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गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi

Essay on Cow in Hindi : दोस्तों आज हम ने गाय पर निबंध लिखा है जिस में हमने गाय की विशेषता उसके उपयोग गाय की नस्लें आदि के बारे में चर्चा की है.

अक्सर स्कूल के विद्यार्थियों को परीक्षाओं में Gay Per Nibandh  लिखने के लिए दिया जाता है यह निबंध उन सभी विद्यार्थियों को गाय के ऊपर निबंध लिखने में सहायता करेगा.

गाय पर लिखे गए निबंध की सहायता से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 और 12 के विद्यार्थियों को निबंध लिखने में सहायता होगी यह निबंध हमने विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए अलग अलग समय सीमा में लिखा है.

Essay on Cow in Hindi

Get Some Essay on cow in hindi for student under 100, 150, 300 and 700 words.

10 line Essay on Cow in Hindi

1. गाय एक पालतू जानवर है.

2. गाय के एक मुहं और दो कान होते है.

3. गाय के दो बड़ी आंखें होती है.

4. गाय का नाक बड़ा होता है.

5. गाय के एक लंबी पूछ होती है.

6. गाय के चार पैर होते है.

7. गाय के चार थन होते है.

8. गाय का शरीर बड़ा और पीछे से चौड़ा होता है.

9. गाय सुबह शाम स्वादिष्ट दूध देती है.

10. गाय सफेद, काले, भूरे, रंग की होती है.

Best Essay on Cow in Hindi 150 words

गाय हमारी पृथ्वी पर हजारों वर्षों से विद्यमान है. गाय को हिंदू धर्म में मां के समान माना गया है क्योंकि जिस प्रकार हमारी मां हमारा पूरा ख्याल रखती है उसी प्रकार गाय भी हमें स्वादिष्ट दूध देकर हमें हष्ट पुष्ट बनाती है.

गाय एक शाकाहारी जानवर है जिसको आमतौर पर घरों में पालतू पशु के रूप में पाला जाता है. यह बहुत ही शांत किस्म की होती है और हर प्रकार के वातावरण में यह आसानी से ढल जाती है. गाय को खाने में हरी घास, फूल, पत्ते और खल बहुत पसंद है.

गाय के दो सिंग होते है जिनकी सहायता से वह अपनी रक्षा करती है. गाय 1 दिन में 30 से 40 लीटर पानी पी जाती है. गाय के दो बड़े कान होते है. इसका एक बड़ा और चौड़ा मुख होता है.

इसके दो आंखें होती है. गाय के चार पैर और चार थन होते है. इसके एक लंबी पूछ होती है. गाय का शरीर बड़ा और हष्ट पुष्ट होता है.

Gay Per Nibandh / lekh 300 words

गाय पूरे विश्व भर में पाई जाती हैं और इसे पूरे विश्व में एक पालतू जानवर के रूप में ही पाला जाता है. हमारे भारत देश में गाय कोई हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है यहां पर गाय की हत्या करना एक बहुत बड़ा अपराध होता है.

हमारे देश के गांव के लगभग हर घर में गाय को पालतू पशु के रूप में पाला जाता है और इसका दूध निकाल कर बेचा जाता है. गाय बहुत ही सुंदर होती है यह सफेद, काले, भूरे इत्यादि रंगों में पाई जाती है. इसकी कद काठी प्रत्येक देश में अलग प्रकार की देखने को मिलती है.

यह हमेशा शांत रहती है लेकिन जब भी इसको खतरा महसूस होता है तो यह अपने सींगो की सहायता से अपनी रक्षा करती है. इसकी कद काठी बहुत ही सुदृढ़ होती है. गाय एक शाकाहारी पशु है जो कि खाने में हरा चारा खाती है.

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इसके शरीर पर अन्य जानवरों की अपेक्षा छोटे बाल होते है. गाय की दो बड़ी आंखें होती है. इसकी याददाश्त बहुत अच्छी होती है यह अपने मालिक को एक क्षण में पहचान लेती है. इसके दो बड़े-बड़े कान होते है. इसके चार पैर और एक पूछ होती है.

गाय के एक नाक एक मुंह होता है इसका सर चौड़ा होता है. यह अपने आप को हर प्रकार के वातावरण के अनुसार ढाल सकती है. इसके चार थन होते है जिनसे पोष्टिक दूध निकलता है. गाय के मुंह में ऊपर वाले जबड़े में दांत नहीं होते और इसके नीचे वाले जबड़े में 32 दांत होते है.

गाय भी इंसानों की तरह ही 9 महीने का गर्भ धारण करती है. एक व्यस्क गाय 1 दिन में 30 से 50 लीटर पानी पी जाती है. गाय एक बार चारा खाने के बाद पूरे दिन उसे चबाती रहती है यह 1 मिनट में लगभग 50 बार चबाती (जुगाली) करती है.

Essay on Cow in Hindi 700 words

प्रस्तावना –

गाय एक पालतू पशु है जो कि आमतौर पर सभी जगह पर पाई जाती है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 190 मिलियन गायों की जनसंख्या है. पूरे विश्व भर से ज्यादा गाय हमारे भारत में ही पाई जाती है.

भारत में गाय को सम्मान की नज़रों से देखा जाता है क्योंकि हिंदू धर्म में कहा जाता है कि गाय के अंदर सभी 322 करोड़ देवताओं का वास होता है साथ ही भारत में रहने वाले लोगों ने गाय को मां की संज्ञा दी है. भारत में गाय का बहुत ख्याल रखा जाता है और गाय की पूजा भी की जाती है.

गाय का संबंध भगवान श्री कृष्ण से भी जुड़ा हुआ है क्योंकि उन्हें गाय बहुत पसंद थी और वे उन्हें खूब प्यार दुलार देते थे.

गाय की रचना –

गाय की रचना वैसे तो सभी देशों में समान ही पाई जाती है लेकिन गाय की कद काठी और नस्ल में फर्क होता है. कुछ गाय अधिक दूध देती हैं तो कुछ कम देते है. गाय का शरीर बहुत बड़ा होता है इसका वजन 720 किलो से भी अधिक होता है.

गाय का शरीर आगे से पतला और पीछे से चौड़ा होता है. गाय के दो बड़े कान होते हैं जिनकी सहायता से वे धीमी धीमी और अधिक तेज आवाज भी सुन सकती है. गाय के दो बड़ी आंखें होती हैं जिनकी सहायता से भी लगभग 360 डिग्री तक देख लेती है.

गाय एक चौपाया पशु है और चारों पैरों में खुर्र होते है जिसकी सहायता से भी किसी वे किसी भी कठोर स्थल पर चल सकती है. गाय का मुंह है ऊपर से चौड़ा और नीचे से पतला होता है. इसके पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल होते है. गाय के एक लंबी पूछ होती है जिसकी सहायता से वे अपने शरीर पर लगी हुई मिट्टी को हटाती रहती है.

गाय के 4 थन होते हैं और इसकी गर्दन लंबी होती है. गाय के मुंह के सिर्फ निचले जबड़े में 32 दांत पाए जाते है इसीलिए गाय लंबे वक्त तक जुगाली कर के खाने को चबाती है. गाय के एक बड़ी नाक होती है. गाय के दो बड़े सिंग होते है.

गाय का उपयोग –

गाय एक पालतू पशु है इसलिए इसे घरों में पाला जाता है और सुबह शाम इसका दूध निकाला जाता है एक गाय एक समय में 5 से लेकर 10 लीटर दूध देती है कुछ अलग नस्ल की गाय अधिक दूध भी देती है.

पुराने जमाने में गायों को खेतों में हल जोतने के काम में भी लिया जाता था. गाय के दूध से दही छाछ पनीर और अन्य दूध से बनने वाली मिठाइयां बना सकते है.

गाय के गोबर को सुखाकर इंधन के काम में लिया जाता है साथ ही गाय की गोबर का उपयोग खेतों में खाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता है.

वर्तमान में लोग गायों का मांस भी खाने लगे है जिसे “बीफ” कहा जाता है. गाय अपने पूरे जीवन भर में कुछ ना कुछ देती ही रहती है. गाय के मरणोपरांत इसकी हड्डियों से कई शिल्प कलाकृतियां बनाई जाती है और इसकी खालको सुखा कर चमड़े के रूप में उपयोग में लिया जाता है.

गाय के गोमूत्र को बहुत पवित्र माना गया है और इसके गोमूत्र को आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में उपयोग में लिया जाता है जो कि कई बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म करने में कारगर है.

गाय की नस्लें –

भारत में कई प्रकार की नस्ल की गाय पाई जाती है. जिनमें कुछ अच्छे दूध देने वाली होती है तो कुछ मजबूत शरीर वाली होती हैं जिससे उनके बछड़े भी मजबूत शरीर वाले पैदा होते हैं और उनसे खेतों में हल जोतने के रूप में काम में लिया जाता है.

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भारत में पाई जाने वाली गाय की प्रमुख नस्लें – साहीवाल जाति, नागौरी, पवाँर, भगनाड़ी, राठी, मालवी, काँकरेज, सिंधी, दज्जल, थारपारकर, अंगोल या नीलोर इत्यादि है.

उपसंहार –

गाय शांतिप्रिय और पालतू पशु है हमारे भारत में गाय को मां का दर्जा इसीलिए दिया गया है क्योंकि यह में जीवन भर कुछ ना कुछ देती ही रहती है इसलिए हमें इसके जीवन से कुछ सीख लेनी चाहिए और हमेशा अपने जीवन को शांतिपूर्ण तरीके से जीना चाहिए और दूसरे लोगों से अच्छा व्यवहार करना चाहिए.

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा  Essay on Cow in Hindi  पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

13 thoughts on “गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi”

It’s my pleasure to connect with you 👍

Aapka easy padh kar bahut khushi hui!

Thank you Usha Thakur

कुछ लोग गोयो को पलते नही बल्की गयौ का करोबार करते है इसके बारे मे भी लिखिए विशेषता तो सबको पता है।

Hum jald hi likhnge

Dhanyawad ye gay ke nibhand ke liy

Dhanyawad Àmåñ Sharma

धन्यवाद निबंध के लिए।

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अजोय

gay par egi nibhand

Hame khushi hui aap ko nibandh accha laga, aise hi hindi yatra par aate rahe dhanyawad.

Cow par sab nibandh janta h isko Google pr dalna kya tha!

jaruri nahi hai sabhi ko nibandh likhna aata ho.

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गाय पर निबंध (Cow Essay in Hindi)

गाय

गाय का उल्लेख हमारे वेदों में भी पाया जाता है। गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है। कहते हैं कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। गाय को पालने का चलन बहुत पुराना है। अगर घर में गाय का वास होता है उस घर के सारे वास्तु-दोष अपने आप खत्म हो जाते हैं। इतना ही नहीं, उस घर में आने वाली संकट भी गाय अपने ऊपर ले लेती है। ऐसी मान्यताएं प्रचलित है।

गाय पर छोटे – बड़े निबंध (Short and Long Essay on Cow in Hindi, Cow par Nibandh Hindi mein)

गाय पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

गाय एक पालतु पशु है। प्राचीन काल से ही गौ माता को देवी समान समझा जाता है। हर मंगल कार्य में गाय के ही चीजों का प्रयोग होता है। यहां तक की गाय के उत्सर्जी पदार्थ (गोबर, मूत्र) का भी इस्तेमाल होता है। जिसे पंचगव्य(दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र) की उपमा दी गयी है। इन तत्वों का औषधिय महत्व भी है। बहुत सारी दवाईयों के निर्माण में घी और गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है।

गाय की शारीरिक संरचना

गाय की शारीरिक संरचना में गाय के दो सींग, चार पैर, दो आंखे, दो कान, दो नथुने, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूँछ होती है। गाय के खुर उन्हें चलने में मदद करते हैं। उनके खुर जुते का काम करते है तथा चोट और झटकों आदि से बचाते है। गाय की प्रजातियां पूरे विश्व भर में पाईं जाती है। कुछ प्रजातियों में सींग बाहर दिखाई नहीं देते। दुग्ध उत्पादन में भारत का समुचे विश्व में पहला स्थान है। गाय का दूध बेहद लाभदायक और पौष्टिक होता है।

गाय के महत्व

भारत में गाय का पौराणिक, आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्त्व है। पुराणों के अनुसार गाय की हत्या वर्जित है, यह जघन्य पाप है। भगवान शिव की सवारी नंदी गाय है।  धार्मिक और सामाजिक तौर पर गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। गाय आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। गाय से हमें घी, दूध, गोबर आदि प्राप्त होते है।

भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। और भी बहुत पालतु जानवर है, लेकिन उन सबमें गाय का सर्वोच्च स्थान है। हम सभी को गाय के पौराणिक और सामाजिक महत्त्व को समझना चाहिए। हम सभी को गाय का सम्मान करना चाहिए।

इसे यूट्यूब पर देखें : Cow Essay in Hindi

निबंध – 2 (400 शब्द)

गाय का दूध अति पौष्टिक होता है। नवजात शिशु भी, जिसे कुछ भी पिलाना मना होता है, उसे भी गाय का दूध दिया जाता है। शिशु से लेकर वृध्दावस्था तक हर उम्र के लोगों को गाय के दूध का सेवन करना चाहिए। बहुत से रोगों से लड़ने की ये हमें ताकत देता है। शिशुओं और रोगियों को विशेष रुप से इसे पीने की सलाह दी जाती है।

वैज्ञानिक भी इसके गुणों का बख़ान करते हैं। केवल दूध ही नहीं, इसके दूध से बने अन्य उत्पाद जैसे दही, मक्खन, पनीर, छाछ सभी डेयरी उत्पाद लाभदायक होते है। जहां पनीर खाने से प्रोटीन मिलता है। वहीं गाय का घी खाने से ताकत मिलती है। आयुर्वेद में तो इसका बहुत महत्व है। अगर किसी को अनिद्रा की शिकायत हो तो नाक में घी की केवल दो-दो बूंद डालने से यह बिमारी ठीक हो जाती है। साथ ही यदि रात में पैर के तलुओं में घी लगा कर सोया जाय तो बहुत अच्छी नींद आती है।

गाय के घृत का धार्मिक महत्व है। इससे हवन-पूजन आदि किया जाता है। और हमारे ऋषि-मुनि जो कुछ भी करते थे, उन सबके पीछे वैज्ञानिक कारण अवश्य होता था। जब गाय की घी और अक्षत(चावल) को हवन कुण्ड में डाला जाता है, तब अग्नि के सम्पर्क में आने पर बहुत सारी महत्वपूर्ण गैसें निकलती है, जो वातावरण के लिए उपयोगी होती हैं। गाय के घी में रेडियोधर्मी गैस को अवशोषित करने की अद्भुत क्षमता होती है। इतना ही नहीं हवन का धुआं वातावरण को शुध्द कर देता है। रुसी वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार एक चम्मच गाय के घी को आग में डालने से लगभग एक टन ऑक्सिजन का निर्माण होता है। यह काफी हैरतअंगेज बात है।

गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। जैसे हमारे देश के लिए गांवो का महत्व है, उसी प्रकार गांवो के लिए गायों का महत्व है। पिछले कुछ सालों से गाय के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे है। इसका प्रमुख कारण है – प्लास्टिक।

शहरों में हर चीज हमें प्लास्टिक में ही मिलता है। जिसे हम प्रयोग के बाद कूड़े-कचरे में फेंक देते है। जिसे चरने वाली मासूम गायें खा लेती है, और अपनी ज़ान गवा देती हैं। हम सबको पता है कि प्लास्टिक नष्ट नहीं होता, इसलिए इसका प्रयोग सोच-समझ कर करना चाहिए। यह सिर्फ गायों के जीवन के लिए ही नहीं वरन् पर्यावरण के लिए भी जरुरी है।

निबंध – 3 (500 शब्द)

हमारे शास्त्रों में गायों को माता का दर्जा दिया गया है। गायो को पुजनीय माना जाता है। इसालिए तो भारतीय घरों में घर की पहली रोटी गौमाता को अर्पित की जाती है। प्राचीन समय में गांवो में गायों की संख्या से सम्पन्नता का आकलन किया जाता था।

ऐसा कहा जाता है कि गायों की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। और स्वर्ग में स्थान मिला था। हमारे पुराणों में भी गायों की महिमा का वर्णन किया गया है। पुराण में उल्लेख है कि माता कामधेनु सागर मंथन से प्रकट हुई थी। कामधेनु को सुरभि की संज्ञा दी गयी। कामधेनु को ब्रह्म देव अपने लोक ले गये थे। और फिर लोक कल्याण के लिए ऋषि-मुनियों को सौंप दिया था।

गाय के प्रकार

गाय भिन्न-भिन्न रंग-रुप और आकार की होती है। इनका कद छोटा भी होता है, तो लम्बा भी। इसकी पीठ चौड़ी होती है। जैसे हमारा देश विविध जलवायु लिए हुए है, उसी प्रकार पशु भी अलग-अलग जगहों पर अलग- अलग किस्म के पाएं जाते हैं। गाय भी इसका अपवाद नहीं है।

यह भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति है। यह मुख्यतः उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब प्रांत में पाई जाती है। यह दूध व्यवसायियों की फेवरेट है, क्योंकि यह सालाना 2000-3000 लीटर तक दूध देती है। इसकी देखभाल अच्छी तरह की जाये तो कहीं भी रह सकती है।

यह मूलतः भारत के गुजरात के गिर के जंगलों में पाई जाती हैं। इसी कारण इसका नाम गिर पड़ा। यह भारत की सबसे दुधारु गाय है। यह सामान्यतः दिन के 50-80 लीटर दूध देती है। इसकी इस खासियत के कारण विदेशों में भी इसकी भारी माँग रहती है। इजराइल और ब्राजील में इसे विशेषतः पाला जाता है।

3) लाल सिंधी

इसके लाल रंग के कारण ही इसका नाम लाल सिंधी है। चूंकि सिंध प्रांत इसका मूल स्थान है, लेकिन अब ये कर्नाटक तमिलनाडू में भी पाई जाने लगी है। यह भी सालाना 2000-3000 लीटर तक दूध देती है।

4) राठी नस्ल, कांकरेज, थारपरकर

यह राजस्थान की जानी-मानी नस्ल है। इसका नाम राठस जनजाति के नाम पर पड़ा है। यह हर दिन 6-8 लीटर दूध देती है। कांकरेज राजस्थान के बाड़मेर, सिरौही और जालौर में अधिक मिलती है। वहीं थारपरकर जोधपुर और जैसलमेर में अधिक दिखती है।

5) दज्जल और धन्नी प्रजाति

यह तीनों प्रजातियां पंजाब में पाई जाती हैं। यह काफी फुर्तीली मानी जाती है। धन्नी प्रजाति ज्यादा दूध नहीं देती। किन्तु दज्जल देती हैं।

6) मेवाती, हासी-हिसार

यह हरियाणा की प्रमुख नस्लें हैं। मेवाती का उपयोग कृषि कार्य में ज्यादा किया जाता है। जबकि हासी-हिसार हरियाणा के हिसार क्षेत्र में मिलती हैं।

गाय का भोजन बहुत ही साधारण होता है। यह शुध्द शाकाहारी होती है। यह हरी घास, अनाज, चारा आदि चीजें खाती हैं। इसे कोई भी साधारण परिवार आराम से पाल सकता है। गायों को मैदानों की हरी घास चरना बहुत पसंद होता है। गाय के दूध से खाने की बहुत सारी चीजें बनती है। गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, छेना और मिठाइयां आदि बनायी जाती है। इसका दूध काफी सुपाच्य होता है। यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, अनेक रोगों से लड़ने की शक्ति देता है।

Cow Essay

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Essay on Cow in Hindi : जैसा की हम सब जानते है की गाय का पूरी दुनिया में बहुत बड़ा महत्व है, लेकिन अगर हमारे देश भारत के संदर्भ में बात की जाए प्राचीन समय से ही यह भारत की इकोनॉमी की नींव साबित हुई है। फिर चाहे वो दूध का मामला हो या खेती में काम आने वाले बैलों का। हमारे भारत में गाय को गौ माता के रूप में मानते है और इनकी पूजा करते है। हमारे देश में गाय माता को और भी नामो से जाना जाता है जैसे सुरभि, कपिला, नंदनी, श्यामा आदि नामो से जाना जाता है। हमारे भारत में गाय को लक्ष्मी का दर्जा दिया जाता है।

Essay On Cow in Hindi

इस लेख में मैं आपको गाय पर निबंध लेखन शेयर कर रहा हूँ। आपने देखा होगा की स्कूल में अक्सर बच्चो को गाय पर निबंध ( Essay on cow in Hindi ) लेखन का टास्क दिया जाता है। पर सारे क्षात्रो को यह लिखने पे दिकत होती है पर इस लेख को पढने के बाद सारी प्रॉब्लम दूर हो जाएगी।

गाय, हमारे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण जीव है जिसका महत्व भारतीय सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से हमेशा से ही उच्च रहा है। इस निबंध में, हम गाय के महत्व को और भी गहराई से समझेंगे और उसके आपके जीवन में कितना महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। गाय के प्राकृतिक और सामाजिक महत्व को जानने के लिए इस निबंध को पढ़ना बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।

Essay On Cow In Hindi: गाय पर निबंध

गाय की उपयोगिता:.

कहा जाता है की गाय का दूध औरों जानवरों की अपेक्षा सबसे अधिक प्रोटीन (Protein) वाला पाया जाता है। गाय का दूध दिमाग को तेज और मजबूत बनाने के लिए बहुत उपयोगी होता है खास तौर पे बच्चो ले लिए ज्यादा उपयोगी साबित होता है। दूसरे पशुओं की तुलना में गाय का दूध बहुत मददगार साबित होता है। बच्चों को विशेष तौर पर गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि भैंस का दूध जहां सुस्ती लाता है वहीं गाय का दूध बच्चों में चंचलता बनाए रखता है।

यह बीमारों और बच्चों के लिए बहुत ही यूजफुल आहार माना जाता है। इसके अलावा दूध से कई तरह के पकवान बनते हैं। गाय के दूध से दही, पनीर, मक्खन और घी भी बनाता है। गाय का घी और गोमूत्र अनेक ayurvedic medicines बनाने के काम भी काम आता है।

गाय वफादार, घरेलू और मासूम पालतू जानवरों में से एक है। यदि गायों से प्यार किया जाए तो वे इंसानों को हानि नही पहुंचाती हैं। इससे लोग अपने घरों में गाय रखते हैं और तमाम तरह के लाभ प्राप्त करते हैं। वे मनुष्यों के लिए अलग अलग प्रकार से उपयोगी हैं। गायों को पालतू जानवर के रूप में रखने के कई उद्देश्य लोगों के लिए समान हैं चाहे आम लोग हों या चाहे किसान हों। गायों के अलग अलग विशिष्ट लाभ(benefit) हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि वे मानव जाति की मदद के लिए किस तरह का काम कर रही हैं।

गाय का गोबर फसलों के लिए सबसे महत्वपूर्ण खाद माना जाता है। गाय के मरने के बाद उसका चमड़ा, हड्डियां व सींग सहित सभी अंग किसी न किसी काम आते हैं। ऐसा माना जाता है कि भैंस का बच्चा दूध पीने के बाद सो जाता है जबकि गाय का बच्चा अपनी मां का दूध पीने के बाद उछल कूद करता है।

गौ माता न सिर्फ अपने जीवन में लोगों के लिए उपयोगी होती है वरन मरने के बाद भी उसके शरीर का हर अंग काम आता है। गाय का चमड़ा, सींग, खुर से डेली जीवनोपयोगी वस्तु तैयार होता है। गाय की हड्‍डियों (Bones) से निर्मित खाद खेती के काम आती है।

साइंटिस्ट ने इसके गुण भी बताए हैं। यह न केवल दूध, दही, मक्खन, पनीर, छाछ या अन्य बल्कि डेयरी उत्पाद भी सभी फायदेमंद होते हैं।  पनीर खाने से आपको Protein मिलता है। गाय का घी खाने से आपकी मजबूती प्राप्त होती है।

आयुर्वेद में इसका बहुत विशाल महत्व है। यदि किसी व्यक्ति को अनिद्रा(sleeplessness) हो तो दो बूंद गाय के घी से ही ठीक कर सकता है। साथ ही यदि आप रात को पैरों के तलुवों पर ghee लगाकर सोते है तो आपको काफी अच्छी नींद आएगी।

गाय के मक्खन का धार्मिक महत्व है। इससे हवन पूजा आदि के लिए प्रयोग किया जाता है।  और हमारे युग और साधु संत कुछ भी करते हों, उन सबके पीछे वैज्ञानिक कारण होता है। जब गाय कुंड में घी और अक्षत (चावल) डालती है तो आग के संपर्क में आने पर सबसे महत्वपूर्ण गैसें निकलती हैं जो पर्यावरण के लिए उपयोगी है।

भौतिक आकार (Physical Appearance):

गाय का स्वभाव बहुत शांत प्रकार का होता है।  गाय पालतू होती है। गाय एक शाकाहारी पशु है।  गाय घास, अनाज, भूसी, केक, भूसी, चोकर, पुल और पेड़ों की पत्तियां आदि चीज ग्रहण करती हैं। गाय पहले चारे को निगल लेती है और फिर उसे थोड़ा सा मुंह में लेकर चबा लेती है जिसे चबाना कहते हैं। गाय एक बार में एक ही बछड़े को जन्म देती है। वह अपने बछड़े से बहुत प्यार करती है।  गाय भी बैठ कर मुँह से चबाती है।

पशुओं में गाय से जायदा सुनहरा और शानदार पशु कोई नही देखने को मिलता इनके जैसे मासूमियत किसी और पशु में देखने को नहीं मिलती।

गाय कई रंगों जैसे सफेद, काला, लाल, बादामी तथा चितकबरी होती है। इसकी दो मासूम आँखें, दो बड़े कान, चार पैर, एक मुँह, एक बड़ी नाक, चार अंग और पीठ पर एक लंबी पूंछ होती है। उम्र और नस्ल के आधार पर इसके सिर पर दो सींग भी हो सकते हैं। गायों के शरीर का आकार आमतौर पर बड़ा होता है जबकि उनका सिर उनके शरीर के आकार की तुलना में अपेक्षाकृत छोटा होता है।

गाय एक मादा शाकाहारी स्तनपायी है। पुरुष को बैल के रूप में जाना जाता है। इसी तरह गाय के मादा बच्चे को Heifer(बछिया) कहा जाता है जबकि गाय के नर बच्चे को बछड़ा कहा जाता है। एक बार बच्चे के जन्म के बाद, बछिया को गाय कहा जाता है। जब कई गायों को एक साथ देखा जाता है तो पूरे समूह को झुंड के नाम से जाना जाता है।

गाय का धार्मिक महत्व (Religious importance of cow):

भारत में गाय को देवी का दर्जा दिया गया है। ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का निवास है। यही कारण है कि Diwali के दूसरे दिन गोवर्धन (Govardhan) पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है और उनका मोर पंखों आदि से श्रृंगार किया जाता है।

प्राचीन भारत में गाय समृद्धि का प्रतीक मानी जाती थी। कहा जाता है की युद्ध के दौरान सोना, आभूषणों के साथ गायों को भी लूट लिया जाता था। जिस राज्य में जितनी गायें होती थीं उसको उतना ही सम्पन्न और सफल माना जाता है। कृष्ण के गाय प्रेम को भला कौन नहीं जानता। इसी कारण उनका एक नाम Gopal भी है।

श्रीकृष्ण के जीवन में गाय का बहुत महत्व रहा है और उनका बचपन ग्वालों के बीच बीता है। लोग भगवान कृष्ण को गोविंदा और गोपाल कहते थे, जिसका अर्थ है गायों का रक्षक और मित्र। गाय का दूध बच्चों और रोगियों के लिए बहुत उपयोगी होता है। गाय को परिवार के सदस्य की तरह माना जाता है। प्राचीन काल में गायों की संख्या से व्यक्ति की समृद्धि का पता चलता था।

गाय का भोजन (Food):

शाकाहारी और जुगाली करने वाले जानवरों के रूप में गाय घास जैसे ताजा और बेहतरीन अंकुरित अनाज खाना पसंद करती हैं। वे फल, सब्जियां और अन्य शाकाहारी भोजन खाना भी पसंद करते हैं।

गाय का स्वभाव (Habits):

गऊ माता ज्यादातर सामाजिक होती हैं इसलिए समूह में रहना पसंद करती हैं। इन्हें घूमने के लिए खुली जगह पसंद होती है जहां इनके खाने के लिए ढेर सारी घास मौजूद हो। वे मैदानी इलाकों में घूमते हैं और अपने आहार के पूरक के लिए और अपने नवजात शिशुओं के लिए दूध का उत्पादन करने के लिए अतिरिक्त घास के रूप में घास खाते हैं।

गाय का जीवन काल (Lifespan of Cow):

एक गाय का एवरेज lifespan लगभग 15 से 20 वर्ष का होता है। हालांकि dairies और खेतों में गाय मुश्किल से ही चार से छह साल तक जीवित रहती हैं क्योंकि पर्याप्त दूध देने या अधिक परिश्रम करने के लिए अत्यधिक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। एक बार जब दूध का उत्पादन कम हो जाता है या बंद हो जाता है तो ज्यादातर गायों को मांस और चमड़े के लिए बूचड़खानों में बेच दिया जाता है या सड़कों पर घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिससे उनके साथ दुर्घटनाएं और मौतें होती हैं।

यह एक कड़वा सच है लेकिन ज्यादातर गायें खुद को कैद में महसूस करती हैं और जीवन भर संघर्ष करती हैं। इसके अलावा आजकल नर बछड़ों को अक्सर मार दिया जाता है या छोड़ दिया जाता है।

मानव समाज के लिए इतनी लाभदायक होते हुए भी गाय की वर्तमान स्थिति बहुत खराब है। आज गायों का मांस दुकानों में बेचा और खाया जाता है। जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे काटने के लिए भेज दिया जाता है। गाय का सम्मान करना और उसके जीवन की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।

दुर्भाग्यवश शहरों में जिस तरह पॉलीथीन का उपयोग किया जाता है और उसे फेंक दिया जाता है उसे खाकर गायों की असमय मौत हो जाती है। इस दिशा में सभी को गंभीरता से विचार करना होगा ताकि हमारी आस्था और साथ ही अर्थव्यवस्था के प्रतीक गोवंश को बचाया जा सके। कुल मिलाकर गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है। गाय आज भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

गाय बहुत ही प्यारा और अच्छा जानवर है और हमें इस प्यारे और अच्छे जानवर का ख्याल रखना चाहिए। हमारे लिए यह शर्म की बात है कि जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे छोड़ दिया जाता है। हमें गाय के साथ दया का व्यवहार करना चाहिए और उसकी देखभाल करनी चाहिए। गाय को बचाने के लिए सरकार को अधिक अधिक गौशालो का निर्माण करना चाहिए जिससे गाय आसानी से अपना जीवन पूर्ण कर सके।

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गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) - गाय पर निबंध 100 शब्दों में यहाँ देखें

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गाय भारत का एक महत्वपूर्ण पशु है। हिंदू धर्मावलंबियों के लिए यह पूज्यनीय है और इसे गौ माता की संज्ञा दी गई जाती है। जब मुद्रा प्रचलन में नहीं हुआ करती थी तो वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए गायों का प्रयोग होता था। कृषि प्रधान भारतीय अर्थव्यवस्था में गायों काो सदैव प्रमुख स्थान रहा है। यही वजह है कि छोटी कक्षाओं के छात्रों के अंदर गाय को लेकर जागरूकता हो, इस सोच के साथ उन्हें गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने के लिए प्रेरित किया जाता है।

गाय पर निबंध (Hindi Essay on Cow) - गाय पर निबंध 100 शब्दों में (100 Words Essay On Cow)

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गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) - गाय पर निबंध 100 शब्दों में यहाँ देखें

कई बार परीक्षा में भी महत्वपूर्ण अंकों के लिए गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने से संबंधित प्रश्न स्कूली छात्रों से पूछे जाते हैं। साथ ही कई ऐसे भी छात्र होते है जिनकी हिंदी विषय पर पकड़ बेहद कमजोर होती है, ऐसे में उन्हें गाय पर निबंध हिंदी में (Essay on Cow in hindi) लिखने में परेशानी महसूस हो सकती है। वहीं कइयों को निबंध लिखने से संबंधित प्रारूप की सटीक जानकारी नहीं होती है, ऐसे में उनके लिए गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखना एक कठिन कार्य बन जाता है।

यदि आप ऊपर बताए गए किसी भी कारण की वजह से गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) ऑनलाइन तलाश रहे हैं, तो ऐसा समझ लीजिए कि आज आपकी यह तलाश खत्म हो गई है क्योंकि आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। गाय पर निबंध (gaay par nibandh) विशेष इस लेख की सहायता से न सिर्फ आपको गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने में सहायता मिलेगी, बल्कि इस लेख के माध्यम से आप अन्य किसी भी लेख को लिखने के तरीके को भी जान व समझ सकते हैं। हालांकि हम आपसे अनुरोध करते हैं कि गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) विशेष इस लेख को पूरी तरह से कॉपी करने से बचें। इसकी जगह पर आप गाय पर निबंध (Cow Essay in hindi) को लिखने के तरीके व मर्म को समझकर स्वयं ही गाय पर हिंदी में निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने की कोशिश करें। इससे आपको जीवन में फिर कभी किसी लेख को लिखने में समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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  • मेरा पालतू कुत्ता निबंध
  • गुरु नानक जयंती
  • दिवाली पर निबंध

गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। न सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। यही वजह है कि गाय भारत में अन्य पशुओं के मुक़ाबले एक विशेष स्थान रखती है।

गाय हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण जानवरों में से एक हैं। उसे देवी स्वरूप में पूजा जाता है और यह कई हिंदू अनुष्ठानों और समारोहों का अभिन्न व महत्वपूर्ण हिस्सा है। गायों को एक ऐसे पशु के रूप में भी देखा जाता है जो हमें दूध, मक्खन, घी आदि प्रदान कर सकता है। यहां इस लेख में गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) के कुछ उदहारण दिए गए हैं जिनकी सहायता लेकर आप गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) सहित अन्य निबंधों को भी आसानी से लिख सकते हैं।

गाय एक पालतू पशु है। सभी पशुओं में गाय को सबसे भोली तथा दयालु जानवर माना जाता है। गाय एक चौपाया जानवर है। इसकी एक नाक, एक मुँह, दो आँखें, दो कान तथा दो सींग होते हैं। यह एक शाकाहारी जानवर है। ये मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। गायें हमें दूध देती हैं जो हमारे भोजन में पौष्टिक आहार का एक प्रमुख श्रोत है। गाय दुनिया भर में दूध की प्राथमिक स्रोत है। गायों से मिलने वाले दूध के कारण हम स्वस्थ और मजबूत रहते हैं। दूध विभिन्न बीमारियों की रोकथाम सहित हमें कई और स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। साथ ही यह हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है। दूध से कई और उत्पाद बनाए जाते हैं, जिनमें मक्खन, मिठाई, दही, पनीर, खोया आदि प्रमुख हैं।

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भारत की बहुसंख्यक आबादी हिंदू धर्म में आस्था रखती है। हिंदू धर्म में गायों को एक पवित्र पशु का दर्जा प्राप्त है। हिन्दू धर्म के अनुयायियों के अनुसार गाय देवी स्वरूप है तथा पूजनीय है। यहाँ तक कि हिन्दू धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। इस वजह से, लोग अक्सर गाय को "गौ माता" के रूप में भी संबोधित करते हैं। हिंदू अनुयायी गौहत्या को पाप मानते हैं। हालांकि, बहुसंख्यकों के आस्था का प्रतीक होने के बावजूद भी कई गायें भारत में ऐसी भी हैं, जो बेहद बुरी परिस्थितियों में रह रही हैं। कई गायों को काम का ना रहने पर सड़कों पर भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिसकी वजह से वे कई बार दुर्घटनाओं व बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है। हालांकि भारत में आजकल कई ऐसे समूह हैं जिनका ध्यान केवल गौ रक्षा पर ही है। वे गायों को नुकसान से बचाने का प्रयास करते रहते हैं, पर इसके बावजूद भी भारत में गायों की जमीनी हकीकत बेहद जुदा है। इसके अलावा, गायों को किसी भी अन्याय से बचाने के लिए सरकार की तरफ से भी काफी सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। इनकी रक्षा के लिए सरकार के अलावा भी कई लोग गठबंधन बनाकर सकारात्मक दिशा में काम रहे हैं।

उपयोगी लिंक्स -

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गाय के दूध का उपयोग दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ और घरेलू सामान के उत्पादन के लिए किया जाता है। गाय के दूध का उपयोग दही, मट्ठा, पनीर, घी, मक्खन, विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ, खोया, पनीर आदि जैसे उत्पादों की एक पौष्टिक एवं विशाल खाद्य श्रृंखला के निर्माण के लिए किया जाता है। पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान रहने वाले रोगी भी गाय के दूध का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसे बेहद सुपाच्य खाद्य पदार्थ माना जाता है। गाय का दूध हमें शारीरिक रूप से मजबूत और पोषित करता है। यह तक कि यह हमें कई तरह की बीमारियों और संक्रमणों से भी बचाता है। यह रोग के खिलाफ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। लोग गाय के गोबर का उपयोग वास्तव में एक समृद्ध उर्वरक के रूप में करते हैं। यह ईंधन और बायोगैस का भी एक बेहतरीन उत्पादक है। गाय के गोबर का उपयोग कीट विकर्षक के रूप में भी किया जाता है। लोग इसका उपयोग भवन निर्माण सामग्री और कागज बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में भी करते हैं। आयुर्वेद में गौमूत्र का उपयोग भी कई तरह की बीमारियों के उपचार में किया जाता रहा है।

महत्वपूर्ण लेख :

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  • प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर हिंदी में निबंध

हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय सबसे महत्वपूर्ण जानवरों में से एक हैं। इन्हें बेहद पवित्र माना जाता है और अक्सर इन्हें विशेष सम्मान भी दिया जाता है। गाय अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण जानवर है। इसकी वजह से हमें दूध, पनीर और अन्य डेयरी उत्पाद प्राप्त होते हैं। हालांकि, भारत में गायों के प्रति मानवीय संवेदना का बड़ा महत्व है। वे सभी लोग जो गौपालक हैं, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे गायों के खानपान का अच्छी तरह से ध्यान रखें और साथ ही उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार करें। गाय ना सिर्फ पवित्र प्राणियों के रूप में पूजनीय है, बल्कि उनका आर्थिक महत्व भी बहुत अधिक है। ये हमें दूध, मक्खन, घी, दही और पनीर प्रदान करती है। इनका उपयोग खेतों की जुताई और माल के परिवहन के लिए भी किया जाता है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में भारत में 300 मिलियन से अधिक गायें रह रही हैं। गाय अपने धार्मिक महत्व के अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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गाय हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच सबसे अधिक पाले जाने वाले जानवरों में से एक हैं और साथ ही उन्हें पवित्र भी माना जाता है। हिंदुओं का मानना है कि गाय समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। गाय को धरती माता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है और इसे देवी के रूप में पूजा जाता है। गायों को भोजन और आय के स्रोत के रूप में भी देखा जाता है और उनके प्रति मानवीय व्यवहार अपेक्षित है। गाय कई हिंदुओं की आजीविका के लिए आवश्यक है और वह कई हिंदू समारोहों और अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गायों के साथ कभी भी दुर्व्यवहार या उन्हें किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए, क्योंकि उन्हें पवित्र प्राणी के रूप में देखा जाता है। हिंदुओं का मानना है कि गाय को नुकसान पहुंचाना धरती माता को नुकसान पहुंचाने के समान है। इसलिए, हिंदू धर्म के अनुयायी गायों की बेहद देखभाल और उनका अत्यंत सम्मान करते हैं।

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अफसोस की बात है कि सभी गायों के साथ मानवीय व्यवहार नहीं किया जाता है। कई गायें बेहद तंग और गंदी परिस्थितियों में रहने को मजबूर हैं। वे अक्सर कुपोषित और निर्जलित होती हैं। उनके बछड़ों को जन्म के कुछ ही समय बाद ही उनसे छीन लिया जाता है, जिससे उन्हें बहुत कष्ट होता है। कभी-कभी, मांस के लिए उनका क्रूर तरीकों से कत्ल भी किया जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम गायों के साथ दया और सम्मान के साथ व्यवहार करें। भारत में गायों के प्रति मानवीय व्यवहार एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। डेयरी उत्पादों, मांस और चमड़े के लिए उनका लगातार शोषण किया जाता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास जीवन की गुणवत्ता अच्छी हो और उन्हें किसी भी तरह की अनावश्यक पीड़ा को ना उठाना पड़े। हिंदुओं का मानना है कि गायों का सम्मान और देखभाल करना महत्वपूर्ण है। भारत में कई ऐसे कानून हैं जो गायों को दुर्व्यवहार से बचाते हैं।

जहां गाय को हिंदू धर्म में सभी जानवरों के बीच उच्च स्थान प्राप्त है, वहीं वे आर्थिक तौर से भी काफी विशेष मानी जाती हैं। गायें दूध, मक्खन और घी जैसे डेयरी उत्पाद की प्राथमिक स्रोत है, जो भारत में दैनिक आहार का मुख्य हिस्सा है। गायों से प्राप्त होने वाले डेयरी उत्पाद भारत में कई परिवारों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है। इसके अलावा, गायों से प्राप्त गोबर का उपयोग खाद बनाने के लिए किया जाता है, जो फसलों के लिए एक उत्कृष्ट प्राकृतिक खाद है। गायों के चमड़े का उपयोग जूते, बेल्ट और अन्य सामान बनाने के लिए भी किया जाता है जिसकी दुनिया भर में मांग है।

हम उम्मीद करते हैं कि गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) विशेष इस लेख से गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) से संबधित आपकी सभी समस्याओं का सामाधान हो गया होगा। गाय पर निबंध (gaay par nibandh) के अलावा अन्य महत्वपूर्ण निबंधों को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

इन्हें भी देखें -

सीबीएसई क्लास 10वीं सैंपल पेपर 2023

यूके बोर्ड 10वीं डेट शीट 2023

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Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Geotechnical engineer

The role of geotechnical engineer starts with reviewing the projects needed to define the required material properties. The work responsibilities are followed by a site investigation of rock, soil, fault distribution and bedrock properties on and below an area of interest. The investigation is aimed to improve the ground engineering design and determine their engineering properties that include how they will interact with, on or in a proposed construction. 

The role of geotechnical engineer in mining includes designing and determining the type of foundations, earthworks, and or pavement subgrades required for the intended man-made structures to be made. Geotechnical engineering jobs are involved in earthen and concrete dam construction projects, working under a range of normal and extreme loading conditions. 

Cartographer

How fascinating it is to represent the whole world on just a piece of paper or a sphere. With the help of maps, we are able to represent the real world on a much smaller scale. Individuals who opt for a career as a cartographer are those who make maps. But, cartography is not just limited to maps, it is about a mixture of art , science , and technology. As a cartographer, not only you will create maps but use various geodetic surveys and remote sensing systems to measure, analyse, and create different maps for political, cultural or educational purposes.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Product Manager

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Operations manager.

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Bank Probationary Officer (PO)

Investment director.

An investment director is a person who helps corporations and individuals manage their finances. They can help them develop a strategy to achieve their goals, including paying off debts and investing in the future. In addition, he or she can help individuals make informed decisions.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

An expert in plumbing is aware of building regulations and safety standards and works to make sure these standards are upheld. Testing pipes for leakage using air pressure and other gauges, and also the ability to construct new pipe systems by cutting, fitting, measuring and threading pipes are some of the other more involved aspects of plumbing. Individuals in the plumber career path are self-employed or work for a small business employing less than ten people, though some might find working for larger entities or the government more desirable.

Construction Manager

Individuals who opt for a career as construction managers have a senior-level management role offered in construction firms. Responsibilities in the construction management career path are assigning tasks to workers, inspecting their work, and coordinating with other professionals including architects, subcontractors, and building services engineers.

Urban Planner

Urban Planning careers revolve around the idea of developing a plan to use the land optimally, without affecting the environment. Urban planning jobs are offered to those candidates who are skilled in making the right use of land to distribute the growing population, to create various communities. 

Urban planning careers come with the opportunity to make changes to the existing cities and towns. They identify various community needs and make short and long-term plans accordingly.

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Naval Architect

A Naval Architect is a professional who designs, produces and repairs safe and sea-worthy surfaces or underwater structures. A Naval Architect stays involved in creating and designing ships, ferries, submarines and yachts with implementation of various principles such as gravity, ideal hull form, buoyancy and stability. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Veterinary Doctor

Pathologist.

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Speech Therapist

Gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

Hospital Administrator

The hospital Administrator is in charge of organising and supervising the daily operations of medical services and facilities. This organising includes managing of organisation’s staff and its members in service, budgets, service reports, departmental reporting and taking reminders of patient care and services.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Videographer

Multimedia specialist.

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Linguistic meaning is related to language or Linguistics which is the study of languages. A career as a linguistic meaning, a profession that is based on the scientific study of language, and it's a very broad field with many specialities. Famous linguists work in academia, researching and teaching different areas of language, such as phonetics (sounds), syntax (word order) and semantics (meaning). 

Other researchers focus on specialities like computational linguistics, which seeks to better match human and computer language capacities, or applied linguistics, which is concerned with improving language education. Still, others work as language experts for the government, advertising companies, dictionary publishers and various other private enterprises. Some might work from home as freelance linguists. Philologist, phonologist, and dialectician are some of Linguist synonym. Linguists can study French , German , Italian . 

Public Relation Executive

Travel journalist.

The career of a travel journalist is full of passion, excitement and responsibility. Journalism as a career could be challenging at times, but if you're someone who has been genuinely enthusiastic about all this, then it is the best decision for you. Travel journalism jobs are all about insightful, artfully written, informative narratives designed to cover the travel industry. Travel Journalist is someone who explores, gathers and presents information as a news article.

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

Merchandiser.

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Metallurgical Engineer

A metallurgical engineer is a professional who studies and produces materials that bring power to our world. He or she extracts metals from ores and rocks and transforms them into alloys, high-purity metals and other materials used in developing infrastructure, transportation and healthcare equipment. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

ITSM Manager

Information security manager.

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

Business Intelligence Developer

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गाय पर निबंध | Essay On Cow In Hindi

Essay On Cow In Hindi गाय पर निबंध : भारतीय संस्कृति में गौ का बड़ा महत्व माना गया हैं इन्हें प्राणी न मानकर माँ का दर्जा प्राप्त हैं. हिन्दू मान्यता के अनुसार गाय के शरीर के विभिन्न हिस्सों में तैतीस कोटि देवी देवताओं का वास होता हैं.

आज के 5, 10 लाइन, 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में गाय का निबंध  को आप गाय पर छोटा बड़ा हिन्दी निबंध के रूप में याद कर सकते हैं.

गाय पर निबंध Essay On Cow In Hindi

This Article is Written To Each Guy Who wants To Detail, About Essay On Cow In Hindi. Most Important For Our Student Friends Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 And For 12th Student Can Use This  Essay For Speech OR Discovery Details About Indian Cow.

The cow (gaay) is an important domestic pet animal. It’s found all over the world. in India (the Hindus religion follower) called the cow’ as the mother. this short and big-length Essay On Cow In Hindi And English is helpful for students.

mostly in our exams asked about cow essay writing questions comes always. this cow essay will help you to write a better article on a cow in your own language.

the cow is a domestic animal. it is very useful to us. it gives us milk. motherless babies are given cow’s milk. her milk is a complete diet.

we call the cow ”our mother”. the leather of the dead cow is useful also. she is a four-footed animal. she has two horns. her tail is long. she keeps files away with her tail. she has four teeth for milling. in order to get pure aid fresh milk, it is better to keep a cow.

her calves become bullocks. they plow our fields. butter, curd, and sweets are made from cow’s milk. cow’s milk is a perfect diet. she eats grass and hay. sick persons are fed on her milk. cow dung is good manure for agriculture.

Essay On Cow In English For Class 1:  Dear Students it is a Very Good Idea to Check Essay On Cow In English For Class 1 for children and kids students they read in class first.

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Essay On Cow In English

in all pet Animals, the cow is the most important in India. according to the Hindu faith, they called the mother to the cow.  tells you why Hindus called mother or maa to cow, what is uses or importance of Indian cow.

The cow is a very versatile animal of great importance in scientific and spiritual terms. Science has also accepted the importance of the cow.  Cow’s milk is considered an elixir. In India, the cow is considered a sacred animal.

Hundreds of Hindus worship in India. The biggest feature of the cow is that it gives many things to mankind, instead of asking for anything. Many families spend their livelihoods selling cow’s milk and ghee.

Religious significance: Tea-festival of Hindus is not complete without ghee. At the Teej festival, the house is leaked from cow’s dung. The idols of the deities are seated on it. Many people consider cow’s philosophy auspicious before doing some urgent work.

At the same time, Cow’s dung has been considered very useful for cultivation. Due to the milk-giving and milk properties like cow’s nectar, it has been considered as earthly mother’s worship. That is why the cow is called cow mother.

Apart from this, the Kunda made from cow dung in villages is used as fuel. It is very sad that with the development of technology we are forgetting the importance of cows.

A cow has also had great importance in the life of Lord Krishna. Krishna’s childhood has passed between the Guawans. They used to call them Govinda and Gopal, which means the guards and friends of cows.

Cow’s milk is very useful for children and patients. The cow is cool with nature. The cow has a very big body. It has four legs, two horns, and one long tail.

It has two ears People in India worship the cow. There is a lot of hair in the lower part of the cow’s tail.

Which are of many colors, in which there is black, brown and white hair with red color. There are bus teeth in the lower part of the cow’s jaw. The cracks of his feet are different.

There are many types of cows. There are many types of cows on the basis of color also. If there is some black then some white, some cows are of red and mixed colors.

The cow is found in almost every country in the world. In every country, the cow is different depending on size and length width.

The wild cow lives in the forest. The cow eats grass and leaves. He gives birth to a calf or calf at a time.

She loves her bull very much. The cow also starts to chew with its mouth. The cow gives milk, which makes curd, cheese, butter, and many types of desserts. We should take care of such cute animals.

Short Essay On Cow In Hindi गाय पर निबंध

गाय एक पालतू जानवर है। यह हमारे लिए बहुत उपयोगी है। गाय हमें दूध देती है। नन्हें बच्चों के लिए गाय का दूध सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसमें सभी पोषक तत्व विद्यमान रहते है।

हम गाय को ‘हमारी मां’ कहते हैं। मृत गाय का चमड़ा भी उपयोगी है। वह चार पैर वाला जानवर है। उसके दो सींग हैं। उसकी पूंछ लंबी है। गाय मच्छर व् मक्खियों को अपनी पूंछ द्वारा दूर करती है, यह अपने चार बड़े जबड़ों की मदद से जुगाली करती है।

गाय का ताजा दूध पौष्टिक होता है. बीमार से लेकर एकदम स्वस्थ व्यक्ति के लिए यह दूध बहुत फायदेमंद है।

गाय का बछड़ा बड़ा होने पर बैल के रूप में भार ढ़ोने व कृषि के रूप में हल चलाने के काम आता है. गाय के दूध से दही, घी, मक्खन, पनीर, मिठाई व मावा बनाए जाते है. इसलिए गाय का दूध पौष्टिक आहार है, जिनमें भोजन के लिए आवश्यक सभी तत्व व विटामिन उपलब्ध हो जाते है.

गाय घास चरती है, एक अच्छी नस्ल की गाय ३०-४० लीटर दूध प्रतिदिन देती है. गाय के गोबर को देशी खाद के रूप में उपयोग में लाया जाता है.

मेरी गाय मेरा प्रिय पशु है. सभी पालतू पशुओं में गाय का अत्यधिक महत्व है. हमारे देश में गाय को माता की तरह मानते है. गाय का स्वभाव सरल होता है.

पालतू जानवरों में यह सबसे अधिक भोली और समझदार होती है. इसके एक लम्बी पूछ, चार पैर, दो सींग, दो कान, दो आँखे और चार थन होते है.

गाय काली, सफेद, भूरी, लाल चितकबरी आदि रंग की होती है. गाय घास, खल, चारा आदि खाती है. गाय हमे दूध देती है. गाय का दूध मीठा और ताकतवर होता है.

इससे दही घी, मक्खन, मावा आदि बनते है. इसके गोबर से खाद बनती है. गाय के बछड़े बड़े होकर बैल बनते है जो खेती के काम में सहायक होते है. इस तरह गाय अत्यंत उपयोगी पशु है.

1500 शब्द गाय पर निबंध (कक्षा 11,12 के लिए)

गाय मनुष्य को ज्ञात सबसे उपयोगी जानवरों में से एक है। इसने हजारों वर्षों तक मनुष्य की सेवा की है। यह बहुत शांत, शांत जानवर है। इसे गुस्सा बहुत कम ही आता है।

एक बैल का सबसे बड़ा उपयोग यह है कि वह हमें दूध देता है। ताजा दूध हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। हम इसे सादा या कुछ स्वादों को जोड़कर पी सकते हैं। हम इससे कई चीजें भी बना सकते हैं जैसे मक्खन, घी, आइस-क्रीम, मिठाई और कई अन्य चीजें।

एक गाय का दूसरा उपयोग यह है कि इसका उपयोग खेतों तक एक कुदाल को खींचकर किया जा सकता है। अब-भारत में कुछ किसान इस काम के लिए बैल का उपयोग करते हैं।

बैलगाड़ी खींचने के लिए भी गायों का उपयोग किया जाता है। वे काफी तेज दौड़ सकते हैं और उनके बाद भारी भार भी खींच सकते हैं। वे बहुत धैर्यवान जानवर हैं और थके होने के बाद भी कड़ी मेहनत करते हैं।

एक गाय ज्यादातर घास पर रहती है। इसे अच्छी तरह से खिलाया जाना है। तभी यह बहुत सारा दूध देती है। हमें गायों के प्रति बहुत दयालु होना चाहिए, क्योंकि वे बहुत उपयोगी हैं, नम्र जानवर हैं और हमें कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

हमें उन्हें कभी भी हरा नहीं करना चाहिए और न ही किसी भी तरह से उन्हें पीड़ा पहुंचानी चाहिए। एक बछड़े को हमेशा अपनी मां के साथ रहने की अनुमति होनी चाहिए। उन्हें अलग नहीं किया जाना चाहिए।

गायों को उनके मांस के लिए भी मार दिया जाता है। उन्हें बहुत अधिक चारा दिया जाता है और जब वे मोटे होते हैं तो उन्हें मार दिया जाता है। भारत में बहुत से लोग मांस खाना पसंद नहीं करते हैं। वे इसे गाय को चोट पहुंचाना पाप मानते हैं।

गोबर को सूखने के बाद ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है। चमड़े का सामान गाय की खाल से बनाया जाता है। इस प्रकार गायें मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई हैं।

उन्हें भारत में पवित्र जीव के रूप में सम्मानित किया जाता है और उनकी पूजा भी की जाती है। आइए हम इन कोमल जानवरों के साथ दयालुता से पेश आएं।

गाय के दूध में क्या कितना

  • प्रोटीन्स- 4.0 प्रतिशत
  • कार्बोहाइड्रेट- 4.0 प्रतिशत
  • उर्जा (कैलोरी) – 6.5 प्रतिशत
  • पानी- 87.3 प्रतिशत
  • वसा- 4.0 प्रतिशत
  • खनिज( मिनरल्स)- 0.7 प्रतिशत

गावो विश्वस्य मातर: अर्थात गाय विश्व की माता है, सूर्य, वरुण, वायु आदि देवताओं को यज्ञ होम में दी हुई आहुति से जो खुराक पुष्टि मिलती है, वह गाय के घी से ही मिलती है.

होम में गाय के घी की ही आहुति दी जाती है, जिससे सूर्य की किरने पुष्ट होती है. किरणों के पुष्ट होने से वर्षा होती है और वर्षा से सभी प्रकार के अन्न, पौधे, घास आदि पैदा होते है, जिससे सम्पूर्ण स्थावर- जंगम, चर, अचर प्राणियों का भरण पोषण होता है.

हिन्दुओं के गर्भाधान, जन्म, नामकरण आदि जितने भी संस्कार है, उन सब में गाय के दूध, घी, गोबर आदि की मुख्यता होती है. द्विजातियों को जो यज्ञोपवीत दिया जाता है उसमे गाय का पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोबर और गौमूत्र) का सेवन कराया जाता है.

यज्ञोपवीत संस्कार होने पर वे वेद पढ़ने के अधिकारी होते है, जहाँ विवाह संस्कार होता है, वहाँ भी गाय के गोबर का लेप करके शुद्धि करते है. विवाह के समय गोदान का विशिष्ट महत्व है.

पुराने जमाने में वाग्दान (सगाई) के बैल दिया जाता था. जननाशौच और मरणाशौच मिटाने के लिए गाय का गोबर और गोमूत्र ही काम में लिया जाता है, क्योकि गाय के गोबर में लक्ष्मी का गोमूत्र में गंगाजी का निवास है.

जब मनुष्य बीमार हो जाता है, तब उसको गाय का दूध पीने के लिए देते है, क्योकिं गाय का दूध तुरंत बल, शक्ति देता है. अगर बीमार मनुष्य को अन्न भी न पचे तो उसके पास गाय के घी और खाद्य पदार्थों की अग्नि में आहुति देने पर उसके धुंए से उसको खुराक मिलती है. जब मनुष्य मरने लगता है तब उसके मुह में गंगाजल या गाय का दही देते है.

इसका कारण यह है कि कोई मनुष्य यात्रा के लिए रवाना होता है तो उसे गाय का दही देना मांगलिक होता है, जो सदा के लिए यहाँ से रवाना हो रहा है उसको गाय का दही अवश्य देना चाहिए जिससे परलोक में उसका मंगल हो. अंत काल में मनुष्य को जैसे गंगाजल देने का महात्म्य है, वैसा ही महात्म्य गाय का दही देने का है.

वैतरणी से बचने के लिए गोदान किया जाता है. श्राद्ध कर्म में गाय के दूध की खीर बनाई जाती है, क्योकि पवित्र होने से इस खीर से पितरों को अधिक तृप्ति होती है. मनुष्य, देवता पितर आदि सभी को गाय के दूध घी आदि से पुष्टि मिलती है. अतः गाय विश्व की माता है.

गाय के अंगो में सम्पूर्ण देवताओं का निवास बताया जाता है. गाय की छाया भी बड़ी शुभ मानी गई है. यात्रा के समय गाय या सांड दाहिने आ जाए तो शुभ माना जाता है.

और उसके दर्शन से यात्रा सफल हो जाती है.गाय के शरीर का स्पर्श करने वाली हवा भी पवित्र होती है. उसके गोबर गोमूत्र भी पवित्र होते है. जहाँ गाय बैठती है, वहां की भूमि पवित्र होती है, गाय के चरणों की रज (धूल) भी पवित्र होती है.

गाय से अर्थ, काम और मोक्ष इन चारो की सिद्धि होती है. गोपालन से, गाय के दूध, घी, गोबर आदि से धन की वृद्धि होती है. कोई भी धार्मिक कृत्य गाय के बिना नही होता है.

सम्पूर्ण धार्मिक कार्यों में गाय का दूध, दही, घी, गोबर काम में आता है, कामनापूर्ति के लिए किये जाने वाले यज्ञों में भी गाय का घी काम आता है.

बाजीकरण आदि प्रयोगों में गाय के दूध और घी की मुख्यता रहती है. निष्काम भाव से गाय की सेवा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. गाय की सेवा करने मात्र से अंतकरण निर्मल होता है. भगवान श्रीकृष्ण ने भी नगे पाँव गायो को चराया था. जिससे उनका नाम गोपाल पड़ा.

प्राचीनकाल में ऋषिलोग वन में रहते हुए अपने पास गाये रखा करते थे. गाय के दूध घी का सेवन करने से उनकी बुद्धि बड़ी विलक्षण हुआ करती थी,

जिससे वे बड़े बड़े ग्रंथो की रचना किया करते थे. आज कल तो उन ग्रंथो को तो ठीक ठाक समझने वाले भी कम है. गाय के दूध घी से दीर्घायु होते थे.

गाय के घी का एक नाम आयु भी है. बड़े बड़े राजा लोग उन ऋषियों के पास आते थे और उनकी सलाह से राज्य चलाते थे. गाय इतनी पवित्र है कि देवताओं ने भी अपना निवास स्थान बनाया है. जिसका गोबर और गोमूत्र इतना पवित्र है, फिर वह स्वयं कितनी पवित्र होगी.

एक बार गाय का पूजन करने से सब देवताओं का पूजन हो जाता हैं जिससे सब देवताओं को पुष्टि मिलती है. पुष्ट हुए देवताओं के द्वारा सम्पूर्ण सृष्टि का संचालन, पालन, रक्षण होता है.

गां च स्प्रश्ती यों नित्यं स्नातों भवति नित्यशः अतो मर्त्यः प्रपुष्टस्तु सर्वपापै: प्रमुच्यते गवां रज: खुरोभ्दूत शिरसा यस्तु धारयेत् स च तीर्थजले स्नातः सर्वपापै: प्रमुच्यते

जो मनुष्य प्रतिदिन गौ का स्पर्श करता है, वह प्रतिदिन तीर्थ में स्नान करने का फल प्राप्त करता है. गौ के द्वारा मनुष्य सर्वविध घोर पापों से मुक्त हो जाता है.

जो मनुष्य गौ के खुर से उड़ी धूलि को अपने मस्तक पर धारण करता है, वह समस्त तीर्थों के जल में स्नान करने का फल प्राप्त करता है और समस्त पापों से छुटकारा पा जाता है.

भारतीय गाय की सभी नस्ल की जानकारी और पहचान

  • अमृतमहल नस्ल की गाय (Amritmahal breed’s cow)-  यह नस्ल मैसूर राज्य में पाई जाती है. इस जाति का रंग खाकी तथा मस्तक,गला और थुहा काले रंग का होता है. इस नस्ल के बैल मध्यम कद के और फुर्तीले होते है.
  • हल्लीकर नस्ल (Fresh breed)-  नस्ल के गोधन मैसूर राज्य में पाए जाते है. यह एक स्वतंत्र नस्ल है, इसका ललाट उभरा हुआ और बिच में चीरा हुआ सा होता है. इस नस्ल की गाय अपेक्षाकृत अधिक दूध देती है, इनके सिंग लम्बे और नुकीले तथा कान छोटे होते है.
  • कंगायम नस्ल (Kangayam breed) –  इस नस्ल के गोधन कोयम्बटूर के दक्षिणी एवं दक्षिणी पूर्व के तालुकों में पाए जाते है. इनमे दूध बहुधा कम होता है. कहते है इनके छोटे कान, मस्तक मध्यम, प्रिमानका, गर्दन ओछी तथा पूंछ काफी लम्बी होती है, यह नस्ल सर्वांगी मानी गई है.
  • खिल्लारी नस्ल (Khillari breed)-  इस नस्ल के गोधन का रंग खाकी, सिर बड़ा, सींग लम्बे और पूंछ छोटी होती है, इनका गलकबल काफी बड़ा होता है.
  • कृष्णातटकी कृष्णावेली गाय की नस्ल (Krishna Valley cattle)-  इस जाति की गायें मुंबई के दक्षिणी भाग एवं हैदराबाद राज्य के कृष्णा नदी के तट पर पाई जाती है. इस नस्ल की गाय बहुत अधिक दूध देती है. गाय की यह नस्ल कई जातियों के मिश्रण से बनी है. इनका थुहा काफी बड़ा सिंग और पूंछ छोटे और गलकंबल काफी बड़ा होता है.
  • बैग्लूर नस्ल (Baglur breed)-  इस नस्ल की गाय मद्रास के कोयम्बटूर के बरगूर नामक पहाड़ में बहुतायत मिलती है. सहनशक्ति एवं तेज चाल में कहते है ये अद्वितीय होते है, इन गायों का दूध बहुत कम होता है, इनका सिर लंबा, ललाट कुछ उभरा हुआ और पूंछ छोटी होती है.
  • आलम बदी नस्ल (Alam Badi Breed)-  इस नस्ल को मैसूरी हल्कीकर नस्ल की शाखा मानना चाहिए. इस नस्ल के बैल बड़े परिश्रमी और तेज होते है तथा थोड़ी खुराकापर ही निर्वाह कर सकते है. इन गायों के दूध कम होते है. इनका ललाट उभरा हुआ और लम्बा संकरा होता है, और सींग लम्बे होते है.
  • गीर नस्ल (geer nasl)-  इस नस्ल की भारतीय गाय की पीठ मजबूत, सीधी और समचौरस होती है. कुल्हे की हड्डियाँ प्राय उभरी हुई होती है, पूंछ लम्बी होती है, गीर गाय की नस्ल प्राय एक रंग की नही होती है, वे काफी दूध देती है. इस जाति के बैल मजबूत होते है, यदपि वे मैसूर के बेलों की अपेक्षा कुछ सुस्त और धीमे होते है.
  • देवनी नस्ल (devanee nasl) – यह नस्ल महाराष्ट्र प्रान्त की डांगी नस्ल से मिलती जुलती है, इसमे गीर नस्ल में काफी समानता है, इस नस्ल की गाय के सिर सींग और गीर नस्ल के एक से होते है, इस नस्ल के बैल खेती में अच्छा काम देते है. तथा गौएँ निजाम राज्य की अन्य नस्लों की तुलना में काफी अच्छा दूध देती है.
  • डांगी नस्ल (Stew breed) – इस नस्ल की गाय महारास्ट्र प्रान्त के अहमदनगर और नासिक जिलों में बांसदा, धर्मपुर, जौहर, डांग्स क्षेत्रों में पाये जाते है. वे बड़े परिश्रमी होते है और धान के खेतों में लगातार काम करने से इनके स्वास्थ्य कोई अवांछनीय प्रभाव नही पड़ता, इस नस्ल की गाएं दूध कम देती है. इन गौओं का रंग लाल और सफेद अथवा काला और सफेद होता है.
  • मेवाती नस्ल (Mewati breed)-  इस नस्ल के गाये बहुत सीधी होती है बैल भारी हलों और छ्कड़ो में जोते जाते है. गाए काफी दुधारू होती है. इनमे गीर जाति के लक्ष्ण पाए जाते है तथा कुछ बातों में हरियाना नस्ल के गोधन से भी मिलते है. जिससे यह पता चलता है कि यह एक मिश्रित जाति है, इनका रंग सफेद और मस्तक काले रंग का होता है, इनकी टाँगे कुछ ऊँची होती है.
  • निमाड़ी नस्ल (Nimadi breed)-  इस नस्ल के जानवर बहुत फिर्तिले होते है. इनका रंग व मुह की बनावट गीर जाति की सी होती है. इनके कान मध्यम परिणाम के होते है. सामान्य तौर पर इनका रंग लाल होता है, जिस पर जगह जगह सफेद धब्बे होते है. इस जाति की गाये काफी दूध देती है.
  • कांकरेज नस्ल (Cancroid breed)-  इस जाति के गोधन भारतवर्ष में विशेष मूल्यवान समझे जाते है. यह नस्ल काठियावाड़, बडौदा राज्य एवं सूरत तक फैली हुई है. इस नस्ल के गोधन चलने तथा गाड़ी खीचने में बहुत तेज होते है. कांकरेज जाति की गायों की छाती चोडी, शरीर सबल, ललाट चोड़ा और सींग मुड़े हुए होते है. इनके कान लम्बे और झुके हुए होते है, इनकी चमड़ी भारी गलकबल साधारण प्रिमाणिका होता है. पूंछ अपेक्षाकृत छोटी होती है.
  • मालवी नस्ल (Malviya breed)-  इस जाति की गायों की प्राकृतिक गौचर भूमियों में पाला जाता है, सडको पर हल्की गाडियों को खीचने में तथा खेती में इसका विशेष उपयोग होता है, परन्तु बुढ़ापे में इनका रंग बिलकुल सफेद हो जाता है. मालवी नस्ल के दो अवांतर भेद होते है. 1. ग्वालियर जिले  के दक्षिण पश्चिम भाग में बड़ी रास के गोधन 2. इस भाग के दक्षिणी पश्चिमी भाग में पाये जाने वाले छोटी रास के गोधन. इस नस्ल की गाय कम दूध देती है.
  • नागौरी नस्ल (Nagauri breed)-  इस नस्ल के गोधन जोधपुर मारवाड़ के उत्तरी पूर्वी भाग में पाये जाते है. इस जाति के बैल आकार में बड़े होते है. और तेज दौड़ने के लिए प्रसिद्ध होते है. इनका मुह अपेक्षाकृत संकरा व लम्बा होता है तथा ललाट चपटा. इनकी चमड़ी पतली,गलकंबल, छोटा और पूंछ छोटी होती है इस नस्ल की गाये कम दूध देती है.
  • थारपारकर गाय की नस्ल (Breed of tharparkar cow)-  कच्छ, जोधपुर, जैसलमेर जिलों में इस जाति की गायें बड़ी संख्या में पाली जाती है. इस भूभाग में बालू के टीले बहुत पाये जाते है और वर्षा कम होती है. इस जाति के बैल बड़े परिश्रमी और खाकी सफेद रंग के होते है. इस नस्ल की गाय भारत में सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्लों में से एक है. बैल मध्यम परिणाम के होते है, अतएवं खेती एवं गाडियों में जुतने के काम आते है, इनमे कई गुण ऐसें होते है, जिनके कारण इनकी बहुत कदर की जाती है. गाये अधिक दूध देती है, बैल अधिक मेहनत कर सकते है और खुराक पर निर्वाह कर सकते है. इनका मुह काफी लम्बा, ललाट कुछ उभरा हुआ और थुहा मध्यम परिमाण का होता है.
  • बचौर नस्ल (bachaur nasl)- इस नस्ल की गाय बिहार राज्य के अंतर्गत सीतामढ़ी जिले के बचौर एवं कोइलपुर परगने में पायी जाती है. इस जाति के बैल काम करने में अच्छे होते है. इनका रंग खाकी, ललाट चौड़ा आँखे बड़ी बड़ी और कान लटकते हुए होते है.
  • पंवार नस्ल (Pew breed)-  यह पीलीभीत जिले के पटनापुर तहसील में और खेरी के उतर पश्चिम भाग में पाई जाती है. शुद्ध पंवार नस्ल के गाय बैल मुह संकरा तथा सींग लबें और सीधे होते है, इनका रंग प्राय काला और सफेद होता है, इनकी पूंछ लम्बी होती है और ये बड़े क्रोधी और फुर्तीले होते है. ये मैदानों में स्वच्छ रूप से चरना पसंद करते है. गौएँ कम दूध देती है.
  • भगनारी नस्ल (Bhagannari breed)-  नारी नदी के तटवर्ती भाग में पाये जाने के कारण गाय की इस नस्ल को भगनारी कहते है. इस नस्ल के गोधन अपना निर्वाह नदी तट पर उगने वाले घास और अनाज की भूसी आदि से करते है, इस नस्ल की गाये अधिक दूध देती है.
  • दज्जाल नस्ल (dajjaal nasl)-  भगनारी नस्ल का ही दूसरा नाम है, इस नस्ल की गाय पंजाब के देरागजी खां जिले में बड़ी संख्या में पाई जाती है. कहते है कि लगभग बहुत वर्ष पूर्व इस जिले में भगनारी नस्ल के बैल बहुत खास नस्ल के लिए भेजे गये थे. यही कारण है कि देरागाजीखां में इस नस्ल के काफी गौधन है. यही से पंजाब के अन्य भागो में भेजे जाते है.
  • गावलाव नस्ल (gaavalaav nasl)-  यह नस्ल मध्यप्रदेश राज्य की सर्वश्रेष्ट गाय की नस्ल है. इस जाति के सर्वोतम गौधन सतपुड़ा की तराई के वर्धा जिले में, संसार तहसील एवं कुराई परगने में और बइहर तहसील के दक्षिणी भाग में तथा नागपुर जिले के कुछ भाग में पाए जाते  है. ये प्राय मध्यम कद  के होते है, गायों का रंग प्राय निरा सफेद होता है और बैलो का सिर खाकी रंग का होता है, इनका सिर काफी लम्बा एवं संकरा, सींग छोटे और गलकंबल बड़ा होता है, खिल्लारी जाति के बैलों की भाह्ज.
  • हरियाना नस्ल की गाय (Haryana breed’s cow)-  इस नस्ल की गाय बड़ी संख्या में दूध देने के लिए कलकते आदि बड़े नगरो में भेजी जाती है. इस नस्ल के गोधन संयुक्त प्रान्त और राजस्थान के भरतपुर और अलवर जिले में मुख्य रूप से पाई जाती है. हरियाना जाति के बैल सफेद एवं खाकी रंग के होते है. कलकते में बरसात से पूर्व इनका रंग प्राय सफेद हो जाता है. बैलों की गर्दन और थुले काले होते है. गायो और सांडो के सींग छोटे और मोटे होते है. परन्तु बैल के सींग प्राय मुड़े हुए होते है.
  • हाँसी हिंसार नस्ल (Hansi Hissar breed)-  पंजाब के हिंसार जिले में हाँसी नदी के आस-पास यह नस्ल पाई जाती है. इससे इसका नाम हाँसी हिंसार पड़ा. इस नस्ल की गाये हरियाणा नस्ल के जैसी ही होती है, परन्तु उनकी अपेक्षा अधिक परिश्रमी होते है. इनका रंग सफेद और खाकी होता है. इस जाति के बैल परिश्रमी होते है. पर गाय हरियाणा नस्ल की खूबी को नही पा सकी.
  • अंगोल नस्ल (Angol breed)-  मद्रास प्रान्त का अंगोल नाम का इलाका गायों के लिए प्रसिद्ध है. गंतूर जिले के किसान प्राय इन गोधन को पालते है. इस जाति के गोधन प्राय सीधे और बैल मजबूत होते है. परन्तु अधिक भारी होने के कारण वे अधिक चलने में उपयोगी नही होते है. इस जाति के गोधन बहुत बड़ी संख्या में अमेरिकन नस्ल की गाय  की नस्ल को सुधारने के लिए अमेरिका भेजे जाते है. ये थोड़ा सा सुखा चारा खाकर निर्वाह कर सकते है. इनके शरीर अपेक्षाकृत लम्बे और गर्दन छोटी होती है. ये अपने डील डोल तथा शरीर की गठन के लिए प्रसिद्ध है.
  • राठी नस्ल (Rathi breed)- ये बहुत फुर्तीले और मध्यम परिमाण के हल चलाने के लिए एवं सड़क पर चलने के उपयोगी होते है. इनकी गाये भी दुधार होती है. इन तीन गुणों के कारण राठी नस्ल को कामधेनु कहा जाता है. जबकि नागौरी नस्ल की गाय और बैल अमीर लोगों की कामधेनु कहा जाता है.
  • केनवारिया नस्ल (Canvaria breed)-  यह बुंदेलखंड की प्रमुख नस्ल है. और संयुक्त प्रान्त के बांदा जिले के केण नदी के तट पर पाई जाती है. इस जाति की गाय कम दूध देती है. इनका रंग खाकी होता है. इनका मस्तिष्क ओछा किन्तु छोड़ा तथा सींग मजबूत तथा तीखे होते है.
  • खैरीगढ़ नस्ल (Khairigad breed)-  यह नस्ल संयुक्त प्रान्त के खेरीगढ़ क्षेत्र में पाई जाती है. ये गोधन प्राय सफेद रंग के तथा छोटे संकरे मुह् के होते है. वे केनवारिया नस्ल से मिलते जुलते होते है, ये क्रोधी व फुर्तीले होते है तथा मैदानों में स्वछन्द चरने से स्वस्थ व प्रसन्न रहते है. इनकी गाये दूध कम देती है ये तराई प्रदेश में उपयुक्त होते है.
  • साहिवाल नस्ल (Sahival breed)-  ये मुख्यतया दूध देने वाले गोधन होते है. जो प्राचीन काल में पंजाब के मध्य तथा दक्षिणी भागों में बहुत बड़ी संख्या में पाले जाते थे. दुधारू होने के कारण इस जाति की गायें बड़ी संख्या में शहरों में ले जाई जाती है.
  • लाल रंग की सिंधी नस्ल (Red colored syndi breed)-  यह नस्ल मूलतः कराची के आस-पास और उसके पूर्व के प्रान्त में पाई जाती है. ये आकार में छोटी होती है. किन्तु इनमे दूध देने की अधिक क्षमता होती है. ये चाहे जहा पल सकती है. ये लाल रंग की होती है और मुह पर गलकंबल में कुछ सफ़ेद धब्बे बहुधा रहते है. इनके कान मध्यम परिमाण के होते है, इनकी खुराक में कम खर्चा लगता है और थोड़ी खुराक में ही अपना स्वास्थ्य अच्छा रख लेती है.
  • सीरी नस्ल (Seri breed-  इस जाति की गाय दार्जलिंग के पर्वतीय प्रदेश में तथा सिक्किम एवं भूटान में पाई जाती है. इनका मूल स्थान भूटान ही माना जाता है. और इस जाति के सर्वोतम गोधन दार्जलिंग लाए जाते है. ये प्राय काले और सफेद अथवा लाल रंग के होते है. इनके शरीर बारह महीनों घने बालो से ढके रहते है. जो पर्वतीय प्रदेशो में कड़ाके की सर्दी और मुसलाधार वर्षा से रक्षा करते है. सीरी जाति के गोधन देखने में भारी होता है. थुहा काफी आगे निकला हुआ और कान बहुधा छोटे होते है. इस जाति के बेलों की बड़ी कद्र होती है.

गाय के दूध के फायदे

आहार शास्त्रियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि मनुष्य केवल गाय के दूध का ही सेवन करता रहे तो शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व उससे मिल जाते है. गो दुग्ध से शरीर अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक अशक्त रोग प्रतिरोधक और क्षमतावान हो जाएगा.

इसमे प्रोटीन 0.94, सिन्ग्धता 1.09, आश्रेव्ताशार 1.6, उष्णांक 1.8 तथा चारों विटामिन 1.25% होता है. गाय के एक पौंड दूध से प्राप्त शक्ति 4 अंडो और 250 ग्राम से अधिक प्राप्त होने वाली शक्ति से अधिक है. भैंस के दूध में चिकनाई अधिक होती है, जिसके कारण वह सुपाच्य नही होता है.

नवजात शिशु ( Cow Milk FOR  Babies)  के लिए माँ के दूध से अतिरिक्त केवल गाय का दूध ही एकमात्र विकल्प है. वह बच्चे के लिए माँ के दूध की तरह ही गुणकारी है. गाय के दूध में क्षार अधिक होते है

और पाचक रसों का पर्याप्त समावेश होता है, जिसे बच्चे का पाचन तन्त्र आसानी से पचा लेता है. माँ के दोध की तरह पोषक दूध देने के कारण ही गाय को माता माना गया है.

वैज्ञानिक विश्लेषण के अनुसार गाय के दूध में 21 प्रकार के अमीनो एसिड, 11 प्रकार के फेटिएसिड, 6 प्रकार के विटामिन, 8 प्रकार के किण्व, 25 प्रकार के धातु तत्व, 2 प्रकार की सुगर, 4 प्रकार के फास्फोरस तथा 19 प्रकार के नाइट्रोजन तत्व उपलब्ध होते है. इसके अलावा कैलिस्यम, फास्फोरस, लोहा, तांबा, आयोडीन,फ्लोरिन, सिकोन आदि मुख्य खनिज गाय के दूध में पाये जाते है.

मुख्य पाए जाने वाले एंजाइम पेरिविक्टेज, रिटक्टेड, लाईरपेज, प्रोटिएज, लोक्टेज, फास्फेटेज, ओलिंनेज, गैटालेज आदि है. विटामिन ऐ, कैरोटिन डीई, टोकोकेरोल, विटामिन बी-1, बी-2, रिबोफ्लोविन, बी-3, बी-4 तथा विटामिन सी है.

आयुर्वेद में गाय के दूध को प्रकृति प्रदत रसायन कहा गया है. जो दुर्बलता हटाकर रोगियों को नवजीवन प्रदान करता है. प्रसव से पूर्व तथा प्रसव के उपरांत स्तन पान काल में माँ के शरीर में होने वाली सभी प्रकार की कमी को गाय के दूध से ही पूरा किया जाता है.

रक्त अल्पता, संग्रहणी, पाण्डुरोग, पित्त तथा क्षय रोगों की औषधि के साथ साथ पथ्य के रूप में गाय के दूध का सेवन करने से शीघ्र लाभ होता है.

गाय के दूध के नित्य सेवन से शरीर मजबूत होता है. कफ, वात जनित रोगों का शमन होता है. यह बल व ओज बढ़ाता है. मस्तिष्क एवं ज्ञान तन्तुओं को पोषण देने में गाय का दूध अनुपम है. यह सभी प्रकार के रोगों एवं वृद्धता का नाश करता है.

डॉक्टर पिल्स ने गाय के दूध पर किये गये परिक्षण में पाया कि गाय कोई विषैला पदार्थ खा लेती है, तो भी उसका प्रभाव उसके दूध में नही आता है. न्यूयोर्क की विज्ञान अकेडमी की बैठक में अन्य वैज्ञानिकों ने भी डॉक्टर पिल्स के इस कथन की पुष्टि की थी.

गाय का वैज्ञानिक नाम क्या है?

भारत में दूध देने वाली अच्छी नस्ल की गाय कौनसी है, हिन्दुओं में गाय को क्या माना जाता हैं.

  • अंतर्राष्ट्रीय पशु दिवस पर निबंध
  • नेतृत्व पर निबंध
  • मेरा परिवार पर निबंध
  • खुशी पर निबंध

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  • निबंध ( Hindi Essay)

essay on cow in hindi

Essay on Cow in Hindi | गाय पर निबंध हिंदी में

Essay on Cow in Hindi

Table of Contents

Essay on Cow in Hindi | गाय पर निबंध हिंदी में {100 Words}

Essay on Cow in Hindi: गाय भारत की एक सबसे अधिक सम्मानित जानवर है, जिसे माँ का दर्जा मिला हुआ है। भारतीय शास्त्रों में लिखा हुआ की गाय में 33 प्रकार के देवताओं का वास होता है।

इसी वजह से गाय को भारत मे पूजा जाता है। गाय का दूध काफी उत्तम माना जाता है। गाँवों में खासकर घर घर मे गाय होती है। यह दिन में दो बार दूध देती है। यदि गाय का दूध छोटे बच्चों को पिलाया जाए तो उनमें स्फूर्ति आती है।

गाय एक बहुत ही संवेदनशील जानवर भी मानी जाती है। यदि घर में किसी तरह का दुख है तो गाय भी अक्सर दुखी नजर आती है। हिन्दू धर्म के लोग गाय माँ की तरह पूजते हैं।

गौ सेवा इस संसार से मुक्ति का द्वार भी माना जाता है इसलिए गाय का महत्व हमारे समाज मे और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

10 Lines On Cow in Hindi

  • गाय एक चार पैरों वाली जानवर है, जिसके दो आँख, दो कान, एक मुँह, दो सींग, एक लंबी पूँछ और 2 आँखे होती है।
  • गाय के चार थन होते हैं , जिनसे दूध निकलता है।
  • भारत मे गाय को माँ का दर्जा दिया गया है , इसीलिए गाय की पूजा की जाती है।
  • गाय एक शाकाहारी जानवर है जो घास, भूसा आदि खाती है।
  • गाय की विभिन्न नस्लें मौजूद है, जो अलग अलग देशो में पाई जाती है।
  • गाय के दूध से विभिन्न प्रकार की मिठाईयां बनती है।
  • गाय एक अहिंसक और सामाजिक जानवर है।
  • भारत मे गौ पालन का विशेष महत्व है इसलिए गाय पाला जाता है।
  • गाय के लिए गौ शालाएं भी खुलवाई जाती है जहाँ आवारा गायों को रखा जाता है।
  • गाय के गोबर का उपयोग ईंधन के रूप में भी किया जा सकता है।

5 Sentences About Essay On Cow in Hindi

  • गाय के गोबर का उपयोग जैविक खाद के रूप में किया जाता है।
  • गौ मूत्र का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
  • मादा गाय साल भर में 1 बच्चे को जन्म देती है।
  • नर गाय को बैल कहा जाता है।
  • एक स्वस्थ गाय 18-20 वर्ष तक जिंदा रहती है।

Essay on Cow For Class 1 in Hindi (150words)

प्रस्तावना .

हमारे समाज मे गाय को एक विशेष स्थान दिया गया है। ये एक पूज्यनीय जानवर है, जिसका महत्व बहुत ज्यादा है। गाय न सिर्फ आध्यात्मिक रूप से बहुत अहम जानवर है बल्कि गाँवों की अर्थव्यवस्था में भी बहुत अहम किरदार निभाती है।

गाय की संरचना.

गाय एक चतुष्पदी जानवर है। सभी चतुष्पदी जानवरों की तरह इसके भी चार पैर रहते हैं। दो आँखें, दो कान और एक मुँह के अलावा गाय के सिर में दो सींग होती है, जिससे वो अपनी सुरक्षा करती है।

गाय में एक उदर होता है जो काफी बड़ा होता है। शरीर के पिछले हिस्से पर एक लंबी पूछ होती है,जिसकी सहायता से वो अपनी सफाई करती है।

गाय जुबाली भी करती है। यानी कि पहले वो खा लेती है, जो उसके पेट मे चला जाता है। इसके बाद पेट मे गए भोजन को दोबारा गाय खिंचती है और फिर से चबाती है।

यदि गाय जुबाली करती है तो इसका मतलब है कि वह स्वस्थ है। यदि गाय जुबाली नही करती तो गाय बीमार है।

गाय एक बहुत ही फायदेमंद जानवर है। इसका दूध पीने से छोटे बच्चो में फुर्ती आती है और दिमाग तेज होता है।

Short and Long Essay on Cow in Hindi (300words)

गाय एक सी पशु है जिसको माँ का दर्जा दिया गया है। खासकर यदि भारत मे मौजूद हिन्दू समुदाय की बात करें तो गाय उनकी आस्था का केंद्र है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में लिखा हुआ है कि गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास रहता है।

यदि कोई व्यक्ति अपने जीवनकाल में गाय की सेवा करता है और उनका खयाल रखता है तो मृत्यु के उपरांत उसे भवसागर से मुक्ति मिल जाती है।

गाय से प्राप्त चीजों की उपयोगिता.

गाय से हमें गोबर, गौ मूत्र, दूध, दही, मक्खन, छाछ और आदि मिलता है, जिनका अलग अलग उपयोगी होता है।

गाय से मिलने वाली सभी चीज़े उपयोग में आती है। इसी वजह से प्राचीन काल से ही गाय हमारे जीवन का हिस्सा रही है।

गाय के गोबर से गोबर गैस बनाई जा सकती है। साथ ही गोबर की खाद भी बना सकते हैं, जिसे खेतों में डालने के बाद उनकी उर्वरक क्षमता बढ़ती है, और किसी तरह का नुकसान भी नही होता।

जब गाय बनी हमारे जीवन का हिस्सा.

हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। ऐसे में किसानों को किसी ऐसे जानवर की जरूरत थी जो उनके साथ रह भी सकें और उनकी जरूरतें पूरी कर सकें।

इस जगह पर गाय सबसे उपयुक्त रही क्योंकि खेतों की फसल के बाद जो अतिरिक्त कचरा बचता था, वह गाय खा सकती थी।

साथ ही खेतों में घास भी मिल जाती थी, जिससे उनका भरण पोषण हो जाता था। गाय की एक और सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये बहुत ही शांत स्वभाव की होती है। उनसे किसी को कोई खतरा नही होता है। इस वजह से किसी को गाय पालने में भी दिक्कत नही होती है।

गाय का महत्व बहुत ज्यादा है। हम सब गाय को पूजते हैं, उन्हें माँ का भी दर्जा देते हैं लेकिन धरती का यह खूबसूरत जीव कभी कभी धार्मिक विवादों का केंद्र बन जाता है और इंसानों की इस लड़ाई में बेवजह इस जानवर से अच्छा व्यवहार नही किया जाता।

इसलिए यह समझना बहुत जरूरी है कि जानवरों में भी जान होती है और उन्हें भी दर्द होता है। जानवरों के भी अधिकार है और उन्हें उन अधिकारों से वंचित नही करना चाहिए।

Essay on Cow in Hindi (1000words)

वैसे तो हर एक जानवर बहुत ही प्यारा होता है लेकिन सभी मामलों में गाय को शास्त्रों में एक विशेष स्थान दिया गया है। गाय वह जानवर है जिनकी पूजा होती है और घर मे बनी पहली रोटी गाय को देने के लिए कहा जाता है।

शास्त्रों में इस लिखा है कि गाय जन्म उस वक़्त हुआ था जब देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन चल रहा है। समुद्र मंथन से कई चीज़े निकली थी, जिनमे से एक गाय भी थी।

गाय के सभी प्रकार

गाय भी अलग अलग प्रकार की होती है, जैसे कि हमारे देश मिलने वाली देश गाय कद में छोटी होती है वही दूसरे देशों की गाय का कद बड़ा होता है। रंग-रूप,कद-काठी और दूध देने की क्षमता के आधार पर गाय को कई अलग अलग वर्गों में विभाजित किया गया है:-

साहीवाल प्रजाति की गाय गाय

साहीवाल गाय का जन्म पाकिस्तान के साहीवाल में माना जाता है। यह गाय देशी नस्ल की सभी गायों की तुलना में सबसे ज्यादा दूध देती है।

यदि इस गाय को सही भोजन दिया जाए तो यह प्रतिदिन 18-20 लीटर दूध देने में सक्षम है। इस गाय की कीमत भारत मे 40,000-60,000 रु. तक रहती है।

भारत मे यह गाय मुख्य रूप से हरियाणा, पंजाब में मिलती है। जो दूध का व्यापार करते हैं उन्हें यह गाय बहुत ही ज्यादा पसंद आती है।

गीर प्रजाति की गाय

ये भी भारतीय मूल की ही गाय है जो दक्षिण भारत के कठियाबाद में मुख्य रूप से मिलती है। एक वयस्क गाय प्रतिदिन 12 लीटर से भी ज्यादा दूध दे सकती है। ऐसी इन गायों की उम्र अधिकतम 15 वर्ष तक होती है।

अपने पूरे जीवनकाल में ये गायें 10-12 बच्चों को जन्म देती है। देशी नश्ल की ये गायें भी बहुत दुधारू मानी जाती है और दूध का व्यापार करने वाले लोग अधिकतर इन्ही को पालते हैं।

लाल सिंधी प्रजाति की गाय.

यह गाय पंजाब के सिंध प्रांत में मिलती है इसलिए इसके नाम के सिंधी शब्द जुड़ा है। इसका रंग गहरा लाल होने की वजह से लाल सिंधी गाय कहा जाता है।

यह गाय साल में औसतन 1600 लीटर दूध दे ही देती है। इस वजह से इसे भी दुधारू गाय माना जाता है। इसका शारीरिक आकार भी औसत ही होता है।

राठी नस्ल, कांकरेज, थारपरकर प्रजाति की गाय.

यह गाय मुख्य रूप से राजस्थान में मिलती है। यह भी एक देशी नश्ल की दुधारू गाय मानी जाती है, जो प्रतिदिन 6-8 लीटर दूध दे ही देती है।

इन्ही गायों के ऊपर एक यूनिवर्सिटी में शोध हुआ था, जिसमे इनके खान पान पर विशेष ध्यान देने के बाद इनकी दूध देने के क्षमता दोगुना से भी ज्यादा हो गई थी।

कंगायम प्रजाति की गाय.

इस प्रजाति की गायें दक्षिण भारत के कोयंबटूर में अधिक पाई जाती है। एक बार जब ये गायें दूध देना शुरू कर देती है तब से लेकर 12 साल तक दूध देती है। इस नश्ल की गायें बहुत ही ज्यादा फुर्तीली होती है।

मेवाती प्रजाति की गाय

इस प्रजाति की गाय मुख्य रूप से हरियाणा राज्य में मिलती हैं। इन गायों के पैर लंबे होते हैं साथ ही गिर जाति के गायों से इनके कुछ लक्षण मिलते जुलते है। ऐसी गायें दुधारू मानी जाती है जो कम से कम 12 वर्षों तक तो दूध देती ही है।

गाय का महत्व (Importance of Cow in Hindi)

भारत मे गाय को बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है,खासकर गाँवों में। कई लोगो के जीविका का आधार ही गाय होती है। वो गायों से मिलने वाले दूध को बेचते हैं और पैसे कमाते हैं। इसके अलावा भी गाय के कई महत्व है.

गाय का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व (Religious and spiritual importance of Cow)

भारत मे गाय सिर्फ एक जानवर नही है बल्कि करोड़ो हिंदुओ के लिए आस्था का केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का निवास होता है। गाय जिस भूमि पर कदम रख देती है वह भूमि पवित्र हो जाती है। गाय को पवित्रता का प्रतीक माना गया है। साथ ही गाय सबसे पवित्र जानवर भी है।

भारत मे कई ऐसे त्यौहार है जहाँ जब न सिर्फ गायों की पूजा होती है बल्कि साथ बैल भी पूजे जाते हैं। दीपावली के पहले भगवान धनवंतरी के साथ गाय को भी पूजा जाता है।

वही श्रावण मास के आखिरी में बैल को भी पूजा जाता है। गायों का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है। जब कोई व्यक्ति अपनी मृत्युशैया पर होता है तब उसके हाथों से गौदान करवाया जाता है।

इसके पीछे मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्मा को रास्ता दिखाने का काम गाय ही करती है। हमारे रसोई में बनने वाली पहली रोटी गाय को ही दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि पहली रोटी गाय को देने से रसोई में माँ अन्नपूर्णा का निवास हमेशा बना रहता है।

कृषि क्षेत्र में गाय का महत्व (Importance of Cow in Agriculture)

किसी एक गाय को कुल गोबर 5 एकड़ भूमि को उर्वरक बना सकता है, साथ मे गौमूत्र 10 एकड़ भूमि से कीट-पतंगों का सफाया कर सकते हैं। गाय के गोबर और मूत्र से जो खाद बनती है वह न सिर्फ भूमि की उर्वरक छमता को बढ़ाती है बल्कि साथ पानी का खपत भी कम होता है। खेतों में गोबर की खाद डालने से 5 गुना कम पानी की जरूरत पड़ती है।

गाय के दूध से बनने वाले उत्पाद का महत्व (Importance of Cow’s Milk Product)

गाय के दूध से बनने वाले उत्पादों का महत्व न सिर्फ भारत मे है बल्कि पूरी दुनियाँ में है। गाय के दूध से घी, दही, छाछ, पनीर आदि चीज़े बनती है जो न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिहाज से तो बहुत अच्छी है ही साथ मे लोगो को रोजगार भी उपलब्ध कराती है।

भारत जैसे देश में जहाँ हर माह कोई न कोई त्यौहार जरूर आता है, मिठाई की खपत बहुत ही ज्यादा होती है। जिन लोगो के पास पास अच्छी मिठाई बनाने का हुनर है वो अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

गाय के गौ मूत्र का महत्व (Importance of Cow Urine)

भारतीय आयुर्वेद (Essay on Cow in Hindi) में गौमूत्र का बहुत अधिक महत्व है। इसमे कई ऐसी दवाइयों का जिक्र किया गया है जिसमे गौमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है।

खासकर त्वचा से संबंधित बीमारियों को दूर करने के लिए गौमूत्र बहुत ही ज्यादा उपयोगी है।

महाभारत के नकुल को गौमूत्र से जुड़ी कई उपाय मालूम थे जिनका जिक्र मिलता है। इसमे बताया गया है कि यदि किसी जहरीली वस्तु को 3 से 7 दिन गौ मूत्र में रखा जाए तो उसका जहर खत्म हो जाता है।

इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि गौ मूत्र को यदि पूरे घर मे छिड़का जाए तो इससे घर मे शुद्धता आती है।

गाय के गोबर का महत्व (Importance of Cow Dung)

गाय के गोबर (Essay on Cow in Hindi) का उपयोग लोग ईंधन के तौर पर भी करते हैं। गोबर के कंडों से गाँव मे भोजन बनता है। गोबर की मदद से ही गोबर गैस और गोबर की खाद बनती है। गोबर की खाद खेतों में डालने से इसकी उर्वरक क्षमता में काफी इजाफा होता है।

गोबर के कंडे जलाने से वातावरण में मौजूद कीटाणुओं का खात्मा होता है साथ ही वातावरण का तापमान संतुलित रहता है। 1984 में जो भोपाल गैस हादसा हुआ था, उसमे करीब 20,000 से भी ज्यादा लोगो की मृत्यु हो गई थी, जिनके घर मे गोबर से छपाई हुई थी, वो सभी बच गए थे।

गाय की घी का महत्व.

जिस तरह से पीपल का पेड़ स्वच्छ ऑक्सीजन देता है, जबकि बाकी अभी पेड़ Co2 छोड़ते हैं,ठीक उसी तरह घी से भी ऑक्सीजन मिलता है। यदि हम गाय के जलते हुए कंडे में एक चम्मच घी भी डालते हैं तो 1 टन ओसिज़न पैदा होती है। इसी वजह से हवन करते वक़्त गाय के गोबर से बने कंडे और घी से हवन किया जाता है।

गाय एक ऐसा जानवर जो बहुत उपयोगी है। उसके द्वारा हमें जो भी मिलता है वो सब कुछ हमें फायदा ही पहुचाता है। लेकिन फिर भी गायों की स्थिति उतनी अच्छी नही है।

खासकर शहर की गायें, सड़क की गायें पन्नी, कागज खाती है जिससे उनके पेट मे ये सब जमा हो जाता है और फिर इसकी वजह से इनकी मृत्यु हो जाती है। इस पर कुछ ध्यान देना जरूरी है।

कामधेनु गाय से संबंधित प्रचलित कहानी.

ऐसा कहा जाता है प्रथम गाय कामधेनु गाय थी जिसका जन्म समुद्र मंथन से हुआ था। कामधेनु गाय से जो भी मांगा जाता है वह मिल जाता था।

कामधेनु गाय सभी की इच्छा पूर्ति करने वाली थी। इसी वजह से हर कोई कामधेनु गाय को पाना चाहता था। लेकिन कोई पा नही सका।

कामधेनु गाय के बारे में एक कथा बहुत ही ज्यादा प्रचलित है। एक बार सहस्त्रार्जुन ऋषि जमदग्नि के आश्रम गए। ऋषि के पुत्र परशुराम थे। ऋषि ने राजा और उसकी विशाल सेना का पूरे दिल से स्वागत किया।

सभी सेना के लिए भोजनादि का प्रबंध किया। लेकिन राजा यह देखकर हैरान था कि सेवकों की संख्या भी ज्यादा नही है फिर भी इतना जल्दी सब कुछ कैसे हो रहा है।

तब राजा को पता चला कि ऋषि के पास एक गाय है जो इच्छा पूर्ति कर देती है। गाय के बारे में सुनते ही राजा के मन मे गाय लेने की लालसा जाग उठी। उसने तुरंत ऋषि से गाय लेने की इच्छा जाहिर की लेकिन ऋषि ने यह कहते हुए मना कर दिया कि आश्रम में ज्यादा सेवक नही है।

लेकिन राजा को तो ले ही जाना था। इसलिए उसे गुस्सा आ गया और उसने ऋषि का आश्रम तहस नहस कर दिया और जबरजस्ती गाय ले जाने की कोशिश करने लगा।

लेकिन वह ऐसा कर नही पाया और गाय स्वर्ग चली गई। इसके बाद जब भगवान परशुराम आये और यह सब देखा तो उन्हें बहुत गुस्सा आया और उन्होंने सहस्त्रबाहु को मारने का संकल्प किया।

इसके बाद वो सहस्त्रबाहु ही नगरी उसे मारने के लिए निकल पड़े। उसके बाद सहस्त्रबाहु अर्जुन और भगवान परशुराम के बीच भीषण युद्ध हुआ, जिसमे परशुराम को विजयी प्राप्त हुई। इस युद्ध मे सहस्त्रबाहु को परशुराम ने कई टुकड़ों में काट दिया था।

गौ माता के उद्धरण ( Gau Mata Quotes in Hindi)

गाय का मान ही राम का मान है। राम का जन्म गौ का ही वरदान है॥ गाय के वंश से भूमि हँसती सदा। गाय में राष्टृ की शान वसती सदा॥ गोबर से उर्वरा धरती को करती हैं। चमड़ी भी अपनी हमको अर्पित करती हैं॥ रोम-रोम जिनका करता है उपकृत हमको। दूध-दही-घृत से पूरित करती जीवन को॥

खेतों में इसके गोबर से, हम सोना उपजायें। भारत की पावन भूमि से, कटता गोवंश बचायें॥ गोरक्षा कर कृष्ण चन्द्रजी, गोवर्धन, गोपाल कहलाये। गोरूपी पृथ्वी की पुकार सुन, प्रभु श्रीराम जन्म ले आये॥

(Essay on Cow in Hindi) जब गाय नहीं होगी, गोपाल कहां होंगे। हम सब इस दुनियाॅ में, खुशहाल कहाॅ होंगे॥ जब गाय नहीं होगी……. सिंगो पर गऊ माॅ ने; सृष्टि ये धारी है। भोले शिवशंकर की, नन्दी पे सवारी है। नन्दी के बिना भोले, असवार कहाॅ होंगे॥ जब गाय नहीं होगी……. हत्या कर परोस देते हैं तन थाली में। रक्त बहा देते हैं माता का नाली में॥ चलो करें संकल्प बंद हो इनकी ह्त्या। वरना पाप डंसेगा हमको बनकर कृत्या॥

सब वेद पुराण गाय की महिमा गाते है, गाय की रक्षा करने स्वयं भगवान आते है .

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गाय पर निबंध (Essay On Cow In Hindi)

गाय पर निबंध (Essay On Cow In Hindi)

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गाय पर सबसे आसान 5 लाइन (5 Lines On Cow In Hindi)

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गाय एक बहुत सीधी-साधी और सबकी प्रिय पालतू जानवरों में से एक है, जो बिना किसी को नुकसान पहुंचाए हम मनुष्यों को कई प्रकार से लाभ पहुंचाती है। गाय के चार पैर, दो सींग, दो आंखें और दो कान, मुंह और एक पूँछ होती है। यह भोजन के रूप में घास खाती है। गाय हमें दूध देती है जिससे हम ताकतवर बनते हैं। हिन्दू धर्म में गाय को एक माँ का दर्जा दिया गया है। गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है।

स्कूल में बच्चों को मेरी गाय पर निबंध लिखने के बारे में अक्सर पूछा जाता है, यहाँ हम आपको सबसे आसान शब्दों में गाय पर लेख लिखने के बारे में बताने वाले हैं। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6 के बच्चों के लिए यह निबंध सबसे उपयोगी होगा। तो आइए देखते हैं:

गाय हमारी माता होती है, और इसपर निबंध लिखना सबसे आसान होता है। तो आइए, मेरी गाय पर 5 छोटे व आसान वाक्य लिखना सीखते हैं:  

  • गाय एक पालतू जानवर है।
  • गाय के 4 पैर, 2 सींग और एक पूंछ होती है।
  • दुनिया में कई प्रकार के रंगों की गाय पाई जाती हैं।
  • गाय शांत स्वभाव की होती है।
  • गाय घास, पत्ते और हरी सब्जियां खाती है।

गाय का उल्लेख तो वेदों और पुराणों में भी किया गया है। गाय को पालतू जानवरों में सबसे ऊँचा स्थान प्राप्त है। गाय में बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए नीचे 10 आसान पंक्तियों को पढ़ें। यह कक्षा 1 के बच्चों में लिए संक्षेप में लिखा गया है। यदि आपको 100 शब्दों में गाय पर छोटा निबंध भी जानना है तो नीचे दी गई 10 लाइन की पक्तियों को पढ़ें।

  • गाय हमारी माता होती है।
  • गाय का एक बड़ा शरीर, चार पैर, दो सींग, दो आँखें और एक पूँछ होती है।
  • ये शुद्ध शाकाहारी जानवर है।
  • गाय के बच्चे को बछड़ा कहते हैं।
  • भारत में गाय की 30 से भी ज्यादा नस्लें पाई जाती हैं।
  • हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है।
  • गाय एक बहुत वफादार जानवर है।
  • गाय हमें दूध देती है।
  • गाय के दूध में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

गाय से मिलने वाले विभिन्न लाभ केवल इसे पूजनीय नहीं बनाते बल्कि इनमें सारा ब्रह्मांड समाया है। अगर आप ध्यान दें तो पाएंगे कि हर शुभ काम के लिए गाय से प्राप्त हुई चीजों का उपयोग होता ही है। अगर आपको हिंदी में गाय पर शॉर्ट कम्पोजिशन या पैराग्राफ लिखना है तो इस एस्से को पढ़े:

गाय हमारी माता है, जिन्हें हिन्दू धर्म में पूजा जाता है। खेती, परिवहन और अनेक प्रकार से मानव विकास में गाय की एक अहम भूमिका रही है। गाय के चार पैर, दो सींग, एक नाक, दो आँखें, दो कान और एक पूंछ होती है। गाय एक शाकाहारी जानवर है, जो घास और पत्तियों खाती है। गाय हमें दूध देती है जिससे हमारी हड्ड़ियां मजबूत होती है। गाय के दूध से हम विभिन्न डेयरी उत्पाद जैसे पनीर, क्रीम, दही, घी, मिठाई आदि तैयार करते हैं। गाय के दूध में प्रोटीन भरपूर पाया जाता है। गाय का दूध दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है और साथ ही यह कई प्रकार में भी उपलब्ध है। गाय स्वभाव की सीधी और मेहनती जानवर है। किसान खेतों में फसलों की कटाई और जमीन की जुताई के लिए इनकी सहायता लेते हैं। इतना ही नहीं इनके गोबर का इस्तेमाल गांवों में ईंधन और खाद के तौर पर भी किया जाता है। आज के समय में विज्ञान की मदद से गाय के गोबर से बायोगैस बनाई जाती है, जिसका उपयोग स्थायी ऊर्जा स्रोत का उत्पादन करने के लिए किया जा रहा है।

गौमाता हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करती है। इनसे हमें अनेकों फायदे मिलते हैं। इसका हमारे समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। हम सभी को गाय के पौराणिक और सामाजिक महत्व को समझना चाहिए और उनका हमेशा सम्मान करना चाहिए।

गाय पर निबंध 200-300 शब्दों में

हम सब जानते हैं कि गाय अनेक प्रकार से सब को लाभ प्रदान करती और हमे उनकी इस निस्वार्थ सेवा का आभारी होना चाहिए। यह न सिर्फ किसानों के लिए मददगार साबित होती है, बल्कि इसके द्वारा दिए गए दूध से कई सारे लोगों को रोजगार मिलता है। अगर आपके बच्चे की पसंदीदा जानवर गाय है और वो गाय पर लेख लिखना चाहता है तो उसके लिए 400 से 600 का निबंध दिया गया है। आइए देखते हैं:

गाय क्या है? (What is Cow?)

गाय एक पालतू जानवर है। यह हमारे समाज में सम्मानित जानवरों में से एक मानी जाती है। गाय को इंसानों के लिए सबसे उपयोगी प्रजातियों में से एक माना जाता है और देश के सभी हिस्सों में इसकी पूजा भी की जाती है। गाय हमे दूध देती है, जिसका उपयोग दही, पनीर, घी, आदि सहित कई प्रकार के उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है।

गाय की भूमिका? (Role of Cow)

गाय को हिन्दू धर्म में ‘गौ माता’ कहा जाता है और उनकी पूजा भी होती है। बात करें लोगों के जीवन में गाय की क्या भूमिका है तो गाय हमें दूध देती है। दूध से मिलने वाले कई फायदे हैं, जो इंसान के मानसिक और शारीरिक विकास लिए बेहद जरूरी है। दूध में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जिससे इंसान के शरीर को लाभ होता है। गाय सिर्फ हमे दूध या उससे बने उत्पाद ही नहीं प्रदान करती है बल्कि ये हमारी खेती को सफल बनाने में कई प्रकार से भूमिका निभाती है, चाहे वो गोबर से खाद बनाना हो या या जमीन की जुताई कर के उसे अधिक उपजाऊ बनाना हो।

गाय के प्रकार और रंग (Types of Cow and their Colors)

भारत में लगभग 30 तरीके की गाय की नस्लें पाई जाती है। सभी गाय मूल रूप से तीन से चार रंगों में पाई जाती है जिनमें काली, लाल, भूरी या सफेद शामिल है।

गाय के लाभ (Benefits of Cow)

गाय के गोबर और गौ मूत्र के कई फायदे हैं। ये दोनों चीजें कीटनाशक, कवकनाशी दवाएं बनाने में मदद करती हैं। इसके साथ गाय का दूध भी बहुत फायदेमंद होता है, यह कई तरह के डेरी उत्पादों को बनाने में मदद करता है।

गाय का महत्व (Importance of Cow)

गाय का इंसान के जीवन में बहुत अहमियत है। हमारे इस्तेमाल के लिए गाय अनाज एकत्र करने के बाद बचे पौधे के हिस्सों को खा सकती हैं जो उसका चारा होता है। किसान और कंपनियां उप-उत्पादों के लिए भुगतान न करके इस तरह से पैसे बचा सकते हैं और उन्हें पशु चारा के रूप में बेचकर पैसे भी कमा सकते हैं।

गाय का धार्मिक महत्व (Religious Importance of Cow)

गाय को हिंदू पौराणिक कथाओं में पवित्र माना जाता है। सदियों से, हिंदुओं द्वारा इसे देवी की तरह पूजा जाता रहा है। हिंदू अक्सर गाय को “गौ माता” के रूप में भी संदर्भित करते हैं जिसका अर्थ है गाय माता क्योंकि वे जिस प्रकार हमें लाभ पहुंचाती है वे केवल एक माँ ही कर सकती है। गाय देवी समान है और इसलिए उन्हें मारना पाप माना जाता है।

गाय की शारीरिक बनावट (Body Structure of a Cow)

गाय का शरीर बड़ा होता है। इसके चार पैर, दो आंखें-कान, नाक, मुंह, दो सींग और एक पूंछ होती है।

गाय की उपयोगिता (Utility of Cow)

  • भारत में गायों को पवित्र माना जाता है और उनके दूध का बड़ी मात्रा में सेवन किया जाता है।
  • यह खेती करने के लिए उपयोगी है।
  • सामान लाने ले जाने में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है।
  • गाय का घी बच्चों के दिमाग के विकास में मदद करता है।
  • यह दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।

गाय का उपसंहार (Cow’s Epilogue)

गाय हमें दूध, घी व अन्य सेवाएं देती है। बदले में मानव प्रजाति उसको सिर्फ कष्ट दे रही है। हम गाय सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं जिससे वे प्लास्टिक और अन्य जहरीले पदार्थो का सेवन कर लेती हैं और बीमार हो जाती हैं जो अक्सर उनकी मृत्यु का कारण भी बन जाता है। जिसका प्रतिकूल प्रभाव कहीं न कहीं हमारे ऊपर भी पड़ता है।

गाय की वर्तमान स्थिति (Current Status of Cow)

बदलते समय में केवल नाम मात्र गाय हमारी माता है लेकिन यह दुखद बात है कि हमारी ओर से मिलने वाली सेवा एक माँ को मिलने वाली सेवा के सामान नहीं है। जब गाय से मिलने वाले दूध व अन्य उत्पाद से समस्त मानव लाभ उठाता है तो उसका खयाल रखने के लिए भी समस्त मानव प्रजाति को एक जुट होना होगा। कोई भी गाय बेसहारा सड़कों पर न घूमे ताकि उन्हें सड़क दुर्घटना और जहरीले पदार्थों से बचाया जा सके और उसके लिए उनके रहना खाने की वयवस्था होनी चाहिए। इसके लिए हम सबको एक साथ आना होगा। कई ऐसे लोग भी हैं जो गाय के माध्यम से अपनी रोजी रोटी भी चला रहे हैं उनके लिए यह मदद करेगा।

  • गाय आपको 6 मील दूर से सूंघ सकती हैं।
  • गाय एक अच्छी तैराक होती हैं।
  • गाय का चार भाग में पेट होता है।
  • गाय प्रतिदिन 40 गैलन तक लार का उत्पादन कर सकती हैं।
  • गाय लगभग 360 डिग्री तक देख सकती है।

गाय से जुड़े ऐसे काई सवाल होंगे जो आप जानना चाहते होंगे। आइए देखते हैं आखिर वह प्रश्न कौन से हैं।

1.   गाय का गोबर कैसे उपयोगी है?

गाय के गोबर कीटनाशक, कवकनाशी दवाएं बनाने में मदद करती हैं।

2.   क्या गाय पालतू जानवर है?

जी हाँ, गाय एक पालतू जानवर है और लोग इसे घरों में पालते हैं।

3.   गाय के दूध में क्या पाया जाता है?

गाय के दूध में फॉस्फोरस, कैल्शियम, विटामिन डी और बी और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते है।

4.   गाय को माता क्यों माना जाता है?

हिन्दू धर्म में गाय को पवित्र और शुभ माना जाता है, इसलिए इन्हे माँ का दर्जा दिया है। कई जगह पर इनकी पूजा की जाती है और बच्चे इन्हे गौ माता कहते है।

5.   गाय कितने साल तक जीती है?

गायों की औसत उम्र 15 से 20 साल होती है।

अगर आपका बच्चा क्लास 1 या 2 में है और उसे गाय पर पैराग्राफ, कुछ लाइन्स, निबंध या हिंदी में एस्से लिखना है तो इस लेख में दिए गाय पर अनुच्छेद से आपके बच्चे को न केवल अच्छा लिखना आएगा बल्कि उसको गाय से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी भी प्राप्त होगी।

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गाय पर निबंध | Essay on Cow in Hindi | गाय का महत्व | Importance of Cow

लघु निबंध –.

भारत में गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है तथा गाय को माता का दर्जा दिया गया है। पुराणों में वर्णन है कि गाय माता के अंदर 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है। भारतीय संस्कृति में गाय का महत्व अत्यधिक है। गाय शुध्द शाकाहारी होती है तथा हरी घास, अनाज, चारा आदि चीजें खाती हैं। हर देश में गाय भिन्न-भिन्न रंग-रुप और आकार की होती है। भारत देश में प्रायः छोटे कद वाली गाय देखने को मिलती है। गाय के चार पैर, दो सींग, दो कान और एक लम्बी पूंछ होती है।

भारत देश में आर्थिक व्यवस्था का मुख्य आधार कृषि उत्पादन और पशुपालन ही है, जिसमें गाय का महत्वपूर्ण स्थान है। गाय हमें दूध देती है, जिससे दही, पनीर, घी, मक्खन और कई प्रकार के मिष्ठान बनाए जाते हैं। गाय का दूध छोटे बच्चों के लिए बहुत ही उपयोगी माना गया है।

गाय का गोबर उपले बनाने में, खाद व ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। मृत्यु के बाद भी गाय बहुत उपयोगी होती है | गाय की खाल को चमड़े बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, इसलिए हम कह सकते हैं कि गाय का पूरा शरीर हमारे लिए उपयोगी है।

इतनी उपयोगी होने के बावजूद भी गाय की वर्तमान दशा बहुत ज्यादा ख़राब है। भारत में, बहुत सारी गाय ऐसी हैं, जिनका ध्यान नहीं रखा जाता है। उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया जाता है जिससे वे कई बीमारियों से प्रभावित हो जाती हैं तथा इनकी मृत्यु तक हो जाती है। गायों को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए लोगों को कुछ उपाय भी करने चाहिए, जैसे कि आवारा गायों को भोजन और आश्रय देना आदि। सरकार ने इन आवारा गायों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं, उन्होंने ‘गौशालाओं’ नामक कई स्थानों की स्थापना की है, जहाँ गायों को रखा जाता है।

गाय पर निबंध | Essay on Cow in Hindi

विस्तृत निबंध –

प्रस्तावना –.

भारत में गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है तथा गाय को माता का दर्जा दिया गया है। कहते हैं कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है।पुराणों में उल्लेख है कि कामधेनु गाय समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी। अतः गायों की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान मानी जाती है। हमारे यहाँ गाय को पालने का चलन बहुत पुराना है। जिस घर में गाय का वास होता है उस घर के सारे वास्तु-दोष अपने आप खत्म हो जाते हैं।

हर मंगल कार्यों में भी गाय के द्वारा प्राप्त चीजों, घी आदि) का ही अत्यधिक प्रयोग होता है। यहाँ तक कि गाय के उत्सर्जी पदार्थ (गोबर, मूत्र) का भी इस्तेमाल किया जाता है। इन तत्वों का औषधिय महत्व भी है। बहुत सारी दवाईयों को बनाने में घी और गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है। गाय शुध्द शाकाहारी होती है तथा हरी घास, अनाज, चारा आदि चीजें खाती हैं। भारतीय घरों में घर की पहली रोटी गौमाता को अर्पित की जाती है।

गाय की संरचना तथा प्रकार –

हर देश में गाय भिन्न-भिन्न रंग-रुप और आकार की होती है। सबका कद, आकार, रंग अलग-अलग होता है। भारत देश में प्रायः छोटे कद वाली गाय देखने को मिलती है। ज्यादातर गाय काली, सफेद या चितकबरे रंग की देखने को मिलती है। गाय के चार पैर, दो सींग, दो कान और एक लम्बी पूंछ होती है। गाय की पूंछ के निचले हिस्से में ढेर सारे बाल होते हैं। ये बाल बहुत रंग के होते हैं, जिनमें लाल रंग के साथ काले, भूरे और सफेद रंग के बाल होते हैं।

कई देशों में बिना सींग वाली गाय भी पाई जाती हैं। गाय के जबड़े में सिर्फ नीचे के हिस्से में ही दांत होते हैं। गाय के पैरों के खुर अलग-अलग होते हैं। गाय की आँखें बड़ी-बड़ी व खूबसूरत होती हैं। संसार में गाय की बहुत सी नस्लें पाई जाती है, परन्तु भारत में मुख्यत: साहिवाल, गिर, थारपारकर, लाल सिंधी, मेवाती आदि प्रजातियां पाई जाती हैं।

गाय का धार्मिक महत्व –

हिन्दुओं के धार्मिक त्यौहारों पर गाय आज भी पूजा की जाती है। भगवान श्री कृष्ण के जीवन में भी गाय का अत्यधिक महत्व रहा है। भगवान श्रीकृष्ण का बचपन गाय और ग्वालों के बीच ही बीता है। इसलिए भगवान श्री कृष्ण को लोग गोविंदा व गोपाल कहकर बुलाते थे, जिसका अर्थ है, गायों का रक्षक व दोस्त।

पुराणों में वर्णन है कि गाय माता के अंदर 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है | इन्ही धार्मिक मान्यताओं के कारण भारत देश में गाय को पूजा जाता है। बहुत से लोग किसी भी जरूरी काम को करने से पहले गाय के दर्शन करना बहुत ही शुभ मानते हैं। इसलिए गाय को गौ माता भी कहते है। भारत में गाय को एक परिवार के सदस्य की तरह ही माना जाता है। प्राचीनकाल में गायों की संख्या से व्यक्ति की संपन्नता का पता चलता था।

गाय के लाभ एवं विशेषता –

भारत देश में आर्थिक व्यवस्था का मुख्य आधार कृषि उत्पादन और पशुपालन ही है, जिसमें गाय का महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे यहाँ गाय को अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी के समान माना गया है। गाय हमें दूध देती है, जिससे दही, पनीर, घी, मक्खन और कई प्रकार के मिष्ठान बनाए जाते हैं। गाय का दूध छोटे बच्चों के लिए बहुत ही उपयोगी माना गया है। यह दूध मां के दूध की तरह पचने में हल्का, स्वास्थ्यवर्धक और दिमाग को तेज कर, याद शक्ति बढ़ाने वाला होता है। बच्चों के साथ-साथ रोगियों के लिए भी डॉक्टर गाय के दूध को पीने की सलाह देते हैं। गाय का घी हवन-पूजन आदि में प्रयोग किया जाता है और हवन से निकला धुआं वातावरण को शुध्द कर देता है। इसलिए वैज्ञानिक भी इसके गुणों का बख़ान करते हैं।

गाय एक मादा प्राणी है जो 9 या 10 महीने के बाद बछड़े को जन्म देती है। जब उसका बछड़ा बड़ा हो जाता है तो बैल बनकर कृषि के काम आता है। गाय का गोबर उपले बनाने में, खाद व ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। गाय के मूत्र का प्रयोग कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों के लिए औषधियों के रूप में भी किया जाता है। मृत्यु के बाद भी गाय बहुत उपयोगी होती है। गाय की खाल को चमड़े बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। लोग इसका इस्तेमाल तलवे, जूते, कार की सीट, बेल्ट आदि बनाने के लिए करते हैं, इसलिए हम कह सकते हैं कि गाय का पूरा शरीर हमारे लिए उपयोगी है। गाय एक बहुत ही वफादार जानवर है। भूख लगने पर भी यह दूध देती है।

गाय की वर्तमान दशा –

इतनी उपयोगी होने के बावजूद भी गाय की वर्तमान दशा बहुत ज्यादा ख़राब है। भारत में, बहुत सारी गाय ऐसी हैं, जिनका ध्यान नहीं रखा जाता है। उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया जाता है जिससे वे कई बीमारियों से प्रभावित हो जाती हैं। शहर में प्लास्टिक की थैली का उपयोग बहुत अधिक होता है, जिसे लोग इधर-उधर फेंक देते हैं और गाय उसे खाना समझकर खा लेती है जिससे कि उसकी मृत्यु तक हो जाती है। भारत देश में गौ हत्या एक पाप माना जाता है। फिर भी कुछ लोग गायों का मांस बेचा और खाया करते हैं। जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे चंद पैसों के लिए कटने के लिए भेज दिया जाता है। हमारा कर्तव्य है कि हम गाय का आदर और उसके प्राण की रक्षा करें।

उपसंहार –

इस प्रकार गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। इसलिए सरकार ने इन आवारा गायों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं, उन्होंने ‘गौशालाओं’ या ‘गाय फार्म’ नामक कई स्थानों की स्थापना की है, जहाँ गायों को रखा जाता है और लोगों द्वारा उन्हें चारा खिलाया जाता है। गायों को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए लोगों को कुछ उपाय भी करने चाहिए, जैसे कि आवारा गायों को भोजन और आश्रय देना आदि। गायों की हत्या ना हो इसके लिए भारत सरकार ने नियम और कानून बनाए हैं, जिसका उलघ्घन करने पर सजा दी जाती है। जानवरों की यह प्रजाति बहुत धार्मिक है, इसलिए इनका सम्मान व देखभाल करना हमारा परम कर्तव्य है।

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गाय पर निबंध हिन्दी में- Cow Essay in Hindi Language

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Essay on Cow in Hindi ( Gay par Nibandh) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words and 500 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

In this article, we are providing information about Cow in Hindi. गाय पर पूरी जानकारी जैसे की आकार-प्रकार, स्वभाव, खाद्य-पदार्थ, उपयोगिता, गाय की नस्लें अदि के बारे बताया गया है। 

गाय पर निबंध | Cow Essay in Hindi Language

Cow Essay in Hindi 10 lines for class 1,2,3 ( 100 words )

1.गाय एक पालतू पशु है।

2. गाय अत्यन्त लाभदायक पशु है।

3. गायें कई रंगों की होती हैं।

4. गाय के दो सींग, दो कान, दो आँखें और एक पूँछ होती है।

5. गाय घास, भूसा और दाना खाती है।

6. गाय का दूध तो बहुत गुणकारी माना जाता है।

7. गाय का बछड़ा बड़ा होकर बैल कहलाता है।

8. संसार के विभिन्न देशों में भिन्न-भिन्न आकार-प्रकार की गायें पाई जाती हैं।

9. गाय सीधी सादी और सहज स्वभाव की होती है।

10. गाय हमारे लिये प्रकृति का एक वरदान है।

Read also – 10 Lines on Cow in Hindi

Gay Par Nibandh Hindi Mein for class 4,5 ( 200 words )

गाय एक पालतू पशु है। गाय सफेद, काली, भूरी या चितकबरी कई रंग की होती है। गाय की पूँछ लम्बी होती है, जिससे वह अपने शरीर पर बैठने वाली मक्खियों को उड़ाती है तथा सींगों से अपनी रक्षा करती है। भारतीय हिन्दू इसे आदर की दृष्टि से देखते हैं और इसे ‘गो-माता’ कहते हैं। गाय स्वभाव से बड़ी सरल और भोली होती है। यह घास खाती है। घास के अतिरिक्त इसे खली, चने, बिनौले और भूसा भी खिलाया जाता है। इनसे वह दूध अधिक देती है।

गाय अत्यन्त लाभदायक पशु है। यह हमें दूध देती है। गाय का दूध आरोग्यदायक, स्फूर्तिदायक और शीघ्र पचने वाला होता है। दूध से ही दही, मक्खन, घी, मट्ठा और मावा बनाते हैं। मावे से अनेक प्रकार की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। गाय का गोबर घरों को लीपने, उपले बनाने तथा खाद के काम आता है। गाय के मूत्र में अनेक रोगों की रोगनाशक शक्ति होती है।

गाय के बछड़े बड़े होकर बैल बनते हैं। वे हल चलाने तथा गाड़ी चलाने के काम आते हैं। इसकी खाल के जूते बनाये जाते हैं। सींगों से सरेस बनता है तथा हड्डियों से खाद बनाई जाती है। अतः हमें गाय की सेवा और रक्षा करनी चाहिए।

Cow Essay in Hindi in 250 words class 6

गाय भी एक पालतू पशु है। इसका दूध हल्का, स्वादिष्ट और मीठा होता है। रोगियों और नन्हे बच्चों के लिए यह दूध बहुत गुणकारी होता है। हमारे ऋषि, मुनि, साधु और सन्त गाय को बहुत मान देते हैं। भारत के लोग इसे माता कहते हैं। यह बड़ी भोली और सीधे स्वभाव की होती है। यह संसार के लगभग सभी देशों में पाई जाती है।

गायें कई रंगों की होती हैं। कोई सफेद होती है तो कोई काली। कोई भूरी होती है तो कोई चितकबरी। उसकी चार टाँगें और चार थन होते हैं। उसके दो सींग होते हैं। जिनसे वह अपनी रक्षा करती है। उसकी एक लंबी पूँछ होती है, जिससे वह अपने शरीर पर बैठी मक्खियों को उड़ाती है।

गाय घास, भूसा और दाना खाती है। कई लोग उसे रोटी तथा खरबूजा आदि फल भी खिलाते हैं। पहले वह भर पेट चारा खाती है, फिर वह खूब जुगाली करती है। जुगाली करते समय उसके मुँह से सफेद झाग निकलती है।

गाय हमें दूध देती है। दूध पीने में स्वादिष्ट और शक्तिवर्धक होता है। दूध से दही, पनीर, मक्खन और घी बनता है। गाय का दूध पीले रंग का होता है। अतः गाय के दूध से बनी मिठाई पीले रंग की होती है और इसका मक्खन भी पीले रंग का होता है।

गाय के बच्चे बड़े होकर बड़े काम आते हैं। गाय की बछिया बड़ी होकर गाय बन जाती है। गाय के बछड़े बड़े होकर बैल बनते हैं और खेत में हल चलाने के काम आते हैं। हमें गाय की सेवा करनी चाहिए।

Easy Cow Essay in Hindi in 250 for students

परिचय : गाय रीढ़धारी स्तनपायी पालतू चौपाया जानवर है। हिन्दू इसे आदर की दृष्टि से देखते हैं।

आकार : इसके चार पैर, दो कान, दो सींग, दो आँख एवं एक लम्बी पूँछ होती है। इसके खुर दो भागों में बँटे होते हैं। इसकी लम्बाई चार-पाँच हाथ तक होती है। गाय कई रंगों की होती है। जैसे- सफेद, मटमैली, काली और चितकबरी आदि। काली गाय ‘श्यामा’ कहलाती है।

स्वभाव : माय सरल और शान्त स्वभाव की होती है। यह पालने वाले के साथ खूब हिल-मिल जाती है। यह अपने बछड़े को चाट चाटकर प्यार करती है।

भोजन : गाय घास, भूसा, चोकर तथा बिचाली खाती है। यह किसी वस्तु को चबाकर नहीं खाती है बल्कि उसे निगल जाती है । बाद में निगली हुई वस्तु को चबा-चबाकर पागुर करती है।

उपयोगिता : गाय हमारे लिए बहुत उपयोगी है। इसका दूध अमृत तुल्य होता है। दूध से घी, मक्खन, मट्ठा, छेना, मलाई, खोवा तथा अनेक वस्तुएँ बनायी जाती हैं। इसके गाय के गोबर से उत्तम खाद एवं उपले बनते हैं। गाय के मरने के बाद भी उपयोगी है। इसके सींग और हड्डी से बटन और छुरी की बेंट बनती है। चमड़े से जूता, बैग आदि बनते हैं। गाय के नर बच्चे को बछड़ा कहते हैं। बछड़ा बड़ा होने पर बैल कहलाता है। बैल गाड़ी को खींचता है। वह हल जोता जाता है।

उपसंहार : गाय हमारी माता की तरह है। यह प्राचीनकाल से ही मनुष्य का उपकार करती आयी है। इसकी भली-भाँति देख-रेख करना हमारा परम कर्तव्य है।

Hindi Essay on Cow in 270 words class 7

गाय एक उपयोगी पशु है। यह एक पालतू पशु भी है और जंगल में नहीं पाया जाता। इसकी चार टांगे, एक लम्बी पूँछ, दो सींग, दो बड़ी-बड़ी आँखे और दो बड़े-बड़े कान होते हैं। आँखे तो बस देखने लायक होती हैं। यह अपनी लम्बी और घनी पूँछ का उपयोग मच्छर-मक्खी भगाने में करती है। यह कई रंगों की होती है, जैसे काली, सफेद, चितकबरी, भूरी, लाल और मटमैली।

गाय संसार के सभी भागों में पाई जाती है। पहाड़ी गाय मैदानी गाय से आकार में छोटी होती है। गाय का रंभाना भी कानों को अच्छा लगता है। गाय का गोबर घर-द्वार, चूल्हा-चक्की लीपने, उपले बनाकर जलाने और खेतों में खाद के काम आता है। आजकल गोबर-गैस का प्रयोग भी बढ़ रहा है। इसका चमड़ा भी बड़ा उपयोगी होता है।

गाय का दूध तो बहुत गुणकारी और हल्का माना जाता है। इसके दूध से तरह-तरह के पकवान, मिठाइयाँ, घी, मक्खन, पनीर आदि बनाये जाते हैं। दूध अपने आप में एक पूर्ण भोजन है।

धार्मिक देश भारतवर्ष में गाय का महत्त्व प्राचीनकाल से चला आ रहा है। इसे माँ के समान मानकर इसकी पूजा की जाती है। गौ सेवा धर्म माना जाता है। गोदान श्रेष्ठ दान माना जाता है। मरने वाले व्यक्ति के अंतिम समय में गोदान किया जाता है। गोवर्धन के दिन गाय के गोबर को जलाकर पूजते हैं। गौमूत्र औषधियों में भी प्रयोग किया जाता है।

गाय का बछड़ा बड़ा होकर बैल कहलाता है। बैल-गाड़ी खींचने, हल चलाने, बोझा ढोने आदि कामों में यह प्रयुक्त होता है। हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों में गाय की बड़ी महिमा मिलती है। गौ-हत्या को बहुत बड़ा पाप माना गया है। सभी शुभ अवसरों पर हमारे यहाँ गोदान का विधान है।

lines cow essay

Essay on Cow in Hindi 300 words for class 8

गाय एक पालतू पशु है। यह पालतू पशुओं में सर्वाधिक उपयोगी पशु है। गाय सम्पूर्ण विश्व में देखी जा सकती है। यह भारत में पाया जाने वाला मुख्य घरेलू पशु है। भारतीय गायें अपने रंग, आकार तथा आकृति में अन्य देशों की गायों से भिन्न हो सकती हैं।

किसानों के जीवन का तो मुख्य आधार गाय है। यह किसानों के लिये सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। गाय शुद्ध शाकाहारी पशु है। यह घास, भूसा, खली, चारा खाती है तथा दूध देती है। गाय का दूध शरीर के लिये अत्यंत पौष्टिक होता है। किसान इसके गोबर का प्रयोग खेतों में खाद के रूप में करता है। गाय के गोबर से कंडे बनते हैं जो ईंधन के काम आते हैं। गाय के गोबर से अब तो उपयोगी गोबर गैस भी बनने लगी है। गाय का दूध, दही, मट्ठा, पनीर आदि बनाने के काम आता है। घी तथा विभिन्न मिठाइयाँ भी गाय के दूध से बनती हैं। गाय का दूध स्वयं में पूर्ण आहार है। नवजात शिशुओं के लिये यह दूध ही प्रयोग किया जाता है। यह हड्डियों को मजबूती तथा दिमाग को स्फूर्ति देता है। गाय की खाल का प्रयोग चमड़ा बनाने में होता है। इसके चमड़े से जूते, चप्पल, जैकेट आदि बनाई जाती हैं। वास्तव में यह अत्यंत थोड़ा भोजन करती है किन्तु बदले में यह इंसान को उसके उपयोग की बहुत सी वस्तुयें प्रदान करती है।

भारत में तो यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्राणी है। श्रीकृष्ण के समय से ही गाय को एक उपयोगी पशु माना गया है। इसकी पूजा की जाती है। भारत में हिन्दू धर्म के अनुयायी गाय की पूजा करते हैं तथा इसे गौ माता कहते हैं। यह हमारी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है। गाय का बछड़ा अब भी बहुत से स्थानों में हल जोतने के काम में लाया जाता है। यह अत्यंत सीधी होती है तथा किसी को हानि नहीं पहुँचाती है। हमारे लिये यह प्रकृति का एक वरदान है।

Long Essay on Cow in Hindi in 500 to 600 words for class 9,10,11,12

भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसलिए पशुओं की बहुत आवश्यक रही है और आज भी है। इन पशुओं में गाय का सबसे अधिक महत्व है। हिन्दू गाय को गोमाता मानते हैं। गोधन हमारे आर्थिक संसार का महत्वपूर्ण अंग है। अतीत-काल की ‘कामधेनु’ की महिमा कौन नहीं जानता है। गाय की उपयोगिता और गुणों के कारण हम उसे ‘गोमाता’ कहते हैं।

परिचय और आकार-प्रकार

गाय एक चौपाया पशु है। इसके दो सींग, दो कान, दो आँखें और एक पूँछ होती है। पूंछ से यह हाथ का काम लेती है। यह इससे मच्छड़ और मक्खियाँ उड़ाती है। इसके पैरों में खुर होते हैं। गाय के शरीर की लम्बाई लगभग चार-पाँच हाथ और उँचाई अढ़ाई-तीन हाथ होती है। इसकी पिछली दो टाँगों के बीच में चार थन होते हैं जिनसे दूध निकलता है।

गायें सफेद, काली, लाल, चितकबरी आदि कई रंगों की होती हैं। संसार के विभिन्न देशों में भिन्न-भिन्न आकार-प्रकार की गायें पाई जाती हैं। किन्हीं देशों की गायें बिना कूबड़ की, किन्हीं की बिना सींग की और किन्हीं की लम्बी पूंछ वाली होती हैं।

प्राप्ति स्थान

गाय प्रायः सारे संसार में पाई जाती है। हर प्रकार की प्राकृतिक अवस्था वाले क्षेत्रों में गाय उपलब्ध होती है। आस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूरोप आदि देशों में पाई जाने वाली गाएँ अधिक दूध देने वाली होती हैं। हमारे देश में हरियाणा, राजस्थान, पंजाब तथा गुजरात की गायें अच्छी नस्ल और दुधारू होती हैं।

गाय सीधी सादी और सहज स्वभाव की होती है। यह अपने मालिक और बच्चों को बहुत प्रेम करती है। यह किसी को कष्ट और चोट नहीं पहुँचाती है। नन्हें-नन्हें बच्चे भी इससे घुलमिल जाते हैं। गाय अपने बच्चों को बहुत प्यार करती है। कुछ गायें अपने बच्चों के अभाव में दूध नहीं देती हैं।

खाद्य-पदार्थ

गाय शुद्ध शाकाहारी जानवर है। हरी घास और कोमल पौधे इसके प्रिय खाद्य-पदार्थ हैं। वैसे यह चोकर, अन्न, खली आदि भी बहुत चाव से खाती है। गाय खाद्य पदार्थ को सीधे निगल लेती है और फिर धीरे-धीरे जुगाली करके उसे पचाती है।

संसार में गाय सबसे उपयोगी जानवर है। गाय का दूध अमृत के समान महत्वपूर्ण है। उसमें जीवन-रक्षा के बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व होते हैं। गाय का दूध हर अवस्था के व्यक्ति के लिए लाभकारी है। मरीजों के लिए तो यह अमृत के समान है। गाय के गोबर और मूत्र को हिन्दू बहुत ही पवित्र मानते हैं। गाय के गोबर से लीपी गई जमीन को देवी-देवताओं के पूजन तथा दूसरे धार्मिक कामों के लिए पवित्र माना जाता है। गोमूत्र अनेक रोगों को दूर करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है। गाय के दूध से मलाई, रबड़ी, मक्खन, घी, पनीर, छेना आदि चीजें बनाई जाती हैं। गाय के गोबर से खाद बनाई जाती है, जो फसल के लिए बहुत ही उपयोगी होती है। इसके गोबर से उपले बनाये जाते हैं, जो जलावन के काम आता है। गाय के मरने के बाद इसके शरीर से अनेक उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं। गाय के चमड़े से जूते, सूटकेस, थैले आदि बनाए जाते हैं। गाय की हड्डियों से कलम, चाकू के बेंट तथा अन्य चीजें बनाई जाती हैं। इसके सींग से कंघी, बटन, कलम, खिलौने, आदि वस्तुएँ बनती हैं। गाय के बछड़े बड़े होकर हमारे बड़े काम में आते हैं। वे हमारी गाड़ी खींचते हैं, हल जोतते हैं और बोझा ढोते हैं। बैल हमारी खेती की रीढ़ हैं। इससे यह प्रमाणित होता है कि गाय हमारे लिए कितनी उपयोगी है। माता जैसे अपनी संतान का पालन-पोषण और उससे प्रेम करती है वैसे ही गाय हमारे लिए करती है। अत: उसे ‘गोमाता’ कहना बिलकुल सही है।

ऊपर कही गयी बातों से लगता है कि गाय वास्तव में हमारी माता है, देवी है, पूजनीया है। गोबध हमारे देश में सबसे निन्दनीय एवं जघन्य अपराध है। गाय की उपयोगिता देखते हुए हमें गोधन की रक्षा करनी चाहिए और उसकी वंशवृद्धि के लिए हर स्तर पर प्रयत्न करना चाहिए। गाय को केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, आर्थिक दृष्टि से भी रक्षा करने की आवश्यकता है।

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essay on cow in hindi

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रुपरेखा : गाय का परिचय - गाय के प्रकार - गाय की दूध - गाय के स्वभाव - गाय का महत्व - श्री कृष्ण के जीवन में गाय - गाय के लाभ - वर्तमान के गाय - उपसंहार।

गाय मनुष्य की प्राचीन काल से मित्र रही है। गाय एक बहुउपयोगी पशु है जिसका वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है। विज्ञान ने भी गाय की महत्वता को स्वीकार किया है। गाय के दूध को अमृत का दर्जा दिया गया है । गाय को एक पवित्र पशु माना जाता है तथा भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। भारत में करोड़ों लोग गाय की पूजा करते हैं। गाय की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मानव जाति को बहुत कुछ देती है लेकिन बदले में कुछ नहीं मांगती है। बहुत से परिवार गाय के दूध, दही अवं घी को बेचकर अपना जीवन जीवित करते हैं।

गाय के कई प्रकार होते है। गाय का शरीर बड़ा और शक्तिशाली होता है। गाय के चार पैर, दो सींग, दो कान और एक लम्बी पूंछ होती है। गाय के जबड़े के सिर्फ नीचे के हिस्से में दांत होते हैं। गाय के पैरों के खुर अलग-अलग होते हैं। गाय की आँखें बड़ी व खूबसूरत होती हैं। गाय कई प्रकार की होती है। गाय के रंग के आधार पर गायों के अनेक प्रकार होते हैं। कुछ गाय काली रंग की होती हैं, कुछ सफेद रंग की होती हैं, कुछ लाल रंग की होती है तथा कुछ मिश्रित रंगों की होती हैं। जंगली गाय का भी एक प्रकार होते है। भारत में मुख्य रूप से साहीवाल, गीर, लाल सिंधी, थारपारकर, दज्जल, मेवाती, जैसे आदि गाय पाए जाते हैं।

गाय संसार के लगभग हर क्षेत्र में पाई जाती हैं। हर देश में गाय का आकार एवं लंबाई -चौड़ाई के आधार पर अलग-अलग होती हैं। यूरोप, अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया की गायें बहुत ही दूध देने वाली होती हैं। हमारे देश में उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा व गुजरात की गायें अधिक दूध देने वाली होती हैं। गाय की दूध सेहद के लिए बहुत ही लाभदायक होते है। गाय के दूध से दही, घी, खुवा, मिठाई, जैसे अनेक पदार्थ बनते है। गाय की दूध बच्चों के लिए अमृत के समान पवित्र होता है। गाय के दूध के घी खाने से मनुष्य आजीवन तंदरुस्त रहते है।

गाय का स्वभाव बहुत ही शांत होता है। इसीलिए गाय सबसे प्रिय पालतू पशु है। गाय एक शाकाहारी जानवर है। गाय केवल घास, अन्न, भूसा, खली, भूसी, चोकर, पुवाल और पेड़ों की पत्तियां खाती हैं। गाय पहले चारा निगल जाती है फिर उसे थोडा-थोडा मुंह में लेकर चबाती है इसे हम जुगाली करना कहते हैं। गाय एक समय में केवल एक बछड़ा या बछड़ी को जन्म देती है। गाय अपने बछड़े को बहुत प्यार करती है तथा उन दोनों का प्यार देख मन प्रसन्न हो जाता है।

हिन्दुओं के तीज-त्यौहार बिना गाय के घी के पूरे नहीं होते हैं। त्यौहार के दिन घर को गाय के गोबर से लिपा जाता है। उस पर भगवान की प्रतिमाओं को बिठाया जाता है। बहुत से लोग किसी भी जरूरी काम को करने से पहले गाय के दर्शन करना बहुत ही शुभ मानते हैं। गाय के गोबर को खेती के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। गाय के उत्सर्जी पदार्थ जैसे गोबर और मूत्र का भी इस्तेमाल होता है। पंचगव्य जैसे दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र की उपमा दी गयी है। इन तत्वों का औषधिय महत्व भी है। बहुत सारी दवाईयों के निर्माण में घी और गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है। गाय के अमृत के समान दूध और अन्य गुणों की वजह से इसे धरती माता के समान पूज्य माना जाता है। इसलिए गाय को गौ माता भी कहा जाता है। गांवों में गाय के गोबर से बने उपलों को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह बहुत ही दुःख की बात है कि प्रोद्योगिकी के विकास के साथ हम गाय की महत्ता को भूलते जा रहे हैं। गाय का महत्व मनुष्य जीवन के लिए अति लाभदायक प्रसिद्ध होता है।

भगवान श्री कृष्ण के जीवन में गाय की बहुत मानता थी। भगवान श्रीकृष्ण का बचपन ग्वालों के बीच बीता है। भगवान श्रीकृष्ण को लोग गोविंदा व गोपाल कहकर बुलाते थे जिसका अर्थ होता है गायों का रक्षक तथा मित्र। गाय का दूध बच्चों एवं रोगियों के लिए बहु-उपयोगी होता है। गाय को एक परिवार के सदस्य की तरह माना जाता है। प्राचीनकाल में गायों की संख्या से व्यक्ति की संपन्नता का पता चलता था।

गाय से अनगिनत लाभ है जैसे गाय दूध देती है जिससे दही, पनीर, घी, मक्खन और कई प्रकार के मिष्ठान बनाए जाते हैं। गाय के दूध से बहुत सारी मिठाईयां भी बनती हैं। जब उसका बछड़ा बड़ा हो जाता है तो बैल बनकर कृषि के काम आता है। गाय का गोबर खाद व ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। गाय के बछड़ा हल चलाने, बैलगाड़ी चलाने व राहत चलाने के काम में आता है। गाय के गोबर का प्रयोग उपले बनाने में, खेतों में खाद बनाने व कच्चे फर्श को लीपने में किया जाता है। गाय के मूत्र का प्रयोग कैंसर जैसी घटक बिमारियों के इलाज में भी उपयोग किया जाता है।

मानव समाज के लिए इतने उपयोगी होने के बावजूद भी गाय की वर्तमान दशा बहुत बुरी है। आज दुकानों में गायों का मांस बेचा जाता है। जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे चंद पैसों के लिए उसे भेज दिया जाता है। दुनिया में ऐसी कई जगह है जहां गाय के मांस को खाया जाता है। कई जगह गाय का बछड़ा होते ही उसे उसकी माँ से अलग कर उसे बेच दिया जाता है। मानव जाति का ये कर्तव्य है कि गाय का आदर करें तथा उसे हर संभव रक्षा करें।

गाय बहुत ही प्यारा और उपयोगिता पशु है हमें इनका आदरपूर्वक ख्याल रखना चाहिए। यह हमारे लिए बहुत ही शर्म की बात है कि जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो कई लोग उसे बेच देते है तथा उसका पालन पोषण करना छोड़ देते है। गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है। गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तो आज भी रीढ़ है। शहरों में जिस पॉलिथीन का उपयोग किया जाता है वह ऐसे ही फेंक दिया जाता है उसे खाकर गायों की असमय मौत हो जाती है। इस दशा में भी हमें गंभीरता से विचार करने होगा ताकि आस्था और अर्थव्यवस्था के प्रतीक गोवंश को बचाया जा सके। गाय की सुरक्षा करने तथा उनका पालन पोषण में मनुष्य को हर संभव प्रयास करना चाहिए।

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गाय पर निबंध |Cow Essay in hindi कक्षा 1-12 तक

गाय पर निबंध : यह गाय पर निबंध कक्षा 1 से 12 तक के लिए उपयोगी है इस निबंध को आप 200 शब्द, 300 शब्द तथा 500 शब्द में भी लिख सकते है लेकिन कैसे? गाय पर निबंध लिखने के लिए आपको गाय के बारे में बताना होता है।

पहले इस निबंध को ध्यान से पढ़िए फिर आपको जितने शब्दो का निबंध का लिखना है उस हिसाब से आप अपनी पसंद के बिंदु लिख ले इस प्रकार आप इस निबंध को 200 शब्द, 300 शब्द तथा 500 शब्द में भी लिख सकते है। essay on cow in hindi

Table of Contents

विश्व भर में गाय सबसे प्राचीन पालतू जानवर है। भारत में वैदिक काल से ही गाय की पूजा की जाती है। हमारे देश में गाय को “ माता ” का दर्जा दिया गया है।

हिंदू धर्म में गाय को शारीरिक तथा धार्मिक स्तर पर बहुत ही उपयोगी माना गया है।

गाय से हमें दूध प्राप्त होता है। दुग्ध उत्पादन में भारत का विश्व में पहला स्थान है। गाय का दूध बेहद लाभदायक और पौष्टिक होता है।

गाय का दूध बच्चों , महिलाओं तथा पुरुषों के लिए बहुत लाभप्रद है।

गाय के दूध से मक्खन , दही , छाछ , घी तथा बहुत से प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।

  • गाय का मूत्र भी बहुत सारी औषधियां बनाने में काम में लिया जाता है।

गोमूत्र का उपयोग यज्ञ तथा पूजा पाठ में भी किया जाता है।

  • गाय का गोबर फसलों के लिए उत्तम खाद का कार्य करता है।
  • हिंदू धर्म में मान्यता है कि गाय के शरीर में सभी देवी देवता (33 करोड़) निवास करते हैं।

प्राचीन समय में ऋषि मुनि गाय को अपने आश्रम में पालते देते थे तथा उनकी पूजा करते थे।

आज भी बहुत सारे पर्वों पर गाय की पूजा की जाती है।

गाय की शारीरिक बनावट

  • गाय के एक मुँह, दो कान, दो सींग, दो आँखे, दो नथुने, एक पूँछ, चार पैर तथा चार थन होते है।

गाय की पूंछ लंबी होती है जो मक्खियाँ उड़ाने के काम आती है।

गाय बहुत सारे रंगो में पाई जाती है जैसे सफ़ेद, काली, लाल तथा भूरी।

गाय के पैरों के नीचे खुर होते है जो उन्हें चलने में मदद करते हैं।

गाय की कुछ प्रजाति होती है जिनके सींग नहीं होते।

  • गाय का जीवन काल 10 से 15 साल का होता है।

गाय के बछड़ा पैदा होने में 9 महीने का समय लगता है यह समय 5 से 10 दिन ऊपर या नीचे भी हो सकता है।

गाय की प्रमुख नस्लें

पूरी दुनिया में गाय की बहुत सारी नस्ले पाई जाती है विश्व में सबसे ज्यादा गाय भारत में पाई जाती हैं।

गाय की बहुत सारी नस्ले होती हैं इनमें से कुछ प्रमुख है।

मुख्य रूप से पंजाब हरियाणा दिल्ली में पाई जाती है।

यह मुख्य रूप से दक्षिण भारत में पाई जाती है।

गाय की यह नस्ल मुख्य रूप से जोधपुर, जैसलमेर तथा गुजरात के कुछ हिस्सों में पाई जाती है।

मुख्य रूप से यह नस्ल राजस्थान में पाई जाती है बाड़मेर, सिरोही तथा जालौर जिले में पाई जाती है।

यह लाल रंग की गाय होती है जो मुख्य रूप से पंजाब में पाई जाती है।

यह हरियाणा राज्य की प्रमुख नस्ल है।

गाय का महत्व

हिंदू धर्म में गाय को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।

गाय को मारना तथा मारकर उसका मांस खाना हिंदू धर्म में वर्जित है ऐसा करने पर उसे सजा देने का प्रावधान है।

समाज में बहुत दानी लोग भी हैं जो आवारा गायों के लिए गौशाला बनवाते हैं तथा उनके खाने-पीने तथा साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था करते हैं।

गौशाला में कोई भी व्यक्ति दान दे सकता है।

गाय की वर्तमान स्थिति

वर्तमान में गायों की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।

आवारा पशुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जो बाज़ार में घुमते रहते हैं तथा बाजार में खरीदारी करने वाले लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं।

आवारा पशुओं की संख्या अधिक होने के कारण उनको प्रचुर मात्रा में भोजन तथा पानी नहीं मिलता है।

बहुत सारे पशुओं की मृत्यु पॉलीथिन खाने के कारण हो जाती है।

सरकार को आवारा पशुओं के लिए गौशाला का निर्माण करवाना चाहिए तथा उनके खाने की व्यवस्था करनी चाहिए।

अपने लाभ के लिए गाय को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाना चाहिए गाय मनुष्य जीवन के लिए बहुत लाभकारी है।

प्रत्येक परिवार को रोज एक रोटी गाय को खिलानी चाहिए जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है।

गाय के बारे में 10 लाइन

  • गाय सबसे प्राचीन पालतू जानवर है।
  • हिन्दू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है।
  • गाय हरी घास, भूसा और खली खाती है।
  • गाय का दूध बच्चों, महिलाओं तथा पुरुषों के लिए बहुत लाभप्रद है।
  • गाय के दूध से मक्खन, दही, छाछ, घी तथा बहुत से प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।

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essay on cow in hindi

Cow Essay in Hindi | 10 Lines on cow in Hindi | गाय पर निबंध हिंदी में

यहां हम छात्रों के लिए ‘गाय’ पर निबंध (cow essay in hindi) लिखने के लिए कुछ जानकारिया आपलोगो के साथ साझा कर रहे हैं, जिसकी मदद से छात्र और छत्राए अपने स्कूल के परीक्षा या प्रोजेक्ट के लिए गाय (gay par nibandh hindi mein) निबंध आसानी से पढ़ कर लिख सकते हैं।

गाय पर हिंदी में निबंध (Gay Par Nibandh)

इस लेख में हम जानेंगे कि गाय को माता क्यों कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में गाय का क्या महत्व है, गाय के क्या उपयोग हैं आदि। हिंदू धर्म में गाय को माता के समान माना जाता है और उसे “गौ माता” कहकर संबोधित किया जाता है। गायें पूरी दुनिया में पाई जाती हैं और दुनिया भर में उन्हें पालतू जानवर के रूप में रखा जाता है। हमारे देश भारत में गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना जाता है। अक्सर छात्रों को असाइनमेंट के तौर पर या परीक्षा में गायों पर निबंध (Cow Par Nibandh) लिखने के लिए कहा जाता है। यह पोस्ट कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250, 350 शब्दों में गाय पर (Essay on Cow in Hindi) पैराग्राफ प्रदान करता है।

गाय पर सबसे आसान 8 लाइन (8 Lines On Cow In Hindi)

  • गाय एक पालतू जानवर है।
  • गाय के 4 पैर, 2 सींग और एक पूंछ होती है।
  • गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
  • दही और घी भी खाने में स्वादिष्ट होते हैं।
  • गोबर का उपयोग खाद के रूप में किया जाता है।
  • गाय एक शाकाहारी पशु है।
  • यह घास, पत्ते, और फल खाता है।
  • गाय एक शांत और सहयोगी पशु है।

गाय   पर 10 लाइन (10 lines on Cow in Hindi)

  • गाय हमारी माता होती है।
  • गाय एक पालतू जानवर है जिसे कई लोग दूध आपूर्ति के लिए पालते हैं।
  • गाय का मुख्य आहार घास भूसा, चोकर, पत्ते और हरी सब्जियां खाती है|
  • गाय के बच्चे को बछड़ा कहते हैं।
  • हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है।
  • गाय के दूध में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
  • गाय के दूध से घी, मक्खन जैसे अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थ भी बनाये जाते है।
  • गाय के गोबर का उपयोग उर्वरक के रूप में खेतों में उपज बढ़ाने के लिए किया जाता है।
  • गाय के घी और मूत्र का उपयोग कई औषधियां बनाने में किया जाता है।
  • हिंदू धर्म में गायों को पवित्र माना जाता है और उसकी हत्या करना महापाप माना जाता है।

गाय की शारीरिक संरचना

गाय का शरीर भारी होता है| गाय का एक मुंह, दो आंखें, दो कान, चार थन, दो सींग चार पांव होते हैं। पांवों के खुर गाय के लिए जूतों का काम करते हैं। गाय की पूंछ लंबी होती है तथा उसके किनारे पर एक गुच्छा भी होता है, जिससे वह मक्खियां उड़ाने का काम करती है।

गाय की उपयोगिता

गाय का दूध बहुत ही पौष्टिक होता है। यह बच्चों और बीमारों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। दूध से दही, पनीर, मक्खन, घी आदि बनते हैं। गाय का गोबर खेती के लिए एक अच्छा खाद है। यह ईंधन के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। गाय का गोमूत्र कई बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।

गाय के रंग: गाय कई रंगों की होती है, जैसे सफेद, काला, लाल, बादामी तथा चितकबरी होती है।

300 शब्दों में गाय पर निबंध (Cow Essay in 500 Words)

गाय क्या है .

गाय एक घरेलू जानवर है. यह हमारे समाज में पूजनीय जानवरों में से एक माना जाता है। गाय को मनुष्यों के लिए सबसे उपयोगी प्रजातियों में से एक माना जाता है और देश के सभी क्षेत्रों में इसकी पूजा की जाती है। गाय हमें दूध देती है, जिसका उपयोग दही, पनीर, घी आदि सहित विभिन्न उत्पाद बनाने में किया जाता है।

गाय का चरित्र ?

हिंदू धर्म में गाय को ‘गौ माता’ कहा जाता है और उसकी पूजा की जाती है। मानव जीवन में गाय की भूमिका की बात करें तो गाय हमें दूध देती है। दूध के कई फायदे हैं जो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। दूध में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो मानव शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। गायें न केवल हमें दूध या उससे बने उत्पाद प्रदान करती हैं, बल्कि वे हमारी कृषि को कई मायनों में सफल बनाने में भी भूमिका निभाती हैं, चाहे वह गोबर से खाद बनाना हो या भूमि को अधिक उपजाऊ बनाने के लिए खेती करना हो।

गाय का महत्व

मानव जीवन में गाय का बहुत महत्व है। हमारे उपयोग के लिए, गायें अनाज काटने के बाद पौधे के बचे हुए हिस्सों को खा सकती हैं, जो उनका चारा है। इस तरह, किसान और कंपनियां उप-उत्पादों के लिए भुगतान न करके पैसे बचा सकते हैं और उन्हें पशु आहार के रूप में बेचकर पैसा कमा सकते हैं।

गाय पालने के क्या फायदे?

गाय के गोबर और गोमूत्र के अनेक फायदे हैं। ये दोनों पदार्थ कीटनाशक और फफूंदनाशक बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा गाय का दूध भी बहुत उपयोगी होता है, यह कई तरह के डेयरी उत्पाद बनाने में मदद करता है।

500 शब्दों में गाय पर निबंध (Essay on Cow in 500 Words)

गाय, भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पशु है। यह हिन्दू धर्म में मातृका के रूप में पूजी जाती है और उसे ‘गौ-माता’ कहा जाता है। गाय का सम्बंध भारतीय ग्राम्य जीवन से है और यह देश के अनेक हिस्सों में एक सांझीविनी स्त्री की भूमिका निभाती है।

गाय को गायिनी और बछड़े को गौरक्षक कहा जाता है। गाय का दूध, दही, घी और मुट्ठी भर में गोबर कई उपयोगी चीजें उत्पन्न करते हैं। गाय का दूध आहार में बहुत ऊर्जा प्रदान करता है और इसमें विटामिन और पोषण भरपूर मात्रा में होता है। गाय के गोबर से खेतों में खाद बनती है और इसे अनेक औषधियों की खेती के लिए भी प्रयुक्त किया जाता है।

गाय को हमारे जीवन में सांस्कृतिक महत्व भी है। हिन्दू धर्म में, गाय को देवी के रूप में पूजा जाता है और इसे संतान सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। गाय की पूजा विशेष रूप से गौ-पूजा अखंडित भारत में की जाती है, जो गाय को धर्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बना देती है।

गाय एक बहुउपयोगी पशु है। यह मानव जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है। गाय के दूध, घी, गोबर, और मूत्र सभी का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। गाय का दूध मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन, और अन्य पोषक तत्वों का एक उत्कृष्ट स्रोत है। गाय का दूध बच्चों, रोगियों, और वृद्धों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है।

गाय का घी भी एक पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और पाचन में सहायता करता है। गाय का घी आयुर्वेदिक दवाओं में भी प्रयोग किया जाता है। गाय का गोबर एक उत्कृष्ट उर्वरक है। यह मिट्टी को उपजाऊ बनाता है और फसलों की पैदावार बढ़ाता है। गाय का गोबर ईंधन के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

गाय का मूत्र भी औषधीय गुणों वाला होता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। गाय एक शांत और सौम्य स्वभाव का पशु है। यह मनुष्यों के प्रति स्नेहपूर्ण होता है। गाय की सेवा करने से मनुष्य को पुण्य प्राप्त होता है। गाय हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। यह हमें भोजन, ऊर्जा, और औषधि प्रदान करती है। गाय की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।

गाय का धार्मिक महत्व

भारत में गाय को एक पवित्र पशु माना जाता है। हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है। गाय को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। गाय को समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

हिंदू धर्म में गाय की पूजा की जाती है। दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन गायों को सजाया जाता है और उन्हें भोजन और उपहार दिए जाते हैं।

गाय का धार्मिक महत्व केवल भारत तक ही सीमित नहीं है। अन्य धर्मों में भी गाय को एक पवित्र पशु माना जाता है। जैन धर्म में गाय को सबसे महत्वपूर्ण पशु माना जाता है। जैन धर्म में गाय को हिंसा से बचाने का विशेष महत्व दिया जाता है।

गाय का सामाजिक महत्व

गाय का सामाजिक महत्व भी बहुत अधिक है। गाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गाय के दूध, घी, गोबर, और मूत्र का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। गाय ग्रामीण लोगों को रोजगार भी प्रदान करती है।

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गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi

Essay on Cow in Hindi

Essay on Cow in Hindi : गाय एक बहुपयोगी पालतु पशु है जिसका उल्लेख हमारे वेदों में भी किया गया है। भारत देश में गाय को देव तुल्य माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। यह पशु भारत में सबसे अधिक पाया जाता है जो भारतीयों का काफी प्रिय पशु है।

मानव जीवन के लिए गाय काफी ज़रूरी पशु है, इसलिए स्कूलों में बच्चों को गाय के बारे में ज़रूर पढ़ाया जाता है। कई बार बच्चों को प्रोजेक्ट के रूप में गाय पर निबंध लिखने के लिए भी दिया जाता है। अगर आपको भी गाय पर निबंध लिखने के लिए कहा गया है तो इस आर्टिकल की मदद से एक शानदार Essay on Cow in Hindi में लिख सकते है।

गाय पर निबंध – Essay on Cow in Hindi

गाय एक बहुपयोगी शाकाहारी पशु है। यह केवल भारत के लिए नही, बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी जरूरी पशु है। गाय को भारत में मां का दर्जा दिया गया है, क्योंकि गाय बिल्कुल मां की तरह दुध देती है। गाय को हिंदू धर्म में एक पवित्र पशु माना जाता है।

गाय का शरीर लंबा और चौड़ा होता है, जिसके चार पैर, दो सींग, एक लंबी पूंछ और दो कान होते हैं। गांय का रंग सफेद, काला, भूरा या चिकतकबरा हो सकता है। गाय एक शाकाहारी पशु है जो घास, फल, सब्जियां और अनाज खाती है।

भारत में गाय के प्रति काफी धार्मिक आस्था है। लोग गाय की पूजा करते है क्योंकि लोगों का मानना है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। गाय से हमें दूध मिलता है जिससे बहुत सारी चीज़े बना सकते हैं, जैसे- पनीर, क्रीम, दही, घी, मिठाई आदि। इसके अलावा गाय का गोबर और मूत्र भी काफी उपयोगी है।

गाय की भूमिका (Role Of Cow)

भारत में गाय को हिंदू धर्म में “ गौ माता ” कहा जाता है और उनकी पूजा की जाती हैं। गाय का धार्मिक और आर्थिक काफी महत्व है। भारतीय ग्रंथों में गाय का काफी उल्लेख किया गया है। बताया जाता कि गाय भगवान शिव की सवारी है जिसे नंदी बोला जाता है।

आर्थिक दृष्टि से बात करें तो गाय हमें दूध देती है जिससे अनेक तरह के अन्य सामान बनते है, जैसे- घी, मक्खन, दही, छाछ, पनीर आदि। गाय के दूध में भरपुर मात्रा में प्रोटिन होता है। इसलिए दूध की डिमांड भारत के अलावा अन्य सभी देशों में होती है।

गाय के घी और गोमूत्र से आयुर्वेदिक औषधियां भी बनायी जाती है। और गाय के गोबर से फसलों के उत्तम खाद बनायी जाती है। गाय के गोबर का उपयोग ईंधन के रूप में भी किया जाता है। इसके अलावा गाय की मृत्यु के बाद उसके चमड़े, हड्डियां और सींग भी काफी काम आते है। इसलिए गाय आर्थिक दृष्टि से भी काफी उपयोगी है।

गाय की प्रमुख नस्लें

भारत में गायों की काफी सारी नस्ले हैं। ये नस्ले 50 से भी ज्यादा हैं। सभी गाय मुख्यत: तीन से चार रंगों में पायी जाती हैं, जिनमें काली, सफेद, भूरी या लाल शामिल होती हैं।

गायों की निम्नलिखित प्रमुख भारतीय नस्ले हैं-

साहीवाल : यह भारत की सबसे ज्यादा पॉपुलर नस्ल है जो दूध उत्पादन के लिए सबसे अच्छी गाय है। इसके दूध में वसा काफी उच्च मात्रा में होती है।

लाल सिंधी : यह भी एक प्रसिद्ध दूध उत्पादन गाय है, जो पाकिस्तान के सिंध क्षैत्र में उत्पन्न हुई थी।

गिर गाय : यह गाय भारत की सबसे ज्यादा दुधारू गाय मानी जाती है। यह एक दिन में 50 – 80 लीटर दूध देती है।

राठी गाय: यह राजस्थानी गाय है जो 6 – 8 लीटर तक दूध देती है।

कांकरेज गाय : यह भी राजस्थानी गाय है जो 5 – 10 लीटर तक दूध देती है।

थारपरकर गाय : इस गाय को भी सर्वश्रेष्ठ दुधारू गाय में गिना जाता है।

हरियाणवी गाय: यह सफेद रंग की गाय होती है जो दूध का अच्छा उत्पादन करती है। इस नस्ल के बैल खेती में अच्छा कार्य करते है।

गाय के लाभ (Benefits Of Cow)

गाय से हमें अनेक तरह लाभ मिलते हैं। ये लाभ निम्नलिखित हैं-

  • गाय का दूध हमारे लिए बहुत ज्यादा पौष्टिक होता है।
  • गाय के दूध से अनेक तरह की चीज़े बनती हैं, जैसे- मक्खन, घी, पनीर, दही आदि।
  • गाय से देश की आर्थिक स्थिति को भी काफी लाभ मिलता है।
  • गाय के मूत्र से कई तरह की औषधियां भी बनती है।
  • गाय के गोबर का उपयोग ईंधन और खाद के रूप में होता है।
  • गाय खेतों की जुताई में भी मदद करती है।
  • गाय के गोबर से रेशम भी बनाया जाता है।

गाय की विशेषताएं

गाय की निम्नलिखित विशेषताएं हैं-

  • गाय के पालतू और घरेलू पशु है।
  • यह एक काफी उपयोगी पशु है।
  • यह एक शाकाहारी पशु है।
  • इसके दूध में प्रोटिन काफी ज्यादा होता है।
  • इसका गोबर और गोमूत्र भी काफी उपयोगी होता है।
  • गाय एक शांत और सौम्य पशु है।

गाय का धार्मिक महत्व

भारत में गाय का काफी धार्मिक महत्व है। गाय को हिंदू धर्म में मां का दर्जा दिया गया है। हिंदू धर्म ( Hinduism ) में, गाय को जीवन का स्रोत माना जाता है। भारत में हर कोई गाय माता की पूजा करता है क्योंकि गाय माता की पूजा करने से हमें आशीर्वाद मिलता है। और भगवान हमारी इच्छाओं को पूरा करते है और हमें मुशीबतों से बचाते है।

गाय को भारत में कामधेनु और नंदी भी कहा जाता है। गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता हैं, इसलिए गाय पुजनीय पशु है। गाय को भगवान कृष्ण की सवारी माना जाता है। और गाय को भगवान शिव की भी सवारी माना जाता है, इसीलिए इसे नंदी भी कहा जाता है। इसके अलावा गाय को लक्ष्मी माता का भी अवतार माना जाता है।

इस तरह गाय का काफी धार्मिक महत्व है।

गाय की शारीरिक बनावट

गाय एक शांत और सौम्य पशु है, जिसका शरीर बड़ा होता है। इसके चार पैर, दो कान, दो आंखें, नाक, मुंह, दो सींग और एक पूछ होती है। गाय की एक लंबी पूंछ होती है, जिसके किनारे पर बालों का गुच्छा भी होता है। गाय के ऊपरी भाग पर एक उभार भी होता है।

भारत में गाय की 50 से अधिक नस्ले हैं, जिसकी वजह से अलग-अलग गाय की नस्लों में अलग-अलग रंग और शारीरिक सरंचना देखने को मिलती हैं।

गाय की देखभाल

गाय एक घरेलू पशु है जिसकी देखभाल काफी अच्छी तरह से की जाती है। गाय को शुद्ध शाकाहारी चीज़े, जैसे घास, सब्जीयां आदि खिलायी जाती है। गाय को समय-समय पर पानी पिलाया जाता है।

गाय को एक स्वच्छ और सुव्यवस्थित जगह पर रखना बेहद जरूरी है, ताकि काफी को कोई भी बीमारी न लगे। इसके अलावा गाय कों को नियमित रूप से डॉक्टर से जांच भी करवानी चाहिए।

Essay On Cow In Hindi 10 Lines

  • गाय एक पालतू और बहुपयोगी पशु है।
  • गाय हमें दूध, गोबर और मूत्र प्रदान करती है।
  • गाय का दूध बहुत पोष्टिक होता है जिसमें प्रोटीन काफी ज्यादा होता है।
  • गाय के गोबर को ईंधन और खाद के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • गाय के मूत्र से अनेक तरह की औषधियां बनायी जाती है।
  • गाय हमें रेशम भी प्रदान करती है।
  • गाय खेतों की जुताई में भी काफी योगदान देती है।
  • गाय को हिंदू धर्म में एक पवित्र पशु माना जाता है।
  • गाय का काफी ज्यादा धार्मिक भी महत्व है, इसलिए गाय की पूजा की जाती है।
  • भारत में गाय की अनेक नस्ले है जो काफी अच्छा दूध देती है, जैसे- साहीवाल, लाल सिंधी, हरियाणवी, थारपकर, कांकरेज, राठी आदि।

निष्कर्ष

गाय एक पालतू पशु है जो भारत में सबसे अधिक पाया जाता है। यह मानव जीवन के लिए बहु उपयोगी पशु है, क्योंकि यह हमें दूध, गोबर और गोमूत्र प्रदान करती है। गाय मनुष्यों के प्रति काफी अनुकूल होती है, जिसे पालना बहुत आसान होता है। गाय एक पवित्र पशु है जिसकी हमें देखभाल और सम्मान करना चाहिए।

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Hindi Essay

गाय पर निबंध | Essay on Cow in Hindi 500 Words | PDF

Essay on cow in hindi.

Essay on Cow in Hindi 500 + Words (Download PDF) गाय पर निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए। – इस निबंध के माध्यम से हम जानेंगे कि गाय पर एक अच्छा निबंध कैसे लिखे तो शुरू करते है।

गाय एक पालतू जानवर है। गाय का महत्व पूरे विश्व में माना जाता है , जो आमतौर पर हर जगह पाई जाती है। लेकिन अगर हम भारत की बात करें तो यह प्राचीन काल से ही भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चाहे वह दूध की बात हो या दूध से बनी मिठाई या भोजन की।

Essay on cow in Hindi

प्राचीन समय में, किसी के पास गायों को होना समृद्धि का संकेत माना जाता था। दूध उत्पादन के अलावा, यह एक बहुत ही उपयोगी घरेलू जानवर है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 190 मिलियन गायों की आबादी है।

एक गाय एक पालतू जानवर है, इसलिए इसे आमतौर पर घरों में पाला जाता है। गाय का दूध बहुत पौष्टिक होता है। एक गाय आमतौर पर एक बार में पांच से दस लीटर दूध देती है। गाय की दूध से मिठाई, छाछ, मक्खन, पनीर और दही बनाया जाता है और अन्य मिठाई गाय के दूध से बनाया जाता है। यह बीमार व्यक्ति और बच्चों के लिए बहुत उपयोगी आहार माना जाता है।

गाय का दूध अन्य जानवरों की तुलना में बहुत फायदेमंद माना जाता है। जब भैंस और गाय के दूध की तुलना की जाती है, जहां भैंस का दूध सुस्ती लाता है, जबकि गाय का दूध बच्चों में बहुमुखी प्रतिभा को बनाए रखता है। बच्चों को विशेष रूप से डॉक्टरों और विशेषज्ञ द्वारा गाय का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है।

इसके गोबर का उपयोग खेतों में उर्वरक के रूप में भी किया जाता है। इसके अलावा, गोबर को सुखाया जाता है और ईंधन के काम में उपयोग किया जाता है। फसलों के लिए सबसे अच्छा उर्वरक है । गोमूत्र बहुत पवित्र माना जाता है। गाय के घी और गोमूत्र का उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है।

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यहजीवन भर कुछ न कुछ देती रहती है। मृत्यु के बाद भी, उसके शरीर के हर अंग का उपयोग किया जाता है। इसकी हड्डियों से कई कलाकृतियाँ बनाई जाती हैं। उपयोगी वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए गाय के चमड़े, सींग, खुरों का उपयोग प्रतिदिन किया जाता है। गाय की हड्डियों से तैयार खाद का उपयोग खेती के लिए किया जाता है और इसकी खाल को सुखाकर चमड़े के रूप में उपयोग किया जाता है।

शारीरिक संरचना:

सभी देशों में गाय की संरचना समान पाई जाती है, लेकिन गाय की ऊंचाई और नस्ल में अंतर होता है। कुछ गाय अधिक दूध देती हैं और कुछ कम देती हैं। गाय के दो कान, चार थन, एक मुंह, दो आंखें, दो सींग और दो नथुने होते हैं।

यह एक चार पैरों वाला जानवर है और उसके चारों पैरों पर खुर हैं, पैरों के खुर गाय के जूते के रूप में काम करते हैं। जिसके साथ वे किसी भी कठिन स्थान पर चल सकते हैं।

इसकी पूंछ लंबी होती है और इसके किनारे पर एक गुच्छा भी होता है, जिसका उपयोग वह मक्खियों को उड़ाने आदि के लिए करती है। गाय की कुछ प्रजातियों में सींग नहीं होते हैं। इसके मुंह के निचले जबड़े में केवल 32 दांत पाए जाते हैं, इसलिए गाय लंबे समय तक भोजन चबाती रहती है।

गायों की प्रमुख नस्लें:

दुनिया भर में गायों की कई नस्लें हैं, जिनमें से कुछ अच्छा दूध देती हैं और कुछ के शरीर मजबूत होते हैं। भारत में, मुख्य रूप से गाय की नस्लें हैं जैसे कि साहीवाल (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार), गिर (दक्षिण काठियावाड़), थारपारकर (जोधपुर, जैसलमेर, और कच्छ), करण फ्राई (राजस्थान) आदि।

विदेशों में भी गायों के कई प्रकार हैं। जिसमें जर्सी गाय सबसे लोकप्रिय है। क्योंकि यह अधिक दूध देती है। भारतीय गायें आकार में छोटी होती हैं, जबकि विदेशी गायों का शरीर थोड़ा भारी होता है। गाय कई रंगों की होती है जैसे लाल, काली, सफेद, दबी हुई।

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गाय का धार्मिक महत्व:

अन्य देशों में, गाय को केवल एक घरेलू जानवर माना जाता है, लेकिन भारत में गाय को देवी का दर्जा प्राप्त है। गाय को प्राचीन भारत और वर्तमान समय में भी समृद्धि का प्रतीक माना जाता था। ऐसा माना जाता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवता निवास करते हैं।

भारत में कई स्थानों पर लोगों और संस्थानों द्वारा गौ आश्रय का निर्माण किया गया है। जिसके माध्यम से आवारा और घायल गायों को भोजन दिया जाता है और उनका उपचार किया जाता है।

गाय शांति प्रिय और पालतू होती है। दुर्भाग्य से, शहर की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, जिस तरह से शहरों में पॉलिथीन का उपयोग कर फेंक दिया जाता है। इसके सेवन से समय से पहले गायें मर जाती हैं। हमारे भारत में गाय को माँ का दर्जा दिया गया है, इस पर विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि यह जीवन भर कुछ न कुछ देती रहती है, इसलिए हमें इसके जीवन से कुछ सीखना चाहिए।

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FAQs. on Cow

गाय हमारे लिए कैसे उपयोगी है.

उत्तर – गाय सबसे उपयोगी घरेलू जानवर है। इसका मनुष्यों और पर्यावरण को कई अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है जिसे हम पहचानने या सराहना करने में विफल होते हैं। गायों को दूध और अन्य डेयरी उत्पादों के लिए डेयरी जानवरों के रूप में बढ़ाया जाता है और यह माना जाता है कि, गाय का घी बच्चों के मस्तिष्क के विकास में मदद करता है।

गाय क्या खाती है?

उत्तर – गाय घास खाती है और 50 प्रतिशत से अधिक गाय चारा वास्तव में घास है। जबकि लोग अक्सर सोचते हैं कि डेयरी गायों को उच्च अनाज वाला आहार दिया जाता है, लेकिन वास्तव में, वे मकई, गेहूं और जई के पत्तों और तनों को खाने की तुलना में अधिक बार नहीं खाते हैं।

हम गायों की पूजा क्यों करते हैं?

उत्तर – हिंदू धर्म में, अधिकांश हिंदू, हालांकि, शाकाहारी हैं और वे गाय को जीवन का एक पवित्र प्रतीक मानते हैं जिसे संरक्षित और पूजनीय होना चाहिए। वेदों की शास्त्र पुस्तक में गाय को सभी देवताओं की माता अदिति माना गया है।

गाय एक घरेलू जानवर क्यों है?

उत्तर – गायों को उनके दूध के लिए पालतू बनाया जाता है और खेतों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसका उपयोग परिवहन के लिए किया जाता है, और उनके गोबर का भी। गोबर का उपयोग महत्वपूर्ण ईंधन उर्वरक के रूप में किया जाता है। कृषि में, गायों के वर्चस्व के पीछे यह एक प्रमुख आर्थिक शक्ति है। हरित क्रांति के बाद, भारतीय खेती कुछ हद तक आधुनिक हो गई है।

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गाय पर निबंध 3 तरह के – Cow essay in Hindi [ 2021 Updated ]

नमस्कार, दोस्तों आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है। दोस्तों जैसा की हम जानते हैं कि गाय का नाम आम तौर पर घरेलू जानवरों की सूची में सबसे पहले आता है। यहां तक कि जब एक शिक्षक अपने छात्रों को निबंध लिखने के लिए कहता है तो वह घरेलू जानवरों में से गाय पर निबंध के लिए कहता है। गाय पर निबंध का महत्व धार्मिक और गाय के लाभों के कारण है। तो दोस्तों आईये जानते हैं cow essay in hindi में आपके बच्चो के लिए ।

गाय पर निबंध 3 तरह के - Cow essay in Hindi [ 2021 Updated ] 3

  • गाय पर निबंध (cow essay in Hindi) 200 words

गाय एक कोमल प्रकृति वाला जानवर है। यह एक पालतू जानवर है और बहुत से लोग उसे अपने घर में कई लाभों के कारण रखते हैं। गाय ज़ादातर दो रंगों में पायी जाती है, वो है सफेद रंग और कला रंग। यह देश के लगभग सभी क्षेत्रों में पायी जाती है। गाय के दो सींग होते हैं। उसके चार पैर और एक लंबी पूंछ भी है। उसका बड़ा सा सरीर होता है और पूरे शरीर में छोटे छोटे बाल होते हैं। वह एक बहुत ही उपयोगी पशु है। वह हमें पीने के लिए दूध देती है। गाय के दूध में बहुत ताकत होती है।

गाय का दूध हमारे दिमाग को तेज बनाता है। वह भोजन के तोर पर हरी घास, अनाज और अन्य चीजों को खाती है। सबसे पहले वह खाना अच्छी तरह से और धीरे धीरे चबाती है और फिर उसे निगल जाती है। हमें गाय की अच्छी देखभाल करनी चाहिए और उसे अच्छा भोजन और स्वच्छ पानी देना चाहिए। गाय के गोबर का उपयोग खाद के रूप में भी किया जाता है। भारत में लोग गाय को एक माँ के रूप में पूजते हैं। भारत में लोग गाय को धन लक्ष्मी के रूप में घर पर लाते हैं। गाय को सभी जानवरों के बीच सबसे पवित्र जानवर माना जाता है।

  •   मुहावरे फोटो के साथ भाग 2
  • महापुरूषों के श्रेष्ठ प्रेरक प्रसंग
  • 1000+ हिंदी मुहावरे और अर्थ
  • cow essay in Hindi

गाय मेरे लिए पशुमात्र नहीं, पालतू प्रिय जानवर नहीं, वरन पूज्य प्राणी है। ज्योंही मेरी दृष्टि इसकी ओर जाती है, मेरा रोम-रोम इसकी पूजा के लिए पुलकित हो उठता है। सृष्टि के शुभारंभ से ही हमारे देश में गो-पूजा होती रही है, उसके माहात्म्य का कीर्तन होता रहा है। यदि महाराज दिलीप नंदिनी नामक गाय की सेवा न करते तो फिर उनके रघु-जैसा प्रतापी पुत्र कैसे होता? और, जब रघु नहीं तो रघुवंश कैसे चलता? और, रघुवंश नहीं चलता, तो उत्तर पुरुषोत्तम राम का रामराज्य कैसे संभव हो पाता? यदि कृष्ण -कन्हैया गोकुल में गो-सेवा नहीं करते, यदि उसके दूध से उनका शरीर पुष्ट नहीं होता तो वे किस प्रकार कंस का संहार कर पाते? हमारे प्रभु ने गाय की आराधना की है, यही क्या कम रहस्यपूर्ण है, कम महत्त्वपूर्ण है!

चाहे लौकिक दृष्टि हो या पारलौकिक, गाय का महत्त्व निर्विवाद है। लौकिक दृष्टि से गो-दुग्ध में इतने प्राणद तत्त्व हैं कि उनसे हमारे शरीर का पूर्ण पोषण होता है। जब हमारी जननी अशक्त हो जाती है तब गौ अपने दूध द्वारा हमें जीवनदान देती है। वैज्ञानिक दृष्टि से इसमें इतने प्रोटीन और विटामिन है कि इससे उत्तम पेय और खाद्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। दुग्धकल्प, दधिकल्प से तो अनेक असाध्य रोग दूर किये जाते है। इतना ही नहीं, गोरस के बिना तो भोजन के सब रस ही नीरस है। सारे दुर्लभ मिष्टान्नों के मूल में तो गो दुग्ध ही है न!

हमारे जन्म ग्रहण से मृत्यु तक कोई ऐसा अनुष्ठान, यज्ञ, उत्सव, त्योहार नहीं है, जिसमें गाय की आवश्यकता न पड़ती हो। पंचगव्य, अर्थात गाय का दूध, दही, घृत, गोबर और मूत्र-ये पाँचों पदार्थ हमारे हर धर्म कर्म में अनिवार्य है। अन्न ब्रह्म की प्राप्ति में इसका बेटा बैल ही हमारा सबसे बड़ा सखा और सहायक है। अब तक वह कृषि संस्कृति का मेरुदण्ड रहा है। बैलों के जोड़े ही सामान्य जनता के रथवाह हैं। पारलौकिक दृष्टि से, यदि मरने के बाद भी गौ की पूँछ नहीं पकड़ते, तो भयानक वैतरणी से हम पार कैसे पा सकते हैं?

वैदिक काल में भी जब कोई अतिथि घर आता था, तो ऋषि गाय के दूध से उसका स्वागत करते थे, इसलिए अतिथि को ‘गोध्न’ कहते थे। आज भले ही हम अतिथियों के आगमन पर चाय के पास जायँ, किंतु वह तभी स्वीकार्य हो पाती है, जब उसकी कालिमा में दुग्ध अपनी उपस्थिति से प्रीति की लालिमा छिटका देता है। यही कारण है कि ‘मही’ की इस दुलारी बेटी गौ को ‘माहेयी’ कहा गया, स्वर्ग की इस लाड़ली को ‘सौरभेयी’।

हमारे लिए यह ‘माता’ भी है, ‘कामधेनु’ भी। यह हमारा पालन-पोषण, जीवन-रक्षण ही नहीं करती, वरन अनन्त अभिलाषाओं की पूर्ति भी करती है। कितना कष्ट होता है जब कोई जालिम ‘गोमेध’ के गलत अर्थ की दुहाई देकर ‘गोहत्या’ करता है। ‘गोमेध’ का जो वास्तविक अर्थ नहीं जानते, उन्हें श्री अरविन्द का ‘वेद-व्याख्यान’ अवश्य पढ़ना चाहिए। गाय का एक पर्याय ‘अध्या’ है, जो इसकी अवध्यता की सम्पुष्टि करता है। गाय हमारी माता है, देवी है; यह हमारे लिए शिवा है, धात्री है, ईश्वरी है। काश! रसखान का स्वप्न हमारे लिए साकार होता-

आठहु सिद्धि नवौ निधि को सुख नन्द की गाइ चराइ बिसारौं।

  • गाय पर निबंध (cow essay in Hindi) 350 words

भारत में, हिंदू धर्म के लोग गाय को “गौ माता” कहते हैं। यह बहुत उपयोगी और घरेलू जानवर है। यह हमें दूध के साथ साथ एक बहुत स्वस्थ, पौष्टिक और पूर्ण भोजन देती है। यह दुनिया के लगभग सभी देशों में पायी जाती है। गाय का दूध परिवार के सभी सदस्यों के लिए बहुत स्वस्थ, पौष्टिक और उपयोगी होता है। हम अपने शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए प्रतिदिन गाय का दूध पीना चाहिए। डॉक्टर अपने मरीजों को बीमारी के समय गाय का दूध पीने की सलाह भी देते हैं। यह माना जाता है कि नवजात शिशुओं के लिए गाय का दूध अच्छा, स्वस्थ और आसानी से पचने योग्य भोजन होता है। यह स्वभाव से बहुत ही सभ्य जानवर है। गाय के पास दो सींग होते हैं। गाय के चार पैर, एक बड़ी नाक, दो कान और एक लंबी पूंछ भी होती है।

गाय भोजन में अनाज, हरी घास, चारा और अन्य खाने की चीज़ों को खाती है। आम तौर पर, वह खेतों की हरी घास को खाती है। कुछ गाय अपनी आहार और क्षमता के अनुसार दिन में तीन बार दूध देती हैं। गाय का दूध दुनिया भर में कई खाने योग्य वस्तुओं और चीजों को तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है। हम गाय के दूध से दही, मट्ठा, पनीर, घी, मक्खन और विभिन्न प्रकार के मिठाइयां जैसे खोया, पनीर जैसी चीज़ें बना सकते हैं। गाय का दूध आसानी से पच जाता है और हमारी पाचन संबंधी बिमारियों को भी दूर करता है। गाय एक साल के बाद एक छोटे से बछड़े को जन्म देती है।

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गाय अपने बचे को चलना, उठना, बैठना नहीं सिखाती बल्कि जन्म के कुछ देर बाद ही वह खुद चलने और दौड़ने लगता है। गाय का दूध हमें मजबूत और स्वस्थ बना देता है। गाय का दूध हमारे दिमाग को तेज बनाता है। गाय का गोबर और मूत्र भी बहुत उपयोगी होते हैं। हिन्दू उन्हें पवित्र मानते हैं लोग गाय के गोबर का उपयोग फर्श और दीवारों को लीपने के लिए करते हैं, क्योंकि यह हानिकारक कीटाणुओं को मारता है। इसके गोबर को ईंधन के रूप में भी उपयोग किया जाता है। किसान इसके गोबर का उपयोग खाद के रूप में करते हैं।

  • गाय पर निबंध (cow essay in Hindi) 500 words

जैसा की हम सब जानते हैं कि गाय एक घरेलू जानवर है और विभिन्न तरीकों से हमारे लिए उपयोगी है। गाय एक पवित्र जानवर है। प्राचीन काल से, हम गायों की पूजा अपनी मां के रूप में कर रहे हैं। यह भी माना जाता है कि एक सच्चा भक्त खुद खाना खाने से पहले गाय को खाना खिलता है। ऐसा करने से, भगवान अपने भक्तों से खुश होते हैं। गाय का बड़ा सा सरीर होता है और पूरे शरीर में छोटे छोटे बाल होते हैं। उसके दो कान होते हैं। उसके पास दो आँखें हैं। उसके पास आत्मरक्षा के लिए उसके सिर पर दो सींग हैं।

आम तौर पर गाय शांत स्वाभाव की होती है लेकिन अगर कोई उसे छेड़ता है, तो वह आत्मरक्षा के लिए आक्रमण करती है। हमें गाय की अच्छी देखभाल करनी चाहिए और उसे अच्छा भोजन और स्वच्छ पानी देना चाहिए। गाय भोजन में अनाज, हरी घास, चारा और अन्य खाने लायक चीज़ों को खाती है। वह घास को चरना पसंद करती है।

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गाय हमें पिने के लिए दूध देती है। यह पोषक तत्वों और प्रोटीन से भरा होता है। यहां तक कि, डॉक्टरों ने अपने मरीजों को सुझाव दिया है कि वे गाय का दूध पी लें क्योंकि यह आसानी से पच जाता है और ये पाचन क्रिया को भी ठीक करता है। गाय के दूध का प्रयोग कई खाने योग्य वस्तुओं और व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है। इसके दूध को दही, खोया, पनीर, मक्खन, मट्ठा आदि जैसे कई रूपों में बदला जा सकता है। गाय का दूध हमें स्वस्थ और मजबूत बना देता है। गाय को समाज में उच्च दर्जा दिया जाता है क्योंकि यह हमारे लिए कई मायनों में बहुत फायदेमंद है। गाय का दूध हमारे शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।

यहां तक कि गाऊ-मूत्र को भी एक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है। आग लगाने के लिए ईंधन के रूप में गाय के गोबर का उपयोग किया जाता है। उसका बच्चा (नर बछड़ा) बड़ा होकर बैल बन जाता है जो कि किसानों के लिए बहुत सहायक होता है। उसकी मृत्यु के बाद, उसकी खाल को चमड़े की चीजें जैसे कि जूते, बैग, बेल्ट, आदि बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। उसकी हड्डियों का उपयोग करके, हम कई गहने बना सकते हैं। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि उसके शरीर का हर हिस्से हमारे लिए उपयोगी है।

हिंदू धर्म के अनुसार गौ दान को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है और दुनिया का सबसे बड़ा दान भी माना जाता है। गाय हिंदुओं के लिए एक पवित्र पशु है और लोग इसकी पूजा करते हैं। गाय की पूजा के पीछे कई कहानियां हैं सबसे प्रसिद्ध हिंदू देवताओं में से एक, भगवान कृष्ण , जो आम तौर पर गायों और उसके बछड़ों के बीच बांसुरी बजाते थे। एक और प्राचीन कथा के अनुसार, यह भी कहा जाता है कि पृथ्वी गाय के सींग पर है। लाखों हिंदू गायों की प्रशंसा और पूजा करते हैं। गाय पृथ्वी पर मनुष्य के लिए एक दैवीय इनाम है।

तो दोस्तों आज मैंने आपको इस article मे बताया cow essay in hindi. उम्मीद करता हूं दोस्तों कि आपको ये article पसंद आया होगा। आपको ये आर्टिकल केसा लगा आप इस बारे में comment ज़रूर करें। ऐसे और रोचक विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमसे जुड़े रहें और हमारे article पढ़ते रहे।

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Romi Sharma

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