आने वाली समस्याएं-

  • वर्षा ऋतु में लोग घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं।
  • वर्षा ऋतु परिवर्तन में कुछ लोग अपने आप को ढाल लेते हैं, तो वहीं कुछ लोग इस मौसम में बीमार पड़ जाते हैं।
  • ऋतु परिवर्तन का प्रभाव मनुष्य के साथ-साथ पेड़-पौधों पर भी पड़ता है।
  • तेज वर्षा होने के कारण कमजोर पेड़ गिरकर टूट जाते हैं।
  • वर्षा ऋतु परिवर्तन से पेड़ों को बहुत नुकसान होता है।
  • तेज बारिश के चलते फसलें गल जाती हैं या खराब हो जाती हैं।
  • इस मौसम में बहुत सारे जीव-जंतु, कीड़े-मकोड़े बाहर निकल कर आने लगते हैं, जिसके कारण लोगों को खतरा बढ़ जाता है।

इस मौसम में आकाश बहुत साफ, चमकदार और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है। वर्षा ऋतु में आसमान बहुत अच्छा दिखाई पड़ता है, ये दृश्य आपका मन मोह लेता है। वर्षा और मनुष्य का एक दूसरे से गहरा रिश्ता है। अगर पेड़-पौधे ही ना हों, तो वर्षा ऋतु का आगमन काफी देर से होगा।

वर्षा ऋतु पर 10 लाइन

  • भारत में वर्षा ऋतु एक महत्त्वपूर्ण ऋतु है।
  • वर्षा ऋतु का आगमन जून के महीने में हो जाता है।
  • वर्षा ऋतु किसान वर्ग के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  • वर्षा ऋतु बच्चों के साथ-साथ बड़ों की भी पसंदीदा ऋतु है।
  • वर्षा ऋतु उत्साह और उमंग लेकर आती है।
  • वर्षा ऋतु धान की खेती के लिए सबसे अच्छी ऋतु मानी जाती है।
  • वर्षा ऋतु पानी इकट्ठा करने का सबसे अच्छा स्रोत है।
  • वर्षा ऋतु में आप तरह-तरह के फलों का आनंद ले सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु लोगों को जून की तपती गर्मी से राहत दिलाने आती है।
  • वर्षा ऋतु को हरियाली के लिए भी जाना जाता है।

वर्षा ऋतु से संबंधित कुछ प्रश्न (FAQ’s)

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प्रश्न- वर्षा ऋतु के फायदे क्या हैं?

उत्तरः वर्षा होने के कारण अच्छी फसल उगती है, जिसके चलते बाजार में किसान वर्ग को अच्छे पैसे मिलते हैं। वर्षा होने के कारण जामुन जैसे फल जल्दी पकने लगते हैं।

प्रश्न- वर्षा ऋतु से होने वाले हानियों का वर्णन करें ?

उत्तरः वर्षा ऋतु में लोगों को वायरस फैलने का खतरा बना रहता है और आपदा जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु से फैलने वाले वायरस का नाम बताइए ?

उत्तरः सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार, एलर्जी आदि।

प्रश्न- वर्षा ऋतु में कौन-कौन सी फसल उगाई जाती है ?

उत्तः वर्षा ऋतु में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग, उड़द, कपास, मूंगफली, सोयाबीन आदि फसलों को उगाया जाता है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु में ही पेड़ों को लगाने के लिए क्यों सबसे अच्छा ऋतु माना जाता है ?

उत्तरः वर्षा ऋतु में पेड़ों को इसलिए लगाया जाता है ताकि उन्हें वर्षा का जल मिल सके। वर्षा जल के कारण ही पौधे में मजबूती आ जाती है और वह आसानी से उग जाते हैं।

प्रश्न- वर्षा ऋतु कब आती है?

उत्तरः वर्षा ऋतु जून या जुलाई में आकर सितंबर तक रहती है।

प्रश्न- वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?

उत्तरः वर्षा ऋतु हमें भीषण गर्मी से राहत देने का काम करती है।

वर्षा ऋतु पर निबंध लिखते समय ध्यान रखने वाली आवश्यक बातें

  • वाक्य छोटे हों।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए।
  • निबंध पढ़ते समय लोगों को उबाऊ नहीं लगना चाहिए।
  • वर्षा ऋतु में आप कविता का भी प्रयोग कर सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने से पहले आप किन-किन बिंदुओं का उल्लेख करने वाले हैं इसका पता आपको पहले ही होना चाहिए ताकि लिखते समय आप जल्दी से अपना निबंध पूरा कर सकें।
  • ऐसे शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए जिसका अर्थ आपको मालूम ना हो ।
  • निबंध को हमेशा हेडिंग के साथ लिखें। इससे आपका निबंध और ज्यादा आकर्षक दिखेगा।
  • अपने निबंध में आप वर्षा ऋतु से संबंधित चित्रों को भी लगा सकते हैं।
  • वर्षा ऋतु पर निबंध लिखते समय ज्यादा से ज्यादा सृजनात्मक लेखन का ही प्रयोग करें।

वर्षा ऋतु के निबंध में हमने काफी सारे बिंदुओं के बारे में विस्तार से चर्चा की है। आप इसे पढ़कर काफी जानकारी हासिल कर सकते हैं जैसे हम वर्षा ऋतु में कौन-कौन से तरीकों का उपयोग करके संक्रामक बीमारियों से बच सकते हैं। वर्षा ऋतु से संबंधित निबंध लिखने का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में जानें। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह हिंदी में निबंध (Essay In Hindi) ज़रूर पसंद आया होगा और आपको इस निबंध से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारी भी मिल गई होंगी। इस निबंध को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)

वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)

In this Article

वर्षा ऋतु पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Rainy Season In Hindi)

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वर्षा ऋतु बहुत सुहाना होता है। इसे ‘मानसून सीजन’ भी कहते है। इस मौसम में पूरा शहर काले बादलों से घिरा होता है, ठंडी हवाएं चलती हैं और कभी-कभी हवाएं आंधी का भी रूप ले लेती हैं। वर्षा ऋतु आने से लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिलती है। देश में वर्षा ऋतु की शुरुआत जून महीने से होती है और यह लगभग सितम्बर तक चलता है। इस मौसम से सिर्फ इंसानों को ही नहीं जानवरों और पक्षियों को भी राहत मिलती है। बरसात का ये मौसम किसानों के लिए महवत्पूर्ण माना जाता है, क्योंकि अच्छी फसल के लिए बरसात बहुत जरूरी है और देश के कई हिस्सों में किसान अपनी फसल के लिए बारिश के पानी पर निर्भर रहते हैं। गर्मी की वजह से कई नदियां, तालाब और जंगल सूखे पड़ जाते हैं, जिससे वहां रहने वाले लोगों और जीवों को परेशानी झेलनी पड़ती है। लेकिन बरसात के बाद यह नदियां, तालाब फिर भर जाते हैं और पेड़-पौधे भी हरे-भरे लगने लगते हैं। वर्षा ऋतु का मजा हर कोई अपने-अपने तरीके से लेता है। कुछ बाहर जाकर इसका आनंद उठाते हैं और वहीं कुछ घर पर ही अपने फैमिली के साथ खुशनुमा पल बिताते हैं। बच्चों को यह मौसम बहुत पसंद होता है और उनके पास इस दौरान करने के लिए भी बहुत कुछ होता है। बच्चों को अगर वर्षा ऋतु पर एक छोटा या बड़ा लेख या मानसून पर अनुच्छेद लिखने को मिले तो यहाँ बहुत ही सिंपल तरीके से बताए गए वर्षा ऋतु पर एस्से दिया है, यह आपकी पूरी मदद करेगा।

बारिश का मौसम अपने साथ कई खुशियां लेकर आता है। यह मौसम बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी बहुत पसंद होता है। कभी-कभी बच्चे इस मौसम के अनुभवों को पेपर में निबंध के तौर पर लिखने की कोशिश करते हैं। नीचे दी गई वर्षा ऋतु की 10 लाइने इसमें उनकी मदद कर सकती हैं।

  • वर्षा ऋतु बहुत सुहावना लगता है।
  • इस मौसम में आसमान में काले बादल छाए रहते हैं।
  • बरसात का मौसम भीषण गर्मी में राहत दिलाता है।
  • कृषि प्रधान देश होने की वजह से यहां वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है।
  • वर्षा ऋतु में चारों ओर हरियाली फैल जाती है।
  • वर्षा के दिनों में हमें उमंग और खुशी का एहसास होता है।
  • बच्चे बारिश में खेलते हैं और कागज की नाव बनाते हैं।
  • बारिश के बाद किसान अपने खेतों में बीज बोने के लिए तैयार हो जाते हैं।
  • इस मौसम में पेड़ों पर रंग-बिरंगे फूल खिलने लगते हैं।
  • वर्षा ऋतु में सूखे तालाब और नदी फिर से भर जाते हैं।

ऐसे बहुत कम लोग होंगे जिन्हे बारिश नहीं पसंद होगा, हर कोई इसका मजा अपने तरीके से लेते हैं। लेकिन बच्चों में इसको लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। वर्षा ऋतु पर 200-300 शब्दों वाले इस निबंध से जानते हैं आखिर इसमें ऐसा क्या खास है:

वर्षा ऋतु यानी बारिश का मौसम। वर्षा ऋतू भारत में जून महीने में आती है और अपने साथ ढेर सारी खुशियां और उमंग लेकर आती है। किसानों के लिए तो मानो यह एक आशीर्वाद की तरह होती है। बरसात, मौसम को ठंडा और सुहावना बना देती है और एक अलग ही प्रकार का सुकून साथ में लाती है। आसमान चारों तरफ से काले बादलों से घिरा हुआ होता है, चारों तरफ ठंडी हवा, बारिश की वो पहली बूंद शरीर में एक नई जान डाल देती है। बरसात का मौसम भीषण गर्मी से जूझते हुए लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होता है। मानसून हर साल आता है और चारों तरफ हरियाली और खुशियां बिखरने लगती हैं। अप्रैल और मई की गर्मी को झेलते हुए लोग इस मौसम का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह मौसम लोगों को गर्मी से राहत दिलाने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। हमारे देश में कृषि का बहुत अधिक महत्व है और किसानों को बेहतर फसल के लिए बारिश चाहिए होती है। इसमें बरसात का मौसम अहम भूमिका निभाता है। सूखे पड़े पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं, खेत फसलों से भर जाते हैं, सूखे नदी-तालाब फिर से भर जाते हैं। जानवर और पक्षी में बारिश की बौछार में झूम उठते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बारिश का मौसम आपके व्यक्तिगत जीवन पर भी असर डालता है। बारिश की पहली बूंद जब आप पर पड़ती है तो नीरस मन भी खुश हो जाता है। बच्चे भी इसका आनंद उठाते हैं। कुछ घर पर ही खिड़की के सामने बैठकर अपनी माँ से अच्छे-अच्छे पकवान बनवाकर बारिश का मजा लेते हैं। वहीं कुछ बच्चे बारिश में बाहर भीगने जाते हैं और बारिश बंद होने पर कागज की नाव बनाकर उससे खेलते हैं। बड़े भी अपने तरीके से इसका आनंद उठाते हैं। यह मौसम सिर्फ खुशियां ही नहीं बल्कि कई त्यौहार भी लेकर आता है, जैसे रक्षाबंधन, गणेश पूजा, स्वतंत्रता दिवस आदि। इस दौरान सावन का भी महीना लगता है।

बरसात का मौसम हमारे जीवन के लिए एक वरदान की तरह है। इसके महत्व को बच्चे हो या बड़े हर किसी को समझने की जरूरत है। वर्षा ऋतु पर विस्तार में बताए गए निबंध में को पढ़ें और बच्चो की भी पढ़ाएं। इससे उनकी जानकारी बढ़ेगी साथ ही उन्हें ऐसे निबंध लिखने में आसानी होगी।

बरसात का मौसम क्या है? (What Is the Rainy Season?)

मई-जून की भीषण गर्मी के वक्त जब आसमान में काले बादल छाने लगे, तेज और सर्द हवाएं चलने गए तो समझ लेना चाहिए जल्द ही मानसून आने वाला है। बरसात के इस मौसम में बारिश कभी भी होने लगती है पर वह पहले से ही इशारा दे देती है। धूप धीरे-धीरे कम हो जाती है और इसकी जगह बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई देती है। इसमें बारिश पहले बौछार के रूप में शुरू होती है, फिर धीरे-धीरे बूंदे बड़ी होने लगती है। इसके बाद लगातार तेज बारिश होती है। कई बार बारिश बंद होने पर हमे इंद्रधनुष भी दिखाई पड़ता है। यह मौसम सिर्फ हमारे मन को खुश नहीं करता है बल्कि वातावरण को और खूबसूरत बना देता है। जमीन की मिटटी पर पड़ने वाली बारिश की बूंदों की वजह से आने वाली सोंधी-सोंधी महक मन को शांत कर देती है। सूखे पेड़ हर-भरे हो जाते है, जिससे आस-पास का नजारा और सुंदर लगता है। ऐसे मौसम में सभी का मन प्रसन्न हो जाता है और गर्मी से राहत भी मिलती है।

वर्षा ऋतु का महत्व (Importance/Advantages Of Rainy Season)

हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए यहाँ वर्षा ऋतु का अलग महत्व होता है। बारिश कृषि अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाती है। अच्छी फसल के लिए किसान बारिश का इंतजार करते हैं। बारिश हमे सिर्फ जीवन और कृषि में मदद नहीं करती है बल्कि बिजली जैसे अहम संसाधन में भी मदद करती है। वर्षा ऋतु में बारिश की वजह से सभी डैम के पानी के स्तर को नियंत्रित किया जाता है ताकि बिना किसी रुकावट के बिजली का उत्पादन हो सके। इतना ही नहीं वर्षा ऋतु में लगातार होने वाली बारिश से धरती का तापमान नियंत्रित रहता है और गर्मी भी कम लगती है। ऐसा माना जाता है पृथ्वी पार जीवन को हमेशा बरकरार रखने के लिए बारिश जरूरी है। क्योंकि मनुष्य, जानवर, पक्षी और पेड़-पौधे सभी के लिए बारिश जरूरी है।

वर्षा ऋतु में क्या करें (Things To Do in Rainy Season)

  • बारिश का मौसम आने से पहले सारी तैयारी कर के रखें।
  • हमेशा छाता, रेनकोट आदि अपने पास रखें।
  • मौसम का आनंद लेने के लिए परिवार के साथ लॉन्ग ड्राइव पर जा सकते हैं।
  • घर पर स्वादिष्ट पकोड़ा और चाय के साथ मौसम का मजा लें।
  • दोस्तों के साथ बाहर बारिश में भींगे और कोई पसंदीदा खेल खेलें।
  • खिड़की के पास बैठकर किताब पड़ते हुए बारिश को एन्जॉय करें।
  • बच्चे अपने लिए कागज के नाव बनाकर बहार बारिश में चलाएं।
  • इस दौरान बेहतरीन यादों को तस्वीरों में कैप्चर करें।
  • परिवार के साथ मिलकर कोई अच्छी सी फिल्म देखें।
  • दोस्तों, रिश्तेदारों जिनसे बहुत दिनों से बात नहीं हुई उनसे बात करें।

वर्षा ऋतु से होने वाले नुकसान (Disadvantages Of Rainy Season)

  • देश में अधिक बारिश होने की वजह से कई जगह बाढ़ की संभावना बढ़ जाती है और सब बहुत नुकसान करती है।
  • उम्मीद से ज्यादा बारिश किसानों की फसलें खराब कर देती हैं और उनकी साल भर की मेहनत बर्बाद हो जाती है।
  • रोड पर खतरा बढ़ जाता है और तेज बारिश की वजह से कई दुर्घटनाएं होती हैं।
  • बारिश स्वास्थ्य पर भी असर डालती है, जिसकी वजह से सर्दी, जुखाम, खांसी आदि जैसी अन्य बिमारियों से हम घिर जाते हैं।
  • भयंकर बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है।
  • आसमान से बरसने वाले पानी की अधिकतम गति 18 से 22 मील प्रति घंटे होती है।
  • पृथ्वी पर बारिश की सबसे बड़ी बूंदें ब्राजील और मार्शल आइलैंड्स में 2004 में दर्ज की गई थी।
  • समुद्र तट पर होने वाली वर्षा खतरनाक होती है, इससे भयंकर तूफान और चक्रवात आने का खतरा अधिक होता है।
  • बारिश में बादल फटने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
  • बारिश के दौरान अधिकतर बादलों की ऊंचाई 1800 मीटर से 5500 मीटर तक होती है।
  • बारिश सिर्फ तरल रूप में ही नहीं बल्कि ओले और बर्फ जैसे ठोस रूप में भी धरती पर गिरती है।
  • केरल के कोट्ट्यम क्षेत्र में लाल रंग की बारिश होती है।
  • बारिश की बूंदों को आसमान से धरती तक पहुंचने में लगभग 2 मिनट लगता है।

बारिश का मौसम बहुत ही खूबसूरत मौसम होता है, जो की कई खुशियां लेकर आता है। इस मौसम के कुछ फायदें हैं तो वहीं कुछ नुकसान भी हैं। इस निबंध में यही बताने का प्रयास किया गया है कि बारिश का महत्व तब तक है जब तक वो जरूरत से ज्यादा नहीं होती है। ऐसे में बच्चे भी जानेंगे की बरसात का मौसम यानि की मानसून क्यों खास होता है और आने वाले वर्षा ऋतु के लिए उनको कैसे तैयारी कर के रखनी चाहिए।

1. भारत में सबसे ज्यादा बारिश किस जगह पर होती है?

भारत में मेघालय के मासिनराम में सबसे अधिक बारिश होने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है।

2. भारत में सबसे कम बारिश कहाँ पर होती है?

भारत में ‘लेह’ ऐसा स्थान है जहाँ सबसे कम बारिश होती है  लद्दाख में है।

3. भारत में सबसे पहली बारिश कहाँ पर होती है?

भारत में मानसून सबसे पहले अंडमान-निकोबार में शुरू होता है, उसके बाद केरल में बारिश शुरू होती है।

4. भारत के किस राज्य में ठंड के मौसम में बारिश होती है?

भारत का एक दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में सर्दी के मौसम में वर्षा होती है। यहाँ अक्टूबर से दिसंबर के बीच उत्तर-पूर्वी मानसून या “शीतकालीन मानसून” होता है।

5. पृथ्वी और भारत का सबसे गीला स्थान कौन सा है?

पृथ्वी और भारत का सबसे गीला स्थान मेघालय के मासिनराम को माना जाता है, यहाँ पर वर्षा ऋतु के दौरान औसत 11, 872 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।

6. वर्षा ऋतु कब शुरू होती है?

भारत में वर्षा ऋतु गर्मी के बाद जुलाई महीने से शुरू होकर सितम्बर तक चलती है।

7. बरसात के पहले कौन सा मौसम आता है?

भारत में वर्षा ऋतु के पहले गर्मियों का मौसम रहता है, जो मार्च से शुरू होकर जून तक रहता है।

8. वर्षा होने का क्या कारण है?

धरती पर मौजूद पानी जो महासागर, नदियों और झीलों व अन्य बड़े स्रोत से पाया जाता है, जब वो पानी सूर्य की गर्मी से वाष्प द्रवित होकर बादल बन जाते तब वर्षा होती है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध

class 4 essay on rainy season in hindi

By विकास सिंह

essay on rainy season in hindi

बरसात का मौसम लगभग सभी का पसंदीदा मौसम होता है क्योंकि यह बहुत गर्मी के मौसम के बाद आता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध, short essay on rainy season in hindi (100 शब्द)

मुझे बारिश का मौसम सबसे ज्यादा पसंद है। यह सभी चार सत्रों में मेरा पसंदीदा और सबसे अच्छा मौसम है। यह गर्मी के मौसम के बाद आता है, वर्ष का एक बहुत गर्म मौसम। बहुत अधिक गर्मी, गर्म हवा और त्वचा की समस्या के कारण मैं गर्मियों के मौसम में बहुत बेचैन हो जाता हूं। हालांकि बरसात का मौसम आते ही सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।

वर्षा ऋतु जुलाई के महीने (शवन का महीना) में आती है और तीन महीने तक रहती है। यह सभी के लिए भाग्यशाली मौसम है और हर कोई इसे प्यार करता है और इसका आनंद लेता है। इस मौसम में हम प्राकृतिक रूप से मीठे आमों को खाना पसंद करते हैं। हम इस मौसम में बहुत उत्साह के साथ कई भारतीय त्योहार भी मनाते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध, essay on rainy season in hindi (150 शब्द)

भारत में वर्षा ऋतु की शुरुआत जुलाई के महीने में होती है जब दक्षिण पश्चिम मानसून की हवाएँ बहने लगती हैं। हिंदी माह के अनुसार यह आषाढ़ और शावन में पड़ता है। सभी लोग इसका भरपूर आनंद लेते हैं क्योंकि ताजा हवा और बारिश के पानी के कारण वातावरण इतना साफ, ठंडा और स्वच्छ हो जाता है।

पौधे, पेड़ और घास इतने हरे हो जाते हैं और बहुत आकर्षक लगते हैं। सबसे गर्म गर्मी के लंबे समय के बाद प्राकृतिक जल प्राप्त करने की योजना और पेड़ों के लिए नए पत्ते पैदा हो रहे हैं। पूरा वातावरण चारों तरफ हरियाली का रूप देता है जो आंखों के लिए बहुत अच्छा है।

बरसात का मौसम मेरे पसंदीदा त्यौहार जैसे रक्षा बंधन , 15 अगस्त , तीज, दशहरा , इत्यादि लाता है। हम इस मौसम में बहुत सारे ताजे फल और अच्छी तरह से पके आम खाने का भी आनंद लेते हैं। मेरी माँ बहुत सारी स्वादिष्ट व्यंजन (जैसे कि पकौड़े, इडली, हलवा, चाय, कॉफी, सैंडविच, इत्यादि) पकाती हैं, जब बारिश होती है।

बारिश के मौसम पर निबंध, essay on rainy season in hindi (200 शब्द)

मुझे लगता है कि बारिश का मौसम सभी को पसंद है क्योंकि मुझे यह बहुत पसंद है। यह मुझे थोड़ा शांत और खुश महसूस कराता है। आखिरकार यह गर्मी के मौसम की लंबी अवधि के बाद आता है। भारत में लोग, विशेषकर किसान , इस मौसम की फसलों के कल्याण के लिए भगवान इंद्र की पूजा करते हैं। वर्षा-ईश्वर भारत में किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण देवता है।

बारिश का मौसम इस धरती पर सभी को नया जीवन देता है जैसे पौधे, पेड़, घास, पशु, पक्षी, इंसान आदि। सभी जीवित चीजें बारिश के पानी में भीग कर बारिश के मौसम का आनंद लेती हैं। मैं आमतौर पर बारिश के पानी में भीगने के लिए छत पर ऊपर की मंजिल पर जाता हूं। मैं और मेरे दोस्त बारिश के पानी में नाचते और गाते हैं। कभी-कभी हम बारिश के समय स्कूल या स्कूल की बस में बैठ जाते हैं और फिर हम अपने शिक्षकों के साथ आनंद लेते हैं।

हमारे शिक्षक हमें बारिश के मौसम पर कहानियाँ और कविताएँ सुनाते हैं, जिनका हम भरपूर आनंद लेते हैं। जब हम घर आते हैं, हम फिर से बाहर जाते हैं और बारिश में खेलते हैं। पूरा वातावरण हरियाली से भरा हो जाता है और यह स्वच्छ और सुंदर दिखता है। इस धरती पर हर जीवित वस्तु को बारिश का पानी मिलने से नया जीवन मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध, 250 शब्द:

भारत में वर्षा ऋतु जुलाई के महीने में शुरू होती है और सितंबर के अंत तक जारी रहती है। यह एक असहनीय तेज गर्मी के बाद हर किसी के जीवन में एक नई उम्मीद और बड़ी राहत लाता है। मनुष्य सहित पौधे, पेड़, पक्षी, जानवर इस मौसम का बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं और बारिश के मौसम का स्वागत करने के लिए तैयार हो जाते हैं। सभी को राहत और आराम की सांस मिलती है।

आकाश बहुत उज्ज्वल, साफ और हल्के नीले रंग का दिखता है और इंद्र धनुष का अर्थ है सात रंगों का वर्षा धनुष। पूरा वातावरण एक बहुत ही आकर्षक और सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। मैं आमतौर पर हरियाली के माहौल और अन्य चीजों को अपने कैमरे में कैद करने के लिए स्नैक्स लेता हूं। बादलों के सफेद, भूरे और गहरे काले रंग आसमान में भटकते दिखते हैं।

सभी पेड़ और पौधे नई हरी पत्तियों और लॉन से ढँक जाते हैं और खेत शानदार दिखने वाली हरी मखमली घास से ढक जाते हैं। सभी प्राकृतिक जल संसाधन जैसे गड्ढे, नदियाँ, तालाब, झील, खाई, आदि पानी से भर जाते हैं। सड़कें और खेल के मैदान पानी और कीचड़ से भरे होते हैं। बारिश के मौसम के बहुत सारे फायदे और नुकसान हैं। एक तरफ यह सभी को राहत देता है लेकिन दूसरी ओर यह विभिन्न संक्रामक रोगों से हमें बहुत डर भी देता है।

यह किसानों को फसलों की अच्छी खेती में मदद करता है, लेकिन यह पर्यावरण में विभिन्न बीमारियों को फैलाता है। कभी-कभी, यह त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक असुविधा का कारण बनता है। यह दस्त, पेचिश, टाइफाइड और अन्य पाचन तंत्र विकारों का कारण बनता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध, essay on rainy season in hindi (300 शब्द)

प्रकृति के लिए वर्षा ऋतु का महत्व:.

बारिश का मौसम हम सभी के लिए प्यारा मौसम होता है। आम तौर पर, यह जुलाई के महीने में शुरू होता है और सितंबर में समाप्त होता है। यह गर्म गर्मी के मौसम के बाद आता है। यह उन जीवित चीजों के लिए नई उम्मीदें और जीवन लाता है जो गर्मी के सूरज की गर्मी के कारण मृत हो जाते हैं।

यह मौसम अपने प्राकृतिक और शांत बारिश के पानी के माध्यम से बहुत राहत देता है। सभी तालाब, नदी और नाले पानी से भर जाते हैं जो गर्मी के कारण सूख गए थे। तो, यह पानी जानवरों को नया जीवन देता है। यह बगीचों में हरियाली लौटाता है और वापस हरा करता है। यह पर्यावरण को एक नया आकर्षक रूप देता है। हालांकि, यह इतना दुखद है कि यह केवल तीन महीने तक रहता है।

भारतीय किसानों के लिए वर्षा ऋतु का महत्व:

भारतीय किसानों के लिए वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है क्योंकि उन्हें अपनी फसलों की खेती के लिए वास्तव में अधिक पानी की आवश्यकता होती है। किसान आमतौर पर खेतों में आगे उपयोग के लिए बरसात के पानी को इकट्ठा करने के लिए कई गड्ढे और तालाब बनाते हैं। वर्षा ऋतु वास्तव में कृषकों के लिए भगवान से एक वरदान है।

वे वर्षा देव की पूजा करते हैं, अगर इसके बाद बारिश नहीं होती है और अंत में वे बारिश से धन्य हो जाते हैं। आकाश में बहुत सारे सफेद, भूरे और गहरे काले बादल दिखाई देते हैं, जो आकाश में यहाँ और वहाँ से चलते हैं। मानसून आने पर बादलों को चलाने में बहुत सारा पानी और बारिश होती है।

वर्षा ऋतु का मेरा पिछले वर्ष का अनुभव

बारिश का मौसम पर्यावरण में प्राकृतिक सुंदरता जोड़ता है। मुझे हरियाली बहुत पसंद है। मैं आमतौर पर अपने परिवार के साथ बारिश के मौसम का आनंद लेने के लिए बाहर जाता हूं। पिछले साल मैं नैनीताल गया था और अद्भुत अनुभव थे। बहुत धीरे-धीरे बारिश हो रही थी और हमें बहुत मज़ा आया। हमने नैनीताल में पानी के नौका विहार का भी आनंद लिया। पूरा नैनीताल अद्भुत नजारों से भरा दिख रहा था।

वर्षा ऋतु पर निबंध, long essay on rainy season in hindi (400 शब्द)

वर्षा ऋतु भारत के चार मुख्य मौसमों में से एक है। यह हर साल गर्मियों के मौसम के बाद विशेष रूप से जुलाई के महीने में और सितंबर में समाप्त होता है। आकाश में बादल तब बरसते हैं, जब मानसून होता है। गर्मी के मौसम में यह बहुत गर्म हो जाता है और महासागर, नदियों आदि जैसे जल संसाधनों से आकाश में वाष्प के रूप में ऊपर चला जाता है।

वाष्प आकाश में एकत्र हो जाते हैं और बादल बनाते हैं जो बरसात के मौसम में चलते हैं जब मानसून चल पड़ता है और बादल एक-दूसरे के घर्षण में आते हैं। यह गरजना, बिजली चमकना और फिर बारिश होना शुरू हो जाता है।

बारिश के मौसम के बहुत सारे फायदे और नुकसान हैं:

बरसात के मौसम के फायदे:

बारिश का मौसम सभी को पसंद आता है क्योंकि यह सूरज की तेज गर्मी से बहुत राहत देता है। यह पर्यावरण से सभी गर्मी को दूर करता है और सभी को ठंडा एहसास देता है। यह पौधों, पेड़ों, घासों, फसलों, सब्जियों आदि को ठीक से बढ़ने में मदद करता है।

यह जानवरों के लिए भी एक अनुकूल मौसम है, क्योंकि यह उन्हें चरने के लिए बहुत सारी हरी घास और छोटे पौधे देता है। और अंत में हमें दिन में दो बार ताजा गाय या भैंस का दूध मिलता है। नदी, तालाब और झील जैसे प्रत्येक प्राकृतिक संसाधन बारिश के पानी से भरे हुए हैं। पीने और बढ़ने के लिए बहुत सारे पानी मिलने से सभी पक्षी और जानवर खुश हो जाते हैं। वे मुस्कुराना, गाना शुरू करते हैं और आकाश में ऊंची उड़ान भरते हैं।

वर्षा ऋतु के नुकसान:

जब बारिश होती है, तो सभी सड़कें, योजना क्षेत्र और खेल के मैदान पानी और कीचड़ से भरे हो जाते हैं। इसलिए, हमें रोज़ाना खेलने में बहुत समस्याएँ आती हैं। बिना सूरज की रोशनी के, घर की हर चीज महकने लगती है। सही धूप की कमी की वजह से संक्रामक रोगों (जैसे वायरल, फंगल और बैक्टीरियल रोगों) के फैलने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।

बरसात के मौसम में, जमीन के कीचड़ भरे और संक्रमित बारिश के पानी को जमीन के अंदर पानी के मुख्य स्रोत से मिला दिया जाता है जिससे पाचन संबंधी विकार होने का खतरा भी बढ़ जाता है। बारिश के मौसम में बाढ़ का खतरा होता है अगर भारी बारिश होती है।

आखिरकार, बारिश का मौसम ज्यादातर सभी को पसंद आता है। यह हर जगह हरा दिखता है। पौधों, पेड़ों और लताओं को नए पत्ते मिलते हैं। फूल खिलने लगते हैं। हमें आकाश में एक सुंदर इंद्रधनुष देखने का एक बड़ा अवसर मिलता है। कभी-कभी सूरज अस्त हो जाता है और कभी-कभी बाहर आ जाता है, इसलिए हम सूरज की लुका-छिपी देखते हैं। मोर और अन्य वन पक्षी अपने पंख फैलाकर पूरे जोश में नाचने लगते हैं। हम स्कूल में और साथ ही घर में अपने दोस्तों के साथ पूरी बारिश के मौसम का आनंद लेते हैं।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Bahut hi badhiya essay

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वर्षा ऋतू पर निबंध हिंदी में | Essay on Rainy Season in Hindi

वर्षा ऋतू की जानकारी और निबंध – varsha ritu essay in hindi.

हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतू जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।

1 जून के करीब केरल तट और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मानसून सक्रिय हो जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु के अमूमन तीन या चार महीने माने गए हैं। दक्षिण में ज्यादा दिनों तक पानी बरसता है यानी वहां वर्षा ऋतु ज्यादा लंबी होती है जबकि जैसे-जैसे हम दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हैं तो वर्षा के दिन कम होते जाते हैं।

वर्षा ऋतू में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं। खेत फुले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। वर्षा ऋतू में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढ़ेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुफ्त उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

वर्षा ऋतु का आनंद लेने के लिए लोग पिकनिक मनाते हैं। गांवों में सावन के झूलों पर युवतियां झूलती हैं। वर्षा ऋतु में ही रक्षा बंधन, तीज आदि त्योहार आते हैं। यदि वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ भी आ जाती है जिससे बहुत नुकसान होता है। इस ऋतु में अनेक बीमारियां भी फैल जाती हैं। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।

मानव जीवन में जल का अत्यंत महत्व है। इसीलिए अच्छी वर्षा के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ और हरा भरा बना रहें। हमें वर्षा के जल को भी संचित करके रखना चाहिए ताकि हमें कभी सूखे का सामना ना करना पड़े।

वर्षा ऋतु हिंदी निबंध – Rainy Season Essay in Hindi

(बरसात पर निबंध हिंदी में Barsaat ke mausam par nibandh)

बारिश का मौसम हम सभी के लिए प्यारा मौसम होता है। यह जुलाई के महीने में शुरू होती है और सितंबर के अंत तक जारी रहती है। वर्षा ऋतु में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं।

वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आता है। आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है।

भारतीय किसानों के लिए वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है क्योंकि उन्हें अपनी फसलों की खेती के लिए वास्तव में अधिक पानी की आवश्यकता होती है। किसान आमतौर पर खेतों में आगे उपयोग के लिए बरसात के पानी को इकट्ठा करने के लिए कई गड्ढे और तालाब बनाते हैं। खेत फूले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। यह किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहता है लेकिन यह कई सारी संक्रमित बीमारियों को भी फैलाता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है। इसलिए हमें, आसपास साफ-सफाई में ध्यान देना चाहिए और बरसात में भींगने से बचना चाहिए ।

Q : वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?

Ans : वर्षा सभी जिव-जन्तुओ के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

Q : वर्षा ऋतु में कौन सी फसल बोई जाती है?

Ans : वर्षा के मौसम में बोई जाने वाली मुख्य फसलों में चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, तुर,अरहर, मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन शामिल हैं।

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हिंदी कोना

rainy season essay in hindi। वर्षा ऋतु पर हिंदी निबंध

rainy season essay in hindi

वर्षा ऋतू जिस ऋतू में पृथ्वी पे आकाश से जल बरसता है। यह जल पृथ्वी के जीवन चक्र में बहुत सहायक है। आज हम आपके लिए इस पोस्ट में rainy season essay in hindi ले कर आये है । वर्षा ऋतू पर निबंध को आप स्कूल और कॉलेज में इस्तेमाल कर सकते है । इस हिंदी निबंध को आप essay on rainy season in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

रैनी जिसे हम हिंदी में बरसात का मौसम या वर्षा ऋतु बोलते है। हम सभी इस मौसम से भली भांति वाकिफ है। यह मौसम की अलग ही पहचान है।बरसात हम सभी के जीवन मे उमंग उल्लास का भाव लाती है। बरसात में अलग अलग स्थानो पर अलग अलग समय बारिश होती है। कभी यह बारिश हल्की बूंदाबांदी के रूप में होती है। तो तभी तेज़ व ज़ोरदार होती है। बरसात के मौसम कि अलग ही पहचान होती है। अन्य किसी भी मौसम में से बरसात सबसे मनमोहक साबित होता है। सर्दी के मौसम में कड़ाके की ठंड होती है। गर्मी के मौसम में मनुष्य गर्मी का एहसास करता है। यह दोनों मौसम एक दूसरे के विपरीत है। परंतु बरसात में वातावण मनमोहक व शीतल होता है। जो हर किसी को बहुत पसंद आता है। बच्चों को , युवाओं को , बुज़ुर्गों को व हर उम्र के व्यक्ति को यह मौसम भांता है। एक शानदार लाइन है अंग्रेज़ी में, ” दिल गार्डन गार्डन हो गया ” ठीक इसी प्रकार का अनुभव इस मौसम में होता है। 

प्रस्ताव ना – बरसात का मौसम गर्मी के बाद आता है। इसे मानसून भी बोला जाता है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। मानसून को पावस भी बोला जाता है। मानसून दरअसल हिंदमहासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। देश मे व दुनिया में अलग अलग समय अलग अलग जगह बारिश होती है। बारिश का होना मौसम के अलावा हवाओं पर भी निर्भर करता है। बे ऑफ बेंगोल व अन्य सागर में हाई व लौ प्रेशर के कारण भी बारिश देखी जाती है। इसी वजह से हवा में नमी पैदा होती है। जब गर्म नम हवा, ठंडे और उच्च दबाव वाले वातावरण के संपर्क में आती है तब बारिश होती है. गर्म हवा अपने अंदर ठंडी हवा से ज्यादा पानी जमा कर सकती है। बारिश होने वातावरण पर निर्भर करता है। हर वर्ष जून से सितंबर में वर्षा का मौसम देखा जाता है। बारिश में एक और प्रकार देखा गया है। जिसे हम मूसलाधार बारिश के नाम से जानते है। यह स्वाभाविक नही होती। इसको प्राकृतिक आपदा भी बोल सकते है। 

वर्ष ा ऋतु का प्राकृतिक सौन्दर्य – बरसात में वातावरण की मधुरता का अंदाज़ा हम सभी लगा सकते है। हम सभी जानते है कि वातावरण मंत्रमुग्ध करने वाला प्रतीत होता है। इस वक़्त वातावरण अपने सुनहरे रूप में दिखाई देता है। साथ ही इसकी सुंदरता उमड़ कर सामने आती है। वातावरण की खूबसूरती, पेड़ पौधे हरे भरे और खिलखिलाए लगते है। किसी अन्य मौसम में यह पौधे जो मुरझाए से लगते हैं वह वर्षा में अपना सौंदर्य बिखेरते है। ऐसा प्रतीत होता है कि मानो वह खिलखिलाते हुए अपने पसंदीदा मौसम की सराहना कर रहे हो। छोटी छोटी बन्धें जब धरती पर आती है तो धरती पर रहने वाले हर जीव को लाभान्वित करती है। जानवरों को पानी देती है जानवरों को खुश करती है। वे भी इस मौसम में खुशहाली का आनंद लेते नज़र आते है।जब छोटे- बढ़े तालाबों में पानी भरता है तब नदी में व तालाब में रहने वाले जीव खिलखिला उठते है। उनकी बढ़ती गतिविधियां इस मौसम में सबसे ज़्यादा देखी जाती है। जानवरो व पेड़ पौधों के लिए ये मौसम जिस प्रकार उनकी पसंद का मौसम है वैसे ही मनुष्य के लिए भी यह मौसम सौंदर्य का प्रतीक है।जब वर्षा में पानी से यह धरती की मट्टी गीली हो जाती है तब वो मट्टी की सौंधी सौंधी खुशबू सभी को बेहद पसंद आती है। प्रकृति का सौंदर्य इस वक़्त चरम पर होता है। सभी लोग अपने घरों की खिड़कियों से इस मौसम का आनंद लेते है। इन सभी के बीच एक और विशेषता है जिसको जाने बिना बरसात का मौसम मानो अधूरा सा है। एक अनमोल कड़ी जो इस मौसम से अपने दिलो जान से जुड़ी है वह है छोटे छोटे बच्चे। बच्चों के लिए ये मौसम उनकी क्रीड़ा का साधन है। जब इस मौसम में आस पास पानी भरा जाता है जब बच्चे कागज़ की नौका बनाते है। फिर उस कागज़ की नौका को पानी मे तैराते है। इस तरह से बच्चों में प्रतियोगिता बढ़ जाती है।बच्चे एक दूसरे से होड़ करते है कि किसकी नौका ज़्यादा आगे तक जाएगी। आप सभी ने भी बचपन मे यह अनुभव ज़रूर किया होगा। माता पिता बच्चों को प्रोत्साहित करते है। वे भी उनके खेल में शामिल होते है। बारिश का आनंद लेने कई बार बच्चे अपने घरों की छत पर आकर बारिश में खूब भीगते हैं। वे जी भरके खेलते है।धीरे धीरे ये मौसम सितंबर के अंत तक चला जाता है। बच्चे बस अपनी क्रीड़ा के लिए वर्षा के मौसम का बेसब्री इंतज़ार करते है। इस मौसम में मोर भी खिलखिलाए दिखाई देते है। वे अपने पंखों को फैलाये नृत्य करते हुए बेहद मनमोहक लगते है। इस मौसम का सौंदर्य भाव विभोर करता है।

वर्षा ऋतु के फायदे- हर मौसम की अपनी विशेषताएं होती है। बरसात के मौसम से भी हम सभी को बहुत सारे फायदे होते है। बरसात के मौसम से कृषि क्षेत्र में जम कर उछाल आता है। इस वक़्त प्रकृति ही सिचाई का कार्य कर देती है। जिससे किसानों को काफी फायदा होता है। उनका समय बचता है। उन्हें इस मौसम में खेती करने में आसानी होती है।वर्षा के कारण उनके खेत की मिट्टी भी हर जगह से गीली हो जाती है। इससे जमीन ज़्यादा मात्रा व अच्छी मात्रा में अनाज देती हैं। किसानों के लिए भी ये मौसम लाभदायक होता है। इसके बाद कई सारे अन्य फायदे भी होते है। हम सभी जानते है कि ऐसा नाजाने कितने क्षेत्र है जहाँ पानी की स्थिति बत्तर होती है। वहां पानी की कमी होती है। ऐसी अनगिनत बस्तियों के लिए बारिश का मौसम सबसे अधिक प्रिय होता है। यह लोग बारिश में पानी को किसी प्रकार से अपने घरों के बर्तनों टंकियों में इकठ्ठा करते हैं। उनके पास अलग अलग तरीके होते है। जैसे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम। इससे वह बारिश के पानी को इकठ्ठा कर पाते है। फिर पानी की कमी होने पर इस स्थिति में उसका उपयोग करते है। ऐसे ही जब कही सूखा पड़ जाता है, तब भी बारिश से लोगो की मदद होती है। इस मौसम में नदियां भी जलमग्न हो जाती है। सरकार द्वारा डैम में भी पानी इकठ्ठा किया जाता हैं। जिससे लोगो की मदद भी होती है। बारिश से जमा हुए पानी का इस्तेमाल अगले वर्ष आने वाली बारिश तक होता है। जितना पानी इकठ्ठा होता है वह मनुष्य पशु पक्षी सभी के काम आता है। इससे वातावरण भी पवित्र होता है। प्रदूषण भी कम होता है। साथ ही धरती के हर कोने की सिचाई हो जाती है।

वर्षा ऋतु के नुकसान- जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते है ठीक वैसे ही हर चीज़ के फायदे व नुकसान दोनो होते हैं। कहते है कि किसी भी किसी चीज़ की अति होना घातक होता है। अर्थात किसी भी चीज़ का हद से ज़्यादा होना हानिकारक होता है। जी हां, ठीक इसी प्रकार बारिश का भी है। अगर अधिक मात्रा में पानी गिरता है, अधिक मात्रा में वर्षा होती है तब यह ऋतु घातक भी साबित हो सकती है। जब किसी क्षेत्र में कुछ ही समय मे काफी तेज बारिश होने से जगह जगह पानी भरा जाता है। लोगो के घरों के अंदर पानी प्रवेश कर जाता है। जिससे कई बस्तियां उजड जाती है। इसे प्राकृतिक आपदा भी बोला जाता है। जब अधिक मात्रा में पानी इकठ्ठा हो जाए जिससे हज़ारो घर डूब जाए, सड़क पर पानी जमा हो जाय उसे हम बाढ़ कहते है। किसी स्थान पर अधिक वर्षा होने से ऐसी स्थिति पैदा होती है।इसके नियंत्रण के लिए लोगो को पलायन भी करना पड़ता है। कई बार नदियां उफान पर भी आ जाती है। जिससे आस पास के लोग बेहद प्रभावित होते है। वर्षा ऋतु के बस यही कुछ नुकसान होते है।अधिक मात्रा में बारिश होने से कई बार किसानों की फसल भी बर्बाद हो जाती है।इसी तरह के नुकसान वर्षा ऋतु में देखे जाते है। 

उपसंहार- वर्षा को नियंत्रण करना तो हमारे वश में नही है। परंतु  तकनीकों के माध्यम से वैज्ञानिक इसके बारे में अनुमान लगा कर स्थिति को पहले से ही नियंत्रित करते है। वह पहले से ही लोगो को उस स्थान से हटा कर दूसरे स्थान पहुंचाते हैं जिससे किसी की जान को हानि न पहुंचे। इस दिशा में काम करने वाले संस्थान पहले से ही अनुमान लगा कर लोगो को सचेत कर उन्हें वहां से निकालते हैं। आई.एम.डी( इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट) व अन्य प्राइवेट डिपार्टमेंट इस दिशा में काम करते है। धीरे धीरे वह इसपर और बेहतर तरीके से काम करने का प्रयास कर रहे है। इस डिपार्टमेंट्स की मदद से लाखों लोगों की जान बचती है। 

ऐसे तो वर्षा ऋतु मनमोहक होती है परंतु बाढ़ जैसी समस्याएं भी कई बार पैदा करती है। यह प्राकृतिक आपदाओं का अनुमान लगा कर लोगो की जान बचाने वाले संस्थानों का आमजन आभार प्रकट करते हैं। वे इस दिशा में सटीकता लाने के प्रयास में भी जुड़े हुए है।  

हमें आशा है आपको rainy season in hindi निबंध पसंद आया होगा। आप इस निबंध को about rainy season in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। इस निबंध को paragraph on rainy season in hindi के लिए भी प्रयोग कर सकते है ।

वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi)

वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi Language)

आज के इस लेख में हम वर्षा ऋतु   पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi) लिखेंगे। वर्षा ऋतु पर लिखा यह निबंध बच्चो और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

वर्षा ऋतु पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

प्रकृति को चिर सहचरी रही है। सृष्टि के आरम्भ से मानव प्रकृति की शुद्ध, सात्विक ममतामयी क्रोड में आन्द्भूति करता रहा है। प्रकृति ने इसे मस्त हवाओं के पालने में झुलाया है।पक्षियों का मधुर संगीत सुनाया है, चंद्रिका सुधा में स्नान कराया है।

प्रकृति का क्षेत्र सीमातीत है प्रातः काल का सूर्य, शाम का चंद्रमा, आकाश में घुमड़ते काले-काले बादल, नीला अम्बर, ऊँचे-ऊँचे पहाड़, खाईंया, झरने, लहराते खेत, व्रक्ष की शाखाओ पर बैठकर चह चहाते पक्षी हर पल हमे नया-नया संदेश देते है।

कुछ “चुपके से समझा जाता यह मस्त फिजा का सुना पन” प्रकृति का सौंदर्य का स्वरूप अवर्णनीय है। विश्व मे पग-पग पर प्रकृति अपना रुप लुटाती रहती है। पर इसी सभी मोसम में वर्षा ऋतु एक ऐसा मौसम है जो हमारे मन को प्रफुलित किये बिना नही मानता।

वर्षा ऋतु का दृश्य

वर्षा ऋतु सुधा-वर्ष्टि करती हुई आती है। सर्वत्र उल्लास छा जाता है और खेत लहलहाने लगते है। पेड़ झूम झूम के गाने लगते है, बन्द कलिया खुल उठती है। ओंस की बूंदे मोती की तरह चमकने लगती है। वर्षा ऋतु में आकाश में दमकती बिजली कितनी सुंदर लगती है। वर्षा ऋतु किं प्रकृति की सुंदरता का चित्रण करते हुए तुलसीदास जी ने कह है।

वर्षा काल मेघ नभ छाए, गरजत लागत परम् सुहाए दामनी दमक रही धन माही, खल की प्रीति जथा थिर नाहीं।।

वर्षा ऋतु में इंद्रधनुष का सुंदर दृश्य

दोस्तो मौसम कोई भी हो पर वर्षा ऋतु ही एक ऐसा मोसम है जिसमे आपको इंद्रधनुष के भी दर्शन हो जाते है।और सच मानिए इसको देखकर ऐसा लगता है, मानो प्रकृति का वो सुंदर दृश्य है जिसे देखने के लिए ही हम इस मौसम का इंतजार कर रहे थे।

हमारे देश भारत मे वर्षा ऋतु जुलाई महीने से सितंबर महीने के अंत तक रहता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण से अश्विन महीने के अंत तक रहता है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी को जीवन मे उम्मीद ओर राहत की फुहार लेकर आता है।

इन्सानो के साथ-साथ पेड़ पौधे, पक्षी, जानवर सभी उत्सुकता के साथ इस वर्षा ऋतु के मौसम का इंतजार करते है। इसके स्वागत के लिए ढेर सारी तैयारियां करते है। इस मौसम के आते ही सभी राहत की सांस लेते है।

आकाश बहुत ही सुंदर चमकदार साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई देने लगता है। कई बार तो सात रंगों का इंद्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है, मानो जैसे की मनमोहक तस्वीर हो जिसकी पिक्चर लेने का मन हर किसी का करेगा। ओर वाकई वर्षा ऋतु की ऐसे अद्भुत दृश्य तो देखते ही बनता है।

वर्षा ऋतु का आगमन काल

वसंत ऋतु के बाद सूर्य बिल्कुल उत्तरायण हो जाता है। इसके कारण भीषण गर्मी पड़ती है। उस समय पृथ्वी जलने लगती है, पेड़ पौधे झुलस जाते है, पशु-पक्षी आदि सब चराचर व्याकुल हो जाते है।

गर्मि की भीषणता से नदी नाले, झील, पोखरे ओर समुद्र सूखने लगते है। यही जलवाष्प का रूप धारण कर लेते है ओर आकाश में उस जाता है और गिर ठंडक मिलने से यह वाष्प बादल बन कर बारिश के रूप में बरसने लगते है।

जब नीले-नीले मेघ गर्जन करते हुए अपने जीवन (जल) द्वारा सब जंतुओं को नया जीवन देने लगते है, तो वर्षा ऋतु आरम्भ हो जाता है और जीवन शब्द का जल सार्थक हो जाता है। वर्षा ऋतु में मेघो से जो वर्षा गिरती है, वह पहली बारिश होती है।

उसकी महक कहे या सुगंध मन को प्रफुलित कर देती है। सूखे पेड़ -पौधे मैदानी क्षेत्र सभी जगह पर घास ओर पेड़-पौधे लग जाते है। हर जगह पानी-ही पानी हो जाता है। सूखे नदी, तालाब, कुएं आदि में पानी भर जाता है।

खेती के लिए तो जल अतिआवश्यक होते है और वर्षा अपना जल भरपूर इस मौसम में लाती है। वातावरण साफ सुथरा हो जाता है, कई जगह पर तो वर्षा के आगमन पर लोकगीत गाने की परम्परा है। घरों के किचन गार्डन हरे भरे हो जाते है। जिससे सब्जियां घर मे ही आसानी से उपलब्ध हो जाती है।

वर्षा ऋतु   के साथ ही अन्य ऋतुएं की जानकारी

सर्वप्रथम तो हमे वर्षा ऋतु   की जानकारी के साथ ही ये भी पता होना चाहिए, कि ऋतुएं क्या होती है। वर्षा ऋतु , ग्रीष्म ऋतु , शरद ऋतु यह मुख्यतः तीन ऋतु या मोसम होते है। पतझड़ ओर अन्य हिन्दू कलेंडर के अनुसार ऋतुओं के नाम महीनों के नाम पर ही आधारित होते है,   जो इस प्रकार है।

  • चैत्र (मार्च-अप्रेल)
  • वैशाख (अप्रेल -मई)
  • ज्येष्ठ (मई-जून)
  • आषाढ़ (जून-जुलाई)
  • श्रावण (जुलाई-अगस्त)
  • पदर्पक्ष (अगस्त-सितम्बर)
  • आश्विन (सितम्बर-अक्टूबर)
  • कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर)
  • मार्गशीर्ष (नवंबर-दिसम्बर)
  • पोषमास (दिसम्बर-जनवरी)
  • माघमास (जनवरी-फ़रवरी)
  • फाल्गुनमास (फरवरी-मार्च)

इस प्रकार हमारे भारत देश   मे छः ऋतुएं क्रमशः बसन्त , ग्रीष्म , वर्षा , शरद , हेमंत ओर शिशिर आकर भारत   के वातावरण को उल्लासमय बनाती है। प्रचंड गर्मी , प्रबल शीत   अधिक वर्षा , मनोहर शरद , ओर बसन्त जैसे   ऋतुओं की बाते ही निराली है।

भारत मे ग्रीष्म ऋतु की प्रचंड गर्मी से व्याकुल होकर समस्त प्राणी आपसी वैर भाव भूलकर निर्भय होकर एक साथ रहते है और   ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु का आगमन होता है।

वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु आता   है। शरद ऋतु में चारों ओर धुन्ध – कोहरा छा जाता है। रूह को भी ठंडा करदेने वाली वायु चलती है। सूर्य की किरणें अत्यंत सुखद प्रतीत होती है।चकोरी सूर्य को ही चन्द्रमा मानकर दिन में भी रात्रि जैसा आनंद लेती है।

शरद ऋतु में पुष्प खिलने लगते है, प्रकृति रूपसी बनकर ऋतुचक्र को घुमाती हैं, तब थिरकती हुई हेमंत ऋतु के दर्शन होते है। वह भी अपनी पूर्ण लीलाएं प्रस्तुत करती है। इस प्रकार ऋतुचक्र उप्परलिखे महीनों के अनुसार चलता रहता है।

बारिश के मौसम   से हानिया

यधपि वर्षा ऋतु हमारे लिए बडा उपयोगी है। इस समय वायु के प्रकोप से हैजा, मलेरिया, चिकनगुनिया, मौसमी बुखार आदि भयंकर रोग पैदा होते है। जिनमे अनेको मनुष्य काल के मुँह में चले जाते है।

कभी-कभी भीषण वर्षा से बाढ़ आ जाती है और गांव, घर और चोपय बह जाते है। सड़के कट जाती है, रेलों के पल टूट जाते है और बहुत से कार्य स्थगित हो जाते है। कभी कभी अत्यधिक वर्षा से खेती मारी जाती है, मकान गिर जाते है।

बिजली के प्रकोप से कभी-कभी अनेक मनुष्य की अकाल मृतु हो जाती है। सड़को पर जल और कीचड़ होने के कारण घर से बाहर निकलना या एक स्थान से दूसरे स्थान जाना बड़ा कठिन हो जाता है। बच्चे खेल कूद भी नही कर पाते है। रातों मद मच्छरों के कारण नींद भी नहीं आती है। सच तो यह हैं कि जहां वर्षा से सुख है वही दुख भी है।

बारिश के मौसम   से लाभ

वर्षा ऋतु से अनेको लाभ भी है। हमारा देश भारत तो कृषि प्रधान देश है और कृषि ही हमारे देश का आधार है। वर्षा से मनुष्यो के लिए अन्न ही पैदा नही होता, वर्ण पशुओं के लिए चारे की इतनी अधिकता हो जाती है कि वर्ष भर के लिए चारा बहुत हो जाता है।

कहि-कहि वर्षा के पानी को बांध इत्यादि से रोककर उपयुक्त लाभ उठाया जाता है। पानी को ऐसे स्थानों पर इकट्ठा कर लेते हैं कि बाद में इसका उपयोग पीने के काम आ सके। गर्मी के भीषण ताप से लोगो मे जो सुस्ती समा जाती है। वह वर्षा के आगमन से दूर हो जाती हैं। वर्षा के मनभावन दृश्य मन को खुश कर देते है।

वर्षा ऋतु में रोज़गार में व्रद्धि

वर्षा ऋतु में जब सही समय मे वर्षा का आगमन होता है। तो खेत ओर कई अन्य कार्यों में धन का आगमन होता है। जंगल हरे भरे हो जाते है जिससे लकड़ी के कई फर्नीचर ओर भी   घरेलू चीज़ो का निर्माण कार्य होता है। फैक्ट्रियों में वस्त्रों का निर्माण होता है। खाने पीने की चीज़ो को बेचा जाता है। इस प्रकार रोजगार के कई राह खुलते है।

किसानों के लिए वर्षा ऋतु का महत्व

सभी के लिए वर्षा ऋतु का महत्व है। परंतु सबसे अधिक महत्व किसानों के लिए है। क्योंकि खेती के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है, ताकि फसलों को पानी की कमी न हो।

इसलिए समान्यतः किसान कई सारे गढ़े ओर तालाब बनाकर रखते है। जिससे वर्षा के जल का जरूरत के समय उपयोग कर सकें। वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिए ईशवर के द्वारा दिया गया एक वरदान है।

बारिस न होने पर वे इन्द्र देव से वर्षा के लिए प्राथनां करते है और अंतः उन्हें वर्षा का आशीर्वाद मिल ही जाता है। आसमान में बादल छाये रहते है, क्योंकि आकाश में यहाँ वहाँ काले, सफेद बादल भृमण करते है। यही बादल अपने साथ पानी लाते है और जब मानसून आता है, तो बारिश का अगम्न होता है।

बारिश के मौसम   का आनन्द

वर्षा ऋतु के आने से आप सब को पता ही है कि वर्षा ऋतु ीय सुंदरता बाद जाती है। और इस मौसम में बाहर ऐसी जगह घूमने का आनंद ही कुछ और है जहाँ हरियाली हर जगह हरी चादर ओढे हुए हो।

अक्सर नैनीताल, कश्मीर और वो सभी पहाड़ी इलाके जहां वर्षा ऋतु में मोसम एक मनमोहक दृश्य तुल्य हो ऐसे जगह घूमने का आनंद ही कुछ और है। ऐसे मोसम में नोकायन का भी अपना एक अलग ही मज़ा होता है।

किसी ने कहा है कि “तारो से भरी चाँदनी रात रोगी को नर्स से अधिक सुख दे सकती है, यदि वो उसकी भाषा समझने लगे। “कहने का तातपर्य प्रकृति द्वारा दिए गए मौसम में वर्षा ऋतु अत्यधिक मन को मोह लेता है।

वर्षा ऋतु से वातावरण स्वच्छ होता है और हर जगह हरियाली छा जाती है। इसलिए हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए और वर्षा ऋतु जैसे मौसम का आनंद लेना चाहिए।

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तो यह था वर्षा ऋतु पर निबंध, आशा करता हूं कि वर्षा ऋतु पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Varsha Ritu) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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वर्षा ऋतु पर निबंध – Rainy Season Essay In Hindi

Rainy Season Essay In Hindi

Rainy Season Essay In Hindi : भारत में प्रमुख छ: ऋतुएं हैं, जिसमें से एक ऋतु वर्षा ऋतु भी है। वर्षा ऋतु को मॉनसून का मौसम भी कहा जाता है, और इस मौसम में भारत के कई हिस्सो में खूब बारिश होती है। इस ऋतु में बारिश के आनंद के साथ-साथ कई तरह के त्यौहार भी आते हैं, जैसे – रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी।

Varsha Ritu की शुरूआत जून महीने से होती है और लगभग सितंबर महीने तक चलती है। यह मौसम सिर्फ इंसानों को नही बल्कि पशु-पक्षियों को भी राहत देता है। वर्षा ऋतु में कई जगहों पर मनोहर दृश्य देखने को मिलते है। इस मौसम में प्रकृति अपने पूरे रंगों में सज जाती है।

वर्षा ऋतु शुरू होते है ही स्कूलों में बच्चों को वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लिखने के लिए दिया जाता है। क्योंकि निबंध से बच्चे वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु के महत्व, वर्षा ऋतु से उत्पन्न सौंदर्य, और वर्षा ऋतु के लाभ एवं हानि के बारे में जान पाते है। चलिए मैं आपको Varsha Ritu Essay in Hindi लिखने का तरीका बताता हूँ।

वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh)

इस आर्टिकल में, मैं आपको अलग-अलग सीमा पर बरसात के मौसम पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi) लिखकर दूंगा। इस लेख से आप किसी भी कक्षा के लिए Varsha Ritu Par Nibandh लिख सकते है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 200 शब्द (Rainy Season Essay In Hindi)

वर्षा ऋतु प्रकृति का एक बहुत बड़ा और अद्भुत उपहार है, क्योंकि इसके बिना धरती पर जीवन संभव नही है। इस ऋतु में आसमान काले बादलों से ढ़क जाता है, और बिजली चमकने लगती है। इसके बाद धरती पर पानी के फुहारें पड़ने लगते है, जिससे पेड़-पौधे, जीव-जंतु और खेत-खलिहान सभी पानी से तृप्त हो जाते है।

Varsha Ritu का आगमन श्रावण मास से होता है और भाद्रपद मास तक रहती है। इस ऋतु में खेतों में फसलों की बुवाई और रोपाई की जाती है। सभी किसान वर्षा के पानी का भरपूर उपयोग करते हैं, ताकि सुंदर और अच्छी फसल उग सके। इसके अलावा वर्षा के पानी से नदियां और तालाब भी भर जाते हैं।

इस ऋतु के अनेक फायदे हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ नुकसान भी है, जैसे- डेंगू, मलेरिया, और चिकनगुनिया प्रकार के गंभीर रोग। इसलिए बरसाती मौसम में सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। इसके अलावा वर्षा ऋतु में बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का भी खतरा होता है।

वर्षा ऋतु एक सुंदर और मनमोहक ऋतु है, जिससे पूरी प्रकृति को काफी फायदे मिलेते हैं। Rainy Season Essay In Hindi से हमें इस ऋतु के बारे में काफी कुछ जानने को मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द (Varsha Ritu Par Nibandh)

प्रस्तावना.

वर्षा ऋतु भारत की अन्य ऋतुओं में से सबसे अधिक प्रिय ऋतु है। जब बारिश का मौसम आता है तो प्रकृति में अनेक मनोहर बदलाव देखने को मिलते है। यह मौसम हमें जून-जुलाई के समय की तेजी गर्मी से राहत देता है। इस मौसम में बच्चे-बुढ़े सभी आनंदित हो जाते हैं। सच में Rainy Season (बरसात का मौसम) काफी मनमोहक है।

वर्षा ऋतु का आगमन

दुनिया में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय पर वर्षा ऋतु का आगमन होता है। लेकिन अगर भारत की बाते करें तो भारत में गर्मी के मौसम के बाद यानी जून महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है। यह ऋतु लगभग सितंबर महीने तक रहती है।

भारत में वर्षा ऋतु अरब सागर से होते हुए पहले केरल राज्य की ओर बढ़ती है, और फिर उत्तरी भारत की तरफ आती है। वर्षा ऋतु आते ही प्रकृति अपना संकेत देना शुरू कर देती है, और किसान खेती की तैयारीयां शुरू कर देते है।

प्रकृति के लिए वर्षा ऋतु का महत्व

Varsha Ritu प्रकृति के लिए काफी महत्वपूर्ण ऋतु है, क्योंकि इस ऋतु के बिना प्रकृति नष्ट हो जाएगी। बारीश के मौसम की वजह से ही यह प्रकृति जीवित है। यह ऋतु मानव जीवन के साथ-साथ सभी जीव-जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि वर्षा ऋतु की वजह से ही पेड़-पौधे जीवत है।

इस वर्षा ऋतु से ही सूखी नदिया और तालाब दोबार भरते है। और सभी जीव-जंतुओं को पानी मिलता है। इसी ऋतु की वजह से फसले उगती है, जिसे खाकर हर जीव-जंतु जीवित रहता है। इसलिए वर्षा ऋतु इस प्रकृति के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

उपसंहार

हम सब जानते है कि जल ही जीवन है, और बिना वर्षा ऋतु के जल का अस्तित्व खतरें में आ जाएगा। और अगर धरती से जल खत्म हो जाए तो पूरी पृथ्वी सुनसान हो जाएगी। मतलब कोई भी जीव-जंतु या पेड-पोधा नही बचेगा। इसलिए हमें प्रकृति को बचाना है और वर्षा ऋतु को संतुलित रखना है।

Varsha Ritu Essay in Hindi से हमें बहुत कुछ जानने को मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्द (Rainy Season Essay In Hindi)

बारिश प्रकृति की एक महत्वपूर्ण देन है। जब धरती पर पहली बार बारिश गिरती है तो मिट्टी की अलग ही खुशबू होती है, जिससे सूंघने से मन खुश हो जाता है। गांवों में वर्षा ऋतु के बाद अनेक मनमोहक दृश्य देखने को मिलते हैं। वर्षा के आने से चारों तरफ हरियाली छा जाती है।

वर्षा ऋतु क्या है

वर्षा ऋतु को भारत में बरसात का मौसम भी कहा जाता है, क्योंकि इस ऋतु में भारत की कई जगहों पर अच्छी बारिश होती है। यह ऋतु अक्सर जून से सितंबर माह तक रहती है। इस ऋतु में आसमान में काले बादल छा जाते है और बिजली कड़कने लगती है। तेज हवाएं चलती है और फिर बूँद-बूँद बारिश होने होती है।

और जब बारिश धरती पर पहुंचती है तो प्रकृति में एक नई ऊर्जा संचरित होती है, जिससे पेड़-पौधे हरे भरे हो जाते है और फूल खिल जाते है। पक्षी मुधर स्वर निकालते है और बच्चे-बूढ़े सभी वर्षा का आनंद लेते है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु प्रकृति और पृथ्वी के हर जीव-जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह ऋतु प्रकृति को नयी ऊर्जा देती है जिससे सभी को नया जीवन मिलता है। वर्षा के पानी से ही खेत हरे-भरे होते है। और साथ ही नदियाँ और तालाब भर जाते है, जिससे पशु-पक्षि सभी पानी पीते है।

यह ऋतु तेजी गर्मी के मौसम के बाती है जिससे सभी जीव-जंतुओं को गर्मी से राहत मिलती है, और मौसम ठंडा हो जाता है। इस ऋतु के बाद प्रकृति एक नए मनमोहक रूप में आ जाती है।

वर्षा ऋतु के फायदे और नुकसान

वर्षा ऋतु का सबसे बड़ा फायदा यही है कि यह प्रकृति को नया जीवन देती है। इस ऋतु से फसलों की वुबाई और रोपाई हो पाती है। बारिश से फसले अच्छी होती है और अकाल की संभावना भी कमा होती है। इस ऋतु से पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी मिलता है। इसके अलावा इस ऋतु से भीषण ग्रमी के बाद मौसम ठंडा भी होता है।

इस ऋतु के लाभ के साथ कुछ हानियां हैं, जैसे- मौसमी रोग (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि), बाढ़ व भूस्खलन जैसी आपदाएं, बिजली गिरना। आप बारिश के इन नुकसानों से बच भी सकते है, लेकिन इसके लिए आपको सावधानी रखनी होगी।

वर्षा ऋतु सभी जीव-जंतु के लिए आनंद और उत्साह का सूचक है। इस ऋतु के आगमन से प्रकृति में भी अनेक मनमोहक बदलाव देखने को मिलते है। यह ऋतु केवल मानव जाति नही बल्कि सभी जीव-जंतु पेड़-पौधे में नई ऊर्जा का संचार कर देती है।

Varsha Ritu बहुत ही महत्वपूर्ण ऋतु है क्योंकि इस ऋतु के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। बारिश के मौसम में प्रकृति का एक नया रूप देखने को मिलता है। Rainy Season Essay In Hindi में समझना काफी महत्वपूर्ण है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 1000 शब्द (Varsha Ritu Par Nibandh)

वर्षा ऋतु भारत की 6 ऋतुओं में से एक लोकप्रिय ऋतु है, जिसका आगमन मई महीने में होने लग जाता है, और यह ऋतु सितंबर महीने तक चलती है। पृथ्वी के अलग-अलग जगहों पर वर्षा ऋतु का आगमन अलग-अलग समय पर होता है।

यह ऋतु गर्मी के मौसम के बाद आती है और सभी जगह ठंडक कर देती है, इसलिए मौसम का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। यह ऋतु हमें गर्मी से राहत देती है और साथ ही हमें एक अलग तरह का उत्साह भी देती है। बरसात के मौसम का आनंद बच्चे से बूढ़े तक सभी लोग लेते है।

इस Rainy Season Essay In Hindi में वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु के महत्व, वर्षा ऋतु में आने वाले त्योहार, और इसके फायदे एवं नुकसान के बारे में बताया है।

वर्षा ऋतु के आगमन का समय

भारत देश में, वर्षा ऋतु जून महीने से शुरू होती है और सितंबर महीने तक चलती है। यह ऋतु हमारे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन से शुरू होती है। मानसून, मौसमी हवाएं है जो हिंद महासागर से आर्द्र हवा लाती है। यह आर्द्र हवा भारत के तटीय क्षैत्रो में आती है और फिर उत्तर की ओर चली जाती है।

वर्षा ऋतु के आगमन पर पूरा मौसम ठंडा और आर्द्र हो जाता है। बारिश के मौसम में भारत के अनेक जगहों पर भारी और लगातार बारिश होती है। भारत में यह बारिश कुछ जगहों पर कम होती है तो कुछ जगहों पर बहुत ज्यादा होती है। और कुछ जगहों पर मौसम कुछ महीने तक गीला ही रहता है।

वर्षा कैसे होती है

वर्षा संघनन प्रकार की एक प्रक्रिया द्वारा बनती है। जब वायु में मौजूद जलवाष्प ठंडी होकर पानी की बूंदो या बर्फ के क्रिस्टल में बदल जाती है, तो इसे संघनन कहा जाता है। और फिर यह पानी की बूंदे बादलों का रूप लेती है।

वर्षा का निर्माण कुछ इस प्रकार होता है:

1. सबसे पहले धरती का जल सूर्य की गर्मी से गर्म होकर जलवाष्प में बदलता है और फिर यह जलवाष्प ऊपर की तरफ जाती है।

2. जब जलवाष्प ऊपर जाती है तो वायु का तापमान धीरे-धीरे कम होता है। और फिर कम तापमान से जलवाष्प संघनित हो जाती है। इसके बाद पानी की बूदें बादलों में एकत्रित हो जाती है।

3. इसके बाद जब बादल भारी हो जाते है तो यह टूटते है, जिससे पानी की बूंधे धरती पर गिरती है। कभी-कभी बादल एक-दूसरे से टकराकर भी बारिश के रूप बरसते है।

4. वर्षा का पानी दोबार सूर्य की गर्मी से वाष्प में बदलता है। और फिर यह वापिस एक चक्र के रूप में चलता रहता है।

वर्षा ऋतु में प्रकृति का सौंदर्य

वर्षा ऋतु के समय प्रकृति का सौंदर्य कई गुना अधिक बढ़ जाता है। इस ऋतु के आगमने के बाद प्रकृति में एक नयी ऊर्जा भर जाती है। इस ऋतु में पेड़-पौधे हर-भरे हो जाते है। इनके पत्ते नए और चमकीले हो जाते है। सभी फूल खिल जाते है और वातारण में सुगंद फैल जाती है।

इस ऋतु में पूरा आसमान काले बादलों से ढ़क जाता है और मौसम ठंडा होने लग जाता है। और जब बारिश होती है तो धरती सुगंधित हो जाती है। हवाओं में एक अलग ही खुशबु फैल जाती है, जो मन को काफी खुश करती है।

बारिश से सभी सड़के, उद्यान और खेल के मैदान आदि जलमग्न हो जाते है। इससे सभी तालाब और नदिया भर जाती है, जिसका फायदा सभी जीवों को मिलता है।

वर्षा ऋतु का महत्व प्रकृति के लिए काफी ज्यादा होता है। क्योंकि जब वर्षा ऋतु आती है तो प्रकृति में नयी ऊर्जा से नवजीवन का संचार होता है। इस ऊर्जा पर सभी जीव-जंतु और पैड़-पौधे आश्रित होते हैं।

किसानों के लिए इस ऋतु का महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि किसान इसी ऋतु में फसलों की बुवाई और रोपाई करते है। इससे फसले काफी अच्छी उगती है और अकाल की संभावना भी कम हो जाती है।

यह ऋतु पशु-पशी और जीव-जंतु के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस ऋतु में नदियां और तालाब भर जाते है। जिससे सभी जीव पानी पीते है और अपनी प्यास बुझाते है। इसके अलावा बरसात के मौसम की वजह से मौसम ठंडा हो जाता है और लोगों गर्मी से राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु के फायदे या लाभ

वर्षा ऋतु से हमें कई लाभ मिलते हैं, जैसे-

  • प्रकृति को एक नया जीवन मिलता है, जिससे वातावरण स्वच्छ और ताजा हो जाता है।
  • बरसात से अच्छी फसले उगती है और अकाल की समस्या खत्म हो जाती है।
  • वर्षा ऋतु से भूमि में नमी रहती है, और इससे भूमि उपजाऊ बनती है।
  • बारिश के पानी से नदिया और तालाब भर जाते हैं, जिससे पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी मिलता है।
  • तेज गर्मी के मौसम के बाद जब वर्षा ऋतु आती है तो मौसम पूरा ठंडा हो जाता है और लोगों को गर्मी से राहत मिलती है।

इस तरह वर्षा ऋतु के अनेक फायदे हैं।

वर्षा ऋतु के नुकसान और इसके उपाय

वर्षा ऋतु के फायदों के साथ-साथ कुछ नुकसान भी है। ये नुकसान निम्नलिखित प्रकार से हैं-

  • बारिश की वजह से मौसमी रोग फैलते हैं, जैसे- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि।
  • तेजी बारिश से कई बार बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएँ भी आती हैं।
  • अधिक बारिश होने से कई बार फसले खराब हो जाती है।
  • बारिश की वजह से जगह-जगह पर कीचड़ भी होता है।
  • बारिश के मौसम में बिजली गिरने का भी खतरा रहता है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है।

वर्षा ऋतु के ये कुछ नुकसान है, लेकिन इस ऋतु में सावधानी रखकर इन नुकसान से बचा जा सकता है। बारिश के मौसम में हम छाता या रेनकोट का इस्तेमाल करके और घर के आसपास पानी को जमा न होने देकर बीमारियों से बच सकते है।

बाढ़ व भूस्खलन से बचने के लिए संभावित क्षैत्रों से दूर रहना चाहिए, और चेतावनी मिलने पर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। इसके अलावा बिज़ली से बचने के लिए हमें तेजी बारिश के दोरान घर से बाहर नही निकलना चाहिए। और घर से बाहर निकलना आवश्यक हो तो गीले स्थानों से बचकर चलना चाहिए।

वर्षा ऋतु के समय आने वाले त्यौहार

वर्षा ऋतु के दौरान भारत में कई तरह के त्यौहार मनाते जाते हैं, जो मई से सितंबर के बीच जाते हैं। ये त्योहार निम्नलिखित हैं- होली, बसंत पंचमी, राम नवमी, हरियाली तीज, और रक्षाबंधन। हालांकि इसके अलावा और भी अन्य त्यौहार मनाते जाते हैं, जो अलग-अलग धर्मों और समुदायों में मनाए जाते है।

वर्षा ऋतु इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बिना वर्षा के पृथ्वी पर पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। इस ऋतु का प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है, क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि के लिए बारिश बहुत जरूरी है। इसलिए हम सभी को बारिश के पानी का सदुपयोग करना चाहिए और पर्यावरण को प्रदुषण से बचाए रखना होगा।

उम्मीद है कि Varsha Ritu Essay in Hindi , आपके लिए काफी फायदेमंद रहा होगा।

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Rainy Season Essay in Hindi

वर्षा ऋतु निबंध – Rainy Season Essay in Hindi

वर्षा ऋतु पर छोटे तथा बड़े निबंध (essay on rainy season in hindi), बरसात का एक दिन। – a rainy day.

  • प्रस्तावना,
  • वर्षा का आगमन,
  • वर्षा के विविध दृश्य,
  • एक दिन की घटना,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना- भारतवर्ष प्रकृति की रमणीय क्रीड़ास्थली है। प्रकृति के जैसे मनोरम दृश्य भारत में देखने को मिलते हैं, वे संसार के किसी अन्य देश में दुर्लभ हैं। यहाँ छ: ऋतुएँ क्रमश: आती और जाती हैं, जबकि संसार के अन्य किसी भी देश में छः ऋतुएँ नहीं होती हैं। इन छ: ऋतुओं में वर्षा ऋतु अपना विशेष स्थान रखती है। दिनकर जी के शब्दों में-

“है बसन्त ऋतुओं का राजा। वर्षा ऋतुओं की रानी॥”

Rainy Season Essay in Hindi

सन्त वर्षा का आगमन- जेठ का महीना बीत रहा था। ग्रीष्म ऋतु अपने पूर्ण उत्कर्ष पर थी। जेठ की दोपहरी ऐसी तपती थी कि संसार के सभी जीव-जन्तु वृक्षों की छाया में हाँपते हुए समय काटते थे। मनुष्य लूओं से बचने के लिए कहीं अँधेरे घरों में छिप जाना चाहते थे। धीरे-धीरे आया आषाढ़ का पहला दिन, आकाश में बादल दिखाई दिया।

यह वही दिन था जिस दिन कालिदास के प्रिया-विरह से संतप्त यक्ष ने मेघ को अपना दूत बनाया था। धीरे-धीरे आकाश बादलों से ढक गया। किसानों की जान में जान आ गयी। बादलो को देखकर उनकी आँखें ठंडी होने लगीं। एक-दो दिन तक बादल जमते गये।

आखिर बादलों ने धरती की प्यास बुझाई। संसार को चैन मिला। चींटी से लेकर हाथी तक, जड़ से लेकर चेतन तक सभी प्राणिय और वनस्पतियों में नवजीवन का संचार हो गया। चारों ओर हर्षोल्लास छा गया।

Essay on Rainy Season in Hindi

वर्षा के विविध दृश्य- वर्षा के विविध दृश्य भी कैसे विचित्र होते हैं? आकाश बादलों से ढका रहता है। कभी-कभी तो कई-कई दिन तक सूर्य के दर्शन नहीं होते। शस्यश्यामला धरती का सौन्दर्य देखते ही बनता है। बादलों को देखकर वन-उपवन में मोर आनन्दमग्न होकर नाचते हैं। नदी-नालों में उफान आ जाता है।

पोखर और सरोवर का पानी सीमा लाँघ जाता है। नदियाँ जल से तटों को डुबाकर घमंड से इतराने लगती हैं। सब ओर पानी ही पानी दिखाई देता है। मेंढकों की टर्र-टर्र और झींगुरियों की झनकार एक विचित्र समा बाँध देती है।

एक दिन की घटना- वर्षा ऋतु अपने चरम उत्कर्ष पर थी। एक दिन एक विचित्र दृश्य उपस्थित हुआ। यह था-श्रावण का एक दिन! आकाश बादलों से ढका हुआ था। रात बीती, प्रभात हुआ। सूर्य के तो कई दिनों से दर्शन न हुए थे। प्रभात हो जाने पर भी अंधेरा बढ़ता चला आ रहा था।

घड़ी साढ़े छ: बजा रही थी। हम लोग स्कूल जाने की तैयारी में थे कि अचानक वर्षा आरम्भ हो गयी। मूसलाधार वर्षा, रुकने का नाम नहीं। थोड़ी देर में सब ओर पानी ही पानी हो गया। गलियों और सड़कों पर पानी की नदियाँ सी बह रही थीं। कुछ देर बाद तो हमारे घर में भी पानी भर आया।

सहन में पानी, बरामदे में पानी और फिर कमरों में भी पानी। सारे मुहल्ले में शोर मचा था। लगता था जैसे प्रलय आ जायेगी। तीन घंटे की लगातार वर्षा ने सब ओर त्राहि-त्राहि मचा दी। उस दिन स्कूल जाने की किसी में हिम्मत न थी।

सुबह को जलपान हुआ था तत्पश्चात पोखर की तरह जलपूर्ण रसोई में भोजन बनने का प्रश्न ही नही था। उस दिन लाचारी का व्रत हुआ। दिनभर घरों का पानी उलीचते रहे, घरों की सफाई करते रहे। हाँ, वर्षा रुकने पर हम लोग घर से बाहर निकले और पानी में छप-छप करते फिरे।

बाग में गये, आमों के ढेर लगे थे। खूब छक कर आम खाये। तीसरे पहर घर लौट कर आये। उस समय पानी साफ हो गया था। धूप निकल आयी थी। भोजन तैयार था और मम्मी-पापा मेरी ही प्रतीक्षा कर रहे थे। सबने भोजन किया। धीरे धीरे सूर्य अस्ताचल पर पहुँच गया। इस प्रकार यह बरसात का दिन बीता। आज भी वह दिन मुझे जब याद आता है, देर तक सोचता रहता हूँ।

उपसंहार- वर्षा भारत के लिए वरदान बनकर आती है। कभी-कभी बाढ़ और तूफानों से यह प्रलय का दृश्य भी उपस्थित कर देती है। प्राय: धन-जन की भी क्षति हो जाती है, तथापि वर्षा के द्वारा ही उस विनाश की क्षतिपूर्ति भी हो जाती है। वर्षा अन्न और जल देने वाली शक्ति है। यह जीवनदायिनी सुन्दर ऋतु है। यही मानव जीवन का आधार है। इसके आते ही बच्चे गा उठते हैं-

“जीवन-धन-सूखदाई लाई। वर्षा आई, वर्षा आई॥ पशु-पक्षी मानव हरषाने। जड़-चेतन की प्यास बुझाने॥ सघन घटाएँ संग में लाई। वर्षा आई, वर्षा आई॥”

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वर्षा ऋतु पर निबंध | Rainy Season Essay in Hindi | Essay on Rainy Season in Hindi

By: Amit Singh

Essay on Rainy Season in Hindi FAQ

“वर्षा ऋतु” पर निबंध | rainy season essay in hindi | varsha ritu par nibandh.

बिजली चमकी दूर गगन में ,

कंपन होते प्राण भवन में ,

तरल-तरल कर गई हृदय को ,

निष्ठुर मौसम की मनमानी।

बरस गया बादल का पानी!

डॉ. अजय पाठक की यह पंक्तियां वर्षा की खूबसूरती को बखूबी बंया कररही हैं। वर्षा ऋतु भारत की महत्वपूर्ण ऋतुओं में से एक है। धरती पर मुख्य रुप से छह ऋतुएं बेहद अहम मानी जाती हैं – ग्रीष्म काल, शीत काल, वसंत ऋतु, हेमंत ऋतु, वर्षा ऋतु और शरद ऋतु।

जहां ग्रीष्म काल को गर्म मौसम और तपती धूप के लिए जाना जाता है, वहीं शीत काल ठंडी हवाओं, धुंध, कोहरा और कुछ जगहों पर बर्फबारी के लिए मशहूर है। इसके अलावा वसंत ऋतु और शरद ऋतु, जिसे पतझड़ भी कहा जाता है, गर्मी और सर्दी के मध्य की ऋतुएं होती हैं, जिनमें गर्म और सर्द हवाओं का मिलाजुला रुप देखने को मिलता है। वहीं हेमंत ऋतु सर्दी के आगमन का संकेत देती है, तो वर्षा ऋतु मूलसलाधार बारिश के लिए जानी जाती है।

#सम्बंधित : Hindi Essay, Hindi Paragraph, हिंदी निबंध।

विज्ञान पर निबंध भ्रष्टाचार पर निबंध गणतंत्र दिवस पर निबंध मेरा विद्यालय पर निबन्ध मेरी माँ पर निबंध

वर्षा ऋतु को मानसून सीजन भी कहा जाता है। मानसून शब्द अरबी भाषा के मौसम शब्द से निकला है। यह मौसम लगभग चार महीनों तक चलता है। भारतीय उपमहाद्वीप में जून के महीने में वर्षा ऋतु की शुरुआत होने के बाद मानसून सीजन सितम्बर महीने के अंत तक रहता है। हालांकि देश के अलग-अलग राज्यों में मानसून अलग-अलग समय पर दस्तक देता है। वर्षा ऋतु को पंक्तियों में पिरोते हुए कवि हेमंत रिछारिया लिखते हैं-

बारिश में लगता है मौसम बड़ा सुहाना,

बूँद-बूँद ताल बजाए पंछी गाएँ गाना…।

ठंडी-ठंडी बौछारें हैं पवन चले घनघोर,

बादल गरजे उमड़-घुमड़ नाचे वन में मोर…।

प्रकृति कर रही स्वागत तेरा कर अपना शृंगार

पपीहे ने किया अभिनंदन गा कर मेघ मल्हार…।

आ जा ओ बरखा रानी!

भारतीय वर्षा ऋतु को अमूमन मानसूनी जलवायु कहा जाता है। दरअसल भारत में मानसून आने की प्रक्रिया बाकी देशों की तुलना में थोड़ी अलग है। भारतीय मानसूनी हवाएं हिन्द महासागर के दक्षिणी ध्रुव से आती हैं। जोकि भूमध्य रेखा पार करने के बाद भारत पर कम दवाब छेत्र होने के कारण अरब सागर के रास्ते भारत का रुख करतीं हैं। इसी कड़ी में भारत का दक्षिणी भाग त्रिकोणीय होने के कारण यह मानसूनी हवाएं दो हिस्सों में विभाजित हो जाती हैं। वैज्ञानिक इसके एक हिस्से को अरब सागर शाखा और दूसरे को बंगाल की खाड़ी शाखा कहते हैं।

अरब सागर की शाखा जहां पश्चिमी घाट से टकरा कर मुंबई, गोवा, मंगलौर और केरला आदि जगहों पर भारी बारिश देते हुए राजस्थान में अरावली पर्वतों के पास से निकलकर दिल्ली की ओर बढ़ती है। वहीं बंगाल की खाड़ी की शाखा असम सहित उत्तर-पूर्व भारत के सभी राज्यों में मूसलधार बारिश करते हुए बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश से होते हुए दिल्ली जाती है।

दिल्ली पहुंचने के बाद मानसून की दोनों शाखाएं एक बार फिर मिल जाती हैं और राजधानी दिल्ली में जमकर बारिश होती है। यह प्रक्रिया ज्यादातर जून के महीने से शुरु होकर जुलाई अंत कर पूरी होती है, जिसके बाद मानसून उसी रास्ते से वापस लौटना शुरु कर देता है, जिसे मानसून रिट्रीट कहा जाता है।

हालांकि हाल ही में किए गए कुछ शोधों के अनुसार, भारतीय मानसून की गति और उसका प्रभाव कई तत्वों के अनुसार समय-समय पर बदलती रहती है। कम दवाब क्षेत्र और सूरज की स्थिति के अलावा मानसून प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर के तापमान पर भी निर्भर करता है।

भारत में मानसून के दस्तक देने की घोषणा भारतीय मौसम विभाग करता है। आमतौर 1 जून से केरल राज्य में  मानसून का आगाज हो जाता है। जिसके बाद जुलाई के महीने तक यह मध्य भारत में पंहुचता है और आखिर में राजधानी दिल्ली को जलमग्न करने के बाद सितम्बर में उत्तर भारत से वर्षा ऋतु की वापसी शुरु हो जाती है।

भारत में अलग-अलग प्रकार का क्षेत्र होने के कारण मानसून का प्रभाव हर जगह भिन्न देखने को मिलता है। उत्तर में हिमालय मानसूनी हवाओं को उत्तर भारत तक सीमित रखने का कार्य करते हैं, तो पश्चिम में रोगिस्तान होने के कारण जैसलमेर में सबसे कम बारिश देखने को मिलती है। वर्षा ऋतु के दौरान जहां मध्य और पूर्वी भारत में बाढ़ के हालात बन जाते हैं तो चेरापूंजी और महाबलेश्वर साल की सबसे अधिक बारिश के लिए मशहूर है। निदा फ़ाज़ली के शब्दों में-

Essay on Rainy Season in Hindi

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने

किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है

वर्षा ऋतु में देश के कुछ हिस्सों को छोड़ कर लगभग हर हिस्से में बारिश देती है। वहीं तेलंगाना और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में सूखा भी पड़ता है। बावजूद इसके वर्षा ऋतु देश की सबसे अहम ऋतु है। चूंकि भारत एक खेती प्रधान देश है और देश की लगभग 60 फीसदी आबादी पूरी तरह से खेती पर निर्भर करती है। ऐसे में देश के लिए वर्षा ऋतु का महत्व खुद-ब-खुद बढ़ जाता है।

दरअसल भारत में महत्वपूर्ण खरीफ फसलों की खेती वर्षा ऋतु में ही होती है। इस दौरान खेतों के लबालब भरे होने के कारण चावल की खेती लगभग देश के हर हिस्से में होती है। उदाहरणस्वरुप पूर्व में पश्चिम बंगाल और उत्तर में स्थित पंजाब चावल के सबसे अधिक उत्पादक राज्य हैं। यही नहीं भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक चावल उत्पादक देश है।

इसके अलावा वर्षा ऋतु में कपास की खेती बड़े पैमाने पर होती है। कपास के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि इसे भारत का सफेद सोना भी कहा जाता है। वहीं गन्ने की खेती, चाय के बागान और कुछ दालों की खेती भी वर्षा ऋतु पर ही निर्भर करती है।

वर्षा ऋतु का महत्व हिन्दू पंचाग में काफी बारीकी से पिरोया गया है। हिन्दी महीने के श्रावण मास में सबसे अधिक वर्षा होती है। इसीलिए श्रावण महीने को भगवान शिव का महीना भी कहा गया है। हिन्दू धर्म के लोग इस पूरे महीने को किसी त्योहार की तरह मनाते हैं। भारी बारिश के बावजूद शिव के भक्त कावड़ में गंगाजल भरकर मीलों पैदल चलते हुए भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग को समर्पित करते हैं। इस दौरान काशी विश्वनाथ धाम और बाबा बैजनाथ धाम में श्रद्धालुओं का जमकर जमावड़ा लगता है।

इसके अलावा वर्षा ऋतु के दौरान कई अन्य त्योहार भी बेहद धूम-धाम से मनाए जाते हैं। हड़तालिका तीज से लेकर नाग पंचमी, ओणम, रक्षा बंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, हेमिस महोत्सव, गंगा दशहरा, जनन्नाथ पुरी की रथ यात्रा, असम में अंबुचाची मेले के साथ-साथ ईद का जश्न भी वर्षा ऋतु में ही काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। कवियत्री स्मिता प्रसाद के शब्दों में-

मनभावन-सा लगे हैं सावन

हर चितवन हो गई है पावन

मेघों ने मानों झूमकर

धरती की प्यास बुझाई है

खेलकर खेतों में

फैलकर रेतों में

मतवाली बरखा आई है

हालांकि वर्तमान के दिनों में ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की समस्या के चलते वर्षा ऋतु की सदियों पुरानी प्रक्रिया में खासा बदलाव देखने को मिला है। आज आलम यह है कि, हिमालय में भीषण भूस्खलन की घटनाएं आम हो चली हैं। 2014 में उत्तराखण्ड त्रासदी से लेकर 2021 में होने वाले चमोली हिमस्खलन तक इसी का उदाहरण है।

हर साल बारिश की एक बूंद को तरसने वाला राजस्थान वर्षा ऋतु के दस्तक देते ही बाढ़ की चपेट में आ जाता है। वहीं मूसलाधार बारिश के चलते मुम्बई बाढ़, केरल बाढ़ और बिहार बाढ़ की खबरे वर्षा ऋतु के दौरान सूर्खियों में रहती हैं।

जाहिर है जलवायु परिवर्तन के चलते असमय वर्षा बड़े पैमाने पर किसानों की खेती को प्रभावित करती है। हालांकि इस समस्या से निजात पाने के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर कई कदम उठाए गए हैं। सतत् विकास लक्ष्य और पैरिस समझौता इसी का परिणाम है।

भारत में मानसून कब प्रवेश करता है?

वर्षा ऋतु को मानसून सीजन कहा जाता है। भारत में दो मानसून सीजन होते हैं। दक्षिण-पश्चिम मानसून जून से सितम्बर महीने तक रहता है और उत्तर-पूर्व मानसून अक्टूबर से दिसम्बर के महीने तक रहता है।

मानसून कब से कब तक रहेगा?

भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून 15 जून से 30 सितम्बर तक रहता है और उत्तर-पूर्व मानसून 15 अक्टूबर से 30 दिसम्बर तक रहता है।

मानसून का क्या अर्थ है

मानसून अरबी शब्द मौसिम से निकला है। मानसून शब्द वर्षा ऋतु की हवाओं के लिए इस्तेमाल होता है। मानसूनी हवाएं दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्तर-पूर्व मानसून के रुप में भारत सहित अन्य दक्षिण एशियाई देशों में बारिश देती हैं। 

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भारत की ऋतुएँ पर निबंध (Seasons in India Essay in Hindi)

किसी क्षेत्र का ऋतु, उस क्षेत्र का औसत मौसम है, जो एक निश्चित समय में उस क्षेत्र पर प्रभाव डालता है। भारत का ऋतु चक्र छः कालखंडों में विभाजित है। यह एक-दूसरे से परस्पर पूर्ण रूप से असमान हैं। ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर और वसंत यह भारत के छः प्रमुख ऋतुएँ हैं। महाकवि कलिदास द्वारा रचित ऋतु-संहार में भारत के ऋतुओं का बड़ा सुंदर दार्शनिक वर्णन मिलता है।

Rainy Season Essay in Hindi

भारत की ऋतुएँ पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Seasons in India in Hindi, Bharat ki Rituyen par Nibandh Hindi mein)

भारत की ऋतुएँ पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

पृथ्वी के सूर्य के परिक्रमा करने के फलस्वरूप ऋतुओं में परिवर्तन होता है। जिससे गर्मी, बरसात और ठंड का अनुभव हम सभी को प्राप्त होता है।सालों से होती आ रही ऋतु परिवर्तन के वजह से मनुष्य तथा जीव-जन्तुओं ने स्वयं को उसके अनुकूल ढाल लिया है। फिर भी प्राकृतिक शक्ति के रूप में ऋतु परिवर्तन हमारे जीवन परगहरा प्रभाव डालती है।

भारत में ऋतु के प्रकार

भारत में छह ऋतुएँ पाई जाती है – वर्षा, ग्रीष्म, शरद, शिशिर, हेमंत और बसंत ऋतू। सभी ऋतुएँ दो माह कीहोती है। प्रत्येक ऋतु अपने साथ एक अलग आनंद और उत्साह लेकर आती है। ऋतू वर्ष की एक कालखंड होती है, जिसमे मौसम की दशाएं खास प्रकार की होती है।

भारत में ऋतु परिवर्तन

मई-जून की धूप से तपती धरातलव लू से लोग व्याकुल हो जाते हैं। आसमान छूते तापमान के कारण पंक्षीयों के लिए पेड़ पर पानी रखा जाता है तथा जगह-जगह सड़क के किनारे पर मुसाफिरों के लिए भी पानी का प्रबंध किया जाता है। बरसात का मौसम शुरू होते ही कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने के कारण नदियों का स्तर इस प्रकार बढ़ता है की गांव के गांव खाली करने पड़ जाते हैं और शहर भी उससे अछुते नहीं रह पातें।

पृथ्वी के अस्तित्व में आने के समय से ही पृथ्वी पर ऋतु परिवर्तन की घटना घटित होती आ रही है। यह मानव जाति के साथ-साथ जीव-जन्तु, वनस्पति इन सभी को प्रभावित करती है।

निबंध – 2 (400 शब्द)

भारत विश्व के सुंदर देशों में से एक देश है। इसके संदुरता का मुख्य कारण प्रकृति प्रदत्त वातावरण तथा समय-समय पर बदलने वाली ऋतुएँ हैं। पृथ्वी के अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की दिशा में घूमने तथा सूर्य की परिक्रमा करने के परिणाम स्वरूप बारह महिने में छः बार ऋतु परिवर्तन होता है।

भारत के ऋतु चक्र का वर्णन

ग्रीष्म ऋतु ( Summer Season)

भारतीय पंचांग के अनुसार वर्ष की शुरूआत चैत्र माह से होती है, तथा भारत में ऋतु चक्र का प्रारंभ भी ग्रीष्म ऋतु (गर्मी) चैत्र (मार्च-अप्रैल) माह से होती है। शुरूआती गर्मी में जहां हवां के माध्यम से आनंद की प्राप्ति होती है वहीं कुछ समय पश्चात बढ़ते गर्मी के पारे के वजह से स्कूल बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद भी गर्मी के मौसम, परिवार व दोस्तों के साथ पिकनिक और छुट्टी पर कहीं दूर जाने का सुखद आनंद की प्राप्ति कराता है।

वर्षा ऋतु (Rainy Season)

झुलसा देने वाली गर्मी के वजह से जो तलाब, नदी, कुए तथा धरती सूख गए थे। वह सभी अब बरसात के वजह से हरे भरे हो गए है। बरसात के मौसम में चारों ओर हरियाली छा जाती है।

शरद ऋतु (Autumn Season)

अब आसमान का नीला रंग साफ तौर पर देखा जा सकता है। सफेद बादल आपस में खेलते प्रतीत होते हैं। इस मौसम में फल तथा अनेक प्रकार के फूल खिलते हैं, इसके साथ ही किसान द्वारा लगाए गए धान की पैदावार शुरू हो जाती है। सुबह-सुबह घास पर ओंस की बूंदे जीवन में नई ऊर्जा को भर देती हैं। शरद ऋतु को कवियों द्वारा “शरद सुंदरी” भी कहा गया है।

हेमंत ऋतु ( Pre Winter season)

हेमंत ऋतु में ठंड की शुरूआत हो जाती है पर अभी उतनी ठंड नही लगती। इस ठंड में घूमने योग्य मौसम होता है।

शिशिर ऋतु /शीत ऋतु (Winter Season)

शीत ऋतु में ठंड अपनी चरम सीमा पर रहता है। जिससे कई दिनों तक धूप का नामोनिशान नहीं मिलता, दूर तक फैली धूंध लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल कर देती है। यह सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध (Hemisphere) से दक्षिणी गोलार्द्ध की ओर जाने के वजह से होता है।

वसंत ऋतु ( Spring Season)

सबसे आखिर में वसंत ऋतु आता है, वसंत को ऋतुओं का राजा तथा वसंत दूत भी कहा जाता है। यह मौसम न तो ज्यादा गर्म होता है और न ज्यादा ठंडा। इस मौसम में शिशिर (शीत ऋतु) में पेड़ों से झड़ें पत्तों की टहनियों पर नये पत्ते पनपने लगते हैं। ऐसा कहा जाता है वसंत में पुष्प, पेड़, नदियों तथा तालाबों में सुगंध भर जाता है।

पृथ्वी की परिक्रमा के फलस्वरूप ऋतुओं में परिवर्तन देखा जाता है। प्रत्येक ऋतु एक-दूसरे से भिन्न हैं परंतु सभी प्रकृति पर अपना प्रभाव डालने का सामर्थ्य रखते हैं।

Essay on Seasons in India in Hindi

निबंध – 3 (500 शब्द)

मुख्य रूप से तीन प्रकार के ऋतु वातावरण में समय-समय पर मौजूद होती है। जिसमें गर्मी, ठंडी और बरसात प्रमुख है पर कभी ज्यादा गर्मी पड़ती है तो कभी समान्य, ठंड के साथ भी समान स्थिति पायी जाती है। इस कारणवश इनका विभाजन छः हिस्सों में कर दिया गया है।

ऋतु परिर्वतन के प्रमुख कारण

ग्रीष्म ऋतु – जब सूर्य भूमध्य रेखा से कर्क रेखा की ओर अग्रसर होता है इसके फलस्वरूप भारत में ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है। इसके साथ ही तापमान भी उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ता है। इससे पूरा देश ताप से तपता है। मई-जून के महिने में उत्तरी पश्चिम (राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा पंजाब) का तापमान बढ़कर 47 डिग्री से. (47 0 C) हो जाता है। वहीं उत्तर भारत के शुष्क भागों में इस समय दोपहर में गर्म हवाएं चलती हैं जिन्हें ‘लू’ कहा जाता है। भारत समेत उत्तरी गोलार्द्ध पर पड़ने वाले सभी देशों में, अन्य दिनों की तुलना में 21 जून सबसे बड़ा दिन होता है। ऐसा सूर्य के कर्क रेखा से गुजरने पर सूर्य की किरण उत्तरी गोलार्द्ध पर अधिक समय तक लम्बवत पड़ने के वजह से होता है।

ग्रीष्म का उपहार – ग्रीष्म ऋतु में गर्मी अधिक पड़ने के कारण वर्षा ऋतु में बरसात भी अधिक होता है, जिससे किसान के फसलों की उत्पादन में वृद्धि होती है।

शीत ऋतु – भूमध्यसागरीय क्षेत्र से उत्पन्न होने वाली शीतोष्ण चक्रवात पाकिस्तान तथा ईराक को पार करने के पश्चात भारत में प्रवेश करती। जिससे जम्मू काश्मीर, पश्चिमी पंजाब आदि क्षेत्रों में हलकी वर्षा के साथ शीत ऋतु का आगमन होता है। उत्तरी भारतीय क्षेत्रों में वर्षा तथा हिमपात (बर्फ़ गिरना) के कारण शीत ऋतु अपने चरम पर पहुंच जाता है। भारत में शीत ऋतु की समयावधि 15 दिसम्बर से 15 मार्च है। खगोलीय कारणों के वजह से सूर्य के प्रकाश का पृथ्वी पर न पड़ने के वजह से 21 दिसम्बर का दिन साल का सबसे छोटा दिवस होता है।

शीत ऋतु की संदुरता , रात में चंद्रमा के चांदनी से सारा जग जगमगा उठता है तथा दिन में तालाब में खिले पुष्पों पर भवरे आदि बैठ कर शरद की शोभा बढ़ाते हैं।

वर्षा ऋतु – भारत में दक्षिणी पश्चिमी मानसून हवाओं के प्रवाहित होने से पूरे देश में वर्षा होती है। दक्षिण से चलने वाली हवाएं बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर से होकर गुजरते हुए सागर की नमी को स्वयं में समाहित कर लेती है। जहां-जहां यह पर्वतों से टकराती है वहां वर्षा होती है। यही कारण है राजस्थान में वर्षा न होने का, क्योंकि राजस्थान में एक भी पर्वत श्रृंखला नहीं है। बंगाल की खाड़ी पर हवा के माध्यम से ऊपर उठती नमी गारो-खासी पर्वत से टकराकर मेघालय के मासिनराम तथा चेरापूंजी गांव में विश्व में सर्वाधिक वर्षा का कारण बनते हैं। इस गांव में निवास करने वाले लोग घर से बाहर बिना छाता कभी नहीं जाते तथा घने बादल के सुंदर दृष्य को हम पास से देख सकते हैं।

वर्षा के आगमन सेचारों ओर हरियाली छा जाती है। प्रकृति का सबसे सुंदर स्वरूप देखने का सुख वर्षा ऋतु में प्राप्त होता है।

पृथ्वी के विभिन्न भौगोलिक क्रियाओं के परिणाम स्वरूप ऋतुओं में परिवर्तन देखा जाता है। पाषण काल (जब से मनुष्य जाति अस्तित्व में आए), उस समय से पूर्व से ऋतु परिवर्तन होने के सबूत प्राप्त होते हैं अतः इससे स्पष्ठ है, ऋतु परिवर्तन प्राकृतिक घटनाओं द्वारा होता है।

Essay on Seasons in India

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर – ऋतु वर्ष की एक निश्चित अवधि है जिसमें मौसम का अलग अलग रूप देखने को मिलता है।

उत्तर – ऋतु 6 प्रकार की होती है – ग्रीष्म, शरद, वर्षा, हेमंत, शिशिर तथा वसंत ऋतु।

उत्तर – हेमंत ऋतु की अवधि नवंबर के आखिरी सप्ताह से जनवरी के दूसरे सप्ताह तक रहती है।

उत्तर – शिशिर ऋतु को पतझड़ का मौसम भी कहते हैं इसमें कड़ाके की ठंड पड़ती है।

उत्तर – शरद ऋतु आश्विन और कार्तिक महीने में आती है।

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class 4 essay on rainy season in hindi

वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on rainy season in hindi | बरसात का मौसम पर निबंध

समय समय पर हमें छोटी कक्षाओं में या बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने को दिए जाते हैं। निबंध हमारे जीवन के विचारों एवं क्रियाकलापों से जुड़े होते है। आज hindiamrit.com   आपको निबंध की श्रृंखला में  वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on rainy season in hindi | बरसात का मौसम पर निबंध प्रस्तुत करता है।

इस निबंध के अन्य शीर्षक / नाम

(1) बरसात पर निबंध (2) वर्षा वैभव पर निबंध (3) वर्षा वर्णन पर निबंध (4) बरसात का दृश्य पर निबंध

पहले जान लेते है वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on rainy season in hindi | बरसात का मौसम पर निबंध की रूपरेखा ।

निबंध की रूपरेखा

(1) प्रस्तावना (2) वर्षा का आगमन (3) वर्षा के विविध हृदय (4) एक दिन की घटना (5) उपसंहार

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भारतवर्ष प्रकृति की रमणीय क्रीड़ास्थली है। प्रकृति के जैसे मनोरम दृश्य भारत में देखने को मिलते हैं, वे संसार के किसी अन्य देश में दुर्लभ हैं ।

यहाँ छः ऋतुएँ क्रमशः आती और जाती है, जबकि संसार के अन्य किसी भी देश में छः ऋतुएँ नहीं होती हैं। इन छः ऋतुओं में वर्षा ऋतु अपना विशेष स्थान रखती है।

दिनकर जी के शब्दों में-

“है बसन्त ऋतुओं का राजा। वर्षा ऋतुओं की रानी॥”

वर्षा का आगमन

जेठ का महीना बीत रहा था। ग्रीष्म ऋतु अपने पूर्ण उत्कर्ष पर थी। जेठ की दोपहरी ऐसी तपती थी कि संसार के सभी जीव-जन्तु वृक्षों की छाया में हॉपते हुए समय काटते थे।

मनुष्य लूओं से बचने के लिए कहीं अँधेरे घरों में छिप जाना चाहते थे। धीरे-धीरे आया आषाढ़ का पहला दिन, आकाश में बादल दिखाई दिया। यह वही दिन था जिस दिन कालिदास के प्रिया-विरह से संतप्त यक्ष ने मेघ को अपना दूत बनाया था।

धीरे-धीरे आकाश बादलों से ढक गया। किसानों की जान में जान आ गयी। बादलों को देखकर उनकी आँखें ठंडी होने लगी। एक-दो दिन तक बादल जमते गये।

आखिर बादलों ने धरती की प्यास बुझाई। संसार को चैन मिला। चींटी से लेकर हाथी तक, जड़ से लेकर चेतन तक सभी प्राणियों और वनस्पतियों में नवजीवन का संचार हो गया। चारों ओर हर्षोल्लास छा गया।

वर्षा के विविध दृश्य

वर्षा के विविध दृश्य भी कैसे विचित्र होते हैं? आकाश बादलों से ढका रहता है। कभी-कभी तो कई-कई दिन तक सूर्य के दर्शन नहीं होते। शस्यश्यामला धरती का सौन्दर्य देखते ही बनता है।

वादलों को देखकर वन-उपवन में मोर आनन्दमग्न होकर नाचते हैं। नदी-नालों में उफान आ जाता है। पोखर और सरोवर का पानी सीमा लॉघ जाता है।

नदियाँ जल से तटों को डुबाकर घमंड से इतराने लगती हैं। सब ओर पानी ही पानी दिखाई देता है। मेंढकों की टर्र-टर्र और झींगुरों की झनकार एक विचित्र समा बाँध देती है।

एक दिन की घटना

वर्षा ऋतु अपने चरम उत्कर्ष पर थी। एक दिन एक विचित्र दृश्य उपस्थित हुआ। यह था-श्रावण का एक दिन! आकाश बादलों से ढका हुआ था।

रात बीती, प्रभात हुआ। सूर्य के तो कई दिनों से दर्शन न हुए थे। प्रभात हो जाने पर भी अंधेरा बढ़ता चला आ रहा था। घड़ी साढ़े छः बजा रही थी। हम लोग स्कूल जाने की तैयारी में थे कि अचानक वर्षा आरम्भ हो गयी।

मूसलाधार वर्षा, रुकने का नाम नहीं। थोड़ी देर में सब ओर पानी ही पानी हो गया। गलियों और सड़कों पर पानी की नदियाँ सी बह रही  थीं। कुछ देर बाद तो हमारे घर में में भी पानी।

सारे मुहल्ले में शोर मचा था। लगता था जैसे प्रलय आ जायेगी। तीन घंटे की लगातार वर्षा ने सब ओर त्राहि-त्राहि मचा दी। उस दिन स्कूल जाने की किसी में हिम्मत न थी।

सुबह को जलपान हुआ था तत्पश्चात पोखर की तरह जलपूर्ण रसोई में भोजन बनने का प्रश्न ही नही था। उस दिन लाचारी का व्रत हुआ। दिनभर घरों का पानी उलीचते रहे, घरों की सफाई करते रहे ।

हाँ, वर्षा रुकने पर हम लोग घर से बाहर निकले और पानी में छप-छप करते फिरे । बाग में गये, आमों के ढेर लगे थे। खूब छक कर आम खाये। तीसरे पहर घर लौट कर आये।

उस समय पानी साफ हो गया था। धूप निकल आयी थी। भोजन तैयार था और मम्मी-पापा मेरी ही प्रतीक्षा कर रहे थे। सबने भोजन किया। धीरे-धीरे सूर्य अस्ताचल पर पहुँच गया।

इस प्रकार यह बरसात का दिन बीता। आज भी वह दिन मुझे जब याद आता है, देर तक सोचता रहता हूँ।

वर्षा भारत के लिए वरदान बनकर आती है। कभी-कभी बाढ़ और तूफानों से यह प्रलय का दृश्य भी उपस्थित कर देती है।

प्रायः धन-जन की भी क्षति हो जाती है, तथापि वर्षा के द्वारा ही उस विनाश की क्षतिपूर्ति भी हो जाती है।

वर्षा अन्न और जल देने वाली शक्ति है। यह जीवनदायिनी सुन्दर ऋतु है।

यही मानव जीवन का आधार है। इसके आते ही बच्चे गा उठते हैं-

“जीवन-धन-सुखदाई लाई। वर्षा आई, वर्षा आई ॥ पशु-पक्षी मानव हरषाने। जड़-चेतन की प्यास बुझाने ॥ सघन घटाएँ संग में लाई। बर्षा आई, वर्षा आई॥”

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10 Lines on Rainy Season in Hindi | वर्षा ऋतु पर 10 लाइन

class 4 essay on rainy season in hindi

10 Lines on Rainy Season: इस पोस्ट में हम आपके लिए  वर्षा ऋतु पर 10 लाइन   हिंदी में  या  Short Essay on Rainy Season in Hindi  दे रहे हैं। अगर आप कक्षा 123 और कक्षा 4 के छात्रों तो ये आपके लिए सबसे अच्छा है। बरसात का मौसम साल का सबसे अच्छा मौसम होता है।  बरसात के मौसम में जानवर भी सक्रिय रहते हैं ।

बरसात का मौसम  जुलाई के महीने में आता है। यह सितंबर तक जारी रहता है। इस मौसम की बजेसे किसान आपना खेती कर पातेहै। इसलिये इस पोस्ट में हम्म  10 Lines on Rainy Season in Hindi  लिखा है।

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Table of Contents

10 Lines on Rainy Season in Hindi

Pattern 1  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • पृथ्वी पर कई ऋतुएँ होती हैं जैसे ग्रीष्म, शीत और वर्षा ऋतु।
  • बरसात का मौसम मेरा पसंदीदा मौसम है। जून के पहले सप्ताह में बरसात का मौसम शुरू हो जाता है।
  • इस समुंदर, नदी, बांध और झीलों में पानी भर जाता है।
  • पशु और पौधे भी पानी के लिए बारिश पर निर्भर हैं। हमें पीने का पानी बारिश से मिलता है।
  • छोटे बच्चों को पानी में खेलना बहुत पसंद होता है। यह मौसम किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  • बरसात के मौसम में हमें रंगीन इंद्रधनुष देखने को मिलता है।
  • इस मौसम में पेड़ हरे हो जाते हैं और पूरी जमीन हरी-भरी और खूबसूरत हो जाती है।
  • छोटे बच्चे बारिश के पानी में कागज़ की नावें गिराते हैं।
  • इस मौसम की फसलें बारिश के पानी पर निर्भर करती हैं और हम बारिश का आनंद लेते हैं।
  • सारा वातावरण शीतल और सुन्दर हो जाता है, इसलिए मुझे बरसात का मौसम अच्छा लगता है।

10 Lines on Rainy Season in English

Pattern 2  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • There are Many Seasons on Earth-like Summer, Winter, and rainy seasons.
  • Rainy season is my favorite season. The rainy season starts in the first week of June.
  • This sea, river, dam and lakes get filled with water.
  • Animals and plants are also dependent on rain for water. We get drinking water from rain.
  • Young children love to play in the water. This season is very important for the farmers.
  • We get to see a colorful rainbow during the rainy season.
  • Trees turn green in this season and the whole land becomes green and beautiful.
  • Small children drop paper boats in Rainwater.
  • The Crops of this season depend on the Rainwater and we enjoy the rain.
  • The Whole Environment becomes cool and beautiful, so I like the rainy season.

10 Lines on Rainy Season in Odia

Pattern 3  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • ଗ୍ରୀଷ୍ମ, ଶୀତ ଏବଂ ବର୍ଷା ରୁତୁ ପରି ପୃଥିବୀରେ ଅନେକ ରୁତୁ ଅଛି।
  • ବର୍ଷା ରୁତୁ ମୋର ପ୍ରିୟ ରୁତୁ। ଜୁନ୍ ପ୍ରଥମ ସପ୍ତାହରେ ବର୍ଷା ରୁତୁ ଆରମ୍ଭ ହୁଏ।
  • ଏହି ସମୁଦ୍ର, ନଦୀ, ବନ୍ଧ ଏବଂ ହ୍ରଦ ଜଳରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ହୁଏ।
  • ପଶୁ ଏବଂ ଉଦ୍ଭିଦ ମଧ୍ୟ ଜଳ ପାଇଁ ବର୍ଷା ଉପରେ ନିର୍ଭରଶୀଳ। ବର୍ଷା ଠାରୁ ଆମେ ପାନୀୟ ଜଳ ପାଇଥାଉ।
  • ଛୋଟ ପିଲାମାନେ ପାଣିରେ ଖେଳିବାକୁ ଭଲ ପାଆନ୍ତି। ଏହି ରୁତୁ କୃଷକମାନଙ୍କ ପାଇଁ ଅତ୍ୟନ୍ତ ଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ।
  • ବର୍ଷା ରୁତୁରେ ଆମେ ଏକ ରଙ୍ଗୀନ ଇନ୍ଦ୍ରଧନୁ ଦେଖିବାକୁ ପାଇଥାଉ।
  • ଏହି ରୁତୁରେ ଗଛ ସବୁଜ ହୋଇଯାଏ ଏବଂ ସମଗ୍ର ଭୂମି ସବୁଜ ଏବଂ ସୁନ୍ଦର ହୋଇଯାଏ।
  • ଛୋଟ ପିଲାମାନେ ବର୍ଷା ପାଣିରେ କାଗଜ ଡଙ୍ଗା ପକାନ୍ତି।
  • ଏହି ରୁତୁର ଫସଲ ବର୍ଷା ଜଳ ଉପରେ ନିର୍ଭର କରେ ଏବଂ ଆମେ ବର୍ଷା ଉପଭୋଗ କରୁ।
  • ସମଗ୍ର ପରିବେଶ ଥଣ୍ଡା ଏବଂ ସୁନ୍ଦର ହୋଇଯାଏ, ତେଣୁ ମୁଁ ବର୍ଷା ରୁତୁକୁ ପସନ୍ଦ କରେ।

10 Lines on Rainy Season in Odia

10 Lines on Rainy Season in Gujarati

Pattern 4  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • ઉનાળો, શિયાળો અને વરસાદની રૂતુ જેવી પૃથ્વી પર ઘણી asonsતુઓ છે.
  • વરસાદની રુતુ મારી પ્રિય રુતુ છે. જૂન મહિનાના પ્રથમ સપ્તાહમાં વરસાદની મોસમ શરૂ થાય છે.
  • આ સમુદ્ર, નદી, ડેમ અને તળાવો પાણીથી ભરાઈ જાય છે.
  • પ્રાણીઓ અને છોડ પણ પાણી માટે વરસાદ પર આધારિત છે. અમને વરસાદથી પીવાનું પાણી મળે છે.
  • નાના બાળકો પાણીમાં રમવાનું પસંદ કરે છે. આ seasonતુ ખેડૂતો માટે ખૂબ મહત્વની છે.
  • વરસાદી રુતુમાં આપણને રંગબેરંગી મેઘધનુષ્ય જોવા મળે છે.
  • આ રુતુમાં વૃક્ષો લીલા થાય છે અને આખી જમીન લીલી અને સુંદર બને છે.
  • નાના બાળકો વરસાદના પાણીમાં કાગળની બોટ નાખે છે.
  • આ સિઝનના પાક વરસાદના પાણી પર આધાર રાખે છે અને આપણે વરસાદનો આનંદ માણીએ છીએ.
  • સમગ્ર વાતાવરણ ઠંડુ અને સુંદર બને છે, તેથી મને વરસાદી રુતુ ગમે છે.

10 Lines on Rainy Season in Bengali

Pattern 5  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • পৃথিবীতে গ্রীষ্ম, শীত এবং বর্ষার মতো অনেক seতু আছে।
  • বর্ষাকাল আমার প্রিয় তু। জুনের প্রথম সপ্তাহে বর্ষাকাল শুরু হয়।
  • এই সমুদ্র, নদী, বাঁধ এবং হ্রদগুলি পানিতে ভরে যায়।
  • প্রাণী এবং উদ্ভিদও পানির জন্য বৃষ্টির উপর নির্ভরশীল। আমরা বৃষ্টি থেকে পানীয় জল পাই।
  • ছোট বাচ্চারা পানিতে খেলতে ভালোবাসে। এই মৌসুম কৃষকদের জন্য খুবই গুরুত্বপূর্ণ।
  • বর্ষাকালে আমরা একটি রঙিন রংধনু দেখতে পাই।
  • এই seasonতুতে গাছ সবুজ হয়ে যায় এবং পুরো জমি সবুজ এবং সুন্দর হয়ে যায়।
  • ছোট বাচ্চারা বৃষ্টির পানিতে কাগজের নৌকা ফেলে দেয়।
  • এই মৌসুমের ফসল বৃষ্টির পানির উপর নির্ভর করে এবং আমরা বৃষ্টি উপভোগ করি।
  • পুরো পরিবেশ ঠান্ডা এবং সুন্দর হয়ে যায়, তাই আমি বর্ষাকাল পছন্দ করি।

10 Lines on Rainy Season in Bangali

10 Lines on Rainy Season in Nepali

Pattern 6  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • त्यहाँ गर्मी, जाडो र बरसात को मौसम जस्तै पृथ्वी मा धेरै मौसमहरु छन्।
  • बरसातको मौसम मेरो मनपर्ने मौसम हो। बरसातको मौसम जून को पहिलो हप्ता मा शुरू हुन्छ।
  • यो समुद्र, नदी, बाँध र तालहरु पानी संग भरिएको छ।
  • जनावर र बिरुवाहरु पानी को लागी वर्षा मा निर्भर छन्। हामी वर्षा बाट पिउने पानी पाउँछौं।
  • साना बच्चाहरु पानी मा खेल्न मनपर्छ। यो सिजन किसानहरुको लागी धेरै महत्वपूर्ण छ।
  • हामी बरसातको मौसममा एक रंगीन इन्द्रेणी देख्न पाउँछौं।
  • रुखहरु यस मौसममा हरियो हुन्छन् र सारा जमिन हरियो र सुन्दर बन्छ।
  • साना बच्चाहरु वर्षा पानी मा कागज डुats्गा छोड्छन्।
  • यस सिजन को फसल वर्षा पानी मा निर्भर गर्दछ र हामी वर्षा को आनन्द लिन्छौं।
  • सम्पूर्ण वातावरण शान्त र सुन्दर बन्छ, त्यसैले म बरसात को मौसम मनपर्छ।

10 Lines on Rainy Season in Punjabi

Pattern 7  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • ਧਰਤੀ ਤੇ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਮੌਸਮ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਗਰਮੀ, ਸਰਦੀ ਅਤੇ ਬਰਸਾਤੀ ਮੌਸਮ.
  • ਮੀਂਹ ਦਾ ਮੌਸਮ ਮੇਰਾ ਮਨਪਸੰਦ ਮੌਸਮ ਹੈ. ਬਰਸਾਤੀ ਮੌਸਮ ਜੂਨ ਦੇ ਪਹਿਲੇ ਹਫਤੇ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ.
  • ਇਹ ਸਮੁੰਦਰ, ਨਦੀ, ਡੈਮ ਅਤੇ ਝੀਲਾਂ ਪਾਣੀ ਨਾਲ ਭਰ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ.
  • ਪਸ਼ੂ ਅਤੇ ਪੌਦੇ ਵੀ ਪਾਣੀ ਲਈ ਮੀਂਹ ‘ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਹਨ. ਸਾਨੂੰ ਮੀਂਹ ਤੋਂ ਪੀਣ ਵਾਲਾ ਪਾਣੀ ਮਿਲਦਾ ਹੈ.
  • ਛੋਟੇ ਬੱਚੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਖੇਡਣਾ ਪਸੰਦ ਕਰਦੇ ਹਨ. ਇਹ ਸੀਜ਼ਨ ਕਿਸਾਨਾਂ ਲਈ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ।
  • ਸਾਨੂੰ ਬਰਸਾਤ ਦੇ ਮੌਸਮ ਦੌਰਾਨ ਇੱਕ ਰੰਗੀਨ ਸਤਰੰਗੀ ਪੀਂਘ ਦੇਖਣ ਨੂੰ ਮਿਲਦੀ ਹੈ.
  • ਇਸ ਮੌਸਮ ਵਿੱਚ ਰੁੱਖ ਹਰੇ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਸਾਰੀ ਜ਼ਮੀਨ ਹਰੀ ਅਤੇ ਸੁੰਦਰ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ.
  • ਛੋਟੇ ਬੱਚੇ ਕਾਗਜ਼ ਦੀਆਂ ਕਿਸ਼ਤੀਆਂ ਮੀਂਹ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਿੱਚ ਸੁੱਟਦੇ ਹਨ.
  • ਇਸ ਮੌਸਮ ਦੀਆਂ ਫਸਲਾਂ ਮੀਂਹ ਦੇ ਪਾਣੀ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਅਸੀਂ ਬਾਰਿਸ਼ ਦਾ ਅਨੰਦ ਲੈਂਦੇ ਹਾਂ.
  • ਸਾਰਾ ਵਾਤਾਵਰਣ ਠੰਡਾ ਅਤੇ ਸੁੰਦਰ ਬਣ ਜਾਂਦਾ ਹੈ, ਇਸ ਲਈ ਮੈਨੂੰ ਬਰਸਾਤ ਦਾ ਮੌਸਮ ਪਸੰਦ ਹੈ.

10 Lines on Rainy Season in Video

Last Word on 10 Lines on Rainy Season for Students

हम Student के पढ़ाई के लिए ही Article बनाते है। कैसे एक Student आसानी से अपने Homework के साथ साथ अपने General Knowledge को कैसे बढ़ा सकता है? सिर्फ उसीके बारे मै ही हमरे सारे Article है। एक Student के लिए जीतने भी जरूरती Essay है जो मदत कर सकता है उनके पढ़ाई मै वो सारे Essay को हमने पोस्ट किए है। हम्म आसा करते है की ये बर्षा ऋतु आपको बहत अच्छा लगे।

इसके साथ साथ किस तरह से आप आसानी से Essay लिख सकते है या Essay लिखने का आसान तरीका को भी आप जान पाओगे और ये एस्से आपको 7 भासा में मिल जाएगा, आप आपके बहस के अनुसार एशे पढ़ सकते है। इसके बाद Student के General Knowledge के लिए जीतने भी General Quiz है जो आसान करेगा Student के पढ़ाई या उनके जीतने भी Quiz Competition है उन सभी मै अपना बेहतर देने के लिए मदत करेगा।

अन्य पोस्ट देखें –  Short Essay  /  10 Lines Essay .

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References Links:

  • https://www.britannica.com/science/Indian-monsoon
  • https://education.nationalgeographic.org/resource/monsoon/
  • https://en.wikipedia.org/wiki/Wet_season

One Comment

Thanks-a-mundo for the article post.Really thank you! Cool.

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class 4 essay on rainy season in hindi

Essay on Seasons of India in Hindi- भारत की ऋतुएँ पर निबंध

In this article, we are providing Essay on Seasons of India in Hindi. भारत की ऋतुएँ पर निबंध- ऋतुओं के क्रम ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर, पतझड़ तथा वसंत ।

class 4 essay on rainy season in hindi

महाकवि कालिदास ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ऋतुसंहार की रचना का आधार भारत की छः ऋतुओं को बनाया है। भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ एक ही वर्ष में छः ऋतुओं का चक्र गतिमान होता है। भारत में ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर, पतझड़ तथा वसंत ये छ: ऋतुएँ क्रम से आती हैं।

प्रत्येक ऋतु की कालावधि दो मास की होती है। ग्रीष्म ऋतु या गर्मी की ऋतु में सूर्य का आतप अपने परम बिंदु पर होता है। भयंकर गर्मी, लू तथा तपती धूप से पृथ्वी तवे की तरह तपने लगती है। पेड़-पौधों की हरियाली नष्ट हो जाती है। ग्रीष्म की भयंकर तपन के बाद वर्षा की सजल ऋतु आती है। बादल झुक-झुककर धरती को अपनी रसवर्षा से सरस बना देते हैं। ग्रीष्म के भयंकर ताप से झुलसी प्रकृति हरियाली से भरी-पूरी हो जाती है। सावन के झूले और कजली के गीतों से पूरा वातावरण झूम जाता है। आकाश में ऐसे काले बादल छा जाते हैं कि चारों तरफ अँधेरा-सा हो जाता है।

वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु; न अधिक गर्मी न सर्दी। शरद ऋतु का मौसम सुहावना होता है। शरदकाल का चंद्रमा अपनी निर्मल चाँदनी के लिए जाना जाता है। कवियों ने इस ऋतु को ‘शरद् सुंदरी’ की संज्ञा दी है। विजयादशमी और दीपावली इस ऋतु में आनेवाले प्रमुख त्योहार हैं। शरद के बाद सर्दी बढ़कर बदन को कंपकंपाने लगती है और भूमंडल पर प्रकाश और ऊर्जा का संवाहक सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की ओर से दक्षिणी गोलार्द्ध की ओर जाने लगता है। हेमंत ऋतु आती है, जाड़ा आ जाता है। हेमंत के बाद जनवरी मास में पड़नेवाले मकर संक्रांति पर्व से शिशिर ऋतु का आगमन होता है। शिशिर पतझड़ की ऋतु कही जाती है, इसे वसंत-दूत भी कहते हैं। पेड़ों के पुराने पत्ते झड़कर नए पत्तों के आने अर्थात् बसंत के आगमन की सूचना देते हैं। बसंत इस प्रकार वृक्षों एवं वनस्पतियों को प्राचीनता से नवीनता की ओर अग्रसर कर देता है। बसंत में पेड़-पौधों में पुष्प, तालाबों में कमल, स्त्रियों में कामदेव का वास और हवा में सुगंध भर जाती है। रातें सुखयुक्त और दिन रम्य हो जाते हैं। इस प्रकार सब कुछ प्रियता को प्राप्त हो जाता है।

Essay on Rainy Season in Hindi- वर्षा ऋतु पर निबंध

Essay on Spring Season in Hindi- वसंत ऋतु पर निबंध

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Essay on Rainy Season In Hindi

वर्षा ऋतु पर निबंध.

बारिश का मौसम पर निबंध – Essay on Rainy Season In Hindi

रुपरेखा : वर्षा ऋतु का परिचय – वर्षा ऋतु के अनेक रूप – सावन के मन – वर्षा ऋतु में हिमपात अथवा स्नोफॉल का मनमोहक दृश्य – चाँदनी रात – वर्षा का आँख-मिचौनी खेलना – वर्षा से लाभ – वर्षा से हानियाँ – उपसंहार।

वर्षा ऋतु का परिचय

मौसम ठंडा हो गया और प्रकृति हरी – भरी हो उठी । पीली पत्तियों और मुरझाए पेड़ों पर हरियाली छा गई। उपवन में पुष्प खिल उठे। कुंजों में लताएं एक-दूसरे से आलिगन-बड्ध होने लगीं। सरिता-सरोवर जल से भर गए। उनमें कमल मुकुलित बदन खड़े हुए। नदियाँ इतरातीं, इठलातीं अठखेलियाँ करतीं, तट-बंधन तोड़तीं बिछुड़े हुए पति सागर से मिलने निकल पड़ीं। सम्पूर्ण वायुमंडल शीतल और सुखद हुआ। भवन, मार्ग, वीथियाँ, लता-पादप धुले से नजर आने लगे | वातावरण मधुर और सुगंधित होने लगा । जन-जीवन में उल्लास छा गया। पिकनिक और सैर-स्पॉट का मौसम आ गया। पेड़ों पर झूले पड़ गए। किशोर-किशोरियाँ पेंगे भरने लगीं। उनके कोकिल कंठी से मल्हार फूट निकाला।

वर्षा ऋतु के अनेक रूप

इस ऋतु में आकाश में बादलों के झुंड नई-नई क्रीडा करते हुए अनेक रूप धारण करते हैं। मेघमालाच्छादित गगन- मंडल में इन्द्र के वज़पात से चिनगी दिखाने के समान विधद्युल्लता की बार-बार चमक और चपलता देखकर वर्षा में बन्दर भी भीगी बिल्ली बन जाते हैं। मेघों में बिजली की चमक में प्रकृति सुन्दरी के कंकण मनोहारिणी छवि देते हैं। घनघोर गर्जन से ये मेघ कभी प्रलय मचाते हैं तो कभी इन्द्रधनुषी सतरंगी छटा से मन मोह ले लेती हैं। वन-उपवन तथा बाग-बगीचों में यौवन चमकने लगता है | पेड़-पौधे स्वच्छन्दतापूर्वक भीगते हुए मस्ती में झूम उठते है। हरे पत्ते की हरी डालियाँ रूपी कर नील -गगन को म्पर्श करने के लिए मचल उठे। पवन वेग से गुंजित तथा कंपित वृक्षावली सिर हिलाकर चित्त को अपनी ओर बुलाने लगीं। वर्षा का रस रसाल के रूप में टप-टप गिरता हुआ टपका बन जाता है तो मंद-मंद गिरती हुई जामुनें मानों भादों के नामकरण-संस्कार को सूचित कर रही हों। बाबाजी के बाग में दुशाला ओढ़े खड़ी हुई’ मोतियों से जड़ी कूकड़ी की तो बात ही निराली है।

सावन की मनभावती फुहारों और धीमी-धीमी शीतल पवन के चलते मतवाले मयुर अपने पंखों को दिखा- दिखाकर नाच रहे हैं । पोखरों में मेंढ्रक टर्र-टर्र करते हुए अपना गला फाड़ रहे हैं। बगुलों की पंक्ति पंख फैला-फैलाकर चाँदनी-सी तान रहे हैं। मछलियाँ जल में डुबकी लगाकर जल-क्रीडा का आनन्द ले रही हैं। रात्रि में जुगनू अपने प्रकाश से मेघाच्छादित आकाश में दीपावली के दीपक समान टिमटिमा रहे हैं। केंचुए, बिच्छू, मक्खी-मच्छर सैर का आनन्द लेने भूतल पर विवरण कर रहे हैं। खगगण का कलरव, झींगुर समूह की झंकार वातावरण को संगीतमय बना रहे हैं। सचमुच सावन का ये मन देख कर मनुष्य तथा पशु-पक्षियों नाचने लगते है।

वर्षा ऋतु में हिमपात अथवा स्नोफॉल का मनमोहक दृश्य इस ऋतु में पर्वतों पर हिमपात अथवा स्नोफॉल का दृश्य मनमोहक होता है। हल्की -सी हवा में बर्फ रूई के फायों के रूप में हवा में तैरती हुई जब भूमि पर उतरती है तो उस नयनाभिराम दृश्य को देखकर हृदय नाच उठता है। पर्वतीय नगरों का चप्पा-चप्पा हिममय हो जाता है | पेड़ पौधे सब बर्फ से लद जाते हैं। मकानों की छतें बर्फ से ढक जाती हैं। चारों ओर सफेदी का साम्राज्य छा जाता है। बर्फ से ढकी बाड़ की जाली और तार चाँदी कि समान चमकते हैं। देवदार वक्षों को देखकर लगता है स्वर्ग के रुपहले विचित्र देवदार निकल गए हैं या खंभों के सहारे विकराल मक्के की बालें लटकाई गई हैं।

चाँदनी रात में तो हिमपात अथवा स्नोफॉल का सौन्दर्य अत्यधिक विषयी बन जाता है, क्योंकि आकाश से गिरती हुई बर्फ और बर्फ से ढके हुए पदार्थ शुभ्र ज्योत्स्ना की आभा से चमकते हुए बहुत सुन्दर लगते हैं। चाँदनीं के कारण सारा दृश्य दूध के समुद्र के समान दिखाई देता है। नयनाभिराम हिमराशि की श्वैतिमा मन को मोह लेती है।

वर्षा का वीभत्स रूप है अतिवृष्टि । अतिवृष्टि से जल-प्रलय का दृश्य उपस्थित होता है। दूर-दूर तक जल ही जल तथा मकान, सड़क, वाहन, पेड्-पौधे, सब जल मग्न हुए दीखते है। जीवन-भर की संचित सम्पत्ति, पदार्थ जल देवता को अर्पित तथा जल-प्रवाह के प्रबल वेग में नर-नारी, बालक-वृद्ध तथा पशु बह रहे हैं। अनचाहे काल का ग्रास बन रहे हैं। गाँव के अपनी प्रिय स्थली को छोड़कर शरणाथी बन सुरक्षित स्थान पर शरण लेने को विवश हैं।

वर्षा का आँख-मिचौनी खेलना

यहां है वर्षा, जो आँख-मिचौनी खेला करती है । इसके आगमन और गमन के पूर्वाभास में मौसम विशेषज्ञ भी धोखा खा जाते हैं। बेचारी आकाशवाणी तथा दूरदर्शन अविश्वसनीय सिद्ध हो जाते हैं। अभी-अभी उमड़-घुमड़ कंर बादल आए और “जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं’ के अनुसार बिन बरसे चले गए। कभी-कभी आकाश साफ होता है और अस्मात् ही इन्द्र देवता बरस पड़ते हैं । थोड़ी देर बाद वर्षा रुकने की सम्भावना होती है, पर ‘शनीचर की झड़ी, न कोठी न कड़ी ‘ बन जाती है।

वर्षा से लाभ

वर्षा होगी तो खेती फले-फूलेगी। अकाल नहीं पड़ेगा। अनाज महँगा नहीं होगा। पर्वतों पर पड़ी बर्फ सरिता-सरोवर और नद-नदियों का जल से जीवधारियों की प्यास शान्त रखेगी । जलवायु पवित्र होगा, पृथ्वी का कूड़ा-कचरा धुल जाएगा, चातक की प्यास बुझ जाएगी।

वर्षा से हानियाँ

वर्षा से अनेक हानियाँ भी हैं। सड़कों पर और झोंपड़ियों में जीवन व्यतीत करने वाले लोग भीगे बस्त्रों में अपना समय गुजारते हैं। उनका उठना-बैठना, सोना-जागना, खाना-पीना दुश्वार हो जाता है। वर्षा से मच्छरों का प्रकोप होता है, जो अपने दंश से मानव को बिना माँगे मलेरिया दान कर जाते हैं । वायरल फीवर, टायफॉइड बुखार, गैस्ट्रो एंटराइटिस, डायरिया, डीसेन्ट्री, कोलेर आदि रोग इस ऋतु के अभिशाप हैं।

जगत का जीवन, प्राणियों का प्राण, धरा का श्रृंगार, नद-नदियों, बन-उपवन का अलंकरण, हृदय में उल्लास और उत्साह का प्रेरक, प्रेम और कामना की सृजक है वर्षा ऋतु। इस ऋतु में लोगों को सावधानी से रहना चाहिए क्यूंकि इस ऋतु में लोग अधिक बीमार होते है। मानव जाति को बारिश के पानी को संचित करने का उपाय ढूँढना चाहिए।

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    वर्षा ऋतु पर निबंध for class 4 to 8 - (400 शब्द) वर्षा ऋतु पर निबंध for class 9 to 12 - (600 शब्द) varsha ritu essay in hindi 10 lines ; निष्कर्ष(varsha ritu essay in hindi): FAQS: (varsha ritu essay in hindi)

  5. वर्षा ऋतु पर निबंध

    Essay on Rainy Season in Hindi आपके लिए short essay जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं। 100 शब्दों में, 250, 300, 400 words. ... class 4, class 5 से class 10 तक के बच्चे इसे लिख सकते हैं ...

  6. वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)

    वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)-हर साल हम सभी को वर्षा ऋतु (Rainy Season) का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे बारिश का मौसम पसंद न हो ...

  7. वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay On Rainy Season In Hindi)

    वर्षा ऋतु पर निबंध 400-500 शब्दों में (Essay on Rainy Season in Hindi 400-500 Words) बरसात का मौसम हमारे जीवन के लिए एक वरदान की तरह है। इसके महत्व को बच्चे हो या बड़े हर किसी को समझने की ...

  8. वर्षा ऋतु पर निबंध

    वर्षा ऋतु पर निबंध (Essay on Rainy Season in Hindi). इस लेख में हम वर्षा ऋतु कब होती है, वर्षा ऋतु का महत्व, वर्षा ऋतु से क्या लाभ है के बारे में जानेंगे I Essay on Rainy Season in 100, 150, 200, 250, 300 words.

  9. Essay on rainy season in hindi, article, paragraph: वर्षा ऋतु पर निबंध

    वर्षा ऋतु पर निबंध, short essay on rainy season in hindi (100 शब्द) मुझे बारिश का मौसम सबसे ज्यादा पसंद है। यह सभी चार सत्रों में मेरा पसंदीदा और सबसे अच्छा ...

  10. वर्षा ऋतू पर निबंध हिंदी में

    वर्षा ऋतु हिंदी निबंध - Rainy Season Essay in Hindi. (बरसात पर निबंध हिंदी में Barsaat ke mausam par nibandh) बारिश का मौसम हम सभी के लिए प्यारा मौसम होता है। यह जुलाई के ...

  11. rainy season essay in hindi। वर्षा ऋतु पर हिंदी निबंध

    Spread the love. वर्षा ऋतू जिस ऋतू में पृथ्वी पे आकाश से जल बरसता है। यह जल पृथ्वी के जीवन चक्र में बहुत सहायक है। आज हम आपके लिए इस पोस्ट में rainy ...

  12. वर्षा ऋतु पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi)

    इन्हे भी पढ़े :-. 10 Lines On Rainy Season In Hindi Language. ग्रीष्म ऋतु पर निबंध (Summer Season Essay In Hindi) वसंत ऋतु पर निबंध (Spring Season Essay In Hindi) बारिश के दिन पर निबंध (Rainy Day Essay In Hindi ...

  13. वर्षा ऋतु पर निबंध

    Rainy Season Essay In Hindi: भारत में प्रमुख छ: ऋतुएं हैं, जिसमें से एक ऋतु वर्षा ऋतु भी है। वर्षा ऋतु को मॉनसून का मौसम भी कहा जाता है, और इस मौसम में भारत

  14. वर्षा ऋतु निबंध

    वर्षा ऋतु पर छोटे तथा बड़े निबंध (Essay on Rainy Season in Hindi) बरसात का एक दिन। - A Rainy Day रूपरेखा- प्रस्तावना, वर्षा का आगमन, वर्षा के विविध दृश्य, एक दिन की घटना, उपसंहार।

  15. बारिश का दिन पर निबंध (Rainy Day Essay in Hindi)

    बारिश का दिन पर निबंध (Rainy Day Essay in Hindi) By मीनू पाण्डेय / July 18, 2023. कोई फर्क नहीं पड़ता कि मौसम क्या हो सकता है, बारिश का दिन भी बहुत राहत और आराम ...

  16. वर्षा ऋतु पर निबंध

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  17. भारत की ऋतुएँ पर निबंध (Seasons in India Essay in Hindi)

    Rainy Season Essay in Hindi. भारत की ऋतुएँ पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Seasons in India in Hindi, Bharat ki Rituyen par Nibandh Hindi mein) भारत की ऋतुएँ पर निबंध - 1 (250 - 300 शब्द)

  18. essay on rainy season in hindi

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  19. Rainy Season Essay In Hindi

    6 veterans of Purvanchal UP: बात उस जमाने की है जब नेता का अपना एक व्यक्तित्व वजूद और सम्मान हुआ करता था। उनका दायरा व्यापक हुआ करता था। ऐसे नेता दल व सभी समीकरणों पर भारी ...

  20. 10 Lines on Rainy Season in Hindi

    10 Lines on Rainy Season: इस पोस्ट में हम आपके लिए वर्षा ऋतु पर 10 लाइन हिंदी में या Short Essay on Rainy Season in Hindi दे रहे हैं। अगर आप कक्षा 123 और कक्षा 4 के छात्रों तो ये आपके लिए सबसे अच्छा ...

  21. 10 Lines on Rainy Season in Hindi

    3. Rainfall season arrives in July and it lasts for up to three months. 4. With the advent of the Rainfall season, people are filled with happiness. 5. Farmers are very much waiting for the rainy season because the rainy season helps in growing crops. 6. Rainbows appear many times in the rainy season.

  22. Essay on Seasons of India in Hindi- भारत की ऋतुएँ पर निबंध

    Essay on Rainy Season in Hindi- वर्षा ऋतु पर निबंध Essay on Spring Season in Hindi- वसंत ऋतु पर निबंध ध्यान दें - प्रिय दर्शकों Essay on Seasons of India in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

  23. Essay on Rainy Season In Hindi

    Class 4 Hindi; Class 4 English; Class 4 paryavarana adhyayan; Class 3. Class 3 Maths; Class 3 EVS; Class 3 English; Class 3 Hindi; Class 3 Paryavaran Adhyayan; NCERT MCQs; Tally; ... Essay on Rainy Season In Hindi. रुपरेखा : वर्षा ऋतु का परिचय - वर्षा ऋतु के अनेक ...