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भारतीय किसान पर निबंध- Essay on Indian Farmer in Hindi

In this article, we are providing information about Farmer in Hindi- भारतीय किसान पर निबंध- Essay on Indian Farmer in Hindi, Indian Farmers Life.

जरूर पढ़े- Bhartiya Kisan Par Nibandh & Essay on Farmer in Hindi for all classes

Indian Farmer Essay in Hindi ( 250 words )

भारत गांवों और किसानों का देश है। भारत कृषि प्रधान देश है। हम बहुत कुछ कृषि पर निर्भर करते हैं। हमारे अधिकांश उद्योग-धंधे भी कृषि पर आधारित हैं। हमारा किसान हमारी रीढ़ की हड्डी है। उसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय किसान बहुत परिश्रमी है। वह अपने खेत-खलिहानों में जी-तोड़ मेहनत करता है, बीज बोता है, पानी देता है, फसल काटता है और फिर उसे बेचने मंडियों तक ले जाता है।

सुबह बहुत जल्दी वह उठ जाता है और रात को देर से सोता भाहल चलाने, खेतों को पानी देने, जानवरों की देखभाल करने, अनाज, फल, सब्जी आदि बाजार तक ले जाने में उसका सारा समय व्यतीत हो जाता है। विश्राम और सोने के लिये उसे बहुत कम समय मिलता है। लेकिन यह खेद की बात है कि आज भी वह निर्धन है। उसका हर स्तर पर शोषण हो रहा है। उसके बच्चों की शिक्षा, उपचार, स्वास्थ्य आदि की उचित व्यवस्था नहीं है। वह कर्ज के बोझ के नीचे दबा हुआ है।

धन और सस्ते ऋण के अभाव में वह अच्छे बीज, खाद, कृषि-यंत्र, सिंचाईं के उचित साधन आदि से वंचित रह जाता है। प्राकृतिक आपदाएं जैसे सूखा, बाढ़, अतिवृष्टि से तो उसकी कमर ही टूट जाती है। अधिकांश किसान आज भी निरक्षर और अनपढ़ हैं। वे अंधविश्वास और कुरीतियों के शिकार हैं। उनकी आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक उन्नति और अधिक तथा ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। आशा करनी चाहिये कि निकट भविष्य में भारतीय किसान की स्थिति संतोषप्रद हो जायेगी।

10 Lines on Farmer in Hindi

भारतीय किसान पर निबंध- Essay on Indian Farmer in Hindi ( 500 words )

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ कि 65 प्रतिशत जनसंख्या खेती से जुड़ी हुई है। किसान मौसम की परवाह किए बिना सभी के लिए अनाज उगाते है जो कि मनुष्य की सबसे बड़ी जरूरत है। इसलिए किसानों को अन्नदाता भी कहा जाता है। बहुत से उद्योग भी कच्चे माल के लिए किसानों द्वारा उगाई गई फसलों पर निर्भर करते है। किसान का जीवन बहुत ही परिश्रम भरा होता है। वह सुबह से लेकर रात तक खेत के काम में ही लगा रहता है कभी बीज बोना,कभी सिंचाई ,कभी खाद डालना तो कभी कटाई।

हमारी अर्थव्यवस्था किसानों पर निर्भर करती है लेकिन उसके बावजुद भी किसान की हालत बहुत ही दयनीय है। बहुत से किसान आज भी गरीब, अशिक्षित है और साथ ही अपने बच्चों को भी पढ़ाने में असमर्थ है। दिन रात मेहनत करने के बाद भी वो सिर्फ अपनी आजीविका ही चला पाते है और अगर कभी बारिश न होने से सूखा पड़ जाए तो उनकी मुश्किलें और भी बढ़ जाती है। बहुत से तकनीकी उपकरणों ने किसानों का परिश्रम थोड़ा कम कर दिया है लेकिन छोटा और निर्धन किसान उन्हें खरीदने में असमर्थ है जिसके कारण विवश होकर अपने बच्चों को खेतों में काम करने लाना पड़ता है। गरीब किसान अपनी फसलों के लिए उत्तम बीज और अच्छी खाद नहीं खरीद पाता है। किसान साल के अधिकतर महीनों में खाली ही रहते है। किसानों को सिंचाई के लिए प्रयाप्त पानी भी नहीं मिल पाता है।

किसानों को खाद,बीज आदि खरीदने के लिए उधार लेना पड़ता है जिसका फायदा साहुकार उच्च दर का ब्याज लगाकर उठाते है। किसानों की फसलों का सही मूल्य नहीं लगता है। अशिक्षित होने के कारण किसानों को अपने अधिकारों का पता नही होता और उनके अधिकारों का जमकर शोषण किया जाता है। आर्थिक स्थिति खराब होने से बहुत से किसान आत्महत्या कर रहे है। सरकार को किसानों के लिए कम ब्याज पर पैसे दिलवाने चाहिए ताकि वो आसानी से बीज खाद आदि खरीद सके। साल के उस समय जब खेती नही होती कृषि स्कूल खोले जाने चाहिए जिसमें किसानों को पैदावार बढाने के तरीके बताए जाए और खेती से जुड़ी सभी जानकारी दी जाए। सरकार द्वारा गाँवों में भी स्कुल खोले जाने जिनमें प्राथमिक शिक्षा मूफ्त दी जाए ताकि किसानों के बच्चे भी पढ़ सके।

अगर किसान नही होंगे तो खेती भी नहीं होगी और उद्योग भी नहीं होंगे यानि कि देश गरीब होता जाएगा। किसान हमारे देश की अर्थव्यवस्था का निर्माण करते है और अगर वही गरीब होगे तो देश प्रगति कर ही नहीं सकता। लाल बहादुर शास्त्री जी ने ” जय जवाम,जय किसान” नारे से किसानों का महत्व बताया है। किसानों की प्रगति के लिए सरकार को उचित प्रबंध करने चाहिए।

#Indian Farmer Essay in Hindi

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2 thoughts on “भारतीय किसान पर निबंध- Essay on Indian Farmer in Hindi”

short essay in hindi on farmer

Excellent Bhai ! bhai apane kisan ki puri samasya aur usase sambandhit jankari di hai > thanks

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This essay helped me a lot in my exam. Jai Jawan, Jai Kisan. 👍👍☺

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भारतीय किसान पर निबंध

आज के इस लेख में हम भारतीय किसान निबंध इन हिंदी (Essay on Indian Farmer in Hindi) आप तक पहुंचाने वाले हैं। इस निबंध में भारतीय किसान के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

भारत में किसान को भगवान का दर्जा दिया जाता है। वर्तमान समय में भारत में लगभग 60% लोग खेती पर निर्भर है और इन लोगों द्वारा की गई खेती से भारत के हर व्यक्ति को खाना मिलता है।

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भारत में किसान का महत्व काफी अधिक है। किसान के बिना देश भूख से मर जाएगा और भविष्य में भी भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि आज के समय में आज की युवा जनरेसन खेती करने से दूर जा रही है।

आज के समय में जो व्यक्ति किसान की भूमिका निभा रहे हैं, वे देश के लिए सबसे सम्मानजनक व्यक्ति है। हमारा देश भारत जिसे कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है। यहां की अधिकतर जनसंख्या खेती-बाड़ी पर निर्भर है और खेती-बाड़ी करके ही यहां के लोग अपना गुजारा चलाते हैं।

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भारतीय किसान पर निबंध (Essay on Indian Farmer in Hindi)

आज भले ही विज्ञान कितनी तेजी से विकास क्यों ना कर रहा हो लेकिन भारत के किसान आज भी सादगी पूर्ण जीवन जीते हैं। भारत के किसान के कड़े मेहनत और संघर्ष से हर एक भारतीय युवाओं एवं बच्चों को परिचित होने की जरूरत है।

इसलिए आज के इस लेख में हम 100, 150, 200, 250, 300, 500 और 1000 शब्दों में भारतीय किसान पर निबंध हिंदी में (Bhartiya Kisan Par Nibandh) लेकर आए हैं।

भारतीय किसान पर निबंध 100 शब्दों में

भारत और भारत के किसानों का संबंध काफी गहरा है। क्योंकि भारत की ज्यादातर जनसंख्या किसान ही है, खेतों से उनका संबंध वर्षों से हैं। भारतीय किसान किसान का जीवन सादगी से भरा हुआ है।

वह सादा खाना खाता है, सादे कपड़े पहनता है और सादा जीवन व्यतीत करता है। समय की कमी के कारण उसकी आवश्यकता भी काफी सीमित है। एक किसान को वर्षा के अतिरिक्त कुछ भी नहीं चाहिए होता है।

वह हर साल अच्छे वर्षा की उम्मीद रखता है ताकि उसकी अच्छी फसल हो सके। लेकिन प्रकृति भी कभी कबार उसके साथ खेल खेलती हैं। कभी वर्षा ही नहीं होती तो कभी अत्यधिक वर्षा होती है।

कम वर्षा के कारण कभी उसकी फसल ही नहीं उग पाती वहीं अत्यधिक वर्षा के कारण फसल ही बर्बाद हो जाती है। यूं कहे कि किसान का जीवन उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है।

लेकिन, भारतीय किसान इतने कमजोर नहीं कि वे प्रकृति के सामने घुटने टेक देंगे, हार मान जाएंगे। किसान के संघर्ष के सामने प्रकृति भी झुक जाती हैं। क्योंकि किसान हर एक परिस्थितियों का सामना करना जानता है।

हर दिन खेतों में काम करके उसका शरीर जितना मजबूत हो चुका है, उतना ही मजबूत उसका दिल भी हो चुका है। इसलिए भारत के किसान सभी तरह के संघर्ष को झेलने के लिए तैयार रहते हैं।

भारतीय किसान पर निबंध 150 शब्दों में

धरती के समूचे प्राणियों के जीवन के लिए अन्न उपजाने वाला भारतीय किसान बहुत परोपकारी एवं मेहनती होता है। किसान साल भर अपने खेतों में मेहनत करता है।

लेकिन जब उसके खेत में हरे हरे फसल लहलहा ने लगते हैं तब उसकी सारी मेहनत और थकान गायब हो जाती है। एक किसान के लिए हरे भरे लहराते फसल को देखना ही सबसे बड़ा सुख है।

वह गर्मी के कड़कती धूप में भी काम करता है और सावन के बरसते बारिश में भी काम करता है। यू कंहे किसान जीवन भर मेहनत करता है। किसानों का जीवन संघर्ष से भरा हुआ है, जो किसान पूरे देश को अन्न देता है। किसी दिन उसी किसान के घर भोजन नहीं बन पाता।

एक किसान देशभर को फल, साग, सब्जी आदि चीजें देता है लेकिन उसकी मेहनत के सामने उसका पारिश्रमिक कुछ भी नहीं है। जिस कारण किसानों को कई बार कर्ज में डूब जाना पड़ता है और यही कारण है कि हर साल कितने ही किसान फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेते हैं, जो देश के लिए बहुत ही शर्म की बात है।

जिस किसान के कारण पूरे देश के लोग पेट भर कर खाना खा पाते हैं, जिन्हें भोजन प्राप्त हो पाता है वही किसान जब दुख में हो, वे अपना जीवन गरीबी में व्यतीत करें, संघर्षपूर्ण जीवन जिए तो उससे बड़ी दुख की बात एक देश के लिए क्या हो सकता है।

हालांकि अब भारत सरकार भी किसानों के उन्नति एवं खेती के अतिरिक्त अन्य आय के स्त्रोत के लिए कई प्रकार की योजना चला रही है, जिसमें से एक पीएम किसान योजना किसानों के लिए आशीर्वाद के समान ही हैं।

भारतीय किसान पर निबंध 200 शब्दों में

देश की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्तम्भ भारत के किसान है। देश के विकास में भारत के किसान के योगदान के सामने पूरा देश नमन करता है। भारत के किसान तो करुणा के सागर हैं। जो किसान देश के लोगों के लिए अन्न उपजाता है, उसी किसान को कितने बार भोजन नहीं नसीब हो पाता।

भारत के किसानों की खेती पूरी तरह प्रकृति पर निर्भर रहती है। प्रकृति ने साथ दिया तो अच्छी फसल होगी यदि प्रकृति ने धोखा दिया तो उनका फसल बर्बाद हो सकता है। एक किसान का जब फसल बर्बाद हो जाता है या जिस वर्ष वह खेती नहीं कर पाता, उस पूरे साल का हर एक दिन उस किसान के लिए संघर्ष से भरा रहता है।

क्योंकि बहुत से किसान खेती करने के लिए कर्ज लिए रहते हैं और उन्हें यही उम्मीद रहती है कि फसल अच्छी होगी तो वह समय पर कर्ज चुका देंगे। लेकिन प्रकृति जब उनके साथ खेल खेलती हैं तो वे अपने ईमानदारी से चुक जाते हैं। कर्ज न चुका पाने के कारण वे मौत को गले लगा लेते हैं।

भारत में प्राचीन काल से ही भारत के किसानों के साथ काफी शोषण होता रहा है। लेकिन अब किसानों का जीवन भी धीरे-धीरे सुधर रहा है। भारतीय किसानों के जीवन को सुधारने में भारत सरकार भी मदद कर रही हैं।

उनके लिए कई योजनाओं को लागू करके भारतीय किसानों के जीवन को सरल बना रही है। यहां तक कि आधुनिक कृषि तकनीकों के कारण भारतीय किसानों के लिए कृषि सरल हो रहा है।

हालांकि विज्ञान कितना भी विकास कर ले लेकिन भारत के किसानों का जीवन हमेशा सादगी से ही भरा रहेगा, उन्हें सादगी पूर्ण जीवन जीना ही पसंद है।

शहरों में लोग ऐसी में सोते हैं, फ्रिज का ठंडा पानी पीते हैं लेकिन भारत के किसानों के लिए पेड़ की छांव ही उनके लिए ऐसी है और कुएं का ठंडा पानी ही फ्रीज के पानी के समान है।

Essay on Indian Farmer in Hindi

भारतीय किसान पर निबंध 250 शब्दों में (Bhartiya Kisan Nibandh)

भारत में रहने वाले सभी किसान अपने खेतों में काम करते हैं और खेती-बाड़ी करके अपना घर खर्चा चलाते हैं। किसान अनाज और फल सब्जियां उगाते हैं। किसान द्वारा उगाए जाने वाले अनाज और सब्जियों के माध्यम से ही सभी लोगों का पेट भरता है।

किसान जो खेत में रात-दिन मेहनत करता है, फसल कि रखवाली करता है, जिसकी वजह से ही किसान की फसल अच्छी होती है। भारतीय किसानों की स्थिति काफी दयनीय है। कई प्रकार की सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों को नए-नए फायदे मिल रहे हैं।

भारत के किसानों को सरकार द्वारा थोड़ी राहत जरूर मिली है। लेकिन दूसरी तरफ फसल पकने पर किसानों को कम दाम में फसल बेचना पड़ता है क्योंकि फसल के भाव गिर जाते हैं।

भारत का किसान जो रोजाना सुबह सूरज उगने से पहले उठकर खेत जाता है। किसान द्वारा जो खेती की जाती है, उसकी मेहनत लगती है। क्योंकि बारिश की वजह से या फिर प्राकृतिक आपदा की वजह से नुकसान होने के चांस ज्यादा होते हैं। ऐसे में किसानों की मेहनत दांव पर लगी रहती है।

हर किसान धरती की पूजा करता है। क्योंकि भारतीय किसान के लिए धरती एक माता समाज है, जो उसे अन्य प्रदान करवाती है और इसी अन्य से देश का पेट भरता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसान अनाज नहीं उगाए तो भारत में भुखमरी का संकट आ जाएगा।

भारत में वर्तमान समय में जो किसान खेती करता है। कई लोग उन्हें गवार समझते हैं और उन्हें नीचा भी समझा जाता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल गलत है क्योंकि देश का सबसे सम्मान को व्यक्ति ही किसान है।

जब किसान को आप गलत समझना शुरू करोगे तो हो सकता है कि भविष्य में आप को भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है। किसान खेती करना छोड़ देगा तो देश में भुखमरी छा जाएगी।

Essay on Indian Farmer in Hindi

भारतीय किसान पर निबंध 300 शब्दों में

भारत के किसान तो भारत की आत्मा है। भारत के किसानों के कारण ही तो देश का विकास है। भारतीय किसान ना होते तो देश भूखे मर जाएगा‌। भारत के किसानों के लिए पूरा जीवन कृषि को समर्पित होता है, उनकी आय का प्रमुख स्त्रोत कृषि ही है।

किसानों के हाथों में इतनी ताकत होती है कि वे एक बंजर सी दिखने वाली जमीन में भी हरियाली ला देते हैं। भारतीय किसानों के लिए कृषि के अतिरिक्त पशुपालन उनकी आय का अतिरिक्त स्त्रोत है।

वे साल भर अपने खेतों में मेहनत करते हैं और देश के लोगों के लिए अन्न उपलब्ध कराते हैं। भारत के किसानों को हर एक परिस्थितियों में रहने की आदत हो चुकी है। उनके लिए गर्मी, वर्षा, ठंड एक समान है।

हर एक मौसम के विषमताओं में अपने आपको मजबूत रखने की क्षमता एक भारतीय किसान में है। यह किसान तो तपस्या, त्याग, इमानदारी, परिश्रम एवं लगन के अद्भुत मिसाल हैं।

भारतीय किसानों का महत्व

निसंदेह भारतीय किसानों के महत्व से नजर नहीं हटा सकते। क्योंकि भारत के किसानों का महत्व सर्वोपरि है। जीवन जीने के लिए भोजन की जरूरत पड़ती है और भोजन के लिए अनाज की आवश्यकता होती है।

यह अनाज भारतीय किसान ही उपजाते हैं। भारतीय किसान कडे धूप में, घनघोर वर्षा में, कड़कड़ाती ठंड में हर एक परिस्थितियों में खेत में काम करते हुए फसल उगाते हैं। तब जाकर हमें भोजन प्राप्त हो पाता है।

भारतीय किसान की स्थिति

भारत के किसानों का जीवन निरंतर गतिशील रहता है। जीवन में उनके लिए आराम शब्द का कोई महत्व नहीं। क्योंकि जीवन पर्यंत उनका संबंध केवल संघर्ष और कडे मेहनत से ही रहता है। वे केवल मेहनत करते हैं। उनका जीवन भी सादगी से ही भरा हुआ है।

सुबह सबसे पहले उठ जाते हैं और पशुओं को चारा देने में व्यस्त हो जाते हैं। उसके बाद अपने हल और कुदाल को लेकर चल जाते हैं, अपने मंजिल की ओर। उनका मंजिल सिर्फ एक ही है “खेत”।

कड़कड़ाती धूप में बिना चप्पल के ही वे काम करते हैं। मेले-फटे कपड़े, कंधे पर गमछा, चेहरे पर थकान और पसीना ही भारतीय किसानों की छवि है। भारतीय किसानों की स्थिति काफी दयनीय है।

कभी वे कर्ज के बोझ तले दबे रहते हैं तो कभी अकाल, सूखे तो कभी बाढ़ के चपेट में आ जाते हैं। लेकिन अब खुशी होती है कि भारतीय किसान भी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करना सीख रही है।

भारतीय किसानों के लिए लागू नई-नई योजनाओं के कारण उनके जीवन का भी विकास हो रहा है। भारत की युवा जितना काम करती है, उससे कहीं गुना ज्यादा भारतीय किसान काम करते हैं। इसलिए तो कहा जाता है “जय जवान जय किसान”।

निसंदेह सच है कि देश की अर्थव्यवस्था में किसान की महत्वपूर्ण भूमिका है। एक किसान से ही देश की प्रगति है। भारतीय किसान हर एक परिस्थिति और प्रकृति की विषमताओ से जूक्ष कर फसल उपजाते हैं, जिसके कारण देश में सबके घर पर चूल्हा जल पाता है।

हालांकि प्राकृति आपदाओं के कारण इन्हें कई बार परेशान होना पड़ता है, संघर्ष करने पड़ते हैं लेकिन, अब भारतीय किसान आधुनिक वैज्ञानिक साधनों को अपना रहे हैं, जिसकी मदद से फसल उपजाने की क्षमता बढ़ रही है।

भारतीय किसान पर निबंध 500 शब्दों में (Bhartiya Kisan Essay in Hindi)

भारत का किसान एक सम्मानजनक व्यक्ति है, जो कड़ी धूप में मेहनत करके हर भारतीय के लिए अनाज उगाता है और हर भर्तियों को खाने के लिए भोजन उपलब्ध करवाता है।

भारतीय किसान अपने खेतों में काम करके अनाज फल सब्जियां उगाते हैं और उन सभी से देश के सभी लोगों का पेट भरता है। खेती बाड़ी का काम करने वाला व्यक्ति कड़ाके की ठंड और कड़कती धूप में अनाज उगाकर अन्य लोगों के लिए भोजन उपलब्ध करवाते हैं।

आज के समय में जो गांव में लोग निवास करते हैं। उनका मुख्य व्यवसाय कृषि ही है और गांव में रहने वाले लोग मुख्य रूप से खेती पर ही निर्भर है।

किसान की परिभाषा और प्रकार

उन लोगों को किसान कहा जाता है, जो खेती का काम करते हैं। अनाज उत्पादन का काम करते हैं और उसी अनाज से बाकी सभी लोगों को भोजन मिलता है।

किसान तीन प्रकार के होते हैं:

  • सीमांत किसान

भारतीय किसान का महत्व

भारत में रहने वाले सभी किसानों का महत्व अत्यधिक है और अमूल्य भी है। किसानों के द्वारा तेज कड़क धूप और कड़ाके की ठंड में हर परिस्थिति को सहन करते हुए उगाए गए धन से देश के हर बच्चे का पेट भरता है और इसी वजह से भारत के किसान का महत्व और मूल्य है।

देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में भी भारतीय किसानों की मुख्य भूमिका रही है। देश में रहने वाले किसान अन्य का उत्पादन करते हैं और उनके द्वारा उगाए जाने वाले अनाज से हर देशवासी का जीवन पालन होता है।

भारतीय किसान की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार द्वारा किए जाने वाले प्रयास

सरकार हर संभव प्रयास करके किसानों की वर्तमान स्थिति को सुधारना चाहते हैं। किसान हर किसी को अनाज दिलाता है। लेकिन किसानों की खुद की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी होती है। क्योंकि किसानों द्वारा उगाए गए अनाज को बिल्कुल कम दाम के साथ किसानों को बेचना पड़ता है।

ऐसे में उनकी गरीबी लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन पिछले कई सालों से सरकार द्वारा कई सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों को जोड़ा जा रहा है और किसानों को लाभ प्रदान करवाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के हर किसान को ₹6000 वार्षिक सहायता दी जा रही है। पहले को ऑपरेटिव बैंक से लोन मिलता था। लेकिन यह लोन राशि कम होती थी, इसलिए आज के समय में किसान क्रेडिट कार्ड हर किसान को दिया जा रहा है, जिसके माध्यम से व्यक्ति लोन ले सकता है।

फसल बीमा योजना सुविधा प्रदान करवा कर फसल खराब होने पर किसानों की बीमा से भरपाई हो सके। इसका प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है।

आज के समय में दिन-प्रतिदिन लोग खेती बाड़ी करने की बजाय अन्य काम धंधे पर जाना उचित समझते हैं। आज के समय में जो 60 फ़ीसदी लोग खेती कर रहे हैं। उन लोगों की भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है। साथ ही साथ देश के हर बच्चे तक अनाज पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

भारतीय किसान पर निबंध 1000 शब्दों में (Indian Farmer Essay in Hindi)

भारत को कृषि प्रधान देश माना जाता है। भारत में किसान हर समय खेतीवाड़ी में व्यस्त रहते है और वह साधारण कपड़े पहनना ज्यादा पसंद करते है। किसान अपना जीवन बहुत ही साधरण तरीके से जीता है और कड़ी धूप, तेज तूफान, वर्षा आदि होते हुये भी कड़ी मेहनत करके खेतों से अनाज उगाते है।

देश भर में चाहे लोग गरीब हो या अमीर हो लेकिन सब लोग किसान पर ही निर्भर होते है। क्योंकि अगर किसान खेती करना छोड़ देगा तो लोगों को अनाज नहीं मिलेगा और वह भूख से मरने लगेंगे।

देश भर के हर शहरो में किसानों द्वारा एक शहर दूसरे शहर तक अनाज भेजा जाता है। क्योंकि किसान कड़ी धूप, तेज ठंड मे भी खेतों पर काम करके देश भर के लोगों के बारे मे सोच कर फसल उगाने मे लगे रहते है कि कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे सबको भोजन मिले। इसलिए हम सभी को किसानो का आदर, सम्मान करना चाहिए क्योंकि हमारे लिये किसान कितना कुछ करते है।

भारतीय किसान का जीवन

अपने जीवन में बहुत सारी समस्याओं का सामना भारतीय किसान को करना पड़ता है। भारतीय किसान को अगर खेती करनी है तो वह धूप, छाव में कठोर मेहनत करने के लिये हमेशा तैयार रहता है।

किसान सुख-दुःख, नुकसान सब कुछ सहन करके खेती करता है। वह जितनी भी मेहनत करता है, उसके फल की प्राप्ति पाने के लिये वह भगवान के ऊपर सब छोड़ देता है, जो भी फल मिलेगा, किसान उसको ख़ुशी-ख़ुशी अपनाने के लिये तैयार रहता है।

भारतीय किसान के साथी हांसिया, खुरपी, बैल, हल आदि का सहारा लेकर किसान खेती करने में पूर्ण रूप से सफल होता है। किसान अपने खेत की जुताई बैलों के द्वारा करता है, किसानों के खेती करने में बैल भी बहुत सहायता करते है और बदलते समय के साथ आज कल लोग खेती करने के लिये ट्रैक्टर का प्रयोग करने लगे है।

आज के समय इतना विकास हो गया है कि किसान फसल को काटने के लिये हार्वेस्टर मशीन का उपयोग करने लगे है, जिससे फसल जल्दी काट जाती है और फसल साफ-सुथरी रहती है।

किसान का जनता के प्रति सेवा

जनता के प्रति निस्वार्थ भावना से किसान सेवा करता है। किसान अपने बारे मे कभी नहीं सोचता है, वह बिना किसी स्वार्थ के जनता को बहुत कुछ देता है।

किसान गांव में गाय, भैस पालते है और गाय, भैस का दूध निकाल कर स्वयं नहीं पीते है। वह दूध शहर में ले जाकर बेच देते है। किसान को किसी भी प्रकार की सुख सुविधा नहीं मिल पाती है, क्योंकि किसान जनता को सुख सुविधा देने मे इतना व्यस्त हो जाते है की अपने जीवन के लिये सोच नहीं पाते है।

भारतीय किसान दिवस

पूरे देश में किसान दिवस हर वर्ष 23 दिसबर को मनाया जाता है। किसान दिवस हर वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री चौधरी चरण को सम्मानित करने के लिये किसान दिवस के रूप मे मनाया जाता है। 28 जुलाई 1979 से लेकर 14 जनवरी 1980 तक पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री चौधरी चरण को देश की सेवा करने के लिये छोटे पद पर प्रधानमंत्री बनाया गया।

क्योंकि वह किसान परिवार से थे और किसानो के लिये पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री चौधरी चरण ने बहुत सारी योजनाएं शुरू की थी। उन्होंने किसानों के जीवन को लेकर लगन के साथ कड़ी मेहनत की और किसानो के जीवन मे नई उमंगे लाने के लिए बहुत से नियम बनाये।

पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री चौधरी चरण ने किसानों के लिये बहुत कुछ किया, इसलिए उनके जन्मदिन के पर उनके द्वारा बनायीं गई नीतियों को यादगार बनाने के लिये किसान दिवस मनाया जाता है।

भारतीय किसानों का हम सभी के जीवन बहुत महत्व है। भारतीय किसान हम सभी के लिये खेत में अनाज उगाता है और वह साधारण तरीके के कपड़े पहनकर अपना जीवन व्यतीत करता है। इसलिए किसान को बहुत से लोग गवार समझते है, किसान को बहुत नीचा दिखाते है और उनकी गरीबी का मज़ाक उड़ाते है।

हमें नहीं भूलना चाहिए कि देश का हर एक व्यक्ति किसान पर ही निर्भर रहता है। किसानों की वजह से ही जनता को अन्न का दाना नसीब होता है। हम सब का कर्तव्य कि देश के हर एक व्यक्ति को बराबर सम्मान देना चाहिए।

किसान देश की उन्नति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। किसान देश की जनता के लिये अनाज उगाता है, अगर किसान अनाज उगाना बंद कर दें तो लोगों का जीवित रह पाना मुश्किल हो जायेगा।

सरकार द्वारा किसान के लिये कुछ नई योजनाएं बनाई जाती है, जिन पर बिल्कुल रुकवाट ना डाले, जिससे किसानों को भी कुछ लाभ कमाने का अवसर मिले। किसान जनता के लिये कितना कुछ करता है, जनता का भी फ़र्ज़ हैं कि किसानों के लिये कुछ करें।

भारत देश को किसान प्रधान देश माना जाता है। क्योंकि भारत देश की जनसंख्या का ज्यादातर हिस्सा खेती पर निर्भर है। भारत देश में निवास करने वाले ज्यादातर लोग किसान है।

आज का यह आर्टिकल जिसमें हमने भारतीय किसान पर निबंध (Essay on Indian Farmer in Hindi) के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई सुझाव है तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।

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Very helpfull

Superb aarticle

Very inspiring

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भारतीय किसान पर संक्षिप्त निबंध (Short Essay on Indian Farmer in Hindi)

भारतीय किसान पर संक्षिप्त निबंध (Short Essay on Indian Farmer in Hindi)

भारतीय किसान पर लघु निबंध

भारत में किसानों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे देश की आधी से अधिक आबादी किसानों पर निर्भर करती है। हालांकि, किसानों का जीवन आसान नहीं है और उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस निबंध में, हम भारतीय किसान के जीवन और उनके काम के बारे में चर्चा करेंगे।

भारतीय किसान का जीवन

भारतीय किसानों का जीवन सामान्यतः कड़वा होता है। उन्हें अपने खेतों में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और खुद को और अपने परिवार को पोषित रखना बहुत मुश्किल है। कई किसान ऋण में डूबे रहते हैं क्योंकि उन्हें सालभर के उत्पादन के लिए बीज, उर्वरक और अन्य जरूरतों के लिए पैसे की आवश्यकता होती है।

खराब मौसम और बारिश की कमी से फसल खराब हो जाने पर उन्हें और अधिक आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। कई बार किसान अपनी फसलों को निम्न दामों पर बेचने पर मजबूर हो जाते हैं क्योंकि व्यापारी उन पर दबाव डालते हैं। इससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है।

  • किसानों का जीवन सामान्यतः कठिन होता है क्योंकि उन्हें अपनी खेती के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है।
  • खराब मौसम, ऋण और व्यापारियों के दबाव से किसानों को आर्थिक रूप से परेशानी होती है।

भारतीय किसानों का काम

भारतीय किसान प्रायः सुबह जल्दी उठकर काम पर लग जाते हैं। वे अपने खेतों में खाद डालते हैं, फसलों की खेती करते हैं और उनका ध्यान रखते हैं। फसल कटाई के मौसम में वे लंबे समय तक कड़ी मेहनत करते हैं। कभी-कभी तो पूरी रात भी काम में लगे रहते हैं।

किसानों को अपनी फसलों को बाजार में बेचने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है। खासकर छोटे और स्थानीय किसानों के लिए यह बहुत कठिन होता है। फिर भी, हमारे किसान हमारे देश की खाद्य आपूर्ति को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

अपने अनुभव से, मैंने देखा है कि किसान कितनी मेहनत से काम करते हैं। उनके पास आधुनिक उपकरण नहीं होते और वे अपने हाथों से ही काम करते हैं। इस पेशे को सबसे महत्वपूर्ण पेशों में से एक माना जाना चाहिए।

किसानों की चुनौतियाँ

हालांकि, किसानों का काम बहुत कठिन है, लेकिन उन्हें कुछ बड़ी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। जलवायु परिवर्तन से खे

किसानों के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

What is the role of an indian farmer, what challenges do indian farmers face, how has agriculture changed in india over time, what government programs support indian farmers, how can we help indian farmers, what is the future of farming in india.

It’s hard to say for sure what the future holds for India’s farms and farmers. Thanks to technology, farming is modernizing but huge challenges remain. Maybe genetically modified crops or lab-grown meat could play bigger roles, who knows? One thing’s for certain though – India will continue relying on its hardworking farmers to sustain us. Their dedication will surely guide agriculture into the next era, despite whatever obstacles may arise along the way.

किसानों की समस्याएं और सरकारी योजनाएं – भारतीय किसानों का जीवन

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किसान पर निबंध Essay on Farmer in Hindi

किसान पर निबंध Essay on Farmer in Hindi

इस लेख में किसान पर निबंध (Essay on the farmer in Hindi) दिया गया है। यह निबंध कक्षा 3 से 10 तक विभिन्न रूपों में परीक्षाओं में पूछा जाता है। यहां पर किसान के ऊपर निबंध सरल रूप में दिया गया है जिसे किसी भी परीक्षा में बेझिझक लिखा जा सकता है।

पढ़ें: एक किसान की आत्मकथा

Table of Content

किसान पर निबंध Essay on Farmer in Hindi (1000 words)

भारत एक कृषि प्रधान देश है क्योंकि भारत की राष्ट्रीय आय में कृषि का योगदान लगभग 68% है।  किसान को अन्नदाता कहा जाता है क्योंकि वह अपनी जमीन पर अपने मेहनत तथा धन से अन्न  उगाता है और बहुत ही मामूली कीमत पर साहूकारों को बेच देता है।

किसान अधिक शिक्षित नहीं होते तथा आर्थिक रूप से मजबूत भी नहीं होते किसान कृषि के अलावा पशुपालन पर निर्भर होते हैं। किसान हल और बैल के सहायता से भूमि को चीर कर उस में बीज बोते हैं तथा बड़े धैर्य के बाद वहां से अन्न निकालते हैं।

आजादी के बाद दशकों तक किसान हेय स्तर का जीवन जीते रहे और कभी रोग से, तो कभी कर्ज से अपनी जान गंवाते रहे। किसानों की आत्महत्या के आंकड़े बहुत ही चिंतनीय हैं।

आज भारत के किसानों की हालत सुधरी है क्योंकि वर्तमान सरकार ने किसानों के लिए बहुत सी योजनाओं का निर्माण किया है जैसे गरीब किसान क ल्याण योजना , पीएम किसान योजना इत्यादि जिनसे गरीब किसानों के जीवन में परिवर्तन आये हैं।

किसान का शुरुवाती जीवन

भारत के किसानों की शिक्षा दीक्षा न के बराबर होती है, बचपन से ही किसानों के बच्चे खेतों में अपना समय देते हैं जिसके कारण वे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं दूसरा सबसे बड़ा कारण पैसों की कमी है जिसके कारण किसान तथा उनका परिवार पोषण युक्त आहार नहीं ले पाता और तमाम बीमारियों से घिर जाता हैं।

अशिक्षा और अजागरूकता के कारण किसान अपनी जमीन तथा अनाज का उपयुक्त दाम नहीं ले पाता और शोषण का पात्र बनता है।

अधिकतर किसानों का विवाह बहुत ही कम उम्र में कर दिया जाता है जिससे निर्वहन तथा सामाजिक दबाव उन पर बढ़ जाता है जिसके कारण उन्हें अपने अनाज को कम दाम पर बेचने के लिए बाध्य होना पड़ता है। एक किसान सबसे अधिक मेहनत करता है लेकिन परिणाम के रूप में उसे बहुत मामूली रकम पर संतुष्ट होना पड़ता है।

किसान के जीवन की मुलभुत दिक्कतें

किसान के जीवन की सबसे बड़ी दिक्कतों में उसके अनाज का उपयुक्त दाम ना मिलना है। सरकारी ठेकेदार  क्रय-विक्रय प्रक्रिया के बीच में बैठकर मुनाफाखोरी करते हैं जिसके कारण किसानों को भ्रष्टाचार से आहत होना पड़ता है।

किसान के जीवन की दूसरी सबसे बड़ी दिक्कत सिंचाई के लिए पानी का अभाव है। कभी-कभी समय पर सिंचाई ना मिलने के कारण फसल नष्ट हो जाती हैं तो कभी-कभी प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान को बड़ी हानि का सामना करना पड़ता है।

किसान के जीवन की तीसरी सबसे बड़ी दिक्कत सरकारी कर्ज का न मिलना है। इसके कारण उन्हें अधिक ब्याज दरों पर कर्ज लेने के लिए बाध्य होना पड़ता है और अचानक किसी भी नुकसान के कारण वह समय पर कर्ज को लौटा नहीं पाते और मजबूरी वश आत्महत्या का मार्ग चुनते हैं।

चौथी सबसे बड़ी मूलभूत दिक्कत कृषि के साधनों के महंगे होने से उनके उपयोग से वंचित रहना है। किसान खेती के लिए आमतौर पर बैल तथा हल का उपयोग करते हैं जिसमें अधिक समय व श्रम लगता है।

कृषि के साधन जैसे कि ट्रेक्टर थ्रेसर और ट्रेलर बेहद महंगे हैं जिन्हें खरीद पाना किसानों के लिए असंभव होता है और सरकार द्वारा ऐसी कोई सुविधा नहीं होती जिसके माध्यम से वे इन साधनों को कम ब्याज दरों पर खरीद सके।

शिक्षा तथा स्वास्थ्य यह प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से धन से जुड़ा हुआ है अगर किसान के पास धन हो तो वह अपने बच्चों को शिक्षा तथा पोषण युक्त आहार दे सकता है, लेकिन उसके रोजगार में कम मुनाफे के कारण वह धन कमाने में असमर्थ रहता है। अगर किसानों के जीवन को सुधारना है तो उन्हें सबसे बड़ी सहायता आर्थिक सहायता देनी पड़ेगी।

वर्तमान में किसान के जीवन में परिवर्तन

आजादी के दशकों वर्ष बाद भी किसानों की हालत ज्यों की त्यों बनी हुई है। तमाम सरकारों के द्वारा किसानों के लिए तरह-तरह की योजनाएं भी निकाली गयी लेकिन जमीनी स्तर पर वह न के बराबर ही पहुंच सकी। 2015 के रिपोर्ट के अनुसार किसानों द्वारा होते आत्महत्या की दर में कमी देखने को मिली है।

वर्तमान सरकार ने किसानों की दिक्कतों को समझा और उन्हें दूर करने के लिए पर्याप्त कदम उठाया जिसमें किसानों के फसल का ध्यान रखना तथा फसल नष्ट होने पर उपयुक्त मुआवजा देना या उन्हें कम ब्याज दरों पर कर्ज मुहैया करवाना मुख्य है।

वर्तमान सरकार द्वारा किसानों के लिए तमाम योजनाएं निकाली गई हैं जिसमें किसानों को कम ब्याज दरों पर खेती की मशीनों को मुहैया कराना, मुआवजा की राशिओं को सीधे उनके बैंक खातों में भेजना तथा उनके फसल को सीधे-सीधे खरीदारों तक पहुंचाना शामिल है जिससे उन्हें सीधे लाभ दिया जा सके और भ्रष्टाचार तथा मुनाफाखोरी से किसानों की रक्षा की जा सके।

भारत के सभी नागरिकों के लिए 0 बैलेंस खाता (जन धन अकाउंट) उपलब्ध कराया गया जिसमें बिना किसी शुल्क के खातों को खोलना शामिल था। इन खातों का लाभ उन गरीब किसानों के लिए वरदान साबित हुआ जिनके पास कोई भी बैंक का खाता नहीं था।

 हाल में ही हुए सर्वे के अनुसार किसानों को इन योजनाओं का लाभ सीधे सीधे तौर पर प्राप्त होने का दावा किया गया लेकिन आज भी किसानों द्वारा की आत्महत्या की खबरें आए दिन सुनने को मिलती रहती हैं।

जिस प्रकार सीमाओं की सुरक्षा के लिए सैन्य बल अपना सर्वस्व समर्पण कर देते हैं, उसी प्रकार सीमाओं के अंदर रह रहे लोगों के लिए अन्न की व्यवस्था में किसान अपना सब कुछ दाव पर लगा देता है और बदले में उसे धन तो दूर एक अच्छी जिंदगी भी नसीब नहीं होती।

इसलिए किसानों के जीवन को और भी सुधारने की जरूरत है क्योंकि किसी भी देश की नींव वहां के किसानों को माना जाता है अगर नींव मजबूत नहीं हो तो महल भी मजबूत नहीं हो सकता।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में अपने किसान पर निबंध Essay on farmer in Hindi पढ़ा जिसमें किसान  के जीवन पर प्रकाश डाला गया है। दिए गए निबंध को बेहद सरल रूप से लिखा गया है आशा है यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो अगर यह लेख आपको पसंद आए तो शेयर जरूर करें।

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10 Lines about Farmer in Hindi for Children and Students

short essay in hindi on farmer

यदि आप  10 lines about farmer in Hindi  की खोज कर रहे हैं तो यह आपके लिए सबसे अच्छी जगह है। कक्षा 1, 2, 3 और कक्षा 4 के छात्रों के लिए  Class Topper  ने आपके लिए  10 लाइन   किसान के बारे में छोटा निबंध  लाये है।

हमने इस पोस्ट में  किसान पर नीचे 10 लाइन  का जिक्र किया है। यह आपके लिए सबसे अच्छा है। यह कक्षा 123 और कक्षा 4 के छात्रों के लिए है। मुझे आशा है कि यह आपके लिए बहुत उपयोगी है।

short essay in hindi on farmer

Table of Contents

Essay About Farmer in 100 Words in Hindi

Pattern 1  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, and 5 Students.

एक भारतीय  किसान  समाज के सबसे महत्वपूर्ण सदस्यों में से एक है। वह सभी लोगों के लिए अन्नदाता है। वह सुबह जल्दी उठकर अपने खेत में चला जाता है।

उनको खेत मे कई तरह कि काम करना होते हैं।वह नियमित रूप से खेतों में पानी डालते हैं। उनको फसलों की देखभाल करनी है।

सभी  किसान  गरीब नहीं हैं उनमें से कुछ के पास बड़ी जमीन और खेत हैं। एक किसान के लिए बारिश बहुत महत्वपूर्ण होती है। वे देश के महान मित्र हैं।

10 Lines About Farmer in Hindi

Pattern 2  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • एक किसान हर देश के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है।
  • वे फसलें, फल और सब्जियां उगाते हैं और बाजार में बेचते हैं।
  • किसान एक गाँव में रहता है और बहुत ही सरल जीवन व्यतीत करता है।
  • वे सुबह जल्दी उठते हैं और वह दिन भर उनके खेतों में कड़ी मेहनत करता है।
  • किसान एक जोड़ी बैलों से अपनी जमीन जोतता है। वे नियमित रूप से अपने खेत में पानी डालते हैं और अच्छी बारिश होने पर किसान खुश हो जाता है।
  • एक किसान के लिए उसकी जमीन ही सब कुछ होती है। वे हमें वह सब भोजन प्रदान करते हैं जो हम खाते हैं।
  • वे हर मौसम में काम करते हैं, चाहे बारिश का मौसम हो, सर्दी का मौसम हो या गर्मी का मौसम।
  • वह अन्न उगाता है और हम सबका भरण पोषण करता है।
  • किसान दिन भर मेहनत करता है। वे देश के महान मित्र हैं।
  • एक किसान समाज के लाभ के लिए एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
  • लगभग 60% भारतीय आबादी अपनी दैनिक आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है।
  • भारतीय किसान अब उत्पादन की गति और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना पसंद करते हैं।

10 Lines About Farmer in Odia

Pattern 3  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • ଜଣେ କୃଷକ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଦେଶ ପାଇଁ ଏକ ଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ ବ୍ୟକ୍ତି।
  • ସେମାନେ ଫସଲ, ଫଳ ଏବଂ ପନିପରିବା ଚାଷ କରନ୍ତି ଏବଂ ବଜାରରେ ବିକ୍ରି କରନ୍ତି।
  • କୃଷକ ଏକ ଗାଁରେ ରୁହନ୍ତି ଏବଂ ଅତି ସରଳ ଜୀବନଯାପନ କରନ୍ତି
  • ସେ ସକାଳୁ ଉଠି ଦିନସାରା ସେମାନଙ୍କ କ୍ଷେତରେ କଠିନ ପରିଶ୍ରମ କରନ୍ତି।
  • ଜଣେ କୃଷକ ଏକ ଯୁଗଳ ଷଣ୍ଢ ସହିତ ନିଜ ଜମିରେ ହଳ କରନ୍ତି। ସେମାନେ ନିୟମିତ ଭାବରେ ନିଜ କ୍ଷେତକୁ ଜଳ ଦିଅନ୍ତି ଏବଂ ଭଲ ବର୍ଷା ହେଲେ କୃଷକ ଖୁସି ହୁଅନ୍ତି।
  • ଜଣେ କୃଷକ ପାଇଁ ତାଙ୍କର ଜମି ସବୁକିଛି। ଆମେ ଖାଉଥିବା ସମସ୍ତ ଖାଦ୍ୟ ସେମାନେ ଆମକୁ ଯୋଗାନ୍ତି।
  • ସେମାନେ ସବୁ ରୁତୁରେ କାମ କରନ୍ତି, ବର୍ଷା ହେଉ, ଶୀତ ରୁତୁ କିମ୍ବା ଗ୍ରୀଷ୍ମ ରୁତୁ।
  • ସେ ଖାଦ୍ୟ ପାଇଁ ଚାଷ କରନ୍ତି ଏବଂ ଆମ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଖାଇବାକୁ ଦିଅନ୍ତି।
  • କୃଷକ ଦିନସାରା କଠିନ ପରିଶ୍ରମ କରନ୍ତି। ସେମାନେ ଦେଶର ମହାନ ବନ୍ଧୁ।
  • ସମାଜର ଲାଭ ପାଇଁ ଜଣେ କୃଷକ ଏକ ପ୍ରମୁଖ ଭୂମିକା ଗ୍ରହଣ କରନ୍ତି।

10 Lines About Farmer in English

Pattern 4  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • A farmer is an important person for every country.
  • They grow crops, fruits, and vegetables and sell them in the market.
  • The farmer lives in a village and leads a very simple life.
  • He gets up early in the morning and he works hard in their fields all day long.
  • A farmer plows his land with a pair of oxen. They regularly water their fields and the farmer becomes happy when it rains well.
  • For a farmer his land is everything. They provide us with all the food that we eat.
  • They work in all seasons, be it the rainy season, winter season, or summer season.
  • He grows food and feeds us all.
  • The farmer works hard throughout the day. They are great friends of the country.
  • A farmer plays a major role for the benefit of society.

10 Lines About Farmer in Bengali

Pattern 5  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • একজন কৃষক প্রতিটি দেশের জন্য একজন গুরুত্বপূর্ণ ব্যক্তি।
  • তারা ফসল, ফল এবং সবজি চাষ করে এবং বাজারে বিক্রি করে।
  • কৃষক একটি গ্রামে বাস করে এবং খুব সাধারণ জীবনযাপন করে।
  • সে খুব ভোরে উঠে এবং সে সারাদিন তাদের ক্ষেতে কঠোর পরিশ্রম করে।
  • একজন কৃষক তার জমি একজোড়া ষাঁড় দিয়ে চাষ করেন। তারা নিয়মিত তাদের ক্ষেতে পানি দেয় এবং ভাল বৃষ্টি হলে কৃষক খুশি হয়।
  • একজন কৃষকের জন্য তার জমিই সবকিছু। তারা আমাদের সমস্ত খাবার সরবরাহ করে যা আমরা খাই।
  • তারা সব inতুতে কাজ করে, তা বর্ষাকাল, শীত মৌসুম বা গ্রীষ্মকাল।
  • তিনি খাবার জন্মানো এবং আমাদের সবাইকে খাওয়ান।
  • কৃষক সারাদিন কঠোর পরিশ্রম করে। তারা দেশের বড় বন্ধু।
  • সমাজের সুবিধার জন্য একজন কৃষক প্রধান ভূমিকা পালন করে।

10 Lines About Farmer in Punjabi

Pattern 6  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

10 Lines About Farmer in Gujarati

Pattern 7  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • દરેક દેશ માટે ખેડૂત મહત્વનો વ્યક્તિ છે.
  • તેઓ પાક, ફળો અને શાકભાજી ઉગાડે છે અને બજારમાં વેચે છે.
  • ખેડૂત ગામમાં રહે છે અને ખૂબ જ સરળ જીવન જીવે છે.
  • તે વહેલી સવારે ઉઠે છે અને તે આખો દિવસ તેમના ખેતરોમાં સખત મહેનત કરે છે.
  • એક ખેડૂત પોતાની જમીન બળદની જોડીથી ખેડે છે. તેઓ નિયમિતપણે તેમના ખેતરોને પાણી આપે છે અને સારો વરસાદ પડે ત્યારે ખેડૂત ખુશ થાય છે.
  • ખેડૂત માટે તેની જમીન બધું છે. તેઓ અમને તે તમામ ખોરાક પૂરો પાડે છે જે આપણે ખાઈએ છીએ.
  • તેઓ તમામ asonsતુઓમાં કામ કરે છે, પછી તે વરસાદની seasonતુ હોય, શિયાળાની orતુ હોય કે ઉનાળાની seasonતુ હોય.
  • તે ખોરાક ઉગાડે છે અને આપણને બધાને ખવડાવે છે.
  • ખેડૂત દિવસભર મહેનત કરે છે. તેઓ દેશના મહાન મિત્રો છે.
  • સમાજના હિત માટે ખેડૂત મુખ્ય ભૂમિકા ભજવે છે.

10 Lines About Farmer in Nepali

Pattern 8  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to College Students.

  • एक किसान हरेक देश को लागी एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हो।
  • उनीहरु बाली, फलफूल र तरकारी खेती गर्छन् र बजारमा बेच्छन्।
  • किसान एउटा गाउँमा बस्छन् र धेरै सरल जीवन बिताउँछन्।
  • उहाँ बिहान सबेरै उठ्नुहुन्छ र उनी दिनभरि उनीहरुको खेतमा कडा मेहनत गर्छन्।
  • एक किसानले आफ्नो जग्गा एक जोडी गोरु संग जोते। उनीहरु नियमित रुपमा आफ्नो खेतमा पानी हाल्छन् र किसान खुसी हुन्छ जब यो राम्रो वर्षा हुन्छ।
  • एक किसान को लागी उसको जमिन सबै थोक हो। उनीहरुले हामीलाई सबै खाना प्रदान गर्दछन् जुन हामी खान्छौं।
  • उनीहरु सबै सिजनहरुमा काम गर्दछन्, यो बरसात को मौसम हो, जाडो को मौसम हो या गर्मी को मौसम हो।
  • उहाँ खाना उमार्नुहुन्छ र हामी सबैलाई खुवाउनुहुन्छ।
  • किसान दिनभरि कडा मेहनत गर्दछ। उनीहरु देशका महान साथी हुन्।
  • एक किसान समाज को हित को लागी एक प्रमुख भूमिका खेल्छ।

10 Lines About Farmer in Video

Last Word on 10 Lines About Farmer

हम Student के पढ़ाई के लिए ही Article बनाते है। कैसे एक Student आसानी से अपने  Homework  के साथ साथ अपने  General Knowledge  को कैसे बढ़ा सकता है? सिर्फ उसीके बारे मै ही हमरे सारे Article है। इसके साथ साथ किस तरह से आप आसानी से  Essay  लिख सकते है या  Essay  लिखने का आसान तरीका को भी आप जान पाओगे और ये एस्से आपको  7 भासा में  मिल जाएगा,

आप आपके बहस के अनुसार एशे पढ़ सकते है। इसके बाद Student के  General Knowledge  के लिए जीतने भी General  Quiz  है जो आसान करेगा Student के पढ़ाई या उनके जीतने भी  Quiz Competition  है उन सभी मै अपना बेहतर देने के लिए मदत करेगा। हमे आसा आपको हमारा ये 10 lines about farmer in Hindi पसंद आएगा।

अन्य पोस्ट देखें –  Short Essay  /  10 Lines Essay .

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References Links:

  • https://farmer.gov.in
  • https://en.wiktionary.org/wiki/farmer
  • https://en.wikipedia.org/wiki/Farmer

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  • निबंध ( Hindi Essay)

short essay in hindi on farmer

Essay on Farmer in Hindi

हमारा देश भारत आज विश्व में केवल अपने पर्यावरण और प्राकृतिक क्षेत्रों के वजह से प्रसिद्ध हुआ है। हमारे देश में कार्य करने वालों की संख्या इतनी ज्यादा है कि बेरोजगारी की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। ऐसे में हर कोई केवल एक ही कार्य को करने में सक्षम हो पाता है जोकि है खेती-बाड़ी का। खेती-बाड़ी (Essay on Farmer in Hindi) का एक ऐसा कार्य है जो हर कोई आसानी से कर सकता है। आसानी से करने के साथ-साथ अपने नाम का पंजीकरण भी करवा सकता है। सरकार द्वारा भी हमारे देश के किसानों को कई सारी सुविधाएं दी गई है। हमारे देश के 33% लोग केवल खेतीबाड़ी से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। परंतु अब जैसे-जैसे समय बदल रहा है वैसे वैसे लोग खेती किसानी से दूर जा रहे हैं। कुछ इन परिस्थितियों में हमारे देश के किसानों को कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अनेक परेशानियां झेलने के बाद भी उन्हें किसी प्रकार का लाभ नहीं होता और कार्य ना होने की वजह से ही यह कार्य छोड़ भी नहीं सकते।

Table of Contents

भारत के किसान :-

भारत एक बहुत ही बड़ा और सुंदर देश है जहां की जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यहां पर हर किसी को भोजन केवल उनके अन्न दाताओं द्वारा ही मिल सकता है। भारत देश के अन्नदाता के नाम में किसानों ने अपना नाम शामिल करवाया है। हमारे देश भारत में किसानों की बहुत बड़ी महत्वता है उनके बिना ना तो हमें भोजन प्राप्त हो सकता है और ना ही जीवन जीने का कोई भी साधन। यह तो हम सब जानते हैं कि मानव सही के लिए अन्य का बहुत बड़ा महत्व है परंतु लोग आजकल उन्हीं किसानों (Essay on Farmer in Hindi) के लिए अपने मन में एक अलग सी भावना बना लिए हैं। क्योंकि हमारे देश के 33% लोग खेती किसानी से अपना जीवन जी रहे हैं वही उन्हें अपना जीवन जीने के लिए कई सारी परेशानियां देखनी पड़ती है। वैसे तो किसानों के लिए सरकार बहुत सारी सुविधाएं दे रही है परंतु उन तक नहीं पहुंच पाती और उन्हें बहुत सारी समस्याएं होती है।

किसान या अन्नदाता :-

हमारे देश में अन्नदाता का मतलब होता है हमें भोजन देने वाला देवता। जो कि वर्तमान में किसानों के नाम पर बोला जाता है। हमारे देश के किसान यदि ना होते तो हमें अन्न का एक दाना भी प्राप्त नहीं हो पाता। हमारे देश के किसान खेती के लिए अपना पूरा जीवन दे देते हैं और पूरी मेहनत से अन्न उगाने का कार्य करते हैं। उनके लिए ये अनाज ही केवल सोना और चांदी होता है। लहलहाते धान के खेत इनके मन को अलग ही सुख प्राप्त कराते है। वही कई सारी ऐसी और खेतिया (Essay on Farmer in Hindi) भी है जिनसे यह अपनी उज्जवल भविष्य का सपना देखते हैं। पुरातत्व समय से ही किसानों को एक अलग दर्जा दिया जाता है। हमारे देश में आज भी किसान को लेकर कई सारी मान्यताएं रखी गई है। हमारे देश में किसान को देवता का स्वरूप बताया गया है क्योंकि वह हमें खाने के लिए भोजन प्राप्त कराते है और भोजन ही मात्र ऐसा साधन है जिससे कोई भी व्यक्ति जीवित रह सकता है।

भारत में किसान का महत्व:-

हमारे देश भारत में किसान का बहुत बड़ा महत्व है यहां पर हर कोई एक दूसरे पर निर्भर रहता है परंतु पूरी दुनिया केवल किसानों पर ही निर्भर है। किसान तो कई सारे देशों में भी है परंतु भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां पर किसानों की तादाद सबसे ज्यादा है और सबसे ज्यादा अन्न भी उगाए जाते हैं। भारत की पूरी जनसंख्या मिलाकर भी अनाज का उपयोग नहीं कर सकती जितना हमारे किसान कड़ी मेहनत से उगाते हैं इसलिए उनके द्वारा अनाजों को दूसरे देशों में भी बेचा जाता है। हमारे देश की कई सारी ऐसी प्रजातियां (Essay on Farmer in Hindi) हैं जो केवल खेती किसानी में ही अपना पूरा जीवन निर्भर रखती है और उसी कार्य को करने में सक्षम भी हो पाती है। केवल हमारे ही नहीं परंतु हर किसी के लिए किसानों का बहुत बड़ा महत्व है क्योंकि किसानों द्वारा अनाज हमारे लिए पोषक तत्व का कार्य करता है और हमें जीवित रखने में सहायता करता है। कुछ यही कारण है कि भारत देश में हर किसी को खेती किसानी की अनुमति प्राप्त है और कोई भी इस कार्य को आसानी से कर सकता है।

किसानों को समस्या:-

यह तो हम सब जानते हैं कि हर किसी के जीवन में अलग सी समस्याएं हैं परंतु किसानों के लिए हमारे देश में कई सारी ऐसी समस्याएं प्रकट होती है जो उनके लिए बहुत ज्यादा परेशानी का विषय होता है। हमारे देश के किसानों को भरपूर अनाज उगाने के बाद भी किसी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं होता। यदि कोई व्यक्ति चाहे कि वह अपना अनाज स्वयं के पास रख कर उसे अलग से बेचे तो यह भी संभव नहीं है। यदि किसी वर्षा या फिर कभी धूप हो जाए तो उनके पूरे फसल को नष्ट होने में रत्ती भर का समय भी नहीं लगता। उनके द्वारा दिन रात मेहनत करने के बाद भी परिवार में किसी प्रकार का सुविधा नहीं हो पाती है। सरकार द्वारा दिए गए ऐसे कई सारे सुविधाएं हैं जो उन तक नहीं पहुंच पाती। खेती-बाड़ी करने के लिए उठाए गए करजो को ना चुका न पाने के कारण उनके पास केवल आत्महत्या जैसी चीजें बच जाती है।

वैसे तो हम सब अपने देश के किसानों की महत्वता को बहुत भली-भांति समझते हैं। परंतु जैसे-जैसे हमारे देश में आधुनिकता बढ़ती जा रही है वैसे वैसे हम इन महत्वपूर्ण कार्यों को करना छोड़ रहे हैं। खेती बारी यदि कोई ना करें तो एक वक्त का भी भोजन में प्राप्त ना हो ऐसे में हमारे देश के इतने मेहनती किसान कार्य करते हैं और हमें भोजन प्राप्त करवाते हैं। इसके बावजूद भी उन्हें किसी प्रकार का लाभ या फिर सुविधा प्राप्त नहीं होती है और वे हर चीज से परेशान होकर आत्महत्या कर लेते हैं जो कि हमारे देश के लिए बहुत गंभीर समस्या है और इस समस्या का समाधान हम सबको मिलजुल कर करना चाहिए और अपने देश के किसानों के लिए उनके उज्जवल भविष्य का चयन करना चाहिए।

1. किसान को अन्न दाता क्यों कहा गया है ?

उत्तर:- हमारे देश के किसान हमें अन्न प्राप्त कराते हैं जिसकी बदौलत ही हम अपने जीवन को जी पाते हैं इसीलिए किसान को अन्नदाता अर्थात अन्न का देवता कहा गया है।

2. हमारे देश मे किसानों का क्या महत्व है?

उत्तर:- हमारे देश भारत में किसान का बहुत बड़ा महत्व है यहां पर हर कोई एक दूसरे पर निर्भर रहता है परंतु पूरी दुनिया केवल किसानों पर ही निर्भर है।

3.भारत देश की कितनी प्रतिशत नागरिक किसान है?

उत्तर:- भारत देश की 33% जनता केवल किसानी का कार्य करती है।

4. किसानों को कैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है?

उत्तर:- हमारे देश के किसानों को भरपूर अनाज उगाने के बाद भी किसी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं होता। यदि कोई व्यक्ति चाहे कि वह अपना अनाज स्वयं के पास रख कर उसे अलग से बेचे वैसे तो यह भी संभव नहीं है आदि जैसे समस्याएं।

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short essay in hindi on farmer

Farmer Essay in Hindi – वर्तमान सामाजिक-आर्थिक ढांचे में किसान समाज की रीढ़ हैं। हमारे द्वारा लिए जाने वाले लगभग सभी खाद्य पदार्थ किसानों द्वारा उत्पादित किए जाते हैं। इसलिए देश की पूरी आबादी किसानों पर निर्भर है। किसान दुनिया के सभी देशों की रीढ़ हैं चाहे उनका स्थान कोई भी हो। किसानों के अथक परिश्रम से अर्थव्यवस्था फल-फूल सकती है। वे ग्रह पर सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। हालाँकि, हमारे कल्याण के लिए कठोर गतिविधियों के बावजूद, अधिकांश देशों में किसानों के पास अपने लिए उचित जीवन यापन नहीं है।

लेखन कौशल सबसे महत्वपूर्ण कौशलों में से एक है जो सभी के पास होना चाहिए, और जिसे हर छात्र को विकसित करने की आवश्यकता है। लेखन के कई प्रकार होते हैं, लेकिन जो एक छात्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, वह है निबंध लेखन कौशल। क्योंकि निबंध में छात्रों को अपने विचारों और विचारों को रचनात्मक तरीके से व्यक्त करना होता है। और इसलिए, हिन्दी के लेखन और रचना खंड में, निबंध लेखन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Farmer Essay in Hindi – इसलिए, हिंदी भाषा में किसान विषय पर निबंध लिखने में छात्रों की मदद करने के लिए, छात्र इस निबंध को एक मॉडल के रूप में उपयोग कर सकते हैं और समझ सकते हैं कि किसान के विषय पर एक अच्छा निबंध कैसे लिखा जाए।

किसान 10 लाइन पर निबंध (Essay on Farmer 10 Lines in Hindi)

  • खाद्य पदार्थ सभी मनुष्यों के लिए आवश्यक हैं, और किसान उन्हें उगाते हैं।
  • भारत गांवों की भूमि है, और भारत में अधिकांश लोग खेती में शामिल हैं।
  • किसान जो उगाता है, वही खिलाता है।
  • श्री लाल बहादुर शास्त्री ने किसान के संबंध में नारा दिया, “जय जवान और जय किसान।”
  • सभी कार्य भूमिकाओं को निभाने के बावजूद किसान को समाज का निम्न वर्ग माना जाता है।
  • किसान समाज का निर्माता है।
  • उनका बहुत व्यस्त और मेहनती शेड्यूल है।
  • उनके खेत की देखभाल करना और फसल बोना काम नहीं है; किसान करता है, लेकिन क्षेत्र में खाद, खाद और खाद देना भी उनका कर्तव्य है।
  • किसान फसलों की खेती करके अनाज को मंडियों में बेचता है, जहां से वह अपनी रोजी-रोटी कमाता है।
  • किसान पूरी तरह से ट्रेंडिंग तकनीक के साथ विकसित हो रहा है और विभिन्न कार्यों को लागू कर रहा है, जिससे उन्हें बहुत लाभ मिल रहा है।

किसान पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay on Farmer in Hindi)

एक किसान दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण और मूल्यवान व्यक्ति है। किसान उस व्यक्ति के लिए खड़ा है जिसका पेशा खेती है। वे भोजन और कच्चे संसाधनों के लिए या तो अपनी जमीन पर या अन्य लोगों की संपत्ति पर खेतिहर मजदूरों के रूप में काम करके जीवित जीवों की खेती करते हैं और उनका पालन-पोषण करते हैं।

खेती की प्रकृति के आधार पर, हमारे पास कई प्रकार के किसान हैं। उदाहरण के लिए, कुछ किसान पशुपालन, डेयरी फार्मिंग, बागवानी, फसल खेती और कई अन्य प्रकार की खेती के विशेषज्ञ हैं। उनके प्रयास देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिए, जिम्मेदार नागरिकों के रूप में, हमें राष्ट्र और हमारे समाज के जीवन के तरीके को संरक्षित करने के लिए उनके श्रम और प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहिए।

किसान पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay on Farmer in Hindi)

व्यक्तियों के रूप में, हम देख सकते हैं कि वर्तमान सामाजिक-आर्थिक क्षेत्र में, किसान देश की उन्नति के लिए सबसे महत्वपूर्ण समूह हैं। समाज में उनकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भागीदारी का विकास पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। किसान कृषि उद्योग में काम करते हैं। देश की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा भी किसानों पर निर्भर करता है।

किसान वैश्विक आबादी का आधे से अधिक हिस्सा बनाते हैं और अधिकांश विकासशील देशों में रहते हैं। किसानों को अपने श्रम में बहुत लगातार और धैर्यवान होना पड़ता है। फ़सल काटने के लिए उन्हें कई दिन, महीने और शायद साल भी इंतज़ार करना पड़ता है। ट्रैक्टर, पानी पम्पिंग उपकरण, उर्वरक छिड़काव उपकरण आदि सहित किसान विभिन्न चरणों में फसलों का उत्पादन करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरणों का उपयोग करते हैं। वे इन उपकरणों की सहायता से अविश्वसनीय रूप से प्रभावी ढंग से काम करते हैं।

किसानों की कृषि उत्पादकता जलवायु परिस्थितियों से काफी प्रभावित होती है। जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल होने पर फसल उत्पादन से स्वस्थ फसल होती है; अन्यथा, फसलों के उत्पादन के लिए किसानों के प्रयास व्यर्थ होंगे।

इस प्रकार, कई विकासशील देशों में किसान राष्ट्रीय राजस्व के लिए आवश्यक हैं। खेती का सबसे कठिन पहलू श्रम है। हमें उनके द्वारा किए गए प्रयास का सम्मान करना चाहिए। उनका होना हमारा सौभाग्य है।

किसान पर 250 शब्दों का निबंध (250 Words Essay on Farmer in Hindi)

किसान वह है जो फसल उगाता और बेचता है। किसान आमतौर पर एक खेत पर काम करते हैं, जो जमीन का एक टुकड़ा होता है जहां वे फसल उगाते हैं या जानवर रखते हैं। खेती एक कठिन काम है क्योंकि किसानों को मौसम, कीट और अन्य समस्याओं से निपटना पड़ता है। हालाँकि, यह एक बहुत ही फायदेमंद काम हो सकता है क्योंकि किसानों को उनके श्रम का फल देखने को मिलता है। भारतीय किसान दुनिया के सबसे मेहनती लोगों में से हैं। उन्हें अत्यधिक गर्मी और मानसून से निपटना पड़ता है, लेकिन फिर भी वे देश को खिलाने के लिए पर्याप्त भोजन का उत्पादन करने में कामयाब होते हैं। भारत में एक किसान का जीवन आसान नहीं है, लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है।

भारतीय किसान दुनिया के सबसे मेहनती लोगों में से हैं। वे यह सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं कि उनकी फसल स्वस्थ हो और अच्छी फसल हो। चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, वे अपने परिवारों और अपने समुदायों को प्रदान करने के लिए अथक रूप से काम करना जारी रखते हैं। वे भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और हमारे देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

वे जो कुछ भी करते हैं, उसके लिए हम उनके आभारी हैं। किसानों के बिना, हमारे पास वह भोजन नहीं होगा जिसकी हमें जीवित रहने के लिए आवश्यकता है। वे हमें आवश्यक पोषण प्रदान करने के लिए दिन-रात अथक परिश्रम करते हैं, और वे हमारे सम्मान के पात्र हैं। अगली बार जब आप भोजन का आनंद लेने के लिए बैठें, तो उन किसानों के बारे में सोचें जिन्होंने इसे संभव बनाया और उन्हें धन्यवाद दें।

किसान पर 300 शब्दों का निबंध (300 Words Essay on Farmer in Hindi)

किसान किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की ताकत और रीढ़ होते हैं। हम जो भोजन करते हैं और जो भोजन हमें स्वस्थ और मजबूत रखता है वह किसानों द्वारा प्रदान किया जाता है। हम किसानों की मदद से इस ग्रह पर जीवित रहने में सक्षम हैं और इस प्रकार वे हमारे जीवन के सबसे मूल्यवान और महत्वपूर्ण लोग हैं। आंकड़ों के अनुसार, किसान भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग 17% योगदान करते हैं। किसानों का समाज में बहुत महत्व है, लेकिन इतना उपयोगी होते हुए भी उनके पास जीवन यापन का उचित साधन नहीं है।

भारत में, किसानों को वह दर्जा नहीं मिलता जिसके वे हकदार हैं और इसलिए हर हफ्ते या महीने में, हम किसानों द्वारा आत्महत्या के कई मामले सुनते हैं। वे बहुत कठिन और कठिन जीवन जीते हैं और फिर भी उन्हें वे विशेषाधिकार नहीं मिलते जिनके वे वास्तव में हकदार होते हैं। आमतौर पर सब्जियों और फलों के व्यापार में लगे बिचौलियों को अधिकांश पैसा मिल जाता है और किसान अपने मूल अधिकारों से वंचित हो जाते हैं।

हाल ही में, कई किसान आत्महत्या कर रहे हैं क्योंकि उनके पास जीवन की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है और इसलिए वे ऐसी जघन्य चीजें करने का सहारा लेते हैं। कई बार ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से उनकी फसल नष्ट हो जाती है और उन्हें सरकार से किसी प्रकार की प्रतिपूर्ति नहीं मिलती है। यह अंततः उन्हें गरीब और संसाधनों में दुर्लभ बना देता है और उनके जीवन को दयनीय बना देता है।

हाल ही में सरकार ने किसानों और उनके जीवन को बचाने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। सरकार ने उन्हें सभी प्रकार के ऋणों से मुक्त कर दिया है और उन्हें सालाना 6000 रुपये का भुगतान भी किया जाता है ताकि वे अपने पेशे के अलावा कुछ अतिरिक्त कमाई कर सकें। साथ ही, सरकार ने विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में उनके बच्चों के लिए सीटें आरक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं ताकि वे शिक्षा से वंचित न रहें। ये सभी उपाय उन्हें बेहतर और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करने के लिए किए जाते हैं। हालाँकि उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए और भी बहुत कुछ किया जा सकता है, हालाँकि, ये छोटे कदम उन्हें एक ऐसा जीवन जीने में मदद कर सकते हैं जिसके वे हकदार हैं।

किसान पर 500 शब्दों का निबंध (500 Words Essay on Farmer in Hindi)

किसान हमारे समाज की रीढ़ हैं। वे वही हैं जो हमें वह सब भोजन प्रदान करते हैं जो हम खाते हैं। नतीजतन, देश की पूरी आबादी किसानों पर निर्भर करती है। चाहे वह सबसे छोटा देश हो या सबसे बड़ा। उनकी वजह से ही हम ग्रह पर रह पा रहे हैं। इस प्रकार किसान दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण लोग हैं। हालांकि किसानों का इतना महत्व है फिर भी उनके पास उचित जीवन यापन नहीं है।

किसानों का महत्व

हमारे समाज में किसानों का बहुत महत्व है। वे ही हमें खाने के लिए भोजन उपलब्ध कराते हैं। चूंकि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन यापन के लिए उचित भोजन की आवश्यकता होती है, इसलिए समाज में यह एक आवश्यकता है।

विभिन्न प्रकार के किसान हैं। और उन सभी का समान महत्व है। पहले वे किसान हैं जो गेहूँ, जौ, चावल आदि जैसी फसलें उगाते हैं। चूँकि भारतीय घरों में अधिकतम खपत गेहूँ और चावल की होती है। अत: खेती में गेहूँ और चावल की खेती अधिक होती है। इसके अलावा, इन फसलों को उगाने वाले किसानों का प्रमुख महत्व है। दूसरे, वे हैं जो फलों की खेती करते हैं। इन किसानों को विभिन्न प्रकार के फलों के लिए मिट्टी तैयार करनी होती है। क्‍योंकि ये फल मौसम के अनुसार ही उगते हैं। इसलिए किसानों को फलों और फसलों के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। कई अन्य किसान हैं जो विभिन्न प्रकार के पौधे उगाते हैं। इसके अलावा, अधिकतम फसल प्राप्त करने के लिए उन सभी को बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

किसानों के अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 17% का योगदान है। वह सबसे अधिक है। लेकिन फिर भी एक किसान समाज के हर ऐशो-आराम से वंचित है।

भारत में किसानों की स्थिति

भारत में किसानों की स्थिति गंभीर है। हम हर हफ्ते या महीने में किसानों की आत्महत्या की खबरें सुन रहे हैं। इसके अलावा, किसान सभी पिछले वर्षों से एक कठिन जीवन जी रहे हैं। समस्या यह है कि उन्हें पर्याप्त वेतन नहीं मिल रहा है। चूंकि अधिकांश पैसा बिचौलियों को मिलता है, इसलिए किसान के हाथ कुछ नहीं लगता। इसके अलावा, किसानों के पास अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए पैसे नहीं हैं। कई बार तो स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि उन्हें ठीक से खाना तक नहीं मिल पाता है। इस प्रकार किसान अकाल में चले जाते हैं। नतीजतन, वे आत्महत्या का प्रयास करते हैं।

इसके अलावा, किसानों की सबसे खराब स्थिति का दूसरा कारण ग्लोबल वार्मिंग है। चूंकि ग्लोबल वार्मिंग हमारे ग्रह को हर तरह से प्रभावित कर रही है, इसलिए यह हमारे किसानों को भी प्रभावित करती है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में देरी हो रही है। चूंकि विभिन्न फसलों के पकने का अपना मौसम होता है, इसलिए उन्हें पोषण नहीं मिल रहा है। फसलों को बढ़ने के लिए उचित धूप और बारिश की जरूरत होती है। इसलिए यदि फसलें नहीं मिल रही हैं तो वे नष्ट हो जाती हैं। खेतों के नष्ट होने का यह एक मुख्य कारण है। नतीजा यह होता है कि किसान आत्महत्या कर लेते हैं।

किसानों को बचाने के लिए, हमारी सरकार उन्हें विभिन्न विशेषाधिकार प्रदान करने का प्रयास कर रही है। हाल ही में सरकार ने उन्हें सभी ऋणों से मुक्त कर दिया है। इसके अलावा, सरकार रुपये की वार्षिक पेंशन का भुगतान करती है। उन्हें 6000। इससे उन्हें अपने पेशे के अलावा कम से कम कुछ कमाई करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, सरकार उनके बच्चों को कोटा (आरक्षण) प्रदान करती है। यह सुनिश्चित करता है कि उनके बच्चों को उचित शिक्षा मिले। आज की दुनिया में सभी बच्चों को उचित शिक्षा मिलनी चाहिए। ताकि उन्हें बेहतर जिंदगी जीने का मौका मिले।

अंत में, खेती एक ऐसा पेशा है जो कठिन परिश्रम और प्रयास करता है। इसके अलावा हमारे देश की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए हमें अपने देश के किसानों की मदद के लिए पहल करनी चाहिए।

किसान पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1. किसान हमारे जीवन में किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

उत्तर: किसान वह है जो हम सभी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वे ही हैं जो हमें भूख लगने पर भोजन देते हैं। किसानों के बिना हम किसी भी भोजन का उपभोग नहीं कर सकते हैं। किसान फसल, पशुपालन करता है और समाज के लिए सब कुछ जोश से करता है।

प्रश्न 2. आप एक किसान के जीवन का वर्णन कैसे कर सकते हैं?

उत्तर: किसान को कृषि के रूप में भी जाना जाता है। वे मुख्य रूप से खेती करने, पशुओं को पालने में लगे हुए हैं। वे उपभोग के लिए आवश्यक कच्चे माल का उत्पादन करते हैं। किसान वह है जो फसल उगाने के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करता है, जैसे कि कीट का हमला, सूखा और बाढ़। किसान का जीवन काफी कठिन होता है। बहुत से किसान निम्न मध्यवर्गीय समाज के हैं।

भारतीय किसान पर निबंध | Essay on Indian Farmers in Hindi

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भारतीय किसान पर निबंध | Essay on Indian Farmers in Hindi!

भारत गांवों का देश है । भारत की आत्मा गांवों और किसानों में बसती है । इसलिए भारत एक कृषि प्रधान देश भी कहलता है । यहां की 70-80 प्रतिशत जनता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर करती है । किसान हमारे लिए अन्न, फल, सब्दिया आदि उपजाता है ।

वह पशुपालन भी करता है । लेकिन भारतीय किसान की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है । स्वतंत्रता के 50 से अधिक वर्षो के बाद भी वह गरीब, अशिक्षित और शक्तिहीन है । उसे कठोर परिश्रम करना पड़ता है । उसके परिवार के सदस्य भी दिन-रात खेत-खलिहान में जुटे रहते हैं । बड़ी कठिनाई से वह अपना और अपने बाल-बच्चों का पेट भर पाता है ।

अभी भी उसके पास वही बरसों पुराने खेती के साधन हैं ।उसे बहुत कुछ मानसून पर निर्भर रहना पड़ता है । अगर समय पर अच्छी बरसात नहीं होती, तो उसके खेत सूखे पड़े रहते हैं । गांव में अकाल पड़ जाता है, और भूखों मरने की नौबत आ जाती है । वह अपने हाथों से कठोर परिश्रम करता है, खून-पसीना बहाता है, फिर भी वह गरीब और परवश है ।

उसकी आय इतनी कम होती है कि वह अच्छे बीच, खाद, औजार और पशु नहीं खरीद पाता । वह अशिक्षित है, और कई अंधविश्वासों और कुरुतियों का शिकार । सेठ-साहूकार इसका पूरा लाभ उठाकर उसका शोषण कर रहे हैं । वह अपनी संतान को पड़ाने के लिए भी नहीं भेज सकता । या तो गांव में स्कूल नहीं होता, या फिर बहुत दूर होता है ।

इसके अतिरिक्त वह बच्चों से खेत पर काम लेने के लिए विवश है । वह उन्हें पशु चराने जंगल में भेज देता है । सरकार ने भारतीय किसान की सहायता के लिए कुछ कदम उठायें हैं । उसे कम ब्याज पर कर्ज देने की व्यवस्था की गई है जिससे वह बीज, खाद आदि क्रय कर सके । परन्तु यह पर्याप्त नहीं है । सच तो यह है कि उस तक सहायता पहुंच नहीं पाती । बिचौलिये बीच में ही उसे हड़प लेते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

अशिक्षित होने के कारण वह अपने, अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं । दूसरे लोग सरलता से उसके आधिकारों का हनन कर लेते हैं । उसे शिक्षित किया जाना बहुत आवश्यक है । इसके लिए प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य, मुफ्त और सर्वसुलभ बनाने की परम आवश्यकता है । हर गांव में उसके पास स्कूल खोले जाने चाहिये ।

स्कूलों में कर्मठ, ईमानदार और प्रशिक्षित अध्यापक लगाये जाने चाहिये । किसानों को कुए खुदवाने, बीच आदि खरीदने के लिए ऋण सुलभ होना चाहिये । वर्ष के बहुत समय वह निठल्ला बैठा रहता है । यह समय उसकी शिक्षा और कृषि संबंधी ज्ञान देने के लिए किया जा सकता है ।

जब तक भारतीय किसान निर्धन और अशिक्षित है, तब तक देश की उन्नति नहीं कर सकता । हर तरह से उसकी सहायता कर उसको स्वावलम्बी और शिक्षित बनाया जाना चाहिये । कोई ऐसी व्यवस्था होनी चाहिये कि वह कभी बेकार न बैठे और खेत खाली नहीं रहे । इसके लिए सिंचाई की समुचित व्यवस्था बहुत आवश्यक है ।

अधिकतर भारत के किसान खेतीहर मजदूर हैं, या उनके पास बहुत थोड़ी जमीन होती है । कई बार वह जमीन भी अनुपजाऊ होती है । प्राय: सिंचाई के साधन का अभाव रहता है । वह जो कुछ उपजाता है, उसका उचित मूल्य नहीं मिलता । कई बार उसकी फलस बिकती नहीं और पड़ी-पड़ी सड़ जाती है ।

हमारे स्वर्गीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने हमें ‘जय किसान, जय जवान’ का नारा दिया था । यह हमारे किसानों के महत्व को रेखांकित करता है । परन्तु अभी भी उनकी हालत बड़ी दयनीय है । उनकी इस दशा को सुधारने के हर संभव प्रयत्न किये जाने चाहिये । उनकी उन्नति और विकास पर ही देश की समृद्धि टिकी है ।

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Indian Farmer Essay In Hindi

भारतीय कृषि पर निबंध – Indian Farmer Essay In Hindi

भारतीय कृषि पर निबंध – (essay on indian farmer in hindi), किसान भारत की पहचान – identity of farmer india.

  • प्रस्तावना,
  • सरल तथा प्राकृतिक जीवन,
  • संसार का अन्नदाता,
  • भारतीय किसान की दशा,
  • समाज तथा शासन की उपेक्षा,
  • पिछड़ेपन का कारण,
  • किसान की दशा में सुधार,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

भारतीय कृषि पर निबंध – Bhaarateey Krshi Par Nibandh

प्रस्तावना– कृषि कर्म करने वाला ही कृषक कहलाता है। खेती संसार का सबसे पुराना व्यवसाय है। यह मनुष्य के सभ्यता की ओर उन्मुख होने का प्रथम चरण है। भारत गाँवों में बसता है, कहने का यही अर्थ है कि भारत की बहुसंख्यक जनता किसान है और किसान गाँवों में ही रहते हैं। भारतमाता ग्रामवासिनी’ कहकर कवि पंत ने इसी तथ्य ओर संकेत किया है। किसान भारत की पहचान है।

Indian Farmer Essay In Hindi

सरल तथा प्राकृतिक जीवन– भारतीय किसान का जीवन दिखावट से दूर है। वह सरल और प्राकृतिक जीवन जीता है। वह मोटा खाता और मोटा पहनता है। उसकी आवश्यकताएँ सीमित हैं। वह वर्षा, धूप और सर्दी सहन करता है। प्रात: जल्दी उठना, अपने खेतों तथा पशुओं की देखभाल करना और कठोर श्रमपूर्ण जीवन बिताना ही उसकी दिनचर्या है।

Essay On Indian Farmer In Hindi

संसार का अन्नदाता– किसान समस्त संसार का अन्नदाता है। वह अपने खेतों में जो अन्न उगाता है, उससे ही संसार का पेट भरता है। खाद्यान्न ही नहीं वह अन्य वस्तुएँ भी अपने खेतों में पैदा करता है। वह कपास उगाता है, जो लोगों के तन ढकने के लिए वस्त्र बनाने के काम आती है।

वह गन्ना पैदा करता है जो गुड़ और शक्कर के रूप में लोगों को मधुरता देता है। वह तिल, सरसों, अलसी आदि तिलहन पैदा करता है जो मनुष्य की अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति का साधन है। किसान साग–सब्जी, फल इत्यादि का उत्पादन करके लोगों की आवश्यकताएँ पूरी करता है। उसी के प्रयत्न से पशुओं को चारा भी मिलता है।

भारतीय किसान की दशा– समाज के लिए इतना सब करने वाले किसान की दशा अच्छी नहीं है। उसकी आर्थिक स्थिति दयनीय है। कृषि में जो पैदावार होती है, उसका पूरा मूल्य उसको नहीं मिल पाता।

कृषि से इतनी आय नहीं होती कि वह अपने पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति कर सके। उसको तथा उसके परिवार को न भरपेट भोजन मिल पाता है न अच्छे वस्त्र। शादी–विवाह इत्यादि पारिवारिक उत्तरदायित्वों की पूर्ति के लिए किसान को ऋण लेना पड़ता है।

समाज तथा शासन की उपेक्षा–किसान समाज तथा शासन की उपेक्षा का शिकार है। खेतों के लिए बीज, खाद, कृषि उपकरण तथा पानी चाहिए जो अत्यन्त महँगे हैं। इसके लिए वह महाजनों तथा बैंकों से ऋण लेता है। ऋण की शर्ते ऐसी होती हैं कि वह संकट में पड़ जाता है। जब ऋण नहीं चुका पाता तो महाजन तथा बैंकें उसकी सम्पत्ति नीलाम कर देते हैं। किसानों द्वारा निरन्तर आत्महत्याएँ किया जाना इसी उपेक्षा का करुण परिणाम हैं।।

भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र को विदेशी पूँजी निवेश के लिए खोल दिया है। सरकार का कहना है कि वह किसान को उसकी उपज का अच्छा मूल्य दिलाना चाहती है। बड़े–बड़े देशी–विदेशी पूँजीपति खेती को एक उद्योग का रूप देकर किसान का शोषण करेंगे।

वह अपने आर्थिक लाभ के लिए फसल उगायेंगे, इससे जनता के समक्ष खाद्यान्न का संकट भी पैदा होगा। उनको न किसान के हित की चिन्ता है और न जनता के हित की।

पिछड़ेपन के कारण–भारत का किसान पिछड़ा हुआ है। वह अशिक्षित है तथा असंगठित भी है। उसको उत्तम और नई कृषि प्रणाली का पर्याप्त ज्ञान नहीं है। संगठित न होने के कारण उसे सरकार तथा पूँजीपति वर्ग का शोषण सहन करना पड़ता है।

वह सरकार को कृषक हितैषी नीति अपनाने को बाध्य नहीं कर पाता। भारतीय किसान अन्धविश्वासी भी है अतः अपनी दुर्दशा को वह अपना दुर्भाग्य मानकर चुपचाप सहन कर लेता है। अपने शोषण के प्रतिकार की भावना ही उसके मन में नहीं उठती।

किसान की दशा में सुधार– भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है परन्तु स्वतंत्र भारत की सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं। दिया वह उद्योगों के विकास द्वारा भारत को सम्पन्न बनाने की नीति पर चलती रही है, यह नीति उचित नहीं है। सरकार को अपनी नीति कृषि के विकास को आधार बनाकर बनानी चाहिए।

किसानों को खेती की प्रगति तथा उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। उनको इसके लिए बजट में पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए। किसानों के बच्चों की शिक्षा की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। उनको कृषि की नवीनतम तकनीक का

प्रशिक्षण तथा ज्ञान दिया जाना चाहिए। कृषि को समुन्नत बनाकर तथा कृषकों का स्तर उठाकर ही भारत को समृद्ध तथा शक्तिशाली बनाया जा सकता है। लगता है उत्तरदायी सरकारों ने इस कठोर सत्य को स्वीकार किया है।

किसानों को उनकी लागत का दुगुना बाजार–मूल्य दिलाने, प्राकृतिक आपदाओं के समय के लिए सही बीमा नीति बनाने, ऋण माफी आदि की घोषणाएँ भी हुई हैं। आशा है भारतीय किसान के दिन बहुरेंगे।

उपसंहार– आज भारत स्वाधीन है तथा जनतंत्र सत्ता से शासित है। भारत की अधिकांश जनता गाँवों में रहती है तथा कृषि और उससे सम्बन्धित व्यवसायों से अपना जीवनयापन करती है। उसके आर्थिक उत्थान पर ध्यान देना आवश्यक है।

अभी तक वह उपेक्षित और असंतुष्ट है। असंतोष का यह ज्वालामुखी फूटे और भीषण विनाश का दृश्य उपस्थित हो, उससे पूर्व ही हमें सजग हो जाना चाहिए।

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कृषि पर निबंध (Agriculture Essay in Hindi)

हमारा देश कृषि प्रधान देश है, और कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की नींव है। हमारे देश में कृषि केवल खेती करना नहीं हैं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है। कृषि पर पूरा देश आश्रित होता है। लोगों की भूख तो कृषि के माध्यम से ही मिटती है। यह हमारे देश की शासन-व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। कृषि से ही मानव सभ्यता का आरंभ हुआ। अक्सर विद्यालयों में कृषि पर निबंध आदि लिखने को दिया जाता है। इस संबंध में कृषि पर आधारित कुछ छोटे-बड़े निबंध दिए जा रहे हैं।

कृषि पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Agriculture in Hindi, Krishi par Nibandh Hindi mein)

कृषि पर निबंध – 1 (300 शब्द).

खेती और वानिकी के माध्यम से खाद्य पदार्थों का उत्पादन करना, कृषि कहलाता है। कृषि में फसल उत्पादन, फल और सब्जी की खेती के साथ-साथ फूलों की खेती, पशुधन उत्पादन, मत्स्य पालन, कृषि-वानिकी और वानिकी शामिल हैं। ये सभी उत्पादक गतिविधियाँ हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार

भारत में, कृषि आय राष्ट्रीय आय का 1987-88 में 30.3 प्रतिशत था जोकि पचहत्तर प्रतिशत से अधिक लोगों को रोजगार देती थी। 2023 तक यह आंकड़ा 50% तक पहुंच गयाहै। मुख्य आर्थिक गतिविधि होने के बावजूद विकसित राष्ट्रों की तुलना में कृषि में शामिल उत्पादन के कारकों की उत्पादकता बहुत कम है। हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकता भोजन का निर्माण, कृषि के द्वारा ही संभव होता है। कृषि में फसल उगाने या पशुओं को पालने की प्रथा का वर्णन है। किसान के रूप में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति कृषि उद्योग से सम्बंधित कहलाता है।

कृषि के क्षेत्र में नवीन प्रयोग

पिछले कुछ वर्षों में विज्ञान और टेक्नोलॉजी के कारण कृषि क्षेत्रो में नविन उपकरणों का इस्तेमाल होने लगा है, परन्तु हमें धरती की उर्वरा शक्ति पर भी ध्यान देना चाहिए।

अर्थशास्त्री, जैसे टी.डब्ल्यू. शुल्ट, जॉन डब्ल्यू. मेलोर, वाल्टर ए.लुईस और अन्य अर्थशास्त्रियों ने यह साबित किया है कि कृषि और कृषक आर्थिक विकास के अग्र-दूत है जो इसके विकास में अत्यधिक योगदान देते है। कृषि के क्षेत्र में विकास के लिए वर्तमान सरकार ने कई नए योजनाओ जैसे की सोलर पम्प, फूलो और फलों में अनुदान, पशु पालन में अनुदान जैसी कई योजनाएं लागु की है लेकिन ये भ्रस्टाचार के चलते शत प्रतिशत धरातल पर उतर नहीं पाती है और असल आवश्यक व्यक्ति इससे वंचित रह जाता है। इस सम्बन्ध में सरकार को नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता है।

निबंध – 2 (400 शब्द)

लिस्टर ब्राउन ने अपनी पुस्तक “सीड्स ऑफ चेंजेस” एक “हरित क्रांति का एक अध्ययन,” में कहा है कि “विकासशील देशों में कृषि क्षेत्र के उत्पादन में वृद्धि के साथ व्यापार की समस्या सामने आएगी।”

इसलिए, कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन के लिए उत्पादन, रोजगार बढ़ाने और खेतों और ग्रामीण आबादी के लिए आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण विकास होता है।

भारतीय कृषि की विशेषताएं :

(i) आजीविका का स्रोत – हमारे देश में कृषि मुख्य व्यवसाय है। यह कुल आबादी के लगभग 61% व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करती है। यह राष्ट्रीय आय में करीबन 25% का योगदान देती है।

( ii) मानसून पर निर्भरता – हमारी भारतीय कृषि मुख्यतः मानसून पर निर्भर करती है। अगर मानसून अच्छा आया तो कृषि अच्छी होती है अन्यथा नहीं।

( iii) श्रम गहन खेती – जनसंख्या में वृद्धि के कारण भूमि पर दबाव बढ़ गया है। भूमि जोत के टुकड़े-टुकड़े हो जाते हैं और उपविभाजित हो जाते हैं। ऐसे खेतों पर मशीनरी और उपकरण का उपयोग नहीं किया जा सकता है।

( iv) बेरोजगारी – पर्याप्त सिंचाई साधनों के अभाव में और अपर्याप्त वर्षा के कारण किसान वर्ष के कुछ महीने ही कृषि-कार्यों में संलग्न रहते हैं। जिस कारण बाकी समय तो खाली ही रहते है। इसे छिपी बेरोजगारी भी कहते है।

( v) जोत का छोटा आकार – बड़े पैमाने पर उप-विभाजन और जोत के विखंडन के कारण, भूमि के जोत का आकार काफी छोटा हो जाता है। छोटे जोत आकार के कारण उच्च स्तर की खेती करना मुमकिन नहीं होता है।

( vi) उत्पादन के पारंपरिक तरीके – हमारे देश में पारंपरिक खेती का चलन है। केवल खेती ही नहीं अपितु इसमें प्रयुक्त होने वाले उपकरण भी पुरातन एवं पारंपरिक हैं, जिससे उन्नत खेती नहीं हो पाती।

( vii) कम कृषि उत्पादन – भारत में कृषि उत्पादन कम है। भारत में गेहूं प्रति हेक्टेयर लगभग 27 क्विंटल का उत्पादन होता है, फ्रांस में 71.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और ब्रिटेन में 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन होता है। एक कृषि मजदूर की औसत वार्षिक उत्पादकता भारत में 162 डॉलर, नॉर्वे में 973 डॉलर और यूएसए में 2408 डॉलर आंकी गयी है।

( viii) खाद्य फसलों का प्रभुत्व – खेती किए गए क्षेत्र का करीब 75% गेहूं, चावल और बाजरा जैसे खाद्य फसलों के अधीन है, जबकि लगभग 25% खेती क्षेत्र वाणिज्यिक फसलों के तहत है। यह प्रक्रिया पिछड़ी कृषि के कारण है।

भारतीय कृषि मौजूदा तकनीक पर संसाधनों का सबसे अच्छा उपयोग करने हेतु संकल्पित हैं, लेकिन वे बिचौलियों के प्रभुत्व वाले व्यापार प्रणाली में अपनी उपज की बिक्री से होने वाले लाभ में अपने हिस्से से वंचित रह जाते हैं और इस प्रकार कृषि के व्यवसायिक पक्ष की घोर उपेक्षा हुई है।

निबंध – 3 (500 शब्द)

आजादी के समय भारत में कृषि पूरी तरह से पिछड़ी हुई थी। कृषि में लागू सदियों पुरानी और पारंपरिक तकनीकों के उपयोग के कारण उत्पादकता बहुत खराब थी। वर्तमान समय की बात करें तो, कृषि में प्रयुक्त उर्वरकों की मात्रा भी अत्यंत कम है। अपनी कम उत्पादकता के कारण, कृषि भारतीय किसानों के लिए केवल जीवन निर्वाह का प्रबंधन कर सकती है और कृषि का व्यवसायीकरण कम होने के कारण आज भी कई देशों से हमारा देश कृषि के मामले में पीछे है।

कृषि के प्रकार

कृषि दुनिया में सबसे व्यापक गतिविधियों में से एक है, लेकिन यह हर जगह एक समान नहीं है। दुनिया भर में कृषि के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं।

( i) पशुपालन – खेती की इस प्रणाली के तहत पशुओं को पालने पर बड़ा जोर दिया जाता है। खानाबदोश झुंड के विपरीत, किसान एक व्यवस्थित जीवन जीते हैं।

( ii) वाणिज्यिक वृक्षारोपण – यद्यपि एक छोटे से क्षेत्र में इसका अभ्यास किया जाता है, लेकिन इस प्रकार की खेती इसके वाणिज्यिक मूल्य के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण है। इस तरह की खेती के प्रमुख उत्पाद उष्णकटिबंधीय (Tropical) फसलें हैं जैसे कि चाय, कॉफी, रबर और ताड़ के तेल। इस प्रकार की खेती एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कुछ हिस्सों में विकसित हुई है।

( iii) भूमध्यसागरीय (Mediterranean) कृषि – आमतौर पर भूमध्यसागरीय क्षेत्र के बीहड़ इलाकों में विशिष्ट पशुधन और फसल संयोजन होते हैं। गेहूं और खट्टे फल प्रमुख फसलें हैं, और छोटे जानवर, क्षेत्र में पाले जाने वाले प्रमुख पशुधन हैं।

( iv) अल्पविकसित गतिहीन जुताई – यह कृषि का एक निर्वाह प्रकार है और यह बाकि प्रकारों से भिन्न है क्योंकि भूमि के एक ही भूखंड की खेती साल दर साल लगातार की जाती है। अनाज की फसलों के अलावा, कुछ पेड़ की फसलें जैसे रबर का पेड़ आदि इस प्रणाली का उपयोग करके उगाया जाता है।

( v) दूध उत्पादन – बाजार के समीपता (Market proximity) और समशीतोष्ण जलवायु (temperate climate) दो अनुकूल कारक हैं जो इस प्रकार की खेती के विकास के लिए जिम्मेदार हैं। डेनमार्क और स्वीडन जैसे देशों ने इस प्रकार की खेती का अधिकतम विकास किया है।

( vi) झूम खेती – इस प्रकार की कृषि आमतौर पर दक्षिण पूर्व एशिया जैसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों द्वारा अपनाई जाती है, अनाज की फसलों पर प्रमुख जोर दिया जाता है। पर्यावरणविदों (Environmentalists) के दबाव के कारण इस प्रकार की खेती में कमी आ रही है।

( vii) वाणिज्यिक अनाज की खेती – इस प्रकार की खेती खेत मशीनीकरण के लिए एक प्रतिक्रिया है और कम वर्षा और आबादी वाले क्षेत्रों में प्रमुख प्रकार की खेती है। ये फसलें मौसम की मार और सूखे की वजह से होती हैं।

( viii) पशुधन और अनाज की खेती – इस प्रकार की कृषि को आमतौर पर मिश्रित खेती के रूप में जाना जाता है, और एशिया को छोड़कर मध्य अक्षांशों (Mid Latitudes) के नम क्षेत्रों में उत्पन्न होता है। इसका विकास बाजार सुविधाओं से निकटता से जुड़ा हुआ है, और यह आमतौर पर यूरोपीय प्रकार की खेती है।

कृषि और व्यवसाय दो अलग-अलग धुरी है, लेकिन परस्पर संबंधित एवं एक दुसरे के पूरक हैं, जिसमें कृषि संसाधनों के उपयोग से लेकर कटाई, कृषि उपज के प्रसंस्करण (Processing) और विपणन (Marketing) तक उत्पादन का संगठन और प्रबंधन शामिल है।

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Essay on Indian Farmers in Hindi – भारतीय किसान पर निबंध

September 30, 2017 by essaykiduniya

यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में भारतीय किसान पर निबंध मिलेगा। Here you will get Paragraphs, Short and Long ( Bhartiya Kisan par Nibandh ) Essay on Indian Farmers  in Hindi Language for students of all classes in 100, 250 and 600 words.

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Essay on Indian Farmers in Hindi – भारतीय किसान पर निबंध (100 Words)

एक भारतीय किसान का जीवन बहुत कठिन है उसे अपने खेतों में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है| उन्हें सूरज और बारिश में काम करना है उसे अपने खेतों को हल करना होगा उन्हें पानी देना होगा फिर उसे अपने खेतों में बीज बोना होगा। वह अपनी फसलों को दिन और रात का पालन करता है कटाई भी कोई आसान काम नहीं है यह बहुत मुश्किल और थकाऊ है इतने श्रम के बाद भी, भारतीय किसान गरीब बना रहता है। उसे हाथ से मुंह तक रहना होगा उनका बहुत दयनीय है लेकिन वह गरीब है, हालांकि, वह खुशी से रहता है वह अपनी आदतों में सरल है वह अपने विचारों में शुद्ध है। वह शहर के जीवन की बुराइयों से दूर रहता है|

Essay on Indian Farmers in Hindi – भारतीय किसान पर निबंध (250 Words)

किसान सबसे उपयोगी लोगों में से एक है किसान हमारे लिए फसल उगता है। वह एक गांव में रहते हैं। वह एक क्षेत्र है उसके पास एक हल और बैल हैं वह सुबह जल्दी उठता है वह मैदान पर बहुत कठिन काम करता है। वह मैदान को हल कर देता है और बीज बोता है। वह फसल की फसल। वह नियमित रूप से खेतों को जलता है उन्हें फसल का ख्याल रखना होगा उन्हें ओलों और ठंढ के विरुद्ध उन्हें बचाने की जरूरत है किसान अपनी फसलों को बेचकर पैसा कमाता है। एक किसान के लिए बारिश बहुत महत्वपूर्ण है अच्छी फसलों के विकास के लिए बारिश आवश्यक है यदि अच्छी वर्षा होती है तो एक किसान खुश हो जाता है वह खुश रहती है अगर फसलें अच्छे हैं लेकिन, यदि फसल विफल हो जाती है, तो उसका जीवन दुखी हो जाता है। किसान ईमानदार और मेहनती व्यक्ति हैं वह समाज के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं।

पिछले पचास वर्षों से स्वतंत्र होने के बावजूद हम भारतीय किसानों के लिए इतना सुधार नहीं कर पाए हैं। उनमें से ज्यादातर अभी भी गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं। वे अपनी उपज की पूरी वापसी नहीं करते हैं और वे गरीब और उपेक्षित रहना जारी रखते हैं। भारत का सबसे बड़ा उद्योग पेशे की ओर आकर्षित नहीं होता क्योंकि यह उनसे समृद्ध जीवन जीने की गारंटी नहीं देता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास कृषि को एक निपुण पेशे बनाने में सक्षम नहीं है। यह इस जमीन की सबसे बड़ी समस्या का कारण है, अर्थात बेरोजगारी। यदि बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण यह सभी बेरोजगार युवकों को रोजगार कर सकता है और देश इसके बारे में हम इसके बारे में सपना देखकर अधिक समृद्ध होगा।

Essay on Indian Farmers in Hindi – भारतीय किसान पर निबंध ( 600 words)

भारतीय किसानों की हालत बहुत खराब है। उसे पूरे दिन अपने खेत में काम करना पड़ता है, और फिर भी वह जीवन की केवल नंगे अवस्थाओं का प्रबंधन करने में सक्षम है। वह गरीबी की ज़िंदगी जीता है, और अस्वस्थ वातावरण में बड़ी है। जिस घर में वह रहता है वह एक या एक घर है जिसमें एक छत छत है – जो बरसात के मौसम में लीक हो सकता है। गांव बिना किसी नाली-जल के हो सकता है और मच्छर हो सकता है। वहां महापौर पानी और बिजली नहीं हो सकती। उसके परिवार और मवेशियों के सदस्य एक ही छत के नीचे रहते हैं आमतौर पर, जीवन स्तर कम है। किसान का दिन, शहर के निवासियों के विपरीत, मुर्गा की कटाई से शुरू होता है।

पहली बात वह करती है कि वह अपने पशुओं को खिलाने, अपनी गायों और भैंसों को गीला करने और एक ग्लास चाय लेकर ले जाती है, जिसकी पत्नी उसकी लकड़ी के लिए तैयार करती है। फिर वह अपने बैलों को एक हल के लिए जुटाता है और खेतों में जाता है समय की बचत करने के लिए सूर्योदय से पहले खेती शुरू होती है वह खुशी से गाने गा सकते हैं सूरज उगता है जैसा कि गर्मी है किसान को सूरज, ओलों या तूफान में काम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है वह उसे सुबह के घंटों में व्यस्त रखता है वह पछतावा कर सकता है लेकिन वह परेशान नहीं करता।

वह बढ़ते अनाज, सब्जियां और फलों या कुछ अन्य नकद फसलों में लगी हुई है। दोपहर में उसकी पत्नी उसे खाना बनाती है अपनी रोटी और दाल के साथ शायद छाछ। तो वह एक छायादार पेड़ के नीचे आराम कर सकता है कभी-कभी वह खर्राटों को देखता है। कुछ समय बाद वह फिर से काम करने के लिए सेट करता है। यदि वह खेत में व्यस्त नहीं है, तो उसके पास बहुत सी दूसरी चीज़ें हैं कई बार, वह खेतों को समतल कर रहा है या खाद जोड़ रहा है। दूसरी बार, वह बीज बोने, या खेतों को पानी पिला सकता है। यह वह मुख्य भाग के एक हिस्से को काटने और अपने क्षेत्रों में पानी का प्रवाह देकर करता है। वह मानसून पर भी निर्भर करता है। कटाई के मौसम के दौरान वह मकई के काटने और बांधने वाले काठ के ऊपर झुकता है। इस समय उनकी पत्नी भी सहायता हाथ दे रहे हैं।

शाम में वह होमवर्क बनाते हैं उसके शरीर पर पसीने से सूख जाता है वह दिन की कड़ी मेहनत से थक चुका है। इसलिए वह बाकी के लिए झूठ है वह अपने हुक्का को धुआं और आराम कर सकता है। गांव की महिला सुंदर, सरल, ईमानदार, कर्तव्यवान और बहुत मेहनती हैं- जो उन्हें अच्छे स्वास्थ्य और उत्साह में रखती है। शाम को देर हो, वह साथी किसान से मिलने के लिए चौपाल में जा सकते हैं। कटाई के मौसम के दौरान वह पहले से कहीं ज्यादा व्यस्त है वह अपने बहुत से खुश हैं उसने कड़ी मेहनत की है और फसल अच्छी है।

वह खेतों में ज्यादातर समय में है वह रात-चौकस कौवाओं पर एक घड़ी रखता है, उन्हें भी रखा जाता है। फसल वह अपने मूल्यवान खज़ाना है और उन्हें नुकसान से सुरक्षित रखना चाहिए। दिन के दौरान वह अपने समय का सबसे अधिक खन्ना और उभरने में खर्च करता है। अनाज एकत्र और संग्रहीत किया जाता है। वह खाद्यान्न रखने के लिए परिवार के आराम के लिए जूट के बोरों में डाल दिया जाता है और बैलगाड़ी में विपणन के लिए ढेर हो जाता है। सरकारी एजेंसियां उसे उचित मूल्य देने के लिए उपलब्ध हैं। भारतीय किसानों का कठिन जीवन यही है।

हम आशा करेंगे कि आपको यह निबंध ( Essay on Indian Farmers in Hindi – भारतीय किसान पर निबंध ) पसंद आएगा।

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Essay on indian farmer in hindi भारतीय किसान पर निबंध.

Essay on Indian Farmer in Hindi for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. भारतीय किसान पर निबंध। In this article, we are going to post information about Indian farmer in Hindi, Indian farmer life and problems faced by farmer in Hindi.

hindiinhindi Indian Farmer Essay in Hindi

Essay on Indian Farmer in Hindi 200 Words

विचार – बिंदु – • भारतीय किसान का महत्त्व • सादगी-पसंद • परिश्रमी जीवन • हृष्ट-पुष्ट • गरीबी • दुर्दशा के कारण • सुधार के उपाय।

भारत की संस्कृति कृषक-संस्कृति है। भारतीय किसान सीधा-सादा जीवन-यापन करता है। सादगी का यह गुण उसके तन से ही नहीं, मन से भी झलकता है। सच्ची बात को सीधे-सादे शब्दों में कहना उसका स्वभाव है। भारतीय किसान बड़ा कठोर जीवन जीता है। वह शरीर से हृष्ट-पुष्ट रहता है। माँ धरती और प्रकृति की गोद में खेलने के कारण न उसे बीमारियाँ घेरती हैं, न मानसिक परेशानियाँ। भारत के अधिकतर किसान ग़रीबी में जीते हैं। उनके पास थोड़ी जमीन है। छोटे किसान दिन-भर मेहनत करके भी भरपेट खाना नहीं जुटा पाते। अधिकतर किसान निरक्षर है। अज्ञान के कारण वे अंधविश्वासों में आस्था रखते हैं। इस कारण वे परिवार को सीमित रखने का महत्त्व नहीं समझते।

परिणामसवरुप उनका परिवार बढ़ता जाता है और ज़मीन कम होती जाती है। फिर उनके जीवन में खुशहाली कैसे आए? अज्ञानता के कारण ही व्यापारी लोग उन्हें आसानी से लूट लेते हैं। आवश्यकता है कि किसानों को उन्नत बीज, खाद, कीटनाशक सस्ते दामों पर उपलब्ध कराए जाएँ। उनके बच्चों को सस्ती शिक्षा दी जाए। उनके उत्पादन को ऊँचे दामों पर बेचने का प्रबंध किया जाए।

Indian Farmer in Hindi Essay 600 Words

भारतीय किसान की त्रासद स्थिति

मानव ने अपने पशुतुल्य जीवन को छोड़कर जिस समय एक स्थायी जीवन को ग्रहण किया था उसी समय उसने कृषि को अपने जीवन का अपरिहार्य अंग स्वीकार कर लिया था। कृषि ने ही मानव को पशु-जगत से भिन्न एक मानव-जगत् में स्थापित किया। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि संसार में मानव का आविर्भाव कृषि-व्यवस्था के परिणामस्वरूप ही अविर्भाव हुआ।

भारतीय संस्कृति, सभ्यता और साहित्य का एक बड़ा हिस्सा किसान-जीवन की नाना स्थिति-परिस्थितियों के विविध आयामी चित्रणों से भरा पड़ा है। आदिकाव्य रामायण में भी मानव के इस आदिम-पेशे का यथोचित वर्णन मिलता है। कालिदास ने तो ‘मेघदूत’ नामक अपने श्रृंगार और प्रेमपरक काव्य में, किसान जीवन की विराट मार्मिकता को पूरी तरह से उभार कर ही रख दिया। किन्तु किसान का जीवन मात्र प्राकृतिक-जीवन की मधुरता, स्वच्छंदता, सहजता और सौन्दर्य से भरा हुआ ही नहीं होता अपितु गरीबी, शोषण और विकराल अभावग्रस्तता का भी जीवन होता है। भक्ति-काल के सर्वश्रेष्ठ कवि महात्मा तुलसीदास ने कृषक जीवन की इस विडम्बनापूर्ण स्थिति को पूरी वास्तविकता और सच्चाई के साथ अनुभूत किया था। एक स्थान पर कृषक जीवन की त्रासद-स्थिति का वर्णन करते हुए महात्मा तुलसीदास ने लिखा है:

‘खेती न किसान को, भिखारी को न भीख बलि,

बनिक को बनिज, न चाकर को चाकरी।

जीविका विहीन लोग सीधामान सोच बस,

कहैं एक एकन सों कहा जाई का करी?

जो किसान अपने अथक परिश्रम के द्वारा अन्न उत्पन्न करते हैं और उससे सकल संसार का पेट भरते हैं वही किसान स्वयं अपने पेट के लिए दो जून की रोटी को तरसते हैं। उन्हें भरपेट भोजन भी प्राप्त नहीं होता। उनके बीबी: बच्चे भूख से बिलखते रहते हैं। वस्तुत: इस स्थिति को देखकर तो हृदय यह पुकार उठता है कि कृषक जीवन वस्तुत: गरीबी, भुखमरी और दरिद्रता का जीवन रहा है। कितने आश्चर्य की बात है कि जो दूसरों की भूख शान्त करता है, वह स्वयं सदैव भुखमरी के भवंरजाल में फंसा रहता है। लाख प्रयत्न करने पर भी वह इस भंवरजाल से कभी निकल नहीं पाता। उपन्यास सम्राट प्रेमचंद ने भी अपने प्रसिद्ध उपन्यास ‘गोदान’ में कृषक-जनों की दारूण एवं मार्मिक स्थिति का चित्रण करते हुए लिखा है:

“तीन लडके बचपन में ही मर गए। उसका मन भी कहता था, अगर उनकी दवा-दारू होती तो वे बच जाते, पर वह एक धेले की दवा भी न मंगवा सकी थी। उसकी उम्र भी अभी क्या थी। छत्तीसवां साल तो था, पर सारे बाल पक गये थे, चेहरे पर झुर्रियां पड़ी थीं। सारी देह ढल गयी थी, वह सन्दर गेहँआ रंग साँवला गया था और आँखों से भी कम सूझने लगा था। पेट की चिन्ता ही के कारण कभी तो जीवन का सुख न मिला।’

यह एक महान कथाकार का बेहद सजगता से किया गया समाज-अध्ययन है। यह उस समय के किसान की दारूण स्थिति का लेखा-जोखा है, जब भारत में ब्रिटिश अपने उपनिवेश अपने चरम पर था। ब्रिटिश नीतियां तो निश्चित रूप से भारत की अर्थ-व्यवस्था को पूर्णतः बर्बाद करने वाली और आर्थिक शोषण के द्वारा अपने देश को समृद्ध करने वाली थीं। किन्तु ऐसा नहीं कहा जा सकता कि आज भारतीय कृषक की स्थिति बहुत अच्छी है। महात्मा गांधी ने धनिक वर्ग को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि भारतीय समाज को शान्तिपूर्ण मार्ग पर सच्ची प्रगति करनी है, तो धनिक वर्ग को निश्चित रूप से स्वीकार कर लेना होगा कि किसान के साथ भी वैसी ही आत्मा है जैसी उनके पास है और अपनी दौलत के कारण वे गरीब से श्रेष्ठ नहीं हैं।”

आज भी कृषक समाज बेतहाशा गरीबी और दरिद्रता का त्रासद जीवन जी रहा है। वह निरन्तर आत्म-हत्या और आत्महंता प्रवृत्तियों से ग्रस्त होता जा रहा है। आज आवश्यकता यह है कि सरकार अपनी संवेदनशीलता का परिचय दे और कृषक जीवन को बेहतर बनाने के लिए सच्चे अर्थों में प्रयास करें।

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भारतीय किसान पर निबंध (Indian Farmer Essay In Hindi)

भारतीय किसान पर निबंध (Indian Farmer Essay In Hindi Language)

आज   हम भारतीय किसान पर निबंध (Essay On Indian Farmer In Hindi) लिखेंगे। भारतीय किसान पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

भारतीय किसान पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Indian Farmer In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

भारत के अधिकांश लोग खेती का कार्य करते है। खेती उनका मुख्य व्यवसाय है। इसी से वे अपना भरण पोषण करते है। कम शब्दो मे कहे तो देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि ही है। इन सब पहलुओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि कृषको के सहयोग से ही हम अनाज पाते है। यही वजह है कि इनको अन्नदाता के नाम से भी पुकारा जाता है।

भारत में कृषि के इतिहास का जिक्र करे, तो यहा सिंधु सभ्यता के समय से ही कृषि की जा रही है। लेकिन हमारे लिए बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि आजादी पाने के पांच दशकों के बाद भी भारतीय कृषक की स्थिति अत्यंत दयनीय है। आजादी के पहले भी भारतीय किसान की स्थिति अच्छी नहीं थी और बाद में भी ज्यों का त्यों बनी हुई है।

इनकी दशा को सुधारने के लिए अब तक कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया है। हालाकि इनके लिए कई बार कानून पारित किया गया। लेकिन वास्तविकता में उन नियमों का पूर्ण रूप से पालन नहीं किया गया।

किसानों को अपने द्वारा लगाई फसल का एक बड़ा हिस्सा सरकार को कर के रूप में देना पड़ता था। किसी प्राकृतिक आपदा के घटित होने की स्थिति में किसान भाइयों की स्थिति बद से बदतर हो जाती है।

कर्ज से घिरा हुआ जीवन

फसल की बर्बादी हो जाने पर इनको आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ता है। वही कर को चुकाने के लिए सेठ साहूकार से कर्ज लेना पड़ जाता है। वही कर्ज को न भर पाने की स्थिति में जीवन पर्यंत तक बोझ ढोते रहते है। दूसरी एक वजह कम वेतन पर मजदूरी देकर उनसे काम कराया जाता है। उनको अपना पेट भरने के लिए मजबूरी के चलते कम मजदूरी में भी कार्य करना पड़ता है।

भारतीय किसानो की जीवन शैली

भारत के किसान बिल्कुल साधारण जीवन जीते है। इतनी मेहनत के बावजूद ये अभावग्रस्त जीवन जीते है। लेकिन दुर्भाग्यवश यदि प्राकृतिक आपदा के कारण इनकी फसल नष्ट हो जाती है, तो इनको दूसरी फसल लगाने के लिए कर्ज लेने तक की नौबत आ जाती है।

किसानो का महत्त्व

देश की उन्नति और पूरे देश का पेट भरने के लिए किसान अथक मेहनत करते है। तब जाकर हमारे देश में खाद्यान्न की कोई कमी नही होती है। जरूरत के हिसाब से अनाज को संग्रहित करके बाकी अनाज का निर्यात कर दिया जाता है। जिससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।

किसानो की चुनौतियां

फसल के दौरान किसानों को तरह तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कभी बारिश न होना, तो कभी हिमपात से फसल खराब हों जाती है। इन चुनौतियों के बावजूद भारतीय कृषक हार नही मानते है। वो बड़ी ही लगन से दिन रात काम करके फसलों को लगाते ही रहते है। यही वजह है की भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश में खाद्यान्न की आपूर्ति की समस्या नही खड़ी होती।

उपयोगी उपकरण

खेती की उत्पादकता बढ़ाने के लिए आज के समय में खेती के लिए अत्याधुनिक उपकरण का उपयोग किया जाने लगा है। जिससे किसानों को खेती करने में काफी कम मदद होती है और फसलों की उत्पादकता भी बढ़ती है।

जिनमे टैक्टर, पावर टिलर, रोटावेटर, रोटो बीज ड्रिल, हैपी सीडर आदि शामिल है। खेतीबाड़ी में इन यंत्रों का उपयोग किए जाने से किसान भाईयो के समय और श्रम दोनो की बचत होती है।

जिससे वे अधिक से अधिक खेती कर सकने के सक्षम हो पाते है। इन उपकरणों के बगैर कृषि कार्य करना लोहे के चने चबाने जैसा है। कृषि के अत्याधुनिक उपकरणों के चलते हो भारत में कृषि का विकास हो सका है।

कृषि के प्रकार

खेती भी कई प्रकार की होती है, जिसे भारतीय कृषक ही करते है। किसी खास प्रकार की फसल उगाने के लिए खेती करने का तरीका भी काफी भिन्न होता है। खेती के विभिन्न प्रकारों में विशिष्ट खेती, मिश्रित खेती, शुष्क खेती, रांचिंग खेती, बहु प्रकारीय खेती शामिल है। इन सभी प्रकार की खेती खास किस्म की फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए कि जाती है।

कृषकों के प्रति हमारा उत्तरदायित्व

भारतीय कृषकों का विशेष योगदान हमारे देश के विकास के लिए होता है। इतना महत्वपूर्ण होते हुए भी ये अभावग्रस्त जीवन जीते है। अतः हमारा यह उत्तरदायित्व है कि हम उनको जितना सहयोग कर सके उतना करे। जैसे उनके बच्चो को शिक्षित करने में हम योगदान दे सकते है।

अशिक्षित किसान के बच्चे शिक्षित होकर कृषि करेगे तो उससे और भी उत्पादकता का विकास हो सकता है। क्योंकि उनको खाद्य का चुनाव करने और अत्याधुनिक मशीनों को संचालित करने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

एक अन्य कार्य जोकि हम उनका सहयोग करने के लिए कर सकते है, जो की है अनाजों का दुरुपयोग न करना। आमतौर पर देखा गया है शादी, पार्टी या किसी उत्सव पर हम लोगो को आमंत्रित तो कर लेते है और ढेर सारा भोजन बनवा लेते है।

लोग बड़े चाव से अपनी पूरी प्लेट भर लेते है और आधा खाकर छोड़ देते है, जोकि पूरी तरह से अन्न की बरबादी है। इसी को उगाने के लिए कृषक दिन रात परिश्रम करते है। उनको फसल का उच्च मुनाफा भी नही प्राप्त होता। ऐसे में अन्न की बरबादी करना कहा तक सही है।

किसानो के हित में चल रही योजनाएं

वर्तमान समय में किसानो की स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र सरकार की ओर से मुख्य रूप से छह योजनाएं संचालित की जा रही है। जिससे किसानों को कुछ आर्थिक सहायता मिल जायेगी और आपदा के चलते यदि उनकी फसल खराब हो गई है, तो इससे उनको अगली फसल के लिए किसी से कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

सरकारी योजनाओ में फसल बीमा योजना, कृषि में मशीनीकरण लाना, राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना, स्वायल हेल्थ कार्ड योजना, जैविक खेती योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शामिल की गई है। ये सभी योजनाएं कृषक भाईयो को प्रोत्साहित करने के लिए चलाई जा रही है। जोकि काफी प्रभावी भी साबित हो रही है।

भारतीय किसान न केवल देश का पेट भरते है, बल्कि देश की सच्ची सेवा करते है। क्योंकि इतने अधिक परिश्रम करने के बाद भी ये अभावग्रस्त जीवन जीते है। सरकार को चाहिए की इनको प्रोत्साहित करने के लिए किसान के हित में कार्य करे। जिससे की भारतीय किसान को फसल खराब हो जाने पर आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े।

इन्हे भी पढ़े :-

  • एक किसान की आत्मकथा पर निबंध (Autobiography Of Farmer Essay In Hindi)
  • भारतीय कृषि पर निबंध (Indian Agriculture Essay In Hindi)
  • 10 Lines On Farmer In Hindi Language

तो यह था भारतीय किसान   पर निबंध (Indian Farmer Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि भारतीय किसान पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Indian Farmer) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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essay on indian farmer in hindi

भारत किसानों की भूमि है। इसे इसलिए कहा जाता है क्योंकि अधिकांश भारतीय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि गतिविधियों में शामिल होते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

निम्नलिखित निबंधों में मैंने भारतीय किसानों द्वारा पेश की जा रही समस्याओं पर चर्चा करने की कोशिश की है और इस पर अपनी राय भी दी है। आशा है कि आपको मेरे निबंध मददगार मिलेंगे।

भारतीय किसान पर निबंध, essay on indian farmer in hindi (200 शब्द)

किसी ने सही कहा है, “भारत गांवों की भूमि है और किसान देश की आत्मा हैं।” मैं भी यही महसूस करता हूं। किसान बहुत सम्मानित हैं और हमारे देश में खेती को एक महान पेशा माना जाता है। उन्हें “अन्नदाता” भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है “अन्न देने वाला”। इस तर्क के अनुसार, भारत में किसानों को एक खुशहाल और समृद्ध होना चाहिए, लेकिन विडंबना यह है कि वास्तविकता इसके विपरीत है।

यही कारण है कि किसानों के बच्चे अपने माता-पिता के पेशे को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं। एक सरकारी आंकड़े के अनुसार, लगभग ढाई हजार किसान रोजी-रोटी की तलाश में खेती छोड़ कर शहरों की ओर पलायन करते हैं। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो एक समय आ सकता है जब कोई किसान नहीं बचेगा और हमारा देश “खाद्य अधिशेष” से बदल जाएगा, जो अब हम “भोजन की कमी” के लिए कर रहे हैं।

मैं सोचता था कि जब वस्तुओं की कीमतें बढ़ती हैं, तो किसान को लाभ होता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि अधिकांश पैसा मध्यम पुरुषों द्वारा हड़प लिया जाता है। अतः किसान हमेशा पराजित होता है। जब कोई बंपर फसल होती है, तो उत्पादों की कीमत गिर जाती है और कई बार उसे अपनी उपज सरकार को औने-पौने दामों पर या बिचौलियों को बेचनी पड़ती है और जब सूखा या बाढ़ आती है, तो हम सभी जानते हैं कि क्या होता है गरीब किसान।

किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। अगर कुछ तत्काल नहीं किया जाता है, तो बचाने के लिए कुछ भी नहीं रहेगा।

भारतीय किसान पर निबंध, essay on indian farmer in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

मुझे लगता है कि किसान हमारे देश के लिए वैसी ही भूमिका निभाता है जैसा कि मानव शरीर के लिए रीढ़ की हड्डी निभाता है। समस्या यह है कि यह रीढ़ (हमारे किसान) कई समस्याओं से पीड़ित है। कभी-कभी, उनमें से कई एक दिन में दो वर्ग भोजन भी नहीं कर सकते हैं। सभी कठिनाइयों के बावजूद जो वे सामना करते हैं, इसके अनुसार वे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनमें से कुछ नीचे चर्चा की गई है।

भारतीय किसान का महत्व:

वे देश के खाद्य निर्माता हैं: 

1970 के दशक के उत्तरार्ध से पहले भारत अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्यान्न का उत्पादन करने में सक्षम नहीं था। दूसरे शब्दों में, भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर नहीं था। हम विदेशों से (मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका से) बड़ी मात्रा में खाद्यान्न आयात करते थे। यह कुछ समय के लिए अच्छा रहा लेकिन बाद में यूएसए ने हमें व्यापार पर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

उन्होंने खाद्यान्न की आपूर्ति पूरी तरह से बंद करने की धमकी भी दी। तत्कालीन प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने चुनौती स्वीकार की और “जय जवान, जय किसान” का नारा दिया और कुछ कठोर उपाय किए, जिसके परिणामस्वरूप हरित क्रांति आई और उसकी वजह से हम खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर हो गए और यहां तक ​​कि शुरू भी हो गया। अधिशेष का उत्पादन करता है।

भारत ने तब से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हमारे किसानों ने हमें कभी निराश नहीं किया, भले ही वे कई समस्याओं का सामना कर रहे हों। वे बढ़ती आबादी की मांग को पूरा करने में सक्षम हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदानकर्ता में से एक:   भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों का योगदान लगभग 17% है। उसके बाद भी वे गरीबी का जीवन जीते रहे। इसके कई कारण हैं। यदि हम विभिन्न बाधाओं को दूर करने में सक्षम हैं, तो एक अच्छा मौका है कि यह प्रतिशत में सुधार होगा।

सभी किसान स्वंय सेवक हैं: किसान रोजगार के लिए किसी अन्य स्रोत पर निर्भर नहीं हैं। वे स्वयं कार्यरत हैं और दूसरों के लिए रोजगार भी पैदा करते हैं।

निष्कर्ष:

हम आजादी के बाद एक लंबा सफर तय कर चुके हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना है। मुझे यकीन है, अगर हम ईमानदारी से काम करते हैं, तो हम उन समस्याओं को दूर करने में सक्षम होंगे जो हम आज का सामना कर रहे हैं और भगवान हमारे गांवों को तैयार करने के लिए उतने ही सुंदर और समृद्ध बन जाएंगे जितने कि बॉलीवुड फिल्मों में दिखाए जाते हैं।

भारतीय किसान का जीवन पर निबंध, essay on life of indian farmer in hindi (400 शब्द)

मेरे जैसे व्यक्ति, जो अपने पूरे जीवन के लिए शहरों में रहे हैं, गाँव के जीवन के बारे में बहुत गलत विचार रखते हैं। उनका मानना ​​है कि बॉलीवुड फिल्मों में जो दिखाया जाता है। मैं अलग नहीं था। मैंने यह भी सोचा कि गांवों में महिलाएं अपने डिजाइनर लहंगे में घूमती हैं। वे पानी लाने के लिए कुएँ पर जाते हैं और खुशी-खुशी यहाँ-वहाँ जाते हैं। मेरा यह भी मानना ​​था कि शाम को वे “सूर्य मितवा” या “मेरे देश की धरती” जैसे फिल्मी गीतों पर एक साथ नृत्य करते हैं।

एक भारतीय किसान का जीवन:

एक दिन मैंने अपने पिताजी से कहा, “इन गाँव के लोगों का जीवन कितना अच्छा है …”। इस पर मेरे पिताजी जोर से हंसे और मुझे सुझाव दिया कि हमारे पैतृक गाँव की यात्रा करें जो लखनऊ में है। पिछली बार जब मैं अपने गाँव गया था, तब मैं 4 साल का था। मुझे अपनी पिछली यात्रा से बहुत कम विवरण याद थे या यह कहना बेहतर था कि मुझे कोई अंदाजा नहीं था कि एक गाँव कैसा दिखता था।

मैंने ऑफिस से एक हफ्ते की छुट्टी ली और अपने पिता के साथ ट्रेन में सवार हो गया। मैं वास्तव में बहुत उत्साहित था। रेलवे स्टेशन पर हमें हमारे रिश्तेदार (मेरे चचेरे भाई) ने बधाई दी थी जो हमें रिसीव करने आए थे। मैंने उनसे पूछा, “हम घर कैसे जाएंगे”? इस पर उन्होंने अपनी बैलगाड़ी दिखाई। इस पर मेरी प्रतिक्रिया थी, “क्या!”। मेरे पिताजी ने मुझसे कहा, “बेटा, यह तो शुरुआत है …”।

सबसे पहले घर पहुंचने पर, मैंने अपने पेट का जवाब देने का फैसला किया। तो, मैंने पूछा, “शौचालय कहाँ है”? इस पर मुझे एक खुले मैदान में ले जाया गया। मुझे बताया गया कि गांव में शौचालय नहीं है और महिलाओं सहित सभी ग्रामीणों को खुले मैदान में जाना पड़ता है। उसके बाद मैंने चारों ओर नज़र रखने का फैसला किया। मुझे पुराने और फटे कपड़ों (निश्चित रूप से डिजाइनर नहीं) में पुरुषों और महिलाओं के साथ मिट्टी और बांस से बने टूटे हुए घर मिले, जो खेतों में बहुत मेहनत करते हैं ताकि उनके सिरों को पूरा किया जा सके।

एक प्रयुक्त हल और एक बैल की एक जोड़ी बैल हर घर में रहने वालों की कड़ी ज़िंदगी का प्रमाण है। अधिकतम घरों में बिजली का कनेक्शन नहीं था और यहां तक ​​कि जिन घरों में बिजली का कनेक्शन था उनमें तेल के लैंप का उपयोग किया गया था क्योंकि बिजली दुर्लभ थी। किसी के पास गैस कनेक्शन नहीं था, इसलिए भोजन लकड़ी या कोयले की आग पर पकाया जाता था जो धुआं उत्पन्न करता था और जिससे फेफड़ों के विभिन्न रोग होते थे।

मुझे एक बूढ़ी औरत खांसती हुई मिली। मैंने उससे पूछा, “क्या आप अपनी दवाइयाँ ले रहे हैं”? इस पर उसने एक रिक्त रूप दिया और कहा, “बेटा, मेरे पास दवा खरीदने या निजी अस्पताल में जाने के लिए पैसे नहीं हैं।” अन्य व्यक्तियों ने मुझे बताया कि पास में कोई सरकारी क्लिनिक नहीं है। यह सुनकर मैं सचमुच भावुक हो गया। भारतीय किसानों की दुर्दशा अकल्पनीय है क्योंकि वे मूलभूत आवश्यकताओं के अभाव में पूरे वर्ष अथक परिश्रम करते हैं।

मैंने अपने चचेरे भाई के साथ जुड़ने का फैसला किया जो खेतों में काम कर रहा था। जब मैं वहाँ पहुँचा, तो मैंने उसे और कुछ किसानों को कुछ आदमियों के साथ बहस करते हुए पाया। मुझे बताया गया कि वे बैंक अधिकारी थे और किसानों को एक औपचारिक नोटिस (ईएमआई का भुगतान न करने) देने आए थे। मेरे चचेरे भाई ने मुझे बताया कि गांव में कोई भी निकाय इस बार ईएमआई का भुगतान करने में सक्षम नहीं था क्योंकि उनके पास इस बार खराब फसल थी।

मैंने अपना खाना खाया और सोने चला गया। कुछ समय बाद, मैं पानी पीने के लिए उठा। मुझे बंटू (मेरा चचेरा भाई का बेटा) मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ता हुआ मिला। मैंने पूछा, “इसकी देर है, सो जाओ।” इस पर उन्होंने जवाब दिया, “अंकल, मेरा कल एक टेस्ट है”। यह सुनकर मुझे लगा कि सब कुछ नहीं खोया है और अभी भी उम्मीद की एक किरण बाकी है।

हमारे गाँव और किसान वैसे नहीं हैं जैसा मैंने सोचा था लेकिन मुझे इस बात का एहसास है कि एक दिन यह गाँव बन जाएगा जैसा कि बॉलीवुड फिल्मों में दिखाया जाता है।

भारतीय किसान पर निबंध, essay on indian farmer in hindi (500 शब्द)

प्रस्तावना:.

भारत में विविध संस्कृति है। भारत में, लगभग 22 प्रमुख भाषाएँ और 720 बोलियाँ बोली जाती हैं। हिंदू, इस्लाम, ईसाई, सिख जैसे सभी प्रमुख धर्मों के लोग यहां रहते हैं। यहां के लोग हर तरह के व्यवसायों में लगे हुए हैं लेकिन कृषि यहां का मुख्य व्यवसाय है। यही कारण है कि भारत को “कृषि प्रधान देश” के रूप में भी जाना जाता है।

एक भारतीय किसान की भूमिका:

यही कारण है कि हमारी आबादी का एक बड़ा प्रतिशत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। यह कहना गलत नहीं होगा कि किसान हमारे राष्ट्र की रीढ़ हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था के पीछे भी वे ताकत हैं। फिर भी भारतीय किसानों के साथ सब ठीक नहीं है। वे गरीबी और बदहाली का जीवन जीते रहे। फिर भी वे राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसानों की कुछ महत्वपूर्ण भूमिकाओं के बारे में नीचे चर्चा की गई है।

खाद्य सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा है:  जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भोजन जीवन की मूलभूत आवश्यकता है। यही कारण है कि पुराने समय में, खाद्यान्न को बड़ी मात्रा में किलों में संग्रहीत किया जाता था, ताकि युद्ध के समय में, जब दुश्मन द्वारा बाहरी आपूर्ति बंद कर दी जाएगी, तब भी खाने के लिए भोजन होगा। वही तर्क आज भी मान्य है। जैसा कि हम खाद्यान्न के मामले में “आत्मनिर्भर” हैं, कोई भी देश हमें ब्लैकमेल या धमकी नहीं दे सकता है। हमारे किसानों की मेहनत के कारण ही यह संभव हो पाया।

भारतीय अर्थव्यवस्था के चालक:  भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों का योगदान लगभग 17% है। 2016-17 में भारतीय कृषि निर्यात लगभग 33 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।

भारतीय किसानों की हालत सही नहीं है:

निर्यात के मूल्य के कारण भारतीय किसानों को समृद्ध होने की उम्मीद होती है, लेकिन वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है। वे आत्महत्या कर रहे हैं, पेशे को छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, और एक दिन में 2 वर्ग भोजन का प्रबंधन भी नहीं कर पा रहे हैं।

बहुत सी चीजें हैं जिन्हें दोष दिया जाना है लेकिन एक बात सुनिश्चित है कि यदि समस्या जल्द ही ख़त्म नहीं हुई तो हम “खाद्य निर्यातक देश” से एक “खाद्य आयातक देश” बन सकते हैं जो अब हम हैं।

बड़े पैमाने पर आंदोलन और किसान आत्महत्याओं के कारण किसान समस्याओं के मुद्दे को उजागर किया गया है, लेकिन “क्या हम पर्याप्त कर रहे हैं”? यह दस लाख डॉलर का सवाल है जिसका हमें जवाब देना है। जब हमारे “अन्नदाता” को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है, तो वास्तव में यह चिंता की बात है।

आखिरी में मैं केवल यह कहना चाहूंगा कि, समय आ गया है कि हमें तत्काल कुछ करना होगा अन्यथा चीजें निश्चित रूप से सबसे खराब हो जाएंगी।

भारतीय किसान समस्या पर निबंध, essay on problems of indian farmers in hindi (600 शब्द)

यह एक बहुत ही संवेदनशील विषय है जिसे बहुत सावधानी से संभाला जाना चाहिए लेकिन क्या हम इसे ठीक से संभाल रहे हैं? यह एक मिलियन डॉलर का सवाल है। चूंकि समस्या जटिल है, इसलिए समाधान भी सीधा नहीं है, लेकिन अगर हम वास्तव में अपने देश को उथल-पुथल में जाने से बचाना चाहते हैं तो हमें इस समस्या को हल करना होगा।

हम चेतावनी के संकेत के लिए सावधान नहीं थे जो काफी समय से आ रहे हैं। अब, जब समस्या ने राक्षसी अनुपात लिया है, हम एक त्वरित समाधान की तलाश कर रहे हैं। मुझे दृढ़ता से लगता है कि इसका कोई त्वरित समाधान नहीं है।

जैसे-जैसे समस्या को बढ़ने में समय लगा है, उसी तरह से निपटाने में भी समय लगेगा। तो, यह उच्च समय है, हमें छाती पीटने में लिप्त होने के बजाय कुछ ठोस करना शुरू करना चाहिए।

समस्या की गंभीरता:

समस्या की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 3 लाख (सरकारी अनुमान, अन्य स्रोतों का कहना है कि यह 10 गुना अधिक है) किसानों ने 1995 से आत्महत्या की है। इन आत्महत्याओं का मुख्य कारण किसानों द्वारा लिए गए ऋणों को चुकाने में असमर्थता है। उसके द्वारा विभिन्न कारणों से। इस सूची में अव्वल रहने का संदिग्ध भेद महाराष्ट्र को जाता है।

एक अन्य अनुमान (सरकारी डेटा) के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत किसान कर्ज में हैं। अधिकतम गरीब हैं और कई गरीबी रेखा से नीचे जीने को मजबूर हैं। लगभग 95% किसान आधिकारिक MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से नीचे की उपज बेचने के लिए मजबूर हैं और उनकी औसत वार्षिक आय इक्कीस हजार रुपये से कम है।

यही कारण है कि कई किसान खेती छोड़ रहे हैं और अन्य व्यवसायों में जाने की कोशिश कर रहे हैं और यही कारण है कि कोई भी किसान बनना नहीं चाहता है।

कृषि के खराब होने का कारण:

ग्लोबल वार्मिंग (बाढ़ और सूखे) के कारण जलवायु में परिवर्तन :  ग्लोबल वार्मिंग और कुछ अन्य कारणों के कारण, पृथ्वी की जलवायु बदल रही है। यही कारण है कि बाढ़ और सूखे की आवृत्ति और गंभीरता बढ़ी है, जिससे बड़े पैमाने पर फसल क्षति हुई है।

सिंचाई सुविधाओं का अभाव:  अधिकतम किसान बारिश पर निर्भर होते हैं क्योंकि उनके पास सिंचाई के उचित साधन नहीं होते हैं, जैसे, डीजल पंप सेट, नहर या बांध का पानी आदि। इसका मतलब है कि अगर यह खराब मानसून है तो उनकी फसल खराब होगी।

छोटी भूमि जोतना:  भारत में अधिकतम किसानों के पास भूमि के छोटे से बहुत छोटे भूखंड हैं, जिस पर वे खेती करते हैं। यह खेती को लाभहीन बनाता है।

महंगे बीज और उर्वरक:  कई किसानों के पास अच्छी गुणवत्ता के बीज और उर्वरक खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। इसलिए, वे हीन गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करते हैं और इसी कारण प्रति एकड़ उत्पादन में कमी आती है।

ऋण आसानी से उपलब्ध नहीं है : खेती, किसी भी अन्य व्यवसाय की तरह निवेश की आवश्यकता होती है, जो गरीब किसानों के पास नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति और कागजी कार्रवाई बहुत अधिक है। इसलिए, उन्हें निजी धन उधारदाताओं के पास जाना पड़ता है, जो उच्च ब्याज दर लेते हैं और अगर किसी कारण से फसल विफल हो जाती है, तो उनके लिए ऋण चुकाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

नए वैज्ञानिक तरीकों की जागरूकता का अभाव: अधिकांश किसानों की शिक्षा बहुत कम है या वे निरक्षर हैं। इसलिए, वे नई खेती और खेती के वैज्ञानिक तरीकों से अवगत नहीं हैं। यही कारण है कि सरकार ने टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू किए हैं, जिस पर किसान अपनी समस्याएं पूछ सकते हैं।

विभिन्न स्तरों पर भ्रष्टाचार : विभिन्न स्तरों पर भ्रष्टाचार के कारण विभिन्न योजनाओं और योजनाओं का कार्यान्वयन प्रभावित होता है और इसलिए इसका लाभ किसानों तक नहीं पहुंचता है।

किसानों की दशा सुधारने के उपाय:

उचित बीमा:  चूंकि कई कारणों से फसल खराब हो सकती है, इसलिए किसानों को उचित बीमा सुविधाएं काफी फायदेमंद होंगी। यह बेहतर होगा कि सरकार द्वारा आंशिक या पूरे प्रीमियम का भुगतान किया जा सके क्योंकि कई किसान गरीब हैं और वे प्रीमियम का भुगतान नहीं कर सकते हैं।

नुकसान भरपाई:  समय-समय पर सरकार फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को मुआवजा प्रदान करती है। मुझे लगता है कि यह एक अस्थायी उपाय है और स्थायी समाधान नहीं है।

आसान ऋण की उपलब्धता:  यह महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। यदि किसानों को आसान ऋण प्रदान किया जाता है, तो उनकी स्थिति में निश्चित रूप से सुधार होगा क्योंकि वे बाजार से अच्छी गुणवत्ता के बीज खरीदने में सक्षम होंगे।

भ्रष्टाचार में कमी:  यदि हम भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में सक्षम हैं तो विभिन्न योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचेगा और उनकी स्थिति में सुधार होगा।

मैं इस बात से सहमत हूं कि इस समस्या का कोई आसान समाधान नहीं है, लेकिन अगर हम अच्छी समझ के साथ काम करना शुरू करते हैं, तो एक मौका है कि एक दिन हमारे भारतीय किसान भी उतने ही समृद्ध हो जाएंगे जितना कि अमेरिकी किसान अब हैं।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Nice😍🤩🤩🙂😇😇

Oh bhai bhai na 2000 words ka lekha joh ke bohot badi baat h

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किसान पर निबंध। Farmer Essay in Hindi

किसान पर निबंध : किसान का जीवन बहुत कठिन है। किसान बहुत गरीब व निर्धन होते हैं तथा अपनी मेहनत के बल पर वे केवल अपना जीवन ही व्यतीत कर पाते हैं। वह कठोर मौसम की परवाह किये बिना कार्य करता है। चाहे सर्दी हो या गर्मी या फिर चाहे बारिश ही हो रही हो, उसका ध्यान अपनी फसल में ही लगा रहता है।

किसान पर निबंध। Farmer Essay in Hindi

This is nice essay but it can be more better.

We will improve.

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भारतीय किसान पर निबंध Essay On Indian Farmer In Hindi And English

नमस्कार दोस्तों आज हम भारतीय किसान पर निबंध Essay On Indian Farmer In Hindi And English पढ़ेगे. भारत के किसान के जीवन, उनकी समस्याएं महत्व आदि पर आधारित सरल भाषा में हिंदी और अंग्रेजी में इंडियन फार्मर पर शोर्ट निबंध यहाँ दिया गया हैं.

Essay On Indian Farmer In Hindi & English-भारतीय किसान पर निबंध

भारतीय किसान पर निबंध Essay On Indian Farmer In Hindi And English

Indian farmer essay In English & Hindi Language:-  our country’s economy is agriculture-based. so for the development, India must be a focus on Indian farmers and help them by the government.

Essay On Indian Farmer In Hindi describe short information about our farmer condition in modern India.

whats Indian farmer’s problems? why they suicide in large number every year, in some states.  

Essay On Indian Farmer In Hindi And English helps to students they read in class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9. children and kids improve their knowledge about Indian farmers in Hindi by reading this various length essay 100, 150, 200, 250, 300, 400 and 500 words essay.

Essay On Indian Farmer In English

a farmer is a very useful person in our life. he meets our basic needs of life. he grows corn to eat and cotton for clothes to wear.

he groves many things on his farms and send them to us. he does a valuable service silently. he is the backbone of society.

he is a very simple man. he is simple in the dress. he is good at heart. he wears hand-woven clothes and handmade shoes. he lives in kachchahuts. he is true to the picture of Indian culture.

his life is very hard. he works from morning till evening. he knows no rest. whether it is scorching heat or biting cold, he works in the field.

he plows the fields, sows the seeds and waters in the fields. he removes the weeds. he looks after the crops. he is happy to see his ripe crops.

he reaps the crops and thrashes them. then he sells the corn in the market and thus earns his livelihood. but his labor is dependent upon nature. nature is sometimes cruel to him.

he is illiterate. he is easily duped by money lenders. his condition is miserable. the government is doing a lot to improve the condition of the farmers. the future of India depends upon farmers. so the government must do a lot of them.

Essay On Indian Farmer In Hindi

किसान हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, भारतीय किसान देश के सवा सौ करोड़ लोगों की मुलभुत आवश्यकताओं को पूरा करता है.

यह हमारे लिए पहनने का कपड़ा बनाने के लिए कपास, खाने के लिए चावल, बाजरा, मक्का, गेहू जैसे फसलें उगाता है. तथा इसे हम तक पहुचाता है.

राष्ट्र के विकास के लिहाज से किसान सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. किसान ही हमारे देश व समाज की रीढ़ की हड्डी है, जिनकें बल पर हमारी अर्थव्यवस्था खड़ी है.

भारतीय किसान बेहद साधारण व सरल इंसान के रूप में जीवन जीता है, उनका दिल सभी के लिए अच्छा होता है. यह हस्त निर्मित जूते एवं कपड़े उपयोग में लेता है. किसान का घर कच्चा होता है. भारतीय संस्कृति का असली स्वरूप गाँवों के किसान के जीवन में आज भी जिन्दा है.

इसका जीवन बेहद मुश्किलों से भरा होता है, किसान सुबह से शाम तक अपने खेत में निरंतर काम करता है. सर्दी, गर्मी हो या खराब मौसम सभी हालातों में किसान अपनी लग्न व मेहनत से खेत में लगा रहता है.

बारिश के होते ही, वह अपने खेत को बोता है तथा फसल की देखरेख करने के लिए खरपतवार हटाता है. इनकों सबसें अधिक खुशी लहलहाती फसलों को देखकर ही होती है.

फसल के पकने के साथ ही किसान इसकी कटाई करता है. तत्पश्चात इसकी थ्रेसिंग कर बाजार में बेच देता है. तब जाकर उसे अपनी आजीविका चलाने का कुछ सहारा मिलता है.

भारतीय किसान एवं कृषि मानसून पर आधारित है. कई बार अकाल या प्राकृतिक प्रकोप के कारण उनके मेहनत बेकार भी चली जाती है, तथा सारी फसल सूख जाती है.

भले ही किसान अधिक पढ़ा लिखा न हो, मगर वह अपना हिसाब किताब अच्छी तरह से रखता है. आज के समय में किसानों की स्थति बेहद खराब है. सरकारे इनके हालत में सुधार के लिए प्रयत्न भी कर रही है.

भारत का भविष्य हमारे किसान पर निर्भर करता है, इसलिए हमारी सरकार को किसानों के लिए और कुछ करने की आवश्यकता है. ताकि किसान की स्थति में कुछ सुधार आ सके.

  • भारतीय किसान पर कविता
  • किसान की आत्मकथा पर निबंध
  • किसान पर शायरी, कोट्स और स्टेटस

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